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- Essays in Hindi /
Scientist Essay in Hindi: वैज्ञानिक पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध
- Updated on
- मार्च 2, 2024
Scientist Essay in Hindi: वैज्ञानिकों के जीवन और योगदान को समझने से छात्र विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विषयों के प्रति रुचि लेते है। प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के सामने आई चुनौतियों, सफलताओं को समझकर वैज्ञानिक सिद्धांतों और पद्धतियों की गहरी समझ विकसित कर सकते हैं। वैज्ञानिकों पर निबंध छात्रों के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में काम करते हैं। इसलिए कई बार छात्रों को वैज्ञानिक पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। Scientist Essay in Hindi के बारे में जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
This Blog Includes:
वैज्ञानिक पर 100 शब्दों में निबंध , वैज्ञानिक पर 200 शब्दों में निबंध, एक अच्छे वैज्ञानिक के गुण, वैज्ञानिकों का समाज में योगदान, महान वैज्ञानिकों के नैतिक उत्तरदायित्व, वैज्ञानिक पर 10 लाइन्स, भारत के महान वैज्ञानिक.
Scientist Essay in Hindi 100 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:
वैज्ञानिक ज्ञान को बढ़ाने और हमारे जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाते हैं, नई तकनीक विकसित करते हैं और जटिल समस्याओं का समाधान ढूंढते हैं। अपने अनुसंधान और खोजों के माध्यम से वैज्ञानिक चिकित्सा सफलताओं, पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी के नवाचार में भी अपना योगदान देते हैं। उनका काम जीवविज्ञान से भौतिकी तक इंजीनियरिंग तक विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति को प्रेरित करता है। वैज्ञानिक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज के समय में अंतरिक्ष में जा पाना वैज्ञानिकों के प्रयासों के कारण ही सफल हो पाया है। वैज्ञानिकों की वजह से ही मेडिकल के क्षेत्र ने इतनी तरक्की की है। वैज्ञानिकों के कारण ही आज हम एक आने जाने के लिए आधुनिक वाहनों का प्रयोग कर पाते हैं। वैज्ञानिक आने वाले कल के अग्रदूत हैं, जो अपने समर्पण, रचनात्मकता और ज्ञान की निरंतर खोज के माध्यम से भविष्य को आकार दे रहे हैं।
Scientist Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:
वैज्ञानिक ज्ञान के महासागर हैं। वे लगातार ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज कर रहे हैं और अनगिनत क्षेत्रों में प्रगति कर रहे हैं। उनका काम और खोज व्यापक रूप से फैला हुआ है। मानव शरीर के रहस्यों को उजागर करने से लेकर ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने तक। सूक्ष्म अनुसंधान और प्रयोग के माध्यम से वैज्ञानिक प्राकृतिक घटनाओं को समझने और वैश्विक चुनौतियों के लिए नए और बेहतर समाधान विकसित करने का प्रयास करते हैं।
चिकित्सा के क्षेत्र में, वैज्ञानिक बीमारियों के नए उपचार और इलाज खोजने, स्वास्थ्य देखभाल में सुधार करने और जीवन बचाने के लिए अथक प्रयास करते हैं। टीके विकसित करने से लेकर आधुनिक सर्जिकल तकनीकों तक, उनके योगदान ने चिकित्सा पद्धति में क्रांति ला दी है और मानव स्वास्थ्य को बढ़ाया है।
चिकित्सा के अलावा, वैज्ञानिक पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता के नुकसान का अध्ययन करते हैं, और भावी पीढ़ियों के लिए हमारे ग्रह की सुरक्षा के लिए स्थायी समाधान विकसित करने का प्रयास करते हैं।
वैज्ञानिक तकनीक के नवाचार को बढ़ावा देते हैं, अत्याधुनिक तकनीकों का विकास करते हैं जो हमारी आधुनिक दुनिया को आकार देते हैं। स्मार्टफोन से लेकर अंतरिक्ष की खोज तक, उनके आविष्कारों ने हमारे जीने, काम करने और संचार करने के तरीके को बदल दिया है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वैज्ञानिक जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच को प्रेरित करते हैं। हमें अपने आस-पास की दुनिया पर सवाल उठाने और अवलोकन और प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ज्ञान की खोज के प्रति उनका समर्पण प्रेरणा की किरण के रूप में कार्य करता है। जो भावी पीढ़ियों को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
वैज्ञानिक समाज के गुमनाम सुपरहीरो हैं, जो चिकित्सा से लेकर प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विज्ञान तक के क्षेत्रों में प्रगति और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं।
Scientist Essay in Hindi 500 शब्दों में
Scientist Essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:
वैज्ञानिक आधुनिक समय के खोजकर्ता हैं। वे हमारे समाज में ज्ञान के स्तंभ के रूप में खड़े हैं। ज्ञान और समझ की अपनी निरंतर खोज के माध्यम से, वैज्ञानिक ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाते हैं, प्रकृति के रहस्यों को खोलते हैं, और मानवता को अज्ञात क्षेत्रों में आगे बढ़ाते हैं। उनका काम जीव विज्ञान से लेकर भौतिकी से रसायन विज्ञान तक लगभग सभी विषयों तक फैला हुआ है उनकी खोजों ने दुनिया की हमारी समझ में क्रांति ला दी है और हमारे जीवन जीने के तरीके को बदल दिया है। इस निबंध में हम वैज्ञानिकों के दुनिया में उनके योगदान, प्रेरणाओं और समाज और दुनिया पर उनके गहरे प्रभाव की खोज करेंगे।
अच्छे वैज्ञानिकों के पास गुणों की भरमार होती है जो उन्हें अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने और ज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाता है। अच्छे वैज्ञानिकों में अपने आसपास की दुनिया के बारे में स्वाभाविक जिज्ञासा होती है। वे यह समझने की इच्छा से प्रेरित होते हैं कि चीजें कैसे काम करती हैं और नए ज्ञान को उजागर करते हैं। वैज्ञानिकों के लिए डेटा का विश्लेषण करने, साक्ष्य का मूल्यांकन करने और निष्कर्ष निकालने के लिए आलोचनात्मक सोच होती है। अच्छे वैज्ञानिक समस्याओं को संदेह के साथ देखते हैं और अपने द्वारा निकाले गए निष्कर्षों की वैधता को कठोरता से सिद्ध करते हैं। नए विचारों, परिकल्पनाओं और अनुसंधान को उत्पन्न करने के लिए रचनात्मकता महत्वपूर्ण है। अच्छे वैज्ञानिक अच्छे विचारक भी होते हैं जो नए रास्ते तलाशने और स्थापित सिद्धांतों को चुनौती देने से नहीं डरते। नई खोज चुनौतीपूर्ण हो सकती है और इसमें अक्सर असफलताएं और विफलताएं शामिल होती हैं। अच्छे वैज्ञानिक बाधाओं के सामने दृढ़ता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करते हैं, चुनौतियों पर काबू पाने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करते हैं। अच्छे वैज्ञानिक अपने काम में संपूर्ण और व्यवस्थित होते हैं, अपने प्रयोग और विश्लेषण भी सटीकता से करते हैं। अच्छे वैज्ञानिक अपनी बात को समझने में कुशल होते हैं जो जटिल विचारों और अवधारणाओं को स्पष्ट और प्रेरक ढंग से बता सकते हैं। वैज्ञानिक उच्च नैतिक चरित्र वाले होते हैं, जिनमें ईमानदारी, पारदर्शिता और अनुसंधान विषयों और सहकर्मियों के प्रति सम्मान शामिल है। वैज्ञानिक सहयोगी होते हैं और विशेषज्ञता के मूल्य को पहचानते हुए दूसरों के साथ काम करने के लिए तैयार रहते हैं। वे बदलाव को स्वीकार करते हैं और लगातार सीखने और अपने करियर में आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं।
वैज्ञानिक विभिन्न क्षेत्रों में समाज में अमूल्य योगदान देते हैं, हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। वे तकनीकी प्रगति करते हैं और दुनिया के बारे में हमारी समझ का विस्तार करते हैं। वैज्ञानिकों ने चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जीवन रक्षक उपचार, टीके और चिकित्सा प्रौद्योगिकियों का विकास किया है। उनके शोध से चेचक जैसी बीमारियों का खात्मा और कैंसर, मधुमेह और एचआईवी/एड्स बीमारियों के उपचार का विकास हुआ है। वैज्ञानिक तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देते हैं, नई प्रौद्योगिकियों का विकास करते हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में सुविधा और पहुंच में सुधार करती हैं। स्मार्टफोन से लेकर नई ऊर्जा टेक्नोलॉजी से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक, वैज्ञानिक प्रगति ने हमारे जीने, काम करने और बात करने के तरीके को बदल दिया है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता हानि जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में वैज्ञानिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वैज्ञानिक पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और समाज पर पर्यावरणीय गिरावट के प्रभावों को कम करने के लिए स्थायी समाधान के विकास में योगदान देते हैं। वैज्ञानिक फसल सुधार, कीट प्रबंधन और टिकाऊ कृषि पद्धतियों पर अनुसंधान के माध्यम से कृषि उत्पादकता और खाद्य सुरक्षा में भी योगदान करते हैं। उनका काम किसानों को फसल की पैदावार बढ़ाने, भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने और बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल ढलने में मदद करता है, जिससे दुनिया भर के समुदायों के लिए एक स्थिर खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित होती है। वैज्ञानिक अंतरिक्ष खोज के माध्यम से ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाते हैं, ब्रह्मांड के बारे में हमारे ज्ञान का विस्तार करते हैं। वैज्ञानिक शिक्षा और ज्ञान प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, पब्लिकेशन, लेक्चर्स और एकेडमिक प्रोग्राम्स के माध्यम से अपने परिणामों को लोगों के साथ बांटते हैं। उनका काम जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच आजीवन सीखने के लिए प्रेरित करता है। वैज्ञानिक स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नीति और निर्णय लेने की जानकारी देने के लिए साक्ष्य-आधारित विशेषज्ञता प्रदान करते हैं। उनका शोध सरकारों को सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और आपदा तैयारी जैसे सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए सूचित नीतियां और रणनीतियां विकसित करने में मदद करता है।
महान वैज्ञानिक अपने क्षेत्र में प्रभावशाली शख्सियत के रूप में महत्वपूर्ण नैतिक जिम्मेदारियाँ निभाते हैं। महान वैज्ञानिक अपने शोध अभ्यासों में ईमानदारी के उच्चतम मानकों को कायम रखते हैं। जिससे उनकी खोजों की सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित होती है। वे अपने परिणामों की रिपोर्ट सच्चाई और पारदर्शिता से करते हैं। महान वैज्ञानिक मानवों जानवरों और पर्यावरण की भलाई और अधिकारों को प्राथमिकता देते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि मानव विषयों से जुड़ी खोज नैतिक रूप से और सहमति से आयोजित किए जाएं। वे अपने अध्ययन में जानवरों और पारिस्थितिक तंत्र को होने वाले नुकसान को कम करते हैं। महान वैज्ञानिक सहकर्मियों और सहयोगियों के योगदान सम्मान करते हैं। वे व्यक्तिगत लाभ या बाहरी दबाव से ऊपर अपने काम में निष्पक्षता को प्राथमिकता देते हैं। वे सत्यनिष्ठा, ईमानदारी, सम्मान और सामाजिक जिम्मेदारी के सिद्धांतों को बरकरार रखते हैं। वे विज्ञान की उन्नति और समाज की बेहतरी में योगदान देते हैं।
