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भारत के 7 महान वैज्ञानिक जो है पूरी दुनिया में मशहूर

March 26, 2017 By Surendra Mahara 14 Comments

भारत के 7 महान वैज्ञानिकों की सूची – Top 7 Greatest Indian Scientists in Hindi

Top 7 great indian scientists info in hindi.

हमारे देश में समय – समय पर ऐसे महान लोगो (Greatest Persons) ने जन्म लिया है जिन्होंने हमारे देश का नाम पूरे विश्व में ऊँचा किया है. इन महान लोगो ने न सिर्फ भारत को बल्कि पूरे विश्व को अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है.

ऐसे ही महान लोगो में शुमार है हमारे देश के 7 प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक (Top 7 Great Indian Scientists), जिन्होंने विज्ञान (Science) के क्षेत्र में इस दुनिया को नयी खोज दी.

इस Article में हम आपके साथ उन 7 महान वैज्ञानिको के बारे में जानकारी दे रहे है, जो अपनी Telent के कारण पूरे विश्व में मशहूर है.

Top 7 Greatest Indian Scientists in Hindi

             Great Indian Scientists

1. चंद्रशेखर वेंकट रमन (C. V. Raman) –

   C. V. Raman

भौतिकी में नोबेल पुरस्कार ( Nobel Prize ) पाने वाले सर चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर में 7 नवम्बर सन 1888 को हुआ था.

इनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर व माता का नाम पार्वती अम्मा था। रमन के पिता भौतिक विज्ञान व गणित के टीचर थे जिस कारण उनकी कई किताबें रमन ने पढना शुरू कर दिया.

जिसका फल इन्हें आगे जाकर मिला और इन्होने स्पेक्ट्रम (Spectrum) से संबंधित रमन प्रभाव (Raman effect) का आविष्कार किया. इसी के चलते इन्हें सन 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला. 

भारत सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ भारत रत्न ’ दिया. साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भी उन्हें प्रतिष्ठित ‘लेनिन शांति पुरस्कार’ से सम्मानित किया.

सर रमन ने प्रमुख रूप से प्रकाश के प्रकीर्णन, रमण प्रभाव, तबले और मृदंगम के संनादी (हार्मोनिक) की प्रकृति की खोज की. बेंगलुरू में सर सी. वी रमन ने रमन रिसर्च इंस्टीटयूट की स्थापना की.

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2. हरगोविंद खुराना (Har Gobind Khorana) –

  Har Gobind Khorana

चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ हरगोविंद खुराना को जीन की संश्लेषण (Gene Synthesis) के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है.

इसका जन्म 9 जनवरी 1922, रायपुर, मुल्तान (अब पाकिस्तान में) में हुआ था.

हरगोविंद खुराना का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था पर हरगोविंद खुराना ने हमेशा ही अपनी पढाई पर ध्यान दिया.

जेनेटिक कोड को समझने और प्रोटीन संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सन 1968 में डॉ खुराना को चिकित्सा विज्ञान का नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया.

यह पुरस्कार डॉ खुराना को दो अमेरिकी वैज्ञानिकों डॉ. राबर्ट होले और डॉ. मार्शल निरेनबर्ग के साथ साझा दिया गया. इनको बताया था की डी. एन. ए. प्रोटीन्स का संश्लेषण किस प्रकार से करता है.

अमेरिका ने उन्हें ‘नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंस’ की सदस्यता भी प्रदान की है. इनका निधन 9 नवम्बर 2011 को हुआ.

3. सुब्रमण्‍यम चंद्रशेखर (Subrahmanyan Chandrasekhar) –

   Subrahmanyan Chandrasekhar

सन 1983 में भौतिकी में नोबल पुरस्कार से सम्मानित बीसवीं सदी के महानतम वैज्ञानिकों में शुमार सुब्रमण्‍यम चंद्रशेखर का जन्म 10 अक्टूबर सन 1910 को लाहौर में हुआ था.

सुब्रमण्‍यम चंद्रशेखर को तारों पर की गयी अपनी खोज के लिये जाना जाता है. इन्होने खगोलशास्त्र, भौतिकी और मैथ के क्षेत्र में बहुत ही बेहतरीन कार्य किये.

सुब्रमण्‍यम चंद्रशेखर भारत के महान वैज्ञानिक व नोबल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन के भतीजे थे.

इन्होने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने माता – पिता से ही ली तथा बारह वर्ष में हिन्दू हाई स्कूल में एडमिशन लिया.

इन्होने भौतिकी में स्नातक की डिग्री सन 1930 में पूरी की और आगे की पढाई के लिए इंग्लैंड चले गये. चन्द्रशेखर ” चंद्रशेखर लिमिट ” की खोज के लिए हमेशा ही याद रखा जाए. इनकी मृत्यु 21 अगस्त सन 1995 को हुई.

4. ए. पी. जे. अब्‍दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) –

     Dr. A.P.J. Abdul Kalam

मिसाइल मैन (Missile Man) के नाम से प्रसिद्ध और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए. पी. जे. अब्‍दुल कलाम का जन्म 15 October सन 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था.

सन 1962 में डॉ कलाम ‘ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ‘ में शामिल हुए.

डॉ कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह (एस.एल.वी. तृतीय) प्रक्षेपास्त्र बनाने का श्रेय दिया जाता है. इनके प्रयासों के कारण ही भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन पाया.

सन 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में इनकी प्रमुख भूमिका थी. डॉ. कलाम ने स्वदेशी लक्ष्य भेदी (गाइडेड मिसाइल्स) को डिजाइन किया था व अग्नि एवं पृथ्वी जैसी मिसाइल्स को सिर्फ स्वदेशी तकनीक से बनाया.

डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को समाज व देश के लिए किये गये अपने सराहनीय कार्यो के लिए कई पुरस्कार मिले जिसमे भारत सरकार द्वारा दिए गये भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न, पद्म भूषण व पद्म विभूषण शामिल है. इनका निधन 27 जुलाई सन 2015 को शिलोंग, मेघालय में हुआ.

5. जगदीश चंद्र बसु (Jagdish Chandra Basu) –

   Jagdish Chandra Basu

डॉ॰ जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर सन 1858 को बंगाल में हुआ था.

सर जगदीश चंद्र बोस को भारत के प्रमुख वैज्ञानिको में गिना जाता है. इन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का बहुत ज्यादा ज्ञान था.

बोस पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया और वनस्पति विज्ञान में कई महत्त्वपूर्ण खोजें की.

इन्होने अपने स्नातक की शिक्षा ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रान्त में सेन्ट ज़ैवियर महाविद्यालय, कलकत्ता से की.

चिकित्सा की शिक्षा लेने के लिए बोस लन्दन विश्वविद्यालय गये लेकिन वहां स्वास्थ्य बिगड़ जाने के कारण वे भारत लौट आये.

भारत आने के बाद उन्होंने प्रेसिडेंसी महाविद्यालय में भौतिकी के प्राध्यापक का पद संभाला और साथ में वैज्ञानिक प्रयोग करते रहे.

इन्होने इसके बाद एक यन्त्र क्रेस्कोग्राफ़ का आविष्कार किया जिससे विभिन्न उत्तेजकों के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया का अध्ययन किया. जिससे इन्होने यह खोजा की वनस्पतियों और पशुओं के ऊतकों में काफी समानता होती है.

वे सर बोस ही थे जिन्होंने पहली बार इस दुनिया को बताया की पौंधों में भी जीवन होता है. डॉ॰ जगदीश चंद्र बोस को रेडियो विज्ञान व बंगाली विज्ञान कथा-साहित्य का पिता माना जाता है. इनकी मृत्यु 23 नवंबर सन 1937 को हुई.

Read Full Biography Of Jagdish Chandra Basu

6. होमा जहाँगीर भाभा (Homa Jahangir Bhabha) –

    Homa Jahangir Bhabha

होमी जहांगीर भाभा भारत के महान परमाणु (Atom) वैज्ञानिक थे जिन्हें भारत के परमाणु उर्जा कार्यक्रम का जनक कहा जाता है.

वे भाभा ही थे जिनके प्रयासों के कारण ही भारत आज विश्व के प्रमुख परमाणु संपन्न देशों में शामिल है.

होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर सन 1909 को मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था. होमी जहांगीर भाभा ने कॉस्केट थ्योरी ऑफ इलेक्ट्रान का प्रतिपादन किया व इसके साथ ही कॉस्मिक किरणों पर भी काम किया जो पृथ्वी की ओर आते हुए वायुमंडल में प्रवेश करती है.

उन्होंने ‘टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ फंडामेंटल रिसर्च’ (टीआइएफआर) और ‘भाभा एटॉमिक रिसर्च सेण्टर’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

वे भाभा ही थे जिन्होंने मुम्बई में भाभा परमाणु शोध संस्थान (Bhabha Atomic Research Institute) की स्थापना की थी. भाभा की एक विमान दुर्घटना में 24 जनवरी, 1966 को मृत्यु हो गई.

Read Full Biography Of Homa Jahangir Bhabha

7. बीरबल साहनी (Birbal Sahni) –

    Birbal Sahni

भारत के बेस्ट पेलियो-जियोबॉटनिस्ट (Paleo-Jiobotnist) डॉ बीरबल साहनी का जन्म 14 नवम्बर 1891 में शाहपुर जिले (अब पाकिस्तान में) के भेड़ा नामक गॉव में हुआ था. इनके पिता का नाम प्रो. रुची राम साहनी था.

इनके पिता एक शिक्षा शास्त्री, विद्वान और समाज सेवी थे जिन्होंने बचपन से ही बीरबल के अंदर विज्ञान को बढ़ावा दिया.

डॉ बीरबल साहनी एक भारतीय पुरावनस्पती वैज्ञानिक बने, जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के जीव अवशेषों का अध्ययन किया और इस क्षेत्र में बहुत सफलता पाई.

डॉ बीरबल ने लखनऊ में ‘बीरबल साहनी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पैलियोबॉटनी’ की स्थापना की. पुरावनस्पति के क्षेत्र में इनका योगदान बहुमूल्य है. बीरबल साहनी की ख्याति पूरे विश्व में है.

Read Full Biography Of Birbal Sahni

दोस्तों ! हमें उम्मीद है की भारत के 7 महान वैज्ञानिको के बारे में लिखी गयी यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी. भारत के और महान लोगो की जीवनी पढने के लिए Click करे : महान लोगो की जीवनी का विशाल संग्रह

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January 6, 2021 at 11:11 pm

Ihe information is short and enough really good info. 👍

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May 1, 2020 at 6:59 pm

A.P.J Abdul kalam sir is my favorite

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December 4, 2019 at 9:26 pm

8nambarhamra hoga

December 4, 2019 at 9:21 pm

Namsskar Sar mera nam Surya pratap singh ma farst Ham apni india ke Lia do A P J abdoul klaam ji ki thry new karnaama krna chate he

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Home » Essay Hindi » विज्ञान का महत्व पर निबंध | Essay On Science In Hindi

विज्ञान का महत्व पर निबंध | Essay On Science In Hindi

इस लेख Long Essay On Science In Hindi Language में विज्ञान का महत्व पर निबंध और विज्ञान अभिशाप या वरदान को बताया गया है। विज्ञान वर्तमान में हमे अपने आगोश में समेटे हुए है। भविष्य की बुनियाद भी विज्ञान पर ही टिकी हुई है। विज्ञान को बदलने का हुनर वैज्ञानिकों में है। पिछले 100 सालों में मनुष्य जीवन में काफी बदलाव आए है।

नित नए आविष्कारों के चलते हमारी जीवनशैली बदली है। अगर हमारे जीवन में विज्ञान की मौजूदगी देखे तो यह हर जगह है। आज का युग विज्ञान का युग है। मानव की धरती पर प्रथम मौजूदगी से लेकर आज तक विज्ञान ने मानव जीवन मे कई परिवर्तन किए है।

आदिमानव की जीवनशैली और आधुनिक मानव की जीवनशैली में रात दिन का अंतर है। यह विज्ञान ने ही सम्भव किया है। जिस चीज का हम उपयोग करते है उसमें विज्ञान है। विज्ञान का महत्व पर निबंध ( Essay Importance Of Science In Hindi Language For Class 6, 7, 8, 9, 10 ) विद्यार्थीओ के लिए बेहद उपयोगी है।

विज्ञान का महत्व पर निबंध – Essay On Science In Hindi

विज्ञान (Science) ने दुनिया के हर क्षेत्र में अपने पैर पसारे है। चाहे वो चिकित्सा का क्षेत्र हो या फिर अंतरिक्ष का क्षेत्र हो, विज्ञान हर जगह है। पुराने समय मे अगर कोई यह कहता कि इंसान ऊंचे आकाश में उड़ेगा, तो उसे हंसी का पात्र बनाकर मूर्ख कह दिया जाता था। परन्तु विज्ञान ने यह सम्भव कर दिखाया और हम आज हवाई जहाज को उड़ते हुए देखते है।

विज्ञान अपने आप उत्पन्न नही हुआ है। मनुष्य ने जरूरत के मुताबिक विज्ञान को सम्भव किया है। विज्ञान के पीछे एक क्रमिक विकास है। मनुष्य को जिस चीज की जरूरत हुई जो उसके कार्य को आसान बना दे। उसका आविष्कार और खोज मनुष्य ने की है। कहा जा सकता है की विज्ञान की खोज मनुष्य ने की है।

हम हमारे आसपास जो भी उपकरण देखते है वो सब विज्ञान की देन है। जिस मोबाइल से आप यह ब्लॉग आर्टिकल पढ़ रहे है वो भी विज्ञान का एक आविष्कार है। वैज्ञानिकों ने मानव जीवन को आधुनिक बनाने के लिए कई आविष्कार किये है। कुछ आविष्कारों ने मनुष्य जीवन में अच्छा बदलाव किया तो कुछ ने विध्वंसक परिणाम दिए है। हवाई जहाज, टेलीविजन, मोबाईल जैसे विज्ञान के चमत्कारों ने मनुष्य जीवन पर अच्छा प्रभाव डाला है।

  • यह भी पढ़े – टेलीविजन का आविष्कार किसने किया?

परमाणु बम भी एक वैज्ञानिक आविष्कार ही है लेकिन यह मानवता को धरती से समाप्त कर सकता है। हिरोशिमा और नागासाकी पर अमेरिका ने एटम बम गिराए थे जिससे जापान के दोनों शहर तबाह हो गए थे। इस तरह से हम कह सकते है कि विज्ञान वरदान और अभिशाप दोनों ही है।

विज्ञान का महत्व (Importance Of Science In Hindi)

विज्ञान Science के क्षेत्र में पिछले 100 सालों से काफी तरक्की हुई है। वैज्ञानिकों ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किये है जिनसे दैनिक जीवन में क्रांति आयी है। विज्ञान ने हमारे कई अंधविश्वासों को दूर किया है और कई सच्चाइयों को हमारे सामने लाया है।

1. संचार में विज्ञान का महत्व

पुराने जमाने में लोग आपस में बात करने के लिए पत्र लिखा करते थे। इन पत्रों को कबूतर के द्वारा भेजा जाता था। इसके बाद डाकिये ने हमारा यह कार्य किया। विज्ञान की तरक्की के साथ कम्युनिकेशन में भी आधुनिकता आयी। टेलीफोन के विकास के साथ ही लोगो को सन्देश पहुंचाना आसान हो गया। उसके बाद आये मोबाइल फोन ने तो क्रांति ला दी। कही से भी कभी भी किसी से भी बात करने का आसान जरिया हो गया।

रेडियो का आविष्कार भी विज्ञान का चमत्कार ही था। दुनिया में कही पर कुछ भी घटित होता है तो वह हमें न्यूज़ चैनल्स और इंटरनेट के माध्यम से मालूम पढ़ जाता है। पहले के जमाने में खबरे काफी मुश्किल से पहुंचा करती थी। आज हम दूर बैठे किसी को भी लाइव देख सकते है। क्रिकेट मैच का लाइव प्रसारण इसका एक उदाहरण है।

2. इंटरनेट और कंप्यूटर में विज्ञान

कंप्यूटर भी विज्ञान की एक बड़ी उपलब्धि है। कंप्यूटर ने कई कामो को आसान बना दिया है। किसी भी तरह का डॉक्यूमेंट बनाना हो, एक्सेल शीट बनानी हो या फिर प्रेजेंटेशन बनाना हो, कंप्यूटर के माध्यम से सब आसान है। इंटरनेट का आविष्कार भी विज्ञान की एक बहुत बड़ी क्रांति है। इंटरनेट के माध्यम से सन्देश को ईमेल के माध्यम से, व्हाट्सएप के जरिये या किसी भी चैट सेवा के जरिये भेजना और भी आसान हो गया है। वीडियो कॉलिंग के जरिये फेस टू फेस बात करना भी बहुत आसान है।

3. चिकित्सा में विज्ञान का महत्व

चिकित्सा के क्षेत्र में हुए आविष्कारों ने इस क्षेत्र में क्रांति लाने का कार्य किया है। कई प्रकार के रोगों को खत्म करने के लिए विज्ञान में काफी खोजे की गई और नई प्रकार की कारगर दवाइयां बनाई गई। पेनिसिलिन का आविष्कार इस क्षेत्र में पहला कदम था। यह एक एंटीबायोटिक औषधि थी। अंग प्रत्यारोपण का कार्य विज्ञान ने सम्भव कर दिखाया है।

