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My Favourite Teacher Essay : अपने ‘पसंदीदा शिक्षक’ पर स्टूडेंट्स ऐसे लिखें निबंध

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  • Updated on  
  • जुलाई 9, 2024

My Favourite Teacher Essay in Hindi (2)

शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि एक आदर्श शिक्षक छात्रों के विकास के लिए जिम्मेदार होता है। शिक्षक न केवल विषयों के बारे में बल्कि जीवन के लिए भी बुनियादी ज्ञान की एक मजबूत नींव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह ज्यादातर वही है जो हम स्कूल में सीखते हैं जो हमारे जीवन भर में हमारी मदद करता है जब हमें महत्वपूर्ण निर्णय लेने होते हैं और अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। हम सब स्कूल या काॅलेज में पढ़ें हैं या पढ़ चुके हैं और हम सभी का कोई न कोई एक फेवरेट टीचर जरूर होता है। इसलिए यहां हम (My Favourite Teacher Essay in Hindi) ब्लाॅग में मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध लिखना सीखेंगे।

This Blog Includes:

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 100 शब्दों में, मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 200 शब्दों में, वह मेरी पसंदीदा शिक्षक क्यों हैं, परीक्षा से पहले देती थीं एक्स्ट्रा क्लास, स्टूडेंट को करती थीं मोटिवेट .

100 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

स्कूल हो या कॉलेज टीचर हमें हमेशा ही सीखते हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उनके ही इस मार्गदर्शन से आज हम अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ते हैं। मेरी एक पसंदीदा टीचर हैं। वह कक्षा 10 में हमें कला विषय के साथ अन्य विषय भी पढ़ाती थी। वह हमेशा मेरी हर परेशानी को दूर करने में मेरी मदद करती थी और अगर मुझे कोई भी चीज समझ नहीं आता तो वो मुझे बार बार बताने में कभी क्रोधित नहीं होती। वह बहुत मिलनसार शिक्षिका हैं, और मेरे लिए वो एक आदर्श भी हैं। उनका पढ़ने का तरीका और टीचर से बेहद अलग है, और वह क्लास में सभी पर पूरा दिन देती हैं। वह बहुत ही इंटरैक्टिव और रचनात्मक तरीके से पढ़ाती हैं। वह पढ़ाई को इतना आसान बना देती हैं कि उनकी क्लास में हम सभी को पढ़ना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए वह मेरी पसंदीदा शिक्षक है।

200 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

हम सभी के जीवन में एक पसंदीदा शिक्षक रहा होगा और आज भी हम उनके सम्पर्क में या उनकी सिखाई बातों पर अम्ल जरूर करते हैं। स्कूल हो या कॉलेज जीवन में हर किसी व्यक्ति का एक पसंदीदा टीचर जरूर होता है। एक टीचर जिसकी क्लास में स्टूडेंट्स  उत्सुक से पढ़ते हैं। वे उनकी क्लास का बहुत उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं और उस पसंदीदा टीचर की क्लास को पढ़ने से कभी नहीं छोड़ते हैं। हर शिक्षक एक जैसा नहीं होता. हम स्कूल में जो सीखते हैं वही वास्तव में जीवन भर हमारी मदद करता है।

मेरी पसंदीदा शिक्षिका राज किशोरी बहुत समझदारी के साथ स्टूडेंट्स को पढ़ती थी, इसके अतिरिक्त वे सीखने की गतिविधियों को भी बढ़ावा देती हैं। उनके प्रैक्टिकली पढ़ने का तरीका कई छात्रों का उनका पसंदीदा बनाता हैं। वह न सिर्फ मेरी टीचर हैं बल्कि मैं उन्हें अपनी आदर्श भी मानती हूँ. वे एक न केवल एक टीचर हैं बल्कि एक ऐसे महिला भी हैं जिससे आप अपनी इच्छानुसार किसी भी विषय या परेशानी पर बात कर सकते हैं। वे बहुत विनम्र और नम्रता के साथ अपने काम को करती हैं। इसी लिए वे मेरी फेवरेट टीचर हैं।

वे सदैव अपने सभी स्टूडेंट्स को कड़ी मेहनत करने और अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करती है। जब मुझे किसी भी विषय को लेकर कोई संदेह होता है तो वह उस सब्जेक्ट को अच्छी तरह समझने में मेरी मदद करती है। वह मैथ के सब्जेक्ट को प्रैक्टिकल करके अधिक रोचक और आकर्षक बनाती है। वे हमेशा मुझे सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन करती हैं। वह हमें सच बोलना, सभी का सम्मान करना और जीवन में एक अच्छे मुकाम को हासिल करने के लिए प्रेरित करती हैं। इस My Favourite Teacher Essay in Hindi के अनुसार हम सबको यह सीखना चाहिए कि हमारे टीचर हम सबके लिए कितने योगदान करते हैं। 

My Favourite Teacher Essay in Hindi (1) (1)

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में My Favourite Teacher Essay in Hindi इस प्रकार हैः

एक ऐसा शिक्षक होना जिसके साथ आप विशेष रूप से सहज हों, एक बहुत बड़ा लाभ हो सकता है क्योंकि यह आपको अपने स्कूल के वर्षों को आसान तरीके से पूरा करने में मदद कर सकता है। एक अच्छा शिक्षक एक मार्गदर्शक के रूप में भी कार्य कर सकता है, जो आपको केवल पढ़ाई के अलावा भी आपके पूरे जीवन में मार्गदर्शन दे सकता है। मेरी भी एक फेवरेट टीचर रही हैं जिनका नाम राज किशोरी है। उन्होंने हमारी पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी। जब हमें कोई परेशानी हुई तो उन्होंने परीक्षा से पहले हमें अच्छे से गाइड किया ताकि हम अच्छे अंकों के साथ पास हो कर आगे बढ़ सकें। 

जैसे ही हमारे एग्जाम खत्म होते थे वे हम सभी को बहार घूमने ले जाती थी, स्कूल टूर पर ये सभी स्टूडेंट्स को बहुत प्यार से और बहुत सारे गेम खिलवती थी। उनका कहना था की पढ़ाई के साथ शारीरिक एक्टिविटी का होना भी जरुरी है। वे स्कूल के समय भी एक क्लास में हम सभी स्टूडेंट्स को कुछ न कुछ एक्टिविटी सिखाती थी। वे खुद को भी मोटिवेट करती थी और स्टूडेंट को भी हर चीज के लिए प्रेरित करती रहती थी। इसलिए वह मेरे पसंदीदा टीचर थी। 

हमारी टीचर ने हमें एक निश्चित समय के बाद भी पढ़ाने से कभी इन्कार नहीं किया। हमारे एग्जाम से पहले हमेशा वे हम सभी स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्लास देती थी, किसी स्टूडेंट्स को अगर किसी भी सब्जेक्ट में कोई परेशानी होती थी, तो वे उसको उस एक्स्ट्रा क्लास में सॉल्व करती थी। उनका प्रॉब्लम सॉल्व करने का तरीका इतना अच्छा होता था, की हम सब को लगता था की जिस चीज में हम इतना परेशान थे, वो इतनी छोटी सी चीज थी। वे प्रैक्टिकली चीजों को बताती थी।  

मेरी टीचर की एक बहुत अच्छी बात थी की जब कोई स्टूडेंट्स निराश होता था या वो डर के कारण उनसे कोई बात को नहीं पूछ पता था। तो वे उसके आत्मविश्वास को बढ़ती थी और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थी। वे हमेशा कहती थी की किसी चीज से दर कर मत भागों हर चीज का सामना करो कोई चीज आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं हो सकती है। अगर अपने किसी चीज को करने का लक्ष्य तय किया है तो उस लक्ष्य को मेहनत कर के प्राप्त करो। अगर सफलता एक बार नहीं मिली तो ऐसा नहीं है की कभी नहीं मिलेगी। 

आपका फोकस होना चाहिए पूरी तरह से की आपको ये चीजे हासिल करनी है, चाहे मुझे दिन -रात एक करनी पड़ें। पूरी लगन से मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। उनके इन्हीं विचारों से हम सब स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ता है और हम और मेहनत करते हैं। शिक्षक हमेशा आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होना चाहिए, बहुत से टीचर जरा सी गलती पर स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा डिमोटिवेट कर देते हैं। जिससे स्टूडेंट्स को आ गये पढ़ने या स्कूल जाने का मन नहीं करता है और वे स्कूल जाने से कतराते हैं। 

मैं उनकी स्टूडेंट होने के लिए भाग्यशाली हूं। मैं हमेशा याद रखूंगी कि उन्होंने मुझे क्या सिखाया है और मैं भविष्य में उनके जैसा महान व्यक्ति बनने की कोशिश करूंगा। हम सबको हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और आज हम जो कुछ भी हैं उसके लिए उन्हें धन्यवाद भी देना चाहिए। उनकी सिखाई हुई हर चीज को बहुत ही गंभीरता से लेकर आगे जीवन में बढ़ना चाहिए। 

संबंधित ब्लाॅग्स 

शिक्षक मुझे बहुत प्यार करते हैं क्योंकि मैं उनका बहुत अनुशासित और आदर्श छात्र हूँ।

मुझे यह पता लगाने में मदद करने के लिए धन्यवाद कि मैं किसमें अच्छा हूं और यह हमेशा मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

एक अच्छा शिक्षक आशा को प्रेरित कर सकता है, कल्पना को प्रज्वलित कर सकता है, और सीखने के प्रति प्रेम पैदा कर सकता है।

उम्मीद है कि आपको My Favourite Teacher Essay in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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सीखने का नया ठिकाना स्टडी अब्रॉड प्लेटफॉर्म Leverage Eud. जया त्रिपाठी, Leverage Eud हिंदी में एसोसिएट कंटेंट राइटर के तौर पर कार्यरत हैं। 2016 से मैंने अपनी पत्रकारिता का सफर अमर उजाला डॉट कॉम के साथ शुरू किया। प्रिंट और डिजिटल पत्रकारिता में 6 -7 सालों का अनुभव है। एजुकेशन, एस्ट्रोलॉजी और अन्य विषयों पर लेखन में रुचि है। अपनी पत्रकारिता के अनुभव के साथ, मैं टॉपर इंटरव्यू पर काम करती जा रही हूँ। खबरों के अलावा फैमली के साथ क्वालिटी टाइम बिताना और घूमना काफी पसंद है।

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मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines (कक्षा-1 से 8 के लिए)

Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines

मेरे प्रिय अध्यापक हिंदी निबंध | My Favourite Teacher Essay in Hindi :- शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें शिक्षा के साथ-साथ एक महान नागरिक बने की की शिक्षा भी देते थे किसी भी बच्चों का पहले गुरु मां बाप के बाद शिक्षक ही उसका दूसरा गुरु होता है शिक्षक हम लोगों को समझ में अच्छे से जीवन यापन करने एवं आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं अच्छे एवं बुरे की पहचान करवाते हैं शिक्षक हमेशा हमें सही रास्ता पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं अर्थात एक विद्यार्थी को उसका सामाजिक विकास में शिक्षक का का महत्वपूर्ण योगदान होता है जैसे कि हम लोगों को पता है कोई भी इंसान शिक्षा के बिना अंधे के समान होता है अर्थात उसे किसी भी चीज की समझ नहीं होती है उसे लोग समाज में हीन भाव से देखते हैं |

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध (300 शब्द) | My Favourite Teacher Essay in Hindi

 प्रत्येक छात्रों के जीवन में उनका एक पसंदीदा शिक्षक होता है या रहा होगा और आज भी हम उनके संपर्क मैं रहते होंगे एवं उनके द्वारा दिए गए शिक्षा अर्थात ज्ञान का उपयोग अपने इस वर्तमान समय में करते हैं |

प्रस्तावना:

छात्र स्कूल के हो या कॉलेज के उनके जीवन में अपना एक पसंदीदा शिक्षक होता है  जिस शिक्षक के क्लास को छात्र बड़े रुचि के साथ पढ़ते हैं उनके क्लास के पढ़ाई को पढ़ने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं और साथ ही साथ उनके द्वारा जो क्लास लिए जाते हैं उसे क्लास का पढ़ाई को छोड़ना नहीं चाहते हैं स्कूल एवं कॉलेज में हमारे पसंदीदा शिक्षक जो हमें सिखाते हैं वह हमारे वास्तविक जीवन में काफी मदद करता है

मेरा फेवरेट टीचर | My Favourite Teacher

जब मैं कक्षा 4और 5 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक मेरे स्कूल के गिरधारी सिंह मेरा पसंदीदा शिक्षक थे | इनका पढ़ने का और समझने का तरीका ही बिल्कुल अलग था मेरे शिक्षक किसी छात्र को नर्मता और सरल तरीका  पढ़ाते थे  छात्र बड़ी आसानी पूर्वक समझ पाए थे मेरे शिक्षक गणित के काफी अच्छे शिक्षक थे वह गणित जैसे विषयों को प्रैक्टिकल के द्वारा बड़ी आसानी पूर्वक समझते थे जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में मध्य वर्ग के छात्र भी बड़ी आसानी पूर्वक समझ जाते थे वह छात्रों को हमेशा अच्छी-अच्छी बातों का ज्ञान देते थे | वह अपने छात्रों को हमेशा अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करते थे |

जब कोई विषय पढ़ने या समझने में परेशानी होती थी तब तब मेरे शिक्षा उस विषय को समझने मैं हम लोगों का सहायता करते थे वह पढ़ाई के साथ-साथ हम लोगों को सही रास्ता में चलने के लिए अच्छी-अच्छी ज्ञान देते थे, जो अभी वर्तमान समय में हम लोगों इस ज्ञान का काम आता है एवं जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्र होते थे उनको भी आर्थिक रूप से सहायता प्रदान मेरे शिक्षक करते थे |

मेरे शिक्षक प्रत्येक सप्ताह जिस विषय पर पढाते थे उसे विषय से संबंधित टेस्ट सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे | और जो विद्यार्थी सबसे अच्छा मार्क्स लता था | उसे प्राइस के तौर पर चॉकलेट वितरण करते थे | मेरे शिक्षक पढ़ाई के दौरान कभी-कभी हम लोगों को छात्रों को हंसाने के लिए छोटे-छोटे चुटकुले बोलते थे | ताकि छात्रों को काफी खुशी महसूस होता था | यह सब के कारण वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे |

इस आर्टिकल के ऊपर दिए गए बातों को पढ़कर यह पता चलता है कि हम लोगों को हमेशा अपने शिक्षक का सम्मान करना चाहिए एवं उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को वर्तमान समय में उपयोग करना चाहिए और आज हम लोग जो कुछ भी है उनके कारण ही है इसलिए हम लोगों को अपने शिक्षक को धन्यवाद देना चाहिए |

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (500 शब्द) | Essay On My Favorite Teacher in Hindi

Mera Priya Adhyapak Nibandh in Hindi :- मैं अपने स्कूल में जिस कक्ष में पढ़ता था उस कक्षा का मैं बहुत कमजोर विद्यार्थी था मेरा इंग्लिश बहुत कमजोर था जिसके कारण मुझे इंग्लिश के कक्षा में बहुत डर लगता था क्योंकि मैं इंग्लिश के विषय में शिक्षा के द्वारा कई बार मार भी खाया हूं लेकिन लेकिन हमारे स्कूल में एक नए शिक्षक इंग्लिश के आए थे  जिनका नाम संतोष सिंह था अपना परिचय बड़ी नर्मता  के साथ कक्षा में दिए उनका पढ़ने का अंदाज बिल्कुल ही अलग था वह स्कूल के प्रत्येक छात्रों को एक समान देखते थे चाहे छात्र पढ़ाई में कमजोर हो चाहे तेज हो वह खास करके कमजोर छात्रों पर ज्यादा ध्यान देते थे एवं उनको पढ़ने के लिए  प्रोत्साहित करते थे| परीक्षा आने से पहले  हम लोगों को अच्छी तरह से गाइड करते थे ताकि हम परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास करें

परीक्षा से पहले एक्स्ट्रा क्लास देते थे |

मेरे पसंदीदा शिक्षक जब हम लोगों का परीक्षा नजदीक आता था तो हमारे शिक्षक हम लोग के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस की सुविधा प्रदान करते थे अगर किसी विद्यार्थी को किसी विषय संबंधित कोई समस्या है तो वह उसे एक्स्ट्रा क्लासेस में अपने विषय संबंधी समस्याओं का सुझाव लेते थे उनका पढ़ने का एवं समझने का तरीका इतना अच्छा था कि विद्यार्थी उनके क्लास को मिस नहीं करते थे |

पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी ख्याल रखती थी |

जैसे ही हम लोग का परीक्षा खत्म होता था हम लोगों के लिए मनोरंजन के लिए कई सारी व्यवस्था हमारे शिक्षक करते थे इस मनोरंजन में हमारे शिक्षक कई प्रकार के गेम का खेलने का व्यवस्था करते थे उनके अनुसार बच्चों को पढ़ के साथ-साथ खेलकूद भी करना जरूरी होता है कभी-कभी तो स्कूल के क्लास में ही मनोरंजन संबंधित एक्टिविटी हमारे शिक्षक करते थे इसलिए वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे

स्टूडेंट को मोटिवेट | Student Ko Motivate

जब कोई विद्यार्थी निराश होता था या डर के कारण उनसे कोई बात नहीं पूछ सकता था तो हमारे शिक्षक हम लोगों का आत्मविश्वास को बढ़ाते थे और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देते थे वह हमेशा एक बात को कहते थे किसी भी  समस्या से  डर कर मत भागो उसे समस्याओं का सामना करो क्योंकि कोई भी समस्या आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं होती है अगर आप लोगों ने किसी कार्य करने के लिए एक लक्ष्य लिया है तो उस लक्ष्य को अपने मेहनत के द्वारा पूरा करो अगर आपको किसी कार्य में सफलता एक बार में नहीं मिलती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सफल नहीं हो पाएंगे आपको प्रयास करती रहनी चाहिए

सिर्फ आप लोगों को अपने लक्ष्य को  पूरा करने में ध्यान देना चाहिए चाहे उसके लिए जितनी भी मेहनत क्यों न करने पड़े क्योंकि ईमानदारी से मेहनत करने वाले लोगों को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता है इन सभी विचारों को सुनकर हम लोग विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और हम लोग और ज्यादा मेहनत करने लगते हैं शिक्षकों को हमेशा विद्यार्थियों का मनोबल को बढाते रहना चाहिए क्योंकि अधिकतर शिक्षक ऐसे होते हैं कि छोटे-छोटे गलतियों पर विद्यार्थियों को डिमोटिवेट कर देते हैं जिसके कारण कई विद्यार्थियों को स्कूल नहीं जाने और पढ़ाई न करने का मन करता है |

यह भी पढ़ें:- Moral Stories in Hindi :-

  • 21+सर्वश्रेष्ठ नैतिक शिक्षाप्रद हिंदी में लघु कहानियां

2. बच्चों के लिए शिक्षाप्रद लघु नैतिक कहानियां

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (750 शब्द) | Essay On My Favourite Teacher in Hindi

शिक्षकों का अहमियत हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण है शिक्षकों को भगवान के रूप  में देखा जाता है शिक्षक मोमबत्ती की तरह हमारे जीवन में रोशनी लाते है रोशनी का अर्थ हुआ शिक्षा  के माध्यम से विद्यार्थियों को सही रास्ते पर चलने का राह दिखाए हैं शिक्षक अच्छे बुरे एवं अपने से बड़ों का सम्मान एवं अपने से छोटों का इज्जत करने  का ज्ञान हमें प्रदान किए हैं

अगर शिक्षक ना होते तो स्कूल भी नहीं होती और अगर स्कूल नहीं होती तो सभ्य समाज का निर्माण भी नहीं होता| विद्यार्थी अपने शिक्षक के बिना अधूरे होते शिक्षक केवल पढ़ाई संबंधित ज्ञान ही नहीं देते हैं बल्कि हमारे जीवन में अच्छे बुरे की पहचान करने की ज्ञान भी देते हैं साथ ही साथ हम लोगों को एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरणा भी शिक्षक के द्वारा मिलता है

स्कूलों एवं कॉलेज में कुछ ऐसे शिक्षक होते हैं जो काफी अच्छे पढ़ाते हैं और उनके अच्छे पढाने के कारण कारण विद्यार्थी उनके साथ घुल मिल जाते हैं और इस प्रकार व शिक्षक हम लोगों का प्रिय शिक्षक बन जाते हैं

विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरा करने में  शिक्षक के बिना असमर्थ है शिक्षकों के द्वारा पढ़ना एवं उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर  चलने की वजह से सफलता प्राप्त होती है हम लोगों के जीवन में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण स्थान है इसलिए शिक्षकों को भगवान से ऊपर भी माना जाता है |

मेरा पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद थे इन्होंने मुझे कक्षा-8 से लेकर दसवीं तक इतिहास पढाते थे सबसे पहले कक्षा में उस विषय को छात्रों को पढ़ने के लिए बोलते थे फिर उसे विषय को छोटे-छोटे भागों में अच्छी तरह से समझाते थे इनका समझने का तरीका बिल्कुल सरल भाषा था जिसको समझने में आसानी होती थी |

उसके बाद अगर उसे विषय का अर्थात जिस विषय का पढ़ाई हो चुका है उस विषय से संबंधित प्रश्न विद्यार्थियों को करते थे जिससे विद्यार्थियों को उस विषय को याद रखने में काफी सहायता होती थी

वर्तमान समय में ऐसे शिक्षक मिलना है काफी मुश्किल की बात है जब उनका क्लास रहता था तो सभी विद्यार्थी उनके क्लास में मौजूद होते थे

वक्त के साथ परीक्षा लेना

मेरे पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद जिस पाठ को पढ़ा देते थे उसे पाठ से संबंधित परीक्षा सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे परीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य  यह होता था कि विद्यार्थी कितना तक इस पाठ को समझ सके हैं। और जिनका नंबर इस परीक्षा में काम आता था उन पर शिक्षक ज्यादा ध्यान देते थे ताकि अगली बार वह अच्छी तरह से समझ  सके |

सबके साथ समान व्यवहार | Equal Treatment

मेरे पसंदीदा शिक्षक कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे | वह सभी को एक समान देखते थे | अगर कोई भी विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर है और कोई विद्यार्थी पढ़ने में तेज है दोनों के साथ समान व्यवहार करते थे। वह सभी विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे।

वह अपने कक्ष में सभी विद्यार्थियों का काफी ध्यान रखती थी वह रोटेशन के अनुसार प्रत्येक विद्यार्थियों को आगे बैठने का मौका देते थे।

नोट्स वितरण

एक अच्छे शिक्षक का पहचान यह होता है कि प्रत्येक अध्याय का नोट्स वितरण विद्यार्थियों में करना होता है। हम लोग किताब भी पढ़ सकते हैं लेकिन किताबों में लिखी गई भाषा को हमारे शिक्षक नोटिस के माध्यम से उसे सरल बनाकर लिखते हैं जिसको समझने में और पढ़ने में काफी आसानी होती है |

परीक्षा के लिए तैयारी

मेरे शिक्षक परीक्षा से कई दिन पहले परीक्षा की तैयारी करते थे इसके लिए उन्होंने कई वर्ष के पुराने प्रश्न पेपर को सुलझाने के लिए देते थे इससे हम लोग का आत्मविश्वास बढ़ता था और परीक्षा के समय कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता था और जो विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे नंबर चलाते थे उनको पुरस्कार भी देते थे।

अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन

जब कभी हम लोगों को इस विषय के बारे में समझ में नहीं आता था हम लोग का शिक्षक एक्स्ट्रा क्लास का प्रबंध करते थे वह इतना अच्छा पढाते  थे  और समझाते थे  कि कक्षा में हम लोग को अच्छी तरह से समझ में आ जाता था।

जीवन के अनुभव

हम लोगों के शिक्षक अपने जीवन से संबंधित अनुभव के बारे में बताते थे । कि हम लोग अपने जीवन में यही फैसला कर सके और सही मार्ग पर चल सके हमारा जिंदगी में जितनी भी कठिन से कठिन समस्या आए उसका सामना कर  सके ।

अतः हम लोग कह सकते हैं कि शिक्षक हम लोगों को अच्छे बुरे की पहचान करना सीखाते हैं  साथ  ही साथ संसार में चलने  के लिए एक योग्य इंसान एवं सम्मानित नागरिक बनाने के कार्य शिक्षक करते हैं। हम लोगों को अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए मैं अपने आप को काफी भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे एक अच्छा शिक्षक मिला।

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Download Mera Priya Adhyapak Essay in PDF Download

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी मैं आप लोगों को पीडीएफ फाइल के रूप में करवा रहे हैं इसको आप लोग डाउनलोड करके अपने मोबाइल में आसानी प्रयोग देख सकेंगे।

Download PDF:

मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध | My Favorite Teacher Essay in Hindi 5 lines

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मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध 5 lines निम्न है:-

  • मेरी प्रिय अध्यापिका  समय मिलने पर गेम  खेलने का व्यवस्था करती थी | हैं और जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण बातों को बोलती थी।
  • मैं भी अपने अध्यापिका की तरह एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूं।
  • जब कभी भी मैं कोई समस्या में फस जाता था तो मैं अपने अध्यापिका से कुछ समस्या का सलाह लेता था और वह हमें हमेशा अच्छी सलाह  देती थी।
  • मैं हमेशा अपने अध्यापिका का सम्मान करता हूं हम सभी को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए। 
  •  मेरे शिक्षक बहुत ही सरल भाषा में पढ़ाती है ताकि सभी छात्रों को आसानी पूर्वक समझ सके।
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मेरा प्रिय शिक्षक निबंध हिंदी में 100 words | My Favourite Teacher Paragraph in Hindi

स्कूल हो या कॉलेज शिक्षक हमेशा हमें शिक्षा के साथ-साथ अच्छी-अच्छी ज्ञान देते हैं जो सामाजिक तौर पर हमारा काम आता है शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं

मेरे प्रिय शिक्षक क्लास 8 के मोहित शर्मा सर जी थे जो हिंदी विषय के साथ-साथ सभी विषयों को पढाते थे। मैं इंग्लिश विषय में काफी कमजोर था लेकिन मेरे प्रिय शिक्षक मोहित शर्मा जी जब आए तो मेरे इंग्लिश विषय को समझने में सुधार किया उनके पढाने की कला  इतनी अच्छी थी कि छात्र-छात्राओं को बड़ी आसानी पूर्वक समझ में आ जाती थी। वह हमेशा सभी विद्यार्थियों को एक समान देखते थे सभी के साथ अच्छा व्यवहार करते थे वह हम लोगों का स्कूली शिक्षा के साथ-साथ हमारे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आर्थिक रूप  से मदद भी करते थे

मेरी प्रिय अध्यापक पर निबंध 10 Lines | Mera Priya Adhyapik Par Nibandh 10 Lines

Meri Priya Adhyapika Par Nibandh 10 Lines

  • मेरे प्रिय अध्यापक का नाम श्री राजन गुप्ता है।
  • मेरे प्रिय अध्यापक मेरी कक्षा में भूगोल के शिक्षक  हैं जिनका समझाने का तरीका सबसे अलग और आसान है।
  • मेरे प्रिय शिक्षक स्कूल के सभी छात्रों को एक समान मानते थे किसी भी एक छात्र पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं
  • मेरे प्रिय  शिक्षक एक शिक्षक के साथ ही साथ  एक अच्छे इंसान भी हैं वह गरीब वर्ग के छात्रों की बहुत मदद करते हैं।
  • मेरे प्रिय शिक्षक का  मेरे स्कूल से कुछ दूर में ही उनका घर था।
  • मेरे स्कूल के सभी छात्र/छात्राएं अपने शिक्षक का बहुत सम्मान करते हैं। और उनके कक्षा में आने से सभी शांत बैठ जाते हैं।
  • अगर कोई छात्र के द्वारा गलती करने पर हमारे प्रिय शिक्षक उनको ज्यादा दण्ड नहीं देते हैं बल्कि हम लोगों को प्यार से समझा देते हैं।
  • हम जो भी प्रश्न का उत्तर अपने शिक्षक से पूछते थे तो शिक्षक उसका उत्तर  बहुत ही शांत स्वभाव के साथ सरल भाषा में देते हैं।
  • मेरे प्रिय अध्यापक हमें बहुत मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं वह‌ छुट्टी बहुत कम लेते है।
  • मुझे अपने शिक्षक का विद्यार्थी होने पर बहुत गर्व है।

हमारे इस आर्टिकल में मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है

मैं आशा करता हूं कि मेरे प्रिय अध्यापक पर जो निबंध लिखा हूं   यह आर्टिकल आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप लोगों के मन में इस आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न है तो तो आप हमारे कमेंट्स बॉक्स में आकर प्रश्न पूछे मैं आप लोगों को प्रश्नों का उत्तर जरूर दूंगा |

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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इस लेख में गमने ‘मेरे प्रिय शिक्षक’ (My favorite teacher in Hindi)- राधेश्याम सर: पर निबंध लिखा है। वह पढ़ाई, अनुशासन और छात्र विकास के पूरक उदहारण हैं।

Table of Content

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध- राधेश्याम सर Essay on My favorite teacher in Hindi (1200 Words)

हम सभी अपने जीवन में एक शिक्षक के मूल्य को जानते हैं। शिक्षक का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। शिक्षक हमें हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक ज्ञान की बातें सिखाते है। शिक्षक द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा छात्रों के जीवन को बदल देती है। एक आदर्श शिक्षक खुद के बारे में कुछ नहीं सोचता है, वह केवल अपने छात्रों की परवाह करता है।

हालांकि हम अपने सभी शिक्षकों को समान रूप से दर्शातें हैं, कभी-कभी एक व्यक्तिगत शिक्षक का उनके कुछ गुणों के कारण, हम उन्हें ज्यादा पसंद करते है और वे हमारे पसंदीदा शिक्षक बन जाते है। उनके ये गुण कुछ भी हो सकते है जैसे की उनकी रचना, सहकारिता और प्रेम पूर्ण स्वभाव , पढ़ाने का तरीका या एक उत्कृष्ट शैक्षिक ज्ञान आदि-आदि ।

मेरे भी एक पसंदीदा शिक्षक हैं, जिन्होंने कभी-कभी मुझे अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता और अपने प्रत्येक छात्र के साथ समान व्यवहार करने की दुर्लभ क्षमता से प्रभावित किया है। मुझे याद है कि वह सवाल का जवाब देते समय जरा सा भी नहीं हिचकिचाते हैं ।

व्याख्यान देते समय, वह सभी के साथ बातचीत करते है, सभी को साथ लेकर क्लास में आगे बढ़ते है, यहां तक कि बैकबेंचर्स को भी नहीं बकसते  है। यह केवल उनके निष्पक्ष और सभी स्टूडेंट्स को साथ लेकर चलने के स्वभाव को दर्शाता है और वह अपने पेशे को कितनी गंभीरता से लेता है।

शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना कोई भी छात्र अपने जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है, इसलिए शिक्षक सभी के जीवन में मौलिक रोल ऐडा करते है। कुछ शिक्षक छात्र के जीवन के लिए प्रेरणा बन जाते हैं।

मेरे प्रिय शिक्षक कौन है?

जिस शिक्षक ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया, वह हैं मिस्टर राधेश्याम सर। वह एक उत्कृष्ट शिक्षक हैं जो हमारे स्कूल में वरिष्ठ कक्षाओं में गणित पढ़ाते हैं। उनके शिक्षण के तरीके और उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण, प्रत्येक छात्र उनकी प्रशंसा करता है और उनका सम्मान करता है।

वह मेरे प्रिय शिक्षक क्यों हैं?

वह हमारे विद्यालय के आदर्श शिक्षक और उप-प्राचार्य हैं। वह अपने छात्रों के लिए प्रेरणा का एक उत्कृष्ट स्रोत है। अपने सहयोगियों और छात्रों के प्रति उनका व्यवहार उत्कृष्ट और प्रशंसनीय है। स्कूल का हर छात्र उनका बहुत सम्मान करता है। अपने परिश्रम के कारण, वह हर जगह पहचाने जाते है। उनके जैसे शिक्षक बहुत कम मिलते हैं।

वह एक प्रेरणाश्रोत है:

हमारे पसंदीदा शिक्षक राधेश्याम सर हमेशा कमजोर छात्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते है ताकि एक भी छात्र पीछे नहीं रह जाये । कक्षा के उत्कृष्ट छात्रों से भी कमजोर सहयोगियों की मदद करने का अनुरोध करते  है।

वह हमेशा छात्रों से कहते है कि हमेशा पढ़ाई और जीवन के लक्ष्य के बारे में जागरूक रहो। वह न केवल पढ़ाई में बहुत सहायक है, बल्कि हमें पाठ्येतर गतिविधियों में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते रहते है। वह हमेशा उन छात्रों को प्रेरित करता है जो पढ़ाई और खेल में भी अच्छा करते हैं।

चूंकि राधेश्याम सर स्कूल के पास रहता है, इसलिए वह हर शाम कक्षा के कमजोर छात्रों को एक घंटे के लिए मुफ्त ट्यूशन देतें है। प्रत्येक छात्र को घर पर ट्यूशन शुरू करने के बाद अब बेहतर परिणाम मिल रहा है, और अब तक, हर साल मैथ्स विषय के परिणाम में सुधार हो रहा है।

बाल-मनोविज्ञान के विशेषज्ञ:

वे बाल मनोविज्ञान के विशेषज्ञ हैं। बच्चे क्या चाहते हैं, वह क्या सोचते हैं, वह इन सभी बातों को जानते हैं। जब उन्हें लगता है कि छात्र ऊब रहे हैं, तो वह अपने भाषणों में कुछ हास्य जोड़कर कक्षा के वातावरण को जीवंत और हसमुख बना देते है।

कक्षा का माहौल खुशमय हो जाता है, और कक्षा में हर कोई उन्हें फिर ध्यान से सुनता है। सुबह की सभा, प्रयोगशाला, पुस्तकालय और खेल के मैदान में उनकी उपस्थिति छात्रों के लिए बहुत प्रेरणादायक रहती है।

वह उत्कृष्ट और विनम्र है, लेकिन वह पढ़ाने के दौरान सख्त हो जाता है और चाहते है कि पढ़ाते समय कोई भी छात्र इधर उधर की बातें ना करे , केवल बस केवल पढ़ाई पर ही केन्द्रित करे।

छात्रों में नैतिकता का ज्ञान : 

कक्षा में पढ़ाने के साथ-साथ वह हमें कई अच्छी बातें भी समझाते है जैसे: –

सख्त अनुशासन लेकिन मददगार :

हमारे पसंदीदा शिक्षक राधेश्याम सर सभी चीजों की विस्तार से व्याख्या करते है और प्रेरक व्यक्तित्व वाले लोगों के जीवन की कहानियां भी सुनाते है। अगर हम गलती करते हैं, तो कभी-कभी हमें हल्की डांट भी पड़ती है।

शिक्षक कुम्हार के समान है, जो मिट्टी के बर्तन बनाते समय, इसे एक हाथ से संभालता है और दूसरी तरफ से इसे आकार देता है। इसी तरह, शिक्षक भी हमें भय और अनुशासन के एक मिश्रण के साथ विकसित करते हैं ताकि हम बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध My Favourite Teacher essay in Hindi (800 Words)

एक शिक्षक का हमारे जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। एक शिक्षक हमें उन ज्ञान की बातों को सिखाता है जो हमारे जीवन के लिये अत्यधिक जरूरी हैं। शिक्षक के द्वारा दी गई शिक्षा से हम बच्चों का जीवन बदल जाता है।

मेरे पसंदीदा शिक्षक श्रीमान प्रतीक है जो मुझे गणित पढ़ाते है। उन्होंने अपनी पढाई अमेरिका में पूरी की थी। वह बहुत नरम, दयालु, सौम्य, और समझदार है। वह हमेशा छात्रों की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनने के लिये तैयार रहते है।

मैं अपने अध्ययन को लेकर बहुत परेशान था क्योंकि मैं अपने सहपाठियों की तरह  होशियार नहीं था पर मेरे शिक्षक ने मुझे आगे बढ़ाने के लिये अथक मेहनत की और विद्यालय में छुट्टी के बाद भी उन्होंने मुझे अन्य कक्षायें भी दी।

मैं आपको बताता हूं कि वो वह मेरे पसंदीदा शिक्षक क्यों है। ऐसे कई कारण हैं कि वह मेरे पसंदीदा शिक्षक हैं। मैं गणित में बहुत कमज़ोर था। उन्होंने मुझे गणित के अपने डर को अपने सरल और प्रभावी तरीके से दूर करने में मेरी मदद की। वह हर छात्र के ऊपर समान रूप से ध्यान देते है।

वह हर अवधारणा को सटीक और सरल तरीके से हल करने की सरल विधि बताते है कि कोई भी इसे तुरंत सीख सकता जाता है। वह कुछ भी समझाने के लिये सर्वोत्तम उदाहरण देते है। शिक्षण के अपने सर्वश्रेष्ठ तरीके के अलावा वह बहुत समयबद्ध भी है । वह कक्षा में देर से कभी नहीं आते है और हमेशा समय पर अपना पाठ्यक्रम पूरा कराते है।

उन्होंने हमें कई असाइनमेंट दिये जो हमारी गणित में सुधार के लिये थे। जब भी हम अपने वर्गों में प्रश्न पूछते हैं,वह हमें सिखाने के लिये बहुत उत्साही रहते है। उन्होंने हमें स्कूल या सप्ताहांत में स्वैच्छिक काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।

वह वाई एम सी ए के प्रभारी भी है और उन्होंने छात्रों के एक समूह को विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिये नेतृत्व किया। जैसे कि वरिष्ठ नागरिकों के लिये घरों की सफाई करना , दान के लिये स्टिकर बेचना और अग्रणी अंधे लोग लोगों के लिये भी वह काम कर रहे है। हालांकि जब छात्र समय पर असाइनमेंट नहीं देते है तो कभी-कभी वह क्रोधित भी हो जाते है।

हालांकि वह गणित के शिक्षक है और वह कला से प्यार करते है । वह हर सुबह असेंबली में सभी बच्चों के साथ प्रार्थना भी गाते है। उनकी आवाज़ बहुत अच्छी है। प्रतीक सर न केवल एक अच्छे शिक्षक है बल्कि वह एक अच्छे इंसान भी है।

वह गरीब छात्रों की फीस भी चुकाते है। वह छात्रों के लिये मुफ्त कक्षाएं लेते है। वह स्वस्थ जीवनशैली जीते है। वह खेल में भी बहुत अच्छे है। अन्य शिक्षकों के साथ विद्यालय में आकर वह सबको सुप्रभात कहते है।

वह गणित के साथ-साथ पर्यावरण के बारे में भी हमें बहुत अच्छा ज्ञान देते है। वह चाहते है कि हम सभी उनकी कक्षा में हिन्दी भाषा का उपयोग करें जो कि हमारी मात्रभाषा है। वह अपने घर हमारी स्कूल की बस में हम सभी बच्चों के साथ जाते है, जहाँ हम सभी बच्चे बस में उनके साथ गाना गाते है और वह हमें कविता सुनाने है और हम सब बहुत अधिक आनंद लेते हुये घर जाते हैं।

मेरे प्रिय शिक्षक प्रतीक जी की कुछ निजी बाते

hindi essay on my favourite teacher

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Essay On My Favorite Teacher in hindi: मेरे प्रिय शिक्षक

Meena Bisht

  • July 3, 2020
  • Hindi Essay

Two Essay On My Favorite Teacher in hindi : मेरे प्रिय शिक्षक पर दो हिंदी निबंध (500 Words , 600 Words )

Essay On My Favorite Teacher in hindi

मेरे प्रिय शिक्षक पर हिन्दी निबंध (600 words ).

  • मेरे प्रिय शिक्षक ( My Favorite Teacher)

Essay On My Favorite Teacher

जलाकर दीप ज्ञान का , जीवन का अंधियारा मिटाते हैं शिक्षक । 

तन मन को कर आलोकित , सफलता के मार्ग पर चलाते हैं शिक्षक।

जीवन में माता-पिता के बाद जिस व्यक्ति का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है वह शिक्षक ही है। शिक्षक सिर्फ एक स्कूल में किताबी ज्ञान कराने वाला एक व्यक्ति नहीं है। बल्कि जीवन में सही मार्ग पर चलने को प्रेरित करने वाला , ज्ञान का दीपक जलाकर व्यक्ति के मन से अज्ञानता के अंधकार को मिटाने का काम भी शिक्षक ही करते हैं।

वैसे तो स्कूल , कॉलेज में अनेक शिक्षक मिलते हैं। और सभी प्रत्येक विद्यार्थी के लिए सम्मानीय होते हैं। लेकिन उनमें से कुछ शिक्षक आपके बहुत प्रिय बन जाते हैं। ऐसे ही मेरे एक शिक्षक मेरे प्रिय शिक्षक हैं विनयशर्मा जी। 

मेरे प्रिय शिक्षक 

मेरे स्कूल का नाम मानस अकेडमी है। मेरा स्कूल काफी बड़ा है। उसमें करीबन 90 शिक्षक पढ़ाते हैं।हमारी 10वीं की क्लास को करीबन 8 टीचर पढ़ाते हैं। वैसे तो हर शिक्षक अपने आप में बहुत अलग हैं। सभी का व्यवहार अपने विद्यार्थियों के प्रति बहुत ही अच्छा और उदार है। सभी शिक्षक हमें अपने बच्चों के जैसे समझकर व्यवहार करते हैं।वो हमारी पढ़ाई में हमारे साथ काफी मेहनत करते हैं ताकि हम क्लास में हमेशा अव्वल रहें।

मैं अपने सभी शिक्षकों का दिल से सम्मान करता हूं। लेकिन मेरे गणित के आल राउंडर शिक्षक श्री विनय शर्मा मेरे प्रिय शिक्षक हैं। विनय शर्मा जी की आयु करीबन 40 वर्ष के आसपास है।वह दिखने में लंबे , गोरे व आकर्षक व्यक्ति हैं। वह हमेशा साफ-सुथरे व सलीकेदार तरीके से कपड़ों को पहनते हैं। उनकी पसंदीदा कमीज का रंग सफेद है क्योंकि वह अक्सर सफेद तमीज में नजर आते हैं।

वह बहुत ही मधुर स्वभाव के व्यक्ति हैं। उन्हें गुस्सा जल्दी नहीं आता है लेकिन अगर बच्चे क्लास में उनके पढ़ाते वक्त बोलते हैं या अनुशासनहीनता करते हैं या स्कूल के नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें भयंकर क्रोध आ जाता है।

शर्मा जी वैसे तो गणित के शिक्षक हैं लेकिन उनकी फिजिक्स और अंग्रेजी विषय में भी अच्छी पकड़ हैं। कभी-कभी जब अंग्रेजी या फिजिक्स के शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं तो शर्मा जी आकर हमारी क्लास लेते हैं।

वो सभी विषयों को बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाते हैं। विषय को समझाने के लिए कोई न कोई उदाहरण अवश्य देते हैं ताकि बच्चों की समझ में जल्दी से जल्दी आ जाए।कठिन विषय को भी सरल व रोचक बना देते हैं। उनका पढ़ाने का तरीका कुछ इस तरह का है कि उनकी क्लास में कभी भी बोरियत नहीं होती। मन करता है कि उनकी क्लास यूं ही चलती रहे।

बीच-बीच में किस्से , कहानियां सुनाकर बच्चों को हंसाना भी वह खूब जानते हैं। लेकिन पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देते हैं। स्कूल के बाद अलग से समय  देकर उन बच्चों पर मेहनत करते हैं।

शर्माजी विद्यालय की अन्य गतिविधियों में भी रूचि लेते हैं। वैसे वह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। इसीलिए उनकी देखरेख में हमारे विद्यालय की क्रिकेट टीम कई प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है और इनाम भी जीत चुकी है।

शर्माजी नाटक , वाद-विवाद , निबंध आदि प्रतियोगिताओं में भी विद्यार्थियों का उचित मार्गदर्शन करते हैं। विद्यालय के वार्षिक समारोह में उनका खासा योगदान रहता है। विद्यालय के सभी कार्यक्रमों का संचालन वे स्वयं ही करते हैं।

शर्मा जी अपने विद्यार्थियों के प्रति बहुत स्नेह रखते हैं। वे विद्यार्थियों की मदद के लिए भी सदैव तत्पर रहते हैं। खासकर गरीब विद्यार्थियों को तो वह आर्थिक मदद भी देते हैं।

उपसंहार (Essay On My Favorite Teacher)

सरलता , सादगी , मिलनसार स्वभाव के कारण शर्माजी न सिर्फ मेरे , बल्कि सभी बच्चों के प्रिय शिक्षक हैं।उनकी कई विषयों में बहुत अच्छी पकड़ है।उनका पढ़ाने का तरीका भी बहुत रोचक है जो मुझे बहुत भाता है।

इतने विद्वान होने के बाद भी अहंकार उनको बिल्कुल भी छू न पाया है।यही बात मुझे उनकी सबसे ज्यादा प्रिय लगती है। मैं भी भविष्य में एक अच्छा शिक्षक बनने का प्रयास करूंगा और उनके चरण चिन्हों पर चलने का प्रयास करूंगा।

Essay On My Favorite Teacher

मेरे प्रिय शिक्षक पर हिन्दी निबंध (500 words ).

शुरू से ही संगीत में गहरी रुचि थी। मुझे क्लासिकल डांस खास कर भरतनाट्यम करना बहुत पसंद है। इसीलिए मैंने शुरू से ही स्कूल में अन्य विषयों के साथ-साथ संगीत विषय भी लिया।और स्कूल में भरतनाट्यम सिखाती हैं संगीता चौहान मैडम , जो मेरी सबसे प्रिय शिक्षक हैं।

मेरी प्रिय शिक्षक 

मैंने जब स्कूल में संगीत विषय लिया तो , उस समय संगीता चौहान मैडम नई-नई स्कूल में आई थी। वह दिखने में बहुत ही स्मार्ट एवं सुंदर हैं। साथ ही वह बहुत ही सुलझी हुई व समझदार महिला हैं।मैं स्वभाव से थोड़ी शर्मीली हूं। इसीलिए पहली बार जब मैं उनकी कक्षा में गई तो मैं काफी नर्वस थी। मैडम ने मुझे अपने पास बुलाया और मेरी परेशानी दूर करने के लिए उन्होंने मुझसे ढेर सारी बातें की।

संगीत विषय में हम सिर्फ 6 लड़कियां ही हैं।इसीलिए धीरे-धीरे मैडम से हम सबकी अच्छी बनने लगी हैं। हम हर रोज मैडम की क्लास में जाते हैं और मैडम से भरतनाट्यम सीखते हैं । संगीता चौहान जी हमें भरतनाट्यम के हर पहलू की जानकारी बहुत ही बारीकी से देती हैं।

एक ही स्टेप को कई बार दुहराती हैं। ताकि हमें वह अच्छे से समझ में आ जाए। जब तक हमें पिछला अच्छे से समझ में ना जाय , वह आगे नहीं बढती हैं।

शहर में आयोजित होने वाली हर संगीत प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए वह हमेशा हमें प्रेरित करती हैं। पिछले महीने ही शहर के मेयर ने शहर के सभी स्कूलों के बच्चों के लिए एक डांस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें हम 6 लड़कियों ने भी भाग लिया। जैसे ही हमारी बारी आयी। हम वहां पर उपस्थित लोगों की विशाल भीड़ को देखकर घबरा गयी ।

हमारी समझ में नहीं आ रहा था कि हम कैसे इतनी भीड़ के सामने अपना प्रदर्शन करें। संगीता चौहान मैडम हमारी परेशानी समझ गई और अचानक वो मंच में आकर स्वयं भरतनाट्यम करने लगी।और हमें भी डांस करने के लिए प्रेरित करने लगी। उनको डांस करता देख हमारी भी हिम्मत बढ़ी और उसके बाद हमने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। हमने वह प्रतियोगिता जीत ली। उस दिन में उनकी हिम्मत और साहस की कायल हो गई।

संगीता चौहान मैडम स्वभाव से बहुत ही सरल व मधुर हैं। हम सभी विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बिल्कुल दोस्ताना हैं। संगीत में उनकी पकड़ बहुत अच्छी होने के बावजूद भी उन्हें कोई अहंकार नहीं है।

स्कूल के वार्षिकोत्सव में वह बढ़-चढ़कर भाग लेती हैं। और हर क्लास के प्रत्येक विद्यार्थी को भाग लेने में प्रेरित करती हैं। वह सभी बच्चों को बाद -विवाद प्रतियोगिता , भाषण प्रतियोगिता , संगीत प्रतियोगिता और डांस प्रतियोगिता के लिए तैयार करती हैं।

उनमें गजब का उत्साह और उर्जा है। डांस करते वक्त वह इतनी तन्मयता के साथ नाचती हैं कि हम उन्हें मंत्रमुग्ध होकर देखते रहते हैं।

वह हमें बताती हैं कि भरतनाट्यम उनके लिए सिर्फ एक स्कूल में पढ़ाने वाला विषय नहीं है। बल्कि उनका जीवन ही है। वह हमें बताती हैं कि वह जब भी अकेली या गहरे तनाव या मुश्किल में होती हैं तो भरतनाट्यम करती हैं जिससे उनके मन का तनाव कम होता है और वह तरोताजा महसूस करती है।

उपसंहार (Essay On My Favorite Teacher in hindi)

वाकई में वह एक शानदार व्यक्तित्व की महिलाएं हैं। मैं भी भविष्य में एक अच्छी डांसर बनना चाहती हूं। इसीलिए मैं उनके बताए हर बात का अनुसरण बहुत ही शिद्दत से करती हूं।

भरतनाट्यम मेरा शौक है और मैं इसे भविष्य में अपनी रोजी-रोटी का साधन भी बनाना चाहती हूं। इसीलिए ऐसी शिक्षिका मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सच में संगीता मैडम बहुत ही अच्छी टीचर हैं उनके चरणों में मेरा सादर नमन। ….

