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सामाजिक न्याय

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वृद्धाश्रम: एक नई वास्तविकता

  • 12 Mar 2022
  • 13 min read
  • सामान्य अध्ययन-II
  • सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप
  • बुजुर्गों से संबंधित मुद्दे
  • मानव संसाधन

यह एडिटोरियल 10/03/2022 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “A New Vision For Old Age Care” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में वृद्धाश्रमों और वृद्धों की स्थिति के संबंध में विचार किया गया है।

जैसे-जैसे भारत तेज़ी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है और परिवार छोटी इकाइयों में बँट रहे हैं, आमतौर पर शहरी एवं अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में वृद्धाश्रमों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही, वृद्ध लोगों की देखभाल का प्रबंधन अब पेशेवरों या स्वैच्छिक संगठनों द्वारा संभाला जाने लगा है जहाँ उन्हें सरकार और स्थानीय परोपकारी व्यक्तियों का समर्थन प्राप्त होता है।

हालाँकि इन वृद्धाश्रमों के संबंध में नियामक निरीक्षण की अनुपस्थिति, स्पष्ट रूप से स्थापित मानक संचालन प्रक्रियाओं की कमी और स्वास्थ्य देखभाल के उपायों की अनौपचारिक प्रकृति के कारण बहुत संभव है कि यहाँ रहते वृद्धों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर एक उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता हो।

वृद्धाश्रमों के प्रति एक औपचारिक दृष्टिकोण अब भारत के लिये एक महत्त्वपूर्ण नीति और नियोजन चिंतन का विषय बनना चाहिये।

जनसंख्या में वृद्धों का अनुपात

  • यूएन वर्ल्ड पापुलेशन एजिंग रिपोर्ट (UN World Population Ageing) के अनुसार भारत की वृद्ध आबादी (60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग) का वर्ष 2050 तक वर्तमान में लगभग 8% के स्तर से बढ़कर लगभग 20% हो जाने का अनुमान है।
  • वृद्ध आबादी में लगातार वृद्धि का एक प्रमुख कारण जीवन प्रत्याशा में अभूतपूर्व वृद्धि है जो आर्थिक विकास के एक सतत् दौर और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुँच में वृद्धि से प्रेरित हुई है।
  • ऐसे में यह आवश्यक है कि हमारी नीतिगत रूपरेखा और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ इस वास्तविकता का सामना कर सकने के लिये पर्याप्त रूप से तैयार हों।

वृद्धाश्रम (Old Age Homes- OAHs): एक नई वास्तविकता

  • वृद्धाश्रम एकल परिवार प्रणाली (Nuclear Family System) के उद्भव का परिणाम हैं। पारिवारिक उपेक्षा, बेहतर अवसरों की तलाश में बच्चों के प्रवासन/पलायन से परिवारों के विघटन और शिक्षा, प्रौद्योगिकी आदि के मामले में नई पीढ़ी के साथ तालमेल बिठा सकने में असमर्थता जैसे कारक वृद्ध व्यक्तियों को वृद्धाश्रम की सहायता लेने को विवश करते हैं, जहाँ वे अपने जैसे अन्य लोगों के साथ रह सकते हैं।
  • कई बार तो वे परिवार के सदस्यों से भी कुछ असंलग्नता रखने लगते हैं और वृद्धाश्रम ही में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं।
  • निम्न गुणवत्तापूर्ण भोजन और उनकी अपर्याप्त मात्रा की शिकायतें भी सामने आती रही हैं। शयनकक्षों और शौचालयों की साफ-सफाई उचित प्रकार से नहीं की जाती।
  • कुछ वृद्धाश्रमों का प्रबंधन वृद्ध व्यक्तियों के बच्चों द्वारा किये गए भुगतान या दान का ठीक प्रकार से उपयोग नहीं करता जिससे उनके असहाय माता-पिता परेशानियों के शिकार होते हैं।
  • वृद्धाश्रमों में ऐसे दुर्व्यवहार और दुरुपयोग के मामले प्रायः चर्चा में आते रहते हैं, लेकिन स्थिति में सुधार के लिये शायद ही कभी कोई कार्रवाई की जाती है।

वृद्ध व्यक्तियों के शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर

  • हैदराबाद स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन द्वारा ‘हैदराबाद ओकुलर मॉर्बिडिटी इन एल्डरली स्टडी’ (Hyderabad Ocular Morbidity in Elderly Study- HOMES) शीर्षक वाले हालिया अध्ययन से पता चलता है कि इन वृद्धाश्रमों के लगभग 30% निवासी (अध्ययन में शामिल 40 गृहश्रमों के 1,500 से अधिक प्रतिभागी) किसी-न-किसी तरह के दृष्टि दोष के शिकार थे। 
  • इस अध्ययन में दृष्टि दोष के कुछ 'अनदेखे' प्रभाव भी दर्ज किये गए। दृष्टि दोष के शिकार वृद्धों में से कई अवसाद से ग्रस्त थे। वास्तव में दृष्टि और श्रवण दोष दोनों के शिकार वृद्धों में अवसाद की दर उन लोगों की तुलना में पाँच गुना अधिक थी जो इन दोषों से मुक्त थे। 
  • सुगम और वृद्धों के अनुकूल संरचनाओं के विकास के लिये विचार करने के बजाय उनकी गतिशीलता को ही नियंत्रित कर देने की सामान्य प्रवृत्ति पाई जाती है।
  • कार्यात्मक कौशल रखने वाले वृद्धों को भी रसोई कार्य, सिलाई या साफ-सफाई जैसे दैनिक कार्यों से दूर रहने के लिये कहा जाता है। यह उनकी सामाजिक गतिशीलता, स्वतंत्रता की भावना और सेहत को प्रभावित करता है। ये सभी स्थितियाँ उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और अवसाद की ओर धकेलती हैं।
  • इसके अंतर्गत ब्लड शुगर एवं ब्लड प्रेशर की जाँच, आवधिक दृष्टि एवं श्रवण जाँच और मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करने के लिये एक साधारण प्रश्नावली को शामिल किया जा सकता है।
  • इस तरह के हस्तक्षेप (जैसे मॉर्निंग-वॉकर्स के लिये सार्वजनिक मैदानों के बाहर मोटरसाइकिल-संचालित जाँच) अधिक व्यय की भी आवश्यकता नहीं रखते और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की पहचान करने और सहायता प्रदान करने में सुदीर्घ भूमिका निभा सकते हैं।
  • स्वास्थ्य संस्थानों को ऐसे पैकेजों के व्यापक सेट की पेशकश करने की आवश्यकता होगी जो वृद्ध व्यक्तियों के लिये विशेष रूप से तैयार किए गए हों और ये केवल मधुमेह, कार्डियोलॉजी या कैंसर के लिये अलग-अलग समाधानों तक सीमित न हों।
  • डिज़ाइन, वास्तुकला एवं नागरिक सुविधाओं पर ज़मीनी स्तर से विचार किया जाना चाहिये और ये नवोन्मेषी उपाय सभी निवासियों के लिये उपलब्ध हों, न कि केवल महँगे गृहश्रमों में रहने वाले व्यक्तियों तक सीमित हों।
  • देश में जो भी ज़रा-चिकित्सा देखभाल सुविधा उपलब्ध है, वह शहरी क्षेत्रों के तृतीयक अस्पतालों तक ही सीमित है और अत्यधिक महँगा है। ज़रावस्था स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का अंग बनाया जाना चाहिये।
  • केंद्र को एक व्यापक निवारक पैकेज लेकर आना चाहिये जो पोषण, व्यायाम और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ सामान्य ज़रावस्था समस्याओं के बारे में जागरूकता प्रदान करे।
  • वृद्ध व्यक्ति समाज के लिये संपत्ति की तरह हैं, बोझ की तरह नहीं और इस संपत्ति का लाभ उठाने का सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि उन्हें वृद्धाश्रमों में अलग-थलग करने के बजाय मुख्यधारा की आबादी में आत्मसात किया जाए।

अभ्यास प्रश्न: चर्चा कीजिये कि वृद्धाश्रम क्यों एक सामान्य स्थिति बनते जा रहे हैं और इन देखभाल गृहों की स्थितियों में सुधार के लिये क्या उपाय किये जा सकते हैं?

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वृद्धावस्था और वृद्धाश्रम की समस्या - The Challenges of Old Age and the Issue of Old Age Homes - Hindi Nibandh - Essay in Hindi

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प्रस्तावना:

वृद्धावस्था जीवन का वह समय है जब व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से कमजोर हो जाता है। इस अवस्था में व्यक्ति को अपने परिवार और समाज से विशेष सहानुभूति और समर्थन की आवश्यकता होती है। किंतु वर्तमान समाज में वृद्धों के प्रति बढ़ती उपेक्षा और असहायता के कारण वृद्धावस्था की समस्याएँ गंभीर रूप ले रही हैं। पहले जहां वृद्धजन परिवार के सिरमौर माने जाते थे, वही आज उनके लिए वृद्धाश्रम जैसी संस्थाओं का सहारा बनता जा रहा है। यह स्थिति केवल एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं और नैतिक मूल्यों के पतन का संकेत भी है।

वृद्धावस्था की समस्याएँ:

वृद्धावस्था के साथ कई प्रकार की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक समस्याएं जुड़ी होती हैं। यह समस्याएँ न केवल वृद्ध व्यक्ति को, बल्कि उनके परिवार और समाज को भी प्रभावित करती हैं।

शारीरिक समस्याएँ: वृद्धावस्था में शरीर की प्राकृतिक क्षमताएं धीरे-धीरे कम हो जाती हैं। व्यक्ति को कमजोर हड्डियाँ, जोड़ों का दर्द, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, आँखों की रोशनी कमजोर होना आदि समस्याएँ होती हैं। इस अवस्था में उचित देखभाल और चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता होती है, जो कई बार उपलब्ध नहीं हो पातीं।

मानसिक समस्याएँ: वृद्धावस्था के साथ अकेलापन, अवसाद, चिंता और तनाव जैसी मानसिक समस्याएँ भी आती हैं। अक्सर व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि वह परिवार और समाज के लिए बोझ बन गया है। इन मानसिक चुनौतियों का सामना करने के लिए भावनात्मक समर्थन और प्यार की आवश्यकता होती है, जो आज के समाज में कई बार नदारद होता है।

सामाजिक समस्याएँ: पारिवारिक और सामाजिक ताने-बाने में परिवर्तन ने वृद्धावस्था की समस्याओं को और जटिल बना दिया है। पहले संयुक्त परिवारों में वृद्धजन परिवार के मार्गदर्शक और संरक्षक होते थे, लेकिन आज के एकल परिवारों में उनकी भूमिका सीमित हो गई है। कई बार उन्हें परिवार के युवा सदस्यों द्वारा उपेक्षित महसूस किया जाता है, जिससे उनका सामाजिक अलगाव और बढ़ जाता है।

