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जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण | जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (Essay on Population Explosion in Hindi)

जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (essay on  population explosion in hindi ).

वर्तमान समय में विश्व की जनसँख्या लगभग 770 करोड़ (2020) है जो लगातार बढ़ती जा रही है। और यदि बढ़ती जनसँख्या के रफ़्तार पर रोक न लगायी गयी तो आने वाले समय में सम्पूर्ण संसार को इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ेंगे।  बढ़ती जनसँख्या की जरुरतो को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का प्रतिदिन दोहन हो रहा है। एक ओर जहाँ प्राकृतिक संसाधन सीमित होने के कारण उनमे कमी हो रही है वही दूसरी ओर बढ़ती जनसँख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर भार बढ़ता जा रहा है। इसलिए अगर जनसँख्या वृद्धि पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसके भयावह परिणाम भुगतने पड़ेंगे। जनसंख्या विस्फोट पर इस  निबंध में है जनसँख्या में वृद्धि के कारण और जनसँख्या वृद्धि  को रोकने के उपाय पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण निबंध (Jansankhya visfot par nibandh)

जनसँख्या विस्फोट से आशय जनसँख्या में तीव्र वृद्धि से है। विश्व की जनसँख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। यूनाइटेड नेशन के अनुमान के अनुसार विश्व की जनसँख्या 2050 तक 973 करोड़ को पार कर जायेगी जो वर्तमान समय में लगभग 770 करोड़ (2020) है। इतनी तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसँख्या प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ मानव जाति के लिए हानिकारक है। बढ़ती जनसँख्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अधाधुंध दोहन आने वाले समय में न सिर्फ मनुष्य वरन सभी जीवधारियों की विनाशकारी साबित हो सकता है। 

तो अब सवाल इस बात का है कि बढ़ती जनसंख्या के लिए जिम्मेदार कौन हैं ? क्या मनुष्यों में संतानोत्पत्ति की इच्छा बढ़ती जनसँख्या के लिए उत्तरदायी है या फिर अशिक्षा,अन्धविश्वास एवं गरीबी? या यह धर्म को बढ़ावा देने के लिए किसी एक धर्म विशेष की बढ़ती जनसँख्या का परिणाम है। 

जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण | जनसँख्या विस्फोट पर निबंध (Essay on  Population Explosion in Hindi)

जनसँख्या विस्फोट का कारण निबंध (jansankhya visphot ke kya karan hai)

अशिक्षा, अन्धविश्वास एवं गरीबी जनसँख्या विस्फोट के लिए कुछ प्रमुख कारण हैं। प्राचीन काल से ही संतान की उत्पति ईश्वर की इच्छा माना जाता है। अशिक्षित लोग आज भी इसे ईश्वर की इच्छा मानते हैं। उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं होती है की उनके संतान के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति कहाँ से होगी। उनका मानना है कि जिस भगवान या अल्लाह ने हमें संतान दी है वे हमारे बच्चों के लिए भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि  का भी प्रबंध करेंगे और अगर वे भूखें मरते हैं तो भी वे बोलते हैं यही भगवान या अल्लाह की इच्छा है। यह अशिक्षा एवं अन्धविश्वास नहीं तो और क्या है ? जो जनसंख्या वृद्धि के लिए सर्वाधिक उत्तरदायी हैं। 

कुछ लोगों की मानसिकता यह है कि संतान ही सम्पति है। वे कहते हैं जितने अधिक बच्चे होंगे उतने ही अधिक पैसे कमाएंगे और इस विचार के साथ कई बच्चों को जन्म देते है। प्रायः इस प्रकार की मानसिकता रखने वाले लोग अशिक्षित एवं गरीब होते हैं जिससे अशिक्षा, गरीबी एवं जनसंख्या विस्फोट विकराल रूप धारण करती जा रही है।

कुछ वर्षो पूर्व भारत जैसे बहुत से देशों में एबॉर्शन जैसी सुविधा या इसके लिए दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं थी। जिससे लोग न चाहते हुए भी अधिक संतानों को जन्म दिया। हालाँकि अब यह समस्या लगभग समाप्त हो गयी है। 

कुछ लोगों का यह भी मानना है कि एक धर्म के लोग अपनी जनसँख्या को बढ़ाने के लिए अपने अनुयायिओं को कई संतान पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। जिससे उस व्यक्तिगत समुदाय या धर्म की जनसँख्या बढ़ने के साथ - साथ विश्व की जनसँख्या में तीव्र वृद्धि हो रही है। 

जनसँख्या वृद्धि रोकने के उपाय निबंध (Jansankhya vridhi rokne ke upay)

सीमित प्राकृतिक संसाधनों के तुलना में तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या वैश्विक चिंता का विषय है। उपरोक्त बिंदुओं से यह स्पष्ट है कि अशिक्षा, अन्धविश्वास, गरीबी, एवं जागरूकता का अभाव जनसँख्या वृद्धि के लिए प्रमुख कारण हैं। अतः इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाकर जनसँख्या वृद्धि को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। 

अशिक्षा जो अन्धविश्वास के लिए भी उत्तरदायी है जनसँख्या वृद्धि के लिए प्रमुख कारणों में से एक है। शिक्षित वर्ग अपनी एवं अपने परिवार के सदस्यों के जरूरतों को समझता है। वह सिर्फ एक या दो बच्चों के परिवार को उचित समझता है क्योंकि वह  जानता है कि उन्हें अपने दोनो बच्चों के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति अपने सीमित संसाधनों से ही करना है। और इसीलिए वह अपने बच्चों के लिए अच्छा भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा इन सब की पूर्ति आसानी से कर लेता है और सुखमय जीवन व्यतीत करता है।

शिक्षित समाज में अन्धविश्वास का स्थान निचले पावदान पर होता है। अगर समाज शिक्षित होगा तो लोग बहुसंतान भगवान की देन न समझकर अपने कर्मो का परिणाम समझेंगे और एक या दो संतान को ही प्राथमिकता देंगे। साथ ही मेरा ऐसा मानना है कि शिक्षित समाज धर्म के बहकावे में आकर अधिक बच्चे पैदा नहीं करेगा। अतः हमें समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षित करने की जरूरत है इससे न केवल जनसँख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है वरन देश, समाज और प्रकृति सबको समृद्धि के नयी उचाईयों तक पहुंचाया जा सकता है। 

इसके अलावा परिवार नियोजन, विवाह की आयु में वृद्धि करना, अधिकतम संतान सीमा निर्धारण, सामाजिक सुरक्षा, उच्च जीवन स्तर का प्रयास के साथ-साथ जागरूकता जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में सहायक साबित हो सकते हैं। 

जनसँख्या विस्फोट पर निबंध हिंदी में 

उम्मीद है जनसँख्या विस्फोट : कारण एवं निवारण पर यह निबंध जिसमे जनसँख्या विस्फोट के कारण (jansankhya visfot ke karan) एवं जनसँख्या वृद्धि रोकने के उपाय   (jansankhya vridhi rokne ke upay) पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है, आपको पसंद आया होगा और आपकी परीक्षा के साथ - साथ ज्ञान संवर्धन में भी लाभकारी होगा। 

आप अपना सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में निःसंकोच भेज सकते हैं। आपके सुझाव भविष्य में निबंध लेखन को परिष्कृत करने में सहयोगी होगें। 

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Jansankhya Visfot Par Nibandh : ऐसे लिखें जनसंख्या विस्फोट पर निबंध

essay on population explosion in hindi

  • Updated on  
  • जुलाई 9, 2024

Jansankhya Visfot Par Nibandh

भारत अब दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है। साधारण शब्दों में कहें तो जब किसी देश की जनसँख्या की मृत्यु दर में कमी होती है, लेकिन जन्मदर और जीवन प्रत्याशा में वृद्दि होती है, तो इन सबके संयुक्त प्रभाव के कारण जनसंख्या में बहुत तेजी से वृद्धि होती है। इस स्थिति को ही जनसँख्या विस्फोट कहा जाता है, जिसको लेकर कई बार स्टूडेंट्स से निबंध लिखने को भी कह दिया जाता है। इसलिए इस ब्लॉग में हम आपको Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) पर निबंध कैसे लिखें के बारे में बताएँगे।

जनसँख्या विस्फोट किसे कहते हैं?

किसी विशेष क्षेत्र में मनुष्यों की जनसंख्या में अचानक निरंतर वृद्धि को जनसँख्या विस्फोट कहते हैं। यह किसी शहर या देश दोनों में हो सकता है। विश्व की मानव आबादी के सन्दर्भ में इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। जनसँख्या विस्फोट भारत में एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है क्योंकि जनसँख्या में वृद्धि से गरीबी में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। ऐसे में, देश की अर्थव्यवस्था संकट में पड़ सकती है। इसलिए इस समस्या को पहचानते हुए भारत सरकार और कई राज्य सरकारों द्वारा इसके निवारण के लिए कानून बनाए गए हैं।  

जनसँख्या विस्फोट पर निबंध कैसे लिखें?

Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) लिखते समय इन बातों का खास ध्यान दें :

  • निबंध में शीर्षक हमेशा आकर्षक होना चाहिए। 
  • निबंध में सरल भाषा का प्रयोग करें।
  • निबंध की भाषा जनसँख्या विस्फोट विषय के अनुरूप होनी चाहिए।
  • जनसँख्या विस्फोट से संबंधित समस्त तथ्यों की चर्चा की जानी चाहिए।
  • निबंध के अंतिम अनुच्छेद या उप संहार के अंतर्गत पूरे निबंध का सारांश दिया होना चाहिए।
  • निर्धारित शब्द सीमा का ध्यान रखते हुए निबंध लिखा जाना चाहिए।
  • निबंध की शुरुआत में प्रस्तावना जरुर जोड़ें।
  • भाषा और शब्द चिन्ह का खास ध्यान दें। 
  • निबंध में उचित जानकारी ही दें।

यह भी पढ़ें : विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता है और इसका महत्व

जनसँख्या विस्फोट से जुड़े कुछ तथ्य

Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) लिखने से पहले जनसँख्या विस्फोट से जुड़े कुछ तथ्य जान लेना आवश्यक है :

  • साल 2023 की गणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 142 करोड़ हैं। 
  • भारत में, पूरी आबादी में 48.04 प्रतिशत महिलाएं और 51.96 प्रतिशत पुरुष हैं।
  • उत्तर प्रदेश सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। 
  • अरुणाचल प्रदेश सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है।
  • केरल राज्य में महिलाओं का अनुपात सबसे अधिक हैं। 
  • हरियाणा में यह अनुपात सबसे कम है। 

Jansankhya Visfot Par Nibandh

जनसँख्या विस्फोट के मुख्य कारण

जनसंख्या विस्फोट का प्रमुख कारण मृत्यु दर और जन्म दर के बीच बड़ा अंतर होता है, इसके अलावा, अन्य कारण भी हैं जिनसे जनसंख्या विस्फोट हुआ है जैसे :

