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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

ऐतिहासिक स्थान पर निबंध | Essay on Historical Places in India

my favourite place essay in hindi language

Here is a compilation of Essays on ‘Historical Places’ for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Find paragraphs, long and short essays on ‘Historical Places’ in India especially written for School and College Students in Hindi Language.

List of Essays on Historical Places in India

Essay Contents:

  • फतेहपुर सीकरी । Essay on Fatehpur Sikri for College Student in Hindi Language

1. मेरा प्रिय ऐतिहासिक दर्शनीय-स्थल | Essay on My Favourite Historical Place in Hindi Language

भारत एक प्राचीन देश है । प्राचीनता के साथ इसका गौरवशाली इतिहास है । भारत के इतिहास की अनेक हैरतअंगेज घटनाएँ हैं, जिनका वर्णन भारत के ऐतिहासिक स्थल आज भी कर रहे हैं । भारत में ऐतिहासिक स्थलों की कमी नहीं है । इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए हमारे देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी प्रतिवर्ष आते हैं ।

इन ऐतिहासिक स्थलों की गाथाएँ सुनकर देश-विदेश के पर्यटक आज भी रोमांच का अनुभव करते हैं । भारत के लगभग सभी ऐतिहासिक स्थल वीरता, देशभक्ति, मानवता, प्रेम एवं त्याग आदि की कहानी कहते हैं । इनमें ज्यादातर स्थल दर्शनीय हैं ।

भारत के अनेक ऐतिहासिक स्थलों से मैं प्रभावित हुआ हूँ । परन्तु ताजमहल की सुंदरता मुझे बारम्बार अपनी ओर आकर्षित करती है । वास्तुशिल्प के दृष्टिकोण से ताजमहल इतिहास का एक सुंदर नमूना है । इसे इतिहास का एक अजूबा भी कहा जाता है ।

विश्व के सात आश्चर्यो में इसकी गणना की जाती है । भारी तादाद में देश-विदेश के पर्यटक प्रतिवर्ष इसे देखने आते हैं । ताजमहल से मुगल बादशाह शाहजहाँ की प्रेम-गाथा जुड़ी हुई है । शाहजहाँ ने इसका निर्माण अपनी बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था ।

हजारों कारीगरों ने वर्षो तक इसके निर्माण में अपने हुनर का सहयोग दिया था । वास्तव में ताजमहल के निर्माण में वर्षो तक किया गया परिश्रम आज भी इसे देखकर स्पष्ट झलकता है । उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर में स्थित ताजमहल को देखकर वर्तमान में इसके निर्माण की कल्पना भी सहज नहीं लगती ।

सफेद संगमरमर से निर्मित गुम्बद-आकार के ताजमहल के चारों कोनों पर चार गोल स्तम्भ स्थित हैं, जो इसके सौंदर्य में वृद्धि करते हैं । ताजमहल की सुंदरता सभी को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है और शाहजहाँ के प्रेम की याद दिलाती है ।

ADVERTISEMENTS:

वास्तव में मुगल बादशाह शाहजहाँ अपनी बेगम मुमताज महल से बहुत प्रेम करते थे । उन्हें इमारतें बनवाने का भी शौक था । मुमताज महल की याद में उन्होंने ताजमहल का निर्माण इसी उद्देश्य से करवाया था, ताकि युगों-युगों तक मुमताज महल के प्रति उनका प्रेम जीवित रह सके ।

उनकी यह इच्छा अवश्य पूर्ण हुई है । आज भी ताजमहल को मुमताज महल के प्रति समत शाहजहाँ के प्रेम की निशानी के रूप में जाना जाता है । देश-विदेश के प्रेमी-युगल इस प्रेम-निशानी को देखकर प्रसन्न होते हैं ।

ज्यादातर प्रेमी ताजमहल को प्रेम के प्रतीक के रूप में देखते हैं । वास्तव में दो प्रेमी यहाँ चिर निद्रा में लीन हैं । ताजमहल के मध्य शाहजहाँ और मुमताज महल की कब्र संथि बनी हुई हैं । ताजमहल का बाहरी भाग भी दर्शनीय है । परिसर में सुंदर फुलवारी एवं जल के फबारे पर्यटकों का मन मोह लेते हैं । ताजमहल के बाहरी द्वार के निकट से इसके चारों स्तम्भों सहित इसकी पूर्ण आकृति को निहारना अत्यन्त लुभावना प्रतीत होता है ।

चाँदनी रात में तो इसके सौंदर्य में चार चाँद लग जाते हैं । यही कारण है कि विदेशी पर्यटकों के अतिरिक्त विदेशी राजनेता भी ताजमहल के आकर्षण से बच नहीं पाते । प्रत्येक ऐतिहासिक स्थल का अपना महत्त्व है । ताजमहल का महत्त्व इसके वास्तु शिल्प और सौंदर्य में है, जिसने इसे अनुपम बनाया है ।

इसके अतिरिक्त शाहजहाँ के प्रेम ने इस सुंदर इमारत में जान फूंकने का सफल प्रयास किया है । ताजमहल का सफेद संगमरमर प्रेमियों को प्रेम के खर सुनाता प्रतीत होता है । ताजमहल के दर्शन करके प्रेमी स्वत: ही प्रेम-गीत गाने लगते हैं ।

भारत के ऐतिहासिक स्थलों में ताजमहल का विशेष स्थान है । पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल के रूप में यह अग्रणी है । वास्तव में अनुपम ताजमहल को बार-बार देखने को मन करता है । इसी कारण यह मेरा प्रिय ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है । मुझे जब भी अवसर मिलता है, मैं आगरा पहुँचकर ताजमहल की सुंदरता से आनन्द का अनुभव करता हूँ ।

2. ताजमहल पर निबंध । Essay on The Taj Mahal for School Students In Hindi Language (Indian Historical Place)

विश्व में जिन सात आश्चर्यो की बात कही जाती है उनमें ताजमहल का नाम भी सम्मिलित है । प्रेम का प्रतीक आगरा का ताजमहल मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी प्रेयसी साम्राज्ञी मुमताज महल की याद में बनवाया था । यह एक दर्शनीय स्थल होने के साथ-साथ ऐतिहासिक दृष्टि से वास्तुकला का नमूना भी है ।

ताजमहल यमुना नदी के दाँयें किनारे पर तथा आगरा शहर के दक्षिण में स्थित है । ताजमहल विश्व की सर्वाधिक सुन्दर इमारत है । यह पूरी इमारत सफेद संगमरमर से बनी है । यमुना के दाहिनी ओर हरे-भरे उद्यानों के बीच निर्मित इस प्रेम के प्रतीक स्मारक का निर्माण कार्य सन् 1631 में कार्य शुरू किया गया जो सन् 1653 में पूर्णरूप से बनकर तैयार हुआ ।

इसके बनाने में काम आने वाली सामिग्री विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई । मुख्यत: सफेद पत्थर नागौर स्थित मकराना से लाया गया तथा लाल पत्थर धौलपुर तथा फतेहपुर सीकरी से मँगाये गये । पीले तथा काले पत्थर नर्बाद तथा चरकोह से मँगाये गये ।

कुछ कीमती पत्थर तथा सोने-चाँदी का सामान कुछ प्रमुख सम्राटों तथा विदेशों से प्राप्त किया गया । कुछ सामान दूर-दराज के इलाकों से भी मँगाया गया । ताजमहल के निर्माण पर आई लागत को लेकर इतिहासकारों में भिन्न-भिन्न मत है । कुछ इतिहासकारों का कहना है कि ताजमहल निर्माण में 3 करोड़ रुपये खर्च हुए थे ।

किन्तु सामान्यत: ऐसा माना जाता है कि ताज के निर्माण 50 लाख से लेकर 5 करोड़ तक खर्च हुए थे । बादशाहनामा से स्पष्ट है कि ताज के रख-रखाव हेतु परगना तहसील (आगरा) से एक लाख हर वर्ष उगाहे जाते थे । मुमताज महल के कारण ही इसका नाम ताजमहल प्रसिद्ध हुआ ।

इसमें प्रवेश करने के लिए एक विशाल पत्थर से बने दरवाजे से होकर जाना पड़ता है जिस पर श्वेत पत्थर से कुरान शरीफ की आयतें लिखी हैं । आगे मनोमुग्धकारी तथा भव्य उद्यान के बीचों बीच ताज के मुख्य द्वार के सम्मुख सरु वृक्षों से सुसज्जित एक सड़क है ।

मध्य में एक सुन्दर झील है जिसमें रंग-बिरंगी मछलियां तैरती हैं अन्दर प्रवेश करने के लिए एक विशाल संगमरमर के पत्थर से बने चबूतरे पर चढ़ना पड़ता है । इसकी बनावट भी अत्यंत रमणीक है । चबूतरे के चारों कोनों पर आकाश से बातें करते चार मीनार इस प्रकार अभिमान में सिर ऊंचा उठाये खड़े हैं मानो ताजमहल के चार प्रहरी हों ताकि कोई व्यक्ति ताज की सुन्दरता को बिगाड़ न दे ।

अभी हाल ही में देश की प्रतिष्ठित न्यायपालिका सुप्रीम कोर्ट ने ताज को रात में खोलने का आदेश दिया । महीने में ताजमहल पाँच दिन रात में खुलेगा-पूर्णिमा से दो दिन पहले, पूर्णिमा, तथा दो दिन बाद । प्रत्येक रात्रि को 400 लोगों को ही ताजमहल में प्रवेश दिया जायेगा । 50-50 लोगों का समूह 30 मिनट के लिए एक ही बार में ताजमहल के परिसर में जा सकेगा ।

रात्रि में ताज दर्शन की टिकट 1,000 रुपये रखी गयी है । उर्स, शुक्रवार तथा रमजान के महीने में ताज रात्रि में नहीं खुलेगा । उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री मा. मुलायम सिंह यादव ने ताजमहल की 350 वीं वर्षगांठ के अवसर पर ताज महोत्सव का 27 सितम्बर, 2004 को उद्‌घाटन किया ।

कई दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में भिन्न-भिन्न संगीत तथा कला कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । गजल गायकारों जैसे गुलाम अली तथा हरिहरन को बुलाया गया । सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पर्यटकों को ताजमहल में दाखिल होने से पहले एक्सरे यन्त्रों तथा मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ेगा । सरकार की ओर से भी इस पर कार्य प्रारम्भ हो गया है ।

बर्नियर (फ्रेन्च यात्री) के अनुसार ”मैं मानता हूँ कि ताजमहल जैसे सुन्दर लिपटे हुए स्मारक को ही सातवाँ आश्चर्य माना जाना चाहिये न कि मिस्र के भौंडे पिरामिडों को ।” स्विट्‌जरलैण्ड की एक निजी संस्था ‘न्यू सेवेन वंडर्स फाउंडेशन’ द्वारा विश्व भर के नये सात आश्चर्यों को चुनने के लिए एक मुहिम चलायी गयी जिसके अन्तर्गत दुनिया भर की विश्वदायी स्मारकों को शामिल किया गया ।

जिनमें से सात नये अजूबों के लिए दुनिया भर में इंटरनेट के द्वारा, मैसेज के द्वारा तथा अन्य इलेक्ट्रानिक तरीकों से वोटिंग की गई । इस अभियान में करीब 10 करोड़ वोट डाले गये । इसका परिणाम दिनांक 7-7-2007 को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में एक भव्य समारोह में किया गया ।

नये अजूबों में ‘प्यार के प्रतीक’ ताजमहल को दुनिया भर के सात नये आश्चर्यों में प्रथम स्थान मिला है । हालांकि नई सूची को यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल आर्गेनाइ जेशन (यूनेस्को) की मान्यता नहीं मिली है ।

3. ऐतिहासिक स्थल की यात्रा | Essay on the Trip to a Historical Place for School Students in Hindi Language (Indian Historical Place)

प्रस्तावना:.

भारत में कई ऐतिहासिक स्थल हैं । उन्हें देखने की जिज्ञासा हमारे मन में भी रहती है । इसी चाव से एक बार हम भारत की सबसे पुरानी व ऊँची मीनार देखने के लिए दिल्ली के महरौली नामक ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर गए ।

महरौली का परिचय:

इतिहासकारों का कथन है कि आज से हजारो वर्ष पूर्व यही पर दिल्ली थी । महाराज पृथ्वीराज का किला पिथौरागढ़ यहीं पर था । यहीं पर कुतुब मीनार नामक लोहे से बनी एक लाट है । अन्य भी बहुत सारे ऐतिहासिक स्थल हैं ।

मेरे एक दोस्त के द्वारा महरौली के नामकरण के बारे में पूछने पर वहाँ के मार्ग-दर्शक ने बताया कि यद्यपि इसके बारे में निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है लेकिन किवन्दतियों के आधार पर प्राचीन काल में वराहमिहिर नामक एक ज्योतिषाचार्य थे । यहीं उसकी वैधशाला थी ।

सत्ताईस नक्षत्रो के सत्ताइस मन्दिर थे । उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम मिहिराबली पड़ा जो बाद में बिगड़ कर महरौली हो गया ।

कुतुब मीनार:

वह मार्ग-दर्शक हमको सबसे पहले कुतुब मीनार दिखाने ले गया । हम सब कुतुब मीनार के सामने खड़े हो गए । उसके बायी ओर सुन्दर घास का मैदान था । वहीं सामने एक प्राचीन भवन दिखाई दे रहा था । उसके बाहर टूटे-फूटे स्तम्मो के पत्थर बिखरे पडे थे ।

हमारे मार्ग-दर्शक ने बताया-इतिहास के अनुसार इस मीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनाना शुरू किया था परन्तु इसको उसके उत्तराधिकारी अस्तुतमिश ने पूर्ण करवाया । कुछ लोगों का मत है कि यह लाट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने वराहमिहिर के लिए बनवाई थी जिसमें बैठकर वह रात्रि को नक्षत्रो का निरीक्षण करता था ।

एक अन्य मतानुसार इस लाट को पृथ्वीराज ने अपनी बेटी के लिए बनवाया था जिस पर बैठकर मह प्रतिदिन यमुना नदी का दर्शन करती थी । इन मतों के समर्थक कहते हैं कि कुतुबुद्दीन से पहले यह लाट यहाँ पर थी । इसको उन दिनों त्रक्षत्र निरीक्षण स्तम्भ कहते थे । इसका फारसी अनुवाद कुतुब मीनार है ।

कुतुबुद्दीन के पूछने पर लोगों ने उसको फारसी में कहा यह कुतुब मीनार है जो बाद में कुतुब मीनार के नाम से प्रसिद्ध हो गया । यह मीनार 238 फुट ऊँची है । इसमें 378 सीढ़ियों है । इसकीं पाँच मजिलें हैं । प्रत्येक मंजिल पर छज्जा बाहर को निकला है जिस पर चढ़कर लोग इधर-उधर देखते थे । अब इस पर चढ़ना मना है ।

लौह स्तम्भ:

कुतुब मीनार से थोड़ा आगे बढ्‌कर एक टूटा-फूटा प्राचीन भवन दिखाई दिया जो अपने प्राचीन वैभव को प्रदर्शित कर रहा था । सामने ही एक लोहे का स्तम्भ खड़ा था । हमारे मार्ग-दर्शक-ने बताया कि यह स्तम्भ शायद चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य ने बनवाया था ।

यह उसकी विजयों का स्मारक है, इसे विष्णुध्वज कहा जाता था । यह जमीन से 23 फुट ऊपर है और साढ़े तीन फुट अन्दर । इसका भार छ: टन से अधिक है । इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस पर जंग नहीं लगता । हजारों वर्षो से यह ऐसा का ऐसा ही खड़ा है ।

योगमाया का मन्दिर:

यह भी एक ऐतिहासिक अवशेष है जिसके साथ ऐतिहासिक घटना जुड़ी हुई है । हमारे मार्ग-दर्शक ने बताया कि योगमाया का मन्दिर बड़ा ही प्राचीत मन्दिर है । कहा जाता है कि योगमाया कृष्ण की बहन थी । वह कृष्ण को बचाने के लिए पैदा हुई थी । इसी को कंस ने जमीन पर पटक कर मारा था ।

योगमाया के नाम पर ही दिल्ली का पुराना नाम योगिनीपुर था । इस मन्दिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया । वर्तमान मन्दिर को राजा सेढमल ने सन् 1807 में बनवाया था । फूल वालों की सैर के दिन जब पंखे निकलते हैं तो वे इस मन्दिर में भी आते हैं ।

फूल वालों की सैर हिन्द्व-मुस्लिम एकता व प्रेम का प्रतीक है । उस दिन यहाँ पर हिनू-मुसलमान सभी लोग बड़ी श्रद्धा से आते है ।

भूल-भुलैयाँ:

उसके बाद हम भूल-भुलैयाँ पहुँचे । यह भूल-भुलैयाँ अकबर की आय के बेटे अधमखाँ का मकबरा है । यह अठपहलुवा है । इसकी दीवार इतनी मोटी है कि इसके अन्दर ही जीना (सीढ़ी) चलता है । इस जीने के ऊपर-नीचे चढ़ने में आदमी चक्कर में पड़कर रास्ता भूल जाता है । इसीलिए इसको भूल-भुलैयाँ कहते हैं ।

महरौली के प्राचीन कस्बे की ओर एक प्राचीन महल है जिसके सामने एक तालाब है । जब तालाब में पानी भरा होता है उस समय यह महल जहाज के समान दिखाई देता है, इसलिए इसको जहाज महन कहते हैं । तालाब का निर्माण सन् 1029 में सम्राट अल्तुतमिश ने करवाया था ।

अलाउद्दीन ने इसके बीच में एक छतरी बनवाई थी जो आज तक सामने दिखाई देती है । उसके बाद अपने मार्ग-दर्शक को धन्यवाद देकर हम बस द्वारा पुन: घर को लौट आये ।

ऐतिहासिक अवशेष हमारे लिए बड़े महत्त्वपूर्ण होते हैं । ये अवशेष हमे भाषा में अपनी प्राचीन गरिमा को बताते है । एक कुशल ऐतिहासिक कला मर्मज्ञ इतिहासकार उनकी भाषा को समझता है और सुनता है इसलिए हमें इन अवशेषो को सुरक्षित रखना चाहिए ।

इनके कोई चिन्ह मिट न पाएँ इसकी सतत् देख-रेख की आवश्यकता है । हमारी सरकार को इसके लिए जागरूक होना चाहिए ।

4. दिल्ली के ऐतिहासिक स्थान की यात्रा का वर्णन |   Paragraph on a Trip to Delhi’s Historical Places in Delhi in Hindi Language

यात्राओं का जीवन में विशिष्ट महत्व है । ऐसे में ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपुर्ण स्थानों की यात्रा से एक ओर जहा मनोरंजन होता है वहीं ऐतिहासिक घटनाओं परंमपराओं और अतीत की धरोहर का ज्ञान भी प्राप्त होता है ।

साथ ही विभिन्न देशों के प्राकृतिक वातावरण और सामाजिक गतिविधियों का ज्ञान भी बढ़ता है । गतवर्ष हमारे विद्यालय से ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन हुआ । इस यात्रा के लिए कक्षा १० के छात्रों के साथ शिक्षकों ने दिल्ली भ्रमण की योजना बनाई । कलकत्ता से हमारा दल पूर्वा एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए २७ सेप्टेम्बर को रवाना हुआ ।

२८ तारीख को सुबह दस बजे के आरन पास हमलोग दिल्ली पहुँचे ।  वहां गेस्ट हाउस में ठहरने की व्यवस्था की गई थी । गेस्ट हाउस पहुँच कर हमलोगों ने स्नान आदि से निवृत होकर भोजोनोपरांत आराम     किया । दूसरे दिन प्रात: काल से दिल्ली के ऐतिहासिक भ्रमण का कार्यक्रम बनाया गया । सबसे पहले हमलोग इंडिया गेट पहुँचे ।

इंडिया गेट की भव्यता देखने के बाद हमलोग केन्द्रिय सचिवालय का भ्रमण किये ।  इस क्षेत्र में संसद भवन और उसके दोनों ओर प्रमुख सरकारी दफ्तर हैं । संसद मार्ग पर संसद भवन के अतिरिक्त आकाशवाणी भवन है ।

यहीं राष्ट्रपति भवन है और इसके सामने राजपथ है ।  इसी राजपथ पर २५ अगस्त और २६ जनवरी के दिन पैरेड होती है और राष्ट्रपति सलामी लेते है । वहां से हमलोग रिंग रोड पर पहुंचे ।  इसी रास्ते पर भारत के महान विभूतियों का समाधि स्थल है ।

राजघाट में महात्मा गांधी शान्तिवन में भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू, विजय घाट में तासकद समझौता करने वाले श्री लाल बहादुर शास्त्री और शांति स्थल में श्रीमती इन्दिरा गांधी की समाधियों पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर हमलोगो ने यमुना तट पर लाल पत्थरों से बने भारत के अतीत-गौरव और वर्तमान प्रेरणा श्रोत लाल किला के भव्य सौंदर्य का अवलोकन किया ।

यही से १५ अगस्त अर्थात स्वतन्त्रता दिवस पर प्रधानमंत्री देश वासियों को संबोधित करते है । इस किला को शाहजहाँ ने १६२८ ई॰ में बनवाया था । इस किले के अंदर मोती मस्जिद, दीवाने-आम और दीवाने-खास का भी हमलोगों ने अवलोकन किया । इसके बाद हमलोग जामा मस्जिद देखने गये ।

दूसरे दिन हमलोगो ने कुतुबमीनार देखी । यह मुगल कालीन भवन निर्माण कला का अदभूत नमूना है ।  इस गगन चुम्बी मीनार पर चढ़ कर हमलोगों ने दिल्ली की भव्य छटा का आनन्द प्राप्त किया । इस मीनार का संबंध कुतुबुद्दीन ऐबक से है । इसी मीनार के पास अशोक स्तंभ स्थित है जो सदियों पुराना है । सदियों पुराने इस स्तंभ का सौंदर्य आज भी बरकरार है ।

इसके बाद हमलोगों ने मथुरा रोड पर स्थित पुराना किला का अवलोकन किया । इस किले को महाभारत काल का भग्नावशेष माना जाता है । यहां से मुगल कालीन हुमायूं का मकबरा और दरगाह निजामुद्दीन  देखते हुए हमलोग गेस्ट हाउस लौट गये ।

तीसरे दिन हमलोगों ने शैक्षणिक, धार्मिक और सांस्कृतिक केन्द्रों का भ्रमण किया । दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया, पूसाइंस्टीट्‌यूट, विज्ञान भवन, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इन्डिया, बिड़ला मंदिर, त्रिवेणी कला संगम आदि देखते हुए हमलोगों ने कुछ खरीददारियां की और वापस लौट गये ।

यह ऐतिहासिक यात्रा मेरे लिए ज्ञान वर्धक और अविस्मरणीय यात्रा रही । जिस इतिहास को हम किताबों में पढ़ते थे उसका जीता जागता स्वरूप देखकर हम सभी प्रसन्न हुए । चौथे दिन हमलोग पुन: कलकत्ता लौट गए ।

5. कोणार्क का सूर्य-मंदिर | Essay on Konark Sun Temple for School Students in Hindi Language (Indian Historical Place)

उड़ीसा में अनेक दर्शनीय एतिहासिक, प्राकृतिक स्थान हैं, इनमें कोणार्क का सूर्य मंदिर सर्वोपरि है । इस मंदिर में वास्तुकला और मूर्तिकला के अद्‌भुत सम्मिलन को देखकर चकित रह जाना पड़ता है । 9वीं शताब्दी में केसरी वंश के एक राजा ने इसका निर्माण करवाया था ।

कालांतर में गंग वंश के राजा तांगुला नरसिंह देव ने 13 वीं शताब्दी में नए सिरे से इसका निर्माण करवाया । इसके निर्माण के संबंध में एक बड़ी ही रोचक कहानी प्रचलित है । कहा जाता है कि नरसिंह देव ने कारीसन के युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद सूर्योपासना के लिए यह मंदिर बनवाया था ।

यह भी कहा जाता है कि राजा को कुष्ठ रोग हो गया था । किसी ने उनसे कहा कि समुद्रतट पर यदि आप सूर्य-मंदिर बनवाकर सूर्य की उपासना करें, तो आपको रोग से मुक्ति मिल जाएगी । राजा ने चंद्रभागा नदी और समुद्रतट के संगम स्थल को मंदिर-निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान समझकर वहां पर सूर्य-मंदिर का निर्माण करवाया; जो कोणार्क के नाम से प्रसिद्ध है ।

कोणार्क का सूर्य मंदिर रथ के आकार का है, जिसे सात अश्व खींचते हैं । इसमें बड़े-बड़े पत्थरों के साथ लोहे की मोटी कड़ियों का भी उपयोग किया गया है । रथ को खींचने वाले जो सात घोड़े दिखाए गए है वे इतने जीवंत और गतिशील लगते है मानो रथ को हवा से बातें कराते जा रहे हों । रथ में 24 पहिए हैं ।

प्रत्येक पहिए का व्यास नौ फुट आठ इंच है । ये 24 पहिए चौबीस घंटों के प्रतीक हैं । मंदिर की नींव दस फुट ऊंचे 12 पहियों पर आधारित है । बड़ी शान से गरदन उठाए सात घोड़े गतिशील मुद्रा में हैं । लगता है, ये रथ को आसमान में उड़ाए लिए जा रहे हों । ये सात घोड़े, सात दिनों के प्रतीक हैं ।

यह मंदिर प्राचीन ओडिसी स्थापत्य कला का अरभुत नमूना है । मंदिर का निर्माण इस प्रकार किया गया है कि सृष्टि की प्रतिमा पर दिनभर विभिन्न कोणों से सूर्य की किरणें पड़ती हैं । संभवत: इसीलिए इस मंदिर का नाम कोणार्क (यानी सूर्य का कोण) पड़ा होगा । अर्क सूर्य को कहा जाता है ।

चौकोर परकोटे से घिरे इस मंदिर के तीन ओर ऊंचे-ऊंचे प्रवेशद्वार हैं । मंदिर के तीन भाग हैं नट मंडंप, जगमोहन मंडप और गर्भगृह । मंदिर के ठीक सामने समुद्र से सूर्योदय का मनोहारी दृश्य दिखाई देता है । कहा जाता है कि कोणार्क मंदिर के ऊपर एक चुंबक था, जो समुद्र में जानेवाले जहाजों को अपनी ओर खींच लेता था ।

इसलिए दूसरे देशों के नाविक उसे निकाल कर ले गए । मंदिर का शिखर तो गिर गया है, लेकिन दक्षिण-पश्चिम और उत्तरी कोनों में नवोदित सूर्य, मध्याहन सूर्य और अस्ताचलगामी सूर्य की मूर्तियां हैं । मंदिर की दीवारों पर उत्कीर्ण अप्सराओं, पशु-पक्षियों, देवी-देवताओं और प्राकृतिक दृश्य दर्शकों को मुग्ध कर देते हैं । मंदिर की बाहरी सतह पर मनुष्यों और पशुओं को अनेक मुद्राओं में अंकित किया गया है ।

रतिक्रीड़ा के भी अनेक दृश्य हैं ये दृश्य कामोत्तेजक नहीं हैं । ये काम के उदात्त भाव को व्यक्त करते हैं । नारी मूर्तियां पत्रलेखिका, शालभंजिका तथा दर्पण में अपना मुखमंडल देखती नारी की प्रतिमाएं उकृष्ट शिल्प कला को उजागर करती हैं ।

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किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध Essay on Trip to a Historical Place in Hindi

इस लेख में आप किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध (Essay on Trip to a Historical Place in Hindi) पढ़ेंगे।जिसमें ऐतिहासिक स्थल का नाम, इतिहास, वर्णन, महत्व और 10 वाक्य आकर्षक रूप से लिखे गए हैं।

Table of Contents

प्रस्तावना (किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध Essay on Trip to a Historical Place in Hindi)

ऐतिहासिक स्थल यह मनुष्य के लिए एक सांस्कृतिक विरासत की तरह होते हैं। जो भूतकाल से मिलती सीखों तथा भविष्य की गलतियों से बचने का आभास कराते हैं।

हमारे अगल-बगल ऐसे हजारों स्थल मौजूद हैं, जिन्होंने इतिहास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनमें से बहुत को तवज्जो दी जाती है और अनेकों को नहीं।

किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा को एक विशेष यात्रा कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। क्योंकि ये स्थल गौरव पूर्ण आभास देते हैं बल्कि मनोरंजन तथा ज्ञान को बढ़ाने का बेहतरीन माध्यम भी होते हैं।

सभी धर्म ग्रंथों में यात्रा को बेहद ही जरूरी काम बताया गया है। क्योंकि यात्रा करने से बौद्धिक तथा मानसिक विकास होता है साथ ही उस स्थान के भौगोलिक परिस्थितियों का भी ज्ञान होता है।

किसी अच्छे जगह की यात्रा करने से उस स्थान के इतिहास का बोध होता है। उस बोध में सैकड़ों गुप्त ज्ञान छुपे होते हैं जो मनुष्य के लिए लाभदायक साबित हो सकते हैं।

ऐतिहासिक स्थल का अर्थ सिर्फ ऊंची मीनारें या संगमरमर का महल ही नहीं होता। बल्कि ऐसे स्थान जहां इतिहास के महत्वपूर्ण घटनाओं या महापुरुषों का जीवन वृतांत जुड़ा होता है। 

ऐतिहासिक स्थल के नाम Name of the Historical place in Hindi

भारत में हजारों ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं। जैसे कि चारों धाम, 12 ज्योतिर्लिंग, तीर्थ स्थल तथा मुगलों और अंग्रेजों द्वारा निर्मित मीनारें इत्यादि।

विगत समय में मुगलों और अंग्रेजों द्वारा बनाई हुई मीनारों को ही सबसे बड़े ऐतिहासिक स्थल के रूप में दर्शाया गया है। जिसके कारण भारत के वास्तविक ऐतिहासिक स्थल तथा सांस्कृतिक विरासत का विज्ञापन नहींवत रह गया है।

परंतु आज भी ऐसे अनेकों ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं जिनके दर्शन मात्र से ही मन में रोमांच उठने लगता है। जैसे कि नालंदा का विश्वविद्यालय, केदारनाथ मंदिर, शिल्प स्थापत्य, स्तूप, ताजमहल, लाल किला इत्यादि।

प्राचीन भारत में ऐतिहासिक स्थलों को विशेष सुरक्षा में रखा जाता था। उदाहरण स्वरूप सनातन संस्कृति से जुड़े मंदिरों को नुकसान पहुंचाने पर सम्राट अशोक, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे महाराजाओं ने विशेष सजा का प्रावधान किया था। 

क्योंकि उन मंदिरो को हजारों साल पहले उनके पूर्वजों ने बनाया था। जो उनके लिए धार्मिक के साथ ऐतिहासिक स्थल भी था।

आधुनिक काल में नालंदा जैसे विश्वविद्यालय खंडहर का स्वरूप ले चुके हैं। ऐतिहासिक स्थल के नाम पर मात्र गुफाएं, कब्र, मीनारें इत्यादि ही बची हुई है।

ताजमहल को भारत के प्रसिद्धतम ऐतिहासिक स्थलों में शामिल किया जाता है। क्योंकि उसे मुगल आक्रांता शाहजहां ने अपनी बेगम के कब्र के रूप में बनवाया था। 

इसे बनाने में भारत की बेहतरीन कारीगरों की सहायता ली गई थी इसके बाद उनके हाथ काट दिए गए थे ताकि ऐसी कलाकृति फिर कभी ना बन सके।

सारनाथ का स्तंभ भी ऐसे ही ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। जहां के लोहस्तंभ पर कभी भी जंग नहीं लगती।अजंता एलोरा की गुफाएं भी सैलानियों की प्रमुख रुचियों में शामिल होती हैं।

भारत का इतिहास स्वयं ही हजारों वर्ष पुराना है। इसलिए यहां के ऐतिहासिक स्थलों का एक जगह वर्णन करना मुश्किल कार्य है। 

ऐतिहासिक स्थल का इतिहास History of Historic Site in Hindi  

किसी भी ऐतिहासिक स्थल का इतिहास बेहद पुराना होता है। जिसमें अच्छे बुरे दोनों प्रकार के पहलु शामिल होते हैं।

इनसे न सिर्फ ज्ञान मिलता है बल्कि भूतकाल में की गई गलतियों को फिर से ना दोहराने की प्रेरणा भी मिलती है। इतिहास में ऐसे न जाने कितने मनुष्य हुए हैं जिन्होंने सत्ता पर काबिज होते ही इंसानियत का नाश करना शुरू कर दिया।

वहीं दूसरी ओर कुछ लोग संपूर्ण शक्ति समर्थता होने के बावजूद भी लोक तथा समाज कल्याण में अपना पूरा जीवन न्योछावर कर दिया। उनके इन्हीं जीवन का परिचय हमें ऐतिहासिक स्थल पर जाकर प्राप्त होता है।

उदाहरण के तौर पर नालंदा विश्वविद्यालय किसी भी सच्चे भारतीय के लिए ऐतिहासिक और गर्व की बात है। क्योंकि यहां पर भारत की संपूर्ण रूप रेखा तैयार की जाती थी।

यह प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विख्यात केन्द्र था। महायान बौध धर्म के इस शिक्षा-केन्द्र में हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे।

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल के दौरान 5वीं सदी में हुई थी. लेकिन, 1193 में आक्रमण के बाद इसे नेस्तनाबूत कर दिया था

उस समय यहाँ पर करीब दस हज़ार से भी ज्यादा विद्यार्थी और लगभग दो हज़ार शिक्षक रहा करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय में तीन लाख किताबों से भरा एक विशाल पुस्तकालय, तीन सौ से भी ज्यादा कमरें और सात विशाल कक्ष हुआ करतें थे। इसका भवन बहुत ही सुंदर और विशाल हुआ करता था जिसकी वास्तुकला भी अत्याधिक सुंदर थी।

नालंदा विश्वविद्यालय में सनातन व मानवता की शिक्षा के साथ ज्ञान, विज्ञान, गणित जैसे गूढ़ विषयों को भी पढ़ाया जाता था। लेकिन तलवार के बल पर पनपे एक तथाकथित धर्म वाले कबीले ने नालंदा को नष्ट कर दिया।

तुर्की के मुस्लिम लुटेरे बख्तियार खिलजी ने नालंदा यूनिवर्सिटी में आग लगवा दी थी। यहां के पुस्तकालय में इतनी पुस्तकें थी कि पूरे तीन महीने तक आग धधकती रही। खिलजी यहीं नहीं रुका उसने यहां के कई धर्माचार्य और बौद्ध भिक्षुओं की हत्या करा दी। खिलजी का पूरा नाम इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी था।

ऐतिहासिक स्थल की सैर का वर्णन Visit the Historical site in Hindi

एक ऐतिहासिक स्थल की यात्रा मनोरंजन, ज्ञान, उत्सुकता और दुख सम्मिलित किए होती है। मैंने अपनी पिछली छुट्टियों को ऐतिहासिक स्थल के शहर में लगाया था।

सबसे पहले मैं वर्तमान बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय को देखने गया। मुझे पहले से ही पता था कि नालंदा खंडहर स्वरूप ही रह गया है। नालंदा जाने के बाद मुझे नालंदा विश्वविद्यालय की विशालता का आभास हुआ। 

खंडहर हो जाने के बावजूद भी यह परिसर अभिमान के साथ अपनी महानता के चिन्ह दिखा रहा है। सर्वप्रथम मुझे यह लगा कि काश भारत सरकार अपने प्रयासों से भारत के इस अभिमान को फिर से खड़ा करें।

मेरी दूसरी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा में जलियांवाला बाग था। जहां पर जाने के बाद मैं खुद को अश्रु विभोर होने से रोक नहीं पाया। आज भी गोलियों के वह निशान ज्यों के त्यों बने हुए हैं। 

जिन्हें देखने के बाद मेरा मन एक ही सवाल पूछ रहा था कि भारत गुलाम आखिर बना ही क्यों? क्यों यहां के लोगों ने शुरुआत में ही अंग्रेजों नहीं खदेड़ा?

मेरी तीसरी और आखिरी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा में ताजमहल शामिल था। हालांकि मैं किसी के कब्र पर जाना पसंद नहीं करता परंतु मैं भी यह जानना चाहता था कि किसी के कब्र को देखने के लिए हजारों पर्यटक देश-विदेश से कैसे आ सकते हैं?

एक मामूली से टिकट खरीदने के बाद मैं अंदर दाखिल हुआ तो पेड़ पौधे और वातावरण की सुंदरता ने मेरा मन मोह लिया। अंदर की नक्काशीयों ने मुझे भारतीय शिल्प कला की गहराइयों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया।

कुछ देर घूमने के बाद हमेशा की तरह मेरा मन एक ही तर्क दे रहा था। कि जिसे लोग प्रेम की निशानी समझ कर देखने आते हैं। वास्तव में उसकी हकीकत तथा उद्देश्य एक कब्र के लिए हजारों लोगों के हाथ काटना तथा सैकड़ों की हत्या करना था।

मेरी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा में मुझे बहुत से सीख मिले जैसे कि अति महानता की अभिमान में अगर कोई व्यक्ति लापरवाह होता है तो उसका हाल नालंदा विश्वविद्यालय जैसे ही होता है तथा जहां गुलाम मानसिकता वाले लोगों की अधिकता होगी उस स्थान को गुलाम बनने से कोई नहीं रोक सकता।

किसी भी इतिहासिका स्थल की अच्छाई या बुराई का वर्णन उसकी ऊंचाइयों और चमक-दमक से नहीं बल्कि उससे जुड़ी इंसानियत और सकारात्मक सोच से किया जाता है।

किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा का महत्व Importance of visiting a historical place in Hindi

भारत एक प्राचीन देश है इसलिए यहां के ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा का महत्व बेहद ही अधिक है। यहां पर हर वर्ष विदेशों से हजारों सैलानी आते हैं जिसके कारण भारत को आर्थिक लाभ होता है।

ऐतिहासिक स्थल की यात्रा करने से वहां के लोगों को रोजगार का अवसर प्राप्त होता है। साथी उस स्थल का विज्ञापन भी स्वतः ही हो जाता है।

यात्रा करने से बौद्धिक तथा मानसिक विकास तो होता ही है साथ ही भौगोलिक परिस्थितियों का भी ज्ञान होता है। जिसके माध्यम से मनुष्य में उत्सुकता तथा कलात्मकता में वृद्धि होती है। 

आज डिजिटल प्लेटफार्म की अधिकता होने के कारण लोग ऐतिहासिक स्थल की यात्रा घर बैठे ही कर लेते हैं। भले ही यह एक सस्ता तथा आकर्षक मार्ग हो पर वास्तविक यात्रा तो उस स्थान की बारीकियों को देखने के बाद ही पूरी होती है।

किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर 10 लाइन Best 10 lines on Visit of Historical Place in Hindi

  • ऐतिहासिक स्थल यह मनुष्य के लिए एक सांस्कृतिक विरासत की तरह होते हैं।
  • विगत समय में मुगलों और अंग्रेजों द्वारा बनाई हुई मीनारों को ही सबसे बड़े ऐतिहासिक स्थल के रूप में दर्शाया गया है।
  • सारनाथ का स्तंभ हुई ऐसे ही ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। जहां के लोहस्तंभ पर कभी भी जंग नहीं लगती।
  • नालंदा विश्वविद्यालय किसी भी सच्चे भारतीय के लिए ऐतिहासिक और गर्व की बात है।
  • तुर्की के मुस्लिम लुटेरे बख्तियार खिलजी ने नालंदा यूनिवर्सिटी में आग लगवा दी थी।
  • एक ऐतिहासिक स्थल की यात्रा मनोरंजन, ज्ञान, उत्सुकता और दुख सम्मिलित किए होती है।
  • आज डिजिटल प्लेटफार्म की अधिकता होने के कारण लोग ऐतिहासिक स्थल की यात्रा घर बैठे ही कर लेते हैं।
  • दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए हमारे देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी प्रतिवर्ष आते हैं।
  • वास्तुशिल्प के दृष्टिकोण से ताजमहल इतिहास का एक सुंदर नमूना है।
  • एतिहासिक स्थल की यात्रा करने से मनुष्य का बौद्धिक और मानसिक विकास होता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने किसी ऐतिहासिक स्थल की यात्रा पर निबंध हिंदी में (Essay on Trip to a Historical Place in Hindi) पड़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए सहायक सिद्ध हुआ हो। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो शेयर जरूर करें। 

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Essay on My Favourite Place – 10 Lines, 100 to 1500 Words

Short Essay on My Favourite Place

Essay on My Favourite Place: Everyone has a special place that holds a special meaning in their heart. For me, that place is my grandmother’s house. It’s not just a physical location, but a sanctuary of love, warmth, and comfort. In this essay, I will delve into the reasons why my grandmother’s house is my favourite place, exploring the memories, emotions, and experiences that make it so special to me. Join me on this journey as I recount the magic of my favourite place.

Table of Contents

My Favourite Place Essay Writing Tips

1. Introduction: Start your essay by introducing your favourite place and explaining why it holds a special significance for you. You can mention how often you visit this place and what makes it unique.

2. Descriptive details: Use vivid descriptions to paint a picture of your favourite place for the reader. Describe the sights, sounds, smells, and feelings that you experience when you are there. This will help the reader understand why this place is so special to you.

3. Personal connection: Explain why this place is your favourite and what it means to you. You can talk about the memories you have made there, the emotions you feel when you are there, or the sense of peace and happiness it brings you.

4. Historical or cultural significance: If your favourite place has a historical or cultural significance, be sure to mention it in your essay. Explain why this aspect of the place is important to you and how it adds to your enjoyment of it.

5. Compare and contrast: You can also compare your favourite place to other places you have visited or experiences you have had. This can help the reader understand what sets this place apart and why it is your favourite.

6. Conclusion: Wrap up your essay by summarizing why this place is so special to you and reiterating the reasons why it holds a special place in your heart. You can also mention any future plans you have to visit this place again or how you hope to share it with others.

7. Proofread and revise: Before submitting your essay, make sure to proofread it for any grammatical or spelling errors. You can also revise it to ensure that your ideas are clearly presented and that your essay flows smoothly from beginning to end.

By following these writing tips, you can create a compelling and engaging essay on your favourite place that will captivate your readers and leave a lasting impression.

Essay on My Favourite Place in 10 Lines – Examples

1. My favourite place is a secluded beach on the coast, away from the hustle and bustle of city life. 2. The sound of the waves crashing against the shore is incredibly calming and soothing. 3. The soft sand beneath my feet and the warm sun on my skin make me feel at peace. 4. The crystal-clear water is perfect for swimming and snorkeling, allowing me to explore the underwater world. 5. The stunning sunsets over the horizon are a sight to behold, painting the sky in vibrant hues of orange and pink. 6. The beach is surrounded by lush greenery and towering palm trees, creating a tropical paradise. 7. I love to relax in a hammock under the shade of a palm tree, reading a book or simply enjoying the serenity of the surroundings. 8. The beach is a haven for wildlife, with dolphins, sea turtles, and colorful fish often spotted in the waters. 9. I enjoy taking long walks along the shoreline, collecting seashells and watching the seabirds soar overhead. 10. This beach holds a special place in my heart, as it is where I can truly unwind and reconnect with nature.

Sample Essay on My Favourite Place in 100-180 Words

My favorite place is the beach. The sound of the waves crashing against the shore, the feeling of the warm sand between my toes, and the salty sea breeze all combine to create a sense of peace and relaxation that I can’t find anywhere else.

I love spending hours lounging on the beach, reading a book, or simply watching the sunset over the horizon. The beach is my escape from the hustle and bustle of everyday life, a place where I can unwind and recharge.

Whether I’m swimming in the ocean, building sandcastles with my family, or simply taking a leisurely stroll along the shore, the beach always brings me a sense of joy and contentment. It’s a place where I can forget about my worries and just be in the moment.

In conclusion, the beach is my favorite place because it allows me to connect with nature, relax, and find peace in the beauty of the world around me.

Short Essay on My Favourite Place in 200-500 Words

My favorite place in the world is my grandparents’ house in the countryside. It is a small, cozy cottage surrounded by lush green fields and towering trees. The moment I step foot on their property, I am overcome with a sense of peace and tranquility that I cannot find anywhere else.

The house itself is a quaint little building with a thatched roof and a charming front porch. Inside, the walls are adorned with family photos and knick-knacks collected over the years. The furniture is well-worn and comfortable, inviting me to sink into its cushions and relax.

One of my favorite things about my grandparents’ house is the sprawling garden that surrounds it. My grandmother has a green thumb and has cultivated a beautiful array of flowers, fruits, and vegetables. I love wandering through the garden, admiring the vibrant colors and sweet scents that fill the air.

Another highlight of my visits to my grandparents’ house is the delicious home-cooked meals that my grandmother prepares. She is an incredible cook and always has a feast waiting for me when I arrive. From hearty stews to freshly baked pies, every meal is a culinary delight that I look forward to.

But perhaps the best part of my time at my grandparents’ house is the quality time I get to spend with them. We sit on the porch swing and chat for hours, reminiscing about the past and sharing stories about our lives. My grandparents are a source of wisdom and comfort, and I cherish the moments I get to spend with them.

In the evenings, we gather around the fireplace and play board games or watch old movies. The crackling of the fire and the warmth of their presence make me feel safe and content. As I drift off to sleep in my cozy bed, I am filled with gratitude for the love and care that my grandparents provide.

My grandparents’ house is more than just a physical place; it is a sanctuary for my soul. It is where I can escape the hustle and bustle of everyday life and reconnect with myself and my loved ones. The memories I have made there will stay with me forever, and I will always hold a special place in my heart for that little cottage in the countryside.

Essay on My Favourite Place in 1000-1500 Words

My Favourite Place

There are many places in this world that hold a special place in my heart, but if I had to choose just one as my favourite, it would have to be the small coastal town of Byron Bay in Australia. This picturesque town has captured my heart with its stunning beaches, laid-back atmosphere, and vibrant community. Every time I visit Byron Bay, I feel a sense of peace and contentment that I have never experienced anywhere else.

One of the main reasons why Byron Bay is my favourite place is its breathtaking natural beauty. The town is nestled between lush rainforests and pristine beaches, creating a stunning backdrop for every moment spent there. The crystal-clear waters of the ocean sparkle in the sunlight, inviting visitors to take a dip and cool off from the heat. The golden sands stretch for miles, providing the perfect spot for sunbathing, picnicking, or simply taking a leisurely stroll along the shore.

One of my favourite activities in Byron Bay is watching the sunrise over the ocean. There is something truly magical about witnessing the first light of day as it paints the sky in a myriad of colours, casting a warm glow over the water and the beach. The peacefulness of the early morning hours, combined with the beauty of the natural surroundings, creates a sense of tranquillity that is hard to find elsewhere.

Another reason why Byron Bay holds a special place in my heart is its laid-back atmosphere. The town has a relaxed vibe that is infectious, making it easy to unwind and let go of the stresses of everyday life. The locals are friendly and welcoming, always ready to strike up a conversation or offer a helping hand to visitors. There is a sense of community in Byron Bay that is rare to find in today’s fast-paced world, and it is this sense of belonging that keeps drawing me back to this special place.

One of my favourite things to do in Byron Bay is to explore the town on foot. The streets are lined with charming cafes, boutique shops, and art galleries, each offering a unique glimpse into the local culture and creativity. I love wandering through the colourful markets, sampling fresh produce and handmade crafts, and chatting with the artisans and vendors who call Byron Bay home. There is a sense of authenticity and passion in everything that is created and sold in this town, and it is a joy to support the local businesses and artists who make Byron Bay such a vibrant and thriving community.

One of the highlights of my visits to Byron Bay is the food scene. The town is a foodie’s paradise, with a wide range of restaurants, cafes, and food trucks serving up delicious and innovative dishes from around the world. Whether I am craving fresh seafood, gourmet burgers, or vegan fare, I can always find something to satisfy my taste buds in Byron Bay. The farm-to-table movement is strong in this town, with many eateries sourcing their ingredients locally and supporting sustainable and ethical practices. Every meal in Byron Bay is a culinary adventure, and I love trying new flavours and dishes that I can’t find anywhere else.

In addition to its natural beauty, laid-back atmosphere, and vibrant community, Byron Bay also holds a special place in my heart because of the memories I have made there. I have visited this town numerous times over the years, each time creating new and unforgettable experiences that I will cherish forever. From watching the annual whale migration from the lighthouse, to surfing the waves at sunrise, to dancing under the stars at the local music festival, Byron Bay has provided me with countless moments of joy, laughter, and connection.

One of my most treasured memories of Byron Bay is the time I spent volunteering at a local animal sanctuary. I had the opportunity to care for rescued wildlife, including koalas, kangaroos, and birds, and to learn about the importance of conservation and environmental stewardship. It was a humbling and eye-opening experience that deepened my love and appreciation for the natural world, and it is something that I will always hold close to my heart.

In conclusion, Byron Bay is my favourite place in the world because of its stunning natural beauty, laid-back atmosphere, vibrant community, and the memories I have made there. Every time I visit this town, I am reminded of the beauty and wonder of the world around us, and I am filled with a sense of gratitude and awe for the incredible experiences that life has to offer. Byron Bay is more than just a destination; it is a sanctuary for the soul, a place where I can truly be myself and connect with the world in a meaningful and profound way. I am grateful for the moments I have spent in Byron Bay, and I look forward to many more adventures and memories in this special place in the years to come.

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मेरा प्रिय विषय पर निबंध

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मुझे स्कूल जाना बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन जैसे-जैसे मेरी दोस्ती रंगो से हुई, मैंने स्कूल को ही अपना घर और रंगो को अपना दोस्त बना लिया, बस फिर क्या था, मैं दिनभर कक्षा में चित्रकारी (Drawing) ही किया करती थी।

इसी से पता चला की मेरा प्रिय विषय चित्रकारी (Drawing) है। यह सिर्फ स्कूल में ही नहीं, घर में भी है। मुझे अलग-अलग रंगो से खेलना बहुत भाता था, और इस तरह मैं हर समय व्यस्त भी रहती थी, और मेरे माता-पिता को मुझे सम्भालने के लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती थी। वो मुझे अलग-अलग प्रकार के रंग दिया करते थे।

इसका पूरा श्रेय मेरी कक्षा-अध्यापिका को जाता है। ये उन्ही की देन थी जिस कारण मेरा रूझान इस ओर हुआ। उनका चीजों को समझाने का तरीका इतना शानदार होता था, कि ना चाहते हुए भी आपका मन उस विषय में रम जाए। वो हर चीज को बड़े ही रचनात्मक तरीके से कहानी के माध्यम से बड़े ही रोचक तरीके से वर्णन करती थी, जिससे मन में हर वस्तु की छवि उभर जाती थी। मुझे हर वस्तु को रंगो में पिरोना अच्छा लगता था, धीरे-धीरे यह मेरा पसंदीदा विषय बन गया।

जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ी, मुझे चित्रकारी की विधाओं से प्रेम होने लगा। मेरी अध्यापिका ने मुझे अलग-अलग चित्रण शैली से अवगत कराया, जिसमें मुख्यतः रेखीय चित्रण, कांच-चित्रण, एवम् तैलीय चित्रण है। मै ग्रीष्म-कालीन विविध प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती थी और ईनाम भी मिलती थी।

बड़ी कक्षाओं में पहुंचकर हमें कुछ नये विषयों के बारे में भी पता चला, जिससे ध्यानाकर्षण नये-नये विषयों में हुआ। मुझे इन सबमें पर्यावरणीय अध्ययन ने सबसे ज्यादा आकर्षित किया। ड्राइंग के बाद ये दूसरा ऐसा विषय था जिसने मुझे सबसे अधिक आकृष्ट किया, क्योंकि ये भी हमे प्रकृति से जोड़ कर रखने और उसके बारे मे जानने का अवसर प्रदान किया। इससे हमे पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, जल, वायु आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

पर्यावरणीय अध्ययन में पर्यावरण का अध्ययन होता है, और साथ ही चित्रकारी करने को भी मिलती है, इसलिए ये दोनों विषय मुझे सर्वाधिक प्रिय है।

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Words: 514 |

Published: Mar 14, 2024

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Having the stuff to show is common. On contrary, having stories to tell is awesome. If you are fond of travelling then be happy you fall in the second category. Travelling gives you great experiences to share. And if you are not [...]

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my favourite place essay in hindi language

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 lines (My Favourite Book Essay in hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

my favourite place essay in hindi language

My Favourite Book Essay in Hindi – किताबें मानवता के सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक हैं। वे हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं और उनकी जगह कोई और नहीं ले सकता। किताबें हमें ज्ञान, खुशी और हमारे आसपास की दुनिया में गहरी अंतर्दृष्टि देती हैं। वे हमारे प्रेरणा और प्रेरणा के स्रोत हैं।

मार्क ट्वेन ने ठीक ही कहा था, “अच्छे दोस्त, अच्छी किताबें और एक नींद में डूबा विवेक: यही आदर्श जीवन है।” एक पूर्ण और संतोषजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए पुस्तकों को अवश्य पढ़ें। किसी व्यक्ति के लिए किताबें पढ़ना उतना ही जरूरी है जितना कि दोस्त बनाना और मेलजोल बढ़ाना। जब किताबों की बात आती है तो लोगों के अलग-अलग स्वाद होते हैं। जबकि कुछ को अपराध शैली पसंद हो सकती है, दूसरों को रोमांस पसंद हो सकता है, जबकि अन्य विज्ञान कथाओं पर अड़े हो सकते हैं। जब किताबों की बात आती है तो लोग व्यक्तिगत पसंदीदा होते हैं।

किताबें सबसे अच्छी दोस्त, साथी और शिक्षक होती हैं। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमें एक आंतरिक दृष्टि और एक गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। वे हमारे अनुभव को समृद्ध करते हैं और हमारी बुद्धि को तेज करते हैं। वे हमें दूसरे लोगों के कंधों पर खड़े होने और दुनिया को एक उच्च दृष्टिकोण से देखने का अवसर देते हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 10 पंक्तियाँ (My Favourite Book Essay 10 Lines in Hindi)100 – 150 Words

  • 1) किताबें ज्ञान का कभी न खत्म होने वाला स्रोत हैं।
  • 2) मुझे भक्ति पुस्तकें पढ़ना अच्छा लगता है।
  • 3) मेरी पसंदीदा पुस्तक जो मुझे प्रेरित करती है वह है “रामचरितमानस”।
  • 4) इस ग्रंथ में भगवान राम के चरित्रों की विस्तार से चर्चा की गई है।
  • 5) मेरी दादी हमेशा मुझे भगवान राम की कहानी सुनाती हैं जो मुझे इस किताब को पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
  • 6) यह पुस्तक हमें बहुत सी अच्छी बातें सिखाती है।
  • 7) इस पुस्तक में वर्णित सुख और दुख के क्षण मेरे रोंगटे खड़े कर देते हैं।
  • 8) यह पुस्तक मुझे भगवान राम के पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा देती है।
  • 9) यह पुस्तक हर हिंदू के दिल में बहुत महत्व रखती है।
  • 10) रामचरितमानस पढ़ने से मुझे हर बार सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

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मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 200 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 200 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – भ्रम का महल’

मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, किसी ने भ्रम के महल के रूप में मेरी रुचि को आकर्षित नहीं किया है। चित्रा बनर्जी दिवाकरुनी किताब लिखती हैं। 1956 में जन्मी चित्रा एक प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी लेखिका और कवि हैं। कलकत्ता विश्वविद्यालय और राइट स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका की पूर्व छात्रा चित्रा ने पीएच.डी. कैलिफोर्निया से अंग्रेजी में।

उनकी पुस्तक, द पैलेस ऑफ इल्यूशन्स, महाभारत की महाकाव्य कहानी से पांचाली की कहानी बताती है। चित्रा ने अपनी कथावाचक पांचाली के माध्यम से इस महाकाव्य गाथा की नारीवादी व्याख्या की है। उपन्यास पांचाली के जीवन पर केंद्रित है। इसमें उनके जीवन के उन पहलुओं को शामिल किया गया है जो महाभारत के अन्य रूपांतरणों में छूट गए थे। यह पंचाली के जन्म के समय से उसके जीवन का विस्तृत विवरण देती है। उनका जन्म किसी चमत्कार से कम नहीं था। वह जादुई रूप से आग में पैदा हुई थी।

पांचाली एक धनी राजा की बेटी थी। उसने पांचों पांडवों से विवाह किया। उसकी शादी के बाद उपन्यास में उसकी कठिनाइयों को विस्तार से लिखा गया है। निर्वासन में रहने की चुनौतियाँ, अपने पति और सास के साथ उसका रिश्ता, और भगवान कृष्ण के साथ उसके समीकरण सभी को उपन्यास में शामिल किया गया है।

पांचाली एक करिश्माई और साहसी चरित्र है। मुझे उसके बारे में पढ़ना अच्छा लगा। चित्रा ने चरित्र को चित्रित किया है और घटनाओं को भी बहुत अच्छी तरह से चित्रित किया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 250 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 250 words in Hindi)

किताबें हमारी सबसे अच्छी दोस्त होने के नाते हमें पूरी दुनिया के बारे में ज्ञान प्रदान करती हैं। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। उनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की पुस्तकें हैं और कुछ कहानी की पुस्तकें हैं जो मेरे माता-पिता ने मेरे लिए खरीदी हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक

मेरी पसंदीदा किताब पंचतंत्र है। इसे विष्णु शर्मा ने लिखा है। पुस्तक में अनेक कहानियों का संग्रह है। लेखक ने पशुओं के क्रियाकलापों द्वारा जीवन का नैतिक ज्ञान देने का प्रयास किया है। मुझे कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है और इस किताब ने मुझे अलग-अलग तरह की कहानियाँ उपलब्ध कराईं।

सारस और केकड़े की कहानी केकड़े के मन और बुद्धि की उपस्थिति को दर्शाती है। जब वह बूढ़ा हो गया तो सारस अपने भोजन की तलाश नहीं कर सका और इसलिए उसने एक योजना बनाई। वह तालाब के पास उदास और उदास खड़ा था और जब मछली और केकड़े ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तो उसने एक झूठी कहानी बना दी कि तालाब में लोग फसल उगाने के लिए आबाद होंगे। उसकी कहानी से सभी मछलियाँ, मेंढक और केकड़े कायल हो गए। बाद में जब सारस द्वारा केकड़े को मारकर खाने की बात आई तो स्थिति उलट गई। केकड़े ने अपनी बुद्धि का उपयोग किया और सारस के असली मकसद का अनुमान लगा लिया। वह सारस को मारकर फरार हो गया।

पुस्तक में बंदर और मगरमच्छ, हाथी और चूहे, वफादार नेवले आदि जैसी कई कहानियाँ हैं। पुस्तक में कई कहानियाँ हैं और वे दोस्ती, साहस, बुद्धिमत्ता, मन की उपस्थिति और एकता जैसे गुणों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

पंचतंत्र मेरी पसंदीदा कहानियों की किताबों में से एक है। इस किताब को पहली बार पढ़कर मुझे बहुत खुशी हुई। कहानियाँ आकर्षक होने के साथ-साथ हमें जीवन की कुछ नैतिकताएँ भी सिखाती हैं।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 300 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 300 words in Hindi)

‘मेरी पसंदीदा किताब – 2 स्टेट्स बाय चेतन भगत’.

My Favourite Book Essay in Hindi – मुझे रोमांस उपन्यास पढ़ना बहुत पसंद है और मैंने अब तक जो सबसे अच्छा पढ़ा है, वह चेतन भगत द्वारा लिखित 2 स्टेट्स है। मुझे इस उपन्यास के केंद्रीय पात्र पसंद हैं और उनके बीच प्यार कैसे विकसित होता है। उपन्यास को आंशिक रूप से आत्मकथात्मक कहा जाता है। भगत की अपनी प्रेम कहानी ने उन्हें यह पुस्तक लिखने के लिए प्रेरित किया। इस पुस्तक को जनता ने इतना पसंद किया कि इसे एक फिल्म में भी रूपांतरित किया गया।

दो राज्यों की दिलचस्प कहानी

कहानी एक युवा पंजाबी लड़के, कृष और एक खूबसूरत दक्षिण भारतीय लड़की, अनन्या की है। दोनों आईआईएम अहमदाबाद में पढ़ते हैं। वे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और साथ में काफी वक्त बिताते हैं। जल्द ही एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। वे शादी करना चाहते हैं लेकिन आगे आने वाली मुश्किलों को नहीं देख सकते। समस्या तब शुरू होती है जब वे अपने माता-पिता को एक-दूसरे से मिलवाते हैं।

दोनों परिवार अलग-अलग सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से हैं और साथ रहना मुश्किल है। कृष और अनन्या स्थिति को शांत करने और दोनों के बीच एक बंधन स्थापित करने की बहुत कोशिश करते हैं। हालाँकि, चीजें हाथ से निकल जाती हैं, और वे अलग होने का फैसला करते हैं। वे अपने संबंधित करियर पर ध्यान देना शुरू करते हैं, लेकिन यह कठिन है। उनके लिए एक-दूसरे को भूलना मुश्किल होता है। अंत में, चीजें अच्छे के लिए एक मोड़ लेती हैं, और वे फिर से मिल जाते हैं।

मुझे कृष और अनन्या के बीच गहरा बंधन पसंद है। इन किरदारों को चेतन भगत ने जीवंत किया है। वे सिर्फ एक दूसरे के लिए बने लगते हैं। कहानी के अन्य किरदार भी काफी मजबूत और मनमौजी हैं। उनमें से प्रत्येक के बारे में पढ़ना दिलचस्प है।

मुझे यह किताब बहुत पसंद है। मैंने इसे तीन बार पढ़ा है और इसे बार-बार पढ़ सकता हूं। इस कहानी के पात्र इतने वास्तविक लगते हैं कि जब भी मैं इस किताब को पढ़ता हूं तो हर बार उनके साथ रहने लगता हूं। मैंने इस पुस्तक पर आधारित फिल्म भी देखी है और इसका पूरा आनंद लिया है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध 500 शब्दों मे (Essay on My Favourite Book 500 words in Hindi)

मेरी पसंदीदा पुस्तक पर निबंध: किताबें वो दोस्त होती हैं जो आपका साथ कभी नहीं छोड़तीं। मुझे यह कहावत बहुत सच लगती है क्योंकि किताबें हमेशा मेरे साथ रही हैं। मुझे किताबें पढ़ना अच्छा लगता है। उनके पास हमारे स्थानों से हिले बिना दुनिया की यात्रा करने में हमारी मदद करने की शक्ति है। इसके अलावा किताबें हमारी कल्पना शक्ति को भी बढ़ाती हैं। बड़े होकर मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने हमेशा मुझे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मुझे पढ़ने का महत्व सिखाया। इसके बाद मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। हालांकि, एक बूम जो हमेशा मेरा पसंदीदा रहेगा वह हैरी पॉटर है। यह मेरे जीवन के सबसे पेचीदा पठन में से एक है। मैंने इस श्रृंखला की सभी पुस्तकें पढ़ी हैं, फिर भी मैं उन्हें फिर से पढ़ता हूँ क्योंकि मैं इससे कभी ऊबता नहीं हूँ।

हैरी पॉटर सीरीज

हैरी पॉटर हमारी पीढ़ी के सबसे प्रतिष्ठित लेखकों में से एक जेके राउलिंग द्वारा लिखी गई पुस्तकों की एक श्रृंखला थी। ये पुस्तकें विज़ार्डिंग दुनिया और उसके कामकाज का प्रदर्शन करती हैं। जेके राउलिंग इस दुनिया की एक तस्वीर बुनने में इतनी सफल रही हैं, कि यह वास्तविक लगती है। हालाँकि इस श्रंखला में सात पुस्तकें हैं, फिर भी मेरी एक विशेष पसंद है। श्रृंखला की मेरी पसंदीदा पुस्तक द गॉब्लेट ऑफ फायर है।

जब मैंने किताब पढ़ना शुरू किया, तो इसने तुरंत मेरा ध्यान खींचा। हालाँकि मैंने पिछले सभी भागों को पढ़ लिया था, फिर भी किसी भी किताब ने मेरा ध्यान इस तरह नहीं खींचा जैसा कि इस ने खींचा। इसने विजार्डिंग दुनिया में एक बड़ा परिप्रेक्ष्य दिया। इस पुस्तक के बारे में जो चीजें मुझे सबसे ज्यादा उत्साहित करती हैं, उनमें से एक है अन्य जादूगर स्कूलों का परिचय। ट्राई-विजार्ड टूर्नामेंट की अवधारणा हैरी पॉटर श्रृंखला में मेरे सामने आए सबसे शानदार टुकड़ों में से एक है।

इसके अलावा, इस किताब में मेरे कुछ पसंदीदा किरदार भी शामिल हैं। जिस क्षण मैंने विक्टर क्रुम की प्रविष्टि के बारे में पढ़ा, मैं चकित रह गया। राउलिंग द्वारा वर्णित उस चरित्र की आभा और व्यक्तित्व बस शानदार है। इसके अलावा, इसने मुझे श्रृंखला का एक बड़ा प्रशंसक बना दिया।

हैरी पॉटर सीरीज ने मुझे क्या सिखाया? (What Harry Potter Series Taught Me?)

भले ही किताबें जादूगरों और जादू की दुनिया के बारे में हैं, हैरी पॉटर श्रृंखला में युवाओं के सीखने के लिए बहुत कुछ है। सबसे पहले, यह हमें दोस्ती का महत्व सिखाता है। मैंने कई किताबें पढ़ी हैं लेकिन हैरी, हर्मोइन और रॉन जैसी दोस्ती कभी नहीं देखी। ये तीनों मस्किटियर पूरी किताबों में एक साथ रहे और कभी हार नहीं मानी। इसने मुझे एक अच्छे दोस्त का मूल्य सिखाया।

इसके अलावा, हैरी पॉटर की श्रृंखला ने मुझे सिखाया कि कोई भी पूर्ण नहीं है। सबके अंदर अच्छाई और बुराई होती है। हम वही हैं जो चुनते हैं कि हम क्या बनना चाहते हैं। इससे मुझे बेहतर चुनाव करने और एक बेहतर इंसान बनने में मदद मिली। हम देखते हैं कि स्नेप जैसे सबसे दोषपूर्ण चरित्रों में उनके अंदर कितनी अच्छाई थी। इसी तरह, डंबलडोर जैसे सबसे अच्छे लोगों में कुछ बुरे लक्षण कैसे थे। इसने लोगों के प्रति मेरे दृष्टिकोण को बदल दिया और मुझे अधिक विचारशील बना दिया।

आखिरकार, इन किताबों ने मुझे उम्मीद दी। उन्होंने मुझे आशा का अर्थ सिखाया और सुरंग के अंत में प्रकाश कैसे होता है। इसने मुझे सबसे हताश समय में उम्मीद पर टिके रहने की ताकत दी, ठीक वैसे ही जैसे हैरी ने अपने पूरे जीवन में किया। ये कुछ सबसे जरूरी चीजें हैं जो मैंने हैरी पॉटर से सीखी हैं।

अंत में, जबकि किताबों में कई फिल्में बनी थीं। पुस्तकों के सार और मौलिकता के सामने कुछ भी नहीं है। पुस्तकों के विवरण और समग्रता को किसी भी प्रकार के मीडिया द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है। इसलिए, आग का प्याला मेरी पसंदीदा किताब बनी हुई है।

मेरी पसंदीदा पुस्तक निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्र.1 ग्रंथ का मूल शब्द क्या है.

उत्तर. Book शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के पुराने शब्द ‘Boc’ से हुई है।

Q.2 भारत में पहली मुद्रित पुस्तक कौन सी थी?

उत्तर. कम्पेंडियो स्पिरिचुअल दा वीड क्रिस्टा भारत में छपी पहली किताब थी।

Q.3 दुनिया की पहली किताब का नाम क्या था?

उत्तर. दुनिया की पहली किताब का नाम गुटेनबर्ग बाइबिल है जो 1455 में यूरोप में छपी थी।

Q.4 सबसे पुरानी धार्मिक पुस्तक का नाम क्या है?

उत्तर. सबसे पुराने धार्मिक ग्रंथ का नाम ‘ऋग्वेद’ है।

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My Favourite Place Essay

iit-jee, neet, foundation

Table of Contents

My Favourite Place Essay: Everyone has a favorite place that holds a special meaning in their heart. It may be a serene beach, a hidden garden, or the comfort of a childhood home. Sharing the magnetism and importance of one’s favorite place is an invitation to treasure our personal refuges and cherish unforgettable moments experienced within their embrace. In this blog, we will provide sample essays of different lengths – 150, 250, 300, and 500 words – to capture the essence of this beloved location.

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These sample essays aim to convey the essence of a favourite place in various lengths, capturing the essence of these beloved locations – the serenity, nostalgia, and joy they provide. Whether it’s an essay of small word count of 150 words or a longer one of 500 words, these sample pieces help you with all you need.

My Favourite Place Essay 1: 100 Words

My favourite place is a cozy beachside cafe where time slows down, and relaxation takes center stage. The moment I step onto the sandy shore, a soothing sense of calm engulfs me. The rhythmic sound of the crashing waves, the salty ocean breeze, and seagulls soaring overhead create a serene symphony that rejuvenates my weary soul. As I sit on a wooden deck chair, sipping my favorite coffee, I watch as the sun bids adieu, offering a breathtaking view of the horizon painted in hues of orange and pink. This sanctuary allows me to reflect, unplug, and simply be present in the moment – a haven where my worries melt away and my spirit finds solace.

My Favourite Place Essay 2: 200 Words

Set amidst rolling hills and majestic mountains, my favourite place is an enchanting valley that leaves me spellbound. As I venture deep into the valley, the crisp, fresh air fills my lungs, rejuvenating both my body and mind. The panoramic vistas of cascading waterfalls, meandering rivers, and gentle meadows covered in wildflowers unfold before me like a masterpiece created by Mother Nature herself.

The solitude and peace I find here are unparalleled, allowing me to delve into introspection and reconnect with my inner self. The valley’s rich biodiversity provides a haven for various wildlife species, and occasionally, I am lucky enough to spot a deer trotting gracefully or hear the distant echo of a bird’s song.

At the heart of this ethereal valley lies a sparkling turquoise lake, reflecting the surrounding mountains like a mirror. Its calm and serenity are simply awe-inspiring, leaving me in awe of nature’s unmatched beauty. Sitting by the lake’s edge, I watch as the sun paints the sky in a breathtaking palette of hues during sunset, bidding farewell to another day.

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My Favourite Place Essay 3: 250 Words

My favourite place is my childhood home, a charming house nestled in a quaint little village. Surrounded by lush green fields and with a view of the sea in the distance, it exudes warmth and nostalgia. Every corner of the house holds cherished memories, from family gatherings in the cozy living room to lazy afternoons spent playing in the sprawling backyard.

Entering through the handcrafted wooden door, I am greeted by the scent of freshly baked cookies, a testament to my mother’s love and nurturing. The aroma wafts through the air, instantly transporting me back to my carefree childhood days. The creaky staircase, worn with time, echoes the laughter and footsteps of bygone times.

As I walk into my old room, memories unfold before my eyes. The walls adorned with my colorful artwork, the shelves lined with beloved storybooks, and the familiar view of a tree outside my window – all bring a sense of comfort and familiarity. The room is a sanctuary where my dreams were nourished, my creativity flourished, and self-discovery was nurtured.

The lush garden that surrounds my childhood home is a testament to my father’s green thumb. The vibrant blooms that carpet the landscape, the melodious chirping of birds among the trees, and the gentle rustling of leaves in the breeze all create an orchestra of natural serenity. This oasis is where I spent countless hours exploring, reading, and finding solace in the midst of nature’s embrace.

My Favourite Place Essay 4: 500 Words

Nestled in the heart of a bustling city, my favourite place serves as an escape from the chaos that surrounds it. The local botanical garden offers a haven of lush greenery and colorful blossoms that instantly lighten my mood. As I stroll along the winding pathways, my senses are greeted by the intoxicating scents of nature, while the melodious chirping of birds provides a symphony in the background. The garden offers various nooks to unwind, from secluded benches under the shade of towering trees to charming gazebos adorned with climbing vines.

With each visit, my eyes are delighted by the vibrant blooms – an ever-changing canvas of nature’s beauty. In this place, time seems to stand still, allowing me to appreciate the simple wonders of life. It is here where my worries dissipate, and my mind finds clarity. This sanctuary is not only an escape; it is a reminder to slow down and appreciate the world’s natural splendor.

The botanical garden is not just a visual feast; it is also a hub of activity for various forms of wildlife. Butterflies flutter gracefully from flower to flower, their delicate wings adding a touch of elegance to the surroundings. Bees buzz busily, going about their pollination duties, contributing to the garden’s continuous cycle of growth and renewal. The presence of these creatures reminds me of the interconnectedness of all living beings and the importance of preserving and nurturing our natural environment.

As I continue my exploration, I am captivated by the diverse ecosystems within the garden. A pond teeming with lily pads and koi fish offers a tranquil oasis, while a miniature waterfall provides a soothing soundtrack to my thoughts. The presence of water adds a soothing ambiance to the already calming atmosphere of the garden, and I find myself drawn to its refreshing embrace.

In this haven of serenity, I am able to disconnect from the demands of daily life and reconnect with myself. Whether I am enjoying a quiet moment of solitude or sharing the beauty with loved ones, the botanical garden offers a space to reflect, rejuvenate, and find inspiration. I often bring a book or a sketchpad, finding a peaceful spot to indulge in my favorite pastimes while surrounded by nature’s wonders.

During different seasons, the garden undergoes a metamorphosis, showcasing the cyclical nature of growth and change. In spring, cherry blossoms paint the landscape in delicate shades of pink, while in summer, roses bloom in vibrant hues, filling the air with their intoxicating fragrance. Autumn brings a tapestry of fiery orange and red leaves, and in winter, a sprinkle of frost adds a magical touch to the dormant plants.

Leaving the garden, I am revitalized and ready to face the bustling city once again. The experience has reminded me of the importance of finding balance in life, of taking the time to appreciate and nurture the natural world around us. The botanical garden serves as a constant source of solace and inspiration, and I am grateful for its existence amidst the chaos of the city.

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FAQs on My Favourite Place Essay

How do i write about my favorite place.

When it comes to writing about your favorite place, the most important thing is to tap into your emotions and memories. Start by brainstorming all the reasons why this place holds a special place in your heart - perhaps it evokes a sense of peace, has breathtaking views, or is filled with fond memories.

Why is home my favourite place?

Home is my favorite place because it provides a sense of comfort and familiarity that cannot be replicated anywhere else. Home is not just a physical structure; it embodies the love, warmth, and security that allow me to fully relax and be at peace.

How do you answer what is your favorite place?

I would say my favorite place is probably the cozy little coffee shop down the street from my apartment. There's something about the warm, rustic atmosphere and the aroma of freshly brewed coffee that instantly puts me at ease

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मेरा प्रिय विषय हिंदी पर निबंध

my favourite subject hindi essay in hindi

My Favourite Subject Hindi Essay in Hindi: हमारे पाठ्यक्रम में विभिन्न प्रकार के विषय होते हैं। सबको अलग-अलग विषय प्रिय होता है। किसी को गणित प्रिय होता है तो किसी के लिए गणित सबसे कठिन विषय होता है।

किसी को अंग्रेजी विषय अच्छा लगता है तो किसी को सामाजिक विज्ञान का विषय अच्छा लगता है। हर एक बच्चे की पसंद अलग-अलग होती है। हालांकि उनकी रुचि समय और उम्र के साथ बदलती रहती है।

इस लेख में हम मेरा प्रिय विषय हिंदी पर निबंध लेकर आए हैं। विद्यालय में बच्चों को अक्सर मेरे प्रिय विषय पर निबंध लेख दिया जाता है, इसलिए यह लेख विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है।

यह भी पढ़े: 500+ विषयों पर हिंदी निबंध

मेरा प्रिय विषय हिंदी पर निबंध 250 शब्दों में

हिंदी भाषा हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है। यह न केवल भाषा है बल्कि यह हमारे देश की पहचान है। हिंदी हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य रत्न है। हिंदी ऐतिहासिक भाषा है। इसका विकास संस्कृत भाषा से हुआ। अवधी, खड़ी बोली, अपभ्रंश जैसे कई भाषाओं ने आधुनिक हिंदी भाषा को जन्म दिया।

हिंदी भाषा पूरे देश को बांधे रखती है क्योंकि 50% भारतीय हिंदी भाषा बोलते हैं। न केवल भारत बल्कि श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में भी हिंदी भाषा बोली जाती है।

साहित्य लेखन की दृष्टि से हिंदी भाषा का बहुत ही प्राचीन समय से ही भारत में महत्व रहा है। हिंदी भाषा में कई महाकाव्य, कविताएं, उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध ने दुनिया भर के पाठकों को मंत्र मुग्ध किया है।

कबीर दास, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत, सूरदास, कालिदास, तुलसीदास, रामधारी सिंह दिनकर, हरिवंश राय बच्चन, मैथिली शरण गुप्त, कुमार विश्वास जैसे कई प्रसिद्ध साहित्यकार अपनी हिंदी साहित्य रचना के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।

इन महाविभूतियों ने हिंदी भाषा को विश्व स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन वहीं आज की आधुनिक युवा पीढ़ी हिंदी भाषा में कम और अंग्रेजी भाषा में ज्यादा रुचि रखते हैं।

आज की युवा पीढ़ियों को हिंदी भाषा बोलने में शर्म महसूस होती है। उन्हें लगता है कि अंग्रेजी भाषा पढ़े लिखे और मॉडर्न होने की पहचान है। लेकिन वे भूल जाते हैं कि राष्ट्रभाषा राष्ट्रीय की पहचान होती है।

जिस तरह बाकी देशों में अपनी अपनी भाषाओं को सम्मान दिया जाता है, भारत में भी हर एक युवा को अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी को सम्मान देना चाहिए। हालांकि हिंदी की खोई गरिमा को वापस लाने के लिए हम हिंदी विश्व दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाते हैं।

लेकिन केवल ऐसे दिवस मना लेने से हम हिंदी भाषा के महत्व को नहीं समझ सकते हैं जब तक हमें खुद को एहसास नहीं होता। जिस तरह हमें भारतीय होने पर गर्व है, उसी तरह हमें अपने हिंदी भाषा बोलने पर भी गर्व महसूस होना चाहिए।

my favourite subject hindi essay in hindi

  • मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध

मेरा प्रिय विषय हिंदी पर निबंध 500 शब्दों में

हम अपने पाठ्यक्रम में अलग-अलग विषय को पढ़ते हैं लेकिन मेरा सबसे ज्यादा प्रिय विषय हिंदी है। हिंदी भाषा केवल विषय की दृष्टि से ही मुझे अच्छा नहीं लगता बल्कि यह हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है, यह हमारे देश की संस्कृति और धरोहर है।

हमारे देश में ज्यादातर लोगों के द्वारा हिंदी भाषा बोली और समझी जाती है। इसीलिए हिंदी भाषा मुझे बहुत अच्छी लगती है।

हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा

भारतीय संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया।

हिंदी भाषा के महत्व को बनाए रखने के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। इस तरह 14 सितंबर 1953 को आधिकारिक तौर पर पहला हिंदी दिवस मनाया गया।

विश्व की भाषाओं में हिंदी का स्थान

हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे स्थान पर आती है। प्रथम स्थान पर अंग्रेजी और दूसरे स्थान पर चीनी भाषा आता है।

हिंदी भाषा न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, मालदीव्स, श्रीलंका, थाईलैंड, सिंगापुर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, नेपाल, भूटान जैसे देशों में भी बोली जाती है।

स्वतंत्रता आंदोलन में हिंदी भाषा की भूमिका

स्वतंत्रता के आंदोलन में हिंदी भाषा ने राष्ट्रीय को जोड़ने का कार्य किया। इस भाषा ने राष्ट्रीय एकता का मार्ग प्रशस्त किया। उस समय समूचे देश को आपस में जोड़ने वाली संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का इस्तेमाल किया गया।

आचार्य विनोबा भावे ने कहा था कि यदि मैं हिंदी भाषा का सहारा नहीं लिया होता तो असम से केरल और कश्मीर से कन्याकुमारी तक गांव गांव जाकर में ग्राम दान और भूदान का संदेश लोगों तक पहुंचा नहीं पता।

स्वतंत्रता आंदोलन के समय लोगों में जोश लाने के लिए उस समय के कई महान साहित्यकारों ने हिंदी भाषा में अनेक वीर रस की प्रधानता वाली कविताएं लिखी, जिसने जन समूहों को देश की आजादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।

आधुनिक समय में हिंदी भाषा की स्थिति

आधुनिक समय में हिंदी भाषा की स्थिति पहले जितनी अच्छी नहीं है। भले ही हिंदी राष्ट्रभाषा है लेकिन जिस तरह हर व्यक्ति को भारतीय होने पर गर्व है, उस तरह कई लोगों को हिंदी भाषा बोलने पर गर्व नहीं होता। आधुनिक समय में युवा हकीकत से ज्यादा दिखावे पर ज्यादा भरोसा करती है।

आज की युवा हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी भाषा को प्रधानता देते हैं। क्योंकि अंग्रेजी को हाई स्टेटस वालों की भाषा के तौर पर माना जाता है। इसीलिए अपने आपको लोगों के बीच बड़ा दिखाने के लिए लोग अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते हैं।

हमारे देश में जिस तरह युवा अपनी राष्ट्रीय भाषा हिंदी को छोड़कर अंग्रेजी जैसे पश्चिमी भाषा को सहयोग देते हैं, उस तरह दुनिया के बाकी देशों में नहीं होता। दुनिया की बाकी देश अपनी भाषा में ही बातचीत करते हैं।

वहां के सरकारी कार्यों से लेकर विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम हर चीज में केवल उनकी भाषा का इस्तेमाल होता है। हमें ऐसे देशों से भी सीखने की जरूरत है ताकि हम भी अपने भाषा को सम्मान दे सके।

जब तक हम खुद भारतीय अपने भाषा हिंदी के महत्व को नहीं समझेंगे, उसे सम्मान नहीं देंगे तो बाकी देश के लोग हमारे भाषा को कहां से सम्मान देंगे।

हमें नहीं भूलना चाहिए कि हमारे देश की पहचान हिंद की पहचान हिंदी भाषा से है। इसीलिए हमें अपनी भाषा हिंदी पर गर्व होना चाहिए और अन्य लोगों को भी हिंदी भाषा बोलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

यहां पर हमने मेरा प्रिय विषय hindi पर निबंध (my favourite subject hindi essay in hindi) शेयर किया है। यह निबन्ध बहुत ही सरल शब्दों में और सरल भाषा में लिखा गया है।

उम्मीद करते हैं आपको यह निबन्ध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरू करें। आपको यह कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

Rahul Singh Tanwar

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Hindi Essay

10 Lines on My City in Hindi | मेरे शहर पर 10 वाक्य

10 lines on my city in hindi.

10 Lines on My Smart City in Hindi | मेरे शहर पर 10 वाक्य कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के लिए | शहर और गांव में रहने वालो की जिंदगी बहुत अलग होती है। गांव कि तुलना में शहर में ज्यादा रौनक और चहल पहल होती है। शहर कि जिंदगी में लोगो को फुर्सत का वक्त मिलना बहुत मुश्किल होता है। फिर भी अधिकतर लोग शहरो में रहना पसंद करते है। आइये जानते है मेरे शहर पर 10 वाक्य।

सेट (1) कक्षा 1 के लिए मेरा शहर पर 10 पंक्तियाँ

  • मेरे शहर का नाम दिल्ली है।
  • यह बहुत खूबसूरत शहर है।
  • इसकी जनसंख्या लगभग 30 मिलियन है।
  • यह भारत की राजधानी है।
  • दिल्ली में बहुत हरियाली है।
  • दिल्ली में लाल किला और कुतुब मीनार जैसी बहुत सारी जगहें हैं।
  • 26 जनवरी को दिल्ली में परेड होती है।
  • दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चलती है।
  • यहां का जीवन बहुत खुशहाल है।
  • दिल्ली में सभी धर्मों के लोग रहते हैं।

सेट (2) कक्षा 2 के लिए मेरा शहर पर 10 पंक्तियाँ

  • मेरा शहर अधिक भीड़भाड़ वाला और शोर-शराबा वाला है।
  • यहाँ का जीवन अनेक प्रकार की हलचलों से भरा होता है।
  • यहां के लोग अत्याधुनिक सुविधाओं का उपयोग करते हैं।
  • यहां के लोग मेहनती होते है और हर समय व्यस्त रहते हैं।
  • हर कोई अपनी चिंताओं और परेशानियों में डूबा हुआ नजर आता है।
  • मेरे शहरों में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण चरम पर है।
  • यहाँ पर लोगों को पानी की कमी से भी जूझना पड़ता है।
  • मेरे शहर में रोजगार के बहुत ही अच्छे अवसर हैं।
  • यहाँ का जीवन आरामदायक और विलासिता से भरा है।
  • यहाँ पर लोगो के पास पड़ोसियों, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने का समय कम होता है।

सेट (3) कक्षा 3 के लिए मेरा शहर पर 10 पंक्तियाँ

  • मेरे शहर में अधिकतर लोग रोजगार पाने के लिए आते हैं।
  • यहाँ पर नौकरी आसानी से मिल जाती है।
  • यहाँ पर बहुत सारे सरकारी और निजी अस्पताल हैं।
  • मेरे शहर में कई स्कूल और विश्वविद्यालय हैं।
  • यहाँ के विद्यालयों में शिक्षक एवं प्रोफेसर उच्च कोटि के होते हैं।
  • मेरे शहर में मनोरंजन के पर्याप्त साधन मौजूद हैं।
  • मेरे शहर में रहने की बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
  • मेरे शहर में परिवहन के कई साधन उपलब्ध हैं।
  • मेरे शहर में कई व्यापार केंद्र हैं जहां लोग व्यापार करते हैं।
  • मेरे शहरों में प्रदूषण की एक बड़ी समस्या है।

सेट (4) कक्षा 10 के लिए मेरा शहर पर 10 पंक्तियाँ

  • मेरा शहर नाम लखनऊ है जो देश के सबसे रोमांचक शहरों में से एक है।
  • यह शहर अपने बड़े मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के लिए जाना जाता है।
  • लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने आते हैं।
  • यह शहर अपने शानदार व्यंजनों और खूबसूरत स्मारकों के लिए जाना जाता है।
  • इस शहर में सुबह का माहौल शाम से बिल्कुल अलग होता है।
  • यहाँ लोगों को हमेशा समय की कमी का सामना करना पड़ता है।
  • यहाँ का व्यस्त शहरी जीवन अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी जन्म देता है।
  • इस शहर में पैसे के पीछे भागने का चलन लगातार बढ़ रहा है।
  • यहां के लोगों के पास सुख-सुविधा की अनेक सामग्रियां हैं।
  • इस शहर में रहने वाले लोगों को नवीनतम और अत्याधुनिक सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त है।

ये भी देखें – 10 Line on computer in Hindi

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  • Essays in Hindi /

Essay On Hindi Language : स्टूडेंट्स ऐसे लिखें ‘हिंदी भाषा’ पर निबंध

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  • Updated on  
  • सितम्बर 13, 2024

Essay On Hindi Language in Hindi (1)

हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है। यह हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक प्रमुख शाखा है। हिंदी भाषा की उत्पत्ति संस्कृत भाषा में पाई जाती हैं। हिंदी की विकास यात्रा संस्कृत से प्राकृत और फिर अपभ्रंश भाषाओं के माध्यम से हुई, जिसके बाद आधुनिक हिंदी का निर्माण हुआ। हिंदी भाषा का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है। भारत में 22 आधिकारिक भाषाएं हैं लेकिन इनमें से सबसे उपयोग की जाने वाली भाषा हिंदी है। भारत के लिए हिंदी महत्वपूर्ण भाषा है। कई बार छात्रों को Essay On Hindi Language in Hindi लिखने के लिए दिया जाता है, इसलिए हिंदी भाषा पर निबंध लिखने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

हिंदी भाषा पर 100 शब्दों में निबंध, हिंदी भाषा पर 200 शब्दों में निबंध, हिंदी भाषा की उत्पत्ति, हिंदी भाषा के विकास के मुख्य चरण, आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल, हिंदी भाषा के साहित्य का विकास, आदिकाल, भक्तिकाल, रितिकल और आधुनिक काल, हिंदी भाषा पर 10 लाइन्स.

100 शब्दों में Essay On Hindi Language in Hindi इस प्रकार है:

हिंदी भाषा भारत की राष्ट्रीय भाषा है। यह हमारे देश की विविधता का भी प्रतीक है। हिंदी भाषा भारत की सांस्कृतिक धरोहर भी है। हिंदी दिवस का महत्व भारत में भाषा, साहित्य, और संस्कृति के प्रति गहरी भावना और समर्पण का प्रतीक है। हिंदी भाषा भारत की विविधता को एक साथ लाने में मदद करती है और भारतीय संगठन को एक बनाने का काम करती है। हिंदी भाषा भारतीय समाज में एकता और देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोगों को एक साथ लाती है। हिंदी हमारे संविधान का अधिकार है और यह हमें अपने राष्ट्रीय एकता की ओर बढ़ाता है। हिंदी को सीखना और उसे सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि हमारे समृद्ध भाषा धरोहर को बचाया और बढ़ावा दिया जा सके।

200 शब्दों में Essay On Hindi Language in Hindi इस प्रकार हैः

हिंदी भाषा एक इंडो-आर्यन भाषा है। समय के साथ भारतीय आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल में हिंदी भाषा और इसके साहित्य का विकास हुआ है। कई कवियों और साहित्यकारों ने इस भाषा को अपने ज्ञान और वैराग्य समृद्ध किया है। अपने समृद्ध इतिहास के साथ हिंदी भाषा ने कई आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

हिंदी भाषा को भारत की एकता और विविधता का प्रतीक भी माना जाता है। भारतीय इतिहास में हिंदी भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि के प्रतीक के रूप में उभरी है। हिंदी भाषा को हमारे संविधान में राष्ट्रीय भाषा के रूप में दर्जा दिया गया है। हम सभी हिंदी भाषी भारतीयों को अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हमें हिंदी भाषा का उपयोग करके उसे बढ़ावा देना चाहिए। हमें हिंदी भाषा को सीखकर, उसका सदुपयोग करना और उसका संरक्षण करना चाहिए। 

हिंदी भाषा भारत के साथ साथ दुनिया के अन्य कई देशों के उपयोग की जाती है। हमें इस भाषा की उपयोगिता को समझना चाहिए। हम सभी को मिलकर देश की एकता को और मजबूत बनाने के लिए हिंदी के महत्व को प्रमोट करना चाहिए। हमें हिंदी भाषा के इस महत्व को समझकर इसे संरक्षित रखना चाहिए और बढ़ावा देना चाहिए। हमें यह याद दिलाता है कि हमारी मातृभाषा हमारी गर्व और पहचान का प्रतीक है।

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हिंदी भाषा पर 500 शब्दों में निबंध

500 शब्दों में Essay On Hindi Language in Hindi इस प्रकार है:

हिंदी भाषा भारतीयों के लिए महत्त्वपूर्ण है। हिंदी भाषा को समझने के लिए हमें इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर देखना चाहिए। हिंदी का उद्भव संस्कृत से हुआ है और यह एक इंदो-आर्य भाषा है। हिंदी का महत्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भी बढ़ा। गांधीजी और अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हिंदी का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया और इसका समर्थन किया। 

हिंदी भाषा की उत्पत्ति का इतिहास भारत के सांस्कृतिक और भाषाई विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिंदी भाषा भारतीय आर्य भाषाओं के अंतर्गत आती है और इसका विकास कई चरणों में हुआ है। हिंदी भाषा की जड़ें संस्कृत में मिलती हैं, जो भारत की सबसे प्राचीन और पवित्र भाषा मानी जाती है। संस्कृत, विशेष रूप से वैदिक संस्कृत, वैदिक काल (1500 ई.पू. – 500 ई.पू.) से साहित्यिक और धार्मिक ग्रंथों की भाषा रही है। 

भारतीय भाषाओं के विकास का आधार संस्कृत भाषा ही है और हिंदी भी इससे प्रभावित रही है। संस्कृत से कई प्राचीन भारतीय भाषाएं विकसित हुईं, जिन्हें प्राकृत कहते हैं। प्राकृत से अपभ्रंश भाषाओं का विकास हुआ, जो प्राचीन और मध्यकालीन भारतीय भाषाओं के बीच की कड़ी मानी जाती हैं। 7वीं से 10वीं शताब्दी के बीच अपभ्रंश का प्रचलन था। अपभ्रंश भाषाएँ वे रूप थीं, जो धीरे-धीरे स्थानीय बोलियों में बदल गईं और आधुनिक भारतीय भाषाओं का आधार बनीं। खड़ी बोली, ब्रजभाषा और अवधी जैसी हिंदी की कई बोलियाँ अपभ्रंश से निकलीं।

1000 ई. से 1500 ई. तक के समय को आदिकाल कहा जाता है। उस समय साहित्य भी विकसित नहीं हुआ था। अपने विकास की शुरुआत में 1000 से 1100 ई तक हिंदी अपने अपभ्रंश के निकट ही थी। समय के साथ परिवर्तन हुआ और 1500 ई. आते-आते हिंदी भाषा अपने स्वतंत्र रूप में खड़ी हो चुकी थी। 1500 ई. के समय दोहा, चौपाई, छप्पय, दोहा, गाथा आदि छंदों की रचनाएं होना शुरू हो गई थी। मध्यकाल की अवधि 1500 से 1800 ई. तक थी। इस समय हिंदी भाषा में बहुत परिवर्तन अधिक परिवर्तन हुए थे।

फारसी के लगभग 3500 शब्द, अरबी के लगभग 2500 शब्द, पश्तों भाषा के लगभग, 50 शब्द और तुर्की भाषा के 125 शब्द हिंदी की शब्दावली में जुड़ गए थे। उसे समय यूरोप के देशों के साथ व्यापार संपर्क भी बढ़ रहा था। इस वजह से पुर्तगाली, स्पेनी, फ्रांसीसी और अंग्रेजी शब्दों के कई शब्द हिंदी भाषा में शामिल हुए। 1800 ई से लेकर वर्तमान तक का समय आधुनिक काल के रूप में जाना जाता है। हिंदी भाषा के आधुनिक काल में देश में अधिक परिवर्तन हुए हैं। उसे समय अंग्रेजी भाषा का प्रभाव देश की भाषा और संस्कृति पर पढ़ने लगा था। अंग्रेजी शब्दों को हिंदी भाषा के शब्दों के साथ प्रयोग किया जाने लगा था। आधुनिक काल के चार प्रमुख उपकाल हैं तथा इन उपकालों में कई कवियों और साहित्यकारों ने हिंदी भाषा को समृद्ध किया। 

हिंदी भाषा का साहित्य चार प्रमुख कालों में बंटा हुआ है। ये काल क्रमश: आदिकाल, भक्तिकाल, रितिकल और आधुनिक काल हैं। आदिकाल को वीरगाथा काल भी कहा जाता है। आदिकाल समय का साहित्य वीरता और शौर्य की कहानियों पर आधारित था। भक्ति काल को हिंदी साहित्य का स्वर्णिम युग कहा जाता है। भक्ति काल में भक्ति आंदोलन को शुरू किया गया था और धार्मिक साहित्यों की रचना इस काल में की गई थी। इस काल के प्रमुख कवि कबीर दास और गुरु नानक जी माने जाते हैं। रीतिकाल के समय में श्रृंगार रस और नायिका भेद को अत्यधिक प्रधानता थी। रीतिकाल के कवियों ने नायिका भेद प्रेम सौंदर्य जैसे विषयों पर अपनी रचनाएं की थी। 

आधुनिक काल के चार प्रमुख उपकाल भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावाद और प्रगतिवाद है। भारतेंदु युग प्रमुख कवि और नाटककार भारतेंदु हरिश्चंद्र की वजह से जाना जाता है। भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी में राष्ट्र प्रेम और समाज सुधार के विचारों को प्रस्तुत किया था इसी युग में हिंदी गद्य साहित्य का भी विकास हुआ था। द्विवेदी युग के प्रमुख लेखक महावीर प्रसाद द्विवेदी थे। महावीर प्रसाद द्विवेदी ने साहित्य में नैतिकता और सुधारवादी दृष्टिकोण के बारे में लिखा था। छायावाद युग में प्रकृति, प्रेम और रहस्यवाद अपने चरम पर था। छायावाद के प्रमुख कवियों की बात करें तो इनमें जयशंकर प्रसाद , सुमित्रानंदन पंत , सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और महादेवी वर्मा को गिना जाता है। प्रगतिवाद का साहित्य समाजवादी विचारधारा से बहुत अधिक प्रभावित था। प्रतिवाद में मुख्य रूप से सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ , नागार्जुन , मुक्तिबोध , और त्रिलोचन मशहूर हुए। 

हम सभी को हिंदी भाषा के महत्व को समझने और समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हिंदी भारत के साथ दुनिया के अन्य कई देशों में भी बोली जाती है। हमें इसके साहित्य, संगीत, कला, और विभिन्न धार्मिक तथा सांस्कृतिक अधिकार को समझने और प्रसारित करने का प्रयास करना चाहिए। भारतीयों को हिंदी भाषा को प्रमोट करके हमारे देश की एकता को मजबूती देने का काम करना चाहिए, ताकि हम सभी भारतीय एक होकर आगे बढ़ सकें।

हिंदी भाषा पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैं:

  • हिंदी भाषा भारत समेत नेपाल, मॉरिशस, त्रिनिदाद, फिजी, टोबैगो, गुयाना, सूरीनाम और सिंगापुर में भी बोली जाती है। 
  • हिंदी भाषा ने स्वतंत्रता आंदोलन के महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 
  • हिंदी भारत की राजभाषा है और वर्तमान में हिंदी भारत के उत्तरी, मध्य और पश्चिमी हिस्सों में व्यापक रूप से बोली जाती है।
  • हिंदी साहित्य में प्रेमचंद , महादेवी वर्मा , सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे महान साहित्यकारों ने समाज के विभिन्न पहलुओं को चित्रित किया है।
  • भारतेन्दु हरिश्चंद्र को हिंदी भाषा का जनक कहा जाता है। वे हिंदी के महान लेखक थे और उन्होंने आधुनिक हिंदी गद्य लेखन की शुरुआत की। 
  • वर्तमान में हिंदी भाषा विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।
  • 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में हिंदी को देवनागरी लिपि में औपचारिक रूप से स्थापित किया गया और यह उत्तरी भारत की प्रमुख भाषा बन गई।
  • हिंदी भाषा की जड़ें संस्कृत में मिलती हैं, संस्कृत, विशेष रूप से वैदिक संस्कृत, वैदिक काल (1500 ई.पू. – 500 ई.पू.) से साहित्यिक और धार्मिक ग्रंथों की भाषा रही है।
  • हिंदी भाषा का विकास आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल में हुआ है। 
  • 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में मान्यता दी। यह निर्णय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत लिया गया था।

हिंदी भाषा भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक है। हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है। हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए।

हिंदी भाषा में जो लिखा जाता है वही (उसी रूप में) पढ़ा भी जाता है। इसमें गूँगे अक्षर (Silent letters) नहीं होते। अतः इसके लेखन और उच्चारण में स्पष्टता है। हिंदी भाषा की एक विशेषता यह भी है कि इसमें निर्जीव वस्तुओं (संज्ञाओं) के लिए भी लिंग का निर्धारण होता है।

हिन्दी भाषा हर भारतीय के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक सेतु भी है। दुनिया भर के 170 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिंदी एक भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है। हिंदी भाषा भारत के बाहर 20 से अधिक देशों में बोली जाती है।

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मेरा पसंदीदा पुस्तक पर निबंध (My Favourite Book Essay in Hindi)

किताबें/पुस्तकें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनके द्वारा ही हमारी मानसिक ज्ञान का विकास विस्तृत रूप से होता हैं। किसी वस्तु या विषय की सम्पूर्ण जानकारी हम किताबों के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य रूप से यह विषयों से संबंधित विभिन्न सूचनाओं और तथ्यों का एक सम्पूर्ण संग्रह हैं। हममें से बहुत से लोगों को किताबें पढ़ने का शौक होता है, पर हर एक की अपनी एक अलग पसंद होती हैं। जिसे हम अपनी पसंदीदा पुस्तक कहते हैं। इस निबंध में मैंने अपनी पसंद की पुस्तक के बारे में चर्चा की है।

मेरा पसंदीदा पुस्तक पर छोटे व बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Favourite Book in Hindi, Mera Pasandida Pustak par Nibandh Hindi mein)

मेरा पसंदीदा पुस्तक पंचतंत्र पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मैंने बहुत सी किताबों को पढ़ा है, जिनमें से कुछ मेरे पाठ्यक्रम की है जो मेरे बौद्धिक क्षमता को बढ़ाती है तो कुछ किताबें मेरा मनोरंजन भी करती है। बचपन में मेरे माता-पिता ने मुझे पढ़ने के लिए कहानियों की पुस्तकें देते थे, जिसे पढ़ना मेरे लिए बहुत आनंददायी और ज्ञानवर्धक सिद्ध होती थी।

मेरी पसंदीदा पुस्तक

पंचतंत्र की किताब में सारस और केकड़े की एक कहानी है। जिसमें हमें केकड़े की बुद्धि और विवेक का परिचय देखने को मिलता है। इस कहानी में एक बूढ़ा सारस होता है जो अपना भोजन या शिकार आसानी से नहीं ढूढ़पाता था। एक दिन वह तालाब के किनारे वाले पेड़ पर बैठा था और तालाब में ढ़ेर सारी मछलियां, मेढ़क औरकेकड़े को तालाब में देखा। गर्मियों का मौसम होने के कारण तालाब में पानी कम ही बचा था। इसलिए तालाब के सभी जीव बहुत दुखी थे। तब इस चालक सारस ने इन मछलियों, मेढकों और केकड़ों को खाने की एक योजना बनाई। सारस ने तालाब के पास जाकर सभी जलीय जंतुओं से उनके उदासी का कारण पूछा तो सबने तालाब के पानी कम होने का कारण बताया।

तब सारस ने सबसे झूठ कहा की पहाड़ी के उस पार एक बहुत बड़ा तालाब है जिसमें ढेर सारा पानी भी हैं। उसने कहा यदि सब चाहे तो मैं एक-एक करके सभी को अपनी चोंच में पकड़ कर उस तालाब में छोड़ सकताहूं। पर असल में वह सभी को खाना चाहता था। सभी ने आपस में निर्णय कर एक-एक कर उसके साथ उस तालाब में जाने का निर्णय लिया। पर केकड़े ने सारस की चालाकी को समझ गया और जब उसके साथ जाने लगा तो वह सारस के गर्दन में लटकने का फैसला किया। जाते समय उसने सारस को मार कर केकड़ा वहां से भाग निकला।

पंचतंत्र की किताब मेरी पसंदीदा किताब है। इसकी कहानियां पढ़कर मुझे बहुत खुशी और साहस मिलती है। यह किताब हमें जीवन की नैतिक मूल्यों से भी परिचित कराती है। पुस्तकें हमें सारी दुनिया की जानकारी और उनके बारे में ज्ञान देती हैं, इसलिए वो हमारी सबसे अच्छी मित्र कही जाती हैं। एक अच्छे मित्र की तरह यह हमारी मदद करती हैं। हमें ज्ञान प्रदान करती है और हमारा मनोरंजन भी करती हैं।

निबंध – 2 मेरा पसंददीदा पुस्तक – महाभारत (400 शब्द)

सैकड़ो ऐसी किताबें हैं जिन्हें हम अपने जीवन में पढ़ते हैं। इनको पढ़ने से ही हमें रोचकता और हमारे ज्ञान का विकास होता है। कुछ ऐसी किताबें होती हैं जो हमें जीवन में बहुत अधिक प्रेरित करती हैं, और यह हमारे जीवन की सबसे अच्छी किताब होती है।

मेरा पसंदीदा पुस्तक का वर्णन

महाभारत मेरा पसंदीदा किताबों में से एक है। इसे पढ़ने से पहले मुझे इस महाकाव्य के बारे में कुछ भी नहीं पता था। यह पुस्तक मेरे दादा-दादी ने मेरे जन्मदिवस पर उपहार के रूप में दीया था। शुरू में जब मैंने इस किताब को पढ़ना आरम्भ किया तो यह मुझे थोड़ा उबाऊ प्रतीत हुआ, इसलिए मैंने इसे अपने पुस्तकों के दराज़ में सुरक्षित रख दीया। बाद में जब टेलीविजन पर महाभारत का नाट्य रूपांतरण दिखाया गया तो वह मुझे काफी दिलचस्प लगी। वह नाट्य उस दिन थोड़ी ही दिखाई गई थी और मुझे जल्दी से इसकी पूरी कहानी को जानना था। इसलिए मैंने इस महाभारत की किताब पढ़नी शुरू कर दी।

महाभारत हिन्दू सांस्कृतिक की प्रमुख महाकाव्यों में से एक है। यह महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित महाकाव्य है। इस महाकाव्य में 10,000 श्लोक निहित हैं। यह महाकाव्य मुख्यतः पांडवों और कौरवों के बीच हस्तिनापुर के राज शासन को प्राप्त करने की लड़ाई पर आधारित है। इस महाकाव्य के अनुसार कुरुक्षेत्र में इसकी लड़ाई लड़ी गई थी।

महाभारत की कहानी संक्षेप में

यह महाकाव्य मुख्य रूप से कौरवों और पांडवों की कहानी पर आधारित है। धृतराष्ट्र और पाण्डु दो भाई थे। धृतराष्ट्र बड़े थे पर जन्म से ही वो अंधे थे, इसलिए शासन का सारा कार्यभार पाण्डु को सौप दिया गया। पाण्डु की अकस्मातिक मृत्यु के पश्चात् धृतराष्ट्र को शासन सौपा गया जब तक पाण्डु के बेटे शासन के काबिल न हो जाये। धृतराष्ट्र के सौ पुत्र थे जिनमें से दुर्योधन सबसे बड़ा पुत्र था। पाण्डु के पांच पुत्र थे, युधिष्ठिर, अर्जुन, भीम, नकुल और सहदेव। जिन्हे पांच पांडव के नाम से जाना गया। दुर्योधन ने पांडवों को चौसर खेलने के लिए आमंत्रित किया जिसे पांडवों ने स्वीकार कर लिया। इस खेल में पांडवों ने अपना सब कुछ खो दिया दौपदी को भी।

सब कुछ दुर्योधन के हाथों हारने के बाद इन्हें 13 वर्षों के लिए राज्य से निर्वासन की सजा मिली। निर्वासन की अवधी पूरी करने के बाद जब पांडव इन्द्रप्रस्थ लौटे तब दुर्योधन ने हस्तिनापुर पड़ावों को वापस देने से इंकार कर दिया। नतीजतन पांडवों को न्याय और धर्म की लड़ाई लड़नी पड़ी। बाद में पांडवों ने कौरवों और उनकी सेना को हराकर युद्ध को जीत लिया।

कौरवों और पांडवों के इस लड़ाई में अर्जुन अपने भाइयों और अपने रिश्तेदारों से लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार न थे। तब अर्जुन को भगवान श्री कृष्ण ने समझाया और उन्हें जीवन के ज्ञान का बोध कराया। कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए इस ज्ञान को “भगवत गीता” के नाम से जाना गया। इस पुस्तक में जीवन के ज्ञान का भंडार है। यह महाकाव्य महाभारत का ही एक हिस्सा है।

इस महाकाव्य के अंतर्गत 18 अध्याय और 700 श्लोक शामिल हैं। यह हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठों के साथ जीवन का आध्यात्मिक पाठ भी सिखाता है।

भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं कि केवल शरीर का नाश होता है, आत्मा का नहीं। आत्मा एक शरीर को छोड़ती है तो दूसरे शरीर को धारण कर लेती है। आत्मा अजर और अमर है। गीता में समझाया गया है कि परिणामों की चिंता किये बिना हमें अपने कर्म करने की आवश्यकता है। अपनी मेहनत से किये गए कार्य का परिणाम हमें अवश्य ही प्राप्त होता है। इसमें कहा गया है की मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा है और उसे एक दृढ़ निश्चय के साथ अपने जीवन के संघर्षों का सामना करने की आवश्यकता है।

महाभारत में दिए उपदेश मुझे बेहद पसंद है। यही उपदेश हमारे जीवन में उपस्थित समस्याओं को हल करने में हमारी मदद करती है। महाभारत की कहानी में हर किरदार का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है और इससे हमें अलग-अलग जीवन जीने के उद्देश्यों को सीखने की आवश्यकता हे।

Essay on My Favourite Book

निबंध – 3 मेरा पसंददीदा पुस्तक – रामायण (600 शब्द)

किताबें पढ़ना जीवन में एक अच्छी आदत की तरह होती है। यह हमारे अंदर के ज्ञान और हमारे नैतिक मूल्यों को बढ़ाता है। जीवन में हर किसी को किताब पढ़ने की अच्छी आदत को अपनाना चाहिए। किताबें हमारे जीवन में एक सच्चे साथी की तरह होते हैं। ये सभी पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं और पढ़ने की एक अच्छी आदत को अपनाकर हम अपने जीवन में सभी ज्ञान को अर्जित कर सकते हैं।

अपने जीवन में मैंने कई किताबें पढ़ी हैं। मुझे उपन्यास और कहानियों की किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। मुझे रामायण की किताब बहुत ही पसंद है। ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी रामायण, महाभारत के बाद दूसरी सबसे बड़ी महाकाव्य है। यह हिन्दुओं के लिए बहुत पवित्र पुस्तक के रूप में जानी जाती है।

रामायण की कहानी

महान महाकाव्य रामायण भगवान राम के जीवन चरित्र को दर्शाती है। राम अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र थे। राजा दशरथ की तीन रानियां थी और राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न चार पुत्र थे। इन चारों भाइयों में आपस में बहुत प्रेम था।

सभी चारों भाइयों ने अपनी शिक्षा हासिल करने के लिए अयोध्या से बहार गए और अपनी शिक्षा पूरी की। बाद में सभी ने अपनी शिक्षा पूरी की और अयोध्या वापस आये। सभी का एक साथ ही विवाह संपन्न हुआ। राम का विवाह सीता के साथ हुआ। भगवन राम अपने पिता दशरथ द्वारा माता कैकेयी को दिए वचन का पालन करने के लिए 14 वर्षों के लिए वनवास जाना पड़ा। वनवास तो सिर्फ राम को मिला था पर सीता ने अपने पत्नी धर्म का पालन करते हुए उनके साथ गई और साथ में उनके छोटे भाई लक्ष्मण भी गए। सभी एक साथ 14 वर्ष के वनवास के लिए निकल गए।

वनवास के दौरान 13 वर्ष का समय शांतिपूर्वक बीत गया पर 14वें वर्ष के दौरान राक्षस राज रावण ने सीता का हरण कर लिया। रावण ने सीता का छल से अपहरण करके लंका ले गया। तब राम ने रावण से युद्ध कर सीता को उनके चंगुल से मुक्त कराया और अपने साथ अयोध्या ले आये। राम, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस लौटने के बाद राम को अयोध्या का राजा घोषित किया गया। उन्होंने अपने जीवन में कई राक्षसों को मारा और संतों की रक्षा की। राम अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे। अपनी प्रजा के मन की बातों को जानने के लिए वो अक्सर भेष बदलकर प्रजा के बीच जाते थे और बाद में उनकी समस्या का समाधान करते थे।

रामायण के पात्रों से मिली सीख

वैसे तो रामायण के मुख्य रूप से कई पात्र है जिनसे हमें सीख लेने की आवश्यकता है। उनमें से कुछ मुख्य पात्रों का हमारे जीवन में बहुत गहरा असर छोड़ती हैं।

वे अपने माता-पिता और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श पुत्र थे। जिन्होंने अपने पिता के वचनों का पालन करने के लिए राजसी सुख को त्याग कर 14 वर्षों के वनवास को अपनाया। सीता के लिए वो एक आदर्श पति, अपने भाइयों के लिए वो एक आदर्श भाई और अयोध्या वासियों के लिए एक आदर्श राजा थे।

सीता का विवाह भगवान राम के साथ हुआ था और वह एक आदर्श पत्नी थी। राम को वनवास मिलने पर अपने पत्नी धर्म का पालन करने के लिए वो राम के साथ गयी। उन्होंने कहा था की पति को निर्वासन मिलने के बाद वो राजसी सुख कैसे भोग सकती है। अपने पत्नी धर्म और वचनों का पालन करते हुए वो सदा ही राम के साथ रही।

लक्ष्मण एक आदर्श भाई का प्रतिक है। वो अपने बड़े भाई राम को सबसे ज्यादा प्रिय थे और छोटे होने के साथ ही वो हमेशा राम की सेवा में लगे रहते थे। सभी चारों भाइयों में बहुत ही प्रेम था।

भरत एक आदर्श भाई का प्रतिरूप है। राम को 14 वर्ष के वनवास और माता कैकेयी के वचनों के अनुसार भरत को राजा बनाया गया था पर वो कभी भी राजगद्दी पर नहीं बैठे। सिहासन पर उन्होंने राम की खड़ाऊ रखी थी और खुद एक झोपड़ी बनाकर उसमें एक वनवासी जैसा जीवन व्यतीत करते थे। ऐसे कई उदाहरण हैं जिससे उनके आदर्श भाई और बड़े भाई के सम्मान का प्रतिक उनमें देखने को मिलता है।

राम के भक्तों में शबरी का अपना एक महत्त्वपूर्ण चरित्र है। उन्होंने भगवान राम से मिलने की आस में रोज राहों में फूल बिछाती और जंगलो से चुनिंदा फल बेर लाती थी। अंत में उनकी ये इच्छा भी पूरी हुई और इस बात से हमें सन्देश मिलता है की हमें अपनी उम्मीद कभी नहीं खोनी चाहिए और अपना प्रयास को जारी रखना चाहिए।

रामायण के सभी पात्र का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान हैं – जैसे हनुमान राम के सबसे बड़े भक्त थे। इसके अलावा राम की सभी माताएं, चारों भाई और रावण इत्यादि सभी एक सन्देश देते हैं।

रामायण पढ़ने के बाद नैतिक मूल्यों का विकास

रामायण को पढ़ने के उपरांत पता चला की हमें अपने जीवन में उदार भावना के साथ-साथ साहसी और बहादुर होना चाहिए। जीवन में सुख और दुःख दोनों चरण होते हैं। इन दोनों को सहजता से हमें अपने जीवन में अपनाने की आवश्यकता है।

महाकाव्य के अनुसार हमें अपने से बड़ों की बातों को और शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान का सम्मान करना चाहिए। उनके द्वारा कही गई हर बात को सुनना और उसका पालन करने की आवश्यकता हैं।

यह महाकाव्य हमें सिखाती है कि गलत और बुरे काम का परिणाम हमेशा ही बुरा होता है। हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग करने की आवश्यकता है। राक्षस राज रावण बहुत ही विद्वान और बलशाली राजा था, पर उसने छल से सीता का हरण किया था। विद्वान होने के बावजूद उसने अपने विवेक और बुद्धि का उपयोग सही तरीके से नहीं किया। अंततः उसका हर्जाना उसे अपने मृत्यु से चुकाना पड़ा। इसलिए हमें हमेशा अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल कर किसी भी कार्य को करने की आवश्यकता है। तभी हम उस कार्य को आसानी से सफल बना सकते है।

महाकाव्य रामायण में अपार ज्ञान और जीवन जीने के सिद्धांत हैं। लगभग हर घरों में रामायण की किताब मिल जाती है। मुझे इस किताब को बार-बार पढ़कर उनके जीवन जीने के नैतिक मूल्यों को समझना और उसे जीवन में अपनाना बहुत ही पसंद है। जिनके घरों में यह पुस्तक नहीं है, उन्हें एक बार जरूर इस किताब को पढ़ने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें जीवन की तमाम आध्यात्मिक और नैतिक बातें बताई गयी है।

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हर व्यक्ति की अपनी नजर में एक अलग पहचान होती है। खुद के बारे में जानना और दूसरों को अपना परिचय देना भी एक दिलचस्प कला है। हर इंसान का जिंदगी जीने का अपना तरीका होता है। सभी में कुछ अच्छी और बुरी दोनों आदतें शामिल होती हैं। अपने बेहतरीन गुणों की तलाश करना और उसको सही शब्दों का चुनाव करते हुए एक निबंध लिखना थोड़ा मुश्किल होता है। व्यक्ति सबसे ज्यादा खुद को पहचानता है लेकिन उसे कोई अपने बारे में लिखने के लिए बोले तो उसका वर्णन करना मुश्किल हो जाता है। हर व्यक्ति में अच्छाइयां-बुराइयां होती हैं, लेकिन उनको सही वाक्यों का उपयोग कर के लिखना जितना आसान लगता है उतना आसान नहीं होता। इस लेख में निबंध के रूप में अपना परिचय किस तरह दिया जाना चाहिए इस बारे अलग-अलग शब्द सीमा में सैंपल दिए गए हैं। यहाँ उदाहरण के लिए रिया शर्मा नाम की लड़की का परिचय उसके ही शब्दों में प्रस्तुत किया गया है।

मेरे बारे में जानकारी चाहते हैं तो मैंने अपना परिचय 10 पंक्तियों की मदद से दिया है, आप भी इनकी मदद से अपना परिचय भी लिख सकते हैं।

  • मेरा नाम रिया शर्मा है और मेरी उम्र 9 साल है।
  • मेरा जन्म 15 अगस्त 2014 को उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर में हुआ था।
  • मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार की रहने वाली हूं।
  • मेरा एकल परिवार है, जिसमें मम्मी, पापा, भैया और मैं रहते हैं।
  • मेरे माता-पिता दोनों सरकारी विभाग में काम करते हैं और मुझे बहुत प्यार करते हैं।
  • मैं सेंट थॉमस स्कूल की कक्षा 5 की छात्रा हूं।
  • मुझे स्कूल में हिंदी और इंग्लिश विषय बहुत पसंद हैं।
  • मेरे मम्मी-पापा ने मुझे सभी बड़े लोगों की इज्जत करना सिखाया है।
  • मैं शाम को अपना होमवर्क करने के बाद, पार्क में पापा के साथ खेलने जाती हूं।
  • मुझे खाली समय में डांस करना बहुत अच्छा लगता है।

यदि आपको अपना परिचय कुछ शब्दों में देना है तो हमारा द्वारा 200-300 शब्दों में लिखा गया ये निबंध आपकी मदद कर सकता है। इसमें वे सभी बातें मौजूद हैं, जो एक बेहतरीन निबंध लिखने में काम आएंगी। आइए एक नजर इस पर डालते हैं।

मेरा नाम रिया शर्मा है और मेरी उम्र 9 साल है। मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में 15 अगस्त 2014 को हुआ था। मैं एक मध्यवर्गीय परिवार की रहने वाली हूं। मेरे परिवार में माता-पिता और बड़ा भाई है। हम सभी लोग बहुत प्यार से और मिल-जुलकर रहते हैं। मेरे दोनों माता-पिता सरकारी विभाग में काम करते हैं। मेरी मम्मी डिफेंस में कार्यरत हैं और पिता रेलवे विभाग में काम करते हैं, जिसकी वजह से वह अक्सर घर से बाहर रहते हैं। मैं कानपुर के प्रसिद्ध सेंट थॉमस स्कूल की कक्षा 5 की छात्रा हूं। मेरी दिनचर्या भी आम बच्चे की तरह है। मम्मी रोज सुबह मुझे उठाती हैं और मेरे लिए नाश्ता तैयार करती हैं। उसके बाद मैं, मेरा भैया और मम्मी साथ में नाश्ता करते हैं। जब पापा घर पर होते हैं तो वह भी हमारे साथ बैठते हैं। मेरा बड़ा भाई जो कि मुझसे 4 साल बड़ा है उसी स्कूल में पढ़ता है और हम दोनों स्कूल बस से एक साथ जाते हैं। स्कूल में मुझे बहुत मजा आती है। दोस्तों के साथ हम पढ़ाई के साथ खूब मौज मस्ती भी करते हैं। स्कूल में पढ़ाए जाने वाले सभी विषय अच्छे हैं लेकिन मेरा पसंदीदा विषय इंग्लिश और हिंदी है। घर वापस लौटने के बाद हम लोग खाना खाते हैं फिर होमवर्क करने के लिए बैठ जाते हैं। फिर शाम को जब मम्मी वापस आती हैं, तो हम बाहर पार्क में खेलने जाते हैं। मुझे डांस करने का भी बहुत शौक और जब भी मुझे मौका मिलता है तो मैं डांस करती और सीखती भी हूँ। स्कूल में डांस की कई प्रतियोगिताओं में मैंने भाग लिया और जीता भी है। मेरे माता-पिता ने मुझे सभी बड़ों का आदर करना सिखाया है और मैं उनकी बताई बातों का पूरी तरह से पालन करती हूँ।

Mera parichay par nibandh

व्यक्ति अपना परिचय जितना अच्छे से दे सकता है देता है लेकिन फिर भी कही न कहीं कमी रह जाती है। व्यक्ति के दिमाग में तो बहुत सारी चीजें चलती है लेकिन उन भावनाओं को शब्दों में बदलना और उससे बेहतरीन वाक्यों के साथ लिखना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन यदि आपको माइसेल्फ पर अच्छा निबंध लिखना है, तो नीचे लिखे निबंध का तरीका आप अपना सकते हैं और अच्छा निबंध लिखकर दूसरों को प्रसन्न भी कर सकते हैं।

मेरा व्यक्तित्व

मेरा नाम रिया शर्मा है और मेरी आयु है 9 साल। मेरा जन्म 15 अगस्त 2014 को उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में हुआ और मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हूं। मेरे परिवार में माता-पिता और बड़ा भाई है। मैं कक्षा 5 में पढ़ती हूं।

मेरा परिवार (My Family)

मेरे पिता एक सरकारी नौकरी में हैं और वह रेलवे विभाग में काम करते हैं। वह एक बड़े अधिकारी हैं और नौकरी की वजह से वह अक्सर घर और परिवार से दूर रहते हैं। लेकिन जब वह घर लौटते हैं तो मुझे और मेरे भाई को हर जगह घुमाने ले जाते हैं, अच्छा खाना खिलाते हैं, खिलौने और कपड़े दिलाते हैं और साथ ही बहुत मस्ती करते हैं। वहीं मेरी माँ भी सरकारी नौकरी करती हैं। उनका ऑफिस सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होता है। मेरी माँ सुबह ही मेरे और भाई के लिए नाश्ता और लंच बना देती है और जब हम स्कूल से वापस आते हैं, तो मेरा बड़ा भाई खाने को गर्म करता है और हम दोनों साथ मिलकर खाते हैं। मम्मी का इंतजार करते-करते हमलोग टीवी देखते हैं या फिर होमवर्क खत्म कर लेते हैं। पापा बाहर रहते हैं इसलिए हमारा ज्यादा समय मम्मी के साथ बीतता है। मेरी मम्मी बहुत प्यारी हैं और मुझे बहुत प्यार करती हैं। वह मुझे पढ़ाती, अपने हाथों से खाना खिलाती हैं। मेरा बड़ा भाई मुझसे 4 साल बड़ा है और वह मेरे ही स्कूल में कक्षा 9 में पढ़ता है। हमारा चार लोगों का परिवार बहुत ही संतुष्ट और खुश परिवार है।

मेरी ताकत और कमजोरियां (My Strength And Weakness)

हर व्यक्ति में कुछ ताकतें और कमजोरियां तो जरूर होती हैं, तो चलिए आपको मैं अपनी ताकतों और कमजोरियों के बारे बताती हूं

  • मेरा परिवार मेरी सबसे बड़ी ताकत है।
  • मैं इंग्लिश और हिंदी विषय में दूसरे विषयों से अधिक सक्षम हूं।
  • मैं डांस में काफी अच्छी हूं और मुझे कई पुरस्कार भी मिले हैं।
  • मैं एक साहसी और समझदार लड़की हूं।
  • मुझे नई रचनात्मक चीजें सीखना और बनाना बहुत पसंद है।
  • मैं अपना होमवर्क हमेशा समय पर खत्म करती हूं।
  • वैसे तो मैं हर काम करती हूं लेकिन कभी-कभी आलस आता है।
  • मेरा गुस्सा मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है।
  • मुझे गणित विषय बिलकुल पसंद नहीं है, इसलिए उसमें नंबर कम आते हैं।
  • मैं टीवी देखते में बहुत समय व्यतीत करती हूं।

मेरा पसंदीदा शौक (My Favourite Hobby)

मैं जब 4 साल की थी तबसे मुझे नृत्य में रुचि रही है। किसी को डांस करता देख मैं खुद ठुमकने लगती थी। छोटी उम्र में ही मुझे डांस का शौक हो और आज भी मुझे डांस करना बेहद पसंद है। डांस मेरी पसंदीदा हॉबी है। जब भी मुझे खाली समय मिलता है या फिर मेरा पढ़ाई करने का मन नहीं करता तो मैं टीवी पर गाने लगाकर अभिनेत्रियों की तरह डांस करने का प्रयास करती हूं। डांस मेरा पसंदीदा शौक ही नहीं बल्कि मेरा जूनून भी बन गया है। मैं अभी से ही बड़ी होकर एक अच्छी कोरियोग्राफर बनने का सपना देखती हूं। इतना ही नहीं स्कूल में जितनी भी डांस की प्रतियोगिता होती है मैं सभी में भाग लेती हूं और कई बार मुझे अवार्ड भी मिला है। मेरे डांस की हर कोई तारीफ करता है चाहे वो पापा-मम्मी हों, टीचर हों या फिर मेरे दोस्त।

अपने बारे में लिखना और बताना जितना आसान लगता है, वास्तव में होता नहीं है। अपना परिचय सही तरह से देना बहुत जरूरी है ये बच्चे के व्यक्तित्व को शुरुआत से प्रभावशाली बनाने में मदद करता है। मेरा परिचय के इस लेख से आपको कैसे अपना परिचय देना चाहिए इसकी जानकारी मिली होगी। इस लेख की सहायता से बच्चा मेरा परिचय के विषय पर खुद भी एक अच्छा निबंध लिख सकेगा।

मेरा परिचय निबंध से आपके बच्चे को अपने बारे में निबंध लिखने की प्रेरणा मिलेगी और साथ ही वह यह भी सीखेगा कि किस तरह से ऐसे निबंध की शुरुआत की जाती है। इस निबंध का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि बच्चा अपने बारे में कितना जानता है और खुद भी भावनाएं एक निबंध के रूप में व्यक्त करना कितना मुश्किल या आसान है। यदि आपके बच्चे को भी मेरा परिचय पर निबंध लिखना है तो उसे निबंध को पूरा पढ़ने के लिए जरूर कहें।

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