15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्‍वतंत्रता दिवस Independence Day Essay in Hindi

15 august essay in hindi for class 7

इस वर्ष हम सब भारत की आजादी के 76 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है जिसमे भारतवासियों को 13 से 15 अगस्त तक अपने अपने घरों में तिरंगा लगाना है। जैसा कि सबको पता है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से पूरी तरह आज़ाद हुआ था। तब से इस दिन को हम सभी भारतवासी बहुत ही उत्साह और गौरव के साथ मनाते हैं। आज़ादी मिलने के बाद से हर वर्ष हम इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। 15 अगस्त यानी कि स्वंत्रता दिवस को देश में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय जैसे बैंक, पोस्ट ऑफिस, अन्य सभी कार्यालय आदि में अवकाश होता है। इसके साथ ही सभी स्कूल, कॉलेजों और ऑफिसों में तिरंगा फहराया जाता है और कहीं-कहीं इस अवसर पर निबंध आदि प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। यह पोस्ट ऐसे ही प्रतियोगियों के लिए है जो भी प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 15 अगस्त पर निबंध की तलाश कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर आधारित किसी भी निबंध प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आप यहां से Independence Day Essay in Hindi प्राप्त कर सकते हैं।

15 अगस्त पर निबंध

15 अगस्त 1947 भारत के लिए बहुत भाग्यशाली दिन था। इस दिन अंग्रजों की लगभग 200 वर्ष गुलामी के बाद हमारे देश को आज़ादी प्राप्त हुई थी। भारत को आज़ादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन संघर्ष के बाद भारत अंग्रजों की हुकूमत से आज़ाद हुआ था। तब से ले कर आज तक 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस मानते हैं।

स्वंत्रता दिवस को भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इसके एक दिन पहले भारत के राष्ट्रपति देश के समक्ष संबोधित करते हैं। जिसे रेडियो के साथ कई टीवी चैनेल्स में भी दिखया जाता है। स्वतंत्रता दिवस को हर वर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल किला पर तिरंगा फहराते हैं। तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र गान गाया जाता है और 21 बार गोलियां चला कर सलामी भी दी जाती है। इसके साथ ही भारतीय सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल और एनसीसी कैडेड परेड करते हैं। इस दिन लाल किला से टीवी के डी डी नेशनल चैनल और आल इंडिया रेडियो के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाता है। आतंकवाद के खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये जाते हैं।

केवल देश की राजधानी के साथ देश के अन्य सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी सम्मान के साथ अपने राज्य में तिरंगा फहराते हैं। 15 अगस्त को हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती और उनका सम्मान किया जाता है। इस दिन देशभक्ति के गीत और नारे लगाये जाते हैं। वहीं कुछ लोग पतंग उड़ा कर आजादी का पर्व मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर और अधिक –

  • 15 अगस्त पर कविता, शायरी, मैसेज, कोट्स
  • 15 अगस्त पर भाषण हिन्दी में 
  • 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में
  • 15 अगस्त की इमेज

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

भारत में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वत्रंता दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता का विशेष महत्व होता इसलिए हर भारतीय के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है। 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रजों की परतंत्रता के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। स्वतंत्रता दिवस को हम राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मानते हैं।

कई वर्षों के विद्रोहों के बाद ही हमने स्वतंत्रता प्राप्त की और 14 व 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत एक स्वतंत्र देश बन गया। दिल्ली के लाल किले में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार भारत के झंडे को फहराया था। उन्होंने मध्यरात्रि के स्ट्रोक पर “ट्रास्ट विस्ट डेस्टिनी” भाषण दिया। पूरे राष्ट्र ने उन्हें अत्यंत खुशी और संतुष्टि के साथ सुना। तब से हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री पुरानी दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और जनता को संबोधित करते हैं। इसके साथ ही तिरंगे को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।

15 अगस्त को ही आज़ादी का दिन क्यों चुना गया इसके पीछे भी एक अपनी कहानी है। 1947 में भारत में लार्ड माउंटबेटन को गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था। 15 अगस्त उनका सौभाग्यशाली दिन था क्योकि इससे पहले 15 अगस्त को ही द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने ब्रिटेन के समक्ष समर्पण किया था। अतः इसलिए लार्ड माउंटबेटन ने पहले से ही 15 अगस्त को भारत की आज़ादी का दिन निर्धारित कर रखा था।

इस दिन सभी सरकारी दफ्तर, कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रगान “जन-गण-मन” गया जाता है। स्कूल, कालेजो में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं। मंगल पांडे, सुभाषचंद्र चंद्र बोस, भगतसिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु आदि कई स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद किया जाता है।

कुछ भारतीय पतंग उड़ा कर तो कुछ कबूतर उड़ा कर आज़ादी मानते हैं। प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाना भारत के स्वतंत्रता के इतिहास को जिंदा रखता है और आजादी का सही मतलब लोगों को समझाता है।

स्‍वतंत्रता दिवस लेखन हिंदी में

  • स्‍वतंत्रता दिवस भाषण
  • स्‍वतंत्रता दिवस निबंध
  • स्‍वतंत्रता दिवस सन्देश
  • स्‍वतंत्रता दिवस शायरियाँ

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15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

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15 अगस्त पर निबंध- स्वतंत्रता दिवस पर निबंध : 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस, भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता के अरमानों को साकार करने का दिन है और यह राष्ट्रीय उत्सव रूप में मनाया जाता है।

इस दिन को विशेष बनाने का कारण है भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले वीर सेनानियों का सम्मान करना और उनके बलिदान को याद करना। हम इस दिन पर ध्वज फहराते हैं, राष्ट्रीय गाने गाते हैं, और राष्ट्रीय संबोधन सुनते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर हमें अपने देश के प्रति समर्पण करना चाहिए। हमें अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए और देश के प्रति अपने जज्बे को संवर्धित करना चाहिए। यह एक ऐसा दिन है जिसमें हमें अपने देश की संस्कृति, विरासत, और विकास के प्रति गर्व महसूस होता है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने स्कूल में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर मिलता है। हम देशभक्ति गाने गाते हैं, कविताएँ सुनते हैं, और समर्थन शाला के साथ ध्वज फहराते हैं। इससे हमारे स्कूल के बच्चों में राष्ट्रीय उत्साह और गर्व की भावना विकसित होती है

15 august essay Independence day in hindi

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें भारतीय संस्कृति और इतिहास को भी अध्ययन करने का अवसर मिलता है। हमें अपने राष्ट्रीय नायकों के बारे में जानकारी मिलती है और उनके साहसिक कार्यों को सुनने का भी मौका मिलता है। इससे हमारे दिल में देश के प्रति एक नया जोश भरता है और हम भारत के वीरों के बलिदान को समर्थन करने के लिए तत्पर हो जाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने स्कूल में समर्थन शाला का भी आयोजन करने का मौका मिलता है। हम अपने वीर सेनानियों को याद करते हैं और उन्हें उनके बलिदान के लिए सम्मानित करते हैं। समर्थन शाला में हम उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं और उनके बलिदान को सराहते हैं। इससे हमारे स्कूल के बच्चों में देशभक्ति की भावना और समर्थन के लिए एक उत्साह भर जाता है।

स्वतंत्रता दिवस के दिन हमें राष्ट्रीय भव्यता के साथ समर्थन शाला को संपन्न करने का मौका मिलता है। हमारे स्कूल के छात्र इस दिन को खास बनाने के लिए अपने नायकों की छवि और भारतीय ध्वज के साथ शाला को सजाते हैं। इससे स्कूल का माहौल उत्साह से भर जाता है और हर किसी को अपने देश के प्रति एक समर्थन भाव होता है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें देशभक्ति और समर्थन के भाव को अपने दिल में समाना चाहिए। हमें अपने देश के वीर सेनानियों को सम्मानित करना चाहिए और उनके बलिदान को समर्थन करना चाहिए। इससे हमारे देश के उज्जवल भविष्य की ओर एक प्रयास होता है और हम अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से योगदान कर सकते हैं।

विषयविवरण
तारीख15 अगस्त
अवसरस्वतंत्रता दिवस
देशभारत
महत्वपूर्णताभारतीय स्वतंत्रता का पर्व
प्रारंभ वर्ष1947
भारतीय संविधानभारतीय संविधान का प्रारम्भ भी 15 अगस्त को हुआ था
देशभक्ति और उत्साहराष्ट्रगान गाने, ध्वज फहराने, सांस्कृतिक कार्यक्रम
समारोह और धूमधामस्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों में उत्सव आयोजित
स्वाधीनता संग्राममहात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, राजगुरु आदि नेता
समर्पणदेश के उद्दीपन के लिए समर्पित होने का अहसास
वीर सेनानियों का सम्मानउन्हें याद करने और समर्थन करने का अवसर

15 अगस्त का महत्व विश्व में भी बड़ा है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय का साक्षी है। 1947 में इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी प्राप्त की थी और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरी थी। इस दिन के आगमन से पूरे देश में खुशियाँ मनाई गई थीं और लोग एक-दूसरे को बधाई देने आए थे।

15 अगस्त, 1947 को भारत ने ब्रिटिश शासन से अपनी स्वतंत्रता हासिल की थी। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और अनेक वीर सेनानियों ने इस स्वतंत्रता संग्राम में अपना बलिदान दिया था। इस दिन के बाद से भारत एक संयुक्त राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।

समर्थन के तरीके:

स्वतंत्रता दिवस को खास बनाने के लिए हमें भारत के वीर सेनानियों को सम्मानित करने का समय निकालना चाहिए। हम उन्हें शुभकामनाएँ देने और उनके बलिदान को सराहने के लिए उनके सम्मान में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। इससे हमारे समाज में देशभक्ति और राष्ट्रीय उत्साह की भावना उत्पन्न होती है। हम अपने स्कूलों में देशभक्ति गाने गाते हैं, राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, और वीर सेनानियों के बारे में जानकारी देते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें भारतीय संस्कृति को भी बढ़ावा देना चाहिए। हमें अपनी भाषा, संस्कृति, और विरासत के प्रति गर्व महसूस होना चाहिए। इससे हमारे स्कूल के बच्चे अपनी संस्कृति के प्रति सम्मान रखते हैं और उसे आगे बढ़ाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। हमें अपने देश के लिए काम करने का संकल्प करना चाहिए और उसके लिए सहयोग करना चाहिए। इससे हम अपने देश के प्रति अपने दायित्व को निभाते हैं और उसे एक उच्चतम स्तर पर ले जाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें अपने देश के वीर सेनानियों को सम्मानित करने के साथ-साथ उनके बलिदान को समर्थन करने का भी मौका मिलता है। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और उनके साहसिक कार्यों को सराहते हैं। इससे हमारे देश के वीर सेनानियों को समर्थन मिलता है और हम उनके बलिदान को याद करते हैं।

संक्षिप्त में, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उत्सव है जो भारतीय स्वतंत्रता का सम्मान करता है और वीर सेनानियों को सम्मानित करने के लिए अवसर प्रदान करता है। हमें इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूल में समर्थन शाला, विशेष कार्यक्रम, और संस्कृति सम्मेलन का आयोजन करना चाहिए। इससे हमारे स्कूल के बच्चे देशभक्ति और राष्ट्रीय उत्साह की भावना से प्रभावित होते हैं और उन्हें देश के उत्थान में सक्रिय रूप से योगदान करने का अहसास होता है।

इस प्रकार, 15 अगस्त पर निबंध हमें यह बताता है कि हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले वीर सेनानियों के बलिदान को समर्थन करना कितना महत्वपूर्ण है। इस दिन को हमें खास बनाने के लिए हमें स्कूलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए और बच्चों को देशभक्ति और राष्ट्रीय उत्साह के प्रति प्रेरित करना चाहिए। हमें अपने देश की संस्कृति, विरासत, और विकास के प्रति गर्व महसूस करना चाहिए और अपने देश के लिए सक्रिय रूप से योगदान करने का संकल्प करना चाहिए। इससे हम एक समृद्ध, उज्ज्वल, और समृद्धि युक्त भारत की ओर एक कदम आगे बढ़ सकते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर अगर आपको भाषण देना हो तो इस तरह करे तैयारी

क्या आपको भारतीय स्वतंत्रता दिवस का महत्व और इस दिन के उत्सव के बारे में जानकारी है? इस विशेष दिन को आप अपने स्कूल में कैसे मनाना चाहेंगे? हमें नीचे दिए गए सवालों के जवाब देने में खुशी होगी:

  • क्या 15 अगस्त को आपके स्कूल में कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित होता है?
  • आपके स्कूल में कैसे वीर सेनानियों को सम्मानित किया जाता है?
  • आपको अपने देश के वीर सेनानियों के बारे में कौन से ज्ञात हैं?
  • आपके स्कूल में किस प्रकार से देशभक्ति का माहौल संजोता जाता है?
  • आपके परिवार या दोस्तों के साथ आप किस तरह से स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं?

ध्यान देने योग्य बातें:

  • आपका उत्तर संक्षेप्त और सार्थक होना चाहिए।
  • अपने उत्तरों को संगठित रखें और सुन्दर भाषा में लिखें।
  • अपने उत्तरों में विवरण और उदाहरण देने से आपके उत्तर में गहराई आएगी।
  • अपने उत्तर में क्रिएटिविटी और अपने विचारों को व्यक्त करने का प्रयास करें।

यानी स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर आप अपने देश के प्रति अपनी भावनाओं को बयां कर सकते हैं, अपने देश के वीर सेनानियों के बलिदान को समर्थन कर सकते हैं और एक अच्छे नागरिक के रूप में अपना योगदान दे सकते हैं। आप अपने स्कूल में समर्थन शाला का आयोजन करके वीर सेनानियों को सम्मानित कर सकते हैं और देशभक्ति गानों के आयोजन से आपके स्कूल में एक उत्साहपूर्ण वातावरण सृजित होगा।

इस स्वतंत्रता दिवस पर आपको अपने देश के वीर सेनानियों के बलिदान को समर्थन करने का एक अवसर मिलता है। आप उन्हें शुभकामनाएं देकर उनके साहसिक कार्यों को सराह सकते हैं और उनके बलिदान को याद करके उन्हें धन्यवाद दे सकते हैं। इससे आपके दिल में देश के प्रति एक अलग ही अनुभव होगा और आप एक अच्छे नागरिक के रूप में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रेरित होंगे।

स्वतंत्रता दिवस के इस खास अवसर पर आप अपने स्कूल में समर्थन शाला का आयोजन कर सकते हैं और उसमें अपने समूह के साथ मिलकर वीर सेनानियों को सम्मानित कर सकते हैं। आप विभिन्न प्रतियोगिताओं, नाटकों, और भाषणों के माध्यम से वीर सेनानियों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। इससे आपके स्कूल में देशभक्ति की भावना उत्पन्न होगी और आपके समूह के सभी सदस्य एक संघर्ष के लिए एकजुट होंगे।

अपने परिवार और दोस्तों के साथ आप स्वतंत्रता दिवस को खास बना सकते हैं। आप इस दिन को गाने गाकर, फिल्में देखकर, और विभिन्न राष्ट्रीय विषयों पर चर्चा करके इसे यादगार बना सकते हैं। आप अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर एकजुट होकर देशभक्ति का एहसास कर सकते हैं ।

आपके सवालों के जवाब

भारत की स्वतंत्रता किसने लड़ी थी.

उत्तर: भारत की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, राजगुरु और अन्यों ने समर्थन किया और वीरता से लड़ाई दी थी।

स्वतंत्रता दिवस को क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन वर्ष 1947 में भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को कैसे योजनाएं बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है?

उत्तर: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को समृद्धि के लिए योजनाएं बनाने के लिए उत्साहित किया जा सकता है। सरकार और सामाजिक संगठनों को लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक क्षेत्रों में योजनाएं बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

स्वतंत्रता के लिए समर्पण करने का महत्व क्या है?

स्वतंत्रता के लिए समर्पण करना भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे समर्पण और संघर्ष से हम अपने देश को एक महान और सशक्त राष्ट्र बना सकते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व किसे याद दिलाने के लिए ध्वज गिराने का विधान है?

स्वतंत्रता दिवस के दौरान ध्वज गिराने का विधान है ताकि लोग स्वतंत्रता के महत्व को याद रखें और इसे समर्थन करें। यह ध्वज गिराने का विधान लोगों को यह समझाता है कि हमें स्वतंत्रता के अर्थ को समझना और उसे महसूस करना चाहिए।

स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक गर्व और उत्साह का दिन है। यह दिन हमें अपने देश के प्रति समर्पित होने का अहसास दिलाता है और हमें यह याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने किसी महंगी कीमत पर हमें आजाद देश में जन्म देने का संकल्प किया था। हमें इस दिन को याद करके अपने देश के लिए समर्पण करना चाहिए और देश के उन वीर सेनानियों को सम्मानित करना चाहिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमारे देश की स्वतंत्रता को सच्ची बड़ी कीमत पर हासिल किया।

इस विशेष दिन पर हमें अपने देश की संस्कृति, विरासत, और विकास के प्रति गर्व महसूस करना चाहिए। हमें भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए और अपने देश के विकास में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए। हमें यह भी समझना चाहिए कि स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है और हमें अपने देश के प्रति उन्नति के लिए समर्पण करना चाहिए।

आइये, हम सभी मिलकर अपने देश के विकास में योगदान दें और देश की स्वतंत्रता, समृद्धि, और समृद्धि के लिए समर्पित रहें। हमारे पूर्वजों के संघर्षों और बलिदान को समझकर हम एक उच्चतम दृष्टिकोण से अपने देश के उत्थान में सहायता कर सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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15 august essay in hindi for class 7

“15 अगस्त” स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

15 August – Independence Day essay in Hindi

15 August  – 15 अगस्त हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है हम सबकों पता हैं भारत ने 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता हासिल की। जिसे हम स्वतंत्रता दिवस –  Independence Day  के रूप में हर साल  15 अगस्त  को मनाते जाता है इसलिए, यह दिन भारत के नागरिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वतंत्रता दिवस, भारत का प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है, जो कि हर भारतीय के लिए बेहद महत्वपूर्ण और खास दिन है। इसी दिन हमारा भारत देश, क्रूर ब्रिटिश शासकों के चंगुल से सालों बाद आजाद हुआ था। वहीं भारत को आजादी दिलवाने के लिए भारत माता के कई महान वीर सपूत और स्वतंत्रता सेनानियों कई सालों तक लड़ाई लड़ी और कठिन संघर्ष किया।

आजादी की इस लड़ाई में भारत के इन शहीदों ने न सिर्फ अपना पूरा जीवन  कुर्बान कर दिया बल्कि कई वीरों ने अपने प्राणों तक की आहुति दे दी। इन वीर जवानों के आत्मसमर्पण, त्याग और बलिदान की वजह से ही आज हम सभी भारतीय आजाद भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं।

वहीं स्वतंत्रता दिवस के दिन इन सभी वीर जवानों को याद करने के लिए और इनके प्रति अपने कृतज्ञता प्रकट करने के साथ-साथ आज की युवा पीढ़ी के अंदर भारत के वीर जवानों के लिए सम्मान का भाव पैदा करने एवं आजादी के महत्व को समझाने के लिए कई स्कूलों में विद्यार्थियों को स्वतंत्रता दिवस / 15 अगस्त पर निबंध ( Independence Day Essay ) लिखने के लिए भी कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Independence Day essay

“15 अगस्त” स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – 15 August Independence Day essay in Hindi

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को सभी भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह का जश्न मनाते हैं। हमारा देश, भारत, एक गौरवशाली इतिहास के साथ एक प्राचीन भूमि है। हमारी समृद्ध परंपरा और विभिन्नताओं ने भारत को एक प्रतिष्ठित भूमि बनाया।

बहुत कठिन संघर्ष के बाद भारत को आजादी मिली। 15 अगस्त, 1947 को, हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यहाँ सभी जाति, धर्म और पंथ के लोग इस दिन को बड़े आनन्द के साथ मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पूरे भारत में बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। लोग बैठकें आयोजित करते हैं। तिरंगा फहराते हैं और राष्ट्रगान (जन गण मन) गाया जाता हैं।

भारत की राजधानी दिल्ली में लोग लाल किले के सामने परेड ग्राउंड में बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं। विदेशी राजदूत और गणमान्य व्यक्ति भी समारोह में हिस्सा लेते हैं। भारत के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। 21 बंदूकों की सलामी दी जाती है।

देश की आजादी के लिए जीन स्वतंत्रता सेनानी और भारत के शहीद जवानों ने अपने जीवन का त्याग किया उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद, यह कार्य हमारे राष्ट्रीय गान के साथ समाप्त हो जाता हैं।

हर साल हम स्वतंत्रता दिवस की स्वतंत्रता की भावना और श्रद्धा और बलिदान के लिए श्रद्धांजलि के रूप में मनाते हैं।

भारत के स्वतंत्रता दिवस पर, हम सभी महान व्यक्तियों को स्मरण करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्कूल और कॉलेजों में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाता हैं। जहां अध्यापकों और छात्रों द्वारा कई गतिविधियां की जाती हैं।

