Voice speed

Text translation, source text, translation results, document translation, drag and drop.

essay man meaning in hindi

Website translation

Enter a URL

Image translation

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध | Man Ke Hare Har Hai Man Ke Jeete Jeet Essay In Hindi

मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध | man ke hare har hai man ke jeete jeet essay in hindi:-  मनोविज्ञान का मानना है कि वनस्पति जाग्रत रहती है पशु सोते है पत्थर में भी चेतना सोती है.

और मनुष्य विचार चिन्तन करता है इसलिए इन अन्य सजीवों तथा निर्जीवों से भिन्न हैं. चिन्तन एवं मनन करना इन्सान की विशेषता है जिनका सीधा सम्बन्ध मन से होता है.

मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध

man ke hare har hai man ke jeete jeet essay in hindi

मन लगने पर अस्म्भव एवं कठिन लगने वाले कार्य भी संकल्प के साथ सहज हो जाते है तथा बेहद सरल लगने वाले कार्य भी मन टूटने से नही हो पाते है.

मन की इसी बला पर आज हम आपके लिए man ke hare har hai man ke jeete का हिंदी निबंध अनुच्छेद भाषण प्रस्तुत कर रहे हैं.

मन के हारे हार है मन के जीते जीत essay in hindi

मनुष्य के पास संकल्प शक्ति एक महत्वपूर्ण हथियार है जिसके दम पर बड़े से बड़े शत्रु को आसानी से हराया जा सकता है. संकल्प की शक्ति के आगे बड़ी बड़ी फौज एवं अस्त्र शस्त्र भी निष्प्रभावी हो जाते है.

मन का संकल्प व्यक्ति की आंतरिक वस्तु हैं. मानव की इस अद्भुत क्षमता के आगे देवता भी घबराते है. व्यक्ति के मन की इस ताकत के बल पर उसने आज प्रकृति पर शासन स्थापित करने में सफलता अर्जित की हैं.

मानव के मन की ताकत ने ही आज आकाश की उंचाई तथा जमीन की गहराई को नाप डाला हैं. अपनी कल्पना शक्ति में मानव में सुखी जीवन के जो जो सपने देखे थे उन्हें पूरा करने का साधन उसनें जुटा लिए हैं.

जीवन रुपी अनवरत चलने वाले इस संघर्ष के साथ ही मानव जीवन की यही लालसा निरंतर आगे बढ़ रही हैं. निर्बाध जीवन में कई सारी बाधाओं ने इसको घेरने का साहस भी किया, मगर इन्ही अवरोधों को मानव ने पराजित कर अपनी राह को अधिक मजबूत बनाया हैं.

जीवन कर्म का पथ है यहाँ उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कड़ी एवं लम्बी साधना की आवश्यकता पड़ती हैं. कई बार विकट स्थितियों में जीवन को असहाय होने की स्थिति में पाया हैं.

जब वह टूटने बिखरने लगा, समस्याओं से जूझते थक गया, तथा मन में लक्ष्य के प्रति निराशा के भाव जन्म लेने लगे, तो इस स्थिति में खुद को संभालकर आगे कदम बढ़ाने की आवश्यकता आन पड़ी.

हरेक व्यक्ति का जीवन एक संघर्ष है मगर इससे भागकर या पलायन कर कोई नहीं बच पाया हैं. सार्थक दिशा में किये गये कर्म ही मनुष्य को इन जटिलताओं से निकाल पाते हैं.

हरेक के जीवन में संघर्ष तो आने निश्चित है मगर जिन्होंने दृढ संकल्प के साथ काम किया तथा स्वयं की योग्यता का सौ प्रतिशत योगदान इन विकट परिस्थियों में विश्वास के साथ दिया तो निश्चय ही वह संघर्ष को पार कर एक नये साहस, ताजगी और अपनी क्षमताओं में पहले से अधिक विश्वास के साथ वह आगे बढ़ सकेगा.

essay on It is the Mind which Wins and Defeats’ in Hindi language

यहाँ आपकों एक कहानी के जरिये मन के हारे हार है मन के जीते जीत का अर्थ समझाने का प्रयत्न करते हैं. आपने बचपन में मकड़ी वाली कहानी तो सुनी ही होगी. जो सीधी दीवार पर सैकड़ों बार चढती है गिरती है फिर हिम्मत जुटाकर फिर चढ़ती है.

अंत में वह उस दीवार पर चढने में सफलता अर्जित कर ही लेती है. भले ही यह कहानी छोटी व छोटे बच्चों के लिए ही हो. मगर जो सीख देती हैं वह विचारने योग्य हैं.

यदि चींटी की तरह हम अपने मन को कभी भी कमजोर न होने दे, मन ही हमारी सम्पूर्ण शक्ति का स्रोत है जितना साहस हम सींच सकते है सींचे.

हमें उस शक्ति की संभावना को महसूस करना होगा. बस हम इसे कितना मानते है और कितना नहीं यही हमारी सफलता और असफलता का निर्धारण करती हैं. .

जैसा कि हमने पूर्व में कहा जीवन एक संघर्ष है, कई बार हमे अपनी आशाओं अपेक्षाओं के अनुसार परिणाम मिल जाते है मगर कई बार ऐसा नहीं होता है, हम असफलता से घबरा जाते हैं तथा मन को निराशा के भाव से भर देते हैं.

ऐसे अवसरों पर साहस के साथ काम लेना चाहिए तथा अपना मन छोटा करने की बजाय हमारे मन से और शक्ति सींचते हुए संघर्ष में कूद पड़ना है क्योंकि अभी कहानी खत्म नहीं हुई हैं.

यदि हम छोटी छोटी निराशाओं को अपनी पराजय मान लेते है तो जीवन में उत्साह समाप्त हो जाता है तथा जीवन बोझ की तरह प्रतीत होता है, इसीलिए कहा गया है मन का हारना ही वास्तविक हार है तथा मन का जीतना ही जीत,

एक बार जब इन्सान मन हार जाता है तो उसकी समस्त ऊर्जा,उत्साह, उमंग, दृढ इच्छाशक्ति जैसी कई शक्तियाँ एक साथ ही समाप्त हो जाती है जिसके चलते वह दुबारा उठकर प्रयास ही नहीं कर पाता हैं.

मन के हारे हार है मन के जीते जीत विषय पर निबंध

प्रस्तावना – मनुष्य मन आधारित प्राणी है. वह मन के बल पर ही चलता है और विपरीत परिस्थतियों से संघर्ष कर विजयी होता है,

उसकी विजय के पीछे उसका उत्साह और दृढता संजीवनी का काम करती हैं. यदि मन कमजोर पड़ जाता है तो ऊस्में निराशा का भाव प्रबल हो जाता है और वह अपनी लक्ष्य सिद्धि में हार जाता हैं.

यह हार उसके जीवन में निराशा ला देती हैं.  जीवन में आगे बढ़ने के लिए, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मन का दृढ संकल्पित होना आवश्यक हैं. क्योंकि हार और जीत मन पर ही आधारित होती हैं.

मन की प्रबलता को दृष्टिगत करके ही संस्कृत में कहा गया है, मन एवं मनुष्याणां कारण बंध मोक्ष्यों अर्थात मन ही मनुष्य के बंधन और मोक्ष का कारण हैं. कहने का अभिप्रायः यह है कि मन ही मनुष्य को संसारिक बन्धनों में बांधता हैं.

और मन ही सांसारिक बन्धनों से छुटकारा दिलाता हैं. इसीलिए कहा गया है कि जिसने मन को जीत लिया, उसने जगत को जीत लिया.

उक्ति का आशय – उक्ति का आशय जानने से पूर्व हमें सबसे पहले उक्ति को पूर्ण रूप में जान लेना भी आवश्यक प्रतीत होता है यह उक्ति अपने पूर्ण रूप में इस प्रकार हैं.

दुःख सुख सब कहँ परत हैं, पौरुष तजहु न मीत, मन के हारे हार है, मन के जीते जीत.

अर्थात इस संसार में दुःख और सुख तो सभी पर पड़ते हैं, इसलिए मनुष्य को अपना पौरुष नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि हार और जीत मन के मानने और न मानने पर ही निर्भर करती हैं.

अर्थात मन के द्वारा हार स्वीकार किये जाने पर व्यक्ति की हार होती है इसके विपरीत मन के द्वारा हार न स्वीकार किये जाने पर विपरीत परिस्थतियों में भी विजयश्री उसके चरण चूमती है,

जय- पराजय, यश- अपयश, दुःख-सुख और लाभ- हानि सब मन के कारण ही हैं. अतः जैसा मनुष्य मन से सोचेगा, वैसा ही बनेगा. इसलिए कहा गया है कि मन के हारे हार है मन के जीते जीत.

मन के सम्बन्ध में विचार – गुरु नानक ने मन के सम्बन्ध में कहा है कि मन जीते, जग जीते, उन्होंने मन की जीत को महत्व दिया हैं. मन को जीतने का अर्थ है संसार को जीतना.

अतः मनुष्य को सबसे पहले अपने मन पर विजय प्राप्त करनी चाहिए तभी वह दूसरों के मन को भी जीत सकता हैं. दिनकरजी ने कहा भी है कि हम तलवार से मनुष्य को पराजित कर सकते है उसे जीत नहीं सकते.

सच्ची जीत तो उसके मन पर अधिकार प्राप्त करना हैं. नीतिशास्त्र में लिखा है- मनस्विन सिंहमुपैति लक्ष्मी अर्थात दृढ एवं स्थिर मन वाले वीर सिंहो का ही लक्ष्मी वरण करती हैं. अतः मन की संकल्प शक्ति की सफलता की कुंजी हैं.

कार्य सम्पादन में मन की स्थिति – यदि मन स्थिर एवं विचारशील नहीं है तो हमारे लिए कर्म हमें विपरीत परिणाम देते हैं. मन की इच्छा और प्रेरणा से ही अच्छा बुरा फल मिलता हैं.

अतः इस चंचल मन को स्थिर व नियंत्रण में रखने का अभ्यास करना आवश्यक हैं. मन की चंचलता की ओर संकेत करते हुए कबीर ने कहा है मन के मते न चालिए मन के मते अनेक.

मन भौतिक वस्तुओं की ओर भागता हैं, पर भौतिक वस्तुएं तो तृष्णा है तृप्ति नहीं. अतः तृप्ति के लिए मन को जीतना आवश्यक हैं.

श्रीकृष्ण ने अर्जुन के दुर्बल मन को धैर्यशाली बनने का उपदेश दिया था. मन की संकल्प शक्ति और दृढता के कारण ही महात्मा गांधी ने अंग्रेजों की दमन नीति का मुकाबला किया था, मन के हार जाने पर मनुष्य ही नहीं राष्ट्र तक पराजित हो जाता हैं.

मन विचारों का उत्पादक – हमारे विचारों का उत्पादक मन ही है इसलिए मनुष्य मन के विचारों से प्रभावित होकर कार्य करता है जैसा कि तुलसीदास ने लिखा हैं.

कर्म प्रधान विश्व रूचि राखा जो जस करहि सो तस फल चाखा

शुभ अशुभ, सत असत विचार मन में ही उत्पन्न होते हैं. उसी विचार भेद से कामी व्यक्ति के स्वभाव व कार्यों में अंतर आता हैं. जिस प्रकार यह संसार द्वंदात्मक है उसी प्रकार मन भी द्वंदात्मक हैं. कुविचारों से, असत से उसे सुविचारों, सत की ओर मोड़ना चाहिए.