Essay On My Favorite Teacher in hindi : मेरे प्रिय शिक्षक  

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मेरे प्रिय अध्यापक/शिक्षक पर निबंध

hindi essay on my favourite teacher

By विकास सिंह

essay on my favourite teacher in hindi

अध्यापक हमारे जीवन में एक ऐसा व्यक्ति है जो अच्छी शिक्षा के साथ कई महत्वपूर्ण चीजें प्रदान करता है। एक शिक्षक अपने छात्रों के लिए बहुत मायने रखता है। वह विकास के आरंभिक वर्षों से लेकर परिपक्व होने तक हमारे जीवन में असाधारण भूमिका निभाता है। वे हमें और हमारे भविष्य को उसी के अनुसार ढालते हैं ताकि हमें देश का एक जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सके।

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध, short essay on my favourite teacher in hindi (100 शब्द)

मेरे पसंदीदा शिक्षक रजनी मैम हैं। वह मेरी क्लास टीचर भी है और सुबह रोजाना अटेंडेंस लेती है। वह एक सख्त शिक्षिका है लेकिन बहुत ही मजाकिया स्वभाव की है। वह बहुत अनुशासित और समय की पाबंद है। वह बिना देर किए सही समय पर कक्षा से संबंधित सभी कार्यों और परियोजनाओं को करती है। मुझे वह बहुत पसंद है क्योंकि वह हमें अच्छी चीजें सिखाने के लिए बहुत आसान तरीके आजमाती है।

हम उसकी कक्षा का आनंद लेते हैं। वह हमें अंग्रेजी विषय पढ़ाती है। जब वह पढ़ाती है तो बीच-बीच में बहुत सारे चुटकुले सुनाकर हमें हँसाती है। वह किसी भी स्कूल या नृत्य, खेल, शैक्षणिक आदि की अंतर-विद्यालय प्रतियोगिता के दौरान हमारा बहुत अच्छी तरह से मार्गदर्शन करती है। वह हमें अपने सहकर्मियों के बीच कक्षा में चीजें साझा करना सिखाती है जैसे कि दोपहर का भोजन या अन्य आवश्यक चीजें आदि।

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध, 150 शब्द:

मेरा पसंदीदा शिक्षक मेरी कक्षा शिक्षिका है। उसका नाम निशा गुप्ता है। वह हमारी उपस्थिति लेती है और हमें हिंदी, गणित और कला विषय पढ़ाती है। वह अच्छी तरह से शिक्षित है और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च अध्ययन किया है। वह हमें सभी विषयों को पढ़ाने के लिए बहुत आसान और प्रभावी शिक्षण रणनीतियों का पालन करती है। मैं कभी उसकी क्लास मिस नहीं करता और रोज अटेंड करता हूँ।

मुझे वह तरीका पसंद है जो वह हमें सिखाती है क्योंकि हमें उस विषय पर फिर से घर पर अध्ययन करने की आवश्यकता नहीं है। हम उस विषय के बारे में बहुत स्पष्ट हो जाते हैं जो वह हमें कक्षा में पढ़ाती है। विषय की अवधारणा को साफ़ करने के बाद, वह हमें कक्षा में कुछ अभ्यास करवाती है और घर के लिए घरेलू काम भी करवाती है। अगले दिन, वह कल के विषय से संबंधित प्रश्न पूछती है और फिर दूसरा विषय शुरू करती है।

विषयों के अलावा वह हमें अच्छी नैतिकता सिखाती है और शिष्टाचार भी हमें चरित्र से मजबूत बनाती है। हालांकि वह अगली कक्षा में हमारी शिक्षिका नहीं होगी; उसकी शिक्षाएँ हमेशा हमारे साथ रहेंगी और हमें कठिन परिस्थितियों का रास्ता दिखाएंगी। वह स्वभाव से बहुत ही केयरिंग और प्यार करने वाली है। वह विश्वविद्यालय में स्वर्ण पदक विजेता रही हैं और उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की है। वह हमेशा मेरी सबसे अच्छी शिक्षक रहेंगी।

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध, essay on my favourite teacher in hindi (200 शब्द)

सुश्री गीता गोस्वामी स्कूल में मेरी पसंदीदा शिक्षक हैं। मैं कक्षा 4 में पढ़ता हूं और वह मुझे ईवीएस (पर्यावरण अध्ययन) पढ़ाती है। वह एक अच्छी अध्यापिका है। वह हमें बहुत परवाह करता है और आसान तरीकों का उपयोग करके सिखाता है। वह कभी भी बहुत गंभीर अध्ययन नहीं करती है और हमें मनोरंजक गतिविधियों के साथ सिखाती है। वह हमेशा क्लास में सही समय पर आती है और कभी भी अपनी क्लास को मिस नहीं करती है।

हम उसकी कक्षा का बहुत आनंद लेते हैं क्योंकि वह हमें भी खुश करती है। वह मुझसे बहुत प्यार करती है क्योंकि मैं उसकी बहुत अनुशासित और आदर्श छात्रा हूँ। मैं उसके सभी आदेशों का पालन करता हूं और अपने क्लास वर्क और होम वर्क को रोजाना साफ-सुथरे तरीके से करता हूं।

मैं उसकी कक्षा में कभी देर से या अनुपस्थित नहीं हुआ। वह हमें जीवन में हमेशा सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती है, यहाँ तक कि हमें बहुत कठिन परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ता है। वह बताती है कि हम कठिन परिस्थितियों में कभी निराश नहीं होते हैं और उनसे बाहर निकलने के कुछ आसान तरीके खोजते हैं।

वह हमें यह भी बताती है कि कभी भी नकारात्मक मत सोचो और हमेशा सकारात्मक सोचो क्योंकि यह हमेशा वही होता है जो हम सोचते हैं और करते हैं। वह ईवीएस के सभी विषयों के बारे में बहुत अच्छी तरह से बताती है। वह चाहती है कि हम उसकी कक्षा में अंग्रेजी में बात करें। वह स्कूल की बस में हमारे साथ उसके घर जाती है जहाँ हम बस में गाने गाकर और कविताएँ सुनाकर बहुत मज़ा लेते हैं।

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध, 250 शब्द:

मेरे पसंदीदा शिक्षक श्री सुनील दत्त थे जिन्होंने मुझे 2 साल तक अंग्रेजी और गणित पढ़ाया था जब मैं कक्षा 3 और 4 वीं कक्षा में था। वह वाराणसी के रहने वाले थे लेकिन स्कूल के आसपास के इलाके में रहते थे। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से ली। वह स्वभाव से बहुत विनम्र और दयालु था। वह अच्छी तरह से जानता था कि कक्षा में छोटे बच्चों को कैसे संभालना है। मैं अब भी उन्हें पढ़ाने की अपनी अनूठी शैली के लिए याद करता हूं।

उसने मुझे जो भी सिखाया, मुझे अब भी अच्छी तरह से याद है क्योंकि उसने मेरी मैथ्स की अवधारणाओं को बहुत स्पष्ट कर दिया है। वर्तमान में मैं 5 वीं कक्षा में पढ़ रहा हूं, लेकिन अभी भी उसे बहुत याद करता हूं। जब भी मुझे अपने मैथ्स विषय के कुछ कठिन प्रश्नों को हल करने की आवश्यकता होती है, मैं उनसे कभी-कभी मिलता हूं। वह अच्छी काया, चमकती आँखों और गोरा बालों के साथ बहुत स्मार्ट दिखता है। मुझे उनका अच्छा व्यक्तित्व और विनम्र स्वभाव पसंद है।

कक्षा में प्रवेश करने पर वह हमेशा मुस्कुराते थे और सबसे पहले हमसे हमारी सेहत के बारे में पूछता था। जब भी हमारे खेल शिक्षक अनुपस्थित थे, उन्होंने खेलों में भी हमारी सहायता की। वह मुस्कुराता हुआ चेहरा है लेकिन अध्ययन में बहुत सख्त है। वह हमेशा उन छात्रों को दंडित करता था जो अधूरे गृह कार्यों के साथ थे। वह कक्षा के समय में बहुत मस्ती करने के लिए प्रसिद्ध है, हालांकि छात्रों को उसके विषयों में अच्छे अंक मिलते हैं।

वह अध्यापन के अच्छे कौशल, मिलनसार स्वभाव, हास्य की अच्छी समझ, धैर्य और सहजता के साथ शिक्षक हैं। मैं उनके आज्ञाकारी छात्रों में से एक हूं। कभी-कभी उसने हमें क्लास की परीक्षाओं और परीक्षाओं में अच्छा करने पर चॉकलेट्स दीं। उसने हमें घर पर बहुत सारे असाइनमेंट नहीं दिए। वह बहुत उत्साही है और हमेशा हमें अध्ययन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है।

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध, essay on my favourite teacher in hindi (300 शब्द)

श्रीमती रश्मि स्कूल में 6ठी कक्षा की मेरी पसंदीदा शिक्षिका हैं। वह हमें कक्षा में हिंदी और कंप्यूटर विषय पढ़ाती है। उसका बहुत अनूठा व्यक्तित्व है। वह काफी फैटी है लेकिन स्वभाव से शांत है। मैं हमेशा हर साल शिक्षक दिवस पर उसे ग्रीटिंग कार्ड देता हूं। मैं उनके जन्मदिन पर भी शुभकामनाएं देता हूं।

उसका उपयोग मज़ाक बनाने और अध्ययन की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए कक्षा लेने के बीच में कुछ चुटकुले सुनाने के लिए किया जाता है। मैं हिंदी विषय में इतना अच्छा नहीं हूँ लेकिन कंप्यूटर में बहुत अच्छा करता हूँ। वह मेरी हिंदी भाषा को बेहतर बनाने में मेरी बहुत मदद करती है। कक्षा लेने के बाद, वह हमेशा अगले दिन सीखने और पूछने के लिए कुछ प्रश्न देती है।

वह हमें कंप्यूटर लैब में ले जाती है ताकि हमें कंप्यूटर के बारे में अधिक स्पष्ट और सुनिश्चित हो सके। जब वह पढ़ाती है तो वह अपनी कक्षा में चुप रहने को कहती है। उसने अपने कमजोर छात्रों पर भी अच्छी तरह से ध्यान दिया है। वह किसी भी विषय के बारे में सभी को बहुत स्पष्ट करती है और हमें उसकी कक्षा में प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित करती है। वह कभी भी अगले विषय को शुरू नहीं करता है जब तक कि हम सभी पिछले को अच्छी तरह से नहीं समझते हैं।

वह प्रकृति से बहुत देखभाल और प्यार करने वाली है क्योंकि वह कक्षा में सभी छात्रों की देखभाल करती है। उसकी कक्षा में कोई झगड़ा या लड़ाई नहीं करता। वह साप्ताहिक आधार पर छात्रों के बैठने का चक्कर लगाती है ताकि कोई भी कमजोर और दुखी न रहे। मेरे सभी दोस्त उसकी कक्षा को पसंद करते हैं और रोजाना उपस्थित होते हैं।

वह कक्षा के बाहर समय देकर कुछ कमजोर छात्रों का समर्थन करती है। वह हमें अध्ययन के अलावा अन्य समस्याओं को हल करने में भी मदद करती है। वह हमें स्कूल में आयोजित खेल या अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करती है। वह अपने मुस्कुराते चेहरे और सहायक स्वभाव के साथ अच्छी लगती है। वह हमें स्कूल में स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, गांधी जयंती, शिक्षक दिवस, मातृ दिवस आदि जैसे कार्यक्रमों के आयोजन के लिए तैयार होने में मदद करती है।

कभी-कभी, जब विषय समाप्त हो जाते हैं, तो वह हमारे साथ जीवन के संघर्ष काल के बारे में साझा करती है। हमें अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने का आदेश करती है। वह बहुत ही मिलनसार और सहज शिक्षिका है। हम उसके साथ कभी नहीं डरते हैं लेकिन उसका बहुत सम्मान करते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध, long essay on my favourite teacher in hindi )(400 शब्द)

मेरा पसंदीदा शिक्षक मेरा विज्ञान शिक्षक है। उसका नाम श्रीमती संजना कौशिक है। वह स्कूल कैंपस के पास रहती है। वह स्कूल की सबसे अच्छी शिक्षिका है और मेरे सभी दोस्तों द्वारा पसंद की जाती है क्योंकि वह बहुत अच्छी तरह से पढ़ाती है। कोई भी अपनी कक्षा में उबाऊ नहीं लगता क्योंकि वह कुछ मजेदार भी करता है।

मुझे कक्षा में पढ़ाने की उसकी रणनीतियाँ पसंद हैं। वह हमें घर से इस विषय पर जाने के लिए कहती है कि वह अगले दिन कक्षा में क्या पढ़ाएगी। वह कक्षा में उस विषय को पढ़ाती है और स्पष्ट होने के लिए कई प्रश्न पूछती है। वह अगले दिन उसी विषय के बारे में सवाल भी पूछती है। इस तरह, हम किसी विशेष विषय के बारे में बहुत स्पष्ट हो जाते हैं।

वह दो या तीन विषयों को पढ़ाने के बाद परीक्षा देती है। वह शिक्षण पेशे से प्यार करती है और हमें उत्साह और जुनून के साथ सिखाती है। वह हमसे बहुत मिलनसार है और हमें उससे कभी डर नहीं लगता। हम उससे कक्षा में विषय से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछते हैं या बिना किसी डर के उसके केबिन में जाते हैं। वह कक्षा में पढ़ाते समय प्रत्येक छात्र की गतिविधि देखता है और शरारती लोगों को दंडित करता है।

वह हमें अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने और हमेशा उन चीजों का पालन करने के लिए कहती है जो आपके शिक्षक कक्षा में कहते हैं कि क्या आप वास्तव में जीवन में सफलता चाहते हैं। वह कक्षा में कमजोर और प्रतिभाशाली छात्रों के बीच कभी पक्षपात नहीं करता। वह अपने कमजोर छात्रों का बहुत समर्थन करती है और प्रतिभाशाली छात्रों से अपने कमजोर सहयोगियों की मदद करने का अनुरोध करती है। वह हमें अपने अध्ययन और जीवन के उद्देश्य के बारे में भावुक होना बताती है।

वह बहुत उत्साहजनक शिक्षक है, न केवल अध्ययन में बल्कि असाधारण गतिविधियों में भी हमें प्रोत्साहित करती है। वह स्कूल में व्यक्तिगत रूप से अच्छा करने वाले छात्र की ओर इशारा करती है, चाहे वह शैक्षणिक या खेल गतिविधियों में हो। वह एक घंटे के लिए अपने घर पर अपने कमजोर छात्रों को मुफ्त ट्यूशन देती है।

प्रत्येक छात्र कक्षा की परीक्षा और परीक्षा दोनों में विज्ञान विषय में बहुत अच्छा करता है। वह स्कूल की वाइस-प्रिंसिपल भी हैं। इसलिए, वह अपनी सभी जिम्मेदारियों को बहुत अच्छी तरह से निभाती है। वह स्कूल परिसर में साफ-सफाई और हरियाली का ध्यान रखती है।

वह कभी गंभीर नहीं दिखती क्योंकि उसके पास एक मुस्कुराता चेहरा है। वह हमें अपने बच्चों की तरह स्कूल में खुश रखती है। वह स्कूल में किसी भी कार्यक्रम के आयोजन या प्रतियोगिताओं के दौरान स्कूल में सभी व्यवस्थाओं का ध्यान रखती है। वह सभी छात्रों से बहुत विनम्रता से बात करती है और अच्छी तरह से जानती है कि वह स्कूल की किसी भी कठिन परिस्थिति को संभाल सकती है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Such a good essay on teacher 🤩💝💖💕💞💓❣️ really respect for teachers

Such a good essay 🤩💝💖💕💞💓❣️🤩🤩 for teachers

aap ne essay kahi se copy kiya hai maine ye pehle kahin aur bhi pada hai

but still tanks a lot dear as i was helped by u

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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – Essay on my favourite teacher in Hindi

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (Essay on my favourite teacher in Hindi): स्कूल हो या कॉलेज, हमारे कोई न कोई प्रिय शिक्षक रहते हैं. जिनसे हम बाकि शिक्षककों से ज्यादा आदर करते हैं. स्कूल में हमे कभी न कभी मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध लिखने का होम वर्क मिलता है. और इस अवसर में हम सबको अपने favourite teacher के ऊपर आदर दिखाने का मौका मिलता है. जो की हम एक निबंध के माध्यम से व्यक्त करते हैं. इसलिए में आज आपके लिए मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध (Short and long essay on my favourite teacher in Hindi) लेकर आया हूँ.

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – Short essay on my favourite teacher in Hindi

essay on my favourite teacher in hindi

छात्र देश के भविष्य नागरिक हैं. यह देश का भावी नागरिक है; इसका मतलब है कि छात्रों की नींव रखने की जिम्मेदारी शिक्षकों के हाथ में रहती है. इसलिए आदर्श नागरिक बनाने के लिए शिक्षकों को भी रोल मॉडल होना चाहिए. ऐसे ही मेरे रोल मॉडल शिक्षक है श्री राजेश शर्मा.

शिक्षा प्रदान

श्री राजेश शर्मा हमें विज्ञान पढ़ाते हैं. जब वह छात्रों को विज्ञान सिखाता है, तो वह उसे खूबसूरती से समझाते है. कक्षा के अंत तक उनकी आवाज़ स्पष्ट रूप से सुनाई देता है. उनकी आवाज सुंदर, मधुर, स्पष्ट और दूरदर्शी है. विज्ञान पढ़ाने से पहले श्री शर्मा अच्छे से तैयार होकर आते हैं.

पढ़ने में रुचि     

श्री शर्मा विभिन्न ज्ञानवर्धक पुस्तकों को पढ़ने में विशेष रुचि रखते हैं. इसलिए अच्छी किताबें और अच्छी पत्रिकाएँ उनके पास हमेशा मिलता है. स्कूल और पुस्तकालय दोनों के साथ उनका घनिष्ठ संबंध है. एक विज्ञान शिक्षक के रूप में, उनका प्रयोगशाला(laboratory) के साथ भी घनिष्ठ संबंध है.

कक्षा में मेरे प्रिय शिक्षक

श्री शर्मा समय पर स्कूल आते हैं. पढ़ाने के दौरान, वह समय पर कक्षा में प्रवेश करते है और समय पर कक्षा छोड़ देते है. कक्षा में सभी छात्रों के साथ समान व्यवहार करते है. परीक्षण खातों में नंबर देते समय कोई पक्षपाती नहीं करते है.

श्री शर्मा के चरित्र और व्यवहार उत्कृष्ट है. वह सेवा और त्याग करने वाले व्यक्ति है. इसलिए उनका इतना बड़ा व्यक्तित्व है. एक शिक्षक के रूप में, वह हर दिन अपने अनुभवों को लिखते हैं और अपनी डायरी लिखते हैं.

श्री राजेश शर्मा एक आदर्श शिक्षक हैं. वह कई छात्रों के पसंदीदा शिक्षक बन गए हैं, खासकर उनके व्यक्तित्व के लिए. अगर मैं उसके बारे में लिखना चाहता हूं तो इस लेख को समाप्त करना असंभव होगा.

मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – Long essay on my favourite teacher in Hindi

वैदिक काल से अब तक, भारतीय समाज में गुरु का स्थान अद्वितीय और शीर्ष पर है. माता-पिता के बाद गुरु या शिक्षक छात्र का सबसे अच्छा हित है और बहुत ही अपना है. शिक्षक के कल्याण से छात्र का समग्र सुधार संभव है. उनका अंतिम लक्ष्य और प्रतिज्ञा है कि अपनी भलाई को जलाकर शिष्य को लाभान्वित करना. समाज का संगठन और राष्ट्र-निर्माण गुरु समुदाय पर निर्भर करता है. गुरु युगों-युगों तक के लिए गुरियन और महायान रहे हैं. आधुनिक समाज में ऐसा ही एक शिक्षक श्री राजेश शर्मा है.

मेरे प्रिय शिक्षक के आदर्श गुण

मैं अभी दसवीं कक्षा में हूं. स्कूली जीवन में, मैंने कई शिक्षकों की निकटता प्राप्त की है. हर गुरु मेरे लिए भगवान है; लेकिन मेरे प्रिय और आदर्श शिक्षक के रूप में, गुरुदेव श्री राजेश शर्मा को मुझे लगातार प्रेरित कर रहे हैं.

सभी आदर्शों का एकीकृत रूप मेरे गुरुदेव श्री शर्मा हैं. वह अपने शांत स्वभाव और अपने मुस्कुराते चेहरे के कारण सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं. उनका उम्र लगभग पचास वर्ष होगी. धोती, पंजाबी और चादर से वह अपने आप दूसरों से अलग हो जाते हैं. पोशाक की विनम्रता शिक्षक की गरिमा को बढ़ाती है.

शुद्ध चरित्र, शुद्ध शिष्टाचार और विनम्र व्यवहार एक शिक्षक की वास्तविकता है. मेरे गुरु इन सभी शानदार गुणों के स्वामी हैं. यही वजह है कि वह हर किसी के लिए इतना खास है. वह छात्रों और शिक्षकों के बीच एक समयनिष्ठ शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं. कोई यह नहीं कह सकता कि उन्हें स्कूल जाने में देर हो गई.

श्री शर्मा अपने शिक्षण में अद्वितीय हैं. वे विज्ञान शिक्षण में एक सफल शिक्षक हैं. वह हमेशा छात्रों के संदेह को दूर करने के लिए उत्सुक रहते हैं. पाठ्यक्रम के दौरान उनका नाराजगी आजतक कोई भी देखा नहीं है. माध्यमिक परीक्षा में उनकी परीक्षा के परिणाम अन्य शिक्षकों की तुलना में अधिक हैं. उनकी शिक्षण शैली उनकी अपनी है. वह कभी भी बिना तैयारी के क्लास में नहीं आते हैं. वे विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से छात्रों से उत्तर प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. छात्रों के प्रश्नों को सही करने में बिल्कुल भी देर नहीं लगाते हैं. पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करना उनके शिक्षण की एक उल्लेखनीय विशेषता है.

उनके गहरे लगाव के कारण, उन्हें छात्रों में बहुत माना जाता है. छात्रों की कमी को समझने में वह हमेशा सबसे आगे रहते हैं. छात्रों को नियमित और समयनिष्ठ बनाने पर गुरुजी का विशेष प्रभाव रहा है. उनकी निष्पक्षता और समानता के कारण उन्हें हमेशा छात्रों द्वारा सराहा जाता है.

गुरुजी मेरे ज्ञान की मंजिल हैं. वह विज्ञान में स्नातक की डिग्री धारी है. वे हिंदी और संस्कृत साहित्य के अच्छे जानकार हैं. नई पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़ने में उनका गहरा योगदान है. उनके जैसा शिक्षित व्यक्ति शायद ही होंगे. वह स्कूल की पाठ्यपुस्तकों का उपयोग करने वाले कई शिक्षकों में से पहले हैं. पौराणिक कथाओं के लिए उनकी प्रतिष्ठा है.

प्रतिष्ठित शिक्षक श्री शर्मा अपने अनुशासन के लिए जाने जाते हैं. वह आत्म-अनुशासित होकर कठोर अनुशासन के भीतर छात्रों का निर्माण करने के लिए लगातार प्रयास करते हैं. सहिष्णुता, निःस्वार्थता, सहानुभूति और मित्रता उनके चरित्र के उल्लेखनीय पहलू हैं.

वह न केवल ज्ञान के, बल्कि कर्म योग के भी उपासक हैं. स्कूल के माहौल को हरा-भरा करने में उनका भूमिका सराहनीय है. हमारा स्कूल उनके हाथ के बने फूलों के बगीचे में हँस रहा है.

शिक्षण के अलावा, स्कूल के सहायक कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति प्रसिद्ध है. स्कूल की बैठकों और सांस्कृतिक गतिविधियों में गुरुजी की भूमिका को नहीं भूलना चाहिए. स्कूल पुस्तकालय के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वह एक ऐसा शख्स है जो पूरे दिल से स्कूल से प्यार करते हैं. स्कूल, प्रतिष्ठा को नुकसान, उनके लिए असहनीय था.