  • चिकित्सा क्षेत्र में विकास के कारण, हमने जीवन प्रत्याशा दर में वृद्धि और साथ ही मृत्यु दर में कमी देखी है जो लोगों को लंबे समय तक जीने में मदद कर रही है।
  • अशिक्षा के कारण आम जनता में जानकारी और जागरूकता की कमी होने से जनसंख्या में वृद्धि देखी गई है।
  • शिक्षित लोग जन्म नियंत्रण- बर्थ कण्ट्रोल मेथड्स के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन देश में एक बड़ी आबादी के पास सेक्स एजुकेशन और उचित बर्थ कण्ट्रोल मेथड्स तक पहुंच नहीं है। 
  • पारंपरिक लोग जो संतान रूप में एक लड़की की अपेक्षा एक लड़के को पसंद करते हैं, परिवार में एक लड़के के पैदा होने तक बच्चे को जन्म देने की कोशिश करते हैं।
  • बाल विवाह भी जनसंख्या में तीव्र वृद्धि के लिए एक आवश्यक कारक है।

यह भी पढ़ें : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध

जनसंख्या विस्फोट से बचने के कुछ उपाय

जनसँख्या विस्फोट से बचने के कुछ उपाय यहाँ दिए गए हैं :

  • जनसँख्या निवारण नीतियाँ- योजनाएँ।
  • जनसँख्या विस्फोट के बारे में जागरूकता फैलाना 
  • स्कूल लेवल से ही स्टूडेंट्स को सेक्स एजुकेशन देना।
  • जनसँख्या कानूनों का दृणता से पालन।
  • कानून का उलंघन करने वालों के प्रति कार्यवाही।
  • अलग से एक जनसँख्या मंत्रालय की स्थापना।
  • बाल विवाह प्रतिबंध।
  • परिवार नियोजन कार्यक्रम का ज़ोर-शोर से प्रचार- प्रसार।

Population Explosion Essay in Hindi 100 शब्दों में

Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) पर 100 शब्दों में निबंध इस प्रकार है :

जैसा कि आप सभी जानते हैं, भारत की जनसंख्या में निरंतर वृद्धि होने के कारण भारत चीन को पछाड़कर दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। यह एक ऐसी उपलब्धि होगी जिस पर गर्व करना संभव नहीं होगा। यही वजह है कि भारत में 2 चाइल्ड पालिसी को लागू करना कंसीडर किया जा रहा है। सरल शब्दों में कहा जाए तो जब किसी देश की जनसँख्या की मृत्यु दर में कमी होती है, बाल मृत्यु दर में कमी होती है और जन्मदर और जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) में वृद्दि होती है तो इन सबके कंबाइंड इफ़ेक्ट के कारण जनसंख्या में बहुत तेज़ी से बढ़ोत्तरी देखी जाती है। इसको ही जनसँख्या विस्फोट कहते हैं। यह अक्सर कम विकसित देशों में देखने को मिलता है।

यह भी पढ़ें : छात्र ऐसे तैयार करें विश्व जनसंख्या दिवस पर भाषण

जनसँख्या विस्फोट निबंध 250 शब्द

Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) पर 250 शब्दों में निबंध इस प्रकार है :

भारत के लिए जनसँख्या का विषय काफ़ी चिंताजनक बन चुका है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की हर 10 साल के अंतराल में जनगणना की जाती है। इस जनगणना में जनसँख्या वृद्धि दर, जनसँख्या घनत्व, जनसँख्या और उपभोक्ता, मृत्यु- दर, जन्म- दर के आंकड़े भी शामिल होते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि पिछली जनगणना 2011 में की गई थी। इसके बाद 2021 में अगली जनगणना आयोजित की जानी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। जनसँख्या वृद्धी एक ओर जहाँ देश के विकास में सहायक साबित होती है वहीं यह शोषण का बहुत बड़ा कारण भी बनती है। 

जनसँख्या विस्फोट प्राकर्तिक संसाधनों और पर्यावरण की दृष्टि से बहुत हानिकारक है। जनसँख्या में वृद्धि होना, प्राकर्तिक संसाधनों की खपत में वृद्धि से सीधा सम्बंधित है। यह सभी जानते हैं कि चीन को पछाड़कर वर्तमान में सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश भारत ही है। आंकड़ों के अनुसार, दुनिया का हर छठा व्यक्ति भारतीय है। रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा अनुमानित है कि 2030 तक भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। 

बाल विवाह, अशिक्षा, गरीबी, रूढ़िवादिता आदि जैसी समस्याओं के निवारण से ही भारत की बढ़ती जनसँख्या दर में रोकथाम संभव है। व्यग्तिगत स्तर पर हम सरकार से आग्रह कर सकते हैं कि जनसँख्या से जुड़े सख्त कानून बनाए जाएं और उनका दृणता से पालन किया जाए। इसके साथ ही हमें जन-जन तक जनसँख्या वृद्धि से सम्बंधित जागरूकता फैलानी चाहिए। 

यह भी पढ़ें : 20+ World Population Day Quotes : विश्व जनसंख्या दिवस पर अनमोल विचार, जो आपका मार्गदर्शन करेंगे

जनसँख्या विस्फोट निबंध 400 शब्द

Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) पर 400 शब्दों में निबंध इस प्रकार है :

किसी भी चीज़ का विस्फोट होना तब कहा जाता है जब वह अनियंत्रित तरीके से बढ़ती है। जब इस तरह इंसानों की जनसँख्या में वृद्धि होती है तो इसे जनसँख्या विस्फोट कहा जाता है। यह चिंताजनक बात है कि जनसँख्या 5 अरब के पार पहुँच चुकी है। इसके साथ ही स्त्री- पुरुष लिंगानुपात में बहुत बड़ा अंतर आ चुका है। 

जनसंख्या विस्फोट का मुख्य कारण शिक्षा की कमी, निरक्षरता, उचित सेक्स एजुकेशन की कमी और अंधविश्वास है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार को देख लीजिए- यह दोनों राज्य देश के सबसे अधिक जनसँख्या वाले क्षेत्र हैं। भविष्य में अधिक जनसंख्या संसाधनों के विकास और शोषण की कमी की ओर ले जाती है। भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक दुनिया में ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 

इस तरह की स्थिति में हमारा देश भारत 70 के दशक में फंस गया था। इसके ही कारण है भारत की नीति निर्माताओं द्वारा उस समय “हम दो हमारे दो” का नारा दिया था। इस प्रकार यह बात स्पष्ट होती है कि जनसँख्या विस्फोट की स्थिति सभी देशों के विकास में बाधक होती है। यह इस तरह की वृद्धि है जिस पर अल्प विकसित देशों को घमंड करने की वजाय शर्म आती है। दूसरी तरफ़ विश्व में जापान, रूस और फ़्रांस जैसे देश हैं जहाँ की जनसँख्या वृद्धि नकारात्मक दौर में पहुँच गयी है। ऐसे देशों की सरकारों द्वारा लोगों से जनसँख्या बढ़ाने की रिक्वेस्ट करी जा रही है और कुछ देशों में एक से अधिक बच्चे पैदा करने पर सरकार के द्वारा नागरिकों को पैसा भी दिया जा रहा है। 

जनसंख्या विस्फोट में बहुत नकारात्मक तत्त्व हैं और इसमें कुछ भी सकारात्मक देखने को नहीं मिलता है। इसका नियंत्रण करने के लिए हमें एक निश्चित नियम लाना चाहिए। हालाँकि केंद्र सरकार द्वारा कई लाभ प्रदान किए जाते हैं, फिर भी कई ऐसे हैं जो इसके बारे में जानते भी नहीं हैं। लोगों में इसके प्रति जागरूकता विकसित करने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम और अभियानों को चलाया जाना चाहिए। इसके अलावा, जन जागरूकता बढ़ाकर और विभिन्न सख्त जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का आयोजन करके इन समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। हमें व्यक्तिगत स्तर पर बस इतना करना है कि संभव उपाय करें और देश के अच्छे नागरिक बनें। 

 सम्बंधित आर्टिकल्स 

एक शोध के अनुसार भारत में प्रति मिनट 250 से अधिक बच्चे पैदा होते हैं, और हर साल औसतन 120 मिलियन बच्चे पैदा होते हैं।  साल 2023 की गणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 142 करोड़ हैं।

मृत्यु दर में तेज़ गिरावट भारत की जनसंख्या में वृद्धि की दर का मुख्य कारण देखा गया है। 

बेबी बूम- जनसँख्या विस्फोट का अच्छा उदाहरण है। अमेरिका में, 1946 और 1964 के बीच जन्म दर में वृद्धि; साथ ही, उस अवधि के दौरान अमेरिका में पैदा हुई पीढ़ी।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Jansankhya Visfot Par Nibandh (Population Explosion Essay in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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जनसँख्या पर निबंध (Population Essay in Hindi)

जनसंख्या एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले जीवों की कुल संख्या को दर्शाती है। हमारे ग्रह के कुछ हिस्सों में आबादी का तेजी से विकास चिंता का कारण बन गया है। जनसंख्या को आमतौर पर किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या के रूप में जाना जाता है। हालांकि यह उन जीवों की संख्या को भी परिभाषित करता है जो इंटरब्रिड कर सकते हैं। कुछ देशों में मानव जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इन देशों को मानव नियंत्रण उपायों को नियंत्रित करने की सलाह दी जा रही है।

जनसँख्या पर छोटे तथा लंबे निबंध (Short and Long Essay on Population in Hindi, Jansankhya par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (300 शब्द): जनसंख्या वृद्धि के कारण.

जनसंख्या एक जगह पर रहने वाले लोगों की संख्या को दर्शाने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आबादी का घनत्व भिन्न-भिन्न कारणों से अलग-अलग होता है।

जनसंख्या का असमान वितरण

धरती पर जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। जहाँ कुछ देश ऐसे हैं जो आबादी विस्फोट की समस्या का सामना कर रहे हैं वही कई देश कम आबादी वाले भी हैं। ऐसा सिर्फ मानव आबादी के मामले में नहीं है। यही बात जानवरों और अन्य जीवों के मामलों में भी देखी जाती है। कुछ जगहों पर आपको अधिक संख्या में जानवर दिखाई देंगे जबकि कुछ जगहों पर आपको शायद ही कोई जानवर देखने को मिलेगा।

चीजें जो जनसंख्या घनत्व प्रभावित करती हैं

किसी भी क्षेत्र में आबादी के घनत्व की गणना उस क्षेत्र की कुल संख्या को लोगों द्वारा विभाजित करके की जाती है। कई कारणों से जनसंख्या का घनत्व अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग होता है। कुछ कारक जो किसी क्षेत्र में आबादी की घनत्व को प्रभावित करते हैं वे इस प्रकार हैं:

अत्यंत गर्म या ठंडे मौसम वाले स्थान बहुत कम आबादी के हैं। दूसरी ओर जिन स्थानों पर लोग मध्यम जलवायु का आनंद लेते हैं वे घनी आबादी वाले हैं।

तेल, लकड़ी, कोयले जैसे संसाधनों की अच्छी उपलब्धता वाले क्षेत्रों में आबादी घनी होती है जहाँ इन बुनियादी संसाधनों की कमी होती है वे क्षेत्र कम आबादी वाले हैं।

  • राजनीतिक माहौल

जिन देशों में एक स्थिर सरकार और एक स्वस्थ राजनीतिक वातावरण है वे क्षेत्र घनी आबादी वाले हैं। ये देश दूसरे इलाकों से आबादी को आकर्षित करते हैं जिससे उस क्षेत्र की आबादी में बढ़ोतरी होती है। दूसरी ओर गरीब या अस्थिर सरकार वाले देश के कई लोग किसी अच्छे अवसर की उपलब्धता को देखकर उस जगह को छोड़कर चले जाते हैं।

