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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध (Abdul Kalam Essay in Hindi)

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जनसाधारण में डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के रुप में जाने जाते हैं। वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा जावित रहेंगे। वास्तव में वो एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने बहुत सारे आविष्कार किये। वो भारत के एक पूर्व राष्ट्रपति थे जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 में हुआ (रामेश्वरम्, तमिलनाडु, भारत) और 27 जुलाई 2015 में निधन हुआ था (शिलांग, मेघालय, भारत)। देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में विद्यार्थियों को बताने के लिये हम यहाँ पर बेहद सरल और आसान भाषा में विभिन्न शब्द सीमाओं में कुछ निबंध उपलब्ध करा रहें हैं।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on APJ Abdul Kalam, Abdul Kalam par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध पायें:

निबंध 1 (250 – 300 शब्द)

भारत के मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उन्हें जनता का राष्ट्रपति कहा जाता था।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

उन्होंने 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन और 1960 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉज़ी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कीपढ़ाई पूरी की।डॉ कलाम ने बहुत सारी किताबें लिखी जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नीइटेड माइन्ड्स, टारगेट्स 3 बिलीयन इन 2011, टर्निमग प्वॉइंट्स, माई जर्नी आदि।

संघर्ष और सफलता

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका।वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।भारत सरकार में एक वैज्ञानिक सलाहकार के रुप में, साथ ही साथ इसरो और डीआरडीओ में अपने योगदान के लिये 1981 में पदम् भूषण और 1990 में पदम् विभूषण से भी सम्मानित किया गया।

भारत देश को सदा ही एपीजे अब्दुल कलाम पर गर्व रहेगा। उनका जीवन देश के युवाओं को कठोर परिश्रम और देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा।वो भारतीय लोगों के दिलों में “जनता के राष्ट्रपति” और “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में हमेशा विराजमान रहेंगे।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on Abdul Kalam in Hindi

निबंध 2 (300 शब्द)

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के रुप में भारतीय इतिहास में वो प्रकाशमान सितारे हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। डॉ कलाम का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण था हालांकि भारत की नयी पीढ़ी के लिये वो प्रेरणा स्वरुप हैं। वो ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक विकसित देश बनाने का सपना देखा था। जिसके लिये उन्होंने कहा कि “आपके सपने के सच हो सकने के पहले आपको सपना देखना है”। एक वैमानिकी इंजीनियर होने के अपने सपने को पूरा करने के लिये जहाज में उनकी विशाल इच्छा ने उन्हें सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई को नहीं रोका। डॉ कलाम ने तिरुचिरापल्ली में सेंट ज़ोसेफ़ से विज्ञान में ग्रेजुएशन और 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रुप में उन्होंने डीआरडीओ ज्वॉइन किया जहाँ उनकी अगुवाई में एक छोटी टीम, एक हावरक्राफ्ट के विकास में लगी थी। हावरक्राफ्ट कार्यक्रम से उत्साहजनक परिणाम की कमी के कारण, उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ज्वॉइन कर लिया। वो पूरे भारत भर में “भारत के मिसाइल मैन” के रुप में जाने जाते हैं क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया है। देश में रक्षा टेक्नोलॉजी के विकास के पीछे वो संचालक शक्ति थे। उनके महान योगदान ने देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में खड़ा होने का मौका दिया।

वो एक ख्यातिप्राप्त वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने वर्ष 2002 से 2007 तक देश के राष्ट्रपति के रुप में भी देश की सेवा की है। 1998 के पोखरन-द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी थी। वो दूरदर्शिता पूर्ण विचारों से युक्त व्यक्ति थे जिसने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य देखा। “भारत 2020” के शीर्षक की अपनी किताब में उन्होंने देश के विकास बारे में कार्य योजना को स्पष्ट किया। उनके अनुसार, देश की असली संपत्ति युवा है इसी वजह से वो हमेशा उनको प्रोत्साहित और प्रेरित करते रहें हैं। वो कहते थे कि “राष्ट्र को नेतृत्व में आदर्श की जरुरत है जो युवाओं को प्रेरित कर सकें”।

निबंध 3 (400 शब्द)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे जिसने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

उनका व्यवसाय और योगदान

15 अक्टूबर 1931 को जैनुल्लाब्दीन और आशियम्मा के घर में डॉ कलाम का जन्म हुआ। उनके परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी जिसके कारण इन्होंने बहुत कम उम्र में ही आर्थिक सहायता देने के लिये काम करना शुरु कर दिया था। हालांकि अपने काम करने के दौरान इन्होंने कभी-भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। 1954 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ़ कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन और मद्रास इंस्टीट्यूट से वैमानिकी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के बाद कलाम एक मुख्य वैज्ञानिक के रुप में डीआरडीओ से जुड़ गये हालांकि बहुत जल्द ही ये भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र के प्रोजेक्ट निर्देशक के रुप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में विस्थापित हो गये। डॉ कलाम ने गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रुप में भी कार्य किया जिसमें मिसाइलों के एक कंपन के एक साथ होने वाले विकास शामिल थे।

डॉ कलाम वर्ष 1992 से वर्ष 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी बने। पोखरन द्वितीय परमाणु परीक्षण के लिये मुख्य प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर के रुप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाने लगा। वो पहले ऐसे वैज्ञानिक थे जो बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के वर्ष 2002 से 2007 वर्ष तक भारत के राष्ट्रपति थे।

उन्होंने बहुत सारी प्रेरणादायक किताबें लिखी जैसे “इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइन्ड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क, इंस्पायरिंग थॉट्स” आदि। डॉ कलाम ने देश में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये “वॉट कैन आई गिव मूवमेंट” नाम से युवाओं के लिये एक मिशन की शुरुआत की। देश (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद और इंदौर, आदि) के विभिन्न इंस्टीट्यूट और विश्वविद्यालयों में उन्होंने अतिथि प्रोफेसर के रुप में अपनी सेवा दी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी तिरुअनन्तपुरम् में चांसलर के रुप में, जेएसएस यूनिवर्सिटी (मैसूर), एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ऐट अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) आदि। उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मान से नवाज़ा गया जैसे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी अवार्ड, वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवार्ड आदि।

Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

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  • डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें

Updated On: September 02, 2024 06:22 pm IST

  • एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ …
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi) - ऐसे तैयार करें

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on APJ Abdul Kalam) - 100 से 500 शब्दों में

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (essay on apj abdul kalam) - देश के प्रति योगदान, are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.

Say goodbye to confusion and hello to a bright future!

वर्ष 27 जुलाई 2015 को कलाम "क्रिएटिंग ए लिवएबल प्लैनेट अर्थ" विषय पर व्याख्यान देने के लिए आईआईएम शिलांग गए थे। शाम करीब 6:35 बजे व्याख्यान के दौरान ही हृदयाघात हुआ जिसने मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम को हमसे छीन लिया।

बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय के हिंदू गुरु प्रमुख स्वामी जो को कलाम अपना परम आध्यात्मिक शिक्षक और गुरु मानते थे।

एपीजे अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020, इग्नाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द ल्यूमिनस स्पार्क्स, इंस्पायरिंग थॉट्स आदि पुस्तकें लिखीं।

एपीजे अब्दुल कलाम ने 25 जुलाई, 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया। 25 जुलाई, 2007 तक अब्दुल कलाम ने इस पद को सुशोभित किया।

एपीजे अब्दुल कलाम की मां नाम आशियम्मा और पिता का जैनुअलब्दीन है। कलाम अपने माता-पिता की पांचवी संतान थे। ये अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हिंदुओं के प्रसिद्ध तीर्थस्थल रामेश्वर के पंबन द्वीप पर हुआ। वर्तमान में यह जगह तमिलनाडु राज्य में है लेकिन उस समय मद्रास प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करती थी।

एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम जिले में हुआ था।

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जीवन - डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की पढ़ाई - राष्ट्र के विकास में योगदान - पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ - निष्कर्ष।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक महान भारतीय वैज्ञानिक थे। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था। वे मिसाइल मैन और राष्ट्रपति के रूप में भारतीय इतिहास में एक चमकते सितारे रहे हैं। उन्होंने भारत के 11वें राष्ट्रपति के रुप में वर्ष 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति थे क्योंकि एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति के रुप में देश के लिये उन्होंने बहुत बड़ा योगदान दिया था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं। वह एक ऐसा व्यक्ति था जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। ‘इसरो’ के लिये दिया गया उनका योगदान अविस्मरणीय है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार बहुत गरीब था। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए पैसे कमाने हेतु कठिन परिश्रम करना पड़ता था। उन्होंने संत जोसेफ स्कूल में अध्ययन किया और 'मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी' से इंजीनियरिंग की। डॉ. कलाम अपनी बाल्यावस्था से ही एक बहुत मेधावी छात्र थे।

उड़ान में उनकी अत्यधिक रुचि ने उन्हें वैमानिकी इंजीनियरिंग के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बनाया। एक गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा कभी नहीं रोकी। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज। वह वर्ष 1958 में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में DRDO में शामिल हुए और एक प्रोटोटाइप होवरक्राफ्ट विकसित करने के लिए छोटी टीम का नेतृत्व किया।

डॉ. कलाम ने अनेक तरह से देश की सेवा की। उन्होंने सुरक्षाशोध एवं विकास-संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष शोध-संस्थान में विभिन्न पदों को सफलतापूर्वक सँभाला। इसरो में वे एस. एल. वी. परियोजना के अनुदेशक थे। इस परियोजना के तहत अभी तक कई प्रक्षेपास्त्रों को प्रक्षेपित किया गया है। बहुत सारे प्रोजेक्ट को उनके द्वारा नेतृत्व किया गया जैसे रोहिणी-1 का लाँच, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलिएंट, मिसाइलों का विकास (अग्नि और पृथ्वी) आदि। भारत की परमाणु शक्ति को सुधारने में उनके महान योगदान के लिये उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा जाता है। अपने समर्पित कार्यों के लिये उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया। भारत के राष्ट्रपति के रुप में अपने कार्यकाल के पूरा होने के उपरान्त, डॉ कलाम ने विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्रोफेसर के रुप में देश की सेवा की।

1982 ई. में शोध एवं विकास-संगठन, हैदराबाद से वे निदेशक के रूप में जुड़े। उन्होंने एकीकृत नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया। उन्होंने विभिन्न प्रक्षेपास्त्रों, जैसे—अग्नि, आकाश, पृथ्वी, नाग, त्रिशूल आदि के प्रक्षेपण-परियोजना का नेतृत्व किया। भारत-जैसे देश के लिए यह कोई आसान कार्य नहीं था। किंतु, डॉ. कलाम ने कभी उम्मीदें नहीं छोड़ी। वे अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहे। इसके बाद, उन्होंने सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में सेवा की।

डॉ. कलाम बहुत ही सामान्य व्यक्ति थे। उन्हें अध्ययन से प्रेम था। वे शास्त्रीय संगीत और कविताएँ लिखना भी पसंद करते थे। वे बच्चों और युवा छात्रों को प्रोत्साहित किया करते थे। वे भारत को पूर्णतया विकसित देश के रूप में देखना चाहते थे। वे बुद्धिमान् होने के साथ-ही विनम्र थे।

डॉ. कलाम को देश के प्रति अनुपम योगदान के लिए भारत रत्न' प्राप्त हुआ। २७ जुलाई २०१५ को उनकी मृत्यु शिलांग में हो गई। यह देश के लिए भारी क्षति थी। हमलोग उनके योगदान और प्रयासों को कभी नहीं भूल सकते। उनके जादुई उद्धरण हमें देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने हेतु सदा प्रोत्साहित करते रहेंगे।

Nibandh Category

  • गर्भधारण की योजना व तैयारी
  • गर्भधारण का प्रयास
  • प्रजनन क्षमता (फर्टिलिटी)
  • बंध्यता (इनफर्टिलिटी)
  • गर्भावस्था सप्ताह दर सप्ताह
  • प्रसवपूर्व देखभाल
  • संकेत व लक्षण
  • जटिलताएं (कॉम्प्लीकेशन्स)
  • प्रसवोत्तर देखभाल
  • महीने दर महीने विकास
  • शिशु की देखभाल
  • बचाव व सुरक्षा
  • शिशु की नींद
  • शिशु के नाम
  • आहार व पोषण
  • खेल व गतिविधियां
  • व्यवहार व अनुशासन
  • बच्चों की कहानियां
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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (APJ Abdul Kalam Essay In Hindi)

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अब्दुल कलाम पर 10 लाइन (10 Lines On APJ Abdul Kalam In Hindi)

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  • आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ऐसी शख्सियत बहुत कम होती है जिनके होने से देश को उन पर गर्व हो , लेकिन कुछ लोगों के लिए देश प्रेम और उसका सबसे ऊपर होता है। जिस महान व्यक्तित्व की हम बात कर रहे हैं वो है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम। इनका पूरा नाम ‘ अवुल पकिर जैनुलाबदीन ‘ अब्दुल कलाम है। अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम , तमिलनाडु में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबुद्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। भारत के लोगों के दिलों में उनकी पहचान हमेशा से ‘ जनता के राष्ट्रपति ‘ और ‘ मिसाइल मैन ‘ के नाम से बनी हुई है। कलाम एक बेहद प्रतिष्ठित वैज्ञानिक थे , जिन्होंने कई तरह के आविष्कार किए हैं। इनका इसरो (ISRO) में बेहतरीन योगदान रहा है और इन्होंने कई तरह की मिसाइल का विकास भी किया था। सबसे प्रसिद्ध मिसाइल ‘ पृथ्वी ‘ और ‘ अग्नि ‘ के विकास में इन्होने अहम भूमिका निभाई थी। इनके इस योगदान की वजह से भारत सरकार द्वारा उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक के रूप में सम्मानित किया गया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे आप कैसे निबंध लिखें यह जाने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

एपीजे अब्दुल कलाम बहुत सरल स्वभाव के जमीन से जुड़े व्यक्ति थे। यह दुनिया भर में युवाओं के लिए प्रेरणा थे और हैं। आप हिंदी में एपीजे अब्दुल कलाम पर शॉर्ट नोट के तौर नीचे दी गए 10 आसान वाक्य से उनके बारे में जान सकते हैं।

  • अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुलाब्दीन’ अब्दुल कलाम आजाद है।
  • इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 तमिल नाडु में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था
  • इन्होंने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन किया।
  • इन्हें भारत का ‘ मिसाइल मैन ‘ कहा जाता है।
  • कलाम एक अच्छे लेखक थे।
  • कलाम एयरोनॉटिकल इंजीनियर भी थे।
  • अब्दुल कलाम 2002 में देश के 11 वें राष्ट्रपति बने थे।
  • इन्हें भारत रत्न , पद्म विभूषण , पद्म भूषण आदि जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
  • 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने से इनकी मृत्यु हो गई।

स्कूल में अक्सर बच्चों ऐसे लोगों निबंध लिखने को खा जाता है , हमारे लिए प्रेरणा है और देश लिए गर्व। बच्चे अगर इन्हे अपना आदर्श मानेगे तो कल वो खुद भी देश कुछ कर सकेंगे। नीचे दिया गया एपीजे अब्दुल कलाम पर हिंदी में पैराग्राफ उनके बारे में बच्चों को काफी कुछ जानकारी दे सकता है और उन्हें एक अच्छा लेख लिखने में मदद कर सकता है।

डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों में से एक माना जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले उनका नाम एक वैज्ञानिक के तौर पर काफी प्रसिद्ध था। इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलबिद्दीन मरकयार और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम बहुत गरीब परिवार से आते थे और अपने पिता की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वे स्टेशन पर अखबार बेचते थे। इनका बचपन से ही पढ़ाई के प्रति अधिक रुझान था। 25 जुलाई 2002 में वह भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल उन्होंने साल 2002 से 2007 तक संभाला था। अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद कलाम ने ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीओ ‘ जैसे बड़े सरकारी विभाग में कई प्रमुख पदों पर काम किया था। इसके बाद भारत सरकार ने कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का पद नियुक्त किया था। भारत के लोगों ने उन्हें एक महान राष्ट्रपति होने का दर्जा दिया था। कलाम हमेशा से ही बच्चों और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे , हैं और रहेंगे। उन्होंने हमेशा बच्चों को नया सीखने और अपने अंदर की कला तलाशने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया। डॉ कलाम आज भी भारत की जनता के दिलों में एक महान राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के रूप में बसते हैं। 27 जुलाई 2015 में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में अपने लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा , जिसकी वजह से उनका निधन हो गया।

Short Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। युवाओं के लिए कलाम किसी प्रेरणा से कम नहीं थे , शायद यही वजह थी वह उनके लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। डॉ कलाम एक प्रख्यात वैज्ञानिक थे , जिन्होंने भारत सरकार की नामी संस्था जैसे ‘ इसरो ‘ और ‘ डीआरडीडो ‘ के साथ कार्य किया था। इन्होंने देश के लिए कई मिसाइल बनाई है , जिसमे सबसे लोकप्रिय ‘ अग्नि ‘ और ‘ पृथ्वी ‘ थीं। काम को लेकर इनकी इस लगन और देश के लिए किए गए कई योगदानों की वजह से भारत सरकार ने इन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से भी नवाजा है। भारत के वैज्ञानिक विकास में इनका योगदान काबिले तारीफ है।

एपीजे अब्दुल कलाम का शुरूआती जीवन और बचपन (Early Life and Childhood of APJ Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। कलाम जी के पिता का नाम जैनुलाब्दीन था जो कि एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थें और उनकी माता का नाम आशियम्मा था। कलाम के 4 भाई – बहन थे , जिनमें वह सबसे छोटे थें। इनका बचपन बहुत ही कठिनाई में बिता है क्योंकि यह एक गरीब परिवार से थें। घर के खर्चों और अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जमा करने के लिए कलाम जी ने अखबार बेचने का काम भी किया था। बचपन में वह पढ़ाई में एक औसत छात्र थे , लेकिन इनके अंदर कुछ नया सीखने और बड़ा कर दिखाने की ललक हमेशा से थी। इनकी इस लगन को देखते हुए इनके शिक्षक भी उन्हें पसंद करते थे। यह पढ़ाई करने में बहुत समय बिताते थें , खासकर की गणित में क्योंकि यह उनका पसंदीदा विषय था। इनकी शुरूआती शिक्षा रामनाथपुरम के श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल में हुई , जिसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में पढ़ाई की। वहां से उन्होंने 1954 में भौतिकी ( फिजिक्स ) विषय में स्नातक किया। इसके बाद साल 1960 में अपनी एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाखिला लिया था।

अब्दुल कलाम का वैज्ञानिक करियर (Scientific career of Abdul Kalam)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने बाद डीआरडीओ ( रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ) में एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करने लगे थें। इस बीच इन्होने प्रसिद्ध वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया था। साल 1969 में डॉ कलाम डीआरडीओ को छोड़कर इसरो (ISRO) में शामिल हो गए। इसरो में इनको प्रोजेक्ट डायरेक्टर का पद दिया गया था। इसी पद पर काम करते समय साल 1980 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट ( रोहिणी ) पृथ्वी के ऑर्बिट पर स्थापित किया था। इसरो में शमिल होने के बाद डॉ कलाम बेहद खुश थें क्योंकि उनका मानना था कि जिस उद्देश्य से वह अपना जीवन जी रहे हैं , वह अब थोड़ा – थोड़ा कर के पूरा हो रहा है। साल 1963-64 में अब्दुल कलाम ने अमेरिकी संस्था नासा (NASA) में भी दौरा किया। भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने पहले परमाणु परिक्षण में डॉ कलाम को बुलाया था। ऐसे करते करते वह देश के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक के तौर पर उभर कर सबके सामने आने लगे।

एपीजे अब्दुल कलाम का राजनीतिक जीवन (Political Life of APJ Abdul Kalam)

राजनीती में आने से पहले ही डॉ कलाम देश में अपने कार्यों से मशहूर थें। पहली बार जून 2002 में रूलिंग पार्टी एनडीए ( राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ) ने कलाम का नाम भारत के राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। कलाम की इस उम्मीदवारी को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन भी मिला था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति के . आर . नारायणन ने डॉ कलाम के लिए जगह बनाने के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। कलाम के विपरीत सिर्फ एक विरोधी लक्ष्मी सहगल थीं। लेकिन कलाम जी की कौशलता और लोकप्रियता के कारण यह चुनाव एक तरफा रहा जिसमे कलाम की विजय हुई। 25 जुलाई 2002 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली और वह देश के 11 वें राष्ट्रपति बने।

एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार ( APJ Abdul Kalam Awards)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं , उनकी इस काबिलियत को समझते हुए उन्हें कई पुरस्कार और उपलब्धियों से नवाजा गया है। भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार ये रहें –

  • पद्म भूषण (1981)
  • पद्म विभूषण (1990)
  • भारत रत्न (1997)
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार (1997)
  • वीर सावरकर (1998)

एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु (Death Of APJ Abdul Kalam)

27 जुलाई 2015 को डॉ कलाम ने शिलांग के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में 84 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली। कॉलेज में अपने लेक्चर के दौरान डॉ कलाम को दिल का दौरा पड़ा और वह वहीँ बेहोश हो गए। अस्पताल ले जाने के कुछ समय बाद ही उनकी मृत्यु हो गयी। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामेश्वरम में 30 जुलाई 2015 को हुआ था। इस में देश के प्रधानमंत्री और कई जाने – माने मंत्री आदि शामिल हुए थे।

  • डॉ अब्दुल कलाम ने कभी भी शादी नहीं की थी।
  • कलाम को 40 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।
  • पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण में कलाम का अहम योगदान था।
  • मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद डॉ कलाम शाकाहारी थे।
  • यह भारत के पहले अविवाहित राष्ट्रपति बने थे।
  • इनसे प्रेरित होकर साल 2011 में ‘ आई एम कलाम ‘ नाम की फिल्म रिलीज हुई थी।
  • इनके अंतिम संस्कार में लगभग साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे।

आपका बच्चा क्या सीखेगा एपीजे अब्दुल कलाम निबंध से ? (What Will Your Child Learn From APJ Abdul Kalam Essay?)

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम एक प्रख्यात और प्रतिभा से भरे वैज्ञानिक और बेहतरीन राजनीतिज्ञ थे , जो हमेशा से भारत के विकास के बारें में सोचते थे। भारत के वैज्ञानिक विभाग में इनका योगदान बेमिसाल रहा है। डॉ कलाम बच्चों को बहुत पसंद करते थें और उन्हें हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित भी किया करते थे। बच्चे भी इन्हें अपना आदर्श मानते थें , हैं और रहेंगे। ऐसे में डॉ कलाम के इस निबंध से बच्चे और भी ज्यादा प्रेरित होंगे और उनके जैसा बनने का प्रयास करेंगे। हमारे देश के इस प्रतिभाशाली पुरुष के बारें में हर किसी को ज्ञान होना जरूरी।

1. डॉ कलाम द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा का क्या नाम है ?

डॉ कलाम की आत्मकथा का नाम ‘ विंग्स ऑफ फायर ‘ है।

2. मृत्यु के दौरान कलाम ने कौन सा व्याख्यान दिया था ?

डॉ कलाम द्वारा उनकी मृत्यु के दिन दिया गया व्याख्यान ‘ क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लैनेट अर्थ ‘ था।

3. एपीजे अब्दुल कलाम ने कौनसा ई – पेपर लॉन्च किया था ?

कलाम ने ‘ बिलियन बीट्स ‘ नाम का ई – पेपर का नाम लॉन्च किया था।

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APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Biography in Hindi: अब्दुल कलाम का जीवन परिचय (Essay) जीवनी

Missile Man के नाम से सुप्रसिद्ध Dr. APJ Abdul Kalam Biography in Hindi के इस विशेष लेख में हम ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन परिचय, बचपन, शिक्षा, वैज्ञानिक करियर, राष्ट्रपति जीवनी के बारे में विस्तार से बात करेंगे। अक्सर आपके स्कूल/कॉलेज में APJ Abdul Kalam Essay in Hindi लिखने को भी कहा जाता है, तो आप इस लेख को निबंध के तौर पर भी लिख सकते हैं।

विश्व के जाने-माने वैज्ञानिकों में माने जाने वाले डॉ. ए. पी. जे. कलाम का नाम विश्वभर में आदर के साथ लिया जाता है। डॉ. कलाम को भारतीय प्रक्षेपास्त्र के पितामह के रूप में भी जाना जाता है। प्रक्षेपास्त्र और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का नाम विश्व मानचित्र पर अंकित कराने का श्रेय डॉ. कलाम को ही जाता है।

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APJ Abdul Kalam Biography in Hindi

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम ज़िले के धनुषकोडि गाँव के एक मछुवारे परिवार में 15 अक्टूबर, 1931 को हुआ था। इनके पिता का नाम ज़ैनुलआबेदीन था। डॉ. कलाम का पूरा नाम अबुल पकीर ज़ैनुलआबेदीन अब्दुल कलाम है।

इनकी आरम्भिक शिक्षा रामनाथपुरम के सक्वार्ट्ज हाई स्कूल में हुई। विज्ञान में स्नातक की उपाधि तिरुची के सेंट जोसेफ कॉलेज से डॉ. कलाम ने प्राप्त की। 1954-57 में चेन्नई के मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोज़ी (MIT) से Aeronautical Engineering में इन्होंने डिप्लोमा प्राप्त किया।

1958 में DTD & P (Air) में बतौर वरिष्ठ सहायक वैज्ञानिक नियुक्त हुए और इसी वर्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में वरिष्ठ सहायक वैज्ञानिक नियुक्त हुए। यहाँ रहकर ही उनके नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम ने prototype hover craft का विकास किया।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

डॉ. कलाम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन 1962 में छोड़कर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़ गए। यहाँ पर 1963 से 1982 तक इन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया। इसके बाद वे Aerodynamics से जुड़े, फिर वे थुम्बा की सैटेलाइट प्रक्षेपण यान टीम के सदस्य बने और जल्द ही वे SLV के निदेशक बन गए। डॉ. अब्दुल कलाम SLV के तीन डिज़ाइन, उनके विकास तथा उनके चार परीक्षणों के प्रति उत्तरदायी रहे। इन योजना के तहत 1980 में सफलतापूर्वक रोहिणी सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया गया।

उनके इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए वर्ष 1981 में डॉ. कलाम को पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया। सन् 1982 में वे एक बार फिर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़े। इस बार वे यहाँ निदेशक पद पर आए। यहाँ आने के बाद उन्होंने Integrated Guided Missile Development Programme ( IGMDP ) को आगे बढ़ाया।

यह प्रोग्राम तत्कालीन समय का देश का सबसे सफल सैन्य अनुसंधान था। इस योजना के अंतर्गत दस वर्षों में पाँच महत्वाकांक्षी कार्यों को क्रियान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था। इनमें नाग, आकाश, पृथ्वी, त्रिशूल और अग्नि जैसे प्रक्षेपास्त्रों का विकास करना शामिल है।

Missile Man Abdul Kalam Essay in Hindi

डॉ. कलाम को उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए समय-समय पर सम्मानित भी किया जाता रहा। इस क्रम में उन्हें भारतीय रक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने के लिए 25 नवम्बर, 1997 को देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

इसी तरह 1998 में उन्हें राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गाँधी अवार्ड से सम्मानित किया गया। भारत को रक्षा क्षेत्र में पहले से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली देश बनाने का श्रेय डॉ. कलाम को ही जाता है। पोखरन में परमाणु परीक्षण की सफलता ने यह सिद्ध कर दिया कि भारत अपने दम पर किसी भी क्षेत्र व किसी भी कार्य को करने में सक्षम है।

उनकी विज्ञान क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के कारण उन्हें 25 नवम्बर, 1999 को भारत सरकार का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया। वर्ष 2001 तक वह इस पद पर रहे। 25 जुलाई, 2002 को उन्हें भारत का बारहवाँ राष्ट्रपति चुन लिया गया।

डॉ. कलाम अविवाहित थे। उन्हें शास्त्रीय संगीत से विशेष लगाव था। वे वैज्ञानिक ही नहीं एक अच्छे कवि भी थे। डॉ. कलाम द्वारा लिखित दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें ‘ India 2020 ’ तथा ‘ Wings of Fire : An Autobiography of APJ Abdul Kalam’ शमिल हैं।

Dr. APJ Abdul Kalam Wikipedia Information in Hindi

डॉ. कलाम के अथक प्रयासों से ही आज हमारा देश प्रक्षेपास्त्र के क्षेत्र में विश्व के अन्य विकसित देशों की बराबरी कर रहा है। भारतीयों के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि हमारा देश वर्तमान में अंतरिक्ष और प्रक्षेपास्त्र के क्षेत्र में लगातार नित नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। डॉ. अब्दुल कलाम दिखने व व्यवहार में साधारण और धार्मिक प्रवृत्ति के थे। सच्चे मुस्लिम होने के नाते वे नियमित रूप से नमाज़ अदा करते थे। साथ ही वे राम भक्त भी थे।

अलग-अलग प्रणालियों को एकीकृत रूप देने में डॉ. कलाम का कोई सानी नहीं है। वह अलग-अलग प्रणालियों को अपना विजन देकर एकीकृत कर हमेशा कुछ नया बनाने की क्षमता रखते थे। डॉ. कलाम में चीजों को नए तरह से इस्तेमाल करने की क्षमता भी ग़ज़ब की थी। यही कारण है कि डॉ. कलाम ने अंतरिक्ष और सामरिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नए उपकरणों का निर्माण किया।

APJ Abdul Kalam Biography in Hindi लेख यहीं तक।  युवाओं के लिए उन्होंने कहा था कि “सपने वे नहीं होते जो हम सोते हुए देखते हैं। सपने वे होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।” Dreams are not what you see in your sleep, dreams are things which do not let you sleep.