उपसंहार – मन परम शक्ति सम्पन्न है. मन को शक्ति सम्पन्न बनाने के लिए हीनता की भावना का दूर करना भी आवश्यक हैं. यदि मन को अपरिमित शक्ति को भूलकर हमने उसे कमजोर बना लिया तो हम अपने आप को असंतुष्ट और पराजित ही अनुभव करेंगे.

यदि मन को शक्ति सम्पन्न बनाकर रखेगे तो जीवन में पराजय और असफलता का अनुभव कभी नहीं होगा. इसलिए कहा गया है कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत.

One comment

mujhe bachpan ki yaad dila di joमेरे पित! जी कha karte the

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत Man Ke Haare Haar - Man ke Jeete Jeet

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत Man Ke Haare Haar – Man ke Jeete Jeet

इस लेख में जानें और पढ़ें ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’ पंक्ति पर निबंध Essay on ‘Man Ke Haare Haar, Man ke Jeete Jeet’.

लम्बी टाँगे हो जाने से, सफर नहीं कटता है जो मन से लंगड़ा हो जाये, उसे कौन चला सकता है

मनुष्य जीवन में विभिन्न तरह की परिस्थितियां आ सकती हैं। जिनका मनुष्य को सामना करना ही पड़ता है। परिस्थितियां कई तरह की हो सकती हैं – अच्छी या बुरी, हार या जीत आदि। मनुष्य जीवन भर अपने उद्देश्यों की पूर्ति हेतु लगा रहता है। लेकिन वे उद्देश्य पूरे न हो पाएं तो वह निराश हो जाता है और वह अपने आप को असफल मान लेता है।

मनुष्य के जीवन में कई सारी ऐसी अवस्थाएं आती हैं जिसमें वह हताश हो जाता है। ऐसी स्थिति में वह बिना किसी प्रयास के ही हार मान लेता है। किसी भी समस्या का हल हार मान लेने से तो नहीं निकलता। इसीलिए हमें हमेशा अपने कार्यों को सुचारु रूप से करते रहना चाहिए चाहे हमें जितनी भी असफलताएं मिले।

बार-बार असफल होने वाला व्यक्ति ही कोशिश करने पर सबसे बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है। अगर आप इस सोच के साथ जीते हो कि सफलता अवश्य मिलेगी तो आपको सफलता जरूर मिलेगी, लेकिन आप पहले से ही अगर हार मान लोगे तो आप अपना बेस्ट देने में भी असक्षम हो जाओगे।

अर्थात यह जीवन अमूल्य है, जीवन में अगर कोई विपत्ति या परेशानी आ भी जाए तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है। इस तरह हार मान लेने से आप अगर निराश होते हो तो यह मानव जीवन व्यर्थ चला जाता है। अपने मानव मूल्यों को आपको समझना चाहिए। अगर आप हार मान कर बैठ जायेंगे तो आप कार्यो को सही ढंग से नहीं कर पाएंगे।

सोचना एक स्टेट ऑफ़ माइंड है। कुछ ऐसी घटनाओं को यहाँ बताया जा रहा है जिससे आप समझ सकते हैं कि ये सिर्फ आपकी मनोवृत्ति है। आप सोचिये कि आप गहरी नींद में हैं और एक सांप आपके पास से होकर निकल गया है।

अब दूसरा उदहारण – एक बार की बात है किसी बस में बहुत से यात्री सफर कर रहे थे। बस ठसा – ठस यात्रियों से भरी हुई थी। उसमें एक ब्राह्मण भी था जो खड़े होकर सफर कर रहा था। चूँकि बस बहुत भरी हुई थी तो उन्ही से सट कर खड़े हुए सह यात्री को किसी ने उसके नाम से आवाज़ लगाई।

अगर जीवन में कभी आप हार जाये तो निराश होने की आवश्यकता नहीं क्योंकि हार और जीत लगी ही रहती है। सफलता के साथ-साथ आपको असफलता का अनुभव होना भी जरुरी है। क्योंकि तभी आप एक पूर्ण व्यक्ति बन सकते हैं। और वैसे भी सफल-असफल जैसी कोई चीज़ होती ही नहीं है। सिर्फ एक मन का सोचना है इसीलिए सदा अपने अंदर सकारात्मक सोच को बनाये रखिये।

कहानी से समझें – कैसे (मन के हारे हार है, मन के जीते जीत) है

essay man meaning in hindi

Similar Posts

शीत युद्ध का इतिहास cold war history in hindi, विशेषण की परिभाषा, अंग, भेद visheshan in hindi vyakaran, गुरूवायूर श्री कृष्ण मंदिर guruvayur sri krishna temple details in hindi, मंगलसूत्र का इतिहास और महत्व importance and history of mangalsutra in hindi, गुरुद्वारा बंगला साहिब का इतिहास व कहानी gurudwara bangla sahib history story in hindi, ऑनलाइन शिक्षा के फायदे और नुकसान advantages and disadvantages of online education in hindi, leave a reply cancel reply.

CollegeDekho

Frequently Search

Couldn’t find the answer? Post your query here

  • अन्य आर्टिकल्स

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi/ Hindi me Nibandh) - परिभाषा, प्रकार, टॉपिक्स और निबंध लिखने का तरीका जानें

Updated On: August 28, 2024 06:03 pm IST

निबंध किसे कहते हैं? (What is Essay?)

निबंध की परिभाषा (definition of essay in hindi).

  • निबंध के कितने अंग होते हैं 
  • निबंध कितने प्रकार का होता है (Types of Essay in …

हिंदी में निबंध (Essay in Hindi/ Hindi me Nibandh)

निबंध के कितने अंग होते हैं

निबंध कितने प्रकार का होता है (types of essay in hindi ), हिंदी में निबंध (essay in hindi) लिखते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए-.

  • निबंध लिखना शुरू करने से पहले संबंधित विषय के बारे में जानकारी इकठ्ठा कर लें।
  • कोशीश करें कि विचार क्रमबद्ध रूप से लिखे जाएं और उनमे सभी महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हों।
  • निबंध को सरल भाषा में लिखने का प्रयास करें और रोचक बनाएं।
  • निबंध में उपयोग किए गए शब्द छोटे और प्रभावशाली होने चाहिए।

Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

क्या यह लेख सहायक था ?

सबसे पहले जाने.

लेटेस्ट अपडेट प्राप्त करें

Related Questions

Have jb law college, guwahati admissions 2020 already started.

Jb law college last date admission

How do I get admission in this college for Bsc nursing course

When will be the admission for llm.

Which date are admissions in 2024

क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.

24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया

व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें

बिना किसी मूल्य के

समुदाय तक पहुंचे

समरूप आर्टिकल्स

  • हिंदी दिवस पर कविता (Poem on Hindi Diwas in Hindi)
  • दहेज़ प्रथा पर हिंदी में निबंध (Essay on Dowry System in Hindi): 100 से 500 शब्दों में कक्षा 7 से 10 के लिए
  • सरदार वल्लभभाई पटेल पर हिंदी में निबंध (Essay on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi)
  • मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay on my favourite Game in Hindi) - कक्षा 6 से 12 के लिए निबंध लिखना सीखें
  • मदर्स डे पर निबंध (Mothers Day Essay in Hindi): मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध
  • पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi) - विश्व पर्यावरण दिवस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें

नवीनतम आर्टिकल्स

  • शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi): टीचर्स डे पर 200, 500 और 1000 शब्दों में हिंदी में निबंध देखें
  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण (International Women's Day Speech in Hindi) - छात्रों के लिए छोटा और बड़ा भाषण यहां देखें
  • 15 अगस्त पर हिंदी में भाषण (15 August Speech In Hindi): स्वतंत्रता दिवस पर 10 मिनट, 5 मिनट और 750 शब्दों में भाषण
  • हिंदी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi): हिंदी दिवस पर निबंध 10, 100, 250 और 500 शब्दों में
  • गणतंत्र दिवस 2025 पर भाषण (Republic Day Speech in Hindi): 26 जनवरी पर शानदार भाषण लिखने का तरीका यहां जानें
  • यूजीसी नेट इतिहास कटऑफ 2024 जून सत्र (UGC NET History Cutoff 2024 for June) - यहां पीडीएफ डाउनलोड करें
  • यूजीसी नेट 2024 में अच्छा स्कोर क्या है? (What is a Good Score in UGC NET 2024?)
  • जून के लिए यूजीसी नेट कॉमर्स कटऑफ 2024 (UGC NET Commerce Cutoff 2024 for June): श्रेणी-वार कटऑफ मार्क्स
  • यूजीसी नेट दर्शनशास्त्र कटऑफ जून 2024 (UGC NET Philosophy Cutoff June 2024): अपेक्षित और पिछले वर्ष की कटऑफ यहां देखें
  • यूजीसी नेट पिछले 5 वर्षों की कटऑफ पीडीएफ (UGC NET Last 5 Years Cutoff PDF in Hindi): यहां से डाउनलोड करें
  • हरियाणा पॉलिटेक्निक परीक्षा 2024 (Haryana Polytechnic Exam 2024): च्वाइस फिलिंग, मेरिट लिस्ट, सीट आवंटन, संस्थानों को रिपोर्टिंग
  • एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 के आधार पर डीयू के टॉप कॉलेज (Top colleges of DU Based on NIRF Ranking 2024)
  • 12वीं के बाद बेस्ट आईटीआई कोर्स (ITI Courses After 12th): एडमिशन प्रोसेस, एलिजिबिलिटी और स्कोप
  • बिहार पुलिस कांस्टेबल आंसर की 2024 (Bihar Police Constable Answer Key 2024 in Hindi): आधिकारिक उत्तर कुंजी की अपेक्षित तारीख
  • आरआरबी परीक्षा 2024 (RRB Exams 2024): अधिसूचना, परीक्षा तारीखें और तैयारी के टिप्स
  • सीटेट रिजल्ट 2024 कैसे चेक करें? (How to Check CTET Result 2024) - सीटीईटी स्कोर कार्ड @ctet.nic.in से डाउनलोड करें
  • 26 जनवरी : गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day) - 100 से 500 शब्दों तक निबंध लिखना सीखें
  • दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में टॉप 10 नॉर्थ कैंपस कॉलेज (Top 10 North Campus Colleges in Delhi University (DU): एनआईआरएफ रैंकिंग और लोकप्रिय कोर्स
  • दिल्ली पुलिस कांस्टेबल एडमिट कार्ड 2024 (Delhi Police Constable Admit Card 2024) - डेट, डाउनलोड लिंक
  • सीएसबीसी बिहार पुलिस कांस्टेबल रिजल्ट 2024 (CSBC Bihar Police Constable Result 2024): रिजल्ट डेट, जांच करने के तरीके यहां जानें
  • राजस्थान बीएसटीसी प्री डीएलएड रिजल्ट 2024 (Rajasthan BSTC Pre DElEd Result 2024): डायरेक्ट लिंक @panjiakpredeled.in
  • बिहार शिक्षक भर्ती 2024 पासिंग मार्क्स (Bihar Teacher Recruitment 2024 Passing Marks): BPSC TRE पासिंग मार्क्स यहां देखें
  • यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती एप्लीकेशन फार्म (UP Police Constable Bharti Application Form in Hindi)
  • यूपी पुलिस सिलेबस 2024 (UP Police Syllabus 2024 in Hindi): सिपाही, हेड कांस्टेबल भर्ती पाठ्यक्रम हिंदी में देखें

नवीनतम समाचार

  • RGUKT AP Third Selection List Expected Release Time 2024 for August 23

ट्रेंडिंग न्यूज़

दहेज़ प्रथा पर हिंदी में निबंध (Essay on Dowry System in Hindi): 100 से 500 शब्दों में कक्षा 7 से 10 के लिए

Subscribe to CollegeDekho News

  • Select Stream Engineering Management Medical Commerce and Banking Information Technology Arts and Humanities Design Hotel Management Physical Education Science Media and Mass Communication Vocational Law Others Education Paramedical Agriculture Nursing Pharmacy Dental Performing Arts
  • Select Program Type UG PG Diploma Ph.D Certificate

कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं

  • Enter a Valid Name
  • Enter a Valid Mobile
  • Enter a Valid Email
  • Select Level UG PG Diploma Ph.D Certificate
  • By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy

शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !

Details Saved

essay man meaning in hindi

Your College Admissions journey has just begun !

Try our AI-powered College Finder. Feed in your preferences, let the AI match them against millions of data points & voila! you get what you are looking for, saving you hours of research & also earn rewards

For every question answered, you get a REWARD POINT that can be used as a DISCOUNT in your CAF fee. Isn’t that great?

1 Reward Point = 1 Rupee

Basis your Preference we have build your recommendation.

Hinkhoj

  • Hindi to English
  • English to Hindi
  • Spell Checker

Essay मीनिंग : Meaning of Essay in Hindi - Definition and Translation

Hinkhoj

  • हिन्दी से अंग्रेजी
  • Spell Check
  • essay Meaning
  • Similar words
  • Opposite words
  • Sentence Usages

ESSAY MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES

sound icon

OTHER RELATED WORDS

Definition of essay.

  • an analytic or interpretive literary composition
  • a tentative attempt
  • make an effort or attempt; "He tried to shake off his fears"; "The infant had essay ed a few wobbly steps"; "The police attempted to stop the thief"; "He sought to improve himself"; "She always seeks to do good in the world"

RELATED SIMILAR WORDS (Synonyms):

Information provided about essay:.

Essay meaning in Hindi : Get meaning and translation of Essay in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of Essay in Hindi? Essay ka matalab hindi me kya hai (Essay का हिंदी में मतलब ). Essay meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is निबंध.English definition of Essay : an analytic or interpretive literary composition

Explore ShabdKhoj

ShabdKhoj Type

Advertisements

Meaning summary.

Synonym/Similar Words : prove , try out , prose , try , examine , assay , test , seek

👇 SHARE MEANING 👇

HinKhoj Dictionary

English Hindi Dictionary | अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश

Login or Register to HinKhoj Dictionary

essay man meaning in hindi

By proceeding further you agree to HinKhoj Dictionary’s Privacy Policy and Term and Conditions .

  • Word of the day

Pronunciation

Essay meaning in hindi, other related words, definition of essay.

  • an analytic or interpretive literary composition
  • a tentative attempt
  • make an effort or attempt; "He tried to shake off his fears"; "The infant had essayed a few wobbly steps"; "The police attempted to stop the thief"; "He sought to improve himself"; "She always seeks to do good in the world"

SIMILAR WORDS (SYNONYMS) of Essay:

Hinkhoj english hindi dictionary: essay.

Essay - Meaning in Hindi. Essay definition, pronuniation, antonyms, synonyms and example sentences in Hindi. translation in hindi for Essay with similar and opposite words. Essay ka hindi mein matalab, arth aur prayog

Browse HinKhoj Hindi-English Dictionary by words

Browse by english alphabets, browse by hindi varnamala.

मन के हारे हार मन के जीते जीत पर निबंध for Class 6, 7, 8, 9, 10

Essay on The Defeat of the mind, the Victory of the Heart in Hindi for Class 6, 7, 8, 9, & 10 Class Board Students. This Essay on The Defeat of the mind, the Victory of the Heart in Hindi also named as मन के हारे हार मन के जीते जीत पर निबंध. This essay will help You for exams.

Essay in Hindi – The Defeat of the mind, the Victory of the Heart for Class 6 – 10 Class Students

Hope above essay on The Defeat of the mind, the Victory of the Heart in hindi will help you. For any query regarding understand the meaning of any lines or meaning of any word, please feel free to comment us below. Our teachers will help You as soon as possible.

More Important Links:

Leave a Reply Cancel reply

We have a strong team of experienced teachers who are here to solve all your exam preparation doubts, dav class 5 math solutions chapter 3 multiples and factors, ncert solutions class 6 math ganita prakash chapter 7 fractions, hamara bharat- incredible india class 6 extra questions and answers, case study questions class 7 science fibre to fabric.

Question and Answer forum for K12 Students

Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay In Hindi

नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay In Hindi

नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – essay on nar ho na nirash karo man ko in hindi, मन के हारे हार है मन के जीते जीत – losers of mind are victories of hearts.

  • प्रस्तावना,
  • आशा सफलता और निराशा असफलता है,
  • अकर्मण्यता और भाग्यवाद,
  • भाग्य का निर्माता– मनुष्य,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Par Nibandh

प्रस्तावना– मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है। उसका विवेक ही उसे अन्य जीवों के ऊपर का प्राणी बनाता है। मानव जीवन में अनेक समस्याएँ और संकट आते हैं। इनका सामना उसे करना ही पड़ता है। अपने विवेक के सहारे वह जीवन में सफलता पाता है और निरन्तर आगे बढ़ता है। आशा सफलता और निराशा असफलता है–मनुष्य के मन में आशा और निराशा नामक दो भाव होते हैं।

अपने अनुकूल घटित होने की सोच आशा है। आशा को जीवन का आधार कहा गया है। भविष्य में सब कुछ अच्छा, आनन्ददायक और इच्छा के अनुसार हो, यही आशा है, यही मनुष्य चाहता भी है। इसके विपरीत कोई बात जब होती है तो मनुष्य के हृदय में जो उदासी और बेचैनी उत्पन्न होती है, वही निराशा है। निराश मनुष्य जीवन की दौड़ में पीछे छूट जाता है।

Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay

अकर्मण्यता और भाग्यवाद– धार्मिक मान्यताएँ भाग्यवाद की शिक्षा देती हैं। धर्म कहता है जीवन में जो कुछ होता है। वह पूर्व और किसी अन्य शक्ति द्वारा नियोजित है। मनुष्य उसे बदल नहीं सकता।

जो भाग्य में लिखा है, वह होकर ही रहेगा। भाग्यवाद का यह विचार मनुष्य को अकर्मण्य बना देता है अथवा यों भी कह सकते हैं कि अकर्मण्य और आलसी व्यक्ति भाग्य का सहारा लेकर अपने दोष छिपाता है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने कहा है करके विधिवाद न खेद करो। निज लक्ष्य निरन्तर भेद करो।

बनता बस उद्यम ही विधि है। मिलती जिससे सुख की निधि है। भाग्य का निर्माता–मनुष्य–मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण स्वयं ही करता है। ईश्वर ने उसे विवेक सोचने के लिए और दो हाथ काम करने के लिए दिए हैं।

इनका सही ढंग से प्रयोग करके वह अपने भाग्य का निर्माण करता है। संसार में बिना कर्म किए कुछ प्राप्त नहीं होता। गौतम बुद्ध ने भिक्षुओं को शिक्षा दी थी–’चरैवेति’ अर्थात् निरन्तर चलते रहो, ठहरो मत, आगे बढ़ो। भाग्य के निर्माण का यही मंत्र है।

उत्साहपूर्वक निरन्तर कर्मशील रहने वाला ही सफलता के शिखर पर पहुँचता है जो “देखकर बाधा विविध और विघ्न घबराते नहीं। रह कर भरोसे भाग्य के, कर भीड़ पछताते नहीं”–वही सच्चे कर्मवीर होते हैं। उनके मन में निराशा के भाव कभी नहीं आते। वे निरन्तर आगे बढ़ते हैं और जीवन में सफलता पाते हैं।

Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay In Hindi

उपसंहार– मानव मन शक्ति का केन्द्र है। यदि उसमें दृढ़ता नहीं है, कमजोरी है तो वह जल्दी निराश हो जाता है और हार मान लेता है। इसके विपरीत दृढ़ संकल्प वाला आशावादी मन कभी हारता नहीं।

मनुष्य को अपने मन को निराशा से बचाना चाहिए, अपनी संकल्प शक्ति को दृढ़ बनाना चाहिए। मन को हारने मत दो तभी जीवन में जीत के फल का मीठा स्वाद पा सकोगे।

Cambridge Dictionary

  • Cambridge Dictionary +Plus

Translation of essay – English–Hindi dictionary

Your browser doesn't support HTML5 audio

  • I want to finish off this essay before I go to bed .
  • His essay was full of spelling errors .
  • Have you given that essay in yet ?
  • Have you handed in your history essay yet ?
  • I'd like to discuss the first point in your essay.

(Translation of essay from the Cambridge English–Hindi Dictionary © Cambridge University Press)

Examples of essay

Translations of essay.

Get a quick, free translation!

{{randomImageQuizHook.quizId}}

Word of the Day

get away from it all

to go somewhere, usually on holiday, where you can completely relax and forget your responsibilities or problems

It’s not really my thing (How to say you don’t like something)

It’s not really my thing (How to say you don’t like something)

essay man meaning in hindi

Learn more with +Plus

  • Recent and Recommended {{#preferredDictionaries}} {{name}} {{/preferredDictionaries}}
  • Definitions Clear explanations of natural written and spoken English English Learner’s Dictionary Essential British English Essential American English
  • Grammar and thesaurus Usage explanations of natural written and spoken English Grammar Thesaurus
  • Pronunciation British and American pronunciations with audio English Pronunciation
  • English–Chinese (Simplified) Chinese (Simplified)–English
  • English–Chinese (Traditional) Chinese (Traditional)–English
  • English–Dutch Dutch–English
  • English–French French–English
  • English–German German–English
  • English–Indonesian Indonesian–English
  • English–Italian Italian–English
  • English–Japanese Japanese–English
  • English–Norwegian Norwegian–English
  • English–Polish Polish–English
  • English–Portuguese Portuguese–English
  • English–Spanish Spanish–English
  • English–Swedish Swedish–English
  • Dictionary +Plus Word Lists
  • English–Hindi    Noun
  • Translations
  • All translations

To add essay to a word list please sign up or log in.

Add essay to one of your lists below, or create a new one.

{{message}}

Something went wrong.

There was a problem sending your report.

वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे (निबंध) | Essay on Man is he who Die for Others in Hindi

essay man meaning in hindi

वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे (निबंध) | Essay on Man is he who Die for Others in Hindi!