मेरे पसंदीदा शिक्षक की एक और विशेषता यह है कि वह बहुत कम छुट्टी लेते हैं. सहकर्मियों में उनका विशेष सम्मान है. जनसंपर्क संरक्षण में उनके जैसे बहुत कम शिक्षक होंगे. उन्हें माता-पिता, सामान्य जनता, बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों के साथ अच्छे संबंध पाए गए हैं. उनके विभिन्न कार्यक्रमों को जनता द्वारा एक पर्यावरण और सार्वजनिक जागरूकता बनाने के लिए कवर किया जाता है. उन्हें विभिन्न संस्थानों द्वारा सम्मानित किया गया और स्कूल की प्रतिष्ठा को बढ़ाये हैं. पूज्य शर्मा सर का एक और उल्लेखनीय पहलू सारस्वत साधना है.

सशक्त व्यक्तित्व अधिकारी मेरे प्रिय शिक्षक श्री राजेश शर्मा हैं. उनके चरणों में, सिर स्वतः ढह जाता है. उनके जैसे शिक्षक आज के समाज में दुर्लभ हैं. वह सम्मान और प्रतिफल का पीछा नहीं करते हुए कर्तव्य के प्रति समर्पित है. व्यक्ति अपने परिश्रम से महान बनता है. शिक्षक श्री शर्मा के मामले में यह स्पष्ट है.

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मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favorite Teacher in Hindi

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favorite Teacher in Hindi

इस लेख में हमने मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध (Essay on My Favorite Teacher in Hindi) लिखा है। जिसमें अध्यापक किया है, गुण, कार्य, योगदान और दस वाक्य को शामिल किया गया है। 

Table of Contents

प्रस्तावना (मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favorite Teacher in Hindi)

किसी भी सभ्य समाज का निर्माण गुरु के शिक्षा के द्वारा ही होता है। पूरे संसार में माता पिता के बाद सबसे पूजनीय पद गुरु का होता है। जो अपने ज्ञान का प्रकाश चारों और बिखेर कर सभी का मार्गदर्शन करते हैं।

प्राचीन काल से ही भारत में गुरुकुल प्रथा चली आ रही है। जहां गुरु अपने शिष्य को सामाजिक तथा सांस्कृतिक सभी प्रकार के ज्ञान प्रदान करते हैं।

आज के समय में गुरुकुल का नया रूप विद्यालय है। जहां आज भी अध्यापक अपने शिष्य को उज्जवल भविष्य के लिए अच्छी शिक्षा देते हैं तथा उन्हें एक सभ्य नागरिक बनाते हैं।

अध्यापक शब्द सुनते ही ऐसे व्यक्तित्व की कल्पना की जाती है। जो बच्चों को अंधकार से दूर ले जाकर  मार्गदर्शन करके उन्हें विद्यार्थी जीवन में उत्तमता प्रदान करें।

भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का बहुत महत्व है तथा इसे सभी विद्यार्थियों द्वारा पूरे देश में मनाया जाता है।

अध्यापक की तुलना किसी भी व्यक्ति से नहीं की जा सकती। क्योंकि वे निस्वार्थ भाव से विद्यार्थियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का प्रयास करते हैं।

अध्यापक क्या है? What is Teacher in Hindi?

किसी भी विद्यालय में विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिए अध्यापक होते हैं। एक विद्यालय में कई अध्यापक हो सकते हैं जो विभिन्न विषयों का ज्ञान रखते हैं।

किसी भी  देश को विकास करने के लिए शिक्षा का महत्व पूर्ण योगदान होता है। आज के समय में बड़े बड़े शहरों से लेकर गावों तक अधिक से अधिक विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है।

वास्तव में अध्यापक ही विद्यार्थियों के अंदर निर्णय लेने की क्षमता तथा विभिन्न विषयों में रुचि विकसित करते हैं। अपने सतत प्रयासों के कारण वे अपने छात्रों को जीवन में सफलता हासिल करने के लायक बनाते हैं।

बिना शिक्षा के जीवन की कल्पना करना समय की बर्बादी है। क्योंकि कोई भी ज्ञान तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक उसे  पूरे मन से न सीखा जाए।

हर अध्यापक की यही इच्छा होती है कि उनके द्वारा पढ़ाया गया प्रत्येक विद्यार्थी तरक्की के नए आयाम को  छुकर उनका नाम पूरे समाज में ऊंचा करें।

अध्यापक के गुण Qualities of a Teacher in Hindi

किसी भी अध्यापक का गुण उनके व्यवहार में साफ झलकता है। एक अच्छा अध्यापक सर्वश्रेष्ठ गुणों से परिपूर्ण होता है तथा वह अपने प्रत्येक विद्यार्थियों को भी सर्वश्रेष्ठ बनाने की कामना करता है।

गुरु का दायित्व आम लोगों से बहुत अधिक होता है। क्योंकि देश का भविष्य उनके ही हाथ में होता है।

एक कुशल  अध्यापक अपने विषय में महारथी होते हैं।  जिसके कारण वे उस विषय को पढ़ाते समय इस प्रकार सरल रूप से प्रस्तुत करते हैं जिससे विद्यार्थियों कि रुचि उस विषय में बहुत बढ़ जाती है।

विद्यार्थियों के पढ़ाई में होने वाले जटिल से जटिल परेशानियों को अध्यापक बहुत आसानी से हल कर देते हैं। 

किसी भी अध्यापक के लिए सबसे मूल्यवान चीज समय होता है। इसीलिए वे हमेशा निश्चित समय पर विद्यालय पहुंचकर शिक्षा देने के लिए क्लास रूम में उपस्थित रहते हैं।

शिक्षक  एक कुशल वक्ता होता है। क्योंकि उन्हें अपनी बात सभी छात्रों तक पहुंचाने होती है। इसलिए वे उस विषय को रुचिपूर्ण बनाकर एक खेल की तरह प्रस्तुत करते हैं।

एक विद्यालय में हजारों विद्यार्थी पढ़ते हैं। लेकिन फिर भी सभी छात्र-छात्राएं एक शिक्षक के लिए एक समान होते हैं। विद्यार्थी द्वारा पूछे गए सभी प्रकार के प्रश्नों का उत्तर संतोषजनक रूप से देते हैं तथा सभी के प्रति प्रेम और सहानुभूति की भावना रखते हैं।

अध्यापक के कार्य Work of a Teacher in Hindi

अध्यापक का मुख्य कार्य बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का होता है। जिसे वे बखूबी निभाते हैं। विद्यार्थी जो कुछ भी अपने आसपास घटित होता देखते हैं उसे अपने  दिनचर्या के बाद जीवन में उतार लेते हैं। इसीलिए प्रत्येक शिक्षक विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के अलावा एक आदर्श नागरिक बनने का भी ज्ञान देते हैं।

शिक्षक का चरित्र पवित्र होता है जिसका प्रभाव उनके विद्यार्थियों पर शीघ्र ही पड़ता है। हमेशा विद्यार्थियों को अहिंसा तथा सत्य की राह पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

यदि किसी विषय में कोई विद्यार्थी कमजोर है तो उसे डांटने या नीचा दिखाने के बजाय उसे सीखने के लिए प्रोत्साहन देते हैं। किसी भी विद्यार्थी को पढ़ाई में होने वाली दिक्कत को वे शांति पूर्वक सुनकर प्रेम से समझाते हैं।

पूरे देश में सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य एक शिक्षक का होता है। क्योंकि भविष्य की रूपरेखा का निर्माण कार्य उनके द्वारा ही किया जाता है। यदि कोई अध्यापक अपने विद्यार्थियों को अनुचित शिक्षा दें तो उस विद्यार्थी ही नहीं बल्कि पूरे देश की हानि होती है।

मेरे प्रिय अध्यापक My Favorite Teacher in Hindi

मुझे गणित विषय एक पहाड़ के जैसे लगता था। लेकिन जब हमारे विद्यालय सुदर्शन शर्मा महोदय गणित के नए अध्यापक के रूप में आए तब से मेरे मन में इस विषय का डर पूरी तरह से खत्म हो गया।

हमारे शिक्षक गणित विषय में विद्वान है तथा सभी कक्षाओं को वे ही इस विषय को पढ़ाते हैं। मेरी तरह बहुत से विद्यार्थी इस विषय का नाम सुनकर ही घबरा जाते थे। परंतु  श्री सुदर्शन महोदय ने विद्यार्थियों के अंदर से इस विषय के भय को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।

अध्यापक महोदय जब भी अपने विषय को पढ़ाते हैं तो उसमें जान आ जाती है और सब कुछ वास्तविक जैसा प्रतीत होने लगता है।

मनोविज्ञान के पहलुओं के समझने के कारण वे विद्यार्थियों के मन में आने वाली सारी परेशानियों को समझ जाते हैं तथा उसका निदान करते हैं।

अध्यापक महोदय का स्वभाव अत्यंत शांत है किंतु यदि विद्यार्थी उद्दंडता करते हैं तो उन्हें अत्यंत क्रोध आता है।

सभी विद्यार्थियों को  पाठ्यक्रम के अलावा वे अच्छे संस्कार भी सिखाते हैं। इसी कारण अध्यापक महोदय मेरे साथ ही सभी बच्चों के प्रिय अध्यापक हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक का योगदान Contribution of My Teacher in Hindi

मेरे प्रिय आध्यापक बहुत अच्छे स्वभाव के हैं। उनका स्वभाव न केवल मुझे ही अपितु पूरे विद्यालय के विद्यार्थी तथा अन्य अध्यापकों को भी प्रभावित करता है।

अध्यापक महोदय के समय की बचत करने का गुण मुझे बहुत अच्छा लगता है तथा मैं भी अब अपना समय नई चीजें सीखने में लगाता हूं।

ऐसे तो हमारे विद्यालय में कई शिक्षक हमें पढ़ाते हैं लेकिन सुदर्शन महोदय द्वारा पढ़ाया गया विषय सबसे मजेदार होता है। उनके  प्रयासों के कारण ही कठिन से कठिन लगने वाला विषय भी इतनी आसानी से समझ में आ जाता है। वे सभी विद्यार्थियों को झगड़ा ना करें तथा सत्य की राह पर चलने  की शिक्षा भी देते हैं। 

मेरे प्रिय अध्यापक पर 10 लाइन Best 10 Lines on The Teachers in Hindi

  • किसी भी राष्ट्र के भविष्य निर्माण में एक शिक्षक का कर्तव्य सबसे अधिक होता है।
  • भारत में  हर वर्ष 5 सितंबर के दिन डॉक्टर सर्वपल्ली राधा कृष्णन की जयंती पर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है
  • संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • अध्यापक हमेशा अपने द्वारा पढ़ाए गए प्रत्येक विद्यार्थी की सफलता की कामना करते हैं।
  • विद्यालय खुलने पर सबसे पहले अध्यापक अपने समय पर विद्यालय पहुंचते हैं।
  • एक कुशल अध्यापक बच्चों के मन में किसी भी विषय के लिए रुचि उत्पन्न कर सकता है।
  • भारत में शिक्षक दिवस के दिन सभी विद्यार्थी अपने अध्यापक के लिए नए-नए गिफ्ट्स लाते हैं।
  • एकमात्र भारत ऐसा देश है जहां गुरु को ईश्वर के समान माना जाता है तथा गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है।
  • अध्यापक पाठ्यक्रम के अलावा अपने विद्यार्थियों को सामाजिकता की भी जानकारी देते हैं।
  • सभी शिक्षकों  के गुण  का प्रभाव विद्यार्थियों पर प्रत्यक्ष रुप से पड़ता है।

निष्कर्ष conclusion

इस लेख में आपने मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध हिंदी में (My Favorite Teacher Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको सरल लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरे प्रिय अध्यापक कौन है - उनके व्यक्तित्व - आज के अध्यापकों से तुलना - उनके अंदर का ज्ञान - खेल कूद आदि में उनकी दिलचस्पी - स्नेहपूर्ण व्यवहार - आदर्श जीवन - उपसंहार।

अध्यापक का हमारे जीवन में अधिक महत्व है। अध्यापक हमारे जीवन में वह व्यक्ति होता है, जो हमें अच्छी शिक्षा के साथ बहुत सी अन्य महत्वपूर्ण चीजों को सिखाता है। एक अध्यापक अपने विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। वह हमारे जीवन में विकास की प्रारम्भिक अवस्था से हमारे परिपक्व होने तक बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हमें और हमारे भविष्य को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने की ओर मोड़ देते हैं।

अपने छात्रजीवन में मुझे अनेक अध्यापकों से स्नेह तथा मार्गदर्शन मिला है, लेकिन इन सबमें जयंत पाटिल मेरे प्रिय अध्यापक रहे हैं। सचमुच, उनके जैसा अपार ज्ञान, असीम स्नेह और प्रभावशाली व्यक्तित्व बहुत कम अध्यापकों में पाया जाता है।

पाटिल सर का कद लंबा और रंग गोरा है। उनकी आँखें चमकीली हैं। उनकी आवाज गंभीर, स्पष्ट और प्रभावशाली है। उनका शरीर फुर्तीला और स्वस्थ है। वे हमेशा तेज़ चाल से चलते हैं। वे प्रायः सफेद धोती-कुर्ता अथवा सफारी सूट पहनते हैं।

आज के कई अध्यापक अपने पद को केवल अर्थप्राप्ति का साधन मानते हैं और विद्यार्थियों के सामने किताबों के पन्ने पलट देने को ही पढ़ाना समझते हैं। मानो सच्चे ज्ञान-दान और चरित्र-निर्माण से उन्हें कोई मतलब ही न हो। लेकिन पाटिल सर के बारे में यह बात नहीं है। वे अध्यापक-पद के गौरव और उसकी जिम्मेदारी को भली-भाँति समझते हैं और अपने कर्तव्यों का पूर्ण रूप से निर्वाह करते हैं।

पाटिल सर विद्वान व्यक्ति हैं। उनका अंदर का ज्ञान ही उन्हें आज सब छात्रों का प्रिय बनाया है। विज्ञान, गणित और समाजशास्त्र में भी उनकी रुचि कम नहीं है। अंग्रेजी व्याकरण वे इस प्रकार समझाते हैं कि सारी बातें कक्षा में ही कंठस्थ हो जाती हैं। हिंदी भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार है। कोई भी विद्यार्थी अपनी शंका, बिना किसी भय और हिचकिचाहट के उनके सामने रख सकता है और उसका उचित समाधान प्राप्त कर सकता है।

पाटिल सर खेल-कूद में भी बहुत रुचि लेते हैं। वे विद्यार्थियों के साथ खेल में भाग लेते हैं। नाटक, चर्चा-गोष्ठी, चित्र-प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि में वे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें समय-समय पर विविध क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। हमारे विद्यालय का ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं, जिसमें पाटिल सर का योगदान न हो।

पाटिल सर विद्यालय को एक परिवार मानते हैं। सभी विद्यार्थियों को उनका प्यार मिलता है। उन्हें क्रुद्ध (गुस्सा) होते कभी किसी ने नहीं देखा है। वे बहुत अनुशासन व्यक्ति है। वे बहुत हिमायती हैं। पढ़ाई में कमजोर छात्रों पर उनकी ममतामयी दृष्टि रहती है। परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को वे स्ने से पढ़ाते है और उन्हें उत्तीर्ण कराते हैं। कोई छात्र कमजोर होता है तो उन्हें वह अतिरिक्त अध्ययन कराते है।

पाटिल सर निरभिमानी हैं। घमंड तो उन्हें छू तक नहीं गया है। उनके चेहरे से सदा प्रसन्नता और आत्मीयता झलकती है। उनके रहन-सहन और वेशभूषा से सादगी प्रकट होती है। झूठ, लोभ, रिश्वत, ईर्ष्या आदि बुराइयों से तो वे कोसों दूर हैं। वे बहुत शांत स्वाभाव के व्यक्ति है। उनका जीवन एक आदर्श जीवन है। वे सभी छात्रों को आदर्श जीवन जीने की सलाह देते है।

वह शिक्षण की अच्छी तकनीकियों के साथ, दोस्ताना स्वभाव, हास्य, धैर्यवान और आसानी से सभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले एक अच्छे अध्यापक है। मैं उनके आज्ञाकारी विद्यार्थियों में से एक हूँ। बहुत ही उत्साहित और हमें हमेशा पढ़ाई में सबसे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे। सचमुच वे सभी के चहिते अध्यापक है और मेरे प्रिय अध्यापक भी वही हैं।

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मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay on My Favourite Teacher in Hindi

नमस्कार आज का निबंध, मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favourite Teacher in Hindi पर दिया गया हैं.

सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न शब्द सीमा में प्रिय शिक्षक पर निबंध दिया गया हैं. फेवरेट टीचर कौन है उनके साथ सम्बन्ध कैसे पढ़ाते है आदि बिन्दुओं पर यह आसान शोर्ट निबंध दिया गया हैं.

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favourite Teacher in Hindi

Paragraph on my favourite teacher in english & hindi.

Today Here We Bring a Short Paragraph On My Favourite Teacher For Students And Kids In Hindi & English Language For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10th Students.

Various Length My Favourite Teacher Paragraph In 10 Line, 100, 200, 250, 300, 400, 500 Words Are About My Teacher Which I Most Like About Her Life, Education, Teaching Method, Hobby Character, Personality About My Favourite Teacher Short Essay Giving Blow.

I Read In Class VIII A. Shree a.n. Sharam Is My Favourite Teacher. He Is a Good Teacher. He Teaches Us English. He Is About Forty Years Old. He Always Wears Simple Dress.

He Is a Man Of Simple Nature. He Never Comes Late. He Is Punctual In His Work. He Is Hard Working. He Does Not Waste Time In The Class. His Method Of Teaching Is Very Interesting.

He Is Very Kind To All Of Us. He Is Always Helps The Students. He Loves All The Boys Very Much. We Also Respect Him Very Much. He Is A Good Sportsman Too.

मैं कक्षा 8 अ में पढ़ता हूँ. श्री ऐ एन शर्मा मेरे प्रिय अध्यापक हैं. वह एक अच्छे अध्यापक हैं. वे हमें अंग्रेजी पढाते हैं. वह लगभग चालीस वर्ष के हैं. वह हमेशा साधारण कपड़े पहनते हैं. वह सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं.

वह कभी देर से नही आते हैं. वह अपने समय के बेहद पाबन्द हैं. यह कठोर परिश्रमी हैं. वह कक्षा में समय नष्ट नही करते हैं. उनका पढाने का तरीका बहुत रुचिप्रद हैं. वह हम सबके प्रति बहुत दयालु हैं. वह हमेशा प्रसन्न रहते हैं.

वह कभी क्रोधित नही होते हैं. वह हमेशा विद्यार्थियों की मदद करते हैं. यह सब लड़को से प्रेम करते हैं. हम भी उनका बहुत आदर करते हैं. वह एक अच्छे खिलाड़ी भी हैं.

प्रिय अध्यापक पर निबंध – 1

मै राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरे विद्यालय में पन्द्रह अध्यापक है. श्री गंगाराम मेरे प्रिय अध्यापक है. वे हमारे कक्षाअध्यापक भी है. वे हमें हिंदी पढ़ाते है, उनकी आयु पैंतालिस वर्ष है.

वे लम्बें व गठीले शरीर के है. वे समय के बहुत पाबन्द है. उनका स्वभाव बहुत अच्छा है. वे सभी लोगो के साथ मधुर व्यवहार रखते है. वे छात्रों के प्रति स्नेह रखते है.

वे कक्षा में बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाते है, उन्हें अपने विषय पर पूरा ज्ञान है. वे कमजोर छात्रों की विशेष रूप से मदद करते है. वे सभी छात्रों की समस्याओं का तुरंत समाधान कर देते है. हमारे प्रधानाध्यापक एवं अन्य अध्यापक भी उन्हें बहुत पसंद करते है.

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध – 2

मेरे प्रिय अध्यापक श्री देवीलाल जी है, जिन्होंने तीन साल तक गणित एवं दो सालों तक अंग्रेजी भाषा का अध्ययन करवाया था. वे जयपुर के ही रहने वाले है, वर्तमान में विद्यालय के पास ही एक कमरे में रहते है.

इन्होने राजस्थान विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की. वे प्रकृति से बेहद शांत व मधुर है. वे कक्षा के छोटे से छोटे व बड़े सभी छात्रों को अच्छी तरह संभालना जानते है.

उनकी अनूठी शिक्षण शैली मुझे बहुत याद आती है,. उनका पढाने का तरीका सबसे अलग व आकर्षक था. उन्होंने पढाई के साथ साथ जों नैतिक शिक्षाएं दी वो मुझे आज भी याद है.

उन्होंने गणित जैसे कठिन विषय को मेरे लिए बेहद सरल बना दिया था. फिलहाल में छठी कक्षा में पढ़ता हूँ पर मुझे अभी भी उनकी बहुत याद आती है.

अच्छे शरीर, चमकदार आंखों और गोरे बाल तथा अच्छी कद काठी वाले इंसान है. अभी भी जब कभी मुझसे कठिन सवाल हल नही होते है तो मैं उनके पास जाता हूँ.

जब भी वो कक्षा में आते थे तो उनका चेहरा मुस्कराता था. जब विद्यालय के खेल प्रशिक्षक उपस्थित नहीं होते थे. तब ये ही हमें अच्छे अच्छे खेल सिखाते थे.

वे बाहर से जितने नरम थे, कभी कभी बेहद कठोर भी बन जाते थे, समय पर कार्य न करने वाले तथा अनुशासनहीनता करने वालें कई छात्रों को वे दंडित करते थे.

कभी कभी वों कक्षा में हंसी मजाक भी किया करते थे. हमेशा हमारी कक्षा में उन्ही के विषय में छात्रों को सबसे अधिक अंक आते थे.

एक बार अच्छे अंक लाने पर मुझे भी उन्होंने चोकलेट दी थी, जो मुझे आज भी याद है. वों अच्छा पढाने के साथ ही घर पर कार्य करने के लिए होमवर्क भी दिया करते थे,. उनके उत्साही तथा विनम व्यक्तित्व के कारण देवीलाल जी मेरे सभी शिक्षकों में मुझे प्रिय है.

essay on my favourite teacher in hindi in 600 words

समाज में गुरु का स्थान -प्राचीन काल में हमारे समाज में गुरु का महत्व सर्वोपरि रहा हैं. गुरु, आचार्य, शिक्षक या अध्यापक ये सभी समानार्थी शब्द हैं.

अध्यापक एक ऐसा कलाकार होता हैं, जो अपने शिष्यों के व्यक्तित्व का निर्माण बड़ी सहजता और कुशलता से करता हैं. हमारे मन के अज्ञान को दूर कर उसमें ज्ञान का आलोक फैलाने वाला गुरु ही होता हैं.

परमात्मा का साक्षात्कार भी गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं. इसी विशेषता के कारण कबीरदास आदि संत कवियों ने गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं.

इसी विशेषता के कारण कबीरदास अदि संत कवियों ने गुरु की सर्वप्रथम वन्दना की और गुरु को ईश्वर से भी बड़ा बताया. वस्तुतः मानव जीवन का निर्माता हमारे समाज और राष्ट्र का निर्माता गुरु या अध्यापक ही होता हैं.

आदरणीय अध्यापक व्यक्तित्व और स्वभाव -मेरे प्रिय अध्यापक का व्यक्तित्व एवं स्वभाव अत्यंत प्रभावशाली हैं. इन अध्यापकजी का नाम ज्ञानप्रकाश शर्मा हैं.

इनका इकहरा बदन, गौर वर्ण, लम्बा कद और सुगठित शरीर, उन्नत नासिका बड़े कर्ण विवर एवं चौड़े कर्ण पुट आदि सभी अंग प्रत्यय प्रभावशाली एवं आकर्षक हैं.

अध्यापक जी हमारे विद्यालय में हिंदी के विरिष्ठ अध्यापक हैं. वे हमेशा धोती और खाकी कुर्ता पहनते हैं. ईश्वर में आस्था रखने वाले सरल आस्तिक हैं.

गुरूजी की वाणी बड़ी मधुर, स्नेहपूर्ण और स्पष्ट हैं. उनका स्थिर दृष्टि से देखना और गम्भीरता से बोलना बड़ा अच्छा लगता हैं.

मेरे अध्यापक जी का बाहरी व्यक्तित्व जितना आकर्षक है, उतना ही अच्छा उनका स्वभाव भी हैं. वे सभी छात्रों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करते हैं.

और छात्रों की बड़ी से बड़ी गलती पर भी क्रोध नहीं करते हैं. अपितु उन्हें क्षमा करके भविष्य में अच्छा आचरण करने को कहते हैं.

गुरूजी विनम्र सत्यवादी और मधुर भाषी हैं. विद्यालय के अन्य अध्यापकों एवं कर्मचारियों के प्रति उनका व्यवहार बहुत अच्छा हैं. उनमें श्रेष्ठ आदर्श अध्यापक के सभी गुण एवं विशेषताएं मौजूद हैं.