भारत का स्वतंत्रता दिवस न केवल उत्सव का एक दिन है, यह स्मरण और पूजा का दिन है। हमारे अस्तित्व का, हमारे शहीदों को याद करने का दिन हैं जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन त्याग दिया। हम सशस्त्र बल के कर्मियों को अपनी आभारी कृतज्ञता देते हैं, जो हमें अपनी खुशी, भलाई और सुरक्षा की कीमत पर गार्ड करते हैं।इस तरह हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

हम दिल से यही दुआ करते हैं की हमारा यह देश ऐसे ही शान से फलता फूलता रहे।

।।“जय हिन्द वंदेमातरम्” ।।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Essay On Independence Day in Hindi

प्रस्तावना –

कई सालों तक अंग्रेजों की गुलामी करने और अत्याचारों को सहने के बाद हमारा भारत देश 15 अगस्त, सन् 1947 में ब्रिटिश राज से आजाद हुआ था।

इसलिए इस दिन को भारत में हर साल स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाते हैं और देश के उन वीर सपूतों को याद करते हैं जिन्होंने भारत देश को आजादी दिलवाने के लिए तमाम लड़ाईयां लड़ी और अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया एवं प्राणों की बाजी लगा दी।

“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशाँ होगा वीरों के बलिदान को याद करने का दिन”

ब्रिटिश शासकों ने कई सालों तक भारत की जनता पर अमानवीय अत्याचार किए और जुल्म ढाए थे, जिससे भारत की जनता त्रस्त हो गई थी। जिसे देखते हुए भारत के सच्चे वीर सपूत महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्र शेखऱ आजाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल , बाल गंगाधर तिलक, तात्या टोपे समेत भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ न सिर्फ अपनी आवाज उठाई बल्कि अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ने और देश को उनके जुल्मों से मुक्त करवाने का दृढ़संकल्प लिया।

भारत को ब्रिटिश राज से आजादी दिलवाने के लिए वीर सपूतों ने अपने क्रांतिकारी विचारों और भाषणों से सभी भारतीयों के मन में आजादी पाने की अलख जगाई और अंग्रेजों के प्रति रोष भरा साथ ही इसके लिए कई सालों तक लड़ाई लड़ी और अपने प्राणों की आहुति तक दे दी।

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी जी ने  सत्य और अहिंसा को अपना सशक्त हथियार बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ों आंदोलन , नमक सत्याग्रह आंदोलन, दांडी मार्च, सविनय अवज्ञा आंदोलन , खिलाफत आंदोलन , चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह समेत कई आंदोलन चलाकर न सिर्फ अंग्रेजों को भारतीयों की अदम्य शक्ति का एहसास दिलवाया बल्कि उन्हें भारत छोड़ने के लिए भी विवश कर भारत की आजादी की लड़ाई में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

वहीं दूसरी तरफ सुभाषचंद्र बोस , भगत सिंह , चन्द्रशेखर आजाद जैसे वीर सपूतों ने अंग्रेजों के खिलाफ कई क्रांतिकारी कदम उठाने का साहस कर अंग्रेजों की नाक पर दम कर अंग्रेजों को भारत से बाहर जाने के लिए मजबूर कर दिया और क्रांति की ज्वाला फैलाकर अपने प्राणों की आहुति दी।

इसके अलावा समय-समय पर तात्या टोपे , मंगल पांडे , रानी लक्ष्मी बाई समेत देश के कई वीर योद्धा अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करते रहे।

इस दौरान भारत माता के कई स्वतंत्रता सेनानियों को न सिर्फ अंग्रेजों के अत्याचारों और विरोध का सामना करना पड़ा था, जेल की यातनाएं सहनी पड़ी थीं बल्कि अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी।

भारत के ये वीर सपूत देश को आजादी दिलवाने के लिए देश के सभी जाति धर्म, संप्रदायों के लोगों को एकजुट कर अंग्रेजों के खिलाफ अपनी आखिरी सांस तक वीरता के साथ लड़ाई करते रहे।

इस तरह इन वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और आत्मसमर्पण के चलते 15 अगस्त, 1947 को हमारा भारत देश अंग्रेजों से आजाद हुआ। इसलिए हर साल भारत में हम इस दिन को स्वतंत्रतता दिवस के रुप में मनाते हैं।

15 अगस्त के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत होता है वातावरण :

15 अगस्त के दिन हर भारतीय आजादी के जश्न में डूबा रहता है। इसे हर भारतीय बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाता है। इस खास दिन को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियों शुरु होने लगती है।

इस मौके पर स्कूल, कॉलेज समेत सरकारी और निजी संस्थानों में हर जगह ध्वजारोहण होता है और कई रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता आदि का भी आयोजन होता है।

वहीं आजादी के इस पर्व के मौके पर हर साल  भारत के प्रधानमंत्री द्धारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और यहां भारतीय सेना की विशाल परेड का आय़ोजन किया जाता है एवं अलग-अलग राज्यों की सुंदर झांकियां प्रदर्शित की जाती है और राष्ट्रगान की धुन के साथ यहां पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।

इस दिन देश के हर कोने में आजादी का जश्न मनाया जाता है और इस दिन देश के लिए मर-मिटने वाले शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

भारत में स्वतंत्रता दिवस का हर भारतीय के लिए विशेष महत्व है। इस दिन देश के उन शूर्यवानों की वीरगाथा सुनाई जाती है और उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट की जाती है, जिनकी बदौलत आज हम स्वतंत्र भारत में चैन की सांस ले पा रहे हैं। वहीं हम सब भारतीयों को इस दिन हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करने का  संकल्प लेना चाहिए।

इसके साथ ही अपने भारत देश को कालाबाजारी, भ्रष्टाचार, जमाखोरी, रिश्वतखोरी आदि से भी आजाद करवाने के लिए शपथ लेना चाहिए और भारत देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए ताकि हमारा देश निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सके और पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श देश बन सके।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Swatantrata Diwas Essay in Hindi

15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास दिन है, जिसे सभी जाति, धर्म, पंथ, लिंग समुदायआदि के लोग मिलजुल कर बड़े ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं।

इसी दिन सन् 1947 में कई सालों के बाद ब्रिटिश राज से आजादी मिली थी। इस मौके पर हम देश के लिए मर-मिटने वाले देश के उन वीर सपूतों को याद करते हैं और उनकी वीरगाथा का गुणगान करते हैं और उन्हें श्रद्धापूर्वक श्रंद्दाजली अर्पित करते हैं।

15 अगस्त पर लाल किले पर झंडा रोहण की शुरुआत :

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने  14 अगस्त, 1947, की रात में अपने ऐतिहासिक भाषण ”ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” के साथ देश को ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की घोषणा की थी।

और दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया था, तभी  से हर स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री द्धारा लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और इस मौके पर कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व – Importance of Independence Day

भारत में स्वतंत्रता दिवस का हर भारतीय के लिए बेहद खास महत्व है। इस राष्ट्रीय पर्व का हर भारतीय को बेसब्री से इंतजार रहता है। सभी लोग मिलजुल कर इस पर्व को हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के इस पर्व के दिन देश के लिए कुर्बानी देने वाले वीर जवानों को याद किया जाता है एवं देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को भावपूर्व श्रद्दांजली अर्पित करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता के महत्व को बताया जाता है साथ ही वीर सपूतों के त्याग और बलिदान की शौर्यगाथा भी सुनाई जाती है, ताकि उनके मन में राष्ट्र के प्रति प्रेम और अपने स्वतंत्रता सेनानियों के लिए सम्मान की भावना जागृत हो सके।

स्वतंत्रता दिवस, हम सभी भारतीयों के लिए बेहद खास इसलिए भी है क्योंकि इस पर्व  के बहाने हम सभी को एक साथ मिलजुल कर रहने और अपनी स्वतंत्रता के महत्व को समझने में मद्द मिलती है।

यह राष्ट्रीय उत्सव देश की आजादी के लिए लड़ी गईं लड़ाईयों और इसके संघर्ष के इतिहास को जिंदा रखता है एवं इसके सही मूल्यों को लोगों को समझाता है। इस मौके पर कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम होते हैं साथ ही कई इलाकों में आसमान में लोग रंग बिरंगी पतंगे उड़ाकर आजादी का जश्न मनाते हैं।

शहीदों को किया जाता है नमन :

भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलवाने के लिए हमारे देश के कई वीर जवानों में अपना लहु बहाया था और अपने प्राणों की आहुति दी थी। तब जाकर कई सालों के बाद हमारा भारत देश अंग्रेजों के चंगुल से 15 अगस्त, 1947 को आजाद हो सका था।

वहीं इस दिन देश के लिए मर-मिटने वाले उन शहीदों को याद कर आज हर भारतीय की आंखें नम हो जाती हैं।इसलिए सभी भारतीय इस पर्व के दिन शहीदों को सच्चे मन से याद कर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन :

राष्ट्रीयता के इस पर्व 15 अगस्त के मौके पर दिल्ली के लाल किले में भारत के प्रधानमंत्री द्धारा झंडा फहराया जाता है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले से हर साल देश की जनता को संबोधित करते हैं और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने एवं देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए शपथ लेते हैं।

इस मौके पर भारत की जल, थल और वायु सेना अपनी ताकत और शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। इसके साथ ही इस पर्व के मौके पर भारत के तिरंगा झंडा को 21 तोपों की सालमी दी जाती है और हेलीकॉप्टर के साथ फूल बरसा कर तिरंगा का सम्मान किया जाता है।   आजादी के इस पर्व के मौके पर लाल किले पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

जिसमें बड़ी संख्या में लोग शिरकत करते हैं। इस मौके पर देश के सभी राज्य अपनी-अपनी लोकसंस्कृति, सभ्यता और परंपरा को खूबसूरत झांकियों के द्धारा प्रर्दशित करते हैं। वहीं इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे सभी राजनेता देश के वीर सपूतों के बलिदान को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। इस दिन पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत होता है।

इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत सरकार ने राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है। इस दिन स्कूल, कॉलेज समेत तमाम शिक्षण संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं।

राष्ट्रीयता के इस पर्व को सभी भारतवासी अपने-अपने तरीके से मनाते हैं। इस दिन हर कोई देशभक्ति में डूबा रहता है।

वहीं इस मौके पर स्कूल-कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों, राजनीतिक कार्यालय  में तिरंगा झंडा फहराया जाता है और  देशभक्ति से जुड़े कई सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होता है।

इसके साथ ही इस दिन  देश के लिए मर मिटने वाले भारत के महान क्रांतिकारियों और वीर सपूतों को याद किया जाता है और उन्हें सच्चे मन से श्रद्दासुमन अर्पित किए जाते हैं।

इसके अलावा इस दिन टेलीविजन पर भी देशभक्ति पर बनी कई फिल्में और कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं, जिसे देखकर लोग आजादी का जश्न मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के इस राष्ट्रीय पर्व पर सभी भारतवासी मिलकर आजादी का जश्न मनाते हैं और अपने देश की एकता और अखंडता  को बनाए रखने एवं देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने के संकल्प लेते हैं।

“आजाद भारत के लाल हैं हम आज शहीदों को सलाम करते हैं युवा देश की शान हैं हम अखंड भारत का संकल्प करते हैं।।”

अगले पेज पर और भी …

3 thoughts on ““15 अगस्त” स्वतंत्रता दिवस पर निबंध”

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This Article is Very helpful for all people and who write an Essay such as children. Thank you very much.

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really helpfull article …write more plzz

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very nice it helped me in my essay writing

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, 10 लाइन, Essay on independence Day

स्वतंत्रता दिवस(Independence Day 2023) हर साल 15 अगस्त को भारत में खास रूप से मनाया जाता है। यह दिन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार है जो हमें अपने देश की आजादी की याद दिलाता है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर हम सभी एकजुट होकर अपने देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जो अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आजाद भारत में जीने का अवसर प्रदान किया।

स्वतंत्रता दिवस(swatantrata diwas) का दिन हमें एक एक सच्चे देशभक्त के रूप में जागरूक बनाता है और हमारे देश के संपूर्ण विकास और कल्याण के लिए समर्पित होने का संकल्प दिलाता है। स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष मौके पर हम सभी को यह याद दिलाना चाहिए कि हमारे देश की स्वतंत्रता और समृद्धि के पीछे उन वीर सैनिकों का त्याग, बलिदान है, जिन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

Table of Contents (विषय सूची)

15 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (200, 300, 500, 600, 700, 800, 900 से 1000 ) शब्दों में। (short and long essay on independence day 15 august in hindi..

15 अगस्त-स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखें | 🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन-Essay on Independence Day In Hindi

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#1: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 200 शब्दों में

15 अगस्त , भारतीय इतिहास का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है। यह दिन भारत की स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, जिस दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने बलिदान से देश को आजाद करवाया था। इस दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1947 में राष्ट्रीय ध्वज को लाल किले से फहराया और भारतीय गणतंत्र की शुरुआत की गई थी।

स्वतंत्रता दिवस को भारत भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों, और सरकारी दफ्तरों में समारोह आयोजित किए जाते हैं जहां लोग नागरिकों को स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और त्याग को स्मरण करते हैं।

इस दिन भारत में राष्ट्रीय भावना और गर्व की भावना से भरा होता है। लोग भारतीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान गाकर इस दिन को खास बनाते हैं। इस दिन को देशवासियों के लिए गर्व और सम्मान का दिन माना जाता है, और वे देश के प्रति अपने समर्थन का भाव प्रकट करते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमें देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की प्रेरणा देता है और हमें समर्थन करता है कि हम अपने देश के विकास और समृद्धि में योगदान दें।

#2: स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300-500 शब्दों में

रूपरेखा : प्रस्तावना, महत्व, इतिहास, कब और क्यों मनाया जाता है, निष्कर्ष

प्रस्तावना: स्वतंत्रता दिवस, भारतीय इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन देशभक्ति, गर्व और उत्साह के साथ भारतीयों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस का महत्व उन वीर शहीदों के साहस और बलिदान को स्मरण करने के लिए है, जो देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे गए। इस निबंध में हम स्वतंत्रता दिवस के महत्व, इतिहास, और इसे मनाने के तरीके पर चर्चा करेंगे।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व: स्वतंत्रता दिवस, भारतीय इतिहास का एक ऐतिहासिक दिन है, जिसे 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के रूप में गणतंत्र भारत के गठन के दिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया था, जिससे भारतीय सम्राटा का अध्याय शुरू हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के दिन भारतीयों के द्वारा धूमधाम से जश्न मनाया जाता है, और यह दिन एक राष्ट्रीय अवकाश भी होता है।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास: स्वतंत्रता दिवस का इतिहास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष से जुड़ा हुआ है। इस दिन को मनाने का पहला प्रयास ब्रिटिश शासन के विरुद्ध किया गया था। इसे 26 जनवरी 1930 को पूर्वी बंगाल के भूला गढ़ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज्य दिवस’ के नाम से मनाया था। बाद में, 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया।

स्वतंत्रता दिवस के मनाने के तरीके: स्वतंत्रता दिवस का मनाने का तरीका देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग हो सकता है। लोग इस दिन को राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और राष्ट्रगान गाकर शुरू करते हैं। स्कूल, कॉलेज, और सरकारी दफ्तरों में समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिसमें नागरिकों को स्वतंत्रता सेनानियों के साहस को याद करने के लिए भाषण, नाटक, कविता और गीत प्रस्तुत किए जाते हैं। इस दिन देशवासियों के द्वारा राष्ट्रीय वीर गाथाएं भी गाई जाती हैं, जो राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देती हैं।

उपसंहार: स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक गर्व और उत्साह का दिन है। इस दिन हम अपने देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों को समर्थन और आभार दिखाते हैं, जो अपने प्राणों की आहुति देकर हमारे देश को आजाद कराने में संलग्न थे। हमें स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाना चाहिए और देश के उन महान वीरों को याद करना चाहिए, जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। हमारा ध्येय होना चाहिए कि हम अपने देश के विकास और समृद्धि में सक्रिय रूप से योगदान दें और देश को गर्व से ऊंचा उठाएं। स्वतंत्रता दिवस को सम्पूर्ण भारत के नाम ऊंचा बनाने का एक अवसर है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

#3: स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 600-800शब्दों में

प्रस्तावना : स्वतंत्रता दिवस, भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारत की स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए एक ऐतिहासिक कदम था, जिसे हम बहुत खुशी और उल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन की महत्वपूर्णता हमें हमारे देश के संघर्ष और त्याग की स्मृति को याद दिलाती है। इस दिन भारत में बड़े धूमधाम से आयोजन होते हैं, जिनमें लोग एक साथ मिलकर अपने देश की स्वतंत्रता को याद करते हैं और उसे समर्थन करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का महत्वपूर्ण भूमिका:

स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण और गर्व की भूमिका निभाता है। यह दिन भारत की स्वतंत्रता के साथ हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की साहस और बलिदान की स्मृति को ताजगी से याद दिलाता है। इस दिन को भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, जिसे हम बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन हमारे देश के नागरिकों का एकजुट होने का संदेश देता है और हमें एक-दूसरे के साथ एक समर्थन और संबंध बनाने का मौका देता है।

स्वतंत्रता दिवस को मनाने से हम अपने देश के उदय हुए चेहरे को देखते हैं। हमें याद आता है कि कैसे अपने देश के वीर स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी और भारत को स्वतंत्र कराने के लिए संघर्ष किया। उनकी कुर्बानियों ने हमें एक नया जीवन दिया और हमारे देश को आजाद करवाया। हमें इस दिन पर उन्हें सम्मान और नमन करना चाहिए जो अपने देश के लिए जीवन की खुशियों का त्याग कर देते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का संदेश:

स्वतंत्रता दिवस हमें एक समर्थन का संदेश देता है, कि हमें हमारे देश के विकास और समृद्धि में योगदान देना चाहिए। हमारे देश के प्रति हमारा निष्ठा और समर्थन दिखाना आवश्यक है। हमें अपने देश की समृद्धि और उन्नति में योगदान देना चाहिए और उसे विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान पर ले जाना चाहिए।

स्वतंत्रता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है

स्वतंत्रता दिवस को हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। यह भारत का राष्ट्रीय त्योहार है और यह दिन भारत की आजादी के अवसर को याद करने और समर्थ भारतीय राष्ट्र के गर्व और जोश को दिखाने के लिए मनाया जाता है।

15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद हुआ था। इस दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने बहुमूल्य त्याग, संघर्ष, और संघर्ष के बाद देश को स्वतंत्रता प्राप्त कराई थी। इसलिए, 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुना गया है।

स्वतंत्रता दिवस को देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। राष्ट्रीय ध्वज को लहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है। स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी संस्थान, उद्योग और व्यापारिक संस्थान आदि में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय संबोधन, भाषण, रैलियों, कविता पाठ, संस्कृति कार्यक्रम, गाने, नाच और नाटक, सेमिनार और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। विभिन्न स्थानों पर भारतीय सेना की परेडें भी आयोजित की जाती हैं। इस दिन भारतीय ध्वज को राष्ट्रीय लाल किले में फहराया जाता है और प्रतियोगिता जीतने वालों को पुरस्कार भी दिए जाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का अर्थ यह नहीं है कि हम बस एक दिन ही देश के प्रति भावनात्मक हों और बाकी के दिन उसे भूल जाएं। इस दिन का असली मकसद है हमें हमारे देश के लिए सक्रिय रूप से काम करने और उसके विकास में योगदान देने की प्रेरणा प्रदान करना। हमें इस दिन को याद दिलाकर उस शक्ति और साहस को प्राप्त करना चाहिए जो हमें भारत को समृद्ध, समरस्त, और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए आगे बढ़ने में सहायता करेगी।

स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है। यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है और हमें भारतीय संस्कृति, भाषा, और शौर्य का गर्व महसूस कराता है। इस दिन को हमें अपने देश के प्रति अपना समर्थन प्रदर्शित करने का मौका देता है और हमें एक समर्थन और संबंध बनाने की प्रेरणा देता है। हमें इस दिन पर देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण रहकर, समृद्ध और समरस्त समाज के निर्माण में योगदान देना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस हमें भारत के विकास और समृद्धि में योगदान करने के लिए प्रेरित करता है और हमें एक उत्साही और सकारात्मक दिशा की देने में मदद करता है।

15 August स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखें ? Swatantrata diwas par nibandh kaise likhe

15 August स्वतंत्रता दिवस पर निबंध व लेख को कैसे लिखे जानिए इस रुपरेखा में बहुत ही सरल और लिखने में आसान तरीका।

रुपरेखा: प्रस्तावना, सर्वप्रथम झंडा वंदन, स्वतन्त्रता दिवस का कार्यक्रम, स्वतंत्रता दिवस का इतिहास, स्वतंत्रता दिवस एक महोत्सव का दिन, स्वतंत्रता दिवस पर खतरा, उपसंहार

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, 10 लाइन, Essay on independence Day 1

प्रस्तावना :- आज हम स्वतंत्रता और उसकी शांतिपूर्ण खुली हवा का आनंद ले रहे हैं जिस  शांति का अनुभव हम महसूस करते है वो शांती और ख़ुशी की लहर देने का योगदान में ना जाने कितने देशवासियों ने अपनी जान गवा कर दी है ,15 अगस्त का दिन वो दिन होता है जिस दिन हम स्वतंत्र हुए 15 अगस्त भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है जिसे हम बहुत ही खुशी और उल्लास से मनाते हैं।