आर्थिक समस्याएँ: वृद्धावस्था में व्यक्ति का कार्यक्षेत्र से नाता टूट जाता है, जिससे उनकी आय के स्रोत सीमित हो जाते हैं। पेंशन या अन्य बचत पर निर्भर रहने वाले वृद्धों के लिए महंगाई और चिकित्सा खर्चों का सामना करना कठिन हो जाता है। जिन वृद्धों के पास कोई पेंशन योजना नहीं होती, वे पूरी तरह से अपने परिवार पर निर्भर होते हैं।

वृद्धाश्रम की समस्या:

वृद्धाश्रम एक ऐसी संस्था है जहां वृद्ध लोग रह सकते हैं, जिनका परिवार उनकी देखभाल करने में असमर्थ या अनिच्छुक होता है। हालांकि वृद्धाश्रम का उद्देश्य वृद्धों को सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है, लेकिन इसके बढ़ते चलन ने कई सामाजिक और नैतिक प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

वृद्धाश्रम में रहने की मजबूरी: आज के समय में कई परिवार अपने बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं क्योंकि वे उनकी देखभाल करने में सक्षम नहीं होते या उनकी देखभाल नहीं करना चाहते। यह स्थिति उन वृद्धों के लिए बेहद पीड़ादायक होती है जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन अपने परिवार के लिए समर्पित किया होता है। वृद्धाश्रम में उन्हें वह पारिवारिक प्रेम और सहयोग नहीं मिल पाता, जिसकी उन्हें सबसे अधिक आवश्यकता होती है।

अकेलापन और मानसिक तनाव: वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्धजन अक्सर अकेलापन और मानसिक तनाव से जूझते हैं। उन्हें अपने परिवार और प्रियजनों से दूर रहना पड़ता है, जिससे वे भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाते हैं। सामाजिक और भावनात्मक अलगाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।

वृद्धाश्रमों की गुणवत्ता और सुविधाएँ: अधिकांश वृद्धाश्रमों में सीमित संसाधन और सुविधाएँ होती हैं। कई बार यहाँ के कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं होते या वृद्धजनों की देखभाल में लापरवाही बरतते हैं। कुछ वृद्धाश्रमों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी भी देखी जाती है, जिससे वृद्धजन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं। उचित देखभाल न मिलने के कारण कई वृद्धजन इन संस्थाओं में अपनी बाकी की जिंदगी कष्टमय बिताते हैं।

सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों का पतन: वृद्धाश्रमों का बढ़ता चलन इस बात का प्रमाण है कि हमारे समाज में पारिवारिक और नैतिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। पहले जहाँ वृद्धजन परिवार की जिम्मेदारी माने जाते थे, वहीं आज उन्हें परिवार से अलग कर दिया जाता है। यह स्थिति हमारे समाज की संवेदनशीलता और परिवार के प्रति कर्तव्यों की कमी को दर्शाती है।

वृद्धाश्रमों का समाधान और सुधार:

हालांकि वृद्धाश्रम की आवश्यकता उन वृद्धजनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है जिनके पास कोई परिवार नहीं है या जिनका परिवार उनकी देखभाल नहीं कर सकता, फिर भी इन संस्थाओं की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है।

वृद्धाश्रमों की गुणवत्ता में सुधार: वृद्धाश्रमों में बेहतर सुविधाएँ, प्रशिक्षित कर्मचारी और उचित चिकित्सा सेवाएँ प्रदान की जानी चाहिए। सरकार और सामाजिक संगठनों को इन संस्थाओं की नियमित जांच करनी चाहिए ताकि वृद्धजन को सम्मानजनक जीवन प्राप्त हो सके।

भावनात्मक और मानसिक समर्थन: वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन की भी आवश्यकता होती है। इसके लिए मनोवैज्ञानिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और समुदाय के सदस्यों की मदद से उन्हें परामर्श सेवाएँ और समर्थन प्रदान करना चाहिए। परिवार के सदस्य भी नियमित रूप से वृद्धाश्रम जाकर अपने बुजुर्गों से मिल सकते हैं ताकि उन्हें अकेलापन महसूस न हो।

पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों का पुनर्निर्माण: वृद्धों की देखभाल और सम्मान करना हमारी सांस्कृतिक और नैतिक जिम्मेदारी है। हमें परिवार और समाज में बुजुर्गों की भूमिका को पुनः सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। बच्चों और युवाओं को पारिवारिक मूल्यों और बुजुर्गों के प्रति सम्मान सिखाया जाना चाहिए ताकि भविष्य में वृद्धाश्रम की आवश्यकता न हो।

समुदाय आधारित देखभाल: वृद्धजनों के लिए समुदाय आधारित देखभाल प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जहां वृद्धजन अपने घरों में रहकर ही सभी आवश्यक सेवाएं प्राप्त कर सकें। ऐसी व्यवस्थाओं से वृद्धजनों को अपने घर में रहते हुए समाज का समर्थन और देखभाल मिल सकती है।

निष्कर्ष:

वृद्धावस्था जीवन का वह समय है जब व्यक्ति को परिवार और समाज से सबसे अधिक समर्थन और प्रेम की आवश्यकता होती है। वृद्धाश्रम की समस्या समाज के पारिवारिक और नैतिक मूल्यों में गिरावट का प्रतीक है। हमें इस समस्या का समाधान संवेदनशीलता, देखभाल और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से करना होगा।

परिवार और समाज के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने वृद्धजनों का सम्मान करें और उनकी देखभाल करें। वृद्धजन हमारे समाज की धरोहर हैं, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय हमें बेहतर भविष्य देने के लिए समर्पित किया है। अब हमारी बारी है कि हम उन्हें वह सम्मान और देखभाल प्रदान करें, जिसके वे हकदार हैं। वृद्धाश्रम केवल अंतिम विकल्प होना चाहिए, और हमें अपने समाज में ऐसे बदलाव लाने चाहिए, जिससे वृद्धजनों को अपने परिवारों से अलग होकर वहाँ रहने की आवश्यकता न पड़े।

The Challenges of Old Age and the Issue of Old Age Homes - Essay In English

Introduction:

Old age is a phase of life when individuals often face physical, mental, and financial challenges. During this time, they require special care, attention, and emotional support from their families and society. However, with changing social dynamics, older people are increasingly experiencing neglect and isolation, leading to the growing reliance on old age homes. The rise of such institutions reflects not only a social issue but also a decline in human values and empathy. This essay explores the various problems associated with old age and the growing phenomenon of old age homes.

Problems of Old Age:

Old age comes with a range of physical, mental, and social challenges. These problems not only affect the elderly but also impact their families and society at large.

Physical Problems: As people age, their bodies naturally weaken, leading to various health issues such as brittle bones, joint pain, heart diseases, high blood pressure, diabetes, and weakened eyesight. In old age, individuals often require special medical care and attention, which is not always readily available or accessible.

Mental Health Issues: With old age, loneliness, depression, anxiety, and stress become common. Many elderly individuals feel like a burden to their families and experience emotional distress. These mental health challenges require strong emotional support and love, which is often lacking in today's fast-paced society.

Social Issues: Changes in family structures and social norms have further complicated the problems faced by the elderly. In earlier times, elderly members were considered the heads of the family, but with the rise of nuclear families, their roles have diminished. In many cases, they feel neglected by younger family members, leading to social isolation and a sense of being unwanted.

Economic Problems: In old age, people are generally disconnected from their professional life, resulting in limited sources of income. Elderly individuals who depend on pensions or savings often find it difficult to manage their expenses, particularly with rising costs and healthcare expenses. Those without any pension plan are left entirely dependent on their families for financial support.

The Issue of Old Age Homes:

Old age homes are institutions designed to provide shelter and care for elderly individuals whose families are either unable or unwilling to take care of them. While the purpose of these homes is to offer a safe and dignified living environment, the increasing dependence on such institutions raises significant social and ethical concerns.

Compulsion of Living in Old Age Homes: Many families today opt to place their elderly members in old age homes due to various reasons, including busy lifestyles, space constraints, or an inability to provide adequate care. This is deeply painful for elderly individuals who have devoted their lives to their families. At old age homes, they miss the warmth, love, and companionship of their families, which they need the most during this phase of life.

Loneliness and Mental Stress: Elderly people living in old age homes often struggle with loneliness and mental stress. Being separated from their families and loved ones leaves them feeling emotionally vulnerable and abandoned. The lack of social and emotional connections further deteriorates their mental well-being.

Quality and Facilities in Old Age Homes: Many old age homes operate with limited resources and inadequate facilities. Staff in these homes are often not well-trained to handle the needs of the elderly, and cases of neglect or poor care are not uncommon. Additionally, many old age homes lack proper medical care, leading to further health complications for the residents. The quality of life in such homes is often subpar, leaving elderly individuals to endure a difficult and lonely existence.

Decline of Social and Family Values: The increasing reliance on old age homes is a reflection of the deterioration of family and moral values in society. In earlier times, taking care of elderly family members was considered a sacred duty. However, in modern times, the elderly are often seen as burdens, and families prefer to send them away to old age homes rather than take on the responsibility of caring for them. This trend highlights the growing insensitivity and disconnection in family relationships.

Solutions and Reforms for Old Age Homes:

While old age homes may be a necessary option for elderly individuals who have no family or whose families cannot care for them, there is a need for significant improvement in the way these institutions function.

Improving the Quality of Old Age Homes: Old age homes must be equipped with better facilities, trained staff, and adequate medical services. Governments and social organizations should regularly monitor these institutions to ensure that elderly individuals are living in dignity and receiving the care they deserve.

Providing Emotional and Mental Support: The elderly in old age homes also need emotional and mental support. Psychological counseling, social workers, and community engagement can help alleviate feelings of loneliness and mental distress. Family members should also make regular visits to old age homes to stay connected with their elderly relatives, ensuring that they do not feel abandoned or isolated.

Rebuilding Family and Social Values: It is essential to rebuild the cultural and moral values that promote respect and care for the elderly. Society and families must recognize the significant contributions that the elderly have made throughout their lives. Schools and educational institutions should emphasize the importance of family values and teach children to respect and honor their elders. This can help foster a sense of responsibility toward elderly family members, reducing the need for old age homes in the future.

Community-Based Care Systems: Community-based care systems should be developed to provide elderly individuals with the services they need while allowing them to remain in their homes. These systems could include home-based medical services, social support, and community engagement programs. Such solutions would allow the elderly to live in familiar environments, surrounded by their families and communities, while still receiving the care they need.

Conclusion:

Old age is a time in life when individuals require love, support, and care from their families and society. The issue of old age homes reflects the breakdown of familial and social values, where elderly individuals are often neglected or abandoned. Solving this problem requires compassion, care, and collective effort.