एक्स रे , ईसीजी, एमआरआई जैसी जांच विज्ञान से सम्भव हुई है। कैंसर जैसे गम्भीर रोगों में शल्य चिकित्सा विज्ञान के द्वारा ही सम्भव हो पाई है। प्लेग, हैजा जैसी महामारियों से लाखों लोग मारे जाते थे लेकिन मेडिकल क्षेत्र में की गई खोजो से इनका इलाज संभव हो पाया है। विज्ञान की मदद से इन्सान ने वर्ष 1978 में लुइस जॉय ब्राउन नामक टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिया।

4. पुराने समय में किसी भी प्रोडक्ट को बनाने में समय और मेहनत ज्यादा लगती थी लेकिन आज कम समय और मेहनत में उसी कार्य को आसानी से मशीनों की सहायता से किया जा सकता है। उद्योगों में मशीनरी का प्रयोग विज्ञान की वजह से ही सम्भव हो पाया है।

5. वर्तमान में सभी विद्युत उपकरण विद्युत की मदद से वर्क करते है। बेंजामिन फ्रेंकलिन ने विद्युत की खोज की थी। इसकी खोज के बाद विज्ञान में नए आयाम स्थापित हुए थे। इलेक्ट्रिसिटी को विज्ञान का चमत्कार भी कहे तो कम नही है। चाहे टेलीविजन हो या फैन हो बिना विद्युत के इनका कोई कार्य नही है।

6. पुराने समय में लोग रोशनी के लिए दिये और लालटेन का उपयोग करते थे। थॉमस एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया था जिसने रात को रोशनी से ढक दिया गया। बर्फ जमाने के लिए रेफ्रिजरेटर, कपड़े धोने के लिए वॉशिंग मशीन, मनोरंजन के लिए टीवी, गर्मी से बचने के लिए कूलर जैसे उपकरणों ने घरेलू कार्यो को आसान कर दिया है। पहले खाना बनाने के लिए चूल्हा जलाया जाता था। आज के समय में गैस की सहायता से खाना बनाया जाता है।

7. पुराने समय में लोग आवाजाही के लिए ऊंट गाड़ी, बैल गाड़ी, घोड़ा गाड़ी का इस्तेमाल किया करते थे। इसके बाद साइकिल का आविष्कार हुआ जिससे यात्रा करना और आसान हो गया। इंजन लगाकर कार का आविष्कार किया गया। इससे दो जगहों के बीच में दूरियां सिमट गई। रेलगाड़ी का आविष्कार भी इस क्षेत्र में विज्ञान का बहुत बड़ा कदम था।

पहले यात्रा करने में कई दिन और महीने लग जाते थे। आज कुछ घण्टो और दिनों में किसी भी जगह पहुंचा जा सकता है। हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर के आविष्कार ने विज्ञान के क्षेत्र में क्रांति का काम किया। एक देश से दूसरे देश कुछ घण्टो में पहुंचना मुमकिन हुआ।

विज्ञान एक वरदान पर निबंध – Long Essay On Science In Hindi Language

1. आज के समय में विज्ञान ने अथाह उन्नति कर ली है। मनुष्य मंगल ग्रह पर जाने का प्लान कर रहा है। ब्रह्मांड के बारे में जानना आसान हो गया है। वर्ष 1969 की 20 जुलाई के दिन मनुष्य ने चांद की धरती पर कदम रखा था। विज्ञान की बदौलत ही ऐसे यान का आविष्कार हो सका जो चांद पर जा सके।

2. धरती गोल है, यह उत्तर विज्ञान से ही सम्भव हो पाया है। कोपरनिकस ने धरती गोल है कि पहेली को सुलझाया था। गणित की वजह से ही अंतरिक्ष से सम्बंधित गणनाएं करना आसान हुआ है। विज्ञान ने ब्रह्मांड के कई रहस्यों की परते खोली है। विज्ञान के बदौलत ही मनुष्य ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज कर रहा है जिससे भविष्य में मनुष्य को वहां बसाया जा सके।

10. रोबोट का आविष्कार भी विज्ञान का एक बड़ा चमत्कार है। उद्योगों में काम आने वाली मशीनरी एक तरह से रोबोट ही है। इससे प्रोडक्ट उत्पादन में तेजी आई है।

11. बढ़ती आबादी की वजह से खाद्यान्न की समस्या होती है। परम्परागत तरीके से की जाने वाली खेती से जनसंख्या के अनुरूप खाद्यान्न उत्पादन नही हो पाता है। वैज्ञानिक तरीके से कृषि करने से खाद्यान्न के उत्पादन में बढ़ौतरी हुई है।

12. विज्ञान Science की खोजो और आविष्कारों ने पृथ्वी के बारे में कई रहस्यों को खोला है। मनुष्य विज्ञान की मदद से महासागर की तह में जा चुका है। समुद्री जीवन के बारे में जानकारी और कई नई प्रजातियों की खोज विज्ञान के द्वारा की गई है।

धरती पर शुरुआती जीवन की खोज हो या फिर पेड़ पौधों के विकास का इतिहास हो, धरती पर डायनासोर की उत्पत्ति और पतन का रहस्य विज्ञान ने ही उजागर किया है। विज्ञान ने हमे पृथ्वी का इतिहास बताया है।

विज्ञान एक अभिशाप – Essay On Science In Hindi

वर्तमान में दुनिया के कई देशों के बीच महाशक्ति बनने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। इस हौड़ में मनुष्य इतना अंधा हो चुका है कि उसे विज्ञान के खतरे नही दिख रहे है। मनुष्य विज्ञान की मदद से परमाणु बम और हाइड्रोजन बम बना रहा है। अल्बर्ट आइंस्टीन के दिये ऊर्जा नियम से धरती को खत्म करने के हथियार बना  लिए गए है। जिनका भयानक अंजाम जापान में दुनिया देख चुकी है।

1. प्राचीन समय में तलवारों और तीरों से युद्ध लड़े जाते थे लेकिन आज बारूद, टैंकों, मिसाइलों, बन्दूकों ने यह स्थान ले लिया है। युद्ध के कारण लाखों लोग मारे जाते है।

2. विज्ञान ने आधुनिकता दी है और मनुष्य ने आधुनिकता की दौड़ में बेतहाशा प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग किया है। पैट्रोल और कोयला ( Coal ) जैसे संसाधन सीमित है और इन्हें एक दिन खत्म होना ही है।

3. मनुष्य आवाजाही के लिए पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल करता है। इससे प्रदूषण फैलता है। धरती का तापमान बढ़ने से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उतपन्न हो गयी है।

4. विज्ञान का इस्तेमाल करने से प्रकति को काफी नुकसान पहुँचा है। बढ़ते वाहन, उद्योगों से निकला प्रदूषण, लगातार होता खनन जैसे कई कारण है जो वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण पैदा करते है।

विज्ञान Science वरदान है या अभिशाप, यह आप पर ही निर्भर करता है। विज्ञान के चमत्कारों का आप किस तरीके से इस्तेमाल करते है और कैसे आप सहयोग करते है। मनुष्य जीवन की कल्पना विज्ञान के बिना करना सम्भव नही है।

विज्ञान का महत्व पर निबंध ( Essay On Science In Hindi ) में विज्ञान एक वरदान या अभिशाप और महत्व की जानकारी आपको कैसी लगी? विज्ञान के बारे में निबंध “ Essay Importance Of Science In Hindi Language For Class 6, 7, 8, 9, 10″  पर आपके विचारो का कमेंट सेक्शन में स्वागत है। यह पोस्ट “Importance Of Science In Hindi” अच्छी लगी हो तो इसे शेयर भी करे।

यह भी पढ़े –

  • सोशल मिडिया पर निबंध
  • इंटरनेट पर निबंध 
  • जनसँख्या विस्फोट पर निबंध 

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7 thoughts on “विज्ञान का महत्व पर निबंध | Essay On Science In Hindi”

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विज्ञान पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Science Essay in Hindi

आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं विज्ञान पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। आज का दौर विज्ञान का है और इसी वजह से दुनिया भर में विज्ञान का बोलबाला है। चाहे पेन हो या फिर कंप्यूटर सब कुछ विज्ञान ने ही दिया है। पूरा विश्व विज्ञान के ऊपर ही निर्भर है। विज्ञान आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन गया है और इसी वजह से परीक्षाओं में विज्ञान पर निबंध (science essay in Hindi) लिखने के लिए आता है। अगर आप भी विज्ञान पर निबंध अलग-अलग शब्दों में ढूंढ रहे हैं तो हमारे आज के इस लेख को सारा पढ़ें। 

विज्ञान पर निबंध

विज्ञान पर निबंध 100 शब्दों में

हर दिन हम जो भी चीजें इस्तेमाल करते हैं वो सब विज्ञान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।‌ कई तरह की मशीनरी से लेकर घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले अनेकों उपकरण विज्ञान की ही देन है। यही वजह है कि अब लोग पूरी तरह से विज्ञान के ऊपर निर्भर हो चुके हैं। एक प्रकार से विज्ञान हमारे जीवन की दैनिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक साथी की तरह बन चुका है। विज्ञान की वजह से ही आज दुनिया भर में नई-नई तकनीकों का विकास हुआ है जिनकी वजह से हर काम को बहुत आसानी के साथ किया जा सकता है। 

विज्ञान पर निबंध 150 शब्दों में

आज मानव सभ्यता के साथ-साथ विज्ञान भी लगातार विकास कर रहा है। इसलिए यह कहना पूरी तरह से उचित है कि आज की दुनिया विज्ञान के युग की दुनिया है। ‌मानव जीवन की अगर बात करें तो इसका कोई भी पहलू विज्ञान से अछूता नहीं है। हर कोई जिंदा रहने के लिए और अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह से विज्ञान पर आश्रित है। ऐसे में निसंदेह यह बात कही जा सकती है कि आज के दौर में सभी लोग विज्ञान की अभूतपूर्व सफलताओं का फायदा ले रहे हैं। 

विज्ञान ने मानव के जीवन को आज पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। कारखाना हो, घर हो या फिर किसी भी प्रकार का कोई व्यवसाय हो हर क्षेत्र में विज्ञान का महत्व बहुत ज्यादा है। पर विज्ञान के इतने विकास के कारण आज मनुष्य बहुत ज्यादा आलसी हो गया है क्योंकि अब उसे कोई भी काम करने के लिए शारीरिक मेहनत की जरूरत नहीं पड़ती। 

विज्ञान पर निबंध 250 शब्दों में

आज अगर हम पीछे मुड़कर देखें तो हम पाएंगे कि दुनिया ने कितनी ज्यादा तरक्की कर ली है। इस तरह से दुनिया की तरक्की के पीछे सबसे महत्वपूर्ण योगदान विज्ञान का है। आज मशीनरी और अनेकों गैजेट्स विज्ञान की ही देन है। देखा जाए तो विज्ञान ने आज मनुष्य के जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। पहले एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए कोई भी यातायात का साधन नहीं था लेकिन विज्ञान की सहायता से अब लंबी दूरी का सफर करना बहुत आसान हो गया है। 

हर घर में फ्रिज, टीवी, माइक्रोवेव जैसी चीजें जरूर होती हैं और इन सबकी कल्पना विज्ञान के बिना संभव ही नहीं है। इसके अलावा विज्ञान ने चिकित्सा के क्षेत्र में और कृषि क्षेत्र में भी बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाया है। इंटरनेट, मोबाइल, फेसबुक, 5G ने मनुष्य के जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है।

पहले जमाने में मनोरंजन के साधन बहुत ज्यादा नहीं थे लेकिन विज्ञान ने आज बहुत सारे ऐसे आविष्कार किए हैं जिन से मनुष्य अपना मनोरंजन कर सकता है जैसे कि टेलीविजन, ग्रामोफोन, रेडियो इत्यादि। अब दुनिया भर की जानकारी और समाचार घर बैठे ही प्राप्त की जा सकती है और यह सब सिर्फ विज्ञान की वजह से ही संभव हो सका है।

पर हर चीज के दो रुप होते हैं जैसे किसी भी सिक्के के दो पहलू होते हैं। देखा जाए तो विज्ञान के आज बहुत सारे फायदे हैं लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। मिसाल के तौर पर परमाणु ऊर्जा बिजली पैदा करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है तो वहीं इससे बनाए जाने वाले परमाणु हथियार मनुष्य के लिए बहुत ज्यादा विनाशकारी हैं। 

विज्ञान पर निबंध 500 शब्दों में

आज हम सभी जिस पंखे और ऐ.सी. की हवा लेते हैं, जिस गाड़ी में बैठकर यात्रा करते हैं और जिस रेलगाड़ी से या हवाई जहाज से दूर-दूर तक का सफर करते हैं। जिस मोबाइल फोन से हम अपने दूर बैठे हुए दोस्तों और रिश्तेदारों से आसानी के साथ बात कर लेते हैं तो ये सब हमें विज्ञान ने ही दिया है। 

देखा जाए तो आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जहां पर विज्ञान ना हो। चाहे जिधर भी देख लो हर जगह विज्ञान के द्वारा की गई खोजें और चमत्कार हमें देखने को मिलते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि अगर विज्ञान ना होता तो हमारा जीवन बहुत ज्यादा कठिन हो जाता। 

विज्ञान की परिभाषा 

प्रकृति में मौजूद वस्तुओं के क्रमबद्ध तरीके से अध्ययन किया जाता है तो उसे विज्ञान कहा जाता है। इस प्रकार से विज्ञान एक ऐसा व्यवस्थित ज्ञान है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलकर बनता है। 

विज्ञान के प्रकार 

विज्ञान के प्रकार एक नहीं बल्कि अनेकों हैं जिनके बारे में जानकारी निम्नलिखित है –

  • प्राकृतिक विज्ञान – प्राकृतिक विज्ञान के तहत भौतिक और प्राकृतिक दुनिया को व्यवस्थित किया जाता है इसके अंतर्गत कई विषयों का अध्ययन करते हैं जैसे कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, जियोग्राफी। 
  • जीवन विज्ञान –  जीवन में ज्ञान के तहत सभी तरह के पेड़ पौधे, जीव जंतु और प्राणियों का अध्ययन किया जाता है इसके अंतर्गत कई शाखाएं आती हैं जैसे की जीव विज्ञान,  बॉटनी, जूलॉजी इत्यादि। 
  • सामाजिक विज्ञान – विज्ञान के इस प्रकार के तहत समाजिक पद्धति और मानव व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इसके अंतर्गत कई श्रेणियां आती हैं जैसे कि इतिहास, राजनीतिक विज्ञान, भूगोल विज्ञान, इकोनॉमिक्स, सामाजिक अध्ययन, सोशियोलॉजी, सायकोलॉजी और एंथ्रोपोलॉजी। 
  • औपचारिक विज्ञान – औपचारिक विज्ञान के अंतर्गत औपचारिक प्रणाली का अध्ययन किया जाता है जैसे कि गणित, तर्क, स्टैटिक्स इत्यादि। 

विज्ञान के आविष्कार 

विज्ञान के बहुत सारे आविष्कार हैं जिन्हें गिनना संभव नहीं है। विज्ञान के कुछ आविष्कार निम्नलिखित इस प्रकार से हैं –

  • पानी का जहाज
  • परमाणु शक्ति
  • टेली प्रिंटर
  • अल्ट्रासाउंड
  • इंजेक्शन 
  • कागज इत्यादि। 

विज्ञान के लाभ 

यदि हम विज्ञान के लाभों की बात करें तो इससे मिलने वाले फायदे बहुत सारे हैं। आज बहुत सारे कठिन से कठिन काम विज्ञान की सहायता से बहुत सरलता के साथ और कम समय में हो जाते हैं। देश विदेश में हम मोबाइल फोन के माध्यम से बात कर सकते हैं और इंटरनेट से वीडियो कॉल कर सकते हैं। 

विज्ञान से हानि 

हालांकि विज्ञान से हमें बहुत से लाभ हैं पर इसके कुछ हानियां भी हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

  • परमाणु शक्ति पूरे विश्व के लोगों के लिए विनाशकारी शक्ति है क्योंकि अगर इसका दुरुपयोग कर लिया जाए तो इस वजह से पूरे संसार को नष्ट किया जा सकता है। 
  • बहुत से बड़े बड़े विनाशकारी अस्त्रों का निर्माण भी विज्ञान की वजह से किया गया है जो कि मानवता का विनाश कर सकते हैं। 
  • अविष्कार और अविष्कारक के नाम
  • कंप्यूटर पर निबंध
  • Chemistry facts in Hindi
  • 10 Lines on Internet in Hindi

दोस्तों यह थी हमारी आज की पोस्ट विज्ञान पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। हमने अपने इस आर्टिकल में आपको बताया कि आप कैसे विज्ञान पर निबंध (science essay in Hindi) अलग-अलग शब्दों में लिख सकते हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा दी गई यह सारी जानकारी अच्छी लगी होगी। यदि जानकारी हेल्पफुल लगी हो तो हमारे इस लेख को उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो विज्ञान पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में ढूंढ रहे हैं। 

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विज्ञान पर निबंध

a scientist essay in hindi

By विकास सिंह

essay on science in hindi

विज्ञान एक विशाल क्षेत्र है। इसकी विभिन्न शाखाएँ हैं जिन्हें मोटे तौर पर प्राकृतिक विज्ञान, औपचारिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में विभाजित किया गया है। इन्हें मौलिक विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लागू और अंतःविषय विज्ञान का आधार बनते हैं।