सर्वप्रथम झंडा वंदन : – सर्वप्रथम 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी ने लाल किले के के केलाहोरी गेट के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था जिसकी शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी जिसके चलते प्रत्येक वर्ष हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं ,200 साल की ब्रिटिश समाज की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को का दिन हमारे देश का सबसे स्वर्णिम दिन कहां जाता है।

स्वतन्त्रता दिवस का कार्यक्रम: स्वतंत्रता दिवस का जब कार्यक्रम शुरू होता था तब हमारे स्कूल में परेड होती थी ठीक उसी तरीके से जैसे एनसीसी में होती है। परेड का एक चक्कर पूरा हो जाने के बाद ध्वजारोहण होता था और उसके बाद राष्ट्रगान शुरू हो जाता था। हमारे स्कूल के प्रोग्राम के अंदर छात्राओं द्वारा राजस्थानी नृत्य किया जाता था इसके अलावा देश भक्ति गीत गाए जाते थे। एनसीसी के द्वारा कुछ तरीके बताए जाते हैं जैसे अगर कोई घायल हो जाता है तो उसको किस तरीके से उठाया जाता है। रस्सी किस तरीके से बांधी जाती है कुछ इस तरीके के बताए जाते थे जब सारा कार्यक्रम पूरा हो जाता था इसके बाद स्वतंत्रता दिवस में भाग ले जाने वाले छात्र-छात्राओं को बुलाकर एक एक करके पुरस्कार दिया जाता था। पुरस्कार में पांच ₹5 का पेन दिया जाता था उस समय हमें उनके द्वारा दिए गए पुरस्कार से इतनी खुशी होती थी जितनी आज भी नहीं होती थी मेरे बचपन का 15 अगस्त मुझे हमेशा याद रहेगा उसके बाद मिठाई महोत्सव होता था और सबको लाइन से एक-एक करके मिठाई बांटी जाती थी

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास : – आज अगर हम स्वतंत्रता दिवस के  इतिहास के बारे में सोचें तो आज उन शहीदों की याद में आंखों में आंसू आ जाते हैं जिन्होंने अपनी जान देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई और हमें अंग्रेजो की गुलामी से मुक्त करवाया और आजादी को हमें  एक उपहार के रूप में देकर शहीद हो गए.अंग्रेजों के अत्याचार और उनसे से तंग आकर भारतीय एकजुट हो गए ,इन अंग्रेजो से छुटकारा पाने के लिए सुभाष चंद्र बोस ,भगत सिंह ,चंद्रशेखर आजाद ,ने क्रांति की मशाल जलाई और कितने ही देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी  जिनमे महात्मा गांधी, सरदार भाई पटेल ,ने सत्य और अहिंसा के सहारे सत्याग्रह आंदोलन चलाके ,उनकी लाठियां खाई और जेल गए इन आंदोलनों की वजह से अंग्रेज भारत छोड़कर जाने के लिए मजबूर हो गए आखिरकार 15 अगस्त 1947 का दिन हमारे देश के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन कहा जा सकता है जिससे हम खुली हवा में सांस  ले सके और उसके बाद हमे ये  स्वर्णिम आजादी मिली. धन्य है वह स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने  शहीद होकर हमें आज स्वतंत्रता का स्वर्णिम  दिन दिखया।

स्वतंत्रता दिवस एक महोत्सव  का दिन 15 अगस्त 2022 को पूरे भारत में 75 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। इस दिन हमारे देश में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। स्वतंत्रता दिवस पूरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के 1 दिन पहले राष्ट्रपति जी राष्ट्र के नाम संबोधन में भाषण देते हैं 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जी लाल किले पर झंडा फहराते हैं, और तोपों की सलामी दी जाती है स्वतंत्रता दिवस के दिन उन देशभक्तो  को श्रद्धांजलि  दी जाती है जिन्होंने अपने प्राणो  की आहुति  दी श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री  जी अपना भाषण देते हैं उस भाषण में देश की उपलब्धि और सामाजिक मुद्दों और विकास के बारे में बाते होती है  उस दिन  ध्वजारोहण, राष्ट्रगान ,परेड समारोह, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं ध्वजारोहण भारत के सभी सरकारी गैर सरकारी विद्यालय महाविद्यालय सभी जगह पर होता है और सभी जगहों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती है।

स्वतंत्रता दिवस पर खतरा

स्वतंत्र दिवस मनाने के दौरान खतरों का डर रहता है जो की  आतंकवाद का डर  है इसलिए उस दिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी की कड़ी सुरक्षा के साथ ही दिल्ली मुंबई और जम्मू कश्मीर जैसे अन्य बड़े शहरों को हमलो  से बचाने के लिए लाल किले पर ‘नो फ्लाई  जॉन  ‘ घोषित कर  दिया है , सुरक्षा की वजह से पूरे देश में पुलिस बल को तैनात किया जाता है देश भले ही स्वतंत्र हो गया हो पर ब्रिटिश राज्य के धार्मिक आधार के कारण भारत का विभाजन हूआ जिसके कारण भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ भारत के विभाजन के बाद देश में हिंसक दंगे भड़के और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं होने लगी देश के बंटवारे में आतंकवाद को जन्म दिया जिसका असर आज हमारा  देश सह रहा है।

15 अगस्त का दिन हम हिंदुस्तानियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है हमें उन शहीदों के प्रति नतमस्तक होकर श्रद्धा से शीश झुकाना चाहिए और उनके प्रति  हमारा  शीश  स्वम् ही नतमस्तक  हो जाता है। जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई। इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम ऐसे कार्य करें जिससे हमारे देश का नाम रोशन हो इसके लिए  हमें देश की कुछ खतरनाक रोग जैसे घुस ,जमाखोरी ,कालाबाजारी, भ्रष्टाचार,जैसी बीमारियों को खत्म करना होगा ताकि देश के लिए जिन्होंने अपनी आहुति दी वह व्यर्थ ना जाए।

स्वतंत्रता दिवस पर अनुच्छेद- 15 August par Paragraph

15 अगस्त-स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद |स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखें |🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन-Essay on Independence Day In Hindi

स्वतंत्रता दिवस भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण और गर्व के साथ मनाया जाने वाला त्योहार है। यह दिन भारत की आजादी की याद को ताजगी से याद करने का मौका प्रदान करता है। 15 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों की गुलामी से आजादी हासिल की।

इस दिन का महत्व उन सभी वीर शहीदों के बलिदान के प्रति है, जो अपने प्राणों की आहुति देकर देश की स्वतंत्रता की राह में चले गए। स्वतंत्रता दिवस के दिन हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके साहस और बलिदान को सलामी देते हैं।

यह दिन देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है। हम इस दिन पर तिरंगे का गर्व और शान से सम्मान करते हैं, और राष्ट्रगान गाकर राष्ट्रीय एकता का संदेश देते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के दिन देशभक्तों और समाज के अनुयायियों के द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी शामिल होते हैं। हर वर्ष लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और भारतीय झंडे को गर्व से सलामी दी जाती है।

इस अवसर पर हम सभी को याद दिलाना चाहिए कि हमारी स्वतंत्रता की क़ीमत बहुत महंगी थी और हमें इसकी समझदारी से उपयोग करनी चाहिए। हम सभी को समाज के विभिन्न बुराइयों से लड़ने और देश के उत्थान में सहायता करने का संकल्प लेना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के समृद्धि और उन्नति के लिए एक प्रेरक दिन है। हम सभी को गर्व है कि हम भारतीय हैं और हमें इस देश की संविधानिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना चाहिए।

इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम सभी को एकजुट होकर देश के विकास और प्रगति में योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए। हम एक सशक्त और उत्कृष्ट भारत के निर्माण में योगदान कर सकते हैं, जिससे हमारे स्वतंत्र देश का नाम विश्व में ऊंचा होगा। आओ इस स्वतंत्रता दिवस को नए सपनों और उम्मीदों से भरें, और देश के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं।

2023 स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन- 15 August par 10 line

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, 10 लाइन, Essay on independence Day 2

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस भाषण | 15 August swatantrata diwas par bhashan

सभी माननीय उपस्थिति, आदरणीय अतिथियों, और प्रिय विद्यार्थियों को नमस्कार।

आज हम सभी यहां स्वतंत्रता दिवस के इस खास अवसर पर एकता और समरसता का संदेश देने के लिए इकट्ठे हुए हैं। 15 अगस्त , हमारे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिस दिन हम ब्रिटिश शासन से आज़ाद हुए थे और स्वतंत्रता की मिसाल पेश की थी। इस दिन नहीं सिर्फ हमारे देश के नागरिक, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक गर्व का दिन है।

स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर हमें अपने देश के वीर सैनिकों को याद करना चाहिए, जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमें आज़ाद भारत मिलाया। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके साहस और बलिदान को सलाम करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस को मनाने से हमें अपने देश के महानता, साहस, और समर्थन की भावना से प्रेरित होना चाहिए। हमें यह समझना है कि हमारे देश की स्वतंत्रता और समृद्धि के लिए हम सभी को सहयोग करना होगा। हमें एकजुट होकर समस्याओं का सामना करना होगा और देश के विकास के लिए सक्रिय योगदान देना होगा।

आज हमारे देश में भी अनेक चुनौतियों का सामना हो रहा है, परंतु हमें आत्मविश्वास रखना होगा कि हम उन समस्याओं को परास्त कर सकते हैं। हमें भ्रष्टाचार, जातिवाद, समाज में असामाजिकता, और विकास में असमानता जैसी समस्याओं का समाधान करना होगा।

स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने देश के प्रति प्रेम और समर्पण से भरा रहना होगा। हमें राष्ट्रभाव को अपनाना होगा और एक उत्तम नागरिक के रूप में अपना योगदान देना होगा।

इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश के विकास और समृद्धि में सक्रिय रूप से योगदान करेंगे। हम सभी को यह समझना होगा कि हमारे प्रत्येक कदम से हम अपने देश को मजबूत बना रहे हैं और उसके विकास में सहायक हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम अपने देश के विकास के लिए समर्थ होते हैं और उसे गर्व से आगे बढ़ाते हैं।

आओ हम सभी मिलकर समरसता, एकता, और साहस का संदेश दें, और अपने देश को शांति, समृद्धि, और उन्नति की ओर अग्रसर करें। आओ हम सभी एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत करें, और अपने देश को एक महान राष्ट्र बनाने में सहायता करें। अल्लामा इकबाल की द्वारा चार पंक्तियों :

यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा सब मिट गए जहाँ से|| अब तक मगर है बाक़ी नाम-व-निशाँ हमारा | कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी| सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा| सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा || हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलसिताँ हमारा जय हिंद! जय भारती!

धन्यवाद। जय हिंद। 🇮🇳

Read in English: Independence Day essay in English for teachers and Students https://knowledgeocean.in/independence-day-essay-in-english/4749/

15 अगस्त पर छोटा भाषण PDF -15 august Hindi bhashan pdf

15 अगस्त पर छोटा भाषण PDF यहाँ से डाउनलोड कर सकते है।

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1 thought on “15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, भाषण, अनुच्छेद, 10 लाइन, Essay on independence Day”

15 अगस्त 1918 को पूरे भारत में 72 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। धन्यवाद सूरज गुप्ता जी हमारी टीम ने हाल ही में इस पोस्ट को अपडेट करा है।

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15 August Essay: स्वतंत्रता दिवस पर सबसे अच्छा निबंध, ऐसे लिखा तो कोई नहीं रोक पाएगा पहला नंबर

Independence day essay in hindi: स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त पर अक्सर स्कूल और कॉलेज में निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। यहां पर हम आपके लिए एक निबंध लेकर आए हैं, जिससे आप अच्छा हिंदी निबंध लिखने की विधा सीखते हुए प्रतियोगिताओं को जीत सकते हैं।.

independence day essay in hindi 15 august par nibandh best 10 lines for students children

15 अगस्त पर निबंध

15 अगस्त पर निबंध

प्रस्तावना : 15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा हुआ है। इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता हासिल की और पहली बार दुनिया ने भारत को एक देश में मान्यता दी। स्वतंत्रता दिवस केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की बलिदान की भी याद दिलाने वाला दिन है और यह हमें देश की एकता और अखंडता की दिशा में प्रयास करके एकजुट रहने की प्रेरणा भी देता है। संग्राम से आजादी तक: स्वतंत्रता संघर्ष का संक्षिप्त विवरण स्वतंत्रता हासिल करने की यात्रा में अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना संघर्ष किया। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और रानी लक्ष्मीबाई जैसे नेताओं ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ बिना रुके अनवरत प्रयास करते हुए लड़ाई लड़ी। गांधी जी ने अहिंसा और सत्याग्रह के मार्ग को अपनाकर स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी, जबकि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी ज्यादा आक्रामक और प्रतिरोध के दृष्टिकोण के साथ सामने आए।

15 अगस्त का महत्व

15 अगस्त का महत्व

15 अगस्त के दिन की महत्ता भारत सरकार और नागरिकों दोनों के लिए ही है। इस दिन की सुबह भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और अन्य उच्च अधिकारी दिल्ली के लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं।

यह परंपरा 1947 से चल रही है, जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता की घोषणा की थी। यह ध्वजारोहण समारोह एक प्रमुख राष्ट्रीय उत्सव है जिसमें देश की सशस्त्र बलों, स्कूलों, और कई संगठनों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम और परेड का आयोजन होता है।

स्वतंत्रता दिवस पर देशभर में होने वाले कार्यक्रम: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज, और अन्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इन कार्यक्रमों में देशभक्ति गीत, नृत्य, निबंध प्रतियोगिता, नाटक और भाषण जैसी गतिविधियां होते हैं, जो विद्यार्थियों और आम नागरिकों को देश के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हैं। मीडिया पर विशेष डॉक्यूमेंट्री, फिल्में और टॉक शो प्रसारित किए जाते हैं जो देश की स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं को दोबारा जीवंत करते हैं।

आज का भारत

आज के भारत में स्वतंत्रता दिवस केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं, बल्कि यह एक अवसर है जब हम अपने देश की प्रगति और चुनौतियों की समीक्षा करने का अवसर मिलता है। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता का सही मतलब सिर्फ राजनीतिक आजादी नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक न्याय भी इसमें शामिल है।

15 अगस्त के दिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वतंत्रता का सही उपयोग कर हम एक समृद्ध और समान समाज की दिशा में काम करें।

निष्कर्ष / उपसंहार: 15 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता का प्रतीक है और यह हमें हर साल एक नई प्रेरणा देकर जाता है। साथ ही यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और संघर्ष की याद दिलाता है ताकि हम आजाद होने के महत्व को याद रखें।

साथ ही यह दिन देश की प्रगति के लिए हमारी जिम्मेदारियों को समझाता है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश को और ज्यादा मजबूत, एकजुट और समृद्ध बनाएं। जय हिंद!

प्रभाष रावत

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2023 (Independence Day Essay in Hindi)

स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 1947, भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपूर्ण दिन था, जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिये आजादी हासिल की। भारत की आजादी के साथ ही भारतीयों ने अपने पहले प्रधानमंत्री का चुनाव पंडित जवाहर लाल नेहरु के रुप में किया जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे झंडे को पहली बार फहराया। आज हर भारतीय इस खास दिन को एक उत्सव की तरह मनाता है।

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भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2023 पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Independence Day/15 August 2023 in Hindi, Swatantrata Diwas par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में निबंध पायें:

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द) – (Essay on 77th Independence Day)

15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता को याद करने के लिये राष्ट्रीय अवकाश के रुप में इस दिन हर साल भारत के लोगों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के उन महान नेताओं को श्रदा्ंजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत के लोग सदा के लिये आजाद हुए।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने के बाद भारतीयों को संम्बोधित किया। इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बढ़ाया जहां झंडारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हर साल इसी दिन आयोजित होते हैं। कई लोग इस पर्व को अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के मायने

स्वतंत्रता दिवस को मनाने का अर्थ केवल औपचारिक तौर पर ध्वजारोहण करना नहीं है अपितु स्वतंत्रता के महत्त्व को समझने और शहीदों के योगदान का स्मरण करना भी है।

भारत एक ऐसा देश है जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, परंपरा, और संस्कृति के एक साथ रहते है और स्वतंत्रता दिवस के इस उत्सव को पूरी खुशी के साथ मनाते हैं। इस दिन, भारतीय होने के नाते, हमें गर्व करना चाहिये और ये वादा करना चाहिये कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये सदा देशभक्ति से पूर्णं और ईंमानदार रहेंगे।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2 (400 शब्द) – Essay on 15 August

ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की वजह से भारत में स्वतंत्रता दिवस सभी भारतीयों के लिये एक महत्वपूर्णं दिन है। हम इस दिन को हर साल 15 अगस्त 1947 से मना रहे है। गांधी, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, तिलक और चन्द्रशेखर आजाद जैसे हजारों देशभक्तों की कुर्बानी से स्वतंत्र हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में गिना जाता है।

आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे उत्सव की जगह को सजा कर, फिल्में देखकर, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर तथा कई सारे सामाजिक क्रियाकलापों में भाग लेकर। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति, और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।

राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते हैं। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते हैं। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से संबंधित फिल्में देखते हैं साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और 200 साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। स्वतंत्रता के लिये किये गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये हर भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चुल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 3 (500 शब्द) – स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Independence day)

15 अगस्त 1947 एक ऐसी तिथी है जिसे हमारे इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। एक ऐसा दिन जब भारत आज़ाद हुआ, अंग्रेज़ भारत छोड़ने पर मज़बूर हो गये थे। हमें दो सौ साल कि गुलामी से आज़ादी मिली थी, तो जश्न भी उतना ही बड़ा होना था और शायद यही वजह है कि आज भी हम इसे उतने ही धूम-धाम से मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Indian Independence Day)

अंग्रेजों के भारत पर कब्जे के बाद हम अपने ही देश में गुलाम थे। पहले सब कुछ हमारा था जैसे कि धन, अनाज, ज़मीन परंतु अंग्रेजों के आने के बाद किसी चीज़ पर हमारा अधिकार नहीं था। वे मनमाना लगान वसूलते और जो मन उसकी खेती करवाते जैसे नील और नकदी फसलों की खेती आदि। ऐसा खास तौर पर बिहार के चंपारण में देखा गया। हम जब भी उनका विरोध करते हमें उससे भी बड़ा जवाब मिलता, जैसे कि जलियांवाला बाग हत्याकांड।

प्रतारण की कहानियों की कमी नहीं है और न ही कमी है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साहस पूर्ण आंदोलनों की, उनके अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज़ हमारे लिए यह इतिहास है। अंग्रेजों ने हमें बुरी तरह लूटा, जिसका एक उदाहरण कोहिनूर भी है, जो आज उनकी रानी की ताज कि शोभा बढ़ा रहा है। लेकिन हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर आज भी सबसे कुलीन है और शायद यही वजह है कि आज भी हमारे देश में अतिथियों को देवताओं की तरह पूजा जाता है और जब-जब अंग्रेज भारत आएंगे हम उनका स्वागत करते रहेंगे लेकिन इतिहास का स्मरण करते हुए।

स्वतंत्रता सेनानीयों का योगदन (Contribution of Freedom Fighters)

हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे गांधी जी, जिनका आज़ादी के लिए संघर्ष में अतुल्य योगदान रहा है और वे सबसे लोकप्रिय भी थे। उन्होने सबको सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया और वह अहिंसा ही था, जो सबसे बड़े हथियार के रूप में उभरा और कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति के जीवन में भी उम्मीद के दीपक जलाए। गांधी जी ने देश से कई कुप्रथाओं को हटाने के कुलजोर प्रयास किये और सभी तबकों को साथ लाया, जिसकी वजह से यह लड़ाई और आसान हो गई। उनके लिये लोगों का प्यार ही था जो लोग उन्हें लोग बापू बुलाते थे।

साइमन कमीशन के विरोध में सब शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच अंग्रेजों ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया और इसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इससे आहत होकर भगत सिंह, सुख देव, राजगुरू ने सांडर्स की हत्या कर दी और बदले में इन्हें फ़ासी की सजा हुई और वे हंसते-हंसते फ़ासी की तख्त पर चढ़ गए।

आजादी की इस लड़ाई में सैकड़ों ऐसे नाम हैं जैसे सुभाष जन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि जिनके योगदान अतुलनीय हैं।

आजादी का रंगीन पर्व (Independence Day Festival)

स्वतंत्र भारत में इस पर्व को मनाने के तरीके अलग-अलग हैं। हफ्ते भर पहले से बाजारों में रौनक आ जाती है, कहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है, तो कहीं तीन रंगों की लाइटें। पूरा समां ही मानो इन रंगों में समा जाता है। कहीं पर खुशी का माहौल होता है, तो कहीं देशभक्ती गीतों की झनकार। पूरा देश नाचते-गाते इस उत्सव को मनाता है। लोग खुद भी झूमते हैं और दूसरों को भी थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। पूरा देश एक जुट हो जाता है वो भी ऐसे, कि क्या हिंदू क्या मुसलमान, कोइ भेद ही नज़र नहीं आता।