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एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

क्या आप एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Apj Abdul Kalam in Hindi) की तलाश कर रहे हैं? अगर हां तो इस लेख के बाद आपकी सारी तलाश पूरी होने वाली है।

जो कि इस लेख में हमने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के ऊपर बेहतरीन निबंध लिखा है। डॉक्टर कलाम पर निबंध परीक्षाओं में कक्षा 5 से 12 तक विभिन्न रूपों में पूछा जाता है।

Image Credit – Tulane Public Relations, CC BY 2.0 , via Wikimedia Commons

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प्रस्तावना (एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध Essay on A. P. J. Abdul Kalam in Hindi)

भारतीय इतिहास में ऐसे लाखों लोगों ने जन्म लिया है उन्होंने अपने ज्ञान व कुशलता के माध्यम से भारतवर्ष को महान बनाने में अपना अप्रतिम योगदान दिया है।

आजाद भारत में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। जब भारत को दुनिया में गरीब कह कर संबोधित किया जाता था तब मिसाइल मैन कलाम जी ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत का झंडा बुलंद किया था।

डॉ कलाम का जीवन बहुत ही साधारण स्तर का रहा। उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी धन को ज्यादा महत्व नहीं दिया। भारत को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने मिसाइल की तकनीकों का निजात किया।

जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी तथा जब वे उच्च पद पर आसीन हुए तब भी सामान्य बच्चों के बीच जाकर शिक्षा पर जोर देते रहे।

मात्र मिसाइल ही नहीं बल्कि भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कलाम को हजारों- लाखों भारतीय आदर्श की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके योगदान की भरपूर सराहना करते हैं। रॉकेट साइंटिस्ट कलाम को अपना भगवान भी मानते हैं।

और पढ़े : गांधी जयंती पर निबंध

मेरे प्रिय वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम My Favorite Scientist A. P. J. Abdul Kalam

दुनिया भर में ऐसे हजारों वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने अपने ज्ञान और खोज के माध्यम से मनुष्य के जीवन को सरल बनाया है। चाहे वह जेम्स वाट हो जिन्होंने इंजन का आविष्कार किया। चाहे वह चार्ल्स बेबेज हों जिन्होंने कंप्यूटर का आविष्कार किया।

किसी भी वैज्ञानिक की तुलना उनकी उपलब्धियों से नहीं की जाती इसलिए हर किसी का योगदान अप्रतिम होता है। 

मेरे प्रिय वैज्ञानिक डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम है क्योंकि उन्होंने ना सिर्फ मध्यम वर्ग में जन्म लेकर ऊंचाइयों तक पहुंचे बल्कि सफलता के बाद भी हजारों गरीब लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया।

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। कलाम का जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।

जहां एक तरफ भारत अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था वहीं दूसरी ओर गरीबी, बेरोजगारी और छुआछूत अपने चरम पर था। इसलिए ऐसे माहौल में योगदान तो दूर ज्ञानार्जन भी बहुत मुश्किल से हो पाता था।

कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। कलाम का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था उनके पिता जी मछुवारों को नाव किराए पर देकर घर का गुजारा करते थे इसलिए कलाम भी बेहद कम उम्र  में अपने पिताजी की सहायता करने के लिए काम करने लगे थे।

लेकिन कलाम ने इतनी मजबूरियों के बाद भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। कई बार उन्होंने जातिगत भेदभाव के कारण प्रताड़ना भी सहा लेकिन वे शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग पर डटे रहे।

उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे तथा अपने पिताजी की मदद किया करते थे।

तमाम तकलीफों के बावजूद भी कलाम ने पढ़ाई को हमेशा आगे रखा और वैमानिकी विज्ञान में अभिरुचि बनाए रखें और भारत के लिए तमाम मिसाइल का आविष्कार किया। आगे चलकर जो भारत के 11 वे राष्ट्रपति बने।

प्रारंभिक जीवन Early life of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

कलाम का जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता जी एक कट्टर मुस्लिम थे। जिसके कारण वे बचपन से ही कलाम को मस्जिद ले जाना तथा नमाज में शामिल करना शुरू कर दिए थे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू, मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे। इसलिए उन्होंने कभी भी धार्मिक भेदभाव को मन में पनपने नहीं दिया।

उनके प्रारंभिक जीवन में बड़ी कठिनाइयां आई जब विद्यालय में उनके साथ धार्मिक भेदभाव तथा अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जाने लगा।

उनका परिवार बेहद ही गरीब था उनके पिताजी चाहते थे कि कलाम पढ़ाई लिखाई छोड़ कर उनके साथ काम में हाथ बटाएं लेकिन कलाम ने कभी भी पढ़ाई नहीं छोड़ी और संघर्ष करते रहे।

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शिक्षा Education of Abdul Kalam in Hindi

मध्यम वर्ग में जन्म लेने के कारण उनके पास इतना पैसा नहीं हुआ करता था कि वे महंगी किताबें खरीद सके इसलिए वे पुस्तक की दुकान में छोटा मोटा काम कर किताबें पढ़ने के लिए मांग लेते थे।

  • डॉ कलाम कि शुरुआती पढ़ाई तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ स्कूल में हुई। शुरुआती पढ़ाई के बाद उन्होंने विज्ञान में मद्रास इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की।

उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके साथ ही वे अपने भाइयों को पढ़ाया करते थे।

पढ़ाई में तेज होने के कारण वह पूरे कॉलेज में पसंद किए जाने लगे थे। उनकी तीव्र बुद्धि के आगे अंग्रेज प्रोफेसर भी आश्चर्यचकित रह जाते थे।

प्रारंभिक कैरियर Starting Carrier of A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

डॉ कलाम ने अच्छे नंबरों से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में वे एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ से जुड़े ।

उनकी अगुवाई में कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में जरूरी दिशा निर्देशन प्राप्त हुआ। उनकी टीम ने एक हेलीकॉप्टर और होवरक्राफ्ट का मॉडल तैयार किया जिसमें कलाम का बहुत ही बड़ा योगदान था।

उनके उत्साह और समर्पण भाव के कारण उन्हें बहुत जल्द डीआरडीओ और इसरो में मुख्य पहचान मिली। परिणाम स्वरुप उन्हें भारत के बड़े-बड़े अनुसंधान कार्यक्रमों में शामिल किया जाने लगा।

वैज्ञानिक के रूप में कार्य Work as a Scientist

इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनकी कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। क्योंकि बैलिस्टिक मिसाइल और स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी के विकास में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा है।

डॉ कलाम ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक और इंजीनियर थे जिनके मार्गदर्शन में परमाणु परीक्षण और कई रॉकेट टेक्नोलॉजी का विकास हुआ।

उनके कार्य के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी सराहना की जाती है। ऑक्सफर्ड जैसे विशाल विश्वविद्यालयों में उनके संबोधन को आज भी याद किया जाता है।

डॉ कलाम मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी भी रहे। पोखरण परमाणु कार्यक्रम में उन्होंने एक मुख्य कोऑर्डिनेटर के रूप में अपनी भूमिका निभाई।

एक मुख्य वैज्ञानिक रहने के साथ वह एक कुशल लेखक तथा वक्ता भी थे। उन्हें संगीत से काफी लगाव था तथा छोटे बच्चों को सलाह देना उन्हें बहुत ही अच्छा लगता था।

उनके मुख्य किताबों में इंडिया 2020, इगनाइटेड माइंड्स, मिशन इंडिया, द लुमिनस स्पार्क और इंस्पायरिंग थॉट्स शामिल है।

निजी जीवन A. P. J. Abdul Kalam Personal Life in Hindi

अब्दुल कलाम राष्ट्र के प्रति अपने समर्पण भाव को जारी रखना चाहते थे इसके फलस्वरूप उन्होंने आजीवन विवाह नहीं किया।

उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा के लिए अपना सर्वस्व त्याग देना ही मुख्य राष्ट्र धर्म है। व्यक्तिगत जीवन में उन्हें बच्चों के साथ घुलना मिलना बेहद ही पसंद था।

इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो छोटे बच्चों और युवाओं को संबोधित करने अवश्य ही जाते थे। डॉ कलाम अपने धन का एक बड़ा हिस्सा जरूरतमंद लोगों में बांट दिया करते थे।

डॉ कलाम को पुस्तकें पढ़ने का बहुत ही  शौक था वे अन्य धर्मों में बिल्कुल भी भेदभाव नहीं रखते थे इसलिए वे नमाज पढ़ने के साथ गीता भी पढ़ा करते थे।

उन्हें संगीत के प्रति गहरा लगाव था जिसके कारण वे अक्सर खाली समय में वीणा बजाया करते थे। जब वे राष्ट्रपति पद पर रहे तब उनका एक कमरा पुस्तकों से भरा रहता था।

राष्ट्रपति के पद पर कार्य Work as President of India

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वर्ष 1992 से 1999 तक प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ के सेक्रेटरी रहे जिसके बाद सन 2002 में वे निर्विवाद राष्ट्रपति के पद पर चुन लिए गए।

राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने व्हाट कैन आई गिव मोमेंट मिशन की शुरुआत की जिसमें युवाओं को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य था।

कलाम बेहद ही उदार स्वभाव के व्यक्ति थे इसलिए राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए उन्होंने कई गुनहगारों की फांसी पर रोक लगाया था तथा उन्हें सुधारने का मौका दिया था।

उन्होंने राष्ट्रपति के पद पर रहकर भारत की बहुत ही अधिक सेवा की जिसके कारण उन्हें पद्मभूषण, पद्म विभूषण, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, अवार्ड वीर सावरकर अवार्ड, रामानुजन अवॉर्ड और भारत का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

मृत्यु Death

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के बच्चों और युवाओं को भारत की असली संपत्ति मानते थे इसलिए वे अक्सर ही विद्यार्थियों को संबोधित करते रहते थे और 2015 में ऐसे ही एक संबोधन के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।

अस्पताल में अपनी आखरी सांसो के साथ उन्होंने यह आग्रह किया कि उनकी मृत्यु के बाद एक दिन की बेफिजूल की छुट्टी ना दी जाए बल्कि एक दिन अतिरिक्त पढ़ाई की व्यवस्था हो। 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ कलाम जैसे सितारे का अस्त हो गया।

एपीजे अब्दुल कलाम जी पर 10 लाइन Few Lines on A. P. J. Abdul Kalam ji in Hindi

  • जब भारत में शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था तब कलाम ने शिक्षा-ग्रहण को अपने जीवन में वरीयता दी।
  • भारत के परमाणु कार्यक्रम में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
  • डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। 
  • कलाम के पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशीयम्मा था।
  • उनके भाई अखबार बेचने का कार्य करते थे जिसमें वे उनका हाथ बटा कर कुछ पैसे कमा लिया करते थे
  • डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के बचपन में उनके कई दोस्त थे जिनमें हिंदू मुसलमान तथा क्रिश्चियन शामिल थे।
  • उसके बाद 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
  • पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी के लिए आवेदन दिया तथा 1958 में उन्होंने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के सहायक के रूप में डीआरडीओ ज्वाइन किया।
  • इसरो में ज्वाइन होने के बाद उनके कार्य शैली के कारण उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाने लगा। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में अपने एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में (Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारियों से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। 

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Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – essay on dr. a.p.j. abdul kalam in hindi.

संकेत बिंदु –

  • शिक्षा-दीक्षा
  • राष्ट्रपति डॉ कलाम
  • सादा जीवन उच्च विचार निबंध-लेखन
  • मिसाइल मैन डॉ० कलाम
  • सम्मान एवं अलंकरण

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना – भारत भूमि ऋषियों-मुनियों और अनेक कर्मवीरों की जन्मदात्री है। यहाँ अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं तो देश का नाम शिखर तक ले जाने वाले वैज्ञानिक भी हुए हैं। इन्हीं में एक जाना-पहचाना नाम है- डॉ० ए०पा. ने० अब्दुल कलाम का जिन्होंने दो रूपों में राष्ट्र की सेवा की। एक तो वैज्ञानिक के रूप में और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में। देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता-पहचानता है।

Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay In Hindi

जीवन-परिचय – डॉ० कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता पढ़े-लिखे मध्यमवर्गीय व्यक्ति थे जो बहुत धनी न थे। इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता और रामेश्वरम मंदिर के पुजारी में गहरी मित्रता थी, जिसका असर कलाम के जीवन पर भी पड़ा। इनके पिता रामेश्वरम् से धनुषकोडि तक आने-जाने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नौकाएँ बनवाने का कार्य किया करते थे।

Essay On Dr. A.P.J. Abdul Kalam In Hindi

शिक्षा-दीक्षा – डॉ० कलाम की प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई। इसके बाद वे रामनाथपुरम् के श्वार्ज़ हाई स्कूल में भर्ती हुए। हायर सेकंडी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पूरी करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया। यहाँ चार साल तक पढ़ाई करने और बी०एस०सी० प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने ‘हिंदू पत्रिका’ में विज्ञान से संबंधित लेख-लिखने लगे। उन्होंने एअरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया।

मिसाइल मैन डॉ० कलाम – डॉ० कलाम को अपने कैरियर की चिंता हुई। वे भारतीय वायुसेना में पायलट पद के लिए चुने गए पर साक्षात्कार में असफल रहे। इसके बाद वे वर्ष 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। उनकी पहली नियुक्ति हैदराबाद में हुई। वहाँ वे पाँच वर्षों तक अनुसंधान सहायक के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने यहाँ वर्ष 1980 तक कार्य किया और अंतरिक्ष विज्ञान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया गया। मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक ले जाने के कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है।

राष्ट्रपति डॉ० कलाम – भारत के गणराज्य में 25 जुलाई, 2002 को वह सुनहरा दिन आया, जब मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ० कलाम ने राष्ट्रपति का पद सुशोभित किया और इसी दिन पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। यद्यपि उनका संबंध राजनीति की दुनिया से कोसों दूर था फिर भी संयोग और भाग्य के मेल से उन्होंने भारत के बारहवें राष्ट्रपति के रूप में इस पद को सुशोभित किया। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए निष्पक्षता और पूरी निष्ठा से कार्य किया।

सम्मान एवं अलंकरण – डॉ० कलाम ने जिस परिश्रम से परमाणु एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक पहुँचाया उसके लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित एवं अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म विभूषण एवं वर्ष 1990 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे देश के तीसरे वैज्ञानिक हैं।

सादा जीवन उच्च विचार – डॉ० कलाम पर गांधी जी के विचारों का प्रभाव था। वे सादगीपूर्वक रहते थे। उनके विचार अत्यंत उच्च कोटि के थे। वे बच्चों से लगाव रखते थे। वे विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करते थे। वे आज का काम आज निपटाने में विश्वास रखते थे। बच्चों को प्यार करने वाले डॉ० कलाम की मृत्यु भी बच्चों के बीच सन् 2015 में उस समय हुई जब वे उनके बीच अपने अनुभव बाँट रहे थे।

उपसंहार – डॉ० कलाम अत्यंत निराभिमानी व्यक्ति थे। वे परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ थे। एक वैज्ञानिक होने के साथ ही उन्होंने मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई पर पहुँचाया तो राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने देश की प्रगति में भरपूर योगदान दिया। उनका जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

भारत के अनमोल रत्न – डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध essay on apj abdul kalam in hindi.