विकसित देशों जैसे यू.एस.ए. बहुत सारे आप्रवासियों को आकर्षित करते हैं क्योंकि वे लोगों को बहुत बेहतर पैकेज और एक अच्छा मानक जीवन प्रदान करते हैं। दुनिया के विभिन्न हिस्सों के लोग ऐसे देशों में आकर बसते हैं। यही कारण है कि ऐसे देशों में आबादी का घनत्व बढ़ रहा है।

भले ही दुनिया भर में कुछ जगहों में जनसंख्या का घनत्व कम हो फिर भी पिछले कुछ दशकों में देश की कुल जनसंख्या में वृद्धि हुई है और आने वाले समय में कई गुना बढ़ने की संभावना है।

निबंध 2 (400 शब्द) – भारत में बढ़ती जनसंख्या व जनसंख्या नियंत्रण

जनसंख्या का मतलब एक विशेष स्थान पर रहने वाले कुल जीवों की संख्या है। दुनिया के कई हिस्सों में मुख्य रूप से गरीब देशों में मानव आबादी का विकास चिंता का विषय बन गया है। दूसरी ओर ऐसे भी स्थान हैं जहां जनसंख्या की दर बहुत कम है।

बढ़ती जनसंख्या – भारत में एक बड़ी समस्या

भारत को बढ़ती आबादी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। दुनिया की करीब 17% आबादी भारत में रहती है जिससे यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है। लगभग हर विकासशील देश की तरह भारत में जनसंख्या की वृद्धि के लिए कई कारण हैं। भारत में आबादी के विकास के मुख्य कारणों में से एक निरक्षरता है। अशिक्षित और गरीब वर्ग के लोग अधिक संख्या में बच्चों को जन्म देते हैं। इसके लिए दो कारण हैं।

सबसे पहले उनके लिए अधिक बच्चे काम करने और परिवार के लिए पैसे कमाने में मदद करते हैं। दूसरा उनमें से ज्यादातर जन्म नियंत्रण विधियों के बारे में नहीं जानते हैं। प्रारंभिक विवाह के परिणामस्वरूप बच्चों की संख्या अधिक होती है। आबादी में वृद्धि की वजह से मृत्यु दर कम हो सकती है। विभिन्न बीमारियों के लिए इलाज़ और उपचार विकसित किए गए हैं और इस तरह मृत्यु दर में कमी आई है।

भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम

भारतीय जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • न्यूनतम विवाहयोग्य आयु

सरकार ने पुरुषों के लिए न्यूनतम विवाह योग्य आयु 21 वर्ष और महिलाओं के लिए 18 साल तय की है। हालांकि इस पर कोई कड़ी जांच नहीं है। देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में लोग अभी भी कम उम्र में अपने बच्चों की शादी करते हैं। सरकार को शादी की न्यूनतम उम्र में वृद्धि करना चाहिए और इसके लिए जांच भी कड़ी करनी चाहिए।

  • मुफ्त शिक्षा

भारत सरकार ने बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा कानून के अधिकार के जरिए देश के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराई है। जनसंख्या को नियंत्रित करने का एक और तरीका है निरक्षरता को समाप्त करना।

  • दत्तक ग्रहण को बढ़ावा देना

भारत सरकार बच्चों को गोद लेने को भी बढ़ावा दे रही है। ऐसे कई लोग हैं जो विभिन्न कारणों की वजह से अपने बच्चों को जन्म देते हैं। अपने स्वयं के बच्चे करने की बजाए बच्चों को अपनाना जनसंख्या को नियंत्रित करने का एक अच्छा तरीका है।

भारत में बढ़ती आबादी गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि सरकार ने इस पर नियंत्रण रखने के लिए कुछ कदम उठाए हैं लेकिन ये नियंत्रण पर्याप्त प्रभावी नहीं हैं। इस मुद्दे को रोकने के लिए कई अन्य उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

निबंध 3 (500 शब्द) – मानव विज्ञान, प्रौद्योगिकी व जनसंख्या विस्फोट

जनसंख्या सामान्यतः एक विशेष क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या को दर्शाती है। हालांकि आबादी शब्द का मतलब केवल मानव आबादी ही नहीं है बल्कि वन्यजीव आबादी और जानवरों तथा अन्य जीवित जीवों की कुल आबादी की पुनरुत्पादन करने की क्षमता है। विडंबना यह है कि जहाँ मानव आबादी तेजी से बढ़ रही है तो जानवरों की आबादी कम हो रही है।

कैसे मानव विज्ञान और प्रौद्योगिकी मानव जनसंख्या विस्फोट को बढ़ावा दिया है ?

कई कारक हैं जो पिछले कुछ दशकों से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जनसंख्या विस्फोट को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रमुख कारकों में से एक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति है। जहाँ पहले जन्म दर और मनुष्य की मृत्यु दर के बीच एक संतुलन था चिकित्सा विज्ञान में प्रगति ने उसमें असंतुलन पैदा कर दिया है। कई बीमारियों का इलाज करने के लिए दवाएं और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों को विकसित किया गया है। इन की मदद से मनुष्य मृत्यु दर कम हो गई है और इससे जनसंख्या में वृद्धि हो गई है।

इसके अलावा तकनीकी विकास ने भी औद्योगीकरण को रास्ता दिखाया है। हालांकि पहले ज्यादातर लोग कृषि गतिविधियों में शामिल थे और उसी के माध्यम से अपनी आजीविका अर्जित करते थे पर अब कई अलग-अलग कारखानों में नौकरी करने की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों की आबादी, जहां इन उद्योगों की स्थापना की जाती है, दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

वन्यजीव जनसंख्या पर मानव जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव

जहाँ मानव आबादी विस्फोट के कगार पर है वहीं वन्यजीव आबादी समय गुज़रने के साथ कम हो रही है। पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों की आबादी काफी कम हो गई है जिसका केवल मनुष्य को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। इनमें से कुछ विवरण नीचे दिए गए हैं:

  • वनों की कटाई

वन्यजीव जानवर जंगलों में रहते हैं। वनों की कटाई का अर्थ है उनके आवास को नष्ट करना। फिर भी मनुष्य निर्दयता से अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों को काट और नष्ट कर रहा है। जानवरों की कई प्रजातियों में भी कमी आई है और कई लोग अन्य अपने निवास की गिरती गुणवत्ता या नुकसान के कारण विलुप्त हो गए हैं।

  • बढ़ता प्रदूषण

बढ़ता हवा, पानी और भूमि प्रदूषण एक और प्रमुख कारण है कि कई जानवरों की कम उम्र में मृत्यु हो जाती है। पशुओं की कई प्रजातियां बढ़ते प्रदूषण का सामना करने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें इसके कारण कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है और उसके घातक परिणामों का सामना करना पड़ता है।

  • जलवायु में परिवर्तन

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जलवायु काफी तेजी से बदल गई है। कई क्षेत्र जिनमें पहले मध्यम बारिश होती थी वहां अब हालात बाढ़ की तरह दिखाई देने लगे हैं। इसी तरह गर्मी के मौसम में हल्के गर्म रहने वाले क्षेत्र अब बेहद गर्म मौसम का अनुभव करते हैं। जहाँ मनुष्य ऐसी स्थितियों के अनुकूल होने के लिए तैयार होते हैं वहीं जानवर इसका सामना नहीं कर सकते।

मनुष्य ने हमेशा अपने पौधों, जानवरों और उनके आसपास के समग्र वातावरण पर प्रभाव की अनदेखी करते हुए अपने आराम और सुख के बारे में सोचा है। अगर मनुष्य इस तरह से व्यवहार करते रहे तो पृथ्वी मनुष्य के अस्तित्व के लिए अब फिट नहीं रहेगी। यह सही समय है कि हमें मानव आबादी को नियंत्रित करने और साथ ही हमारे ग्रह को बर्बाद कर रही प्रथाओं को नियंत्रित करने के महत्व को स्वीकार करना चाहिए।

Essay on Population in Hindi

निबंध 4 (600 शब्द) – जनसंख्या नियंत्रण क्यों आवश्यक है व इसके उपाय क्या हैं

जनसंख्या एक क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या को दर्शाती है। यह न केवल मनुष्यों को संदर्भित करती है बल्कि जीवित जीवों के अन्य रूपों को भी संदर्भित करती है जिनमें पैदा करने और गुणा करने की क्षमता होती है। पृथ्वी के कई हिस्सों में जनसंख्या बढ़ रही है। हालांकि विभिन्न देशों की सरकार विभिन्न तरीकों से इस मुद्दे को रोकने की कोशिश कर रही है लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना होगा।

जनसंख्या को नियंत्रित करना क्यों आवश्यक है ?

आबादी की बढ़ती दर कई समस्याओं का कारण है। विकासशील देश विकसित देशों के स्तर तक पहुंचने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इन देशों में जनसंख्या में तेजी से वृद्धि इस दिशा में मुख्य बाधाओं में से एक है। बढ़ती आबादी के कारण बेरोजगारी की समस्या उच्चतम स्तर पर है। नौकरियों की तलाश में कई लोग हैं लेकिन रिक्तियां सीमित हैं। बेरोजगारी गरीबी का कारण है जो एक और समस्या है। यह लोगों के बीच असंतोष पैदा करती है और अपराध को जन्म देती है। जो लोग अपनी वांछित नौकरियां प्राप्त नहीं कर पाते वे अक्सर पैसे कमाने के लिए अवांछित तरीके अपनाते हैं।

यह भी समझना चाहिए कि संसाधन सीमित हैं लेकिन लोगों की बढ़ती संख्या के कारण मांग बढ़ रही है। वनों को काटा जा रहा है और उनकी जगह विशाल कार्यालय और आवासीय भवन बनाए जा रहे हैं। क्यां करे? यह बढ़ती आबादी को समायोजित करने के लिए किया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधन तेजी से कम हो रहे हैं क्योंकि अधिक संख्या में लोग उनका उपयोग कर रहे हैं। यह पर्यावरण में असंतुलन पैदा कर रहा है। लोगों की मांगों को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पर्यावरण का क्षरण ही नहीं बल्कि जीवन की लागत भी बढ़ जाती है। इस प्रकार आबादी को नियंत्रित करना आज के समय की आवश्यकता बन गया है। पर्यावरण में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है। इससे लोगों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित होगा।

मानव जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए संभावित कदम

मानव आबादी को नियंत्रित करने के लिए यहां कुछ संभावित कदम दिए गए हैं:

गरीब और अशिक्षित वर्गों के लोग अधिकतर परिवार नियोजन योजना नहीं बनाते हैं। वे महिलाओं को एक के बाद एक बच्चे पैदा करने की मशीन के रूप में देखते हैं। लोगों को शिक्षित करना आवश्यक है। सरकार को सभी के लिए शिक्षा आवश्यक बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

  • परिवार नियोजन

परिवार के नियोजन के महत्व के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाना सरकार के लिए आवश्यक है। यह रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट और संचार के अन्य रूपों के माध्यम से बार-बार किया जाना चाहिए।