वैज्ञानिक पर 10 लाइन्स नीचे दी गई हैं:
- वैज्ञानिक ऐसे व्यक्ति होते हैं जो ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाते हैं और हमारे आसपास की दुनिया को समझने का प्रयास करते हैं।
- वे हमारे ज्ञान का विस्तार करने और खोज करने के लिए अनुसंधान करते हैं, प्रयोग करते हैं और डेटा का विश्लेषण करते हैं।
- ब्रह्मांड के अध्ययन से लेकर मानव शरीर की जटिलताओं की जांच तक, वैज्ञानिक कई प्रकार के विषयों को कवर करते हैं।
- अपने काम के माध्यम से, वैज्ञानिक नई तकनीकें, चिकित्सा उपचार और वैश्विक चुनौतियों का समाधान विकसित करते हैं।
- वे सहकर्मियों के साथ सहयोग करते हैं, अपने निष्कर्षों को वैज्ञानिक समुदाय के साथ बांटते करते हैं।
- वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन, बीमारी की रोकथाम और तकनीकी नवाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- सबूत पर आधारित जांच और आलोचनात्मक सोच के प्रति उनका समर्पण समाज में प्रगति और नवाचार को प्रेरित करता है।
- वैज्ञानिकों को अक्सर चुनौतियों और असफलताओं का सामना करना पड़ता है लेकिन वे ज्ञान और समझ की तलाश में लगे रहते हैं।
- वे भावी पीढ़ियों को विज्ञान में करियर बनाने और मानवता की उन्नति में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।
- वैज्ञानिक खोज के पथप्रदर्शक हैं, जो अपनी जिज्ञासा, सरलता और प्रतिबद्धता के माध्यम से दुनिया को आकार दे रहे हैं।
वैज्ञानिक ज्ञान और प्रगति के अग्रदूत होते हैं। उनकी समझ और नवाचार की खोज दुनिया को लगातार आकार देती है जिसमें हम रहते हैं। अपने समर्पण, जिज्ञासा और सत्य के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के माध्यम से, वैज्ञानिक ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाते हैं। अपने नेतृत्व के माध्यम से समास्याओं का समाधान विकसित करते हैं। उनका योगदान चिकित्सा से लेकर पर्यावरण संरक्षण और अंतरिक्ष की खोज तक, हमारे जीवन को समृद्ध बनाने और सामाजिक उन्नति को बढ़ावा देने तक विविध क्षेत्रों में फैला हुआ है।
भारत के महान वैज्ञानिकों के नाम नीचे दिए गए हैं:
सी. वी. रमन
सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन एक भौतिक विज्ञानी थे जो प्रकाश प्रकीर्णन में अपने अभूतपूर्व कार्य के लिए जाने जाते हैं, जिसके कारण रमन प्रभाव की खोज हुई। उन्होंने 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया था। उन्होंने प्रकाशिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले एशियाई थे।
जगदीश चंद्र बोस
जगदीश चंद्र बोस ने भौतिकी, जीव विज्ञान और पुरातत्व सहित विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने रेडियो और माइक्रोवेव ऑप्टिक्स की जांच कार्य किया था। उनके काम ने वायरलेस संचार के विकास की नींव रखी। बोस को अक्सर आधुनिक भारतीय विज्ञान का जनक माना जाता है।
श्रीनिवास रामानुजन
श्रीनिवास रामानुजन एक स्वयं से सीखे हुए गणितज्ञ थे जिनके संख्या सिद्धांत, अनंत श्रृंखला और निरंतर भिन्नों में काम ने गणित के क्षेत्र में क्रांति ला दी। कई चुनौतियों का सामना करने के बाद उनकी प्रतिभा को जी.एच. हार्डी जैसे गणितज्ञों ने पहचाना और वह 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध गणितज्ञों में से एक बन गए।
सत्येंद्र नाथ बोस
सत्येन्द्र नाथ बोस एक सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी थे जिन्हें बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी के सिद्धांत और बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट की अवधारणा को विकसित करने में अल्बर्ट आइंस्टीन के साथ सहयोग के लिए जाना जाता है। उनके काम ने क्वांटम सांख्यिकी के क्षेत्र की नींव रखी और मौलिक कणों की हमारी समझ में योगदान दिया।
होमी जे. भाभा
होमी जहांगीर भाभा एक परमाणु भौतिक विज्ञानी थे जिन्होंने भारत के परमाणु कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें अक्सर भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक के रूप में जाना जाता है और उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) और परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान, ट्रॉम्बे सहित कई शोध संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने, नई प्रौद्योगिकी को विकसित करने और गंभीर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करके समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण संरक्षण और अंतरिक्ष खोज, प्रगति जैसे क्षेत्रों में योगदान देते हैं।
वैज्ञानिक अपने कार्यों के व्यवस्थित अवलोकन, प्रयोग और विश्लेषण के माध्यम से अपना अनुसंधान करते हैं। वे नई परिकल्पनाएँ बनाते हैं, उनका परीक्षण करने के लिए प्रयोग या अध्ययन डिज़ाइन करते हैं, डेटा एकत्र करते हैं, परिणामों का विश्लेषण करते हैं और निष्कर्ष निकालते हैं। इस प्रक्रिया में कठोर कार्यप्रणाली का पालन शामिल है।
अच्छे वैज्ञानिकों में जिज्ञासा, आलोचनात्मक सोच, रचनात्मकता, दृढ़ता, ध्यान, संचार का कौशल, नैतिक आचरण, सहयोग और अनुकूलनशीलता जैसे गुण होते हैं। ये गुण वैज्ञानिकों को अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने और अपने क्षेत्र में सार्थक योगदान देने में सक्षम बनाते हैं।
वैज्ञानिक अनुसंधान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दुनिया के बारे में हमारी समझ का विस्तार करता है, तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देता है और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करता है। इससे चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, कृषि और पर्यावरणीय स्थिरता में प्रगति होती है, जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है और मानवता के भविष्य को आकार मिलता है।
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विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder of Science Essay in Hindi) - 100 - 200 शब्द के निबंध, प्रस्तावना
हमारे दैनिक जीवन से लेकर ब्रह्मांड में घटित होने वाली सभी घटनाओं के पीछे कोई न कोई विज्ञान छिपा हुआ है। हमें बस जरूरत है, तो उसे समझने और सामने लाने की। विज्ञान अपने आप में एक विशाल विषय है। हमारे जीवन के हर पहलू में विज्ञान के चमत्कार (wonder of science in hindi) देखने को मिलते हैं। इसके हर पहलू को कवर कर पाना लगभग असंभव है। विज्ञान के चमत्कार पर लिखे गए इस निबंध में हम आप लोगों को नवीनतम विज्ञान के चमत्कारों (wonders of science in hindi) से अवगत करवाने का प्रयास करेंगे। दुर्गा पूजा पर निबंध (Durga Puja Essay in hindi)
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Vigyan ke chamatkar in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (essay on vigyan ke chamatkar in hindi) - 100 - 200 शब्द, विज्ञान के चमत्कार (essay wonder of science in hindi) - अंतरिक्ष के क्षेत्र में, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science essay in hindi) - सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science essay in hindi) - शिक्षा के क्षेत्र में, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science) - कंप्यूटर के क्षेत्र में, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science) - मनोरंजन के क्षेत्र में, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science essay in hindi) - चिकित्सा के क्षेत्र में, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science) - 2023 के नोबल पुरस्कार विजेता और उनके अनुसंधान, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science) - 2022 के नोबल पुरस्कार विजेता और उनके अनुसंधान, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science) - 2021 के नोबल पुरस्कार विजेता और उनके अनुसंधान, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science) - 2020 के नोबल पुरस्कार विजेता और उनके अनुसंधान, विज्ञान के चमत्कार (wonder of science) - 2019 के नोबल पुरस्कार विजेता और उनके अनुसंधान, विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (wonder of science essay in hindi) - विज्ञान के चमत्कार लाभ और हानि, विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (wonder of science essay in hindi) - विज्ञान के चमत्कार से लाभ, विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (wonder of science essay in hindi) - विज्ञान के चमत्कार से हानि, विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (wonder of science essay in hindi) - क्या है भविष्य.
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (vigyan ke chamatkar nibandh) में हम आपको विज्ञान की परिभाषा के साथ-साथ विश्व में होने वाले नए अनुसंधानों, खोज तथा अविष्कारों और प्रयोगों से अवगत कराने का प्रयास करेंगे। विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (vigyan ke chamatkar par nibandh) विशेष इस लेख से आपकी जानकारी तो समृद्ध होगी ही तथा साथ ही आपको परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने में भी मदद करेगा।
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हमेशा से कहा जाता रहा है कि ‘आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है’, जैसे-जैसे मानव जाति की आवश्यकता बढती गई, वैसे-वैसे ही उसने अपनी सुविधा के लिए अविष्कार करना आरंभ किया। विज्ञान से तात्पर्य एक ऐसे व्यवस्थित ज्ञान से है जो विचार, अवलोकन तथा प्रयोगों से प्राप्त किया जाता है जो कि किसी अध्ययन की प्रकृति या सिद्धांतो की जानकारी प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं। विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिए भी किया जाता है, जो तथ्य, सिद्धांत और तरीको का प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करता है।
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किसी भी वस्तु के बारे में जानकारी प्राप्त करना और जानकारी को सही तरीके से लागू करना तथा किसी भी वस्तु का सही अवलोकन अथवा विश्लेषण करना ही विज्ञान है। ‘वि’ का अर्थ है विकास करना, इससे तात्पर्य है कि विकास करने वाले ज्ञान को ही विज्ञान कहते हैं। आज विज्ञान के चमत्कार (vigyan ke chamatkar par nibandh hindi) के माध्यम से ही मानव जाति इतनी समृद्ध हो पाई है। यदि प्राचीन काल की बात करें, तो मानव विकास उसकी चेतना के जागृत होने तथा उसकी जिज्ञासा का समुद्र की तरह विशाल होने के कारण ही हो पाया है। सबसे पहले मानव ने अपनी कमजोरियों को समझा और उसके बाद अपनी सीमाओं को, फिर मानव ने अपने दृढ़ निश्चय से अपनी कमजोरियों को दूर करने तथा अपनी सीमाओं को पार करने का अथक प्रयास किया।