मेरे प्रिय अध्यापक का अनुकरणीय जीवन – मेरे प्रिय अध्यापक की दिनचर्या अनुकरणीय हैं. वे प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर नियमित रूप से भ्रमण के लिए जाते हैं.

फिर स्नानादि कर पूजा करते हैं और भोजन करके विद्यालय आ जाते हैं. विद्यालय की प्रार्थना सभा का संचालन वे ही करते हैं. प्रार्थना के बाद पांच मिनट के लिए वे प्रतिदिन नयें नयें विषयों को लेकर शिक्षापूर्ण व्याख्यान देते हैं.

तत्पश्चात वे अपने कालांशों में नियमित रूप से अध्यापन कराते हैं. पाठ का सार बतलाना, उससे संबंधित गृहकार्य देना, पहले दिए गये गृहकार्य की जांच करना, मौखिक प्रश्नोतर करना तथा अन्य संबंधित बातों का उल्लेख करना उनका पाठन शैली की विशेषताएँ हैं.

सायंकाल घर में आकर स्वाध्याय करते हैं. रविवार के दिन वे अभिभावकों से सम्पर्क करने की कोशिश करते हैं. तथा एक आध घंटा समाज सेवा में लगाते हैं. इस तरह अध्यापकजी की दिनचर्या नियमित और निर्धारित हैं.

अध्यापक जी का छात्रों पर प्रभाव – आदरणीय गुरूजी ज्ञानप्रकाश जी शर्मा का नाम सारे विद्यालय और सारे कस्बे में हर कोई जानता हैं.

छात्रों पर उनका काफी प्रभाव दिखाई देता हैं. छात्र उनसे आदरपूर्वक मिलते हैं. अपनी समस्याएं उनके सामने रखते हैं और उनसे शंकाओं का समाधान पाकर संतुष्ट हो जाते हैं.

छात्रों के प्रति गुरूजी का व्यवहार आत्मीयता से पूर्ण रहता हैं. गरीब और असहाय छात्रों की वे भरपूर सहायता करते हैं. वे अतीव अनुशासनप्रिय और सदाचारी व्यक्ति हैं. उनके आदर्श चरित्र से हम सभी प्रभावित रहते हैं.

उपसंहार – गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपणी गोविंद दियो बताय कबीर की इस उक्ति के अनुसार वे हमारे आदरणीय अध्यापक मेरे लिए आदर्श शिक्षक हैं.

और हमें ज्ञान प्रदान करने के साथ साथ सदाचरण के उपदेशक हैं. इन विशेषताओं से वे हमारे लिए सदैव वन्दनीय हैं.

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मेरे शिक्षक पर निबंध (My Teacher Essay in Hindi)

पहले के समय में हमारे देश में शिक्षक को इस तरह का सम्मान दिया जाता था, परन्तु आज के समय में शिक्षक और छात्र दोनो ही बदल गये है। पहले के समय में शिक्षण एक पेशा ना होकर एक उत्साह और एक शौक का कार्य था, पर अब यह मात्र एक आजीविका चलाने का साधन बनकर रह गया है। लेकिन मुझे लगता अभी भी सब कुछ खत्म नही हुआ है। जब भी मैं छात्रों को शिक्षक दिवस मनाते हुए देखता हूँ मैं काफी भावुक हो जाता हूँ और इसके साथ ही काफी प्रसन्न भी महसूस करता हूँ। यह सब देखकर मुझे लगता है अभी भी हमारे दिलो में शिक्षको के लिए विशेष स्थान है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

मेरे शिक्षक पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Teacher in Hindi, Mere shikshak par Nibandh Hindi mein)

मेरे शिक्षक पर निबंध – 1 ( 250 – 300 शब्द).

इस बात से को इनकार नही कर सकता है कि स्कूल के पहले दिन से लेकर कालेज के आखिरी दिन तक वह हमें पढ़ाते है हमारी कमियां खोजते है और हमें शिक्षा देते है। इसके अलावा वह हमारे व्यक्तित्व का भी निर्माण करते है अगर संक्षिप्त में कहे तो वह हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं।

शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माता

वैसे तो कई रिश्ते है जिनका हमारे ह्रदय में विशेष स्थान होता है और मुझे विश्वास है कि उनमें से एक है शिक्षक का रिश्ता जो हमारे लिए सबसे प्रिय है। खासतौर से वह जो हमारे साथ सख्ती से पेश आते थे और हमें गलतियों पर सजा दिया करते थे।

जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है यह नफरत प्रेम में बदल जाता है, क्योंकि हम अपने पेशे में डांट का महत्व महसूस करते है। कबीर दास ने शिक्षक के कार्य को नीचें के पंक्तियो में बखूबी समझाया है।

“गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट, अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट”

उपर के पंक्तियों में कबीर दास जी कहते है कि शिक्षक एक कुम्हार के तरह है और छात्र पानी के घड़े के तरह जो उनके द्वारा बनाया जाता है और इसके निर्माण के दौरान वह बाहर से घड़े पर चोट करता है और इसके साथ ही सहारा देने के लिए अपना एक हाथ अंदर भी रखता है।

इसलिए मैं अपने शिक्षक को इतना प्रेम करता हूँ (खासतौर से उनका जो मुझे ज्यादे डांटते थे)। वो वह व्यक्ति थे जो मेरे भविष्य निर्माण के लिए जिम्मेदार है।

जब मैं एक छात्र था, तब मैं एक अंग्रेजी लेखक बनना चाहता था। जब यह बात मैंने अपने दोस्तो और माता-पिता को बताया तो वह मुझ पर हंसने लगे क्योकि मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। मेरे शिक्षक हमेशा डांटते और सजा दिया करते थे पर मैनें कभी अपना धैर्य नही खोया। यह उनके मार्गदर्शन और मेहनत का फल ही जिससे कि मैं एक अंग्रेजी शिक्षक और लेखक बन पाया। पहले मैं उनके द्वारा मुझसे कड़ाई बरतने पर मुझे काफी बुरा लगता था, पर अब मैं उन्हे धन्यवाद देता हूँ क्योंकि उनके कड़ाई और मेरे उपर किये गये मेहनत का फल मुझे प्राप्त हुआ।

तो आपको भी अपने कड़ाई बरतने वाले शिक्षको की बातो का बुरा नही मानना चाहिए, क्योंकि वह आपको वो बनायेंगे जो आप बनना चाहते हो। दूसरे शब्दो में कहे तो वह आपके भविष्य के निर्माता है।

Meri Teacher par nibandh – 2 (400 शब्द)

यह सच है कि हमारे माता-पिता हमारे पहले शिक्षक है। वह हमें काफी कुछ सिखाते है, इस बात इन्कार नही किया जा सकता है, पर हमारी असली शिक्षा तब शुरु होती है जब हम स्कूल जाते है। जहा हम अपने शिक्षको द्वारा ज्ञान प्राप्त करना शुरु करते हैं। शिक्षक एक व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व

एक शिक्षक एक मार्गदर्शक, गुरु, मित्र होने के साथ ही और कई भूमिकाएं निभाते है, जिनके बारे में हम सोच भी नही सकते है। यह विद्यार्थी के उपर निर्भर करता है, कि वह अपने शिक्षक को कैसे परिभाषित करता है। संत तुलसी दास के ने इसे नीचे के पंक्तियों में बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है।

“जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”

उपर के पंक्तियों में संत तुलसी दास ने बताया है कि भगवान/गुरु एक व्यक्ति को वैसे ही नजर आयेंगे जैसा कि वह सोचेगा। उदहारण के लिए अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण को अपना मित्र मानते थे, वही मीरा बाई भगवान श्रीकृष्ण को अपना प्रेमी ठीक इसी प्रकार से यह शिक्षक के उपर भी लागू होता है।

मेरे नर्सरी शिक्षक – मेरे सब कुछ

मेरे नर्सरी शिक्षक के व्यक्तित्व में कुछ जादू सा था, मैं उन पर आंख मूंदकर भरोसा करता था। मैं उनके साथ के अपने इस रिश्ते को बयान नही कर सकता पर हाँ मैं यह अवश्य कह सकता हूँ कि यह कई रिश्तो का मिश्रण था।

मेरे प्राइमरी (प्राथमिक) शिक्षक – मेरे गुरु

ऐसा कहा जाता है कि एक इमारत की नींव मजबूत हो तो इमारत मजबूत होती है, और व्यक्ति जितने चाहे उतनी मंजिले उसमें जोड़ सकता है लेकिन अगर नींव कमजोर हो तो ऐसा करना काफी खतरनाक होता है। मैं काफी भाग्यशाली था जो मुझे इतने अच्छे प्राथमिक शिक्षक मिले जिन्होंने मेरे जीवन में चरित्र और शिक्षा की नींव रखी और इसी मजबूत नींव के वजह से आज मैं इस मुकाम पर पहूँच पाया हूँ।

मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक – मेरे अनुशासन कर्ता

आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन है वह मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के द्वारा ही दी गयी है। वह मुझे डांटा करते थे, मुझ पर चिल्लाया करते थे और मुझे मेरे सीमा तक पहूँचाते थे। जब मैं विद्यालय में था, तब मुझे उनकी बातो का काफी बुरा लगता था, पर अब मैं इस बात को समझ चुका हूँ कि यह सब उन्होंने मेरे भलाई के लिए किया।

मेरे सेंकडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक – मेरे दोस्त

किसी ने सच ही कहा कि जब बेटे/बेटी के जूते उनके माता पिता या शिक्षक के जूते के बराबर हो जाये तो वह दोस्त बन जाते है। मैं अपनी हर व्यक्तिगत बाते अपने शिक्षको के साथ बांटा करता था, जिससे वह इन बातो में मेरा मार्गदर्शन किया करते थे। यह उनका मार्गदर्शन ही था, जो मैं किशोरावस्था के कई समस्याओं से बच गया।

एक शिक्षक हमारे जीवन में एक अभिनेता की तरह कई भूमिकाएं निभाता है, जो हमारी जीवन में हमारे लिए मददगार साबित होती है। जिनसे हमें एक बेहतर व्यक्ति एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा मिलती हैं।

निबंध – 3 (500 शब्द)

मेरे लिए यह बताना काफी मुश्किल है कि एक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का क्या महत्व है, क्योंकि हम में ज्यादेतर लोगो की वह एक पूरी दुनिया ही होते है। वह लोग काफी सौभाग्यशाली होते है, जिन्हे अच्छे शिक्षक मिलते है।

शिक्षक का हमारे जीवन में महत्व

एक पैदा हुए बच्चे का दिमाग बिल्कुल खाली होता है, हम कह सकते है यह एक खाली स्लेट की तरह होता है और इस स्लेट पर एक शिक्षक जो भी सिखाता है वह उस बच्चे का व्यक्तित्व बन जाता है।

हमें शिक्षा देने वाले

एक शिक्षक का मुख्य लक्ष्य छात्रों को ज्ञान देना होता है। वह अपने छात्रो को सबसे अच्छे तरीके से सीखाने का प्रयास करता है और उनके जरुरत के हिसाब से खुद को ढालता है। इसके साथ ही एक शिक्षक को कई बार काफी कम संसाधनो या बिल्कुल ना के बराबर के संसाधनो के साथ विद्यार्थियों को पढ़ाना होता है जैसे की सरकारी विद्यालयों में जो वाकई में एक चुनौती का कार्य होता हैं।

कई बार एक शिक्षक को अपन वित्तीय जरुरतो को पूरा करने के लिए काफी लम्बे समय तक कार्य करना होता है क्योंकि एक शिक्षक को काफी कम वेतन मिलता है। इसके साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए एक शिक्षक को उस विषय में नोट बनाने और अन्य जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से हम कह सकते है कि एक शिक्षक का कार्य काफी कठिन कार्य होता है।

शिक्षक एक चरित्र निर्माता

किताबी ज्ञान देने के अलावा एक शिक्षक बच्चों को नैतिक ज्ञान भी देते हैं। जो कि कई बार औपचारिक रुप से होता है तो कई बार साधरण रुप से, जब मैं एक बच्चा था तो एक बार मैने अपने एक दोस्त से बिना पूछे उसका रबड़ ले लिया और उसे लौटाना भूल गया। इस पर मेरे दोस्त ने मेरे शिक्षक से जा कर कह दिया कि मैने उसका रबड़ चुराया है। इस बात पर मैं रोने लगा और कहा मैं उससे पूछना भूल गया था, मैंने चोरी नही की, इस बात पर मेरे शिक्षक ने मुझसे कहा की “मैं तुम्हारी बात पर यकीन करता हूँ, लेकिन तुम्हे दूसरे की वस्तु लेने से पहले पूछना चाहिए था” तब से लेकर आज तक उनके इस बताये गए पाठ को मैं कभी नही भूला।

छोटी-छोटी चीजे जो विद्यालयों में सिखायी जाती है, जैसे कि तमीज, झूठ ना बोलना,  हमेशा धन्यवाद और कृपया कहना, कक्षा में आने पर या कुर्सी पे बैठने से पहले आज्ञा लेना आदि, भले ही यह चीजे काफी छोटी प्रतीत होती हो पर मेरा यकीन मानिए यह छोटी चीजे आसानी से परिस्थितियों को तोड़ और जोड़ सकती है।

शिक्षक एक पथ प्रदर्शक और एक गुरु

जब मैं 10वीं कक्षा में था, तो मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे कौन सा विषय चुनना चाहिए विज्ञान या वाणिज्य, मैं जितने लोगो से सलाह लेता उतना ही ज्यादे भ्रमित हो जाता। अंत में इस विषय में मैने अपने शिक्षक से सलाह ली और “उन्होंने मुझसे कहा अपने दिल की बात सुनो तुम्हे अपना उत्तर मिल जायेगा” और वास्तव में मुझे मेरा उत्तर मिल गया।

एक शिक्षक एक दोस्त

मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि कोई व्यक्ति कितना भी प्रतिभासाली क्यों ना हो, अगर वह भावनात्मक रुप से अच्छा नही है तो वह अच्छा प्रदर्शन नही कर सकता है। अगर एक छात्र अपने शिक्षक को अपना मित्र मान ले तो मेरा विश्वास मानिए वह अपने भावनात्मक बाधाओं को आसानी से पार कर जायेगा।

शिक्षक हमारे शुभचिंतक

कुछ व्यक्ति ऐसे होते है, जो आपको कभी धोखा नही देते है। उनमें से एक है आपके शिक्षक, इससे कोई फर्क नही पढ़ता है कि आप उनके विषय में क्या सोचते है वह हमेशा ही आपके शुभ चिंतक रहेंगे।

ऐसा ही एक वाकया मैं आप लोगो के सामने रखना चाहूँगा, जब मैं स्कूल में था। हमारे एक गणित के शिक्षक थे जो हमेशा हमारे साथ काफी कड़ाई के साथ पेश आते थे, वह अक्सर हमे डांटते थे और पिटाई भी किया करते थे। दूसरे शब्दो में कहे तो उन्होंने हमारा जीना मुश्किल कर दिया था। एक दिन इन सब बातो को लेकर हमारा धैर्य जवाब दे गया और हममे उनकी मोटरसाईकल में आग लगा दी, जिसके बाद इस मामले की एफ.आई.आर दर्ज हुई और जब हमारे एक सहपाठी को धमकाया तो उसने कुछ लोगो के नाम बता दिये और जब पुलिस उन लड़को को गिरफ्तार करने आयी तो हमारे गणित के शिक्षक ने अपनी शिकायत वापस ले ली।

हम में से किसी ने भी ऐसा सोचा भी ना था, हम उनके पास गये और उनसे क्षमा मांगी और उनसे पूछा कि उन्होंने अपनी शिकायत वापस क्यों ले ली उन्होंने जो कहा अब वह मैं आपको बताने जा रहा हूँ, उन्होंने कहा “एक विद्यार्थी के रुप में आपसे गलतियां होती है और मेरा काम है उन्हे ठीक करना, लेकिन मैं तुम लोगो को ऐसी सजा नही दे सकता जो तुम्हारा भविष्य खराब कर दे और तुम्हे एक अपराधी बना दे, इसलिए मैने अपनी शिकायत वापस ले ली।” उनकी इस बात पर हम काफी रोये और अपने इस किये के लिए उनसे माफी मांगी, वास्तव में यही शिक्षक का असली चरित्र होता है।

अंत में मैं यहि कहूंगा कि एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें सही मायनों में एक पूर्ण इंसान बनाता है।

निबंध – 4 (600 शब्द)

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, हम एक समय में कई भूमिकाएं निभाते है। जैसे कि हम एक बेटे हो सकते है, या माता, पिता, भाई, पति, दोस्त, बास, कर्मचारी आदि जैसे रिश्तो में एक ही समय पर बंधे हो सकते है। हर एक रिश्ते का क्षेत्र और सही रुप से निर्धारित होता है पर कुछ ऐसे रिश्ते होते है जो काफी जटिल होते है और इन्हे शब्दो में बयान नही किया जा सकता है। देखा जाये तो यह कई रिश्तो का मिश्रण होते है, कुछ ऐसा ही रिश्ता एक छात्र और शिक्षक का भी होता है। इस रिश्ते को परिभाषित करना काफी कठिन है क्योंकि शिक्षक हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण किरदार निभाते है।

शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता

  • एक विशेष रिश्ता (एक नर्सरी के छात्र और उसके शिक्षक के मध्य)

मुझे इस बात का पुरा भरोसा है कि आप सबको भी यही लगता होगा की एक नर्सरी के छात्र का उसके शिक्षक/शिक्षिका के साथ एक ऐसा विशेष संबंध होता है, जिसे परिभाषित नही किया जा सकता है। मेरे पास इसके लिए सिर्फ एक ही शब्द है वो है जादुई, अगर वह मुझसे कुछ करने के लिए कहा करती थी, तो मैं कभी मना नही कर पाता था। एक बार मैंने उनसे मासूमियत से पूछा “मैडम क्या आप मुझे पसंद करती हैं?” इस पर उन्होंने मुझे जवाब दिया कि “हाँ बिल्कुल” उस दिन मुझे काफी प्रसन्न्ता हुई।

एक दिन कुछ कारणों से मैं नाराज हो गया और घर पर खाना नही खा रहा था। मेरे माता-पिता ने हर कोशिश की पर उन्हें कोई कामयाबी नही मिली, अंत में मेरे पिता जी ने मेरे स्कूल टीचर को फोन किया और मुझे उनसे बात करने के लिए कहा। उन्होंने मुझसे कहा कि “धीरेन्द्र………” मैंने तुरंत जवाब दिया “हाँ मैम मैं बिल्कुल भी गुस्सा नही हूँ और अभी खाना खा लूंगा और अपना होमवर्क भी करुंगा………” उनका मुझ पर कुछ इस तरह का प्रभाव था।

अब एक शिक्षक के तौर मैं भी अपने छोटे-छोटे छात्रों के साथ कुछ वैसा ही रिश्ता बनाने का प्रयास करता हूँ। अब इसमें मुझे सफलता मिलेंगी या नही यह चर्चा का विषय हो सकता है, पर मैं अपने तरफ से हमेशा ही एक अच्छा शिक्षक बनने का प्रयास करुंगा।

  • एक आर्मी कैडेट और उसके प्रशिक्षक का रिश्ता

जब मैं छठवीं कक्षा में था तब मैंने एन.सी.सी में शामिल हुआ था। मुझे याद है कि हमारे प्रशिक्षक एक सख्त इंसान थे और हम उन्हे गब्बर पुकारा करते थे। आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन और संघर्षशीलता है वह उन्ही के बदौलत है। उन्होंने हमे बचने के तरीके और कई चीजे सिखायी। हमारे बीच का यह रिश्ता डर पे टिका हुआ था। यह बिल्कुल शोले फिल्म के गब्बर सिंह के आतंक के तरह था।

वह जब भी चिल्लाया करते थे “लड़को क्या तुम भूखो हो?”  हम जवाब दिया करते थे “नही सर”, इसके बाद वह फिर से पूछा करते थे “क्या तुम थके हो” और फिर से जवाब दिया करते थे “नही सर”। अब मैं जब भी थका महसूस करता हूँ मुझे उनकी वह चिल्लाहट याद आ जाती है और मेरा शरीर फिर से स्फूर्ति से भर जाता है।

  • किशोर छात्रों और उनके शिक्षकों के मध्य का रिश्ता

किशोरावस्था का समय जिदंगी का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। सामान्यतः इस समय में शिक्षक और छात्र का रिश्ता समझ, प्रेम और आकर्षण पर टिका होता है। किशोरावस्था के बच्चो को संभालने के लिए एक शिक्षक के लिए यह सबसे जरुरी होता है कि वह काफी परिपक्व हो, नही तो इस बात की ज्यादे संभावना है कि हर चीज उलट-पुलट हो जायेगी।

यह उम्र ऐसी होती है जब मनुष्य के मन में विद्रोह भरा होता है। मेरा मतलब है कि एक किशोर को कोई काम करने से जितना भी रोका जाता है वह उसके प्रति उतना ही ज्यादे ही आकर्षित होता है। इसलिए एक अच्छे शिक्षक के लिए यह काफी आवश्यक है कि कड़ाई भी काफी सोच-समझ करे क्योंकि ज्यादे कड़ाई भी  चीजो को बिगाड़ सकती है।

जब मैं आठवीं कक्षा में था, तो मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। इसलिए मैं सही उत्तर नही लिख पाता था। एक दिन मेरे अंग्रेजी के अध्यापक ने मुझे बुलाया और उनके हाथ में मेरी साहित्य की एक कापी थी मुझे लगा कि आज मुझे फिर से डांट पड़ने वाली है या फिर उससे भी बुरा मेरे माता-पिता को बुलाया जायेगा। लेकिन भगवान का शुक्र था कि ऐसा कुछ भी नही हुआ, उन्होंने मुझसे विनम्रता से मेरी समस्या के बारे में पूछा पर मैं डर के मारे इस विषय में उन्हे कुछ बता नही पाया। जब मुझे लगा कि वह मुझे नही डाटेंगी तब मैने उन्हे अपनी समस्या के बारे में बताया उसके बाद उन्होंने मुझ पर काफी मेहनत की और आज यह उन्हीं के मेहनत तथा मेरे दृढ़ इच्छाशक्ति का नतीजा है, जिससे मेरी अंग्रेजी काफी सुधर गयी। इस पुरे घटना को आपको का बताने का मतलब यह है कि अगर वह मुझे डांटती या सजा देती, तो मुझे इस बात का पूरा भरोसा है परिस्थितियां विपरीत हो जाती।

मैं भी अपने छात्रों के साथ ऐसा ही करने का प्रयास करता हूँ, पर कई बार परिस्थितियां काफी पेचीदा हो जाती है। उदाहरण के लिए, एक बार मेरी एक छात्रा ने मुझसे पुछा “सर मैं आपको कैसी लगती हूँ” इस पर मैने हसते हुए कहा “तुम एक अच्छी लड़की हो।”

अंत में मैं यही कहूँगा की एक शिक्षक और छात्र का रिश्ता दुनिया भर के सबसे अच्छे रिश्तो में से एक है, क्योंकि यह कई रिश्तो का मिश्रण होता है।

Essay on My Teacher

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शिक्षक दिवस पर निबंध

शिक्षक पर निबंध

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – हमें शिक्षकों का आदर इसलिए करना चाहिए क्योंकि वो हमें ज्ञान देते हैं।

उत्तर – शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की सहायता करता है।

उत्तर – हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा था कि ‘शिक्षण एक महान पेशा है’।

उत्तर – जो शिक्षक अपने स्वार्थ के लिए काम नहीं करते और छात्रों की मदद के लिए तैयार रहते हैं वे अच्छे शिक्षक होते हैं।

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Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)

Essay on my teacher ( मेरे अध्यापक पर निबंध ).

Let’s start the Essay on My Teacher.. ..

Outlines of the Essay

  • Introduction ( परिचय )
  • My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा शिक्षक )
  • Her values ( उनका महत्व )
  • My teacher’s best things (मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें)

Conclusion of the Essay ( निबंध का निष्कर्ष )

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Introduction   ( परिचय )

It’s said, there’s no knowledge, no wisdom without your guru . There are books all around the world, we can easily have access to them, but the way and things that a teacher brings closer to our prism of perspective are way too far to compare with anything.

कहा जाता है कि बिना गुरु के किसी ज्ञान, किसी बुद्धिमता का कोई अस्तित्व नहीं होता है। दुनिया भर में हर जगह किताबें उपलब्ध हैं, हम आसानी से उन्हें पा सकते हैं, लेकिन एक अध्यापक जिस तरह से विचारों को हमारे सोचने- समझने के तरीके के सामने रखते हैं, वह अतुलनीय होता है।

Teachers enlighten our minds, closely associated with us remind us of things we could do with our lives, books and potentials. We might read out a thing from the book and completely understand it but that doesn’t suffice the presence of a teacher. We all require someone to guide.