  • मौद्रिक लाभ

सरकार को करों से छूट या उन परिवारों को अन्य मौद्रिक लाभ प्रदान करना चाहिए जिनके पास एक बच्चा है। चूंकि आज लोग पैसे के पीछे भाग रहे हैं इसलिए आबादी को नियंत्रित करने की दिशा में यह एक प्रभावी कदम होगा। कुछ देशों की सरकारें पहले ही ऐसी नीतियों को लागू कर चुकी हैं।

  • जुर्माना या दंड

जैसे सरकार उन लोगों को मौद्रिक लाभ प्रदान कर सकती है जो समुचित परिवार नियोजन करते हैं उसी तरह उन पर पैसों के रूप में जुर्माना भी लगा सकती है जो ऐसा नहीं करती है। दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

  • सख्त मॉनिटरिंग

सरकार को केवल उपर्युक्त बिंदुओं को लागू नहीं करना चाहिए बल्कि इनकी एकदम सही जांच भी करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग उनका पालन करें।

लोगों को आबादी नियंत्रित करने के महत्व को समझना चाहिए। यह न केवल उन्हें स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण तथा बेहतर जीवन स्तर प्रदान करेगा बल्कि अपने देश के समग्र विकास में भी मदद करेगा। सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और जनसंख्या नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए उचित नियम और नीतियां बनानी चाहिए। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए दोनों सार्वजनिक और सरकार को एक साथ काम करने की आवश्यकता है।

FAQs: Frequently Asked Questions on Population (जनसँख्या पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- वेटिकन सिटी

उत्तर- उत्तर प्रदेश की

उत्तर- शिक्षा एवं परिवार नियोजन के प्रति जागरुकता।

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जनसंख्या विस्फोट पर निबंध | Essay On Population In Hindi

जनसंख्या में वैश्विक वृद्धि बेहद चिंताजनक विषय है। वर्तमान में जनसंख्या विस्फोट हुआ है जिससे दुनिया की पापुलेशन वृद्धि में तेजी हुई है। इस लेख जनसंख्या विस्फोट पर निबंध Essay On Population In Hindi में जनसंख्या वृद्धि के कारण, दुष्परिणाम और रोकने के उपाय पर जानकारी है।

भोगोलिक क्षेत्र और भोजन की सीमित उपलब्धता पृथ्वी के भविष्य पर चिंता की लकीर खिंचती है। जनसंख्या विस्फोट क्या है? यह चिंता का विषय क्यों है? इसके कारण और रोकथाम के उपायों पर इस Population Explosion Essay In Hindi निबंध में चर्चा करेंगे।

जनसंख्या विस्फोट पर निबंध Essay On Population In Hindi

जनसंख्या (Population) में तेज बढ़ौतरी विकाशील देशो में अत्यधिक है। भारत देश में भी जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है। वर्तमान में भारत की जनसंख्या 130 अरब को पार कर चुकी है। भारत जनसंख्या के मामले में केवल चीन से पीछे है।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्ति नही होगी कि भविष्य में भारत जनसंख्या के मामले में टॉप पर होगा। जनसंख्या पर नियंत्रण आवश्यक है। अगर इस पर नियंत्रण नही हुआ तो गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है।

एक सीमित क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या को उस क्षेत्र विशेष की जनसंख्या कहते है । जब उस क्षेत्र की जनसंख्या में अत्यधिक बढ़ौतरी हो जाये तो वह जनसंख्या विस्फोट कहलाता है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण (Population Explosion In Hindi)

1. जनसंख्या (Population) में वृद्धि का सबसे प्रमुख कारण अशिक्षा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गरीब देशों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। इसका मुख्य कारण उन देशों में लोगो का अशिक्षित होना है।

2. जनसंख्या वृद्धि की एक बड़ी वजह लड़का पैदा होने की चाह भी है। पारिवारिक संस्कृति में यह माना जाता है कि लड़का घर का कुलदीपक होता है। परिवार के वंश को चलाने के लिए लड़का होना चाहिए। इसलिये लोग लड़के की चाह में ज्यादा बच्चे पैदा कर देते है। यह एक मनोवैज्ञानिक सोच होती है।

3. जैसे एक किसान की सोच होती है कि ज्यादा फसल लगाने पर ज्यादा मुनाफा होगा, ठीक उसी तरह एक गरीब परिवार की सोच होती है। जितने ज्यादा बच्चे होंगे वो उतनी ही ज्यादा कमाई करेंगे। रोजगार के अवसर ज्यादा होंगे, यह एक मनोवैज्ञानिक सोच है। क्यूंकि गरीब परिवार को आय के स्रोत चाहिये।

4. विश्व के ग्रामीण क्षेत्रो में विवाह छोटी उम्र में ही हो जाते है। इससे जनसंख्या पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रो में एक परिवार में औसत से ज्यादा बच्चे होते है। लड़किया बालिग होने से पूर्व ही बच्चे पैदा करने लग जाती है। यह एक भयावह स्थिति है जो चिंताजनक है। नाबालिग लड़की प्रसव पीड़ा को सहन करने की स्थिति में भी नही होती है। बाल विवाह को रोकना हमारी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिये।

5. जीवनस्तर निम्न श्रेणी का होना भी एक कारण हो सकता है। परिवार नियोजन को अपनाना आर्थिक रूप से निम्न स्तर के लोगो के लिये कठिन कार्य होता है। क्योंकि इनके पास रोजगार का सही जरिया नही होता है। ये लोग मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरते है।

6. जनसंख्या वृद्धि के धार्मिक कारण भी होता है। कई धार्मिक गुरु ज्यादा बच्चें पैदा करने की सलाह देते है। अंधविश्वास में आकर लोग गुरुओं की बात मान लेते है।

जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम

1. जनसंख्या (Population) में अत्यधिक बढ़ौतरी से संसाधनों में कमी आती है। दुनिया मे संसाधन सीमित मात्रा में है और इनका समाप्त होना निश्चित है। इसलिए बढ़ती आबादी संसाधनों को तेजी से खत्म कर रही है।

2. भोजन प्रत्येक व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है। लेकिन वर्तमान में यह अधिकार केवल नाम का है। विश्व के चंद लोगो के पास दुनिया के ज्यादातर संसाधन है। दुनिया में गरीबी बहुत बड़ी समस्या है। विश्व के कई लोग भूखे रह जाते है और इन्हें एक वक्त की रोटी भी मुश्किल से मिल पाती है। खासकर अफ्रीकी देशों में आबादी में वृद्धि से उपलब्ध भोजन में कमी आयी है। जनसंख्या में बढ़ौतरी से गरीबी बढ़ती है।

3. आजीविका के पर्याप्त संसाधन होना जरूरी है। बढ़ती आबादी इनको धीरे धीरे खत्म कर रही है। प्रति व्यक्ति संसाधनों में कमी आती है।

4. बढ़ती आबादी से इंसानो के लिए रहने की जगह कम पड़ रही है। इंसान अपने बसने के लिए जगह तलाश रहा है। जंगलों को काटकर रहने के लिए बड़ी इमारते बनाई जा रही है। वन भूमि में आई कमी का मुख्य कारण बढ़ती आबादी ही है।

5. किसी भी देश की अर्थव्यवस्था उस देश में उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करती है। हर देश के पास सीमित संसाधन है। जनसंख्या में अत्यधिक बढ़ौतरी से अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

6. युवाओ के रोजगार अवसर सीमित मात्रा में है। जब जनसंख्या में बढ़ौतरी होती है तो वो रोजगार कम पड़ जाते है। बेरोजगारी बढ़ती है और कामगार का पारिश्रमिक भी कम होता है।

7. जनसंख्या वृद्धि से बेरोजगारी बढ़ती है और बेरोजगारी से अपराध में बढ़ौतरी होती है। जिन देशों में गरीबी ज्यादा है, वहां आपराधिक मामले ज्यादा होते है। गरीबी का मुख्य कारण जनसंख्या में वृद्धि है।

जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपाय Population Explosion Essay In Hindi

जनसंख्या वृद्धि रोकना आसान तो नही है लेकिन यह मुश्किल भी नही है। कुछ आसान से उपाय कठोर निर्णय के साथ लेकर इसको नियंत्रित किया जा सकता है। आबादी में बढ़ौतरी को रोकने के लिए कुछ उपायों पर प्रकाश डालेंगे।

1. जनसंख्या वृद्धि को रोकने का सबसे कारगर उपाय शिक्षा है। बच्चो में शुरू से ही शिक्षा के प्रति जागरूकता होनी चाहिए। स्कूली पढ़ाई में बढ़ती आबादी से खतरों को बताना चाहिए।

2. जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन का प्रचार प्रसार होना चाहिए। विभिन्न देशों की सरकारों को इस क्षेत्र में प्रयास करने चाहिए। भारत मे भी बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए परिवार नियोजन की सरकारी स्कीमें चल रही है जो एक हद तक कारगर सिद्ध हुई है।

3. सामाजिक जागरूकता सबसे प्रभावी उपाय है जो बढ़ती आबादी पर अंकुश लगा सकता है। समाजिक परिवेश में सुधार की गुंजाइश होनी जरूरी है। ज्यादा बच्चे पैदा करने के नुकसान बताने चाहिए। लड़का लड़की एक समान जैसे विचार होने जरूरी है। हम दो हमारे दो का नारा पुरजोर तरीके से साथर्क होना चाहिए।

4. जितने कम बच्चें होंगे तो उतनी ही अच्छी परवरिश हम बच्चो को दे पायेंगे। इससे हमारे बच्चो में अच्छे संस्कार आएंगे और वो प्रगति करेंगे। इसलिये जागरूकता इम्पोर्टेन्ट है।

5. सरकार और सामाजिक संगठनों को चाहिए कि वो इसका प्रसार प्रचार करे। टीवी और अखबारों में अधिक से अधिक प्रभावी विज्ञापन आने चाहिए जिनमे जनसंख्या वृद्धि की हानियां बताई जानी चाहिए।

आने वाली पीढ़ी का भविष्य हमारे हाथों में है। हम सार्थक प्रयास करके उनको उज्जवल भविष्य दे सकते है। हमारे बेहतर प्रयास उनको बेहतर जीवन देंगे। दोस्तो हमारा कल, आज पर निर्भर है।

Note:- जनसंख्या विस्फोट पर निबंध Essay On Population In Hindi आपको कैसा लगा? आर्टिकल में जनसंख्या वृद्धि के कारण, दुष्परिणाम और रोकने के उपाय पर आपके क्या विचार है? इस आर्टिकल “Population Explosion Essay In Hindi” को शेयर भी करे।

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3 thoughts on “जनसंख्या विस्फोट पर निबंध | Essay On Population In Hindi”

Very very nice Essay sir

भाई आपने बहुत ही अच्छी तरह से निबंध लिखा है इस निबंध को पढ़कर कोई भी आसानी से समझ सकता है आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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दा इंडियन वायर

बढ़ती जनसंख्या एक समस्या पर निबंध – दुष्परिणाम

essay on population explosion in hindi

By मनीष कुमार साहू

बढ़ती जनसंख्या पर निबंध

जनसंख्या वृद्धि मतलब, एक ऐसी स्थिति उत्पन्न होना जिसमें लोगों की संख्या ना चाहते हुए भी इतनी ज्यादा हो जाए कि खाने रहने के लिए स्रोतों की कमी पड़ने लगे।