ADVERTISEMENTS:

‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के आदर्श वाक्य में भारतीय संस्कृति की मानवमात्र के कल्याण की भावना निहित है । उसके अनुसार मनुष्य का जन्म जनहित के लिए हुआ है । वर्षा का जल अपने लिए नहीं, धरती की तृप्ति के लिए बरसता है; नदियों का जल-कोष सदावर्त की भावना का परिचायक है ।

‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के दृष्टिकोणवाली हमारी संस्कृति का मूलाधार है:

“सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया: ।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्‌दु:खभाग्भवेन् ।।”

दानवों के अत्याचार से सारी सृष्टि कराह उठी थी । सभी किंकर्तव्यविमूढ़ हो रहे थे । एक ही मार्ग शेष था- यदि महर्षि दधीच की अस्थियों से वज्र वनाया जाए तो समाज इस आपत्ति से बच सकता है । सब देवता दधीच के पास गए और उस पुण्यात्मा ने सहर्ष इस नश्वर शरीर का त्याग कर अपनी अस्थियों का दान कर दिया । इस पौराणिक रूपक को आप इस रूप में भी ले सकते हैं कि दधीच ने परोपकार की भावना से मनुष्यमात्र के कल्याण के लिए अपना शरीर गला दिया ।

राजा शिवि के उपाख्यान पर भी दृष्टिपात कीजिए । क्या उन्होंने दीन कपोत रूपी मानवता के लिए अपने शरीर का तिल-तिल भाग नष्ट नहीं कर डाला था ? रतिदेव ने भूख से व्याकुल मानवों के लिए अन्न-दान किया । विशुद्ध सेवा-भाव से पृथ्वी पर घूमते रहनेवाले छद्‌मवेशी महाराज विक्रमादित्य की कहानियाँ तो विश्व-विश्रुत ही हैं ।

संतों का जीवन परोपकार की भावना से ओत-प्रोत होता है । ‘परोपकाराय हि सतां विभूतय:’ वाला वाक्य उन पर पूर्णरूपेण चरितार्थ होता है । संत किसी भी भूभाग, जाति अथवा राष्ट्रीयता के अंचल से उद्‌भूत हुए हों, जनगण हितार्थ सर्वस्व त्याग के लिए सर्वदा उद्यत रहते हैं ।

इस दृष्टि से गांधी और ईसा एक समान हैं । उनका एक ही लक्ष्य था-मानव-सेवा । वे मानव धर्म के अनुयायी थे । महात्माओं का जन्म किसी धर्म के प्रवर्तनार्थ नहीं होता । वे तो मानव के आंतरिक और बाह्य दुःखों का अपसारण करने के लिए ही प्रकट होते हैं । उनका जीवन मानवों के लिए आदर्श-पदचिह्न छोड़ जाता है । अपने लिए तो पशु-पक्षी भी जी लेते हैं, पर मनुष्य वह है, जो मनुष्य के हित के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दे ।

महाकवि तुलसीदास ने ‘साधु-चरित्र’ के रूप में मानव- आदर्श को चित्रित किया है । वे साधु की तुलना कपास से करते हैं- “जे सहि दुख पर छिद्र दुरावा ।” कपास स्वयं दुःख सह लेता है किंतु मानवमात्र का तन ढकने में प्रयत्नशील रहता है । यही तो है मानव का आदर्श । कवि चंडीदास ने भी मानव-प्रेम के सर्वोच्च होने की उद्‌घोषणा मुक्त कंठ से की है ।

यदि चिरकाल से यह परहित के लिए कष्ट-सहन की विचारधारा न प्रवाहित रही होती, मनुष्य केवल ‘स्व’ के विषय में सोचता, परिवार और जाति के बंधनों में जकड़ा कूपमंडूक बना रहता, तो निश्चित ही मानवता का सर्वनाश हो गया होता ।

प्रत्येक मनुष्य अपने सुखों की पूर्ति के लिए दूसरों का सर्वस्व अपहरण करने के हेतु उद्यत रहता, नित्य ही महायुद्ध की विभीषिका नर-कंकालों के नृत्य और मृत्यु-संगीत के साथ सृष्टि को श्मशान का रूप दिए रहती; किंतु मानव जन-कल्याण के इस आदर्श की रक्षा में सदैव सचेष्ट रहा है ।

इस परमाणु युग में भी शक्तिशाली राष्ट्र नित्य विध्वंसक अस्त्रों के प्रयोग द्वारा अव्यक्त रूप में अन्य राष्ट्रों को धमकाता रहता है; इस देश की आवाज है कि उन घातक अस्त्रों का प्रयोग मानवता की हत्या के लिए न होकर उसकी सुरक्षा और पोषण के लिए हो ।

आज आवश्यकता इस बात की है कि प्रत्येक मनु-पुत्र ‘स्व’ की भावना का परित्याग कर ‘मानव हिताय’ और ‘मानव सुखाय’ के पुण्य यज्ञ में आत्मबलि दे । जब तक जन-जन में, व्यष्टि-व्यष्टि में इस मूल-मंत्र का संप्रवेश नहीं होगा तब तक हम मरु को नंदन वन में परिणत करने का तथा एक राष्ट्र और एक समाज में वर्गहीन समाज का स्वप्न ही देखते रहेंगे ।

Related Articles:

  • मनुष्य अपना शत्रु आप है (निबन्ध) |Essay on Everyone is His Own Enemy in Hindi
  • मनुष्य केवल जीवन-निर्वाह के लिए कार्य नहीं करता पर निबन्ध | Essay on Man Does Not Work for Bread Alone in Hindi
  • सज्जनता मनुष्य का आभूषण है (निबन्ध) | Essay on Good Human Being in Hindi
  • आदतें-मनुष्य की कमजोरी पर निबन्ध | Essay on All Habits Are Bad in Hindi

दा इंडियन वायर

ईमानदारी पर निबंध

essay man meaning in hindi

By विकास सिंह

honesty ईमानदारी

विषय-सूचि

ईमानदारी पर निबंध, honesty essay in hindi (100 शब्द)

ईमानदारी का अर्थ है जीवन के सभी पहलुओं में एक व्यक्ति को सच्चा होना। इसमें किसी को झूठ नहीं बताना, बुरी आदतों, गतिविधियों या व्यवहार के माध्यम से किसी को चोट पहुंचाना शामिल है। ईमानदार व्यक्ति उन गतिविधियों में शामिल नहीं होता है जो नैतिक रूप से गलत हैं।

ईमानदारी किसी नियम और विनियमन को नहीं तोड़ना है, अनुशासन में रहना है, अच्छा व्यवहार करना है, सत्य बोलना है, समय का पाबंद होना है और दूसरों की ईमानदारी से मदद करना है। ईमानदार होने से व्यक्ति को आस-पास के सभी पर विश्वास करने, बहुत सारी खुशी, सर्वोच्च शक्ति से आशीर्वाद और कई और चीजों में मदद मिलती है।

ईमानदार होना वास्तव में वास्तविक जीवन में बहुत फायदेमंद है। यह वह चीज नहीं है जिसे कोई खरीद या बेच सकता है; यह एक अच्छी आदत है जिसे केवल अभ्यास के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

ईमानदारी पर निबंध, honesty essay in hindi (150 शब्द)

ईमानदारी नैतिक चरित्र का घटक है जो सच्चाई, दया, अनुशासन, अखंडता आदि सहित अच्छे गुणों को विकसित करता है। इसमें झूठ की अनुपस्थिति, दूसरों को धोखा देना, चोरी करना और अन्य बुरी आदतों की कमी शामिल है जो लोगों को चोट पहुंचाती है। ईमानदारी वास्तव में भरोसेमंद, निष्ठावान और जीवन भर ईमानदार रहने की है।

ईमानदारी बहुत मूल्यवान है और बहुत महत्व की अच्छी आदत है। बेंजामिन फ्रैंकलिन द्वारा एक अच्छी तरह से कहावत है कि “ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है”। थॉमस जेफरसन का एक और उद्धरण है कि “ईमानदारी ज्ञान की पुस्तक में पहला अध्याय है”। दोनों को वास्तव में महान लोगों द्वारा अतीत में कहा गया है, लेकिन भविष्य में हमेशा के लिए सच्चाई होगी।

ईमानदारी एक व्यक्ति को एक शुभ मार्ग की ओर ले जाती है जो वास्तविक खुशी और आनंद देता है। एक व्यक्ति केवल तभी ईमानदार हो सकता है जब वह विभिन्न पहलुओं में ईमानदारी का पालन करता है जैसे कि बोलने में ईमानदारी, कार्यस्थल में ईमानदारी, न्याय में ईमानदारी, व्यवहार में ईमानदारी, और हमारे दैनिक जीवन में हम सभी गतिविधियां करते हैं। ईमानदारी व्यक्ति को सभी परेशानियों से मुक्त और निडर बनाती है।

ईमानदारी का फल पर निबंध, essay on honesty in hindi (200 शब्द)

ईमानदारी को जीवन की सबसे अच्छी नीति माना जाता है, लेकिन इसे विकसित करना या विकसित करना इतना आसान नहीं है। एक अभ्यास के माध्यम से इसे विकसित कर सकते हैं लेकिन अधिक धैर्य और समय की आवश्यकता है। निम्नलिखित बिंदु साबित होते हैं कि ईमानदारी क्यों महत्वपूर्ण है:

ईमानदारी के बिना कोई भी किसी भी स्थिति में परिवार, दोस्तों, शिक्षकों, आदि के साथ भरोसेमंद संबंध नहीं बना सकता है। ईमानदारी रिश्ते में विश्वास पैदा करती है। कोई भी किसी के दिमाग को नहीं पढ़ सकता है लेकिन वह महसूस कर सकता है कि कोई व्यक्ति कितना ईमानदार है।

ईमानदारी एक अच्छी आदत है जो हर किसी को खुश और शांत मन देती है। बेईमानी ने कभी किसी रिश्ते को बढ़ने नहीं दिया और बहुत सारी समस्याएं पैदा कीं। झूठ बोलने से प्रियजनों को दुख होता है जो रिश्ते में विश्वासघात की स्थिति पैदा करता है। ईमानदार होना एक प्रसन्न चेहरा और निडर मन देता है।

केवल कुछ डर के कारण सच्चाई बताना किसी व्यक्ति को वास्तव में ईमानदार नहीं बनाता है। यह एक अच्छी गुणवत्ता है जो लोगों के व्यवहार को हमेशा के लिए आत्मसात कर लेती है। सत्य हमेशा दर्दनाक हो जाता है लेकिन अच्छे और सुखद परिणाम देता है।

ईमानदारी भ्रष्टाचार को दूर करने और समाज से कई सामाजिक मुद्दों को हल करने की क्षमता रखने वाली शक्ति है। ईमानदारी का अभ्यास करना जटिल हो सकता है और शुरू में भ्रमित करना हालांकि किसी को बाद में बेहतर और आराम महसूस कराता है। यह किसी भी भार को सहज और मुक्त महसूस कराता है।

यह एक गुणवत्ता है जिसे माता-पिता, दादा-दादी, शिक्षक और पड़ोसियों की मदद से प्रारंभिक बचपन से अभ्यास करने के लिए किसी भी समय विकसित किया जा सकता है। सभी पहलुओं में ईमानदार होना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरे जीवन में सकारात्मक योगदान देता है।

ईमानदारी का फल पर निबंध, essay on honesty in hindi (250 शब्द)

प्रस्तावना:.