इसमें मानव की चेतना ने मानव का बहुत साथ दिया। मानव चेतना ने स्वयं की कमजोरियों के बारे में उसे आभास कराया जैसे कि वह जंगली जानवरों से कमजोर है, मानव को उनसे लड़ने और अपनी रक्षा करने के लिए औजारों की आवश्यकता है, आदि तथा मानव की जिज्ञासा ने मानव को नई-नई वस्तुओं के बारें में जानकारी एकत्र करने के लिए प्रेरित किया जैसे वह किस वस्तु के माध्यम से एक मजबूत औजार बना सकता है जो उसके और उसकी परिवार की रक्षा कर सकता है। यही वह समय था जब पुरातन काल से मानव की चेतना और जिज्ञासा ने मानव को प्रगति की राह पर बढ़ते रहने को प्रेरित किया। इसके पश्चात मानव ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और निरंतर अपना और अपने समाज का विकास करता चला गया।
मानव द्वारा अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किए गए अथक प्रयासों की वजह से और विज्ञान के चमत्कार (wonder of science in hindi) से ही ऐसा संभव हो पाया है। मानव ने हर क्षेत्र में अपना विकास किया, पृथ्वी से लेकर ब्रह्मांड तक मानव ने विज्ञान के चमत्कार के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया। हमारे वैज्ञानिकों ने ऐसे प्रयोगों को सफल बनाया है, जो मानव जाति के लिए बहुत महत्वपूर्ण थे। उन्होंने शिक्षा, यातायात, संचार, चिकित्सा, आदि सभी क्षेत्रों में चमत्कार किए हैं।
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यदि हम यातायात के साधनों की बात करें, तो एक समय ऐसा था जब मनुष्य अपने पैरों के माध्यम से ही विचरण करता था और उसे किसी भी स्थान पर पहुँचने में बहुत समय लगता था। इस आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंसान ने पहिए का अविष्कार किया और आज वह इससे बहुत आगे निकल चुका है। एक समय था जब मनुष्य के लिए उड़ना कल्पना मात्र था, परंतु मनुष्य ने विज्ञान की सहायता से इस कल्पना को यथार्थ में परिवर्तित किया और हवाई जहाज का निर्माण किया। अब हम इसे विज्ञान का चमत्कार नहीं कहेंगे, तो और भला क्या कहेंगे। यातायात के क्षेत्र में विज्ञान के ऐसे बहुत से वंडर ऑफ साइंस हैं जो अकल्पनीय हैं, जैसे पानी के बड़े-बड़े जहाज, बुलेट ट्रेन, मेट्रो ट्रेन, हवाई जहाज, अंतरिक्ष में पहुँचने के लिए स्पेस क्राफ्ट आदि जो आज इस समाज के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं।
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भारत की विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियां बढ़ती ही जा रहीं हैं। हमारा चंद्रयान-3 चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर सफलतापूर्वक उतरने वाला यान बन गया है। इसके अलावा सूर्य के बारे में अनुसंधान करने वाला आदित्य एल-1 विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों क्षमता को प्रदर्शित करता है।
वंडर ऑफ साइंस की वजह से हमारा देश भारत भी अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ता जा रहा है भारत ने भी एक साथ 104 उपग्रह लांच करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है, साथ ही पिछले वर्ष हमारे देश के विज्ञानिकों ने उपग्रह को अंतरिक्ष में ही समाप्त करने के लिए मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारत ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के लिए पृथ्वी एयर डिफेंस (पैड) सिस्टम को विकसित किया है। इसे प्रद्युम्न बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर भी कहते हैं। यह एक्सो-एटमॉसफियरिक (पृथ्वी के वातावरण से बाहर) और एंडो-एटमॉसफियरिक (पृथ्वी के वातावरण से अंदर) लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम हैं।
हमारे देश ने विज्ञान के चमत्कार के माध्यम से अंतरिक्ष के क्षेत्र में बहुत से कीर्तिमान स्थापित किए है जिसमे से भारत का मंगल मिशन सफलता की नई उच्चाईयों को छू रहा है। यह मंगल ग्रह पर पहला ऐसा मिशन था जो सफल रहा था। साथ ही भारत के चंद्रयान प्रथम ने ही चंद्रमा पर पानी होने की पुष्टि की थी। हालांकि हमारा चंद्रयान द्वितीय सफल नहीं हो पाया पर हमारे वैज्ञानिकों ने अथक प्रयास कर इन चमत्कारों को आत्मसात करने का प्रयास किया है। साथ ही हमने ‘नाविक’ नामक अपना मैप नेविगेशन सिस्टम भी तैयार किया है जिससे भविष्य में हमारी गूगल मैप पर निर्भरता समाप्त होगी।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग
चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा में अवस्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी। अंतरिक्ष यान ने चंद्र कक्षा में 5 अगस्त 2023 को निर्बाध रूप से प्रवेश किया। ऐतिहासिक क्षण तब सामने आया जब विक्रम लैंडर ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट एक सफल लैंडिंग की। इस उपलब्धि के बाद 23 अगस्त को भारत का "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस" घोषित किया गया है। भारत में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को मनाया जाएगा। भारत ने 23 अगस्त, 2023 को अपने चंद्रयान -3 विक्रम लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सफलतापूर्वक उतारा, जिससे यह चंद्र लैंडिंग हासिल करने वाला चौथा देश बन गया और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र तक पहुंचने वाला पहला देश बन गया। यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि है।
हिंदी दिवस पर कविता | हिंदी दिवस पर निबंध | हिंदी दिवस पर भाषण
सौर मिशन आदित्य एल 1 लॉन्च
2 सितंबर 2023 को भारत ने सूरज का अध्ययन करने के लिए अपने पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 को लॉन्च किया था। हालांकि, इसे इसी साल चार जनवरी 2024 को हेलो कक्षा में स्थापित किया गया। आदित्य-एल1, सूर्य की स्टडी करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित ऑब्जर्वेटरी (वेधशाला) कैटेगरी का भारतीय सौर मिशन है। इस मिशन के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च हुए। ये मिशन करीब पांच साल तक चलेगा। इस दौरान आदित्य सूर्य का अध्ययन करता रहेगा। आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को एल-1 बिंदू के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में लगभग 178 दिन लगते हैं। इसरो काे इस मिशन के माध्यम से पता लगाना था कि जब सूर्य एक्टिव होता है तो क्या होता है। इसलिए इसरो ने एल1 मिशन को लॉन्च किया, जिसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए 125 दिन का समय लगा।
इसके साथ पिछले साल ही यह ज्ञात हुआ है कि ब्लैक होल के भीतर रोशनी होती है। अमेरिकी और यूरोपीय टेलिस्कोप द्वारा की गई खोज ने दुनिया को यह बताया है कि अंतरिक्ष में ब्लैक होल के आसपास बहुत तेज विकिरण एक्स-रे उत्सर्जन होता है। यह पहली बार है जब किसी ब्लैक होल से प्रकाश की खोज की गई है। इस रिसर्च में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से एक्सएमएम-न्यूटन और नासा से नूस्टार-न्यूक्लियर स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेलीस्कोप ऐरे का प्रयोग किया गया था। इस मिशन का नेतृत्व अमेरिका के डैन विल्किंस ने किया।
आज का युग अंतरिक्ष का युग है और वहां की यात्रा पर्यटन का एक नया माध्यम बन चुकी है। पिछले वर्ष ब्रिटेन के रिचर्ड ब्रैनसन ने 71 वर्ष की आयु में अंतरिक्ष की यात्रा की। उनकी कंपनी वर्जिन गैलेटिक्स ने यूनिटी नाम का रॉकेट शटल बनाया जिसमें उन्होंने बाहरी अंतरिक्ष की 85 किलोमीटर यात्रा की।
दूसरी ओर अमेज़न कंपनी के संस्थापक जेफ़ बेजोस ने ब्लू ऑरिजिन कंपनी के स्पेस शटल न्यू शेपर्ड से अपनी अंतरिक्ष यात्रा की थी।
एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने स्टारशिप नाम का विश्व का सबसे बड़ा राकेट बनाया है। 2021 में उनकी कंपनी के जरिए 4 यात्रियों ने अंतरिक्ष की यात्रा की।
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कहा जाता है कि आज का युग सूचना और प्रौद्यागिकी का युग है। आज मानव ने दूर-संचार तथा इन्टरनेट को आत्मसात कर लिया इसके साथ ही कंप्यूटर, मोबाइल आज मानव के जीवन का हिस्सा बन गए है। दूर संचार और इन्टरनेट को सुचारू रूप से चलाने के लिए फाइबर ऑप्टिकल नामक नई तकनीक का प्रयोग अब किया जा रहा है।फाइबर-ऑप्टिक संचारण एक प्रणाली है जिसमें सूचनाओं की जानकारी एक स्थान से दूसरे स्थान में ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से प्रकाश बिन्दुओं के रूप में भेजी जाती हैं। प्रकाश एक विद्युत चुम्बकीय तरंग वाहक विकसित करता है जो विधिवत् रूप से जानकारी को साथ ले जाते हैं। 1970 के दशक में इसे सबसे पहले विकसित किया गया, फाइबर-ऑप्टिक संचार प्रणाली ने दूरसंचार उद्योग में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है और सूचना युग के आगमन में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। विद्युत संचरण पर इसके फायदे के कारण, विकसित दुनिया में कोर नेटवर्क में ताबें की तारों के स्थान पर ऑप्टिकल फाइबर का प्रयोग किया जा रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान का बहुत अधिक महत्व है, आज इस कोरोना काल में विज्ञान के माध्यम से ही छात्र अपनी पढाई को जारी रखने में सक्षम हुए हैं। आज हम लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से अपने घर बैठे ही अपने स्कूल की कक्षा ले सकते हैं। इन्टरनेट के माध्यम से वीडियो कॉल के जरिए हम अपनी कक्षा बिना रुके ले सकते हैं। साथ ही दुनिया भर की जानकारी हम मोबाइल पर एक क्लिक करके ही प्राप्त कर सकते हैं।
कंप्यूटर के क्षेत्र में भी सुपर कंप्यूटर की अवधारणा आज के युग में जन्म ले चुकी है। यह विश्व का सबसे तेज़ कंप्यूटर होता है जो डेटा को बहुत तेज़ी से प्रोसेस करता है। यह सामान्य कंप्यूटर की तुलना में बहुत तेज़ी से गणना करता है। सुपर कंप्यूटर की कंप्यूटिंग परफॉरमेंस को MIPS के स्थान पर FLOPS (Floating-point operations per second) में मापा जाता है। विश्व में सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर का नाम ‘फुगाकू’ है जोकि एक जापानी कंप्यूटर है तथा भारत के सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर का नाम ‘परम सिद्धि’ है।
विज्ञान के चमत्कारों ने हमेशा से मानव जीवन को सरल बनाने का प्रयास किया है। यही कारण है कि मानव आज तकनीक पर बहुत निर्भर हो गया है। आज हम घर बैठे-बैठे किसी से भी मोबाइल के माध्यम से बात कर सकते है। कंप्यूटर के माध्यम से हमारा कार्य सरल हो गया है और यातायात के विभिन्न साधनों के माध्यम से हमारी यात्रा सुखद हो गई है। यह विज्ञान के चमत्कार ही है जिनके वजह से मानव ने अपना जीवन सरल बना लिया है।