आज विश्व की कुल आबादी 7 अरब से ज्यादा है जिनमें से सबसे ज्यादा चीन और उसके बाद भारत का नंबर आता है। बढ़ती जनसंख्या इतनी बड़ी समस्या है, कि जिसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल होता है।

अगर मोटे तौर पर देखा जाए तो किसी देश की जनसंख्या जितनी ज्यादा होगी उस देश की में प्राकृतिक संसाधनों और स्त्रोतों की ज्यादा जरूरत होगी।

और इस स्थिति में उस देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। चीन ने इस समस्या को पहले ही भांप लिया था, इसीलिए कई दशक पहले उसने एक बच्चे से अधिक पैदा करने पर कई तरह के दण्ड लगा दिए थे। जिसकी वजह से ज्यादातर लोग एक ही बच्चा पैदा करते थे। हालांकि अब इसमें कुछ बदलाव किया गया है।

खैर, कुछ आंकड़ों पर भी नजर डाल लेते हैं। उत्तरी अमेरिका दुनिया के 16 प्रतिशत भू भाग में है जबकि दुनिया की सिर्फ 6% जनता वहां निवास करती है। उससे भी हैरानी की बात तो यह है कि दुनिया की 45% इनकम उन्ही के पास है।

दूसरी तरफ एशिया दुनिया के 18% भूभाग पर फैला हुआ है जबकि दुनिया की 67 प्रतिशत जनता इसी भू भाग पर निवास करती है। लेकिन फिर भी विश्व के इनकम का सिर्फ 12% हिस्सा इनके पास है। अगर अफ्रीकी देशों की बात करें तो वहां की स्थिति और भी खराब है।

इन आंकड़ों से एक बात जो आसानी से समझी जा सकती है, वह यह कि अतिक्रमी आबादी वाले देशों की आर्थिक सामाजिक स्थिति हमेशा चिंताजनक ही रहती है। उनके नागरिकों को ना सिर्फ भरपेट भोजन मिलने में दिक्कत होती बल्कि जो भोजन मिलता भी है उसकी गुणवत्ता बहुत कम दर्ज की होती है।

इस अतिक्रमी आबादी का दुष्प्रभाव दक्षिण एशियाई देशों जैसे चीन, बांग्लादेश, फिलीपींस, भारत और पाकिस्तान में आसानी से देखा जा सकता है।

7 अरब की आबादी वाले विश्व में 1.3 अरब जनसंख्या के साथ भारत आबादी के मामले में दूसरे नंबर पर आता है। और देश की तमाम गंभीर समस्याओं के साथ यह भी एक गंभीर समस्या है। भारत में कई प्रदेशों की जनसंख्या तो विश्व के कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है। और उनमें सबसे आगे है-उत्तर प्रदेश। जिसमें 166 मिलियन यानी 16 करोड़ से भी ज्यादा की जनसंख्या निवास करती। जो की रूस की जनसंख्या से ज्यादा है। क्योंकि रूस की कुल जनसंख्या लगभग 15 करोड़ के आस-पास की है। इसी प्रकार उड़ीसा कनाडा से छत्तीसगढ़ ऑस्ट्रेलिया से ज्यादा आबादी वाले प्रदेश हैं।

विषय-सूचि

बढ़ती जनसंख्या के कारण

1. मृत्यु दर के मुकाबले जन्मदर में अधिकता.

किसी भी देश की जनसंख्या में उतार-चढ़ाव के मुख्य और प्राकृतिक कारण होता है, जन्म दर और मृत्यु दर। भारत में अभी स्थिति यह है कि जन्म दर मृत्यु दर के मुकाबले बहुत अधिक है। 2016 के हिसाब से देखें तो 2016 में जन्म दर 19.3 प्रति 1000 था। अर्थात किसी एक निश्चित समय अवधि में 1000 लोगों को बीच 19.3 नए बच्चे जन्म ले रहे हैं।

जबकि उतनी ही समय अवधि में 1000 लोगों के मध्य 7.3 लोगों की ही मृत्यु हो रही है। यानी हर पल लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। ये नही कहा जा रहा है कि मृत्यु दर को बढ़ाया जाए बल्कि ध्यान इसपर देना चाहिये कि जन्मदर को कैसे कम किया जाय।

2. परिवार नियोजन की कमी

भारत में अधिकतर लोगों के पास अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए कोई योजना नहीं होती। उन्हें लगता है कि 15 से 45 वर्ष की आयु में कभी भी बच्चे पैदा कर सकते हैं, और इस प्रकार उनके कई बच्चे हो जाते हैं।

जिससे उनके घर की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर तब पड़ता है, जब वह बच्चे बड़े होने लगते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होते ही साड़ी व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है।

3. धार्मिक रूढ़िवादिता

भारत जैसे देश में आज भी रूढ़िवादी मानसिकता वाले लोगों की कमी नहीं है, जो यह सोचते हैं कि परिवार बढ़ाने की योजना बनाना गलत है। जो कुछ भी है भगवान की देन है।

अधिकतर वह महिला जो बच्चे को जन्म देने वाली है उनसे इस विषय में कुछ नही कर पाती क्योंकि ऐसा करना भगवान के खिलाफ जाने जैसा हो जाता है।

वहीं मुस्लिम धर्म का तो अलग ही फंडा है, हिंदू के मुकाबले मुस्लिमों का जन्मदर कई गुना ज्यादा है।कुछ सर्वेक्षणों की मानें तो पुराने ख्यालात के साथ-साथ अपनी कौम को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के चक्कर में मुसलमान दर्जनों का परिवार खड़ा कर लेते हैं।

4. कम उम्र में शादी

कम उम्र में शादी भी जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक हैं। आज के इस आधुनिक युग में भी बहुत सारे बच्चे-बच्चियों की शादी कम उम्र में ही हो जाती है।

उनकी शादी तभी कर दी जाती है, जब वह ना तो शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होते हैं और ना ही आर्थिक और भावनात्मक तौर पर मजबूत होते हैं। इस स्थिति में उनके भी कई सारे बच्चे हो जाते हैं जो कि जनसंख्या वृद्धि को और बढ़ावा देते हैं।

5. गरीबी

गरीबी भी देश की जनसंख्या बढ़ाने में अहम किरदार निभाती है। बहुत सारे परिवार के लोग इसलिए भी कई बच्चे पैदा कर लेते हैं क्योंकि उन्हें अपना जीवन चलाने के लिए बच्चों की सहायता की जरूरत पड़ती है।

उनकी गरीबी उनको मजबूर करती रहती है कि वो कई बच्चे पैदा करें। बच्चे तो हो जाते हैं हैं लेकिन उनका भरण-पोषण वो अच्छे से नहीं कर पाते, जिससे वो गरीब से और गरीब होते चले जाते हैं।

6. शिक्षा की कमी

यहाँ तक जो भी कारण अभी बताए गए हैं, उनका एक कारण है शिक्षा की कमी। अगर पर्याप्त शिक्षा मिले तो परिवार नियोजन की कमी, धार्मिक रूढ़िवादिता, कम उम्र में शादी और गरीबी जैसे मुद्दों पर लड़ाई लड़ी जा सकती है। परिवार नियोजन ना सीधे-सीधे अशिक्षा और अज्ञानता की कमी की ओर इशारा करते हैं, खासकर महिलाओं में।

जो लोग अशिक्षित होते हैं उन्हें आँकड़े नही समझ में आते। उनको ये बात समझना मुश्किल हो जाता है कि देश में जनसंख्या विस्फोट से कितनी समस्याओं का जन्म होता है।

ये तो हो गए अतिक्रमी आबादी (जनसंख्या विस्फोट) के कुछ प्रमुख कारण, अब उनके दुष्परिणाम पर नजर डालते हैं।

बढ़ती जनसंख्या के दुष्परिणाम

1. प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव.

अधिक आबादी मतलब, प्राकृतिक संसाधनों की अधिकतम दोहन। अगर ज्यादा लोग होंगे तो उनके खाने-पीने से लेकर रहने और पहनने तक के लिए ज्यादा चीजों की जरूरत पड़ेगी।

सभी चीजों को उपलब्ध कराने के लिए लोग तरह-तरह के जुगाड़ लगाएंगे और वही जुगाड़ पृथ्वी पर अपना दबाव बनाता रहेगा। फलस्वरुप ग्लोबल वार्मिंग और खाने-पीने की चीजों की कमी जैसे तमाम मुद्दों पर चिंता बढ़ने लगेगी

2. गरीबी में बढ़ोतरी

जाहिर सी बात है कि लोग ज्यादा होंगे तो प्राकृतिक संसाधनों का दोहन ज्यादा होगा। लेकिन प्रकृति भी एक सीमित मात्रा में संसाधन दे सकती है।

उसके अलावा भी बहुत सारी चीजों की जरूरत पड़ती है। गरीबी के चलते लोगों के बच्चे ना तो पढ़ पाते हैं और ना ही आगे बढ़ पाते हैं। इस दशा में वो गरीब के गरीब ही रह जाते हैं।

3. पलायन की मजबूरी

इस देश में बहुत सारी जगह ऐसी है जहां पर पानी खाना जैसी तमाम प्राकृतिक संसाधनों की कमी है लोग पहले से ही गरीब रहते हैं और बढ़ती पीढ़ी के साथ गरीब चले जाते हैं क्योंकि उनकी जनसंख्या बढ़ती जाती है।

लेकिन जब किसी एक विशेष स्थान पर बहुत ज्यादा लोग निवास करने लगते हैं, वो भी कम संसाधन वाले क्षेत्र में तो जीवन चलना भी दूभर हो जाता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वहाँ के लोगों को मजबूरी वश पलायन करना पड़ता है।

4. अमीर गरीब का अंतर

एक आदमी अपने घर में आधे दर्जन बच्चे पैदा कर लेता है, क्योंकि वह अशिक्षित है। वह शिक्षित इसलिए है क्योंकि वह गरीब था। और कभी भी लिख पढ़ नहीं पाया था।

अब ये जो आधे दर्जन बच्चे हैं यह भी गरीब ही रहेंगे, क्योंकि यह भी पढ़ लिख नहीं पाएंगे और शिक्षित नहीं हो पाएंगे। ये फिर वही पूरी प्रक्रिया दोहराएंगे जो इनके पूर्वजों ने दोहराया था। इस प्रकार वह हमेशा गरीब ही रहेंगे।

वही अमीर शिक्षित हैं और उसे पता है कि परिवार नियोजन के क्या-क्या उपाय हैं। इसलिए सीमित परिवार ही रखेगा और हर बढ़ती पीढ़ी के साथ अमीर होता चला जाएगा। इस प्रकार अतिक्रमी जनसंख्या से अमीर और गरीब के बीच का फर्क भी बढ़ता ही जाता है

तो यह थे समाज के कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अतिक्रमी जनसंख्या के पड़ने वाले प्रभाव। अब उनके निस्तारण की ओर चला जाए। आज के इस आधुनिक युग में अतिक्रमी जनसंख्या यानी जनसंख्या विस्फोट पर रोक लगाने में सफलता पा लेने का मतलब है- गरीबी, अशिक्षा बेरोजगारी आर्थिक पिछड़ापन जैसे तमाम समस्याओं से दूर कर देना।

हालांकि यह सब कुछ कर पाना इतना आसान नहीं है, लेकिन अगर कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया जाए तो काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।

बढ़ती जनसँख्या का समाधान

1. परिवार नियोजन.