विषय-सूचि

विज्ञान पर निबंध, Essay on science in hindi (200 शब्द)

विज्ञान में प्राकृतिक और भौतिक दुनिया के व्यवहार का व्यापक अध्ययन शामिल है। अध्ययन का संचालन अनुसंधान, अवलोकन और प्रयोग के माध्यम से किया जाता है। विज्ञान की कई शाखाएँ हैं। इनमें प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और औपचारिक विज्ञान शामिल हैं। इन व्यापक श्रेणियों को आगे उप-श्रेणियों और उप-उप श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान पृथ्वी विज्ञान और खगोल विज्ञान प्राकृतिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, सामाजिक अध्ययन और मानव विज्ञान का एक हिस्सा है, सामाजिक विज्ञान का एक हिस्सा है और औपचारिक विज्ञान में गणित, तर्क, सांख्यिकी शामिल हैं , निर्णय सिद्धांत, सिस्टम सिद्धांत और कंप्यूटर विज्ञान आदि शामिल हैं।

विज्ञान ने दुनिया को अच्छे के लिए बदल दिया है। समय-समय पर कई वैज्ञानिक आविष्कार हुए हैं और इनने मानव जीवन को सुविधाजनक बनाया है। इनमें से कई आविष्कार हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं और हम उनके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।

दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने प्रयोग करना जारी रखा है और हर समय नए आविष्कार करते रहते हैं और उनमें से कुछ दुनिया भर में क्रांति लाते हैं। हालाँकि, यह जितना उपयोगी है, विज्ञान का भी कुछ लोगों द्वारा दुरुपयोग किया गया है, मुख्य रूप से सत्ता में उन लोगों द्वारा, जो हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देने और पर्यावरण को ख़राब करने के लिए उत्सुक हैं।

विज्ञान और धर्म की विचारधाराओं को कोई मिलन का आधार नहीं मिला है। इन विचारों के विपरीत विचारों ने अतीत में कई संघर्षों को जन्म दिया है और ऐसा करना जारी रखा है।

विज्ञान पर निबंध, Science essay in hindi (300 शब्द)

विज्ञान दुनिया के प्राकृतिक और भौतिक पहलुओं के साथ अध्ययन, समझने, विश्लेषण और प्रयोग करने का एक साधन है और उन्हें नए आविष्कारों के साथ आने के लिए उपयोग करने के लिए डाल दिया है जो मानव जाति के लिए जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाते हैं। विज्ञान के क्षेत्र में अवलोकन और प्रयोग किसी विशेष पहलू या विचार तक सीमित नहीं है; यह व्यापक है।

विज्ञान के उपयोग:

हमारे दैनिक जीवन में हम जो कुछ भी उपयोग करते हैं, वह लगभग विज्ञान की देन है। कारों से लेकर वाशिंग मशीन, मोबाइल फोन से लेकर माइक्रोवेव तक, रेफ्रिजरेटर से लेकर लैपटॉप तक – सब कुछ वैज्ञानिक प्रयोग का नतीजा है। यहां बताया गया है कि विज्ञान हमारे रोजमर्रा के जीवन को कैसे प्रभावित करता है: खाना बनाना सिर्फ माइक्रोवेव, ग्रिलर और रेफ्रिजरेटर ही नहीं, गैस स्टोव जो आमतौर पर भोजन तैयार करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, एक वैज्ञानिक आविष्कार भी हैं।

चिकित्सकीय इलाज़: 

विज्ञान में उन्नति के कारण कई बीमारियों और बीमारियों का इलाज संभव हो गया है। इस प्रकार विज्ञान स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देता है और जीवन काल को बढ़ाने में योगदान दिया है।

संचार: 

मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्शन जो हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, इन दिनों विज्ञान के सभी आविष्कार हैं। इन आविष्कारों ने संचार को आसान बना दिया है और दुनिया को करीब लाया है।

ऊर्जा का स्रोत:

परमाणु ऊर्जा की खोज ने ऊर्जा के विभिन्न रूपों के आविष्कार और तैनाती का मार्ग प्रशस्त किया है। बिजली इसके मुख्य आविष्कारों में से एक है और यह जिस तरह से हमारे रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करता है वह सभी को पता है।

भोजन की विविधता: 

भोजन की विविधता भी बढ़ी है। कई फल और सब्जियां अब सभी वर्ष के माध्यम से उपलब्ध हैं। विशिष्ट भोजन का आनंद लेने के लिए आपको किसी विशेष मौसम की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। विज्ञान के क्षेत्र में हुए प्रयोगों ने इस बदलाव को जन्म दिया है।

निष्कर्ष:

विज्ञान इस प्रकार हमारे रोजमर्रा के जीवन का एक हिस्सा है। विज्ञान में उन्नति के बिना हमारा जीवन बहुत अलग और कठिन होता। हालाँकि, हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते कि कई वैज्ञानिक आविष्कारों से पर्यावरण का क्षरण हुआ है और इससे मानव जाति के लिए कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हुई हैं।

विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध, essay on science boon or curse in hindi (400 शब्द)

विज्ञान मूल रूप से तीन व्यापक शाखाओं में विभाजित है। इनमें प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और औपचारिक विज्ञान शामिल हैं। इन शाखाओं को आगे विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उप-श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। यहाँ इन श्रेणियों और उप श्रेणियों पर एक विस्तृत नज़र है।

विज्ञान की शाखाएँ:

प्राकृतिक विज्ञान:   जैसा कि नाम से पता चलता है, यह प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन है। यह अध्ययन करता है कि दुनिया और ब्रह्मांड कैसे काम करते हैं। प्राकृतिक विज्ञान को आगे भौतिक विज्ञान और जीवन विज्ञान में वर्गीकृत किया गया है।

ए) भौतिक विज्ञान भौतिक विज्ञान में निम्नलिखित उप श्रेणियां शामिल हैं:

  • भौतिकी: ऊर्जा और पदार्थ के गुणों का अध्ययन।
  • रसायन: किस पदार्थ के पदार्थों का अध्ययन किया जाता है।
  • खगोल विज्ञान: अंतरिक्ष और आकाशीय पिंडों का अध्ययन।
  • पारिस्थितिकी: अपने भौतिक परिवेश के साथ-साथ एक-दूसरे के साथ जीवों के संबंध का अध्ययन।
  • भूविज्ञान: यह पृथ्वी की भौतिक संरचना और पदार्थ से संबंधित है।
  • पृथ्वी विज्ञान: पृथ्वी के भौतिक संविधान और उसके वातावरण का अध्ययन।
  • समुद्रशास्त्र: समुद्र के जैविक और भौतिक तत्वों और घटनाओं का अध्ययन।
  • मौसम विज्ञान: यह वायुमंडल की प्रक्रियाओं से संबंधित है

b) जीवन विज्ञान निम्नलिखित उप श्रेणियां जीवन विज्ञान का एक हिस्सा बनाती हैं:

  • जीव विज्ञान: जीवित जीवों का अध्ययन।
  • वनस्पति विज्ञान: पौधे के जीवन का अध्ययन।
  • प्राणीशास्त्र: पशु जीवन का अध्ययन।
  • सामाजिक विज्ञान इसमें सामाजिक पैटर्न और मानव व्यवहार का अध्ययन शामिल है। इसे आगे विभिन्न उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इसमें शामिल है:
  • इतिहास: अतीत में हुई घटनाओं का अध्ययन
  • राजनीति विज्ञान: सरकारी और राजनीतिक गतिविधियों की प्रणाली का अध्ययन।
  • भूगोल: पृथ्वी की भौतिक विशेषताओं और वातावरण का अध्ययन।
  • सामाजिक अध्ययन: मानव समाज का अध्ययन।
  • समाजशास्त्र: समाज के विकास और कामकाज का अध्ययन।
  • मनोविज्ञान: मानव व्यवहार का अध्ययन।
  • नृविज्ञान: वर्तमान और अतीत समाजों के भीतर मनुष्यों के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन।
  • अर्थशास्त्र: धन के उत्पादन, खपत और संचलन का अध्ययन।

औपचारिक विज्ञान:

यह विज्ञान की वह शाखा है जो औपचारिक प्रणालियों जैसे गणित और तर्क का अध्ययन करती है। इसमें निम्नलिखित उप-श्रेणियां शामिल हैं:

  • गणित: संख्याओं का अध्ययन।
  • तर्क: तर्क का अध्ययन।
  • सांख्यिकी: यह संख्यात्मक डेटा के विश्लेषण से संबंधित है।
  • निर्णय सिद्धांत: लाभ और हानि के बारे में निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए गणितीय अध्ययन।
  • सिस्टम सिद्धांत: अमूर्त संगठन का अध्ययन।
  • कंप्यूटर विज्ञान: कंप्यूटर के डिजाइन और उपयोग के लिए आधार बनाने के लिए प्रयोग और इंजीनियरिंग का अध्ययन।

विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के विशेषज्ञ नए सिद्धांतों, आविष्कारों और खोजों के साथ आने वाले विभिन्न पहलुओं पर लगातार गहनता से अध्ययन कर रहे हैं। इन खोजों और आविष्कारों ने हमारे लिए जीवन को आसान बना दिया है; हालांकि, एक ही समय में ये पर्यावरण के साथ-साथ जीवित प्राणियों के लिए एक अपरिवर्तनीय क्षति भी बने हैं।

विज्ञान का महत्व पर निबंध, essay on importance of science in hindi (500 शब्द)

विज्ञान विभिन्न भौतिक और प्राकृतिक पहलुओं की संरचना और व्यवहार का अध्ययन है। वैज्ञानिक इन पहलुओं का अध्ययन करते हैं, उन्हें अच्छी तरह से देखते हैं और निष्कर्ष पर आने से पहले प्रयोग करते हैं। अतीत में कई वैज्ञानिक खोजें और आविष्कार हुए हैं जो मानव जाति के लिए एक वरदान साबित हुए हैं।

विज्ञान और धर्म की अवधारणा:

जहां एक ओर विज्ञान के क्षेत्र में नए विचारों और आविष्कारों के साथ तार्किक और व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन किया जाता है, वहीं दूसरी ओर, धर्म विशुद्ध रूप से विश्वास प्रणाली और विश्वास पर आधारित है। विज्ञान में, एक संपूर्ण अवलोकन, विश्लेषण और प्रयोग एक परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है जबकि धर्म की बात करें तो शायद ही कोई तर्क हो। चीजों को देखने का उनका दृष्टिकोण इस प्रकार एक दूसरे से पूरी तरह अलग है।

विज्ञान और धर्म के बीच संघर्ष:

विज्ञान और धर्म को अक्सर कुछ चीजों पर उनके परस्पर विरोधी विचारों के कारण लॉगरहेड्स में देखा जाता है। अफसोस की बात है कि कई बार ये टकराव समाज में अशांति पैदा करते हैं और मासूमों को पीड़ित करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख संघर्ष हैं जो धर्म के पैरोकारों और वैज्ञानिक पद्धति के विश्वासियों के बीच हुए हैं।

विश्व का निर्माण:  कई रूढ़िवादी ईसाई मानते हैं कि भगवान ने 4004 और 8000 ईसा पूर्व के बीच छह दिनों में दुनिया का निर्माण किया। दूसरी ओर, कॉस्मोलॉजिस्ट कहते हैं कि ब्रह्मांड लगभग 13.7 बिलियन साल पुराना है और पृथ्वी लगभग 4.5 बिलियन साल पहले उभरी थी।

ब्रह्मांड के केंद्र के रूप में पृथ्वी:  यह सबसे प्रसिद्ध संघर्षों में से एक है। रोमन कैथोलिक चर्च पृथ्वी को ब्रह्मांड का केंद्र मानता था। उनके अनुसार, सूर्य, चंद्रमा, तारे और अन्य ग्रह इसके चारों ओर घूमते हैं। जब इटली के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ गैलीलियो गैलीली ने हेलीओसेंट्रिक प्रणाली की खोज की, जिसमें सूर्य सौरमंडल का केंद्र बन गया और पृथ्वी और अन्य ग्रह उसके चारों ओर घूमते हैं।

दुर्भाग्य से, गैलीलियो को एक विधर्मी के रूप में दोषी ठहराया गया था और उन्हें जीवन भर के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था।

सूर्य और चंद्र ग्रहण:  सबसे शुरुआती संघर्ष इराक में हुआ। वहां के पुजारियों ने स्थानीय लोगों को बताया था कि चंद्र ग्रहण देवताओं की बेचैनी के कारण होता है। ये अशुभ माने जाते थे और राजाओं को नष्ट करने के उद्देश्य से होते थे। संघर्ष तब हुआ जब स्थानीय खगोलविद ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण के साथ आए।

हालांकि खगोलविदों ने सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटनाओं के बारे में एक मजबूत और तार्किक कारण बताया है, लेकिन दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में मिथक और अंधविश्वास अभी भी जारी हैं।

प्रजातियों का विकास:  उत्पत्ति की बाइबिल की किताब से संदर्भ लेते हुए, रूढ़िवादी ईसाइयों का मानना ​​है कि वनस्पतियों और जीवों की सभी प्रजातियों को छह दिनों की अवधि के दौरान बनाया गया था जब भगवान ने दुनिया बनाई थी। दूसरी ओर, जीवविज्ञानी तर्क देते हैं कि पौधों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियां प्राकृतिक चयन की प्रक्रियाओं के माध्यम से सौ और लाखों वर्षों में विकसित हुई हैं।

इनके अलावा, कई अन्य अखाड़े हैं जिनमें वैज्ञानिकों और धार्मिक अधिवक्ताओं के विरोधाभासी विचार हैं। भले ही वैज्ञानिकों / खगोलविदों / जीवविज्ञानियों ने अपने सिद्धांतों के लिए समर्थन किया हो, ज्यादातर लोग धार्मिक विचारों का गहराई से पालन करते हैं।

यह न केवल धार्मिक अधिवक्ताओं है जो अक्सर वैज्ञानिक पद्धति और विचारधाराओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं, विज्ञान की समाज के कई अन्य वर्गों द्वारा भी आलोचना की गई है क्योंकि इसके आविष्कार विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, पर्यावरणीय और स्वास्थ्य मुद्दों को रास्ता दे रहे हैं।

परमाणु हथियार जैसे वैज्ञानिक आविष्कार मानव जाति के लिए खतरा पैदा करते हैं। इसके अलावा, तैयारी की प्रक्रियाओं के साथ-साथ अधिकांश वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए उपकरणों का उपयोग प्रदूषण को जोड़ रहा है, जिससे सभी के लिए जीवन कठिन हो गया है।

विज्ञान के चमत्कार पर निबंध, essay on wonder of science in hindi (600 शब्द)

पिछले कुछ दशकों में कई वैज्ञानिक खोजें और आविष्कार हुए हैं जिन्होंने जीवन को बहुत आसान बना दिया है। पिछले दशक कोई अपवाद नहीं था। काफी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक आविष्कार हुए जिन्हें सराहना मिली। यहाँ 10 सबसे उल्लेखनीय हाल के वैज्ञानिक आविष्कारों पर एक नज़र है।

हाल ही में वैज्ञानिक आविष्कार और खोजें:

माइंड के माध्यम से बायोमेकेनिकल हैंड पर नियंत्रण: Amputee Pierpaolo Petruzziello, एक व्यक्ति जो एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठा, उसने अपने विचारों से अपने हाथ से जुड़े जैव-रासायनिक हाथ को नियंत्रित करना सीख लिया। हाथ इलेक्ट्रोड और तारों के माध्यम से उसकी बांह की नसों से जुड़ा हुआ है। वह पहले व्यक्ति बन गए, जिन्होंने उंगली पकड़ने, वस्तुओं को हथियाने और अपने विचारों के साथ मुट्ठी बांधने जैसे आंदोलनों को बनाने की कला में महारत हासिल की।

ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम: ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, जिसे लोकप्रिय रूप से जीपीएस के रूप में जाना जाता है, वर्ष 2005 में व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हो गया। यह मोबाइल उपकरणों में एम्बेडेड था और दुनिया भर में यात्रियों के लिए एक वरदान साबित हुआ। नए स्थानों की यात्रा करते समय दिशाओं की तलाश करना आसान नहीं होगा।

Prius – सेल्फ ड्राइविंग कार: Google ने वर्ष 2008 में सेल्फ ड्राइविंग कार परियोजना शुरू की और जल्द ही टोयोटा ने Prius को पेश किया। इस कार में ब्रेक पैडल, स्टीयरिंग व्हील या एक्सिलरेटर नहीं है। यह एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित है और इसे संचालित करने के लिए किसी भी उपयोगकर्ता के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं है। यह विशेष सॉफ्टवेयर, सेंसर का एक सेट और सटीक डिजिटल मैप्स के साथ एम्बेडेड है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ड्राइवरलेस अनुभव सहज और सुरक्षित है।

एंड्रॉयड: दशक के सबसे उल्लेखनीय आविष्कारों में से एक के रूप में जाना जाता है, एंड्रॉइड एक क्रांति के रूप में आया और उस बाजार पर कब्जा कर लिया जो पहले सिम्बियन और जावा संचालित उपकरणों से भरा था। इन दिनों ज्यादातर स्मार्ट फोन एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। यह लाखों एप्लिकेशन का समर्थन करता है।

कंप्यूटर दृष्टी: कंप्यूटर विज़न में कई सब-डोमेन शामिल होते हैं जैसे कि इवेंट डिटेक्शन, इंडेक्सिंग, ऑब्जेक्ट रिकॉग्निशन, ऑब्जेक्ट पोज़ एस्टीमेशन, मोशन एस्टीमेशन, इमेज रिस्टोरेशन, सीन रिकंस्ट्रक्शन, लर्निंग और वीडियो ट्रैकिंग। यह क्षेत्र वास्तविक दुनिया से उच्च-आयामी डेटा में प्रसंस्करण, विश्लेषण, अधिग्रहण और चित्रण की तकनीकों को शामिल करता है ताकि प्रतीकात्मक जानकारी प्राप्त हो सके।

टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी: लगता है कि टच स्क्रीन तकनीक दुनिया भर में ले ली गई है। टच स्क्रीन उपकरणों की लोकप्रियता के लिए संचालन में आसानी बनाता है। ये उपकरण दुनिया भर में एक रोष बन गए हैं।

3 डी प्रिंटिंग तकनीक: 3 डी प्रिंटिंग डिवाइस विभिन्न प्रकार के सामान बना सकती है जिसमें बरतन, सामान, लैंप और बहुत कुछ शामिल है। इसे एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के रूप में भी जाना जाता है, यह तकनीक इलेक्ट्रॉनिक डेटा सोर्स =से डिजिटल मॉडल डेटा के उपयोग के साथ किसी भी आकार की तीन आयामी वस्तुओं का निर्माण करती है।

जीआईटी हब: वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया, यह एक वर्जन कंट्रोल रिपॉजिटरी रिविजन कंट्रोल और इंटरनेट होस्टिंग सर्विस है, जो बग ट्रैकिंग, टास्क मैनेजमेंट, फीचर रिक्वेस्ट और कोड, एप्स को शेयर करने आदि जैसे फीचर्स प्रदान करता है। GitHub प्लेटफॉर्म का विकास 2007 में शुरू हुआ था। साइट को 2008 में लॉन्च किया गया था।

स्मार्ट घड़ियाँ: स्मार्ट घड़ियों बाजार में काफी समय से हैं। हालाँकि, जैसे कि Apple द्वारा लॉन्च किए गए नए फीचर कई अतिरिक्त सुविधाओं के साथ आए हैं और अपार लोकप्रियता हासिल की है। ये घड़ियाँ स्मार्ट फोन की लगभग सभी विशेषताओं के साथ आती हैं और ले जाने और संचालित करने में आसान होती हैं।

क्राउड फंडिंग साइटें: GoFundMe, Kickstarter और Indiegogo जैसी भीड़-फ़ंडिंग साइटों की शुरूआत रचनात्मक दिमाग के लिए वरदान रही है। इन साइटों के माध्यम से, आविष्कारकों, कलाकारों और अन्य रचनात्मक लोगों को अपने विचारों को साझा करने और उन्हें लागू करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त करने का मौका मिलता है।

दुनिया भर के वैज्ञानिक नए वैज्ञानिक आविष्कारों को लाने के लिए लगातार निरीक्षण करते हैं और प्रयोग करते हैं, जिससे लोगों का जीवन आसान हो जाता है। वे न केवल नए आविष्कारों के साथ आते रहते हैं, बल्कि जहां भी गुंजाइश है, मौजूदा लोगों को भी सुधारते हैं। जबकि इन आविष्कारों ने आदमी के लिए जीवन आसान बना दिया है; हालाँकि, इनसे होने वाले पर्यावरणीय, सामाजिक और राजनीतिक खतरों की मात्रा आप सभी से छिपी नहीं है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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‘मेरा प्रिय वैज्ञानिक’ विषय पर निबंध लेखन कीजिए। - Hindi [हिंदी]

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‘मेरा प्रिय वैज्ञानिक’ विषय पर निबंध लेखन कीजिए।

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       मेरा प्रिय वैज्ञानिक

       मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम हैं, जिन्हें दुनिया 'मिसाइल मैन' के नाम से भी जानती है। इनका जन्म १५ अक्टूबर, १९३१ को तमिलनाडु राज्य में रामेश्वरम के धनुषकौड़ी नामक स्थान में एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए इन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने एवं घर के खर्च के लिए अखबार बेचना पड़ता था। इसी तरह संघर्ष करते हुए अब्दुल कलाम ने प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम तथा उसके बाद रामनाथपुरम के शर्वाटज हाईस्कूल से मैट्रिकुलेशन किया। उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए तिरुचिरापल्ली चले गए। वहाँ के सेंट जोसेफ कॉलेज से इन्होंने बी. एस. सी. की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद १९५८ में इन्होंने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एयरोनोटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। इनका सपना एक दिन पायलट बनकर आसमान की अनंत ऊँचाइयों को नापने का था। इन्होंने पायलट की परीक्षा भी दी, पर इनका सपना साकार न हो सका। इस घटना से इन्हें निराशा जरूर हुई पर इन्होंने हार नहीं मानी।

      सन १९६२ में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आए। जहाँ इन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एस.एल.वी. के निर्माण में भी इन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी प्रक्षेपण यान से जुलाई १९८० में रोहिणी उपग्रह का अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। अग्नि मिसाइल एवं पृथ्वी मिसाइल के सफल प्रक्षेपण का श्रेय इन्हीं को जाता है। इनकी देखरेख में भारत ने १९९८ में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया।

भारत सरकार ने इन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारतरत्न' से सम्मानित किया। ये ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें यह सम्मान राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही प्राप्त हुआ है। २००२ को इन्होंने भारत के ११ वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया। इन्होंने इस पद को २५ जुलाई, २००७ तक सुशोभित किया।

        २७ जुलाई, २०१५ की शाम को डॉ. अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में 'रहने योग्य ग्रह' पर व्याख्यान दे रहे थे। इसी दौरान इन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे इनका निधन हो गया। ये एक सच्चे देशभक्त के रूप में हमेशा याद किए जाएँगे।

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‘वर्तमान समय में शांति के क्षेत्र में/पर्यावरण संरक्षण में भारत की भूमिका का महत्‍त्‍व’ विषय पर अस्‍सी से सौ शब्‍दों में निबंध लेखन कीजिए।

‘युवापीढ़ी का उत्‍तरदायित्‍व’ विषय पर लगभग सौ शब्‍दों में निबंध लिखिए।

निम्नलिखित एक विषय पर लगभग ८० से १०० शब्दों में निबंध लिखिए:

पुस्तक की आत्मकथा

निम्नलिखित विषय पर लगभग ८० से १०० शब्दों में निबंध लिखिए:

मेरा भारत देश

पर्यावरण संतुलन

निम्नलिखित विषय पर 200 शब्दों में रचनात्मक लेखन   लिखिए:

प्रातः काल योग करते लोग

निम्नलिखित दिए गए शीर्षक पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेखन लिखिए।

बारिश की वह सबुह

दुर्घटना से देर भली

जिन्हें जल्दी थी, वे चले गए

मेरे बगीचे में खिला गुलाब

विद्यालय में मेरा प्रिय कोना

निम्नलिखित विषय पर 60 - 70 शब्दों में निबंध लिखिए:

मेरा प्रिय नेता

निम्नलिखित विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

मेरा प्रिय त्योहार

नदी की आत्मकथा

यदि मैं अध्यापक होता .....

निम्नलिखित विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए:

मैं पेड़ बोल रहा हूँ ...

अनुशासन का महत्त्व

निम्नलिखित विषय पर लगभग 70 से 80 शब्दों में निबंध लिखिए:

समय का सदुपयोग

मैं पृथ्बी बोल रही हूँ...

निम्नलिखित विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए:

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’

निबंध लेखन -

कोरोना काल में दूरदर्शन की भूमिका

मेरा प्रिय खिलाड़ी

निम्नलिखित दिए गए शीर्षक पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।

गरमी की पहली बारिश

निबंध लिखिए:

मेरे प्रिय साहित्यकार

घायल सैनिक की आत्मकथा

जैसे ही मैंने अलमारी खोली

मैच खेलने का अवसर

नीचे दिए गए अप्रत्याशित विषय पर लगभग 120 शब्दों में रचनात्मक लेख लिखिए।

लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका

दिया और तूफ़ान : मानव जीवन का सत्य

झरोखे से बाहर

आज़ादी का अमृत महोत्सव: स्वर्णिम 75 साल

निम्नलिखित विषय पर लगभग 120 शब्दों में लघुकथा लिखिए।

“अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत”

एक वीर सिपाही का सपना

निबंध लिखिए-

यदि इंटरनेट (अंतरजाल) न होता....

विद्यार्थी और अनुशासन

निबंध लिखिए -

यदि मैं प्रधानमंत्री होता।

निम्नलिखित विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।

ऑनलाइन या ई-लर्निंग और विद्यार्थी

निबंध लिखिए।

यदि मैं पक्षी होता...

निम्नलिखित विषय पर लगभग (80-100) शब्दों में निबंध लिखिए।

समय बड़ा बलवान

निम्नलिखित विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।

मेरा प्रिय खेल

मोबाइल शाप या वरदान

फटी पुस्तक की आत्मकथा

राष्‍ट्र का गौरव बनाए रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा किए सराहनीय कार्यों की सूची बनाइए।

‘प्रदूषण मुक्‍त त्‍योहार’ इस विषय पर निबंध लिखिए।

‘मैं लाल किला बोल रहा हूँ...’ निबंध लिखिए।

दैनंदिनी (डायरी) तुमच्याशी बोलत आहे, अशी कल्पना करून तिचे आत्मकथन पुढील मुद्‌द्यांचा उपयोग करून लिहा.

  • इतरांची भावना

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पुढील घटक (फूल) तुमच्याशी बोलत आहे, अशी कल्पना करून त्या घटकाचे (फुलाचे) आत्मवृत्त लिहा.

a scientist essay in hindi

‘करत-करत अभ्‍यास के जड़मति होत सुजान’ इस विषय पर भाषाई सौंदर्यवाले वाक्‍यों, सुवचन, दोहे आदि का उपयोग करके निबंध/कहानी लिखिए ।

रामवृक्ष बेनीपुरी द्‍वारा लिखित ‘गेंहूँ बनाम गुलाब’ निबंध पढ़िए और उसका आकलन कीजिए ।

‘यदि मैं शिक्षा मंत्री होता -----’ विषय पर लगभग सौ शब्‍दों में निबंध लिखिए।

खालील मुद्‌द्यांच्या आधारे ‘मी अनुभवलेला पाऊस’ या विषयावर निबंध लिहा.

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मैं और डिजिटल दुनिया।

सैनिक की आत्मकथा

निम्नलिखित विषय पर 60 से 70 शब्दों में निबंध लिखिए :

पाठ्यपुस्तक की आत्मकथा

वर्णनात्मक -

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चौकटीत दिलेल्या घटकाचे आत्मकथन लिहा:

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Indian Scientist Who Changed The World – महान भारतीय वैज्ञानिक

a scientist essay in hindi

भारत एक अद्भुत् इतिहास वाला देश है और हमारे देश ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आविष्कारों द्वारा विश्व में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विज्ञान हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और हमारी जीवनशैली में प्राचीन कल से ही विज्ञान की महत्ता रही है। भारत के ऋषि मुनियों द्वारा बताई गयी कई बातें आज विज्ञान भी स्वीकार कर रहा है|

भारत में आर्यभट्ट जैसे महान महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक ने जन्म लिया हैं जिन्होंने शून्य का अविष्कार कर विश्व को पहली बार संख्या के ज्ञान से परिचित करवाया| आइये हम इस लेख द्वारा प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों और उनके अद्भुत योगदान के बारे में जानते हैं:

Great Indian Scientist and Thier Inventions

महान भारतीय वैज्ञानिक और उनके अविष्कार , c. v. raman –  चंद्रशेखर वेंकट रमन.

सी.वी. रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को तिरुचिरापल्ली में हुआ| रमन कम उम्र में ही विशाखापत्तनम शहर में आ गए और 11 साल की उम्र में अपनी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की| उन्होंने अपनी एफ.ए. परीक्षा (आज के इंटरमीडिएट परीक्षा, के बराबर) को मात्रा 13 साल की उम्र में छात्रवृत्ति के साथ उत्तीर्ण कर लिया था।

वह पहले एशियाई और पहली गैर-श्वेत व्यक्ति थे जिन्हें विज्ञान के किसी भी क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने के लिए चुना गया था। 1954 में, इन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। उन्हें उनके अविष्कार “रमन प्रभाव” के लिए 1930 में नोबेल पुरस्कार जीता था।

रमन ने संगीत वाद्ययंत्र की ध्वनिकी पर भी काम किया। वे तबला और मृदंगम जैसे भारतीय वाद्यों की ध्वनि की हार्मोनिक प्रकृति को जांच करने वाले पहले व्यक्ति थे।

रमन का मानना था की हमे प्रश्न पूछने में कोई हिचक या भय नहीं होना चाहिए वे कहते थे

“Ask the right questions, and nature will open the doors to her secrets”

Homi Jehangir Bhabha – होमी जहाँगीर भाभा

मुंबई में अक्टूबर 1909 को जन्मे होमी जहांगीर भाभा ने क्वांटम थ्योरी (Quantum Theory) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भाभा भारतीय परमाणु ऊर्जा के पिता के रूप में भी विख्यात हुए हैं। इसके अलावा, उन्हें अल्प यूरेनियम भंडार के बजाय देश के विशाल थोरियम भंडार से ऊर्जा बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति तैयार करने का श्रेय जाता है।

भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष बनने वाले वे पहले व्यक्ति थे। उन्होंने भारत में, भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान (Bhabha Atomic Research Institute) और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (Tata Institute of Fundamental Research) जैसे वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना करके देश की वैज्ञानिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एम विश्वेस्वर्या – M. Visvesvaraya

1955 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित एम विस्वेस्वर्या, भारतीय इंजीनियर, विद्वान और एक कुशल राजनेता थे। किंग जॉर्ज V ने जनता की भलाई के लिए उनके योगदान के लिए उन्हें ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य के एक नाइट कमांडर (KCIE के रूप में नाइट) की उपाधि दी थी। 1918 से 1912 के दौरान वे मैसूर के दीवान भी थे।

उनके दो आविष्कार प्रसिद्ध हुए हैं -‘Automatic Sluice Gates’ और Block Irrigation System’, इन्हें अभी भी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में चमत्कार माना जाता है। चूंकि रिवर बेड्स महंगा थे, तो उन्होंने 1895 में ‘कलेक्टर’ वेल्स के माध्यम से पानी फिल्टर करने का एक कारगर तरीका खोज लिया जो शायद ही कभी दुनिया में कहीं  देखा गया था।

उन्होंने हैदराबाद के शहर के लिए एक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की जिससे उनको विशिष्ट सम्मान मिला। उनके जन्म दिवस पर 15 सितंबर को उनकी स्मृति में भारत में अभियंता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Srinivasa Ramanujan – श्रीनिवास रामानुजन

श्रीनिवास रामानुजन ने गणित में लगभग कोई औपचारिक प्रशिक्षण नहीं लिया था लेकिन उन्होंने गणितीय विश्लेषण, संख्या सिद्धांत और अनंत श्रृंखला, के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया। रामानुजन ने शुरू में अपने ही गणितीय शोध विकसित की और इसे जल्द ही भारतीय गणितज्ञों द्वारा मान्यता दी गई थी।

अपने अल्प जीवन काल के दौरान, रामानुजन ने स्वतंत्र रूप से लगभग 3,900 परिणाम प्राप्त किये, उनके लगभग सभी दावे सही सिद्ध हुए है। रामानुजन ने अपने मूल और अत्यधिक अपरंपरागत परिणाम जैसे रामानुज प्राइम और रामानुजन थीटा फंक्शन, से आगे के अनुसंधान को प्रेरित किया है।

रामानुजन के स्कूल के प्रधानाध्यापक, कृष्णास्वामी अय्यर के अनुसार रामानुज एक ऐसा उत्कृष्ट छात्र था जो अधिकतम से भी अधिक अंक प्राप्त करने का हकदार था। रामानुज का मानना था:

“An equation means nothing to me unless it expresses a thought of god.”

रेवेन्यू विभाग में नौकरी की इच्छा लिए रामानुज, रामास्वामी एयर से मिले| रामानुज ने उन्हें अपनी गणित की नोटबुक दिखाई, एयर ने रामानुज को याद करते हुए कहा है कि –

“मैं रामानुजन के गणितीय परिणामों से इतना प्रभावित था कि रेवेन्यू डिपार्टमेंट के निचले पद पर रामानुजन को नियुक्त कर उनकी प्रतिभा का अपमान करना नहीं चाहता था “

“I was struck by the extraordinary mathematical results contained in it (the notebooks). I had no mind to smother his genius by an appointment in the lowest rungs of the revenue department”.