जैसा की स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है और स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय सब बंद रहते हैं। लेकिन यह लोगों का उत्साह ही है जो इस दिन को मनाने के लिए सब एक जुट होते हैं और बड़े हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है, तिरंगा फहराया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं।

Essay on Independence Day in Hindi

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 4 (600 शब्द) – स्वतंत्रता दिवस: महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल (Important Timelines of Indian Independence Day)

भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है हमारा स्वतंत्रता दिवस, एक ऐसा दिन जब भारत आज़ाद हुआ था। कहने को अंग्रेज़ भारत छोड़ कर चले गए थे, लेकिन यह आजादी और भी कई मायनों में ज़रुरी और अलग थी। हम अब न तो शारीरिक रूप से गुलाम थे और न ही मानसिक तौर पर। हमें खुल के बोलने, पढ़ने, लिखने, घूमने हर क्षेत्र में आजादी मिल गयी थी।

महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल

  • अंग्रेजों का भारत आगमन (British arrival in India)

बात उन दिनों की है जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। 17वीं शताब्दी में अंग्रेज़ व्यापार करने भारत आए, उस समय यहां मुगलों का शासन था। धीरे-धीरे अंग्रेजों ने व्यापार के बहाने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया और कई राजाओं को धोखे से युद्ध में हरा के उनके क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया। 18वीं सदी तक ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से अपना वर्चस्व स्थापित कर, अपने आस-पास के क्षेत्रों को वशीभूत कर लिया।

  • भारत एक गुलाम के तौर पर (India as a Slave)

हमें एहसास हो चुका था कि हम गुलाम बन चुके हैं। हम अब सीधे ब्रितानी ताज़ के अधीन थे। शुरू-शुरू में अंग्रेजों ने हमें शिक्षित करने या हमारे विकास का हवाला देकर हम पर अपनी चीज़े थोपना शुरू कि फिर धीरे-धीरे वह, उनके व्यवहार में शमिल हो गया और वे हम पर शासन करने लगे।

अंग्रेजों ने हमें शारीरिक, मानसिक हर तौर से प्रताड़ित किया। इस दौरान कई युद्ध भी हुए, जिसमें सबसे प्रमुख था द्वितीय विश्व युद्ध, जिसके लिए थोक के भाव में भारतियों की सेना में जबरन भर्ती की गयी। भारतीयों का अपने ही देश में कोई अस्तित्व नहीं रह गया था, अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे नरसंहार को भी अंजाम दिया और भारतीय केवल उनके दास मात्र बन के रह गए थे।

  • राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना (National Congress Party Founded)

इस संघर्षपूर्ण वातावरण के बीच 28 दिसम्बर 1885 को 64 व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। जिसमें दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम की महत्वपूर्ण भूमिका रही और धीरे-धीरे क्रान्तिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया जाने लगा, लोग बढ़ चढ़कर पार्टी में भाग लेने लगे।

इसी क्रम में भारतीय मुस्लिम लीग की भी स्थापना हुई। ऐसे ही कई दल सामने आये और उनके अतुल्य योगदान का ही नतीज़ा है कि हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जिसके लिए कई वीरों ने गोली खाई और कईयों को तो फांसी हुई, कई मांओं की कोखें रोईं, तो कुछ भरी जवानी अभागन हुई।

  • सांप्रदायिक दंगे और भारत का बंटवारा (Communal Riots and Partition Of India)

इस प्रकार देश को अंग्रेज़ छोड़ के तो चले गये और हम आज़ाद भी हो गये परंतु एक और जंग अभी देखना बाकी था, जो की थे सांप्रदायिक हमले। स्वतंत्रता प्राप्त करते ही सांप्रदायिक हिंसे भड़क उठे, नेहरू और जिन्ना दोनों को प्रधानमंत्री बनना था, नतीज़न देश का बटवारा हुआ।

भारत और पाकिस्तान नाम से एक हिंदू और एक मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना हुई। गांधी जी की मौजूदगी से इन हमलों कमी तो आई, फिर भी मरने वालों कि तादात लाखों की थी। एक तरफ आजादी का माहौल था तो वहीं दूसरी ओर नरसंहार का मंज़र। देश का बटवारा हुआ और क्रमशः 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया।

  • स्वतंत्र भारत व आजादी का पर्व (Free India and Independence Day)

आजादी एवं बटवारे के बाद हम हर वर्ष, स्वतंत्रता दिवस को अपने अमर वीर ज़वानों एवं दंगे में मारे गए निर्दोष लोगों को याद कर के मनाते हैं। अमर ज़वानों की कोई निश्चित गणना नहीं है, क्योंकि इसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब शामिल थें।

पूरा देश एक जुट था तब जाकर ये सपना साकार हुआ। हां कुछ प्रमुख देश भक्त ऐसे थे जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता जैसे की भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरू जिन्हें फांसी हुई, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस इत्यादि। महिलाएं भी इस काम में पीछे न थीं, जैसे कि एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू व कई अन्य।

नए दौर में स्वतंत्रता दिवस के मायने (Meaning of Independence Day in the New Era)

स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी बड़े ज़ोरो-शोरों से की जाती है, लाल किले के प्राचीर से हर वर्ष हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी तिरंगा फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्र गान एवं उनके भाषण के साथ कुछ देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं, जिनका आनंद हम वहां प्रस्तुत हो कर या घर बैठे वहां के सीधे प्रसारण से ले सकते हैं।

हर वर्ष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किसी अन्य देश से बुलाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इस मौके पर सारे स्कूल, कॉलेज, कार्यालय सब बंद रहते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जिसे पूरा देश एक जुट हो के मनाता है, बस सबके ढ़ग अलग-अलग होते हैं। कोई नई पोशाक पहन के तो कोई देशभक्ति गीतों को सुन के इस दिन को मनाता है।

यह पर्व हमें अमर वीरों के बलिदान के साथ-साथ इतिहास को न भूलने का स्मरण कराता है, ताकी दोबारा किसी को व्यापार के बहाने शासन का मौका न दिया जाए और आज के युवा पीढ़ी का परिचय उनके गौरवपूर्ण इतिहास से कराया जाए। भले ही स्वतंत्रता दिवस मनाने के सबके तरीके अलग हों, मकसद एक ही होता है। सब मिल-जुल कर एक दिन देश के लिए जीते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं और मित्रों को मुबारक बाद देते हैं।

Independence Day Essay

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 5 (1000 शब्द) – गुलामी से स्वतंत्रता तक (Essay on 15th August/Independence Day: From Slavery to Freedom)

15 अगस्त का दिन हमारे भारतीय लोकतंत्र और भारतीयों के लिए बहुत खास दिन है। इसी दिन हमें अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी, लगभग 200 वर्षों बाद हमारा देश अंग्रेजों के अत्याचार और गुलामी से 15 अगस्त सन् 1947 को पूर्ण रुप से आजाद हुआ था। यह भारतीयों के लिए बहुत खास और सुनहरा दिन होता है, और हम सभी मिलकर आजादी के इस दिन को बड़े जोश और धुमाधाम से मनाते हैं। आज हमारे देश की आजादी को 76 वर्ष हो गये हैं, पर आज भी आजादी के उन पलों को याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं।

भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास (Indian History of Freedom)

  • अंग्रेजों का भारत आगमन (Arrival of British India)

आज से तकरीबन 400 वर्षों पहले अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से भारत में आयी थी। उन दिनों पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत के ही हिस्से हुआ करते थे। अंग्रेज यहां अपने व्यापार के साथ-साथ लोगों की गरीबी, मजबूरी और उनकी कमजोरीयों को परखने लगे, और उनकी मजबूरियों का फायदा उठाने लगे।

अंग्रेजों ने धीरें-धीरें भारतीयों के मजबूरियों का लाभ उठाकर उनको गुलाम बनाकर उन पर अत्याचार करना शुरु कर दिया, और मुख्य रुप से ये गरीब और मजबूर लोगो को अपने कर्ज तले दबा देते थे। कर्ज न चुकाने पर वो उन्हें अपना गुलाम बनाकर उनपर मनमाना काम और अत्याचार करने लगे। एक-एक करके राज्यों और उनके राजाओं को अपने अधिन करते चले गए, और लगभग पुरे भारत पर अपना नियंत्रण कर लिए।

  • भारतीयों पर अत्याचार (Atrocities on Indians)

अंग्रेजों का भारत पर कब्जा करने के दौरान वे लोगों पर अत्याचार करने लगे, जैसे मनमाना लगान वसुलना, उनके खेतों और आनाजों पर कब्जा कर लेना, इत्यादि। इसके कारण यहां के लोगों को उनका बहुत अत्याचार सहना पड़ता था। जब वे इस अत्याचार का विरोध करते थे तो उन्हे गोलियों से भुन दिया जाता था जैसे कि जलियावाला कांड हुआ।

  • अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ भारतीयों का गुस्सा (Anger of Indian People against British rule)

अंग्रेजों का भारतीयों के प्रति रवैया और उनका अत्याचार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा था और भारतीयों में उनके प्रति गुस्सा और बदले की आग भी बढ़ती जा रही थी। अंग्रेजों के इस बर्बरता पूर्ण रवैये की आग पहली बार सन् 1857 मे मंगल पांड़े के विद्रोह के रुप में देखी गयी। मंगल पांडे के इस विद्रोह के कारण उन्हें मार दिया गया, इससे लोगों में अंग्रेजों के प्रति गुस्सा और बढ़ता गया और नए नए आंदोलनों के रुप सामने आने लगा।

  • आजादी की मांग (Demand of Freedom)

अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार को लेकर लोगों में गुस्सा और अपने आजादी की मांग सामने आने लगी। जिसके कारण कई आंदोलन और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ झड़प की घटनाएं बढ़ती रही। आजादी की मांग सबसे पहले मंगल पांडे ने 1857 में विरोध करके किया, और इस वजह से उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी। धीरे-धीरे अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी के मांग की आवाजें भारत के अन्य जगहों से भी आने लगी।

  • स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता सेनानियों का महत्वपुर्ण योगदान (Important Contribution of Freedom Fighters for Freedom)

भारत को अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया है, उनमें से सबसे अतुल्य योगदान महात्मा गांधी का रहा है। भारत पर लगभग 200 वर्षो से शासन कर रहे ब्रिटिश हुकमत को गांधी जी ने सत्य और अहिंसा जैसे दो हथियारों से हारने पर मजबूर कर दिया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को ही अपना हथियार बनाया और लोगो को भी प्रेरित किया और लोगों को इसे अपनाकर अंग्रेजो के अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए कहा। देश के लोगों ने उनका भरपूर साथ दिया और आजादी मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। लोग उन्हे प्यार और सम्मान से बापू पुकारते थे।

  • कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का आजादी में योगदान (Contribution of Some Other Freedom Fighters for Freedom)

हालाकि स्वतंत्रता के संग्राम में पूरे हिन्दुस्तान ने ही अपने तरीके से कुछ न कुछ अवश्य योगदान दिया, किन्तु कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने नेतृत्व, रणनीती और अपने कौशल का परिचय देते हुए आजादी में आपना योगदान किया।

महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक जैसे कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने लोगों से साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। कुछ ने मुख्य रुप से सत्य और अहिंसा को अपनाकर अपनी लड़ाई को जारी रखा। वहीं दुसरी ओर कुछ ऐसे भी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हिंसा का रास्ता अपनाया, जिन्हें एक क्रांतिकारी का नाम दिया गया। ये क्रांतिकारी मुख्य रुप से किसी संस्था से जुड़कर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को लड़ते रहे। मुख्य रुप से मंगल पांड़े, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिहं, राजगुरु इत्यादि कई ऐसे क्रांतिकारी हुए जिन्होंने अपने तरीके से स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया।

सभी के अडिग दृढ़ शक्ति और आजादी के प्रयासो ने अंग्रेजों की हुकुमत को हिला दिया, और 15 अगस्त सन् 1947 को अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबुर कर दिया। इस ऐतिहासिक दिन को ही हम संवतंत्रता दिवस के रुप मे मनाते है।

आजादी का जश्न (Celebration Freedom )

हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और लोगों के अथक प्रयासों और बलिदान के उपरान्त, 15 अगस्त 1947 को अंगेजों के अत्याचार और गुलामी से हमें मुक्ति मिली, तब से लेकर आज तक इस ऐतिहासिक दिन को हम आजादी के पर्व के रुप मे मनाते हैं। आजादी के इस राष्ट्रीय पर्व को देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। सभी सरकारी, निजी संस्थानों, स्कुलों, आफिसों और बाजारों मे भी इसके जश्न की रौनक देखी जा सकती है।

स्वतंत्रता समारोह का यह जश्न दिल्ली के लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराया जाता है और कई अन्य सांसकृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इस दिन हर तरफ सभी लोग देश भक्ति के माहौल में डूबकर जश्न मनाते हैं।

15 अगस्त, एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय दिवस के रुप में जाना जाता है, और हम इस दिन को आजादी के दिन के रुप में हर वर्ष मनाते हैं। सभी सरकारी संस्थानों, स्कूलों और बाजारों में इसकी रौनक देखी जा सकती है और हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है। हर जगह चारों तरफ बस देशभक्ति की आवाजें ही सुनाई देती हैं, हम आपस में एक दुसरे से मिलकर आजादी की मुबारकबाद देते हैं और उनका मुंह मीठा कराते हैं।

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है।

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस को झण्डा लाल किले पर फहराया जाता है।

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा देश का प्रधानमंत्री फहराता है।

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 अगस्त की तारीख लॉर्ड माउंटबेटन ने चुनी थी।

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By विकास सिंह

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विषय-सूचि

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, 100 शब्द

भारत में 1947 से 15 अगस्त की तारीख भारतीय इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन बन गया है। यह वर्ष 1947 का सबसे भाग्यशाली दिन था जब भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन संघर्ष और बलिदान के बाद भारत स्वतंत्र हुआ। हमने कड़े संघर्ष के बाद आजादी हासिल की।

जब भारत को अपनी स्वतंत्रता मिली, भारत की जनता ने अपने पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू को चुना था, जिन्होंने पहली बार राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में लाल किले पर तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। सभी लोग इस विशेष दिन को हर साल बहुत खुशी के साथ मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, 150 शब्द

1947 में 15 अगस्त को भारत को आजादी मिली, इसलिए भारत के लोग हर साल इस खास दिन को 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम समारोह में, भारत के प्रधान मंत्री ने लाल किले पर सुबह जल्दी राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जहाँ लाखों लोग ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया था।

लाल किले, नई दिल्ली में उत्सव के दौरान भारतीय छात्रों द्वारा मार्च पास्ट सहित कई कार्य किए जाते हैं और स्कूली छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। राष्ट्रीय ध्वज की मेजबानी और राष्ट्रीय गान (जन गण मन) के पाठ के बाद, भारत के प्रधान मंत्री अपना वार्षिक भाषण देते हैं।

भारत के स्वतंत्रता दिवस पर, हम उन सभी महान हस्तियों को याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान, राष्ट्रीय झंडे की मेजबानी स्कूल और कॉलेजों में भी की जाती है, जहाँ शिक्षकों और छात्रों द्वारा कई गतिविधियाँ की जाती हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, independence day essay in hindi (200 शब्द)

भारत के नागरिक दशकों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहे। ब्रिटिश अधिकारियों ने अपने धन का देश लूट लिया और भारतीयों के साथ बुरा व्यवहार किया। कभी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत को अंग्रेजों के हाथों काफी नुकसान उठाना पड़ा।

अंग्रेजों ने भारत के नागरिकों को गुलाम माना। उन्होंने भारतीयों को कठिन परिश्रम कराया और उन्हें समान रूप से भुगतान किया। यहाँ के लोग असहाय महसूस करते थे और अंग्रेजों के निर्देशों का पालन करते हुए अपना सिरा पूरा करते थे। हालांकि, हम उन लोगों के लिए आभारी हैं जिन्होंने साहस दिखाया और अंग्रेजों के साथ आंखें मिलाकर खड़े हो गए।

इन भारतीय क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई और कई अन्य लोगों को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। ब्रिटिश शासन के खिलाफ अवज्ञा व्यक्त करने के लिए समय-समय पर कई विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की गईं। जबकि इनमें से कुछ क्रांतिकारियों जैसे महात्मा गांधी ने अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए अहिंसा के मार्ग का अनुसरण किया, दूसरों ने अंग्रेजों से लड़ने और उन्हें दूर करने के लिए आक्रामक रुख अपनाया।

इन दोनों प्रकार के क्रांतिकारियों के संयुक्त प्रयासों ने भुगतान किया और भारत को अंततः 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली। तब से, प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।

independence day

250 शब्द:

भारत में स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है जब लोग ब्रिटिश शासन से हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता की लंबी घटना को याद करते हैं। भारत को आजादी के बहुत सारे आंदोलन के बाद 1947 में 15 अगस्त को आजादी मिली, जिसके दौरान कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया।

आजादी के बाद, 1947 में 17 अगस्त को जवाहरलाल नेहरू पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाहौर गेट के पास लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। छात्र, शिक्षक, माता-पिता और अन्य लोग राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और राष्ट्रीय गान गाकर स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

लाल किले पर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज की भी मेजबानी की जाती है। उसके बाद 21 तोपों से सलामी दी जाती है और झंडे पर हेलीकॉप्टर से तिरंगे फूल बरसाए जाते हैं। हमारे ध्वज का तिरंगा साहस और बलिदान के लिए केसरिया, शांति और सच्चाई के लिए सफेद और विश्वास और शिष्टता के लिए हरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है।

हमारे झंडे के केंद्र में एक अशोक चक्र है जिसमें समान रूप से 24 स्पाइक्स वितरित किए गए हैं। इस विशेष दिन में हम भारत की स्वतंत्रता में उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरु, गांधीजी और अन्य साहसी स्वतंत्रता सेनानियों के महान बलिदानों को याद करते हैं।

स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस समारोह पर छात्रों ने स्वतंत्रता सेनानियों के विषयों पर भाषण दिया। वे परेड में शामिल होते हैं, मार्च पास्ट करते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं, अन्य लोग अपने-अपने तरीके से इस दिन को मनाते हैं जैसे देशभक्ति की फिल्में देखना, परिवार के साथ घर से बाहर जाना, दोस्तों से मिलना या सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेना ।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व पर निबंध, independence day essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस, भारत के नागरिकों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह एक दिन है जो उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है। यह उन्हें देशभक्ति की भावना से प्रेरित करता है और उन्हें अपने देश के लिए कुछ करने के उत्साह के साथ प्रेरित करता है।

स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान का एक निशान:

भारत दशकों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा था। अंग्रेजों का अत्याचार समय के साथ बढ़ता गया। कई भारतीय अंग्रेजों से लड़ने और उन्हें देश से भगाने के लिए आगे आए। बाल गंगाधर तिलक, शहीद भगत सिंह, महात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू, रानी लक्ष्मी बाई और सुभाष चंद्र बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में, भारत के नागरिक एक साथ आए और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़े।

वे इन नेताओं से प्रेरित थे और स्वतंत्रता संग्राम में निस्वार्थ रूप से भाग लिया। कई विरोध प्रदर्शन हुए और कई आंदोलन शुरू किए गए। इन घटनाओं के दौरान कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी और अन्य लोग जेल चले गए लेकिन इससे अंग्रेजों से लड़ने की उनकी भावना कम नहीं हुई। स्वतंत्रता दिवस हमें उनके बलिदानों को याद दिलाने का एक तरीका है और इस प्रकार हमारे देश के नागरिकों के लिए विशेष महत्व रखता है।

आजादी का जश्न मनाएं फिर भी बने रहें:

स्वतंत्रता दिवस हमारी स्वतंत्रता का जश्न मनाने का एक तरीका भी है। जिस दिन हमारे देश ने स्वतंत्रता प्राप्त की, भारत के नागरिकों ने सच्ची स्वतंत्रता का स्वाद चखा। उन्होंने इस नई आजादी का जश्न मनाया और इस दिन को साल-दर-साल उसी भावना के साथ मनाया जाता है। हालांकि, यह हमें अपनी जड़ों के करीब होने के महत्व को भी याद दिलाता है और ऊंची उड़ान भरने और स्वतंत्र महसूस करने के बावजूद भी जमीनी स्तर पर बना रहता है।

निष्कर्ष:

भारत के लोग उन लोगों के शुक्रगुजार हैं जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। वे हर साल 15 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाते हैं जिसे भारतीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में चिह्नित किया गया है। दिन वास्तव में प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष है। यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है जिस तरह से इस दिन को पूरे देश में मनाया जाता है।

स्वतंत्र दिवस पर निबंध, essay on independence day in hindi, (400 शब्द)

स्वतंत्रता दिवस भारत में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है और सभी भारतीय नागरिकों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन देश के विभिन्न स्थानों पर भारतीय ध्वज फहराया जाता है। पूरे देश में कार्यालयों, स्कूलों, आवासीय समितियों और अन्य स्थानों पर कई छोटे और बड़े कार्य आयोजित किए जाते हैं। इन स्वतंत्रता दिवस समारोहों की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं।