एक समृद्ध और खुशहाल देश के लिए यह जरूरी होता है कि उस देश के आम आदमी स्वस्थ रहें और उनकी जनसंख्या देश की आर्थिक स्थिति के अनुरूप हो।

यह तभी संभव है जब उस देश के आम आदमी इस बात को समझेंगे और परिवार नियोजन के उपाय अपनाकर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने में अपना योगदान देंगे।

2. नियंत्रित दर

नियंत्रित दर का मतलब यह है कि बच्चों के जन्म के बीच निश्चित अवधि का अंतर होना। जो कि बहुत जरूरी होता है। ऐसा करने पर जन्मदर को भी कम करने में सहायता मिलेगी।

दो बच्चों के बीच एक निश्चित अवधि का अंतर होता है तो माता-पिता के साथ साथ बच्चों के स्वास्थ्य भी ठीक-ठाक रहेगा। जब स्वास्थ्य ठीक रहेगा तो उनकी शिक्षा-दीक्षा भी सही रह पाएगी।

3. अल्पायु में शादी

जैसा की हमने अभी बताया था कि कम उम्र में शादी करना भी अतिक्रमी जनसंख्या का बहुत बड़ा कारण होता है, तो अगर कम उम्र में शादी ना हो तो अतिक्रमी जनसंख्या पर नियंत्रण करने में सहायता मिलेगी।

हालांकि हमारे देश के संविधान में लड़कियों की शादी 18 और लड़कों की 21 वर्ष में शादी का प्रावधान है, लेकिन देश के कई हिस्सों में अभी भी लोग बहुत कम उम्र में शादी कर देते हैं। जो कि समाज के लिए काफी घातक होता है।

4. महिलाओं का सशक्तिकरण

महिलाओं के सशक्तिकरण से देश बढ़ रही जनसंख्या को कम करने में आसानी मिल सकेगी। बहुत सारे मामलों में देखा जाता है कि परिवार बढ़ाने के मामले में महिलाओं की कोई राय नहीं ली जाती।

महिलाओं को तो इतना अधिकार भी नहीं दिया जाता कि वह अपनी राय सबके सामने रख सकें। वो बस बच्चे पैदा करने की मशीन भर बनकर रह जाती हैं।

ऐसे में अगर महिलाओं में सशक्तिकरण का विकास होगा तो उनमें भी निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा। और उन निर्णयों को अमल में लाने की क्षमता का भी विकास होगा।

5. प्राथमिक स्वास्थ्य में सुधार

वैसे तो सरकारें हमेशा से ही अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का दावा करती है लेकिन ऐसा हो पाना मुश्किल ही रहता है। जब लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो वह अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने में पूरे जोर-शोर के साथ लगेंगे।

और जब उनकी आर्थिक स्थिति ठीक रहेगी तभी वह अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा, अच्छा खाना और अच्छी परवरिश दे पाएंगे। जब उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा अच्छी परवरिश मिलेगी तो वो जनसंख्या विस्फोट से होने वाले दुष्प्रभावों को अच्छे से समझ पाएंगे। और उसको कम करने की कोशिश करेंगे।

6. शिक्षा में सुधार

शिक्षा एक ऐसी कड़ी है जिसके बिना कुछ भी संभव पाना मुश्किल ही है। शिक्षा अगर नहीं है तो समाज के किसी भी वर्ग का उत्थान नहीं हो पाएगा। शिक्षा रहेगी तो लोगों को अच्छे-बुरे में फर्क करना समझ में आ जाएगा।

साथ ही उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में भी सुधार होगा। उदाहरण के तौर पर किसान को ले लेते हैं क्योंकि किसान एक कमजोर आर्थिक स्थिति से आते हैं। अगर उनको अच्छी शिक्षा ना मिली तो वह वैसे ही रह जाएंगे जैसे उनकी पिछली पीढ़ी थी।

लेकिन अगर उनको अच्छी शिक्षा मिली तो अच्छी पढ़ाई करके वो किसान में ही अमूल चूल परिवर्तन करके अच्छा पैसा कमा सकेंगे या फिर किसान के अलावा भी बहुत कुछ कर सकेंगे ऐसे ही समाज के सभी वर्गों में होगा।

अतः अच्छी शिक्षा से जनसंख्या विस्फोट को कम करने में बहुत बड़ी सहायता मिलेगी।

7. जागरूकता फैलाकर

हमारे देश और समाज में एक बड़ी संख्या में ऐसी आयु वर्ग के लोग हैं जिन्हें अब स्कूल भेज पाना मुश्किल है। लेकिन अगर उन्हें अच्छे से समझाया जाय कि अधिक आबादी के दुष्परिणाम क्या होते हैं तो स्थिति को सुधारा जा सकता है।

अगर देश पिछड़े इलाकों में लोगों के बीच जाकर किसी भी माध्यम (ऑडियो,वीडियो,प्रिंट,नाटक) से उनके दिमाग में ये बात बैठा दी जाय कि जनसंख्या विस्फोट उनके लिए हानिकारक है तो इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

[ratemypost]

मनीष साहू, केंद्रीय विश्वविद्यालय इलाहाबाद से पत्रकारिता में स्नातक कर रहे हैं और इस समय अंतिम वर्ष में हैं। इस समय हमारे साथ एक ट्रेनी पत्रकार के रूप में इंटर्नशिप कर रहे हैं। इनकी रुचि कंटेंट राइटिंग के साथ-साथ फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में भी है।

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??Tomorrow is my hindi exam hope this topic will come in the exam and I can do my best as I have no hindi tuition in private and so I have taken a idea from this . The writings that are written in the essay is easy and for me it is helpful also. Pray for me for tomorrow’s exam.??

Thanking You Priyanka

Bahut accha

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It’s very nice

nice essay well done

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Overpopulation in World Essay in Hindi

विश्व में अत्यधिक जनसंख्या पर निबंध – Overpopulation in World Essay in Hindi

विश्व में अत्यधिक जनसंख्या पर छोटे-बड़े निबंध (essay on overpopulation in world in hindi), जनसंख्या विस्फोट : कारण और निवारण – अन्य सम्बन्धित शीर्षक– जनसंख्या नियन्त्रण।। (population explosion: causes and prevention – other related titles – population control).

  • प्रस्तावना (जनसंख्या विस्फोट)
  • भारत में जनसंख्या विस्फोट की वर्तमान स्थिति,
  • जनसंख्या विस्फोट/वृद्धि के कारण,
  • जनसंख्या वृद्धि के परिणाम,
  • जनसंख्या वृद्धि नियन्त्रण/निवारण के उपाय,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना (जनसंख्या विस्फोट)– भारत प्राकृतिक वैभव सम्पन्न देश है। यहाँ की शस्यश्यामला धरती हर एक को अपनी ओर आकर्षित करती है। देश की स्वतन्त्रता और विभाजन के पश्चात् सन् 1951 में हुई प्रथम जनगणना में हमारी जनसंख्या 36,10,88,400 थी, जो आज बढ़कर 121 करोड़ (2011 की जनगणना के अनुसार) से भी अधिक हो चुकी है। जनसंख्या के इस तीव्र गति से बढ़ने को ही जनसंख्या विस्फोट कहा जाता है। वर्तमान में भारत की बढ़ती जनसंख्या चिन्ता का विषय बनी हुई है।

भारत में जनसंख्या विस्फोट की वर्तमान स्थिति– आज जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। आधुनिक भारत में जिस तीव्रता के साथ जनसंख्या में वृद्धि हो रही है, आनेवाले समय में यह और भी विस्फोटक हो जाएगी। अनुमान है कि सन् 2026 ई० तक भारत की जनसंख्या बढ़कर लगभग 1.5 अरब हो जाएगी, वर्ष 2030 तक 1.53 तथा वर्ष 2060 तक यह 1.7 अरब हो जाएगी। यह जनसंख्या वृद्धि किसी विस्फोट से कम नहीं है। इसने देश के कर्णधारों को चिन्ता में डाल दिया है। आज जनसंख्या के स्तर पर भारत विश्व में दूसरे स्थान पर आता है, परन्तु सन् 2030 ई० तक इसके चीन को पछाड़कर प्रथम स्थान पर पहुँच जाने की सम्भावना है।

जनसंख्या विस्फोट/वृद्धि के कारण भारत में आज भी बच्चों का जन्म ईश्वर की देन माना जाता है। समाज का पढ़ा–लिखा वर्ग भी इस तथ्य को स्वीकारने के लिए तैयार नहीं होता कि जनसंख्या वृद्धि को हमारे द्वारा रोका जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों का यह तर्क होता है कि जितने हाथ होंगे, उतना ही काम भी बढ़ेगा, लेकिन वह इस तथ्य को भूल जाते हैं कि दो हाथ के साथ एक पेट भी बढ़ेगा, जिसकी अपनी आवश्यकताएँ होंगी। अन्धविश्वास और अशिक्षा के अतिरिक्त जनसंख्या वृद्धि के अन्य विशेष कारण भी हैं; जैसे—बाल–विवाह, बहुविवाह, दरिद्रता, मनोरंजन के साधनों का अभाव, गर्म जलवायु, रूढ़िवादिता, ग्रामीण क्षेत्रों में सन्तति–निरोध की सुविधाओं का कम प्रचार होना, परिवार नियोजन के नवीनतम साधनों की अनभिज्ञता एवं वंशवृद्धि के लिए पुत्र की अनिवार्यता आदि।

जनसंख्या वृद्धि अथवा विस्फोट के परिणाम– भारत की वर्तमान आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक समस्याओं का मुख्य कारण बढ़ती हुई जनसंख्या है। ‘ऋग्वेद’ में कहा गया है—“जहाँ प्रजा का आधिक्य होगा, वहाँ निश्चय ही दुःख एवं कष्ट की मात्रा अधिक होगी।” यही कारण है कि आज भारत में सर्वत्र अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, निम्न जीवन–स्तर, सामाजिक कलह, अस्वस्थता एवं खाद्यान्न–संकट आदि अनेकानेक समस्याएँ निरन्तर बढ़ रही हैं। निश्चय ही जनसंख्या का यह विस्फोट भारत के लिए अभिशाप है। यदि यह वृद्धि इसी गति से होती रही तो पाँच–सौ वर्ष पश्चात् मनुष्यों को पृथ्वी पर खड़े होने की जगह भी नहीं मिल पाएगी। इसी बात को प्रसिद्ध हास्कवि काका हाथरसी ने अपनी विनोदपूर्ण शैली में इस प्रकार लिखा है-

यदि यही रहा क्रम बच्चों के उत्पादन का, तो कुछ सवाल आगे आएँगे बड़े–बड़े। सोने को किंचित् जगह धरा पर मिले नहीं, मजबूरन हम तुम सब सोएँगे खड़े–खड़े।

हमारे देशवासी जनसंख्या की वृद्धि से होनेवाली हानियों के प्रति आज भी लापरवाह हैं। निश्चित ही जनसंख्या की वृद्धि का यदि यही क्रम रहा तो मानव–जीवन अत्यधिक संघर्षपूर्ण एवं अशान्त हो जाएगा।