अध्यापक हमारे दिमाग को तेज करते हैं। वे हमारे साथ रहकर हमें उन लक्ष्यों की याद दिलाते हैं जिन्हें हम अपने जीवन, पुस्तकों और क्षमताओं के सहारे पा सकते हैं। हम पुस्तक से किसी चीज़ को तो पढ़ सकते हैं और इसे पूरी तरह से समझ सकते हैं लेकिन एक अध्यापक की मौजूदगी को पूरा नहीं कर सकते है। हम सभी को किसी न किसी के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा अध्यापक )

I have various teachers in school, different teachers for every subject. I like all of them, all of them have a different way of teaching, talking, checking our notebooks and dealing with the subject. There are times I’m scared of telling people that I don’t get a few concepts in Mathematics, but I’m glad that I can go up to my teacher of Maths. He’s a nice person and tells me Maths is a tricky subject, but if I get the trick It would become easier.

मेरे स्कूल में कई अध्यापक हैं, विभिन्न विषयों के लिए विभिन्न अध्यापक हैं। मुझे वे सभी पसंद हैं, उन सभी के पढ़ाने, बातचीत करने, हमारी नोटबुक को चेक करने और किसी विषय के बारे में समझाने का एक अलग तरीका है। कई बार मैं लोगों को यह बताने से डरता हूं कि मुझे गणित (मैथ्स) की कुछ अवधारणाएं (कॉन्सेप्ट्स) नहीं आते, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इसके बारे में जानने के लिए अपने मैथ्स के टीचर के पास जा सकता हूँ। वह एक अच्छे इंसान है और मुझे बताते हैं कि मैथ्स एक ट्रिकी विषय है, लेकिन अगर ट्रिक को समझ लिया जाए तो ये आसान लगने लगेगा।

Out of all the teachers, I like my English teacher the most. Her name is Divya. She is a new teacher in our school. She says, she has taught in many other schools of the city as well. She has come across various work cultures, new students, new people, new school buildings etc. She admits that she loves teaching and doesn’t regret to choose this profession, this is the only thing that doesn’t bore her.

सभी अध्यापकों में से, मुझे अपनी इंग्लिश की अध्यापक सबसे अधिक पसंद हैं। उनका नाम दिव्या है। वह हमारे स्कूल के लिए एक नई अध्यापक है, वह कहती हैं कि उन्होंने शहर के कई अन्य स्कूलों में भी पढ़ाया है, उनका विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों, नए स्टूडेंस, नए लोग, नए स्कूल बिल्डिंग आदि से मिलना हुआ है।वह स्वीकार करती है कि उन्हें पढ़ाना बहुत पंसद है और इस पेशे को चुनने के लिए पछतावा नहीं करती है, यह एकमात्र ऐसी चीज है जो उन्हें बोर नहीं करती है।

She comes up with new poems even out of our texts and explains them to us in great detail. She has got a great sense of humour. She plays games with us in the free period, she is very friendly and doesn’t let the teacher-student relationship barrier hurt the students.

यहाँ तक कि वह हमारे पाठ्यक्रम के बाहर से भी नई कविताओं को लेकर आती हैं और उन्हें हमें विस्तार से समझाती हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है। वह खाली समय में हमारे साथ गेम खेलती हैं, वह बहुत ही मिलनसार हैं और वह शिक्षक और विधार्थी के बीच की दूरी को बनाकर भी हमें सहज महसूस कराती हैं।

Her Nature ( उनका स्वभाव )

She’s very humble, friendly and interactive and that’s why everyone likes her. She accepts all of us with our imperfections as well, with our grammatical mistakes and spelling errors. She’s very open to new opinions and recommendations.

वह बहुत ही विनम्र, मिलनसार, विचार-विमर्श करने वाली (इंटरैक्टिव) हैं और इसी वजह से हर कोई उन्हें पंसद करता है। वह हमें हमारी सभी कमियों के बावजूद स्वीकार करती हैं, ग्रामर की गलतियाँ हों या फिर स्पेलिंग मिस्टेकस । वह नए विचारों और सुझावों का खुले दिल से स्वागत करती हैं।

She says, she has been an ardent reader since school and encourages us to do the same. She tells us that she wants to study more so that she can engage more in teaching and she could then come up with more diverse and better ideas. She says that Education is the most golden tool of growth and encourages us to learn as much as we can, from all the possible sources possible.

वह कहती हैं कि अपने स्कूल के समय से ही वह एक उत्साही पाठक (पढ़ने वाली) रही हैं और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वह हमें बताती हैं कि वह और अधिक पढ़ाई करना चाहती है ताकि टीचिंग के क्षेत्र में और अधिक काम कर सके और फिर ज्यादा विविधता और बेहतर विचारों के साथ पढ़ा सके। वह कहती हैं कि ‘शिक्षा’ विकास के लिए सबसे सुनहरा साधन है और यह हमें सभी मुमकिन स्रोतों (सोर्सज) से जितना संभव हो सके उतना सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

My Teacher’s best things ( मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें )

My Teacher’s best thing is her teaching style, her elegance, her interactivity, her openness to new ideas or thoughts. There are many other great things about her, I’m lucky having found her.

मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी चीज है उनके पढ़ाने का तरीका, उनकी शिष्टता, उनके बातचीत करने का तरीका, नई सोच और विचारों के प्रति उनका खुलापन। उसके बारे में कई अन्य अच्छी चीजें हैं, मैं उनका साथ पाकर भाग्यशाली समझता हूँ।

A teacher has very influential energy to pass with his/her students. Students are generally imitative, they imitate what their teachers do, we similarly follow our teachers’ ideas and paths. They’re true path guiders, their role is very crucial to one’s development and becoming one individual.

एक अध्यापक के पास अपने स्टूडेंटस को देने के लिए बहुत प्रभावशाली ऊर्जा होती है। स्टूडेंट सामान्यतः अनुसरण करने वाले होते हैं, उनके अध्यापक जो भी करते हैं वे उसका अनुसरण करते हैं, हम भी बिल्कुल इसी तरह अपने शिक्षक के विचारों और रास्तों पर चलते हैं। वे सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं, उनकी भूमिका हमारे विकास में और हमारे व्यक्तित्व को बनाने में अति महत्वपूर्ण होती है।

I hope, you like this Essay on My Teacher.

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14 thoughts on “Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)”

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You are my favorite teacher in my life so far i have never seen a teacher like you in my hole life who is completely devoted to her childern even though i have no met you but i consider you my ideal i have got a lot to learn from your video sir i don’t have word to express thanks to you love you sir Amit Negi From Uttrakhand

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आपका आर्टिकल पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा. में अक्सर आपके ब्लॉग के न्यू आर्टिकल्स पढ़ती हूं जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. आपके सभी आर्टिकल से टॉपिक को पूरी तरह से समझने की पूर्ण क्षमता होती है. आप इसी तरह से हमें अपना ज्ञान देते रहे इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

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Dear Shivanee, Thank you so much for your kind words. As well, I personally checked your blogs (essays & history); you are doing a great job. Keep it up. All the best! – Aditya

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Thank you for your help ? I am So happy from Work ?……. Again Thank you So much ?

Thank you for your Help…… I am So happy from your Work….!!!!! Your Essay Reminds me of my English Teacher ………. Thank you So much ??

Anushka Chaudhary From Uttar Pradesh, India

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very nice essay .. thanks for sharing

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This is great for me I am class 8 student

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Bhot achcha

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Thank you sir

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मेरे प्रिय अध्यापक निबंध, लेख, अनुछेद

मेरे प्रिय शिक्षक पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Teacher in Hindi)

#1. [400 words] मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

कक्षा 6 में रश्मि मैम मेरी सबसे प्रिय अध्यापिका है। वह हमें कक्षा में हिन्दी और कम्प्यूटर पढ़ाती है। उनका व्यक्तित्व एकदम अलग है। वह बहुत मोटी है पर स्वभाव से नम्र है। मैं हर साल शिक्षक दिवस पर उन्हें ग्रीटिंग कार्ड देता हूँ। मैं उनके जन्मदिन पर भी उन्हें हमेशा शुभकामनाएं भी देता हूँ। वह कक्षा में पढ़ाई के दौरान मनोरंजन के लिए कुछ चुटकुले भी सुनाती है और कक्षा की ओर हमारा ध्यान खिंचती है। मैं हिन्दी विषय में बहुत अच्छा नहीं हूँ हालांकि, कम्प्यूटर में बहुत अच्छा करता हूँ। वह हिन्दी भाषा को सुधारने में मेरी बहुत मदद करती है। कक्षा लेने के बाद में, वह हमेशा कुछ प्रश्नों के उत्तर खोजने और याद करने के लिए देती है और उन्हें अगले दिन पूछती है।

वह क्म्प्यूटर के बारे में हमारी अवधारणाओं को अधिक निश्चित और स्पष्ट बनाने के लिए हमें कम्प्यूटर की प्रयोगशाला में ले जाती है। वह पढ़ाते समय बिल्कुल शान्ति पसंद करती है। वह कभी भी अपने कमजोर विद्यार्थी को अपने पढ़ाए हुए पाठ के, समझ न आने पर उसे स्पष्ट किए बिना नहीं छोड़ती है। वह सभी को कक्षा में पढ़े गए विषयों को स्पष्ट करती है और हमें उससे संबंधित प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह कभी भी अगला पाठ तब तक शुरु नहीं करती, जब तक कि हम पिछले वाले को पूरी तरह से नहीं समझ लेते हैं। उनका स्वभाव बहुत ही प्यारा और कक्षा के सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखने वाला है। उनकी कक्षा के दौरान कोई भी झगड़ा या लड़ाई नहीं करता है। उन्होंने अपनी कक्षा में बैठने के लिए सप्ताहिक आधार पर रोटेशन बनाया हुआ है, ताकि कोई भी विद्यार्थी कमजोर न रहे। मेरे सभी मित्र उन्हें पसंद करते हैं और उनकी कक्षा में नियमित रुप से उपस्थित रहते हैं।

वह अतिरिक्त समय देने के माध्यम से कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों की सहायता करती है। वह हमारी पढ़ाई से अलग समस्याओं को भी सुलझाती है। वह हमें पढ़ाई से अलग स्कूल में आयोजित खेलों या अन्य प्रतियोगिताओं में भी भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। वह मुस्कुराते हुए चहरे के साथ बहुत अच्छी लगती है और सहायता करने वाले स्वभाव की है। वह स्कूल में आयोजित उत्सवों के कार्यक्रमों; जैसे- गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गाँधी जयंती, शिक्षक दिवस, मातृ दिवस आदि के दौरान हमारी तैयार होने में मदद करती है। कभी-कभी जब पाठ खत्म हो जाता है तो वह हमें पढ़ाई की ओर प्रोत्साहित करने के लिए अपने जीवन के संघर्ष के दिनों के बारे में बताती है। वह बहुत ही मित्रवत व्यवहार की सरल अध्यापिका है। हम उनसे कभी भी नहीं डरते हैं हालांकि, उनका सम्मान बहुत करते हैं।

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध, लेख, अनुछेद 1

#2. [600 words] मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध हिंदी

हमें संसार मे कुछ लोग औरों से बहुत अच्छे लगते है। मानव स्वभाव ही ऐसा होता है। जिससे वो अपने मन मे उनके रहते थोड़ी राहत अनुभव करता है उसके प्रति आकर्षित होता है। और उनकी आवश्यकता अनुभव करता है।

महत्व :- ओर हमारे विद्यार्थी जीवन को बनाने और सँवारने में उसके अध्यापक की भूमिका सबसे बड़ी होती है। कबीर दास जी ने कहा है।

गुरु कुम्हार शिष्य कुम्भ है, गढी-गढ़ी काढ़े खोट, अंतर हाथ सहार दे, बाहर बाहे चोट।

इसका मतलब है। गुरु कुम्हार के समान होता है। जो कच्चे घड़े को आकार देने के लिए उसे अंदर से सहारा देता है। और बहार से हाथ से पिटता है।  ठीक उसी प्रकार अधयापक बाहर से कठोर रहकर भी भीतर से अपने विद्यार्थी के भविष्य की अच्छी कामना करता है।

यही नही हमारे धर्मो , हमारी सभ्यता और संस्कृति में गुरु के महत्व को ईशवर से भी बढ़कर स्थान दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि गुरु के ही द्वारा ईशवर का ज्ञान और दर्शन होता है। इसलिए ईशवर से पहले गुरु पूजनीय होते है। इस प्रकार गुरु की महिमा ईशवर के समान है। इस के लिए कबीरदास द्वारा कहा गया दोहा अत्यधिक प्रचलित माना जाता है।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े,काके लागू पाय,। बलिहारी गुरु आपने,गोविंद दियो बताय।।

मेरे प्रिय अध्यापक का नाम:- मेरी दसवीं क्लास में कई अनेक अधयापक आये पर मेरे संपर्क में मेरे विज्ञान के अध्यापक सचिन दास सर से में बहुत अधिक प्रभावित हुआ हूँ। क्योंकि उनके व्यक्तित्व का प्रभाव और उनके पढ़ाने का तरीका मेरे मन मे गहरा छाप छोड़ता है।

उनकी योग्यता:- पढ़ाने की दृष्टि से उनका कोई जबाव नही है। वो अपने विषय के बारे में इतनी गहराई ओर विस्तार से समझाते है। कि छत्रों को कहि अन्य जगह भटकने की आवश्यकता नही पड़ती । वो एक एक लेसन को बहुत ही अच्छी तरह से समझाकर विषय से हमे परिचित करवा देते है। मुझे उनका पढ़ाना बहुत भाता है।

उनकी महानता:- मेने उन्हें कभी भी क्रोध में उबलते या तीव्र स्वर में किसी भी विद्यार्थी को डांटते हुए नही देखा है। यदि उन्हें किसी की गलती पर क्रोध आ भी जाता है। तो छात्र को पहले आराम से गंभीरतापूर्वक समझाते है। तथा उसे सही गलत के बारे में बताते है। उनकी आँखों की स्नेह और गम्भीरता ही छात्र के लिए डांट का प्रयाय बन जाते है।

समय का महत्व:- उनका मानना है। कि प्रतेक कार्य के  लिए समय को अत्यधिक महत्व देना चाहिए। और वो समय के अत्यंत पाबंद है। कभी भी समय का दुरुपयोग नही करते है। समय पर कक्षा में आते है। तथा अपने विषय को गम्भीरता से पढ़ाते है। सबसे बड़ी बात यह है कि वो केवल अपने विषय तक ही सीमित नही रहते है। विद्यार्थी की अनेक व्यक्तिगत और मानसिक समस्याओं का समाधान भी करते है। मेने उन्हें कभी भी सिगरेट पीते या किसी विद्यार्थी को अपशब्द कहते नही सुना है।

वह केवल एक पुस्तक पढ़ाने में ही विशवास नहीं रखते अपितु उसको प्रैक्टिकल करके भी बताते है। और लिखित कार्य को भी बहुत लगन ओर ध्यान से देखते है। तथा गलतियों का सुधार भी करवाते है।

उपसंहार :- इस प्रकार हमारे प्रिय अध्यापक महोदय सर्वक्षेष्ठ अध्यापको में से एक है। उनका कार्य और गुण न केवल मुझे ही प्रभावित करते है। अपितु पूरे स्कूल के अध्यापक ओर विद्यार्थियों को भी प्रभावित करते है। इस आधार पर हम कह सकते है। कि मेरे प्रिय अध्यापक एक ऐसे आदर्श अध्यापक है, जिन पर हम बहुत गर्व करते है। उनसे हमारा विद्यालय बहुत ही गर्वित ओर हर्षित होता है। इस प्रकार मेरे अध्यापक अत्यंत महान ओर प्रशंसनीय है इनसे निश्चय ही एक सफल और आदर्श बनने की प्रेरणा मिलती है।

#3. [700 words] मेरे प्रिय अध्यापक निबंध इन हिंदी mere priya adhyapak hindi essay

सभी अध्यापकों का व्यवहार मेरे प्रति अच्छा होते हुए भी मुझे अंग्रेज़ी के अध्यापक सबसे अच्छे और प्रिय लगते हैं। इसका एक कारण तो यह हो सकता है कि उनका बाहरी व्यक्तित्व जितना सुन्दर और आकर्षक है, उनकी बोलचाल, व्यवहार और अध्यापन का ढंग भी उतना ही सुन्दर है। वह जो भी पढ़ाते हैं, उसका एक चित्र-सा खड़ा कर विषय को साकार कर देते हैं। उनका पढ़ाया और समझाया गया पाठ छात्र कभी नहीं भूलते। मेरे इन अध्यापक का चेहरा हमेशा एक निर्मल मुस्कान से खिला रहता है। मैंने उन्हें कभी भी कक्षा के बाहर या अंदर बेकार की बातें करते हुए सुना है, न देखा है। उनकी वेशभूषा भी उनके व्यक्तित्व के अनुरूप फबने वाली होती है-एकदम उनके विचारों की तरह सीधी-सादी।

हमारी प्रात:कालीन, साप्ताहिक या मासिक सभाओं में जब कभी वह कुछ बोलने या भाषण देने आते हैं तो बाकी सब कुछ भूलकर छात्र सिर्फ उन्हीं को सुनते हैं। सचमुच, यदि सभी अध्यापक उनके जैसे आदर्श वाले हो जाएँ। तो सभी छात्रों का बहुत भला हो सकता है। और आजकल अध्यापक वर्ग पर जो कई प्रकार के लांछन लगाए जाते रहते हैं, उनका निवारण भी सरलता से संभव हो सकता है।

मेरे प्रिय अध्यापक मृदुभाषी हैं । उनकी मधुर बोली से विद्यार्थी ही नहीं, उनके सहयोगी भी प्रभावित होते हैं । विद्‌यालय में उनका बहुत सम्मान किया जाता है । विद्‌यालय की ओर से जब कभी शैक्षिक भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित होता है वे हमेशा साथ जाते हैं । उनकी उपस्थिति मात्र से ही विद्‌यार्थी सहज और अनुशासित हो जाते हैं । वे विद्‌यार्थियों को शारीरिक दंड देने में विश्वास नहीं रखते । वे हमें कहते हैं-गलतियाँ करो नई-नई गलतियाँ करो उसी से सीखोगे लेकिन एक ही गलती को बार-बार मत दोहराओ । जो एक ही गलती को बार-बार दोहराते हैं वे मूढ़ होते हैं ।

विद्‌यार्थियों के ऊपर इस तरह के प्रेरणादायी वाक्यों का जादू का सा असर होता है ।

ऐसे आदर्श अध्यापक का आशीर्वाद पाकर किसे गर्व नहीं होगा । वे विद्‌यार्थियों के साथ किसी प्रकार का भेद- भाव नहीं करते । सबको समान दृष्टि से देखते हैं । निर्धन तथा मेधावी छात्रों को वे विद्‌यालय की ओर से उचित सहूलियतें दिलवाते हैं । वे विद्‌यार्थियों को स्वास्थ्यप्रद आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं । कक्षा और विद्‌यालय कर सफाई पर भी उनकी दृष्टि रहती है । वे हमें सकारात्मक सोच रखने तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं ।

समाज में गुरु का स्थान-प्राचीन काल में हमारे समाज में गुरु का महत्व सर्वोपरि रहा हैं. गुरु, आचार्य, शिक्षक या अध्यापक ये सभी समानार्थी शब्द हैं. अध्यापक एक ऐसा कलाकार होता हैं, जो अपने शिष्यों के व्यक्तित्व का निर्माण बड़ी सहजता और कुशलता से करता हैं. हमारे मन के अज्ञान को दूर कर उसमें ज्ञान का आलोक फैलाने वाला गुरु ही होता हैं.

परमात्मा का साक्षात्कार भी गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं. इसी विशेषता के कारण कबीरदास आदि संत कवियों ने गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं. इसी विशेषता के कारण कबीरदास अदि संत कवियों ने गुरु की सर्वप्रथम वन्दना की और गुरु को ईश्वर से भी बड़ा बताया. वस्तुतः मानव जीवन का निर्माता हमारे समाज और राष्ट्र का निर्माता गुरु या अध्यापक ही होता हैं.

मेरे प्रिय अध्यापक का अनुकरणीय जीवन– मेरे प्रिय अध्यापक की दिनचर्या अनुकरणीय हैं. वे प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर नियमित रूप से भ्रमण के लिए जाते हैं. फिर स्नानादि कर पूजा करते हैं और भोजन करके विद्यालय आ जाते हैं. विद्यालय की प्रार्थना सभा का संचालन वे ही करते हैं. प्रार्थना के बाद पांच मिनट के लिए वे प्रतिदिन नयें नयें विषयों को लेकर शिक्षापूर्ण व्याख्यान देते हैं.

तत्पश्चात वे अपने कालांशों में नियमित रूप से अध्यापन कराते हैं. पाठ का सार बतलाना, उससे संबंधित गृहकार्य देना, पहले दिए गये गृहकार्य की जांच करना, मौखिक प्रश्नोतर करना तथा अन्य संबंधित बातों का उल्लेख करना उनका पाठन शैली की विशेषताएँ हैं. सायंकाल घर में आकर स्वाध्याय करते हैं. रविवार के दिन वे अभिभावकों से सम्पर्क करने की कोशिश करते हैं. तथा एक आध घंटा समाज सेवा में लगाते हैं. इस तरह अध्यापकजी की दिनचर्या नियमित और निर्धारित हैं.