ईमानदारी जीवन भर ईमानदार, सच्चा और ईमानदार होने का गुण है। एक व्यक्ति के लिए खुद के साथ-साथ दूसरों के लिए भी ईमानदार होना आवश्यक है। ईमानदारी अपने आप में बहुत सारे अच्छे गुणों को लाती है और जीवन में किसी भी बुरी स्थिति से पूरी हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ निपटने में सक्षम बनाती है कि क्यों इसे “ईमानदारी सबसे अच्छी नीति” कहा जाता है।

कैसे ईमानदारी से एक व्यक्ति को फायदा होता है:

निम्नलिखित बिंदु इस तथ्य को साबित कर रहे हैं कि ईमानदारी किसी व्यक्ति को कैसे लाभ पहुंचाती है। ईमानदारी एक अच्छी आदत है जिसे व्यक्ति को जीवन में कई लाभ प्राप्त करने के लिए प्राप्त करना चाहिए जैसे:

ईमानदारी अच्छे स्वास्थ्य और खुशी का व्यक्ति बनाती है। ईमानदार होना मन को चिंता, तनाव और बेईमानी के कार्य के लिए पकड़े जाने के तनाव से मुक्त बनाता है। इस तरह, यह तनावपूर्ण जीवन और कई बीमारियों (जैसे उच्च रक्तचाप, थकान, कमजोरी, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, मधुमेह, आदि) से दूर रखता है।

यह मन की शांति बनाए रखने में मदद करता है। ईमानदारी एक व्यक्ति को बिना किसी डर और सभी समस्याओं से मुक्त रहने के लिए प्रेरित करती है। हालांकि, बेईमानी से व्यक्ति को मानसिक शांति और आंतरिक संतुष्टि की कमी होती है। ईमानदारी बेहतर निर्णय लेने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करती है।

ईमानदार लोगों को समाज और परिवार में वास्तव में प्यार, भरोसा, सम्मान और देखभाल की जाती है। उनके व्यक्तिगत, कामकाजी और कॉर्पोरेट रिश्ते मजबूत और भरोसेमंद बनते हैं। ईमानदार होना शरीर और मन में सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है।

ईमानदारी लोगों के दिल, परिवार, समाज और राष्ट्र में बेहतर जगह बनाने में मदद करती है। यह सकारात्मक लोगों के साथ मजबूत पारस्परिक संबंध बनाने में मदद करता है। यह मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करके मन से सभी नकारात्मकताओं को दूर करता है।

ईमानदार लोग आसानी से अपनी ओर आकर्षित होते हैं और दूसरों को प्रभावित करते हैं। यह जीवन में पारदर्शिता लाता है, व्यक्ति की वास्तविक शक्तियों और प्रतिभा को जागृत करता है। एक ईमानदार व्यक्ति अपने जीवन के दिव्य उद्देश्य को आसानी से महसूस करता है और मोक्ष को प्राप्त करता है। यह धार्मिक जिम्मेदारियों के करीब रहता है।

निष्कर्ष:

बेईमानी करना अच्छा नहीं है, इससे व्यक्ति को शुरुआत में लाभ मिल सकता है, लेकिन अच्छा परिणाम नहीं होता है। बेईमान लोग समाज और राष्ट्र के लिए अभिशाप हैं क्योंकि वे समाज की पूरी व्यवस्था को बर्बाद कर देते हैं। जीवन में ईमानदारी का अभ्यास हमेशा सभी धर्मों द्वारा समर्थित है। बेईमान लोग कभी धार्मिक नहीं हो सकते क्योंकि वे अपने धर्म के प्रति वफादार नहीं हैं। ईमानदार लोग हमेशा अपने जीवन के सभी पहलुओं में विश्वासयोग्य और विश्वसनीय बन जाते हैं।

ईमानदारी पर निबंध, honesty essay in hindi (400 शब्द)

ईमानदारी एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में हम सभी बहुत परिचित हैं लेकिन इसका उपयोग नहीं किया गया है। कोई भी ठोस तरीका नहीं है जिसके माध्यम से ईमानदारी का परीक्षण किया जा सके लेकिन इसे काफी हद तक महसूस किया जा सकता है। ईमानदारी एक ऐसा गुण है जो लोगों के मन को अच्छाई की ओर दर्शाता है। यह जीवन में स्थिरता और बहुत सारी खुशियाँ लाता है क्योंकि यह आसानी से समाज के लोगों का विश्वास जीत लेता है।

ईमानदारी क्या है? (honesty meaning in hindi)

ईमानदारी का मतलब सभी पहलुओं में किसी के प्रति ईमानदार और सच्चा होना है। यह किसी के बल के बिना किसी भी स्थिति में सार्वभौमिक अच्छा होने पर विचार करके अच्छा करने का कार्य है। ईमानदारी वह तरीका है जो हम अच्छे और निस्वार्थ शिष्टाचार में दूसरों के लिए करते हैं।

कुछ लोग केवल ईमानदारी दिखाते हैं लेकिन वास्तविक जीवन में वे कभी ईमानदार नहीं होते हैं और यह निर्दोष लोगों को धोखा देने का गलत तरीका है। ईमानदारी वास्तव में एक गुण है जो व्यक्ति के अच्छे गुणों को प्रकट करता है।

जीवन में ईमानदारी की भूमिका:

ईमानदारी जीवन भर विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसे खुली आंखों से बहुत स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। कहा जाता है कि समाज में लोगों द्वारा एक ईमानदार व्यक्ति उस व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा पूरक है। यह वास्तविक संपत्ति है जो व्यक्ति जीवन में कमाता है जो कभी खत्म नहीं होता है।

समाज में ईमानदारी की कमी अब लोगों के बीच सबसे बड़ा अंतराल है। यह माता-पिता-बच्चों और छात्रों-शिक्षकों के बीच उचित पारस्परिक संबंध की कमी के कारण है। ईमानदारी कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे खरीदा या बेचा जा सके। यह धीरे-धीरे विकसित किया जा सकता है इस प्रकार घर और स्कूल अच्छी आदतों को विकसित करने के लिए एक बच्चे के लिए सबसे अच्छी जगह है।

घर और स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ बच्चा नैतिक नैतिकता सीखता है। इस प्रकार, एक बच्चे को नैतिकता के करीब रखने के लिए शिक्षा प्रणाली में कुछ आवश्यक रणनीति होनी चाहिए। माता-पिता और शिक्षकों की मदद से बच्चों को घर और स्कूल में ईमानदारी का अभ्यास करने के लिए बचपन से ही सही तरीके से निर्देश दिया जाना चाहिए।

किसी भी देश के युवा उस देश के भविष्य हैं, इसलिए उन्हें नैतिक चरित्र विकसित करने के बेहतर अवसर दिए जाने चाहिए, ताकि वे अपने देश का बेहतर तरीके से नेतृत्व कर सकें। ईमानदारी सभी मानवीय समस्याओं का सही समाधान है। आजकल, हर जगह, भ्रष्टाचार और समाज में विभिन्न समस्याओं के कारण ईमानदार लोगों की संख्या कम हो रही है। ऐसे तेज और प्रतिस्पर्धी माहौल में लोग नैतिक नैतिकता को भूल गए हैं।

यह पुनर्विचार करना आवश्यक है कि कैसे समाज में ईमानदारी को वापस लाने के लिए सब कुछ प्राकृतिक तरीके से किया जाए।

लोगों को सामाजिक और आर्थिक संतुलन के प्रबंधन के लिए ईमानदारी के मूल्य का एहसास होना चाहिए। लोगों के द्वारा ईमानदारी का पालन किया जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह आधुनिक समय में एक आवश्यक आवश्यकता है। यह एक अच्छी आदत है जो किसी व्यक्ति को किसी भी कठिन परिस्थिति को हल करने और उसे संभालने में सक्षम बनाती है।

इस लेख के बारे में अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

Related Post

Paper leak: लाचार व्यवस्था, हताश युवा… पर्चा लीक का ‘अमृत काल’, केंद्र ने पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप के लिए वन-स्टॉप पोर्टल किया लॉन्च, एडसिल विद्यांजलि छात्रवृत्ति कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ, 70 छात्रों को मिलेगी 5 करोड़ की छात्रवृत्ति, 2 thoughts on “ईमानदारी पर निबंध”.

imandari ek vichardhar par nibandh send kar de

The secret of success is hard work

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

जर्मनी अफ्रीका में महामारी को रोकने के लिए 100,000 एमपॉक्स वैक्सीन खुराक दान करेगा

Landslide in kerala: वायनाड भूस्खलन- प्राकृतिक हादसा या मानव जनित, paris olympic 2024: “जलवायु आपातकाल” के बीच ऐतिहासिक आयोजन, 25 जुलाई को मनाया जायेगा संविधान हत्या दिवस – अमित शाह.

ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय पर निबंध Aisi vani boliye man ka aapa khoye essay in hindi

Aisi vani boliye man ka aapa khoye essay in hindi.

दोस्तों नमस्कार, आज हम आपके लिए लाए हैं ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए पर मेरे द्वारा लिखा यह निबंध आप इसे जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस निबंध को

Aisi vani boliye man ka aapa khoye essay in hindi

प्रस्तावना- ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए इसका अर्थ है कि हमें ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जिससे किसी का आघात ना हो।

दरअसल वाणी ही होती है जो हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। अच्छी बानी बोलकर हम वास्तव में दूसरों के प्रति एक अच्छा व्यवहार बना सकते हैं।

अच्छी वाणी बोलने का महत्व- मीठी वाणी के जरिए ही हम एक दूसरे के अंदर विश्वास जगा सकते हैं। मीठी वाणी एक अच्छा परिवार, एक अच्छा समाज बनाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण कारगर साबित होती है।

आजकल हम देखें तो परिवार में लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। इन लड़ाई झगड़े होने का सबसे बड़ा कारण बानी होती है।

लोग यदि अपनी वाणी का सही इस्तेमाल करना सीख जाएं तो परिवार में कभी भी बुरा नहीं होगा, परिवार कभी भी विघटित नहीं होगा, सभी मिलजुलकर परिवार में रहेंगे।

इसके अलावा हम देखते हैं कि सामाजिक एवं अन्य कार्यों में कई बार बुरी वाणी की वजह से भी झगड़े होते रहते हैं। यदि सभी लोग मीठी वाणी का महत्व समझें और मीठी वाणी बोले तो वास्तव में बहुत कुछ बदलाव हो सकता है।

मीठी वाणी एक तरह से मन को मोहित कर देती हैं। मीठी वाणी बोलकर आप दूसरे से अपनी बात मनवा सकते हैं। मीठी वाणी का जीवन में बहुत ही महत्व होता है। जो व्यक्ति मीठी वाणी बोलता है उस व्यक्ति से लोग ज्यादा मिलना जुलना पसंद करते हैं।

मीठी वाणी बोलने वाले व्यक्ति का सभी लोग सम्मान करते हैं इसलिए हमेशा हमें ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो दूसरों के लिए फायदेमंद हो दूसरों को नुकसान ना पहुंचाएं।

जो व्यक्ति अच्छी वाणी बोलता है वह हरएक क्षेत्र में विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ता है। चाहे वह व्यापारिक क्षेत्र हो या कोई उच्च स्तर की नौकरी हो हरएक क्षेत्र में अच्छी वाणी बोलने वाला व्यक्ति तरक्की करता है इसलिए हम सभी को अच्छी वाणी बोलने की कोशिश करनी चाहिए।

बड़े-बड़े कार्य जो आसानी से सॉल्व नहीं होते वह हमारी मीठी वाणी से सॉल्व हो सकते हैं इसलिए हमें मीठी वाणी का महत्व समझना चाहिए।

उपसंहार – हम सभी को वास्तव में ऐसी वाणी बोलना चाहिए जो दूसरों को अच्छी लगे जो दूसरों के दिल में हमारी जगह बनाए तभी हम मनुष्य जीवन को बेहतर ढंग से जी सकते हैं।

  • मीठी वाणी पर कहानी Story on mithi vani in hindi

दोस्तों मेरे द्वारा लिखा यह आरतीकल आप अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और हमें सब्सक्राइब करें।

Related Posts

essay man meaning in hindi

kamlesh kushwah

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Email Address: *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

To revisit this article, visit My Profile, then View saved stories .