ध्वज आरोहण भारतीय ध्वज, तिरंगा, उत्सव की शुरुआत में फहराया जाता है। सभी लोग ध्वजारोहण के दौरान जश्न के लिए खड़े हुए थे, जिसके बाद राष्ट्रगान, जन, गण, मन किया जाता है। लोग राष्ट्रगान के लिए ध्यान की स्थिति में खड़े होकर सम्मान करते हैं जब इसे बजाया जाता है।

भाषण अगली पंक्ति में आम तौर पर मुख्य अतिथि या आयोजन समिति के कुछ सदस्य का भाषण होता है। स्कूलों और कॉलेजों में, भाषण आमतौर पर प्रिंसिपल द्वारा दिया जाता है। यह भाषण उस तरह से है जिस तरह से भारत को ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी मिली और उपनिवेशित भारत में रहने वाले लोगों के सामने चुनौतियाँ थीं।

कविता पाठ देशभक्ति के गीत और कविता लोगों द्वारा इस घटना का आनंद लेने और महान आत्माओं को याद करने के लिए गाया जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ रूप से अपने जीवन का बलिदान दिया ताकि उनके साथी नागरिक स्वतंत्र देश में रह सकें।

प्रतियोगिताएं इस दिन वाद-विवाद और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और लोग इनमें सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। इन प्रतियोगिताओं का विषय स्वतंत्रता दिवस के आसपास घूमता है। यह प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों को देश के लिए देशभक्ति की भावना के करीब लाता है।

सांस्कृतिक गतिविधियां इस कार्यक्रम के स्वाद को जोड़ने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। नृत्य और गायन प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। प्रतिभागी आमतौर पर विभिन्न राज्यों के नृत्य रूपों का प्रदर्शन करते हैं। उन्हें रंग-बिरंगे परिधानों में पहने जाने वाले नृत्य के रूप में देखा जाता है, जिसे वे चुनते हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान पूरा वातावरण मस्ती और मस्ती से भर जाता है।

मिठाई वितरण स्वतंत्रता दिवस पर मिठाई वितरण की रस्म भी उतनी ही पुरानी है, जितना कि खुद दिन। जबकि पहले इस दिन लड्डू बांटे जाते थे, इन दिनों लोगों के बीच अलग-अलग तरह की मिठाइयां बांटी जाती हैं। बाजार में इन दिनों सुंदर और स्वादिष्ट त्रिकालकालीन मिठाइयाँ उपलब्ध हैं। ये आयोजन मनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर वितरित किए जाते हैं।

लोग एथनिक वियर में ज्यादातर भगवा, सफेद या हरे रंग या इन के संयोजन में पहनते हैं। ट्राइ-कलर बैच, हेयर बैंड और रिस्ट बैंड पहनना भी इन दिनों प्रचलन में है। पूरा माहौल देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है। इस दिन पूरा देश एकजुट होता है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, essay on independence day in hindi (500 शब्द)

हम स्वतंत्र भारत के नागरिक हमारे देश से प्यार करते हैं और इसका हिस्सा बनने पर गर्व करते हैं। 15 अगस्त को मनाया जाने वाला स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह देश भर के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और अन्य स्थानों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

हम उन लोगों की याद में स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र राष्ट्र देने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और हमारे द्वारा प्रदान की गई स्वतंत्रता का भी आनन्द लिया। हालांकि, इस दिन भव्य समारोह के लिए केवल यही कारण नहीं हैं। यहाँ विभिन्न कारण हैं कि हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं और इसका महत्व हमारे लिए है:

स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि: 

स्वतंत्रता दिवस के उत्सव के मुख्य कारणों में से एक स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना है जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान किया ताकि हम स्वतंत्र राष्ट्र में स्वतंत्र रूप से सांस ले सकें। उत्सव उन सभी महान आत्माओं को एक श्रद्धांजलि है। भाषणों को हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के वीरतापूर्ण कार्यों को बयान करने और हमारे देश को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने के लिए धन्यवाद दिया जाता है। उनकी प्रशंसा में गाने गाए जाते हैं और इस दिन आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी उन्हें समर्पित होते हैं।

आभारी होना और विनम्र होना: 

जिन लोगों ने ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुए नरसंहार को देखा और उस दौरान जिस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा वह अधिक विनम्र है। उन्होंने जीवन की वास्तविक कठिनाइयों को देखा है और अच्छे समय को महत्व दिया है। युवा पीढ़ी में कृतज्ञता और विनम्र रवैया की यह भावना गायब है। स्वतंत्रता दिवस समारोह वास्तविक दुनिया की समस्याओं के बारे में लोगों को परिचित करने और उन्हें जो कुछ भी दिया गया है उसके लिए आभारी होने का एक तरीका है।

स्वतंत्रता की भावना का जश्न मनाएं: 

स्वतंत्रता और स्वतंत्रता की सच्ची भावना का जश्न मनाने के लिए स्वतंत्रता दिवस भी मनाया जाता है। हमारे देश के नागरिकों की खुशी कोई सीमा नहीं थी क्योंकि स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों का भुगतान किया गया था और उन्होंने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की। उन्होंने सच्ची स्वतंत्रता का अनुभव किया और सच्ची स्वतंत्रता की यह भावना प्रत्येक वर्ष मनाई जाती है।

लव फॉर अवर कंट्री अलाइव 

पूरा देश स्वतंत्रता दिवस के आसपास देशभक्ति की भावना से भर जाता है। देश की स्वतंत्रता के लिए एक विशेष दिन समर्पित करना और इसे विभिन्न भागों में मनाना देश के लिए प्यार और सम्मान दिखाने का एक शानदार तरीका है। यह हमारे दिल में अपने देश के लिए प्यार को जिंदा रखने का एक तरीका है।

राष्ट्र की सेवा के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करें 

स्वतंत्रता दिवस समारोह युवा मन को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित करने के लिए प्रेरित करने का एक तरीका है जैसा कि पहले की पीढ़ियों के लोगों ने किया था। स्वतंत्रता सेनानियों के वीरतापूर्ण कार्य और उनके देश के प्रति प्रेम और समर्पण युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना जगाते हैं और वे जिस भी तरह से चाहें राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित होते हैं।

इस प्रकार, विभिन्न कारणों से स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। सटीक होने के लिए, देशभक्ति की भावना को जीवित रखने के लिए दिन मनाया जाता है और साथ ही साथ स्वतंत्रता की भावना का आनंद लिया जाता है। स्वतंत्रता दिवस हमारे देश में एक राष्ट्रीय अवकाश है और इस प्रकार निकट और प्रियजनों के साथ बंधन और एक साथ दिन मनाने का भी समय है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध, independence day essay in hindi, (600 शब्द)

भारत में स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। देश लगभग 200 साल पहले से ही अंग्रेजों के शासन के अधीन था, अंत में यह उनके चंगुल से खुद को मुक्त कर लिया और एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। 15 अगस्त तब से आजादी का जश्न मनाने का दिन बन गया है। यह उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि के रूप में भी मनाया जाता है जिन्होंने हमें जीने के लिए एक बेहतर जगह देने के लिए अपना जीवन लगा दिया।

यह भारत के प्रत्येक नागरिक द्वारा बड़े उत्साह और साहस के साथ मनाया जाता है क्योंकि स्वतंत्रता दिवस उनके लिए बहुत मायने रखता है और बहुत महत्वपूर्ण है। यहां बताया गया है कि यह स्कूलों, कॉलेजों के साथ-साथ पूरे देश में कैसे मनाया जाता है और देश के छात्रों और नागरिकों के लिए इसका क्या महत्व है:

स्कूलों / कॉलेजों में स्वतंत्रता दिवस समारोह:

चूंकि 15 अगस्त एक राष्ट्रीय अवकाश है, इसलिए देश के अधिकांश स्कूलों और कॉलेजों में स्वतंत्रता दिवस समारोह एक दिन पहले आयोजित किया जाता है। देश के कई स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में पूर्ण स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जाता है।

देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण, भाषण, वाद-विवाद और क्विज प्रतियोगिताओं, नृत्य, कविता पाठ और विभिन्न अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां शामिल हैं। छात्र इन गतिविधियों के बारे में रोमांचित होते हैं और पूरे मन से उनमें भाग लेते हैं। प्राथमिक विंग के छात्रों को स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में कपड़े पहने हुए भी देखा जाता है। ये गतिविधियाँ छात्रों को उनकी जड़ों के करीब ले जाती हैं और उन्हें देशभक्ति की भावना से भर देती हैं जो अन्यथा इस पीढ़ी में गायब है।

कार्यालयों में स्वतंत्रता दिवस समारोह:

स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले कार्यालयों में उत्सव भी मनाया जाता है। कार्यालयों में, कर्मचारियों को आमतौर पर स्वतंत्रता दिवस की थीम के साथ रखने के लिए भगवा, सफेद या हरे रंग की पोशाक पहनने के लिए कहा जाता है। लोगों को उल्लिखित रंगों में जातीय कपड़े पहने देखा जाता है और पूरा वातावरण जगमगा उठता है।

देशभर के कई कार्यालयों में ध्वजारोहण किया जाता है। कर्मचारियों के बीच बंधन को मजबूत करने के लिए विशेष लंच आयोजित किए जाते हैं। त्रि-रंग के चावल और मिठाइयां इन लंच का एक हिस्सा बनते हैं। मौके पर लोग भाषण देने के लिए भी आगे आते हैं। कुछ कार्यालय भावना को जोड़ने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं।

आवासीय क्षेत्रों में स्वतंत्रता दिवस समारोह:

विभिन्न आवासीय क्षेत्रों के निवासी कल्याण संघ इन दिनों स्वतंत्रता दिवस मनाने की पहल करते हैं। लोग अपने सच्चे अर्थों में दिन मनाने के लिए स्वतंत्रता दिवस पर सुबह घंटों के दौरान पास के एक पार्क में इकट्ठा होते हैं। वे स्वतंत्रता दिवस की थीम के अनुसार तैयार होते हैं और कार्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं। उत्सव की शुरुआत में ध्वजारोहण किया जाता है।

ध्वज को फहराने के बाद बजने वाले राष्ट्रगान के सम्मान में लोग ध्यान देने की स्थिति में खड़े होते हैं। इन समारोहों के दौरान देशभक्ति के गाने पूरी मात्रा में बजाए जाते हैं और लोगों को देशभक्ति की भावना में डूबे हुए देखा जाता है। इन आयोजनों के दौरान नृत्य और कविता पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं, जिसमें बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों जैसे कि जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू, भगत सिंह, आदि के रूप में देखा जाता है।

इन प्रतियोगिताओं का पालन ज्यादातर ब्रंच द्वारा किया जाता है। लोग इन आयोजनों के दौरान एक साथ बैठकर भोजन का आनंद लेते हैं। यह एक पड़ोसी के साथ बंधन का एक अच्छा समय है।

पतंगबाजी

हमारे देश के कई हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस पर एक अनुष्ठान के रूप में पतंगबाजी की जाती है। आसमान में स्वतंत्र रूप से उड़ने वाली रंगीन पतंगें आजादी का प्रतीक मानी जाती हैं। पतंगबाजी की गतिविधि का आनंद लेने के लिए लोग अपनी छत पर जाते हैं या पास के मैदान में जाते हैं। वे इस गतिविधि का आनंद लेने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करते हैं। यह बहुत मज़ेदार है। पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताएं भी विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाती हैं और लोग पूरे उत्साह के साथ इनमें भाग लेते हैं।

स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता का जश्न मनाने का दिन है। यह उन महान आत्माओं को याद करने का भी दिन है जो अपने अधिकारों के लिए खड़े हुए और अपने जीवन की परवाह किए बिना लड़े। यह पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध Independence Day Essay in Hindi

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध Independence Day Essay in Hindi

इस लेख में आप 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध Independence Day Essay in Hindi हिन्दी में पढ़ेंगे।

भारत का स्वतंत्रता दिवस (Independence Day in India) 15 अगस्त प्रत्येक भारतीय नागरिक के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। यह बेहद गर्व और देशभक्ति का दिन है क्योंकि हम वर्षों के संघर्ष और बलिदान के बाद हासिल की गई आजादी का जश्न मनाते हैं। 

इस शुभ दिन पर, हम उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिए अथक संघर्ष किया। 

Table of Content

भारत के स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: स्वतंत्रता की यात्रा पर चिंतन (Independence Day Essay in Hindi)

एक निबंध में, कोई स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न चरणों, विभिन्न नेताओं के योगदान और भारतीय समाज पर स्वतंत्रता आंदोलन के प्रभाव का पता लगा सकता है। यह उस समय के सामाजिक-राजनीतिक माहौल और उन कारकों का विश्लेषण करने का अवसर प्रदान करता है जो अंततः स्वतंत्रता की जीत का कारण बने।

यह हमारे इतिहास में गर्व की भावना पैदा करने में मदद करता है और उन घटनाओं के बारे में आलोचनात्मक सोच और विश्लेषण को प्रोत्साहित करता है जिन्होंने हमारे राष्ट्र को आकार दिया।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम: भारत का स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) का इतिहास (History of Independence Day in India)

भारतीय उपमहाद्वीप ब्रिटिश साम्राज्य के लिए धन और शक्ति का एक आकर्षक स्रोत बन गया, संसाधनों का शोषण और भारतीय संस्कृति और अधिकारों का दमन तेज हो गया।

स्वतंत्रता के लिए एकीकृत संघर्ष, अहिंसक प्रतिरोध, सविनय अवज्ञा आंदोलनों और सशस्त्र विद्रोहों के माध्यम से, भारतीयों ने ब्रिटिश शासन से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की।

भारत के स्वतंत्रता दिवस का महत्व (Importance of Independence Day in India)

यह उन मूल्यों और सिद्धांतों की एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है जिनके लिए हमारे पूर्वजों ने संघर्ष किया था, और हमें एक अधिक समावेशी और साथ ही सामंजस्यपूर्ण समाज के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

भारत का स्वतंत्रता दिवस उत्सव मनाना: परंपराएँ और रीति-रिवाज (Independence Day Celebration in India)

भारत का स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। दिन की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहराने से होती है, उसके बाद राष्ट्रगान गाया जाता है। 

तिरंगा – केसरिया, सफेद और हरा – सड़कों, इमारतों और सार्वजनिक स्थानों को सुशोभित करता है, जो भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है।

स्कूल, कॉलेज और सरकारी संस्थान सांस्कृतिक कार्यक्रम, ध्वजारोहण समारोह और भाषण आयोजित करते हैं जो स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। 

लोग परेड, देशभक्ति गीत और नृत्य प्रदर्शन और विभिन्न अन्य गतिविधियों में भाग लेते हैं जो भारत की समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करते हैं। यह दिन उन उत्कृष्ट नागरिकों को सम्मानित करने का भी अवसर है जिन्होंने राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत का सम्मान (Honoring The Legacy of Freedom Fighters)

भारत का स्वतंत्रता दिवस उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का एक उपयुक्त अवसर है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। 

ऐसे ही एक प्रेरक स्वतंत्रता सेनानी हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी। अहिंसा और सविनय अवज्ञा का उनका दर्शन लाखों भारतीयों को पसंद आया, जिससे स्वतंत्रता संग्राम में व्यापक मदद मिली। 

अन्य उल्लेखनीय स्वतंत्रता सेनानियों में भगत सिंह , नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और सरोजिनी नायडू सहित कई अन्य शामिल हैं। उनमें से प्रत्येक ने हमारे राष्ट्र की नियति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इन स्वतंत्रता सेनानियों ने न केवल ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और समाज के कई वर्गों के उत्थान का भी भार उठाया।

प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और उनका योगदान (Contribution of Freedom Fighters)

अमर क्रांतिकारी भगत सिंह ने अपने लेखन और अंग्रेजों के खिलाफ अवज्ञा के कार्यों के माध्यम से युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 23 वर्ष की छोटी उम्र में उनके सर्वोच्च बलिदान ने एक पूरी पीढ़ी को स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, जिन्हें झाँसी की रानी भी कहा जाता है, भारतीय महिलाओं की अदम्य भावना का प्रतीक हैं। उन्होंने 1857 के विद्रोह के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में निडर होकर अपने सैनिकों का नेतृत्व किया और साहस और महिला शक्ति का प्रतीक बन गईं।

साहस और बलिदान की प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories of Courage and Sacrifice)

भारत की आज़ादी का संघर्ष साहस, बलिदान और लचीलेपन की अनगिनत कहानियों से भरा हुआ है। ये कहानियाँ उन भारतीयों की अटूट भावना के प्रमाण के रूप में काम करती हैं जिन्होंने आज हम जिस स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं उसके लिए सभी बाधाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

ऐसी ही एक कहानी है भगत सिंह की, जिन्होंने दमनकारी रोलेट एक्ट के विरोध में 1929 में अपने साथियों के साथ मिलकर सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली (केन्द्रीय विधान सभा) में बम फेंका था। पकड़े जाने और मौत की सज़ा सुनाए जाने के बावजूद, भगत सिंह ने अद्वितीय बहादुरी के साथ फांसी का सामना किया और उस उद्देश्य के लिए शहादत दी।

एक और प्रेरणादायक कहानी ब्रिटिश भारतीय सेना के एक सैनिक मंगल पांडे की है, जिन्होंने जानवरों की चर्बी वाले नए राइफल कारतूसों का उपयोग करने से इनकार करके विद्रोह की ज्वाला भड़का दी थी। 1857 में उनके अवज्ञा के कार्य ने अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय विद्रोह की शुरुआत को चिह्नित किया।

स्वतंत्रता के लिए अपनी परिस्थितियों से ऊपर उठकर संघर्ष करने वाले सामान्य पुरुषों और महिलाओं की ये और अनगिनत अन्य कहानियाँ हर भारतीय को प्रेरित करती हैं और गर्व की भावना पैदा करती हैं।

देश के विभिन्न हिस्सों में भारत का स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Events in Different States of India)

भारत विविध संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं का देश है और भारत के स्वतंत्रता दिवस का उत्सव इस विविधता को दर्शाता है। देश के प्रत्येक क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाने का अपना अनूठा तरीका है।

राजधानी दिल्ली में, प्रधानमंत्री प्रतिष्ठित लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र को संबोधित करते हैं। इस कार्यक्रम में देश भर से हजारों लोग शामिल होते हैं और इसका टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया जाता है।

15 अगस्तभारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की जन्मस्थली कोलकाता में, समारोह का मुख्य आकर्षण विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों द्वारा आयोजित भव्य जुलूस है। जुलूस संगीत, नृत्य और कलात्मक प्रदर्शन के माध्यम से बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है।

हिंदी में स्वतंत्रता दिवस: राष्ट्रभाषा का संरक्षण (Significance of Hindi Language in Independence Day)

हिंदी को बढ़ावा देना और संरक्षित करना अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को कमजोर करने के बारे में नहीं है, बल्कि एकता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि हर भारतीय एक दूसरे के साथ संवाद कर सके और जुड़ सके। 

निष्कर्ष: स्वतंत्रता और एकता की भावना को अपनाना (Embracing the Spirit of Independence and Unity)

आइए हम एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने का प्रयास करें जो उन आदर्शों को कायम रखे जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने लड़ाई लड़ी – एक ऐसा राष्ट्र जो समावेशी, प्रगतिशील और एकजुट हो।

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध : Essay on Independence Day in Hindi

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Essay on Independence Day in Hindi | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में,  essay of independence day in hindi, format, examples.

Essay on Independence day in Hindi – In this article we will discuss an essay on Independence Day in Hindi in detail. Independence day is one of our three national festivals (Republic Day, Independence Day, and Gandhi Jayanti), so we should all be fully aware of Independence Day. With the help of this article on Independence Day, a student can answer any question related to the occasion.

This article on Independence Day of India which falls on 15th August has been written in Hindi. The information given by us in this article will be helpful for students to prepare the topic well. इस लेख में हम स्वतंत्रता दिवस के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे। स्वतंत्रता दिवस का पर्व हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है। यह हमारे तीन राष्ट्रीय पर्वों (गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जयंती) में से एक है, अतः हम सभी को स्वतंत्रता दिवस के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको कभी भी, कोई भी, किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार का प्रश्न कर सकता है। आशा करते हैं कि हमारे द्वारा जो जानकारी इस लेख में दी गई है वह आपके सही प्रश्नों का हल जानने में सहायक सिद्ध होगी।

सामग्री (Content)

स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास, स्वतंत्रता प्राप्ति तक के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल, स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान, स्वतंत्रता से पहले स्वतंत्रता दिवस, सर्वप्रथम झंडा वंदन, स्वतंत्रता दिवस का समारोह, स्वतंत्रता दिवस पर खतरा, नए दौर में स्वतंत्रता दिवस के मायने.