विज्ञान ने मनोरंजन के क्षेत्र में अद्भुत भूमिका निभाई है। आज विज्ञान के चमत्कारों के कारण ही मानव के पास मनोरंजन के बहुत सारे विकल्प हैं। मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप, गेम्स आदि कुछ उदाहरण है जिससे मानव अपना मनोरंजन कर सकता है। इसके अलावा फेसबुक, इन्स्टाग्राम, यूट्यूब, टिकटॉक, ट्विटर आदि कुछ ऐसे ऐप हैं जो मानव का मनोरंजन करने में सहायता करते हैं। जुलाई 2023 में मार्क जकरबर्ग ने 'थ्रेड्स' नामक एक नया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लॉंच किया है, जो विश्व का 24 घंटे के अंदर सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाला एप बन गया है।
मनुष्य ने चिकित्सा के क्षेत्र में भी बहुत से चमत्कार किए हैं। एक समय था जब छोटी-छोटी बीमारियाँ मनुष्य की मृत्यु का कारण बनती थी। परन्तु आज इंसान ने विज्ञान के माध्यम से इस क्षेत्र में बहुत अधिक सफलता प्राप्त की है। यदि पिछले कुछ वर्षो के चिकित्सा के क्षेत्र में नोबल पुरस्कारों की बात करें, तो हमें नए-नए विज्ञान के चमत्कार देखने को मिलते हैं -
नोबेल पुरस्कार 2023 भौतिकी में पियरे ऑगस्टिनी (ट्यूनीशिया), फेरेंक क्रॉस्ज (हंगरी), ऐनी एल हुइलियर (फ्राँस) को प्रायोगिक विधियाँ जो पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता के अध्ययन के लिये प्रकाश की एटोसेकंड पल्स उत्पन्न करती हैं, उसके लिए दिया गया। रसायन शास्त्र में नोबेल पुरस्कार मौंगी जी. बावेंडी (फ्राँस), लुईस ई. ब्रस (अमेरिका), अलेक्सी आई. एकिमोव (रूस) को क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए प्रदान किया गया। वहीं फिजियोलॉजी या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार कैटालिन कारिको (हंगरी), ड्रू वीसमैन (अमेरिका), को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित खोजें जिन्होंने COVID-19 के खिलाफ प्रभावी mRNA टीकों के विकास को सक्षम बनाया के लिए दिया गया।
2022 का नोबल पुरस्कार भौतिकी मे एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉजर और एंटोन जेलिंगर को दिया गया। यह पुरस्कार जटिल फोटॉनों के साथ प्रयोगों, बेल असमानताओं के उल्लंघन की स्थापना और एडवांस क्वांटम सूचना विज्ञान के लिए दिया गया है। रसायन विज्ञान 2022 में नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से कैरोलिन बर्टोज़ज़ी, मोर्टन मेल्डल तथा के. बैरी शार्पलेस को "क्लिक केमिस्ट्री और बायोऑर्थोगोनल केमिस्ट्री के विकास के लिए" प्रदान किया गया। फिजियोलॉजी या मेडिसिन 2022 में नोबेल पुरस्कार स्वांटों पाबों को "विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित उनकी खोजों के लिए" प्रदान किया गया।
2021 का नोबल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को दिया गया। उन्हें तापमान और स्पर्श के लिए रिसेप्टर्स की अपनी खोजों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। यह खोज यह समझने में मदद करेगी कि कैसे गर्मी, ठंड और यांत्रिक बल तंत्रिका आवेगों (nerve impulses ) को शुरू करते हैं जो बदले में मनुष्यों को दुनिया को समझने और अनुकूलित करने की अनुमति देते हैं।
2020 के लिए यह पुरस्कार दो अमेरिकन वैज्ञानिक हार्वे जे ऑल्टर और माइकल हॉफटन व ब्रिटिश वैज्ञानिक चार्ल्स एम राइस को संयुक्त रूप से दिया गया है। उन्हें यह सम्मान हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के लिए दिया किया गया।
इस बीमारी के कारण दुनिया भर में लोगों को सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाते थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में हेपेटाइटिस वायरस के करीब 7 करोड़ से अधिक मरीज हैं और इस वायरस के कारण हर साल करीब चार लाख लोग को मौत का सामना करना पड़ता है। हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज के बाद खून का परीक्षण और जरूरी दवाइयों का निर्माण संभव हुआ है जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी है।
2019 का चिकित्सा के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार संयुक्त रूप से विलियम जी.कैलिन जूनियर, सर पीटर जे.रेटक्लिफ, ग्रेग एल. सेमेंज़ा को दिया गया। इन तीनों विजेताओं को शरीर की कोशिकाओं में जीवन और ऑक्सीजन को ग्रहण करने की क्षमता के संबंध में महत्वपूर्ण खोज करने के लिए पुरस्कार दिया गया है। इस खोज से यह ज्ञात होगा कि किस तरह ऑक्सिजन के स्तर कोशिकीय चयापचय और शारीरिक कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं।' इससे अनीमिया, कैंसर आदि जैसे अन्य कई रोगों से लड़ने के लिए नई रणनीतियों का मार्ग प्रशस्त होगा।
कहते हैं ना कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। ठीक उसी तरह, विज्ञान के चमत्कार का सकारात्मक पक्ष भी है और नकारात्मक भी है। जहाँ विज्ञान ने मानव जाति का जीवन सरल किया है वही इसने मानव के विनाश का मार्ग भी प्रशस्त किया है। मानव ने बड़े-बड़े हथियार बनाए हैं। जिसने हमारी प्रकृति और पर्यावरण को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने बड़े-बड़े एटम बम, हाइड्रोजन बम बनायें है, जिससे मानव जाति के साथ-साथ इस पृथ्वी पर रहने वाले हर जीव का सर्वनाश हो सकता है।
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विज्ञान से हमें अनेक लाभ प्राप्त हुए हैं। विज्ञान ने मानव का जीवन पहले के मुक़ाबले बेहद आसान बना दिया है। एक समय था जब मानव का जीवन बहुत कठिन था, परन्तु मानव ने अपने सामने आने वाली कठिनाइयों पर विज्ञान की मदद से विजय प्राप्त की है। मानव ने कष्ट देने वाले रोगों से लेकर विश्व के प्रत्येक जीव को विज्ञान के चमत्कार के माध्यम से नियंत्रण करने का प्रयास किया है। विज्ञान के माध्यम से ही आज हम टेक्नोलॉजी से जुड़ पाए हैं, जिसका उपयोग हम समाज के विकास और आम जन-जीवन को सरल बनाने के लिए करते हैं। आज के दौर में हम जो कुछ भी करते, देखते या सीखते हैं उसमे कहीं न कहीं विज्ञान का योगदान है। बात किसी स्मार्ट गैजेट की हो या फिर या फिर हमारे दैनिक जीवन में उपयोग किए जाने वाले किसी भी वस्तु की हर जगह आप आपने आस पास विज्ञान को पाएंगे।
जिस तरह से किसी भी वस्तु का कोई सकारात्मक पहलु होता है, उसी तरह उसका नकारात्मक पहलु भी होता है। विज्ञान के चमत्कार से जितनी हमारी सुविधाएं बढ़ी हैं, हमारी मुश्किलें भी उतनी ही बढ़ी हैं। विज्ञान का योगदान आज के दौर में इतना अधिक बढ़ गया है कि हम विज्ञान पर ही निर्भर रहते हैं। समाज को नुकसान पहुँचाने के लिए कुछ ऐसे घातक हथियारों का निर्माण हो चूका है जिससे पुरे विश्व को कुछ क्षणों में ही नष्ट किया जा सकता है। साथ ही कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जिनका हम अपने दैनिक जीवन में निरंतर उपयोग करते हैं जिससे हमारा वातावरण, पर्यावरण और जन-जीवन खतरे के तरफ बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
जैसा कि हम समझ चुके हैं कि विज्ञान ने जहाँ मानव जीवन को सुंदर, सुखद तथा आरामदायक बनाने का काम किया है, वहीं हिरोशिमा और नागासाकी के रूप में इसके विनाश की क्षमता को भी हमने देखा है। महाविनाश के लिए बनाए गए हथियार, जैविक हथियार चुटकियों में विज्ञान के चमत्कारों को मिट्टी में मिलाने में सक्षम है। विज्ञान के चमत्कारों का वास्तविक लाभ तभी मिलेगा जब उनका प्रयोग जगत कल्याण के लिए किया जाए, नहीं तो विज्ञान के अभिशाप की विभीषिका पूरी दुनिया को झेलनी पड़ेगी।
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Frequently Asked Questions (FAQs)
विज्ञान से तात्पर्य ऐसे ज्ञान से है जो विचार अवलोकन और प्रयोगों से प्राप्त होता है । निरंतर विकसित होने वाला ज्ञान विज्ञान कहलाता हैं।
मानव जाति का विकास मानव की जिज्ञासा और चेतना के माध्यम से हुआ जिसने मानव को निरंतर अविष्कार करने के लिए प्रेरित किया।
जेफ़ बेज़ोस ने न्यू शेपर्ड नामक अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष की यात्रा की ।
एलन मास्क की कंपनी का नाम स्पेस एक्स है और उसने विश्व के सबसे बड़े स्पेस शटल स्टारशिप का निर्माण किया है।
2021 का नोबल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड जूलियस और अर्देम पटापाउटियन को प्रदान किया गया है।
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My Favourite Scientist Essay In Hindi | मेरा प्रिय वैज्ञानिक निबंध
आज हम आपको अपने पसंदीदा वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम (My Favourite Scientist Essay In Hindi) पर एक छोटे निबंध के माध्यम से उनके जीवन और योगदान की दुनिया में एक सफल यात्रा पर ले जाते हैं। यह निबंध हिंदी में आपको उनके महत्त्वपूर्ण क्षणों को साझा करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। चलिए आज हम आपको वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम पर निबंध के बारे में बताते है।
Table of Contents
किसी देश को शक्तिशाली और आधुनिक देश बनाने में वैज्ञानिक की सबसे महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। वैज्ञानिक ही अपने देश को ऊंचाइयों पर पहुँचाने का काम करता है। वैज्ञानिकों के महत्त्वपूर्ण योगदान की वजह से लगभग सभी स्कूलों में वैज्ञानिक पर निबंध लिखने को दिया जाता है। वैसे तो भारत में एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक हुए है लेकिन वर्तमान में अधिकतर लोगों की पहली पसंद वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम है।
वैज्ञानिक कौन होता है ?
वैज्ञानिक उस व्यक्ति को कहते है जो वैज्ञानिक अध्ययन करने के बाद अपने देश के लिए नई-नई खोज करता है। वैज्ञानिक विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों जैसे भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान, गणित और खगोल विज्ञान इत्यादि में काम कर सकते हैं। वैज्ञानिक अपने शोध और विश्लेषण से नए-नए तथ्यों को उजागर करते हैं। वैज्ञानिक विशेष रूप से नए और अज्ञात क्षेत्रों की खोज करते हैं। वैज्ञानिक लगातार ऐसी चीजों का शोध करते है जिससे देश शक्तिशाली और प्रभावशाली बने।
मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम (My Favourite Scientist Essay In Hindi)
वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कलाम वह नाम है जिसे भारत का बच्चा-बच्चा जानता है और देश में डॉ. अब्दुल कलाम को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। अब्दुल कलाम को भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता है। डॉ. अब्दुल कलाम को भारतीय वैज्ञानिक के साथ-साथ राष्ट्रपति के पद पर काम कर चुके है। कलाम के नेतृत्व में ही भारत ने चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूर्ण किया था।
उनकी सोच, विचार और योगदान ने भारतीय युवाओं में ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत बनाया है, आज भी लाखो युवा उनसे प्रेरित होकर वैज्ञानिक बनने की चाहत रखते है। भारत में आधुनिक मिसाइल प्रोग्राम की शुरुआत अब्दुल कलाम जी के डायरेक्शन से हुई थी। देश की अग्नि मिसाइल और पृथ्वी जैसी कई सारी मिसाइल का निर्माण करने में कलाम का सबसे ज्यादा योगदान रहा था।
डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?
