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मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines (कक्षा-1 से 8 के लिए)

Essay On My Favorite Teacher in Hindi,10 Lines

मेरे प्रिय अध्यापक हिंदी निबंध | My Favourite Teacher Essay in Hindi :- शिक्षक हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हमें शिक्षा के साथ-साथ एक महान नागरिक बने की की शिक्षा भी देते थे किसी भी बच्चों का पहले गुरु मां बाप के बाद शिक्षक ही उसका दूसरा गुरु होता है शिक्षक हम लोगों को समझ में अच्छे से जीवन यापन करने एवं आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं अच्छे एवं बुरे की पहचान करवाते हैं शिक्षक हमेशा हमें सही रास्ता पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं अर्थात एक विद्यार्थी को उसका सामाजिक विकास में शिक्षक का का महत्वपूर्ण योगदान होता है जैसे कि हम लोगों को पता है कोई भी इंसान शिक्षा के बिना अंधे के समान होता है अर्थात उसे किसी भी चीज की समझ नहीं होती है उसे लोग समाज में हीन भाव से देखते हैं |

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध (300 शब्द) | My Favourite Teacher Essay in Hindi

 प्रत्येक छात्रों के जीवन में उनका एक पसंदीदा शिक्षक होता है या रहा होगा और आज भी हम उनके संपर्क मैं रहते होंगे एवं उनके द्वारा दिए गए शिक्षा अर्थात ज्ञान का उपयोग अपने इस वर्तमान समय में करते हैं |

प्रस्तावना:

छात्र स्कूल के हो या कॉलेज के उनके जीवन में अपना एक पसंदीदा शिक्षक होता है  जिस शिक्षक के क्लास को छात्र बड़े रुचि के साथ पढ़ते हैं उनके क्लास के पढ़ाई को पढ़ने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं और साथ ही साथ उनके द्वारा जो क्लास लिए जाते हैं उसे क्लास का पढ़ाई को छोड़ना नहीं चाहते हैं स्कूल एवं कॉलेज में हमारे पसंदीदा शिक्षक जो हमें सिखाते हैं वह हमारे वास्तविक जीवन में काफी मदद करता है

मेरा फेवरेट टीचर | My Favourite Teacher

जब मैं कक्षा 4और 5 में था, उस समय मेरे प्रिय अध्यापक मेरे स्कूल के गिरधारी सिंह मेरा पसंदीदा शिक्षक थे | इनका पढ़ने का और समझने का तरीका ही बिल्कुल अलग था मेरे शिक्षक किसी छात्र को नर्मता और सरल तरीका  पढ़ाते थे  छात्र बड़ी आसानी पूर्वक समझ पाए थे मेरे शिक्षक गणित के काफी अच्छे शिक्षक थे वह गणित जैसे विषयों को प्रैक्टिकल के द्वारा बड़ी आसानी पूर्वक समझते थे जिससे पढ़ाई के क्षेत्र में मध्य वर्ग के छात्र भी बड़ी आसानी पूर्वक समझ जाते थे वह छात्रों को हमेशा अच्छी-अच्छी बातों का ज्ञान देते थे | वह अपने छात्रों को हमेशा अच्छे मार्क्स लाने के लिए प्रेरित करते थे |

जब कोई विषय पढ़ने या समझने में परेशानी होती थी तब तब मेरे शिक्षा उस विषय को समझने मैं हम लोगों का सहायता करते थे वह पढ़ाई के साथ-साथ हम लोगों को सही रास्ता में चलने के लिए अच्छी-अच्छी ज्ञान देते थे, जो अभी वर्तमान समय में हम लोगों इस ज्ञान का काम आता है एवं जो आर्थिक रूप से कमजोर छात्र होते थे उनको भी आर्थिक रूप से सहायता प्रदान मेरे शिक्षक करते थे |

मेरे शिक्षक प्रत्येक सप्ताह जिस विषय पर पढाते थे उसे विषय से संबंधित टेस्ट सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे | और जो विद्यार्थी सबसे अच्छा मार्क्स लता था | उसे प्राइस के तौर पर चॉकलेट वितरण करते थे | मेरे शिक्षक पढ़ाई के दौरान कभी-कभी हम लोगों को छात्रों को हंसाने के लिए छोटे-छोटे चुटकुले बोलते थे | ताकि छात्रों को काफी खुशी महसूस होता था | यह सब के कारण वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे |

इस आर्टिकल के ऊपर दिए गए बातों को पढ़कर यह पता चलता है कि हम लोगों को हमेशा अपने शिक्षक का सम्मान करना चाहिए एवं उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को वर्तमान समय में उपयोग करना चाहिए और आज हम लोग जो कुछ भी है उनके कारण ही है इसलिए हम लोगों को अपने शिक्षक को धन्यवाद देना चाहिए |

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (500 शब्द) | Essay On My Favorite Teacher in Hindi

Mera Priya Adhyapak Nibandh in Hindi :- मैं अपने स्कूल में जिस कक्ष में पढ़ता था उस कक्षा का मैं बहुत कमजोर विद्यार्थी था मेरा इंग्लिश बहुत कमजोर था जिसके कारण मुझे इंग्लिश के कक्षा में बहुत डर लगता था क्योंकि मैं इंग्लिश के विषय में शिक्षा के द्वारा कई बार मार भी खाया हूं लेकिन लेकिन हमारे स्कूल में एक नए शिक्षक इंग्लिश के आए थे  जिनका नाम संतोष सिंह था अपना परिचय बड़ी नर्मता  के साथ कक्षा में दिए उनका पढ़ने का अंदाज बिल्कुल ही अलग था वह स्कूल के प्रत्येक छात्रों को एक समान देखते थे चाहे छात्र पढ़ाई में कमजोर हो चाहे तेज हो वह खास करके कमजोर छात्रों पर ज्यादा ध्यान देते थे एवं उनको पढ़ने के लिए  प्रोत्साहित करते थे| परीक्षा आने से पहले  हम लोगों को अच्छी तरह से गाइड करते थे ताकि हम परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास करें

परीक्षा से पहले एक्स्ट्रा क्लास देते थे |

मेरे पसंदीदा शिक्षक जब हम लोगों का परीक्षा नजदीक आता था तो हमारे शिक्षक हम लोग के लिए एक्स्ट्रा क्लासेस की सुविधा प्रदान करते थे अगर किसी विद्यार्थी को किसी विषय संबंधित कोई समस्या है तो वह उसे एक्स्ट्रा क्लासेस में अपने विषय संबंधी समस्याओं का सुझाव लेते थे उनका पढ़ने का एवं समझने का तरीका इतना अच्छा था कि विद्यार्थी उनके क्लास को मिस नहीं करते थे |

पढाई के साथ स्टूडेंट्स के मनोरंजन का भी ख्याल रखती थी |

जैसे ही हम लोग का परीक्षा खत्म होता था हम लोगों के लिए मनोरंजन के लिए कई सारी व्यवस्था हमारे शिक्षक करते थे इस मनोरंजन में हमारे शिक्षक कई प्रकार के गेम का खेलने का व्यवस्था करते थे उनके अनुसार बच्चों को पढ़ के साथ-साथ खेलकूद भी करना जरूरी होता है कभी-कभी तो स्कूल के क्लास में ही मनोरंजन संबंधित एक्टिविटी हमारे शिक्षक करते थे इसलिए वह हमारे पसंदीदा शिक्षक थे

स्टूडेंट को मोटिवेट | Student Ko Motivate

जब कोई विद्यार्थी निराश होता था या डर के कारण उनसे कोई बात नहीं पूछ सकता था तो हमारे शिक्षक हम लोगों का आत्मविश्वास को बढ़ाते थे और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा देते थे वह हमेशा एक बात को कहते थे किसी भी  समस्या से  डर कर मत भागो उसे समस्याओं का सामना करो क्योंकि कोई भी समस्या आपके आत्मविश्वास से बड़ी नहीं होती है अगर आप लोगों ने किसी कार्य करने के लिए एक लक्ष्य लिया है तो उस लक्ष्य को अपने मेहनत के द्वारा पूरा करो अगर आपको किसी कार्य में सफलता एक बार में नहीं मिलती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सफल नहीं हो पाएंगे आपको प्रयास करती रहनी चाहिए

सिर्फ आप लोगों को अपने लक्ष्य को  पूरा करने में ध्यान देना चाहिए चाहे उसके लिए जितनी भी मेहनत क्यों न करने पड़े क्योंकि ईमानदारी से मेहनत करने वाले लोगों को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता है इन सभी विचारों को सुनकर हम लोग विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ता है और हम लोग और ज्यादा मेहनत करने लगते हैं शिक्षकों को हमेशा विद्यार्थियों का मनोबल को बढाते रहना चाहिए क्योंकि अधिकतर शिक्षक ऐसे होते हैं कि छोटे-छोटे गलतियों पर विद्यार्थियों को डिमोटिवेट कर देते हैं जिसके कारण कई विद्यार्थियों को स्कूल नहीं जाने और पढ़ाई न करने का मन करता है |

यह भी पढ़ें:- Moral Stories in Hindi :-

  • 21+सर्वश्रेष्ठ नैतिक शिक्षाप्रद हिंदी में लघु कहानियां

2. बच्चों के लिए शिक्षाप्रद लघु नैतिक कहानियां

मेरे प्रिय अध्यापक निबंध (750 शब्द) | Essay On My Favourite Teacher in Hindi

शिक्षकों का अहमियत हमारे जीवन में काफी महत्वपूर्ण है शिक्षकों को भगवान के रूप  में देखा जाता है शिक्षक मोमबत्ती की तरह हमारे जीवन में रोशनी लाते है रोशनी का अर्थ हुआ शिक्षा  के माध्यम से विद्यार्थियों को सही रास्ते पर चलने का राह दिखाए हैं शिक्षक अच्छे बुरे एवं अपने से बड़ों का सम्मान एवं अपने से छोटों का इज्जत करने  का ज्ञान हमें प्रदान किए हैं

अगर शिक्षक ना होते तो स्कूल भी नहीं होती और अगर स्कूल नहीं होती तो सभ्य समाज का निर्माण भी नहीं होता| विद्यार्थी अपने शिक्षक के बिना अधूरे होते शिक्षक केवल पढ़ाई संबंधित ज्ञान ही नहीं देते हैं बल्कि हमारे जीवन में अच्छे बुरे की पहचान करने की ज्ञान भी देते हैं साथ ही साथ हम लोगों को एक अच्छा इंसान बनने के लिए प्रेरणा भी शिक्षक के द्वारा मिलता है

स्कूलों एवं कॉलेज में कुछ ऐसे शिक्षक होते हैं जो काफी अच्छे पढ़ाते हैं और उनके अच्छे पढाने के कारण कारण विद्यार्थी उनके साथ घुल मिल जाते हैं और इस प्रकार व शिक्षक हम लोगों का प्रिय शिक्षक बन जाते हैं

विद्यार्थी अपनी शिक्षा पूरा करने में  शिक्षक के बिना असमर्थ है शिक्षकों के द्वारा पढ़ना एवं उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते पर  चलने की वजह से सफलता प्राप्त होती है हम लोगों के जीवन में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण स्थान है इसलिए शिक्षकों को भगवान से ऊपर भी माना जाता है |

मेरा पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद थे इन्होंने मुझे कक्षा-8 से लेकर दसवीं तक इतिहास पढाते थे सबसे पहले कक्षा में उस विषय को छात्रों को पढ़ने के लिए बोलते थे फिर उसे विषय को छोटे-छोटे भागों में अच्छी तरह से समझाते थे इनका समझने का तरीका बिल्कुल सरल भाषा था जिसको समझने में आसानी होती थी |

उसके बाद अगर उसे विषय का अर्थात जिस विषय का पढ़ाई हो चुका है उस विषय से संबंधित प्रश्न विद्यार्थियों को करते थे जिससे विद्यार्थियों को उस विषय को याद रखने में काफी सहायता होती थी

वर्तमान समय में ऐसे शिक्षक मिलना है काफी मुश्किल की बात है जब उनका क्लास रहता था तो सभी विद्यार्थी उनके क्लास में मौजूद होते थे

वक्त के साथ परीक्षा लेना

मेरे पसंदीदा शिक्षक अशोक प्रसाद जिस पाठ को पढ़ा देते थे उसे पाठ से संबंधित परीक्षा सप्ताह के अंतिम दिन में लेते थे परीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य  यह होता था कि विद्यार्थी कितना तक इस पाठ को समझ सके हैं। और जिनका नंबर इस परीक्षा में काम आता था उन पर शिक्षक ज्यादा ध्यान देते थे ताकि अगली बार वह अच्छी तरह से समझ  सके |

सबके साथ समान व्यवहार | Equal Treatment

मेरे पसंदीदा शिक्षक कभी भी किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे | वह सभी को एक समान देखते थे | अगर कोई भी विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर है और कोई विद्यार्थी पढ़ने में तेज है दोनों के साथ समान व्यवहार करते थे। वह सभी विद्यार्थियों को अच्छे से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करते थे।

वह अपने कक्ष में सभी विद्यार्थियों का काफी ध्यान रखती थी वह रोटेशन के अनुसार प्रत्येक विद्यार्थियों को आगे बैठने का मौका देते थे।

नोट्स वितरण

एक अच्छे शिक्षक का पहचान यह होता है कि प्रत्येक अध्याय का नोट्स वितरण विद्यार्थियों में करना होता है। हम लोग किताब भी पढ़ सकते हैं लेकिन किताबों में लिखी गई भाषा को हमारे शिक्षक नोटिस के माध्यम से उसे सरल बनाकर लिखते हैं जिसको समझने में और पढ़ने में काफी आसानी होती है |

परीक्षा के लिए तैयारी

मेरे शिक्षक परीक्षा से कई दिन पहले परीक्षा की तैयारी करते थे इसके लिए उन्होंने कई वर्ष के पुराने प्रश्न पेपर को सुलझाने के लिए देते थे इससे हम लोग का आत्मविश्वास बढ़ता था और परीक्षा के समय कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता था और जो विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे नंबर चलाते थे उनको पुरस्कार भी देते थे।

अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन

जब कभी हम लोगों को इस विषय के बारे में समझ में नहीं आता था हम लोग का शिक्षक एक्स्ट्रा क्लास का प्रबंध करते थे वह इतना अच्छा पढाते  थे  और समझाते थे  कि कक्षा में हम लोग को अच्छी तरह से समझ में आ जाता था।

जीवन के अनुभव

हम लोगों के शिक्षक अपने जीवन से संबंधित अनुभव के बारे में बताते थे । कि हम लोग अपने जीवन में यही फैसला कर सके और सही मार्ग पर चल सके हमारा जिंदगी में जितनी भी कठिन से कठिन समस्या आए उसका सामना कर  सके ।

अतः हम लोग कह सकते हैं कि शिक्षक हम लोगों को अच्छे बुरे की पहचान करना सीखाते हैं  साथ  ही साथ संसार में चलने  के लिए एक योग्य इंसान एवं सम्मानित नागरिक बनाने के कार्य शिक्षक करते हैं। हम लोगों को अपने शिक्षक का हमेशा सम्मान करना चाहिए मैं अपने आप को काफी भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे एक अच्छा शिक्षक मिला।

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Download Mera Priya Adhyapak Essay in PDF Download

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी मैं आप लोगों को पीडीएफ फाइल के रूप में करवा रहे हैं इसको आप लोग डाउनलोड करके अपने मोबाइल में आसानी प्रयोग देख सकेंगे।

Download PDF:

मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध | My Favorite Teacher Essay in Hindi 5 lines

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मेरी प्रिय अध्यापिका पर निबंध 5 lines निम्न है:-

  • मेरी प्रिय अध्यापिका  समय मिलने पर गेम  खेलने का व्यवस्था करती थी | हैं और जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण बातों को बोलती थी।
  • मैं भी अपने अध्यापिका की तरह एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूं।
  • जब कभी भी मैं कोई समस्या में फस जाता था तो मैं अपने अध्यापिका से कुछ समस्या का सलाह लेता था और वह हमें हमेशा अच्छी सलाह  देती थी।
  • मैं हमेशा अपने अध्यापिका का सम्मान करता हूं हम सभी को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए। 
  •  मेरे शिक्षक बहुत ही सरल भाषा में पढ़ाती है ताकि सभी छात्रों को आसानी पूर्वक समझ सके।
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मेरा प्रिय शिक्षक निबंध हिंदी में 100 words | My Favourite Teacher Paragraph in Hindi

स्कूल हो या कॉलेज शिक्षक हमेशा हमें शिक्षा के साथ-साथ अच्छी-अच्छी ज्ञान देते हैं जो सामाजिक तौर पर हमारा काम आता है शिक्षक हमेशा अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं

मेरे प्रिय शिक्षक क्लास 8 के मोहित शर्मा सर जी थे जो हिंदी विषय के साथ-साथ सभी विषयों को पढाते थे। मैं इंग्लिश विषय में काफी कमजोर था लेकिन मेरे प्रिय शिक्षक मोहित शर्मा जी जब आए तो मेरे इंग्लिश विषय को समझने में सुधार किया उनके पढाने की कला  इतनी अच्छी थी कि छात्र-छात्राओं को बड़ी आसानी पूर्वक समझ में आ जाती थी। वह हमेशा सभी विद्यार्थियों को एक समान देखते थे सभी के साथ अच्छा व्यवहार करते थे वह हम लोगों का स्कूली शिक्षा के साथ-साथ हमारे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को आर्थिक रूप  से मदद भी करते थे

मेरी प्रिय अध्यापक पर निबंध 10 Lines | Mera Priya Adhyapik Par Nibandh 10 Lines

Meri Priya Adhyapika Par Nibandh 10 Lines

  • मेरे प्रिय अध्यापक का नाम श्री राजन गुप्ता है।
  • मेरे प्रिय अध्यापक मेरी कक्षा में भूगोल के शिक्षक  हैं जिनका समझाने का तरीका सबसे अलग और आसान है।
  • मेरे प्रिय शिक्षक स्कूल के सभी छात्रों को एक समान मानते थे किसी भी एक छात्र पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं
  • मेरे प्रिय  शिक्षक एक शिक्षक के साथ ही साथ  एक अच्छे इंसान भी हैं वह गरीब वर्ग के छात्रों की बहुत मदद करते हैं।
  • मेरे प्रिय शिक्षक का  मेरे स्कूल से कुछ दूर में ही उनका घर था।
  • मेरे स्कूल के सभी छात्र/छात्राएं अपने शिक्षक का बहुत सम्मान करते हैं। और उनके कक्षा में आने से सभी शांत बैठ जाते हैं।
  • अगर कोई छात्र के द्वारा गलती करने पर हमारे प्रिय शिक्षक उनको ज्यादा दण्ड नहीं देते हैं बल्कि हम लोगों को प्यार से समझा देते हैं।
  • हम जो भी प्रश्न का उत्तर अपने शिक्षक से पूछते थे तो शिक्षक उसका उत्तर  बहुत ही शांत स्वभाव के साथ सरल भाषा में देते हैं।
  • मेरे प्रिय अध्यापक हमें बहुत मेहनत और लगन से पढ़ाते हैं वह‌ छुट्टी बहुत कम लेते है।
  • मुझे अपने शिक्षक का विद्यार्थी होने पर बहुत गर्व है।

हमारे इस आर्टिकल में मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध कैसे लिखें इसकी जानकारी विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है

मैं आशा करता हूं कि मेरे प्रिय अध्यापक पर जो निबंध लिखा हूं   यह आर्टिकल आप लोगों को काफी पसंद आया होगा ऐसे में आप लोगों के मन में इस आर्टिकल संबंधित कोई प्रश्न है तो तो आप हमारे कमेंट्स बॉक्स में आकर प्रश्न पूछे मैं आप लोगों को प्रश्नों का उत्तर जरूर दूंगा |

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध।Essay on Student life

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध हिंदी में – My Favourite Teacher Essay In Hindi

अध्यापक हमारे जीवन में एक अभिन्य अंग की तरह होते हैं। उन्होंने हमें ज्ञान दिया है और हमें सशक्त बनाने की कला सिखाई है। वे हमें न सिर्फ पढ़ाई कराते हैं बल्कि हमारे मनोबल को भी बढ़ाते हैं। अध्यापक हमें नैतिकता और मानवीय मूल्यों की शिक्षा देते हैं। वे हमारे सभी सन्देशों को समझते हैं और हमें उन सन्देशों का महत्व समझाते हैं। उनका योगदान हमारे समाज की निर्माण में महत्वपूर्ण है। इसलिए, हमें सभी अध्यापकों का सम्मान करना चाहिए और उनकी मार्गदर्शन में प्रतिष्ठित रहना चाहिए। आज हम आपको इस लेख में My Favourite Teacher Essay In Hindi पर निबंध लिख कर दिखायेंगे!

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध हिंदी में - My Favourite Teacher Essay In Hindi

Table of Contents

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध 300 शब्दों में – My Favourite Teacher Essay In Hindi 300 Word

My Favourite Teacher Essay In Hindi: मेरे प्रिय विद्यालय के अध्यापक का नाम है (अध्यापक का नाम)। वह अपने उत्कृष्ट शिक्षा देने और दयालु व्यवहार के लिए अभिवृद्धि किया जाता है। मैं उन्हें अपने प्रिय शिक्षकों में से एक मानता हूँ।

उनका पाठ प्रदर्शन सभी विद्यार्थियों के बीच में अद्भुत और प्रेरणादायक होता है। उनकी व्याख्या बहुत स्पष्ट और सरल होती है, जिससे हमें सभी विषयों को अच्छी तरह समझने में मदद मिलती है। उन्हें पढ़ाने के अलावा वे हमें अध्यापक-छात्र सम्बन्ध के महत्व को भी समझाते हैं और हमें आदर्श नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

उनका पूरा ध्यान हमारे शैक्षणिक विकास पर रहता है। वे हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर धैर्यपूर्वक देते हैं और हमारी समस्याओं का समाधान करने में सहायता करते हैं। उनके प्रति हमारी श्रद्धा और सम्मान न केवल हमें बल्कि पूरे विद्यालय में उन्हें महसूस होते हैं।

उनके व्यक्तिगत अनुशासन और सख्ती के बावजूद, वे हमें अपने परिवार के सदस्य की तरह देखते हैं। हमें उनके साथ समय बिताने में अत्यंत आनंद और संतुष्टि मिलती है। उनके साथ अनेक स्मृतियां बनी हैं जो मैं सदैव याद करता रहूँगा।

उनका उपकारवादी और सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार हमें एक सकारात्मक वातावरण में रखता है। हमें उनसे हर समय मिलने और उनसे सीखने में बड़ा आनंद होता है। उनके प्रति मेरा आभार अनवरत रहेगा।

समाप्त में, मेरे प्रिय विद्यालय के अध्यापक ने मेरे जीवन में एक अमूल्य भूमिका निभाई है। उनके प्रति मेरा आदर और सम्मान सदैव बना रहेगा। मैं उनको शुभकामनाएं और आभार भेजता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि वे सदैव सुखी रहें और उनके सभी सपने पूरे हों।

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध 500 शब्दों में – My Favourite Teacher Essay In Hindi 500 words

प्रस्तावना:

शिक्षा मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और एक अच्छे शिक्षक का महत्व इसे अधिक सार्थक और सफल बनाता है। हर विद्यार्थी के जीवन में एक ऐसा अध्यापक होता है, जो उसे न सिर्फ शिक्षा प्रदान करता है बल्कि उसके जीवन को सभ्य, उच्च, और समर्थ बनाने में मदद करता है। मेरे जीवन में भी एक ऐसा अध्यापक है जिसका मुझे बहुत सम्मान और आदर है, और वह मेरे पसंदीदा स्कूल के अध्यापक हैं। इस निबंध में, मैं उनके बारे में विस्तार से चर्चा करने जा रहा हूँ।

मेरे पसंदीदा स्कूल के अध्यापक:

मेरे पसंदीदा (अध्यापक का नाम)। वह एक अत्यंत प्रोत्साहनीय और अनुशासनप्रिय व्यक्ति हैं। उनकी पढ़ाई के प्रति उत्साह और प्रेम ने मुझे उन्हें मेरे पसंदीदा अध्यापक बना दिया है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में लगभग 20 वर्षों का अनुभव है और इस समय के दौरान, उन्होंने अनेक विद्यार्थियों को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

उनकी शिक्षा का अनुभव:

(अध्यापक का नाम) का शिक्षा में अद्भुत अनुभव है। उनकी पढ़ाई और सिखाने का तरीका विद्यार्थियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए विशेष है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के साथ एक-एक करके समय बिताकर उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया है, और उन्हें समाधान पाने के लिए प्रेरित किया है। उनके प्रति विद्यार्थियों का यह रिश्ता बहुत गहरा है, जिसके कारण उन्हें सभी विद्यार्थी उन्हें अपने गुरु मानते हैं।

उनके व्यक्तित्व:

(अध्यापक का नाम) का व्यक्तित्व अत्यंत आकर्षक है। वे सभी विद्यार्थियों के प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हैं और सभी की मदद करने के लिए तत्पर हैं। उनके दर्शनीय चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती है और वे सभी को संबोधित करते हैं जिससे विद्यार्थियों को अपने आप में विश्वास होता है। वे अपने विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र में भी मदद करते हैं।

उनकी प्रेरणा :

(अध्यापक का नाम) ने मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके आदर्शवादी सोचने का तरीका और अद्भुत प्रेरणा ने मुझे सफलता की ओर प्रेरित किया है। उनके शिक्षा के प्रति उत्साह ने मेरे अध्ययन को बढ़ाया है और उनके प्रेरक वचनों ने मुझे समझाया है कि शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है। उन्होंने मुझे हमेशा यह बात याद दिलाई है कि कठिनाइयों से नहीं, बल्कि उनके सामने मुकाबले करने से हमें अधिक समर्थ बनाने में सफलता मिलती है।

(अध्यापक का नाम) मेरे लिए एक सर्वोत्तम अध्यापक हैं। उनकी प्रेरणा और समर्थन से मैंने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके शिक्षा के प्रति मेरा आकर्षण हमेशा से ही रहा है और मैं उनके द्वारा दिए गए उपकार का आभारी हूँ। मैं हमेशा उनके उत्कृष्ट शिक्षा और मार्गदर्शन के प्रति कृतज्ञ रहूँगा।

इस प्रकार, (अध्यापक का नाम) मेरे पसंदीदा स्कूल के अध्यापक हैं और उन्हें मैं हमेशा आदर और सम्मान से याद करूँगा। उनके प्रभावशाली शिक्षा से मेरे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हुआ है, जो मुझे सफलता की ओर एक कदम आगे ले जाने में मदद करेगा।

(अध्यापक का नाम) के साथ मेरे विद्यार्थी जीवन के वो सुनहरे पल, उनकी समर्थ शिक्षा और प्रेरणादायी बातचीत मेरे दिल में सदैव जीवंत रहेंगे। उनकी अद्भुत शिक्षा मुझे उच्चतम स्थान तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती है और मैं उन्हें दिल से धन्यवाद देता हूँ।

वे न केवल एक शिक्षक हैं, बल्कि मेरे जीवन के एक मार्गदर्शक और साथी भी हैं। मैं उनके साथ बिताए गए समय को कभी नहीं भूल सकता। उनका प्रत्येक शब्द मेरे जीवन के लिए एक मूल्यवान उपहार है, जो मुझे सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। उनके साथ बिताए गए यह अनमोल पल मेरे जीवन का अमूल्य संचय हैं जिन्हें मैं हमेशा सम्मान और स्मृति में सँभाल कर रखूँगा।

इस प्रकार, मेरे पसंदीदा स्कूल के अध्यापक (अध्यापक का नाम) ने मेरे जीवन को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। उनका अनमोल साथ और समर्थन मेरे लिए हमेशा से ही मोती की तरह हैं, जो मुझे प्रेरित करते हैं और सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं। मैं उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करता हूँ और उनके शिक्षा से प्राप्त गुणों को अपने जीवन में सदैव अमल में लाने का प्रतिबद्ध रहूँगा।

अन्त में, मैं आभारी हूँ कि मुझे ऐसे अध्यापक मिले जो मेरे जीवन को सफल और समृद्ध बनाने में मदद करते हैं। (अध्यापक का नाम) मेरे लिए एक आदर्श अध्यापक हैं, और मैं उनके अद्भुत संबंध को सदैव याद रखूँगा। मेरा उद्देश्य है कि मैं उनके शिक्षा और मार्गदर्शन का प्रयोग करके अपने जीवन में उजागर करूँ और सफलता की ऊँचाइयों को छूने में सफल हो। मेरे पसंदीदा स्कूल के अध्यापक (अध्यापक का नाम) को मेरा प्रणाम और धन्यवाद।

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मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध | Essay on My Favourite Teacher in Hindi

नमस्कार आज का निबंध, मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favourite Teacher in Hindi पर दिया गया हैं.

सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न शब्द सीमा में प्रिय शिक्षक पर निबंध दिया गया हैं. फेवरेट टीचर कौन है उनके साथ सम्बन्ध कैसे पढ़ाते है आदि बिन्दुओं पर यह आसान शोर्ट निबंध दिया गया हैं.

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध Essay on My Favourite Teacher in Hindi

Paragraph on my favourite teacher in english & hindi.

Today Here We Bring a Short Paragraph On My Favourite Teacher For Students And Kids In Hindi & English Language For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10th Students.

Various Length My Favourite Teacher Paragraph In 10 Line, 100, 200, 250, 300, 400, 500 Words Are About My Teacher Which I Most Like About Her Life, Education, Teaching Method, Hobby Character, Personality About My Favourite Teacher Short Essay Giving Blow.

I Read In Class VIII A. Shree a.n. Sharam Is My Favourite Teacher. He Is a Good Teacher. He Teaches Us English. He Is About Forty Years Old. He Always Wears Simple Dress.

He Is a Man Of Simple Nature. He Never Comes Late. He Is Punctual In His Work. He Is Hard Working. He Does Not Waste Time In The Class. His Method Of Teaching Is Very Interesting.

He Is Very Kind To All Of Us. He Is Always Helps The Students. He Loves All The Boys Very Much. We Also Respect Him Very Much. He Is A Good Sportsman Too.

मैं कक्षा 8 अ में पढ़ता हूँ. श्री ऐ एन शर्मा मेरे प्रिय अध्यापक हैं. वह एक अच्छे अध्यापक हैं. वे हमें अंग्रेजी पढाते हैं. वह लगभग चालीस वर्ष के हैं. वह हमेशा साधारण कपड़े पहनते हैं. वह सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं.

वह कभी देर से नही आते हैं. वह अपने समय के बेहद पाबन्द हैं. यह कठोर परिश्रमी हैं. वह कक्षा में समय नष्ट नही करते हैं. उनका पढाने का तरीका बहुत रुचिप्रद हैं. वह हम सबके प्रति बहुत दयालु हैं. वह हमेशा प्रसन्न रहते हैं.

वह कभी क्रोधित नही होते हैं. वह हमेशा विद्यार्थियों की मदद करते हैं. यह सब लड़को से प्रेम करते हैं. हम भी उनका बहुत आदर करते हैं. वह एक अच्छे खिलाड़ी भी हैं.

प्रिय अध्यापक पर निबंध – 1

मै राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरे विद्यालय में पन्द्रह अध्यापक है. श्री गंगाराम मेरे प्रिय अध्यापक है. वे हमारे कक्षाअध्यापक भी है. वे हमें हिंदी पढ़ाते है, उनकी आयु पैंतालिस वर्ष है.

वे लम्बें व गठीले शरीर के है. वे समय के बहुत पाबन्द है. उनका स्वभाव बहुत अच्छा है. वे सभी लोगो के साथ मधुर व्यवहार रखते है. वे छात्रों के प्रति स्नेह रखते है.

वे कक्षा में बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाते है, उन्हें अपने विषय पर पूरा ज्ञान है. वे कमजोर छात्रों की विशेष रूप से मदद करते है. वे सभी छात्रों की समस्याओं का तुरंत समाधान कर देते है. हमारे प्रधानाध्यापक एवं अन्य अध्यापक भी उन्हें बहुत पसंद करते है.

मेरा प्रिय अध्यापक पर निबंध – 2

मेरे प्रिय अध्यापक श्री देवीलाल जी है, जिन्होंने तीन साल तक गणित एवं दो सालों तक अंग्रेजी भाषा का अध्ययन करवाया था. वे जयपुर के ही रहने वाले है, वर्तमान में विद्यालय के पास ही एक कमरे में रहते है.

इन्होने राजस्थान विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की. वे प्रकृति से बेहद शांत व मधुर है. वे कक्षा के छोटे से छोटे व बड़े सभी छात्रों को अच्छी तरह संभालना जानते है.

उनकी अनूठी शिक्षण शैली मुझे बहुत याद आती है,. उनका पढाने का तरीका सबसे अलग व आकर्षक था. उन्होंने पढाई के साथ साथ जों नैतिक शिक्षाएं दी वो मुझे आज भी याद है.

उन्होंने गणित जैसे कठिन विषय को मेरे लिए बेहद सरल बना दिया था. फिलहाल में छठी कक्षा में पढ़ता हूँ पर मुझे अभी भी उनकी बहुत याद आती है.

अच्छे शरीर, चमकदार आंखों और गोरे बाल तथा अच्छी कद काठी वाले इंसान है. अभी भी जब कभी मुझसे कठिन सवाल हल नही होते है तो मैं उनके पास जाता हूँ.

जब भी वो कक्षा में आते थे तो उनका चेहरा मुस्कराता था. जब विद्यालय के खेल प्रशिक्षक उपस्थित नहीं होते थे. तब ये ही हमें अच्छे अच्छे खेल सिखाते थे.

वे बाहर से जितने नरम थे, कभी कभी बेहद कठोर भी बन जाते थे, समय पर कार्य न करने वाले तथा अनुशासनहीनता करने वालें कई छात्रों को वे दंडित करते थे.

कभी कभी वों कक्षा में हंसी मजाक भी किया करते थे. हमेशा हमारी कक्षा में उन्ही के विषय में छात्रों को सबसे अधिक अंक आते थे.

एक बार अच्छे अंक लाने पर मुझे भी उन्होंने चोकलेट दी थी, जो मुझे आज भी याद है. वों अच्छा पढाने के साथ ही घर पर कार्य करने के लिए होमवर्क भी दिया करते थे,. उनके उत्साही तथा विनम व्यक्तित्व के कारण देवीलाल जी मेरे सभी शिक्षकों में मुझे प्रिय है.

essay on my favourite teacher in hindi in 600 words

समाज में गुरु का स्थान -प्राचीन काल में हमारे समाज में गुरु का महत्व सर्वोपरि रहा हैं. गुरु, आचार्य, शिक्षक या अध्यापक ये सभी समानार्थी शब्द हैं.

अध्यापक एक ऐसा कलाकार होता हैं, जो अपने शिष्यों के व्यक्तित्व का निर्माण बड़ी सहजता और कुशलता से करता हैं. हमारे मन के अज्ञान को दूर कर उसमें ज्ञान का आलोक फैलाने वाला गुरु ही होता हैं.

परमात्मा का साक्षात्कार भी गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं. इसी विशेषता के कारण कबीरदास आदि संत कवियों ने गुरु की कृपा से ही हो सकता हैं.

इसी विशेषता के कारण कबीरदास अदि संत कवियों ने गुरु की सर्वप्रथम वन्दना की और गुरु को ईश्वर से भी बड़ा बताया. वस्तुतः मानव जीवन का निर्माता हमारे समाज और राष्ट्र का निर्माता गुरु या अध्यापक ही होता हैं.

आदरणीय अध्यापक व्यक्तित्व और स्वभाव -मेरे प्रिय अध्यापक का व्यक्तित्व एवं स्वभाव अत्यंत प्रभावशाली हैं. इन अध्यापकजी का नाम ज्ञानप्रकाश शर्मा हैं.

इनका इकहरा बदन, गौर वर्ण, लम्बा कद और सुगठित शरीर, उन्नत नासिका बड़े कर्ण विवर एवं चौड़े कर्ण पुट आदि सभी अंग प्रत्यय प्रभावशाली एवं आकर्षक हैं.

अध्यापक जी हमारे विद्यालय में हिंदी के विरिष्ठ अध्यापक हैं. वे हमेशा धोती और खाकी कुर्ता पहनते हैं. ईश्वर में आस्था रखने वाले सरल आस्तिक हैं.

गुरूजी की वाणी बड़ी मधुर, स्नेहपूर्ण और स्पष्ट हैं. उनका स्थिर दृष्टि से देखना और गम्भीरता से बोलना बड़ा अच्छा लगता हैं.

मेरे अध्यापक जी का बाहरी व्यक्तित्व जितना आकर्षक है, उतना ही अच्छा उनका स्वभाव भी हैं. वे सभी छात्रों के साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार करते हैं.

और छात्रों की बड़ी से बड़ी गलती पर भी क्रोध नहीं करते हैं. अपितु उन्हें क्षमा करके भविष्य में अच्छा आचरण करने को कहते हैं.

गुरूजी विनम्र सत्यवादी और मधुर भाषी हैं. विद्यालय के अन्य अध्यापकों एवं कर्मचारियों के प्रति उनका व्यवहार बहुत अच्छा हैं. उनमें श्रेष्ठ आदर्श अध्यापक के सभी गुण एवं विशेषताएं मौजूद हैं.

मेरे प्रिय अध्यापक का अनुकरणीय जीवन – मेरे प्रिय अध्यापक की दिनचर्या अनुकरणीय हैं. वे प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर नित्य कर्म से निवृत होकर नियमित रूप से भ्रमण के लिए जाते हैं.

फिर स्नानादि कर पूजा करते हैं और भोजन करके विद्यालय आ जाते हैं. विद्यालय की प्रार्थना सभा का संचालन वे ही करते हैं. प्रार्थना के बाद पांच मिनट के लिए वे प्रतिदिन नयें नयें विषयों को लेकर शिक्षापूर्ण व्याख्यान देते हैं.

तत्पश्चात वे अपने कालांशों में नियमित रूप से अध्यापन कराते हैं. पाठ का सार बतलाना, उससे संबंधित गृहकार्य देना, पहले दिए गये गृहकार्य की जांच करना, मौखिक प्रश्नोतर करना तथा अन्य संबंधित बातों का उल्लेख करना उनका पाठन शैली की विशेषताएँ हैं.

सायंकाल घर में आकर स्वाध्याय करते हैं. रविवार के दिन वे अभिभावकों से सम्पर्क करने की कोशिश करते हैं. तथा एक आध घंटा समाज सेवा में लगाते हैं. इस तरह अध्यापकजी की दिनचर्या नियमित और निर्धारित हैं.

अध्यापक जी का छात्रों पर प्रभाव – आदरणीय गुरूजी ज्ञानप्रकाश जी शर्मा का नाम सारे विद्यालय और सारे कस्बे में हर कोई जानता हैं.

छात्रों पर उनका काफी प्रभाव दिखाई देता हैं. छात्र उनसे आदरपूर्वक मिलते हैं. अपनी समस्याएं उनके सामने रखते हैं और उनसे शंकाओं का समाधान पाकर संतुष्ट हो जाते हैं.

छात्रों के प्रति गुरूजी का व्यवहार आत्मीयता से पूर्ण रहता हैं. गरीब और असहाय छात्रों की वे भरपूर सहायता करते हैं. वे अतीव अनुशासनप्रिय और सदाचारी व्यक्ति हैं. उनके आदर्श चरित्र से हम सभी प्रभावित रहते हैं.

उपसंहार – गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपणी गोविंद दियो बताय कबीर की इस उक्ति के अनुसार वे हमारे आदरणीय अध्यापक मेरे लिए आदर्श शिक्षक हैं.

और हमें ज्ञान प्रदान करने के साथ साथ सदाचरण के उपदेशक हैं. इन विशेषताओं से वे हमारे लिए सदैव वन्दनीय हैं.

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मेरे प्रिय शिक्षक निबंध | My Favorite Teacher essay in Hindi

by Editor January 6, 2019, 2:17 PM 4 Comments

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध | My Favorite Teacher essay in Hindi 

यदि माँ-बाप हमें जन्म देते हैं तो एक गुरु एक शिक्षक हमारे जीवन को सफल बनाते हैं। शिक्षक को ईश्वर से भी ऊंचा माना गया है। हमारा भविष्य एक शिक्षक ही बनाता है अतः उनके इस ऋण को हमें सदैव स्मरण रखना चाहिए। 

मेरे प्रिय शिक्षक पर यहाँ हम आपके लिए हिन्दी निबंध लेकर आए हैं। स्कूल में आपका भी कोई ना कोई प्रिय अध्यापक होगा। अपने प्रिय शिक्षक के बारे में निबंध की तैयारी आप यहाँ कर सकते हैं। 

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (150 शब्द) 

मेरे स्कूल में वैसे तो सभी शिक्षक बहुत अच्छे हैं लेकिन मेरे सबसे प्रिय शिक्षक आशीष सर हैं। आशीष सर ने बीएड तक की पढ़ाई की है और वे हमें हिन्दी विषय पढ़ाते हैं। वे समय के बड़े पाबंद हैं और नियमित समय पर विद्यालय उपस्थित हो जाते हैं। एक शिक्षक का स्वभाव विनम्र, शांत दयावान होना चाहिए वो सभी गुण मुझे उनके अंदर दिखाई देते हैं।

क्लास में पढ़ाते समय वो हमें हर चीज को विस्तार से समझाते हैं और कोई संशय होने पर उसका समाधान भी करते हैं। वे  हमें सदा अच्छी राह पर चलने का संदेश देते हैं और किसी विद्यार्थी के गलती करने पर उसे मारने-पीटने की वजाय उसे प्यार से समझाते हैं और उसे उसकी गलती का एहसास कराते हैं।

एक आदर्श शिक्षक कैसे होना चाहिए वो सभी गुण मुझे आशीष सर में दिखाई देते हैं। मेरे भविष्य को सँवारने में उनका योगदान मैं हमेशा स्मरण रखूँगा।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (200 शब्द) 

एक आदर्श शिक्षक कैसा होना चाहिए इसका जीता-जागता उदाहरण हैं मेरे नवनीत सर। वे मेरे सबसे प्रिय शिक्षक भी हैं। उनका वो शांत स्वभाव, हसमुख चेहरा, विनम्रतापूर्ण व्यवहार और अथाह ज्ञान सभी को आकर्षित करता है। स्कूल में सभी विद्यार्थियों के वो चहेते हैं।

वे हमें कक्षा में अँग्रेजी विषय पर पढ़ाते हैं। अँग्रेजी का उन्हें बहुत अच्छा ज्ञान है। कक्षा में सभी विद्यार्थियों को वे आसान तरीके से पढ़ाते हैं। उनके समझाने का तरीका इतना सरल है की सभी को आसानी से हर बात समझ आ जाती है। उनके विषय का हर विद्यार्थी उत्तीर्ण होता है क्यूंकी वे हर विद्यार्थी पर मेहनत करते हैं।

नवनीत सर पढ़ाई के साथ-साथ हमें और भी अच्छी-अच्छी बातें बताते हैं। उनका मानना है की जीवन के प्रति हमें सदा सकारात्मक सोच रखनी चाहिए और मार्ग की कोई भी चुनौती आए उसका डटकर मुक़ाबला करना चाहिए।

नवनीत सर के जीवन में समय और अनुशासन का बड़ा महत्व है। उनका कहना है की जीवन में समय कभी भी व्यर्थ नहीं करना चाहिए, व्यक्ति को समय का पाबंद होना जरूरी है। साथ ही व्यक्ति का जीवन अनुशासित होना चाहिए।

स्कूल में खेल कूद में वो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और हमें भी यही शिक्षा देते हैं की पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद भी जरूरी है।

नवनीत सर की जीवन के प्रति सकारात्मक सोच और उनका व्यवहार मुझे बेहद पसंद है और मैं भी उन्हीं की तरह का व्यक्तिव का धनी बनना चाहता हूँ।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (300 शब्द) 

मेरे स्कूल में अनेक शिक्षक और शिक्षिकाएं हैं, जो बच्चों को अलग-अलग विषय का ज्ञान देते हैं। सभी शिक्षक बहुत अच्छे और हम सभी विद्यार्थियों के सम्माननीय हैं। सभी शिक्षकों में मेरे प्रिय शिक्षक उदित सर हैं जिनकी बहुमुखी प्रतिभा के सभी प्रशंसक हैं। उदित सर हमें इतिहास विषय के बारे में पढ़ाते हैं और कक्षा में पढ़ाते समय वे हमें इतिहास का समुचित ज्ञान देते हैं। किसी विद्यार्थी के समझ न आने पर हमारी हर शंका का समाधान भी करते हैं। कक्षा में पढ़ाने के साथ-साथ वे हमें कई अच्छी-अच्छी बातें भी समझाते हैं जैसे की – बड़ों का सम्मान करना, सुबह उठकर धरती के पैर छूना, अपनी गलती पर क्षमा मांगना और विनम्रता पूर्वक व्यवहार करना आदि। वे हमें इतिहास की बातों को समझाने के साथ ही प्रेरक कहानियां और अच्छे व्यक्तित्व वाले लोगों के जीवन के बारे में भी बताते हैं। कक्षा में किसी विद्यार्थी से गलती होने पर वे उसे प्यार से समझाते हैं, तो कभी-कभी डांट भी लगा देते हैं। मार-पीट के वो सख्त खिलाफ हैं।

वे कभी भी अपने विद्यार्थियों में भेदभाव नहीं करते। वे हमेशा विद्यार्थ‍ियों का उत्साह बढ़ाते हैं और खेल-कूद एवं पढ़ाई में समान रूप से ध्यान देने की सीख भी देते हैं।

उदित सर अपने हर विद्यार्थी की कमजोरी और उसकी प्रतिभा का जानते हैं। वे हमेशा हमारी कमजोरी को दूर कर हमारी प्रतिभा को प्रोत्साहित करते हैं। उनके इस प्रोत्साहन का ही परिणाम है, कि हम पढ़ाई के साथ-साथ, खेल-कूद और प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं।

वे सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं। गरीब लोगों की मदद के लिए वे हमेशा आगे रहते हैं। स्कूल में ऐसे कई विद्यार्थी हैं जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, ऐसे विद्यार्थियों की वे आर्थिक मदद भी करते हैं।

शिक्षक के बिना किसी शिष्य का जीवन नहीं बन सकता। माता पिता हमें जीवन देते हैं तो एक शिक्षक हमें जीवन जीना सिखाता हैं। मैं उदित सर का हमेशा ऋणी रहूँगा और मेरे हृदय में उनके लिए सदैव उच्च स्थान रहेगा।

मेरे प्रिय शिक्षक निबंध (500 शब्द) 

यदि माता-पिता बच्चों में संस्कार का सृजन करते हैं तो एक गुरु उनके भविष्य को संवारता है। गुरु (शिक्षक) का स्थान ईश्वर से भी बड़ा बताया गया है। मेरी स्कूल में भी सभी शिक्षक गुणी और स्वभाव के अच्छे हैं। सभी शिक्षकों में मेरे सबसे प्रिय शिक्षक सावित्री मैडम हैं जो हमें विज्ञान के विषय में पढ़ातीं हैं। उन्होने M.S.C तक की पढ़ाई की है।

वे हर रोज नियमित रूप से विद्यालय आतीं हैं। समय की बड़ी पाबंद हैं सावित्री मैडम इसलिए स्कूल में कभी भी देरी से नहीं पहुंचतीं। स्कूल में सभी के साथ उनका व्यवहार अत्यंत विनम्र है। सभी शिक्षक गण, प्रधानाचार्य और स्कूल में काम करने वाले अन्य कर्मचारी सावित्री मैडम की प्रशंसा करते नहीं थकते, उनकी बातें, व्यवहार और उनके ज्ञान की सभी प्रशंसा करते हैं। उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है कभी भी मैंने उन्हें क्रोध करते नहीं देखा।

अपनी कक्षा में वे सभी विद्यार्थियों के साथ समानता का व्यवहार करतीं हैं। पढ़ाते समय वे हर बात को बड़ी बारीकी से समझातीं हैं और कोई बात अगर समझ में नहीं आती तो उसे पुनः समझातीं हैं। कक्षा के पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों पर मैडम खास ध्यान रखतीं हैं। उनके पढ़ाने का ढंग सबसे अलग है, कठिन से कठिन विषय को बड़ी आसान और सरल भाषा में समझाने का तरीका उन्हें अच्छी तरह से आता है।

सावित्री मैडम बच्चों के साथ मार-पीट करने के सख्त खिलाफ हैं। इसलिए वे कभी भी किसी विद्यार्थी पर हाथ नहीं उठातीं। उनका मानना है हर बच्चे के अंदर कोई ना कोई कला होती है जिसे निखारने की आवश्यकता है।

वे हमेशा हमें यही शिक्षा देतीं हैं की हमारी जिस चीज में रुचि है वही काम करना चाहिए। क्लास में यदि कोई विद्यार्थी गलती करता हैं तो उसे मारने की वजाय मैडम उसे प्यार से उसकी गलती बतातीं हैं और भविष्य में ऐसी गलती ना करने के लिए समझातीं हैं।

सावित्री मैडम पढ़ाने के अलावा भी हमें जीवन के बारे में बहुत अच्छी-अच्छी बातें बतातीं हैं। एक व्यक्ति का जीवन कैसा होना चाहिए, उसकी क्या ज़िम्मेदारी होनी चाहिए ये सारा नैतिक ज्ञान भी हमें वो देतीं हैं।

हमारी मैडम गरीब बच्चों की मदद करने के लिए सदैव तत्पर रहतीं हैं। जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते उन्हें वे उन्हें पुस्तक, कपड़े आदि देकर और आर्थिक रूप से मदद भी करतीं हैं। उनका कहना है की देश का हर बच्चा शिक्षित होना चाहिए तभी देश का भविष्य सुरक्षित होगा।

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पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध environmental pollution Essay In Hindi

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध | environmental pollution Essay In Hindi

लोकतंत्र में मतदान का महत्व निबंध  The importance of voting in democracy Essay in Hindi 

लोकतंत्र में मतदान का महत्व पर निबंध

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मेरे प्रिय शिक्षक हिंदी निबंध। my favourite teacher essay in hindi

मेरे प्रिय शिक्षक हिंदी निबंध। my favourite teacher essay in hindi : एक अध्यापक अनंत कालीन प्रभाव डालता है। सभी क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र को श्रेष्ठ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत में तो गुरु का स्थान ईश्वर से भी बड़ा बताया गया है। विद्यार्थी का विकास उसकी भावी दिशा तथा समाज के भावी स्वरुप को निश्चित करने में शिक्षक का अमूल्य योगदान रहता है। विद्यार्थी जीवन को बनाने व सँवारने में अध्यापक की भूमिका होती है। जैसे कुम्हार नहीं चाहता है कि उसके हाथ के बनाए बर्तन टूट-फूट जाए ठीक उसी प्रकार अध्यापक नहीं चाहता कि उसके शिष्य जीवन में असफल हो जाएं।

मेरे प्रिय शिक्षक हिंदी निबंध। my favourite teacher essay in hindi

my favourite teacher essay in hindi

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Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)

Essay on my teacher ( मेरे अध्यापक पर निबंध ).

Let’s start the Essay on My Teacher.. ..

Outlines of the Essay

  • Introduction ( परिचय )
  • My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा शिक्षक )
  • Her values ( उनका महत्व )
  • My teacher’s best things (मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें)

Conclusion of the Essay ( निबंध का निष्कर्ष )

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Introduction   ( परिचय )

It’s said, there’s no knowledge, no wisdom without your guru . There are books all around the world, we can easily have access to them, but the way and things that a teacher brings closer to our prism of perspective are way too far to compare with anything.

कहा जाता है कि बिना गुरु के किसी ज्ञान, किसी बुद्धिमता का कोई अस्तित्व नहीं होता है। दुनिया भर में हर जगह किताबें उपलब्ध हैं, हम आसानी से उन्हें पा सकते हैं, लेकिन एक अध्यापक जिस तरह से विचारों को हमारे सोचने- समझने के तरीके के सामने रखते हैं, वह अतुलनीय होता है।

Teachers enlighten our minds, closely associated with us remind us of things we could do with our lives, books and potentials. We might read out a thing from the book and completely understand it but that doesn’t suffice the presence of a teacher. We all require someone to guide.

अध्यापक हमारे दिमाग को तेज करते हैं। वे हमारे साथ रहकर हमें उन लक्ष्यों की याद दिलाते हैं जिन्हें हम अपने जीवन, पुस्तकों और क्षमताओं के सहारे पा सकते हैं। हम पुस्तक से किसी चीज़ को तो पढ़ सकते हैं और इसे पूरी तरह से समझ सकते हैं लेकिन एक अध्यापक की मौजूदगी को पूरा नहीं कर सकते है। हम सभी को किसी न किसी के मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

My Favourite Teacher ( मेरे पसंदीदा अध्यापक )

I have various teachers in school, different teachers for every subject. I like all of them, all of them have a different way of teaching, talking, checking our notebooks and dealing with the subject. There are times I’m scared of telling people that I don’t get a few concepts in Mathematics, but I’m glad that I can go up to my teacher of Maths. He’s a nice person and tells me Maths is a tricky subject, but if I get the trick It would become easier.

मेरे स्कूल में कई अध्यापक हैं, विभिन्न विषयों के लिए विभिन्न अध्यापक हैं। मुझे वे सभी पसंद हैं, उन सभी के पढ़ाने, बातचीत करने, हमारी नोटबुक को चेक करने और किसी विषय के बारे में समझाने का एक अलग तरीका है। कई बार मैं लोगों को यह बताने से डरता हूं कि मुझे गणित (मैथ्स) की कुछ अवधारणाएं (कॉन्सेप्ट्स) नहीं आते, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं इसके बारे में जानने के लिए अपने मैथ्स के टीचर के पास जा सकता हूँ। वह एक अच्छे इंसान है और मुझे बताते हैं कि मैथ्स एक ट्रिकी विषय है, लेकिन अगर ट्रिक को समझ लिया जाए तो ये आसान लगने लगेगा।

Out of all the teachers, I like my English teacher the most. Her name is Divya. She is a new teacher in our school. She says, she has taught in many other schools of the city as well. She has come across various work cultures, new students, new people, new school buildings etc. She admits that she loves teaching and doesn’t regret to choose this profession, this is the only thing that doesn’t bore her.

सभी अध्यापकों में से, मुझे अपनी इंग्लिश की अध्यापक सबसे अधिक पसंद हैं। उनका नाम दिव्या है। वह हमारे स्कूल के लिए एक नई अध्यापक है, वह कहती हैं कि उन्होंने शहर के कई अन्य स्कूलों में भी पढ़ाया है, उनका विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों, नए स्टूडेंस, नए लोग, नए स्कूल बिल्डिंग आदि से मिलना हुआ है।वह स्वीकार करती है कि उन्हें पढ़ाना बहुत पंसद है और इस पेशे को चुनने के लिए पछतावा नहीं करती है, यह एकमात्र ऐसी चीज है जो उन्हें बोर नहीं करती है।

She comes up with new poems even out of our texts and explains them to us in great detail. She has got a great sense of humour. She plays games with us in the free period, she is very friendly and doesn’t let the teacher-student relationship barrier hurt the students.

यहाँ तक कि वह हमारे पाठ्यक्रम के बाहर से भी नई कविताओं को लेकर आती हैं और उन्हें हमें विस्तार से समझाती हैं। उनका सेंस ऑफ ह्यूमर बहुत अच्छा है। वह खाली समय में हमारे साथ गेम खेलती हैं, वह बहुत ही मिलनसार हैं और वह शिक्षक और विधार्थी के बीच की दूरी को बनाकर भी हमें सहज महसूस कराती हैं।

Her Nature ( उनका स्वभाव )

She’s very humble, friendly and interactive and that’s why everyone likes her. She accepts all of us with our imperfections as well, with our grammatical mistakes and spelling errors. She’s very open to new opinions and recommendations.

वह बहुत ही विनम्र, मिलनसार, विचार-विमर्श करने वाली (इंटरैक्टिव) हैं और इसी वजह से हर कोई उन्हें पंसद करता है। वह हमें हमारी सभी कमियों के बावजूद स्वीकार करती हैं, ग्रामर की गलतियाँ हों या फिर स्पेलिंग मिस्टेकस । वह नए विचारों और सुझावों का खुले दिल से स्वागत करती हैं।

She says, she has been an ardent reader since school and encourages us to do the same. She tells us that she wants to study more so that she can engage more in teaching and she could then come up with more diverse and better ideas. She says that Education is the most golden tool of growth and encourages us to learn as much as we can, from all the possible sources possible.

वह कहती हैं कि अपने स्कूल के समय से ही वह एक उत्साही पाठक (पढ़ने वाली) रही हैं और हमें भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। वह हमें बताती हैं कि वह और अधिक पढ़ाई करना चाहती है ताकि टीचिंग के क्षेत्र में और अधिक काम कर सके और फिर ज्यादा विविधता और बेहतर विचारों के साथ पढ़ा सके। वह कहती हैं कि ‘शिक्षा’ विकास के लिए सबसे सुनहरा साधन है और यह हमें सभी मुमकिन स्रोतों (सोर्सज) से जितना संभव हो सके उतना सीखने के लिए प्रोत्साहित करता है।

My Teacher’s best things ( मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी बातें )

My Teacher’s best thing is her teaching style, her elegance, her interactivity, her openness to new ideas or thoughts. There are many other great things about her, I’m lucky having found her.

मेरे अध्यापक की सबसे अच्छी चीज है उनके पढ़ाने का तरीका, उनकी शिष्टता, उनके बातचीत करने का तरीका, नई सोच और विचारों के प्रति उनका खुलापन। उसके बारे में कई अन्य अच्छी चीजें हैं, मैं उनका साथ पाकर भाग्यशाली समझता हूँ।

A teacher has very influential energy to pass with his/her students. Students are generally imitative, they imitate what their teachers do, we similarly follow our teachers’ ideas and paths. They’re true path guiders, their role is very crucial to one’s development and becoming one individual.

एक अध्यापक के पास अपने स्टूडेंटस को देने के लिए बहुत प्रभावशाली ऊर्जा होती है। स्टूडेंट सामान्यतः अनुसरण करने वाले होते हैं, उनके अध्यापक जो भी करते हैं वे उसका अनुसरण करते हैं, हम भी बिल्कुल इसी तरह अपने शिक्षक के विचारों और रास्तों पर चलते हैं। वे सच्चे पथ प्रदर्शक होते हैं, उनकी भूमिका हमारे विकास में और हमारे व्यक्तित्व को बनाने में अति महत्वपूर्ण होती है।

I hope, you like this Essay on My Teacher.

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14 thoughts on “Essay on My Teacher (मेरे अध्यापक पर निबंध)”

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You are my favorite teacher in my life so far i have never seen a teacher like you in my hole life who is completely devoted to her childern even though i have no met you but i consider you my ideal i have got a lot to learn from your video sir i don’t have word to express thanks to you love you sir Amit Negi From Uttrakhand

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आपका आर्टिकल पढ़कर मुझे बहुत अच्छा लगा. में अक्सर आपके ब्लॉग के न्यू आर्टिकल्स पढ़ती हूं जिससे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. आपके सभी आर्टिकल से टॉपिक को पूरी तरह से समझने की पूर्ण क्षमता होती है. आप इसी तरह से हमें अपना ज्ञान देते रहे इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

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Dear Shivanee, Thank you so much for your kind words. As well, I personally checked your blogs (essays & history); you are doing a great job. Keep it up. All the best! – Aditya

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Thank you for your help ? I am So happy from Work ?……. Again Thank you So much ?

Thank you for your Help…… I am So happy from your Work….!!!!! Your Essay Reminds me of my English Teacher ………. Thank you So much ??

Anushka Chaudhary From Uttar Pradesh, India

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very nice essay .. thanks for sharing

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This is great for me I am class 8 student

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Bhot achcha

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Thank you sir

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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध – My Favourite Teacher Essay In Hindi

  • 1 मेरे प्रिय शिक्षक (Best Teacher ) पर निबंध – My Favourite Teacher Essay In Hindi
  • 2.0.1 My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 200 Words )
  • 2.0.2 My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 400 Words )
  • 2.0.3 My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 1000 Words )
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मेरे प्रिय शिक्षक (Best Teacher ) पर निबंध – My Favourite Teacher Essay In Hindi

दोस्तों आज के इस लेख में हम मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध ( My Favourite Teacher Essay ) प्रस्तुत कर रहे है ! इस निबंध को कक्षा 2 से लेकर 12वी तक के विद्यार्थी यहाँ तक कि जो प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे है वह भी इसका use कर सकते है ! हम यहाँ मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध ( My Favourite Teacher Paragraph ) को 200 words , 400 words और 1000 words में प्रस्तुत कर रहे है ! तो आइये शुरू करते है – My Favourite Teacher Essay in Hindi / My Favourite Teacher Paragraph In Hindi / Essay on My Favourite Teacher In Hindi / Teacher Par Nibandh Hindi Me

My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 200 Words )

एक शिक्षक का हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है ! शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो हमारे जीवन को प्रकाशमय बनाता है ! मेरे विद्यालय में वैसे तो सभी शिक्षक अच्छे और मधुर स्वभाव के है लेकिन पवन जी सर उनमे से मेरे सबसे पसंदीदा टीचर है ! वह मेरे क्लास टीचर भी है !

पवन जी सर बहुत ही शांत स्वभाव , मृदुभाषी , मिलनसार और सभी छात्रों के साथ समान व्यव्हार रखने वाले है , इसी कारण स्कुल के सभी विद्यार्थियों और शिक्षको में वे बहुत ही लोकप्रिय है !

Also Read : शिक्षक दिवस पर निबंध !

वे हमें हिंदी विषय पढ़ाते है ! हिंदी विषय पर उनका ज्ञान बहुत अधिक और गहरा है ! वे हमें बहुत ही आसान और सरल तरीके से पढ़ाते है ! उनका पढाया हुआ सभी छात्रों को अच्छे से समझ में आ जाता है ! उनकी हिंदी विषय का रिजल्ट भी हर साल शानदार रहता है क्योंकि वे सभी छात्रों पर अधिक मेहनत करते है किसी विद्यार्थी के साथ कोई भेद – भाव नहीं करते है !

पवन जी सर हमें कक्षा में अपने विषय की पढाई के अलावा अन्य एक्टिविटी भी करवाते है जिससे सभी विद्यार्थियों का अच्छे से मनोरंजन भी हो जाता है ! इसके अलावा वे हमें सप्ताह में एक दिन मोटीवेट और जीवन को प्रेरित करने वाली बाते भी बताते है जो हमें जीवन को आगे बढ़ाने में बहुत ही हेल्प करती है !

पवन जी सर समय के बहुत बड़े पाबंद है और वे हमें हमेशा अनुशासन में रहने की सलाह देते है ! उनकी सकारात्मक सोच और सादगी भरा जीवन मुझे बेहद पसंद है भविष्य में मै भी उनके जैसा व्यक्तित्व रखने की कामना करता हूँ !

My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 400 Words )

मेरी सबसे पसंदीदा और बेस्ट टीचर मेरी कक्षा अध्यापिका है जिसका नाम है मीनाक्षी शर्मा ! वह विज्ञानं विषय की अध्यापिका है ! उसे विज्ञानं विषय का बहुत ही अच्छा नोलेज है क्योंकि वह दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा रही है ! उनकी पढ़ाने की शैली काफी शानदार है जिसके चलते स्कुल के सभी विद्यार्थी उनका बहुत सम्मान करते है !

मीनाक्षी शर्मा हमारे स्कुल के पास ही रहती है ! वह समय की बहुत पाबंद है और हमेशा स्कुल में समय पर आती है और अपने विद्यार्थियों को भी हमेशा समय पर आने की और अनुशासन में रहने की सलाह देती है ! स्कुल समय में वह कभी भी अपना पीरियड मिस नहीं करती है और हमेशा अपने स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए तैयार रहती है !

परीक्षा के दिनों में वह हमारी अलग से कक्षाए भी लेती है और जो कमजोर स्टूडेंट्स होते है उनकी वह बहुत हेल्प करती है ! उनकी विषय का रिजल्ट हर साल बहुत ही शानदार रहता है कभी कोई विद्यार्थी उनके विषय में फ़ैल नहीं होता है !

वह हमारे साथ बहुत ही मित्रवत व्यव्हार करती है जिसके चलते हमें कभी भी हमारी टीचर का डर नहीं लगता है ! स्कुल के सभी विद्यार्थी उनसे बेझिझक सवाल – जवाब पूछते है ! वह हमें पढाई के अलावा अच्छी – अच्छी बाते भी बताती है और सभी बच्चो से बहुत प्यार करती है और स्कुल के सभी बच्चे भी उनसे बहुत प्यार करते है !

वह सभी छात्रों को हमेशा प्रोत्साहित करती है कभी भी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करती है ! वह हमें पढाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए व्यक्तिगत रूप से भी प्रोत्साहित करती है !

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मीनाक्षी शर्मा मेरी सबसे पसंदीदा अध्यापिका होने के साथ – साथ वह हमारे स्कुल की उप – प्रधानाचार्या भी है ! मै उन्हें हर साल शिक्षक दिवस पर उन्हें ग्रीटिंग कार्ड देता हूँ और उनके जन्मदिवस पर उन्हें हर साल उज्जवल भविष्य की शुभकामनाये भी देता हूँ !

मीनाक्षी शर्मा हमारे स्कुल की सबसे मृदुभाषी और मिलनसार वाली शिक्षिका है ! वह हमेशा कर्म करने में विश्वास रखती है और अपने स्कुल और  छात्रों को बहुत प्यार करती है ! स्कुल के सभी अन्य टीचर और सभी विद्यार्थी भी उन्हें खूब प्यार और सम्मान करते है !

My Favourite Teacher Essay in Hindi ( 1000 Words )

हम सभी जानते है कि एक शिक्षक का हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान होता है ! एक शिक्षक के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते , क्योंकि शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो हमें अंधकार से प्रकाश की और ले जाता है ! एक शिक्षक की बदोलत ही हम यह जान पाते है कि संसार में क्या सही है और क्या गलत है !

देखा जाए तो संसार में बहुत सी ज्ञान की किताबे है हम उन्हें पढ़कर भी ज्ञान प्राप्त कर सकते है , लेकिन एक शिक्षक जिस तरह से अपने ज्ञान , अनुभव , सोचने – समझने के तरीके आदि को हमारे सामने रखता है वह अतुलनीय है !

एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें अपने लक्ष्यों को बनाने और उन्हें प्राप्त करने में हमारी मदद करते है ! माता – पिता के बाद एक शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो यह चाहता है कि उनके पढाये हुए स्टूडेंट्स उनसे भी ज्यादा कामयाब बने ! जब भी कोई शिक्षक अपने किसी स्टूडेंट्स को सफल होते हुए देखता है तो वह दिन उनके लिए सबसे गौरवान्वित महसूस करने वाला दिन होता है !

जीवन में सभी का कोई न कोई पसंदीदा शिक्षक जरुर होता है जो उन्हें ताउम्र याद रहता है ! मेरा भी एक बेस्ट टीचर है जिन्होंने अपने वयवहार , वाणी , सरलता उनके पढ़ाने की शैली आदि ने मुझे बहुत अधिक प्रभावित किया है !

वह अपने छात्रों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करते है ! उनके पढ़ाने का  तरीका ही कुछ ऐसा है कि उन्हें स्कुल में हर छात्र सम्मान की नजर से देखता है !

मेरे प्रिय शिक्षक कौन है ?

वैसे तो स्कुल में देखा जाए तो सभी टीचर बहुत अच्छे है , लेकिन मेरे जो सबसे पसंदीदा ( Best Teacher ) अध्यापक है उसका नाम है श्रीमान प्यारेलाल जी सर ! वह भोतिक विज्ञानं  विषय के एक मंझे हुए अध्यापक है ! वह एक साधारण जीवन शैली में विश्वास रखते है ! सादा जीवन और उच्च विचार के वे धनी है !

प्यारेलाल जी सर का पढ़ाने का तरीका ही कुछ ऐसा है कि स्कुल के सभी विद्यार्थी उसके कायल है ! वह स्कुल में सभी विद्यार्थियों से समानजनक व्यवहार करते है और सभी विद्यार्थी भी उनका बहुत सम्मान करते है ! वह गरीब और कमजोर स्टूडेंट्स की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते है ! उनका सरल स्वभाव और व्यव्हार ही है जिसके कारण वह मेरे सबसे प्रिय अध्यापक है !

वह मेरे प्रिय शिक्षक क्यों है ?

मुझे मेरे अध्यापक प्यारेलाल जी सर का सरल , सोम्य , समय के पाबंद और अपने विषय पर मजबूत पकड़ ही मुझे उनका कायल बनाती है ! स्कुल के सभी विद्यार्थी उनकी शिक्षण शैली से बहुत प्रभावित है जिसके कारण वह हर जगह पहचाने जाते है !

भौतिक विज्ञानं को लेकर जो मेरे मन में डर था वो मेरे प्रिय अध्यापक ने चुटकियो में दूर कर दिया और इस विषय के प्रति मेरी रूचि को और बढ़ा दिया ! उनका पढ़ाने का तरीका ही कुछ ऐसा है कि स्कुल के सभी विद्यार्थी परीक्षा में उनके विषय में अच्छे अंक हासिल करते है !

प्यारेलाल जी सर जब भी कोई पाठ पढ़ाते है तो वे बहुत ही सरल तरीके से हमें समझाने का प्रयास करते है ! जब तक सभी छात्रों को वह पाठ समझ में नहीं आ जाता तब तक वह उसे समझाने का प्रयास करते है ! इसके बाद वह घर के लिए थोडा होम वर्क भी देते है और सप्ताहांत में हमारा टेस्ट भी लेते है जिससे उस विषय पर हमारी पकड़ मजबूत हो जाती है !

मेरे प्रिय अध्यापक मेरे आदर्श भी है

मेरे प्रिय अध्यापक श्रीमान प्यारेलाल जी सर को मै अपना आदर्श भी मानता हूँ ! वे एक ऐसे शिक्षक है जो पूरी ईमानदरी , निष्ठां और परिश्रम से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है ! वह हमेशा अपने पेशे के साथ ईमानदार रहते है ! वह गरीब और कमजोर छात्रों को अपने घर पर ट्यूशन भी देते है और बदले में कोई फ़ीस भी नहीं लेते है !

इसके अलावा उनकी शिक्षण शैली कुछ ऐसी है जो उन्हें सभी से अलग बनाती है ! मेरे मन में भौतिक विज्ञानं विषय को लेकर जो डर था उसको दूर करने में मेरे प्रिय अध्यापक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ! मेरी हमेशा यह कोशिश रहेगी कि मै उनके आदर्शो पर चलू और एक अच्छा व्यक्ति बनू !

मेरे प्रिय अध्यापक मेरे प्रेरणास्त्रोत

मेरे प्रिय अध्यापक श्रीमान प्यारेलाल जी सर मेरे प्रेरणास्त्रोत भी है , क्योंकि वह स्कुल के किसी भी विद्यार्थी के साथ किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करते है ! वह सभी विद्यार्थियों से बहुत ही नम्रता से बात करते है कभी भी उनकी गलतियों पर उन्हें डाँटते नहीं है बल्कि गलतियों से सीख लेकर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है ! स्कुल के सभी विद्यार्थी भी उनका बहुत आदर और सम्मान करते है !

वह हमेशा पढाई के अलावा अन्य एक्टिविटी भी करवाते है और अपने प्रेरित करने वाले विचारो से हमारा मार्गदर्शन भी करते है ! उनकी ज्ञान रूपी बाते हमें हमेशा मोटिवेट रखती जिसके चलते हम अपनी पढाई में अधिक फोकस कर पाते है !

मेरे प्रिय अध्यापक से मेरे रिश्ते

मेरे प्रिय अध्यापक श्रीमान प्यारेलाल जी सर से मेरा रिश्ता एक गुरु और शिष्य का ही नहीं है अपितु एक दोस्त जैसा भी है ! जब भी मुझे कोई निजी समस्या का सामना करना पड़ता है तो इसमें वे मेरी बहुत सहायता करते है !

मै शिक्षक दिवस पर हमेशा उन्हें ग्रीटिंग कार्ड भेजता हूँ और जब भी उनका जन्म दिन आता है तो उन्हें उनके उज्जल भविष्य की शुभकामनाये भी देता हूँ !

एक शिक्षक के बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है ! शिक्षक उस मोमबती की तरह होता है जो खुद जलकर लोगो के जीवन में उजाला लाता है ! बिना शिक्षा और शिक्षक के हम एक अच्छे समाज की कल्पना नहीं कर सकते ! शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जो हमारे जीवन के अंधकार को मिटाकर ज्ञान रूपी मोती को भरता है !

शिक्षक ही हमें किताबी ज्ञान के अलावा अपने अनुभवो और ज्ञान के माध्यम से संसार का ज्ञान करवाता है ! एक अच्छा शिक्षक हमें अनुशासन के साथ सही दिशा में आगे बढ़ने में हमारा मार्गदर्शन करता है ! हमें हमेशा अपने शिक्षको का सम्मान करना चाहिए !

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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध - My Favourite Teacher Essay In Hindi

Sabaasaanhai.com एक हिंदी Motivational ब्लॉग है ! इस  ब्लॉग  में रेगुलर  प्रेरणादायक  Stories, Biography, Quotes  प्रस्तुत  होगी  ! सफल और  आसान  लाइफ  जीने  के  लिए  क्या  जरुरी  है ! लाइफ  में  कोनसा  कदम  हमें ऊंचाइयों  पर ले जायेगा ! ऐसी  कहानिया  जो  पढ़कर  लाइफ  में  कुछ  करने  का  मन  हो , ऐसी  मोटिवेशनल  कहानिया बताई  जाएगी  ! जिस  वजह से  आप  कभी  भी  कामयाब  होने  की  उम्मीद  नहीं  छोड़ेंगे  और  success  के साथ  जुड़े रहेंगे !

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Hindi Notes

Essay on My Favourite Teacher in Hindi | Nibandh

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माझे आवडते शिक्षक निबंध My Favourite Teacher Essay in Marathi

My Favourite Teacher Essay in Marathi – Maze Avadte Shikshak Nibandh in Marathi शिक्षक निबंध मराठी माझे आदर्श शिक्षक निबंध अर्थातच खालील ओळींचा अर्थ असा होतो की, गुरूंना ब्रह्मासारखे (निर्माता) मानले जाते. कारण, त्याने तुमच्यात परिवर्तनाची प्रक्रिया सुरू केली आणि तुम्हाला योग्य दिशेने नेले. जगातील नकारात्मक प्रभावापासून गुरु तुमचे रक्षण करतो आणि तुमच्या प्रगतीस मदत करतो, म्हणून गुरु विष्णू (रक्षक) मानला जातो. गुरूंना शिव (विध्वंसक) मानले जाते. कारण, त्याने आपल्या दुःखाचा नाश केला आणि तिथूनच कर्मबंध हटविण्याचा मार्ग सुद्धा मोकळा केला. वास्तविक पाहता, आत्मा म्हणून गुरू हा परमब्रह्मांचा अवतार आहे.

गुरूर्ब्रह्मा , गुरूर्विष्णुः , गुरूर्देवो महेश्वरः गुरूर्साक्षात् परब्रह्म् तस्मै श्री गुरवे नमः॥

गुरुर ब्रह्मा: गुरु ब्रह्मा (निर्माता) सारखा आहे.

गुरूर विष्णु: गुरु विष्णू (संरक्षक) सारखा आहे.

गुरूर देवो महेश्वरा: गुरु हा भगवान महेश्वर (विध्वंसक) सारखा आहे.

गुरु: साक्षात्: खरा गुरू, डोळ्यांसमोर आहे.

परब्रह्म: सर्वोच्च ब्राह्मण.

गुरुवे नम:  त्या एकालाच: मी त्या खर्‍या गुरुला.

माझे आवडते शिक्षक निबंध मराठी – My Favourite Teacher Essay in Marathi

माझा आवडता शिक्षक निबंध.

कुंभार ज्याप्रमाणे मातीच्या गोळ्याला आकार देवून त्यापासून सुंदर मडकी घडवतात, त्याचप्रमाणे विद्यार्थ्यांच्या व्यक्तिमत्वाला सुरेख असा आकार देवून त्यांना यशस्वी बनवण्याचे महान कार्य शिक्षक करत असतात. आई ही प्रत्येकाचा पहिला गुरु असते. पण, त्यानंतर मात्र प्रत्येक पाल्याला घडवण्याचे काम शिक्षकच करतात.

माझ्या आई – वडिलांप्रमाणेच मला घडवण्याचे काम माझ्या गुरूंनी केले. त्यातील मला सर्वात जास्त भावलेले व्यक्तिमत्त्व म्हणजे माझे आवडते शिक्षक होनगेकर सर. माझं बारावीच शिक्षण गावी पुर्ण झाल्यानंतर, मी पुढील शिक्षणासाठी कोल्हापूरला जायचं ठरवलं होत. कोल्हापुरात वसलेलं, उच्च प्रतिष्ठेच, नामांकित असलेलं, जिथं ज्ञानाची गंगा वाहते अस तेजोमय आणि सर्वश्रेष्ठ महाविद्यालय म्हणजे’ विवेकानंद कॉलेज, कोल्हापूर’.

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माझी आणि होनगेकर सरांची गाठभेट इथचं पडली. खरंतर , होनगेकर सर म्हणजे आमच्या महाविद्यालयाचे प्राचार्य महोदय होते. अत्यंत प्रेमळ, मनमिळावू, शिस्तप्रिय आणि मैत्रीपूर्ण असा त्यांचा स्वभाव होता. मी तेराविमध्ये असताना आमच्या वर्गावर त्यांचा इंग्रजी हा शिकवण्याचा विषय होता. अस्खलित स्वरूपाचं त्यांचं इंग्रजी सगळ्यांनाच आवडायचं.

वर्गात आल्यावर पहिल्यांदा ते सगळ्या विद्यार्थ्यांची विचारपूस करायचे, विद्यार्थ्यांशी त्यांचं मैत्रीचं नात तर होतच पण, त्याला अजून पाण्यासारख निर्मळ आणि भिंतीसारख भक्कम बनवण्यासाठी ते नेहमी प्रयत्न करायचे.

ते आमच्या वर्गावर लेक्चर द्यायला आले की सगळ्यात जास्त आनंद मला व्हायचा. त्यांचं लेक्चर कधीच संपू नव्हे ,ते असच अखंड चालावं अशी मनात इच्छा व्हायची. त्यांनी विचारलेल्या प्रश्नांची उत्तरे मी पटापट देत असायची.त्यामुळे, त्यांनाही मी आवडती झाली होती. शिवाय, अनेक राज्यस्तरीय वकृत्व स्पर्धा वेगवेगळया ठिकाणी आयोजित केल्या जायच्या.