  आओ हम सब मिलकर आज़ादी का पर्व मनाये, आज़ादी के इस पर्व से पूरे विश्व में भारत की एक अलग पहचान बनाए।।

भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक हमारा स्वतंत्रता दिवस है, इसी दिन 200 साल की गुलामी के बाद ब्रिटिश शासन से भारत को आज़ादी मिली थी।  हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिये आज़ादी हासिल की। आज हम स्वतंत्रता और उसकी शांतिपूर्ण खुली हवा का आनंद ले रहे हैं, जिस शांति का अनुभव हम महसूस करते है, इस शांति और ख़ुशी के लिए ना जाने कितने देशवासियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। स्वतंत्रता दिवस पर पूरे भारत वर्ष में प्रत्येक विद्यालय, कार्यालय, गांव और नगर में समारोह आयोजित होते हैं। मुख्य समारोह दिल्ली के लाल किले पर आयोजित होता है। भारतवासी स्वतंत्रता का मूल्य समझते हैं। अतः यह त्यौहार सारे भारतवासियों द्वार मिलकर हर्ष उल्लास से मनाया जाता है।

  Top  

  • भारत का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। इस लंबे इतिहास में ऐसे कई विदेशी आक्रमणों का सामना करना पड़ा। अधिकतर विदेशी आक्रमणकारी यहां रहने के दौरान भारतीय सभ्यता संस्कृति में इस तरह घुल मिल गए मानो वे यही के मूल निवासी हो। विदेशी आक्रमणकारियों के आगमन एवं यहां की सभ्यता संस्कृति में घुल-मिल जाने का सिलसिला मध्यकालीन मुगलों के शासन तक चलता रहा। 18 वीं सदी में जब अंग्रेजों ने भारत के कुछ हिस्सों पर अधिकार जमाया तो पहली बार यहां के लोगों को गुलामी का एहसास हुआ था।
  • अंग्रेजों के द्वारा भारत पर कब्ज़ा किए जाने के बाद हम लोगो को अपने ही देश में गुलामों की तरह जीवन जाना पड़ रहा था। हमारे पास धन, अनाज, ज़मीन सब कुछ होने के बावज़ूद भी किसी भी वस्तु पर हमारा कोई अधिकार नहीं था। हम अपने खेत होते हुए भी अपनी जरुरत के हिसाब से खेती नहीं कर सकते थे और उसके ऊपर अंग्रेज़ मनमाना लगान वसूलते थे। जब-जब भी उनका विरोध करने का किसी ने साहस दिखाया तब-तब अंग्रेजों ने हमारी आवाज़ को दबाने के लिए बहुत ही क्रूर हत्कंडे अपनाए। इसका एक बहुत भयावह उदाहरण जलियांवाला बाग हत्याकांड था।
  • अंग्रेज़ी सरकार की प्रताड़ना और अत्याचारों की कहानियों की कमी नहीं है और न ही कमी है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साहस पूर्ण आंदोलनों की, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हर अत्याचार का विरोद्ध किया और उनके ही अथक प्रयासों का ये नतीजा है कि आज अंग्रेज़ी हुकूमत हमारे लिए एक इतिहास है। अंग्रेजों ने हम पर अनगिनत अत्याचार किए और हमें लूटा, जिसका एक उदाहरण कोहिनूर हीरा भी है, जो आज उनकी रानी की ताज कि शोभा बढ़ा रहा है।
  • लेकिन हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर आज भी सबसे कुलीन और पवित्र है और शायद यही वजह है कि आज भी हमारे देश में अतिथियों को देवताओं की तरह पूजा जाता है और जब-जब अंग्रेज़ भारत आएँगे हम उनका स्वागत करते रहेंगे, लेकिन साथ ही इतिहास को भी स्मरण रखेंगे।

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अंग्रेज़ों का भारत आगमन – एक समाय था जब भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था। इसी बात से आकर्षित हो कर 17वीं शताब्दी में अंग्रेज़ व्यापार करने का इरादा लेकर भारत आए, उस समय भारत पर मुगलों का शासन था। धीरे-धीरे अंग्रेजों ने व्यापार के बहाने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाना आरम्भ किया और कई राजाओं को धोखे से युद्ध में हरा के उनके क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया। 18वीं सदी तक ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से अपना वर्चस्व स्थापित कर, अपने आस-पास के क्षेत्रों को भी अपने अधीन कर लिया।

पूरे भारत पर अधिकार – ईस्ट इंडिया कंपनी के फैलते वर्चस्व से हमें एहसास हो चुका था कि हम  अंग्रेज़ों के गुलाम बन चुके हैं। शुरू-शुरू में अंग्रेजों ने हमें शिक्षित करने या हमारे विकास का हवाला देकर हम पर अपनी चीज़ों को थोपना शुरू किया। हमें शिक्षित करने के पीछे भी उनकी मंशा कम वेतन पर काम करने वाले कर्मचारियों का निर्माण करना था। धीरे-धीरे अंग्रेज़ी सरकार ने पुरे भारत पर अपना अधिकार स्थापित कर दिया।

अंग्रेज़ों द्वारा अत्याचार – अंग्रेजों ने भारतीयों का न केवल शारीरिक रूप से शोषण किया बल्कि वे भारतीयों को कई तरह से मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया करते थे। इस दौरान कई युद्ध भी हुए, जिसमें सबसे प्रमुख था द्वितीय विश्व युद्ध, जिसके लिए अंग्रेज़ों ने भारतियों को सेना में जबरन भर्ती किया। भारतीयों का अपने ही देश में कोई अस्तित्व नहीं रह गया था, भारतीय केवल उनके दास मात्र बन के रह गए थे। अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे नरसंहार को भी अंजाम दिया था।

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी और भारतीय मुस्लिम लीग जैसे दलों की स्थापना – अंग्रेज़ों के इन अत्याचारों से तंग आकर इस संघर्षपूर्ण वातावरण के बीच 28 दिसम्बर 1885 को 64 व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। जिसमें दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम की महत्वपूर्ण भूमिका रही और धीरे-धीरे क्रान्तिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया जाने लगा, और लोग बढ़ चढ़कर अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ पार्टी में भाग लेने लगे। इसी क्रम में भारतीय मुस्लिम लीग की भी स्थापना हुई। ऐसे ही कई दल सामने आये और उनके अतुल्य योगदान और बलिदान का ही नतीज़ा है कि हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जिसके लिए कई वीरों ने गोली खाई और न जाने कितने वीर फाँसी पर झूल गए, ना जाने कितनी माँओं ने अपने लाल खोए और ना जाने कितनी अभागिने जवानी में ही विधवा हो गई।

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सांप्रदायिक दंगे और भारत का बंटवारा – ना जाने कितने संघर्ष और बलिदानों के बाद अंग्रेज़ तो भारत को छोड़ कर चले गये और हम आज़ाद भी हो गए, परंतु एक और जंग को अभी देखना बाकी था। वो थे – सांप्रदायिक हमले। स्वतंत्रता प्राप्त करते ही सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी, नेहरू और जिन्ना दोनों को प्रधानमंत्री बनना था, नतीज़न देश का बटवारा हुआ। भारत और पाकिस्तान – नाम से एक हिंदू और एक मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना हुई। इन दंगों में मरने वालों कि तादात लाखों की थी। एक तरफ आज़ादी का माहौल था, तो वहीं दूसरी ओर नर-संहार का मंज़र। देश का बटवारा हुआ और क्रमशः 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया।

स्वतंत्र भारत व आजादी का पर्व – इन सब घटनाओं के पश्चात हम हर वर्ष, स्वतंत्रता दिवस को अपने अमर वीर जवानों एवं दंगे में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में मनाते हैं। आज़ादी के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले अमर जवानों की कोई निश्चित गणना नहीं है, क्योंकि इसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब शामिल थे। पूरा देश एक जुट था तब जाकर ये सपना साकार हुआ। हाँ, कुछ प्रमुख देश भक्त ज़रूर थे जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जिनके नेतृत्व में पूरा देश आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़ा था, जैसे की भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरू, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस इत्यादि। महिलाएं भी इस काम में पीछे न थीं, जैसे कि एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू, रानी लक्ष्मीबाई व कई अन्य।

  • हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का आज़ादी के लिए संघर्ष में अतुल्य योगदान रहा है। अपनी मातृभूमि को अंग्रेज़ों के चंगुल से स्वतंत्र कराने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले बहुत से वीरों को जेल की सलाखों के पीछे नरक तुल्य जीवन व्यतीत करना पड़ा था। अधिकतर को काला पानी की सजा भी दी गई थी। आज़ादी का यह संघर्ष वर्ष 1947 तक चला।
  • महात्मा गाँधी ने सबको सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया और वह अहिंसा का ही असर था, जो सबसे बड़े हथियार के रूप में उभरा और कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति के जीवन में भी उम्मीद के दीपक जलाए। गाँधी जी ने देश से कई कुप्रथाओं को हटाने के अथक प्रयास किये और सभी तबकों को एक-साथ लाया, जिसकी वजह से यह लड़ाई और आसान हो गई।
  • साइमन कमीशन के विरोध में सब शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच अंग्रेजों ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया और इसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इससे आहत होकर भगत सिंह, सुख देव, राजगुरू ने सांडर्स की हत्या कर दी और बदले में इन्हें फ़ाँसी की सजा हुई और वे हंसते-हंसते फ़ाँसी की तख्त पर चढ़ गये।
  • आजादी के इस संघर्ष के अनगिनत नायकों में मंगल पांडे, महारानी लक्ष्मीबाई, तात्याटोपे, कुंवर सिंह, राम प्रसाद, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, खुदीराम बोस, महात्मा गाँधी, लाल बहादुर शास्त्री, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, जय प्रकाश नारायण, अब्दुल कलाम आजाद इत्यादि का विशेष योगदान था।

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लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पंडित नेहरु की अध्यक्षता में कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गई थी कि यदि 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन अर्थात स्व-शासित राज्य (Dominion State) नहीं बनाया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र मान लेगा। लेकिन, जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नही दिया गया तो कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। इस तरह के स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन भारतीय नागरिकों के बीच राष्ट्रवादी ईधन झोंकने के लिये किया गया व स्वतंत्रता देने पर विचार करने के लिए ब्रिटिश सरकार को मजबूर करने के लिए भी किया गया। कांग्रेस ने 1930 और 1950 के बीच 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। इसमें लोग मिलकर स्वतंत्रता की शपथ लेते थे। जवाहरलाल नेहरू ने अपनी आत्मकथा में इनका वर्णन किया है कि ऐसी बैठकें किसी भी भाषण या उपदेश के बिना, शांतिपूर्ण व गंभीर होती थीं। 1947 में वास्तविक आजादी के बाद, भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया, तब के बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में।

सर्वप्रथम 15 अगस्त 1947 के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी ने लाल किले के केलाहोरी गेट के ऊपर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। इसकी शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, जिसके चलते प्रत्येक वर्ष हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं, 200 साल की ब्रिटिश समाज की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को का दिन हमारे देश का सबसे स्वर्णिम दिन कहा जाता है।

पूरे भारत में अनूठे समर्पण और अपार देश-भक्ति की भावना के साथ स्‍वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। स्वतंत्र भारत में इस पर्व को मनाने के तरीके अलग-अलग हैं। हफ्ते भर पहले से बाजारों में रौनक आ जाती है, कहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है, तो कहीं तीन रंगों की लाइटें। ऐसा प्रतीत होता है जैसे पूरा समा ही मानो इन रंगों मे समा गया हो। हर तरफ खुशी का माहौल होता है। हर कहीं देश-भक्ति गीतों की झनकार सुनाई पड़ती है। पूरा देश नाचते-गाते इस उत्सव को मनाता है। लोग खुद भी झूमते हैं और दूसरों को भी थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। पूरा देश एक जुट हो जाता है वो भी ऐसे, कि क्या हिंदू क्या मुसलमान, कोइ भेद ही नज़र नहीं आता। इस दिन हमारे देश में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। स्वतंत्रता दिवस पूरे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के 1 दिन पहले राष्ट्रपति जी राष्ट्र के नाम संबोधन में भाषण देते हैं। 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जी लाल किले पर झंडा फहराते हैं, और तोपों की सलामी दी जाती है।  स्वतंत्रता दिवस के दिन उन देशभक्तों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने देश को स्वतन्त्र कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री जी अपना भाषण देते हैं। उस भाषण में देश की उपलब्धि और सामाजिक मुद्दों और विकास के बारे में बताया जाता है। इस दिन ध्वजारोहण, राष्ट्रगान, परेड समारोह, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। ध्वजारोहण भारत के सभी सरकारी, गैर सरकारी विद्यालय, महाविद्यालय सभी जगह पर होता है और सभी जगहों को रोशनी और फूलों से सजाया जाता है और मिठाइयाँ बांटी जाती हैं।

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स्वतंत्रता दिवस मनाने के दौरान खतरों का डर रहता है, जिसमें आतंकवाद का डर सबसे प्रमुख है। इसलिए इस दिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी की कड़ी सुरक्षा के साथ-साथ  दिल्ली, मुंबई और जम्मू कश्मीर जैसे अन्य बड़े शहरों को हमलों से बचाने के लिए तथा लाल किले पर ‘नो फ्लाई जॉन’ घोषित कर दिया जाता है, सुरक्षा की वजह से पूरे देश में पुलिस बल को तैनात किया जाता है। देश भले ही स्वतंत्र हो गया हो, पर ब्रिटिश राज्य के धार्मिक आधार के कारण भारत का विभाजन हुआ, जिसके कारण भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ। भारत के विभाजन के बाद देश में हिंसक दंगे भड़के और सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएँ होने लगी। देश के बंटवारे में आतंकवाद को जन्म दिया। जिसका असर आज हमारा देश और हम सभी भारतवासी सह रहे हैं।

स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी हर वर्ष बड़ी धूम-धाम से की जाती है, लाल किले पर हर वर्ष हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी तिरंगा फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्र गान एवं उनके भाषण के साथ कुछ देश-भक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं, जिनका आनंद हम वहाँ प्रस्तुत हो कर या घर बैठे-बैठे वहाँ के सीधे प्रसारण द्वारा ले सकते हैं। हर वर्ष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किसी अन्य देश से बुलाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इस मौके पर सारे स्कूल, कॉलेज, कार्यालय बंद रहते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जिसे पूरा देश एक जुट हो के मनाता है, बस सबके ढ़ग अलग-अलग होते हैं। कोई नई पोशाक पहन के तो कोई देश-भक्ति गीतों को सुन के इस दिन को मनाता है। आज के दौर में स्वतंत्रता दिवस मनाने के माइनो को बदलने की भी आवश्यकता है क्योंकि आज हम भले ही अंग्रेज़ी हुकूमत से आज़ाद हैं, परन्तु आज भी ऐसी बहुत सी कुरीतियाँ जैसे – दहेज़ प्रथा, घरेलु हिंसा, बाल शोषण, देह व्यापार इत्यादि, हमारे समाज में फैली हैं जिनसे आज़ाद होना अभी भी बाकी है। हमें आने वाले स्वतंत्रता दिवस पर समाज की इन कुरीतियों का नाश करने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए, और इन कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने का प्रयास जारी रखना चाहिए। हमें आज़ादी दिलाने के लिए न जाने कितने वीर-वीरांगनाओं ने अपने जान की आहुति दी है। हमें उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं गवांना चाहिए, बल्कि उन्होंने जिस भारत का सपना देखा था हमें उस सपने को साकार करने का प्रयास करना चाहिए।

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यह पर्व हमें अमर वीरों के बलिदान के साथ-साथ इतिहास को न भूलने का स्मरण कराता है, ताकि दोबारा किसी को व्यापार के बहाने शासन का मौका न दिया जाए। 15 अगस्त का दिन हम हिंदुस्तानियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, हमें उन शहीदों के प्रति नतमस्तक होकर श्रद्धा के साथ शीश झुकाना चाहिए। जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाई। हमारा कर्तव्य बनता है कि हम ऐसे कार्य करें जिससे हमारे देश का नाम रोशन हो इसके लिए हमें देश के कुछ खतरनाक रोग जैसे घुस, जमाखोरी, कालाबाजारी, भ्रष्टाचार इत्यादि को खत्म करना होगा ताकि देश के लिए जिन्होंने अपनी आहुति दी वह व्यर्थ ना जाए। वे शहीद जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाई उनका हम तहे दिल से सम्मान करते हैं उनको हमेशा याद करते रहेंगे। वे हमेशा ही हमारे दिलों में बसे रहेंगे। वह आज भी हमारे देश के नौजवानों में एक नई ऊर्जा का संचार करते हैं। भले ही स्वतंत्रता दिवस मनाने के सबके तरीके अलग हों, मकसद एक ही होता है। सब मिल-जुल कर एक दिन देश के लिए जीते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं और मित्रों को मुबारक बाद देते हैं। देश की एकता, स्वतंत्रता और अखंडता की रक्षा के लिए हमें भी हर समय तैयार रहना चाहिए। हमें हर उस व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए, हर उस माँ का सम्मान करना चाहिए जिनके बेटे देश की सेवा में लगे हुए हैं।

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15 August Essay In Hindi

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Table of Contents

15 August Essay: India’s Independence Day, celebrated on 15th August each year, holds a special place in the hearts of every Indian. It marks the day when India finally gained its freedom from British colonial rule. This day marks the historic moment when India gained independence from British colonial rule in 1947. To commemorate this momentous event, one should be aware of the importance of Independence Day. We have shared a few sample essays of different lengths to help you express your thoughts about this remarkable day and help you with essay writing.

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15 August Essay

15 august essay 1 – 150 words.

15th August is a day that fills every Indian with pride and patriotism. It commemorates the moment when our nation shook off the chains of British colonialism and became a free and sovereign country. On this day in 1947, India’s first Prime Minister, Jawaharlal Nehru, hoisted the tricolor flag at the Red Fort in Delhi, symbolizing our newfound independence.

Independence Day is not just a public holiday; it’s a day of reflection and gratitude. We remember the sacrifices made by countless freedom fighters who struggled for our freedom. It’s a day to celebrate the values of democracy, diversity, and unity that define our great nation.

On this day, people across India come together to hoist the national flag, sing the national anthem, and participate in various cultural events and parades. The tricolor flag, with its saffron, white, and green stripes, represents our diversity, peace, and courage.

Independence Day is a time to reaffirm our commitment to building a strong, prosperous, and inclusive India. It reminds us that our freedom comes with the responsibility to uphold the principles of justice, equality, and liberty for all.

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15 August Essay 2 – 250 Words

Independence Day, celebrated on 15th August, holds immense historical and emotional significance for the people of India. It marks the culmination of a long and arduous struggle for freedom that spanned several decades.

The story of India’s independence is one of courage, sacrifice, and unity. Countless freedom fighters, led by leaders like Mahatma Gandhi, Jawaharlal Nehru, Sardar Patel, and Subhas Chandra Bose, dedicated their lives to the cause of liberating our nation from British colonial rule. The culmination of their efforts came on 15th August 1947 when India finally achieved independence.

On this day, the entire nation comes together to celebrate its freedom. The most iconic celebration takes place at the Red Fort in Delhi, where the Prime Minister hoists the national flag and delivers a speech to the nation. People from all walks of life gather to witness this historic event and celebrate the spirit of freedom.

Independence Day is not just a day of celebration; it is also a day of reflection. It reminds us of the values that our nation was built upon—values of democracy, diversity, and inclusivity. It is a day to honor the principles of justice, equality, and freedom for all.

In schools, colleges, and communities, people hoist the national flag, sing the national anthem, and participate in cultural programs. The tricolor flag, with its saffron symbolizing courage, white symbolizing peace, and green symbolizing growth, serves as a symbol of our identity and aspirations.

As we celebrate Independence Day, we also pay tribute to the sacrifices of our freedom fighters and express our gratitude for the peace and democracy we enjoy today. It is a day to renew our commitment to building a stronger, more prosperous, and inclusive India.

15 August Essay 3 – 300 Words

Independence Day, celebrated on 15th August, is one of the most significant national holidays in India. This day marks the end of British colonial rule in 1947 and the birth of a free and independent India. The importance of Independence Day lies in its role as a symbol of our hard-fought struggle for freedom and the values we hold dear as a nation.

On Independence Day, the entire country comes together in celebration. The day begins with the hoisting of the national flag at various government buildings, schools, and public places. The tricolor flag, with its saffron, white, and green stripes, stands as a proud emblem of our nation’s unity and diversity.

Patriotic fervor fills the air as people gather to sing the national anthem, “Jana Gana Mana.” Cultural events, parades, and processions are organized across the country to showcase India’s rich heritage and diversity. These celebrations remind us of the unity in diversity that defines our nation.

Independence Day also serves as a reminder of our responsibility to protect and uphold the values of democracy, justice, and equality. It’s a time to reflect on the progress we’ve made as a nation and the challenges that lie ahead. It calls upon every citizen to contribute to the growth and development of our country.

Moreover, Independence Day is a day of tribute to our brave freedom fighters who sacrificed their lives for our freedom. Their unwavering dedication and sacrifices continue to inspire us to strive for a better India.

In conclusion, Independence Day is not just a day off from work or school; it’s a day of reflection, celebration, and commitment to the ideals that make India a thriving democracy. It’s a day to cherish our freedom, honor our heritage, and work together for a brighter future.

15 August Essay 4 – 500 Words

Independence Day: Celebrating Freedom on 15th August

India, the land of diverse cultures, languages, and traditions, celebrates its Independence Day on the 15th of August with great pride and enthusiasm. This day holds immense significance in the hearts of every Indian as it marks the end of British colonial rule and the dawn of a new era of freedom and self-governance.