Subrahmanyan Chandrasekhar – एस . चंद्रशेखर

भारतीय मूल के अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक, प्रोफेसर चंद्रशेखर को संरचना और सितारों के विकास की महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं पर अपने अध्ययन के लिए 1983 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया| उन्होंने विलियम ए. फ्लावर के साथ इसे साझा किया था।

चंद्रशेखर ने गणित के माध्यम से सितारों विकास के अध्ययन किये, जिनके माध्यम से बड़े पैमाने पर सितारों और ब्लैक होल के वर्तमान सैद्धांतिक मॉडल बनाये गए। चंद्रशेखर सीमा का नाम उनके नाम पर ही रखा गया है।

Jagadish Chandra Bose – जगदीश चंद्र बोस:

30 नवंबर, 1858 को बिक्रमपुर, पश्चिम बंगाल में जन्मे जगदीश चन्द्र बोस बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे एक बहुश्रुत (Polymath), भौतिक विज्ञानी (physicist), जीवविज्ञानी(biologist), वनस्पतिशास्त्री (botanist) और पुरातत्त्ववेत्ता(archaeologist) थे। इन्होंने भारत में  रेडियो और माइक्रोवेव प्रकाशिकी की नींव रखी| उन्होंने पौधों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्होंने भारतीय उप-महाद्वीप में प्रायोगिक विज्ञान की शुरुआत की।

वह पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पहली बार रेडियो संकेतों का पता लगाने के लिए Semiconductor Junctions उपयोग कर वायरलेस कम्युनिकेशन को प्रदर्शित किया। वे ओपन टेक्नोलॉजी के पिता के रूप में जाने गए हैं क्योंकि उन्होंने अपने आविष्कार और कार्यों को स्वतंत्र रूप से दूसरों के लिए उपलब्ध कराया। अपने काम के लिए पेटेंट के प्रति उनकी अनिच्छा विश्वप्रसिद्ध है।

उनके प्रसिद्ध अविष्कारों में से एक क्रेस्कोग्राफ (crescograph) है जिसके माध्यम से विभिन्न उत्तेजनाओं के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया को मापा और यह धारणा स्थापित कि पौधे दर्द महसूस कर सकते हैं और स्नेह को समझ सकते हैं।

Vikram Sarabhai – विक्रम साराभाई

विक्रम साराभाई भारत के प्रसिद्ध साराभाई परिवार से थे जो उन प्रमुख उद्योगपतियों में से थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाई थी। वे एक भारतीय वैज्ञानिक और प्रर्वतक थे तथा व्यापक रूप से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक के रूप में माने जाते हैं।

विक्रम  ए. साराभाई  कम्युनिटी  विज्ञान केंद्र (VASCSC), जिसकी संस्थापना 1960 में साराभाई द्वारा कि गयी थी जो कि विज्ञानं तथा गणित शिक्षा का प्रसार करने के प्रति कार्यरत है। हर किसी को इसरो की स्थापना में उनकी प्राथमिक भूमिका के बारे में पता है। परंतु, शायद हम में से कई लोग यह नहीं जानते है कि उन्होंने कई अन्य भारतीय संस्थानों कि स्थापना में भूमिका निभाई है, सबसे विशेष रूप से भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (IIMA की स्थापना) और विकास के लिए नेहरू फाउंडेशन।

विक्रम साराभाई को राष्ट्रीय सम्मान पद्म भूषण से 1966 में और 1972 में पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।

Har Gobind Khorana –  हर गोबिंद खुराना

हर गोबिंद खुराना भारतीय मूल के एक बायोकेमिस्ट थे जिन्होने मार्शल डब्ल्यू नीरेनबेर्ग और रॉबर्ट डब्ल्यू होली के साथ फिजियोलॉजी में अपने अनुसंधान के लिए 1968 में नोबेल पुरस्कार मिला था।

उन्हें आनुवंशिक कोड की व्याख्या पर अपने काम के लिए उसी वर्ष में कोलंबिया विश्वविद्यालय से लुइसा सकल होर्वीत्ज़ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

Salim Ali – सलीम अली :

सलीम अली एक भारतीय पक्षी विज्ञानी और प्रकृतिवादी थे जो “भारत के बर्डमैन” के रूप लोकप्रिय हुए| सलीम अली पहले भारतीयों में से एक थे जिन्होंनेव्यवस्थित पक्षी सर्वेक्षण किये और कई किताबें लिखी|

बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के लिए अपने व्यक्तिगत प्रभाव का इस्तेमाल किया, और संगठन के लिए सरकार का समर्थन जुटाने में सक्षम रहे तथा भरतपुर पक्षी अभयारण्य बनवाया। उन्हें 1958 में पद्मभूषण और 1976 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

APJ Abdul Kalam – ए . पी . जे . अब्दुल कलाम :

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एक साधारण व्यक्तित्व वाले आसाधारण व्यक्ति थे। वे 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे। कलाम का जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक माध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का अध्ययन किया।

कलाम ने भारतीय सेना के लिए एक छोटी सी हेलीकाप्टर डिजाइन द्वारा अपना करियर शुरू किया और बाद में उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनके कारण उन्हें मिसाइल मैन के रूप जाना जाता हैं|

18 जुलाई 1980 को ए पी जे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भारत के प्रथम स्वदेशी प्रक्षेपण यान एसएलवी -3 का शुभारम्भ किया गया  एसएलवी -3 का प्रक्षेपण, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर था।

अब्दुल कलाम के विनम्र स्वभाव और अद्भुत व्यक्तित्व के कारण आज भी वे करोड़ों भारतीयों के दिलों में रहते हैं|

Nobel Prize Winners of India (Hindi) – नोबेल पुरुस्कार प्राप्त करने वाले भारतीय

Inspirational Stories From The Life of Abdul Kalam – अब्दुल कलाम की महानता का साबित करने वाले प्रेरक प्रसंग

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23 Famous Indian Scientists And Their Inventions In hindi Language

भारत के इतिहास में ऐसे कई वैज्ञानिकों है जिन्होंने योगदान से दुनिया मे अपना नाम बनाया है।आज इस आर्टिकल में ऐसे ही भारतीय वैज्ञानिकों व उनके योगदान (23 Famous Indian Scientists And Their Inventions In hindi Language) के बारे में जानेंगे।

23 प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक व उनका योगदान (23 Famous Indian Scientists And Their Inventions In hindi Language)

23 Famous Indian Scientists And Their Inventions In hindi Language

कणाद – वैशेषिक दर्शन के रचयिता जिन्होंने सर्वप्रथम परमाणु के बारे में बताया।परमाणु को अविभाज्य बताया।

चरक – ‘चरक संहिता’ के लेखक/कनिष्क के राजवैद्य एवं महान चिकित्सक।

धनवंतरी – महान आयुर्वेदाचार्य

सुश्रुत – ‘सुश्रुत संहिता’ के रचयिता/आयुर्वेदाचार्य/शल्य चिकित्सा के जनक

नागार्जुन – गुप्तकालीन महान रसायनज्ञ ,उन्होंने रस चिकित्सा प्रस्तुत की।

भास्कर आचार्य – ‘सिद्धांत शिरोमणि’ नामक पुस्तक में गणित व नक्षत्र शास्त्र की विवेचना।

भास्कर 1 – खगोल शास्त्री।

भास्कर 2 – गणितज्ञ।

पतंजलि – ईस्वी पूर्व दूसरी शताब्दी में योग सूत्रो और महाभाष्य नामक व्याकरण ग्रंथ की रचना की

आर्यभट्ट – महान गणितज्ञ व खगोलशास्त्री। प्रथम बार पृथ्वी को गोल बताया तथा कहा कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है।उन्होंने पाई का मान जीरो 3.1416 बताया। प्रथम भारतीय उपग्रह का नाम आर्यभट्ट इन्हीं के नाम पर रखा।

सर सी. वी. रमन – रमन प्रभाव की खोज की रमन प्रभाव की खोज की।इसके लिए उनको नोबेल पुरस्कार दिया गया। इनका जन्म दिवस 28 फरवरी को विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है

डॉ. होमी जहांगीर भाभा – भारत में परमाणु कार्यक्रमों के जनक माने जाते हैं।भारत की प्रथम परमाणु भट्टी इन के निर्देशन में बनी।

डॉ. विक्रम साराभाई – भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक रहे हैं और इसरो की स्थापना भी इन्होंने ही की है।

जगदीश चंद्र बोस – बेतार(Wireless) के तार का आविष्कार मारकोनी से पहले किया। क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार किया।उन्होंने सर्वप्रथम बताया कि पौधों में भी संवेदनाए है।

सत्येंद्र नाथ बोस – आइंस्टीन के साथ मिलकर काम किया।’बॉस-आइंस्टीन सांख्यिकी’ का प्रतिपादन किया।एक नए मूल कण बोसोन की खोज की।

डॉ मेघनाद साहा – ‘ इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स’ के कोलकाता में स्थापना की जिसे अब ‘साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स’ कहा जाता है।

बीरबल साहनी – भारतीय पुरावनस्पति विज्ञान के जनक माने जाते हैं।

डॉ. एच. एन. सेठना – प्रथम भारतीय परमाणु परीक्षण के प्रणेता।

डॉ. हरगोविंद खुराना – जेनेटिक कोड की खोज की और कृत्रिम जिनका निर्माण भी किया।

Dr M. S. Swaminathan – भारत में हरित क्रांति के प्रणेता।

डॉ एस. चंद्रशेखर :- तारों की गति व सामान्य आपेक्षिकता व ब्लैक होल्स पर कार्य किया ‘चंद्रशेखर लिमिट’ प्रतिपादित की।

डॉ निवासन रामानुजन :- प्रसिद्ध गणितज्ञ

डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम :- मिसाइल मेन के नाम से प्रसिद्ध है।इन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान केंद्र में कार्य करते हुए मिसाइलों का विकास किया।पोकरन-2 के जनक भी रहे।

यहाँ हमने भारत के प्रमुख वैज्ञानिको के नाम ( 23 Famous Indian Scientists And Their Inventions In hindi Language ) के बारे में जानकारी दी है।इसे अपने साथियों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर ज़रूर करे।

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About Kavish Jain

में अपने शौक व लोगो की हेल्प करने के लिए Part Time ब्लॉग लिखने का काम करता हूँ और साथ मे अपनी पढ़ाई में Bed Student हूँ।मेरा नाम कविश जैन है और में सवाई माधोपुर (राजस्थान) के छोटे से कस्बे CKB में रहता हूँ।

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विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध (Science is a Boon or Curse Essay in Hindi)

क्या आप बिजली, टेलीविजन, पंखे, मोबाइल, फ्रिज इत्यादि के बिना जीवन की कल्पना कर सकते है? बिना किसी परिवहन के साधन के मीलों की यात्रा करना पहले आसान नहीं हुआ करता था। लोग अपने करीबियों, रिश्तेदारों, दोस्तों या अन्य किसी के साथ बात नहीं कर पाते थे, क्योंकि उन दिनों पत्र भेजने के आलावा हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। यह केवल विज्ञान के कारण ही संभव हो सका है, जिसने विज्ञान के विशाल प्रौद्योगिकियों के साथ हमारे जीवन को बहुत ही सरल बना दिया है। विज्ञान ने जहां तकनीकियों और प्रौद्योगिकियों से हमारे जीवन को सरल और सुगम बनाया है वही विज्ञान मानव जीवन के विनाश का कारण भी है।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर लघु व दीर्घ निबंध (Short and Long Essay on Science is a Boon or Curse in Hindi, Vigyan Vardan ya Abhishap par Nibandh Hindi mein)

मैंने इस निबंध के माध्यम से विज्ञान के सभी पहलुओं पर चर्चा करने की कोशिश की है जो ये साबित करेगा की विज्ञान अगर वरदान है तो अभिशाप भी है। यह निबंध सभी छात्रों को निबंध लिखने, प्रोजेक्ट बनाने इत्यादि में अवश्य सहायक सिद्ध होगी।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर लघु निबंध – 400 शब्द

विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसका सीमा तथा क्षेत्र दिनो-दिन बढ़ता जा रहा है। प्राकृतिक तथा किसी वस्तु या प्राणी का क्रमवद्ध ज्ञान, विज्ञान कहलाता है। हम सभी जानते हैं, पानी का उबलना एक प्राकृतिक घटना है, पर पानी सदैव 100 डिग्री पर उबलता है तथा 0 डिग्री पर जमता है यह विज्ञान है।

विज्ञान के अविष्कार जो पृथ्वी के लिए वरदान हैं तो अभिशाप भी हैं

  • रॉकेट बम मिसाइल – विज्ञान की देन रॉकेट बम मिसाइल तथा परमाणु शक्ति हैं, जो हमारे मुसीबत में तो काम आते हैं पर इनकी बढ़ती संख्या विश्व के लिए संकट है। आतंकवाद इसके माध्यम से ससक्त होता है, साथ ही परमाणु शक्ति भी विश्व भर में खतरे का संकेत हैं। यह अत्यधिक खतरनाक शक्तियां है। 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरीकी वायु सेना ने जापान के शहर हिरोशिमा पर “लिटिल बॉय” परमाणु बम गिराया तथा इसके तीन दिन बाद नागासाकी पर “फैट मैन” परमाणु बम गिराया। जिसका दुष्परिणाम आज भी वहां देखा जा सकता है। परमाणु शक्ति से विश्व परिचित है इसलिए यह प्रावधान है कि, पाँच देशों के अनुमति के बिना, यह किसी भी देश द्वारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता है।
  • बड़े बड़े कारखाने – विज्ञान के मदद से, विश्व विकास के उच्च आयाम को प्राप्त कर चुँका है पर विश्व में विज्ञान के माध्यम से प्रदुषण भी उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है। कारखानों से निकता गैस, हवा को दुषित करता है। जीवाश्म ईंधन के निरंतर जलने से यह पर्यावरण पर अपना अनुचित प्रभाव छोड़ रहा है। जिसके वजह से ठण्ड के समय में दक्षिण एशिया पर इसका प्रभाव हम साफ तौर पर देख सकते हैं, जहां अनुमानित समय से कई अधिक समय तक, दूर-दूर तक धुंध फैला होता है।
  • यंत्र व उपकरण – हमारा काम आसान करने के लिए विज्ञान ने उपहार के रूप में हमें, यंत्र व उपकरण तो दिया है। जिसके वजह से यह कई लोगों का काम अकेला और कम समय में कर सकता है। पर इसके परिणाम स्वरूप बड़ी-बड़ी उद्योग कम्पनीयां 100 लोगों के स्थान पर एक मशीन का ही उपयोग कर रही हैं। जिससे रोजगार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है और बेरोजगारी बढ़ी है।
  • कार, फ्रिज आदि – विज्ञान के सराहनीय अविष्कार जो हमारे दैनिक जीवन को सरल बनाते हैं जैसे कार, मोटर सायकिल, फ्रिज आदि इनसें निकलने वाले हानिकारक गैस हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं, तथा यह वातावरण के लिए भी श्राप हैं।

विज्ञान के चमत्कार से हमें अनेकों लाभ हैं। यह हमारे जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ आरामदायक भी बनाता है। पर जिस प्रकार हर सिक्के के दो पहलु होते हैं, उसी प्रकार विज्ञान के भी लाभ तथा हानि दोनों ही व्यक्ति और पर्यावरण को प्राभवित करते हैं।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर दीर्घ निबंध – 1450 शब्द

प्राचीन समय में मनुष्य एक खानाबदोश की तरह जीवन व्यतीत करता था, जब की आज वो एक सभ्य नागरिक में परिवर्तित हो गया है। यह सब केवल विज्ञान के उपयोग से ही संभव हो सका हैं। हमारे जीवन की हर घटना में विज्ञान शामिल है। हमारे दिनचर्या के सभी कार्यों से लेकर उपग्रह और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अविष्कार तक विज्ञान की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। अविष्कारों के विकासों से पहले का जीवन बहुत ही कठिन था। विकास में हुए कमी के कारण जीवन के हर काम में समय लगता था। बुद्धिमानों के दिमाग ने इन आवश्यकताओं को सुविधाओं में बदल दिया और इसे ही हम विज्ञान के नाम से जानते है।

विज्ञान एक अविरल जिज्ञासा है

हर दिन हमारे दिमाग में अलग-अलग सोच और विचार आते हैं। इन विचारों को अविष्कार में बदलने के लिए केवल एक चिंगारी की आवश्यकता होती है। विज्ञान का मूल अर्थ है जिज्ञासा का पालन करना। यह हमारे आस-पास घट रही विभिन्न घटनाओं को जानने के बारे में होती है। हमारे विचारों को खोज में परिवर्तित करने को ही विज्ञान कहा जाता है, जो हमारे विचारों और जिज्ञासाओं का उत्तर देती है।

जिज्ञासा और नई खोज हमें एक नई तकनीकी विकास की ओर ले जाती हैं, जिन्होंने हमारे जीवन को और भी आसान और सुविधाजनक बना दिया है। विज्ञान ने हमारे जीवन की कई बड़ी जटिलताओं को आसान बना दिया है। विज्ञान प्रकृति और उनमें होने वाली घटनाओं, मौसम में विविधता और जलवायु परिस्थितियों और अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियां, इत्यादि सभी में मौजूद है। हमारे मन में उठाने वाले प्रत्येक सवालों का जबाब केवल विज्ञान के द्वारा ही संभव हो सकता है।

कंप्यूटर – विज्ञान का एक महान योगदान

इस वैज्ञानिक युग को कंप्यूटर युग के रूप में भी जाना जाता है, और कंप्यूटर विज्ञान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। चिकित्सा, कृषि, औद्योगिक क्षेत्र, शिक्षण, अनुसंधान, और विकास के हर क्षेत्र ने कंप्यूटर बहुत ही आवश्यक बन गया हैं। हम कंप्यूटर का उपयोग करके हम सभी संदेहों को दूर कर सकते हैं। यह केवल इस उपकरण के उपयोग के कारण ही संभव हो सका है, जिसने दुनिया को संचार के माध्यम से जोड़ा है और दुनिया में हो रही सभी घटनाओं की जानकारी को हम तक पहुंचाया है।