त्यावेळी, मी त्याच्यात भाग घेत असायचे. अशी एकही स्पर्धा मी सोडली नाही की ज्याच्यात माझा प्रथम क्रमांक आला नाही. त्यामुळे, माझ्याबरोबर माझ्या कॉलेजचही नाव नावारूपाला येऊ लागलं होत. कॉलेजचे प्राचार्य म्हणून होनगेकर सरांना माझा खूप अभिमान वाटे. असच एकेदिवशी पुण्याजवळील बारामती या ठिकाणी राज्यातील प्रत्येक महाविद्यालयातील कोणतेही दोन विद्यार्थी याप्रमाणे राज्यस्तरीय  ‘युथ आयकॉन’ स्पर्धा आयोजित करण्यात आली होती.

  • नक्की वाचा: माझा आवडता मित्र निबंध

माझ्या महाविद्यालयातून माझी आणि नंदिनी नावाच्या एका मुलीची निवड करण्यात आली होती, स्पर्धेला जायच्या आदल्या दिवशी होनगेकर सरांनी मला ऑफिसमध्ये बोलवलं, त्यावेळी त्यांनी मला पाजलेल ज्ञान – अमृत मी कधीही माझ्या आयुष्यात विसरू शकत नाही . ऑफिसमध्ये प्रवेश करताना मी त्यांची परवानगी घेतली आणि ऑफिसमध्ये प्रवेश केला.

आत जाताच मला त्यांचा अभिमानानं आनंदमय झालेला चेहरा दिसला , त्यांचा चेहरा पाहून मला खूप छान वाटलं होत. आता ते माझ्याशी काय बोलणार याची मी आतुरतेने वाट पाहत होते. सरांनी मला मायेनं जवळ घेतलं आणि बोलायला सुरुवात केली. ते बोलले, “बाळ तेजल आपलं महाविद्यालय खूप प्रसिद्ध आणि उच्चशिक्षणाच माहेरघरच आहे, आता आपल्या महाविद्यालयाच नाव अजून नावारूपाला आणण्याची तुला संधी मिळाली आहे, त्या संधीच तू सोन कर.

आता हे स्पर्धेबद्दल, महाविद्यालयाबद्दल झालं. पण, आयुष्यात तुला खूप मोठं देखील व्हायचं आहे, त्यासाठी मी आता ज्या गोष्टी तुला सांगणार आहे त्या लक्ष देऊन ऐक;”अस बोलून त्यांनी मला ती अमूल्य तत्व सांगायला सुरुवात केली, त्यातील पहिले तत्व म्हणजे;

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१) काम असो अभ्यास असो वा कोणतीही चांगली गोष्ट ती नेहमी मन लावून , आनंदान कर. जर, ती गोष्ट तू कर्तव्य किंवा जबाबदारी म्हणून केलीस तर ती गोष्ट यशस्वी होईल पण, त्यातून तुला आनंद, समाधान नाही भेटणार. त्यामुळे, ती गोष्ट तू मनापासून आणि स्वतःच्या आनंदासाठी कर.

२) दुसरे तत्व – कामात रहा , रिकामी डोकं हे सैतानाच घर असत . नको ते विचार, विनाकारण नैराश्य हे रिकामी बसलेल्या माणसांनाच येत. त्यामुळे, नेहमी कामात रहा. कामात बदल म्हणजे विश्रांती. जर तुला एकच काम करून कंटाळा आला आणि तुला जर विश्रांती घ्यावी वाटली तर तू कामात बदल कर.

३) तिसरे तत्व – आनंद आणि सुख यांच्यामागे कधीच धावू नकोस, कारण ते क्षणभंगूर आहेत. त्यामुळे, तू या दोन गोष्टींच्या मागे लागण्यापेक्षा प्रत्येक गोष्टीत समाधान शोधण्याचा प्रयत्न कर. जेणेकरून तू आयुष्यात कधीच दुःखी नाही होणार .

४) चौथे तत्व – स्वतःशी प्रामाणिक रहा आणि एखाद्या गोष्टीत जर यश मिळाले नाही तर, निराश न होता अपयश पचवायला शिक. स्वतःमधील वेगळेपणासाठी लढ आणि आयुष्यात येणाऱ्या प्रत्येक मर्यादांवर मात कर.

५) पाचवे तत्व – सगळ्यात महत्वाच म्हणजे आयुष्यात कोणताही निर्णय ठामपणे घ्यायला शिक आणि घेतलेला निर्णय बरोबरच आहे हे सगळयांना सिध्द करून दाखव.

अशी अनेक तत्वे त्यांनी मला सांगितली. त्यांचा एक एक शब्द जसा कानावर पडत होता, तसा माझ्यातील स्वतःबद्दलचा आत्मविश्वास वाढत होता. शेवटी, सगळ सांगितल्यानंतर त्यांनी मला स्पर्धेसाठी शुभेच्छा दिल्या आणि मी वर्गात जायला निघाले. बाहेर निघतानाच मी एक आदर्श व्यक्तिमत्त्व मनात तयार करून निघत होते. शेवटी, स्पर्धेचा दिवस उजाडला होत.

होनगेकर सरांनी दिलेल् पाठबळ सोबत घेऊन मी स्पर्धेला उतरले. मी पूर्ण तयारीनिशी या स्पर्धेत उतरले होते. त्यामुळे, आत्मविश्वास तर होताच. मी माझ्या आयुष्यात तेरावीपर्यंत केलेल्या कर्तुत्वाच  व्यवस्थित सादरीकरण केलं. मी सादरीकरण करत असताना समोर बसलेले सर्वजण एकटक नजरेने आणि खूप कौतुकाने माझ्याकडे पाहत होते, ते पाहून मला अजुन उमेद यायची.

एकदाची स्पर्धा झाली आणि निकालाचा दिवस आला. माझ्यापेक्षा होनगेकर सरांना खूप विश्वास होता की मी नक्की ‘युथ आयकॉन’ होणार, शेवटी सरांच्या मनातील इच्छा पूर्ण झाली आणि मी महाराष्ट्राची ‘युथ आयकॉन’ बनले . तो दिवस माझ्या आयुष्यातील खूप अनमोल असा दिवस होता.

स्पर्धा संपवून कोल्हापुरात परत आल्यावर, होनगेकर सरांनी माझ खूप कौतुक केलं आणि माझा सत्कार कार्यक्रम देखील आयोजित केला. त्यानंतर, सरांची आणि माझी चांगली मैत्री झाली. सर आणि मी नेहमी दुपारचं जेवण एकत्र करू लागलो. माझा हॉस्टेल मधील डब्बा सर अगदी आवडीने खायचे. एवढ्या मोठ्या महाविद्यालयाचे प्राचार्य असूनही त्यांना कधीच त्याचा गर्व नव्हता.

त्यांच्या वागण्यात, बोलण्यात आणि राहण्यात खूप साधेपणा होता. पण, त्यांचे विचार मात्र खूप महान होते.

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होनगेकर सर हे फक्त इंग्रजीचे शिक्षक किंवा महाविद्यालयाचे प्राचार्य नव्हते तर, ते एक उत्तम कलाकार देखील होते. इंग्रजीमधील कोणताही धडा किंवा कविता ते कृतीसह शिकवत होते, त्यामुळे विद्यार्थ्यांना शिकताना मजा वाटायची आणि शिकवलेल लक्षातही रहायचं. पुस्तकातील धडे ते इतके तन्मयतेने शिकवायचे की आजही ते धडे मला तोंडपाठ आहेत.

त्यांचे हस्ताक्षर इतके सुंदर आणि मोत्यासारखे होते की फळ्यावर ते काही लिहायला गेले की त्यांचं अक्षर छापल्यासारख दिसायचं. त्यांचे व्यक्तिमत्त्व अगदी अष्टपैलू होते. त्यांना इंग्रजीशिवाय गणित, इतिहास, मराठी हे विषयदेखील खूप आवडायचे. होनगेकर सर आम्हाला इंग्रजी हा विषय शिकवत असताना आम्हाला अन्य विषयांचं महत्त्व देखील समजावून सांगायचे.

प्रत्यक्ष प्रात्यक्षिक, प्रशिक्षणे करून त्यांनी आम्हाला व्यावहारिक ज्ञान आत्मसात करून दिलं. आमच्या सरांसोबत ते दिवस कसे पटपट गेले हे काळाच्या ओघात कधी कळलच नाही.

आमच्या महाविद्यालयात बाहेरच्या गावचे आणि खेड्यातील अनेक मुल – मुली लांबून शिकायला यायचे. त्यांच्याकडे रहायला, खायला पुरेसे पैसे नसायचे. अशावेळी, होनगेकर सरांनी अनेक गोर – गरीब विद्यार्थ्यांना वेळोवेळी आर्थिक मदत केली.

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शिवाय, त्यांच्या पालकांशी प्रत्यक्षात बोलून त्यांना बहुमोल मार्गदर्शन दिलं आणि बिकट आर्थिक परिस्थीतीमुळे मुलांची शिक्षणं बंद करू नका अस सांगितलं. होनगेकर सरदेखील गरीब कुटुंबातून वाढल्यामुळे त्यांना त्याची जाणीव होती. सामान्य नोकरीपासून ते इतक्या उच्च महाविद्यालयाचा प्राचार्य होण्याचा त्यांचा प्रवास खूप मोठा आणि कष्टी होता.

त्यांना अनेक संकटांना, समाजातील विकृत प्रवृत्तीच्या माणसांना सामोरे जावं लागलं होत. तरीही, हार न मानता त्यांनी त्यांच्या आयुष्यात यशाचा मार्ग गाठला होता.

कोणतीही अपेक्षा न करता ते मनापासून ज्ञान दानाचे पवित्र असे कार्य करत होते. आज होनगेकर सरांच काम आणि कर्तृत्व आठवल की थक्क व्हायला होत. अस वाटते की इतकं उदार अंतःकरणाने काम करण्याची क्षमता त्यांच्यामध्ये कुठून आली असेल? त्यांनी मला फक्त पुस्तकी ज्ञान दिले नाही तर, माझ्या आयुष्याला आकार देण्याचे असे मोलाचे काम त्यांनी केले आहे.

आपण जर सध्या अलीकडच्या शाळा आणि महाविद्यालयांकडे वळून पाहिलं तर, लक्षात येईल की आजचे शिक्षक फक्त जे विद्यार्थी किंवा विद्यार्थिनी हुशार आहेत त्यांच्याकडे जास्त लक्ष देत आहेत. त्यामुळे, इतर मुलामुलींकडे दुर्लक्ष होत आणि त्यांची प्रगती न होता त्यांची अधोगती व्हायला सुरुवात होते.

खरंतर, ही पद्धत आजकाल सगळीकडे पहायला मिळते. आजचे शिक्षक फक्त तयार मूर्तीला रंग देण्याचं काम करत आहेत. पण, खरा आदर्श शिक्षक तोच असतो जो दगडाला आकार देवून, त्याची मूर्ती घडवून त्याला आकार देतो आणि शेवटी रंग देऊन सगळ्यांसमोर प्रदर्शित करतो. कोणताही विद्यार्थी जन्मतःच हुशार किंवा बुद्धिनिष्ठ नसतो.

त्याला हुशार, बुद्धिनिष्ठ, कर्तव्यनिष्ठ आणि आदर्श अस व्यक्तिमत्त्व बनवण्यासाठी शिक्षकांनीच प्रयत्न करायचे असतात. आई – वडील आपल्या मुलांना बोलायला, चालायला, धावायला शिकवतात पण, ध्येयापर्यंत नेण्यासाठीचा मार्ग एक गुरूच त्याच्या शिष्याला दाखवू शकतो.

” कळलंच नाही सर मला , काय लिहावं तुमच्यावरती! कार्यही तुमचे महान तेवढेच , नि तेवढीच तुमची कीर्ती! “

आमचे होनगेकर सर हे असेच आदर्श गुरु आहेत. वर्गातील जी मुल अभ्यासात कमजोर होती, त्यांच्याकडे विशेष लक्ष देवून, सरांनी त्यांना इतर हुशार मुलांप्रमाणे परिपूर्ण बनवण्यासाठी अतोनात प्रयत्न केले होते. त्यांनी वर्गातील सर्व मुलांना त्यांच्या यशाचा मार्ग दाखविला आणि ध्येयापर्यंत पोहचण्यासाठी आवश्यक ती सर्व मदत सुद्धा केली. सरांनी कधीच विद्यार्थ्यांमध्ये हुशार- मठ्, गरीब – श्रीमंत, उच्च – नीच असा भेदभाव  केला नाही.

ते सगळ्यांशी समानतेने वागायचे. महाविद्यालयातील इतर शिक्षकांशी ही त्यांची वागणूक समतेची आणि समानतेची असायची. एखाद्या वेळी जर महाविद्यालयातील शिक्षक किंवा शिक्षिका गैरहजर असतील तर, त्यादिवशी होनगेकर सर त्या शिक्षकाच लेक्चर ज्या वर्गावर असेल ते चुकू न देता स्वतः त्या वर्गावर लेक्चर घ्यायचे जेणेकरून विद्यार्थ्यांचं त्या विषयाचं नुकसान होऊ नये.

  • नक्की वाचा: माझे गाव निबंध

यावरून, लक्षात येईल की त्यांची शिक्षणाबद्दलची आस किती होती! अभ्यासाव्यतिरिक्त त्यांनी आम्हां सर्व विद्यार्थ्यांना चांगले संस्कार ही दिले. मी एक गोष्ट खूप खात्रीने सांगू शकते, आमच्या महाविद्यालयातील प्रत्येक विद्यार्थी जरी आज मोठ्या हुद्द्यावर नसला तरी, प्रत्येक विद्यार्थी हा आज एक उत्तम नागरिक असेल हे खरे.

विद्यार्थ्यांमध्ये लपलेला राजहंस ते स्वतः शोधून काढायचे आणि त्या कौशल्याचा विकास करण्यासाठी ते सर्व बाजूंनी विद्यार्थ्यांना प्रोत्साहित करायचे. शब्दांनी ज्ञान वाढवणारे, जगण्यातून जीवन घडवणारे, मुल्यातून तत्व शिकवणारे, विद्यार्थ्यांना योग्य दिशा दाखवणारे गुरु म्हणजे आमचे होनगेकर सर.

” तुम्ही आयुष्यभर प्रयत्न केले , आदर्श विद्यार्थी घडावेत म्हणून. थोडा मी ही प्रयत्न केला , त्यात माझ ही नावं यावं म्हणून.”

प्रत्येक विद्यार्थ्याच्या आयुष्यामध्ये शिक्षकाला अमूल्य असे स्थान असते. आम्हां विद्यार्थ्यांच्या चिमुकल्या पंखात ताकद देण्याचे आणि आकाशाला गवसणी घालण्यासाठी आवश्यक असणारे सामर्थ्य देण्याचे काम होनगेकर सरांनी केले होते. होनगेकर सरांना फक्त शिक्षणामध्येच रस नव्हता तर, बाहेरच्या जगाकडे पण त्यांचं खूप लक्ष होत.

समाजकार्यात तर ते अग्रेसर होते. अनेक वेळी ते महाविद्यालयातील विद्यार्थ्यांना तसेच, ज्या मुलांना शाळेमध्ये, कॉलेजमध्ये जावून शिकणं परवडत नाही त्यांना ते फुकट पुस्तक वाटायचे. याशिवाय, ज्यावेळी कोल्हापुरात हवा प्रदूषण वाढत होत तेंव्हा त्यांनी स्वतः कॉलेजला येताना सायकल घेऊन यायला सुरुवात केली.

ते नेहमी सायकलवरचा प्रवास करून कॉलेजला येत होते. त्यांचा हा आदर्श घेऊन महाविद्यालयातील इतर शिक्षक तसेच, विद्यार्थी – विद्यार्थिनी ही कॉलेजला सायकलवरून किंवा पायी यायला लागले.

होनगेकर सर महाविद्यालयात स्नेहसंमेलन, क्रिडा स्पर्धा, विज्ञान प्रदर्शन, एकांकिका यांसारखे अनेक कार्यक्रम राबवत असत. शिवाय जे विद्यार्थी स्पर्धापरीक्षेचा अभ्यास करायचे त्यांच्यासाठी वर्षातून महाविद्यालयामार्फत स्पर्धा आयोजित केल्या जायच्या. त्यांना अभ्यास करण्यासाठी उमेद मिळावी, त्यांच्यात जिद्द निर्माण व्हावी यासाठी नामांकित अधिकारी देखील बोलवले जायचे.

  • नक्की वाचा: मोबाईल शाप कि वरदान निबंध

अनेक प्रसिध्द उद्योगपती, खेळाडू, कलाकार, अभिनेता – अभिनेत्री यांसारख्या अनेक व्यक्तींना महाविद्यालयात दरवर्षी आमंत्रित केले जायचे. मी त्यांना कधीच निवांत बसताना पाहिलं नाही. ते काहींना काही करतच असत. त्यांनी स्वतःच आत्मचरित्र पुस्तक देखील लिहल आहे. या पुस्तकात त्यांनी आपल्या आयुष्यातील प्रवासाची मांडणी अत्यंत साध्या, सरळ आणि रेखीव शब्दात केली आहे.

मी जेंव्हा त्यांचं आत्मचरित्र वाचत होते, तेंव्हा माझ्या डोळ्यातून अश्रु वाहत होते. इतकं समोरच्या वाचणाऱ्या व्यक्तीच्या मनावर प्रभाव टाकणार त्यांचं आत्मचरित्र आहे.

शिक्षक कविता मराठी

” तुम्ही नाही केलीत एल. एल. बी. कायद्याच्या जगातील कधी . पण , जीवनाच्या कायद्यातील पद्धत , सर , तुमची मात्र होती खूपच साधी ! तुम्ही बोललेले शब्दानं शब्द , रामबाण प्रमाणे खरे ठरत होते . जीवनाच्या या रणांगणात मात्र , लढण्याचे सामर्थ्य देत होते ! “

अशा माझ्या आवडत्या आणि महान शिक्षकाला कॉलेजच्या कार्यालयात काम करत असताना अचानक पॅरालिसीस अटॅक आला. तरीही, माझे होनगेकर सर न चुकता कॉलेजला यायचे, त्यांचा कॉलेजमध्ये ठरलेला दिनक्रम करायचे. त्यांनी आपल्या दिनक्रमात कधीच खंड पडू दिली नाही.

पण, काही दिवसांतच त्यांचे निधन झाले आणि तेंव्हाच खरा त्यांच्या कार्यात खंड पडला. खरंच, मी खूपच नशीबवान होते की अशा महान व्यक्तिमत्व असलेल्या शिक्षकाची मी आवडती विद्यार्थिनी होते. त्यांचं अचानक अस जाणं म्हणजे माझ्यासाठी खूप मोठा धक्का होता. आज जरी सर माझ्यासोबत नसले तरी त्यांनी दिलेली शिकवण, त्यांनी दिलेले धडे, त्यांचे विचार, अमृतापेक्षा महान असलेले त्यांचे ज्ञान आजही माझ्यासोबत आहे; जे नेहमी मला होनगेकर सर सोबत असल्याची जाणीव करून देतात.

” सर , तुमच्याविषयी खूप लिहायचं होत , माझ्या आयुष्याच्या डायरीत. पण , आज अक्षरच सापडेनासे झाले सर , तुम्हीच शिकवलेल्या बाराखडित! “

अशा महान गुरूला माझा कोटी कोटी प्रणाम!

              – तेजल तानाजी पाटील

                  बागीलगे , चंदगड.

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मेरे शिक्षक पर निबंध (My Teacher Essay in Hindi)

पहले के समय में हमारे देश में शिक्षक को इस तरह का सम्मान दिया जाता था, परन्तु आज के समय में शिक्षक और छात्र दोनो ही बदल गये है। पहले के समय में शिक्षण एक पेशा ना होकर एक उत्साह और एक शौक का कार्य था, पर अब यह मात्र एक आजीविका चलाने का साधन बनकर रह गया है। लेकिन मुझे लगता अभी भी सब कुछ खत्म नही हुआ है। जब भी मैं छात्रों को शिक्षक दिवस मनाते हुए देखता हूँ मैं काफी भावुक हो जाता हूँ और इसके साथ ही काफी प्रसन्न भी महसूस करता हूँ। यह सब देखकर मुझे लगता है अभी भी हमारे दिलो में शिक्षको के लिए विशेष स्थान है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

मेरे शिक्षक पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Teacher in Hindi, Mere shikshak par Nibandh Hindi mein)

मेरे शिक्षक पर निबंध – 1 ( 250 – 300 शब्द).

इस बात से को इनकार नही कर सकता है कि स्कूल के पहले दिन से लेकर कालेज के आखिरी दिन तक वह हमें पढ़ाते है हमारी कमियां खोजते है और हमें शिक्षा देते है। इसके अलावा वह हमारे व्यक्तित्व का भी निर्माण करते है अगर संक्षिप्त में कहे तो वह हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं।

शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माता

वैसे तो कई रिश्ते है जिनका हमारे ह्रदय में विशेष स्थान होता है और मुझे विश्वास है कि उनमें से एक है शिक्षक का रिश्ता जो हमारे लिए सबसे प्रिय है। खासतौर से वह जो हमारे साथ सख्ती से पेश आते थे और हमें गलतियों पर सजा दिया करते थे।

जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है यह नफरत प्रेम में बदल जाता है, क्योंकि हम अपने पेशे में डांट का महत्व महसूस करते है। कबीर दास ने शिक्षक के कार्य को नीचें के पंक्तियो में बखूबी समझाया है।

“गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट, अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट”

उपर के पंक्तियों में कबीर दास जी कहते है कि शिक्षक एक कुम्हार के तरह है और छात्र पानी के घड़े के तरह जो उनके द्वारा बनाया जाता है और इसके निर्माण के दौरान वह बाहर से घड़े पर चोट करता है और इसके साथ ही सहारा देने के लिए अपना एक हाथ अंदर भी रखता है।

इसलिए मैं अपने शिक्षक को इतना प्रेम करता हूँ (खासतौर से उनका जो मुझे ज्यादे डांटते थे)। वो वह व्यक्ति थे जो मेरे भविष्य निर्माण के लिए जिम्मेदार है।

जब मैं एक छात्र था, तब मैं एक अंग्रेजी लेखक बनना चाहता था। जब यह बात मैंने अपने दोस्तो और माता-पिता को बताया तो वह मुझ पर हंसने लगे क्योकि मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। मेरे शिक्षक हमेशा डांटते और सजा दिया करते थे पर मैनें कभी अपना धैर्य नही खोया। यह उनके मार्गदर्शन और मेहनत का फल ही जिससे कि मैं एक अंग्रेजी शिक्षक और लेखक बन पाया। पहले मैं उनके द्वारा मुझसे कड़ाई बरतने पर मुझे काफी बुरा लगता था, पर अब मैं उन्हे धन्यवाद देता हूँ क्योंकि उनके कड़ाई और मेरे उपर किये गये मेहनत का फल मुझे प्राप्त हुआ।

तो आपको भी अपने कड़ाई बरतने वाले शिक्षको की बातो का बुरा नही मानना चाहिए, क्योंकि वह आपको वो बनायेंगे जो आप बनना चाहते हो। दूसरे शब्दो में कहे तो वह आपके भविष्य के निर्माता है।

Meri Teacher par nibandh – 2 (400 शब्द)

यह सच है कि हमारे माता-पिता हमारे पहले शिक्षक है। वह हमें काफी कुछ सिखाते है, इस बात इन्कार नही किया जा सकता है, पर हमारी असली शिक्षा तब शुरु होती है जब हम स्कूल जाते है। जहा हम अपने शिक्षको द्वारा ज्ञान प्राप्त करना शुरु करते हैं। शिक्षक एक व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व

एक शिक्षक एक मार्गदर्शक, गुरु, मित्र होने के साथ ही और कई भूमिकाएं निभाते है, जिनके बारे में हम सोच भी नही सकते है। यह विद्यार्थी के उपर निर्भर करता है, कि वह अपने शिक्षक को कैसे परिभाषित करता है। संत तुलसी दास के ने इसे नीचे के पंक्तियों में बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है।

“जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”

उपर के पंक्तियों में संत तुलसी दास ने बताया है कि भगवान/गुरु एक व्यक्ति को वैसे ही नजर आयेंगे जैसा कि वह सोचेगा। उदहारण के लिए अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण को अपना मित्र मानते थे, वही मीरा बाई भगवान श्रीकृष्ण को अपना प्रेमी ठीक इसी प्रकार से यह शिक्षक के उपर भी लागू होता है।

मेरे नर्सरी शिक्षक – मेरे सब कुछ

मेरे नर्सरी शिक्षक के व्यक्तित्व में कुछ जादू सा था, मैं उन पर आंख मूंदकर भरोसा करता था। मैं उनके साथ के अपने इस रिश्ते को बयान नही कर सकता पर हाँ मैं यह अवश्य कह सकता हूँ कि यह कई रिश्तो का मिश्रण था।

मेरे प्राइमरी (प्राथमिक) शिक्षक – मेरे गुरु

ऐसा कहा जाता है कि एक इमारत की नींव मजबूत हो तो इमारत मजबूत होती है, और व्यक्ति जितने चाहे उतनी मंजिले उसमें जोड़ सकता है लेकिन अगर नींव कमजोर हो तो ऐसा करना काफी खतरनाक होता है। मैं काफी भाग्यशाली था जो मुझे इतने अच्छे प्राथमिक शिक्षक मिले जिन्होंने मेरे जीवन में चरित्र और शिक्षा की नींव रखी और इसी मजबूत नींव के वजह से आज मैं इस मुकाम पर पहूँच पाया हूँ।

मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक – मेरे अनुशासन कर्ता

आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन है वह मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के द्वारा ही दी गयी है। वह मुझे डांटा करते थे, मुझ पर चिल्लाया करते थे और मुझे मेरे सीमा तक पहूँचाते थे। जब मैं विद्यालय में था, तब मुझे उनकी बातो का काफी बुरा लगता था, पर अब मैं इस बात को समझ चुका हूँ कि यह सब उन्होंने मेरे भलाई के लिए किया।

मेरे सेंकडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक – मेरे दोस्त

किसी ने सच ही कहा कि जब बेटे/बेटी के जूते उनके माता पिता या शिक्षक के जूते के बराबर हो जाये तो वह दोस्त बन जाते है। मैं अपनी हर व्यक्तिगत बाते अपने शिक्षको के साथ बांटा करता था, जिससे वह इन बातो में मेरा मार्गदर्शन किया करते थे। यह उनका मार्गदर्शन ही था, जो मैं किशोरावस्था के कई समस्याओं से बच गया।

एक शिक्षक हमारे जीवन में एक अभिनेता की तरह कई भूमिकाएं निभाता है, जो हमारी जीवन में हमारे लिए मददगार साबित होती है। जिनसे हमें एक बेहतर व्यक्ति एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा मिलती हैं।

निबंध – 3 (500 शब्द)

मेरे लिए यह बताना काफी मुश्किल है कि एक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का क्या महत्व है, क्योंकि हम में ज्यादेतर लोगो की वह एक पूरी दुनिया ही होते है। वह लोग काफी सौभाग्यशाली होते है, जिन्हे अच्छे शिक्षक मिलते है।

शिक्षक का हमारे जीवन में महत्व

एक पैदा हुए बच्चे का दिमाग बिल्कुल खाली होता है, हम कह सकते है यह एक खाली स्लेट की तरह होता है और इस स्लेट पर एक शिक्षक जो भी सिखाता है वह उस बच्चे का व्यक्तित्व बन जाता है।

हमें शिक्षा देने वाले

एक शिक्षक का मुख्य लक्ष्य छात्रों को ज्ञान देना होता है। वह अपने छात्रो को सबसे अच्छे तरीके से सीखाने का प्रयास करता है और उनके जरुरत के हिसाब से खुद को ढालता है। इसके साथ ही एक शिक्षक को कई बार काफी कम संसाधनो या बिल्कुल ना के बराबर के संसाधनो के साथ विद्यार्थियों को पढ़ाना होता है जैसे की सरकारी विद्यालयों में जो वाकई में एक चुनौती का कार्य होता हैं।

कई बार एक शिक्षक को अपन वित्तीय जरुरतो को पूरा करने के लिए काफी लम्बे समय तक कार्य करना होता है क्योंकि एक शिक्षक को काफी कम वेतन मिलता है। इसके साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए एक शिक्षक को उस विषय में नोट बनाने और अन्य जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से हम कह सकते है कि एक शिक्षक का कार्य काफी कठिन कार्य होता है।

शिक्षक एक चरित्र निर्माता

किताबी ज्ञान देने के अलावा एक शिक्षक बच्चों को नैतिक ज्ञान भी देते हैं। जो कि कई बार औपचारिक रुप से होता है तो कई बार साधरण रुप से, जब मैं एक बच्चा था तो एक बार मैने अपने एक दोस्त से बिना पूछे उसका रबड़ ले लिया और उसे लौटाना भूल गया। इस पर मेरे दोस्त ने मेरे शिक्षक से जा कर कह दिया कि मैने उसका रबड़ चुराया है। इस बात पर मैं रोने लगा और कहा मैं उससे पूछना भूल गया था, मैंने चोरी नही की, इस बात पर मेरे शिक्षक ने मुझसे कहा की “मैं तुम्हारी बात पर यकीन करता हूँ, लेकिन तुम्हे दूसरे की वस्तु लेने से पहले पूछना चाहिए था” तब से लेकर आज तक उनके इस बताये गए पाठ को मैं कभी नही भूला।

छोटी-छोटी चीजे जो विद्यालयों में सिखायी जाती है, जैसे कि तमीज, झूठ ना बोलना,  हमेशा धन्यवाद और कृपया कहना, कक्षा में आने पर या कुर्सी पे बैठने से पहले आज्ञा लेना आदि, भले ही यह चीजे काफी छोटी प्रतीत होती हो पर मेरा यकीन मानिए यह छोटी चीजे आसानी से परिस्थितियों को तोड़ और जोड़ सकती है।

शिक्षक एक पथ प्रदर्शक और एक गुरु

जब मैं 10वीं कक्षा में था, तो मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे कौन सा विषय चुनना चाहिए विज्ञान या वाणिज्य, मैं जितने लोगो से सलाह लेता उतना ही ज्यादे भ्रमित हो जाता। अंत में इस विषय में मैने अपने शिक्षक से सलाह ली और “उन्होंने मुझसे कहा अपने दिल की बात सुनो तुम्हे अपना उत्तर मिल जायेगा” और वास्तव में मुझे मेरा उत्तर मिल गया।

एक शिक्षक एक दोस्त

मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि कोई व्यक्ति कितना भी प्रतिभासाली क्यों ना हो, अगर वह भावनात्मक रुप से अच्छा नही है तो वह अच्छा प्रदर्शन नही कर सकता है। अगर एक छात्र अपने शिक्षक को अपना मित्र मान ले तो मेरा विश्वास मानिए वह अपने भावनात्मक बाधाओं को आसानी से पार कर जायेगा।

शिक्षक हमारे शुभचिंतक

कुछ व्यक्ति ऐसे होते है, जो आपको कभी धोखा नही देते है। उनमें से एक है आपके शिक्षक, इससे कोई फर्क नही पढ़ता है कि आप उनके विषय में क्या सोचते है वह हमेशा ही आपके शुभ चिंतक रहेंगे।

ऐसा ही एक वाकया मैं आप लोगो के सामने रखना चाहूँगा, जब मैं स्कूल में था। हमारे एक गणित के शिक्षक थे जो हमेशा हमारे साथ काफी कड़ाई के साथ पेश आते थे, वह अक्सर हमे डांटते थे और पिटाई भी किया करते थे। दूसरे शब्दो में कहे तो उन्होंने हमारा जीना मुश्किल कर दिया था। एक दिन इन सब बातो को लेकर हमारा धैर्य जवाब दे गया और हममे उनकी मोटरसाईकल में आग लगा दी, जिसके बाद इस मामले की एफ.आई.आर दर्ज हुई और जब हमारे एक सहपाठी को धमकाया तो उसने कुछ लोगो के नाम बता दिये और जब पुलिस उन लड़को को गिरफ्तार करने आयी तो हमारे गणित के शिक्षक ने अपनी शिकायत वापस ले ली।

हम में से किसी ने भी ऐसा सोचा भी ना था, हम उनके पास गये और उनसे क्षमा मांगी और उनसे पूछा कि उन्होंने अपनी शिकायत वापस क्यों ले ली उन्होंने जो कहा अब वह मैं आपको बताने जा रहा हूँ, उन्होंने कहा “एक विद्यार्थी के रुप में आपसे गलतियां होती है और मेरा काम है उन्हे ठीक करना, लेकिन मैं तुम लोगो को ऐसी सजा नही दे सकता जो तुम्हारा भविष्य खराब कर दे और तुम्हे एक अपराधी बना दे, इसलिए मैने अपनी शिकायत वापस ले ली।” उनकी इस बात पर हम काफी रोये और अपने इस किये के लिए उनसे माफी मांगी, वास्तव में यही शिक्षक का असली चरित्र होता है।

अंत में मैं यहि कहूंगा कि एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें सही मायनों में एक पूर्ण इंसान बनाता है।

निबंध – 4 (600 शब्द)

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, हम एक समय में कई भूमिकाएं निभाते है। जैसे कि हम एक बेटे हो सकते है, या माता, पिता, भाई, पति, दोस्त, बास, कर्मचारी आदि जैसे रिश्तो में एक ही समय पर बंधे हो सकते है। हर एक रिश्ते का क्षेत्र और सही रुप से निर्धारित होता है पर कुछ ऐसे रिश्ते होते है जो काफी जटिल होते है और इन्हे शब्दो में बयान नही किया जा सकता है। देखा जाये तो यह कई रिश्तो का मिश्रण होते है, कुछ ऐसा ही रिश्ता एक छात्र और शिक्षक का भी होता है। इस रिश्ते को परिभाषित करना काफी कठिन है क्योंकि शिक्षक हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण किरदार निभाते है।

शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता

  • एक विशेष रिश्ता (एक नर्सरी के छात्र और उसके शिक्षक के मध्य)

मुझे इस बात का पुरा भरोसा है कि आप सबको भी यही लगता होगा की एक नर्सरी के छात्र का उसके शिक्षक/शिक्षिका के साथ एक ऐसा विशेष संबंध होता है, जिसे परिभाषित नही किया जा सकता है। मेरे पास इसके लिए सिर्फ एक ही शब्द है वो है जादुई, अगर वह मुझसे कुछ करने के लिए कहा करती थी, तो मैं कभी मना नही कर पाता था। एक बार मैंने उनसे मासूमियत से पूछा “मैडम क्या आप मुझे पसंद करती हैं?” इस पर उन्होंने मुझे जवाब दिया कि “हाँ बिल्कुल” उस दिन मुझे काफी प्रसन्न्ता हुई।

एक दिन कुछ कारणों से मैं नाराज हो गया और घर पर खाना नही खा रहा था। मेरे माता-पिता ने हर कोशिश की पर उन्हें कोई कामयाबी नही मिली, अंत में मेरे पिता जी ने मेरे स्कूल टीचर को फोन किया और मुझे उनसे बात करने के लिए कहा। उन्होंने मुझसे कहा कि “धीरेन्द्र………” मैंने तुरंत जवाब दिया “हाँ मैम मैं बिल्कुल भी गुस्सा नही हूँ और अभी खाना खा लूंगा और अपना होमवर्क भी करुंगा………” उनका मुझ पर कुछ इस तरह का प्रभाव था।

अब एक शिक्षक के तौर मैं भी अपने छोटे-छोटे छात्रों के साथ कुछ वैसा ही रिश्ता बनाने का प्रयास करता हूँ। अब इसमें मुझे सफलता मिलेंगी या नही यह चर्चा का विषय हो सकता है, पर मैं अपने तरफ से हमेशा ही एक अच्छा शिक्षक बनने का प्रयास करुंगा।

  • एक आर्मी कैडेट और उसके प्रशिक्षक का रिश्ता

जब मैं छठवीं कक्षा में था तब मैंने एन.सी.सी में शामिल हुआ था। मुझे याद है कि हमारे प्रशिक्षक एक सख्त इंसान थे और हम उन्हे गब्बर पुकारा करते थे। आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन और संघर्षशीलता है वह उन्ही के बदौलत है। उन्होंने हमे बचने के तरीके और कई चीजे सिखायी। हमारे बीच का यह रिश्ता डर पे टिका हुआ था। यह बिल्कुल शोले फिल्म के गब्बर सिंह के आतंक के तरह था।

वह जब भी चिल्लाया करते थे “लड़को क्या तुम भूखो हो?”  हम जवाब दिया करते थे “नही सर”, इसके बाद वह फिर से पूछा करते थे “क्या तुम थके हो” और फिर से जवाब दिया करते थे “नही सर”। अब मैं जब भी थका महसूस करता हूँ मुझे उनकी वह चिल्लाहट याद आ जाती है और मेरा शरीर फिर से स्फूर्ति से भर जाता है।

  • किशोर छात्रों और उनके शिक्षकों के मध्य का रिश्ता

किशोरावस्था का समय जिदंगी का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। सामान्यतः इस समय में शिक्षक और छात्र का रिश्ता समझ, प्रेम और आकर्षण पर टिका होता है। किशोरावस्था के बच्चो को संभालने के लिए एक शिक्षक के लिए यह सबसे जरुरी होता है कि वह काफी परिपक्व हो, नही तो इस बात की ज्यादे संभावना है कि हर चीज उलट-पुलट हो जायेगी।

यह उम्र ऐसी होती है जब मनुष्य के मन में विद्रोह भरा होता है। मेरा मतलब है कि एक किशोर को कोई काम करने से जितना भी रोका जाता है वह उसके प्रति उतना ही ज्यादे ही आकर्षित होता है। इसलिए एक अच्छे शिक्षक के लिए यह काफी आवश्यक है कि कड़ाई भी काफी सोच-समझ करे क्योंकि ज्यादे कड़ाई भी  चीजो को बिगाड़ सकती है।

जब मैं आठवीं कक्षा में था, तो मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। इसलिए मैं सही उत्तर नही लिख पाता था। एक दिन मेरे अंग्रेजी के अध्यापक ने मुझे बुलाया और उनके हाथ में मेरी साहित्य की एक कापी थी मुझे लगा कि आज मुझे फिर से डांट पड़ने वाली है या फिर उससे भी बुरा मेरे माता-पिता को बुलाया जायेगा। लेकिन भगवान का शुक्र था कि ऐसा कुछ भी नही हुआ, उन्होंने मुझसे विनम्रता से मेरी समस्या के बारे में पूछा पर मैं डर के मारे इस विषय में उन्हे कुछ बता नही पाया। जब मुझे लगा कि वह मुझे नही डाटेंगी तब मैने उन्हे अपनी समस्या के बारे में बताया उसके बाद उन्होंने मुझ पर काफी मेहनत की और आज यह उन्हीं के मेहनत तथा मेरे दृढ़ इच्छाशक्ति का नतीजा है, जिससे मेरी अंग्रेजी काफी सुधर गयी। इस पुरे घटना को आपको का बताने का मतलब यह है कि अगर वह मुझे डांटती या सजा देती, तो मुझे इस बात का पूरा भरोसा है परिस्थितियां विपरीत हो जाती।

मैं भी अपने छात्रों के साथ ऐसा ही करने का प्रयास करता हूँ, पर कई बार परिस्थितियां काफी पेचीदा हो जाती है। उदाहरण के लिए, एक बार मेरी एक छात्रा ने मुझसे पुछा “सर मैं आपको कैसी लगती हूँ” इस पर मैने हसते हुए कहा “तुम एक अच्छी लड़की हो।”

अंत में मैं यही कहूँगा की एक शिक्षक और छात्र का रिश्ता दुनिया भर के सबसे अच्छे रिश्तो में से एक है, क्योंकि यह कई रिश्तो का मिश्रण होता है।

Essay on My Teacher

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FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – हमें शिक्षकों का आदर इसलिए करना चाहिए क्योंकि वो हमें ज्ञान देते हैं।

उत्तर – शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की सहायता करता है।

उत्तर – हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा था कि ‘शिक्षण एक महान पेशा है’।

उत्तर – जो शिक्षक अपने स्वार्थ के लिए काम नहीं करते और छात्रों की मदद के लिए तैयार रहते हैं वे अच्छे शिक्षक होते हैं।

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  • My Favourite Teacher Essay In English for Students and Children

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500+ Words Essay on My Favourite Teacher

Teachers play an essential role in our life as an ideal teacher is responsible for the development of the students. Teachers play a vital role in creating a strong foundation of basic knowledge, not only regarding subjects but also for life. It is mostly what we learn at school that helps us throughout our lives when we have to make important decisions and perform other crucial tasks. 

Having a particular teacher that you are especially comfortable with can be a massive advantage as it can help you move through your school years in an easier way. A good teacher can also act as a mentor, guiding you all through your life, even apart from just academics.

I am a student of 10th Class of a reputed private school. There are many great teachers in my school but everyone has that one teacher they are especially grateful to. Likewise, my favourite teacher is Mr Manish Khandelwal Sir. Manish Sir teaches us Maths, and he has a really attractive personality. He is very polite and humble and we all the students love him. He is also a person trusted the most by parents and teachers, as he constantly strives in creating a balanced environment in working hard at academics and having fun doing so.

Qualities of My Favorite Teacher

Manish Sir is tall and quite good looking. He is 32 years old and very experienced. His way of teaching is excellent. He believes in simple living and high thinking. All the students love him for his superb way of teaching and humble behaviour. He has an experience of 9 years in education, and he has done masters in Mathematics. He easily solves complicated mathematical equations. 

He has a unique way of explaining his methods of solving problems. This way, he makes even the most complex of problems look simple and makes it very easy to understand for all students. He has all favourite teacher qualities in him, and has an exceptional amount of patience, which is one of the reasons why everyone considers him as the best teacher. He explains every question or doubt with so much patience and clarity and makes sure you understand them thoroughly. 

He has an excellent command of English and unlike most teachers out there for whom writing impositions, formulas and theorems are important,  he focuses more on logical reasoning rather than memorising complicated equations. He is very disciplined and punctual and ensures that we follow these principles as well. He understands the importance of time and always comes on time. He possesses many of such appreciable qualities which are commendable and highly appreciated by students who want to pursue these qualities as well. 

He is very enthusiastic but he is not too pushy and allows us to make the decisions on our own. He perfectly understands the balance between study and extracurricular activities and helps us stay on track with both. He believes in the overall development of the students and thus encourages students to participate in extracurricular activities. 

He prepares students for Maths olympiads so that their confidence can be boosted and they excel in a complex subject like Maths. Under his guidance, many students have won prizes in Maths olympiads, and even I have scored the highest marks securing the first position in many Maths competitions. He is an asset to our school as he has played a massive role in improving the overall image of our school including co-curricular and academic aspects and we students are fortunate to have him.

What Makes Him My Favourite Teacher?

Manish Sir is my favourite teacher because he is very humble, kind and polite. I love his way of teaching. He loves all students and doesn't believe in punishing them. He focuses more on conceptual clarity than burdening students with excessive homeworks. He never scolds students and never expresses his concerns in the form of anger. Instead, he talks to the students personally in a calm manner, in a way that helps us improve and wants to put in more effort. 

He asks students to be honest with him and always gives equal attention to all the students. He never makes fun of any students and gives extra attention to the weak students. Whenever a student fails to understand any question or equation, he puts extra effort to make him understand, and never tends to lose patience. He calmly explains no matter how many times he has to repeat the same question or statement. He is focused on making us understand every concept with utmost clarity and that is the reason why all students love him.

One of my most favourite qualities of Manish sir is that he keeps track of every student in the class; how they are performing or what are the things they are good at. He constantly keeps an eye out for everyone in the class and helps them to improve themselves and guides them throughout the learning process. He is one of the best teachers in our school who keeps constantly motivating their students and  guiding them in all spheres of life. Manish sir is especially known for not showing even the tiniest amount of favouritism. He treats all his students with an equal amount of fondness and love and cares for every one of us deeply.

He is very experienced and full of life. He tends to keep the entire class on a positive note and never exhibits any behaviour that deteriorates other people. He is concerned about people’s feelings and never hurts anybody. He is very sober and has a great sense of humour. His mathematical knowledge is very vast. Apart from being good at mathematics, he also preaches the importance of having sound knowledge in English and literature. 

He loves reading books and always encourages students to spare some time to read novels instead of doing mindless activities like watching tv or playing video games. He also advises us to get more physical activity and play with other people our age and interact more as it would improve communication. He advises students to pursue their hobbies or interests. He understands students' problems and always provides them with a helping hand. He explains everything with examples and makes every concept so interesting to learn for students. 

We students love to attend his class because he is very understanding. He covers each topic in detail and gives his full attention in class. He would be the first one to notice if even a single student loses track or starts dozing off. He would just suggest an alternative method or a simpler explanation instead of blaming the student for not paying enough attention to the class. He knows how to draw students' attention in class. He never assigns us too much homework, and after class, he provides us with regular assignments to assess our understanding of a particular topic. 

The assignments are often designed to be more informative and research-oriented rather than just making us write down questions or paragraphs from the book and memorise them. By actually going through related articles and books, we gain a greater amount of knowledge and this way, we tend to remember what we learn for a long time as well.  

In case if any student fails to do the assignment or performs poorly in a particular chapter, he doesn't shout at them but instead makes them understand the concept again. This way, we students understand that whatever he is doing is for our own benefit and we tend to work harder to improve ourselves. These are a few of the things he does that makes him different from the other teachers and appears approachable to everyone around him. I have never seen a humble and polite teacher like him, and one day I will try to be like him in my career.

Manish Sir is not just a great teacher but also my ideal person. He has all the favourite teacher qualities, and everyone loves him. I am lucky to be his student, and I will always follow his principles in my life. Even after leaving this school, he will remain my favourite teacher, and I will never forget him. I will always remember what he has taught me through example, and I will try to be a great person like him in the future.

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FAQs on My Favourite Teacher Essay In English for Students and Children

1. Why should one refer to Vedantu?

All the reading materials at Vedantu are curated by the subject-matter experts who have years of experience in the respective field. The content is well - researched and compiled into easy readable format for the benefit of students. Students can refer to these resources with ease and learn things at their own pace. Most importantly all the content on Vedantu is provided for free and it can be easily downloaded into PDF from both the website and mobile application of Vedantu.

2. How can I download reading material from Vedantu?

Accessing material from Vedantu is extremely easy and student-friendly. Students have to simply visit the website of  Vedantu and create an account. Once you have created the account you can simply explore the subjects and chapters that you are looking for. Click on the download button available on the website on Vedantu to download the reading material in PDF format. You can also access all the resources by downloading the Vedantu app from playstore. 

Majha Nibandh

Educational Blog

My Favorite Teacher Essay in Marathi

माझे आवडते शिक्षक उत्तम निबंध My Favorite Teacher Essay in Marathi

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माझे आवडते शिक्षक माने सर आहेत. ते माझे वर्ग शिक्षक आहेत. ते इयता पाचवी ते दहावी पर्यंतच्या सर्व विद्यार्थ्यांना इंग्रजी विषय शिकवतात. मानेसर आम्हा सर्व विद्यार्थ्यांना अगदी मनापासून विषय समजेपर्यंत शिकवतात. तसेच प्रत्येक इंग्रजी शब्दाचा अर्थ मराठीतून समजून सांगतात.

प्रत्येक विद्यार्थ्यांकडून रोज महत्वपूर्ण प्रश्नांचे पाठांतर करून घेतात. माने सर अतिशय प्रेमळ आहेत. वर्गातील एखाद्या विद्यार्थ्याकडून एखादी चूक झाल्यास ते समजावून सांगतात आणि माफ करतात. मानेसर यांचे शिक्षण एमए बीएड झाले आहे. माने सर आम्हाला इंग्रजी विषय शिकवतात.

My Favorite Teacher Essay in Marathi

हसत खेळत शिक्षण हे माने सरांच्या शिकवणुकीचे ब्रीद वाक्य आहे. पुस्तकातील एखादा पाठ शिकवताना ते समाजातील जिवंत उदाहरणे देऊन विषय समजावून सांगतात. माने सरांची शिकवण्याची पद्धत खूप सोपी आहे.

ते सोप्या पाठाकडून अवघड पाठाकडे जाऊन शिकवतात. शाळेतील सर्व कार्यक्रमांमध्ये माने सर सर्वप्रथम भाग घेतात आणि प्रत्येक कार्यक्रम मोठ्या नेतृत्वाने पुढे नेतात. वर्गातील प्रत्येक मुलाचा वाढदिवस माने सरांच्या हस्ते साजरा केला जातो.

सर आमच्या जीवनातील खरे मार्गदर्शक आहेत. माने सर काही वैयक्तिक अडचण असल्यास ते त्यावर उपाय सुचवतात आणि आम्हाला मानसिकरीत्या मजबूत बनवतात. माने सर प्रत्येक विद्यार्थ्याकडून प्रत्येक विषयाचा पूर्ण अभ्यास करून घेतात.

My Favorite Teacher Essay in Marathi

शाळेतील सर्व शिक्षक दररोज सकाळी प्रार्थना मैदानावर राष्ट्रगीत, संविधान प्रार्थना, व दररोज नियमित नवीन सुविचार सांगतात. त्यापैकी माने सरांनी सांगितलेला सुविचार माझ्या नेहमी लक्षात राहतो. माने सर इंग्रजी विषयाबरोबर इतर मराठी, गणित विषय सुद्धा शिकवतात. माने सरांचे मार्गदर्शन नेहमी योग्य दिशा देणारे असते.

वर्गातील हुशार विद्यार्थ्यांची मानेसरांना खूप आवड आहे. ते सर्व विद्यार्थ्यांना आपला मुलगा असल्या प्रमाणे शिकवतात. माने सर शाळेतील रोजचा अभ्यास झाल्यावर ते सर्व विद्यार्थ्यांना क्रीडांगणावर खेळायला सुद्धा नेतात. ते सर्व विद्यार्थ्यांना क्रीडांगणावर विविध प्रकारचे खेळ खेळायला शिकवतात, तसेच खेळाबद्दल सविस्तर माहिती देऊन लोकप्रिय खेळाडूची माहिती ही देतात.

माने सर सर्व विद्यार्थ्यांना सत्र भेटीस नेतात आणि त्या ठिकाणांची माहिती देतात. माने सर प्रत्येक विद्यार्थ्याला अभ्यासक्रम हसत-खेळत मार्गदर्शन करत शिकवतात. शाळेत दुपारी दोन वाजता जेवणाचे बेल झाल्यास आमचे सर्व शिक्षक व सर्व विद्यार्थी एकत्र जेवणास एकत्र बसतात. आमच्या शाळेतील सर्व शिक्षक प्रेमळ स्वभावाचे आहेत.

त्यांना वर्गामध्ये अभ्यास न करणारा विद्यार्थी अजिबात आवडत नाही. आमच्या शाळेची दरवर्षी बाहेरगावी निसर्गरम्य ठिकाणी सहल जाते, सहलीला जाण्यापूर्वी जे गरीब विद्यार्थी आहेत जे फी भरू शकत नाहीत त्यांची फी माने सर स्वत: भरतात. माने सर प्रत्येक विद्यार्थ्याच्या पालकांना दर आठवड्याला भेटायला बोलवतात प्रत्येक विद्यार्थ्याची त्या त्या आठवड्यातील वर्तणूक, शैक्षिणिक प्रगति यांचा आढावा घेतात.

माझे वर्गशिक्षक प्रत्येक विद्यार्थ्याचा दररोज प्रार्थना मैदानावर गणवेश तपासतात. माझे वर्गशिक्षक दिसायला खूप सुंदर आहेत. माने सर दर आठवड्याला सर्व विद्यार्थ्यांना ऑफ तासा वेळी गोष्टी, कथा व वीरपुरुषांची कथा सांगतात. माने सर शाळेत होणाऱ्या विविध स्पर्धांमध्ये सर्व विद्यार्थ्यांना सहभाग घेण्यास प्रोत्साहन देतात तसेच सर्व विद्यार्थ्यांना त्या सहभागासाठी मानसिक रित्या व शारीरिक रित्या तयार सुद्धा करतात.

माझे वर्ग शिक्षक संगीत प्रेमी आहेत, त्यांना संगीत ऐकण्यास खूप आवडते. विद्यार्थ्यांना त्यांची शिकवण्याची पद्धत खूप आवडते. आमच्या शाळेतील सर्व शिक्षक दररोज वेळेवर शाळेत येतात. परीक्षा जवळ आल्यावर आमचे शिक्षक सर्व विद्यार्थ्यांच्या अभ्यासाबाबत प्रश्न, अभ्यासा विषयी शंका सोडवतात.

माने सर प्रत्येक विद्यार्थ्यांना वारंवार जीवनात उपयोगी पडणार्‍या चांगल्या गोष्टी समजून सांगतात. शाळेतील सर्व शिक्षक खूप शिस्तप्रिय आहेत व ते सर्व नियमित आनंदी राहतात. माने सर वर्गामध्ये शिकवलेला अभ्यास विद्यार्थ्यांकडून सराव करून घेतात. आमच्या शाळेतील सर्व शिक्षक क्रीडा विभागात सुद्धा खूप कुशल व तंदुरुस्त आहेत त्यांना सर्व मैदानी खेळ खेळायला आवडतात.

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Nibandh shala

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in marathi

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in marathi :- नमस्कार मंडळी ! शिक्षक हे प्रत्येकाच्या आयुष्यात खूपच खास असतात. कारण प्रत्येकाचे आयुष्य घडवण्यामागे आई वडील नंतर जर कुणी व्यक्ती असेल तर तो म्हणजे शिक्षक असतो. प्रत्येक व्यक्तीसाठी एखादा तरी शिक्षक आदर्श असतोच जो की त्याला सर्वात जास्त आवडत असतो.

आजच्या या पोस्टमध्ये मी तुमच्यासाठी माझे आवडते शिक्षक (my favourite teacher essay in marathi) या विषयावर सुंदर शब्दात निबंध लिहून दिला आहे. यात वेगवेगळ्या शब्दात दोन तीन निबंध लिहून दिलेले आहेत. त्यातील निबंध तुम्हाला नक्कीच आवडतील.

Table of Contents

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध वर १० ओळी ( 10 lines on my favourite teacher essay in marathi)

१) श्री धापसे सर हे माझे आवडते शिक्षक आहेत. ते इतिहास हा विषय शिकवतात.

२) धापसे सर स्वभावाने खूपच गरीब आणि शांत आहेत. ते आम्हाला कधीही मारत नाहीत.

३) धापसे सर खूपच उंच आहेत व त्यांचे वय ३० वर्ष जवळपास आहे.

४) धापसे सर खूपच छान इतिहास विषय शिकवतात.

५) ते शिकवताना इतिहासात घडलेला प्रत्येक प्रसंग प्रत्यक्ष आमच्या डोळ्यासमोर आणतात.

६) ते आमच्याकडून इतिहास या विषयाची खूप छान तयारी करून घेतात.

७) धापसे सर इतिहासात मास्टर आहेत. त्यांना इतिहास या विषयाची खूपच सखोल माहिती आहे.

८) ते आमच्याकडून वेळोवेळी गृहपाठ देखील करवून घेतात.

९) शिकवताना ते इतिहासातील प्रत्येक प्रसंग अगदी सखोलपणे स्पष्ट करतात. त्यांना शिकवलेली प्रत्येक गोष्ट माझ्या लगेच लक्षात बसते.

१०) इतिहास या विषयाची माझ्या मनातील भीती श्री धापसे सर यांच्या मुळेच निघून गेली. म्हणून मला ते खूप आवडतात.

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in marathi ( २०० शब्दात )

श्री वसंत शिंदे सर हे माझे आवडते शिक्षक (my favourite teacher essay in marathi) आहेत. मला ते इंग्रजी हा विषय शिकवतात. शिंदे सर इंग्रजी विषयामध्ये खूपच हुशार आहेत. शिवाय ते खडखड इंग्रजी देखील बोलतात.

ते शिकवताना नेहमी आमच्याशी इंग्रजी भाषेत संवाद साधण्यात मग्न असतात. त्यांचे प्रयत्न असते की प्रत्येक विद्यार्थ्याला इंग्रजी हा विषय समजावा. त्यासाठी ते प्रयत्न देखील करतात. त्यांच्या मते इंग्रजी शब्द हे इंग्रजी भाषेचा पाया आहेत. त्यामुळे तुम्हाला जर इंग्रजी भाषा लिहायला आणि बोलायला शिकायची असेल तर तुम्हाला जास्तीत जास्त इंग्रजी शब्दार्थ पाठ करावे लागतील.

शिंदे सर दररोज इंग्रजी तासिकेच्या शेवटी आम्हाला पाठ करण्यासाठी १० इंग्रजी शब्द देतात. पाठ न झाल्यास ते आम्हाला शिक्षा देखील करतात. मी नेहमी सर्व शब्द सर्वांच्या अगोदर पाठ करतो. त्यामुळे सर मला नेहमी शाबासकी देतात.

माझे इंग्रजी पूर्वी फारच कच्चे होते. मला इंग्रजी अजिबातच समजायचे नाही. पण शिंदे सर आम्हाला इंग्रजी हा विषय शिकवण्यासाठी आल्यापासून मला आता इंग्रजी चांगले जमत आहे. ते खूप छान इंग्रजी विषय शिकतात. प्रत्येकाला समजावे यासाठी ते इंग्रजी वाक्यांचे अगदी सोप्या मराठी भाषेत रूपांतर करून समजावून सांगतात. त्यामुळे प्रत्येक विद्यार्थ्याला इंग्रजी सहज समजते.

शिंदे सर आमच्याकडून इंग्रजी लिखाणाची देखील चांगलीच तयारी करवून घेतात. ते आम्हाला इंग्रजी व्याकरण शिकवतात. तसेच आमच्याकडून इंग्रजी निबंध देखील लिहून घेतात. नंतर निबंधात झालेली चूक आम्हाला समजावून सांगतात व त्या ठिकाणी कोणता योग्य शब्द येईल ते पण सांगतात.

श्री वसंत शिंदे सरांमुळे माझ्या इंग्रजी वाचण्यात आणि लिहिण्यात खूप बदल झाला आहे. त्यामुळे मला शिंदे सर खूप आवडतात.

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in mrathi ( ३०० शब्दात )

प्रत्येक व्यक्तीच्या मनात शिक्षकाचे विशेष स्थान असते. प्रत्येक व्यक्ती शाळेत शिक्षकाकडून मिळालेली शिदोरी आयुष्यभर आपल्यासोबत वागवत असतो. प्रत्येक शिक्षक आपला विद्यार्थी एक आदर्श विद्यार्थी बनावा यासाठी प्रयत्न करत असतो. त्यासाठी ते शिक्षक त्या विद्यार्थ्यावर सर्व संस्कार करत असतो.

त्यामुळे शिक्षकांना विद्यार्थी जीवनाचा शिल्पकार म्हणून ओळखले जाते. खरंच शिक्षक हे विद्यार्थांच्या जीवनाचे शिल्पकार असतात. कारण विद्यार्थांच्या यशामध्ये शिक्षकाचा मोलाचा वाटा असतो.