The story of India’s struggle for independence is a saga of unwavering determination, sacrifice, and unity. For nearly two centuries, the Indian subcontinent endured the hardships of British colonialism. However, the spirit of resistance against foreign rule never wavered. Brave souls like Mahatma Gandhi, Jawaharlal Nehru, Sardar Patel, and countless others led the nation’s fight for freedom. Their dedication, non-violent protests, and sacrifices eventually led to the momentous day of 15th August 1947 when India finally achieved independence.

Independence Day is celebrated with great fervor and patriotism throughout the country. The day begins with the hoisting of the tricolor national flag at schools, government offices, and public places. The national anthem, “Jana Gana Mana,” resonates in the air as people gather to sing it with pride. This moment symbolizes the unity and diversity of India, as people from different backgrounds come together to honor their motherland.

Cultural diversity is one of India’s greatest strengths, and Independence Day celebrations reflect this beautifully. Cultural programs, parades, and processions take place in various parts of the country. These events showcase India’s rich heritage, traditions, and artistic expressions. People of all ages participate, donning traditional attire and performing folk dances, songs, and plays that highlight the cultural mosaic of India.

Independence Day is not just a day to remember the past; it’s an occasion to reflect on the values and principles that our nation stands for. Democracy, justice, equality, and freedom are the cornerstones of India’s identity. This day serves as a reminder of our collective responsibility to protect and uphold these principles in our daily lives.

Moreover, Independence Day is an opportunity to express gratitude to the countless freedom fighters who sacrificed their lives for the nation’s freedom. Their unwavering commitment and sacrifices inspire generations to come and remind us that the price of freedom is eternal vigilance.

As the tricolor flag unfurls and patriotic songs echo, the spirit of Independence Day ignites a sense of pride and unity among Indians. It transcends linguistic, regional, and cultural differences, bringing people together as one nation. The celebrations are a testament to the enduring spirit of the Indian people and their commitment to a brighter future.

In conclusion, Independence Day is not just a national holiday; it’s a day of reflection, celebration, and commitment. It’s a day to cherish the hard-earned freedom, honor the sacrifices of our forefathers, and work together for the progress and prosperity of our beloved India. It’s a day when the nation stands tall, united in its diversity, and reaffirms its commitment to the values that define the essence of India.

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FAQs on 15 August Essay

What is the significance of 15th august in india.

15th August is celebrated as Independence Day in India, marking the end of British colonial rule in 1947 and the country's freedom.

Why is 15th August called Independence Day?

15th August is called Independence Day because it commemorates India's independence from British rule and the beginning of self-governance.

How do Indians celebrate Independence Day?

Indians celebrate Independence Day by hoisting the national flag, singing the national anthem, participating in cultural events, and reflecting on the values of freedom and democracy.

Why is the Indian national flag hoisted on Independence Day?

The Indian national flag is hoisted on Independence Day as a symbol of the country's sovereignty and unity.

Why is Independence Day important for Indians?

Independence Day is important for Indians because it serves as a reminder of their hard-fought freedom, the sacrifices of their ancestors, and their commitment to a democratic and just society.

What are some popular Independence Day traditions in India?

Popular Independence Day traditions in India include flag hoisting ceremonies, patriotic songs, cultural programs, and parades.

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15 अगस्त पर निबंध - Essay on 15 August in Hindi - 15 August par Nibandh

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रूपरेखा : प्रस्तावना - भारत की गुलामी का इतिहास - राष्ट्र का सिद्धांत - 15 अगस्त समारोह - सरकारी स्तर पर 15 अगस्त समारोह - अन्य कारणों से महत्त्वपूर्ण दिन - उपसंहार।

15 अगस्त अर्थात वह दिवस जब देश स्वतंत्र हुआ यानी आजाद हुआ था। यह हर भारतीय के लिए एक गर्व की बात है क्योंकि 15 अगस्त सन 1947 में भारत देश आज़ाद हुआ था और इस आज़ादी के पीछे रिपोर्ट के अनुसार लगभग 25 लाख भारतीयों ने कुर्बानी दी थी तब जाकर भारत आज़ाद देश कहा जाने लगा।

15 अगस्त यानी 15 अगस्त के दिन सभी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी होती है और विद्यालयों और स्कूलों में कार्यक्रम रखा जाता है जिसमें देशभक्ति गीत तथा अभिनय भी किया जाता है तथा किसी मुख्य अतिथि को बुलाकर विद्यार्थियों को संबोधित भी किया जाता है।

15 अगस्त का शुभ दिन भारत के राजनीतिक इतिहास में सबसे अधिक महत्त्व का है। आज ही हमारी सघन कलुप-कालिमाययों दासता की लौह श्रृंखला टूटी थीं। आज ही स्वतंत्रता के प्रभात के दर्शन हुए थे। आज ही दिल्‍ली के लालकिले पर पहली बार यूनियन जैक के स्थान पर सत्य और अहिंसा का प्रतीक तिरंगा झंडा स्वतंत्रता की हवा के झोंकों से लहराया था। आज ही हमारे नेताओं के चिरसंचित स्वप्न चरितार्थ हुए थे। आज ही युगों के पश्चात शंख-ध्वनि के साथ जयघोप और पूर्ण स्वतंत्रता का उद्घोष हुआ था।

भारत आदि से हिन्दू-भूमि रहा है। पृथ्वीराज को परास्त करने के लिए राजा जयचन्द द्वारा विदेशी बादशाह मोहम्मद गौरी की सहायता लेना और पृथ्वीराज ड्रुरा गौरी को 17 बार परास्त करके बंदी न बनाने की ऐतिहासिक भूल ने हिन्दु-भुमि पर इडलाम का शासन स्थापित करवा दिया। मुगलों ने लगभग 1200 वर्ष तक भारत पर शारिवाक इसके बाद कूटनीनिज्ञ अंग्रेजों ने एयाश, विलासी और गद्दी-प्राप्ति के लिए रिक पड़्यंत्रों में संलग्न मुगल सल्तनत को जड़ें खोद कर ब्रिटिश राज्य स्थापित किया।

लगभग 200 वर्ष अंग्रेजों ने भारत में राज्य किया । उन्होंने भारत को एकसूत्र में पिरोकर एकात्मता के दर्शन करवाए। वैज्ञानिक उन्नति से देश को प्रगति-पथ पर अग्रसर किया। "लॉ एण्ड आर्डर"! की आदर्श व्यवस्था प्रस्तुत की। कूटनीति से श्रीलंका और बर्मा को भारत से अलग कर उन्हें स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित किया। बंगाल को भी उन्होंने दो भागों में विभाजित करने की चेष्टा की थी, पर जनमत विरोध के कारण वे उसमें सफल न हो सके।

राजनीतिक दृष्टि से कांग्रेस ने ब्रिटिश राज्य को उखाड़ने के लिए अहिंसात्मक सत्याग्रह आन्दोलनों को अपनाया। क्रांतिकारियों ने सशस्त्र आक्रमणों द्वारा ब्रिटिश राज्य की नींद हराम की। सुभाषचन्द्र बोस द्वारा निर्मित 'आजाद हिन्द फोज' ने सैन्य बल से ब्रिटिश भारत पर आक्रमण किया। भारत स्वतन्त्र तो हुआ, किन्तु अंग्रेजों की कुटनीति, मुसलमानों की हिंसक प्रवृनि तथा कांग्रेस के कर्णधारों के नैतिक हास के कारण, द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के आधार पर विभाजित होकर। ट्वि-राष्ट्र सिद्धांत था मुस्लिम गष्ट्र पाकिस्तान और हिन्दू- राष्ट्र हिन्दुस्तान । 14 अगस्त, 1947 को मुस्लिम-राष्ट्र पाकिस्तान का निर्माण होने पर हो 15 अगस्त, 1947 को यूनियन जैक भारत से उतरा।

15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ। अत: 15 अगस्त भारत का स्वतंत्र जन्म दिवस है। राष्ट्रीय-जीवन में हर्ष और उल्लास का दिन है। स्वतंत्रता की दीर्घायु की कामना का दिन है। इसलिए प्रांतों की राजधानियाँ तथा राष्ट्र की राजधानी दिल्ली राष्ट्रीय ध्वजों से सजाई जाता हैं। सरकारी राष्ट्रीय भवनों को विद्युत दीपों से अलंकृत किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य कार्यक्रम दिल्‍ली के लाल किले पर होता है। प्रातःकाल से ही लोग 'लालकिले 'पर पहुँचना प्रारंभ कर देते हैं । लालकिले के सामने का मैदान और सड़कें खचाखच भरी होती हैं। जन-समूह उमड़ पड़ता है।

प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व समारोह का आँखों देखा हाल सुनाने वालों द्वारा आजादी की लड़ाई तथा ऐतिहासिक चाँदनी चौक के इतिहास पर प्रकाश डाला जाता है । साथ ही ध्वनि-विस्तारक से राष्ट्रीय गीतों ओर धुनों से जन-जन में राष्ट्रीय भावनाएँ जागृत की जाती हैं। प्रधानमन्त्री के आगमन पर स्वतन्त्रता समारोह का शुभारम्भ होता है । जल, थल और नभ, तीनों सेनाओं को सैनिक टुकड़ियाँ तथा राष्ट्रीय छात्र सैन्य दल के छात्र-छात्राएँ सलामी देकर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हैं । सैनिक बैंड अपनी मोहक धुन से स्वागत में माधुय-वृद्धि करता है।

प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर पर पहुँच कर जन-जन का अभिनन्दन स्वीकार करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज को लहराते हैं। ध्वजारोहण पर ध्वज को 31 तोपों की सलामी दी जाती है। प्रधानमंत्री ध्वजारोहण के उपरान्त राष्ट्र के 15 अगस्त की बधाई देते हैं । स्वतंत्रता के लिए न्यौछावर हुए शहोदों को स्मरण करते हैं। देश के कष्टों, कठिनाइयों, विपदाओं को चर्चा कर, उनसे राष्ट्र को मुक्त कराने का संकल्प करते हैं। देश की भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हैं। वर्ष-भर की उपलब्धियों पर हर्ष प्रकट करते हैं । राष्ट्र की शक्ति को निर्बल करने वाले आन्तरिक और बाद्य तत्त्वों पर प्रहार करते हैं । राष्ट्र को शत्रुओं के नापाक इरादों से सावधान करते हैं। भाषण के अन्त में तीन बार 'जयहिन्द' का घोष करते हैं, जिसे लाखों कंठ दुहराते हैं। अन्त में राष्ट्रीय गीत के साथ प्रातः:कालीन समारोह समाप्त होता है।

15 अगस्त अन्य कारणों से भी महत्त्वपूर्ण दिन है। पॉण्डिचेरी के संत महर्षि अरविन्द का जन्म दिन है। स्वामी विवेकानन्द के गुरु स्वामी रामकृष्णपरमहंस की पुण्य-तिथि है। भारत के सभी प्रान्तों में भी सरकारी स्तर पर यह पर्व मनाया जाता है। प्रभात-फेरियाँ निकलती हैं । मुख्यमंत्री पुलिस-गार्ड की सलामी लेते हैं । राज्य सचिवालयों पर राष्ट्रीय-ध्वज लहराया जाता है, आतिशबाजी छोड़ी जाती हैं और गण्यमान्य नागरिकों को भोज दिया जाता है।

सायंकाल सरकारी भवनों (विशेषकर लालकिले) पर रोशनी की जाती है। आतिशबाजी छोड़ी जाती है । प्रधानमंत्री दिल्‍ली के प्रमुख नागरिकों, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, विभिन्‍न धर्मों के आचार्यो और विदेशी राजदूतों एवं कूटनीतिज्ञों को सरकारी भोज पर निमन्त्रित करते हैं। इस प्रकार यह दिन हँसी-खुशी से बीत जाता है।

15 अगस्त राष्ट्र-स्वातन्त्रय के लिए न्यौछावर हुए शहीदों की याद का दिन है। इस दिन शहीदों की चिताओं के प्रतीक रूप में निर्मित "शहीद ज्योति" का अभिनन्दन किया जाता है। राष्ट्र को परतन्त्रकाल से नेतृत्व प्रदान करने वाले शहीद महात्मा गाँधी की समाधि पर श्रद्धा सुमन चढ़ाकर शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। पन्द्रह अगस्त प्रतिवर्ष आता है और 'हम स्वतन्त्र हैं और स्वतन्त्र रहेंगे', यह भाव जागृत कर चला जाता है । राष्ट्र और राष्ट्रीयवा की हल्की-सी हलचल उत्पन्न कर जाता है । वर्ष में राष्ट्र ने क्या खोया और क्या पाया' का हिसाब प्रस्तुत कर जाता है। थोड़ी देर के लिए ही सही भारतमाता और भारत की स्वतन्त्र-सत्ता के लिए कर्तव्य- भाव जगा जाता है।

आइए, हम राष्ट्र-ध्वज को नमन करें, अपने राष्ट्रीय संकल्प को दुहराएं तथा स्वयं को राष्ट्र के गौरव एवं भारतीय-जन के कल्याण के लिए पुनः समर्पण की प्रतिज्ञा करें।

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Hindi Essay on “Independence Day – 15 August ”, “स्वतन्त्रता दिवस -15 अगस्त”, for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

स्वतन्त्रता दिवस – 15 अगस्त

Independence Day – 15 August 

स्वतन्त्रता दिवस भारतीय इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण दिन था जो कि 15 अगस्त के दिन था। इस महान दिन सन् 1947 में भारत ने आजादी प्राप्त की थी। हमारा देश हमारे हाथों में आया था। और तभी से आजादी की खुशी में हम इस त्योहार को बड़ी खुशी-खुशी मनाते हैं।

आजादी जीवन के लिए बहुत जरूरी है। हमारे देश को आजाद कराने के लिए हमारे कई वीरों ने अपनी जान दे दी। जिनमें भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाषचंद्र बोस, रामप्रसाद बिस्मिल, महात्मा गाँधी इत्यादि महान भारतीयों की वजह से हमें आजादी मिली। 15 अगस्त को अंग्रेजों ने भारत को आजाद कर दिया। तभी से हम इस दिन को बड़े हर्ष के साथ मनाते   हैं।

15 अगस्त का त्योहार भारत के हर राज्य में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। परन्तु विशेष रूप से दिल्ली में इसका मुख्य आयोजन किया जाता है। दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं तथा देश की जनता के सामने अपना भाषण देते हैं, लोगों को देश के प्रगतिशील काय के बारे में बताते हैं तथा लाल किले पर झंडा फहराते हैं।

इस दिन विद्यालयों में भी यह त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है तथा विद्यालयों में भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। आज हमें यह स्वतन्त्रता हमारे वीरों के बलिदान से मिली है। अत: इसकी रक्षा करना हमारा धर्म हैं।

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स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर निबंध - Essay On Independence Day In Hindi

Independence day essay in hindi for school: क्या आप स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में एक अनोखा, प्रभावशाली और दिल को छू लेने वाला निबंध लिखना चाहते हैं 100, 200, 500 शब्दों तक के विभिन्न independence day essay in hindi for school के लिए इस लेख को देखें। .

Akshita Jolly

Independence Day Essay in Hindi for School: 15 अगस्त 1947 को हमारे इस मातृभूमि का पहला स्वतंत्रता दिवस था. आज जिस भूमि को हम अपना आज़ाद वतन मानते हैं उसे आज़ाद हुए 78 वर्ष हो चुके हैं. सोने की चिड़िया से ब्रिटिश कॉलोनी बनने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक बनने का भारत देश का लंबा सफर सराहनीय और विख्यात है. आज हम इस आज़ादी की हवा में सांस ले पा रहे हैं क्यूंकि हमारे पूर्वजों ने हमें यह आज़ादी दिलाने के लिए 200 वर्ष तक संघर्ष किया। इसलिए आजादी का यह जश्न पूरे देश में देशभक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। आज के दिन विद्यार्थियों में विशेष उत्सुकता देखी जाती है. देश भर के स्कूलों में इस अवसर को उत्साह के साथ मनाते हैं. देश के बच्चे और युवा ही इसका भविष्य है. इनमें देशभक्ति की भावना जगाने के लिए निबंध लेखन, स्पीच कॉम्पीटीशन्स, नाटक, पेट्रियोटिक गीत और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमे बच्चे बढ़-चढ़ के हिस्सा लेते हैं. 

इस लेख में, हमने स्कूल स्टूडेंट्स के लिए अंग्रेजी में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध संकलित किया है। ये निबंध 100 से 500 शब्दों तक के हैं। हमने उन छात्रों के लिए अतिरिक्त सामग्री भी प्रदान की है जो अपने निबंध को और लंबा करना चाहते हैं या उसके किसी हिस्से को संशोधित करना चाहते हैं। 

  • Essay on Independence Day in English
  • स्कूल के बच्चो के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण  2024 हिंदी में
  •   Independence Day Essay 2024: Short and Long Essay for School Students!

हिंदी निबंध लेखन टिप्स 

  • अपने निबंध को उद्धरणों, कहावतों, नारों आदि के साथ शुरू से ही दिलचस्प बनाएं।
  • सही व्याकरण के साथ सरल भाषा का प्रयोग करें।
  • अपनी छाप छोड़ने के लिए दिल को छू लेने वाली कहावत, नारा या उद्धरण शामिल करें।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करें कि आपका स्वतंत्रता दिवस निबंध तथ्यात्मक है और इसमें कोई गलत, असत्यापित जानकारी नहीं है।
  • सत्यापित जानकारी प्राप्त करने के लिए जागरण जोश जैसे प्रामाणिक स्रोत का सहारा लें।

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 

  • स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त  2024 पर भाषण - Independence Day Speech in Hindi
  • Independence Day Short Speech in English 2024 for School Students

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 100 शब्दों में 

गूंज रहा है दुनिया में हिंदुस्तान का नारा चमक रहा है आसमान में तिरंगा हमारा!

15 अगस्त, 2024, ब्रिटिश कोलोनिल राज से भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस है. यह एक ऐतिहासिक दिन है और हमारे देशवासियों के बीच देशप्रेम, समर्पण और एकता का प्रतीक है.

स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत दिल्ली के लाल किले पर प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ होती है, जिसके बाद पूरे देश में देशभक्ति समारोह मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के बलिदान को याद करने का समय है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. स्वतंत्रता दिवस हमें भारत माता की उन्नति और प्रगति के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है.

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 200 शब्दों में 

  "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा" - बाल गंगाधर तिलक

15 अगस्त यानि भारतीय स्वतंत्रता दिवस देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। 15 अगस्त 2024 को ब्रिटिश कोलोनियल राज से हमारे देश की आजादी की 78 वीं वर्षगांठ है।

इस दिन को मनाने के लिए पूरा देश एक साथ आता है। माननीय प्रधान मंत्री नई दिल्ली में लाल किले पर भारतीय तिरंगे फहराते हैं। देश के सभी राज्यों में राज्याधिकारी और अन्य नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जो हमारे अंदर एकता और गौरव की भावना का नवनिर्माण करते हैं. 

भारत को 1947 में आजादी मिल गई थी लेकिन इस आजादी की लड़ाई कई वर्षों लंबी और कठिन थी. स्वतंत्रता की इस लड़ाई का नेतृत्व प्रख्यात नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने किया। खून पसीना बहाकर, अपने भविष्य का निःस्वार्थ त्याग कर, अपने जीवन का बलिदान दिया और करोड़ों भारतीयों को ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। स्वतंत्रता दिवस हमारे पूर्वजों के इन बलिदानों की याद दिलाता है। यह हमें अपनी स्वतंत्रता को संजोने और राष्ट्र की भलाई के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह से हमें विविधता में एकता की याद दिलाने के लिए है। यह राष्ट्रवाद की भावना को फिर से जगाने और हमारे देश की वृद्धि और विकास में योगदान देने का समय है।

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 500 शब्दों में

तिरंगा सिर्फ आन या शान नहीं है हम भारतीयों की जान है।

स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक भारतीय के दिल में एक महत्वपूर्ण स्थान है क्यूंकि यह हिन्दुस्तानियों की एकता और अटूट भाईचारे की विजय के साथ चिह्नित है। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद  15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है।

दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और सरोजिनी नायडू जैसे असंख्य नेताओं और सेनानियों की मेहनत और बलिदान को किसी प्रकाश की आवश्यकता नहीं है. देश को इन्हीं वीरों के बलिदान के कारण आजादी मिली, जिन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना आज कुर्बान कर दिया. 

स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत हमारे प्रधान मंत्री द्वारा नई दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रगान और इक्कीस तोपों की सलामी के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने से होती है। इस भव्य समारोह में कई सरकारी अधिकारी, विदेशी गणमान्य, स्कूली छात्र और कई अन्य नागरिक शामिल होते हैं.

ध्वजारोहण के बाद, माननीय प्रधान मंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं और पिछले वर्ष में राष्ट्र की उपलब्धियों को दर्शाते हुए और आने वाले वर्षों के लिए राष्ट्र के दृष्टिकोण को सामने रखते हुए भाषण देते हैं. विभिन्न जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, डायन इत्यादि भारत की विविध विरासत और एकता को प्रदर्शित करते हैं. स्वतंत्रता की हवा में हमारा राष्ट्रीय ध्वज गर्व से ऊँचा लहराता है.