भूतपूर्व प्रधानमन्त्री श्रीमती इन्दिरा गांधी ने जनसंख्या विस्फोट से होनेवाली हानि पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा था—“जनसंख्या के तीव्रगति से बढ़ते रहने पर योजनाबद्ध विकास करना, बहुत–कुछ ऐसी भूमि पर मकान खड़ा करने के समान है, जिसे बाढ़ का पानी बराबर बहाए ले जा रहा है।”

जनसंख्या आज अति संवेदनशील मुद्दा बन चुका है। निरन्तर जनसंख्या–वृद्धि से मानव की आवश्यकताओं और संसाधनों की पूर्ति करना असम्भव होता जा रहा है। निरन्तर जीवन–मूल्यों में गिरावट आती जा रही है। अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब होते जा रहे हैं। अमीर–गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। पर्यावरण विषाक्त होने में एक मुख्य कारण जनसंख्या विस्फोट भी है। इसलिए जनसंख्या वृद्धि को नियन्त्रित करना अत्यन्त आवश्यक हो गया है।

जनसंख्या वृद्धि नियन्त्रण/निवारण के उपाय–जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए भारत सरकार पूर्णतया गम्भीर है तथा अनेक प्रभावी कार्यक्रम चला रही है। यह कार्य अनेक सरकारी संस्थाओं, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा है। परिवार कल्याण कार्यक्रमों तथा संचार माध्यमों द्वारा लोगों को जनसंख्या वृद्धि के प्रति सचेत किया जा रहा है। प्रतिवर्ष 11 जुलाई को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाया जाता है, जो जनसंख्या को नियन्त्रित रखने के लिए लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

जनसंख्या–विस्फोट रोकने के कुछ उपाय निम्नलिखित हैं–––

  • दो बच्चों के मापदण्डों को अपनाना।
  • लड़के–लड़कियों को देर से विवाह के लिए प्रोत्साहित करना।
  • परिवार नियोजन कार्यक्रमों एवं साधनों का व्यापक प्रचार–प्रसार करना व अपनाना।
  • अधिक बच्चों को जन्म देनेवाले माता–पिता को हतोत्साहित करना तथा उन्हें विभिन्न शासकीय सुविधाओं से वंचित रखने का प्रावधान करना, चाहे वह किसी भी वर्ग–जाति के क्यों न हों।
  • बाल–विवाह एवं बहुविवाह जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाना इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सम्बन्धी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमन्त्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग नियुक्त करने का भी प्रावधान है, जिससे जनसंख्या–विस्फोट पर रोक लगाई जा सकेगी।
  • आज यह सन्तोष का विषय है कि भारत सरकार इस दिशा में पर्याप्त सकारात्मक कदम उठा रही है।

उपसंहार– आज भारतवर्ष में जनसंख्या–विस्फोट को रोकने के लिए नित्य नए अभियान चलाए जा रहे हैं बाल–विवाह जैसी कुप्रथा अब लगभग समाप्त हो गई है। चिकित्सा–क्षेत्र में नवीन पद्धतियाँ आ गई हैं, जनता गर्भ–निरोध के साधनों के प्रति जागरूक व भयरहित हुई है।

यदि भारतवासी समझदारी से काम लेकर जनसंख्या वृद्धि रोकने में सहायक रहे और सरकार इस विषय में प्रयत्नशील रहे तो निश्चित ही एक दिन जनसंख्या–विस्फोट को रोका जा सकेगा तथा हमारा देश पुनः वैभव सम्पन्न और शस्य–श्यामलावाली अनुभूति से युक्त होगा।

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जनसँख्या विस्फोट: अर्थ, कारण और परिणाम

अगर भारत की जनसंख्या वर्तमान दर से बढती रही तो भारत जल्दी ही चीन को पछाड़कर दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जायेगा. यह एक ऐसी उपलब्धि होगी जिस पर किसी भारतीय को गर्व नहीं होगा. इसी कारण भारत में 2 चाइल्ड पालिसी को लागू करने की बात की जा रही है. आइये इस लेख में जानते हैं कि जनसँख्या विस्फोट किसे कहा जाता है और इसके क्या कारण और परिणाम होते हैं.

Hemant Singh

जनसँख्या विस्फोट की परिभाषा: (Definition of Population Explosion)

साधारण शब्दों में कहें तो जब किसी देश की जनसँख्या की मृत्यु दर में कमी होती है, बाल मृत्यु दर में कमी होती है लेकिन जन्मदर और जीवन प्रत्याशा में वृद्दि होती है तो इन सबके संयुक्त प्रभाव के कारण जनसंख्या में बहुत तेजी से हुई वृद्धि होती है. इस स्थिति को ही जनसँख्या विस्फोट कहा जाता है.

जनसँख्या विस्फोट के कारण: (Causes of Population Explosion)

इस तरह की अवस्था अक्सर कम विकसित देशों में पायी जाती है. भारत इस अवस्था से 1970 के दशक में गुजर चुका है लेकिन अब भारत की जनसँख्या वृद्धि दर में तेजी से कमी आ रही है और भारत की जनसँख्या को अब अभिशाप नहीं माना जाता है क्योंकि भारत पूरी दुनिया में सबसे युवा देश है.

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जनसँख्या विस्फोट के निम्न कारण हैं (Causes of Population Explosion)

1. अशिक्षा : जनगणना 2011 के अनुसार भारत की जनसंख्या अभी भी केवल 74% ही शिक्षित है और गावों में तो यह आंकड़ा और भी कम है. इस कारण जनसंख्या को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं. गरीब लोग एक अतिरिक्त संतान को कमाई का अतिरिक्त हाथ मानते हैं.

भारत में आज भी बहुत से लोग बच्चों को ईश्वर की देन मानते हैं. कुछ लोग तो बच्चों को धर्म से जोड़कर भी देखते हैं और गर्भ निरोधकों का प्रयोग करना धर्म के खिलाफ समझते हैं. इन सभी का मिलाजुला परिणाम जनसँख्या वृद्धि के रूप में सामने आता है.

2. परिवार नियोजन के प्रति उदासीनता : कुछ लोग तो परिवार नियोजन के साधनों को जानते भी नहीं हैं और कुछ लोग इन साधनों का प्रयोग करना अपने धर्म के खिलाफ मानते हैं जबकि कुछ लोग इन साधनों को खरीद नहीं सकते हैं हालाँकि ये साधन सरकार के द्वारा फ्री में दिए जाते हैं फिर भी इस्तेमाल नही करते हैं.

3. मनोरंजन के साधनों की कमी: देश के बहुत से गावों में आज भी मनोरंजन के साधनों की कमी है जिसके कारण लोग सेक्स को मनोरंजन का साधन मानते हैं और परिवार बढ़ाते रहते हैं.

4. अंधविश्वास : शिक्षा की कमी के कारण लोग परिवार नियोजन के उपायों को ठीक से नहीं अपनाते हैं. जैसे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग यह मानते हैं की पुरुष नशबंदी कराने से व्यक्ति की ताकत कम हो जाती है और वह मेहनत का काम करने लायक नहीं रहता है.

5. सरकार की गलत नीतियां : आजकल सरकार लोगों को 1 बच्चे के जन्म पर 6 हजार और दूसरे बच्चे के जन्म पर भी 6 हजार रुपये देती है. अब ऐसी नीतियों के माहौल में परिवार नियोजन कैसे सफल होगा?

ज्ञातव्य है कि चीन ने अपनी जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए 1 बच्चे की नीति को कठोरता से लागू किया था और जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण पा लिया है, लेकिन इसका भारत उल्टा कर रहा है. मेरे हिसाब से सरकार को 6 हजार रुपये नकद ना देकर पोषण युक्त खाद्य सामाग्री फ्री में देनी चाहिए ताकि बच्चे स्वस्थ पैदा हों.

family planning india

जनसंख्या विस्फोट के परिणाम: (Consequences Of Population Explosion )

1 . देश के संसाधनों पर दबाव: यदि किसी देश में जनसँख्या तेजी से बढती है तो उस देश में मौजूद आधारभूत संरचना और संसाधनों पर दबाव बढ़ता है जिससे कि देश का विकास प्रभावित होता है, और फिर देश गरीबी के कुचक्र में फंस जाता है.

crowd delhi metro

2. लोगों के जीवन स्तर में गिरावट: यह तो बिलकुल समान्य सी बात है कि जब कमाने वाले कम होंगे और खाने वाले ज्यादा तो लोगों को उनकी शारीरिक जरूरतों के अनुसार भोजन और पोषण नहीं मिल पायेगा फलस्वरूप उनके जीवन स्तर में गिरावट आती जाएगी. भारत में आज भी बहुत से गावों में यह सिलसिला जारी है.

3. गरीबी का दुष्चक्र: यदि किसी के माता पिता गरीब हैं जिन्होंने अधिक बच्चों के कारण सभी बच्चों की ठीक से पढाई लिखाई पर ध्यान नहीं दिया तो ऐसा संभव है कि उसकी आने वाली पीढियां भी इसी चक्रवात में फंसी रहेंगी और गरीब के घर में गरीब पैदा होता रहेगा.

4. देश का विकास प्रभावित: जिस देश के लोग केवल अपने पेट के भरण पोषण में ही लगे रहेंगे वहां विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास की कल्पना करना भी बेमानी है.यह स्थिति अफ्रीका महाद्वीप के कई देशों मे आज भी देखने को मिलती है.

HAM DO HAMARE DO

भारत भी इस तरह की स्थिति में 70 के दशक में फसा था यही कारण है की भारत की नीति निर्माताओं ने उस समय “ हम दो हमारे दो” का नारा दिया था और जनसंख्या नियंत्रण के लिए नशबंदी अभियान चलाया था.

इस प्रकार स्पष्ट है कि जनसँख्या विस्फोट की स्थिति सभी देशों के विकास में बाधक है. यह एक इस तरह की वृद्धि है जिस पर अल्प विकसित देशों को घमंड करने की वजाय शर्म आती है. इसके उलट विश्व में जापान, रूस और फ़्रांस जैसे देश भी हैं जहाँ की जनसँख्या वृद्धि नकारात्मक दौर में पहुँच गयी है और वहां की सरकारों को लोगों से जनसँख्या बढ़ाने की रिक्वेस्ट करनी पड़ रही है और कुछ देशों में सरकार के द्वारा एक से अधिक बच्चे पैदा करने पर पैसा भी दिया जा रहा है.

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जनसंख्या वृद्धि पर निबंध रूपरेखा सहित - Essay on Population Explosion in Hindi

जनसंख्या विस्फोट से तात्पर्य है जनसँख्या में अनियंत्रित वृद्धि। इस प्रकार जनसंख्या में तीव्र वृद्धि को जनसंख्या विस्फोट कहते हैं। यदि जन्म दर मृत्यु द

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध रूपरेखा सहित - Essay on Population Explosion in Hindi

जनसंख्या विस्फोट से तात्पर्य है जनसँख्या में अनियंत्रित वृद्धि। इस प्रकार जनसंख्या में तीव्र वृद्धि को जनसंख्या विस्फोट कहते हैं। यदि जन्म दर मृत्यु दर से अधिक है, तो जनसंख्या में वृद्धि होती है। यदि मृत्यु दर जन्म दर से अधिक है, तो जनसंख्या में कमी होती है। जनसंख्या में कमी को जनसंख्या हास के रूप में जाना जाता है।विकासशील देशों के लिए यह एक बड़ा मुद्दा है। साथ ही सरकार इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम नहीं उठा रही है। 

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध रूपरेखा सहित

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध रूपरेखा सहित

जनसंख्या विस्फोट का अर्थ, जनसंख्या विस्फोट के कारण, जनसंख्या विस्फोट के प्रभाव, जनसंख्या विस्फोट की रोकथाम.