#4. [800 words] Long Essay- मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध – Hindi Essay on My Favorite Teacher

जिन्दगी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है ,हमारे अध्यापक। अध्यापक ना केवल हमें शिक्षा प्रदान करते है , बल्कि हमारे व्यक्तित्व को निखारते है। हमें जिन्दगी में एक सभ्य नागरिक बनाने का श्रेय अध्यापक को जाता है। अध्यापक विद्यार्थियों के जीवन के मार्ग दर्शक होते है। मेरे प्रिय अध्यापक मेरे हिंदी शिक्षक है । अभी मैं बारहवीं कक्षा में पढ़ती हूँ।

मेरे प्रिय शिक्षक बड़े सरल ढंग से पढ़ाते है। ऐसे पढ़ाते है कि सारा पाठ आसानी से समझ आ जाता है। वह हिंदी विषय को बड़ी सरलता से पढ़ाते है। उनका नाम श्रीमान रवींन्द्र कुमार दुबे जी है। हिंदी व्याकरण संबंधित हर पाठ को उदाहरण के संग आसान तरीके से समझाते है। इसके कारण हमे पाठ पढ़ने में बड़ा मज़ा आता है। कभी भी कुछ समझ ना आये , तो बेझिझक उनसे सवाल पूछ सकते है। कोई भी शंका यानी डाउट हो , तो अध्यापक जी आसानी से उसे दूर कर देते है। वह हमेशा सरल , सहज भाषा का उपयोग करते है , ताकि बच्चो को जल्द समझ आये। इससे लेक्चर बड़ा मज़ेदार हो जाता है। कक्षा में, कठिन कविताओं का भावार्थ उनके पढ़ाने से और अधिक सरल हो जाता है।

वे बहुत ही लम्बे है और उनके मुख पर हमेशा एक मुस्कराहट रहती है। उनमे बहुत संयम है। वे बेहद विनम्र है और सभी से नम्रतापूर्वक बातें करते है। मेरे प्रिय हिंदी शिक्षक कक्षा के अध्यापक भी है। जब भी कक्षा में प्रवेश करते है , वे गंभीरता पूर्वक सबकी उपस्थिति के बारें में पूछते है। वे पढ़ाने के लिए रोचक तरीको का प्रयोग करते है। पहले पूरा पाठ समझाते है और फिर हमसे प्रश्न पूछते है कि हमने पाठ को कितना समझा है।

वह नियमित रूप से हमारी परीक्षा लेते है। जो कक्षा में अच्छा प्रदर्शन करता है , उन्हें कलम या मिठाई देते है। मेरा हिंदी प्रिय विषय है और अक्सर मेरे अच्छे अंक आते है | इसलिए सर मुझे पसंद करते है। सर मुझे हर चीज़ के लिए प्रोत्साहित करते है। उनका आर्शीवाद बना रहा है तो मैं अपनी बारहवीं परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करुँगी। वह छात्रों को उतना ही गृहकार्य देते है , जितना कि वह पूरा कर सके।

वह हमेशा सभी बच्चो को कुछ नया करने की प्रेरणा देते है। किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता और परीक्षा में बच्चो को प्रोत्साहित करते है। क्यूंकि वह सबसे प्रिय अध्यापक है मेरे , इसलिए उनके जन्मदिन और शिक्षक दिवस पर मैं उन्हें गिफ्ट देती हूँ। उनका पाँव छूकर आशीर्वाद लेती हूँ।

परीक्षा में जितनी गलतियां होती है हमसे , वह सभी को बारी बारी से उसे समझा देते है। ऐसा इसलिए कि बाद में चलकर वह एक ही गलती दुबारा ना हो। जब कोई खाली कालखंड होता है , वह थोड़े मज़ेदार और हंसी वाली बातें करते है। वह कभी कभी अपने जिन्दगी के अहम पहलुओं को हमसे साझा करते है।

अध्यापक जी तब तक नया पाठ आरम्भ नहीं करते है , जब तक पुराने पाठ का परीक्षा ना हो जाए | ऐसा इसलिए कि बच्चो को कितना समझ आया , उन्हें अच्छे से पता चलता है | जब वे पढ़ाते है तो कोई भी विद्यार्थी आपस में बात नहीं करते है | सभी मन लगाकर पढ़ते है , क्यों कि उनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा है |मेरे सभी सहपाठी उनका बहुत सम्मान करते है और उनके कक्षा के समय सभी मौजूद रहते है |

हमे पाठ अच्छे से याद रहे , इसके लिए हमारे कक्षा और हिंदी के अध्यापक अक्सर हमसे सवाल पूछते रहते है। वह हमेशा हमे समझकर पढ़ने के लिए कहते है। वह रटने की प्रक्रिया को अधिक पसंद नहीं करते है। वे हमेशा कहते है कि रटने की प्रक्रिया से ज्ञान का विकास नहीं होता है। सर हमेशा सभी बच्चो को समान समझते है। सभी पर बराबर ध्यान देते है |जो पढ़ाई में कमज़ोर होते है , उन्हें अतिरिक्त यानी एक्स्ट्रा क्लास में बुलाकर समझाते है। वे बहुत अनुशासन प्रिय है और समय का महत्व हमेशा हमे समझाते है। सर इतना अच्छा हिंदी पढ़ाते है , कि किसी भी विद्यार्थी को ट्यूशन की ज़रूरत नही होती है। कक्षा में ही बच्चो को सब कुछ समझ आ जाता है।

शिक्षक जी हमेशा सभी उत्सवों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते है। सभी प्रकार के कार्यक्रम जैसे शिक्षक दिवस , गणतंत्र दिवस , गांधी जयंती की तैयारी में सर जी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। यह सभी कार्यक्रम विद्यालय में होते है। कभी भी समय मिला तो वह अपने जीवन से संबंधित अच्छे बुरे अनुभवों को हमेशा साझा करते है। इससे हमे जिन्दगी का सामना कैसे करना है , वह पता चलता है। शिक्षक बच्चो को सही राह चुनने में मदद करते है। सर भी मेरे रोल मॉडल है। वह समस्त विद्यालय के आदर्श अध्यापक है। ऐसे आदर्श अध्यापक कम मिलते है। वह बच्चो को आगे के जीवन के लिए तैयार करते है , ताकि वह एक योग्य जीवन जी सके।

जब वक़्त मिलता है , तब अध्यापक जी पढ़ाई से हटकर , खेल कूद जैसे कार्यक्रम भी आयोजित करते है। सभी विद्यार्थियों के साथ वह घुल मिलकर रहते है। अध्यापक जी हमेशा विद्यार्थियों की मदद करते है। मैं अपने आपको भाग्यशाली मानती हूँ कि ऐसे अच्छे शिक्षक मुझे मिले जो हमारे मार्ग दर्शक है।

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मेरे प्रिय शिक्षक निबंध | My Favorite Teacher essay in Hindi

by Editor January 6, 2019, 2:17 PM 4 Comments

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध | My Favorite Teacher essay in Hindi 

यदि माँ-बाप हमें जन्म देते हैं तो एक गुरु एक शिक्षक हमारे जीवन को सफल बनाते हैं। शिक्षक को ईश्वर से भी ऊंचा माना गया है। हमारा भविष्य एक शिक्षक ही बनाता है अतः उनके इस ऋण को हमें सदैव स्मरण रखना चाहिए। 

मेरे प्रिय शिक्षक पर यहाँ हम आपके लिए हिन्दी निबंध लेकर आए हैं। स्कूल में आपका भी कोई ना कोई प्रिय अध्यापक होगा। अपने प्रिय शिक्षक के बारे में निबंध की तैयारी आप यहाँ कर सकते हैं। 

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (150 शब्द) 

मेरे स्कूल में वैसे तो सभी शिक्षक बहुत अच्छे हैं लेकिन मेरे सबसे प्रिय शिक्षक आशीष सर हैं। आशीष सर ने बीएड तक की पढ़ाई की है और वे हमें हिन्दी विषय पढ़ाते हैं। वे समय के बड़े पाबंद हैं और नियमित समय पर विद्यालय उपस्थित हो जाते हैं। एक शिक्षक का स्वभाव विनम्र, शांत दयावान होना चाहिए वो सभी गुण मुझे उनके अंदर दिखाई देते हैं।

क्लास में पढ़ाते समय वो हमें हर चीज को विस्तार से समझाते हैं और कोई संशय होने पर उसका समाधान भी करते हैं। वे  हमें सदा अच्छी राह पर चलने का संदेश देते हैं और किसी विद्यार्थी के गलती करने पर उसे मारने-पीटने की वजाय उसे प्यार से समझाते हैं और उसे उसकी गलती का एहसास कराते हैं।

एक आदर्श शिक्षक कैसे होना चाहिए वो सभी गुण मुझे आशीष सर में दिखाई देते हैं। मेरे भविष्य को सँवारने में उनका योगदान मैं हमेशा स्मरण रखूँगा।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (200 शब्द) 

एक आदर्श शिक्षक कैसा होना चाहिए इसका जीता-जागता उदाहरण हैं मेरे नवनीत सर। वे मेरे सबसे प्रिय शिक्षक भी हैं। उनका वो शांत स्वभाव, हसमुख चेहरा, विनम्रतापूर्ण व्यवहार और अथाह ज्ञान सभी को आकर्षित करता है। स्कूल में सभी विद्यार्थियों के वो चहेते हैं।

वे हमें कक्षा में अँग्रेजी विषय पर पढ़ाते हैं। अँग्रेजी का उन्हें बहुत अच्छा ज्ञान है। कक्षा में सभी विद्यार्थियों को वे आसान तरीके से पढ़ाते हैं। उनके समझाने का तरीका इतना सरल है की सभी को आसानी से हर बात समझ आ जाती है। उनके विषय का हर विद्यार्थी उत्तीर्ण होता है क्यूंकी वे हर विद्यार्थी पर मेहनत करते हैं।

नवनीत सर पढ़ाई के साथ-साथ हमें और भी अच्छी-अच्छी बातें बताते हैं। उनका मानना है की जीवन के प्रति हमें सदा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और मार्ग की कोई भी चुनौती आए उसका डटकर मुक़ाबला करना चाहिए।

नवनीत सर के जीवन में समय और अनुशासन का बड़ा महत्व है। उनका कहना है की जीवन में समय कभी भी व्यर्थ नहीं करना चाहिए, व्यक्ति को समय का पाबंद होना जरूरी है। साथ ही व्यक्ति का जीवन अनुशासित होना चाहिए।

स्कूल में खेल कूद में वो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और हमें भी यही शिक्षा देते हैं की पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद भी जरूरी है।

नवनीत सर की जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और उनका व्यवहार मुझे बेहद पसंद है और मैं भी उन्हीं की तरह का व्यक्तिव का धनी बनना चाहता हूँ।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (300 शब्द) 

मेरे स्कूल में अनेक शिक्षक और शिक्षिकाएं हैं, जो बच्चों को अलग-अलग विषय का ज्ञान देते हैं। सभी शिक्षक बहुत अच्छे और हम सभी विद्यार्थियों के सम्माननीय हैं। सभी शिक्षकों में मेरे प्रिय शिक्षक उदित सर हैं जिनकी बहुमुखी प्रतिभा के सभी प्रशंसक हैं। उदित सर हमें इतिहास विषय के बारे में पढ़ाते हैं और कक्षा में पढ़ाते समय वे हमें इतिहास का समुचित ज्ञान देते हैं। किसी विद्यार्थी के समझ न आने पर हमारी हर शंका का समाधान भी करते हैं। कक्षा में पढ़ाने के साथ-साथ वे हमें कई अच्छी-अच्छी बातें भी समझाते हैं जैसे की – बड़ों का सम्मान करना, सुबह उठकर धरती के पैर छूना, अपनी गलती पर क्षमा मांगना और विनम्रता पूर्वक व्यवहार करना आदि। वे हमें इतिहास की बातों को समझाने के साथ ही प्रेरक कहानियां और अच्छे व्यक्तित्व वाले लोगों के जीवन के बारे में भी बताते हैं। कक्षा में किसी विद्यार्थी से गलती होने पर वे उसे प्यार से समझाते हैं, तो कभी-कभी डांट भी लगा देते हैं। मार-पीट के वो सख्त खिलाफ हैं।

वे कभी भी अपने विद्यार्थियों में भेदभाव नहीं करते। वे हमेशा विद्यार्थ‍ियों का उत्साह बढ़ाते हैं और खेल-कूद एवं पढ़ाई में समान रूप से ध्यान देने की सीख भी देते हैं।

उदित सर अपने हर विद्यार्थी की कमजोरी और उसकी प्रतिभा का जानते हैं। वे हमेशा हमारी कमजोरी को दूर कर हमारी प्रतिभा को प्रोत्साहित करते हैं। उनके इस प्रोत्साहन का ही परिणाम है, कि हम पढ़ाई के साथ-साथ, खेल-कूद और प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।

वे सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं। गरीब लोगों की मदद के लिए वे हमेशा आगे रहते हैं। स्कूल में ऐसे कई विद्यार्थी हैं जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, ऐसे विद्यार्थियों की वे आर्थिक मदद भी करते हैं।

शिक्षक के बिना किसी शिष्य का जीवन नहीं बन सकता। माता पिता हमें जीवन देते हैं तो एक शिक्षक हमें जीवन जीना सिखाता हैं। मैं उदित सर का हमेशा ऋणी रहूँगा और मेरे हृदय में उनके लिए सदैव उच्च स्थान रहेगा।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (500 शब्द) 

यदि माता-पिता बच्चों में संस्कार का सृजन करते हैं तो एक गुरु उनके भविष्य को संवारता है। गुरु (शिक्षक) का स्थान ईश्वर से भी बड़ा बताया गया है। मेरी स्कूल में भी सभी शिक्षक गुणी और स्वभाव के अच्छे हैं। सभी शिक्षकों में मेरे सबसे प्रिय शिक्षक सावित्री मैडम हैं जो हमें विज्ञान के विषय में पढ़ातीं हैं। उन्होने M.S.C तक की पढ़ाई की है।

वे हर रोज नियमित रूप से विद्यालय आतीं हैं। समय की बड़ी पाबंद हैं सावित्री मैडम इसलिए स्कूल में कभी भी देरी से नहीं पहुंचतीं। स्कूल में सभी के साथ उनका व्यवहार अत्यंत विनम्र है। सभी शिक्षक गण, प्रधानाचार्य और स्कूल में काम करने वाले अन्य कर्मचारी सावित्री मैडम की प्रशंसा करते नहीं थकते, उनकी बातें, व्यवहार और उनके ज्ञान की सभी प्रशंसा करते हैं। उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है कभी भी मैंने उन्हें क्रोध करते नहीं देखा।

अपनी कक्षा में वे सभी विद्यार्थियों के साथ समानता का व्यवहार करतीं हैं। पढ़ाते समय वे हर बात को बड़ी बारीकी से समझातीं हैं और कोई बात अगर समझ में नहीं आती तो उसे पुनः समझातीं हैं। कक्षा के पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों पर मैडम खास ध्यान रखतीं हैं। उनके पढ़ाने का ढंग सबसे अलग है, कठिन से कठिन विषय को बड़ी आसान और सरल भाषा में समझाने का तरीका उन्हें अच्छी तरह से आता है।

सावित्री मैडम बच्चों के साथ मार-पीट करने के सख्त खिलाफ हैं। इसलिए वे कभी भी किसी विद्यार्थी पर हाथ नहीं उठातीं। उनका मानना है हर बच्चे के अंदर कोई ना कोई कला होती है जिसे निखारने की आवश्यकता है।

वे हमेशा हमें यही शिक्षा देतीं हैं की हमारी जिस चीज में रुचि है वही काम करना चाहिए। क्लास में यदि कोई विद्यार्थी गलती करता हैं तो उसे मारने की वजाय मैडम उसे प्यार से उसकी गलती बतातीं हैं और भविष्य में ऐसी गलती ना करने के लिए समझातीं हैं।

सावित्री मैडम पढ़ाने के अलावा भी हमें जीवन के बारे में बहुत अच्छी-अच्छी बातें बतातीं हैं। एक व्यक्ति का जीवन कैसा होना चाहिए, उसकी क्या ज़िम्मेदारी होनी चाहिए ये सारा नैतिक ज्ञान भी हमें वो देतीं हैं।

हमारी मैडम गरीब बच्चों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहतीं हैं। जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते उन्हें वे उन्हें पुस्तक, कपड़े आदि देकर और आर्थिक रूप से मदद भी करतीं हैं। उनका कहना है की देश का हर बच्चा शिक्षित होना चाहिए तभी देश का भविष्य सुरक्षित होगा।

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पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध environmental pollution Essay In Hindi

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध | environmental pollution Essay In Hindi

लोकतंत्र में मतदान का महत्व निबंध  The importance of voting in democracy Essay in Hindi 

लोकतंत्र में मतदान का महत्व पर निबंध

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मेरे शिक्षक पर निबंध 10 lines (My Teacher essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

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My Teacher Essay in Hindi – एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो एक छात्र के जीवन को ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ शिक्षक जीवन की कुछ समस्याओं की कुंजी के रूप में आपकी स्मृति में रहते हैं। एक शिक्षक न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करता है बल्कि नैतिक मूल्यों को भी साझा करता है, और नैतिकता को आत्मसात करता है जो हमारे व्यक्तित्व को एक बेहतर इंसान के रूप में आकार देता है।

छात्रों को सकारात्मकता और नकारात्मकता को संतुलित करने और छात्र के जीवन को आकार देने में बचपन का अधिकतम समय बिताने में मदद करने के लिए एक शिक्षक माता-पिता के साथ आगे आता है। एक शिक्षक एक जीवन बदलने वाला रोल मॉडल है जो आपके विकास के विकास को प्रभावित करता है, महत्वपूर्ण दैनिक मूल्यों को विकसित करता है। वे अपार धैर्य, सहनशीलता और एक चमकदार झिलमिलाती मुस्कान के साथ समाज के निर्माण खंड हैं।

My Teacher Essay in Hindi – शिक्षकों के बारे में प्रासंगिक जानकारी के साथ छात्रों की सहायता के लिए, असाइनमेंट के लिए एक गाइड के रूप में एक लंबा और छोटा निबंध यहां दिया गया है। इसके अतिरिक्त, दस सरल संकेत जो एक बुनियादी दिशानिर्देश प्रदान करते हैं जिस पर कोई व्यक्ति समझ को फ्रेम कर सकता है।

माई टीचर निबंध 10 लाइन्स (My Teacher Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1. शिक्षक वह होता है जो हमें हमारी जीवन यात्रा की ओर ले जाता है।
  • 2. शिक्षक हमें जीवन जीना सिखाता है।
  • 3. मेरे स्कूल में मेरे कई शिक्षक और महोदया हैं।
  • 4. वे सब हमें पढ़ाते हैं और शिक्षा देते हैं।
  • 5. मेरे शिक्षक मेरे दोस्तों की तरह हैं, वे सभी हमसे प्यार करते हैं।
  • 6. हम अपने शिक्षकों के साथ सब कुछ साझा कर सकते हैं।
  • 7. कभी-कभी जब मैं असामान्य हो जाता हूं तो मेरे शिक्षक मुझे डांटते हैं।
  • 8. मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि यह एक अच्छे उद्देश्य के लिए था।
  • 9. वे हमें अनुशासन, शिष्टाचार सिखाते हैं और हमें सही दिशा में ले जाते हैं।
  • 10. शिक्षक छात्रों के जीवन के सबसे अच्छे गुरु होते हैं। इसलिए हमें उनका सम्मान करना चाहिए।

इनके बारे मे भी जाने

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मेरे शिक्षक पर लघु निबंध (Short Essay on My Teacher in Hindi)

My Teacher Essay in Hindi – शिक्षक के बिना विद्यार्थी नहीं रह सकता। जाहिर है, मुझे स्कूल और घर में कई शिक्षकों का साथ मिला है।

मैं किताबों से जो कुछ सीखता हूं, उसे वे पूरी तरह से समझाते हैं। इस प्रकार मुझे विभिन्न विषयों में अच्छा ज्ञान प्राप्त होता है।

वे मुझे व्यक्तिगत रूप से सलाह देते हैं। वे हर तरह से मेरा मार्गदर्शन करते हैं। अक्सर स्कूल में मैं उनकी कंपनी को पूरी तरह से नहीं ढूंढ पाता। लेकिन मैं उनके फुरसत में इसका आनंद लेने का प्रबंधन करता हूं।

मैं स्कूल के अलावा घर पर ही अपने प्राइवेट ट्यूटर्स के यहां पढ़ता हूं। वे मुझे मेरे गृहकार्य करने में मदद करते हैं। मैं उनकी मदद से अपने अध्ययन को संशोधित करता हूं।

कभी-कभी वे मेरी गलतियों के लिए मुझे फटकार लगाते हैं। लेकिन मुझे इससे ऐतराज नहीं है।

मैं अपने शिक्षकों से कई अच्छी आदतें सीखता हूं। वे मुझे जल्दी उठने, स्वच्छता की आदत बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

मेरे शिक्षक निबंध 100 शब्द (my teacher essay 100 words in Hindi)

यदि हम कभी बैठकर अपना आशीर्वाद गिनें, तो हम उस महत्व को नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएंगे जो हमारे जीवन में एक शिक्षक का है या था। शिक्षकों की तुलना अक्सर हमारे समाज के निर्माण खंडों से की जाती है जो हमें ज्ञान और ज्ञान की एक मजबूत नींव रखने में मदद करते हैं, जिस पर हम अपने जीवन और करियर का निर्माण करते हैं। यह सम्मानित पेशा अक्सर दूसरों के बीच सबसे सम्मानजनक में से एक के रूप में गिना जाता है क्योंकि यह शिक्षक हैं जो दूसरों के विकास में काम करते हैं। दूसरों को ज्ञान से समृद्ध करने और उनका मार्गदर्शन करने जैसे व्यक्तित्व गुणों के लिए कोई व्यक्ति स्वभाव से शिक्षक भी हो सकता है न कि पेशे से।

मेरे शिक्षक निबंध 150 शब्द (my teacher essay 150 words in Hindi)

My Teacher Essay in Hindi – शिक्षक पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण प्राणियों में से एक हैं क्योंकि वे छात्रों के व्यक्तित्व को ढालने में मदद करते हैं और उन्हें भविष्य के जीवन के लिए सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। अध्यापन पेशे में, परिदृश्य लगभग किसी भी अन्य प्रतिष्ठित पेशे के समान है, जिसमें अच्छे और बुरे दोनों लोगों की उपस्थिति होती है, लेकिन दुनिया में बहुत कम शिक्षकों पर दुष्ट होने का दावा किया जाता है।

युवा आत्माओं के साथ व्यवहार करते समय शिक्षकों को हमेशा बहुत दयालु और समझदार होना चाहिए क्योंकि उनके खट्टे कार्यों का उन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। शिक्षण के ऐसे कई तरीके हैं जिन्हें शिक्षक पाठ को अधिक रोचक बनाने के लिए अनुकूलित कर सकते हैं। शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उस अवधारणा के बारे में तैयार और आश्वस्त हैं जिसे वे कक्षा में पढ़ाने जा रहे हैं। ऐसी घटनाएं होती हैं जहां शिक्षकों ने दोस्तों या माता-पिता की तुलना में बहुत अधिक मदद की है। इसलिए, हम सभी को अपने शिक्षकों का सम्मान और प्यार करना चाहिए और उन्हें हमेशा अपनी याद में रखना चाहिए।

मेरे शिक्षक निबंध 200 शब्द (my teacher essay 200 words in Hindi)

राष्ट्र के विकास में एक शिक्षक की भक्ति काबिले तारीफ है, क्योंकि अच्छे शिक्षक आवश्यक संपत्ति हैं। शिक्षकों की उपस्थिति प्रागैतिहासिक समाज से रही है। शुरुआत में, जब कोई किसी चीज़ में बहुत अच्छा था, तो दूसरे ने उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें किसी चीज़ के बदले में इसके बारे में सिखाएँ

अधिकांश शिक्षक किसी को भी जरूरत पड़ने पर किसी भी समय मदद करने को तैयार रहते हैं। एक शिक्षक अपने छात्रों में अवधारणाओं के बारे में सफलतापूर्वक जिज्ञासा जगा सकता है और फिर उस ज्ञान की भूख या प्यास को सफलतापूर्वक संतुष्ट भी कर सकता है। एक आदर्श शिक्षक को शिक्षण में कुशल, ईमानदार, अनुशासित, प्रतिभाशाली, विनम्र, मेहनती, कर्तव्यपरायण और ईमानदार होना चाहिए।

शिक्षक छात्रों को डर पर काबू पाने में मदद करते हैं और प्रत्येक छात्र की क्षमता का पता लगाते हैं, कभी-कभी इससे पहले कि वे खुद को जान सकें। शिक्षकों को अक्सर समाज के अभिभावक देवदूत कहा जाता है, क्योंकि उनमें एक मित्र, मार्गदर्शक और दार्शनिक के सभी गुण होते हैं। एक शिक्षक अपने छात्रों की सफलता में अत्यधिक गर्व और व्यक्तिगत सफलता महसूस कर सकता है। एक अच्छा शिक्षक एक छात्र की शैक्षणिक सफलता से परे देख सकता है और उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने का मार्ग खोजने में मदद कर सकता है।

मेरे शिक्षक निबंध 250 शब्द – 300 शब्द (my teacher essay 250 words – 300 words in Hindi)

एक शिक्षक एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके पास दूसरों को सीखने, मार्गदर्शन करने और किसी समस्या को हल करने में मदद करने के लिए सराहनीय कौशल होता है। शिक्षकों के पास उत्कृष्ट संचार कौशल होना चाहिए ताकि छात्र सब कुछ समझ सकें और आसानी से सीख सकें। शिक्षकों के पास उनके पदनाम या जहां वे पढ़ा रहे हैं, के अनुसार कई साख हैं।

हमारे माता-पिता भी, एक हद तक, शिक्षक के रूप में योग्य होते हैं, भले ही वे गैर-पेशेवर होते हैं, लेकिन वे अभी भी हमारा मार्गदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और हमारे पैदा होने से पहले या उससे पहले भी हमारी मदद करने का संकल्प लेते हैं। शिक्षक भी उस अनुभव के साथ बढ़ते हैं जो उन्हें किसी संस्थान में अध्यापन के वर्षों के दौरान मिलता है। शिक्षक कई पीढ़ियों को अपने सामने बढ़ते हुए देखते हैं और कई बार, उनके व्यक्तित्व को गढ़ने में एक महत्वपूर्ण कारक बन जाते हैं।

किसी को आश्चर्य हो सकता है कि एक शिक्षक होना कितना कठिन हो सकता है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि यह कोई आसान काम नहीं है। एक शिक्षक होने के नाते अपने शिक्षण के मामले में कुशल होना और अवधारणाओं को आसानी से समझाने में बहुत अच्छा होना, इसके अलावा, एक शिक्षक के पास प्रत्येक छात्र की प्रगति को समझने और गतिशील शिक्षा के साथ परिवर्तन पर काम करने के लिए जबरदस्त अवलोकन कौशल भी होगा। वर्तमान में प्रणाली।

इसके अलावा, एक शिक्षक होने का अर्थ यह भी है कि आप अपने छात्रों के ज्ञान, और पढ़ाए गए विषय पर दक्षता का परीक्षण करने में सक्षम हों और बाद में उन लोगों की मदद करें जो मूल्यांकन के परिणामों से स्पष्ट रूप से समझ नहीं पाए। इसलिए, हिंदू धर्म में शिक्षकों के महत्व को बेहतर ढंग से व्यक्त करने के लिए, ‘गुरु’ को अक्सर भगवान और माता-पिता के समान आसन दिया जाता है। किसी की सफलता के पीछे हमेशा एक शिक्षक का योगदान होता है।

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मेरे शिक्षक निबंध 500 शब्द (my teacher essay 500 words in Hindi)

माई फेवरेट टीचर यात्रा के मार्ग का मार्गदर्शन और निर्देशन करने के लिए मूल्यवान पाठ प्रदान करते हैं और पूरे स्कूल-जीवन का मार्गदर्शन करते हैं। वे हर छात्र के जीवन में सकारात्मकता और नकारात्मकता का संतुलन हासिल करने का प्रयास करते हैं। हालांकि, एक सिक्के की तरह, शिक्षकों की दो श्रेणियां हैं- सख्त शिक्षक और समझदार शिक्षक। एक समझदार शिक्षक शिक्षण परिदृश्यों में सुधार करता है।