माझ्याही आयुष्यात असेच एक शिल्पकार शिक्षक माझ्यासाठी आदर्श आहेत. त्यांचं नाव श्री कालिदास कदम सर आहे. ते आम्हाला इयत्ता दहावीच्या वर्गाला संस्कृत विषय शिकवायचे. त्यांनी लावलेली आम्हाला शिस्त आणि आमच्यावर केलेले संस्कार आजही मला भावी आयुष्यात खूप महत्वाचे ठरत आहेत.

  • माझी शाळा मराठी निबंध

आज सर रिटायर्ड झाले आहेत. मी ही इंजिनिअर म्हणून एका चांगल्या कंपनीमध्ये कार्यरत आहे. पण आजही मी सरांना विसरू शकलो नाही. त्यांचे वर्गातील सर्व अनुभव आजही माझ्या मनात जिवंत आहेत. त्यांनी आम्हाला लावलेली शिस्त, आम्हाला केलेली शिक्षा आजही मला आठवते.

मी श्री व्यंकटेश विद्यालय मध्ये इयत्ता दहाविमध्ये शिकत होतो. त्यावेळी श्री कालिदास कदम सर आम्हाला संस्कृत विषय शिकवायचे. ते स्वभावाने खूप शांत आहेत पण खूपच शिस्तप्रिय देखील आहेत. त्यामुळे त्यांना वर्गात बेशिस्तपणा जमत नसे. त्यांच्या तसिकेला आम्हाला शिस्तेचे पालन करावे लागे.

सर संस्कृत विषयात खूप हुशार आहेत. त्यांचा अनेक संस्कृत ग्रंथाचा मुखपाठ अभ्यास आहे. ते संस्कृत विषय शिकवताना प्रत्येक प्रसंगाचे प्रमाण त्यांच्याकडे असायचे. ते उदाहरण देऊन आम्हाला संस्कृत मधील प्रत्येक गोष्ट सांगायचे.

मी संस्कृतमध्ये फारच कच्चा होता. त्यामुळे मी सरांचा खूप जास्त मार खाल्ला आहे. पण त्यांच्या त्या मारामुळेच आणि शिक्षेमुळे च आज मी आयुष्यात सफल आहे .

मला संस्कृत वाचायला अजिबात जमत नसे. पण सरांनी मला शब्दांची फोड करून संस्कृत कसे वाचायचे मला शिकवले . त्यामुळे मला आजही संस्कृत वाचायला उत्तम जमते. संस्कृत वाचायला देखील मी त्यांच्याकडूनच शिकलो आहे, पण त्यासाठी मी त्यांचा खूप मार देखील खाल्ला आहे.

आम्हाला संस्कृत विषयामध्ये सुभाषिते असायची आणि ती सुभाषिते परीक्षेत जशास तसे लिहिण्यास यायची . त्यामुळे सर सुरुवातील ती सुभाषिते त्यांचा अर्थ सांगून आम्हाला शिकवायचे. नंतर आमच्याकडून ती सुभाषिते मुखपाठ करून घ्यायचे.

आजही मला त्यातील काही सुभाषिते मूखपाठ आहेत. मला वेळ मिळेल तेंव्हा ते गुणगुणत असतो. पण ते गुणगुणत असताना श्री कालिदास कदम सरांची आठवण मात्र नक्कीच होते.

आज सर रिटायर्ड झाले आहेत. मी आजही प्रत्येक गुरू पौर्णिमेच्या दिवशी सरांच्या घरी जातो. त्यांचा आशीर्वाद घेतो. सर खरंच माझ्या जीवनाचे शिल्पकार आहेत असे मला वाटते. कारण त्यांनी मला खूपच चांगल्या गोष्टी शिकवल्या, शिस्त लावली, त्यांनी माझ्यावर संस्कार केले. त्यांच्यामुळेच आज मी एका चांगल्या कंपनीमध्ये उच्च पदी कार्यरत आहे.

सर माझ्यासाठी नेहमीच आदर्श राहतील. मी त्यांना कधीही विसरू शकणार नाही.

माझे आवडते शिक्षक मराठी निबंध my favourite teacher essay in mrathi (५०० शब्दात)

मी श्री शिवछत्रपती विद्यालय, परभणी येथील शाळेत आहे. माझी शाळा खूपच सुंदर आहे आणि शाळेतील सर्व शिक्षक देखील खूपच प्रेमळ आहेत. ते खूपच छान शिकवतात.

मला माझ्या शाळेतील सर्व शिक्षक आवडतात पण श्री प्रदीप धनावडे सर हे मला सर्वात जास्त आवडतात. ते सर्वात जास्त आवडण्याचे कारण ही तसेच आहे. प्रदीप धनावडे सर आम्हाला गणित हा विषय शिकवतात. गणित शिकवण्याची त्यांची शैली फारच उत्तम आहे. त्यांनी शिकावलेलं गणित मला लगेच समजत.

श्री धनावडे सर हे मूळचे सातारा जिल्ह्यातील आहेत पण त्यांची नौकरी इथे आमच्या शाळेत असल्यामुळे ते आमच्याच शहरात किरायाने राहतात. त्यांना दोन मुले आणि एक छोटीशी मुलगी आहे. त्यांचे वय जवळपास ४०-४५ च्या आसपास असावे.

श्री धनावडे सरांचा स्वभाव खूपच कडक आहे. ते फारच कडक शिस्तीचे आहेत. त्यांना वर्गात शिकवताना अत्यंत शांत वातावरण लागते. वर्गात शिकवताना जर कुणी विद्यार्थी बोलत असेल तर सर त्याला लगेच शिक्षा करतात शिवाय खूप रागावतात देखील. त्यामुळे गणिताच्या तासाला बोलण्याची कुणाचीही हिंमत होत नाही. सर्व विद्यार्थी अगदी शांतपणे गणिते समजून घेतात.

असे असले तरीही श्री धनावडे सरांच्या तासाला कधीच कंटाळा येत नाही. कारण त्यांची गणित शिकवण्याची शैलीच अशी आहे की अगदी कंटाळवाणा वाटणारा गणित विषय देखील तळागाळातील विद्यार्थांना समजतो. शिवाय ते गणित शिकवताना बोर होऊ नये म्हणून मध्ये मध्ये विनोदी चुटकुले देखील सांगत असतात.

मी मात्र सरांचा नेहमीच आवडता विद्यार्थी असे. कारण सरांनी फळ्यावर दिलेले कोणतेही गणित मी वर्गात सर्वात पहिले सोडवून दाखवत असे. तसेच सरांनी दिलेला गृहपाठ देखील सर्वात अगोदर पूर्ण करीत असे.

गणिताची तयारी चांगली व्हावी आणि प्रत्येक मुलगा गणितात पास व्हावा यासाठी सर खूप प्रयत्न करीत असतात. त्यासाठी ते आमचे एक्स्ट्रा क्लास घेऊन गणिताचा सराव करून घेतात. शिवाय खूप सारे गणिते गृहपाठ देखील देतात. सर्वांना तो गृहपाठ पूर्ण करावाच लागतो.

जर एखाद्या विद्यार्थ्याने गृहपाठ केला नाही तर श्री धनावडे सर शिक्षा तर करतातच पण त्याला एक दिवस त्यांच्या तासिकेला देखील बसू देत नाहीत. कारण त्यांचे मत असते की, ” मी जर एवढं जीव तोडून शिकवत असेल तर तुम्हाला देखील मेहनत घ्यावी लागेल, मी सांगेल तेव्हढा गृहपाठ पूर्ण करावाच लागेल.”

श्री धनावडे सर गणित विषयामध्ये शाळेला नेहमीच १००% निकाल मिळवून देतात. मागच्या वर्षी त्यांच्या दोन दहावीच्या विद्यार्थांना गणित विषयात १०० पैकी १०० गुण मिळाले होते आणि दहावीचे सर्व विद्यार्थी देखील गणित विषयात पास झाले होते. त्यामुळे त्यांचा शाळेत सत्कार करण्यात आला होता.

या वर्षीही शाळेला गणित विषयात १००% निकाल मिळवून देणार अशी त्यांनी आमचे मुख्यद्यपक श्री देशमुख सर यांना ग्वाही दिली आहे. त्यासाठी ते खूप मेहनत घेत आहेत.

सरांची एक विशेष बाब म्हणजे सर कधीही समोर बसणाऱ्या हुशार विद्यार्थ्यांना जास्त लक्ष देत नाहीत. सरांचे सर्वात जास्त लक्ष मागच्या बाकावर बसणाऱ्या विद्यार्थ्याकडे असते. कारण सरांचे असे मत आहे की समोर बसणारे विद्यार्थी अगोदरच हुशार असतात. ते सांगितलं तेव्हढा गृहपाठ वेळेवर करतात. त्यामुळे त्यांच्याकडे विशेष लक्ष देण्याची आवश्यकता नसते.

पण जे विद्यार्थी मागच्या बाकावर बसतात. त्यांच्याकडे जास्त लक्ष देणे गरजेचे असते. कारण नापास होण्याची त्यांची शक्यता असते. म्हणून सर मागच्या बाकावर बसणाऱ्या विद्यार्थांना अगदी त्यांच्या जवळ जाऊन गणित समजून सांगतात. त्यांना समजल्याशिवाय सर पुढचा भाग देखील घेत नाहीत.

त्यामुळेच सरांच्या वर्गातील सर्व विद्यार्थी गणित विषयात पास होतात आणि शाळेला १००% निकालही मिळवून देतात.

सर वर्गातील सर्वांना बरोबर घेऊन चालतात. त्यांची ही बाब मला सर्वात जास्त चांगली वाटते. शिवाय त्यांच्यामुळे माझा गणिताचा पाया देखील खूप पक्का झाला आहे.

मी पूर्वी गणित विषयात अगदी साधारण होतो पण आज मला सरांमुळे कोणतेही गणित सुटते. त्यामुळे श्री धनावडे सर मला खूप आवडतात. ते सर्व विद्यार्थांना गणित हा कंटाळवाणा वाटणारा विषय अगदी सहज समजावा म्हणून खूप मेहनत घेतात.

टीप : मित्रानो आजच्या पोस्टमध्ये मी तुम्हाला माझा आवडता शिक्षक मराठी निबंध (my favourite teacher essay in marathi) यावर २०० शब्दात, ३०० शब्दात आणि ५०० शब्दात असे तीन निबंध लिहून दिले आहेत. ते सर्व निबंध तुम्हाला नक्कीच उपयुक्त ठरतील.

तसेच मी माझे आवडते शिक्षक (my favourite teacher essay in marathi) या विषयावर १० ओळीचा निबंध देखील लिहून दिला आहे. हा निबंध इयत्ता पहिली ते पाचवी पर्यंतच्या विद्यार्थासाठी उत्तम आहे. तुम्हाला हे निबंध कसे वाटले कसे वाटले कमेंट करून नक्की कळवा.

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English Aspirants

My Favourite Teacher Essay in English [100, 120, 150, 200, 250 Words]

My Favourite Teacher Essay in English: Teaching is a noble profession. We all have our favourite teachers in life. In this article, you are going to learn how to write a paragraph or an essay on my favourite teacher in English.  Here, we’ve provided 5 essays or paragraphs on this topic (100, 120, 150, 200, and 250 words). This article will be helpful for the students from class 1 to class 12. So, let’s begin.

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My Favourite Teacher Essay: 100 Words

Rajkumar sir is my favourite teacher. He teaches us English in our school. He has a smiling face. He is truthful and honest. He explains his lessons in a very simple and nice way. He is a punctual and disciplined teacher. He gives full attention to each and every student. He tells us interesting stories from time to time.

Rajkumar sir is like a teacher who motivates us to do well in our studies regularly. He never gets angry when we make mistakes. He tries to solve all our queries. He teaches us good habits and moral values. He is a nation builder. Such ideal teachers are the pride of a nation.

My Favourite Teacher Essay in English

My Favourite Teacher Paragraph: 120

My favourite teacher is Riya madam. She teaches us Science as a subject. She has a unique way of teaching. She gives examples from real life situations to make his lessons interesting. She is the master of her subject. She uses question answer method and enables the pupils to discover things for themselves. I used to be very weak in science. But due to his teaching, I improved a lot in science. She keeps perfect discipline everywhere. She advises us to follow the path of truth and goodness. She works with a sense of devotion and dedication.

Along with studies, she teaches us good ethics and moral values to develop our personality. Her life lessons provide us the strength to deal with any kind of problem in our lives. I am grateful for having such a teacher in my life.

paragraph on my favourite teacher in English

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Essay on My Favourite Teacher: 150 Words

The teacher I like most is Raman sir. He is the teacher of mathematics in our school. From the first day, all the students in the class felt very close to him because of his friendly behaviour with all of us.

He is polite and sweet natured. He is very hard-working. He loves his youngers and respects his elders. He himself is a model of good conduct. He guides us on the right path in order to make us useful and sensible citizens.

The subject of mathematics seemed very complex and difficult to me from the beginning. But he explained mathematical problems, geometry, everything so easily that I started to get very good marks in mathematics. He makes mathematics so interesting to us.

What particularly attracted me was his wide knowledge and keen interest in diverse matters. He wants his children to learn with understanding. He does not depend only on bookish knowledge. He, sometimes, also takes us out for a visit to some interesting places. A teacher, like him, could be seldom found. He shall remain an inspiration to me.

my teacher essay and paragraph

Essay on Favourite Teacher : 200 Words

In course of my student life, I came across many good teachers. Amongst them were brilliant scholars and great teachers. But in Sri Pankaj Mukherjee, I found not only a teacher with all the good qualities but also a friend, a philosopher and a guide. Although he loved everyone, I was his favourite student. Untiring in his zeal, he had great love for all students even the naughty ones. He was never unhappy even for a moment.

Though English was his favourite subject, he was equally strong in other subjects too and could go on giving notes on them with equal ease. He explained everything so lucidly that all the subjects he taught proved to be interesting. His doors were always open to us. He sympathised with us whenever we were in difficulty. He was a strict disciplinarian but he had a soft corner for all of us.

He also encouraged us to take part in sports and games and even participated in certain games with us. In short, he was more than a teacher to us. I admire him and still remember him because he was an ideal teacher in all respects.

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My Teacher Essay/Paragraph: 250 Words

Sh. M.P. Sharma is my favourite teacher. He teaches us English. He is our class teacher too.

He wears simple clothes. Generally he wears pant and shirt. But in winter he wears coat and pant. He looks very smart in his dress. He wears leather shoes. They are always bright.

He is M.A, M.Ed. in English. He is an expert teacher. He is the master of his subject. His teaching method is very easy and unique. Everyone praises his teaching method. Every student understands it easily. He explains all the lessons slowly so that all the students can understand the lessons well. No one make any trouble in his class. Even the most mischievous student in the class listens to his lectures carefully. If a student faces difficulty to understand any topic, he explains it to him at a different time after the school holidays.

He has many qualities. He believes in simple living and high thinking. His nature is very fine. He loves every student. He is very honest. He is sincere to his duty. He is friendly to all. To him work is worship. He has high character. His thoughts are always high. He inspires his pupils to conduct themselves well in life.

He is a true and ideal Guru for me. He is the nation builder in true sense. This is why I like him very much.

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मेरे प्रिय शिक्षक पर निबंध

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रूपरेखा : प्रस्तावना - मेरे प्रिय शिक्षक कौन है - उनके व्यक्तित्व - आज के शिक्षकों से तुलना - उनके अंदर का ज्ञान - खेल कूद आदि में उनकी दिलचस्पी - स्नेहपूर्ण व्यवहार - आदर्श जीवन - उपसंहार।

शिक्षक का हमारे जीवन में अधिक महत्व है। शिक्षक हमारे जीवन में वह व्यक्ति होता है, जो हमें अच्छी शिक्षा के साथ बहुत सी अन्य महत्वपूर्ण चीजों को सिखाता है। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए बहुत अधिक मायने रखता है। वह हमारे जीवन में विकास की प्रारम्भिक अवस्था से हमारे परिपक्व होने तक बहुत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह हमें और हमारे भविष्य को देश के जिम्मेदार नागरिक बनाने की ओर मोड़ देते हैं।

अपने छात्रजीवन में मुझे अनेक शिक्षकों से स्नेह तथा मार्गदर्शन मिला है, लेकिन इन सबमें राजीव यादव मेरे प्रिय शिक्षक रहे हैं। सचमुच, उनके जैसा अपार ज्ञान, असीम स्नेह और प्रभावशाली व्यक्तित्व बहुत कम शिक्षकों में पाया जाता है।

राजीव सर का कद लंबा और रंग गोरा है। उनकी आँखें चमकीली हैं। उनकी आवाज गंभीर, स्पष्ट और प्रभावशाली है। उनका शरीर फुर्तीला और स्वस्थ है। वे हमेशा तेज़ चाल से चलते हैं। वे प्रायः सफेद धोती-कुर्ता अथवा सफारी सूट पहनते हैं।

आज के कई शिक्षक अपने पद को केवल अर्थप्राप्ति का साधन मानते हैं और विद्यार्थियों के सामने किताबों के पन्ने पलट देने को ही पढ़ाना समझते हैं। मानो सच्चे ज्ञान-दान और चरित्र-निर्माण से उन्हें कोई मतलब ही न हो। लेकिन राजीव सर के बारे में यह बात नहीं है। वे शिक्षक-पद के गौरव और उसकी जिम्मेदारी को भली-भाँति समझते हैं और अपने कर्तव्यों का पूर्ण रूप से निर्वाह करते हैं।

राजीव सर विद्वान व्यक्ति हैं। उनका अंदर का ज्ञान ही उन्हें आज सब छात्रों का प्रिय बनाया है। विज्ञान, गणित और समाजशास्त्र में भी उनकी रुचि कम नहीं है। अंग्रेजी व्याकरण वे इस प्रकार समझाते हैं कि सारी बातें कक्षा में ही कंठस्थ हो जाती हैं। हिंदी भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार है। कोई भी विद्यार्थी अपनी शंका, बिना किसी भय और हिचकिचाहट के उनके सामने रख सकता है और उसका उचित समाधान प्राप्त कर सकता है।

राजीव सर खेल-कूद में भी बहुत रुचि लेते हैं। वे विद्यार्थियों के साथ खेल में भाग लेते हैं। नाटक, चर्चा-गोष्ठी, चित्र-प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि में वे विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें समय-समय पर विविध क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। हमारे विद्यालय का ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं, जिसमें राजीव सर का योगदान न हो।

राजीव सर विद्यालय को एक परिवार मानते हैं। सभी विद्यार्थियों को उनका प्यार मिलता है। उन्हें क्रुद्ध (गुस्सा) होते कभी किसी ने नहीं देखा है। वे बहुत अनुशासन व्यक्ति है। वे बहुत हिमायती हैं। पढ़ाई में कमजोर छात्रों पर उनकी ममतामयी दृष्टि रहती है। परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को वे स्ने से पढ़ाते है और उन्हें उत्तीर्ण कराते हैं। कोई छात्र कमजोर होता है तो उन्हें वह अतिरिक्त अध्ययन कराते है।

राजीव सर निरभिमानी हैं। घमंड तो उन्हें छू तक नहीं गया है। उनके चेहरे से सदा प्रसन्नता और आत्मीयता झलकती है। उनके रहन-सहन और वेशभूषा से सादगी प्रकट होती है। झूठ, लोभ, रिश्वत, ईर्ष्या आदि बुराइयों से तो वे कोसों दूर हैं। वे बहुत शांत स्वाभाव के व्यक्ति है। उनका जीवन एक आदर्श जीवन है। वे सभी छात्रों को आदर्श जीवन जीने की सलाह देते है।

वह शिक्षण की अच्छी तकनीकियों के साथ, दोस्ताना स्वभाव, हास्य, धैर्यवान और आसानी से सभी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने वाले एक अच्छे शिक्षक है। मैं उनके आज्ञाकारी विद्यार्थियों में से एक हूँ। बहुत ही उत्साहित और हमें हमेशा पढ़ाई में सबसे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे। सचमुच वे सभी के चहिते शिक्षक है और मेरे प्रिय शिक्षक भी वही हैं।

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