स्वतंत्रता दिवस का जश्न पूरे देश में जोरों शोरों से मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली से लेकर और सभी राज्य की राजधानियों और छोटे से छोटे गांव तथा कस्बों में सभी उत्साह से स्वतंत्रता का जश्न मनाते हैं. भारत के कोने-कोने में तिरंगा लहराता है. स्वतंत्रता दिवस समारोह देश के प्रति देशवासियों का प्रेम और देश के बेहतर भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ आयोजित किए जाते हैं। सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों में तिरंगा फहराया जाता है। बच्चे हाथों में भारतीय झंडे लेकर शान से घूमते नजर आते हैं. यह उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अताह संघर्ष किया। यह भारतीयों में गर्व और देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करता है, उनसे अपनी कड़ी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता की रक्षा करने और उसे संजोने और देश की प्रगति में योगदान देने का आग्रह करता है।

यह महज़ एक बधाइयों और खुशियों का दिन नहीं है. स्वतंत्रता दिवस समारोह का सार केवल उल्लासपूर्ण समारोहों से परे है। स्वतंत्रता दिवस बच्चे, युवाओं और बुजुर्गों को उन चुनौतियों की याद दिलाता देता है है जिनका मुकाबला हमारे पूर्वजों ने किया था और उन चुनौतियों की दस्तक के बारे में आगाह करता है जो हमारे सामने हैं।

स्वतंत्रता दिवस केवल स्मरणोत्सव और उत्सव का दिन नहीं है, बल्कि स्वराज और राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का नवीनीकरण है। यह भारतीयों को एकता, समानता और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना को कभी न खोने देने के लिए प्रेरित करता है।

लता मंगेशकर का लोकप्रिय व सदाबहार गीत के बोल “ए मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँखों में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी” हमारे स्वतंत्रता के सच्चे सार बयान करता है. 

यह दिन है अभिमान का, है भारत माता के मान का ! नहीं जाएगा रक्त व्यर्थ, वीरों के बलिदान का !!

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Independence Day Slogans in Hindi

  • ‘करो या मरो’,
  • ‘आराम हराम है’
  • ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो'
  • ‘तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा’
  • ‘इंकलाब जिंदाबाद’
  • ‘सत्यमेव जयते’
  • ‘वंदे मातरम’
  • ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर ही रहूँगा’
  • ‘जय जवान जय किसान’
  • ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’
  • ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा’
  • ‘सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना, बाज़ु-ए-कातिल में है?

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  • हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं 200 शब्द निबंध? + "15 अगस्त यानि भारतीय स्वतंत्रता दिवस देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। 15 अगस्त 2023 को ब्रिटिश कोलोनियल राज से हमारे देश की आजादी की 76 वीं वर्षगांठ है। इस दिन को मनाने के लिए पूरा देश एक साथ आता है।" स्वतंत्रता दिवस पर पूरे 200 शब्दों का निबंध देखने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें.
  • स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर निबंध कैसे लिखें? + 15 अगस्त, 1947 को भारत देश अंग्रेजो से आजाद हुआ. यह गौरव का दिन देशवासी उल्लास और दर्शप्रेम की भावना से मनाते हैं. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध लिखने के लिए जरूररी है की आप इस आज़ादी के सफर की गाथा को दिल से समझ कर, आसान एवं सरल भाषा में प्रस्तुत करें.
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  • 15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): स्वतंत्रता दिवस पर 10 मिनट, 5 मिनट और 750 शब्दों में भाषण

Updated On: August 14, 2024 01:29 pm IST

  • स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Independence Day Speech)  
  • 15 अगस्त पर 10 मिनट का भाषण (Swatantrata Diwas par …
  • 15 अगस्त पर 5 मिनट के लिए भाषण (Swatantrata Diwas …
  • 15 अगस्त पर 750 शब्दों में भाषण (Swatantrata Diwas par …
  • अच्छा भाषण देने के टिप्स (Tips to give a good …

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi)

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Independence Day Speech)

15 अगस्त पर 10 मिनट का भाषण (Swatantrata Diwas par 10 Minute ka Hindi me Bhashan)

प्रिय प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकगण, और मेरे प्रिय साथियों, आज हम सभी यहां 15 अगस्त के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन भारत के इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण और गर्व का दिन है क्योंकि इसी दिन 1947 में हमारे देश ने अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्रता (Independence From English Rule) प्राप्त की थी। यह दिन हमें न केवल स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों के बलिदानों की याद दिलाता है, बल्कि हमें उनके संघर्ष, त्याग, और बलिदान की प्रेरणा भी देता है। यह हमारे देश के उन अनगिनत सपूतों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें आज़ादी दिलाई। स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास: भारत की स्वतंत्रता का संघर्ष (India's Struggle for Independence) एक लंबी और कठिन यात्रा थी। 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (First War of Independence of 1857) से लेकर 1947 तक, यह संघर्ष कई चरणों से गुजरा। पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम (Indian Freedom Struggle) में मंगल पांडे जैसे वीर सेनानियों ने अपने साहस का परिचय दिया, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी को प्रज्वलित किया। इसके बाद बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, और बिपिन चंद्र पाल जैसे नेताओं ने जन-जन में राष्ट्रवादी चेतना का संचार किया। "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है" (Swaraj is my birthright) का उद्घोष करते हुए तिलक ने देशवासियों को अंग्रेजों के खिलाफ संगठित होने का आह्वान किया। महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम ने एक नया मोड़ लिया। गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को एकजुट किया। उनके नेतृत्व में 1920 में असहयोग आंदोलन, 1930 में नमक सत्याग्रह और 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलन हुए। गांधी जी के अहिंसक आंदोलन ने न केवल देश में अपार जनसमर्थन प्राप्त किया, बल्कि अंग्रेजी हुकूमत को भी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। 15 अगस्त 1947 का वह ऐतिहासिक दिन: 15 अगस्त 1947 का दिन हमारे इतिहास का एक स्वर्णिम पृष्ठ है। इसी दिन भारत ने लगभग 200 वर्षों की गुलामी के बाद स्वतंत्रता की सांस ली थी। इस दिन हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से तिरंगा फहराया और 'भारत के भाग्य विधाता' के रूप में एक नए युग की शुरुआत की। उनका वह ऐतिहासिक भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' (tryst with destiny) आज भी हमारे हृदय में गूंजता है, जिसमें उन्होंने कहा था, "हमारा देश जाग रहा है, हमारा देश स्वतंत्र हो गया है।" स्वतंत्रता के बाद की देश के सामने चुनौतियां: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के सामने अनेक चुनौतियां थीं। विभाजन के कारण लाखों लोग बेघर हो गए थे, और सांप्रदायिक दंगों ने देश को झकझोर दिया था। अर्थव्यवस्था बदहाल थी और अशिक्षा, गरीबी, और बेरोजगारी जैसी समस्याएँ सिर उठाए खड़ी थीं। लेकिन हमारे नेताओं ने अपने अदम्य साहस और धैर्य से इन चुनौतियों का सामना किया। हमारे संविधान निर्माताओं ने एक सशक्त और लोकतांत्रिक संविधान का निर्माण किया, जिसने हमें एक मजबूत लोकतांत्रिक देश के रूप में स्थापित किया। स्वतंत्रता के बाद की हमारी प्रगति: स्वतंत्रता के बाद के 76 वर्षों में भारत ने अनेक क्षेत्रों में अद्वितीय प्रगति की है। कृषि, उद्योग, विज्ञान, तकनीक, और शिक्षा के क्षेत्र में हमने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। हरित क्रांति, श्वेत क्रांति, और आईटी क्रांति ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान और मंगलयान जैसी मिशनों के जरिए दुनिया को अपनी क्षमताओं का लोहा मनवाया। आर्थिक सुधारों और वैश्वीकरण के दौर में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। हमारा देश आज विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। शिक्षा के क्षेत्र में भी हमने महत्वपूर्ण प्रगति की है। आज हमारे देश के युवा दुनिया भर में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। देश में समाज और संस्कृति में बदलाव: स्वतंत्रता के बाद भारत ने समाज और संस्कृति के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं। महिलाओं के अधिकार, सामाजिक न्याय, और समानता के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया। जातिवाद, भेदभाव, और अस्पृश्यता जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सशक्त कानून बनाए गए। हमारे समाज में जागरूकता और शिक्षा के प्रसार ने सामाजिक सुधारों की गति को तेज किया है। देश के प्रति हमारी जिम्मेदारियां: आज, जब हम स्वतंत्रता के इस महान दिवस का जश्न मना रहे हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह स्वतंत्रता हमें आसानी से नहीं मिली है। इसके लिए हमारे पूर्वजों ने अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था। इस स्वतंत्रता को बनाए रखना और इसे और सशक्त करना हमारी जिम्मेदारी है। देश के नागरिक के रूप में हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का पालन करें। हमें अपने देश के संविधान का सम्मान करना चाहिए, कानून का पालन करना चाहिए, और देश की अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए। हमें सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ना चाहिए, और देश के विकास में योगदान देना चाहिए। समाज में हमारी यानी हर नागरिक की भूमिका: हमारा देश आज भी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, और भ्रष्टाचार जैसी समस्याएँ आज भी हमारे सामने हैं। हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होना होगा। हमारे देश के युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। हमें अपने युवाओं को शिक्षा और कौशल के माध्यम से सशक्त करना होगा ताकि वे देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। हमारा कर्तव्य है कि हम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें। हमें धर्म, जाति, और भाषा के आधार पर किसी भी प्रकार के विभाजन का विरोध करना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा देश सामाजिक और आर्थिक न्याय की दिशा में निरंतर आगे बढ़े। नये भारत का सपना: आज हमें एक नवीन भारत के निर्माण का संकल्प लेना होगा। एक ऐसा भारत जहाँ कोई भूखा न हो, जहाँ सभी को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार हो। एक ऐसा भारत जहाँ विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हम विश्व में अग्रणी बनें, और जहाँ सभी नागरिकों को समान अवसर प्राप्त हो। हमारा देश विविधता में एकता का प्रतीक है। हमें इस विविधता को बनाए रखते हुए एक मजबूत और सशक्त राष्ट्र का निर्माण करना होगा। हमें अपने सांस्कृतिक धरोहरों और मूल्यों को संजोए रखना होगा और उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना होगा। उपसंहार: अंत में, मैं कहना चाहूँगा कि 15 अगस्त केवल एक तिथि नहीं है, यह हमारे लिए एक प्रतीक है—स्वतंत्रता, त्याग, बलिदान, और नई उम्मीदों का प्रतीक। यह दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता का मूल्य क्या है और इसे बनाए रखने के लिए हमें सतत प्रयास करना चाहिए। आइए, हम सभी मिलकर अपने राष्ट्र की प्रगति, शांति, और समृद्धि के लिए कार्य करें। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए संकल्प लें और अपने देश को दुनिया में एक सशक्त और आदर्श राष्ट्र के रूप में स्थापित करें। जय हिंद! इसे भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण

15 अगस्त पर 5 मिनट के लिए भाषण (Swatantrata Diwas par 5 minutes ka Hindi me Bhashan)

15 अगस्त पर 750 शब्दों में भाषण (swatantrata diwas par 750 sabdon me hindi me bhashan).

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 august speech in hindi) के लिए देशभर के स्कूलों में प्रतियोगिता रखा जाता है। जिसमें 15 अगस्त पर हिंदी में भाषण देने के लिए छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (independence day speech in hindi) में हम देश के महान विभूतियों को याद करने के साथ 15 अगस्त पर स्पीच (15 august par speech) के दौरान देश की प्रगति और आने वाले भविष्य का परिकल्पना भी करते हैं। छात्रों का समझ के लिए हम यहां 750 शब्दों में नीचे एक भाषण का प्रारूप दे रहे हैं। इससे छात्रों के अपना स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (speech on independence day in Hindi) लिखने और बोलने में मदद मिलेगी। प्रिय सम्मानित अतिथि, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्रिय मित्रों, आज हम यहाँ 15 अगस्त के पावन अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हर भारतीय के लिए अत्यंत गर्व और सम्मान का प्रतीक है। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र हुआ था, और इस दिन का महत्व हमारे हृदयों में सदा के लिए अंकित है। आजादी का यह उत्सव हमें उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और अनगिनत अन्य महान विभूतियों ने अपने संघर्ष और बलिदान से हमें आजादी दिलाई। उनके त्याग और समर्पण को हम कभी नहीं भुला सकते। आजादी के बाद, भारत ने विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। हमने विज्ञान, तकनीक, चिकित्सा, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशनों से विश्व में अपनी पहचान बनाई है। हमारे वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और शिक्षाविदों ने विश्वभर में अपने कौशल का लोहा मनवाया है। लेकिन यह सब कुछ आसान नहीं था। स्वतंत्रता के बाद हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सामाजिक असमानता, गरीबी, अशिक्षा, और बेरोजगारी जैसी समस्याओं ने हमें कई बार रोका, लेकिन हमारे नेताओं और नागरिकों ने मिलकर इन चुनौतियों का सामना किया और देश को आगे बढ़ाया। आज, जब हम 15 अगस्त का यह महोत्सव मना रहे हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता के साथ-साथ हमें जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करना है। हमारा कर्तव्य है कि हम देश के विकास में अपना योगदान दें। हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश की प्रगति में सहायक बनना चाहिए। शिक्षा, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सेवा जैसे क्षेत्रों में हमें सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। हमारे देश की विविधता उसकी सबसे बड़ी ताकत है। विभिन्न धर्म, भाषाएं, संस्कृतियां और परंपराएं हमारे देश की पहचान हैं। हमें इस विविधता का सम्मान करना चाहिए और आपसी भाईचारे और सद्भावना को बढ़ावा देना चाहिए। यही हमारी सच्ची स्वतंत्रता है। आज के दिन हमें अपने संविधान का भी स्मरण करना चाहिए, जिसने हमें लोकतंत्र, समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया है। हमारे संविधान ने हमें एक सशक्त और एकजुट भारत का सपना दिखाया है, जिसे हमें साकार करना है। मित्रों, स्वतंत्रता दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने राष्ट्र के लिए सदैव समर्पित रहना चाहिए। हमें अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए और उनके सपनों के भारत का निर्माण करना चाहिए। आज हम उन सभी सैनिकों को भी नमन करते हैं जो हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। उनकी वीरता और त्याग हमें सुरक्षित और स्वतंत्र महसूस कराते हैं। उनके प्रति हमारा आभार और सम्मान सदैव बना रहेगा। अंत में, मैं यही कहना चाहूंगा कि स्वतंत्रता दिवस केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें पूरे वर्ष प्रेरणा देने वाला एक महत्वपूर्ण दिन है। हमें इस दिन की महत्वता को समझते हुए अपने देश के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। जय हिंद! जय भारत!

अच्छा भाषण देने के टिप्स (Tips to give a good speech)

  • अपने दर्शकों का एनालिसिस करें और उसी अनुसार से भाषण में शब्दों का चयन करें।
  • स्पीच देने से पहले कई बार प्रैक्टिस करें, ताकि जब आप भाषण दें तो आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और आप बिना रुके एक अच्छे फ्लो में भाषण दे सकें।
  • भाषण में फैक्ट को रखें, ताकि लोग आपकी की स्पीच से जुड़ा हुआ महसूस करें।
  • भाषण देने से पहले फैक्ट जैसे इतिहास सहित अन्य तथ्यों की जांच कर लें। अगर कोई गलती हो तो सुधार लें।
  • स्पीच में फ्रीडम फाइटर आदि के बारे में जिक्र जरूर करें।

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

एक अच्छे परिचय में श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करना, विषय को बताना, विषय को प्रासंगिक बनाना, विश्वसनीयता स्थापित करना और मुख्य बिंदुओं का पूर्वावलोकन करना शामिल है। परिचय लिखित भाषण का अंतिम भाग होना चाहिए, क्योंकि वे अपेक्षाएँ निर्धारित करते हैं और उन्हें विषय-वस्तु से मेल खाना चाहिए।

"सुप्रभात/दोपहर/शाम: मैं (नाम) आज के लिए आपका वक्ता हूँ। मैं इस/../../ सुबह के कार्यक्रम में आपकी रुचि के लिए अग्रिम धन्यवाद देना चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है कि मैं जो कहने जा रहा हूँ, वह आपको दिलचस्प/सूचनात्मक/स्पष्ट करने वाला लगेगा।"

अच्छा भाषण देने के लिए इन टिप्स को ध्यान में रखें-

  • अपने दर्शकों का एनालिसिस करें और उसी हिसाब से भाषण में शब्दों का चयन करें।
  • स्पीच देने से पहले कई प्रैक्टिस करें, ताकि जब आप भाषण दें तो आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और आप बिना रुके एक फ्लो में भाषण दे सकें।
  • च में फ्रीडम फाइटर आदि के बारे में जिक्र जरूर करें।

समाज के गणमान्य लोगों के अलावा, कार्यालय के कर्मचारी व पदाधिकारी, छात्र व वरिष्ठ नागरिक 15 अगस्त को भाषण देते हैं। इस दिन कई जगहों पर वाद विवाद व भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें समाज के आम व्यक्ति प्रतियोगी बनकर हिस्सा लेते हैं। 

भाषण में थीसिस/अच्छे विचार का परिचय दें। श्रोताओं को बताएं कि उन्हें इस विषय पर क्यों ध्यान देना चाहिए। भाषण के मुख्य भाग में एक परिवर्तन कथन दीजिए।

कहानी के माध्यम से दर्शकों को आकर्षित करना भाषण शुरू करने के सबसे शक्तिशाली तरीकों में से एक है। एक अच्छी तरह से बताई गई कहानी दर्शकों को अपने मन की आँखों से चीजों को "देखने" और वक्ता की भावनाओं में शामिल होने की अनुमति देगी।

भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन हम उन वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं जिन्होंने हमारी आज़ादी की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान कर दी। 1947 में इसी दिन भारत पर ब्रिटिश संप्रभुता का अंत हुआ था।

भाषण देते समय हमेशा श्रोताओं का ध्यान रखना चाहिए। श्रोताओं और उनकी विविधता के बारे में जागरूक रहें। भाषण की शुरुआत श्रोताओं को आकर्षित करने वाली होनी चाहिए और उन्हें और अधिक सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यह श्रोताओं की रुचियों से संबंधित होना चाहिए।

15 अगस्त पर हिंदी में भाषण देने या लिखने से पहले आपको समझना होगा कि आप कहां भाषण दे रहे हैं। आप अगर स्कूल में भाषण दे रहे हैं तो आदरणीय अध्यापक, अभिभावक जैसे शब्दों के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इसके बाद आजादी का महत्व और इतिहास के बारे में लिखें। इसमें उन महापुरुषों की जीवनी को भी शामिल कर सकते हैं, जिन्होंने आजादी के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया है।

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  15. Essay on Independence Day in Hindi

    This article on Independence Day of India which falls on 15th August has been written in Hindi. The information given by us in this article will be helpful for students to prepare the topic well. इस लेख में हम स्वतंत्रता दिवस के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे ...

  16. Independence Day पर हिंदी में निबंध

    Independence Day पर हिंदी में निबंध. 15 August Essay. प्रस्तावना- सदियों की गुलामी के पश्चात 15 अगस्त सन् 1947 के दिन आजाद हुआ। पहले हम अंग्रेजों के गुलाम थे ...

  17. 15 August Essay In Hindi

    15 August Essay In Hindi. 15 August Essay: India's Independence Day, celebrated on 15th August each year, holds a special place in the hearts of every Indian. It marks the day when India finally gained its freedom from British colonial rule. This day marks the historic moment when India gained independence from British colonial rule in 1947.

  18. 15 अगस्त पर निबंध

    15 अगस्त पर निबंध - Essay on 15 August in Hindi - 15 August par Nibandh ADVERTISEMENT Essay on 15 August/Independence Day 2021 in Hindi Language for Class 5,6,7,8,9,10,11,12 Students and Teachers.

  19. 15 अगस्त पर भाषण (15 August Speech in Hindi)

    15 अगस्त पर भाषण हिंदी में (15 August Speech in Hindi) - देश का हर शहर, मोहल्ला हर साल 15 अगस्त को देश भक्ति गीतों से गुंजायमान हो जाता है। 15 अगस्त देश के इतिहास का वह दिन है जब ...

  20. Hindi Essay on "Independence Day

    Hindi Essay on "Independence Day - 15 August ", "स्वतन्त्रता दिवस -15 अगस्त", for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 ...

  21. स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर निबंध

    Independence Day Essay in Hindi for School: 15 अगस्त 1947 को हमारे इस मातृभूमि का पहला स्वतंत्रता दिवस था ...

  22. स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day in Hindi): 15 अगस्त

    स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on Independence Day in Hindi): 15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए बहुत ही खास होता है। इस दिन हमारा देश आजाद हुआ था, इसलिए 15 अगस्त को भारत का ...

  23. 15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): स्वतंत्रता दिवस

    15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): हर साल 15 अगस्त को हर भारतीय स्वतंत्रता दिवस (Swatantrata Diwas in Hindi) मनाता है। इसी दिन 1947 में हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी ...