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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध – Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi : आज हमने आदर्श विद्यार्थी पर निबंध लिखा है इस निबंध की सहायता से विद्यार्थियों को पढ़कर उन्हें अच्छी शिक्षा मिलेगी और उन्हें एक आदर्श विद्यार्थी बनने की प्रेरणा भी मिलेगी जिससे उनके जीवन में बदलाव आएगा और वे अच्छी प्रकार से पढ़ लिख पाएंगे और सफलता को प्राप्त कर पाएंगे.

आदर्श विद्यार्थी पर यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों की सहायता के लिए लिखा गया है.

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

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Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi for Class 1,2,3,4

एक आदर्श विद्यार्थी का लक्ष्य होता है कि वह एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई करके एक सफल व्यक्ति बने. आदर्श विद्यार्थी देश की तरक्की में चार चांद लगा देता है वह हमेशा अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए ही सोचता रहता है.

एक आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो विद्यालय में प्रतिदिन जाता हूं और शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने पर एकाग्रता पूर्वक पढ़ता हूं.

वह बेकार की बातों में अपना समय व्यर्थ नहीं करता है. वह नियमित रूप से स्कूल से मिले हुए होमवर्क को करता है और साथ ही पढ़ाए गए पाठ को दोहराता है.

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आदर्श विद्यार्थी हमेशा अनुशासन में रहता है वह साफ सुथरे कपड़े पहनता है और उसकी आंखों में एक अलग ही तेज होता है वह निडर और साहसी होता है. स्कूल के सभी बच्चे उसकी तरह बनना चाहते हैं आदर्श विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों का प्रेरणा स्रोत होता है.

वह हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करता है और सभी के साथ प्रेम भाव से रहता है.

Best Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 250 words

एक आदर्श विद्यार्थी अपने स्कूल के साथ-साथ अपने माता-पिता और देश का नाम भी रोशन करता है ऐसे विद्यार्थी बचपन से ही बहुत होशियार होते हैं और इनके मुंह पर एक अलग सा ही तेज होता है. ऐसे विद्यार्थी हमेशा दूसरों के प्रति सेवा भावना रखते हैं.

ऐसे विद्यार्थियों को जो भी कार्य दिया जाता है वह पूरी एकाग्रता से करता है और कार्य पूरा होने तक अपना कर्तव्य निभाता है. आदर्श विद्यार्थी कर्मठ और ईमानदार होते है. ऐसे विद्यार्थी हमेशा कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करते रहते हैं अपने समय का सदुपयोग करते है.

आदर्श विद्यार्थी हमेशा सत्य का साथ देते है इन्हें झूठ से बहुत नफरत होती है. ऐसे ही झूठ बोलने वाले लोगों को सत्य बोलने के लिए प्रेरित करते है. विद्यार्थी हमेशा सभी की सहायता के लिए तत्पर रहते है. आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने जीवन में कुछ ना कुछ नियम बना कर चलता है और उनका पालन करता है.

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ऐसे विद्यार्थी अपना जीवन अनुशासन में रहकर व्यतीत करते हैं वह कभी भी विद्यालय में उत्पात मचाते है. हमेशा अपने गुरुजनों की आज्ञा का पालन करते है और अपने माता-पिता, अपने से बड़े लोगों का हमेशा सम्मान करते है.

इन विद्यार्थियों को विलासिता की चीजों की लालसा नहीं होती है इन्हें तो सिर्फ अच्छी किताबें पढ़ने का शौख होता है. ऐसे विद्यार्थी महान लोगों की किताब पढ़कर उससे कुछ ना कुछ सीखते रहते हैं और साथ ही अपने जीवन में भी इन बातों को उतारते है. जिससे भविष्य में ये सफलता के शिखर को छूते है.

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi for Class 5,6,7,8 Student

एक विद्यार्थी ही किसी देश के आने वाले भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि विद्यार्थियों को ही आगे जाकर युवा शक्ति के रूप में उभरना है एक विद्यार्थी यह जो किसी देश को अच्छा बना सकता है तो किसी देश को पूरा भी बना सकता है इसीलिए एक विद्यार्थी का आदर्श विद्यार्थी होना बहुत आवश्यक होता है.

आदर्श विद्यार्थी वह नहीं होता है जो सिर्फ कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता है आदर्श विद्यार्थी वह होता है जो कक्षा में अच्छे अंक लाने के साथ साथ सामाजिक जीवन की भी समझ रखता हो और बड़ों का सम्मान करता हो.

एक अच्छे विद्यार्थी की निशानी गई होती है कि वह हमेशा आशावादी बना रहे क्योंकि अगर वह आशावादी नहीं होगा तो कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाएगा और बुरी संगत में पड़ सकता है.

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एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने सहपाठियों की मदद करता है कोई भी मुसीबत आने पर उनका डटकर सामना करता है वह ईमानदारी और कर्मठता पूर्वक अपने कर्तव्यों को पूरा करता है. वह हमेशा सभी लोगों से अच्छा व्यवहार करता है उसका आचरण हमेशा हंसमुख और दिल जीतने वाला होता है.

एक अच्छा विद्यार्थी वही होता है जो सदैव सहायता करने के लिए तत्पर रहता हो और पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद वाद विवाद प्रतियोगिता और पुरस्कार जीतने के साथ ही दिल जीतने की भी क्षमता रखता हो, वह हमेशा नियमित रूप से सुबह जल्दी उठता है और स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहता है इसलिए वह सुबह योगा भी करता है और मन को शांत रखने के लिए ध्यान भी लगाता है.

एक आदर्श विद्यार्थी हर काम समय पर करता है क्योंकि उसे समय के मूल्य की अच्छे से पहचान होती है उसकी सोच अपने तक सीमित नहीं रहती है वह अन्य लोगों के बारे में भी उतना ही सोचता है वह हर धर्म और देश के नागरिकों का सम्मान करता है.

वह हमेशा नियमों की पालना करता है और जो नियमों का पालन नहीं करता उन्हें उसके बारे में समझाता है ऐसे विद्यार्थी ही आगे जाकर अपने मां बाप का नाम और देश का नाम रोशन करते है. आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपनों को साथ लेकर चलता है.

जिससे वह स्वयं तो सफल होता ही है साथ में अपने साथियों को भी सही राह पर ले जाकर सफलता का रास्ता दिखाता है.

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 1400 Words

एक आदर्श विद्यार्थी जन्म से आदर्श विद्यार्थी नहीं होता है वह अच्छे लोगों के साथ रहकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करके और अच्छे गुणों को अपना कर ही एक आदर्श विद्यार्थी बनता है.

जब भी कोई व्यक्ति एक कार्य को बार बार करता है तो है उसमें कर्मठ हो जाता है और उसको वह कार्य पसंद आने लगता है और आसानी से हो जाए उसे बार-बार कर पाता है और वह सफल हो जाता है.

उसी प्रकार विद्यार्थी भी अगर बचपन से ही अच्छे को को अपनाएं तो वह भी जिंदगी के हर मोड़ पर कठिनाइयों से लड़ता हुआ सफलता को प्राप्त कर सकता है.

आदर्श विद्यार्थी की विशेषताएं –

(1) कर्मठ – आदर्श विद्यार्थी जब भी कोई कार्य करता है तो वह उस कार्य को पूरा मन लगाकर करता है जिसके कारण वह हमेशा सफलता को प्राप्त करता है इसी कारण वह पढ़ाई में खेल में एवं अन्य क्षेत्रों में सफल हो जाता है क्योंकि वह निरंतर उसके लिए कर्मठता पूर्वक प्रयत्न करता रहता है.

(2) ऊर्जावान – अच्छा विद्यार्थी हर दिन नई ऊर्जा के साथ उठता है वह कभी भी किसी प्रकार का अलग से नहीं करता है वह अच्छा भोजन खाता है साथ ही योगा और व्यायाम भी करता है जिससे उसका शरीर पूरे दिन ऊर्जा से भरा हुआ रहता है और उसका पढ़ाई में अत्यधिक मन लगता है.

(3) जिज्ञासु – एक सफल विद्यार्थी का पहला रहस्य यही है कि वह जिज्ञासु होता है क्योंकि जिज्ञासु विद्यार्थी अपने शिक्षक से हर प्रकार के सवाल करता है और उनका जवाब हासिल करता है लेकिन जो विद्यार्थी शिक्षक से बात ही नहीं करता किसी भी प्रकार की सीखने की जिज्ञासा नहीं रखता तो वह कभी भी सफल नहीं हो सकता है

(4) सकारात्मक – विद्यार्थी का सकारात्मक होना बहुत जरूरी है क्योंकि जब तक विद्यार्थी सकारात्मक नहीं होगा तब तक वह किसी भी क्षेत्र में अपना शत-प्रतिशत नहीं दे पाएगा और वह लक्ष्य से भटक जाएगा. विद्यार्थी को मुसीबत में होने पर भी सकारात्मक सोचना चाहिए तभी जाकर उस मुसीबत का हल निकाला जा सकता है.

(5) धैर्यवान और विवेकशील – आदर्श विद्यार्थी हमेशा धैर्यवान और विवेकशील होते हैं यह कभी भी किसी कार्य को करने के लिए जल्दबाजी नहीं करते हैं और कठिनाई आने पर अपने विवेक से काम लेते है इसी कारण वे एक आदर्श विद्यार्थी बन पाते है.

(6) सच्चा और आज्ञाकारी – एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा सच बोलता है और जो विद्यार्थी हमेशा सच बोलता है वही आगे बढ़ता है क्योंकि जो झूठ बोलता है वह एक झूठ को छुपाने के लिए उसे और अधिक झूठ बोलने पड़ते है जिसके कारण वह कभी भी सफल नहीं हो पाता है.

अच्छे विद्यार्थी हमेशा अपने से बड़ों की आज्ञा का पालन करते है जिसके कारण वे सभी के प्रिय होते है और अपने कार्य में भी सफल होते है.

(7) नेतृत्व करने वाला – अच्छा विद्यार्थी नेतृत्व करने वाला होता है वह हमेशा अपने साथियों को साथ लेकर चलता है वह अपने ज्ञान का कभी भी अभिमान नहीं करता है इसी कारण उसमें धीरे-धीरे नेतृत्व करने की क्षमता विकसित होती है वह आगे जाकर देश के लिए अच्छा कार्य करता है.

(8) ज्ञानवान – आदर्श विद्यार्थी हमेशा ज्ञानवर्धक बातें करता है वह कभी भी फालतू की चर्चा नहीं करता है हमेशा अपने काम से काम रखता है और कक्षा में भी हमेशा प्रथम आता है क्योंकि वह हमेशा ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़ता रहता है जिसे उसके ज्ञान में बढ़ोतरी होती रहती है.

(9) अनुशासन प्रिय – अच्छा विद्यार्थी हमेशा अनुशासन में रहता है वह समय पर उठता है समय पर भोजन करता है समय पर स्कूल जाता है, समय पर खेलता है और समय पर अपना कार्य करता है. वह स्कूल समाज और देश के नियमों का भी पालन करता है इसी कारण अनुशासन में रहने वाले विद्यार्थी हमेशा अन्य विद्यार्थियों से आगे रहते है.

(10) समय का सदुपयोग – आदर्श विद्यार्थी हमेशा समय का सदुपयोग करता है क्योंकि एक बार समय अगर बीत जाता है तो वह दोबारा लौटकर नहीं आता है इसलिए वह अच्छे से जानता है कि समय की बर्बादी उसके जीवन के बर्बादी है इसलिए वह हमेशा समय का सदुपयोग करके अपना सफल भविष्य बनाता है.

आदर्श विद्यार्थी कैसे बने –

(1) आज्ञाकारी बने – आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए आपको अपने माता पिता, गुरुजनों और अन्य बड़े लोगों की आज्ञा का पालन करना होगा क्योंकि वे जो भी कार्य आपको करने के लिए कहते हैं वह आप के भले के लिए ही होता है जैसे ही आप बड़ों की आज्ञा का पालन करने लगेंगे आपको आपके जीवन में बदलाव दिखाई देने लग जाएंगे.

(2) दूसरों के प्रति सद्भावना रखें – एक आदर्श विद्यार्थी को हमेशा दूसरों के प्रति सद्भावना रखनी चाहिए उन्हें कभी भी किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए क्योंकि आप दूसरे लोगों का ख्याल रखेंगे तो वह भी आपका ख्याल रखेंगे और आपको भी उतना ही प्यार करेंगे.

(3) अच्छी पुस्तकें पढ़ें – जीवन भी अच्छी पुस्तकें पढ़ना बहुत जरूरी होता है और एक विद्यार्थी के लिए तो यह और भी आवश्यक हो जाता है क्योंकि यह जीवन का पहला बड़ा होता है ऐसे ही इसी वक्त विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा मिल जाती है तो वह जीवन भर अच्छा काम करता है, अच्छे लोगों के साथ रहता है और जीवन में सभी सफलताओं को प्राप्त करता है.

(4) आदर और सम्मान करें – एक विद्यार्थी को सभी व्यक्तियों का सम्मान करना चाहिए और उनका आदर भी करना चाहिए क्योंकि आदर और सम्मान एक ऐसी चीज है जिसे आप जितना दोगे उतना ही आपको मिलेगा इसलिए अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं आपको दूसरे लोगों को आदर और सम्मान देना पड़ेगा.

(5) दिनचर्या की तालिका बनाएं – कई विद्यार्थियों को पढ़ने लिखने में बहुत दिक्कत आती है क्योंकि वह अपने समय का सही से उपयोग नहीं करते हैं जिसके कारण वह पढ़ लिख नहीं पाते है और परीक्षा में सफल नहीं हो पाते है.

इसलिए विद्यार्थियों को अपनी दिनचर्या की तालिका बनानी चाहिए जिससे उन्हें आसानी होगी कि कौन सा कार्य होने कब करना है और कौन सा विषय कब पढ़ना है इससे उनकी पढ़ने में भी रुचि बढ़ेगी और समय का सदुपयोग भी होगा.

(6) स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें – जो व्यक्ति स्वस्थ नहीं रहता है वह पढ़ाई लिखाई तो क्या वह कुछ भी नहीं कर पाता है इसलिए हमेशा विद्यार्थी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए क्योंकि बिना स्वस्थ शरीर के आप कुछ भी नहीं कर सकते है.

(7) नम्र और उदार बने – कई विद्यार्थी काफी लड़ाई झगड़ा करते हैं और एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं उन्हें ऐसा कभी भी नहीं करना चाहिए उन्हें अपने साथियों और अन्य लोगों के साथ नम्र व्यवहार करना चाहिए जब कभी भी किसी को उनकी आवश्यकता हो तो उदारता पूर्वक उनकी सहायता करनी चाहिए.

(8) सेवा भावना रखें – विद्यार्थियों को हमेशा सेवा भावना रखनी चाहिए उन्हें बड़े बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए क्योंकि उन्हीं से उन्हें पूरे जीवन की जानकारी मिलती है और नई शिक्षाप्रद कहानियां भी सुनने को मिलती है.

(9) आशावादी रहे – जो विद्यार्थी थोड़ी सी असफलता मिलने पर निराश हो जाते हैं उन्हें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि निराशावादी लोग कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकते जैसे कि उगते हुए सूरज को सभी देखना पसंद करते है लेकिन डूबते हुए सूरज को कोई भी देखना पसंद नहीं करता है इसलिए हमेशा आशावादी रहकर सफलता प्राप्त करें

(10) लक्ष्य का निर्धारण करें – अगर आपको किसी कार्य में सफलता प्राप्त करनी है तो आपको हमेशा उसका लक्ष्य निर्धारण करना आवश्यक होता है लक्ष्य कि आप समंदर में खोई हुई नाव की तरह होते हो जो की लहरों के थपेड़े खाते-खाते नष्ट हो जाती है इसलिए हमेशा लक्ष्य का निर्धारण करके आगे पढ़े आपको सफलता अवश्य मिलेगी.

(11) सदैव विद्यालय जाए – कुछ विद्यार्थी विद्यालय में जाने से कतराते है और कुछ विद्यार्थी कोई ना कोई बहाना बनाकर विद्यालय से छुट्टी ले लेते है और वह अनमोल शिक्षा से वंचित रह जाते है इसलिए हमेशा विद्यालय जाना आवश्यक होता है.

(12) बुरी संगति से दूर रहे – कुछ विद्यार्थी बुरे लोगों के साथ रहकर बुरी संगति में पड़ जाते है जिसके कारण उनका पढ़ाई लिखाई में मन नहीं लगता है और उनका पूरा जीवन खराब हो जाता है इसलिए हमेशा अच्छे लोगों के साथ रहे जैसे आप भी एक आदर्श विद्यार्थी बन सकें.

निष्कर्ष –

एक आदर्श विद्यार्थी ही जीवन में सफल हो सकता है क्योंकि आदर्श विद्यार्थी में बचपन से ऐसे गुण होते हैं जिससे वह जीवन में आने वाली हर मुश्किलों का धैर्य पूर्वक सामना कर सकता है वह अन्य लोगों की तुलना भी बहुत समझदार होता है इसीलिए वह बचपन से ही अपना लक्ष्य निर्धारण कर लेता है और बड़ी सफलता प्राप्त करता है.

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23 thoughts on “आदर्श विद्यार्थी पर निबंध – Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi”

Sir this essay is osm i appreciate it thank u so much sir it helped me a lot keep it up sir

Welcome Rupali gupta

Sorry to say but there are so many mistakes in it but it is nice . Keep it up . And thanks for this . ☺☺☺👌👍👍

Thank you Prachi

op essay nice nice

Thank you Iron man for appreciation.

Thanks for this beautiful essay 😀😀😀

Welcome, Prabhnoor Kaur ji

thanks for this beautiful essay

Thank you utkarsh for appreciation keep visiting Hindi yatra.

Thank you very much

Welcome Gurveer, keep visiting Hindi yatra.

Admin ji bahut badhiya soch paye hai aapne aise hi nibandh likhte rehna aur hame aur jagrut aur hoshiyaar banana Meri teacher ko yah bahut acha laga unhone aapki kafi tarif ki hai….

Aayush Divase sarhana ke liye aap ka bahut bahut dhanyawad, or aap ki teacher ko hindi yatra ki tarf se dhanyawad bol na.

Hmm mujhe ye San essay padh me acha laga aur jab ye essay Mene MERI teacher ko dikhaya to MERI class m Impression ban gyi

Priyanshu achi baat hai aap ko nibandh pasand aaya, aise hi nibandh padhne ke liye hindi yatra par aate rahe.

Exam me mujhe is me 25 mey 20 mile DHANYAVAAD

Karttavy Mehdiratta, bhut acche mazrks mile hai aap ko aise hi mehnat karte rahe, dhanyavad.

Yah paragraph Kaisa hoga ma ak Jan Ka nam bata ti hu diya

Tnks for such a wonder essay of 250 words only really tnks to producer coz it have great meaning

Welcome Saad and keep visiting our website.

Aur aaisa hi bhejiye

Dhanyawad Saurav kumar, hum aise hi essay likhte rhe ge aap website par aate rahe.

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Ideal Student Essay in Hindi)

एक आदर्श छात्र वह है जो समर्पित रूप से अध्ययन करता है, स्कूल और घर में ईमानदारी से व्यवहार करता है और साथ ही सह-पाठ्यचर्या वाली गतिविधियों में भाग लेता है। हर माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा एक आदर्श छात्र बने जो दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सके। आदर्श छात्रों का हर जगह (स्कूलों, कोचिंग सेंटरों और खेल अकादमियों में) स्वागत किया जाता है। आदर्श छात्र सटीकता के साथ उन्हें सौंपे गए सभी कार्यों को पूरा करते हैं। वे शीर्ष पर रहना पसंद करते हैं और उस स्थान को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

आदर्श विद्यार्थी पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Ideal Student in Hindi, Adarsh Vidyarthi par Nibandh Hindi mein)

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

एक आदर्श छात्र वह है जिसे हर दूसरा छात्र देखता है। कक्षा में या खेल के मैदान में अपने सभी कार्यों को पूरा करने के लिए उनकी सराहना की जाती है। वह अपने शिक्षकों का पसंदीदा होता है और स्कूल में विभिन्न कर्तव्यों का कार्यभार उसे सौंपा जाता है। हर शिक्षक चाहता है कि उनकी कक्षा ऐसे छात्रों से भरी रहे।

समाज के लिए बहुमूल्य

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे दूसरों के लिए एक आदर्श उदाहरण बने। कई छात्र अपने माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं लेकिन एक आदर्श छात्र बनने के लिए उनमें दृढ़ संकल्प और कई अन्य कारकों की कमी होती है। कुछ लोग प्रयास करते हैं और असफल होते हैं पर कुछ लोग प्रयास करने में ही असफ़ल हो जाते हैं लेकिन क्या अकेले छात्रों को इस विफलता के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए? शायदनहीं!

अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा

एक आदर्श विद्यार्थी समाज के अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होता है। समाज के अन्य विद्यार्थी उसके आचरण और स्वभाव से सिखते है। आदर्श विद्यार्थी समाज के लिए एक बहुमूल्य रत्न होता है , जो समाज को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है।

किसी ने भी परिपूर्ण या आदर्श रूप में जन्म नहीं लिया है। किसी भी छात्र में आदतें पैदा करने में लिए समय लगता है जिससे वही छात्र आदर्श बनता है। माता-पिता और शिक्षक दोनों को बच्चे में छिपी संभावितता पहचानने के लिए प्रयास करने चाहिए।

आदर्श छात्र पर निबंध : एक आदर्श छात्र की विशेषताएं – 2 (400 शब्द)

एक आदर्श छात्र वह है जो शिक्षा के साथ-साथ अन्य सह-पाठयक्रम गतिविधियों में भी अच्छा है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उसका बच्चा स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करे पर कुछ ही बच्चे अपने माता-पिता की उम्मीदें पूरी कर पाते हैं। माता-पिता की भूमिका न केवल अपने बच्चों को व्याख्यान देने और उनसे उच्च उम्मीदें लगाने की होती है बल्कि उन अपेक्षाओं को पूरा करने में उनकी मदद करने और उनका मार्गदर्शन करने की भी होती है।

एक आदर्श छात्र की विशेषताएं

यहां एक आदर्श छात्र की मुख्य विशेषताएं बताई गई हैं:

एक आदर्श छात्र लक्ष्य निर्धारित करता है और उन्हें प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करता है। वह अध्ययन, खेल और अन्य गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ करना चाहता है और ऐसा करने के लिए अपने सर्वोत्तम प्रयास में शामिल होने से संकोच नहीं करता।

  • लक्ष्य निर्धारण करना

एक आदर्श छात्र कभी भी मुश्किल होने पर हार नहीं मानता। वह निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निर्धारित रहता है और सफ़लता प्राप्त करने के लिए लगातार कार्य करता है।

  • समस्या निवारक

कई छात्र विद्यालय / कोचिंग सेंटर तक देर से पहुंचने, अपने होमवर्क को पूरा नहीं करने, परीक्षा में अच्छी तरह से प्रदर्शन नहीं करने आदि के लिए बहाने देते हैं। हालांकि एक आदर्श छात्र वह है जो बहाने मारने की बजाए ऐसी समस्याओं का हल ढूंढता है।

आदर्श छात्र भरोसेमंद होता है। शिक्षक अक्सर उन्हें अलग-अलग कर्तव्यों का आवंटन करते हैं जो वे बिना असफल हुए पूरा करते हैं।

एक आदर्श छात्र हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है। यदि पाठ्यक्रम बड़ा है, यदि शिक्षक अध्ययन करने के लिए समय दिए बिना परीक्षा लेता है, यदि कुछ प्रतियोगी गतिविधियां अचानक रखी जाती हैं तो भी आदर्श छात्र घबराता नहीं है। आदर्श विद्यार्थी हर स्थिति में सकारात्मक बना रहता है और मुस्कुराहट के साथ चुनौती स्वीकार करता है।

  • जानने के लिए उत्सुक

एक आदर्श छात्र नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहता है। वह कक्षा में सवाल पूछने में संकोच नहीं करता। एक आदर्श छात्र भी पुस्तकों को पढ़ने और इंटरनेट पर सर्फ करने के अपने तरीके से अलग-अलग चीज़ों के बारे में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए तत्पर रहता है।

  • पहल करता है

एक आदर्श छात्र भी पहल करने के लिए तैयार रहता है। यह ज्ञान और क्षमता को जानने, समझने और बढ़ाने का एक बढ़िया तरीका है।

एक आदर्श छात्र बनने के लिए दृढ़ संकल्प करना पड़ता है। परन्तु इसके लिए किए गए प्रयास अच्छे होने चाहिए। यदि कोई बच्चा कम उम्र से उपरोक्त विशेषताओं को विकसित करता है तो जैसे जैसे उसकी उम्र बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे वह निश्चित रूप से बहुत कुछ हासिल कर लेगा।

आदर्श छात्र पर निबंध : आदर्श छात्र कैसे बने – 3 (500 शब्द)

हर एक व्यक्ति आदर्श छात्र बनना चाहता है लेकिन केवल कुछ ही ऐसा बनने में सक्षम हैं। इस प्रकार की उत्कृष्टता हासिल करने के लिए बहुत अधिक प्रयास किए जाने की ज़रूरत है। हालांकि एक बार जब आप इसे हासिल कर लेते हैं तो आपको कोई नहीं रोक सकता। हर चीज़ में अच्छा होना आदत हो जाती है और आप इससे कम कोई समझौता नहीं करना चाहते।

आदर्श छात्र कैसे बने?

यहां कुछ ऐसी तकनीकें हैं जो आपको एक आदर्श छात्र बनने में मदद करती हैं:

यदि आप एक आदर्श छात्र बनने की कामना करते हैं तो सबसे पहले आपको यह करना होगा कि आप संगठित हो। सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए अपने कमरे, अलमारी, अध्ययन की मेज और आसपास की  व्यवस्था। अव्यवस्थित परिवेश मस्तिष्क को अव्यवस्थित कर देते हैं।

हर दिन एक निश्चित समय पर जागने और सोने की कोशिश करें। अपने अध्ययनों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों को समायोजित करने के लिए एक सूची बनाएं। अपने समय को अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए सही शेड्यूल बनाए रखें।

  • करने वाले कामों की सूची बनाएं

दैनिक कार्यों की सूची तैयार करना अच्छी आदत है। हर सुबह दिन में पूरा करने वाले कामों की आवश्यक चीज़ों की एक सूची तैयार करें। कार्यों को प्राथमिकता दें और उन्हें समय दें। अपने पास इस तरह की सूची रखने से बेहतर समय प्रबंधन में मदद मिलती है। जैसे आप काम को पूरा करते हैं तो उनको जांचते रहें। इससे आपको उपलब्धि की भावना मिलती है और आप प्रेरित रहते हैं।

स्कूल में और अन्य जगहों में पहल करने में संकोच न करें। अपनी क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए नई परियोजनाएं बनाएं और समझें कि आपकी रुचि वास्तव में क्या है। इस तरह आप न केवल नई चीजों के बारे में सीखेंगे बल्कि उनका प्रदर्शन करने की अपनी क्षमता को भी समझेंगे।

  • कुछ नया सीखें

पढ़ने की आदत बनाएं, सूचनात्मक वीडियो और ऐसी अन्य सामग्री देखें। यह नई चीजें सीखने, विभिन्न दृष्टिकोणों को समझने और अपने संपूर्ण ज्ञान और क्षमता को बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है।

  • अच्छे दोस्त बनाएं

ऐसा कहा जाता है आप जिन पांच लोगों के साथ सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं आप में उन पाँचों के औसत गुण आ जाते हैं इसलिए यदि आप एक आदर्श छात्र बनना चाहते हैं तो उन लोगों के साथ दोस्ती बनाएं जो अपनी पढ़ाई के प्रति गंभीर हैं और उनके साथ रहें जो प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित हैं बजाए उनके जो अपने जीवन को लापरवाही से लेते हैं।

  • स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें

एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसमें नीचे साझा किए गए तीन पहलुओं का ध्यान रखना शामिल है:

  • स्वस्थ खाना खाएं

स्वस्थ रहने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल करके उचित आहार लेना जरूरी है। आप केवल तब ही अच्छे प्रदर्शन कर पाएंगे जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होंगे।

प्रत्येक दिन 8 घंटे नींद पूरा करना आवश्यक है। आपको अपनी नींद पर किसी भी मामले में समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आप में सुस्ती और चेहरे पर थकावट दिखती है। ज़रूरत से ज्यादा सोना भी इस तरह के प्रभाव का कारण बन सकता है तो आपको उस से भी बचाना चाहिए।

जैसे-जैसे कोई छात्र उच्च कक्षा में प्रवेश करता है वैसे-वैसे उस छात्र का जीवन काफी व्यस्त हो जाता है। शारीरिक व्यायाम करने के लिए आधे घंटे से एक घंटे की कसरत करना अनिवार्य है। आप अपनी पसंद के किसी भी व्यायाम का चयन कर सकते हैं। टहलना, साइकिल चलाना, तैराकी, योग, नृत्य या किसी भी चीज में आपकी रुचि हो सकती है।

माता-पिता को यह समझना चाहिए कि उनका बच्चा अपने दम पर उत्कृष्टता प्राप्त नहीं कर सकता है। उसे उनके समर्थन की जरूरत है। माता-पिता को बच्चो से उच्च उम्मीदें रखने की बजाए उन्हें जीवन के विभिन्न चरणों में मदद करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

Essay on Ideal Student in Hindi

निबंध – 4 (600 शब्द): क्या चीज़ छात्र को आदर्श बनाती है

आदर्श छात्र जन्म से आदर्श या संपूर्ण नहीं होते हैं। वे अपने माता-पिता और शिक्षकों द्वारा आदर्श बनाए जाते हैं। स्कूल में छात्र के प्रदर्शन पर, घर का वातावरण एक बड़ा प्रभाव डालता है। शिक्षक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि माता-पिता और शिक्षक केवल छात्र का मार्गदर्शन कर सकते हैं और अंततः यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह खुद को कैसे संचालित करता है।

क्या चीज़ छात्र को आदर्श बनाती है?

यहां कुछ चीजें हैं जो विद्यार्थी को आदर्श बनाती हैं:

  • आदर्श छात्र कक्षा में जितना ध्यान देते हैं और समझते हैं उतना ही अच्छा वे अपने कक्षा सत्रों में कर सकते हैं।
  • वे अपने संदेहों को स्पष्ट करने के लिए कक्षा में सवाल पूछने में संकोच नहीं करते।
  • वे यह सुनिश्चित करते हैं कि वे हर दिन घर पर जाने से पहले कक्षा में मिले कार्य को पूरा करें।
  • वे चीजों को व्यवस्थित रखते हैं।
  • वे न केवल अकादमिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं बल्कि खेल, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, कला और शिल्प गतिविधियों जैसी अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा लेते हैं।
  • वे पहल करते हैं और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैंI वे असफलता के डर के कारण अवसरों को नहीं छोड़ते।
  • वे विफल होने पर भी हार नहीं मानते हैं। वे चीजों को फिर से करने की कोशिश करते हैं जब तक वे वांछित परिणाम प्राप्त नहीं करते।

आदर्श छात्र स्कूल में पसंदीदा होते हैं

आदर्श छात्र वे होते हैं जो स्कूल में लगभग हर चीज में अच्छे होते हैं। वे सकारात्मक ऊर्जा पैदा करते हैं। कक्षा में हर कोई उनका मित्र बनना चाहता है। सर्वश्रेष्ठ छात्र के रूप में एक आदर्श छात्र होने पर शिक्षक और साथ ही अन्य छात्रों पर अच्छी छाप पड़ती है। अगर आपका मित्र पढ़ाई में अच्छा है तो आपको पढ़ाई में सहायता मिलती है। उनके नोट्स हमेशा आपके लिए आसानी से उपलब्ध होते हैं। वह आपको नियमित रूप से अध्ययन करने और खेल, संगीत, नृत्य जैसी अतिरिक्त पाठ्यचर्या वाली गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित करता है। एक व्यक्ति की कंपनी विशेष रूप से उम्र के बढ़ने वाले वर्षों में उस पर एक बड़ा प्रभाव डालती है। जो अच्छे / आदर्श छात्रों का साथ रखते हैं उनमें अच्छी आदतें पैदा होना निश्चित है।

शिक्षकों के बीच आदर्श छात्र उनका पसंदीदा होता है। शिक्षक कक्षा में दूसरों को उनका उदाहरण देते हैं और उन्हें उनकी अच्छी आदतों को अपनाने के लिए कहते हैं। शिक्षक अपनी अनुपस्थिति में इन छात्रों को अन्य कार्य सौंप देते हैं जैसे कि परियोजनाओं की तैयारी, पुस्तकों/नोटबुक का वितरण और कक्षा की निगरानी। हर शिक्षक चाहता है कि उनकी कक्षा में हर छात्र आदर्श हों।

आदर्श छात्र होना जीवन में हमेशा मदद करता है

ऐसा कहा जाता है आप जो बार-बार करते असल में आप वैसे ही होते हैं। तब उत्कृष्टता जीवन का एक रास्ता बन जाती है। एक आदर्श छात्र हमेशा व्यवस्थित होता है। वह अपने कमरे, स्कूल बैग, किताबों और अन्य सामान को एक संगठित ढंग से रखता है ताकि जब उसे ज़रूरत पड़े तब समय की बर्बादी न हो। वह जानता है कि उसे सामान की तलाश कहां करनी है। संगठित होने का मतलब केवल चीजों को सही तरीके से रखने का मतलब नहीं है बल्कि इसका मतलब है कि अपने कार्य को एक कुशल तरीके से प्राथमिकता देने और संगठित करने की क्षमता है ताकि उन्हें समय पर पूरा किया जा सके। बाद में यह एक आदत बन जाती है और यहां तक ​​कि जब छात्र बड़े होते हैं तो इस आदत की वजह से संगठित रहते हैं। जो लोग संगठित होते हैं वे दोनों निजी और पेशेवर जीवन को कुशलता से प्रबंधित कर सकते हैं।

एक आदर्श छात्र जानता है कि कैसे विभिन्न गतिविधियों के बीच एक संतुलन को बनाए रखना है और वह जैसे-जैसे पेशेवर जीवन में बढ़ता है उसके लिए कार्य-जीवन का संतुलन बनाए रखना आसान हो जाता है। वह काफी कठिन काम करता है और केंद्रित रहता है और यही बाद के जीवन में उसे बहुत कुछ करने में मदद करता है।

एक आदर्श छात्र का जीवन दूर से मुश्किल लग सकता है। हालांकि आदर्श छात्र का जीवन वास्तव में उन लोगों की तुलना में बहुत अधिक सुलझा हुआ होता है जो अपनी पढ़ाई और अन्य कार्यों पर पूरा ध्यान नहीं देते हैं। आदर्श छात्रों को महत्वकांशी माना जाता है। वे अपने जीवन में उच्च लक्ष्य रखते हैं और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

FAQs: Frequently Asked Questions on Ideal Student (आदर्श विद्यार्थी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- अनुशासन का पालन तथा आत्मनिर्भर होने की प्रवृत्ति।

उत्तर- भारत में प्रत्येक वर्ष 17 नवंबर को विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है।

उत्तर- संपूर्ण विश्व डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की याद में 15 अक्टूबर को विश्व विद्यार्थी दिवस मनाता है।

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Adarsh Vidyarthi Essay : ऐसे लिखें ‘आदर्श विद्यार्थी’ पर निबंध 

adarsh vidyarthi essay in hindi for class 6

  • Updated on  
  • जुलाई 5, 2024

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi (1)

विद्यार्थी होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। यह एक सुनहरा दौर होता है जब विद्यार्थी आनंद और खुशी से भरे होते हैं। एक आदर्श छात्र के गुणों के बारे में जानने से छात्रों को अपनी शक्तियों और कमजोरियों का आकलन करने में मदद मिल सकती है, जिससे व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिलता है। एक आदर्श छात्र की विशेषताओं को समझने से छात्रों को शैक्षणिक और व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करने में सहायता मिल सकती है, वे बेहतर छात्र बनने की दिशा में काम कर सकते हैं। कई बार छात्रों को आदर्श विद्यार्थी पर निबंध तैयार करने के लिए दिया जाता है, इसलिए यहां हम Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi दे रहे हैं।

This Blog Includes:

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 100 शब्दों में निबंध , आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 200 शब्दों में निबंध, एक आदर्श छात्र की विशेषता क्या है, एक आदर्श विद्यार्थी के लक्षण, एक आदर्श छात्र के जीवन में माता-पिता की भूमिका, आदर्श विद्यार्थी पर 10 लाइन्स.

100 शब्दों में Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

एक आदर्श छात्र वह होता है जो आज्ञाकारी, समयनिष्ठ, मेहनती और ईमानदार होता है। वे परिवार की आशा, राष्ट्र का भविष्य और विद्यालय का गौरव और गौरव होते हैं। वे अपने शिक्षकों, माता-पिता, बड़ों और साथियों का सम्मान करते हैं और ज़रूरत पड़ने पर दोस्तों की मदद करते हैं। वे अपने कार्यों और शब्दों से अपने आस-पास के लोगों को प्रेरित करते हैं। वे हमेशा सीखने के लिए तैयार रहते हैं; वे और अधिक सीखने की जिज्ञासा को जीवित रखते हैं। एक आदर्श छात्र वह है जो सीखना पसंद करता है और स्कूल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करता है। वे हमेशा अपने शिक्षकों की बात सुनते हैं, अपने सहपाठियों की मदद करते हैं और नियमों का पालन करते हैं। सरल शब्दों में एक आदर्श छात्र इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण है कि स्कूल में अच्छा प्रदर्शन कैसे किया जाए और एक अच्छा इंसान कैसे बनें।

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

एक आदर्श छात्र वह है जो अपने शिक्षकों और बड़ों का सम्मान करता है और उनकी बात सुनता है। वे अपने गुरुओं के साथ एक मजबूत जुड़ाव महसूस करते हैं और मार्गदर्शन के लिए उनकी ओर देखते हैं। आदर्श विद्यार्थी अपने लक्ष्यों और सपनों के प्रति हमेशा सजग रहते हैं। वे हमेशा नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहते हैं और खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करना कभी नहीं छोड़ते। आदर्श छात्र न केवल अपने देश से प्यार करते हैं बल्कि समाज में सभी के लिए बेहतर बनाने की दिशा में भी काम करते हैं। वे दूसरों के साथ अन्याय नहीं करते और सभी के साथ दयालुता के भाव से रहते हैं।

एक आदर्श विद्यार्थी के सर्वश्रेष्ठ गुणों में निस्वार्थ होने और दूसरों की मदद करना शामिल है। वे असफलताओं को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते बल्कि उन्हें बेहतर बनने के लिए सीखने के अवसर के रूप में उपयोग करते हैं। कोई भी व्यक्ति पूर्ण पैदा नहीं होता है, लेकिन कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के माध्यम से, वे सकारात्मक आदतों को अपनाकर दूसरों के लिए आदर्श बन जाते हैं। एक आदर्श छात्र बनने के लिए व्यक्ति को अपने प्रयासों में समर्पित और निरंतर रहना चाहिए। वे अपने साथियों के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित करते हैं और दूसरों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। एक आदर्श छात्र बनना इतना मुश्किल नहीं है। 

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi (2) (1)

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 500 शब्दों में निबंध

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:

प्राचीन भारतीय संस्कृत ग्रंथ (श्लोक) में पाँच गुण बताए गए हैं जो एक आदर्श छात्र में होने चाहिए। इसमें कुछ जानवरों और पक्षियों के कुछ विशेष गुणों के बारे में बताया गया है ताकि यह समझाया जा सके कि एक छात्र को आदर्श छात्र बनने के लिए इन गुणों पर कैसे काम करना चाहिए। एक आदर्श छात्र की पहचान शैक्षणिक उपलब्धियों या बुद्धि के साथ साथ उनके सीखने और व्यक्तिगत विकास पर भी निर्भर करती है।

एक उत्कृष्ट छात्र अपनी जिम्मेदारियों और दायित्वों के बारे में पूरी तरह से जागरूक होता है। वह भावी पीढ़ियों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रहा होता है। आज के छात्र कल के नेता होंगे। यदि छात्रों के पास उच्च विचार हों, तो राष्ट्र प्रगति कर सकता है। अच्छे ग्रेड वाला छात्र जरूरी नहीं कि एक अच्छा छात्र हो। वह स्कूल में नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है, लेकिन वह वास्तविक जीवन में पूरी तरह से असफल हो सकता है। एक आदर्श छात्र वह होता है जो सादा जीवन और उच्च विचार दोनों को अपनाता है। वह जीवन की कठिनाइयों से निपटने के लिए पर्याप्त निडर होता है।

एक आदर्श छात्र समझता है कि वह अपने माता-पिता का कितना ऋणी है। जब वह बड़ा होता है, तो वह उनका ख्याल रखना कभी नहीं भूलता। वह एक इंसान का सेवक होता है। हमारे देश को ऐसे छात्रों की ज़रूरत है जो दृढ़ संकल्प और दृढ़ मांसपेशियों वाले हों। उन्हें ब्रह्मांड के रहस्यों और रहस्यों को समझने में सक्षम होना चाहिए। उन्हें अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए दृढ़ संकल्प होना चाहिए, भले ही इसका मतलब अपनी जान जोखिम में डालना हो। केवल ऐसे छात्र ही देश को समृद्धि और समग्र विकास प्राप्त करने में सहायता कर सकते हैं।

एक आदर्श छात्र वह होता है जो सीखने के लिए प्रेरित और उत्सुक होता है। वे चुनौतियों से नहीं डरते और हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। वे अपने शिक्षकों और सहपाठियों के साथ सम्मान से पेश आते हैं और सुव्यवस्थित होते हैं और अपने समय का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करते हैं। आदर्श छात्र अपने कार्यों को पूरी सजगता से करने के साथ दूसरों की भी मदद करते हैं और कक्षा में सकारात्मक योगदान देते हैं। आदर्श विद्यार्थी का लोगों के साथ प्रेम भाव से व्यवहार उसे लोगों से अलग बनाता है। आदर्श विद्यार्थी भविष्य में महान नेतृत्व वाले व्यक्ति बनते हैं। यदि आप एक आदर्श छात्र बनना चाहते हैं, तो इन गुणों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करें, और आप सही रास्ते पर होंगे।

एक आदर्श छात्र के जीवन में माता-पिता की भूमिका अहम है। माता-पिता भावनात्मक समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को प्रेरित रहने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। प्रोत्साहित करने वाले शब्द एक छात्र के आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ा सकते हैं। शैक्षणिक प्रदर्शन और व्यवहार के संबंध में स्पष्ट अपेक्षाएं निर्धारित करने से छात्रों को यह समझने में मदद मिलती है कि उनसे क्या अपेक्षा की जाती है। माता-पिता किताबें, इंटरनेट एक्सेस और एक शांत अध्ययन स्थान जैसे आवश्यक संसाधन प्रदान करके घर पर सीखने के लिए अनुकूल माहौल बना सकते हैं। वे पढ़ाई और होमवर्क पूरा करने के लिए एक दिनचर्या स्थापित करने में भी मदद कर सकते हैं।

माता-पिता अपने बच्चों में जिम्मेदारी, अनुशासन और दृढ़ता जैसे मूल्यों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  ये गुण शैक्षणिक सफलता और व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक हैं। स्कूली कार्य, प्रगति और चुनौतियों के बारे में माता-पिता और छात्रों के बीच नियमित संचार से माता-पिता को सूचित रहने और अपने बच्चे की शिक्षा में शामिल रहने में मदद मिलती है। यह संचार किसी भी मुद्दे या क्षेत्र की पहचान करने में भी मदद कर सकता है जहां सहायता की आवश्यकता हो सकती है। माता पिता एक आदर्श विद्यार्थी के मार्गदर्शक के रुप में कार्य कर सकते हैं। 

एक आदर्श छात्र अपने माता-पिता के महत्व को समझता है और बड़े होने पर हमेशा उनका ख्याल रखता है। वे दूसरों की सेवा करने में विश्वास करते हैं और अपने परिवार की चिंताओं और मुद्दों के प्रति दयालु होते हैं। वे सबकी सेवा में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और समाज की समस्याओं का समाधान खोजने के लिए भी हमेशा उत्सुक रहते हैं।

आदर्श विद्यार्थी पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः

  • एक आदर्श छात्र की पहचान सीखने और आत्म-सुधार के प्रति उनके समर्पण से होती है।
  • आदर्श विद्यार्थी विभिन्न सामाजिक मुद्दों की पहचान करने और उन्हें हल करने में सक्रिय भूमिका निभाता है।
  • आदर्श छात्र अपनी पढ़ाई और चुनौतियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदर्शित करते हैं।
  • आदर्श विद्यार्थी अपने शिक्षकों, साथियों और स्कूल के माहौल के प्रति सम्मानजनक होते हैं।
  • उनके पास मजबूत संगठनात्मक कौशल होता है और वे अपना समय प्रभावी ढंग से प्रबंधित करते हैं।
  • एक आदर्श छात्र सहानुभूतिशील होता है और जरूरतमंदों की मदद करने को तैयार रहता है।
  • वे अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेते हैं और सभी प्रयासों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते हैं।
  • आदर्श छात्र अपनी शैक्षणिक गतिविधियों में सत्यनिष्ठा और ईमानदारी का प्रदर्शन करते हैं।
  • एक आदर्श छात्र बाधाओं और असफलताओं का सामना करने में भी हिम्मत दिखाता है।
  • वे समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने और करुणा, नेतृत्व और आजीवन सीखने के मूल्यों को अपनाने की आकांक्षा रखते हैं।

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एक आदर्श छात्र में समर्पण, प्रेरणा, लचीलापन, जिम्मेदारी, अखंडता और सीखने और चुनौतियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण जैसे गुण होते हैं। वे सहानुभूति, सम्मान और दूसरों की मदद करने की इच्छा भी प्रदर्शित करते हैं।

माता-पिता और शिक्षक मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और सकारात्मक वातावरण प्रदान करके आदर्श छात्र गुणों के विकास में सहायता कर सकते हैं। उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करना चाहिए और एक सहायक वातावरण बनाना चाहिए जो व्यक्तिगत विकास और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा दे।

चरित्र विकास एक आदर्श छात्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि इसमें ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, सहानुभूति और लचीलापन जैसे गुण शामिल होते हैं। ये गुण न केवल शैक्षणिक सफलता में बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में भी योगदान देते हैं, जिससे छात्र समाज के जिम्मेदार और दयालु सदस्य बनते हैं।

उम्मीद है कि आपको Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। निबंध लेखन के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध – Adarsh Vidyarthi Hindi Essay

by Editor November 25, 2018, 1:51 PM 9 Comments

स्कूल की परीक्षाओं में अक्सर  आदर्श विद्यार्थी पर निबंध पूछा जाता है। यहाँ आज हम Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12 के लिए लेकर आए हैं Aadarsh Vidyarthi पर निबंध

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में सभी विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत होता है। हर कोई उसी की तरह होशियार बनना चाहता है लेकिन सभी के लिए यह संभव नहीं होता। कठिन परिश्रम और श्रेष्ठ चरित्र वाला ही एक आदर्श विद्यार्थी बन पाता है।

आदर्श विद्यार्थी (200 शब्द)

एक आदर्श विद्यार्थी वही होता है जो अपनी शिक्षा और व्यक्तित्व दोनों का विकास करता है। दूसरे विद्यार्थी उसे अपना आदर्श माने और उसी के जैसा बनने की ओर प्रयत्न करें ऐसा एक आदर्श विद्यार्थी का चरित्र और आचरण होता है।

एक आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में अपनी पढ़ाई पर ध्यान देता है और साथ ही साथ अन्य खेल-खूद और प्रतियोगिताओं में भी भाग लेता है। वह बुरे लोगों और आदतों से दूर रहता है और हमेशा अच्छे और सच्चे लोगों की संगत करता है।

स्कूल मे अपने अध्यापकों का सम्मान और घर मे अपने माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान उसके चरित्र में होता है। आदर्श विद्यार्थी की जीवन शैली भी अनुशासित होती है वो सुबह जल्दी उठता है और व्यायाम करता है, समय पर भोजन करना और रात्रि मे समय पर सोना उसकी आदत होती है।

एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान देता है और उसे पाने का तब तक प्रयत्न करता रहता है जब तक वो उसे प्राप्त नहीं कर लेता।

ऐसे ही आदर्शों पर चलने वाले विद्यार्थी एक दिन बड़े होकर डॉक्टर, वैज्ञानिक, आईएएस-आईपीएस ऑफिसर, वकील,बिज़नस मेन बनते हैं और देश की उन्नति में अपना योगदान देते हैं। हम सभी को अपने विद्यार्थी जीवन में एक आदर्श विद्यार्थी की तरह बनना चाहिए।

आदर्श विद्यार्थी (350 शब्द)

एक आदर्श विद्यार्थी वही है जो ज्ञान अर्जित करना ही अपने विद्यार्थी काल का मुख्य उद्देश्य समझता है और ज्ञान प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहता है। वो आदर्श विद्यार्थी नहीं है जिसका मन विद्या में नहीं लगता, आलस करता है और किसी का सम्मान नहीं करता।

एक आदर्श विद्यार्थी अपने स्वभाव से नम्र, विवेकशील और सहनशील होता है और आगे चलकर शिक्षा प्राप्त कर देश का एक आदर्श नागरिक बनता है।

आदर्श विद्यार्थी को पढ़ने-लिखने मे ज्यादा दिलचस्पी होती है और उसका ज्यादा समय अच्छी-अच्छी पुस्तकों को पढ़ने में व्यतीत होता है, विद्यालय मे वह अपने गुरुजनों का आदर करता है और उनके हर आदेश का पालन करता है तो वहीं घर मे अपने माता-पिता का सम्मान करता है।

एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा अच्छे लोगों की संगति करता है और उसके साथ रहने वाले विद्यार्थी भी उसके आदर्शों पर चलते हैं ऐसा उसका चरित्र होता है।

सुबह जल्दी उठना, योग-व्यायाम करना, समय पर और नियमित स्कूल जाना, स्कूल मे पढ़ने के साथ साथ अन्य क्रियाओं में भी भाग लेना, सभी से विनम्रता से व्यवहार, दूसरों की मदद करना, पढ़ाई-लिखाई में तेज होना – ये एक आदर्श विद्यार्थी के लक्षण होते हैं।

एक आदर्श विद्यार्थी हर जगह सम्मान प्राप्त करता है, स्कूल मे वह अपने शिक्षकों का प्रिय होता है और वहीं समाज में लोग उसे बड़े ही सम्मान की नज़र से देखते हैं। वह जहां भी जाता है लोग उसके व्यक्तित्व से प्रभावित जरूर होते हैं।

एक आदर्शवान और अनुशासित जीवन जीने वाला विद्यार्थी ही आगे चलकर एक सफल डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, पुलिस ऑफिसर, बिज़नस मेन और वैज्ञानिक बनता है और राष्ट्र निर्माण मे अपना योगदान देता है।

यदि हमें भी एक आदर्श विद्यार्थी बनना है तो सबसे पहले अपनी जीवनशैली को बदलना होगा और हमेशा अच्छे लोगों को संगति करनी चाहिए, स्कूल मे हमेशा अपने गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए और अपना ध्यान पढ़ाई में लगाना चाहिए। समाज में हमें अपनी छवि का साफ-सुथरा रखना चाहिए और माता-पिता की आज्ञा का पालन करना चाहिए।

विद्यार्थी काल मे हर किसी को एक आदर्श विद्यार्थी की तरह बनना चाहिए क्यूंकी तभी हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेंगे और तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा।

आदर्श विद्यार्थी (600 शब्द)

एक आदर्श विद्यार्थी हर कोई बनना चाहता है लेकिन विद्यालय में कुछ ही विद्यार्थी होते हैं जो अपने आपको दूसरों के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित कर पाते हैं। आदर्श विद्यार्थी का जीवन ऐसा होना चाहिए की दूसरे उसके जीवन से प्रेरणा ले सकें और उसके जैसा बनने का प्रयत्न करें।

आदर्श विद्यार्थी का चरित्र

आदर्श विद्यार्थी का स्वभाव ही है जो उसे दूसरे विद्यार्थियों से महान बनाता है। उसका स्वभाव नम्र, सहनशील और दयावान होता है। वो हमेशा अच्छे लोगों की संगति मे रहता है और बुरे लोगों को भी सुधारने का प्रयत्न करता है। दूसरों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना वो अपना कर्तव्य समझता है।

आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में

विद्यालय में आदर्श विद्यार्थी अन्य विद्यार्थियों की अपेक्षा सबसे होशियार होता है चाहे वो पढ़ाई हो या अन्य खेल-कूद जैसी क्रियाएँ। स्कूल मे वह अपना पूरा ध्यान पढ़ाई मे लगाता है। शिक्षक जिस विषय पर भी पढ़ा रहे हैं उसे शांति से समझता है और मन में कोई प्रश्न होने पर पूछता भी है।

वह हमेशा अपने स्कूल अद्यापकों का सम्मान करता है और शिक्षक जो भी कहते हैं उसे करने के लिए तत्पर रहता है। विद्यालय मे आदर्श विद्यार्थी का व्यवहार सभी लोगों के साथ बड़ा ही विनम्र होता है, सभी की वो मदद करता है।

विद्यालय में नाटक, खेल-कूद, प्रतियोगिताओं में वह बढ़-चढ़कर भाग लेता है और हमेशा आगे रहता है।  स्कूल मे वह समय पर उपस्थित होता है और नियमित स्कूल जाता है।

आदर्श विद्यार्थी घर में

घर में भी एक आदर्श विद्यार्थी बड़े ही अनुशासन का जीवन जीता है। सुबह शीघ्र उठना, योग-व्यायाम आदि करना, कुछ घंटे पढ़ना, उसके बाद स्कूल जाने के लिए तैयार होना ये उसकी रोज की क्रिया होती है।

घर मे अपने माँ-बाप का सम्मान करना और उनकी हर बात मानना आदर्श विद्यार्थी के चरित्र में होता है। घर में भी वह पढ़ने लिखने, गृहकार्य करने के साथ-साथ कुछ समय मनोरंजन में व्यतीत करता है। रात्रि मे समय पर भोजन करना और समय पर सोना भी उसकी आदतों में शामिल होता है।

आदर्श विद्यार्थी समाज में

समाज मे आदर्श विद्यार्थी हमेशा सम्मान का पात्र होता है। लोगों को कोई भी कार्य होता है तो वो उसकी राय लेते हैं। आदर्श विद्यार्थी अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी को भी अच्छी तरह से निभाता है। अपने आस-पास के वातावरण को साफ और शुद्ध रखना, पेड़-पौधों की देख भाल करना, समाज के लोगों की मदद करना ये उसके दैनिक कार्य होते हैं।

आदर्श विद्यार्थी त्योहारों को भी बड़े धूम-धाम के साथ मनाता है और गरीब लोगों की मदद भी करता है।

कैसे बनें एक आदर्श विद्यार्थी

  • सबसे पहले हमें विद्यालय नियमित रूप से और समय पर जाना चाहिए।
  • विद्यालय में पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और अपने अद्यापकों का सदैव सम्मान करना चाहिए।
  • विद्यालय में अन्य क्रियाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए और अपने कौशल को दिखाना चाहिए।
  • गलत संगत कभी नहीं करनी चाहिए, हमेशा अच्छे लोगों की संगति करना चाहिए।
  • घर मे अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए और उनकी बात मानना चाहिए
  • अपना गृहकार्य नियमित रूप से करना चाहिए और घर में भी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए।
  • सुबह जल्दी उठने की आदत डालनी चाहिए और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना चाहिए।
  • समाज में भी हमें अपनी छवि को ऐसा बनाना चाहिए की लोग हमारा सम्मान करें।

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I love this essay thankyou so much

Aacha Patra hai an ideal student

Adarsh vidarty ka upar essay Class5th

Very good 👍

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  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध | Essay on Ideal Student in Hindi

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध | Essay on Ideal Student in Hindi!

विद्‌यार्थी जीवन को मनुष्य के जीवन की आधारशिला कहा जाता है । इस समय वह जिन गुणों व अवगुणों को अपनाता है वही आगे चलकर चरित्र का निर्माण करते हैं । अत: विद्‌यार्थी जीवन सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है ।

एक आदर्श विद्‌यार्थी वह है जो परिश्रम और लगन से अध्ययन करता है तथा सद्‌गुणों को अपनाकर स्वयं का ही नहीं अपितु अपने माँ-बाप व विद्‌यालय का नाम ऊँचा करता है । वह अपने पीछे ऐसे उदाहरण छोड़ जाता है जो अन्य विद्‌यार्थियों के लिए अनुकरणीय बन जाते हैं ।

एक आदर्श विद्‌यार्थी सदैव पुस्तकों को ही अपना सबसे अच्छा मित्र समझता है । वह पूरी लगन और परिश्रम से उन पुस्तकों का अध्ययन करता है जो जीवन निर्माण के लिए अत्यंत उपयोगी हैं । इन उपयोगी पुस्तकों में उसके विषय की पुस्तकों के अतिरिक्त वे पुस्तकें भी हो सकती हैं जिनमें सामान्य ज्ञान आधुनिक जगत की नवीनतम जानकारियाँ तथा अन्य उपयोगी बातें भो होती हैं ।

ADVERTISEMENTS:

एक आदर्श विद्‌यार्थी सदैव परिश्रम को ही पूरा महत्व देता है । वह परिश्रम को ही सफलता की कुंजी मानता है क्योंकि प्रसिद्‌ध उक्ति है:

”उद्‌यमेन ही सिद्‌धयंति कार्याणि न मनोरथे,

न हि सुप्तस्य सिहंस्य प्रविशंति मुखे मृगा: । ”

आदर्श विद्‌यार्थी अपने अध्यापक अथवा गुरुजनों का पूर्ण आदर करता है । वह उनके हर आदेश का पालन करता है । अध्यापक उसे जो भी पढ़ने अथव याद करने के लिए कहते हैं वह उसे ध्यानपूर्वक पढ़ता है ।

कक्षा में जब भी अध्यापक पढ़ाते हैं तब वह उसे ध्यानपूर्वक सुनता है । वह सदैव यह मानकर चलता है कि वह गुरु से ही संपूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सकता है । गुरुजनों के अतिरिक्त वह अपने माता-पिता की इच्छाओं एवं निर्देशों के अनुसार ही कार्य करता है ।

किसी भी विद्‌यार्थी के लिए पुस्तक ज्ञान आवश्यक है परंतु मात्र पुस्तकों के अध्ययन से ही सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है । अत: एक आदर्श विद्‌यार्थी पढ़ाई के साथ खेल-कूद व अन्य कार्यकलापों को भी उतना ही महत्व देता है । खेल-कूद व व्यायाम आदि भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनके बिना शरीर में सुचारू रूप से रक्त संचार संभव नहीं है । इसका सीधा संबंध मस्तिष्क के विकास से है ।

खेलकूद के अतिरिक्त अन्य सांस्कृतिक कार्यकलापों, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने से उसमें एक नया उत्साह तथा नई विचारधारा विकसित होती है जो उसके चरित्र व व्यक्तित्व के विकास में सहायक होती है ।

एक आदर्श विद्‌यार्थी नैतिकता, सत्य व उच्च आदर्शों पर पूर्ण आस्था रखता है । वह प्रतिस्पर्धा को उचित मानता है परंतु परस्पर ईर्ष्या व द्‌वेष भाव से सदैव दूर रहता है । अपने से कमजोर छात्रों की सहायता में वह सदैव आगे रहता है तथा उन्हें भी परिश्रम व लगन से अध्ययन करने हेतु प्रेरित करता है ।

अपने सहपाठियों के प्रति बह सदैव दोस्ताना संबंध रखता है । इसके अतिरिक्त उसे स्वयं पर पूर्ण विश्वास होता है । वह अपनी योग्यताओं व क्षमताओं को समझता है तथा अपनी कमियों के प्रति हीन भावना रखने के बजाय उन्हें दूर करने का प्रयास करता है ।

सारांशत: वह विद्‌यार्थी जो कुसंगति से अपने आपको दूर रखते हुए सद्‌गुणों को निरंतर अपनाने की चेष्टा करता है तथा गुरुजनों का पूर्ण आदर करते हुए भविष्य की ओर अग्रसर होता है वही एक आदर्श विद्‌यार्थी है । उसके वचन और कर्म, दूसरों के साथ उसका व्यवहार, उसकी वाणी हमेशा यथायोग्य होनी चाहिए ताकि जीवन की छोटी-छोटी उलझनें उसका रास्ता न रोक सकें ।

क्योंकि किसी भी विद्‌यार्थी का जब लक्ष्य बड़ा होता है तो उसमें एक नवीन उत्साह की भावना संचरित होती रहती है:

“काक चेष्टा बकोध्यानम् श्वान निद्रा तथैव च ।

अल्पाहारी गृहत्यागी विद्‌यार्थी पंच लक्षणम्) ।।”

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Adarsh Vidyarthi Par Nibandh 500 Words | Essay on Ideal Student in Hindi | PDF

Adarsh vidyarthi par nibandh.

Adarsh Vidyarthi Par Nibandh 500 + Words (Download PDF) Essay on Ideal Student in Hindi for class 5, 6, 7, 8, 9, 10 – आदर्श विद्यार्थी होना सभी विद्यार्थी का सपना होता है और आदर्श बनने के लिए पूरा प्रयत्न करता है, लेकिन सभी विधार्थी, एक आदर्श विद्यार्थी नहीं बन सकते है क्योंकि उसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है। एक आदर्श विद्यार्थी में क्या आदते और गुण होने चाहिए, आइए जानते है इस निबंध के माध्यम से, तो शुरू करते है – Adarsh Vidyarthi Par Nibandh Hindi

प्राचीन काल में, यहाँ चार आश्रमों की व्यवस्था की गई थी, ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, बनप्रस्थ आश्रम और सन्यास आश्रम। जीवन के पहले 25 वर्ष ब्रह्मचर्य आश्रम के लिए निर्धारित किए गए थे। जिसमें प्रत्येक व्यक्ति ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करता था। सीखने की प्रगति की इस अवधि को छात्र जीवन कहा जाता था।

आज भी जीवन की प्रारंभिक अवस्था ज्ञान प्राप्ति की अवस्था है। वैसे तो ज्ञान हर स्तर पर मिलता है, लेकिन जीवन के शुरूआती दौर में जब वह ज्ञान हासिल करने के लिए स्कूल जाता है। उस अवस्था को विद्यार्थी जीवन कहते हैं।

अर्थ और महत्व

विद्यार्थी शब्द अपने आप में बहुत व्यापक अर्थ प्रकट करता है, लेकिन सामान्य अर्थ में यह एक मिश्रित शब्द है जो विद्या और अर्थ दो शब्दों के मेल से बना है। विद्या का अर्थ है कि जो ज्ञान चाहता है वह छात्र कहलाता है। हालांकि, हर इंसान जीवन भर एक छात्र है।

हर इंसान कदम-कदम पर बहुत कुछ सीखता रहता है, लेकिन सरल अर्थ में जो बच्चा स्कूल जाकर ज्ञान सीखता है, वह विद्यार्थी होता है। विद्यार्थी जीवन समस्त मानव जीवन की आधारशिला है। जिस पर हमारे जीवन का भव्य भवन विराजमान है। इसलिए विद्यार्थी जीवन बहुत महत्वपूर्ण है।

जीवन की मधुर अवस्था

विद्यार्थी जीवन को जीवन का मधुर चरण कहा जा सकता है। यह जीवन की खुशी और आनंद की स्थिति है। इस जीवन में दुःख और चिंताएँ क्षणिक होती हैं जो पानी के बुलबुले की तरह होती हैं और गायब हो जाती हैं। इस जीवन में व्यक्ति खेल-कूद कर, खेलते जीवन का भरपूर आनंद उठाता है।

एक आदर्श छात्र को पढ़ाई में कोई दुख या चिंता नहीं होती है। यही उसका कर्तव्य है। कर्तव्य पालन से दु:ख और चिन्ता का प्रश्न ही नहीं उठता। वह जीवन भर छात्र के जीवन की सभी गतिविधियों को याद रखता है और उन्हें याद करके ही आनंद की अनुभूति करता है। इसलिए यह जीवन की मधुर अवस्था है।

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इसकी अपनी एक अलग मिठास होती है जो जीवन भर मिठास देती रहती है। इसलिए हर विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने खुशी के पलों को मधुरता में बिताएं। इस जिंदगी में एक अजीब सा मजा है जो दोबारा नहीं मिलता।

छात्र जीवन की विशेषता

सभी प्रकार का ज्ञान प्राप्त करना विद्यार्थी जीवन की प्रमुख विशेषता है। विद्यार्थी को हर पल कुछ न कुछ सीखना होता है। केवल किताबी ज्ञान प्राप्त करना विद्यार्थी जीवन का अंत नहीं है। अभी विद्यार्थी का परम कर्तव्य है कि वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र का ज्ञान प्राप्त कर अपने सर्वांगीण विकास का विकास करे। आजकल स्कूलों में हर तरह के साधन उपलब्ध हैं जिनसे वे अपना ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

एक आदर्श छात्र के लक्षण

यहाँ विद्यार्थी के लिए पाँच विशेषताएँ प्रतिपादित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं, विद्यार्थी को कौवे की तरह खोजने का प्रयास करना चाहिए, बगुले की तरह ध्यान केंद्रित करना चाहिए, कुत्ते की तरह नींद में सतर्क रहना चाहिए और भोजन और ब्रह्मचर्य जैसे अन्य गुणों से संपन्न होना चाहिए। आदि।

ये उपरोक्त लक्षण पिछले युग के छात्र के लिए निर्धारित किए गए थे, लेकिन आज भी छात्र में मौजूद होने चाहिए। क्योंकि इन गुणों के होने से विद्यार्थी सही ज्ञान प्राप्त करने में सक्षम होता है। किसी भी चीज को सीखने के लिए एकाग्रचित होना नितांत आवश्यक है। अधिक खाना, अधिक सोना ज्ञान प्राप्ति में बाधक है।

छात्र की जिम्मेदारी

विद्यार्थी पर अपने भविष्य के प्रति बड़ी जिम्मेदारी होती है। उसे अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए स्वयं को उज्ज्वल गुणों में ढालना पड़ता है। वह जिन गुणों, आदतों और दृष्टिकोणों में ढल जाता है, वे उसके लिए दिशा बन जाते हैं। उसे बुरे व्यसनों और बुराइयों से खुद को बचाना होगा क्योंकि वह उसकी भविष्य की आदत में बदल जाता है।

इसके अलावा छात्र पर आज भी एक बड़ी जिम्मेदारी है। छात्र की मुख्य जिम्मेदारी अपने स्कूल में सार्वजनिक वस्तुओं की रक्षा करना है, उन्हें अपनी वस्तु के रूप में मानना। उस पर भविष्य का बहुत बड़ा बोझ है जिसे उसे बड़े कर्तव्य के साथ निभाना है।

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आज का छात्र देश का भावी नेता है। देश को आगे ले जाने के लिए जब छात्र जागरूक होंगे तभी देश प्रगतिशील विकास की ओर अग्रसर होगा।

एक आदर्श विद्यार्थी को अपने कर्तव्य पालन में सदैव जागरूक रहना चाहिए। अनुशासित जीवन विद्यार्थी को प्रगति के शिखर पर ले जाता है। दूसरा विद्यार्थी दूसरों से सीखता है तो दूसरी ओर अपने आदर्श गुणों से दूसरों को प्रभावित करता है। उस देश के समाज की भविष्य की प्रगति का अंदाजा उस छात्र को देखकर ही लगाया जा सकता है। इसलिए विद्यार्थी को रोल मॉडल बनना चाहिए।

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Q&A. Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

एक आदर्श विद्यार्थी में क्या गुण होने चाहिए.

उत्तर – किसी भी अच्छे छात्रों में कुछ गुण होते हैं जो इस प्रकार है –

  • विनम्र होना चाहिए।
  • विद्यार्थीयो को अनुशासित होतना चाहिए। 
  • एक विद्यार्थीयो को पढ़ाई या किसी भी कार्य के प्रति मेहनती होना चाहिए।
  • सभी विद्यार्थीयो को समय की कद्र करनी चाहिए।
  • आश्वस्त होना चाहिए।

एक आदर्श छात्र की क्या भूमिका होती है?

उत्तर – एक आदर्श विद्यार्थीयो हमेशा पढ़ाई के साथ खेल में भी सक्रिय होना चाहिए। एक विद्यार्थी हमेशा समय के पाबंद होता हो और खेलों में भाग लेता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपना सारा प्रयास करता है। साध ही उसमे अच्छी आदतों का विकास होता है और  सही समय पर सही काम करते हैं।

एक अच्छा शिक्षार्थी कैसा दिखता है?

उत्तर – एक अच्छा शिक्षार्थी दुसरो की बात सुनता है। किसी भी मिली जानकारी का विश्लेषण करता हैं, उसे पड़ता है और उसका मूल्यांकन करता हैं। वह अपना कार्य समय पर पूरा करता है तथा हमेशा उत्तीर्ण होता है।

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध। Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध : समाज और देश की दौलत हैं विद्यार्थी। आज के विद्यार्थी भविष्य के भारत के निर्माता है। समाज और देश का भविष्य हैं। विकसित भारत का सपना इन्हें ही पूरा करना है।

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

Essay on Adarsh Vidyarthi in Hindi:  हम यहां पर आदर्श विद्यार्थी पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में आदर्श विद्यार्थी के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध | Essay on Adarsh Vidyarthi in Hindi

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (250 शब्द).

जो बच्चे स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों या अन्य शिक्षण संस्थानों में पढ़ते हैं, उसे विद्यार्थी कहते है। लेकिन इन सभी छात्रों में से कुछ विद्यार्थी में ऐसे गुण हैं, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाते हैं। वो विद्यार्थी जो त्रुटिरहित और परिपूर्ण होते है, उसे आदर्श विद्यार्थी कहते है। आदर्श विद्यार्थी अपने सर्वश्रेष्ठ गुणों के कारण अन्य सभी छात्रों से आगे निकल जाते है। वह दूसरों के लिए रोल मॉडल बन जाते है। आदर्श विद्यार्थी हमारे देश के भविष्य की रीढ़ हैं।

एक आदर्श विद्यार्थी का जीवन सादा होता है, लेकिन उनके विचार उच्च होते है। वह निडर और निर्भीक होते है। एक आदर्श विद्यार्थी आचरण और अनुशासन के नियमों के अनुसरता है। वह अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह से जागरूक होता है। उसके पास वो  कौशल और आदतें होती है, जो उनके व्यक्तित्व को विकसित करती है। वे आत्मसंयमी, ईमानदार और समय के पाबंधक होते है। आदर्श विद्यार्थी सभी सामाजिक और नैतिक कानूनों का पालन करते है।

आदर्श विद्यार्थी में नम्रता और सहनशीलता जैसे गुण होते है। वे हमेशा अपने से बड़ों का आदर सत्कार करते है और अपने से छोटों को प्यार देते है। जीवन के प्रति उनका सकारात्मक दृष्टिकोण होता है। उनके जीवन का ध्येय निश्चित होता है। कोई भी छात्र जन्म से आदर्श नहीं होता। आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए मन में दृढ़संकल्प होना चाहिए।  

आज के समय में आदर्श विद्यार्थी  मिलना बहुत कठिन है। किसी साधारण छात्र को आदर्श बनाने के लिए उनके मातापिता, गुरूजी और घर के वातावरण का बड़ा योगदान रहता है। ऐसे छात्र ही देश को समृद्धि और सर्वांगीण विकास प्राप्त करने में मदद कर सकते है। आदर्श छात्र निश्चित रूप से राष्ट्र के सफल भविष्य की ओर ले जाएंगे।

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (800 शब्द)

विद्या + अर्थी मलतब विद्यार्थी, जो शिक्षा को ग्रहण करता है। लेकिन इन में से कुछ विद्यार्थी सर्वगुण सम्पन होते है उसे आदर्श विद्यार्थी कहा जाता है। एक आदर्श विद्यार्थी अपने राष्ट्र का धन और भविष्य, अपने परिवार की आशा और अपने स्कूल या कॉलेज का गौरव होता है। वे एक राष्ट्र के स्तंभ हैं।

वह अपने स्वभाव, मन और हृदय के गुणों और ज्ञान से सभी को अपना प्रिय बनाता है। वे उच्च लक्ष्य रखते हैं और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। आदर्श विद्यार्थी आदर्श या परिपूर्ण पैदा नहीं होते हैं। कोई भी व्यक्ति जन्म से आदर्श नहीं होता। वह समय के साथ धीरे-धीरे अच्छी आदतों को अपनाता है और आदर्श बनने का प्रयास करता है।

एक आदर्श छात्र बनने के लिए सबसे ज्यादा मेहनत और दृढ़ संकल्प की जरूरत होती है। उन्हें उनके माता-पिता और शिक्षकों द्वारा आदर्श बनने के लिए पाला जाता है। आदर्श विद्यार्थी एक समाज का भविष्य हैं।

आदर्श विद्यार्थी का जीवन

आदर्श विद्यार्थी का जीवन बेहद सरल होता है। उनके जीवन में सदाचार का बड़ा महत्व होता है। सादा जीवन और उच्च विचार उनके जीवन का आदर्श वाक्य है। वह हमेशा अपने सही आदर्शों और उद्देश्यों पर टिका रहता है। वो सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है। अपने दैनिक जीवन के कार्यों में अनुशासित रहता है। वह कभी फैशन के पीछे नहीं भागता। उनके पास एक मजबूत नैतिक चरित्र होता है।

विनम्रता,सहनशीलता, धैर्यता और आत्मसंयम उनके जीवन की संपत्ति है। जीवन की किसी भी विकट परिस्थिति में वो कभी भी हिम्मत नहीं हारता। वह अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में हरदम तैयार रहता है। आदर्श विद्यार्थी शारीरिक रूप के साथ साथ  मानसिक रूप से भी से फिट और सक्रिय रहता है। आदर्श विद्यार्थी  बड़े होकर व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों को कुशलता से प्रबंधित कर सकते हैं।

वह अपने व्यक्तित्व के विकास में रुचि रखता है। आदर्श विद्यार्थी उच्चतम चरित्र का और आशावादी होता है। वह सबके लिए एक प्रेरणास्रोत होता है।

आदर्श विद्यार्थी के गुण

आदर्श विद्यार्थी समय का पाबंद होता है। वह सब कुछ समय पर करता है। वो महत्वाकांक्षी होता है। उसके जीवन में एक निश्चित लक्ष्य होता है और उसे प्राप्त करने के लिए वह कड़ी मेहनत करता है।आदर्श विद्यार्थी सिर्फ किताबी कीड़ा नहीं होता। वो रचनात्मक होता है। एक आदर्श छात्र अंधविश्वास में विश्वास नहीं करता है। वह अपने निर्णय और विश्वास में हमेशा वैज्ञानिक, तर्कसंगत और तार्किक होता है।आदर्श विद्यार्थी मृत रीति-रिवाजों और परंपराओं का नेतृत्व नहीं करता है।

वह हर काम को हमेशा भक्ति और मेहनत से करता है। आदर्श विद्यार्थी हमेशा एक अनुशासित जीवन जीता है। वह हमेशा जीवन के सभी क्षेत्रों में खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करता है। वो सभी के साथ सहानुभूति से पेश आता है। वह हर किसी से प्यार करता है और गरीबों और जरूरतमंदों की मदद भी करता है। वह हमेशा अपने शिक्षकों, माता-पिता और बड़ों के प्रति आज्ञाकारी रहता है।

वह हमेशा सच बोलता है और कभी झूठ नहीं बोलता। वह कभी भी धूम्रपान, शराब, जुआ आदि बुरी आदतों में शामिल नहीं होता है। आदर्श  विद्यार्थी बुरी संगति से दूर रहता है और अच्छी संगति रखता है। वह व्यर्थ के कार्यों में अपना समय बर्बाद नहीं करता है।

आदर्श विद्यार्थी और राष्ट्र

आदर्श विद्यार्थी देश की मजबूत रीढ़ होते है। एक आदर्श छात्र अपने देश की आशा, गौरव और समृद्धि की चिंगारी है। भविष्य में वे नेता बन जाते हैं क्योंकि एक आदर्श छात्र एक सच्चा देशभक्त भी होता है। एक आदर्श विद्यार्थी भी एक अच्छा नागरिक बनता है। हम सभी जानते हैं कि एक अच्छा नागरिक हमारे समाज के लिए, देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण साबित होता है। देश का भविष्य छात्रों पर ही निर्भर है।

हमारा देश संघर्ष के कठिन दौर से गुजर रहा है, इसलिए इसे आदर्श छात्रों और नागरिकों की सख्त जरूरत है। राष्ट्र गौरव के शिखर पर पहुंच सकता है यदि हमारे छात्र आदर्श बनें और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के कार्य में भाग लें।

विद्यालय में विद्यार्थी तो बहुत होते हैं, लेकिन आदर्श विद्यार्थी बहुत कम होते हैं। देखा जाये तो आदर्श विद्यार्थी बनना बड़ी तपस्या का काम है, जीवन को अनुशासन और आदर्शों पर जीना पड़ता है। अगर माता पिता और गुरु चाहे तो देश का हर बच्चा आदर्श विद्यार्थी बन सकता है। उसके लिए बच्चों को हमें उचित वातावरण देना होगा। बचपन से ही बच्चों को आदर्श विद्यार्थी के गुण सिखाने होंगे।

देश की समृद्धि और प्रगति आदर्श छात्रों के कंधों पर है। एक आदर्श छात्र न केवल अपने देश से प्यार करता है बल्कि वह पूरी इंसानियत को भी पसंद करता है। एक आदर्श विद्यार्थी अपने देश के लिए कुछ ऐसा करता है, जिससे देश विकास की ऊंचाईयों तक पहुंचता है। जिस देश में आदर्श छात्रों की संख्या अधिक है, उस देश को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता।

हमने यहां पर  “आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Essay on Adarsh Vidyarthi in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

  • आत्मसम्मान पर निबंध
  • अनुशासन का महत्त्व पर निबंध
  • आत्मनिर्भर भारत पर भाषण

Rahul Singh Tanwar

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Comment (1).

Very Nice Essay

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 100, 150, 250, 500 Words

आज हम आदर्श विद्यार्थी पर निबंध लेकर आये हैं। यह निबंध ज्यादातर स्कूल में Class 6, 8, 9 आदि में हिंदी की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। कई बार हमें कम शब्दों में निबंध लिखने होते हैं तो कई बार हमें विस्तार से निबंध लिखना होता है। इसलिए आज हम short, medium और long सभी तरह के निबंध लेकर आये हैं। निचे आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 100 शब्दों में, 150 words में, 250 और 500 शब्दों में लिखे गये हैं। हमें उम्मीद है की यह निबंध आपके काम आयेगी।

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 100 Words  

विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। इस जीवन को मनुष्य जीवन की आधारशिला कहा जा सकता है। विद्यार्थी जीवन में व्यक्ति जो कुछ भी सीखता है और जो भी आदतें अपने जीवन में समाहित करता है वही आगे चलकर उसके जिंदगी की दिशा तय करती हैं। इस समय में विद्यार्थी अच्छी पढाई करके, अच्छा आचरण और सद्गुणों को सीखकर अपने आने वाले भविष्य को बेहतर बना सकता है। वहीँ इसके विपरीत भी हो सकता है, कुसंगति, गलत आचरण और नकारात्मक चीजों में पड़ कर व्यक्ति अपने जीवन को बर्बाद कर सकता है। हर विद्यार्थी को एक आदर्श विद्यार्थी बनना चाहिए क्योंकि एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा सच्चे रास्तों पर चलता है, मेहनत और लगन से पढाई कर अपने भविष्य को बेहतर बना लेता है। ऐसे सफल विद्यार्थी अन्य छात्र-छात्राओं के लिए एक आदर्श बन जाते है।

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 150 Words 

एक आदर्श विद्यार्थी वह है जो मेहनत और लगन से पढ़ाई करता है। आदर्श विद्यार्थी अपने गुरुओं का हमेशा सम्मान करता है, स्कूल के बनाए नियम कानून पर चलता है। वह हमेशा अपने से बड़ों का आदर करता है। स्कूल में सभी बच्चों से मिलजुल कर रहता है। ऐसे ही विद्यार्थी आदर्श छात्र कहलाते हैं। एक आदर्श विद्यार्थी सद्गुणों को अपने अंदर समाहित करके, हमेशा अपने माता-पिता, गुरुजनों, और स्कूल का नाम रोशन करता है । 

वह अपने पीछे कुछ न कुछ ऐसा छोड़कर जाता है, जिसे आने वाली पीढ़ी अनुसरण करती है। उसे समय का महत्व पता होता है और सही समय पर सही काम करने वाला व्यक्ति ही आगे चलकर अपने जीवन में सफल हो पाता है। इसलिए वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय अपनी पढ़ाई में ही व्यतीत करता है। आदर्श विद्यार्थी की दिनचर्या में पढ़ाई का महत्वपूर्ण स्थान होता है। वह सिर्फ पढाई ही नही बल्कि खेलकूद, ज्ञानवर्धक किताबें पढना, नयी-नयी चीजें सीखना, स्वस्थ खानपान आदि को भी अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करता है।

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 250 शब्दों में  

एक आदर्श विद्‌यार्थी नैतिकता, सत्य व उच्च आदर्शों पर पूर्ण आस्था रखता है। वह प्रतिस्पर्धा को उचित मानता है परंतु परस्पर ईर्ष्या व द्‌वेष भाव से सदैव दूर रहता है। अपने से कमजोर छात्रों की सहायता में वह सदैव आगे रहता है तथा उन्हें भी परिश्रम व लगन से अध्ययन करने हेतु प्रेरित करता है ।एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा से अपने दोस्तों के साथ मिल जुलकर रहता है। इसके अलावा उसे पता होता है कि कैसे उसे अपने परीक्षा की तैयारी करना है। जिससे पूरे स्कूल में वह सबसे अच्छा नंबर ला सकें। 

एक आदर्श छात्र अपनी कमियों को कभी कमजोरी नही बनने देता है। अपनी कमजोरियों को अपनी सहपाठी, गुरुजनों और माता-पिता की मदद से जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश करता है। ऐसे विद्यार्थी खेल-कूद और प्रतियोगिताओं में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। साथ ही जीत हासिल करना ही उसका पहला लक्ष्य होता है। आदर्श विद्यार्थी खेल कूद में भी आगे रहते है। उन्हे केवल पुस्तक का ज्ञान ही नहीं वल्कि सर्वांगीण विकास करना होता है। अत: एक आदर्श विद्‌यार्थी पढ़ाई के साथ खेल-कूद व अन्य कार्यकलापों को भी उतना ही महत्व देता है। खेल-कूद व व्यायाम आदि भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनके बिना शरीर स्वस्थ और मजबूत नहीं होता है। इसका संबंध मस्तिष्क के विकास से भी है। कक्षा में पढ़ाई जानें वाली हर चीजों को आदर्श विद्यार्थी बड़े ही चाव से सुनता है और उसे अपनी जिंदगी में उतारता है । 

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 500 Words 

एक आदर्श विद्यार्थी का जीवन सादा होता है। लेकिन उनके विचार बहुत उच्च होते हैं। आदर्श विद्यार्थी हमेशा से निर्भीक और निडर होते है । वह अपने कामों को लेकर हमेशा जागरूक रहता है। एक आदर्श विद्यार्थी के अंदर सकारात्मक कौशल और आदतें होती हैं जो उसे सबसे अलग बनाती हैं। आदर्श विद्यार्थी के अंदर जो सबसे बड़ी बात है वह है ईमानदारी। कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो एक आदर्श विद्यार्थी कभी भी झूठ नही बोलता है। ऐसे छात्र ही देश की समृद्धि और सर्वांगीण विकास में मदद कर सकते है। आदर्श छात्र निश्चित रूप से राष्ट्र को एक सफल भविष्य की ओर लेकर जाते है । 

प्रस्तावना  

विद्या+अर्थी से मिलकर बनता है विद्यार्थी। मतलब विद्या को अपने अंदर समाहित करने वाला। जिसमे एक अच्छे विद्यार्थी के सभी गुण पाए जाते हैं उसे आदर्श विद्यार्थी कहा जाता है। ऐसे लोग हमेशा सही मार्ग पर चलते हैं और जहां भी रहते हैं अपनी एक अलग पहचान बनाते हैं। आदर्श विद्यार्थी हमेशा से अपने माता-पिता, बड़े बुजुर्गों की सेवा करने में भी आगे रहते है। उनकी द्वारा कही हुई हर बात को आज्ञा स्वरूप ग्रहण कर उसका पालन करते हैं। कोई भी विद्यार्थी जन्म के समय में आदर्श विद्यार्थी नही होता है वह समय के साथ अपने अंदर जैसे जैसे अच्छी आदतों को समाहित करता है आदर्श विद्यार्थी कहलाता जाता है। वह अपने व्यक्तित्व के विकास में रुचि रखता है। आदर्श विद्यार्थी उच्चतम चरित्र का और आशावादी होता है। वह सबके लिए एक प्रेरणास्रोत होता है।

आदर्श विद्यार्थी मेहनत से अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में से एक होता है। आदर्श विद्यार्थी उसे कहते हैं जो विद्यालय द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करता है, सभी शिक्षकों और गुरुजनों का सम्मान करता है। हमारे देश का भविष्य इन्ही आदर्श विद्यार्थी पर टिका हुआ है। यह जितने अच्छे से पढ़ेंगे उतने ही अच्छे से देश के विकास में अपना योगदान दे पायेंगे। एक आदर्श विद्यार्थी हर जगह अपना 100% देता है। किसी भी कार्य को वो मन लगाकर करता है और कभी अधूरा नही छोड़ता। आज इस डिजिटल की दुनिया में आदर्श विद्यार्थी बनना और भी आसान है। हम कोई भी जानकारी आसानी से ले सकते हैं, नयी-नयी चीजें सीख सकते हैं। 

निष्कर्ष  

एक आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए कड़ी मेहनत और तपस्या करनी पड़ती है। आदर्श विद्यार्थी सिर्फ परीक्षाओं में ही अव्वल नही आते बल्कि वे हर उस कौशल को सीखने में मेहनत लगाते हैं जिससे उनका भविष्य बेहतर हो सके। हर माता पिता को अपने बच्चों के अंदर अच्छे गुणों को डालकर उसे अच्छा छात्र बनाने की कोशिश करना चाहिए। एक देश का विकास भी तभी संभव है जब उसके यह के छात्र, होनहार और ईमानदार होंगे। आज के समय में अपने देश में आदर्श विद्यार्थी की बहुत आवश्यकता है।

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध essay on ideal student.

आदर्श विद्यार्थी वह है जो एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण करता है आदर्शता किसी मनुष्य में उपस्थित वह गुण है जो सद्बुद्धि सदचिंतन जैसे संस्कारों को परिलक्षित करती है विद्यालयों में एक छात्र के आदर्शवादी होने का प्रमाण यही है कि वह कितना अनुशासित है उसमें अपने गुरुजनों के प्रति कितना आदर एवं सम्मान है, प्रकृति जब भी जीवन का सृजन करती है तो साथ ही साथ संस्कारों का भी सृजन करती है और संस्कारों की सूची में आदर्शता प्रथम स्थान पर आती है।

जब शिशु विद्यालय जाता है तो उसे विद्यालय के नियमानुसार व्यवहार करना पड़ता है जिसकी वजह से उसके भीतर अनुशासन के बीज का बीजारोपण होता है अनुशासन पहली सीढ़ी है जो एक विद्यार्थी को आदर्श बनाने में सहायक होती है एक आदर्श विद्यार्थी विद्यालय में गुरुजनों का विशेष प्रिय होता है, एकाग्रता, हमेशा सत्य के मार्ग पर चलना दूसरों के प्रति प्रेमभाव रखना सारे गुण आदर्श विद्यार्थी में ही होते हैं।

किसी भी देश की पहचान उस देश की सभ्यता एवं संस्कृति से होती है और उस सभ्यता एवं संस्कृति को जीवित एक आदर्श नागरिक ही रख सकता है भारत में ऐसे बहुत महान विचारक एवं विद्वान हुए जिन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन में ही अपनी आदर्शता का ऐसा परिचय दिया की उनके शिक्षकों द्वारा उनके उज्जवल भविष्य की उद्घोषणा उनके विद्यार्थी जीवन में ही कर दी गई थी।

आदर्शता किस प्रकार एक विद्यार्थी में प्रेम, भाव, त्याग बलिदान के गुणों का विकास करती है इसे में एक छोटी सी कहानी के माध्यम से समझाना चाहूंगी जो कि हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विद्यार्थी जीवन से जुड़ी हुई है वह जिस विद्यालय में पढ़ते थे वहां उनका एक साथी बहुत ही गरीब था उसके पास विद्यालय की पोशाक तक के पैसे नहीं थे जैसे तैसे करके वह विद्यालय की फीस जमा कर पाता था विद्यालय की पोशाक ना होने की वजह से उसे शिक्षक द्वारा प्रतिदिन डांटा जाता था।

रोज रोज डांट खाने के डर से उसने विद्यालय आना छोड़ दिया उसकी अनुपस्थिति बालक नरेंद्र को बहुत अखरने लगी बालक नरेंद्र दिन-रात यही सोचा करता कि कैसे उस दोस्त की सहायता की जाए जिससे वह अपनी शिक्षा को जारी रख सकें बालक नरेंद्र भी काफी गरीब परिवार से थे तो उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उसकी सहायता कर सकें उन्होंने एक युक्ति निकाली पैसा इकट्ठा करने कि उन्होंने अपने कुछ मित्रों के साथ मिलकर एक नाटक खेला जिसे देखने के लिए गांव वाले धीरे धीरे इकट्ठा होने लगे, लोगों को नाटक बहुत पसंद आया और लोगों ने नाटक देखने के बदले कुछ पैसे दिए जिसे इकट्ठा करके बालक नरेंद्र ने अपने मित्र के लिए विद्यालय की नई पोशाक लाई और इस प्रकार उन्होंने अपने मित्र की सहायता की।

उपर्युक्त कहानी से यह तो निर्विरोध रूप से स्पष्ट हो जाता है कि जब भी कोई विद्यार्थी आदर्शता के मार्ग पर चलता है तो प्रेम सद्भावना जैसे गुण अपने आप ही उस में विकसित हो जाते हैं एक आदर्श विद्यार्थी हमेशा से सत्य एवं अहिंसा के मार्ग को अपनाता है एवं उच्च विचारों को ही ग्रहण करता है।

वर्तमान समय में आदर्श विद्यार्थी की परिभाषा बदल गई है आज तो वही आदर्श विद्यार्थी है जो परीक्षा में अव्वल आता है बीते वर्षों में अंग्रेजी भाषा एवं सभ्यता ने हमें ऐसा जकड़ लिया है कि अब हम अपने बच्चों को अंग्रेजी विद्यालयों में पढ़ाने में गर्व का अनुभव होता है, आजकल बच्चों को यह तक नहीं पता है कि मां शारदा कौन है? वंदे मातरम जो पहले विद्यालयों में अनिवार्य रूप से गाया जाता था शायद इतिहास के पन्नों में अब कहीं विलुप्त होता जा रहा है अंत में यही कहना चाहूंगी कि एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण आदर्श नागरिकों द्वारा होता है और आदर्श नागरिक बनने के लिए सर्वप्रथम हमें आदर्श विद्यार्थी बनना पड़ेगा और इसकी जिम्मेवारी सिर्फ परिवार की ही नहीं अपितु विद्यालय और समाज की भी है अपने देश के गौरव एवं गरिमा को बनाए रखने के लिए आदर्श विद्यार्थी का होना अत्यंत आवश्यक है।

जागृति अस्थाना -लेखक

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Adarsh vidyarthi essay in hindi आदर्श विद्यार्थी पर निबंध.

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Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

hindiinhindi Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 300 Words

विचार-बिंदु – • विद्यार्थी के गुण • लगन और परिश्रम • सादा जीवन उच्च विचार • श्रद्धावान और विनयी • अनुशासनप्रिय • स्वस्थ और बहुमुखी • उच्च लक्ष्य।

विद्यार्थी का सबसे आवश्यक गुण है – जिज्ञासा। जिज्ञासा – शुन्य छात्र उस औंधे घड़े के समान होता है जो बरसते जेल में भी खाली रहता है। विद्यार्थी का दूसरा गुण है – परिश्रमी होना। जब जिज्ञासा और परिश्रम साथ-साथ चलते हैं तो विद्यार्थी तेजी से ज्ञान अर्जित करता है। विद्यार्थी के लिए आवश्यक है कि वह आधुनिक फैशनपरस्ती, फिल्मी दुनिया या अन्य रंगीन आकर्षणों से बचे। ये मायावी आकर्षण उसे चाहते हुए भी पढ़ने नहीं देते। विद्यार्थी को ऐसे मित्रों के साथ संगति करनी चाहिए, जो उसी के समान शिक्षा का उच्च लक्ष्य लेकर चले हों।

संस्कृत की एक सूक्ति का अर्थ है – श्रद्धावान और विनयी को ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिस छात्र के चित्त में अपने ज्ञानी होने का घमंड भरा रहता है, वह कभी गुरुओं की बात नहीं सुनता। उसकी यह आदत उसकी सबसे बड़ी बाधा है। छात्र के लिए अनुशासनप्रिय होना आवश्यक है। अनुशासन के बल पर ही छात्र अपने व्यस्त समय का सही सदुपयोग कर सकता है। आदर्श छात्र पढ़ाई के साथ-साथ खेल-व्यायाम और अन्य गतिविधियों में भी बराबर रुचि लेता है। वह मानवसेवा, देश-सेवा और समाज-सेवा के लिए अपना जीवन अर्पित कर देता है।

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Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 700 Words

विद्यार्थी जीवन को मनुष्य के जीवन की आधारशिला कहा जाता है। इस समय वह जिन गुणों व अवगुणों को अपनाता है, वही आगे चलकर चरित्र का निर्माण करते हैं। अत: विद्यार्थी जीवन सभी के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। एक आदर्श विद्यार्थी वह है जो परिश्रम और लगन से अध्ययन करता है तथा सद्गुणों को अपनाकर स्वयं का ही नहीं अपितु अपने माता-पिता व विद्यालय का नाम ऊँचा करता है। वह अपने पीछे ऐसे उदाहरण छोड़ जाता है जो अन्य विद्यार्थियों के लिए अनुकरणीय बन जाते हैं।

एक आदर्श विद्यार्थी सदैव पुस्तकों को ही अपना सबसे अच्छा मित्र समझता है। वह पूरी लगन और परिश्रम से उन पुस्तकों का अध्ययन करता है जो जीवन निर्माण के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। इन उपयोगी पुस्तकों में उसके विषय की पुस्तकों के अतिरिक्त वे पुस्तकें भी हो सकती हैं जिनमें सामान्य ज्ञान, आधुनिक जगत की नवीनतम जानकारियां तथा अन्य उपयोगी बातें भी होती हैं। एक आदर्श विद्यार्थी सदैव परिश्रम को ही पूरा महत्त्व देता है। वह परिश्रम को ही सफलता की कुंजी मानता है।

आदर्श विद्यार्थी अपने अध्यापक अथवा गुरुजनों का पूर्ण आदर करता है। वह उनके हर आदेश का पालन करता है। अध्यापक उसे जो भी पढ़ने अथवा याद करने के लिए कहते हैं वह उसे ध्यानपूर्वक सुनता है। वह सदैव यह मानकर चलता है कि वह गुरु से ही सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सकता है। गुरुजनों के अतिरिक्त वह अपने माता-पिता की इच्छाओं एवं निर्देशों के अनुसार ही कार्य करता है।

किसी भी विद्यार्थी के लिए पुस्तक ज्ञान आवश्यक है परन्तु मात्र पुस्तकों के अध्ययन से ही सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता। अतः एक आदर्श विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद व अन्य कार्यकलापों को भी उतना ही महत्त्व देता है। खेल-कूद व व्यायाम आदि भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इनके बिना शरीर में सुचारू रूप से रक्त संचार संभव नहीं है। इसका सीधा संबंध मस्तिष्क के विकास से है। खेलकूद के अतिरिक्त अन्य सांस्कृतिक कार्यकलापों, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने से उसमें एक नया उत्साह तथा नई विचारधारा विकसित होती है जो उसके चरित्र व व्यक्तित्व के विकास में सहायक होती है।

विद्यार्थी जीवन को किसी भी मनुष्य के जीवनकाल की आधारशिला कह सकते हैं क्योंकि इस समय वह जो भी गुण अथवा अवगुण आत्मसात् करता है उसी के अनुसार उसके चरित्र का निर्माण होता है। कोई भी विद्यार्थी अनुशासन के महत्त्व को समझे बिना सफलता नहीं प्राप्त कर सकता। अनुशासन प्रिय विद्यार्थी नियमित विद्यालय जाता है तथा कक्षा में अध्यापक द्वारा कही गई बातों का अनुसरण करता है। वह अपने सभी कार्यों को उचित समय पर करता है। वह जब किसी कार्य को प्रारम्भ करता है तो उसे समाप्त करने की चेष्टा करता है। अनुशासन में रहने वाले विद्यार्थी हमेशा परिश्रमी होते हैं। उनमें टालमटोल की प्रवृत्ति नहीं होती तथा वे आज का कार्य कल पर नहीं छोड़ते हैं। उनके यही गुण धीरे-धीरे उन्हें सामान्य विद्यार्थी से एक अलग पहचान दिलाते हैं।

अनुशासन केवल विद्यार्थी के लिए ही आवश्यक नहीं है अपितु जीवन के हर क्षेत्र में इसका उपयोग है लेकिन इसका अभ्यास कम उम्र में अधिक सरलता से हो सकता है। अत: कहा जा सकता है कि यदि विद्यार्थी को विद्यार्थी जीवन से ही नियमानुसार चलने की आदत पड़ जाए तो शेष जीवन की राहें सुगम हो जाती हैं। ये विद्यार्थी ही आगे चलकर देश की राहें संभालेंगे, कल इनके कंधों पर ही देश के निर्माण की जिम्मेदारी आएगी। अत: आवश्यक है कि ये कल के सुयोग्य नागरिक बनें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह धैर्य और साहस के साथ करें।

एक आदर्श विद्यार्थी नैतिकता, सत्य व उच्च आदर्शों पर पूर्ण आस्था रखता है। वह प्रतिस्पर्धा को उचित मानता है परन्तु परस्पर ईर्ष्या व द्वेष भाव से सदैव दूर रहता है। अपने से कमजोर छात्रों की सहायता में वह सदैव आगे रहता है तथा उन्हें भी परिश्रम व लगन से अध्ययन करने हेतु प्रेरित करता है। अपने सहपाठियों के प्रति वह सदैव दोस्ताना संबंध रखता है। इसके अतिरिक्त उसे स्वयं पर पूर्ण विश्वास होता है। वह अपनी योग्यताओं व क्षमताओं को समझता है तथा अपनी कमियों के प्रति हीन भावना रखने के बजाय उन्हें दूर करने का प्रयास करता है।

सारांश में वह विद्यार्थी जो कुसंगति से अपने आपको दूर रखते हुए सद्गुणों को निरन्तर अपनाने की चेष्टा करता है तथा गुरुजनों का पूर्ण आदर करते हुए भविष्य की ओर अग्रसर होता है, वही एक आदर्श विद्यार्थी है। उसके वचन और कर्म, दूसरों के साथ उसका व्यवहार, उसकी वाणी हमेशा यथायोग्य होनी चाहिए ताकि जीवन की छोटी-छोटी उलझनें उसका रास्ता न रोक सकें। क्योंकि किसी भी विद्यार्थी का जब लक्ष्य बड़ा होता है तो उसमें एक नवीन उत्साह की भावना संचार होती रहती है।

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adarsh vidyarthi essay in hindi for class 6

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Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi में आपको बताया गया है कि कैसा होना चाहिए एक विद्यार्थी का जीवन और उनके गुण. साथ ही हम आपके लिए लाये हैं Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi .

अर्थ – ‘विद्यार्थी’ का अर्थ है – ‘विद्या प्राप्त करने वाला.’ किसी भी प्रकार की विद्या या कला या शास्त्र सीखने में लगा हुआ व्यक्ति विद्यार्थी है. विद्यार्थी के गुण – विद्यार्थी का पहला और सबसे आवश्यक गुण है – जिज्ञासा. जिसे कुछ जानने की इच्छा न हो, उसे कुछ भी पढ़ाना व्यर्थ होता है. जिज्ञासा – शून्य छात्र उस औंधे घड़े के समान होता है जो बरसते जल में भी खाली रहता है. लगन और परिश्रम – विद्यार्थी का दूसरा महत्त्वपूर्ण गुण है – परिश्रमी होना. परिश्रम के बल पर मंदबुद्धि छात्र भी अच्छे-अच्छे बुद्धिमान छात्रों को पछाड़ देते हैं. इसलिए छात्र को परिश्रमी अवश्य होना चाहिए. जो परिश्रम की बजाय सुख सुविधा, आराम और विलास में रुचि लेता है, वह दुर्भागा कभी सफल नहीं हो सकता. सादा जीवन, उच्च विचार – विद्यार्थी के लिए आवश्यक है कि वह आधुनिक फैशनपरस्ती, फ़िल्मी दुनिया या अन्य रंगीन आकर्षणों से बचे. विद्यार्थी को ऐसे मित्रों के साथ संगति करनी चाहिए, जो उसी के समान शिक्षा का उच्च लक्ष्य लेकर चले हों. श्रद्धावान एवं विनयी – संस्कृति की एक सूक्ति का अर्थ है – श्रद्धावान को ही ज्ञान की प्राप्ति होती है. जिस छात्र के चित्त में अपने ज्ञानी होने का घमंड भरा होता है, वह कभी गुरुओं की बात नहीं सुनता. जो छात्र अपने अध्यापकों तथा अपने से बुद्धिमान छात्रों का सम्मान नहीं करता, वह कभी फल – फूल नहीं सकता. अनुशासनप्रिय – छात्र के लिए अनुशासनप्रिय होना आवश्यक है. अनुशासन के बल पर ही छात्र अपने व्यस्त समय का सही सदुपयोग कर सकता है. मनचाही गति से चलने वाले छात्र अपना समय इधर-उधर व्यर्थ करते हैं, जबकि अनुशासित छात्र समय पर पढ़ने के साथ – साथ हँस – खेल भी लेते हैं. स्वस्थ तथा बहुमुखी प्रतिभावान – आदर्श छात्र पढ़ाई के साथ-साथ खेल व्यायाम और अन्य गतिविधियों में भी बराबर रुचि लेता है. खेलों से उसका शरीर स्वस्थ बना रहता है. अन्य गतिविधियों – भाषण, नृत्य, संगीत, कविता – पाठ, एन.सी.सी. आदि में भाग लेने से उसका जीवन विकसित होता है.

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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Aadarsh Vidyarthi”, “आदर्श विद्यार्थी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

आदर्श विद्यार्थी

Aadarsh Vidyarthi

                विद्या प्राप्त करने वाला विद्यार्थी कहलाता है। आदर्श विद्यार्थी वह है जो स्वभाव से ही विद्यानुरागी और विद्या व्यसनी हो। पढ़ना उसका शौक हो और ज्ञानार्जन उसका लक्ष्य।

                इस शब्द से मन की आँखों के सामने एक ऐसे व्यक्ति का चित्र उभरता है जो विनम्र, सुशील, परिश्रमी, सत्यवादी और आज्ञाकारी हो। जो समय पर विद्यालय जाता हो, वहाँ मन लगाकर पढ़ता हो, पाठशाला से घर आकर अपने पाठों की आवृत्ति करता हो तथा शेष समय में दत्तचित्त होकर अध्ययन मनन करता हो। ऐसा बालक ही लोगों की दृष्टि में आदर्श विद्यार्थी होता है। आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए उसे कठोर साधना करनी पड़ती हैं संस्कृति में कहा गया है-

‘‘काक चेष्टा बकोध्यानम् श्वाननिद्रा, संयमी, श्रमी, अल्पाहारी, गृह-त्यागी, विद्यार्थिनः सप्तलक्षणम्’’

                विद्यार्थी जीवन में संयम का बहुत महत्त्व है। उसे ‘सादा जीवन और उच्च विचार’ के सिद्धाँत का पालन करना चाहिए। सदाचार और स्वावलंबन आदर्श विद्यार्थी के गुण हैं।

                केवल पाठ्य-पुस्तकों पर आश्रित रहने से ही ज्ञान का सर्वान्मुखी विकास नहीं होता। आदर्श विद्यार्थी पाठ्यक्रम से बाहर की पुस्तकंे और पत्र-पत्रिकाएँ भी पढ़ता है। इससे उसका सामान्य ज्ञान तो बढ़ता ही है, साथ ही वह विषय के विस्तार और गंभीरता से भी परिचित होता है। इस सबसे उसमें आत्मविश्वास आता है और वह कुपमंडूकता के दोष से बच जाता है।

                आदर्श विद्यार्थी का स्वस्थ होना आवश्यक है।  स्वस्थ मन और मस्तिष्क के बिना मनोयोगपूर्वक अध्ययन करना संभव नहीं है। इसलिए शरीर का स्वस्थ होना आवश्यक है। कहा भी गया है-श्। ेवनदक उपदक पद ं ेवनदक इवकलश् कालिदास ने भी कहा है- ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’। स्वस्थ्य शरीर से ही कार्य सम्पन्न होते हैं।

                आदर्श विद्यार्थी समाज के प्रति अपने कत्र्तव्य को भली प्रकार समझता है वह लड़ाई-झगड़ों से दूर रहता है और अनुशासन का पूरा-पूरा पालन करता है। वह समाज के किसी भी प्राणी के साथ अभद्र व्यवहार नहीं करता। समाज के उपेक्षित वर्ग की सहायता करना अपना कत्र्तव्य मानता है। वह समाज-सेवा के कार्यांे में रूचि लेता है। इस प्रकार के कार्यों से उसका सामाजिक दायरा बढ़ता है तथा उसे जीवन को भीतर से देखने का अवसर मिलता है।

                कहा गया है- ‘‘विद्या ददाति विनयम्।’’ विद्या निम्रता सिखाती है। कटुभाषी, उच्छृंखल, उद्दण्ड, स्वेच्छाचारी युवक कभी आदर्श विद्यार्थी नहीं हो सकते। आदर्श विद्यार्थी झूठ नहीं बोलता, क्रोध नहीं करता, ईष्र्या-द्वेष से दूर रहता है।

                आदर्श विद्यार्थी समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह भली प्रकार करता है। वह समाज-सेवा के कार्याें में बढ़-चढ़कर भाग लेता है। समाज के लिए चलाए जाने वाले विविध कार्यक्रमों यथा वृक्षारोपण, प्रदूषण मुक्ति अभियान, पल्स पोलियो अभियान,  साक्षरता कार्यक्रम आदि में बढ़-चढ़कर भाग लेता है। इस प्रकार वह अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करता है।

                आदर्श विद्यार्थी से अपे्रक्षा की जाती है कि वह अपने निर्धन एवं असहाय साथियों की भरपूर सहायता करेगा। वह कुछ कष्ट झेलकर भी उनकी मदद करता है। हमारा समाज गरीबी और बेकारी की मार झेल रहा है। इसमें कितने ही बालक इसलिए नहीं पढ़ पाते क्योंकि उनके माता-पिता उनका व्यय-भार नहीं झेल पाते। इस उपेक्षित वर्ग के प्रति भी हमारा कुछ कर्तव्य बन जाता है।

                आदर्श विद्यार्थी देश के प्रति अपने कर्तव्य पालन में सदैव सचेष्ट रहता है। देश का हित उसके लिए सर्वोपरि होता है। देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए वह अपना सर्वस्व बलिदान करने को तत्पर रहता है।

                उपर्युक्त गुणों से संपन्न विद्यार्थी ही आदर्श विद्यार्थी कहलाने का अधिकारी बनता है। एक आदर्श विद्यार्थी एक अच्छा नागरिक भी होता है। आदर्श विद्यार्थी का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय होता है।  

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विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध- Essay on Student and Discipline in Hindi

In this article, we are providing an Essay on Student and Discipline in Hindi / Essay on Vidyarthi Aur Anushasan in Hindi. विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध, विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व, अनुशासन का अर्थ in 100, 200, 300,400, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Vidyarthi Aur Anushasan Nibandh  in Hindi लिखा है, विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध- Essay on Student and Discipline in Hindi

Vidyarthi Aur Anushasan Essay in Hindi विद्यार्थी और अनुशासन निबंध ( 250 words )

सम्बन्धित नियमों का पालन करना ही अनुशासन है । प्रकति में सर्व ग्रह आदि अनुशासन बद्ध हैं । इसलिए हजारों वर्षों से उनकी गति क्रम में चल रही है।

हर व्यक्ति को अनुशासन आवश्यक है। विद्यार्थी को तो अनुशासन की अधिक आवश्यकता होती है। इसके कई कारण हैं। विद्यार्थी का मन कच्चा होता है। वह बड़ा चंचल होता है। वह ऊपरी तड़क-भड़क देखकर मित्र बनाता है। उस पर फिल्मों तथा हल्के मनोरंजन की पुस्तकों का भी बुरा प्रभाव पड़ता है। अश्लील दृश्यों, अश्लील गानों और अश्लील शब्दों का अमिट असर उस पर पड़ता है। इसका बुरा परिणाम निकलता है। वह पढ़ाई में अधिक रुचि नहीं लेता। वह कुसंग में पड़कर अपना जीवन बर्बाद करता है। वह अध्यापकों, माँ-बाप, और बड़े लोगों का अनादर करता है। उसमें कुभावनायें बस जाती हैं।

अनुशासन विद्यार्थी-जीवन को प्रगति के मार्ग में ले जाता है। अनुशासित लड़का अपने मन को अध्ययन में लगाता है। इससे उसका अध्ययन अच्छा होता है । वह परीक्षा में अच्छी सफलता प्राप्त करता है।

अनुशासन से दैनिक जीवन में व्यवस्था आ जाती है। इससे अनेक गुणों का विकास होता है । नियमित रूप से कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। कर्त्तव्य और अधिकार का समुचित ज्ञान होता है। परिवार में अनुशासित रहने से घर में शांति का वातावरण रहता है। यह अनुशासन भावी जीवन में भी उन्नति प्रदान करता है। इसलिए हर विद्यार्थी अनुशासित रहकर सफलता प्राप्त करे।

जरूर पढ़े-

Essay on Discipline in Hindi

Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

Vidyarthi Aur Anushasan Nibandh ( 300 words )

नियमों का पालन करना और नियमबद्ध जीवन व्यतीत करना ही अनुशासन कहलाता है। जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन का बड़ा महत्त्व है। बिना अनुशासन के प्रगति असंभव है। विद्यार्थी जीवन में तो अनुशासन का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है। आज का विद्यार्थी कल का नेता, नागरिक, शिक्षक, डॉक्टर आदि होता है। विद्यार्थी काल ही उसके जीवन निर्माण की प्रयोगशाला होती है।

समय पर काम करना, विद्यालय जाना, खेल-कूद में भाग लेना और अपनी जीवनचर्या को नियमित रखना एक विद्यार्थी का परम कर्त्तव्य है। इसी में उसकी भलाई है। अध्यापकों, माता-पिता तथा अपने से बड़ों आदि की आज्ञा का पालन करना, विनयशील रहना, पढ़ाई में मन लगाना आदि भी उसके आवश्यक कर्त्तव्य हैं। ये सब तभी संभव हैं जब वह अनुशासन प्रिय हो तथा अनुशासन में रहने वाला हो। बिना अनुशासन के जीवन में कोई भी अच्छा कार्य नहीं किया जा सकता और न ही विद्या प्राप्त की जा सकती है। बिना शिक्षा के जीवन का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता है।

जीवन में सफलता की एकमात्र कुंजी अनुशासन ही है। धरती पर जितने भी महान स्त्री-पुरुष हुए हैं, वे सब अपने कठोर अनुशासन के कारण ही प्रसिद्धि तक पहुँचे। अनुशासन के बिना न परिश्रम संभव है और न ही सफलता। अनुशासन का मूल मंत्र ही किसी विद्यार्थी को सफलता तथा श्रेय की बुलन्दियों तक पहुँचा सकता है। सही अर्थों में विद्यार्थी का अर्थ है विद्या को प्राप्त करने का इच्छुक और निरन्तर प्रयत्नशील रहना। लेकिन विद्या का अर्जन बिना अनुशासन के बगैर संभव नहीं। ज्ञान-प्राप्ति तो नियमों के कठोर पालन से ही हो सकती है। नियम, संयम व अनुशासन ही विद्यार्थी की धरोहर व पहचान है।

जरूर पढ़े- Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

Essay on Student and Discipline in Hindi ( 500 to 600 words )

विद्यार्थी का जीवन समाज व देश की अमूल्य निधि होता है। विद्यार्थी समाज की रीढ़ हैं क्योंकि वे ही आगे चल कर राज नेता बनते हैं। देश की बागडोर थाम कर राष्ट्र-निर्माता बनते हैं। समाज तथा देश की प्रगति इन्हीं पर निर्भर है। अतएव विद्यार्थी का जीवन पूर्णतः अनुशासित होना चाहिए। वे जितने अनुशासित बनेंगे उतना ही अच्छा समाज व देश बनेगा। 

विद्यार्थी जीवन को सुंदर बनाने के लिए अनुशासन का विशेष महत्त्व है। अनुशासन को जो लोग बंधन समझते हैं वे मूर्खता करते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर का संचालन मस्तिष्क द्वारा होता है और हमारी सब कर्मेंद्रियाँ अपना-अपना कार्य करती हैं। यदि कर्मेंद्रियां अपना-अपना कार्य करना बंद कर दें तो हमारा जीवन कठिन हो जाएगा। इसी भांति अनुशासित जीवन के अभाव में हमारा जीवन नष्ट-भ्रष्ट होकर गतिहीन और। दिशाहीन हो जाएगा।

अनुशासन का अर्थ

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है-अनु और शासन। अनु का अर्थ है पीछे और शासन का अर्थ है आज्ञा। अतः अनुशासन का अर्थ है-आज्ञा के पीछे-पीछे चलना। समाज और राष्ट्र की व्यवस्था और उन्नति के लिए जो नियम बनाए गए हैं उनका पालन करना ही अनुशासन है। अतः हम जो भी काय अनुशासनबद्ध होकर करेंगे तो सफलता निश्चित ही प्राप्त होगी। अनुशासन के अंतर्गत उठना-बैठना, खाना-पीना, बोलना चालना, सीखना-सिखाना, आदर-सत्कार आदि सभी कार्य सम्मिलित हैं। इन सभी कार्यों में अनुशासन का महत्त्व है।

अनुशासन की शिक्षा

अनुशासन की शिक्षा स्कल की परिधि में ही संभव नहीं है। घर से लेकर स्कूल, खेल के मैदान, समाज के परकोटों तक में अनुशासन की शिक्षा ग्रहण की जा सकती है। अनुशासनप्रियता विद्यार्थी के जीवन को जगमगा देती है। विद्यार्थियों का कर्तव्य है कि उन्हें पढ़ने के समय पढ़ना और खेलने के समय खेलना चाहिए। एकाग्रचित होकर अध्ययन करना, बड़ों का आदर करना, छोटों से स्नेह करना ये सभी गुण अनुशासित छात्र के हैं। जो छात्र माता-पिता तथा गुरु की आज्ञा मानते हैं, वे परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करते हैं तथा उनका जीवन अच्छा बनता है। वे आत्मविश्वासी, स्वावलंबी तथा संयमी बनते हैं और जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने में सक्षम हो जाते हैं।

अनुशासन के प्रकार

अनुशासन में रहने वाले विद्यार्थी को अपने जीवन में कदम-कदम पर यश तथा सफलता मिलती है। उनका भविष्य उज्ज्वल हो जाता है। ऐसे ही छात्र राष्ट्र नेता बनते हैं और देश का संचालन करते हैं। विद्यार्थी का जीवन सुखी तथा संपन्न अनुशासनप्रियता से ही बनता है। अनुशासन भी दो प्रकार का होता है(i) आंतरिक, (ii) बाह्य । दूसरे प्रकार का अनुशासन परिवार तथा विद्यालयों में देखने को मिलता है। यह भय पर आधारित होता है। जब तक विद्यर्थी में भय बना रहता है तब तक नियमों का पालन करता है। भय समाप्त होते ही वह उदंड हो जाता है। भय से प्राप्त अनुशासन से बालक डरपोक हो जाता है।

आंतरिक अनुशासन श्रेष्ठ

आंतरिक अनुशासन ही सच्चा अनुशासन है। जो कुछ सत्य है, कल्याणकारक है, उसे स्वेच्छा से मानना ही आंतरिक अनुशासन कहा जाता है। आत्मानुशासित व्यक्ति अपने शरीर, बुद्धि, मन पर पूरापूरा नियंत्रण स्थापित कर लेता है। जो अपने पर नियंत्रण कर लेता है वह दुनिया पर नियंत्रण कर लेता है।

अनुशासनहीनता के घातक परिणाम

बड़े दुर्भाग्य की बात है कि छात्र-वर्ग अनुशासन के महत्त्व को भली-भांति नहीं समझ पाता है जिसका परिणाम यह होता है कि वह नित्य-प्रति स्कूल तथा कॉलेजों में तोड़-फोड़, परीक्षा में नकल करना, अध्यापकों को पीटना आदि कार्य करता है। तोड़-फोड़, लूट-पाट, आगजनी, पथराव आदि तो नित्य देखने को मिलते हैं। ऐसे छात्र न विद्या ग्रहण कर पाते हैं और न अपने संस्कारों को ही ठीक कर पाते हैं। वे समाज के लिए कलंक बन जाते हैं और समाज को सदैव दु:ख ही देते हैं। ऐसे छात्रों से न माता-पिता को सुख मिलता है और गुरुजनों को। वे देश के लिए भार बन जाते हैं।

अनुशासन से जीवन सुखमय तथा सुंदर बनता है। अनुशासनप्रिय व्यक्ति अपने जीवन के लक्ष्य को सुगमता से प्राप्त कर लेते हैं। हमें चाहिए कि अनुशासन में रहकर अपने जीवन को सुखी, संपन्न एवं सुंदर बनाएं।

———————————–

इस लेख के माध्यम से हमने Vidyarthi Aur Anushasan Nibandh  का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध 300, 100 शब्दों में Vidyarthi aur Anushasan par nibandh Nibandh Vidyarthi aur Anushasan Vidyarthi Aur Anushasan Par Anuched Essay Importance of Discipline in Student Life in Hindi

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3 thoughts on “विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध- Essay on Student and Discipline in Hindi”

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interesting essay

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Boht hard….

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Nibandh

Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

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आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

रूपरेखा : प्रस्तावना - आदर्श विद्यार्थी का अर्थ - विद्या प्राप्ति लक्ष्य - जिज्ञासा बिना ज्ञान नहीं - आदर्श विद्यार्थी बनाने के पीछे किसकी भूमिका - आदर्श विद्यार्थी कैसे बने - आदर्श विद्यार्थी के दस गुण - उपसंहार।

एक आदर्श विद्यार्थी वह है जो पूरी लगन से अध्ययन करता है, स्कूल, घर और समाज में ईमानदारी से व्यवहार करता है, सभी लोगों के साथ अच्छे से रहता है तथा उनकी मदत करता है और साथ ही सह-पाठ्यचर्या वाली गतिविधियों में भाग लेता है। हर माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा एक आदर्श विद्यार्थी बने जो दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सके। आदर्श छात्रों का हर जगह (जैसे- स्कूलों, महाविद्यालय, कोचिंग सेंटरों, खेल संस्थाओं और शिक्षा से सम्बंधित सेमिनारों में) स्वागत किया जाता है।

आदर्श छात्र अपनी लगन और मेहनत के साथ उन्हें सौंपे गए सभी कार्यों को पूरा करते है और जब तक दिया हुआ कार्य पूर्ण न वे चैन से नहीं बैठते। वे शीर्ष पर रहना पसंद करते हैं और उस स्थान को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। एक आदर्श छात्र वह है जिसे परिवार, समाज एवं देश के हर व्यक्ति सम्मान भाव से देखता है। कक्षा में, खेल के मैदान में या सामाजिक सेवाओं में अपने सभी कार्यों को पूरा करने के लिए उनकी सराहना की जाती है। आदर्श विद्यार्थी बनना सभी विद्यार्थी के लिए महत्वपूर्ण हैं।

जो विद्यार्थी पूरी लगन से अध्ययन (पढाई) करता है, स्कूल, घर और समाज में ईमानदारी से व्यवहार करता है, सभी लोगों के साथ अच्छे से रहता है तथा उनकी मदत करता है और साथ ही सह-पाठ्यचर्या वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेता है वही आदर्श विद्यार्थी कहलाता हैं। आदर्श विद्यार्थी, विद्यार्थी का वो रूप है जिसे घर, परिवार, समाज और देश का हर व्यक्ति सम्मान देता है और उसे सरहाना करता है। जीवन में एक सफल व्यक्ति बनने के लिए विद्यार्थी का आदर्श विद्यार्थी बनना अनिवार्य है। आदर्श विद्यार्थी सफलता की कुंजी है।

जीवन का प्रथम भाग (प्राय: पच्चीस वर्ष की वय तक) विधोपार्जन का काल है। विद्याध्ययन करने का स्वर्ण काल है। भविष्य का श्रेष्ठ नागरिक बनने की क्षमता और सामर्थ्य उत्पन करने का समय है। अत: विद्यार्थी को विद्या की क्षुधा शान्त करने तथा जीवन निर्वाहि योग्य बनाने के लिए आदर्श विद्यार्थी बनना होगा। आदर्श विद्यार्थी उत्तम विचारों का संचय करेगा, क्षुद्र स्वार्थों और दुराग्रहों से मुक्त रहेगा। मन वचन कर्म में एकता स्थापित कर जीवन के सत्य रूप को स्वीकार करेगा।

विद्यार्थी का लक्ष्य है विद्या प्राप्ति करना। विद्या प्राप्ति के माध्यम हैं गुरुजन या शिक्षक । आज की भाषा में कहे तो, अध्यापक या प्राध्यापक। शिक्षक से विद्या-प्राप्ति के तीन उपाय हैं नप्रता, जिज्ञासा और सेवा। गाँधी जी प्राय: कहा करते थे- जिनमें नम्रता नहीं आती, वे विद्या का पूरा सदुपयोग नहीं कर सकते। तुलसीदास ने इसी बात का समर्थन करते हुए कहा हैं, 'यथा नवहिं बुध विद्या पाये। अध्यापक के प्रति नम्रता दिखाइए और समझ न आने वाले प्रश्न को बार-बार पूछ लीजिए, उन्हें क्रोध नहीं आएगा । वैसे भी नम्रता समस्त सद्गुणों की जननी है। बड़ों के प्रति नम्रता दिखाना विद्यार्थी का कर्तव्य है, बराबर वालों के प्रति नम्रता विनयसूचक है तथा छोटों के प्रति नम्रता कुलीनता का द्योतक है।

जिज्ञसा के बिना ज्ञान प्राप्त नहीं होता। यह तीव्र बुद्धि का स्थायी और निश्चित गुण है। पाठ्य-पुस्तकों तथा पाद्यक्रम के प्रति जिज्ञासा-भाव विद्यार्थी की बुद्धि विकसित करेगा और विषय को हृदयंगम करने में सहायक होगा । जिज्ञासा एकाग्रता की सखी है। अध्ययन के समय एकाग्रचित्तता पाठ को समझने और हृदयंगम करने के लिए अनिवार्य गुण है। पुस्तक हाथ में हो और चित्त (ध्यान) हो दूरदर्शन के 'चित्रहार (अर्थात फिल्मों के कहानी)' में, तो पाठ कैसे स्मरण होगा ? इसीलिए आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए किसी भी कार्य करते वक़्त तथा पढाई करते वक़्त मन में उसे पूरा करने के लिए जिज्ञासा होनी चाहिए।

आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए सबसे अधिक और अहम भूमिका होती है उनके माता-पिता की। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे अपनी कक्षा में हर काम में प्रथम रहें, दूसरों के लिए एक आदर्श उदाहरण बने। कई छात्र अपने माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं लेकिन एक आदर्श छात्र बनने के लिए उनमें दृढ़ संकल्प और कई अन्य कारकों की कमी होती है। कुछ लोग प्रयास करते हैं और असफल होते हैं पर कुछ लोग प्रयास करने में ही असफ़ल हो जाते हैं लेकिन क्या अकेले छात्रों को इस विफलता के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए? नहीं! माता-पिता को यह समझना चाहिए कि वे अपने बच्चे के समग्र व्यक्तित्व को बदलने और जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। यह उनका कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को स्कूल में अच्छा करने के महत्व को समझने में उनकी सहायता करें। इसीलिए किसी भी विद्यार्थी का आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए उनकी माता-पिता का सहयोग देना अनिवार्य है।

जो विद्यार्थी पूरी लगन से अध्ययन (पढाई) करता है, स्कूल, घर और समाज में ईमानदारी से व्यवहार करता है, सभी लोगों के साथ अच्छे से रहता है तथा उनकी मदत करता है और साथ ही सह-पाठ्यचर्या वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेता है, उन्हें आदर्श विद्यार्थी कहते हैं। एक आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए सबसे पहले-

  • आत्मनिर्भरता रहे अर्थात एक विद्यार्थी को हमेशा आत्मनिर्भरता रहना चाहिए आत्मनिर्भरता का अर्थ है- स्वयं पर भरोसा रखना, स्वंय पर निर्भर रहना। एक विद्यार्थी को हमेशा आत्मनिर्भरता रहना चाहिए अर्थात स्वंय पर निर्भर रहना चाहिए।

एक आदर्श विद्यार्थी को हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए। विद्यार्थी को हमेशा माता-पिता, शिक्षकों, बड़ों की आज्ञाओं को हमेशा पालन करना चाहिए। जीवन को आनंदपूर्वक जीने के लिए विद्या और अनुशासन दोनों आवश्यक हैं। अतः अनुशासन जीवन के लिए परमावश्यक है तथा उसकी प्रथम शिक्षा है।

यदि आप एक आदर्श विद्यार्थी बनना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको यह करना होगा कि आप संगठित हो। सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए अपने कमरे, अलमारी, अध्ययन की मेज और आसपास की व्यवस्था को संयोजित कर के रखना होगा।

  • विद्वानों का कहना है कि, दैनिक कार्यों की सूची तैयार करना अच्छी आदत है। प्रतिदिन कोई भी कार्य करने से पहले आप एक सूची तैयार करें जैसे कि, आपको कितने बजे उठना है, कितने बजे यह कार्य शुरु करना है, कितने बजे उसे समाप्त करना है आदि।

जैसे की आप जानते है घर हो या स्कूल हो या समाज का कोई कार्य, हर विद्यार्थी को उसे पूर्ण करने के लिए दिया जाता है। तो उसे आप सबसे पहले सही ढंग से पूर्ण करने के लिए कोशिश करें तथा पहले करने में आप बिलकुल भी संकोच न करें। इससे आपको प्रेरणा मिलेगी और कोई भी कार्य करने में आपको उत्साह होगा।

  • हर एक विद्यार्थी के अंदर सहायता का गुण होना आवश्यक है। अच्छे विद्यार्थी में स्वार्थ का गुण नहीं होना चाहिए उसे खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचना चाहिए। एक आदर्श और अच्छा विद्यार्थी हमेशा सकारात्मक सोच के साथ जीता है।

एक आदर्श विद्यार्थी को हमेशा कुछ नया सिखने का जज्बा होना चाहिए। अपने दिनचार्य में किये गए कार्यों से कुछ नया सिखने की कोशिश करनी चाहिए उसे विभिन्न दृष्टिकोणों से समझने का प्रयत्न करें। यह अपने संपूर्ण ज्ञान और क्षमता को बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है।

ऐसा कहा जाता है आप जिन के साथ सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं आप में उन्हीं के गुण आ जाते हैं इसलिए यदि आप एक आदर्श विद्यार्थी बनना चाहते हैं तो उन लोगों के साथ दोस्ती बनाएं जो सभी लोगों से अच्छा व्यवहार रखता है, जो समय पर पढाई करता है, जिसे जीवन में लक्ष्य हासिल करना है और जो विद्यार्थी अपनों से बड़े सभी लोगों का आदर सम्मान करता हैं।

एक आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। स्वस्थ रहने के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों को शामिल करके उचित आहार लेना जरूरी है। प्रत्येक दिन 8 घंटे नींद पूरा करना आवश्यक है। शारीरिक व्यायाम करने के लिए आधे घंटे से एक घंटे की कसरत करना अनिवार्य है। इससे विद्यार्थी हमेशा स्वस्थ और फुर्तीला रहेगा।

विद्यार्थी को आदर्श जीवन जीने के लिए उन्हें हमेशा जिंदादिली के साथ रहना चाहिए। जिन विद्यार्थियों के मन में हमेशा उत्साह, जोश और उमंग का वास होता है, वही विद्यार्थी सही अर्थों में आदर्श विद्यार्थी हैं।

जो विद्यार्थी पूरी लगन से अध्ययन (पढाई) करता है, स्कूल, घर और समाज में ईमानदारी से व्यवहार करता है, सभी लोगों के साथ अच्छे से रहता है तथा उनकी मदत करता है और साथ ही सह-पाठ्यचर्या वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भाग लेता है, उन्हें आदर्श विद्यार्थी कहते हैं। यहां आदर्श विद्यार्थी के दस गुण के बारे में बताया गया है जो कि इस प्रकार है-

  • अनुशासन में रहे अर्थात आदर्श विद्यार्थी को हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए
  • संगठित बने अर्थात संयोजित बने
  • सहायता का गुण रखे अर्थात अपने अंदर हमेशा दूसरों की सहयता करने का सोच रखनी चाहिए

हर एक विद्यार्थी के अंदर सहायता का गुण होना आवश्यक है। अच्छे विद्यार्थी में स्वार्थ का गुण नहीं होना चाहिए उसे खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचना चाहिए। एक आदर्श और अच्छा विद्यार्थी हमेशा सकारात्मक सोच के साथ जीता है। अच्छे विद्यार्थी का कर्तव्य है कि निस्वार्थ भाव से सभी की सहायता करना चाहिए जैसे- कक्षा का सहपाठी की मदत करना, रास्ता क्रॉस करने के समय किसी बूढ़े व्यक्ति की मदद करना, अपनी पुरानी किताबों को जरूरतमंद को देना आदि ।

  • सूची बनाए अर्थात कोई भी कार्य करने से पहले उसके बारे में सूची तैयार करें

विद्वानों का कहना है कि, दैनिक कार्यों की सूची तैयार करना अच्छी आदत है। प्रतिदिन कोई भी कार्य करने से पहले आप एक सूची तैयार करें जैसे कि, आपको कितने बजे उठना है, कितने बजे यह कार्य शुरु करना है, कितने बजे उसे समाप्त करना है आदि। इससे आप अपने समय को अधिकतम इस्तेमाल करने में सक्षम होंगे।

  • पहल करें अर्थात किसी का दिया गया कोई भी कार्य सबसे पहले आप पूरी करने की कोशिश करें
  • जिंदादिली के साथ रहे अर्थात जीवन का हर पल जिंदादिली के साथ जीना चाहिए
  • कुछ नया सीखें अर्थात जीवन में हमेशा कुछ नया सिखने का प्रयत्न करें
  • अच्छे दोस्त बनाएं अर्थात जीवन में हमेशा दोस्त बनाने से पहले उसके बारे में अच्छे तरीके से जान लें
  • स्वस्थ जीवन रखे अर्थात एक आदर्श विद्यार्थी को स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना चाहिए
  • आत्मनिर्भरता रहे अर्थात एक विद्यार्थी को हमेशा आत्मनिर्भरता रहना चाहिए

आत्मनिर्भरता का अर्थ है- स्वयं पर भरोसा रखना, स्वंय पर निर्भर रहना। एक विद्यार्थी को हमेशा आत्मनिर्भरता रहना चाहिए अर्थात स्वंय पर निर्भर रहना चाहिए।

कोई भी विद्यार्थी परिपूर्ण या आदर्श रूप में जन्म नहीं लिया है। आदर्श विद्यार्थी जीवन पाने के लिए मेहनत और लगन करनी पड़ती है तब जा के वह सफल रूप से पूर्ण होता है। एक आदर्श विद्यार्थी का जीवन सुनने में मुश्किल जरूर लग सकता है परन्तु वास्तव में आम लोगों की तुलना में बहुत अधिक सुलझा हुआ होता है। आदर्श विद्यार्थियों को महत्वकांशी माना जाता है। वे अपने जीवन में उच्च लक्ष्य रखते हैं और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। एक आदर्श विद्यार्थी बनने के लिए दृढ़ संकल्प लेना पड़ता है।

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) 2024-25

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NCERT Class 6 Hindi Questions and Answers - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 6 at Vedantu provides students with exact and accurate answers to in-text questions. This offers comprehensive answers, explanations, and practise exercises to help students for their exams. With our expert guidance, students will develop essential reading, writing, and vocabulary skills. Let's make learning Hindi fun and effective.

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They can also cross-check their answers and learn which points can be added to increase their exam score. Students must put in significant work and preparation throughout the year to achieve this. They should be familiar with all of the chapters in Class 6 Hindi. So, along with the NCERT Solutions, you can also check the CBSE Class 6 Hindi Syllabus .

NCERT Class 6 Hindi (Malhar) Solutions Chapter-wise Links - Download the FREE PDF

Chapter-wise NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar)

S. No

Chapters

1.

Matrabhumi NCERT Solutions

2.

Gol NCERT Solutions

3.

Pehli Boond NCERT Solutions

4.

Haar Ki Jeet NCERT Solutions

5.

Rahim Ke Dohe NCERT Solutions

6.

Meri Maa NCERT Solutions

7.

Jalate Chalo NCERT Solutions

8.

Sattriya Aur Bihu Nritya NCERT Solutions

9.

Maiya Main Nahin Makhan Khayo NCERT Solutions

10.

Pariksha NCERT Solutions

11.

Chetak Ki Veerta NCERT Solutions

12.

Hind Mahasagar Mein Chota-Sa Hindustan NCERT Solutions

13.

Ped Ki Baat NCERT Solutions

Below is the pictorial representation of Hindi (Malhar) NCERT Class 6 Syllabus for better understanding:

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Malhar

Quick Overview of NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) 

Aimed at developing language skills, comprehension, and appreciation of Hindi literature through various texts, poems, and stories.

The textbook is divided into different chapters, each featuring stories, poems, or essays. Each chapter focuses on different themes and learning objectives.

Each chapter is followed by exercises designed to test understanding, vocabulary, and writing skills.

Engaging narratives that teach moral values, cultural heritage, and life lessons.

Poems that help students appreciate the beauty of language and the rhythm of Hindi poetry.

Non-fiction pieces that provide information and insight into various topics are designed to assess comprehension and interpretive skills.

Many chapters focus on ethical and cultural values. Some texts discuss the beauty and importance of nature.

Hindi NCERT Class 6: Chapter Details and Important Links

Chapter 1: मातृभूमि (matrabhumi).

This chapter reflects on the deep love and respect for one’s homeland. 

It emphasises the emotional and cultural connection people have with their country.

The chapter uses descriptive language to evoke a sense of patriotism and pride in one’s motherland. 

It presents the idea of the country as a nurturing mother figure.

The central message is the importance of loving and valuing one’s country, contributing to its growth and well-being, and recognizing the sacrifices made for its development.

Important Study Material Links for Chapter 1: Matrabhumi

S. No

Important Study Material Links for Class 6 Hindi Chapter 1

1.

Class 6 Matrabhumi Important Questions

2.

Class 6 Matrabhumi Revision Notes

पुष्प की अभिलाषा (Pushp Ki Abhilasha)

This is a poem by Makhanlal Chaturvedi expressing the flower’s desire to contribute to a noble cause, rather than merely existing for superficial beauty.

The poem is written from the perspective of a flower, personifying it to express its longing to be part of something greater, such as a sacrifice or a patriotic cause.

The poem conveys that true fulfilment comes from contributing to a higher purpose and making a meaningful impact, rather than just seeking personal beauty or pleasure.

Chapter 2: गोल (Gol)

Focuses on a story about the importance of perseverance and the impact of teamwork.

 A tale involving characters working together towards a common goal.

Emphasises the value of collective effort and determination.

Features characters who display teamwork and persistence.

Include questions on teamwork, character roles, and the story’s moral.

Important Study Material Links for Chapter 2: Gol

S. No

Important Study Material Links for Class 6 Hindi Chapter 2

1.

Class 6 Gol Important Questions

2.

Class 6 Gol Revision Notes

एक दौड़ ऐसी भी (Ek Daud Aisi Bhi)

Highlights a unique race where personal abilities and determination play a crucial role.

A story about an unusual race that tests more than just physical speed.

Focuses on the importance of inner strength and perseverance over mere physical ability.

Involves participants in the race demonstrating various qualities beyond physical prowess.

Questions on the story’s unique aspects, character qualities, and personal reflections on perseverance.

Chapter 3: पहली बूँद (Pehli Boond)

The chapter describes the arrival of the first raindrop and its significance to nature and life.

Focuses on the moment the first raindrop falls and its environmental impact, illustrating the start of the monsoon season.

Highlights the joy and relief the first rain brings, emphasising the connection between nature and the environment.

It uses vivid imagery to convey the beauty and freshness of the first raindrop and its effects on the earth.

Include questions on the imagery used, the impact of rain on nature, and personal reflections on the significance of the rain.

Important Study Material Links for Chapter 3: Pehli Boond

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Important Study Material Links for Class 6 Hindi Chapter 3

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Class 6 Pehli Boond Important Questions

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Class 6 Pehli Boond Revision Notes

Chapter 4: हार की जीत (Haar Ki Jeet)

Focuses on the concept that true victory often comes from overcoming defeat and learning from failure.

The story revolves around a character who experiences loss but finds deeper success through the lessons learned from their failure.

Emphasises that failure can be a stepping stone to greater achievements and personal growth.

Features characters who face challenges and learn important life lessons from their setbacks.

Include questions on the story's message about failure and success, character development, and personal reflections on overcoming challenges.

Important Study Material Links for Chapter 4: Haar Ki Jeet

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Important Study Material Links for Class 6 Hindi Chapter 4

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Class 6 Haar Ki Jeet Important Questions

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Class 6 Haar Ki Jeet Revision Notes

Chapter 5: रहीम के दोहे (Rahim Ke Dohe)

The chapter presents couplets (dohe) by the poet Rahim, focusing on wisdom, moral values, and life lessons.

Includes several dohe by Rahim that offer insights into virtues like humility, patience, and the importance of understanding.

Highlights timeless wisdom and moral teachings, encouraging readers to reflect on ethical values and personal conduct.

Uses simple, rhythmic couplets to convey deep philosophical and practical advice.

Important Study Material Links for Chapter 5: Rahim Ke Dohe

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Class 6 Rahim Ke Dohe Important Questions

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Class 6 Rahim Ke Dohe Revision Notes

Chapter 6: मेरी माँ (Meri Maa)

Celebrates the unconditional love, care, and sacrifices of a mother, emphasising the deep bond between a mother and child.

Describes various aspects of a mother’s role and her importance in a child's life, highlighting her nurturing nature and sacrifices.

Emphasises the invaluable and selfless love of a mother, and encourages appreciation and gratitude for her sacrifices.

Uses vivid imagery and emotional language to portray the warmth and affection of a mother’s care.

Important Study Material Links for Chapter 6: Meri Maa

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Class 6 Meri Maa Important Questions

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Class 6 Meri Maa Revision Notes

Chapter 7: जलाते चलो (Jalate Chalo)

Focuses on the importance of perseverance, determination, and the relentless pursuit of goals despite challenges.

Tells the story of individuals or characters who keep pushing forward and "burning with zeal" to achieve their objectives, symbolising ongoing effort and commitment.

Highlights that persistence and determination are crucial for success, encouraging readers to keep striving toward their goals.

Uses the metaphor of "burning" or "flaming" to represent the inner drive and passion required to overcome obstacles.

Include questions on the narrative’s message about perseverance, identifying examples of determination, and personal reflections on how to stay motivated in the face of challenges.

Important Study Material Links for Chapter 7: Jalate Chalo

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Class 6 Jalate Chalo Important Questions

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Class 6 Jalate Chalo Revision Notes

Chapter 8: सत्रिया और बिहू नृत्य (Sattriya Aur Bihu Nritya)

Explores the traditional dance forms of Sattriya and Bihu, highlighting their cultural significance and artistic expression.

Provides an overview of the history, characteristics, and cultural importance of Sattriya dance from Assam and Bihu dance, including their roles in festivals and ceremonies.

Emphasises the richness of Indian cultural traditions and the role of dance in preserving and celebrating regional heritage.

Details the unique features of each dance form, such as costumes, music, and dance movements, illustrating their significance in Assamese culture.

Include questions about the characteristics of Sattriya and Bihu dances, their cultural context, and reflections on the importance of preserving traditional art forms.

Important Study Material Links for Chapter 8: Sattriya Aur Bihu Nritya

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Class 6 Sattriya Aur Bihu Nritya Important Questions

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Class 6 Sattriya Aur Bihu Nritya Revision Notes

Chapter 9: मैया मैं नहिं माखन खायो (Maiya Main Nahin Makhan Khayo)

Centres around a playful narrative or dialogue involving the character of Krishna, focusing on themes of innocence and mischief.

The chapter features a story where Krishna is playfully accused of eating butter (maakhan), emphasising his charming and mischievous nature.

Highlights the innocence and playful behaviour of Krishna, reflecting on his endearing qualities and the affection he evokes.

Provides an insight into Krishna's character, showcasing his divine playfulness and loving interactions with his devotees and family.

Important Study Material Links for Chapter 9: Maiya Main Nahin Makhan Khayo

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Class 6 Maiya Main Nahin Makhan Khayo Important Questions

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Class 6 Maiya Main Nahin Makhan Khayo Revision Notes

Chapter 10: परीक्षा (Pariksha)

Chapter 10 of NCERT Hindi Class 6, titled "Pariksha," is an intriguing story that revolves around a king and the kingdom of Devgad.

 The narrative focuses on a test of wisdom and integrity that the king devises to identify a suitable heir to his throne.

The story explains the themes of morality, cleverness, and the challenges of leadership. As the king tests his potential successors, the tale unfolds to reveal the qualities that make a good ruler. 

It teaches students the importance of truthfulness, wisdom, and fairness, which are crucial traits for anyone in a position of power.

The chapter not only engages students with its captivating plot but also imparts valuable life lessons on leadership and decision-making. 

Through the story of Raja and Devgad, students learn how to navigate difficult choices and the significance of upholding moral values in challenging situations.

Important Study Material Links for Chapter 10: Pariksha

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Class 6 Pariksha Important Questions

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Class 6 Pariksha Revision Notes

Chapter 11: चेतक की वीरता (Chetak Ki Veerta)

Celebrates the bravery and heroism of Chetak, the legendary horse of Maharana Pratap, highlighting its role in historical battles.

The chapter recounts the story of Chetak’s courageous deeds, particularly in the context of Maharana Pratap’s battles, showcasing loyalty and valour.

Emphasises the qualities of bravery, loyalty, and sacrifice, illustrating how Chetak’s heroism contributed to historical events.

Focuses on Chetak’s role as a loyal and brave companion, demonstrating the bond between Maharana Pratap and his horse.

Include questions about the story’s events, Chetak’s bravery, and reflections on the values of courage and loyalty exemplified in the narrative.

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Class 6 Chetak Ki Veerta Important Questions

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Class 6 Chetak Ki Veerta Revision Notes

Chapter 12: हिंद महासागर में छोटा सा हिंदुस्तान (Hind Mahasagar Mein Chhota-Sa Hindustan)

Highlights the significance of India as a small yet important country situated in the vast Indian Ocean, focusing on its cultural and geographical importance.

Describes India’s location in the Indian Ocean and reflects on its rich cultural heritage, historical significance, and role in the world.

Emphasises India’s unique position and its impact despite its relatively small size, fostering a sense of national pride and cultural awareness.

Important Study Material Links for Chapter 12: Hind Mahasagar Mein Chhota-Sa Hindustan

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Class 6 Hind Mahasagar Mein Chhota-Sa Hindustan Important Questions

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Class 6 Hind Mahasagar Mein Chhota-Sa Hindustan Revision Notes

Chapter 13: पेड़ की बात (Ped Ki Baat)

Focuses on the importance of trees and their role in the environment, illustrating how they contribute to life on Earth.

Features a conversation or story from the perspective of a tree, highlighting its benefits, such as providing oxygen, shade, and shelter.

Emphasises the value of trees and encourages environmental awareness and appreciation for nature’s contributions.

Provides insight into the life of a tree, showcasing its vital role in maintaining ecological balance and supporting life.

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Class 6 Ped Ki Baat Important Questions

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Class 6 Ped Ki Baat Revision Notes

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ झाँकी हिंदुस्तान की (Aao Bachchon Tumhe Dikhayen Jhanki Hindustan Ki)

Provides a vibrant overview of India’s diverse culture, traditions, and heritage, aimed at showcasing the richness of the country.

Presents a descriptive “tour” or “showcase” of various aspects of India, including its festivals, landscapes, and cultural practices.

Highlights India’s cultural diversity and encourages students to appreciate and understand the different elements that make up the nation’s identity.

Offers a glimpse into different regions and traditions of India, promoting a sense of unity and pride in the country’s rich heritage.

Benefits of Referring to Vedantu’s NCERT Solutions for Class 6 Hindi

Comprehensive Coverage: This covers all chapters and exercises from the NCERT textbook.

Expert Guidance: Solutions are prepared by experienced Master Teachers.

Step-by-Step Explanations: Complex concepts are broken down into easy-to-understand steps.

Practice Questions: Provides ample opportunities for skill development.

Answer Key: Helps students self-assess their understanding.

FREE Access: Available for FREE download in PDF format.

Time-Saving: Efficiently completes homework and assignments.

Improves Performance: Improves confidence and academic performance.

Builds Foundation: Reinforce basic Hindi language skills.

Parental Support: Assists parents in guiding their child's learning.

In conclusion, Vedantu’s NCERT Solutions for Hindi (Malhar) Class 6 is a valuable resource for students to simplify their understanding of Hindi concepts. By working through the solutions alongside the NCERT textbook, students can improve their learning of fundamental Hindi principles like reading, writing, vocabulary, and grammar. Download the FREE PDFs for Class 6 Hindi NCERT Solutions for effective learning.

Related Important Links for Hindi (Malhar) Class 6

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Important Links for Class 6 Hindi

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Class 6 Hindi Revision Notes

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FAQs on NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) 2024-25

1. What is the purpose of the NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar)?

The NCERT Solutions provide detailed explanations and answers to the questions in the Class 6 Hindi (Malhar) textbook, helping students understand the content better and prepare for exams.

2. How are the NCERT Solutions organised?

The solutions are organised chapter-wise, with answers to textbook questions, additional exercises, and explanations of difficult concepts.

3. Are the solutions aligned with the NCERT textbook for Class 6 Hindi?

Yes, the solutions are specifically designed to match the content and structure of the NCERT Class 6 Hindi (Malhar) textbook.

4. Do the solutions include explanations for grammar and language rules?

Yes, the solutions often include explanations of grammar rules and language concepts covered in the textbook.

5. How can I use NCERT Solutions to improve my Hindi language skills?

By studying the solutions, students can practise grammar, vocabulary, and comprehension skills. Regular review of the solutions helps reinforce learning and improve language proficiency.

6. Are there sample answers provided for essay or paragraph writing?

Yes, the solutions usually include sample answers and writing tips for essays and paragraphs, helping students understand how to structure their responses.

7. Can the solutions help with homework and exam preparation?

Absolutely. The solutions are designed to assist with homework assignments and exam preparation by providing clear and accurate answers to textbook questions.

8. Do the solutions cover all the chapters in the NCERT Hindi (Malhar) textbook?

Yes, the solutions cover all chapters included in the Class 6 Hindi (Malhar) textbook.

9. Are there practice questions and additional exercises included in the solutions?

Many solutions include additional practice questions and exercises to help reinforce understanding and improve problem-solving skills.

10. Are there any tips for using NCERT Solutions effectively?

Use the solutions to review and understand difficult concepts. Practice writing answers on your own before referring to the solutions to gauge your understanding.

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  6. आदर्श विद्यार्थी पर निबंध/essay on aadarsh Vidyarthi

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    Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi for Class 1,2,3,4 एक आदर्श विद्यार्थी का लक्ष्य होता है कि वह एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई करके एक सफल व्यक्ति बने.

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    आदर्श विद्यार्थी पर निबंध (Ideal Student Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / September 14, 2023. एक आदर्श छात्र वह है जो समर्पित रूप से अध्ययन करता है, स्कूल और घर में ...

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    Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है: एक आदर्श छात्र वह है जो अपने शिक्षकों और बड़ों का सम्मान करता है और उनकी बात सुनता है ...

  4. Hindi Essay on "Adarsh Vidyarthi ...

    Hindi Essay on "Adarsh Vidyarthi", "आदर्श विद्यार्थी पर हिंदी निबंध", for Class 6, 7, 8, 9, and 10 and Board Examinations.

  5. आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

    आदर्श विद्यार्थी पर निबंध. रूपरेखा : प्रस्तावना - आदर्श विद्यार्थी का अर्थ - विद्या प्राप्ति लक्ष्य - जिज्ञासा बिना ज्ञान नहीं - आदर्श ...

  6. आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

    स्कूल की परीक्षाओं में अक्सर आदर्श विद्यार्थी पर निबंध पूछा जाता है। यहाँ आज हम Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12 के लिए लेकर आए हैं Aadarsh Vidyarthi पर निबंध आदर्श विद्यार्थी पर ...

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    In this article, we are providing Adarsh Vidyarthi essay in Hindi. 500 words essay on आदर्श विद्यार्थी। महात्मा गाँधी कहा करते थे, 'शिक्षा ही जीवन है।" इसके समक्ष सभी धन फीके हैं। विद्या के बिना मनुष्य ...

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  9. Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

    Here you will get Paragraph and Short Essay on An Ideal Student in Hindi Language/ Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi Language for Students of all classes in 200, 300 and 400 Words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में एक आदर्श विद्यार्थी पर ...

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    Adarsh Vidyarthi Par Nibandh 500 + Words (Download PDF) Essay on Ideal Student in Hindi for class 5, 6, 7, 8, 9, 10 - आदर्श विद्यार्थी होना सभी विद्यार्थी का सपना होता है और आदर्श बनने के लिए पूरा ...

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    आदर्श विद्यार्थी पर निबंध। Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi. कौटिल्य ने अपनी पुस्तक "चाणक्य नीति दर्पण" में विद्यार्थी के पांच लक्षण बताये हैं। इनके ...

  12. आदर्श विद्यार्थी पर निबंध- Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

    आदर्श विद्यार्थी पर निबंध- Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi (200 words ) जो विद्या प्राप्त करना चाहता है, वह विद्यार्थी है । आदर्श विद्यार्थी किसी चरित्रवान् ...

  13. आदर्श विद्यार्थी पर निबंध

    आदर्श विद्यार्थी पर निबंध. 21/06/2021 Rahul Singh Tanwar. Essay on Adarsh Vidyarthi in Hindi: हम यहां पर आदर्श विद्यार्थी पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में आदर्श ...

  14. आदर्श विद्यार्थी पर निबंध 100, 150, 250, 500 Words

    आज हम आदर्श विद्यार्थी पर निबंध लेकर आये हैं। यह निबंध ज्यादातर स्कूल में Class 6, 8, 9 आदि में हिंदी की परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। कई बार हमें कम शब्दों

  15. आदर्श विद्यार्थी पर निबंध » हिंदी निबंध, Nibandh

    आदर्श विद्यार्थी पर निबंध April 4, 2020 by Jagriti Asthana Rate this post आदर्श विद्यार्थी पर निबंध Essay on ideal student आदर्श विद्यार्थी वह है जो एक आदर्श राष्ट्र का निर्माण करता है आदर्शता ...

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  17. Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

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  20. आदर्श विद्यार्थी (Adarsh Vidyarthi)

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  22. विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध- Essay on Student and Discipline in Hindi

    In this article, we are providing an Essay on Student and Discipline in Hindi / Essay on Vidyarthi Aur Anushasan in Hindi. विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध, विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व, अनुशासन का अर्थ in 100, 200, 300,400, 500 words For ...

  23. Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

    आदर्श विद्यार्थी पर निबंध रूपरेखा : प्रस्तावना - आदर्श विद्यार्थी का अर्थ - विद्या प्राप्ति लक्ष्य - जिज्ञासा बिना ज्ञान नहीं - आदर्श विद्यार्थी बनाने ...

  24. NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) 2024-25

    In conclusion, Vedantu's NCERT Solutions for Hindi (Malhar) Class 6 is a valuable resource for students to simplify their understanding of Hindi concepts. By working through the solutions alongside the NCERT textbook, students can improve their learning of fundamental Hindi principles like reading, writing, vocabulary, and grammar.