भारत के प्रमुख वैज्ञानिक डा0 अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम के धनुषकोडी गाँव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। अधिकतर इंसानो को डॉ कलाम का पूरा नाम नहीं पता होता है, इसलिए हम आपको बता दें की डॉ कलाम का पूरा नाम डा0 अबुल पकीर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है। डॉ कलाम का जन्म मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में हुआ था और उनके पिता का नाम श्री जैनुलाबदीन और माता का नाम आशियम्मा था। जैनुलाबदीन से कलाम ने ईमानदारी और आत्मानुशासन विरासत में मिला था।
कलाम ने वैज्ञानिक बनाने का निर्णय कब लिया
जब कलाम पांचवी कक्षा में पढ़ते थे, तब उनके टीचर क्लास में पक्षी के उड़ने के तरीके के बारे में पढ़ा रहे थे, लेकिन बच्चो को कुछ समझ में नहीं आया। टीचर बच्चो को अच्छी तरह से समझाने के उद्देश्य से टीचर सभी बच्चो को समुद्र तट पर ले गए। समुद्र तट पर उड़ने वाले पक्षियों को दिखा कर बच्चो को अच्छी तरह से समझाया। इस बात से प्रेरित होकर कलाम ने उसी समय विमान विज्ञान में जाने का निर्णय लिया था।
कलाम की शिक्षा
कलाम ने अपनी शुरूआती पढ़ाई गाँव के प्राइमरी स्कूल में की थी। उन्हें बचपन से पढ़ने का बहुत ज्यादा शोक था, प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद कलाम ने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से वर्ष 1950 में बीएससी की परीक्षा पास की थी। फिर अब्दुल कलाम ने एरोनोटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1958 में उन्होंने तकनीकी केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के पद पर नौकरी प्राप्त की।
यह भी पढ़ें: टेक्नोलॉजी पर निबंध
डॉ अब्दुल कलाम को मिलने वाले सम्मान
डॉ अब्दुल कलाम को उनके महान योगदान की वजह से अनेको सम्मान दिए गए, वर्ष 1981 में डा0 कलाम को ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था। उसके बाद भारत सरकार ने वर्ष 1990 में पद्म विभूषण दिया, फिर वर्ष 1997 में उन्हें भारत रत्न दिया गया था।
उसके बाद वर्ष 2002 में उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा, निरंतर प्रयास और समर्पण के बल पर वैज्ञानिक समुदाय में अपनी विशेष पहचान बनाई थी। अब्दुल कलाम देश के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले भारत रत्न का सम्मान प्राप्त हुआ था।
वैज्ञानिक का महत्त्व
किसी देश के लिए वैज्ञानिक का महत्त्व बहुत ज्यादा होता है, वैज्ञानिक देश को विकसित करने के साथ-साथ शक्तिशाली बनाने में अहम किरदार निभाता है। आसान भाषा में समझे तो वैज्ञानिक ही देश के लिए नए नए अस्त्र शस्त्र का निर्माण करने के साथ साथ नए नए प्रयोग के माध्यम से ऐसे उपकरण का निर्माण करने में मदद करता है जिससे देश शक्तिशाली बन सकता है। वैज्ञानिक किसी भी महामारी या घातक बिमारी से निजात दिलाने के लिए कई प्रकार के टेस्ट करके उस महामारी से बचने के लिए दवा का निर्माण करते है।
निष्कर्षतः, किसी देश को एक शक्तिशाली और आधुनिक राष्ट्र में बदलने में वैज्ञानिकों की भूमिका निर्विवाद रूप से महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक अपने समर्पित प्रयासों से अपने राष्ट्रों को नई ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। विभिन्न वैज्ञानिक विषयों में फैले वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदान, लगभग सभी स्कूलों में वैज्ञानिकों पर निबंध लिखने पर जोर देने से स्पष्ट होते हैं। जबकि भारत ने कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों का उदय देखा है, डॉ. अब्दुल कलाम समकालीन समय में सबसे प्रशंसित व्यक्ति के रूप में सामने आते हैं।
उनके नेतृत्व ने, विशेषकर मिसाइल विकास के क्षेत्र में, देश की प्रगति पर एक अमिट छाप छोड़ी है। डॉ. कलाम, जिन्हें अक्सर “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है, ने न केवल तकनीकी प्रगति में योगदान दिया है बल्कि अपने विचारों और दृष्टि से पीढ़ियों को प्रेरित भी किया है। एक साधारण पृष्ठभूमि से भारत के राष्ट्रपति बनने तक की उनकी यात्रा ज्ञान, ईमानदारी और आत्म-अनुशासन की शक्ति को दर्शाती है। डॉ. अब्दुल कलाम की विरासत अनगिनत युवा दिमागों को वैज्ञानिक उत्कृष्टता की आकांक्षा रखने और राष्ट्र की प्रगति में योगदान करने के लिए प्रेरित करती रहती है।
हम आशा करते है कि आपको हमारे लेख वैज्ञानिक पर निबंध में दी गई जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको हमारे लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करके ऐसे छात्रों के पास तक पहुँचाने में मदद करें जिन्हे वैज्ञानिक पर निबंध (My Favourite Scientist Essay In Hindi) लिखना है।
ऊपर हमने भारत में प्रसिद्ध और प्रमुख वैज्ञानिक डॉ अब्दुल कलाम के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है। अगर आपको कोई और वैज्ञानिक पसंद है तो आप कलाम की जगह पर उस वैज्ञानिक के बारे में जानकारी लिख सकते है।
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विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें
Updated On: October 08, 2024 04:51 PM
आज का युग विज्ञान का युग है, छोटी से लेकर बड़ी वस्तु तक विज्ञान की देन है। विज्ञान के महत्व को समझाने के लिए स्कूलों-कॉलेजों में विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science in Hindi) लिखने को कहा जाता है। यहां से आप निबंध लिखना सीख सकते है।
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विज्ञान के चमत्कार पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Miracle of Science in 200 words)
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध 500 शब्दो में (essay on miracle of science in 500 words), प्रस्तावना (introduction).
विज्ञान पर निबंध (Essay on Science in Hindi): विज्ञान हर नए अनुसंसाधन के साथ मानव जीवन को सरल बनाता चला जा रहा है। इसके हर पहलू को कवर कर पाना लगभग असंभव है। विज्ञान के चमत्कार पर लिखे गए इस निबंध में हम आप लोगों को विज्ञान के नवीनतम चमत्कारों से अवगत करवाने का प्रयास करेंगे। हमारे जीवन के हर पहलू में विज्ञान के चमत्कार देखने को मिलते हैं। मानव ने विज्ञान की सहायता से पृथ्वी की हर चीजों पर काबू कर लिया है चाहे वो आसमान में उड़ना हो या फिर समुद्र जैसे गहरे पानी में सांस लेना हो, विज्ञान की मदद से ही हर चीज संभव हो पायी है। आज टेलीफोन से हम हजारों मील दूर बैठे हुए व्यक्ति से आसानी से बातचीत कर सकते हैं टेलीविजन द्वारा पर्वतों एवं देश-विदेश के विभिन्न दृश्यों का अवलोकन करते हैं। विभिन्न प्रकार की औषधियों की खोज करके अनेक असाध्य बीमारियों का इलाज सम्भव हो गया हैं शल्य चिकित्सा से ऑपरेशन करने में मदद मिली हैं प्लास्टिक सर्जरी से व्यक्ति को सुंदरता प्रदान की जा सकती हैं। हर क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार के कारण ही सब संभव हो पाया है।
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder of Science Essay) - अंतरिक्ष में विज्ञान के चमत्कार
विज्ञान के चमत्कार की वजह से हमारा देश भारत भी अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ता जा रहा है भारत ने भी एक साथ 104 उपग्रह लांच करके नया रिकार्ड स्थापित किया है, साथ ही पिछले वर्ष हमारे देश के विज्ञानिकों ने उपग्रह को अंतरिक्ष में ही समाप्त करने के लिए मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारत का मंगल मिशन सफलता की नई उच्चाईयों को छु रहा है। इसके अलावा सूर्य के बारे में अनुसंधान करने वाला आदित्य एल-1 विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों क्षमता को प्रदर्शित करता है।
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science) - चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार
चिकित्सा और विज्ञान- चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने चमत्कार ही कर दिया है। एक समय था जब छोटी-छोटी बीमारियाँ मनुष्य की मृत्यु का कारण बनती थी। परन्तु आज इंसान ने विज्ञान के माध्यम से इस क्षेत्र में बहुत अधिक सफलता प्राप्त की है। छोटी से छोटी बीमारी से लेकर बड़े से बड़े घातक रोग तक का इलाज आज आसानी से किया जा सकता है। आज हमें नई नई औषधियाँ प्राप्त हैं। शल्य चिकित्सा के लिए एक से एक बढि़या उपकरण का आज हम प्रयोग कर सकते हैं।
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science) - शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार
शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान का बहुत अधिक महत्व रहा है, कोरोना काल में विज्ञान के माध्यम से ही छात्र अपनी पढाई को जारी रखने में सक्षम हुए हैं। आज हम लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से अपने घर बैठे ही अपने स्कूल की कक्षा ले सकते हैं। इन्टरनेट के माध्यम से वीडियो कॉल के जरिए हम अपनी कक्षा बिना रुके ले सकते हैं। मोबाइल इत्यादि से दुनिया भर की हर जानकारी हम घर बैठे सर्च करके प्राप्त कर सकते है।
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science) - सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार
कहा जाता है कि आज का युग सूचना और प्रौद्यागिकी (Information and Technology) का युग है। आज मानव ने दूर-संचार तथा इन्टरनेट को समाहित कर लिया इसके साथ ही कंप्यूटर, मोबाइल आज मानव के जीवन का अहम हिस्सा बन गए है। इंटरनेट के जरिये आज घर बैठे सभी सुवाधाओं का लाभ ले पा रहे है चाहे वो मनोरंजन के क्षेत्र मे हो या फिर शिक्षा के क्षेत्र में सभी सुविधायें घर पर इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध है। मोबाइल के जरिये दुनिया भर के किसी भी कोने में बात कर सकते है। आज देश टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science in Hindi) - मनोरंजन के क्षेत्र में विज्ञान के चमत्कार
विज्ञान ने मनोरंजन के क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभाई है। आज विज्ञान के चमत्कारों के कारण ही मानव के पास मनोरंजन के बहुत सारे विकल्प हैं। मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप, गेम्स आदि कुछ उदाहरण है जिससे मानव अपना मनोरंजन कर सकता है। इसके अलावा फेसबुक, इन्स्टाग्राम, यूट्यूब, टिकटॉक, ट्विटर आदि कुछ ऐसे ऐप हैं जो मानव का मनोरंजन करने में सहायता करते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात को लोगों तक पहुंचाने में सक्षम है।
संबधित आर्टिकल्स पढ़ें-
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध 10 लाइनों में (essay on miracle of science in 10 lines).
बच्चों के लिए विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science for Children) यहां दिया गया है आप नीचे दिये गये प्वाइंट से विज्ञान के चमत्कार पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Miracle of Science in 10 Lines in Hindi) लिखना सीख सकते है।
विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसकी सीमा और क्षेत्र दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
विज्ञान के चमत्कार से ही आज मनुष्य चांद और मंगल ग्रह पर भी अपने मिसाइल भेज रहा है।
विज्ञान ने आज चिकित्सा के क्षेत्र में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