Image may contain: Text

As a Teenager in Europe, I Went to Nudist Beaches All the Time. 30 Years Later, Would the Experience Be the Same?

Image may contain Princess Antonia of Luxembourg Sandro Botticelli Art Painting Adult Person and Wedding

In July 2017, I wrote an article about toplessness for Vogue Italia. The director, actor, and political activist Lina Esco had emerged from the world of show business to question public nudity laws in the United States with 2014’s Free the Nipple . Her film took on a life of its own and, thanks to the endorsement from the likes of Miley Cyrus, Cara Delevingne, and Willow Smith, eventually developed into a whole political movement, particularly on social media where the hashtag #FreeTheNipple spread at lightning speed. The same year as that piece, actor Alyssa Milano tweeted “me too” and encouraged others who had been sexually assaulted to do the same, building on the movement activist Tarana Burke had created more than a decade earlier. The rest is history.

In that Vogue article, I chatted with designer Alessandro Michele about a shared memory of our favorite topless beaches of our youth. Anywhere in Italy where water appeared—be it the hard-partying Riviera Romagnola, the traditionally chic Amalfi coast and Sorrento peninsula, the vertiginous cliffs and inlets of Italy’s continuation of the French Côte d’Azur or the towering volcanic rocks of Sicily’s mythological Riviera dei Ciclopi—one was bound to find bodies of all shapes and forms, naturally topless.

In the ’90s, growing up in Italy, naked breasts were everywhere and nobody thought anything about it. “When we look at our childhood photos we recognize those imperfect breasts and those bodies, each with their own story. I think of the ‘un-beauty’ of that time and feel it is actually the ultimate beauty,” Michele told me.

Indeed, I felt the same way. My relationship with toplessness was part of a very democratic cultural status quo. If every woman on the beaches of the Mediterranean—from the sexy girls tanning on the shoreline to the grandmothers eating spaghetti al pomodoro out of Tupperware containers under sun umbrellas—bore equally naked body parts, then somehow we were all on the same team. No hierarchies were established. In general, there was very little naked breast censorship. Free nipples appeared on magazine covers at newsstands, whether tabloids or art and fashion magazines. Breasts were so naturally part of the national conversation and aesthetic that Ilona Staller (also known as Cicciolina) and Moana Pozzi, two porn stars, cofounded a political party called the Love Party. I have a clear memory of my neighbor hanging their party’s banner out his window, featuring a topless Cicciolina winking.

A lot has changed since those days, but also since that initial 2017 piece. There’s been a feminist revolution, a transformation of women’s fashion and gender politics, the absurd overturning of Harvey Weinstein’s 2020 rape conviction in New York, the intensely disturbing overturning of Roe v Wade and the current political battle over reproductive rights radiating from America and far beyond. One way or another, the female body is very much the site of political battles as much as it is of style and fashion tastes. And maybe for this reason naked breasts seem to populate runways and street style a lot more than they do beaches—it’s likely that being naked at a dinner party leaves more of a permanent mark than being naked on a glamorous shore. Naked “dressing” seems to be much more popular than naked “being.” It’s no coincidence that this year Saint Laurent, Chloé, Ferragamo, Tom Ford, Gucci, Ludovic de Saint Sernin, and Valentino all paid homage to sheer dressing in their collections, with lacy dresses, see-through tops, sheer silk hosiery fabric, and close-fitting silk dresses. The majority of Anthony Vaccarello’s fall 2024 collection was mostly transparent. And even off the runway, guests at the Saint Laurent show matched the mood. Olivia Wilde appeared in a stunning see-through dark bodysuit, Georgia May Jagger wore a sheer black halter top, Ebony Riley wore a breathtaking V-neck, and Elsa Hosk went for translucent polka dots.

In some strange way, it feels as if the trends of the ’90s have swapped seats with those of today. When, in 1993, a 19-year-old Kate Moss wore her (now iconic) transparent, bronze-hued Liza Bruce lamé slip dress to Elite Model Agency’s Look of the Year Awards in London, I remember seeing her picture everywhere and feeling in awe of her daring and grace. I loved her simple sexy style, with her otherworldly smile, the hair tied back in a bun. That very slip has remained in the collective unconscious for decades, populating thousands of internet pages, but in remembering that night Moss admitted that the nude look was totally unintentional: “I had no idea why everyone was so excited—in the darkness of Corinne [Day’s] Soho flat, the dress was not see-through!” That’s to say that nude dressing was usually mostly casual and not intellectualized in the context of a larger movement.

The Bride Reworked Her Late Mother’s Wedding Dress for Her Emotional Wedding in Portofino

But today nudity feels loaded in different ways. In April, actor and author Julia Fox appeared in Los Angeles in a flesh-colored bra that featured hairy hyper-realist prints of breasts and nipples, and matching panties with a print of a sewn-up vagina and the words “closed” on it, as a form of feminist performance art. Breasts , an exhibition curated by Carolina Pasti, recently opened as part of the 60th Venice Biennale at Palazzo Franchetti and showcases works that span from painting and sculpture to photography and film, reflecting on themes of motherhood, empowerment, sexuality, body image, and illness. The show features work by Cindy Sherman, Robert Mapplethorpe, Louise Bourgeois, and an incredible painting by Bernardino Del Signoraccio of Madonna dell’Umiltà, circa 1460-1540. “It was fundamental for me to include a Madonna Lactans from a historical perspective. In this intimate representation, the Virgin reveals one breast while nurturing the child, the organic gesture emphasizing the profound bond between mother and child,” Pasti said when we spoke.

Through her portrayal of breasts, she delves into the delicate balance of strength and vulnerability within the female form. I spoke to Pasti about my recent musings on naked breasts, which she shared in a deep way. I asked her whether she too noticed a disparity between nudity on beaches as opposed to the one on streets and runways, and she agreed. Her main concern today is around censorship. To Pasti, social media is still far too rigid around breast exposure and she plans to discuss this issue through a podcast that she will be launching in September, together with other topics such as motherhood, breastfeeding, sexuality, and breast cancer awareness.

With summer at the door, it was my turn to see just how much of the new reread on transparency would apply to beach life. In the last few years, I noticed those beaches Michele and I reminisced about have grown more conservative and, despite being the daughter of unrepentant nudists and having a long track record of militant topless bathing, I myself have felt a bit more shy lately. Perhaps a woman in her 40s with two children is simply less prone to taking her top off, but my memories of youth are populated by visions of bare-chested mothers surveilling the coasts and shouting after their kids in the water. So when did we stop? And why? When did Michele’s era of “un-beauty” end?

In order to get back in touch with my own naked breasts I decided to revisit the nudist beaches of my youth to see what had changed. On a warm day in May, I researched some local topless beaches around Rome and asked a friend to come with me. Two moms, plus our four children, two girls and two boys of the same ages. “Let’s make an experiment of this and see what happens,” I proposed.

The kids all yawned, but my friend was up for it. These days to go topless, especially on urban beaches, you must visit properties that have an unspoken nudist tradition. One of these in Rome is the natural reserve beach at Capocotta, south of Ostia, but I felt a bit unsure revisiting those sands. In my memory, the Roman nudist beaches often equated to encounters with promiscuous strangers behind the dunes. I didn’t want to expose the kids, so, being that I am now a wise adult, I went ahead and picked a compromise. I found a nude-friendly beach on the banks of the Farfa River, in the rolling Sabina hills.

We piled into my friend’s car and drove out. The kids were all whining about the experiment. “We don’t want to see naked mums!” they complained. “Can’t you just lie and say you went to a nudist beach?”

We parked the car and walked across the medieval fairy-tale woods until we reached the path that ran along the river. All around us were huge trees and gigantic leaves. It had rained a lot recently and the vegetation had grown incredibly. We walked past the remains of a Roman road. The colors all around were bright green, the sky almost fluorescent blue. The kids got sidetracked by the presence of frogs. According to the indications, the beach was about a mile up the river. Halfway down the path, we bumped into a couple of young guys in fanny packs. I scanned them for signs of quintessential nudist attitude, but realized I actually had no idea what that was. I asked if we were headed in the right direction to go to “the beach”. They nodded and gave us a sly smile, which I immediately interpreted as a judgment about us as mothers, and more generally about our age, but I was ready to vindicate bare breasts against ageism.

We reached a small pebbled beach, secluded and bordered by a huge trunk that separated it from the path. A group of girls was there, sharing headphones and listening to music. To my dismay they were all wearing the tops and bottoms of their bikinis. One of them was in a full-piece bathing suit and shorts. “See, they are all wearing bathing suits. Please don’t be the weird mums who don’t.”

At this point, it was a matter of principle. My friend and I decided to take our bathing suits off completely, if only for a moment, and jumped into the river. The boys stayed on the beach with full clothes and shoes on, horrified. The girls went in behind us with their bathing suits. “Are you happy now? my son asked. “Did you prove your point?”

I didn’t really know what my point actually was. I think a part of me wanted to feel entitled to those long-gone decades of naturalism. Whether this was an instinct, or as Pasti said, “an act that was simply tied to the individual freedom of each woman”, it was hard to tell. At this point in history, the two things didn’t seem to cancel each other out—in fact, the opposite. Taking off a bathing suit, at least for my generation who never had to fight for it, had unexpectedly turned into a radical move and maybe I wanted to be part of the new discourse. Also, the chances of me going out in a fully sheer top were slim these days, but on the beach it was different. I would always fight for an authentic topless experience.

After our picnic on the river, we left determined to make our way—and without children—to the beaches of Capocotta. In truth, no part of me actually felt very subversive doing something I had been doing my whole life, but it still felt good. Once a free breast, always a free breast.

This article was originally published on British Vogue .

More Great Living Stories From Vogue

Meghan Markle Is Returning to Television

Is Art Deco Interior Design Roaring Back Into Style?

Kate Middleton and Prince William Share a Never-Before-Seen Wedding Picture

Sofia Richie Grainge Has Given Birth to Her First Child—And the Name Is…

The 10 Best Spas in the World

Never miss a Vogue moment and get unlimited digital access for just $2 $1 per month.