प्रत्येक शिक्षक का सबसे बड़ा अधिकार अपने छात्रों की उपलब्धियां होती हैं जिन्हें वे संजोते हैं। उनका मुख्य लक्ष्य अपने छात्रों को सामान्य समाज और पूरे राष्ट्र में एक व्यक्ति के रूप में हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करना है। देश की भविष्य की उन्नति शिक्षक पर टिकी हुई है कि वह छात्रों को सफल उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार करे। वे महत्वपूर्ण संदेश देते हैं जो आवश्यक जीवन कारकों को प्राप्त करने के लिए परिस्थितियों की जांच करते हैं।

भारत में शिक्षकों के लिए मूल्यवान जीवन-पाठ और प्रेम को मनाने के लिए, हम भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में लगातार 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के वार्षिक उत्सव की सराहना करते हैं। भारत में डॉ. एस. राधाकृष्णन, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, स्वामी विवेकानंद, प्रेमचंद जैसे महान शिक्षक हैं, और कई ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने आगे बढ़ने के लिए मूल्यवान सबक दिए हैं।

शिक्षक महान रोल मॉडल होते हैं जो छात्र के निर्णयों को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत के सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने शिक्षक के कारण एक महान एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में अपना स्थान हासिल किया। पक्षी कैसे उड़ते हैं, इस पर श्री शिव सुब्रमण्यम अय्यर की शिक्षा ने समाज में डॉ कलाम के योगदान को प्रभावित किया।

पुश्तैनी युग के दौरान गुरु को भी गुरु के रूप में संबोधित किया जाता था, जो गुरुकुल प्रणाली के माध्यम से आध्यात्मिक और शैक्षणिक ज्ञान प्रदान करता था, और छात्र ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने गुरु के साथ रहते थे।

एक रोल मॉडल वह व्यक्ति होता है जो कुछ महान हासिल करने की क्षमता को प्रेरित करता है। हर छात्र के जीवन में माता-पिता के बाद शिक्षक सबसे प्रभावशाली व्यक्ति होते हैं। प्रत्येक बच्चा सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से सीखता है। फिर, छात्र का अगला चरण मध्य विद्यालय का शिक्षक होता है, जो आवश्यक किशोर संक्रमणों के माध्यम से छात्रों का मार्गदर्शन करता है। छात्र जीवन से संबंधित कई प्रश्नों के साथ अपनी मध्य विद्यालय यात्रा के माध्यम से युवा वयस्कों के रूप में परिपक्व होते हैं। एक हाई स्कूल शिक्षक छात्र के जीवन के नए चरण के प्रश्नों के लिए मार्गदर्शन और मूल्यों को प्रदान करने में मदद करता है। प्रत्येक शिक्षक की सर्वोच्च संतुष्टि या उपलब्धि यह है कि सम्मान के माध्यम से सफलता प्राप्त करने के लिए छात्रों को बढ़ते हुए देखें।

प्रत्येक छात्र के जीवन के प्रारंभिक चरणों के दौरान शिक्षकों का महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। छोटे छात्र शिक्षकों में अत्यधिक विश्वास रखते हैं और उसी के अनुसार सुनते हैं। यह छात्रों पर शिक्षक के प्रभाव के महत्व को दर्शाता है। जैसे-जैसे कोई बड़ा होता है, और कॉलेज की ओर जाता है, तब शिक्षक मित्र और संरक्षक बन जाते हैं जो जीवन की महान उपलब्धियों के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षक अनजाने में छात्रों को महत्वपूर्ण, मूल्यवान जीवन पाठ प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, जब किसी छात्र को चोट लगती है, तो शिक्षक उसे अस्पताल में सहायता करता है जिससे छात्र सुरक्षित महसूस करता है। वे स्कूल में माता-पिता की भूमिका निभाते हैं।

एक शिक्षक न केवल सलाह देता है, बल्कि समय बढ़ने पर वे विभिन्न भूमिकाएँ भी अपनाते हैं। समय के साथ, वे दुखी होने पर दोस्त बन जाते हैं, चोट लगने पर माता-पिता और महान सलाहकार। इस प्रकार, शिक्षक महान गुरु होते हैं जो एक छात्र के जीवन को प्रभावित करते हैं और उसे आकार देते हैं। उनमें कई विशेषताएं हैं जो प्रत्येक छात्र के जीवन में एक विशेष स्थान रखती हैं।

मेरे शिक्षक निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शिक्षकों के पास कौन से आवश्यक गुण हैं.

शिक्षक एक दयालु, मिलनसार, धैर्यवान, देखभाल करने वाले, सक्षम परामर्शदाता, खुले विचारों वाले और सुलभ जैसे कई गुण रखते हैं।

एक प्रभावी शिक्षक के रूप में किसे माना जाता है?

एक प्रभावी शिक्षक एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित औपचारिक व्यक्ति होता है जो सभी छात्रों को पूरा करता है, शिक्षण अवधि को अधिकतम करता है, छात्रों की निगरानी करता है, अपेक्षाओं का उच्च उत्साह रखता है, और उनकी क्षमता और शिल्प को दर्शाता है।

एक शिक्षक की जिम्मेदारी क्या है?

एक जिम्मेदार शिक्षक दैनिक पाठ योजना तैयार करता है और अपने छात्रों को सभी स्तरों पर शिक्षित करता है। वे अपने छात्रों को होमवर्क, ग्रेड और हर छात्र की प्रगति का दस्तावेजीकरण करते हैं। वे विभिन्न विषयों पर छात्रों को निर्देश देते हैं कि यह सुनिश्चित करें कि उनके छात्र आकर्षक अध्ययन योजनाओं के साथ पहुंचें।

शिक्षक बनने में कितना समय लगेगा?

एक पेशेवर शिक्षक बनने से पहले, जो एक शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाएगा, किसी को स्कूल पूरा करना होगा, फिर तीन या चार साल का कॉलेज, और शायद शिक्षक बनने के लिए दो साल का प्रशिक्षण।

क्या कोई ऐसी तारीख है जो पूरी तरह से शिक्षक दिवस के रूप में पहचानती है?

हाँ वहाँ है। यूनेस्को ने हर साल 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस के रूप में पेश किया जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा सकता है।

क्या अध्यापन पेशा वही है जो बीस साल पहले था?

आपके प्रश्न का उत्तर नहीं है, क्योंकि शिक्षा क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है, और इसी तरह शिक्षण पद्धतियां भी हैं। जब हमारे माता-पिता को शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाता था, तब से लेकर अब तक कई बदलाव हुए।

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Essay on My Favourite Teacher

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Table of Contents

Essay on My Favourite Teacher: There is no doubt that teachers play a significant role in our lives. They are the ones who nurture and shape our minds, helping us to become the best versions of ourselves. They teach us the importance of hard work and discipline, and instill in us a love for learning.

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Without teachers, we would be lost. They are the guides who help us navigate through the challenges of life, and their impact extends far beyond the classroom. They are the unsung heroes who make a difference in the lives of their students every day. Teachers are the foundation of our society, and their importance cannot be overstated. They play a vital role in shaping the future of our world. Thank you, teachers, for everything you do.

In this article, we have come up with some sample formats on essay on favourite teacher. You find both short and long essays on the same here.

Long and Short Essay on Favourite Teacher in English

Below we are giving essay on my favourite teacher for your information and knowledge.

These My Favourite Teacher Essay are written in simple and easy English so that they can be memorized easily and presented when required.

After going through the essays you will be able to describe the qualities of your favourite teacher, why is he/she your favourite and how does s/he has transformed you.

You can use My favorite Teacher essays on occasions like Teachers Day or similar events.

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My Favourite Teacher Essay in 100 words

My favorite teacher is Rajani mam. She is my class teacher too and takes attendance daily in the morning. Teacher is a strict teacher however very funny and caring in nature. She is very disciplined and punctual. She does her all the works and projects related to the class at right time without getting late. I like her very much as she tries very easy ways to teach us good things. We enjoy her class. She teaches us English subject. Teacher makes us laugh by telling lots of jokes in between when she teaches. She also guides us very well during any school or inter-school competition of dance, sports, academic, etc. Teacher teaches us to share things in class among our colleagues such as lunch or other needed things.

 My my Favourite Teacher Essay

My Favourite Teacher Essay 150 words

My favourite teacher is my class teacher. Her name is Nisha Gupta. She takes our attendance and teaches us Hindi, Maths and Art subject. Teacher is well educated and taken higher studies from the Banaras Hindu University. She follows very easy and effective teaching strategies to teach us all the subjects. I never miss her class and attend daily.

I like the way she teaches us as we do not need to study that subject at home again. We become very clear about the topic she teaches us in the classroom. After clearing the concept of topic, she gives us some exercises in the class and also home work for the home. Next day, she asks questions related to the yesterday topic and then start another topic.

In spite of the subjects, she teaches us good ethics and etiquette also to make us strong by character. May be; she will not be our teacher in next class however; her teachings will always be with us and show us way to difficult situations. She is very caring and loving in nature. Teacher has been the gold medalist in the university she got her higher education. She would always be my best teacher.

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My Favourite Teacher Essay 200 words

Ms. Geeta Goswami is my favourite teacher in the school. I study in class 4 th standard and she teaches me EVS (Environmental Studies). She is a good teacher. Teacher cares us a lot and teaches using easy ways. She never takes study very serious and teaches us with entertaining activities. Teacher always comes at right time in the class and never misses her class. We enjoy her class very much as she makes us happy too. Teacher loves me very much as I am her very disciplined and ideal student. I follow her all the orders and do my class work and home work in neat and clean manner daily.

I never become late or absent in her class. She motivates us to always follow right path in the life even we have to face much difficult situations. Teacher tells us that we never become hopeless in difficult situations and search some easy ways to get out of them. She also tells us that never think negative and always think positive as it always happens what we think and do. Teacher describes very well about all the topics of EVS. She wants us to talk in English in her class. She goes to her home with us in the school bus where we enjoy a lot by singing songs and reciting poems in the bus.

Essay on Favourite Teacher in 250 words

My favorite teacher was Mr. Sunil Dutt who taught me English and Maths for 2 years when I was in class 3 rd and 4 th standard. He was from Varanasi however living in the vicinity of the school. Teacher took his higher studies from the Banaras Hindu University. He was very polite and kind in nature. Teacher knew well about how to handle small children in the class. I still remember him for his unique style of teaching.

What he taught to me, I still remember very well as he has made my Maths concepts very clear. Currently I am studying in class 5 th standard however still miss him very much. I meet him occasionally whenever I need to solve some tough questions of my Maths subject. He looks very smart with good physique, sparkle eyes and blond hair. I like his good personality and polite nature.

Teacher always smiled when entered to the classroom and first asked to us about our well-being. He also assisted us in the sports whenever our sports teacher was absent. Teacher has smiling face however very strict in the study. He always punished to the students who were with incomplete home works. Teacher is famous for making lots of fun during the class time however students get good marks in his subjects.

He is a teacher with good skills of teaching, friendly nature, good sense of humor, patient and easygoing. I am one of the obedient students of him. Sometimes he gave us chocolates on doing well in the class tests and exams. He never gave us lots of assignments at home. He is very enthusiastic and also always motivated us for doing our best in the study.

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Take free test

My Favourite Teacher Essay 300 words

Mrs. Rashmi is my favourite teacher of 6 th standard in the school. She teaches us Hindi and Computer subjects in the class. She has very unique personality. Teacher is quite fatty but calm in nature. I always give her a greeting card on the teacher’s day every year. I also wish a good luck on her birthday. She is used to of reciting some jokes in between while taking class in order to make fun and draw our attention towards study. I am not so good in the Hindi subject however do very well in the Computer. She helps me a lot to improve my Hindi language. After taking the class, she always gives some questions to learn and ask for next day.

She takes us to the Computer lab to make us more clear and sure about the Computer. Teacher wants to keep quiet in her class when she teaches. She never leaves her weak students unclear about what she has taught. She makes everyone very clear about any topic and motivates us to ask questions in her class. Teacher never start next topic until we all understand the last one very well. She is very caring and loving in nature as she takes care of all students in the class. No one quarrel or fight in her class. She makes seating rotation of the students on weekly basis so that no one remains weak and unhappy. My all friends like her class and attend daily.

She supports some weak students by giving them over time outside the class. Teacher also helps us to solve the problems other than the study. Teacher promotes us to take part in the sports or other competitions organized in the school. She looks good with her smiling face and supporting nature. She helps us to get prepared for the event celebrations in the school such as Independence Day , Republic Day , Gandhi Jayanti , Teacher’s Day , Mother’s Day , etc. Sometimes, when topics over, she shares with us about her struggle period of the life in order to encourage us towards study. She is very friendly and easygoing teacher. We never fear with her however respect her a lot.

Essay on Favourite Teacher in 400 words

My favorite teacher is my science teacher. Her name is Mrs. Sanjana kausik. She lives near to the school campus. She is the best teacher of school and liked by my all friends as she teaches very well. No one feels boring in her class as she makes some fun also. I like her strategies of teaching in the class. She asks us to go through the topic from home what she will teach in the class next day. Teacher teaches that topic in the class and asks many questions to get clear. She also asks questions about the same topic on next day. In this way, we get very clear about a particular topic. She takes test after teaching two or three topics. Teacher loves the teaching profession and also teaches us with enthusiasm and passion.

She is very friendly to us and never makes us fear from her. We ask her any question related to the subject in the class or her cabin without any fear. Teacher watches the activity of each and every student while teaching in the class and punishes the naughty ones. She tells us to concentrate on the study and always follow things what your teacher says in the class if you really want success in the life. She never makes partiality between weak and brilliant students in the class. Teacher supports a lot to her weak students and requests to brilliant students also to help their weak colleagues. She tells us to be passionate about our study and aim of the life.

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She is very encouraging teacher, encourages us not only in study however also in the extracurricular activities. Teacher cheers personally to the student doing well in the school whether in academic or sports activities. She gives free tuition to her weak students at her home for one hour. Each student does very well in the science subject both in the class tests and exams. She is also the Vice-Principal of the school. So, she performs her all the responsibilities very well. She takes care of the cleanliness and greenery in the school campus.

She never looks serious as she has a smiling face. Teacher keeps us happy in the school like her own kids. She takes care of all the arrangements in the school during any event celebration or competitions organized in the school. She talks to all the students very politely and knows well to handle any difficult situation of the school.

My Favourite Teacher 10 Lines

My Teacher, Mrs. Anaya

  • Mrs. Anaya is my favorite teacher at Sunflower School. Here’s why I like her so much:
  • Every morning, she greets us with a big, warm smile. It makes my day bright!
  • She teaches us Math and English. But she makes it fun, like telling a story.
  • Mrs. Anaya went to a big school called Rosewood University. But she talks to us in simple words, so we understand everything.
  • She doesn’t just teach from books. She tells us to be good people and to be kind to our friends.
  • During break time, many of us stay in the class. We love hearing her tell funny stories.
  • If I don’t understand something, she helps me. She wants all of us to do well.
  • Sometimes, she tells jokes. We all laugh a lot!
  • Mrs. Anaya also tells us to play games and join fun school contests. She claps the loudest when we win!
  • I remember everything she teaches because she is so kind and fun.

I hope Mrs. Anaya is my teacher every year. She is the best!

Take free test

My Favourite Teacher Essay 10 Lines

  • Miss Ruby is my favourite teacher at Green Valley School.
  • She wears pretty dresses and always has a shiny pin in her hair.
  • Her room is filled with colorful charts and funny drawings.
  • Every morning, she sings a hello song with us.
  • Miss Ruby teaches us Science and Drawing.
  • I love when she shows us how plants grow from tiny seeds.
  • She has a big fish tank in our classroom with colorful fish.
  • We all get turns to feed them, and it’s so much fun!
  • During story time, she makes funny voices for each character.
  • If we do our work well, she gives us shiny star stickers.
  • Miss Ruby also reads us stories from big, colorful books.
  • She helps if we find any word hard to read or spell.
  • Sometimes, she plays the guitar, and we all sing along.
  • She tells us to always say ‘please’ and ‘thank you.’
  • Miss Ruby says being kind is the most important lesson.
  • On Fridays, we have a fun quiz, and she gives candies to everyone.
  • I once drew her picture, and she put it on the classroom door.
  • She loves all animals and tells us stories about her cat, Whiskers.
  • Miss Ruby always listens if we have something to say.
  • I hope to be in her class next year too because she makes school the best!

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FAQs on My Favourite Teacher

How do i write about my favorite teacher.

Begin by describing their qualities, teaching style, and how they made an impact on you. Use specific examples or stories to highlight your favorite teacher's unique attributes.

What is your favorite teacher?

Everyone has a different opinion, but a favorite teacher is often one who is caring, understanding, and makes learning engaging.

What is special about my teacher?

What's special about your teacher is their ability to inspire, motivate, and understand each student's unique needs and strengths.

What makes a Favourite teacher?

A favorite teacher possesses qualities like patience, knowledge, enthusiasm, and the ability to connect with students on a personal level.

What is a teacher best line?

A teacher's best line might be something like, I believe in you, which showcases their faith in a student's abilities.

How do I feel special to my teacher?

You might feel special to your teacher when they acknowledge your efforts, give personal feedback, or go the extra mile to help you succeed.

What makes a teacher happy?

A teacher is often happy when they see their students succeed, engage actively in lessons, and show respect and enthusiasm for learning.

Why am I thankful for my teacher?

You might be thankful for your teacher because of the knowledge they impart, the support they provide, and the positive impact they've had on your personal and academic growth.

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My Favourite Teacher Essay

Essay on my favourite teacher for children and students.

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Teacher is a person in our life who provides many important things together with the good education. A teacher means a lot to his/her students. He/she plays extraordinary roles in our lives from the beginning years of development till we get mature. They mould us and our future accordingly in order to make us a responsible citizen of the country. We have provided below some paragraphs, short essays and long essays on my favourite teacher to help students in completing their essay writing task. All the my favourite teacher essay are written very simply. So, you can select any essay on my favourite teacher according to your need and requirement:

Long and Short Essay on My Favourite Teacher in English

My favourite teacher essay 1 (100 words).

My favorite teacher is Rajani mam. She is my class teacher too and takes attendance daily in the morning. She is a strict teacher however very funny and caring in nature. She is very disciplined and punctual. She does her all the works and projects related to the class at right time without getting late. I like her very much as she tries very easy ways to teach us good things. We enjoy her class. She teaches us English subject. She makes us laugh by telling lots of jokes in between when she teaches. She also guides us very well during any school or inter-school competition of dance, sports, academic, etc. She teaches us to share things in class among our colleagues such as lunch or other needed things.

My Favourite Teacher Essay 2 (150 words)

My favourite teacher is my class teacher. Her name is Nisha Gupta. She takes our attendance and teaches us Hindi, Maths and Art subject. She is well educated and taken higher studies from the Banaras Hindu University. She follows very easy and effective teaching strategies to teach us all the subjects. I never miss her class and attend daily. I like the way she teaches us as we do not need to study that subject at home again. We become very clear about the topic she teaches us in the classroom. After clearing the concept of topic, she gives us some exercises in the class and also home work for the home. Next day, she asks questions related to the yesterday topic and then start another topic.

In spite of the subjects, she teaches us good ethics and etiquette also to make us strong by character. May be; she will not be our teacher in next class however; her teachings will always be with us and show us way to difficult situations. She is very caring and loving in nature. She has been the gold medalist in the university she got her higher education. She would always be my best teacher.

My Favourite Teacher Essay 3 (200 words)

Ms. Geeta Goswami is my favourite teacher in the school. I study in class 4 th  standard and she teaches me EVS (Environmental Studies). She is a good teacher. She cares us a lot and teaches using easy ways. She never takes study very serious and teaches us with entertaining activities. She always comes at right time in the class and never misses her class. We enjoy her class very much as she makes us happy too. She loves me very much as I am her very disciplined and ideal student. I follow her all the orders and do my class work and home work in neat and clean manner daily.

I never become late or absent in her class. She motivates us to always follow right path in the life even we have to face much difficult situations. She tells us that we never become hopeless in difficult situations and search some easy ways to get out of them. She also tells us that never think negative and always think positive as it always happens what we think and do. She describes very well about all the topics of EVS. She wants us to talk in English in her class. She goes to her home with us in the school bus where we enjoy a lot by singing songs and reciting poems in the bus.

My Favourite Teacher Essay 4 (250 words)

My favorite teacher was Mr. Sunil Dutt who taught me English and Maths for 2 years when I was in class 3 rd  and 4 th  standard. He was from Varanasi however living in the vicinity of the school. He took his higher studies from the Banaras Hindu University. He was very polite and kind in nature. He knew well about how to handle small children in the class. I still remember him for his unique style of teaching. What he taught to me, I still remember very well as he has made my Maths concepts very clear. Currently I am studying in class 5 th  standard however still miss him very much. I meet him occasionally whenever I need to solve some tough questions of my Maths subject. He looks very smart with good physique, sparkle eyes and blond hair. I like his good personality and polite nature.

He always smiled when entered to the classroom and first asked to us about our well-being. He also assisted us in the sports whenever our sports teacher was absent. He has smiling face however very strict in the study. He always punished to the students who were with incomplete home works. He is famous for making lots of fun during the class time however students get good marks in his subjects. He is a teacher with good skills of teaching, friendly nature, good sense of humor, patient and easygoing. I am one of the obedient students of him. Sometimes he gave us chocolates on doing well in the class tests and exams. He never gave us lots of assignments at home. He is very enthusiastic and always motivated us for doing our best in the study.

My Favourite Teacher Essay 5 (300 words)

Mrs. Rashmi is my favourite teacher of 6 th  standard in the school. She teaches us Hindi and Computer subjects in the class. She has very unique personality. She is quite fatty but calm in nature. I always give her a greeting card on the teacher’s day every year. I also wish a good luck on her birthday. She is used to of reciting some jokes in between while taking class in order to make fun and draw our attention towards study. I am not so good in the Hindi subject however do very well in the Computer. She helps me a lot to improve my Hindi language. After taking the class, she always gives some questions to learn and ask for next day.

She takes us to the Computer lab to make us more clear and sure about the Computer. She wants to keep quiet in her class when she teaches. She never leaves her weak students unclear about what she has taught. She makes everyone very clear about any topic and motivates us to ask questions in her class. She never start next topic until we all understand the last one very well. She is very caring and loving in nature as she takes care of all students in the class. No one quarrel or fight in her class. She makes seating rotation of the students on weekly basis so that no one remains weak and unhappy. My all friends like her class and attend daily.

She supports some weak students by giving them over time outside the class. She also helps us to solve the problems other than the study. She promotes us to take part in the sports or other competitions organized in the school. She looks good with her smiling face and supporting nature. She helps us to get prepared for the event celebrations in the school such as Independence Day, Republic Day, Gandhi Jayanti, Teacher’s Day, Mother’s Day, etc. Sometimes, when topics over, she shares with us about her struggle period of the life in order to encourage us towards study. She is very friendly and easygoing teacher. We never fear with her however respect her a lot.

My Favourite Teacher Essay 6 (400 words)

My favorite teacher is my science teacher. Her name is Mrs. Sanjana kausik. She lives near to the school campus. She is the best teacher of school and liked by my all friends as she teaches very well. No one feels boring in her class as she makes some fun also. I like her strategies of teaching in the class. She asks us to go through the topic from home what she will teach in the class next day. She teaches that topic in the class and asks many questions to get clear. She also asks questions about the same topic on next day. In this way, we get very clear about a particular topic. She takes test after teaching two or three topics. She loves the teaching profession and teaches us with enthusiasm and passion.

She is very friendly to us and never makes us fear from her. We ask her any question related to the subject in the class or her cabin without any fear. She watches the activity of each and every student while teaching in the class and punishes the naughty ones. She tells us to concentrate on the study and always follow things what your teacher says in the class if you really want success in the life. She never makes partiality between weak and brilliant students in the class. She supports a lot to her weak students and requests to brilliant students also to help their weak colleagues. She tells us to be passionate about our study and aim of the life.

She is very encouraging teacher, encourages us not only in study however also in the extracurricular activities. She cheers personally to the student doing well in the school whether in academic or sports activities. She gives free tuition to her weak students at her home for one hour. Each student does very well in the science subject both in the class tests and exams. She is also the Vice-Principal of the school. So, she performs her all the responsibilities very well. She takes care of the cleanliness and greenery in the school campus.

She never looks serious as she has a smiling face. She keeps us happy in the school like her own kids. She takes care of all the arrangements in the school during any event celebration or competitions organized in the school. She talks to all the students very politely and knows well to handle any difficult situation of the school.

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