विज्ञान की ही वजह से आज मनुष्य के पास मनोरंजन में विभिन्न प्रकार के मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप, गेम्स आदि विकल्प है।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने चमत्कार पैदा कर दिया है।
आज विज्ञान मनुष्य के जीवन का एक अंग बन गया है।
विज्ञान के लाभ के साथ-साथ कुछ हानियां भी हैं, जिससे पर्यावरण प्रभावित होता है।
विज्ञान ने आज हमारा जीवन अधिक आसान और आरामदायक बना दिया है।
विज्ञान से उघोग-धंधों में विकास हुआ है, जिससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई हैं।
हमें विज्ञान के सभी अविष्कारों का उपयोग पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए, जिससे कि पर्यावरण को किसी प्रकार की हानि ना पहुंचे।
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विज्ञान के चमत्कारों पर निबंध में आश्चर्यजनक वैज्ञानिक खोजों और रचनाओं की जांच की गई है।
वैज्ञानिक जांच और समझ से उत्पन्न आश्चर्यजनक कारनामों और घटनाओं को विज्ञान के चमत्कार के रूप में जाना जाता है।
विज्ञान से तात्पर्य ऐसे ज्ञान से है जो विचार अवलोकन और प्रयोगों से प्राप्त होता है। निरंतर विकसित होने वाला ज्ञान विज्ञान कहलाता हैं।
स्टीफन हॉकिंग जैसे वैज्ञानिकों के अनुसार गैलीलियो आधुनिक विज्ञान के जनक माने जाते हैं।
विज्ञान की वजह से मनुष्य ने इतनी तरक्की कर ली है कि आज संसाधन के साधनों में, शिक्षा, मनोरंजन, चिकित्सा के क्षेत्र में, हर कार्य में विज्ञान के संसाधनों की वजह से मनुष्य बहुत एडवांस हो गया है, इसलिए विज्ञान एक वरदान के रूप में मनुष्य के जीवन में आया है।
विज्ञान से तात्पर्य से ऐसे ज्ञान से है जो विचार अवलोकन और प्रयोगों से प्राप्त होता है। निरंतर विकसित होने वाला ज्ञान विज्ञान कहलाता हैं।
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मेरा प्रिय वैज्ञानिक पर निबंध
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रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरा प्रिय वैज्ञानिक कौन है - उनका जन्म और बचपन - उनकी वैज्ञानिक क्षेत्र में उपलब्धियाँ - उनका संदेश - उपसंहार।
विश्व में किसी देश की तरक्की का श्रय वैज्ञानिक को जाता है। उनके अनेक अविष्कारों द्वारा मानव का जीवन सरल और आरामदायक बीतता है। इस संसार में अनेक क्षेत्र में आविष्कार करने वाले एक से बढ़कर एक वैज्ञानिक हुए हैं। इन्ही अविष्कारों से आज कई देश तरक्की के सिखर पर खड़ा है।
सबकी उपलब्धियों का अपना-अपना महत्त्व है, परंतु जिस वैज्ञानिक की उपलब्धियों ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया है, जिससे की वे मेरे प्रिय वैज्ञानिक बने। मेरे प्रिय वैज्ञानिक टॉमस अल्वा एडिसन है।
टॉमस अल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी, 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन नगर में हुआ था। वे बचपन से ही जिज्ञासु स्वभाव के थे। वैज्ञानिक प्रयोगों की धुन भी उन्हें बचपन से ही थी। स्कूल की पढ़ाई में मन न लगा तो माँ के प्रोत्साहन से वे घर में ही छोटे-छोटे प्रयोग करने लगे। बारह वर्ष की आयु में उन्होंने ट्रेन में अखबार बेचना शुरू किया। प्रयोगों का दिलचस्पी वहाँ भी उनको था। ट्रेन का डिब्बा ही उनकी प्रयोगशाला बन गया।
धीरे-धीरे एडिसन के प्रयोग सफल होने लगे। उन्होंने उस समय प्रचलित तार-यंत्र में कई सुधार किए। टेलीफोन का मूल आविष्कार तो ग्राहम बेल ने किया था, पर उसमें कुछ कमियाँ थीं। उन कमियों को एडिसन ने दूर किया। टेलीफोन को वर्तमान रूप देने वाले एडिसन ही थे। ट्रेनों का समय दर्शाने वाला इंडीकेटर भी उन्होंने बनाया था। उनका सबसे महत्त्वपूर्ण आविष्कार है बिजली के बल्बों में विद्युत धारा प्रवाहित करना। जिस विद्युत ने आज हमारे जीवन में तरह-तरह की सुविधाएँ प्रदान की हैं, उसके आविष्कार का सारा श्रेय एडिसन को ही है। मनोरंजन की दुनिया में क्रांति लाने वाले सिनेमा के प्रोजेक्टर का आविष्कार भी एडिसन ने ही किया था।
एडिसन के आविष्कारों ने हमारे जीवन को अनेक सुख-सुविधाओं से संपन्न बनाया है। जीवन का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जिसमें उनका कोई योगदान न हो। उन्होंने छोटे-बड़े लगभग 1400 आविष्कार किए हैं। अपने आविष्कारों के द्वारा इस युग पर उन्होंने अपनी वैज्ञानिक का जलवा दिखाया है। इसीलिए वे मेरे प्रिय वैज्ञानिक हैं। एडिसन के जीवन का सबसे बड़ा संदेश है निरंतर परिश्रम। वे मानते थे कि उनकी सफलता में एक प्रतिशत हिस्सा भाग्य का और बाकी बचे प्रतिशत हिस्सा उनके कठोर परिश्रम का है।
सचमुच, टॉमस अल्वा एडिसन एक महान वैज्ञानिक थे। 18 अक्तूबर, 1931 को 84 वर्ष की उम्र में विज्ञान के इस जादूगर ने विश्व से सदा के लिए विदा ली। उनकी शवयात्रा में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रप्रमुख आइजन हूवर भी शामिल हुए थे। आज उनके अनेक अविष्कारों के वजह से मानव का जीवन सरल बन पाया है। उनके कठोर परिश्रम ने आज विश्व को उजाला से भर दिया है। सचमुच मेरे सबसे प्रिय वैज्ञानिक एडिसन ही हैं।
Nibandh Category
विज्ञान पर निबंध
By विकास सिंह
विज्ञान एक विशाल क्षेत्र है। इसकी विभिन्न शाखाएँ हैं जिन्हें मोटे तौर पर प्राकृतिक विज्ञान, औपचारिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में विभाजित किया गया है। इन्हें मौलिक विज्ञान के रूप में जाना जाता है जो लागू और अंतःविषय विज्ञान का आधार बनते हैं।
विषय-सूचि
विज्ञान पर निबंध, Essay on science in hindi (200 शब्द)
विज्ञान में प्राकृतिक और भौतिक दुनिया के व्यवहार का व्यापक अध्ययन शामिल है। अध्ययन का संचालन अनुसंधान, अवलोकन और प्रयोग के माध्यम से किया जाता है। विज्ञान की कई शाखाएँ हैं। इनमें प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और औपचारिक विज्ञान शामिल हैं। इन व्यापक श्रेणियों को आगे उप-श्रेणियों और उप-उप श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान पृथ्वी विज्ञान और खगोल विज्ञान प्राकृतिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, सामाजिक अध्ययन और मानव विज्ञान का एक हिस्सा है, सामाजिक विज्ञान का एक हिस्सा है और औपचारिक विज्ञान में गणित, तर्क, सांख्यिकी शामिल हैं , निर्णय सिद्धांत, सिस्टम सिद्धांत और कंप्यूटर विज्ञान आदि शामिल हैं।
विज्ञान ने दुनिया को अच्छे के लिए बदल दिया है। समय-समय पर कई वैज्ञानिक आविष्कार हुए हैं और इनने मानव जीवन को सुविधाजनक बनाया है। इनमें से कई आविष्कार हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं और हम उनके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं।
दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने प्रयोग करना जारी रखा है और हर समय नए आविष्कार करते रहते हैं और उनमें से कुछ दुनिया भर में क्रांति लाते हैं। हालाँकि, यह जितना उपयोगी है, विज्ञान का भी कुछ लोगों द्वारा दुरुपयोग किया गया है, मुख्य रूप से सत्ता में उन लोगों द्वारा, जो हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देने और पर्यावरण को ख़राब करने के लिए उत्सुक हैं।
विज्ञान और धर्म की विचारधाराओं को कोई मिलन का आधार नहीं मिला है। इन विचारों के विपरीत विचारों ने अतीत में कई संघर्षों को जन्म दिया है और ऐसा करना जारी रखा है।
विज्ञान पर निबंध, Science essay in hindi (300 शब्द)
विज्ञान दुनिया के प्राकृतिक और भौतिक पहलुओं के साथ अध्ययन, समझने, विश्लेषण और प्रयोग करने का एक साधन है और उन्हें नए आविष्कारों के साथ आने के लिए उपयोग करने के लिए डाल दिया है जो मानव जाति के लिए जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाते हैं। विज्ञान के क्षेत्र में अवलोकन और प्रयोग किसी विशेष पहलू या विचार तक सीमित नहीं है; यह व्यापक है।
विज्ञान के उपयोग:
हमारे दैनिक जीवन में हम जो कुछ भी उपयोग करते हैं, वह लगभग विज्ञान की देन है। कारों से लेकर वाशिंग मशीन, मोबाइल फोन से लेकर माइक्रोवेव तक, रेफ्रिजरेटर से लेकर लैपटॉप तक – सब कुछ वैज्ञानिक प्रयोग का नतीजा है। यहां बताया गया है कि विज्ञान हमारे रोजमर्रा के जीवन को कैसे प्रभावित करता है: खाना बनाना सिर्फ माइक्रोवेव, ग्रिलर और रेफ्रिजरेटर ही नहीं, गैस स्टोव जो आमतौर पर भोजन तैयार करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, एक वैज्ञानिक आविष्कार भी हैं।
चिकित्सकीय इलाज़:
विज्ञान में उन्नति के कारण कई बीमारियों और बीमारियों का इलाज संभव हो गया है। इस प्रकार विज्ञान स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देता है और जीवन काल को बढ़ाने में योगदान दिया है।
संचार:
मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्शन जो हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं, इन दिनों विज्ञान के सभी आविष्कार हैं। इन आविष्कारों ने संचार को आसान बना दिया है और दुनिया को करीब लाया है।
ऊर्जा का स्रोत:
परमाणु ऊर्जा की खोज ने ऊर्जा के विभिन्न रूपों के आविष्कार और तैनाती का मार्ग प्रशस्त किया है। बिजली इसके मुख्य आविष्कारों में से एक है और यह जिस तरह से हमारे रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करता है वह सभी को पता है।
भोजन की विविधता:
भोजन की विविधता भी बढ़ी है। कई फल और सब्जियां अब सभी वर्ष के माध्यम से उपलब्ध हैं। विशिष्ट भोजन का आनंद लेने के लिए आपको किसी विशेष मौसम की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। विज्ञान के क्षेत्र में हुए प्रयोगों ने इस बदलाव को जन्म दिया है।
निष्कर्ष:
विज्ञान इस प्रकार हमारे रोजमर्रा के जीवन का एक हिस्सा है। विज्ञान में उन्नति के बिना हमारा जीवन बहुत अलग और कठिन होता। हालाँकि, हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते कि कई वैज्ञानिक आविष्कारों से पर्यावरण का क्षरण हुआ है और इससे मानव जाति के लिए कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हुई हैं।
विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध, essay on science boon or curse in hindi (400 शब्द)
विज्ञान मूल रूप से तीन व्यापक शाखाओं में विभाजित है। इनमें प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और औपचारिक विज्ञान शामिल हैं। इन शाखाओं को आगे विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उप-श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। यहाँ इन श्रेणियों और उप श्रेणियों पर एक विस्तृत नज़र है।
विज्ञान की शाखाएँ:
प्राकृतिक विज्ञान: जैसा कि नाम से पता चलता है, यह प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन है। यह अध्ययन करता है कि दुनिया और ब्रह्मांड कैसे काम करते हैं। प्राकृतिक विज्ञान को आगे भौतिक विज्ञान और जीवन विज्ञान में वर्गीकृत किया गया है।
ए) भौतिक विज्ञान भौतिक विज्ञान में निम्नलिखित उप श्रेणियां शामिल हैं:
- भौतिकी: ऊर्जा और पदार्थ के गुणों का अध्ययन।
- रसायन: किस पदार्थ के पदार्थों का अध्ययन किया जाता है।
- खगोल विज्ञान: अंतरिक्ष और आकाशीय पिंडों का अध्ययन।
- पारिस्थितिकी: अपने भौतिक परिवेश के साथ-साथ एक-दूसरे के साथ जीवों के संबंध का अध्ययन।
- भूविज्ञान: यह पृथ्वी की भौतिक संरचना और पदार्थ से संबंधित है।
- पृथ्वी विज्ञान: पृथ्वी के भौतिक संविधान और उसके वातावरण का अध्ययन।
- समुद्रशास्त्र: समुद्र के जैविक और भौतिक तत्वों और घटनाओं का अध्ययन।
- मौसम विज्ञान: यह वायुमंडल की प्रक्रियाओं से संबंधित है
b) जीवन विज्ञान निम्नलिखित उप श्रेणियां जीवन विज्ञान का एक हिस्सा बनाती हैं:
- जीव विज्ञान: जीवित जीवों का अध्ययन।
- वनस्पति विज्ञान: पौधे के जीवन का अध्ययन।