It is our responsibility, as families and as a society, to ensure that our elderly are treated with respect and dignity. They are the foundation upon which our present has been built, and now it is our turn to give back to them by providing the love and care they deserve. Old age homes should be the last resort, and we must strive to create a society where the elderly can live with their families, surrounded by love and care, rather than in institutions. By addressing the root causes of this issue and taking proactive measures, we can ensure a better quality of life for the elderly in our society.

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Old Age Home in Hindi: ओल्ड एज होम का अर्थ होता है, “वृद्धाश्रम” । इसका मतलब होता है, वृद्धों का आश्रम अर्थात जहां पर एक साथ कई वृद्ध स्त्री और पुरुष एक घर में एक साथ रहते हो। वृद्धाश्रम कोई प्रकृति की देन नहीं है, बल्कि यह उन वृद्धों के व्यस्क और जवान पुत्रों, पुत्रियों, पुत्रवधू और अपने ही परिवार के सदस्यों द्वारा तिरस्कृत वृद्धों का समाज है। जो कहने के लिए वृद्ध माता-पिता हमारे सभ्य समाज में फिट नहीं बैठते है।

यह भारत जैसे देश की विडंबना है कि जिस धरती पर माता पिता को भगवान का स्वरूप मानते हैं। उसी धरती पर उनकी यह स्थिति दयनीय है। यह हमारे समाज की संस्कृति के बिल्कुल विपरीत है। कुछ संभ्रांत परिवार के लोग अपने माता-पिता को खुद ही वृद्धा आश्रम छोड़ कर आते हैं। जबकि कई माता-पिता ऐसे हैं जिनकी हालत इतनी बुरी होती है कि उनको घर से निकाल कर सड़कों पर दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है।

Old Age Home in Hindi

वृद्धाश्रम | Old Age Home in Hindi

हमारा समाज इतना अपंग और कमजोर हो गया है कि वे केवल दो प्राणी जिनको कहने के लिए मात्र माता-पिता कहते हैं, उनकी देखभाल नहीं कर सकते। उनकी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकते। इस ढलती उम्र में उनको किसी भी बड़ी चीज की कोई ख्वाहिश नहीं रहती। सिवाय अपने बच्चों के साथ रहने की, उनका प्यार और अपनापन पाने की। एक संरक्षण पाने की अपने बच्चों द्वारा जो संरक्षण और प्यार माता-पिता ने अपने बच्चों को दिया था।

हमारे देश के नौजवान पीढ़ियों को यह शिक्षा कौन देगा कि वे उनके अपने ही माता-पिता हैं जो अपने बच्चों की जरा-सी चोट लग जाने पर उनका दिल छलनी हो जाता था। अपने बच्चों के जरा से परेशान होने पर उनकी रातों की नींद उड़ जाती थी। माता-पिता अपनी सारी जिंदगी बच्चों का भविष्य संवारने में लगा देते हैं बिना किसी लालच के। अगर लालच भी होती है तो ऐसी की उसमे में बच्चों का ही हित होता था। मगर आजकल के बच्चों में इतनी शक्ति नहीं है कि माता-पिता के कुछ गिने-चुने वर्षों को वह ठीक ढंग से देखभाल कर सकें।

आजकल मनुष्य इतना भौतिकवादी हो गया है कि वे केवल भौतिक सुखों की कामना करता रहता है। इन भौतिक सुखों की उपस्थिति में अपने बीवी-बच्चों के साथ दिन गुजर बसर करना चाहता है। ऐसा नहीं है कि वे अपने माता-पिता की देखभाल नहीं कर सकते हैं। कमी उनके विचारों में आ गई है। उनके सोचने की शक्ति संकीर्ण हो गई है। वह अपने इन्हीं भौतिक सुखों के आगे अपने माता-पिता को रोड़ा समझने लगते हैं।

उनकी बुढ़ापे की बीमारियों को वे झेलना पसंद नहीं करते हैं। यही बच्चे यह भूल जाते हैं कि बचपन में न जाने कितने ही बीमारियों को उनके माता-पिता ने रोते-हंसते दूर किया था। उनके ऊपर आने वाली हर मुश्किलों को दूर किया था। उनकी ना जाने कितने ही मुश्किलों के बावजूद उनको अपने सीने से लगा कर रखा था।

हर मनुष्य को बस इतना ही सोचने की जरूरत है कि अपने बच्चों में ही अपने बूढ़े माता-पिता को देखें। हमें एहसास होगा कि हमारे बच्चों से काफी कम जरूरत हमारे बुजुर्ग माता-पिता को है। जब हम अपने बच्चों को हर वह चीज देने के लिए इच्छुक होते हैं। जिनकी उन्हें जरूरत है तो हम अपने माता-पिता को भी वे जरूरतें अवश्य दे सकते हैं।

बाकी बातें बस अपने मन को बरगलाने के लिए होता है कि जैसे उनकी हम देखभाल नहीं कर सकते। हमारे पास उनका ध्यान रखने के लिए समय नहीं है वगैरा-वगैरा। हमें अपनी अंतरात्मा अंतर आत्मा को जगाने की जरूरत है। जब हम उनकी जिंदगी की सारी जमा पूंजी रुपया-पैसा लेने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। ठीक वैसे ही तत्परता उन को संरक्षण देने में होनी चाहिए।

समाज का एक दूसरा पहलू यह भी है कि जो बच्चे विदेशों में कामकाज करते हैं। वह अपने साथ माता-पिता को नहीं रख पाते हैं। वे उन्हें वृद्धाश्रम में रखते हैं ताकि उनकी देखभाल अच्छे से हो सके। वहां उनकी अच्छे से देख-रेख हो सके। इसके लिए वे हर महीने उनके लिए खर्च राशि भी भेजते हैं। वृद्धाश्रम का प्रबंध होने से वृद्धों के लिए सहारा हो गया है।

कम-से-कम उनकी रोज सुबह-शाम देखने वाला तो कोई है जो उनकी खोज-खबर ले सके। वहां साथ में बैठकर बात करने वाले हम उम्र हैं। जो अपने मन की बात किसी से कह सकते हैं। मन का घुटन कुछ तो कम होता है। वहां उनकी चिकित्सा तथा खान-पान का ध्यान दिया जाता है।

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भारत देश में वृद्धाश्रम तथा उनमें रहने वाले बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। भारत में एक हजार से भी ज्यादा वृद्धा आश्रम है।

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hindi language old age home essay in hindi

प्रस्तावना – आजकल वयोवृद्ध, सेवानिवृत्त लोगों को एक सम्मानजनक नाम वरिष्ठ नागरिक दिया गया हैं. लगभग 60 वर्षीय वृद्ध जन वरिष्ठ नागरिक माने जाते हैं.

यह शुभ लक्षण है कि इनकी समस्याओं की ओर समाज का ध्यान जा रहा हैं. जिन्होंने जीवन भर अपने कार्यों से समाज की विविध रूपों में सेवा की, वृद्धावस्था में उनकी समस्याओं पर ध्यान देना समाज का नैतिक कर्तव्य हैं.

प्रायः समाज का यह वर्ग उपेक्षा का पात्र रहा हैं. परिवार में और परिवार के बाहर इन लोगों की समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के प्रयत्न बहुत कम ही हुए हैं.

वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएँ – वरिष्ठ नागरिकों की अनेक समस्याएं हैं. इनमें सर्वप्रथम उनका स्वयं को अकेला अनुभव करना हैं. घर परिवार में रहते हुए भी उन्हें लगता हैं कि उनकी ओर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा हैं. वे स्वयं को अकेला और उपेक्षित अनुभव करते हैं.

वरिष्ठ नागरिकों की एक प्रमुख समस्या है उनकी अस्वस्थता. वृद्धावस्था में प्रायः अनेक रोग पीड़ित व्यक्ति को पीड़ित करने लगते हैं उनके स्वास्थ्य पर परिवारजन अधिक ध्यान नहीं देते. शारीरिक अक्षमता और धन का अभाव दोनों ही उन्हें पीड़ित करते हैं.

वरिष्ठ नागरिकों की एक भावनात्मक समस्या हैं उनको उचित सम्मान न मिलना. परिवार में और परिवार के बाहर उन्हें बेकार का आदमी समझकर समुचित सम्मान नहीं दिया जाता.

समस्याओं का समाधान – वरिष्ठ नागरिकों के एकाकीपन को दूर करने के लिए परिवार के सदस्यों को उनके साथ कुछ समय बिताना चाहिए.

परिवार के बच्चों को उनके साथ वार्तालाप करने तथा खेलने के लिए प्रेरित करना चाहिए. वरिष्ठ नागरिकों के लिए मिलने बैठने के स्थान, क्लब आदि की व्यवस्था होनी चाहिए.

वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य का परिवार के सदस्यों को ध्यान रखना चाहिए. उनके उपचार की यथासम्भव उचित व्यवस्था करनी चाहिए. अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों  को विशेष सुविधाएँ मिलनी चाहिए.

वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज के सम्मानीय अंग हैं. उनका सम्मान हमारी सामाजिक सभ्यता का परिचायक हैं अतः हर स्थान पर उन्हें उचित आदर दिया जाना चाहिए.

वरिष्ठ नागरिकों से अपेक्षाएँ – वरिष्ठ नागरिकों को भी अपने आचार व्यवहार के प्रति सचेत रहना चाहिए. उन्हें कोई कार्य ऐसा नहीं करना चाहिए. जो उनकी गरिमा के प्रतिकूल हो.

परिवार में रहते हुए उन्हें संयम और उदारता का परिचय देना चाहिए. परिवार के साथ सामजस्य बनाकर चलने पर उन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए.

उपसंहार- यदपि सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं. फिर  भी उनको समाज में सुख और सम्मानपूर्वक रहने के लिए बहुत कुछ किया जाना आवश्यक हैं.

वृद्धावस्था, पेंशन, रेलयात्रा में किराएं में कटौती बैंकों में अधिक ब्याज दिया जाना आदि सरकारी सुविधाएं हैं. इसके अतिरिक्त स्वयंसेवी संगठनों ने भी वृद्धाश्रम तथा क्लब आदि स्थापित किये हैं. आशा हैं समाज आर्थिक और पारिवारिक रूप से विपन्न वृद्ध लोगों पर विशेष ध्यान देगा.

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बुज़ुर्गों का समाज में महत्व (Why It Is Important to Care For Our Elders)

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  • हमें अपने रीति-रिवाज़ व संस्कार उन्हीं से मिलते हैं.
  • जब ज़िंदगी कठिन मोड़ से गुज़रती है, तो उन्हीं की सलाह व प्रेरणा काम आती है.
  • समाज को सही राह पर चलने की शिक्षा उन्हीं से मिलती है.
  • आज की पीढ़ी व समाज में भी फ़िज़ूलख़र्ची और ज़िंदगी को लापरवाह अंदाज़ में जीने के तरी़के बढ़ रहे हैं, ऐसे में वो ही हमें सही राह दिखाते हैं.
  • ज़िंदगी को अनुशासन से जीना कितना ज़रूरी है, समय की पाबंदी, पानी व बिजली की बचत, कम सुविधाओं में भी कैसे गुज़ारा किया जा सकता है आदि वो अच्छी तरह से जानते व समझा सकते हैं.
  • विनम्रता का महत्व व सकारात्मकता से जीने का अंदाज़ उन्हीं से हम सीख सकते हैं.
  • उन्होंने किस तरह से अभावों के बीच भी जीना व संघर्ष करना सीखा, जबकि हमें वो सारी सुविधाएं प्रदान करते हैं, ऐसे में हमें ज़िंदगी से शिकायतें क्यों हैं? हम अपने घर के बड़े-बुज़र्गों को देखकर उनसे सबक ले सकते हैं.
  • बेहतर होगा कि उनकी कांपती ज़िंदगी का दर्द हम समझें और उन्हें अपना व़क्त देकर उनका क़ीमती आशीर्वाद लें, ताकि ज़िंदगी आसान व ख़ुशगवार हो.
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Old Age Home Essay | Essay on Old Age Home for Students and Children in English

February 18, 2021 by Prasanna

Old Age Home Essay: Since the ancient ages, India’s people would live in joint families who had parents, husband or wife, grandparents, children, grandchildren, uncles, aunts and cousins. It has been a custom to find that the parents and grandparents would take care of the house’s infants and kids. Also, when they grow up, they become a support system for their parents and grandparents too. When they fall ill, they take care, give them proper medical facilities, and spend quality time with them. It is unfortunate to express that, nowadays they are not given such care and attention and are dumped in the old age homes.

Long and Short Essays on Old Age Home for Students and Kids in English

We are providing the students with essay samples on an extended essay on Old Age Home of 500 words and a short essay on Old Age Home of 150 words on the topic of Old Age Home Essay.

You can also find more  Essay Writing  articles on events, persons, sports, technology and many more.

Long Essay on Old Age Home 500 Words in English

Long Essay on Old Age Home is helpful to students of classes 7, 8, 9, 10, 11 and 12.

There are various stages in human, life, including infancy, childhood, adolescence, adulthood, and old age. We all have to come and journey across these ages. However, our behaviour, attitude, temperaments and physical fitness are different in every stage. Also, not to forget that man is a social animal. He or she cannot stay in isolation. He needs to live in a family, with his friends in society. The entire world works smoothly on interdependence. Love, affection, and care are mutual, and they help a person live and not merely exist.

Due to the advent of urbanisation, modernisation and several other factors, the joint families have shattered. People are busy with their jobs, and they hardly have any time and interest to look after the older members of the family. Therefore, they leave their parents in old age homes. Also, many insensitive people, abandon their parents, and as a result of which various Non-governmental Organisations and governmental organisations rescue them and admit them to old age homes. Many people, who have no family to take care of, admit themselves to the old age home voluntarily.

An old age home is a shelter house where the people of older age dwell together with other older people when they have been abandoned by their family members or voluntarily admitted to it to combat loneliness during this crucial stage of life. The old-age house staff is in charge of feeding these senior citizens on time and taking care of their medical needs. They help them cope with the routine by cleaning their clothes and utensils and helping them live the last days of their life without isolation. Also, they conduct various recreational activities, to indulge them in and combat boring lifestyles. They entertain them so that they become happy and jolly. Also, the house inmates stay together, share their experiences and make good bonds with their friends.

People are also adopting these new lifestyles and in a way, adjusting or compromising with life. However, it is important not to forget that we have to take care of the parents during their old age because they have taken care of us and raised us with a lot of love and affection since childhood. We should not be selfish and seek their blessings by providing them physical, social and emotional support. On the part of the parents, it is important to get prepared for the worst, in the case shortly and should not live with a lot of hopes, but make good savings to lead independent life during the old age, in case their children abandoned them, or any mishap occurs. We should make sure there should be no old age home at all. People should get all love, care, attention and support from their own family. In this way, we can become good human beings and seek their blessings.

Essay on Old Age Home

Short Essay on Old Age Home 150 words in English

Short Essay on Old Age Home is helpful to students of classes 1, 2, 3, 4, 5 and 6.

Infancy, as well as old age, are, mostly referred to as the most delicate stage of human life. They need most of the care and affection. They are physically, emotionally and mentally weak at this age. Thus, the children need to take care of the parents in their old age. But it is a matter of immense grief that nowadays, the children have become insensitive to this duty and are escaping from it.

Thus, they are leaving their parents in the old age home to run away from their obligations. In the old age homes, the older people stay together and are cared for by the old age home staff. They take care of their food, shelter, clothing and medical assistance. There should be no old age homes in any part of the world. Let all the care and affection come from the family itself, which they had once served.

10 Lines on Old Age Home Essay

  • Old age is an inevitable part of human life.
  • They need care and affection from the family.
  • But nowadays they are dumped in old age homes.
  • It is very important to note that the old age home concept has not gained significant attention in India due to the joint family system.
  • An old age home is a shelter that is home to the older and needy people who the family has abandoned.
  • In old age homes, these people are taken care of the food, clothing and shelter.
  • Also, they are given proper medical facilities.
  • Much recreational and entertainment are also provided.
  • It is saddening to know that we are abandoning our parents and grandparents.
  • we have to stay with them and take care of them.

Short Essay on Old Age Home

FAQ’s on Old Age Home Essay

Question 1. What is the reason for an old age home?

Answer: Urbanisation and insensitivity on people are a major reason for the old age home.

Question 2. Why should we take care of our older members of the family?

Answer: Because they also have raised us with love, care and attention in our childhood and have made our life comfortable.

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वृद्धाश्रम पर हिंदी निबंध Essay on old age homes in hindi

Essay on old age homes in hindi.

दोस्तों आज हम आपके साथ एक निबंध शेयर करने वाले हैं हमारे द्वारा लिखा गया ये निबंध वास्तव में आपको बहुत कुछ सिखाएगा साथ में इस विषय पर आपको निबंध लिखना भी सिखाएगा तो चलिए पढ़ते हमारे आज के इस निबंध Essay on old age homes in hindi को

Essay on old age homes in hindi

हम सभी एक परिवार में रहते हैं परिवार में माता-पिता,दादा दादी होते हैं परिवार हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है हम अगर किसी भी मुसीबत में फंसते हैं तो परिवार वाले हमारा सहयोग करते हैं हर विकट परिस्थिति में हमारा साथ देते हैं हम भी उनका साथ देते हैं.परिवार इस देश,इस समाज में एक अहम भूमिका निभाता है.हमारे परिवार में बुजुर्ग लोग भी होते हैं जैसे कि दादा दादी, माता पिता.हमारे समाज में ऐसे लोग भी होते है जो माता पिता का सम्मान नहीं करते.

माता पिता अपने बच्चों के लिए मेहनत करके पैसा कमाते हैं उनके लिए घर बनाते हैं और उनके भविष्य के लिए पैसा एकत्रित करते हैं यहां तक की अपने बच्चों के लिए अपनी संपत्ति भी दे देते हैं लेकिन बदलते जमाने के साथ आज ज्यादातर बच्चे अपने बड़े बुजुर्गों,मां बाप का ख्याल नहीं रखते.इस तरह की बदलती उनकी सोच हमारे संस्कार के विपरीत है और हमें जीवन में एक बुरी परिस्थिति में लाकर रख देते हैं.

हमारे देश में जहां माता-पिता को भगवान भी कहते हैं सबसे पहले माता पिता ही भगवान होते हैं उसके बाद किसी भगवान का नंबर आता है लेकिन बदलते इस युग में कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो बुजुर्गों की सेवा नहीं करते और बुजुर्गों को अपने बुढ़ापे में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

कुछ बुजुर्ग ऐसे हैं जिनको अपने बच्चों से अलग रहना पड़ता है घर में ही उन्हें अलग रहकर खाना बनाना पड़ता है उनके बच्चे उनकी देखरेख नहीं करते.आज के इस बदलते जमाने के साथ महंगाई के जमाने में पुरुष और स्त्री दोनों बाहर का काम करने लगे हैं इसी वजह से बहुत से बुजुर्ग मां-बाप जो अकेले घर में रहते हैं और नौकरों की तरह उन्हें घर का सारा काम आज करना पड़ता है क्योंकि बेटा बहु तो सुबह से शाम तक नौकरी करते हैं हमें बुजुर्गों की स्थिति के बारे में सोचना चाहिए.

आज हमारे देश में बुजुर्गों की मदद के लिए वृद्धाश्रम भी बने हैं जिनमें केवल बुजुर्ग व्यक्ति ही रहते हैं और अपने जीवन का निर्वाह करके खुशी खुशी अपने जीवन को व्यतीत करते हैं कुछ बच्चे स्वेच्छा से अपने मां-बाप को वृद्धा आश्रम में छोड़ आते हैं जिन बच्चों को उनकी देखभाल करना चाहिए उनके वजाये वृद्धा आश्रम वाले उनकी देखभाल करते हैं.हम हमारे संस्कारों के खिलाफ आज पैसा कमाने के लिए भागते हैं,संपत्ति एकत्रित करने के लिए इस दुनिया में भागते है लेकिन ऐसे लोग नहीं समझ पाते की की उनकी असली संपत्ति तो बुजुर्ग ही होते है.

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बुजुर्ग लोगों को ना चाहते हुए भी अपने जीवन को वृद्धा आश्रम में गुजारना पड़ता है हर एक बुजुर्ग दंपति चाहता है कि वह अपने आखिरी दिनों में अपने पोता पोती के साथ खेले,उनके साथ थोड़ा समय दे वह चाहते हैं कि इस बुजुर्ग अवस्था में मुझे पोता पोती अपने बचपन की याद दिला दे लेकिन बदलते जमाने के साथ ज्यादातर बुजुर्गों को अपने बच्चों से दूर रहना पड़ता है.

आज हमारे देश में शिक्षा पर बहुत जोर दिया जा रहा है हर मां बाप अपने बच्चों को किताबी ज्ञान करवाने की सोचता है,अपने बच्चे बच्चियों पर बहुत पैसा खर्च करता है वह उसकी पढ़ाई के लिए, उसके भले के लिए बहुत सारी मुसीबतों का भी सामना करता है लेकिन इतनी पढ़ाई करने के बाद भी अगर बच्चों में संस्कार नहीं होते तो वह पढ़ाई और बुजुर्गों का वह पैसा किसी मतलब का नहीं निकलता क्योंकि असली पैसा तो संस्कार होते हैं असली धरोहर तो हमारे बड़े बुजुर्ग होते हैं.

अगर हम अपनी इन संस्कृतियों के खिलाफ अपने बुजुर्गों की देखभाल ना करके उन्हें वृद्धा आश्रम में छोड़ते हैं तो यह हमारे देश के लिए, हमारे समाज के लिए,हमारे बुजुर्गों के लिए सबसे बुरा है हम सभी को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि आज हमारे बुजुर्ग माता पिता जो सक्षम नहीं है उन्हें हम वृद्धा आश्रम में दूसरों के भरोसे छोड़ देते हैं कल हम भी बूढ़े होंगे हमारे भी बच्चे अगर हमारे साथ इस तरह का बर्ताव करें तो कैसा लगेगा.हमें यह सब समझकर हमारे बड़े बुजुर्ग,माता-पिता को अपने साथ रखना चाहिए और एक ऐसे समाज की रचना करनी चाहिए कि जिसमें वृद्धाश्रमों की ज़रूरत ही ना पड़े.

पहले के जमाने में ना कोई वृद्ध आश्रम हुआ करते थे और ना ही कभी बुजुर्गों को किसी वृद्ध आश्रम में रहने की जरूरत पड़ी लेकिन बदलती स्थिति के सा,बदलते इस नए जमाने के साथ,बदलती विदेशी संस्कृति के साथ हमारे देश के युवाओं की सोच भी निरंतर बदल रही है वह अपने मां-बाप को सम्मान ना देकर अपने मां-बाप को एक ऐसे वृद्धा आश्रम नाम के झरोखों में छोड़ आते हैं जहां पर उन्हें जीवन भर अफसोस होता है.हम सभी को समझना चाहिए की हमारा भारत देश एक ऐसा भारत है जिसमें माता-पिता को भगवान की तरह पूजा जाता है उनका सम्मान किया जाता है.

भगवान श्रीराम ने भी अपने पिता की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 वर्ष तक वनों की यातनाओं को सहा.उन्होंने मुसीबतों को सहा उनके पिता को उन्होंने किसी भी तरह की तकलीफ नहीं दी हमें इस तरह के पुराने इतिहास से सीखना चाहिए कि हमारे बुजुर्ग हमारे भगवान हैं और हमें उन्हें कभी भी अलग या वृद्ध आश्रमों में नहीं छोड़ना चाहिए, हमें जिंदगीभर उनकी सेवा करना चाहिए यही हमारा कर्तव्य है, यही हमारा धर्म है और यही हमारी संस्कृति है.

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kamlesh kushwah

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Plz यदी मेरा घर अंतरिक्ष मेहोता तो पार निबंध लिखेये प्लझ प्लझ सर

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Ok ham jarur likhenge

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Thanku sir it is insperation for is

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It’s helpful for students of class 9 & 10

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500+ विषयों पर हिंदी निबंध

विद्यार्थी जीवन में निबंध लेखन (Hindi Essay Writing) एक अहम हिस्सा है। विद्यार्थी के जीवन में हर बार ऐसे अवसर आते हैं, जहाँ पर निबन्ध लिखने को दिए जाते हैं। निबंध लेखन का कार्य हर तरह की परीक्षा में भी विशेष रूप से पूछा जाता है।

Hindi Essay Writing

यहां पर हमने अलग-अलग विषयों पर क्रमबद्ध हिंदी निबंध (hindi nibandh) लिखे है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होंगे।

यहां पर वर्तमान विषयों पर हिंदी में निबंध (current essay topics in hindi) उपलब्ध किये है।

हिंदी निबंध (Essay Writing in Hindi)

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पशु पक्षियों पर निबंध

त्योहारों पर निबंध

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स्वास्थ्य से जुड़े निबंध

प्रकृति पर निबंध

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महत्त्व वाले निबन्ध

शहरों और राज्यों पर निबन्ध

संरक्षण पर निबन्ध.

नारी शक्ति पर निबंध

रिश्तों पर निबंध

फल और सब्जियों पर निबंध

फूलों, पौधों और पेड़ों पर निबन्ध

प्रदूषण पर निबंध, लोकोक्ति पर निबन्ध.

धरोहर पर निबन्ध

निबंध क्या है.

निबंध एक प्रकार की गद्य रचना होती है, जिसमें किसी विशेष विषय के बारे में विस्तार से वर्णन किया जाता है। निबंध के जरिये निबंध लिखने वाला व्यक्ति या लेखक अपने भावों और विचारों को बहुत ही प्रभावशाली तरीके से व्यक्त करने की कोशिश करता है।

निबंध लिखने वाले व्यक्ति को उस विषय के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी होने के साथ ही उसकी उस भाषा पर अच्छी पकड़ भी होना बहुत जरूरी है। सभी व्यक्तियों की अपनी अलग-अलग अभिव्यक्ति होती है। इस कारण ही हमें एक विषय पर बहुत से तरीकों में लिखे निबंध मिल जायेंगे।

निबंध की परिभाषा को आसान से शब्दों में बताये तो “किसी विशेष विषय पर भावों और विचारों को क्रमबद्ध तरीके से सुगठित, सुंदर और सुबोध भाषा में लिखी रचना को निबंध कहते हैं।”

निबन्ध लिखते समय इन बातों का रखे विशेष ध्यान

  • लिखा गया निबंध बहुत ही आसान शब्दों में लिखा हो, जिससे कि पढ़ने वाले को कोई मुश्किल नहीं हो।
  • निबंध में भाव और विचार की पुनरावृत्ति नहीं करें।
  • निबंध लिखते समय उसे विभिन भागों में बाँट देना चाहिए, जिससे पढ़ने आसानी हो जाये।
  • वर्तनी शुद्ध रखे और विराम चिन्हों को सही से प्रयोग करें।
  • जिस विषय पर निबंध लिखा जा रहा है, उस विषय के बारे में विस्तार से चर्चा लिखे।

इन बातों को ध्यान में रखकर आप एक बहुत ही सुंदर और अच्छा निबंध लिख सकते हैं। जब आप निबंध पूरी तरह से लिख ले तो उसके बाद आप पुनः एक बार पूरे निबंध को जरूर पढ़ लें और त्रुटी की जांच कर लें, जिससे निबंध और भी अच्छा हो जाएगा।

निबंध के अंग

निबन्ध को विशेष रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है:

भूमिका/प्रस्तावना

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यह निबंध का सबसे पहला भाग होता है। इससे ही निबंध की शुरुआत होती है। इसमें जिस विषय पर निबन्ध लिख रहे हैं उसके बारे में सामान्य और संक्षिप्त जानकारी दी जाती है।

इसे लिखते समय यह विशेष ध्यान रखें कि यह बहुत छोटा होने के साथ ही सारगर्भित भी हो, जिससे पाठक को पढ़ते समय आनंद की अनुभूति हो और उस निबंध को पूरा पढ़े।

यह निबंध का अगला भाग है जिसमें विषय के बारे में विस्तार से चर्चा की जाती है। इस भाग को लिखते समय आपके पास जितनी भी जानकारी उपलब्ध है, उसे क्रमबद्ध करके अलग-अलग अनुच्छेद में प्रस्तुत करना होता है।

इसमें आपका क्रम पूरी तरह से व्यवस्थित होना चाहिए। हर दूसरा अनुच्छेद पहले अनुच्छेद से सम्बंधित होना चाहिए।

यह निबंध का सबसे अंतिम भाग होता है। इस भाग तक पहुँचने से पहले पूरी चर्चा पहले के अनुच्छेदों में कर ली जाती है। यहां पर पूरी चर्चा का सारांश छोटे से रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

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  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
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  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
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  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

Healthy Eating Plate Translation Hindi

  • फल और सबज़ियों को अपने भोजन का सबसे बड़ा हिस्सा बनायें – आधी थाली मात्राः

कोशिश करें कि अनेक रंगों और कई प्रकार के फल और सब्ज़ियां खायें। और याद रखें कि स्वस्थ भोजन की थाली में आलू को सब्ज़ि नहीं माना जाता है, क्योंकि आलू को खाने से रक्त शर्करा, या ‘ब्लड ग्लूकोज़’ पर नकारात्मक असर होता है।

  • ‘होल ग्रेन्ज़’, या साबुत अनाजों को ज़्यादातर खायें – एक चैथाई थाली मात्राः

साबुत और पूर्ण अनाजों – पूर्ण गेहूॅं, जौ, बाजरा, जुवार, जै, ‘ब्राउन राइस’ या असंसाधित चावल, और इनसे बनाये गए खाद्य पदार्थ, जैसे कि पूर्ण गेहूॅं से बनाई गई रोटी – का मैदे से बनाई गई रोटी, ‘वाइट राइस’, और अन्य संसाधित अनाजों से रक्त शर्करा और इंसुलिन पर कम असर होता है।

  • प्रोटीन की शक्ति – एक चैथाई थाली मात्राः

मछली, मुर्ग, दाल, और अखरोट स्वस्थ और बहुमुखी प्रोटीन के स्रोत हैं – इनको सालाद में डाला जा सकता है, और यह सब्ज़ियों के साथ अच्छा जाते है। लाल मांस को कम खाना चाहिए, और संसाधित मांस, जैसे कि ‘बेकन’ और ‘साॅसेज’ से दूर रहना चाहिए।

  • स्वस्थ संयंत्र तेल या ‘वेजिटेबल आॅयल’ – मध्यम मात्रा मेंः

स्वस्थ वेजिटेबल आॅयल, जैसे जैतून या ‘ओलिव’, कनोला, सोयाबीन, सनफ़लावर, मूंगफली, सरसों, इत्यादी के तेलों को चुनें, और ‘पार्शली हाइड्रोजनेटिड’ तेलों से दूर रहें, क्योंकि इनमें अस्वस्थ ‘ट्रांस फैट’ होते हैं। याद रखें, कि केवल कम या शून्य फैट होने से खाद्य पदार्थ ‘‘स्वस्थ’’ नहीं हो जाते।

  • पानी, चाय, या काॅफ़ी पीयेंः

मीठे पायों से दूर रहें, दूध और दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थों के दिन में केवल एक या दो सर्विगंज़ खायें, और दिन में ज़्यादा से ज़्यादा एक छोटा गिलास फल का रस पियें।

  • सक्रिय रहेंः

स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए आवश्यक है।

स्वस्थ भोजन की थाली का मुख्य सन्देश ‘‘डायटेरी क्वालेटी’’, या आहार की गुणवत्ता के बारे में है।