“यदि आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो, तो सूर्य की तरह जलना होगा।” –डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

यकीनन डॉ. अब्दुल कलाम ने अपने इस कथन को अपने निजी जीवन में चरितार्थ कर दिखाया। सूर्य की तरह जलकर ही वह सूर्य की तरह चमके और इस देश को अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से आलोकित कर अमर हो गए। साधारण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े कलाम तमाम अभावों से दो-चार होने के बावजूद विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए न सिर्फ एक सफल और महान वैज्ञानिक बने, बल्कि देश के सर्वोच्च पद तक भी पहुंचे। वह जीवन की कठिनाइयों के सामने न तो कभी कमजोर पड़े और न ही इनसे घबराए।

उनका जीवन दर्शन कितना व्यावहारिक एवं उच्च था, इसका पता उनके इस कथन से चलता है – “इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने के लिए ये जरूरी हैं।” सच्चे अर्थों में वह एक उच्च कोटि के राष्ट्रनायक थे।

डॉ. कलाम ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया। 15 अक्टूबर, 1931 को भारत के तमिलनाड प्रांत के रामेश्वरम में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में इस असाधारण प्रतिभा ने जन्म लिया। जन्म के समय शायद ही किसी ने सोचा हो कि यह नन्हा बालक आगे चलकर एक राष्ट्र निर्माता के रूप में भारत को बुलंदी पर ले जाएगा। कलाम के पिता जैनल आबिदीन पेशे से मछआरे थे तथा एक धर्मपरायण व्यक्ति थे।

उनकी माता आशियम्मा एक साधारण गृहिणी थीं तथा एक दयालु एवं धर्मपरायण महिला थीं। मां-बाप ने अपने इस सबसे छोटे बेटे का नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम रखा। जीवन के अभाव कलाम के प्रारंभिक जीवन से ही जुड़े हुए थे। संयुक्त परिवार था और आय के स्रोत सीमित थे। कलाम के पिता मछुआरों को किराए पर नाव दिया करते थे। इससे जो आय होती थी, उसी से परिवार का भरण-पोषण होता था। विपन्नता के बावजूद माता-पिता ने कलाम को अच्छे संस्कार दिए। कलाम के जीवन पर उनके पिता का बहुत प्रभाव रहा। वे भले ही पढ़े-लिखे नहीं थे, किन्तु उनके दिए संस्कार कलाम के बहुत काम आए।

पांच वर्ष की अवस्था में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रारंभ की। यहीं उन्हें उनके शिक्षक इयादराई सोलोमन से एक नेक सीख मिली_“जीवन में सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीनों शक्तियों को भली-भांति समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित कर लेना चाहिए।” नन्हें कलाम ने इस सीख को आत्मसात कर आगे का सफर शुरू किया। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के दौरान जिस प्रतिभा का परिचय दिया, उससे उनके शिक्षक बहुत प्रभावित हुए। प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही अर्थाभाव आड़े आया तो उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखने एवं परिवार की आय को सहारा देने के लिए अखबार बांटने का काम किया। प्रारंभिक शिक्षा के बाद कलाम ने रामनाथपुरम के एक विद्यालय से हाईस्कूल की शिक्षा पूरी की।

विज्ञान में उनकी गहरी रूचि शुरू से थी। वर्ष 1950 में उन्होंने तिरुचरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया और वहां से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। अपने अध्यापकों की सलाह पर उन्होंने स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए ‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’, चेन्नई का रुख किया। वहां पर उन्होंने अपने सपनों को आकार देने के लिए एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का चयन किया।

‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’ से तालीम पूरी करने के बाद एक उदीयमान युवा वैज्ञानिक के रूप में कलाम ने विज्ञान के क्षेत्र में अपने स्वर्णिम सफर की शुरुआत की। वर्ष 1958 में उन्होंने बंगलुरू के सिविल विमानन तकनीकी केन्द्र से अपनी पहली नौकरी की शुरूआत की, जहां उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए एक पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान का डिजाइन तैयार किया। कलाम के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब वर्ष 1962 ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (इसरो) से जुड़ने का मौका मिला। यहां भी उनके काम की खूब सराहना हुई। इसरो में कलाम ने होबरक्राफ्ट परियोजना पर काम शुरू किया। वे कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं से गहराई से जुड़े रहे। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के प्रथम स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान ‘एसएलवी-3’ के निर्माण में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 1980 में उन्होंने ‘रोहणी उपग्रह’ को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित करने में केन्द्रीय भूमिका निभाई और इसके साथ ही भारत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बना।

वर्ष 1982 में कलाम को भारत के ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (डीआरडीओ) का निदेशक नियुक्त किया गया तथा इसी वर्ष मद्रास के ‘अन्ना विश्वविद्यालय’ ने उन्हें ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की मानद उपाधि से विभूषित किया। डॉ. कलाम ने ‘अग्नि’ और ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलों को ईजाद कर भारत की सामरिक शक्ति को बढ़ाया तथा ‘मिसाइलमैन’ के रूप में देश-देशांतर में प्रख्यात हुए। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों ने देश को न सिर्फ ताकतवर बनाया, बल्कि विश्वस्तर पर भारत के मान-सम्मान एवं गौरव को भी बढ़ाया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में डॉ. कलाम ने वर्ष 1998 में एक और गैरमामूली कारनामा कर दिखाया। डॉ. कलाम के कुशल नेतृत्व में पोखरण में भारत ने अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया, जिसकी गूंज सारे विश्व में सुनी गई। इसके बाद भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।

जहां एक वैज्ञानिक के रूप में अपनी उपलब्धियों से डॉ. कलाम ने भारत के गौरव को बढ़ाया, वहीं भारत के राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल सराहनीय रहा। वर्ष 2002 में डॉ. कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्हें भारतीय जनता पार्टी समर्थित एनडीए के घटक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया था। 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक वह भारत के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति भवन एवं महामहिम के भारी-भरकम प्रोटोकाल से बाहर निकल कर डॉ. कलाम ने एक जनप्रिय राष्ट्रपति के रूप में हिन्दुस्तानियों के दिलों पर राज किया। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने न सिर्फ समस्त देश को प्रेरणा प्रदान की, अपितु एक उच्चकोटि के राष्ट्रनायक का उदाहरण पेश किया।

उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में भारतीय राजनीति की दिशा बदलने की हर संभव कोशिश की। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने सांसदों को कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की शपथ दिलाई। उन्होंने देश को न केवल महाशक्ति बनाने का मूलमंत्र दिया, बल्कि लोगों में यह विश्वास भी जगाया कि भारत वास्तव में उन्नति के शिखर पर पहुंच सकता है।

उन्होंने देश भर में घूम-घूम कर असंख्य छात्रों को प्रेरित करने, उनके सपने जगाने और उन्हें पूरा करने का जो मंत्र दिया, उसकी मिसाल मिलनी मुश्किल है। उन्होंने यह भी दिखाया कि अपना काम करते हुए विवादों से कैसे दूर रहा जा सकता है। एक अराजनीतिक व्यक्ति होते हुए भी डॉ. कलाम राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न थे। अपनी इसी दृष्टि के बल पर उन्होंने भारत की कल्याण संबंधी नीतियों का जो खाका खींचा, वह अद्भुत है। उनकी सोच राष्ट्रवादी थी। वह एक महान देश हितैषी थे। भारत को एक सबल और सक्षम राष्ट्र बनाना उनका सपना था।

अपनी पुस्तक ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’ में उन्होंने यह रेखांकित किया है कि भारत को वर्ष 2020 तक एक विकसित देश और “नालेज सुपरपॉवर’ बनाना होगा, ताकि वह दुनिया की प्रथम चार आर्थिक शक्तियों में शुमार हो सके। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वह राष्ट्रीय शिक्षक की भूमिका में थे।

डॉ. कलाम का व्यक्तित्व बहुआयामी था। वह एक महान वैज्ञानिक एवं राष्ट्रनायक ही नहीं थे, बल्कि एक अच्छे कवि, लेखक एवं संगीत साधक भी थे। अपने जीवनकाल में जहां उन्होंने मर्मस्पर्शी कविताओं का सृजन किया, वहीं एक लेखक के रूप में ‘इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’, मॉय जर्नी, ‘इग्नाइटेड माइंड्स : अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’, ‘एनविजनिंग अनएम्पावर्ड नेशन : टेक्नोलॉजी फॉर सोसायटल ट्रांसफॉर्मेशन’ आदि उनकी चर्चित कृतियां हैं। अरूण तिवारी द्वारा लिखी गई उनकी जीवनी ‘विंग्स ऑफ फायर’ को पढ़ने के लिए युवा और बच्चे आतुर रहते हैं। एक संगीत साधक के रूप में रूद्रवीणा के वादन में उन्हें महारत हासिल थी। डॉ. कलाम का जीवन सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोगों एवं राजनीति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जीवन को उच्च स्तर पर लाने के लिए भी वह समर्पित रहे। यही कारण है कि उन्हें अपार लोकप्रियता मिली।

डॉ. कलाम के जीवनकाल में उनकी उपलब्धियों एवं जनसेवा के लिए उन्हें अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से नवाजा गया। भारत सरकार द्वारा उन्हें वर्ष 1981 में ‘पद्म भूषण’ तथा वर्ष 1990 में ‘पद्म विभूषण’ की उपाधियों से अलंकृत किया गया। वर्ष 1997 में जहां उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया, वहीं इसी वर्ष उन्हें राष्ट्रीय एकता के लिए ‘इंदिरा गांधी पुरस्कार’ से नवाजा गया। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए उन्हें अनेकानेक पुरस्कारों से नवाजा गया।

डॉ. कलाम देश के लिए ही जिए और देश के लिए ही मरे। अंत तक एक राष्ट्रीय शिक्षक के रूप में वह हमारे पथप्रदर्शक बने रहे। 27 जुलाई, 2015 को उत्तर-पूर्व के शिलांग में जब इस अनमोल रत्न ने अंतिम सांस ली, तो भी वह अपनी इसी भूमिका में थे। वह वहां के एक शिक्षण संस्थान में ‘लिवेबल प्लेनेट अर्थ’ विषय पर व्याख्यान देने गए थे। व्याख्यान के दौरान ही उनकी हालत बिगड़ी और 84 वर्ष की अवस्था में भारतवासियों को ‘उम्मीद’ शब्द का एक नया अर्थ देने वाला यह महान राष्ट्रनायक अलविदा हो गया।

विज्ञान डॉ. कलाम की बुनियाद थी, जबकि उनके चिंतन में शिक्षा, दर्शन और आधुनिकता की अद्भुत त्रिवेणी थी। वह दिमाग से वैज्ञानिक थे तथा दिल से दार्शनिक थे। उनकी आंखों में विकसित भारत का सपना था। उनकी सबसे बड़ी खूबी यह थी कि उन्होंने मूल्यों और मानवता को विज्ञान से जोड़ने का अद्भुत काम किया। आज कलाम साहब हमारे बीच भले ही नहीं हैं, किन्तु वह देश के नन्हें-मुन्नों की चमकती आंखों, युवकों की आंखों में झिलमिलाते सपनों और बुजुर्गों की उम्मीदों में सदा अमर रहेंगे। हम उनके सपनों का भारत बनाकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

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abdul kalam essay in hindi

डॉ ए पी जे अब्दुल कलामपर निबंध | Essay on Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi

by Meenu Saini | Aug 10, 2022 | Hindi | 0 comments

डॉ ए पी जे अब्दुल कलामपर निबंध

Hindi Essay and Paragraph Writing – Dr. APJ Abdul Kalam (डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम) for all classes from Class 1 to Class 12

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध –  इस लेख में हम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे, एपीजे अब्दुल कलाम क्यों प्रसिद्ध थे, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का भारत में क्या योगदान है इन सबके बारे में जानेंगे|  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था| उनका जन्म तमिलनाडु में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनकी गिनती 21वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक के रूप में की जाती है। उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” के नाम से भी जाना जाता है| अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में
  • डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

डॉ. ए पीब्दु जे अल कलाम पर 10 लाइन  10 lines on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi

  • डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ है।
  • उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था ।
  • वे एक वैज्ञानिक तथा इंजीनियरिंग के तौर पर DRDO तथा ISRO में कार्य किया था।
  • अब्दुल कलाम को भारत का ‘मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • अब्दुल कलाम के आर नारायणन के बाद भारत के 11वें राष्ट्रपति बने तथा उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा। 
  • अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा गया था।
  • अब्दुल कलाम ने इंडिया 2020, मिशन इंडिया, माय जर्नी  जैसी कई किताबें भी लिखी है।
  • अब्दुल कलाम को उनके सराहनीय कार्यों के लिए  पद्मभूषण, पद्मविभूषण, भारत रत्न आदि जैसे कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • अब्दुल कलाम देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे। 
  • दुर्भाग्य से, कलाम साहब की मृत्यु  27 जुलाई, 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में भाषण देते समय दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी।

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Short Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम  पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद – डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति थे। जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति, जानेमाने वैज्ञानिक और अभियंता (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। बच्चे उन्हें अंकल कलाम और बड़े उन्हें कलाम साहब कहते थे। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा थे। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारत को एक शक्तिशाली और आर्थिक रूप से समृद्ध देश होने का सपना देखा था। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत देश के 11वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 1931 में 15 अक्टूबर को तमिलनाडु राज्य के एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम अशिअम्मा था। अब्दुल कलाम अपने परिवार में चार भाइयों और एक बहन से सबसे छोटे थे । बचपन से ही अब्दुल कलाम पढ़ने में बहुत होशियार थे तथा वे एक पायलट बनना चाहते थे। उन्होंने रामनाथपुरम से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद तिरुचिरापल्ली चले गए और वहां से भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद एक वैज्ञानिक बनकर कई नए आविष्कार किए। वे जीवन भर पढाने में, रिसर्च में, लिखने में समाज सेवा जैसे कार्य करने में लगे रहे। 27 जुलाई 2015 को हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। उन्हें भारत के ‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता का राष्ट्रपति’ के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्गीय तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन मरकयार था तथा वे एक नाव के मालिक और एक स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी मां अशिअम्मा एक गृहिणी थीं। कलाम को बचपन से कुछ-ना-कुछ सीखने की तीव्र इच्छा थी। वे पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे। उन्होंने विज्ञान में स्नातक के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री ली। उसके बाद वैज्ञानिक बनकर ISRO और DRDO में काम किया और कई नए आविष्कार किए। कलाम के सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि पुरस्कारों से नवाजा गया।

अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 5 वर्षों तक उस पद पर रहे। राष्ट्रपति कार्यकाल के बाद वे अपने सामान्य जीवन में वापस लौट आए और उन्होंने बच्चों को पढ़ाने में, बुक लिखने में और सार्वजनिक सेवा जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अपना योगदान दिया। 27 जुलाई 2015 को शिलांग में विद्यार्थियों को भाषण देते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे ।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके माता का नाम आशियम्मा तथा पिता जी का नाम जैनुलब्दीन था जो पेशे से एक नाविक थे तथा माता गृहणी थी। कलाम अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। कलाम के जन्म के समय उनका परिवार गरीबी से ग्रस्त था। उनके पिता नौका से हिंदू तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम और धनुषकोडी के बीच आगे-पीछे ले जाते थे। जिससे उनका परिवार का गुजारा होता था। कलाम भी अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए  समाचार पत्र बेचना का काम करते थे। कलाम बचपन से ही बहुत प्रतिभाशाली और मेहनती थे उनमें सीखने की तीव्र इच्छा थी। उनकी प्रारंभिक शिक्षा रामनाथपुरम से ही हुई। रामनाथपुरम में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, कलाम सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली में पढ़ने चले गए जहाँ से उन्होंने 1954 में भौतिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कलाम बचपन से ही पायलट बनना चाहते थे। इसलिए 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की । लेकिन पायलट बनने के अपने सपने को हासिल करने से चूक गए। सन 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से डिग्री प्राप्त करके सन 1958 में एक वैज्ञानिक के रूप में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में शामिल हुए और अपने जीवन के करियर की शुरुआत भारतीय सेना के लिए एक छोटा सा हेलीकॉप्टर डिजाईन करके की। 1962 में डॉ.कलाम जी ने DRDO से स्थानांतरित होकर ISRO में कार्य करने लगे। जहां भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह SLV-3(रोहिणी) के प्रोजेक्ट हेड बनकर कार्य किया और इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर उन्हें सन 1981 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके बाद कलाम जी ने सन 1963-64 में अमेरिका के अंतरिक्ष संगठन नासा की यात्रा की और अपने निर्देशन में देश को अग्नि तथा पृथ्वी जैसी कई मिसाइलें भी दी। जिस वजह से उन्हें ‘मिसाइल मैन’ कहा गया। इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने की वजह से सन 2002 में सरकार द्वारा उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। राष्ट्रपति पद पर अपनी पांच वर्ष की सेवा करने के बाद डॉ.कलाम पढाने में, रिसर्च में, लिखने में तथा समाज सेवा जैसे कार्य करने लग गए। वे विभिन्न कॉलेजे में गेस्ट प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। 27 जुलाई 2015 को, भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में व्याख्या करते समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। कलाम ने पूरी दुनिया में अपने कार्यों के वजह से पहचान बनाई और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बने। उन्हे भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ”भारत रत्न ” सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध/अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

‘मिसाइल मैन’ और ‘जनता के राष्ट्रपति’ के नाम से विख्यात हमारे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में एक तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम’ था। कलाम जी का बचपन संघर्षों से भरा हुआ था। वह बचपन में अखबार बेचते थे, क्योंकि उनके परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे और न ही उनके पिता जैनुलाब्दीन ज्यादा पढ़े लिखे थे। कलाम साहब पांच भाई-बहन में सबसे छोटे थे। वे बचपन से ही पढ़ाई में सामान्य बच्चों की तरह ही थे लेकिन उनका मन नई चीजों को सीखनें में ज्यादा लगता था वे उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते थे। जब कलाम आकाश में उड़ते हुए पक्षियों को देखते थे तो वह अक्सर यह सोचते थे की यह पक्षी आकाश में इतनी ऊंचाई में कैसे उड़ लेते है। उन्हीं उड़ते हुए पक्षियों को देखकर उन्हें पायलट बनने की चाहत हुई थी। 

कलाम साहब ने शुरुआती शिक्षा अपने गॉंव (धनुषकोडी) के ही प्राथमिक विद्यालय से प्राप्त की। उसके बाद तिरुचिरापल्ली से भौतिकी में स्नातक किया। पायलट बनने के लिए मद्रास मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। हालांकि, वह पायलट नहीं बन सके और 1960 में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, एक वैज्ञानिक के रूप में भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए। जहां उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम किया। इसके बाद वह 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में आ गए, इसरो में कलाम साहब ने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई। इसरो में अब्दुल कलाम ने परियोजना निदेशक के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 (रोहिणी) के निर्माण में बहुत मेहनत की और सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजकर पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था। इसके बाद, कलाम साहब ने देश को कई सारे मिसाइल दिए। जिस वजह से उन्हें मिसाइल मैन कहा गया। 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार बने। कलाम साहब के नेतृत्व में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।

सन 2002 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम, देश के 11वें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को अपने राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त हो गये।

राष्ट्रपति के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद कलाम साहब अपने सामान्य जीवन में लौट आए और देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के सहायक बन गए। मई 2012 में, कलाम ने भारत के युवाओं के लिए एक कार्यक्रम, भ्रष्टाचार को हराने के एक केंद्रीय विषय के साथ, “मैं आंदोलन को क्या दे सकता हूँ” का शुभारंभ किया। कलाम साहब ने कई पुस्तकें भी लिखी है, जो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुईं। उनके सराहनीय कार्यों के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया था। इसके साथ ही उन्हें दुनियाभर के देशों ने भी कई पुरस्कारों से नवाजा था। 27 जुलाई 2015 की शाम अब्दुल कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे तभी अचानक दिल का दौरा पड़ने से गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दो घंटे बाद ही उनका निधन हो गया।

Essay on  Dr. A. P. J. Abdul Kalam in Hindi  

वैज्ञानिक जीवन, राष्‍ट्रपति बनने का सफर, शिक्षक के रूप में, साहित्य में योगदान, विश्व छात्र दिवस.

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, आधुनिक भारत के उन महान वैज्ञानिकों में से एक है जिन्होंने भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए अथक प्रयास किये और अपने जीवन में आने वाले संघर्षो का डटकर सामना किया ।

डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम कहा करते थे कि

             – “सपने वो नही है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही न आने दे |”  

डॉ कलाम ने अपने जीवन काल में इन कथनों को सार्थक करके दिखाया हैं | डॉ कलाम ने ना केवल वैज्ञानिक बनने का सपना देखा बल्कि उसे सार्थक करके भी दिखाया | उन्होंने दिन रात मेहनत करके अपने मिसाइल बनाने के सपने को साकार किया जिससे देश ने रक्षा क्षेत्र में उन्नति की |  

                                    

“इंतजार करने वालो को उतना ही मिलता है जितना कि कोशिश करने वाले छोड़ देते है “ |

पूरे भारतवर्ष को यह संदेश देने वाले महान वैज्ञानिक डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम को “मिसाइलमैन” के नाम से भी जाना जाता है | देश के परमाणु क्षेत्र में डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम के विशेष योगदान को देखते हुए इन्‍हे मिसाइलमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया। उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिसाल हैं |     Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को रामेश्‍वरम के धनुषकोडी गॉंव में हुआ। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्‍दीन अब्‍दुल कलाम था। कलाम का जन्‍म एक तमिल मुस्लिम मछुआरे परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्‍दीन था | अब्‍दुल कलाम, पॉंच भाई-बहन थे। कलाम के पिता बहुत धार्मिक प्रवृत्ति के थे | उन्होंने बचपन से ही कलाम को बहुत अच्‍छे संस्‍कार दिये थे।   Top  

कलाम की प्रारंभिक शिक्षा गॉंव के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई थी और फिर अपनी आरंभिक शिक्षा के लिए मद्रास चले गये। B.Sc. पूरी करने के बाद इन्‍होंने मद्रास इंस्‍टीटयूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्‍नातक की डि़ग्री हासिल की क्योंकि बचपन से ही उनका सपना एक फाइटर पायलट बनना था। परन्‍तु वक्‍त के साथ उनका सपना बदल गया और डीटीडी एण्‍ड पी के तकनीकी केन्‍द्र में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक का कार्याभार संभालने लगे और इंडियन आर्मी के लिए हेलिकॉप्‍टर का डिजाइन तैयार किया। इन्‍होने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास में प्रवेश लिया और कई उपग्रह प्रक्षेपण योजनाओं में सफलता प्राप्‍त की।    Top  

डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन में जुड़े ।  योजना महानिदेशक के रूप में भारत के पहले स्‍वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (रोहिनी) का निमार्ण करवाया और जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के निकट स्‍थापित किया और इसी तरह से भारत भी एक अंतर्राष्‍ट्रीय अंतरिक्ष क्‍लब का सदस्‍य बन गया। इस योगदान के लिए कलाम जी को 1981 और 1990 में भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से नवाजा गया। बाद में इन्‍होने देश का गाइडेड मिसाइल का डिजाइन तैयार किया और अग्नि व पृथ्‍वी जैसे प्रक्षेपास्त्रों का निर्माण कराया। कलाम 1992 से लेकर 1999 तक रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार व  विकास विभाग के सचिव रहे थे। बाद में उन्‍होने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया। ऐसे में धीरे-धीरे देश के वैज्ञानिक सलाहकार बन गये। और गाइड़ेड मिसाइल को बनाया और परमाणु शक्तियो में सभी राष्‍ट्रों की सूची में भारत को शामिल कर दिया और इनका नाम वैज्ञानिकों की सर्वोच्‍च सूची में आ गया।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को सन 2002 में NDA दलों ने भारतीय जनता पार्टी से राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्‍मीदवार बनाया और सभी के समर्थन से 18 जुलाई 2002 को डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम, देश के 11वें राष्‍ट्रपति निर्वाचित हुए। इन्‍होने कभी राजनीति में अपना समर्थन नहीं दिया, फिर भी भारत के सर्वोच्‍च पद पर विराजमान रहें और अपने कार्यकाल में भारत को एक विकसित देश बनाने में महत्‍पूर्ण भूमिका निभाई और 25 जुलाई 2007 को डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति के पद से सेवानिवृत हो गये।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम राष्‍ट्रपति पद छोड़ने के बाद तिरूवनंतपुरम में  इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलाधिपति बन गये और अन्‍ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर बन गए । डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को देश के कई कॉलेजो व विद्यालयों में विसिटिंग प्रोफेसर के रूप में बुलाते थे ताकि वहा के सभी बच्‍चो को कलाम जी के द्वारा आगे की ओर बढ़ने का व अपने सपनो का पूरा करने का मार्गदर्शक मिल सके।   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम कहा करते थे कि यदि इंसान को मरने के बाद भी जिन्दा रहना है तो पढ़ने लायक लिखना चाहिए या फिर लिखने लायक काम करना चाहिए | डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम  ने अपने इन शब्दों को सार्थक करके बताया हैं उन्होंने ना सिर्फ  बहुत सी किताबे और अपनी आत्‍मकथा व कविताऐ लिखी है बल्कि अनेक सराहनीय कार्य किये जो आज भी हर वैज्ञानिक के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं उनकी प्रमुख पुस्तके निम्‍नलिखित है –

इग्‍नाइटेड़ माइंड

ऑटोबायोग्राफी विग्‍स ऑफ फायर

मिशन इंडि़या, 

दी लुमीनस स्‍पार्क

एड़वांटेज इंडिया, रेइगनिटेड़

ए विशन फॉर दी न्‍यु मिलेनियम इंडि़या 2020

ए मेनिफेस्‍टो फॉर चेंज, इन्‍सपारिंग थोट

यु आर बोर्न टू ब्‍लॉसम   Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम को कई देशो के द्वारा पुरस्‍कार व सम्‍मान प्राप्‍त किया हुआ है | भारत सरकार द्वारा 1997 में विज्ञान व भारतीय रक्षा के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए इनको भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया गया तथा 1981 व 1990 में पद्यभूषण का सम्‍मान दिया गया है।    Top  

डॉक्टर ए पी जे अब्दुल कलाम, जुलाई 2015 में मेघालय राज्‍य में भारतीय प्रबंधन संस्‍थान को शिलोंग में स्‍थापित करने के लिए एक बैठक में भाषण दे रहे थे। उस समय उनकी आयु लगभग 84 साल की थी। भाषण देते समय उनको अचानक दिल का दौरा पड़ा और वही पर बेहोश होकर गिर गये। चिकित्‍सा विभाग की सभी कोशिशे नाकाम रहीे और 2 घंटे बाद उनकी 27 जुलाई 2015 को मृत्‍यु हो गयी | वो हम सब को छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए चले गये थे। उनके निधन के दिन उनके सम्‍मान के लिए सात दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा कर गई थी ।   Top  

 हर वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता हैं |  दरअसल डॉ ए पी जे अब्‍दुल कलाम  का जन्‍म 15 अक्‍टूबर 1931 को हुआ | उन्हें छात्रों से बहुत लगाव था | साथ ही उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए बहुत कुछ किया था | उन्हें अपने पूरे जीवन काल में पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न जैसे अनेकों पुरूस्कार प्राप्त हुए, साथ ही उन्होंने कई क़िताबें लिखी जिनमें अग्नि की उड़ान, मेरी यात्रा, इंडिया विज़न प्रमुख हैं | इसीलिए उनके सम्मान में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2010 से विश्व छात्र दिवस मनाने की शुरुआत हुई | और आज भी हम प्रति वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस मनाते हैं |   Top  

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दा इंडियन वायर

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध

abdul kalam essay in hindi

By विकास सिंह

essay on apj abdul kalam in hindi

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, short essay on apj abdul kalam in hindi (100 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाता है। वह मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पीपल्स पीपल्स प्रेसिडेंट के रूप में भारतीय लोगों के दिल में रहते हैं। दरअसल वे एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने कई नए आविष्कार किए।

वह भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे, जिनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को (रामेश्वरम, तमिलनाडु में) हुआ था, हालांकि उनकी मृत्यु 27 जुलाई 2015 को (शिलांग, मेघालय, भारत में) हुई थी। उनके पिता का नाम जैनुलबुदेने और माता का नाम आशियम्मा था।

उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्होंने कभी किसी से शादी नहीं की। वह एक महान व्यक्ति थे जिन्हें भारत रत्न (1997 में), पद्म विभूषण (1990 में), पद्म भूषण (1981 में), राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार (1997 में), रामानुजन पुरस्कार (2000 में) जैसे पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है। ), किंग चार्ल्स II मेडल (2007 में), अंतर्राष्ट्रीय वॉन कर्मन विंग्स अवार्ड (2009 में), हूवर मेडल (2009 में), आदि से नवाजा गया।

ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on abdul kalam in hindi (150 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वास्तव में देश के युवाओं के लिए एक महान किंवदंती थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन, करियर, कामकाज और लेखन के माध्यम से देश की नई पीढ़ी को प्रेरित किया है। वह अभी भी भारतीय लोगों के दिल में पीपल्स प्रेसिडेंट और मिसाइल मैन के रूप में रहते है।

वह एक वैज्ञानिक और एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे, जो भारत के मिसाइल कार्यक्रम से निकटता से जुड़े थे। बाद में उन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलदेबेन अब्दुल कलाम था।

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था और 27 जुलाई को 2015 में भारत के मेघालय के शिलांग में उनका निधन हो गया। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद, वह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए।

उन्होंने विक्रम अंबालाल साराभाई (भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक) के साथ एक प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तहत काम किया है। बाद में वे भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, SLV-III के 1969 में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on dr apj abdul kalam in hindi (200 शब्द)

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उन्हें भारत के मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को ब्रिटिश भारत (वर्तमान में रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु) के तहत मद्रास प्रेसीडेंसी के रामनाड जिले के रामेश्वरम में हुआ था।

वह एक महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने 2002 से 2007 तक देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। राष्ट्रपति पद का कार्यकाल पूरा करने के बाद, वे लेखन, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के नागरिक जीवन में लौट आए। उन्होंने ISRO और DRDO में विभिन्न प्रमुख पदों पर काम किया और फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार बने।

उन्हें कम से कम 30 विश्वविद्यालयों के साथ-साथ देश के तीन सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (पद्म भूषण 1981, पद्म विभूषण 1990 और भारत रत्न 1997) से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे देश के युवाओं के लिए एक महान व्यक्तित्व और प्रेरणा थे जिन्होंने 27 जुलाई 2015 को अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण IIM, मेघालय में अपनी अंतिम सांस ली।

वह हमारे बीच शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन उनके महान कार्य और योगदान हमेशा के लिए हमारे साथ होंगे। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया 2020-ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम” में भारत को एक विकसित देश बनाने के अपने सपने का उल्लेख किया है।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध हिंदी में, essay on apj abdul kalam in hindi (250 शब्द)

apj abdul kalam

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के एक मिसाइल मैन थे। उन्हें लोकप्रिय रूप से भारत के जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह एक महान वैज्ञानिक और भारत के 11 वें राष्ट्रपति थे। उनका जन्म रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक गरीब तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलुबुदेने और आशियम्मा के यहां हुआ था।

उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से साथ देना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, चेन्नई से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से अपना स्नातक पूरा किया।

वह DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए जहाँ उन्होंने भारतीय सेना के लिए एक छोटा हेलीकॉप्टर तैयार किया। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई के साथ INCOSPAR समिति के हिस्से के रूप में भी काम किया। बाद में, वह 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) के परियोजना निदेशक के रूप में शामिल हुए।

भारत में बैलिस्टिक मिसाइलों के विकास के लिए उनके महान योगदान के कारण, उन्हें हमेशा “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है। 1998 के सफल पोखरण- II परमाणु परीक्षणों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वह भारत के तीसरे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने भारत रत्न (प्रथम डॉ. सर्वपाली राधाकृष्णन 1954 और द्वितीय डॉ. जाकिर हुसैन 1963) से सम्मानित किया।

उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 1990 में ISRO और DRDO के साथ-साथ भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। उन्होंने 2011 में विंग्स ऑफ फायर, इग्नेटेड माइंड्स, टारगेट 3 बिलियन, टर्निंग पॉइंट्स, इंडिया 2020, माई जर्नी, आदि कई किताबें लिखी हैं।

एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध, essay on apj abdul kalam in hindi (300 शब्द)

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। वह भारतीय इतिहास में मिसाइल मैन और पीपुल्स प्रेसिडेंट के रूप में चमकदार सितारे रहे हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा रहे हैं।

वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिसने भारत को एक विकसित देश होने का सपना देखा था। जिसके लिए उन्होंने उद्धृत किया है कि “आपको अपने सपने सच होने से पहले सपने देखने होंगे”। उड़ान में उनकी भारी रुचि ने उन्हें एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग होने के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम बना दिया।

एक गरीब परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपनी शिक्षा कभी बंद नहीं की। उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से तिरुचिरापल्ली और एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में सेंट जोसेफ कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। वह 1958 में DRDO में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के रूप में शामिल हुए, जहाँ एक छोटी सी टीम, जिसने एक प्रोटोटाइप होवर-क्राफ्ट विकसित किया था, की अगुवाई कर रही थी।

होवरक्राफ्ट कार्यक्रम से रोमांचक प्रतिक्रिया की कमी के कारण, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हो गए। वह व्यापक रूप से “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के रूप में प्रसिद्ध हैं क्योंकि उन्होंने बैलिस्टिक मिसाइलों और अंतरिक्ष रॉकेट प्रौद्योगिकी को विकसित करने में बहुत योगदान दिया।

वह रक्षा प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में देश के पीछे की ताकत थी। उनके महान योगदान ने हमारे देश को परमाणु राष्ट्रों के समूह में लाया है। वह एक उल्लेखनीय वैज्ञानिक और एक इंजीनियर थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक 11 वें राष्ट्रपति के रूप में देश की सेवा की। 1998 के पोखरण -2 परमाणु परीक्षण में भी उनकी समर्पित भागीदारी है।

वह दूरदृष्टि वाले और विचारों से भरे व्यक्ति थे जिन्होंने हमेशा देश के विकास का लक्ष्य रखा। उन्होंने अपनी पुस्तक “इंडिया-2020” के रूप में 2020 तक देश के विकास के बारे में कार्य योजनाओं पर प्रकाश डाला है। उनके अनुसार, देश की वास्तविक संपत्ति इसके युवा हैं, इसलिए उन्होंने हमेशा उन्हें प्रेरित और प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि, “राष्ट्र को नेतृत्व में रोल मॉडल की आवश्यकता होती है जो युवाओं को प्रेरित कर सके”।

अब्दुल कलाम पर निबंध, 400 शब्द:

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक थे, जो बाद में भारत के 11 वें राष्ट्रपति बने और 2002 से 2007 तक देश की सेवा की। वह देश के सबसे सम्मानित व्यक्ति थे, क्योंकि उन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए बहुत योगदान दिया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके नेतृत्व में कई परियोजनाएं थीं जैसे कि रोहिणी -1, प्रोजेक्ट डेविल और प्रोजेक्ट वैलेन्ट का प्रक्षेपण, मिसाइल (मिशन अग्नि और पृथ्वी के तहत), आदि। भारत की परमाणु शक्ति को बढ़ाने में उनके महान योगदान के लिए, उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” लोकप्रिय के रूप में जाना जाता है। उन्हें उनके समर्पित कार्यों के लिए सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति के रूप में भारत सरकार के लिए अपनी सेवा पूरी करने के बाद, उन्होंने विभिन्न मूल्यवान संस्थानों और विश्वविद्यालयों में एक विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में देश की सेवा की।

उनका कैरियर और योगदान:

उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को जैनुलदेबेन और आशियम्मा के घर हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति थोड़ी खराब थी, इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का आर्थिक रूप से समर्थन करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए पैसा कमाना शुरू कर दिया लेकिन अपनी शिक्षा को कभी नहीं छोड़ा।

उन्होंने 1954 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वह एक मुख्य वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में शामिल हो गए।

जल्द ही वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के परियोजना निदेशक के रूप में स्थानांतरित हो गए। उन्होंने एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के मुख्य कार्यकारी के रूप में भी काम किया, जो मिसाइलों के एक साथ विकास में शामिल है।

वह 1992 से 1999 तक प्रधान मंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव भी बने। पोखरण II परमाणु परीक्षणों के लिए मुख्य परियोजना समन्वयक के रूप में उनके सफल योगदान के बाद उन्हें “भारत का मिसाइल मैन” कहा गया। वह पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने 2002 से 2007 तक बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

उन्होंने कई प्रेरणादायक पुस्तकें लिखीं जैसे कि “इंडिया 2020”, “इग्नाइट्ड माइंड्स”, “मिशन इंडिया”, “द ल्युमिनस स्पार्क्स”, “प्रेरणादायक विचार”, आदि। देश में भ्रष्टाचार को मात देने के लिए उन्होंने युवाओं के नाम से एक मिशन शुरू किया।

उन्होंने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों (भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद और इंदौर, आदि) में प्रोफेसर के रूप में काम किया, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुवनंतपुरम, जेएसएस विश्वविद्यालय (मैसूर), अन्ना यूनिवर्सिटी (चेन्नई) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के चांसलर के रूप में कार्य किया। ), आदि उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण, भारत रत्न, इंदिरा गांधी पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, रामानुजन पुरस्कार और कई और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Very useful for today’s generation kids!!!

This is very useful for students to get information about APJ Abdul Kalam THANK YOU

I AM VERY IMPRESED WITH DR APJ ABDUL KALAM I MISS SO MUCH

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एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी- Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

In this article, we are providing an Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध | Nibandh। Essay in 200, 300, 500, 800 words For Class 7,8,9,10,11,12 Students. Dr. APJ Abdul Kalam information in Hindi essay & Speech.

एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी- Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

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APJ Abdul Kalam Par Nibandh- एपीजे अब्दुल कलाम निबंध हिंदी ( 300 words )

भला कलाम साहब को कौन नही जानता, मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति से ज्यादा दुनिया उन्हें एक अच्छे इंसान के तौर पर जानती है। कलाम साहब का पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम है और इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था, इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम आशियम्मा था। ये अपने माता-पिता के 10 बच्चों में से एक थे।

कलाम साहब का जितना लगाव मस्जिद से था उतना ही लगाव मंदिर से भी। ये बचपन से कुशाग्र बुद्धि के थे, बड़ा परिवार होने के कारण इनकी पढ़ाई में इन्हें आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ा, तब इन्होंने अखबार बांटने का काम भी किया और अपनी पढ़ाई निरन्तर जारी रखी।

कलाम साहब बचपन से Airforce में जाना चाहते थे, लेकिन एयरफोर्स में selection न होने के कारण इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा के लिए MIT Madras में एडमिशन ले कर अंतरिक्ष विज्ञान से स्नातक किया।

अब्दुल कलाम का किन मिसाइलों में रहा योगदान -1969 में स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपास्त्र (ISLV) से जुड़े और ISLV – 3 में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसके बाद अब्दुल कलाम साहब ने रोहिणी, अग्नि, पृथ्वी जैसी कई मिसाइल के प्रोजेक्ट का नेतृत्व किया और सफल भी हुए। वर्ष 1998 में भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।

कलाम साहब की उपलब्धि- कलाम साहब को मिसाइल मैन नाम दिया गया और वर्ष 2002 में कलाम साहब ने भारत के राष्ट्रपति के पद को सुशोभित किया। कलाम साहब को साइंस में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न जैसे पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है।

अब्दुल कलाम द्वारा लिखी पुस्तकें – उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकें लिखीं जो लोगों के लिए प्रेरणा बनी, उनकी किताब Wings Of Fire उनकी आत्मकथा का हिंदी साहित कई भाषाओं में अनुवाद हुआ जो आज भी दुनियाभर में पढ़ी जाती है।

अब्दुल कलाम की मौत कब हुई – अब्दुल कलाम साहब की मृत्यु वर्ष 2015 में शिलांग में हुई। अपनी सादगी और आविष्कारों के लिए कलाम साहब सदा याद किए जाएंगे।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi ( 800 words )

भूमिका- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति थे। वह बहुत ही मेधावी, चतुर और कौशल पूर्ण व्यक्ति थे। वह सकारात्मक विचारधारा वाले व्यक्ति थे। उन्होंने भारतीय सेना के लिए मिसाईल बनाने में योगदान दिया था। इसी वजह से वह मिसाईल मैन के नाम से लोगों के दिलों में जिंदा है। वह भारत के ग्यारवहें राष्ट्रपति थे।

जन्म- अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टुबर, 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुलाब्दिन अब्दुल कलाम था।

परिवार- अब्दुल कलाम का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दिन था और माता का नाम आशिअम्मा था। उनके पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं थे पर उनसे अब्दुल कलाम को कभी हार न मानने की प्रेरणा और अच्छे संस्कार मिले। अब्दुल कलाम के पिता मछुआरों को नौका किराए पर देते थे और रामेश्वरम के एक मस्जिद में इमाम थे। अब्दुल कलाम चार भाईंयों और एक बहन में सबसे छोटे थे। बचपन में ही उन्होंने परिवार की आर्थिक रूप से सहायता करने के लिए अखबार बेचने का काम किया था।

निजी जीवन- कलाम एक सादगी पसंद व्यक्ति थे। वह रोज 6 बजे उठ जाते थे। इन्हें अनुशासन में रहना बहुत ही पसंद था। यह कुरान और गीता दोनों का ही पाठ करते थे।वह अपने भाई बहनों से बहुत प्यार करते थे। वह पूरी उमर कुँवारे ही रहे। जब उनकी मृत्यु हुई तो उनकी सारी संपति उनके बड़े भाई को मिली।

शिक्षा ( APJ Abdul Kalam education )- अब्दुल कलाम की प्राथमिक शिक्षा रामेश्वरम के स्कूल से ही हुई। उसके बाद वह मैट्रिकुलेशन की पढ़ाई के लिए रामनाथेश्वर चले गए। वह स्कूल में पढ़ने में ज्यादा अच्छे नहीं थे पर शिक्षक उन्हें बहुत ही मेहनती कहते थे और अब्दुल कलाम में सीखने की भी इच्छा बहुत ही प्रबल थी। वह पुरा दिन गणित ही पढ़ते रहते थे। उन्होंने तिरूचिरापल्ली के संत जोसेफ कॉन्वेंट कॉलेज से फिजिक्स में बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त करी। उसके बाद उन्होंने मद्रास में ऐयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वह बचपन से ही पॉयलट बनना चाहते थे और उन्होंने पॉयलट की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली थी लेकिन वह फिर भी पॉयलट नहीं बन पाए क्योंकि पॉयलट के लिए बस आठ सीटें थी और उनका नौवां स्थान था। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी।

वैग्यानिक जीवन ( APJ Abdul Kalam Career as a Scientist )- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को ज्वाईन किया। वहाँ पर उन्होंनें विक्रम साराबाई के अंतर्गत कार्य किया। अब्दुल कलाम कहते थे कि उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा। यह उनके लिए सीखने का बहुत अच्छा मौका था। सन् 1969 में उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में स्थानानंतरित कर दिया गया। अब्दुल कलाम ने सैनिकों के लिए बैलिस्टिक मिसाईल का निर्माण किया। उन्होंने परक्षेपक प्रद्यौघिकी यान के निर्माण में भी सहयोग दिया। उन्होंने प्रमाणु को भी बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने जीवन के 40 साल विग्यान की प्रगति के लिए दिए।

राष्ट्रपति ( Presidency Period )- वैसे तो अब्दुल कलाम राजनीतिक परिवार से नहीं थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सहमती से वह 2002 में राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। वह भारत के ग्यारवहें राष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने 2002 से 2007 तक राष्ट्रपति की भूमिका अदा की। वह राजनैतिक विचारधारा भी रखते थे। उन्होंने देश के विकास के लिए भी कार्य किए। उन्होंने अपनी पुस्तक ” भारत 2020 ” में लिखा कि किस तरह भारत को प्रगति की तरफ ले जा सकते हैं और संपन्न बना सकते हैं। उन्होंने हमेशा लोगों के हित के लिए ही कार्य किया इसलिए वह जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाने जाते थे।

पुरूस्कार ( Awards and Honors ) – कलाम जी को बहुत से पुरूस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें देश में ही नहीं विदेशों में भी सम्मानित किया गया है। उन्हें भारतीय सरकार द्वारा दो बार पदम विभूषण से सम्मानित किया गया है। भारत को सबसे बड़ा पुरूस्कार भारत रतन भी उन्हें दिया गया था। युनाईटिड किंगडम की रॉयल सोसाइटी ने भी उन्हें चार्लस किंग से सम्मानित किया गया था। अब्दुल कलाम को डॉक्टर ऑफ साईंस की उपाधि भी प्राप्त हुई थी।

किताबें- अब्दुल कलाम को लेखन में बहुत ही रूचि थी। उन्होनें बहुत सी पुस्तकें और आत्मजीवनी लिखी। उनकी बहुत सी किताबें चिंताजनक भी थी। उनकी सभी बातों से लोगों को प्रेरणा मिलती है। उनकी आत्मजीवनी विंगस ऑफ फायर में उनके जीवन का वर्णन किया गया है।

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी के विचार ( Thoughts of APJ Abdul Kalam in Hindi )

कलाम जी के विचार बहुत ही सकारात्मक थे। उन्होंने बहुत से ऐसे वाक्य लिखे जिससे लोगो को बहुत ही आशा मिलती है। उनके लिखे कुछ वाक्य इस प्रकार है-

1. हमेशा छोटी छोटी चीजों में उत्साह देखो क्योंकि बड़ी बड़ी तो कुछ ही होती हैं। 2. अगर कुछ माँगने पर ईश्वर आपको न दे तो निराश मत होना क्योंकि भगवान वहीं देते है जो आपके लिए अच्छा हो न कि वह जो आप चाहते हो। 3. जल्दी मिलने वाली चीजें ज्यादा दिन नहीं चलती और ज्यादा चलने वाली चीजें जल्दी नहीं मिलती। 4. जिंदगी में किसी भी चीज को बेकार मत समझो, बंद पड़ी घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है।

राष्ट्रपति पद के बाद जीवन ( Post-presidency Period )- राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वह फिर से अपने लेखन और सामाजिक कार्यों में लग गए। उन्होंने बहुत से कॉलेजों में लैक्चर भी दिया।

निधन ( Death of APJ Abdul Kalam )- 27 जुलाई, 2015 को जब वह शिलांग के भारतीय राष्ट्रीय संस्थान में लैक्चर दे रहे थे तो तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा। गंभीर स्थिति होने के कारण उन्हें शिलांग के आईआईएम ले जाया गया और वहीं पर उनका निधन हो गया। वहाँ से वायु सेना के हैलीकॉप्टर में उन्हें गुवहाटी लो जाया गया। उनके पार्थीव शरीर को तिरंगो में लपेटा गया था। 30 जुलाई, 2015 को उनका अंतिम संस्कार रामेश्वरम में किया गया।

निष्कर्ष- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम बहुत से लोगों के प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनका जीवन एक आदर्श जीवन था। वह कठिन परिश्रम और चतुराई से भरपुर थे। उन्होंने तकनीकी विग्यान में क्रांति ला दी थी जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। उनके जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने देश को प्रगति की एक नई दिशा दी है।

10 Lines on APJ Abdul Kalam in Hindi

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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay on APJ Abdul Kalam in Hindi

By: savita mittal

अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबन्ध | APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

वैज्ञानिक के रूप मे कलाम, राष्ट्रपति के रूप में कलाम, एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध | essay on apj abdul kalam in hindi | abdul kalam par nibandh hindi mein video.

तमिलनाडु मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले एक बालक का यह सपना था कि वह एक दिन पायलट बनकर आसमान की अनन्त ऊँचाइयों को नापे। अपने इस सपने को साकार करने के लिए उसने समाचार-पत्र तक बेचे, गरीबी में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार आर्थिक तंगियो से संघर्ष करते हुए यह बालक उच्च शिक्षा हासिल कर पायलट के लिए होने बाली भर्ती परीक्षा में सम्मिलित हुआ।

उस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद भी उसका चयन नहीं हो सका, क्योंकि उस परीक्षा के द्वारा केवल आठ पायलटों का चयन होना था और सफल अभ्यर्थियों की सूची में उस बालक का स्थान नौवाँ था। इस घटना से उसे थोड़ी निराशा हुई, पर उसने हार नहीं मानी। उसके दृढनिश्चय का ही कमाल था कि एक दिन उसने सफलता की ऐसी बुलन्दियाँ हासिल की, जिनके सामने सामान्य पायलटों की उड़ाने अत्यन्त तुच्छ नज़र आती हैं।

यहाँ पढ़ें :  1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन यहाँ पढ़ें :   हिन्दी निबंध संग्रह यहाँ पढ़ें :   हिंदी में 10 वाक्य के विषय

उस व्यक्ति ने भारत को अनेक मिसाइले प्रदान कर इसे सामरिक दृष्टि से इतना सम्पन्न कर दिया कि पूरी दुनिया उसे ‘मिसाइल मैन’ नाम से जानने लगी। इसके बाद एक दिन ऐसा भी आया जब यह व्यक्ति भारत के सर्वोच्च पद पर आसीन हुआ। चमत्कारी प्रतिभा का घनी वह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति रह चुके डा एपीजे अब्दुल कलाम थे, जिनकी जीवनगाथा किसी रोचक उपन्यास की कथा से कम नहीं थी।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनका पूरा नाम अबूल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य में स्थित रामेश्वरम् के धनुषकोडी नामक स्थान पर एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। ये अपने पिता के साथ मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हुए रास्ते में पड़ने वाले शिव मन्दिर में भी माथा टेक कर अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते थे। इसी गंगा-जमुनी संस्कृति के बीच कलाम ने धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ा।

उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने एवं घर के खर्च में योगदान के लिए समाचार-पत्र बेचने पड़ते थे। इसी तरह, संघर्ष करते हुए प्रारम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् के प्राथमिक स्कूल से प्राप्त करने के बाद उन्होंने रामनाथपुरम् * ज्वार्ज हाईस्कूल से मैट्रिकुलेशन किया। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए तिरुचिरापल्ली चले गए। वहाँ के सेण्ट डोसेफ कॉलेज से उन्होंने बीएससी की उपाधि प्राप्त की।

APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

वर्ष 1957 में एमआईटी से वैमानिकी इंजीनियरी में डिप्लोमा प्राप्त किया। अन्तिम वर्ष में उन्हें एक परियोजना दी गई, जिसमें उन्हें 30 दिनों के अन्दर विमान का एक डिजाइन तैयार करना था, अन्यथा उनकी छात्रवृत्ति रुक जाती। कलाम ने इसे निर्धारित अवधि में पूरा किया। उन्होंने तमिल पत्रिका ‘आनन्द बिकटन’ में ‘अपना विमान स्वयं बनाएं’ शीर्षक से एक लेख लिखा, जिसे प्रथम स्थान मिला। बीएससी के बाद वर्ष 1958 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. कलाम ने हावरक्राफ्ट परियोजना एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया। इसके बाद वर्ष 1962 में वे भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन में आए, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहाँ रहकर उन्होंने थुम्बा में रॉकेट इंजीनियरी डिविजन की स्थापना की। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें ‘नासा’ में प्रशिक्षण हेतु भेजा गया।

यहाँ पढ़ें :   मदर टेरेसा पर निबन्ध

नासा से लौटने के पश्चात् वर्ष 1963 में उनके निर्देशन में भारत का पहला रॉकेट ‘नाइक अपाचे’ छोड़ा गया। 20 नवम्बर, 1967 को ‘रोहिणी-75’ रॉकेट का सफल प्रक्षेपण उन्हीं के निर्देशन में हुआ। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 के निर्माण में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी प्रक्षेपण यान से जुलाई, 1980 में रोहिणी उपग्रह का अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया।

वर्ष 1982 में वे भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन में वापस निदेशक के तौर पर आए तथा अपना सारा ध्यान गाइडेड मिसाइल के विकास पर केन्द्रित किया। अग्नि मिसाइल एवं पृथ्वी मिसाइल के सफल परीक्षण का श्रेय उन्हें दिया जाता है। जुलाई, 1992 में ये भारतीय रक्षा मन्त्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुए। उनकी देख-रेख में भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ। वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने के दौरान अलग-अलग प्रणालियों को एकीकृत रूप देना उनकी विशेषता थी। उन्होंने अन्तरिक्ष एवं सामरिक प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नए उपकरणों का निर्माण भी किया।

डॉ. कलाम की उपलब्धियों को देखते हुए वर्ष 1981 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया, इसके बाद वर्ष 1990 में उन्हें ‘पद्म विभूषण’ भी प्रदान किया गया। उन्हें विश्वभर के 30 से अधिक विश्वविद्यालयों ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया। वर्ष 1997 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। उन्हें एस्ट्रोनॉटिकल सोसायटी ऑफ इण्डिया का आर्यभट्ट पुरस्कार तथा राष्ट्रीय एकता के लिए इन्दिरा गाँधी पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। वे ऐसे तीसरे राष्ट्रपति हैं, जिन्हें यह सम्मान राष्ट्रपति बनने से पूर्व ही प्राप्त हुआ है। अन्य दो राष्ट्रपति हैं- सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं डॉक्टर जाकिर हुसैन।

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वर्ष 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन सरकार ने डॉक्टर कलाम को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी उनका समर्थन किया और 18 जुलाई, 2002 को उन्हें 90% बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया। इस तरह उन्होंने 25 जुलाई, 2002 को ग्यारहवें राष्ट्रपति के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया।

उन्होंने इस पद को 25 जुलाई, 2007 तक सुशोभित किया। ये राष्ट्रपति भवन को सुशोभित करने वाले प्रथम वैज्ञानिक है। साथ ही वे प्रथम ऐसे राष्ट्रपति भी हैं, जो अविवाहित रहे। राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने कई देशों का दौरा किया एवं भारत का शान्ति का सन्देश विश्व को दिया। इस दौरान उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण किया एवं अपने व्याख्यानों द्वारा देश के नौजवानों का मार्गदर्शन करने एवं उन्हें प्रेरित करने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया।

सीमित संसाधनों एवं कठिनाइयों के होते हुए भी उन्होंने भारत को अन्तरिक्ष अनुसन्धान एवं प्रक्षेपास्त्रों के क्षेत्र में ऊँचाई प्रदान की। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उन्होंने तमिल भाषा में अनेक कविताओं की रचना भी की है, जिनका अनुवाद विश्व की कई भाषाओं में हो चुका है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई प्रेरणास्पद पुस्तकों की भी रचना की है। ‘भारत 2020 : नई सहस्राब्दि के लिए एक दृष्टि’, ‘इग्नाइटेड माइण्ड्स: अनलीशिंग द पावर विदिन इण्डिया’, ‘इण्डिया माइ ड्रीम’, ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘माइ जर्नी’, ‘महाशक्ति भारत’, ‘अदम्य साहस’, ‘छुआ आसमान’, ‘भारत की आवाज’, ‘टर्निंग प्वॉइण्ट’ आदि उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। डॉ. कलाम की याद में रामेश्वरम् में एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल मेमोरियल बनाया गया है, जिसका उद्घाटन प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई, 2017 में किया।

‘विंग्स ऑफ फायर’ उनकी आत्मकथा है, जिसे उन्होंने भारतीय युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान करने वाले अन्दाज में लिखा है। उनकी पुस्तकों का अनेक भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनका मानना है कि भारत तकनीकी क्षेत्र में पिछड़ जाने के कारण ही अपेक्षित उन्नति के शिखर पर नहीं पहुँच पाया है, इसलिए अपनी पुस्तक ‘भारत 2020 : नई सहस्राब्दि के लिए एक दृष्टि’ के द्वारा उन्होंने भारत के विकास स्तर को वर्ष 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए देशवासियों को एक विशिष्ट दृष्टिकोण प्रदान किया।

यही कारण है कि वे देश की नई पीढ़ी के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में इनकी मृत्यु हो गई। कलाम का जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है। कलाम की कल्पना का नए भारत बनाने में प्रत्येक भारतीय अपना योगदान दे तो उनका सपना साकार किया जा सकता है।

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abdul kalam essay in hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय हिंदी में | Dr APJ Abdul Kalam jeevan parichay in hindi

  • by Rohit Soni

Table of Contents

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय हिंदी में | Dr apj abdul kalam jeevan parichay in hindi

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु के एक गाँव धनुषकोडी में हुआ था। पिता जी तो ज्यादा पढ़े नही थे और गरीब होने के कारण इनके पिता, मछुआरों को किराए पर नाव देते थे जिससे उनका घर का खर्चा चलता था। अब्दुल कलाम जी संयुक्त परिवार में रहते थे। कलाम जी के 3 बड़े भाई तथा 1 बड़ी बहन थी। वे उन सभी के बहुत करीब रिश्ता रखते थे। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी पढ़ाई के लिए धन की पूर्ति हेतु अखबार बेचने का कार्य भी किये। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना किया। उनका जीवन सदैव संघर्षशील रहने वाले एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जिसने कभी हार नहीं मानी और देश हित में अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए, सदा उत्कृष्टता के पथ पर चलते रहे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय हिंदी में

भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के 11वें और पहले गैर-राजनीतिज्ञ राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त हुए। वे भारत रत्न से सम्मानित होने वाले तीसरे राष्ट्रपति बने। वे एक इंजीनियर तथा वैज्ञानिक थे। सन् 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के पद पर रहे। भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को ‘अग्नि’ एवं ‘पृथ्वी’ जैसी मिसाइलें देकर, भारत को एक सुपर पावर देकर दुनिया को चौंका दिया।

पूरा नामडॉ. अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम
जन्म15 अक्टूबर, 1931
जन्म स्थानधनुषकोडी गांव, रामेश्वरम, तमिलनाडु
माता-पिताअशिम्मा जुनलाब्दीन,  जैनुलअबदीन मारकयार
भाई-बहन3 बड़े भाई और एक बड़ी बहन
धर्ममुस्लिम
नागरिकताभारतीय
मृत्यु27 जुलाई 2015 (उम्र 83 वर्ष)
क्षेत्रविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
राष्ट्रपति बने2002-07
शौककिताबें पढना, लिखना, वीणा वादन
उपलब्धिमिसाइल मैन ऑफ इंडिया, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति, भारत रत्न से सम्मानित

डॉ . एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा

अब्दुल कलाम जी की प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम एलेमेंट्री स्कूल से शुरु हुई थी। अब्दुल कलाम जी ने BSC की पढ़ाई 1950 में सेंट जोसेफ कॉलेज, से पूरी की। इसके बाद 1954-1957 तक मद्रास Institute of Technology (MIT) से एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया।

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एपीजे अब्दुल कलाम जी का करियर ( APJ Abdul Kalam career)

एरोनिटिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल करने के बाद कलाम जी 1958 में D.T.D. and P. में तकनीकी केंद्र में वरिष्ट वैज्ञानिक के रूप कार्य करने लगे। साथ ही इन्होंने prototype hover craft के लिए तैयार किए गए वैज्ञानिक टीम का नेतृत्व किया। अब्दुल कलाम जी ने अपने करियर की शुरुआत में ही इंडियन आर्मी के लिए एक Small helicopter design किया। फिर सन् 1962 में अब्दुल कलाम जी रक्षा अनुसन्धान को छोड़ कर भारत के अन्तरिक्ष अनुसन्धान में कार्य करने लगे। 1962 से 1982 के बीच वे इस 20 वर्षों में अनुसन्धान से जुड़े अनेक पदों पर कार्यरत रहे। 1969 में कलाम जी ISRO (Indian Space Research Organization) में चल रहे भारत के पहले SLV-3 (Rohini) के समय प्रोजेक्ट हेड बने।

सन् 1980 में अब्दुल कलाम जी के नेतृत्व में रोहिणी को सफलतापूर्वक पृथ्वी के निकट स्थापित किया गया। आपकी इस महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 1981 में भारत के राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति कैसे बने ?

जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ। राष्ट्रपति के निर्वाचन हेतु भारतीय जनता पार्टी समर्थित N.D.A. घटक दलों ने अपना उम्मीदवार अब्दुल कलाम को बनाया था। जिसका समस्त दलों ने समर्थन किया।

18 जुलाई 2002 को कलाम को 90% प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। और 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। इस संक्षिप्त समारोह में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य तथा अधिकारीगण उपस्थित थे। कलाम जी का राष्ट्रपति कार्यकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ।

राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद

कार्यालय छोड़ने के बाद, कलाम भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलोंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर तथा भारतीय विज्ञान संस्थान,बैंगलोर के मानद फैलो, व एक विजिटिंग प्रोफेसर बन गए। भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुवनंतपुरम के कुलाधिपति, और साथ ही अन्ना यूनिवर्सिटी के एरोस्पेस इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर बन गए। तथा भारत भर में कई अन्य शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सहायक बने।

एपीजे अब्दुल कलाम को कौन कौन से पुरस्कार मिले ?