Vogue Daily

By signing up you agree to our User Agreement (including the class action waiver and arbitration provisions ), our Privacy Policy & Cookie Statement and to receive marketing and account-related emails from Vogue. You can unsubscribe at any time. This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

HindiKiDuniyacom

बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध (Child is the Father of the Man Essay in Hindi)

मुहावरा “बच्चा मनुष्य का पिता होता है” का अर्थ है कि मनुष्य की वास्तविक प्रकृति उम्र या समय से नहीं बदलती है। हालांकि इसकी कई अन्य तरीकों से भी व्याख्या की गई है। “बच्चा आदमी का पिता होता है” का मूल रूप से मतलब है कि एक आदमी वास्तविकता में अपने शुरुआती वर्षों के व्यवहार और आदतों का विकास का मिश्रण होता है। वाक्यांश “बच्चा आदमी का पिता होता है”, प्रसिद्ध कवि विलियम वर्ड्सवर्थ ने 1802 में खोजा था। इस शब्द का मूल रूप से मतलब है कि किसी व्यक्ति के बचपन के व्यवहार और गतिविधियों ने अपने व्यक्तित्व के निर्माण में एक लंबा रास्ता तय किया है। हालांकि इसकी अन्य तरीकों से भी व्याख्या की गई है। आइए हम उसी के बारे में और साथ ही साथ दी गई शिक्षाओं के बारे में सीखें।

‘बच्चा आदमी का पिता होता है’ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on ‘Child is the Father of the Man’ in Hindi, Bachha Adami ka Pita hota hai par Nibandh Hindi mein)

बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध – 1 (300 शब्द).

मुहावरा “बच्चा आदमी का पिता होता है” की विभिन्न तरीकों से व्याख्या की गई है। इसका मुख्य अर्थ यह है कि एक व्यक्ति, जैसे-जैसे वह विकसित होता है, उसका व्यवहार और शिष्टाचार उसके बचपन के दौरान उसके व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। आइए हम इस कहावत की उत्पत्ति के बारे में और इसका मूलतः क्या मतलब है के बारे में जाने।

मुहावरे की उत्पत्ति – बच्चा आदमी का पिता होता है

मुहावरा मूल रूप से प्रसिद्ध कवि विलियम वर्ड्सवर्थ द्वारा लिखा गया था। यह पहली बार वर्ड्सवर्थ की कविता “माय हार्ट लीप्स अप” में दिखाई दी जो 1802 में लिखी गई थी। यह शब्द एक महत्वपूर्ण संदेश देता है और उसके बाद से इसे कई मौकों पर इस्तेमाल किया गया है।

कहावत का स्पष्टीकरण

इस वाक्यांश के जरिए वर्ड्सवर्थ ने कहा कि एक बच्चे के रूप में वह इंद्रधनुष को देखकर बहुत प्रसन्न होता था और एक वयस्क के रूप में वह प्रकृति को देखकर अभी भी उसी प्रकार की खुशी का अनुभव करता है जैसे वह पहले करता था। उसका कहना है कि अपने बचपन के दिनों की प्रसन्नता उसे अभी भी रोमांचित कर देती है।

उनके अनुसार जिस प्रकार सुबह पूरे दिन का प्रतीक है उसी प्रकार बचपन वयस्कता को दिखाती है। यह स्वाभाविक है कि अपने बचपन के दिनों में एक व्यक्ति जो सीखता है वह उसी आदतों और शब्दों को  बाद में अपने जीवन में प्रतिबिंबित करेगा। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति बचपन के दौरान अच्छी आदतें विकसित करता है तो उसके एक अनुशासित जीवन जीने की संभावना है। इसी तरह एक बच्चे में जब बुरी आदतें पनपने लगती है तो उसके बढ़ती उम्र के साथ वह उनका आदी होने लगता है।

बच्चा आदमी का पिता है – उपदेश

  • किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के निर्माण में माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • बच्चे अपने माता-पिता को देखते हैं और उनकी नकल करना पसंद करते हैं। माता-पिता के लिए अच्छे उदाहरण स्थापित करना भी महत्वपूर्ण है।
  • बच्चे के सही आचरण को सुनिश्चित करना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उसके जीवन का बाकी हिस्सा प्रभावित होता है।

इस नीतिवचन के अनुसार एक वयस्क के दिल के भीतर एक छोटा बच्चा रहता है जो उसका अलग-अलग स्थितियों में व्यवहार करने और प्रतिक्रिया देने के लिए मार्गदर्शन करता है।

चाइल्ड इज द फादर ऑफ मैन पर निबंध – 2 (500 शब्द)

विलियम वर्ड्सवर्थ नामक कवि द्वारा लिखित सबसे लोकप्रिय कविता ‘माई हार्ट लीप्स अप’ में से एक कहावत ‘बच्चा आदमी का पिता होता है’ है। यह कविता अभी भी व्यापक रूप से वयस्कों और बच्चों द्वारा व्यापक रूप से पढ़ी जाती है जिसका मुख्य कारण है उसमें छिपा गहरा अर्थ।

मुहावरे के अनुसार ‘बच्चा आदमी का पिता होता है’ एक आदमी का मूल स्वरूप उम्र या समय के साथ नहीं बदलता है। किसी वयस्क का व्यवहार और प्रकृति को उसके बचपन में ही विकसित किया जाता है और उस बच्चे का आचरण या व्यवहार ही आगे उस व्यक्ति की छवि का प्रतीक होता है। आदर्श रूप से एक वयस्क अपने व्यवहार, तौर-तरीकों या आदतों का ही परिणाम होता है जिसे वह अपने बचपन के दौरान विकसित करता है।

हम सभी जानते हैं कि एक बच्चा जीवन के सभी दबावों और व्यावहारिकताओं से दूर रहता है ताकि वह अपने जीवन के हर पल का आनंद ले सके। इस कहावत ‘बच्चा आदमी का पिता’ है के माध्यम से विलियम वर्ड्सवर्थ यह चित्रित करना चाहते है कि आज भी वह उसी उत्साह से इंद्रधनुष जैसी हर छोटी-छोटी चीजों का आनंद उठाते है जिस तरह वह एक बच्चे के रूप में उसका आनंद लेते थे। एक व्यस्क आदमी के रूप में कोई भी जीवन का दबाव या कठोर परिश्रम उस व्यक्ति को प्रकृति का आनंद लेने से नहीं रोक सकता जिस तरह वह बच्चे के रूप में छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेती थी। एक वयस्क के रूप में उनका व्यक्तित्व उनके बचपन में स्वयं अपनाया गया था।

यह मुहावरा दर्शाता है कि बचपन किसी व्यक्ति के जीवन में नींव अवस्था का रूप लेता है और जो भी व्यक्ति अपने बचपन में सीखता है वह तब तक उसके साथ रहता है जब तक उसका अस्तित्व धरती पर रहता है। ज्ञान, आदतें, रवैया, प्रकृति और किसी भी व्यवहार से कोई व्यक्ति जो एक वयस्क के रूप में दर्शाता है वास्तव में उसके द्वारा उसके बचपन के दौरान आत्मसात हो जाता है।

इससे बच्चे के माता-पिता के कंधे पर भी बहुत ज़्यादा ज़िम्मेदारी पड़ती है जो कि अपनी शुरुआती ज़िंदगी में अपने बच्चे को जो भी कुछ सिखाते हैं वह उस बच्चे के व्यक्तित्व पर हमेशा के लिए छाप छोड़ देते हैं। एक हँसता-खेलता बच्चा आत्मविश्वास से भरपूर और हर्षित व्यक्ति बन जाता है वहीँ एक बच्चा जो कष्टों और दुखों से गुज़रा है व्यथित व्यक्ति बन जाता है।

प्रसिद्ध मुहावरा ‘बच्चा आदमी का पिता होता है’ की बहुत अधिक व्याख्याएं हैं। बचपन में की जाने वाली गतिविधियों का बड़े पैमाने पर व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है। एक बच्चे का कोई दुश्मन नहीं होता, वह जीवन की सुख-दु:ख से दूर रहता है, मासूम होता है और हर किसी को प्यार करता है, वह हर छोटी गतिविधि में आनंद ढूंढता है, चंचल होता है। भले ही जिंदगी का दबाव और कुछ बेकाबू तथ्य जीवन के बाद के स्तर पर एक व्यक्ति को बदल सकते हैं लेकिन मनुष्य को हमेशा एक बच्चे के रूप में दिल से युवा रहना चाहिए।

इस प्रकार माता-पिता और शिक्षकों को हमेशा अपने बच्चों के साथ अपने व्यवहार के प्रति सचेत रहना चाहिए और उन्हें अच्छा पालन-पोषण करना चाहिए। उन्हें हमेशा इस तरह से बच्चे को शिक्षित और विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि वह सकारात्मक और खुशहाल व्यक्ति बन सकें जो समाज में बड़े पैमाने पर काम कर सके।

निबंध – 3 (600 शब्द)

विख्यात कविता ‘माई हार्ट लीप्स अप’ के माध्यम से विलियम वर्डवर्थवर्थ ने ‘बच्चा आदमी का पिता होता है’ के मुहावरे की रचना की थी। इस पंक्ति के माध्यम से कवि यह कहने की कोशिश करता है कि मनुष्य का मूल स्वरूप उसके बचपन में ही विकसित हो जाता है। जब वह बच्चा था तो वह प्रकृति का आनंद लेता था और जब वह वयस्क के रूप में बड़ा हो गया है तो भी वह उसी प्रकार प्रकृति का आनंद उठाता है क्योंकि प्रकृति या इंद्रधनुष का आनंद लेना उनका मूल चरित्र है जो तभी विकसित हो गया था जब वह छोटा बच्चा था।

Essay on Child is The Father of The Man in Hindi

पंक्ति के अंदर छिपे गहरे अर्थ के कारण यह कहावत और भी अत्यधिक लोकप्रिय हो गई। इसका अर्थ है कि एक व्यक्ति के मुख्य व्यक्तित्व को बचपन से विकसित किया जाता है और यह मुख्य रूप से घर के परवरिश और स्कूलों में प्राप्त शिक्षाओं पर निर्भर होता है। इस प्रकार परवरिश और शिक्षण के प्रकार पर आधारित व्यक्ति अपने जीवन के बाद के चरण में सकारात्मक या नकारात्मक व्यक्तित्व गुण विकसित करता है। इसके अलावा बच्चे के व्यवहार को देखते हुए कोई भी यह निर्धारित कर सकता है कि वह किस प्रकार का व्यक्ति हो सकता है।

यहां तक ​​कि सीखने के परिप्रेक्ष्य से जो भी सीख, शिक्षा और ज्ञान बचपन में एक बार सीख लेता है वह हमेशा के लिए उस व्यक्ति के साथ रहता है। एक बच्चे को वयस्क के लिए सीख का स्रोत माना जाता है। बच्चा मासूम होता है और जिंदगी के जोश से भरा हुआ होता है लेकिन जब वह एक आदमी के रूप में बड़ा होता है तो वह विभिन्न जिम्मेदारियों और कठिनाइयों के कारण आकर्षण और निर्दोषता खो देता है लेकिन कवि ने बचपन के आकर्षण को नहीं खोया। वह इंद्रधनुष का आनंद उठाते हुए भी बड़ा हो गया। इसी तरह प्रत्येक व्यक्ति को सीमाओं के बिना जीवन का आनंद लेना चाहिए जैसे एक बच्चा बिना किसी दबाव की तरह काम करता है।