  • कार्बोहाइड्रेट की मात्रा पर ध्यान देने से ज़्यादा यह सोचना ज़रूरी है कि हम अपने आहार में किस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट खाते हैं, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट के कुछ स्रोत – जैसे सबज़ियाॅं (आलू के अलावा), फल, साबुत अनाज, और दाल – अन्य स्रोतों से ज़्यादा स्वस्थ हैं।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को मीठे पायों से दूर रहने के लिए भी बताती है, जो उष, या ‘‘कैलोरीज़’’ से भरे हैं – और आमतौर पर इनमें पोषण कम होता है।
  • स्वस्थ भोजन की थाली लोगों को स्वस्थ ‘‘वेजिटेबल आॅयल’’ खाने को प्रोतसाहित करती है, और इसमें स्वस्थ स्रोतों से मिले गए ‘‘फ़ैट्स’’ के उपभोग पर कोई उपरी सीमा नहीं है।

हम निम्नलिखित नियमों और शर्तों के अनुसार स्वस्थ भोजन की थाली की छवि के उपयोग की अनुमति देतें हैंः

  • निम्न क्रेडिट लाइन शामिल होनी चाहिएः ‘‘प्रतिलिप्याधिकार © 2011 हारवर्ड विश्वविद्यालय। स्वस्थ भोजन की थाली के बारे में अधिक जानकारी के लिये कृप्या इन वेबसाइटों पर जाएॅंः पोषण स्रोत, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ, http://www.thenutritionsource.org  और हारवर्ड हेल्थ पबलिकेशन्ज़, health.harvard.edu ।’’
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग गैर वाणिज्यिक तरह से करेंगें।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का उपयोग सभी लागू कानूनों के अनुसार करेंगें।
  • आप किसी भी तरह से छवि या पाठ को बदल नहीं सकते हैें।
  • हारवर्ड यह अनुमति अपने संपूर्ण विवेकाधिकार पर किसी भी समय रद्द कर सकता है। यदि यह अनुमति वापस ली जाती है, आपको अधिक से अधिक पांच व्यवसायक दिनों के अंदर इस छवि को किसी भी वेबसाइट या सार्वजनिक स्थान से निकालना होगा।
  • हारवर्ड कोई भी संकेत सख्ती से मना करता है – स्पष्ट या अव्यक्त – जिस्से दूसरों को यह सुझाव आए, या जो दूसरों को यह विश्वास दिलाए कि हारवर्ड, हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग, या पोषण स्रोत की वेबसाइट ने किसी भी माल, सेवाओं, वयक्तिओं, या संगठनों का समर्थन किया है। इस कारण, इस छवि के लिए उूपर दी गई विशिष्ट क्रेडिट लाइन की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने के अलावा, आप ‘‘हारवर्ड‘‘, ‘‘हारवर्ड टी. एच. चैन स्कूल आॅफ़ पबलिक हेल्थ के पोषण विभाग‘‘, या ‘‘पोषण स्रोत‘‘ नामों, या कोई भी हारवर्ड के स्वामित्व वाले ट्रेडमार्कों का स्वस्थ भोजन की थाली के संबंध में, बिना पूर्व लिखित अनुमोदन के उपयोग नहीं कर सकते।
  • आप स्वस्थ भोजन की थाली का किसी भी तरह से उपयोग नहीं कर सकते, जिस्से हारवर्ड की प्रतिष्ठा को हानी पहुंचें।
  • हारवर्ड स्वस्थ भोजन की थाली से जुड़ी हर प्रकार के वारन्टियों (स्पष्ट, अव्यक्त, या अन्यथा) को अस्वीकार करता है। इनमें शामिल है, बिना सीमा के, कोई भी व्यापारिकता की अव्यक्त वारन्टियाॅं, किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयुक्त्ता, और गैर उल्लंघन। आप हारवर्ड विश्वविद्यालय, और इसके संचालक मंडल के सदस्यों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, छात्रों, कर्मचारियों, और दलालों को सभी दावों, नुक़सानों, हानियों, उत्तरदायित्व, लागत, और खर्चों से क्षतिपूर्ति करने के लिए व हानिरहित मान्ने के लिए सहमत हैं।

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दा इंडियन वायर

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध

hindi language old age home essay in hindi

By विकास सिंह

importance of hindi language

विषय-सूचि

हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (Importance of hindi language)

हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में काफी अधिक है।

हिंदी भाषा में 11 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं और इसे “देवनागरी” नामक एक लिपि में लिखा जाता है। हिंदी एक समृद्ध व्यंजन प्रणाली से सुसज्जित है, जिसमें लगभग 38 विशिष्ट व्यंजन हैं। हालाँकि, ध्वनि की इन इकाइयों के रूप में स्वरों की संख्या निर्धारित नहीं की जा सकती है, बड़ी संख्या में बोलियों की मौजूदगी के कारण, जो व्यंजन प्रदर्शनों की सूची के कई व्युत्पन्न रूपों को नियोजित करती हैं।

हालाँकि, व्यंजन प्रणाली का पारंपरिक मूल सीधे संस्कृत से विरासत में मिला है, जिसमें अतिरिक्त सात ध्वनियाँ हैं, जिन्हें फारसी और अरबी से लिया गया है।

हिंदी भाषा किन क्षेत्रों में बोली जाती है?

500 मिलियन से अधिक बोलने वालों के साथ, चीनी के बाद हिंदी दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी को भारत के “राजभाषा” (राष्ट्रभाषा) के रूप में अपनाने से पहले इसमें काफी बदलाव आया है।

इंडो-आर्यन भाषाई वर्गीकरण प्रणाली के सिद्धांत के अनुसार, हिंदी भाषाओं के मध्य क्षेत्र में रहती है। 1991 की जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदी को “देश भर में एक भाषा” के रूप में भारतीय आबादी के 77% से अधिक द्वारा घोषित किया गया था। भारत की बड़ी आबादी के कारण हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।

1991 की भारत की जनगणना के अनुसार (जिसमें हिंदी की सभी बोलियाँ शामिल हैं, जिनमें कुछ भाषाविदों द्वारा अलग-अलग भाषाएं मानी जा सकती हैं – जैसे, भोजपुरी), हिंदी लगभग 337 मिलियन भारतीयों की मातृभाषा है, या भारत के 40% लोगों की है। उस वर्ष जनसंख्या।  एसआईएल इंटरनेशनल के एथनोलॉग के अनुसार, भारत में लगभग 180 मिलियन लोग मानक (खारी बोलि) हिंदी को अपनी मातृभाषा के रूप में मानते हैं, और अन्य 300 मिलियन लोग इसे दूसरी भाषा के रूप में उपयोग करते हैं।

भारत के बाहर, नेपाल में हिंदी बोलने वालों की संख्या 8 मिलियन, दक्षिण अफ्रीका में 890,000, मॉरीशस में 685,000, अमेरिका में 317,000 है। यमन में 233,000, युगांडा में 147,000, जर्मनी में 30,000, न्यूजीलैंड में 20,000 और सिंगापुर में 5,000, जबकि यूके, यूएई, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी हिंदी बोलने वालों और द्विभाषी या त्रिभाषी बोलने वालों की उल्लेखनीय आबादी है जो अंग्रेजी से हिंदी के बीच अनुवाद और व्याख्या करते हैं।

हिंदी भाषा का विकास (growth of hindi language)

1947 के विभाजन के बाद भारत सरकार द्वारा समर्थित संक्रांति दृष्टिकोण से हिंदी की वर्तमान बनावट बहुत प्रभावित है। स्वतंत्रता से पहले अपने मूल रूप में, हिंदी ने उर्दू के साथ मौखिक समानता की काफी हद तक साझा की है। हिंदी और उर्दू को अक्सर एक ही इकाई के रूप में संदर्भित किया जाता था जिसका शीर्षक था “हिंदुस्तानी”।

इसके साथ ही कई अन्य भाषाओं जैसे अवधी, बघेली, बिहारी (और इसकी बोलियाँ), राजस्थानी (और इसकी बोलियाँ) और छत्तीसगढ़ी। हालाँकि, यह दृष्टिकोण वस्तुतः प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान और सार्वजनिक सूचना के माध्यम की वकालत करता है, जो वाराणसी बोली की तर्ज पर भारतीय विद्वानों द्वारा विकसित एक संस्कृत-उन्मुख भाषा को रोजगार देता है।

लिपि:

देवनागरी लिपि

महत्वपूर्ण लेखक:

रामधारी सिंह ‘दिनकर’, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, महादेवी वर्मा, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन, हरिवंश राय बच्चन, नागार्जुन, धर्मवीर भारती, अशोक बजाज, अशोक बजाज, अशोक बजाज चंद्र शुक्ला, महादेवी वर्मा, मुंशी प्रेमचंद, फणीश्वर नाथ रेणु, हरिशंकर परसाई, रामवृक्ष बेनीपुरी, चक्रधर शर्मा गुलेरी, विष्णु प्रभाकर, अमृत लाल नागर, भीष्म साहनी, सूर्यकांत निराला आदि को हिंदी के सबसे मशहूर लेखकों में गिना जाता है ।

हिंदी स्थानीयकरण और सूचना प्रौद्योगिकी

हिंदी टाइपिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले कई लोकप्रिय फॉन्ट हैं; यूनिकोड, मंगल, क्रुतिदेव, आदि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की एक टीम पहले से ही मशीनी अनुवाद सॉफ्टवेयर को विकसित करने और हिंदी को मानकीकृत करने के लिए काम कर रही है, हालाँकि वे इसके माध्यम से कोई बड़ा तोड़ नहीं बना पाए हैं।

हिंदी भाषा की बढ़ती प्रोफ़ाइल के प्रति हाल की चेतना ने लाखों हिंदी बोलने वालों को आशा दी है और आशा है कि आने वाले समय में हिंदी को मान्यता मिलेगी और संयुक्त राष्ट्र आधिकारिक भाषा बन जाएगी। यह समय हिंदी केंद्र, हिंदी विश्वविद्यालयों, हिंदी गैर सरकारी संगठनों और लाखों हिंदी भाषियों को हिंदी की रूपरेखा बढ़ाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए। हिंदी सिनेमा और बॉलीवुड ने पहले ही अच्छा योगदान दिया है, इसी तरह हिंदी मीडिया ने भी चमत्कार किया है।

वैश्विक मोर्चे पर हिंदी के बढ़ते महत्व के आधार पर, अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद और हिंदी से अंग्रेजी अनुवाद के लिए भविष्य उज्ज्वल है। हालाँकि, भारतीय को अंग्रेज़ी शब्दकोश और अंग्रेज़ी से हिंदी शब्दकोश में ऑनलाइन हिंदी विकसित करने और ऑनलाइन हिंदी भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने के प्रयासों की आवश्यकता है।

[ratemypost]

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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धन्यवाद !

Finally I got a nice speech

thank you vikas singh bhai

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Essay on My Village in Hindi: जानिए मेरे गांव पर स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

hindi language old age home essay in hindi

  • Updated on  
  • अक्टूबर 23, 2023

Essay on my village in Hindi

ऊंची-ऊंची पहाड़ियों और हरी-भरी हरियाली के बीच बसा मेरा गांव सिर्फ एक ज्योग्राफिक लोकेशन से कहीं अधिक है। यह मेमोरीज, ट्रेडिशंस और क्लॉज कम्यूनिटीज की एक टेपेस्ट्री है। ग्रामीण जीवन के आकर्षण और महत्व के लिए सभी को जानकारी होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल या कॉलेज की परीक्षाओं में गांव पर निबंध के प्रश्न पूछे जाते हैं, Essay On My Village In Hindi, My village essay in Hindi के बारे में जानकारी यहां दी गई है। 

This Blog Includes:

मेरा गांव 100 शब्दों में निबंध, मेरा गांव 200 शब्दों में निबंध, गांव का जीवन कैसा होता है, गांव का वातावरण तथा काम, गांवों का महत्व, गांवों पर कोट्स, गांव के जीवन से जुड़े तथ्य.

मेरा गांव मेरे दिल में बसता है। मेरा एक छोटा सा गांव है, जो शांति और सामाजिक सांझ के माहौल के लिए बहुत प्रसिद्ध है। गांव के सभी लोग अपने साथी गांववालों के साथ एक परिवार की भावना से रहते हैं। हमारे गांव के आस-पास प्राकृतिक सौंदर्य और यहां की हरियाली सबसे ख़ास है। वहां के खेतों में फसलें उगती हैं और आकाश में चिड़ियों का गुंथन अमित सौंदर्य का दर्शन कराता है।

गांव के लोग एक साथ खेलते हैं, मिलकर मनाते हैं और साथ में प्रयास करते हैं। हमारे गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। मेरे गांव का माहौल शांतिपूर्ण है और यहां की सांझा कुछ ख़ास है। यहां के लोग एक-दूसरे के साथ एक गांव की भावना से जुड़े रहते हैं और हमारे गांव को अद्वितीय बनाते हैं। मेरे गांव के लोग समृद्धि और समरसता के प्रतीक हैं। हम विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों के साथ मिलकर रहते हैं और एक दूसरे की सहायता करने में समर्थ हैं।

हमारे गांव में कई पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें सभी लोग भाग लेते हैं। यहां के उत्सव और मेले गांव को रंगीन बनाते हैं।

मेरे गांव का नाम रामगढ़ है। यह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित है। रामगढ़ मेरी जन्मभूमि है। यह पूरी तरह से प्रकृति से घिरा हुआ है। हमारा यह गांव सुंदरता, ताजगी और शांति काभरा हुआ स्वर्ग है। मेरे गांव में हर यहां साल तरह-तरह के फल, फूल उगते हैं। मेरे गाँव में लगभग 500 से भी अधिक घर बने हुए हैं। यहां करीब दो हजार लोग रहते हैं।  हमारे गांव में सभी प्रकार के धर्मों के लोग प्रेम और सुख-शांति से रहते हैं। 

मेरे गाँव में बच्चों के पढ़ने के लिए एक प्राइमरी स्कूल है और एक हाई स्कूल भी बना है। मेरे गाँव में डाक भेजने के लिए एक पोस्ट ऑफिस और मरीजों के उपचार के लिए एक अस्पताल भी है। मेरा गाँव का आज के समय के कम्युनिकेशन सिस्टम के मामले में बहुत डेवलप है। गाँव की पंचायत सड़क के माध्यम से पास के भारत के नेशनल हाईवे से जुड़ा हुआ है। हमारे गाँव की सभी मुख्य सड़कें पक्की हैं तथा वाहनों के आने जाने के लिए बहुत चौड़ी हैं।

हमारे गांव में अलग-अलग प्रोफेशंस के लोग रहते हैं, लेकिन मुख्यत: हमारे गांव के अधिकतर लोग किसान हैं। इसके साथ गांव के कुछ लोग मछली पकड़ने, बुनाई, हस्तशिल्प, दुकानदारी आदि से जुड़े हैं। इसके अलावा, कुछ लोग मजदूर के रूप में भी काम करते हैं। एक गाँव का एक मुख्य बाज़ार भी है जो एक सप्ताह में दो लोगों की खरीद दारी के लिए एक बार आयोजित होता है। इसकी वजह से गांव में लोगों के अपने पसंद की चीजें खरीदने और बेचने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। हमारे गाँव का तथा उसके आस-पास का मौसम बहुत अधिक सुहावना और सुन्दर है। यहां ताजी हवा और ऑक्सीजन मिलना संभव है। गांव में पीने का पानी स्वच्छ है एवं यह प्रदूषण मुक्त है मेरा गाँव दिन प्रतिदिन प्रगति कर रहा है। गांव का प्रत्येक बचा शिक्षा की ओर बढ़ रहा है और कई सारे छात्र पढ़ाई के लिए विदेश भी जा पा रहे हैं। मुझे अपने इस गांव पर बहुत अधिक गर्व है।

मेरा गांव 500 शब्दों में निबंध

My village essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध दिया गया है-

मेरा गाँव आबादी में छोटा लेकिन मनमोहक है, यह मेरे दिल में एक बहुत ही विशेष स्थान रखता है। मेरा गांव प्रकृति की गोद में बसा हुआ है। यह शांति, सादगी और प्रेम से रहने वाले लोगों के घनिष्ठ समुदाय की भावना का प्रतीक है। हमारी तेजी से भागती हुई दुनिया में गांव दुर्लभ होता जा रहा है। वास्तव में मेरे गाँव की प्राकृतिक सुंदरता और जीवनशैली वास्तव में असाधारण है। यह गांव मेरे लिए यह एक ऐसा स्वर्ग है जहाँ समय धीमा लगता है, और ग्रामीण स्तर का जीवन का सार अपनी अलग ही महिमा में प्रकट होता है।

गांव का जीवन अपने प्राकृतिक सुंदरता और शांति से भरपूर होता है। यहां के लोग साथ में मिलकर सादगी और समरसता के साथ रहते हैं। खेतों में उगती हरियाली, गायों के विसर्पण की गंध और आसमान में चिड़ियों की चहचहाहट गांव का वातावरण सुखद बनाती हैं।

सबका एक-दूसरे के साथ एक खास रिश्ता है। समुदाय में उत्सव और त्योहारों का आयोजन होता है, जो लोगों को एकसाथ लाता है। खेती-बाड़ी के कामों के साथ-साथ गांव में विभिन्न शिक्षा और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है।

गांव में लोग आपसी सहायता करते हैं और एक-दूसरे के साथ साथीपन के भावना से जुड़े रहते हैं। यहां के बच्चे अपनी पारंपरिक भूमिकाओं और मौलिक विद्या को अपनाते हैं। गांव का जीवन नगरों की भागमभाग की भीड़-भाड़ से मुक्त है। यहां के लोग अपने विशेष संस्कृति और लोककला को बचाए रखते हैं। इस प्रकार, गांव न केवल एक स्थान है, बल्कि एक आत्मा का निवास है जो सदैव लोगों के दिलों में बसता है।

गांव का वातावरण स्वच्छ, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर और शांतिपूर्ण होता है। पेड़-पौधों की हरियाली, नदियों का मनमोहक संगीत, और खुले आकाश के नीले रंग का दृश्य गांव को अद्वितीय बनाता है। गांव के लोग प्राथमिक रूप से कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में लगे होते हैं। खेतों में फसलों की खेती, गाय और भैंसों के पालन-पोषण के काम में लोग लगे रहते हैं। सबका एक-दूसरे के साथ साथीपन के भावना से जुड़ा होता है, और वे आपसी सहायता करते हैं। किसान अपनी मेहनत और ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ गांव की सामृद्धि के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे अपने कामों में मन, धन, और मेहनत लगाते हैं ताकि वे अच्छी खेती और पशुपालन कर सकें।

गांव का वातावरण खुद में ही एक शिक्षा है, जो लोगों को समरसता, गरिमा, और सादगी का महत्व सिखाता है। यहां के लोग अपने रोज़मर्रा के कामों में संतुष्ट रहते हैं और प्रकृति के साथ एक साथ जीने का आनंद लेते हैं। गांव में किसान अपने खेतों की देखभाल करते हैं, जो मुख्य रूप से फसलों की उपज बढ़ाने के लिए होते हैं। यहां की परंपरागत खेती तकनीकों का प्रयोग करती है और मौसम के अनुसार खेतों की जोड़बंदी करती है।

गांव के लोग बच्चों की शिक्षा को महत्व देते हैं और विद्या में उच्च योग्यता के लिए प्रयासरत होते हैं। स्थानीय स्कूल और साक्षरता अभियानों के माध्यम से वे शिक्षा को बढ़ावा देते हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बेहतर हो सके। गांव का जीवन खुद में एक शिक्षा है, जो सामृद्धि के लिए मेहनत, जोश, और साझेदारी की महत्वपूर्ण भावना सिखाता है। गांव में लोगों के बीच सहयोग और सामाजिक सांझा गांव की गरिमा को बनाए रखते हैं और यहां का जीवन अपनी अलगीपन में अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है।

गाँव किसी भी देश के सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका महत्व समाज के विभिन्न पहलुओं और राष्ट्र के समग्र विकास से गहराई से जुड़ा हुआ है।  गांवों के महत्व को उजागर करने वाले कुछ प्रमुख कारण यहां दिए गए हैं-

  • कृषि का केंद्र: गाँव कृषि की रीढ़ हैं, जो अधिकांश भोजन का उत्पादन करते हैं जो ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी का भरण-पोषण करता है।  वे फसल की खेती, पशुधन पालन और अन्य कृषि गतिविधियों में संलग्न हैं।  गांवों का कृषि उत्पादन न केवल देश का पेट भरता है, बल्कि निर्यात के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
  • संस्कृति का संरक्षण: गाँव अक्सर परंपराओं, संस्कृति और विरासत के भंडार होते हैं।  वे सदियों पुराने रीति-रिवाजों, अनुष्ठानों और प्रथाओं को कायम रखते हैं जो किसी देश की पहचान के लिए अंतर्निहित हैं।  ये अनूठी परंपराएँ किसी राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता को जोड़ती हैं और उसके इतिहास के एक जीवित संग्रहालय के रूप में काम करती हैं।
  • रोज़गार के अवसर: गाँव रोज़गार का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, विशेषकर कृषि क्षेत्र में।  वे खेती, पशुपालन और विभिन्न अन्य संबंधित गतिविधियों में रोजगार प्रदान करते हैं।  इसके अलावा, गांवों में लघु-स्तरीय कुटीर उद्योग कई निवासियों को आजीविका के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे शहरी प्रवास कम होता है।
  • पर्यावरण संतुलन: गाँव अक्सर प्रकृति से घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं।  ग्रामीण पर्यावरण जैव विविधता के लिए आवश्यक है, और कई गाँव जंगलों, नदियों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षक हैं।  वे पारिस्थितिक संतुलन और स्थिरता बनाए रखने में योगदान देते हैं।
  • शहरी क्षेत्रों के लिए आपूर्ति श्रृंखला: गाँव शहरी क्षेत्रों में कच्चे माल, खाद्य उत्पाद और श्रम की आपूर्ति करते हैं, जिससे शहरों के कामकाज में सहायता मिलती है।  वे आवश्यक संसाधनों के स्रोत हैं जिन पर शहरी आबादी भरोसा करती है, जिससे शहरी जीवन का सुचारू संचालन सुनिश्चित होता है।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ: हालाँकि कुछ गाँवों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच सीमित हो सकती है, लेकिन उनमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।  ग्रामीण आबादी के लिए गाँव के स्कूल और स्वास्थ्य सेवा केंद्र आवश्यक हैं, जिससे शिक्षा और चिकित्सा सेवाएँ उन लोगों के लिए सुलभ हो जाती हैं जिन्हें अन्यथा उन तक पहुँचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती।
  • हस्तशिल्प को बढ़ावा: कई गाँव अपने अद्वितीय हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों के लिए जाने जाते हैं।  वे पारंपरिक कला और शिल्प उत्पादों का उत्पादन करते हैं, सांस्कृतिक विविधता में योगदान करते हैं और कारीगरों के लिए आय का स्रोत प्रदान करते हैं।
  • सामाजिक एकजुटता: गांवों में अक्सर समुदाय और सामाजिक जुड़ाव की मजबूत भावना होती है।  गांवों में लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं, जिससे अपनेपन और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है।

मेरा गाँव सिर्फ एक भौगोलिक स्थान नहीं है;  यह यादों, परंपराओं और समुदाय की मजबूत भावना से भरी जगह है।  हमारे इस गांव के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता।  यह हमारी जड़ों, हमारे मूल्यों और जीवन के सरल लेकिन गहन तरीके की याद दिलाता है जिसे हममें से कई लोग प्रिय मानते हैं।  जैसे-जैसे हम तेजी से बदलती दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं, हमारे गांवों के महत्व को याद रखना और उनके विकास और संरक्षण की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है।  केवल ऐसा करके ही हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि ग्रामीण जीवन का आकर्षण, संस्कृति और सार आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे जीवन और हमारे राष्ट्र को समृद्ध बनाते रहें।  मेरा गाँव हमेशा मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखेगा, एक ऐसी जगह जहाँ अतीत वर्तमान से मिलता है, और जहाँ एकजुटता और लचीलेपन की भावना पनपती है।

My Village Essay In Hindi के ऊपर कोट्स यहां दिए गए हैं-

  • गाँव वे हैं जहाँ आपको असली लोग, असली दोस्त, असली रिश्ते और असली सुंदरता मिलती है। – इटालो कैल्विनो
  •  गाँव में जीवन शांत हो सकता है, लेकिन नीरस नहीं है। यह सरल और समृद्ध दोनों हो सकता है।  – ओरिकुची शिनोबू
  • गांव में आप अभी भी धरती के सांस लेने की आवाज सुन सकते हैं।  – विलियम डॉयल
  • गांव खुली किताबों की तरह हैं; वे परंपराओं, संस्कृति और पीढ़ियों के ज्ञान की कहानियां सुनाते हैं। – अज्ञात
  • किसी राष्ट्र का दिल उसके गांवों में होता है, जहां लोगों की आत्मा बसती है। – महात्मा गांधी

My village essay in Hindi के जीवन से जुड़े तथ्य यहां दिए गए हैं-

  • बलिया, एक गाँव जो दूषित पानी के कारण आर्सेनिक विषाक्तता की समस्या का सामना कर रहा था, ने इस समस्या पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया है, जिससे इसके निवासी आर्सेनिक विषाक्तता के हानिकारक प्रभावों से मुक्त हो गए हैं। भारतीय गांवों के बारे में ये सात उल्लेखनीय तथ्य हैं जो आपको आश्चर्यचकित कर सकते हैं।
  • गुजरात के साबरकांठा जिले के एक छोटे से गांव पुंसारी ने व्यापक CCTV कवरेज सहित अपने उन्नत बुनियादी ढांचे के लिए ध्यान आकर्षित किया है। गांव में वाईफाई और वातानुकूलित कक्षाओं जैसी सुविधाएं हैं, जो इसे काफी उल्लेखनीय बनाती हैं।
  • मेघालय का एक गांव मावलिनोंग अपने मातृसत्तात्मक समाज के लिए जाना जाता है। 2003 में, डिस्कवर इंडिया पत्रिका ने इसे “एशिया का सबसे स्वच्छ गांव” करार दिया। आगंतुकों का दावा है कि यहां एक भी सिगरेट का बट नहीं मिलेगा।
  • बिहार का एक सुदूर गांव धरनई, लगभग तीन दशकों से बिजली की कमी के कारण रात में अंधेरे से पीड़ित था। हालाँकि, सौर ऊर्जा प्रणाली की बदौलत अब इसमें पर्याप्त रोशनी है।
  • केरल का एक गाँव, पोथनिक्कड़, प्राथमिक से लेकर उच्च विद्यालय स्तर तक, निजी संस्थानों सहित अपने उत्कृष्ट स्कूलों की बदौलत 100 प्रतिशत साक्षरता दर का दावा करता है।
  • महाराष्ट्र में स्थित हिवरे बाज़ार, पोपटराव पवार के प्रयासों की बदौलत एक संघर्षरत गाँव से एक समृद्ध गाँव में बदल गया। गाँव ने नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगा दिया और पशुपालन और वर्षा जल संचयन जैसी गतिविधियों में निवेश को प्रोत्साहित किया।
  • कर्नाटक का एक गांव कोकरेबेल्लूर अपने पक्षी-अनुकूल समुदाय के लिए प्रसिद्ध है। यहां के निवासी पक्षियों के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से रहते हैं, जो भारत के कई अन्य स्थानों से बिल्कुल अलग है, जहां पक्षियों को अक्सर फसल के कीटों के रूप में देखा जाता है।

My village essay in Hindi के लिए टिप्स निम्न हैं- 1. आकर्षक परिचय : एक आकर्षक परिचय के साथ शुरुआत करें।  पाठक को आकर्षित करने के लिए किसी कहानी, तथ्य या संक्षिप्त विवरण का उपयोग करें। 2 . विवरण: अपने गाँव का स्पष्ट चित्र चित्रित करें।  इसके स्थान, प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करें और संवेदी विवरण का उपयोग करें। 3 . विशिष्टता को उजागर करें: चर्चा करें कि आपके गांव को क्या अद्वितीय बनाता है, जैसे परंपराएं, स्थलचिह्न, या जीवन शैली, और उनके महत्व को समझाएं। 4. व्यक्तिगत अनुभव: अपने निबंध को प्रासंगिक बनाने के लिए गाँव में अपनी व्यक्तिगत यादें और अनुभव साझा करें। 5 . समुदाय और संस्कृति: परंपराओं, त्योहारों और लोगों की गर्मजोशी सहित समुदाय और स्थानीय संस्कृति की भावना का अन्वेषण करें। बताएं कि इन पहलुओं ने गांव के बारे में आपकी धारणा को कैसे आकार दिया है।

गांवों में पाई जाने वाले मुख्य जीवित प्राणी जो की शहरों में आसानी से नहीं मिलते वे हैं: गाय, बकरी, भैंस, पक्षियों, इंसान, बिल्ली, तितली, कुत्ता, पौधे और पेड़ हैं। 

गाँव में अधिकतर किसान रहते हैं और वार कृषि, पशुपालन, मछली पालन और मजदूरी करते है। हालांकि वर्तमान समय से गांव तेजी से डेवलप हो हैं और गांवों के लोग सिर्फ कृषि पर निर्भर ना होकर नए रोजगार के साधन अपना रहे हैं। 

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on my village in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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  12. Essay on Old Age and Its Problems

    Here is an essay on 'Old Age and Its Problems' for class 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on 'Old Age and Its Problems' especially written ...

  13. वृद्धाश्रम पर हिंदी निबंध Essay on old age homes in hindi

    Essay on old age homes in hindi दोस्तों आज हम आपके साथ एक निबंध शेयर करने वाले हैं हमारे द्वारा लिखा गया ये निबंध वास्तव में आपको बहुत कुछ सिखाएगा साथ में इस विषय पर आपको ...

  14. Essay On Hindi Language in Hindi

    छात्रों को Essay On Hindi Language in Hindi लिखने के लिए दिया जाता है, इसलिए हिंदी भाषा पर निबंध लिखने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

  15. 500+ विषयों पर हिंदी निबंध 2024

    500+ विषयों पर हिंदी निबंध. 20/07/2024Rahul Singh Tanwar. विद्यार्थी जीवन में निबंध लेखन (Hindi Essay Writing) एक अहम हिस्सा है। विद्यार्थी के जीवन में हर बार ऐसे अवसर ...

  16. Anti-Hindi agitations of Tamil Nadu

    The Republic of India has hundreds of languages. [4] During the British Raj, English was the official language.When the Indian independence movement gained momentum in the early part of the 20th century, efforts were undertaken to make Hindi as a common language to unite linguistic groups against the British government. As early as 1918, Mahatma Gandhi established the Dakshin Bharat Hindi ...

  17. Hindi

    Modern Standard Hindi (आधुनिक मानक हिन्दी, Ādhunik Mānak Hindī), [9] commonly referred to as Hindi, is the standardised variety of the Hindustani language written in Devanagari script.It is the official language of India alongside English and the lingua franca of North India.Hindi is considered a Sanskritised register [10] of the Hindustani language, which ...

  18. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन - Essays in Hindi on 100 Topics. January 31, 2024 January 31, 2024 by Veerendra. ... (National Language Hindi Essay) भारत में जल संकट ...

  19. स्वस्थ भोजन की थाली (Hindi)

    स्वस्थ भोजन की थाली के प्लेसमैट पर वह लाल रंग की भागती हुइ आक्रिति आपको याद दिलाने के लिए है, कि सक्रिय रहना भी वज़न संतुलन के लिए ...

  20. हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध: Importance of hindi language in hindi

    हिंदी भाषा का महत्व पर निबंध (Importance of hindi language) हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा का महत्व सिर्फ भारत में ही नहीं ...

  21. Essay On My Village In Hindi: जानिए ...

    Essay on my village in Hindi कैसे लिखें?. My village essay in Hindi के लिए टिप्स निम्न हैं-1. आकर्षक परिचय: एक आकर्षक परिचय के साथ शुरुआत करें। पाठक को आकर्षित करने के लिए किसी कहानी, तथ्य ...

  22. हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi)

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  23. Write an essay on old age home is not need in india in hindi

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