  • 1962 में “भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से जुड़े।
  • 1981 में पद्म भूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • 1982 में अन्ना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया।
  • 1990 में पद्म विभूषण अवार्ड मिला।
  • 1997 में भारत रत्न, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार
  • 1998 में वीर सावरकर पुरस्कार
  • 2000 में रामानुजन पुरस्कार
  • 2002 में डॉ अब्दुल कलाम जी भारत के 11वें राष्ट्रपति बनें।
  • 2007 में डॉक्टर ऑफ साइन्स की मानद उपाधि, किंग चार्ल्स II मेडल
  • 2008 में डॉक्टर ऑफ इन्जीनियरिंग (मानद उपाधि)
  • 2009 में वॉन कार्मन विंग्स अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड, हूवर मेडल, मानद डॉक्टरेट
  • 2010 डॉ. आफ इन्जीनियरिंग
  • 2011 में IEEE मानद सदस्यता
  • 2012 में डॉक्टर ऑफ़ लॉज़ (मानद उपाधि)
  • 2014 में डॉक्टर ऑफ़ साइन्स एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, यूनाइटेड किंगडम से

अब्दुल कलाम की विशेषताएँ जो उनको महान बनाती हैं।

  • अब्दुल कलाम जी शुरु से ही एक संघर्षशील, मेहनती और साकारात्क विचारधारा के व्यक्ति थे। पढ़ाई में घंटो गहन अध्ययन करते थे।
  • बेहद ग़रीब परिवार में जन्मे कलाम जी अपने संघर्ष और लगन से अखबार बांटने से लेकर राष्ट्रपति बनने तक का सफर तय किया।
  • अब्दुल कलाम ने दुनिया भर में करीब 40 यूनिवर्सिटी से डिग्री प्राप्त की थी।
  • कलाम जी ने अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर 15 पुस्तकें भी लिखीं हैं।
  • अब्दुल कलाम जी को उनके विचारों और प्रतिभाओं से प्रभावित होकर भारत का 25 July, 2002 को राष्ट्रपति चुना गया|
  • कलाम जी एक शिक्षक, वैज्ञानिक, राष्ट्रपति और लेखक आदि कई पदों पर कार्य किए।
  • अब्दुल कलाम जी कविताएं लिखने और वीणा बजाने में काफी निपुण थे।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहते हैं ?

15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में मछुआरे परिवार में कलाम का जन्म हुआ था। भारतीय मिसाइल कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाने के कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन’ का नाम भी दिया गया। स्वदेशी तकनीक से बनी अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के विकास में उन्होंने काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

डॉ कलाम क्या बनना चाहते थे?

डॉ अब्दुल कलाम को सभी वैज्ञानिक के रूप में जानते है लेकिन क्या आपको पता है की डॉ. कलाम वैज्ञानिक नहीं बल्कि वे पायलट बनना चाहते थे। लेकिन क्यों टूट गया उनका ये ख़्वाब। एक बार एयरफोर्स के पायलट के साक्षात्कार में 9वें नम्बर पर आने के कारण उन्हें निराश होना पड़ा था। क्योंकि केवल 8 पदों की ही भर्ती थी। इस असफलता ने दूसरी सफलताओं के द्वार खोल दिया था।

एपीजे अब्दुल कलाम की बुक्स (APJ Abdul Kalam books )

अब्दुल कलाम साहब ने अपने जीवन में कई किताबे लिखी हैं ये कुछ बुक्स, जिनकी रचना उन्होंने की थी:

  • इंडिया 2020 – ए विशन फॉर दी न्यू मिलेनियम
  • विंग्स ऑफ़ फायर – ऑटोबायोग्राफी
  • इग्नाइटेड माइंड
  • ए मेनिफेस्टो फॉर चेंज
  • मिशन इंडिया
  • इन्सपारिंग थोट
  • एडवांटेज इंडिया
  • यू आर बोर्न टू ब्लॉसम
  • दी लुमीनस स्पार्क

कलाम साहब की मृत्यु कैसे हुई? एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु कब और कैसे हुई?

डॉ. अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई 2015 (83 वर्ष की उम्र) में शिलांग, मेघालय, भारत में हुई थी। वे उस समय भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलॉन्ग में ही लेक्चर दे रहे थे। डॉ अब्दुल कलाम जी अचानक गिर पड़े और कार्डियक अरेस्ट उनकी मृत्यु का कारण बना। इस तरह देश के महान वैज्ञानिक, देश के गौरव वतन को छोड़ कर चले गए। महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत थे और आगे भी रहेंगें।

आपको शत शत नमन!

FAQ Dr APJ Abdul Kalam

एपीजे अब्दुल कलाम के माता पिता का क्या नाम था.

अब्दुल कलाम की माता जी का नाम अशिम्मा जुनलाब्दीन और पिता जी का नाम जैनुलाब्दीन मराकायर था।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को क्या उपनाम दिया गया है?

पूरा नाम अबुल पाकीर जैनुलअबदीन अब्दुल कलाम है और उप नाम “ मिसाइल मैन ” के नाम से भी सम्मानित किया जाता है।

एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति कब बने

18 जुलाई 2002 को 90% प्रतिशत बहुमत द्वारा भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। और 25 जुलाई 2002 को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। 2002 से 2007 के बीच भारत के 11वें  राष्ट्रपति  रहे।

100 गांव के नाम हिंदी में और English में

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

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ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 8, 2020 | Essay in Hindi | 1 comment

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi : एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को पूर्व मद्रास राज्य के द्वीप शहर रामेश्वरम में एक मध्यम-वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन के पास ज्यादा औपचारिक शिक्षा नहीं थी, लेकिन उनके पास महान ज्ञान का मोती था।

उनकी माँ आशियम्मा एक देखभाल करने वाली और प्यार करने वाली गृहिणी थीं। एपीजे अब्दुल कलाम घर के कई बच्चों में से एक थे। वह उस पैतृक घर में रहते थें और अपने बड़ें परिवार के एक छोटे से सदस्य थे।

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

Dr. APJ Abdul Kalam Essay in Hindi

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एपीजे अब्दुल कलाम लगभग 8 वर्ष के बच्चे थे। वह युद्ध की जटिलता को नहीं समझ सकते थे। लेकिन उस दौरान बाजार में अचानक इमली के बीज की मांग बढ़ने लगी। और उस अचानक मांग के लिए, कलाम बाजार में इमली के बीज बेचकर अपनी पहली मजदूरी अर्जित करने में सक्षम हुए। उन्होंने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया है कि वह इमली के बीज एकत्र करते थे और उन्हें अपने घर के पास एक प्रावधान की दुकान में बेचते थे।

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युद्ध के दिनों के दौरान उनके बहनोई जल्लालुद्दीन ने उन्हें युद्ध की कहानियों के बारे में बताया। बाद में कलाम को दिनामनी नामक अखबार में युद्ध की उन घटनाओं का पता चला। अपने बचपन के दिनों में, एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने चचेरे भाई समसुद्दीन के साथ समाचार पत्र बाटने का काम भी किए।

एपीजे अब्दुल कलाम बचपन से ही एक प्रतिभाशाली बच्चे थे। उन्होंने शवार्ट्ज हायर सेकेंड्री स्कूल, रामनाथपुरम से हाई स्कूल पास किया और मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दाख़िला लिया। और वहाँ से उन्होंने अपनी विज्ञान में ग्रेजुएशन कि डिग्री प्राप्त की। और 1958 में वह DRDO में काम करने लगे। बाद में वह ISRO में चले गए। जहाँ वह SLV3 प्रोजेक्ट के मुख्य प्रशिक्षक बन गए। यह उल्लेख करने के लिए उपयुक्त है कि अग्नि, आकाश, त्रिशूल, पृथ्वी आदि मिसाइलें उस परियोजना का हिस्सा थी। 

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एपीजे अब्दुल कलाम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें 2011 में IEEE Honorary सदस्यता से सम्मानित किया गया। 2010 में वाटरलू विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। सिवाय इसके एपीजे कलाम को 2009 में यूएसए के एएसएमई फाउंडेशन से हूवर मेडल भी मिला, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएसए से उन्हें (2009) में इंटरनेशनल वॉन कॉरमैन विंग्स अवार्ड मिला और, नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर से उन्हें डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग (2008) में सम्मानित किया गया, किंग चार्ल्स 2 मेडल, यूके 2007 में और इसके इलावा और भी बहुत कुछ। उन्हें भारत सरकार द्वारा द भारतरत्न,  पदम् विभूषण, पदम् भूषण से भी सम्मानित किया गया है।

एपीजे अब्दुल कलाम का यह लेख अधूरा रहेगा यदि मैं देश के युवाओं के प्रति उनके योगदान का उल्लेख नहीं करता। डॉ। कलाम ने हमेशा देश के युवाओं को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रेरित करके उनके जिवन को सफल बनाने का प्रयास किया। अपने जीवनकाल के दौरान डॉ कलाम ने कई शिक्षण संस्थानों का दौरा किया और छात्रों के बीच अपना बहुमूल्य समय दिया।

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दुर्भाग्य से, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गया। एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु को हमेशा भारतीयों के लिए सबसे दुखद क्षणों में से एक माना जाएगा। वास्तव में, एपीजे अब्दुल कलाम का निधन भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। अगर आज एपीजे अब्दुल कलाम होते तो भारत और तेजी से विकसित होता।

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Srikanth

Fine way of describing, and fastidious article to get data regarding my presentation topic, which i am going to present in school.

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APJ Abdul Kalam Essay for Students and Children

500+ words apj abdul kalam essay.

Dr. APJ Abdul Kalam is a famous name in the whole world. He is counted among the greatest scientists of the 21st century. Even more, he becomes the 11th president of India and served his country. He was the most valued person of the country as his contribution as a scientist and as a president is beyond compare. Apart from that, his contribution to the ISRO (Indian Space Research Organization) is remarkable. He headed many projects that contributed to the society also he was the one who helped in the development of Agni and Prithvi missiles. For his involvement in the Nuclear power in India, he was known as “Missile Man of India”. And due to his contribution to the country, the government awarded him with the highest civilian award.

Career and Contribution of APJ Abdul Kalam

APJ Abdul Kalam was born in Tamil Nadu. At that time the financial condition of his family was poor so from an early age he started supporting his family financially. But he never gave up education. Along with supporting his family he continued his studies and completed graduation. Above all, he was a member of the Pokhran nuclear test conducted in 1998.

There is a countless contribution of Dr.APJ Abdul Kalam to the country but he was most famous for his greatest contribution that is the development of missiles that goes by the name Agni and Prithvi.

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Source: sivadigitalart

Presidency Period

The great missile man becomes the President of India in 2002. During his presidency period, the army and country achieved many milestones that contributed a lot to the nation. He served the nation with an open heart that’s why he was called ‘people’s president’. But at the end of his term period, he was not satisfied with his work that’s why he wanted to be the President a second time but later on forfeited his name.

Post-presidency Period

After leaving the presidential office at the end of his term Dr. APJ Abdul Kalam again turn to his old passion which is teaching students. He worked for many renowned and prestigious institute of India located across the country. Above all, according to his the youth of the country is very talented but need the opportunity to prove their worth that’s why he supported them in their every good deed.

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Awards and Honors

During his lifetime Dr. APJ Abdul Kalam was not only awarded and honored by Indian organization and committees but also by many international organizations and committees.

Writings and Character

During his lifetime, Dr. APJ Abdul Kalam wrote many books but his most notable work was ‘India 2020’ which have an action plan to make India a superpower.

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Dr. APJ Abdul Kalam was a man of simplicity and integrity. He was so busy at work that he rises up early in the morning and work till late hours after midnight.

Death of APJ Abdul Kalam

He died during delivering a lecture to students in Shillong by sudden cardiac arrest in 2015. He was an outstanding scientist and a pioneer engineer who served his entire life for the nation and died while serving it. The man had the vision to make India a great country. And according to his the youth are the real assets of the country that’s why we should inspire and motivate them.

Essay Topics on Famous Leaders

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जानिए भारतरत्न ए पी जे अब्दुल कलाम की शिक्षा के बारे में

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 14, 2023

ए पी जे अब्दुल कलाम की शिक्षा

भारत एक ऐसा महान देश है जिसने अपने ज्ञान और विज्ञान से संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया। भारत जैसे महान देश में कई ऐसे महान वैज्ञानिक हुए, जिनके समर्पण ने विश्व कल्याण और लोकहित में एक मुख्य भूमिका निभाई। इन्ही में से एक भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न ए पी जे अब्दुल कलाम भी थे। भारतरत्न ए पी जे अब्दुल कलाम की शिक्षा के बारे में जानकर आप अपने भविष्य के लिए आसानी से निर्णय ले सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आपको ए पी जे अब्दुल कलाम की शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।

एक नज़र ए पी जे अब्दुल कलाम की शिक्षा पर

एपीजे अब्दुल कलाम भारत के उन महान वैज्ञानिकों की श्रेणी में आते हैं, जिनका उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर बनाकर सशक्त करने का था। इसरो में परियोजना निदेशक के तौर पर एपीजे अब्दुल कलाम ने एक मुख्य भूमिका निभाई, आइये भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के शिक्षा के सफ़र पर एक नज़र डालते हैं।

15 अक्टूबर 1931 में तमिलनाडु के रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यानि कि स्कूली शिक्षा “श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल, रामनाथपुरम” से पूरी करी। स्कूल में औसत दर्जे के अंक प्राप्त होने के बाद भी डॉ. कलाम कभी निराश नहीं हुए, वह अपना सर्वाधिक समय गणित विषय की गहराई को समझने में देते थे।

डॉ. कलाम ने स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से अपनी आगे की पढ़ाई की, यह कॉलेज उस समय मद्रास विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता था। वर्ष 1954 में डॉ. कलाम ने सेंट जोसेफ कॉलेज से ही भौतिक विज्ञान में बैचलर की डिग्री प्राप्त की।

डॉ. कलाम ने वर्ष 1955 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। एयरोस्पेस की पढ़ाई को पूरा करने के बाद डॉ. कलाम का करियर शुरू हो गया, उनके इस सफ़र ने अनेकों युवाओं का मार्गदर्शन किया।

ए पी जे अब्दुल कलाम की जीवन यात्रा से सीखने योग्य बातें

डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है, के बारे में जानने के बाद आपको एपीजे अब्दुल कलाम की जीवन यात्रा से सीखने योग्य बातों के बारे में जानना चाहिए। इन बातों को आप निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं;

  • डॉ. कलाम का जीवन संघर्ष से भरपूर था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
  • एपीजे अब्दुल कलाम ने युवाओं को यह सीख दी कि हालात चाहे जैसे भी हों, हार मानने का विचार न करें, बल्कि आगे बढ़ें और मेहनत करें।
  • एपीजे अब्दुल कलाम अपने सपनों को पूरा करने के लिए कितना भी संघर्ष करने को तैयार थे, यह गुण उनसे सीखा जा सकता है।
  • डॉ. कलाम हमें शिक्षा के महत्व के बारे में भी सिखाते हैं। वे शिक्षा को समृद्धि और विकास की कुंजी मानते थे, और युवाओं को शिक्षा की ओर प्रोत्साहित करते थे।
  • एपीजे अब्दुल कलाम गरीब परिवार से आते थे, उन्होंने अपने जीवन के एक लंबे दौर तक गरीबी का दुःख झेला था। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत, ज्ञान, और संघर्ष के माध्यम से स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया। आत्मनिर्भरता का यह गुण उनसे सीखा जा सकता है।
  • डॉ. कलाम एक गर्वपूर्ण भारतीय थे और उनका देश से गहरा संबंध था। ए पी जे अब्दुल कलाम ने जीवन भर “राष्ट्र सर्वोपरि” की विचारधारा का अनुसरण किया, यह गुण ही हम में देशभक्ति की भावना जगा सकता है।

एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम “अवुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम” था।

अब्दुल कलाम ने अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के सफल विकास में मुख्य भूमिका निभाई थी।

भारत की पहली मिसाइल का नाम “पृथ्वी” है।

आशा है कि आप इस पोस्ट के माध्यम से डॉक्टर अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है, के बारे में जानकारी प्राप्त कर पाए होंगे। इसी तरह के अन्य जनरल नॉलेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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मयंक विश्नोई

जन्मभूमि: देवभूमि उत्तराखंड। पहचान: भारतीय लेखक । प्रकाश परिवर्तन का, संस्कार समर्पण का। -✍🏻मयंक विश्नोई

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