जिस तरह सुबह दिन का आधार है उसी तरह बचपन एक व्यक्ति के समग्र व्यक्तित्व और चरित्र का आधार है। बचपन की गतिविधियाँ उस व्यक्ति की आदतों और प्रदर्शन को प्रभावित करता है। यदि कोई बच्चा स्वस्थ वातावरण में जीता है और प्रेरक और हर्षित लोगों के बीच बढ़ता है तो वह निश्चित रूप से एक खुश और आश्वस्त व्यक्ति बनने वाला है और अगर कोई बच्चा एक अराजक माहौल में बढ़ा होता है तो उसमें एक विद्रोही होने के संकेत दिखाई देंगे।

यही कारण है कि ऐसा कहा गया है कि बच्चा आदमी का पिता होता है। यह माता-पिता और शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने कार्यों और शब्दों से बच्चों को प्रेरित करें और बच्चों को शुरुआत से ही अच्छी आदतें सीखने के लिए प्रोत्साहित करें क्योंकि बच्चे तेजी से सीखते हैं और उनका ज्ञान उनके जीवनकाल के लिए उनके साथ रहता है। एक व्यक्ति न केवल अपने आचरण के लिए ज़िम्मेदार है बल्कि उसके संचालन और व्यवहार समाज को भी प्रतिबिंबित करता है इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि बच्चे को अच्छे नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया जाए और अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित किया जाए। बच्चे जब बढ़े हो जाते हैं तो वह दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर स्थान बना सकते हैं।

कुछ लोग बचपन के दौरान स्वस्थ देखभाल और आनंदमय यादें होने के बावजूद एक गंभीर और शांत व्यक्ति बन जाते हैं। प्रकृति, इंद्रधनुष, तितिलियाँ, पक्षियों आदि जैसे हर छोटी चीजों का आनंद लेने में कोई हानि नहीं है क्योंकि वे न केवल आपका बिना कुछ खर्च किए मनोरंजन करती हैं बल्कि वे आपकी मासूमियत और बचपन को भी बनाए रखती हैं। एक आदमी को हमेशा याद रखना चाहिए कि उनका व्यक्तित्व हमेशा उनके बचपन को चित्रित करता है।

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Leave a comment.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

essay man meaning in hindi

  • Cast & crew

Nicole Kidman and Harris Dickinson in Babygirl (2024)

A high-powered CEO puts her career and family on the line when she begins a torrid affair with her much younger intern. A high-powered CEO puts her career and family on the line when she begins a torrid affair with her much younger intern. A high-powered CEO puts her career and family on the line when she begins a torrid affair with her much younger intern.

  • Halina Reijn
  • Nicole Kidman
  • Harris Dickinson
  • Antonio Banderas
  • 1 nomination

Nicole Kidman and Harris Dickinson in Babygirl (2024)

Top cast 38

Nicole Kidman

  • All cast & crew
  • Production, box office & more at IMDbPro

More like this

Blitz

2024 Venice Film Festival Guide

Poster

  • December 25, 2024 (United States)
  • United States
  • Netherlands
  • New York City, New York, USA (street scenes)
  • Man Up Film
  • See more company credits at IMDbPro

Technical specs

  • Runtime 1 hour 54 minutes

Related news

Contribute to this page.

Nicole Kidman and Harris Dickinson in Babygirl (2024)

  • See more gaps
  • Learn more about contributing

More to explore

Recently viewed.

essay man meaning in hindi

IMAGES

  1. मनुष्य पर निबंध

    essay man meaning in hindi

  2. Man meaning in Hindi

    essay man meaning in hindi

  3. "man" Meaning in Hindi

    essay man meaning in hindi

  4. Practice makes a man perfect essay in hindi. करत. 2022-10-19

    essay man meaning in hindi

  5. ESSAY IN HINDI

    essay man meaning in hindi

  6. Man meaning in hindi || man ka matlab kya hota hai || English to Hindi word meaning

    essay man meaning in hindi

COMMENTS

  1. Google Translate

    Google's service, offered free of charge, instantly translates words, phrases, and web pages between English and over 100 other languages.

  2. मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध

    essay on It is the Mind which Wins and Defeats' in Hindi language यहाँ आपकों एक कहानी के जरिये मन के हारे हार है मन के जीते जीत का अर्थ समझाने का प्रयत्न करते हैं.

  3. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत निबंध (पंक्ति का अर्थ, लघु कहानी)

    Essay on 'Man Ke Haare Haar, Man ke Jeete Jeet' निबंध - 'मन के हारे हार है, मन के जीते जीत' पंक्ति पर निबंध जिसमें आप कहानी के माध्यम से इसे ... अर्थ India's Traffic Rules Signs with meaning in Hindi.

  4. मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध

    मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध - Essay On It is the Mind which Wins and Defeats" in Hindi रूपरेखा- प्रस्तावना, उक्ति का आशय, मन की दृढ़ता के कुछ उदाहरण,

  5. Hindi Essay (Hindi Nibandh)

    आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi) सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi) बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध - (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)

  6. Free English to Hindi Translation Tool

    Free English to Hindi translator with audio. Translate words, phrases and sentences.

  7. हिंदी में निबंध (Essay in Hindi/ Hindi me Nibandh)

    हिंदी में निबंध (Essay in Hindi): छात्र जीवन में निबंध लेखन की बहुत बड़ी भूमिका होती है, अक्सर विद्यालयों और अन्य अवसरों पर हिंदी में निबंध (Essay in Hindi) लिखने की ...

  8. हिंदी निबंध (Hindi Nibandh / Essay in Hindi)

    हिंदी निबंध (Hindi Nibandh/ Essay in Hindi) - हिंदी निबंध की तैयारी उम्दा होने पर न केवल ज्ञान का दायरा विकसित होता है बल्कि छात्र परीक्षा में हिंदी निबंध में अच्छे अंक ला ...

  9. Essay meaning in Hindi

    Essay meaning in Hindi : Get meaning and translation of Essay in Hindi language with grammar,antonyms,synonyms and sentence usages by ShabdKhoj. Know answer of question : what is meaning of Essay in Hindi? Essay ka matalab hindi me kya hai (Essay का हिंदी में मतलब ). Essay meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is निबंध.English ...

  10. Essay- Meaning in Hindi

    Definition of Essay. an analytic or interpretive literary composition. a tentative attempt. make an effort or attempt; "He tried to shake off his fears"; "The infant had essayed a few wobbly steps"; "The police attempted to stop the thief"; "He sought to improve himself"; "She always seeks to do good in the world".

  11. मन के हारे हार मन के जीते जीत पर निबंध for Class 6, 7, 8, 9, 10

    Essay in Hindi - The Defeat of the mind, the Victory of the Heart for Class 6 - 10 Class Students. जिंदगी में हार जीत तो चलती रहती है। मगर वह व्यक्ति जो हारने से पहले ही मन में हार जाता है वह ...

  12. नर हो न निराश करो मन को पर निबंध

    नर हो न निराश करो मन को पर निबंध - Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Par Nibandh. अपने अनुकूल घटित होने की सोच आशा है। आशा को जीवन का आधार कहा गया है। भविष्य में सब ...

  13. ‎हिन्दी निबंध

    ये सारे ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति ...

  14. ESSAY

    ESSAY translate: निबंध, किसी विषय पर छात्रों द्वारा लिखा गया एक लेख. Learn more in the Cambridge English-Hindi Dictionary.

  15. अभ्यास व्यक्ति को पूर्ण बनाता है पर निबंध

    अभ्यास व्यक्ति को पूर्ण बनाता है पर निबंध (Practice Makes a Man Perfect Essay in Hindi) अभ्यास एक व्यक्ति के लिए किसी भी चीज को संभव बना सकता है। एक व्यक्ति ...

  16. भारत का राष्ट्रगान (जन गण मन)

    भारत का राष्ट्रगान - जानिए जन गण मन के बारे में, जन गन मन गीत, जन गण मन का अर्थ तथा राष्ट्रगान का इतिहास इत्यादि। National Anthem of India in Hindi.

  17. मनुष्य और पर्यावरण पर निबंध

    मनुष्य और पर्यावरण पर निबंध | Essay on Man and the Environment in Hindi! Essay # 1. मानव तथा पर्यावरण का परिचय (Introduction to Man and the Environment): भूगोल में प्रायः मानव तथा पर्यावरण के पारस्परिक संबंध का ...

  18. वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे (निबंध)

    वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे (निबंध) | Essay on Man is he who Die for Others in Hindi! 'बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय' के आदर्श वाक्य में भारतीय संस्कृति की मानवमात्र के कल्याण की ...

  19. वसुधैव कुटुंबकम् निबंध हिंदी में (Vasudhaiva Kutumbakam Essay)

    वसुधैव कुटुंबकम् पर निबंध (Vasudhaiva Kutumbakam Essay) - वसुधैव कुटुंबकम् भारतीय जीवन दर्शन का सार वाक्य है। हर भारतीय इस पर गर्व करता है। विश्व बंधुत्व की भावना को ...

  20. ईमानदारी पर निबंध, ईमानदारी का फल: honesty essay in hindi, meaning

    ईमानदारी पर निबंध, honesty essay in hindi (100 शब्द) ईमानदारी का अर्थ है जीवन के सभी पहलुओं में एक व्यक्ति को सच्चा होना। इसमें किसी को झूठ नहीं बताना, बुरी आदतों ...

  21. अभ्यास मनुष्य को परिपूर्ण बनाता है

    अभ्यास मनुष्य को परिपूर्ण बनाता है - जानिए कहावत का अर्थ, उदाहरण, उत्पत्ति, विस्तार, और महत्त्व। Practice Makes A Man Perfect - Know proverb Meaning, Expansion of idea, Stories, Examples, and Importance in Hindi.

  22. ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोय पर निबंध Aisi vani boliye man ka aapa

    Aisi vani boliye man ka aapa khoye essay in hindi. प्रस्तावना- ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए इसका अर्थ है कि हमें ऐसी भाषा बोलनी चाहिए जिससे किसी का आघात ना हो।. दरअसल ...

  23. Kolkata doctor's rape case: Parents remember daughter who was ...

    The doctor's death has sparked a nation-wide conversation on violence against women in India The rape and murder of a trainee doctor in India's Kolkata city earlier this month has sparked ...

  24. As a Teenager in Europe, I Went to Nudist Beaches All the Time. 30

    Indeed, I felt the same way. My relationship with toplessness was part of a very democratic cultural status quo. If every woman on the beaches of the Mediterranean—from the sexy girls tanning on ...

  25. Kamala Harris is tapping into the Black Joy movement

    Consider this quote by a Black man born into slavery as described in the book, "Black Joy." "Others have said I laugh loudly and often. This too is true," the man says.

  26. बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध

    बच्चा आदमी का पिता होता है पर निबंध (Child is the Father of the Man Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / July 31, 2023. मुहावरा "बच्चा मनुष्य का पिता होता है" का अर्थ है कि ...

  27. Babygirl (2024)

    Babygirl: Directed by Halina Reijn. With Nicole Kidman, Harris Dickinson, Antonio Banderas, Sophie Wilde. A high-powered CEO puts her career and family on the line when she begins a torrid affair with her much younger intern.