मोबाइल फोन और स्मार्ट कंप्यूटर को आजकल हर किसी के हाथों में देखा जा सकता है। तकनीकी प्रगति में विकास करके मोबाइल फोन का निर्माण किया गया है। ये बहुत ही उपयोगी हैं और इन्हें आसानी से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इसके द्वारा किए गए अधिकतर कार्य जैसे – ब्राउज़िंग, मेल, सन्देश भेजना जैसे कई कार्यों को बहुत ही आसानी के साथ सेकंडों में किया जा सकता हैं। यह विज्ञान और विज्ञान के दृष्टिकोण के बिना संभव नहीं हो सकता है।

प्रौद्योगिकी के रूप में विज्ञान के लाभ

1. हमारे जीवन स्तर में सुधार

विज्ञान ने हमारे जीवन को एक सामान्य स्तर से एक शानदार और अच्छे स्तर तक ले आया है। विज्ञान के द्वारा ही हमें बहुत सारी सुविधाएं मिली हैं। पहले के दिनों में परिवहन के साधन सिमित थे और आज हमारे यहां हर घरों में कार या बाइक अवश्य ही होती है। टी.वी., होम थियेटर, लैपटॉप, फ्रिज, वासिंग-मशीन इत्यादि के आने से हमारे जीवन स्तर में बहुत बदलाव आये है।

2. हमारे दैनिक दिनचर्या में शामिल

पंखा, गीजर, फ्रिज, वाशिंग मशीन, टेलीविजन, गैस स्टोव इत्यादि का उपयोग मनुष्य अपने दैनिक जीवन में करता है, जो विज्ञान की अविश्वसनीय खोज के रूप में हैं। आज के दिनों में इन सभी तकनीकियों के बिना हम अपने जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते है। ये सभी चीजें हमारे दैनिक जीवन की जरुरत बन गयी हैं।

3. चिकित्सा विज्ञान और उपचार में

विभिन्न प्रकार के कई रोगों के लिए इलाज और दवाएं बाजारों में उपलब्ध हैं। मानव शरीर के विभिन्न रोगों के निदान के लिए विभिन्न मशीनें विकसित की गयी हैं। जिन रोगों का पहले निदान नहीं किया जा सकता था आज उन रोगों के निदान करना बहुत ही आसान हो गया है। विज्ञान ने ऐसी चीजों को संभव कर दिया हैं, जो एक समय में असंभव मानी जाती थी। विज्ञान के द्वारा ही कई प्रकार की पुरानी बीमारियों का इलाज संभव हो सका हैं।

4. सुगम संचार

आज लोग आसानी के साथ संदेश और मेल इत्यादि भेज सकते हैं। विज्ञान के द्वारा तकनीक कुछ इस कदर बढ़ी है कि एक देश में बैठा व्यक्ति दूसरे देशों के लोगों के साथ आसानी से संपर्क कर सकता है। यह व्यापार और दूसरे देशों से व्यवसाय करने के लिए सम्पर्क और संचार का एक सबसे बेहतर माध्यम बन चूका है। इसके द्वारा ही हमारे राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।

5. सीखने और सिखाने में सहायक

इस वैज्ञानिक युग में अनेको परिवर्तन हुए हैं। बोर्ड, चाक और डस्टर की जगह इसने स्मार्ट क्लास का रूप ले लिया हैं। उन छात्रों के लिए शिक्षा आसान हो गयी हैं, जो दूर क्षेत्रों में रहते हैं और कक्षाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाते हैं।

प्रौद्योगिकी के रुप में विज्ञान के नुकसान

1. पर्यावरणीय दुर्दशा या नुकसान

औद्योगिक क्षेत्रों और वाहनों से उत्पन्न धुएं और धूल, NOx, SOx जैसे गैसीय प्रदूषक, कारखानों से निकलने वाला अपशिष्ट हमारे पर्यावरण के लिए एक बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। ये सभी हमारी हवा, पानी और गुणवत्ता को दिन-ओ-दिन खराब कर रही हैं। ये विभिन्न प्रकार के विकसित अविष्कार विज्ञान की देन हैं और अगर ये सभी हमारे पर्यावरण को नुकसान पंहुचा रहे हैं तो यह पूरी तरह से एक अभिशाप के रूप में हैं।

2. जीवन को समाप्त कर देने वाले हथियारों के निर्माण

विज्ञान और उसकी प्रौद्योगिकियों का नकारात्मक रूप से उपयोग कर जैविक हथियारों का निर्माण, पूरी दुनिया के विनास का कारण बन सकती है। प्रौद्योगिकियों का उपयोग आधुनिक हथियारों को बनाने के लिए किया जा सकता है, जो मानव के विनाश का कारण बन सकती है। यह मानव के अस्तित्व को धरती पर से पूरी तरह खत्म कर सकता हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम के विनासकारी प्रभाव आज तक देखे जा सकते हैं। यह भी विज्ञान की ही एक देन थी।

विज्ञान वरदान है या अभिशाप?

विज्ञान मनुष्यों के लिए एक वरदान के रूप में है। विज्ञान ने कई असंभव चीजों को संभव बना दिया है। इसके द्वारा ही आज विभिन्न तकनीकियों, अंतरिक्ष यान, उपग्रह और परमाणु अस्त्रों का विकास हुआ हैं। इसी तकनीक और विज्ञान ने मानव को चाँद और मंगल तक पंहुचा दिया है। पाषाण युग में जो मनुष्य थे, विज्ञान ने आज उन्हें आधुनिक मनुष्यों में बदल दिया है। देश को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने और रक्षा की नई प्रणाली और प्रौद्योगिकी का निर्माण विज्ञान के द्वारा ही संभव हो सका हैं।

विज्ञान ने वभिन्न प्रकार के विकासों और अविष्कारों को जन्म दिया है, जो मानव जाति के लिए बहुत ही उपयोगी है। लेकिन दूसरी तरफ इसके कई अभिशाप भी है, क्योंकि यह देखा गया है कि विज्ञान ने मनुष्यों को बहुत ही आलसी और स्वास्थ्य की कई समस्याओं से ग्रसित कर दिया है। मनुष्य अपने लाभ और जीवन को सरल बनाने के लिए विज्ञान का उपयोग करता है और उसी विज्ञान से खतरनाक हथियार और विनाशकारी बम बनाकर दूसरों का विनाश करता है, जो की कई निर्दोष लोगों की मृत्यु का कारण बनती है। विज्ञान के द्वारा एक ही समय में हम पर्यावरण की देखभाल और मानव जाति के लिए विज्ञान का उपयोग अच्छे तरीके से कर सकते है। विज्ञान के सही तरीके से उपयोग से हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे, जबकि नकारात्मक तरीके से उपयोग प्रकृति और मानव जीवन के अंत और विनाशकारी हो सकता है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग मानव जाति के विकास में सहायता के रूप में किया जाना चाहिए। इससे मानव जाती के विकास में मदद मिलेगी। विज्ञान को हमारे ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। यदि विज्ञान मानव जाति पर हावी हुआ तो इसके विनाशकारी परिणाम देखने को मिलेंगे। इससे प्रकृति के साथ-साथ मानव जाती के ऊपर नकारात्मक प्रभाव और उनका विनाश तक देखने को मिल सकते है। मनुष्य स्वार्थी हो गया है और केवल अपने हित की सोचता है, जो की पर्यावरण की खराब दुर्दशा का कारण है।

FAQs: Frequently Asked Questions on Science is a Boon or Curse in Hindi

उत्तर – आदिमानव से आधुनिक मानव बनने और वर्तमान में मानव को इतना विकसित बनाने में विज्ञान की ही देन है।

उत्तर – यातायात, चिकित्सा क्षेत्र, बिजली, दूरसंचार, मनोरंजन, मोबाइल और कंप्यूटर आदि कई वैज्ञानिक आविष्कार हमारे लिए वरदान हैं।

उत्तर – विज्ञान के गलत इस्तेमाल से बनाए गए परमाणु बम एवं अन्य खतरनाक हथियार मानवजाति का अंत कर सकते है।

उत्तर – विज्ञान ने मानवजाति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई परन्तु इसके दुरुपयोग ने पर्यावरण पर बुरा असर डाला है।

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इंडियन साइंटिस्ट जिन्होंने दुनिया बदल दी

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इंंडियन साइंटिस्ट

प्राचीन समय से लेकर आज तक भारत हमेशा ही वैज्ञानिक रूप से उन्नत रहा है। इसका प्रमाण विभिन्न ऐतिहासिक भारतीय ग्रंथों में पाया जा सकता है। विज्ञान हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा है। चाहे वह छोटा  लाइट बल्ब हो या फिर बड़ी मशीनें, हमारे चारों ओर सब कुछ वैज्ञानिक आविष्कारों (Inventions)  का परिणाम है। क्या आप जानते हैं कि इनमें से कई वैज्ञानिक खोजें इंडियन साइंटिस्ट के दिमाग की उपज हैं? इंंडियन साइंटिस्ट का यह एक खास ब्लॉग है जो आपको अब तक के महानतम वैज्ञानिकों की जिंदगी के बारे में बताएगा।

“प्रत्येक व्यक्ति केवल उसी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है और उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है, जिसे वह प्यार करता है, जिस पर वह वैसा भरोसा करता है, जैसा कि मैं करता हूं। उसका यह भरोसा ही दरअसल उससे कहता है कि ये ही करने के लिए उसका जन्म हुआ है और इसे करना ही उसकी नियति है।” – होमी जे भाभा 

Check out: सर्वकालिक महान शख्सितयतें    

प्राचीन भारत के वैज्ञानिक

  • भास्कर प्रथम

आधुनिक भारत के वैज्ञानिक

  • ए पी जे अब्दुल कलाम
  • अनिल काकोडकर
  • बीरबल साहनी
  • होमी जहाँगीर भाभा
  • प्रेम चंद पाण्डेय
  • कैलाशनाथ कौल
  • श्रीराम शंकर अभयंकर
  • सी. एन. आर. राव
  • विजय पी. भटकर
  • हरगोविन्द खुराना
  • तेज पी० सिंह
  • मणीन्द्र अग्रवाल
  • नरेन्द्र करमरकर
  • जगदीश चन्द्र बसु
  • जयन्त विष्णु नार्लीकर
  • मेघनाद साहा
  • रघुनाथ अनंत माशेलकर
  • सर शान्ति स्वरूप भटनागर
  • सुब्रह्मण्यन् चन्द्रशेखर
  • शंकर अबाजी भिसे
  • श्रीनिवास रामानुजन्
  • सत्येन्द्र नाथ बसु
  • सर एम. विश्वेश्वरय्या
  • सुन्दरलाल होरा
  • वेंकटरामन् रामकृष्णन्
  • विक्रम साराभाई
  • अतुल गुर्टु

एपीजे अब्दुल कलाम ( APJ Abdul Kalam)

15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में जन्मे अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम एक प्रसिद्ध इंडियन साइंटिस्ट और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने 2002 से 2007 के बीच एक कार्यकाल के लिए भारत के राष्ट्रपति (President of India) के रूप में कार्य किया। उन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में एक एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू किया, जहां उन्होंने भारतीय सेना के लिए हेलीकॉप्टर डिजाइन किए। उन्हें 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां वे भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-III के परियोजना निदेशक थे। यह वही प्रक्षेपण यान है, जिसने 1980 में रोहिणी उपग्रह (Satellite) को पृथ्वी के निकट की कक्षा में तैनात करने में सफलता पाई थी। उनके नेतृत्व में भारत ने मिसाइल निर्माण और परमाणु हथियार कार्यक्रम में तेजी से विकास देखा। भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का 27 जुलाई, 2015 को निधन हो गया।

सहस्राब्दि के इंडियन साइंटिस्ट और दूरदर्शी नेता के जीवन के बारे में ज्यादा जानने के लिए पढ़ें हमारा ब्लॉग एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा !

सत्येंद्रनाथ बोस ( Satyendranath Bose)

बोस-आइंस्टीन स्टैटिस्टिक्स के विकास के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ सहयोग और क्वांटम मैकेनिक्स (Quantum Mechanics) पर अपने काम के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध, सत्येंद्र नाथ बोस एक प्रख्यात इंडियन साइंटिस्ट , भौतिक विज्ञानी और गणितज्ञ थे। उनका जन्म 1 जनवरी, 1894 को कलकत्ता (कोलकाता), पश्चिम बंगाल में हुआ था। वह लंदन की रॉयल सोसाइटी के एक फेलो थे और उन्हें 1954 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण (भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) से सम्मानित किया गया था। विज्ञान पर रवींद्रनाथ टैगोर की एकमात्र पुस्तक ‘विश्व परिचय’ 1937 में उन्हें समर्पित की गई। प्रख्यात भौतिक विज्ञानी पॉल डिराक ने बोस-आइंस्टीन सिद्धांत को मानने वाले कणों (Particles) के एक वर्ग को इनके नाम पर ‘बोसान’ नाम दिया था। 4 फरवरी 1974 को सत्येंद्र नाथ बोस का निधन हो गया।

Satyen Bose

अंकों के नायकों के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें हमारा ब्लॉग  प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ

इंंडियन साइंटिस्ट : मेघनाद साहा ( Meghnad Saha)

प्रख्यात इंंडियन साइंटिस्ट और खगोल भौतिकीविद् (Astrophysicist), मेघनाद साहा का जन्म 6 अक्टूबर, 1893 को ढाका (वर्तमान बांग्लादेश में) के पास एक गांव, जो उस समय बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, में हुआ था। उन्होंने साहा आयनीकरण समीकरण (Saha Ionization Equation) विकसित किया, जो तारों (Stars) में भौतिक और रासायनिक स्थितियों की व्याख्या करने के लिए बुनियादी उपकरणों में से एक है। उन्होंने सौर किरणों के दबाव और वजन को मापने के लिए एक उपकरण का भी आविष्कार किया। भारत में नदी नियोजन पर मुख्य आर्किटेक्ट के रूप में जाने जाने वाले मेघनाद साहा ने ही दामोदर घाटी परियोजना की मूल योजना तैयार की थी। वह एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे और विज्ञान और संस्कृति पत्रिका के संस्थापक और संपादक थे। 1943 में, कोलकाता में साहा इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स की स्थापना उनके नाम पर की गई थी। 16 फरवरी, 1956 को नई दिल्ली में उनका निधन हो गया।

Dr-Meghnad-Saha

If you aim to make a caअगर आप भी मेघनाद साहा की तरह इसी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो पढ़ें हमारा ब्लॉग एस्ट्रोफिजिक्स कोर्सेज !

प्रफुल्ल चंद्र राय ( Prafulla Chandra Ray)

भारत में रसायन विज्ञान (Chemical Science) के जनक (Father) माने जाने वाले इंंडियन साइंटिस्ट प्रफुल्ल चंद्र राय का जन्म 2 अगस्त, 1861 को ब्रिटिश भारत के तत्कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी (वर्तमान बांग्लादेश) के जेसोर जिले के रारौली-कटिपारा गाँव में हुआ था। वह भारत की पहली औषधि कंपनी, बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स के संस्थापक थे, जिसकी स्थापना 1901 में कोलकाता में हुई थी। यह प्रख्यात बंगाली पुस्तक ‘ए हिस्ट्री ऑफ हिंदू केमिस्ट्री फ्रॉम द अर्लीएस्ट टाइम्स टू द मिडिल ऑफ सिक्सटींथ सेंचुरी’ (A History of Hindu Chemistry from the Earliest Times to the Middle of Sixteenth Century) के लेखक थे। उनके काम के लिए, उन्हें रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री द्वारा यूरोप के बाहर पहली बार केमिकल लैंडमार्क प्लाक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 16 जून, 1944 को प्रफुल्ल चंद्र राय का निधन हो गया।

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में करियर और रसायन विज्ञान के क्षेत्र के बारे में जानकारी के लिए पढ़ें हमारा ब्लॉग

इंंडियन साइंटिस्ट: सलीम अली (Salim Ali)

भारत के बर्डमैन के रूप में लोकप्रिय, सलीम मोइज़ुद्दीन अब्दुल अली का जन्म 12 नवंबर, 1896 को बॉम्बे, महाराष्ट्र में हुआ था। प्रकृतिवादी और पक्षी विज्ञानी, सलीम अली पहले भारतीय थे जिन्होंने पूरे भारत में पक्षियों पर व्यवस्थित सर्वेक्षण किया। उन्होंने बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के विकास में योगदान देने के साथ-साथ भरतपुर पक्षी अभयारण्य की स्थापना में बड़ी भूमिका निभाई, जिससे उनका नाम प्रसिद्ध इंंडियन साइंटिस्ट की फेहरिश्त में शामिल हुआ। उनके योगदान के लिए, भारत सरकार ने उन्हें क्रमशः 1958 और 1976 में पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उन्होंने अमेरिकी पक्षी विज्ञानी (Ornithologist) सिडनी डिलन रिप्ले के सहयोग से भारत और पाकिस्तान के पक्षियों की दस खंड वाली पुस्तक लिखी। 20 जून 1987 को सलीम अली का निधन हो गया।

Salim Ali

इस क्षेत्र के विस्तार को समझने और सलीम अली की तरह नायक बनने के लिए पढ़ें हमारा ब्लॉग  जन्तु विज्ञान की शाखाएं !