- प्राणीशास्त्र: पशु जीवन का अध्ययन।
- सामाजिक विज्ञान इसमें सामाजिक पैटर्न और मानव व्यवहार का अध्ययन शामिल है। इसे आगे विभिन्न उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इसमें शामिल है:
- इतिहास: अतीत में हुई घटनाओं का अध्ययन
- राजनीति विज्ञान: सरकारी और राजनीतिक गतिविधियों की प्रणाली का अध्ययन।
- भूगोल: पृथ्वी की भौतिक विशेषताओं और वातावरण का अध्ययन।
- सामाजिक अध्ययन: मानव समाज का अध्ययन।
- समाजशास्त्र: समाज के विकास और कामकाज का अध्ययन।
- मनोविज्ञान: मानव व्यवहार का अध्ययन।
- नृविज्ञान: वर्तमान और अतीत समाजों के भीतर मनुष्यों के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन।
- अर्थशास्त्र: धन के उत्पादन, खपत और संचलन का अध्ययन।
औपचारिक विज्ञान:
यह विज्ञान की वह शाखा है जो औपचारिक प्रणालियों जैसे गणित और तर्क का अध्ययन करती है। इसमें निम्नलिखित उप-श्रेणियां शामिल हैं:
- गणित: संख्याओं का अध्ययन।
- तर्क: तर्क का अध्ययन।
- सांख्यिकी: यह संख्यात्मक डेटा के विश्लेषण से संबंधित है।
- निर्णय सिद्धांत: लाभ और हानि के बारे में निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाने के लिए गणितीय अध्ययन।
- सिस्टम सिद्धांत: अमूर्त संगठन का अध्ययन।
- कंप्यूटर विज्ञान: कंप्यूटर के डिजाइन और उपयोग के लिए आधार बनाने के लिए प्रयोग और इंजीनियरिंग का अध्ययन।
विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के विशेषज्ञ नए सिद्धांतों, आविष्कारों और खोजों के साथ आने वाले विभिन्न पहलुओं पर लगातार गहनता से अध्ययन कर रहे हैं। इन खोजों और आविष्कारों ने हमारे लिए जीवन को आसान बना दिया है; हालांकि, एक ही समय में ये पर्यावरण के साथ-साथ जीवित प्राणियों के लिए एक अपरिवर्तनीय क्षति भी बने हैं।
विज्ञान का महत्व पर निबंध, essay on importance of science in hindi (500 शब्द)
विज्ञान विभिन्न भौतिक और प्राकृतिक पहलुओं की संरचना और व्यवहार का अध्ययन है। वैज्ञानिक इन पहलुओं का अध्ययन करते हैं, उन्हें अच्छी तरह से देखते हैं और निष्कर्ष पर आने से पहले प्रयोग करते हैं। अतीत में कई वैज्ञानिक खोजें और आविष्कार हुए हैं जो मानव जाति के लिए एक वरदान साबित हुए हैं।
विज्ञान और धर्म की अवधारणा:
जहां एक ओर विज्ञान के क्षेत्र में नए विचारों और आविष्कारों के साथ तार्किक और व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन किया जाता है, वहीं दूसरी ओर, धर्म विशुद्ध रूप से विश्वास प्रणाली और विश्वास पर आधारित है। विज्ञान में, एक संपूर्ण अवलोकन, विश्लेषण और प्रयोग एक परिणाम प्राप्त करने के लिए किया जाता है जबकि धर्म की बात करें तो शायद ही कोई तर्क हो। चीजों को देखने का उनका दृष्टिकोण इस प्रकार एक दूसरे से पूरी तरह अलग है।
विज्ञान और धर्म के बीच संघर्ष:
विज्ञान और धर्म को अक्सर कुछ चीजों पर उनके परस्पर विरोधी विचारों के कारण लॉगरहेड्स में देखा जाता है। अफसोस की बात है कि कई बार ये टकराव समाज में अशांति पैदा करते हैं और मासूमों को पीड़ित करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख संघर्ष हैं जो धर्म के पैरोकारों और वैज्ञानिक पद्धति के विश्वासियों के बीच हुए हैं।
विश्व का निर्माण: कई रूढ़िवादी ईसाई मानते हैं कि भगवान ने 4004 और 8000 ईसा पूर्व के बीच छह दिनों में दुनिया का निर्माण किया। दूसरी ओर, कॉस्मोलॉजिस्ट कहते हैं कि ब्रह्मांड लगभग 13.7 बिलियन साल पुराना है और पृथ्वी लगभग 4.5 बिलियन साल पहले उभरी थी।
ब्रह्मांड के केंद्र के रूप में पृथ्वी: यह सबसे प्रसिद्ध संघर्षों में से एक है। रोमन कैथोलिक चर्च पृथ्वी को ब्रह्मांड का केंद्र मानता था। उनके अनुसार, सूर्य, चंद्रमा, तारे और अन्य ग्रह इसके चारों ओर घूमते हैं। जब इटली के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ गैलीलियो गैलीली ने हेलीओसेंट्रिक प्रणाली की खोज की, जिसमें सूर्य सौरमंडल का केंद्र बन गया और पृथ्वी और अन्य ग्रह उसके चारों ओर घूमते हैं।
दुर्भाग्य से, गैलीलियो को एक विधर्मी के रूप में दोषी ठहराया गया था और उन्हें जीवन भर के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था।
सूर्य और चंद्र ग्रहण: सबसे शुरुआती संघर्ष इराक में हुआ। वहां के पुजारियों ने स्थानीय लोगों को बताया था कि चंद्र ग्रहण देवताओं की बेचैनी के कारण होता है। ये अशुभ माने जाते थे और राजाओं को नष्ट करने के उद्देश्य से होते थे। संघर्ष तब हुआ जब स्थानीय खगोलविद ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण के साथ आए।
हालांकि खगोलविदों ने सूर्य और चंद्र ग्रहण की घटनाओं के बारे में एक मजबूत और तार्किक कारण बताया है, लेकिन दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में मिथक और अंधविश्वास अभी भी जारी हैं।
प्रजातियों का विकास: उत्पत्ति की बाइबिल की किताब से संदर्भ लेते हुए, रूढ़िवादी ईसाइयों का मानना है कि वनस्पतियों और जीवों की सभी प्रजातियों को छह दिनों की अवधि के दौरान बनाया गया था जब भगवान ने दुनिया बनाई थी। दूसरी ओर, जीवविज्ञानी तर्क देते हैं कि पौधों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियां प्राकृतिक चयन की प्रक्रियाओं के माध्यम से सौ और लाखों वर्षों में विकसित हुई हैं।
इनके अलावा, कई अन्य अखाड़े हैं जिनमें वैज्ञानिकों और धार्मिक अधिवक्ताओं के विरोधाभासी विचार हैं। भले ही वैज्ञानिकों / खगोलविदों / जीवविज्ञानियों ने अपने सिद्धांतों के लिए समर्थन किया हो, ज्यादातर लोग धार्मिक विचारों का गहराई से पालन करते हैं।
यह न केवल धार्मिक अधिवक्ताओं है जो अक्सर वैज्ञानिक पद्धति और विचारधाराओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं, विज्ञान की समाज के कई अन्य वर्गों द्वारा भी आलोचना की गई है क्योंकि इसके आविष्कार विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, पर्यावरणीय और स्वास्थ्य मुद्दों को रास्ता दे रहे हैं।
परमाणु हथियार जैसे वैज्ञानिक आविष्कार मानव जाति के लिए खतरा पैदा करते हैं। इसके अलावा, तैयारी की प्रक्रियाओं के साथ-साथ अधिकांश वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए उपकरणों का उपयोग प्रदूषण को जोड़ रहा है, जिससे सभी के लिए जीवन कठिन हो गया है।
विज्ञान के चमत्कार पर निबंध, essay on wonder of science in hindi (600 शब्द)
पिछले कुछ दशकों में कई वैज्ञानिक खोजें और आविष्कार हुए हैं जिन्होंने जीवन को बहुत आसान बना दिया है। पिछले दशक कोई अपवाद नहीं था। काफी महत्वपूर्ण वैज्ञानिक आविष्कार हुए जिन्हें सराहना मिली। यहाँ 10 सबसे उल्लेखनीय हाल के वैज्ञानिक आविष्कारों पर एक नज़र है।
हाल ही में वैज्ञानिक आविष्कार और खोजें:
माइंड के माध्यम से बायोमेकेनिकल हैंड पर नियंत्रण: Amputee Pierpaolo Petruzziello, एक व्यक्ति जो एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठा, उसने अपने विचारों से अपने हाथ से जुड़े जैव-रासायनिक हाथ को नियंत्रित करना सीख लिया। हाथ इलेक्ट्रोड और तारों के माध्यम से उसकी बांह की नसों से जुड़ा हुआ है। वह पहले व्यक्ति बन गए, जिन्होंने उंगली पकड़ने, वस्तुओं को हथियाने और अपने विचारों के साथ मुट्ठी बांधने जैसे आंदोलनों को बनाने की कला में महारत हासिल की।
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम: ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, जिसे लोकप्रिय रूप से जीपीएस के रूप में जाना जाता है, वर्ष 2005 में व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हो गया। यह मोबाइल उपकरणों में एम्बेडेड था और दुनिया भर में यात्रियों के लिए एक वरदान साबित हुआ। नए स्थानों की यात्रा करते समय दिशाओं की तलाश करना आसान नहीं होगा।
Prius – सेल्फ ड्राइविंग कार: Google ने वर्ष 2008 में सेल्फ ड्राइविंग कार परियोजना शुरू की और जल्द ही टोयोटा ने Prius को पेश किया। इस कार में ब्रेक पैडल, स्टीयरिंग व्हील या एक्सिलरेटर नहीं है। यह एक इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित है और इसे संचालित करने के लिए किसी भी उपयोगकर्ता के इंटरैक्शन की आवश्यकता नहीं है। यह विशेष सॉफ्टवेयर, सेंसर का एक सेट और सटीक डिजिटल मैप्स के साथ एम्बेडेड है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ड्राइवरलेस अनुभव सहज और सुरक्षित है।
एंड्रॉयड: दशक के सबसे उल्लेखनीय आविष्कारों में से एक के रूप में जाना जाता है, एंड्रॉइड एक क्रांति के रूप में आया और उस बाजार पर कब्जा कर लिया जो पहले सिम्बियन और जावा संचालित उपकरणों से भरा था। इन दिनों ज्यादातर स्मार्ट फोन एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। यह लाखों एप्लिकेशन का समर्थन करता है।
कंप्यूटर दृष्टी: कंप्यूटर विज़न में कई सब-डोमेन शामिल होते हैं जैसे कि इवेंट डिटेक्शन, इंडेक्सिंग, ऑब्जेक्ट रिकॉग्निशन, ऑब्जेक्ट पोज़ एस्टीमेशन, मोशन एस्टीमेशन, इमेज रिस्टोरेशन, सीन रिकंस्ट्रक्शन, लर्निंग और वीडियो ट्रैकिंग। यह क्षेत्र वास्तविक दुनिया से उच्च-आयामी डेटा में प्रसंस्करण, विश्लेषण, अधिग्रहण और चित्रण की तकनीकों को शामिल करता है ताकि प्रतीकात्मक जानकारी प्राप्त हो सके।
टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी: लगता है कि टच स्क्रीन तकनीक दुनिया भर में ले ली गई है। टच स्क्रीन उपकरणों की लोकप्रियता के लिए संचालन में आसानी बनाता है। ये उपकरण दुनिया भर में एक रोष बन गए हैं।
3 डी प्रिंटिंग तकनीक: 3 डी प्रिंटिंग डिवाइस विभिन्न प्रकार के सामान बना सकती है जिसमें बरतन, सामान, लैंप और बहुत कुछ शामिल है। इसे एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के रूप में भी जाना जाता है, यह तकनीक इलेक्ट्रॉनिक डेटा सोर्स =से डिजिटल मॉडल डेटा के उपयोग के साथ किसी भी आकार की तीन आयामी वस्तुओं का निर्माण करती है।
जीआईटी हब: वर्ष 2008 में लॉन्च किया गया, यह एक वर्जन कंट्रोल रिपॉजिटरी रिविजन कंट्रोल और इंटरनेट होस्टिंग सर्विस है, जो बग ट्रैकिंग, टास्क मैनेजमेंट, फीचर रिक्वेस्ट और कोड, एप्स को शेयर करने आदि जैसे फीचर्स प्रदान करता है। GitHub प्लेटफॉर्म का विकास 2007 में शुरू हुआ था। साइट को 2008 में लॉन्च किया गया था।
स्मार्ट घड़ियाँ: स्मार्ट घड़ियों बाजार में काफी समय से हैं। हालाँकि, जैसे कि Apple द्वारा लॉन्च किए गए नए फीचर कई अतिरिक्त सुविधाओं के साथ आए हैं और अपार लोकप्रियता हासिल की है। ये घड़ियाँ स्मार्ट फोन की लगभग सभी विशेषताओं के साथ आती हैं और ले जाने और संचालित करने में आसान होती हैं।
क्राउड फंडिंग साइटें: GoFundMe, Kickstarter और Indiegogo जैसी भीड़-फ़ंडिंग साइटों की शुरूआत रचनात्मक दिमाग के लिए वरदान रही है। इन साइटों के माध्यम से, आविष्कारकों, कलाकारों और अन्य रचनात्मक लोगों को अपने विचारों को साझा करने और उन्हें लागू करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त करने का मौका मिलता है।
दुनिया भर के वैज्ञानिक नए वैज्ञानिक आविष्कारों को लाने के लिए लगातार निरीक्षण करते हैं और प्रयोग करते हैं, जिससे लोगों का जीवन आसान हो जाता है। वे न केवल नए आविष्कारों के साथ आते रहते हैं, बल्कि जहां भी गुंजाइश है, मौजूदा लोगों को भी सुधारते हैं। जबकि इन आविष्कारों ने आदमी के लिए जीवन आसान बना दिया है; हालाँकि, इनसे होने वाले पर्यावरणीय, सामाजिक और राजनीतिक खतरों की मात्रा आप सभी से छिपी नहीं है।
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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.
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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध (Abdul Kalam Essay in Hindi)
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ (रामेश्वरम्, तमिलनाडु, भारत) और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था (शिलांग, मेघालय, भारत)। देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताने के लिये हम यहाँ पर बेहद सरल और आसान भाषा में विभिन्न शब्द सीमाओं में कुछ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam, Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein)
यहाँ बहुत ही आसान भाषा में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध पायें:
निबंध 1 (250 – 300 शब्द)
भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कीपढ़ाई पूरी की।डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, माई जर्नी आदि।
संघर्ष और सफलता
एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका।वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में, साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
भारत देश को सदा ही एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व रहेगा। उनका जीवन देश के युवाओं को कठोर परिश्रम और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा विराजमान रहेंगे।
इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Abdul Kalam in Hindi
निबंध 2 (300 शब्द)
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।
वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।
निबंध 3 (400 शब्द)
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।
उनका व्यवसाय और योगदान
15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।
डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।
उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।
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विज्ञान पर निबंध – Essay on Science
Essay on Science
आज के आधुनिक और चमत्कारिक युग को विज्ञान की दुनिया कहें तो गलत नहीं होगा, क्योंकि आज का युग और विज्ञान एक-दूसरे के पूरक बन चुके हैं, आज की मॉडर्न दुनिया में विज्ञान के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, विज्ञान ने मानव जीवन को इतना सरल और आसान बना दिया है, कि मानव जीवन अब पूरी तरह से विज्ञान पर निर्भर हो गया है।
अब विज्ञान और टेक्नोलॉजी के युग से दूर रहकर जीवन की कल्पना करना मुश्किल हो गया है। आज हर क्षेत्र में विज्ञान का बोलबाला है, कोई भी क्षेत्र विज्ञान के बिना अधूरा है। विज्ञान की बदौलत आज हमारा आर्थिक और सामाजिक परिवेश पूरी तरह बदल गया है।
वहीं आजकल बच्चों के लेखन कौशल में सुधार लाने के लिए और उन्हें विज्ञान के महत्व को समझाने के लिए विज्ञान जैसे विषयों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए हम आपको अपने इस लेख में विज्ञान के विषय – Essay on Science पर अलग-अलग शब्द सीमा के साथ निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं –
विज्ञान पर निबंध 1(1250 शब्द) – Essay on Science 1 (1250 Word)
प्रस्तावना –
आधुनिक युग के निर्माण में विज्ञान ने अपनी मुख्य भूमिका निभाई है। मनुष्य का जीवन पूरी तरह से विज्ञान पर निर्भर हो चुका है। विज्ञान ने न सिर्फ मानव जीवन को बेहद सरल और आसान बना दिया है, बल्कि मानव जीवन से तमाम दुखों और कष्टों को दूर भगाने में और उसकी परेशानियों को कम करने में भी अहम भूमिका निभाई है।
विज्ञान एक ऐसा वरदान है जिसने मनुष्य की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया और असंभव से असंभव काम को भी संभव बना दिया है।
विज्ञान का अर्थ –
विज्ञान यानि वि+ज्ञान, जो कि दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है किसी वस्तु का विशेष ज्ञान। आज मनुष्य अपने जीवन को और ज्यादा सरल बनाने के लिए कई तरह के अविष्कार कर रहा है और विज्ञान की वजह से ही आज हम विकास कर पा रहे हैं। वहीं विज्ञान को विवेक का द्धार भी माना जाता है।
मनुष्य अपने भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए विज्ञान का आदि हो चुका है। विज्ञान के कई अद्भुत चमत्कारों ने मानव जीवन को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। विज्ञान ने कई ऐसे चीजों को इजाद किया है, जिसे देख दुनिया के सभी लोग अचंभित हैं।
वहीं आज दुनिया के हर कोने में विज्ञान की चकाचौंध देखी जा सकती है। मनुष्य की जिंदगी से जुड़ी एक छोटी चीज से लेकर बड़े-बड़े हवाई जहाज भी विज्ञान की देन है।
विज्ञान की वजह से न सिर्फ कई प्राचीन तथ्यों पर खोज की गई है बल्कि दुनिया में व्याप्त अंधविश्वास को दूर करने में भी मद्द मिली है। विज्ञान की मदत से ही आज हमारी जिंदगी इतनी आसान हो गई है कि जहां पहले हमें मीलों दूर जाने के लिए महीनों लग जाते थे, अब हम इसे चंद मिनटों में ही पूरा कर लेते हैं।
यही नहीं विज्ञान की मद्द से ही आज मानव शरीर में होने वाली तमाम बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिली है। मानव के जीवन से अंधकार मिटाने में भी विज्ञान का बहुत बड़ा हाथ है। आज मनुष्य के दैनिक जीवन से जुड़ी हर एक वस्तु विज्ञान की देन है।
आज का युग ‘विज्ञान का युग’
आज हमारी जिंदगी पूरी तरह विज्ञान के प्रभाव से विद्यमान है। आज के युग में रोज नए-नए अविष्कार किए जा रहे हैं। आज मानव के जीवन से जुड़ी हर एक चीज विज्ञान के अद्भुद चमत्कारों से ही जुड़ी हुई है।
विज्ञान ने आज मनुष्य के जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। घर हो, कारखाना हो या फिर बिजनेस हो हर क्षेत्र में विज्ञान का बोलबाला है। चिकित्सा, यातायात, मनोरंजन, इलेक्ट्रिसिटी, संचार, शिक्षा, व्यापार, अंतरिक्ष, न्यूक्लियर समेत तमाम क्षेत्र ऐसे हैं जहां विज्ञान ने अपना अद्भुत प्रभाव छोड़ा है, विज्ञान से इन क्षेत्रों में अपार विकास हुआ है।
विज्ञान ने आज हमारी जिंदगी को बेहद आसान बना दिया है। जहां पहले इंसान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए महीनों लग जाते थे, अब इंसान मीलों की दूरी मिनटों में तय कर लेते हैं। यही नहीं पहले जिन कामों को करने के लिए मनुष्य को घंटों पसीने बहाने पड़ते थे अब विज्ञान ने कई ऐसी तकनीकों का इजाद किया है कि कुछ काम बिना किसी शारीरिक मेहनत के मिनटों में ही पूरे हो जाते हैं।
वहीं अब मनुष्य को किसी काम को करने के लिए शारीरिक रुप से ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि विज्ञान की वजह से ही कई ऐसी मशीनों का निर्माण हुआ है, जिससे हर एक चीज बेहद आसान हो गई है।
विज्ञान की वजह से ही टीवी, एसी, फ्रिज, गाड़ी, मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत कई ऐसे उपकरण बनाने में मदद मिली है, जिनसे मनुष्य को भौतिक सुखों को अनुभूति हुई है, वहीं अब इन उपकरणों के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है।
वहीं यह कहना गलत नहीं होगा कि, मनुष्य इस कदर विज्ञान की गिरफ्त में आ चुका है कि इससे निकल पाना बेहद मुश्किल हो गया है।
विज्ञान की वजह से आज हम घर पर बैठे-बैठे दुनिया के किसी भी कोने में बैठे शख्स से बातचीत कर सकते हैं, या फिर कोई महत्वपूर्ण दस्तावेज शेयर कर सकते हैं। मोबाइल फोन, इंटरनेट, ईमेल्स ने तो मानव जीवन को पूरी तरह से बदल कर ही रख दिया है।
आज लोग इंटरनेट के माध्यम से घर पर बैठे-बैठे न सिर्फ करोड़ों रुपए कमा रहे हैं बल्कि कई ई-कॉमर्स साइट्स के माध्यम से ऑनलाइन प्रोडक्ट बेच रहे हैं, जिससे लोगों को भी काफी सुविधा हुई है। अब हर चीज एक क्लिक पर ही बेहद आसानी से घऱ पर ही मिल जाती है।
कम्प्यटूर और मोबाइल फोन तो विज्ञान का अद्भुत अविष्कार है, जिनसे दुनिया का हर शख्स जुड़ा हुआ है।
विज्ञान की वजह से ही आज मनुष्य बेहद तेजी से अपनी क्षमता को उजागर कर पा रहा है और विज्ञान के नए अविष्कारों से खुद की जिंदगी को आसान बना रहा है।
वहीं अगर आज के युग में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विज्ञान की बात करें तो इन क्षेत्रों में विज्ञान का अत्याधिक प्रभाव पड़ा है, विज्ञान की वजह से कई बड़ी बीमारियां जैसे, कैंसर, टी.बी, डेंगू, ह्रदय रोग,डायरिया, अस्थमा, डिप्रेशन,मलेरिया समेत तमाम बीमारियों से लड़ने में मद्द मिली है।
मेडिकल साइंस ने कई ऐसी टेक्नोलॉजी का इजाद किया है, जिसकी मदत से मानव शरीर के अंदर हो रही हर गतिविधियों का बेहद आसानी से पता लगाया जा सकता है और इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
कई ऐसे उपकरण आज चिकित्सा के क्षेत्र में मौजूद हैं, जिनकी सहायता से बड़ी-बड़ी बीमारियों का इलाज भी चुटकियों में संभव हो सका है।
कई तकनीकी उपलब्धियों और वैज्ञानिक खोजों ने देश को विकास की तरफ अग्रसर किया है और देश की आर्थिकी को मजबूत किया है।
वैज्ञानिक रिसर्च, नई तकनीक और नए विचारों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े और सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी विज्ञान का अभूतपूर्व योगदान रहा है।
वहीं अगर यह कहें की विज्ञान ने शिक्षा के क्षेत्र को एक नई दिशा दी है, तो यह कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि विज्ञान की वजह से अब प्रिटिंग इतनी आसान हो गई है कि हजारों पन्ने की किताब चंद मिनटों में छप जाती है, जिससे बाजार में बच्चों के तमाम विषयों की किताबें आसानी से मिल जाती हैं।
इसके अलावा बच्चों को अब इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है। प्रोजक्टर और कम्प्यूटर के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जाने लगी है, वहीं स्मार्ट क्लास और कम्प्यूटर का ज्ञान सब विज्ञान की ही देन है।
आज विज्ञान की बदौलत ही कृषि व्यापार में काफी हद तक विकास किया है। कृषि के काम में इस्तेमाल होने वाली कई ऐसे उपकरण और मशीनें बनाईं गईं, जिसने मनुष्य के शारीरिक मेहनत को कम कर दिया ताकि घंटों में होने वाले काम को मिनटों में किया जा सके। यही नहीं विज्ञान की बदौलत आज मनुष्य अंतरिक्ष तक में पहुंच गया है।
विज्ञान एक अभिशाप के रुप में –
विज्ञान ने जहां इंसान की जिंदगी ऐश और आराम की बना दी है, विज्ञान ने मनुष्य को तमाम भौतिक सुख प्रदान किए हैं, वहीं दूसरी तरफ इसने कई ऐसे विनाशकारी शक्तियों को जन्म भी दिया है, जिससे पल भर में पूरी दुनिया समाप्त हो सकती है। उदाहरण के तौर पर समझें तो, परमाणु ऊर्जा से बनने वाले हथियार अत्यंत विनाशकारी हैं।
उपसंहार –
हर सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही विज्ञान के भी है, विज्ञान ने एक तरफ मनुष्य को तमाम भौतिक सुखों को प्रदान किया है, और आज के आधुनिक परिवेश को बदलकर रख दिया है, वहीं दूसरी तरफ विज्ञान ने कई ऐसे विनाशकारी हथियार को जन्म दिया है, जिससे पल भर में पूरी दुनिया का विनाश हो सकता है। इसलिए,विज्ञान का इस्तेमाल मनुष्य जाति के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए, इसके विनाश के लिए नहीं करना चाहिए।
अगले पेज पर विज्ञान पर और भी निबंध….
4 thoughts on “विज्ञान पर निबंध – Essay on Science”
I learn this essay in only 30 minutes it’s very easy …Thank u for Sharing this topics….
Good and very nice topics
Every point is too good and very nice
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