होमी जहांगीर भाभा ( Homi Jehangir Bhabha)

भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक (Father of the Indian Nuclear Programme) के रूप में लोकप्रिय, होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को हुआ था। इस प्रख्यात इंंडियन साइंटिस्ट और परमाणु भौतिक विज्ञानी (Nuclear Physicist) ने कांग्रेस के वरिष्ठ पार्टी नेताओं खासकर जवाहरलाल नेहरू को भारत में एक महत्वाकांक्षी परमाणु कार्यक्रम शुरू करने के लिए मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 1945 में बॉम्बे में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और 1948 में परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना की। बाद में वह परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत रहे। होमी भाभा की 24 जनवरी, 1966 को ऑस्ट्रिया जाते समय एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

Check out : भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में विविध करियर

जगदीश चंद्र बोस ( Jagadish Chandra Bose )

बंगाली विज्ञान कथा के जनक माने जाने वाले, इंंडियन साइंटिस्ट जगदीश चंद्र बोस का जन्म 30 नवंबर, 1858 को बंगाल प्रेसीडेंसी (वर्तमान बांग्लादेश में) में मयमनसिंह में हुआ था। पादप विज्ञान ( Plant Science) में उनका योगदान महत्वपूर्ण है, जैसे कि क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार, जो कि एक ऐसा उपकरण है, जो पौधों की वृद्धि को माप सकता है। उन्होंने रेडियो और माइक्रोवेव ऑप्टिक्स (   Microwave Optics) की जांच में अग्रणी भूमिका निभाई। वह उन चंद वैज्ञानिकों में से एक थे जिनके हर आविष्कार का पेटेंट कराने में विरोध का सामना करना पड़ा। उनके सम्मान में चंद्रमा पर उनके नाम पर एक क्रेटर का नाम रखा गया है। 23 नवंबर, 1937 को जे. सी. बोस की मृत्यु हो गई।

  बतौर करियर जीव विज्ञान की सँभावनाएं !

श्रीनिवास रामानुजन ( Srinivasa Ramanujan)

22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु में जन्मे रामानुजन एक प्रख्यात गणितज्ञ थे, जिन्होंने गणितीय विश्लेषण, अनंत श्रृंखला, संख्या सिद्धांत और निरंतर भिन्न में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। एक स्वतंत्र गणितज्ञ रामानुजन ने थीटा फंक्शन, रामानुजन प्राइम, मॉक थीटा फ़ंक्शन, विभाजन सूत्र आदि जैसी मौलिक अवधारणाएं प्रतिपादित की। उनके द्वारा प्रभावित सभी क्षेत्रों में शोध प्रकाशित करने के लिए एक वैज्ञानिक पत्रिका की स्थापना की गई, जिसका नाम रामानुजन जर्नल था। वे कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुने जाने वाले पहले इंंडियन साइंटिस्ट थे और रॉयल सोसाइटी के सबसे कम उम्र के फेलो में से एक थे। 26 अप्रैल 1920 को रामानुजन की मृत्यु हो गई।

ऐसी ही प्रमुख शख्सियतों को पढ़ें हमारे ब्लॉग पर  – सर्वाधिक प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ

इंंडियन साइंटिस्ट : सी. वी. रमन (C.V. Raman)

इंंडियन साइंटिस्ट चंद्रशेखर वेंकट रमन एक प्रख्यात भारतीय भौतिक विज्ञानी थे, जिनका प्रकाश के प्रकीर्णन (Light Scattering) के क्षेत्र में अपार योगदान था। उनका जन्म 7 नवंबर 1888 को त्रिची, तमिलनाडु में हुआ था और उन्हें प्रकाश के प्रकीर्णन की घटना की खोज के लिए जाना जाता है, जिसे रमन प्रभाव (Raman Effect.) कहा जाता है। उन्हें 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिससे वे विज्ञान की किसी भी शाखा में पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय या एशियाई बन गए। उन्हें 1954 में भारत सरकार द्वारा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। 21 नवंबर 1970 को सी.वी. रमन की मृत्यु हो गई।

मॉडर्न भौतिकी के बारे में सबकुछ जानें

प्रशांत चंद्र महालनोबिस (Prasanta Chandra Mahalanobis)

प्रख्यात इंंडियन साइंटिस्ट और सांख्यिकीविद् (Statistician), प्रशांत चंद्र महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को कलकत्ता (कोलकाता), पश्चिम बंगाल में हुआ था। वह महालनोबिस दूरी (   Mahalanobis distance) के रूप में ज्ञात सांख्यिकीय माप को शुरू करने के लिए प्रसिद्ध है। वह स्वतंत्र भारत के पहले योजना आयोग (Planning Commission) के सदस्यों में से एक होने के साथ-साथ भारतीय सांख्यिकी संस्थान के संस्थापक भी थे। भारत में एंथ्रोपोमेट्री के बड़े पैमाने पर सैंपल सर्वेक्षण डिजाइनिंग (Sample Survey Designing) और अध्ययन में उनका बहुत बड़ा योगदान है। भारत में आधुनिक सांख्यिकी के जनक का निधन 28 जून 1972 को हुआ था।

“अगर मेरे जीवन में मुझे कोई सफलता मिली है, तो वह असफलता की अडिग नींव पर खड़ी थी …”-जे.सी. बोस

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अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध | Essay On Science In Space In Hindi

Hello In this article, we are providing about Essay On Science In Space In Hindi. अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध Essay On Science In Space In Hindi, Antariksh Mein Vigyan Par Nibandh class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11,12 Students.

Essay On Science In Space In Hindi

शुरुआत से ही इंसानों को अंतरिक्ष में जाने का काफी अट्रैक्शन रहा हुआ है। पहले के समय में जब टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस नहीं थी, तब इंसान अपनी कल्पना और कहानियों के जरिए अंतरिक्ष की सैर करता था.

परंतु अपनी कल्पना को वास्तविक जिंदगी में साकार करने के लिए इंसान ने स्पेस रिसर्च की फील्ड में शोध करने के बारे में सोचा और इस प्रकार इंसानों ने बीसवीं सदी के बीच में अंतरिक्ष की फील्ड में काफी शानदार सफलता हासिल की।

वर्तमान के समय में इंसान अंतरिक्ष तक तो पहुंच ही गया है, साथ ही वह अंतरिक्ष के कई गूढ़ रहस्य के बारे में भी जान गया है और वह अंतरिक्ष की सैर करने के अपने सपने को भी साकार कर चुका है।

अंतरिक्ष में इंसानों के सफर की स्टार्टिंग साल 1957 में हुई थी और उस दिन 4 अक्टूबर था। 4 अक्टूबर के दिन स्पुतनिक नाम के एक अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष की कक्षा में सोवियत संघ के द्वारा भेजा गया था और इस प्रकार अंतरिक्ष युग की स्टार्टिंग हो गई थी। सोवियत संघ ने जिस यान को भेजा था, उसमें एक कुत्तिया भी भेजी गई थी, जिसका नाम “लाइका” था।

इस कुत्तिया को इसलिए भेजा गया था ताकि अंतरिक्ष में जीव के ऊपर कैसे प्रभाव पड़ते हैं, इसकी जानकारी हासिल की जा सके। इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 1958 में 31 जनवरी के दिन अमेरिका देश ने “एक्सप्लोरर” नाम के अंतरिक्ष यान को छोड़ा।

इसे इसलिए छोड़ा गया था ताकि यह पृथ्वी के ऊपर मौजूद चुंबकीय क्षेत्र और पृथ्वी पर उसके इफेक्ट की स्टडी कर सकें। अंतरिक्ष यान को इसीलिए अंतरिक्ष में भेजा जाता है ताकि वह अंतरिक्ष में जो भी रहस्य मौजूद है, उनके बारे में जानकारी हासिल कर सके और अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्यों से पर्दा उठाए।

इसलिए जितने भी अंतरिक्ष यान भेजे जाते हैं, उसमें कैमरा भी लगाया जाता है ताकि वह अंतरिक्ष के सभी दृश्य को रिकॉर्ड कर सकें। 

साल 1959 में अक्टूबर के महीने में लूना 3 नाम का एक अंतरिक्ष यान सोवियत संघ के द्वारा भेजा गया था। इस यान ने सबसे पहली बार चंद्रमा की फोटो को कैप्चर किया था।

इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 1962 में ‘मैराइनर-2’यान को अमेरिका ने भेजा था जिसने शुक्र ग्रह के बारे में बहुत ही इंपॉर्टेंट जानकारी प्रदान की।

इसके बाद तो दुनिया के कई देशों ने अंतरिक्ष में अपने यान भेजा चालू कर दिया। यहां तक कि हमारे भारत देश ने भी अंतरिक्ष में अपने यान को भेजा है।

500 शब्द : अंतरिक्ष में विज्ञान पर निबंध

यह मनुज जिसका गगन में जा रहा है यान कांपते जिसके करों को देखकर परमाणु यह मनुज विज्ञान में निष्णात जो करेगा, स्यात् मंडल और विधु से बात

प्रस्तावना – प्रस्तुत शताब्दी विज्ञान के नित नवीन प्रयोगों और आविष्कारों की हैं. विज्ञान ने पृथ्वी की पुस्तक के सभी पृष्ट खोलकर पढ़ डाले हैं. अब वह धरती पर अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं हैं. अब उनका ध्यान अंतरिक्ष की ओर हैं.

धरती एक परिवार – यह विज्ञान की ही देन है कि अमेरिका आदि दूरस्थ स्थानों पर घटित घटना का पता भारत को चंद मिनटों में ही चल पाता हैं.

मोबाइल फोन, इंटरनेट आदि यंत्रों से हम बातें कर सकते हैं. तथा सब कुछ जान सकते हैं. विज्ञान ने धरती को एक परिवार बना दिया हैं.

अन्य ग्रहों का ज्ञान – आज मनुष्य का ध्यान धरती से बाहर अन्य ग्रहों की ओर जा पहुंचा है, जो इसी सौरमंडल में स्थित हैं. पहले वह धरती के उपग्रह चन्द्रमा पर पहुंचा.

अब तो चन्द्रमा पर बस्ती बसाने की योजनायें बनने लगी हैं. अमेरिका, यूरोप आदि के देशों में चन्द्रमा पर कॉलोनी बसाने के लिए भूमि की बुकिंग भी हो रही हैं.

वर्तमान में वैज्ञानिकों का ध्यान अंतरिक्ष में सुदूर स्थित ग्रहों की ओर हैं इसके रॉकेटयान शनि तथा मंगल ग्रहों तक पहुँच चुके हैं. मंगल पर जल होने का विश्वास व्यक्त किया जा रहा हैं. शनि के उपग्रह टाईटनिक का अध्ययन भी आरम्भ हो चुका हैं.

कल्पना का यथार्थ में परिवर्तन – अंग्रेजी भाषा के लेखक एच जी वेल्स ने धरती पर मंगलग्रह के निवासियों के काल्पनिक आक्रमण का वर्णन अपने उपन्यास में किया था.

यह कल्पना इंग्लैंड तथा यूरोप के लोगों के मस्तिष्क में सजीव रही हैं. आज विज्ञान इस कल्पना को यथार्थ में परिवर्तित करने में लगा हैं.

इसका राकेटयान मंगल की धरती पर उतर चुका हैं. और वहां के चित्र पृथ्वी पर प्राप्त हो रहे हैं. वैज्ञानिक इनका  अध्ययन  कर रहे हैं. उनका विचार है कि मंगल की जलवायु पृथ्वी के निवासियों के रहने के लिए उपयुक्त हो सकती हैं. मंगल ग्रह पर पानी की उपस्थिति तो नहीं मिली है. परन्तु रेत पर बनी हुई लकीरों से उनको वहां पानी होने का विश्वास हो रहा हैं.

अंतरिक्ष में अध्ययन – अंतरिक्ष में हमारा सौरमंडल है, जिसमें नौ ग्रह तथा उनके उपग्रह स्थित हैं. वैज्ञानिक नौ से अधिक ग्रहों की खोज कर चुके हैं.

यूरेनस ग्रह भी खोजा जा चुका है. विज्ञान धरती पर बढ़ती जनसंख्या के लिए चन्द्रमा तथा मंगल आदि ग्रहों पर आवास बनाने की दिशा में काम कर रहा हैं.

अंतरिक्ष बहुत विस्तृत तथा विशाल हैं. हमारे सौरमंडल तथा आकाशगंगा के समान अनेक सौरमंडल तथा आकाशगंगाएं हैं. ये हमारी पृथ्वी से बहुत दूर स्थित हैं. अभी वहां तक पहुंचना संभव नहीं हैं.

किन्तु विज्ञान उनके बारे में जानने का प्रयास कर रहा हैं. अत्यंत विशाल और शक्तिशाली दूरबीनों के आविष्कार से इनका अध्ययन संभव हो सका हैं. विज्ञान ने इन ग्रह नक्षत्रों की पृथ्वी से दूरी को नापने के लिए प्रकाश वर्ष का आविष्कार किया हैं.

विज्ञान और अंतरिक्ष में यातायात – विज्ञान ने अंतरिक्ष में यात्रा करने की कल्पना ही नहीं की हैं. अपितु उसे यथार्थ रूप देने में भी वह लगा हैं.

आकाश में उड़ने का पहला साधन वायुयान था. चन्द्रमा में स्थित अन्य ग्रहों में अध्ययन के उपकरण भेजने के लिए राकेट मिसाइल आदि का सहारा लिया गया हैं.

उपसंहार – विज्ञान का अंतरिक्ष के अध्ययन का पूरा ध्यान हैं. उसने ऐसे अनेक उपकरण बनाये हैं. जिनसे अंतरिक्ष का ज्ञान प्राप्त करना सम्भव हो सका हैं. उसने शक्तिशाली दूरबीनों तथा कैमरों का निर्माण किया है, जो अंतरिक्ष को जानने में मनुष्य के सहायक हैं.

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यदि मैं वैज्ञानिक होता तो पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)

यदि मैं वैज्ञानिक होता तो पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)

यदि मैं वैज्ञानिक होता पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)

आज के समय में कोई भी काम करना आसान नहीं होता। यहाँ पर कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और रोज नए नए खतरे उठाने पड़ते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हमें समझ नहीं आता कि जो काम हम कर रहे हैं, वह हमारे लिए बना है या नहीं?

स्कूल जाते ही मेरे मन में यह विचार आने लगा कि मुझे वैज्ञानिक बनना है। मैंने इस बारे में अपने घर में बात की। शुरु शुरु में तो मेरी बात को हवा में उड़ा दि गयी। जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती चली गई, तो घर के लोगों को भी भरोसा होता गया कि मैंने कोई मजाक नहीं किया बल्कि जीवन के प्रति अपने नजरिए को लोगों के सामने बयां किया है।

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15 अगस्त पर  निबंध हिंदी में: Essay on Independence Day in Hindi

15 अगस्त पर  निबंध: यह 78वां स्वतंत्रता दिवस है और हम भारतीय स्वतंत्रता के 79वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। इस राष्ट्रीय त्योहार को मनाने के लिए आइए कुछ निबंध पढ़ें जिनका उपयोग छात्र अपने भाषण और अन्य प्रेरक उद्धरण बनाने के लिए कर सकते हैं।.

Atul Rawal

Independence Day Essay in Hindi: 15 अगस्त 2024 हमारा 78वां स्वतंत्रता दिवस है। यह एक राष्ट्रीय त्योहार है जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का जश्न मनाता है। छात्रों और बच्चों को इस बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए कि हमारे लोगों ने भारत को वर्षों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए क्या प्रयास किए हैं। सबसे अच्छा तरीका यह है कि उन्हें कहानियाँ सुनाएँ और भारतीय स्वतंत्रता दिवस और हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में उन्होंने जो सीखा है उस पर एक निबंध लिखने के लिए कहें। भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर निबंध लिखने के लिए नीचे दिए गए उदाहरणों का उपयोग करें।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 10 लाइन

  • भारतीय स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है।
  • 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से आज़ादी प्राप्त की थी।
  • यह दिन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने का दिन है।
  • देशभर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है और देशभक्ति के गीत गाए जाते हैं।
  • लाल किले से प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
  • इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • स्वतंत्रता दिवस हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है।
  • यह दिन हमें हमारे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।
  • हम स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
  • स्वतंत्रता दिवस हमें देश की प्रगति और विकास के लिए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 100 शब्द में

15 अगस्त, भारत का स्वतंत्रता दिवस है। इस दिन, 1947 में, भारत अंग्रेजी शासन से मुक्त हुआ था। आज हम स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जानें दीं। हमें अपने देश से प्यार करना चाहिए और इसकी सेवा करनी चाहिए। हम सभी को मिलकर भारत को एक महान राष्ट्र बनाना है।

भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई के बारे में हम सभी जानते हैं जो सैकड़ों वर्षों तक लड़ी गई और इसमें कई बलिदान हुए। लेकिन कुछ भी व्यर्थ नहीं जाता; 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। यह भगत सिंह, राजगुरु, चंद्र शेखर आज़ाद और कई अन्य लोगों द्वारा लड़ी गई लड़ाइयों का परिणाम था। भारतीय स्वतंत्रता में अहिंसा और सत्याग्रह ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दिन, हमें उन सभी को याद करना चाहिए जिन्होंने हमारे लिए लड़ाई लड़ी और इसे साकार किया ताकि हम सभी खुलकर सांस ले सकें और अपने मौलिक अधिकार प्राप्त कर सकें। एक-दूसरे के प्रति विनम्र रहें और हमारे बड़ों द्वारा किए गए प्रयासों का सम्मान करें। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ!

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 200 शब्दों में

उपरोक्त 100 शब्दों के निबंध में जोड़ें….

भारत का स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन, 1947 में, भारत ने 200 सालों के अंग्रेजी शासन से अपनी आजादी हासिल की थी।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 250 शब्द में

उपरोक्त 200 शब्दों के निबंध में जोड़ें….

15 अगस्त, भारत के लिए एक बहुत ही खास दिन है। इस दिन हम अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं। भारत की आजादी के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन किए थे।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300 शब्द में

उपरोक्त 250 शब्दों के निबंध में जोड़ें….

भारत का स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारी आजादी कितनी कीमती है। हमें अपने देश से प्यार करना चाहिए और इसकी रक्षा करनी चाहिए। हमें अपने देश को एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र बनाना है।

आज के युवाओं को देश के विकास में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। हमें शिक्षित बनना चाहिए और अपने देश की सेवा करनी चाहिए। हमें देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए।

आजादी के बाद, भारत ने कई क्षेत्रों में बहुत प्रगति की है। लेकिन अभी भी कई चुनौतियां हमारे सामने हैं। हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमें एकजुट होकर काम करना होगा और अपने देश को एक महान राष्ट्र बनाना होगा।

आप इन निबंधों को अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित कर सकते हैं।

  • आप अपने निबंध में स्वतंत्रता सेनानियों के नामों का उल्लेख कर सकते हैं।
  • आप स्वतंत्रता संग्राम के कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन कर सकते हैं।
  • आप भारत की आजादी के बाद की उपलब्धियों के बारे में लिख सकते हैं।
  • आप भारत के सामने मौजूद चुनौतियों के बारे में लिख सकते हैं।
  • आप देश के भविष्य के लिए अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं।

स्वतंत्रता सेनानियों के नारे

  • सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजू-ए-क़ातिल में है। - राम प्रसाद बिस्मिल
  • दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद ही रहेंगे, आज़ाद ही रहेंगे। - चंद्रशेखर आजाद
  • तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। - सुभाष चंद्र बोस
  • आज़ादी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। - महात्मा गांधी
  • देश की सेवा ही धर्म है। - चंद्रशेखर आजाद
  • दिल्ली चलो। - सुभाष चंद्र बोस
  • हिन्दुस्तान आजाद होगा। - सुभाष चंद्र बोस
  • अंग्रेजों भारत छोड़ो। - महात्मा गांधी
  • इंकलाब जिंदाबाद: (क्रांति जिंदाबाद) - भगत सिंह
  • "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।" -महात्मा गांधी
  • "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। -सुभाष चंद्र बोस
  • "सत्यमेव जयते" (सच्चाई की ही जीत होती है) - महात्मा गांधी
  • "जय जवान जय किसान" - लाल बहादुर शास्त्री
  • साइमन गो बैक'' - यूसुफ मेहरअली
  • Independence Day Anchoring Script 2024
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  • स्वतंत्रता दिवस पर क्या किया जाता है? + स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, परेड निकाली जाती है और देशभक्ति गीत गाए जाते हैं।
  • भारत को आजादी कब मिली थी? + भारत को अंग्रेज़ों की गुलामी से 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली थी।
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NASA Logo

Perseverance Pays Off for Student Challenge Winners

Thre children, a boy and two girls, sit on a model rock formation.

As radioisotopes power the Perseverance rover to explore Mars, perseverance “powered” three winners to write essays each year till they achieved their mission goal of winning NASA’s Power to Explore Challenge . These students explored behind the scenes at NASA's Glenn Research Center and Great Lakes Science Center (GLSC) in Cleveland after writing the top essays in the national contest.

The competition for kindergarten through 12th grade students focuses on the enabling power of radioisotopes. Students were challenged to learn how NASA has powered some of its most famous science missions and to dream up how their personal “superpower” would energize their own radioisotope-powered science mission.

Judges narrowed down over a seventeen hundred creative essays to 45 semi-finalists, who received prize packs, nine finalists, who participated in a videoconference with NASA experts, and three winners, who were awarded with a visit to NASA Glenn.

“I’m so impressed by the work of these talented young students. It’s wonderful to see their interest, innovation, and creativity at this stage in their lives. Our future is bright!

Dr. Wanda Peters

Dr. Wanda Peters

Acting Deputy Director, NASA's Glenn Research Center

“I’m so impressed by the work of these talented young students,” said Dr. Wanda Peters, acting deputy center director at NASA Glenn. “It’s wonderful to see their interest, innovation, and creativity at this stage in their lives. Our future is bright!”

Rainie Lin , the kindergarten through fourth grade winner; Aadya Karthik , the fifth through eighth grade winner, and Thomas Liu , the ninth through 12th grade winner, toured several research facilities including the Electric Propulsion and Power Laboratory , Telescience Support Center , Graphics and Visualization Lab , and Simulated Lunar Operations Lab . Along the way, they met with engineers and researchers to learn about NASA’s missions and the technologies that are innovating exploration.

The next day students and their families traveled to GLSC, which houses NASA Glenn’s Visitor Center. Accompanied by members of NASA’s Radioisotope Power Systems (RPS) team, the group toured the visitor center and explored the many interactive displays.

“It was our pleasure to host the three student winners of The Power to Explore Challenge, and I hope that this visit will further inspire and motivate them to pursue their interests in science and exploration,” said Carl Sandifer, manager for NASA’s RPS Program. "We are so impressed by the ideas and quality of the essays submitted this year and we can’t wait to what new ideas student come up with for next year’s challenge!”

The Power to Explore Challenge asked students to learn about the RPS, one of NASA’s “nuclear batteries” it uses to explore some of the most extreme destinations in our solar system and beyond. Students then wrote about their own power to achieve goals in 250 words or less.

NASA will hold its fourth-annual Power to Explore Challenge later this fall. For more information on the challenge visit: The Power to Explore Writing Challenge homepage .

ABOUT THE CHALLENGE:

Power to Explore is a national essay challenge that asks students in grades K-12 to learn about Radioisotope Power Systems (RPS), a type of “nuclear battery” that NASA uses to explore some of the most extreme destinations in our solar system and beyond, and then write about, in 250 words or less, an RPS-powered space mission that would energize their space exploration dreams.

ABOUT FUTURE ENGINEERS:

Future Engineers hosts online contests and challenges for K-12 students. Previous challenges have helped produce historic achievements – from naming NASA’s Perseverance rover to manufacturing the first student-designed 3D print in space. All challenges are offered free for student and classroom participation. For more information, visit futureengineers.org . Follow Future Engineers on Twitter , Facebook , and Instagram .

Media Contact: Kristin Jansen Public Affairs Specialist Office of Communications NASA RPS Program Phone: 216-296-2203 Email: [email protected]

Discover More Topics From NASA

Radioisotope Power Systems

Two men work on a grand piano-sized spacecraft wrapped in a gold insulating blanket. A large cylinder, a radioisotope thermoelectric generator, sticks out of the side.

About Plutonium-238

Five engineers look intently at the upside-down Perseverance Rover. They are examining the rover's Radioisotope Thermoelectric Generator.

Radioisotope Power Systems Missions

Illustration of a gold spacecraft with a silver dish on the front floating in space

Radioisotope Power Systems Safety and Reliability

An astronaut casts a long shadow on the Moon as he photographs scientific equipment on the lunar surface.

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Democracy challenged

‘A Crisis Coming’: The Twin Threats to American Democracy

Credit... Photo illustration by Matt Chase

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David Leonhardt

By David Leonhardt

David Leonhardt is a senior writer at The Times who won the Pulitzer Prize for his coverage of the Great Recession.

  • Published Sept. 17, 2022 Updated June 21, 2023

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The United States has experienced deep political turmoil several times before over the past century. The Great Depression caused Americans to doubt the country’s economic system. World War II and the Cold War presented threats from global totalitarian movements. The 1960s and ’70s were marred by assassinations, riots, a losing war and a disgraced president.

These earlier periods were each more alarming in some ways than anything that has happened in the United States recently. Yet during each of those previous times of tumult, the basic dynamics of American democracy held firm. Candidates who won the most votes were able to take power and attempt to address the country’s problems.

The current period is different. As a result, the United States today finds itself in a situation with little historical precedent. American democracy is facing two distinct threats, which together represent the most serious challenge to the country’s governing ideals in decades.

The first threat is acute: a growing movement inside one of the country’s two major parties — the Republican Party — to refuse to accept defeat in an election.

The violent Jan. 6, 2021, attack on Congress , meant to prevent the certification of President Biden’s election, was the clearest manifestation of this movement, but it has continued since then. Hundreds of elected Republican officials around the country falsely claim that the 2020 election was rigged. Some of them are running for statewide offices that would oversee future elections, potentially putting them in position to overturn an election in 2024 or beyond.

“There is the possibility, for the first time in American history, that a legitimately elected president will not be able to take office,” said Yascha Mounk, a political scientist at Johns Hopkins University who studies democracy.

Vote Margins by State in Presidential Elections since 1988

Senate representation by state.

Residents of less populated states like Wyoming and North Dakota, who are disproportionately white, have outsize influence.

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1 voter in Wyoming

has similar representation as

1 voter in North Dakota

6 voters in Connecticut

7 voters in Alabama

18 voters in Michigan

59 voters in California

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has similar

representation as

Landslides in 2020 House Elections

There were about twice as many districts where a Democratic House candidate won by at least 50 percentage points as there were districts where a Republican candidate won by as much.

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Landslide (one candidate won

by at least 50 percentage points)

Barbara Lee

Calif. District 13

Jerry Nadler

N.Y. District 10

Diana DeGette

Colo. District 1

Donald Payne Jr.

N.J. District 10

Jesús García

Ill. District 4

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Landslide (one candidate won by at least 50 percentage points)

Presidential Appointments of Supreme Court Justices

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Supreme Court appointments

Presidential election winners

Popular vote

Electoral College

Party that nominated a justice

David H. Souter (until 2009)

Clarence Thomas

Ruth Bader Ginsburg (until 2020)

Stephen G. Breyer (until 2022)

John G. Roberts Jr.

Samuel A. Alito Jr.

Sonia Sotomayor

Elena Kagan

Neil M. Gorsuch

Brett M. Kavanaugh

Amy Coney Barrett

Ketanji Brown Jackson

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Supreme Court

Presidential election

nominated a justice

Souter (until 2009)

Ginsburg (until 2020)

Breyer (until 2022)

State Legislators and Election Lies

The share of Republican state legislators who have taken steps, as of May 2022, to discredit or overturn the 2020 presidential election results

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Pennsylvania

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Computer Science > Artificial Intelligence

Title: the ai scientist: towards fully automated open-ended scientific discovery.

Abstract: One of the grand challenges of artificial general intelligence is developing agents capable of conducting scientific research and discovering new knowledge. While frontier models have already been used as aides to human scientists, e.g. for brainstorming ideas, writing code, or prediction tasks, they still conduct only a small part of the scientific process. This paper presents the first comprehensive framework for fully automatic scientific discovery, enabling frontier large language models to perform research independently and communicate their findings. We introduce The AI Scientist, which generates novel research ideas, writes code, executes experiments, visualizes results, describes its findings by writing a full scientific paper, and then runs a simulated review process for evaluation. In principle, this process can be repeated to iteratively develop ideas in an open-ended fashion, acting like the human scientific community. We demonstrate its versatility by applying it to three distinct subfields of machine learning: diffusion modeling, transformer-based language modeling, and learning dynamics. Each idea is implemented and developed into a full paper at a cost of less than $15 per paper. To evaluate the generated papers, we design and validate an automated reviewer, which we show achieves near-human performance in evaluating paper scores. The AI Scientist can produce papers that exceed the acceptance threshold at a top machine learning conference as judged by our automated reviewer. This approach signifies the beginning of a new era in scientific discovery in machine learning: bringing the transformative benefits of AI agents to the entire research process of AI itself, and taking us closer to a world where endless affordable creativity and innovation can be unleashed on the world's most challenging problems. Our code is open-sourced at this https URL
Subjects: Artificial Intelligence (cs.AI); Computation and Language (cs.CL); Machine Learning (cs.LG)
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विज्ञान: एक अभिशाप अथवा विज्ञान के दुरुपयोग पर निबंध | Essay on Science : A Curse or Abuse of Science in Hindi

a scientist essay in hindi

विज्ञान: एक अभिशाप अथवा विज्ञान के दुरुपयोग पर निबंध | Essay on Science : A Curse or Abuse of Science in Hindi!

ADVERTISEMENTS:

विज्ञान की देन अद्‌वितीय है । प्रत्येक क्षेत्र में विज्ञान अनेक रूपों में मनुष्य के लिए वरदान सिद्‌ध हुआ है, यह सत्य है परंतु इसका दूसरा पहलू भी है । विज्ञान मनुष्य के लिए समस्या बन चुका है ।

आज उसके आविष्कार ही हमारे लिए अभिशाप बन गए हैं । विज्ञान की मदद से किए जाने वाले हमारे दैनिक कार्यो में कई ऐसी बातें जुड़ती चली गईं जिनके कारण धरातल के संपूर्ण जीव जगत् पर संकट के बादल मँडराने लगे। मनुष्यों ने अपना दैनिक जीवन तो सुलभ बना लिया परंतु आगामी पीढ़ी के लिए धरती एक समस्या सी बनती जा रही है ।

अत: ऐसे विचारों के लोगों की संख्या कम नहीं है जो विज्ञान को एक अभिशाप के रूप में देखते हैं । साथ-साथ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि किसी भी वस्तु का दुरुपयोग हमारे लिए अभिशाप बन जाता है ।

विज्ञान के आविष्कारों ने औद्‌योगिक क्रांति को जन्म दिया जिसके फलस्वरूप आज नगरों में मशीनों व कल-कारखानों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई है । गाँवों से लोग शहरों की ओर आ रहे हैं जिससे शहरों में आबादी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।

अनेक क्षेत्रों में मनुष्य का कार्य मशीनों ने ले लिया है जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है । आज प्रतिस्पर्धा के दौर में सामान्य व्यक्ति को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जमीन-आसमान एक करना पड़ रहा है ।

आज पूँजी मुख्य रूप से चंद लोगों के हाथों में सिमट गई है । लाभ का एक बड़ा हिस्सा, मिल-मालिकों व भ्रष्ट अधिकारियों के हाथों में जाता है । वहीं दूसरी ओर काम करने वाले लोगों तक उतना ही पहुँचता है जिससे वह अपनी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति ही कर पाता है ।

इसके फलस्वरूप पूरा समाज धनवान और निर्धन में विभाजित हो गया है । इन्हीं कारणों से संपूर्ण विश्व भी पूँजीपति व समाजवादी देशों में विभाजित हो गया है । अत: विज्ञान ने आज मनुष्य को मनुष्य से अलग कर दिया है ।

संपूर्ण विश्व के देश आज प्रगति के पथ पर एक-दूसरे से आगे निकलना चाहते हैं तथा सभी अपने को शक्ति-संपन्न देखना चाहते हैं । बारूद का आविष्कार इसी प्रतिस्पर्धा की देन है । नाना प्रकार के हथियार विकसित हो गए हैं ।

रॉकेट, मिसाइल, बम, युद्‌ध में प्रयोग होने वाले जहाज तथा अनेक प्रकार के रासायनिक उपकरण मानव के विनाश के लिए तैयार हैं । हइड्रोजेन तथा परमाणु बम तो पूरी की पूरी मानव-सभ्यता को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं । द्‌वितीय विश्व युद्‌ध में जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बम इसका ज्वलंत उदाहरण हैं ।

विज्ञान के आविष्कारों से धार्मिक आस्था भी दिन पर दिन कमजोर पड़ती जा रही है। मनुष्य में असंतोष व स्वार्थ लोलुपता बढ़ती जा रही है जो किसी भी सभ्य मानव समाज के लिए शुभ संकेत नहीं है । मनुष्य की सफलता ही आज उसे विनाश की ओर ले जा रही है ।

बढ़ते प्रदूषण के कारण दिन-प्रतिदिन प्रकृति का असंतुलन बढ़ता जा रहा है । हमारी पृथ्वी का रक्षा कवच ‘ओजोन परत’ निरंतर इससे प्रभावित हो रहा है जो पृथ्वी पर संपूर्ण जीवन के लिए खतरा बन सकता है ।

विज्ञान ने यदि मनुष्य को चंद्रमा पर पहुँचाया है तो उसने उसे विनाश के गर्त पर भी ला खड़ा किया है । वास्तविक रूप में यदि इसका अवलोकन किया जाए तो हम देखते हैं कि इसकी शक्ति अपार है । यह मनुष्य के अपने विवेक पर है कि वह इसका प्रयोग किस प्रकार करता है ।

विज्ञान का समुचित दिशा में किया गया उपयोग उसके लिए वरदान सिद्‌ध हो सकता है वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग उसके लिए अभिशाप भी बन सकता है ।

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