यह मनुष्यों के बीच एक क्षेत्र की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि को दर्शाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जहां अर्थव्यवस्था अपनी आबादी की बढ़ती मांग का सामना करने में सक्षम नहीं है। इस प्रकार जनसँख्या विस्फोट को जनसँख्या वृद्धि की अनियंत्रित स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है 

जनसंख्या विस्फोट या जनसँख्या वृद्धि के कई कारक हैं। इनमें शामिल हैं:

जन्म दर में वृद्धि- प्रसव पर नियंत्रण न होने और लोगों की अनभिज्ञता के कारण जन्म दर तेजी से बढ़ रही है। मृत्यु दर की तुलना में जन्म दर में कई गुना वृद्धि हुई है। इसलिए मृत्यु और जन्म दर के बीच की खाई हमारे विचार से कहीं अधिक व्यापक हो गई है।

शिशु मृत्यु दर में कमी-  शिशु मृत्यु दर का तात्पर्य 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं की मृत्यु की संख्या से है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में तरक्की के कारण हम इस दर को कम करने में कामयाब हुए हैं और अब प्रति हजार शिशुओं में मृत्यु के कुछ ही मामले ज्ञात हैं।

जीवन प्रत्याशा में वृद्धि- पहले लोगों की जीवन प्रत्याशा लगभग 55-60 वर्ष थी। लेकिन समय के साथ बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के कारण अब हम लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ी है। अब एक व्यक्ति की औसत आयु बढ़कर 70-75 वर्ष हो गई। इसके अलावा, जीवन स्तर में सुधार, अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन, बेहतर पोषण और बेहतर स्वच्छता सुविधाओं ने भी जीवन प्रत्याशा को बढ़ाने में मदद की।

निरक्षरता का उच्च स्तर- महिलाओं का साक्षरता स्तर परिवार नियोजन की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। भारत में, लोग महिलाओं की शिक्षा को बहुत कम महत्व देते हैं और कम उम्र में उनकी शादी कर देते हैं। इसलिए उन्हें गर्भनिरोधक विधियों और गर्भ निरोधकों के उपयोग के बारे में जानकारी नहीं है।

जनसंख्या विस्फोट प्राकृतिक संसाधनों और अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को कई तरह से प्रभावित करता है: जैसे बेरोजगारी तथा गरीबी। 

बेरोजगारी- जनसंख्या में वृद्धि के कारण नौकरियों और रोजगार की मांग भी बढ़ जाती है। लेकिन, संसाधनों और रोजगार के अवसरों की कमी के कारण भारत में लाखों लोग बेरोजगार हैं। इसी कारण बेरोजगारी की स्थिति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। दिसंबर 2021 तक भारत में बेरोजगार लोगों की संख्या 5.3 करोड़ रही. इनमें महिलाओं की संख्या 1.7 करोड़ है। इस समस्या से निजात पाने के लिए ज्यादातर लोग बेहतर रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए दूसरे देशों की ओर पलायन कर रहे हैं।

गरीबी- बड़ी आबादी के कारण बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और उन्हें जनसँख्या विस्फोट जैसी समस्या का ज्ञान नहीं है। भारत में गरीबी एक बड़ी समस्या है। एक अनुमान के अनुसार विश्व की सम्पूर्ण गरीब आबादी का तीसरा हिस्सा भारत में रहता है। 2010 में विश्व बैंक के आंकड़े के अनुसार भारत के 32.7% लोग रोज़ना की US$ 1.25 की अंतर्राष्ट्रीय ग़रीबी रेखा के नीचे रहते हैं और 68.7% लोग रोज़ना की US$ 2 से कम में गुज़ारा करते हैं।

ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम जनसंख्या विस्फोट को रोक सकते हैं। सरकार जनसंख्या को नियंत्रित करने में मदद करने वाले विभिन्न तरीकों के बारे में जनसंख्या को जागरूक करने के उपाय कर सकती है। साथ ही इसे परिवार नियोजन और जन्म नियंत्रण के लिए कुछ मजबूत अभियान लागू करना चाहिए।

संक्षेप में कहें तो जनसंख्या विस्फोट ने पृथ्वी के संसाधनों पर भारी दबाव डाला है। हम जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करके सतत विकास जैसे कई मुद्दों को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा, जनसंख्या को नियंत्रित करके खाद्य असुरक्षा, अशिक्षा, गरीबी और बेरोजगारी जैसी कई समस्याओं को कम किया जा सकता है।

Q.1 जनसंख्या विस्फोट के प्रमुख कारण क्या हैं?

A.1 जनसंख्या विस्फोट के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारक निरक्षरता, मृत्यु दर में कमी, जन्म दर में वृद्धि और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हैं।

Q.2 भारत में जनसंख्या विस्फोट के प्रमुख कारण क्या हैं?

A.2 भारत में जनसंख्या विस्फोट का प्रमुख कारण हैं बेरोजगारी, बड़ी आबादी, गरीबी और अशिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और कई अन्य समस्याएं।

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जनसंख्या वृद्धि: समस्या और समाधान

  • 22 Aug 2019
  • 24 min read
  • सामान्य अध्ययन-I
  • जनसंख्या और संबद्ध मुद्दे
  • मानव संसाधन

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line तथा Business Today आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस आलेख में जनसंख्या वृद्धि तथा इससे संबंधित विभिन्न मुद्दों की चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत में तेज़ी से बढ़ रही जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की तथा इसको नियंत्रित करने की बात कही है। इससे कुछ समय पूर्व ही बजट सत्र में एक नामांकित संसद सदस्य द्वारा जनसंख्या को नियंत्रित करने हेतु जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, 2019 राज्यसभा में प्रस्तुत किया। निजी विधेयक होने के कारण यह संसद में पारित तो नहीं हो सका किंतु प्रधानमंत्री के संबोधन के पश्चात् इस मुद्दे पर दोबारा चर्चा की जाने लगी है। इस विधेयक में दो बच्चों के जन्म का प्रावधान किया गया है। दो से अधिक बच्चों वाले जनप्रतिनिधि को अयोग्य निर्धारित किया जाएगा, साथ ही सरकारी कर्मचारियों को भी दो से अधिक बच्चे पैदा न करने का शपथ पत्र देना होगा। हालाँकि ऐसे कर्मचारी जिनके पहले से ही दो से अधिक बच्चे हैं उनको इस प्रावधान से छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त नागरिकों को दो बच्चों की नीति को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये विभिन्न विनियमों की भी बात इस विधेयक में की गई है।

जनसंख्या नियंत्रण- तर्काधार

किसी भी देश में जब जनसंख्या विस्फोटक स्थिति में पहुँच जाती है तो संसाधनों के साथ उसकी ग़ैर-अनुपातित वृद्धि होने लगती है, इसलिये इसमें स्थिरता लाना ज़रूरी होता है। संसाधन एक बहुत महत्त्वपूर्ण घटक है। भारत में विकास की गति की अपेक्षा जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है। संसाधनों के साथ क्षेत्रीय असंतुलन भी तेज़ी से बढ़ रहा है। दक्षिण भारत कुल प्रजनन क्षमता दर यानी प्रजनन अवस्था में एक महिला कितने बच्चों को जन्म दे सकती है, में यह दर क़रीब 2.1 है जिसे स्थिरता दर माना जाता है। लेकिन इसके विपरीत उत्तर भारत और पूर्वी भारत, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्य हैं, इनमें कुल प्रजनन क्षमता दर चार से ज़्यादा है। यह भारत के भीतर एक क्षेत्रीय असंतुलन पैदा करता है। जब किसी भाग में विकास कम हो और जनसंख्या अधिक हो, तो ऐसे स्थान से लोग रोज़गार तथा आजीविका की तलाश में अन्य स्थानों पर प्रवास करते हैं। किंतु संसाधनों की सीमितता तथा जनसंख्या की अधिकता तनाव उत्पन्न करती है, विभिन्न क्षेत्रों में उपजा क्षेत्रवाद कहीं न कहीं संसाधनों के लिये संघर्ष से जुड़ा हुआ है।

माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत

ब्रिटिश अर्थशास्त्री माल्थस ने ‘प्रिंसपल ऑफ पॉपुलेशन’ में जनसंख्या वृद्धि और इसके प्रभावों की व्याख्या की है। माल्थस के अनुसार, ‘जनसंख्या दोगुनी रफ्तार (1, 2, 4, 8, 16, 32) से बढ़ती है, जबकि संसाधनों में सामान्य गति (1, 2, 3, 4, 5) से ही वृद्धि होती है। परिणामतः प्रत्येक 25 वर्ष बाद जनसंख्या दोगुनी हो जाती है। हालाँकि माल्थस के विचारों से शब्दशः सहमत नहीं हुआ जा सकता किंतु यह सत्य है कि जनसंख्या की वृद्धि दर संसाधनों की वृद्धि दर से अधिक होती है। भूमिकर सिद्धांत के जन्मदाता डेविड रिकार्डो तथा जनसंख्या और संसाधनों के समन्वय पर थामस सैडलर, हरबर्ट स्पेंसर ने भी जनसंख्या वृद्धि पर गंभीर विचार व्यक्त किये हैं।

आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19: अलग दृष्टिकोण

आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ दशकों में जनसंख्या वृद्धि की गति धीमी हुई है। वर्ष 1971-81 के मध्य वार्षिक वृद्धि दर जहाँ 2.5 प्रतिशत थी वह वर्ष 2011-16 में घटकर 1.3 प्रतिशत पर आ गई है। आर्थिक सर्वेक्षण में जनसांख्यिकीय के ट्रेंड की चर्चा करते हुए यह रेखांकित किया गया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा जैसे राज्य जहाँ एतिहासिक रूप से जनसंख्या वृद्धि दर अधिक रही है, में भी जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट आई है। दक्षिण भारत के राज्यों तथा पश्चिम बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, ओडिशा, असम तथा हिमाचल प्रदेश में वार्षिक वृद्धि दर 1 प्रतिशत से भी कम है। सर्वेक्षण के अनुसार, आने वाले दो दशकों में भारत में जनसंख्या वृद्धि दर में तीव्र गिरावट की संभावना है, साथ ही कुछ राज्य वर्ष 2030 तक वृद्ध समाज की स्थिति की ओर बढ़ने शुरू हो जाएंगे। आर्थिक सर्वेक्षण न सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण को लेकर आशावादी रवैया रखता है बल्कि भारत में नीति निर्माण का फोकस भविष्य में बढ़ने वाली वृद्धों की संख्या की ओर करने का सुझाव देता है।

जनसांख्यिकीय लाभांश या जनसांख्यिकीय अभिशाप

किसी देश में युवा तथा कार्यशील जनसंख्या की अधिकता तथा उससे होने वाले आर्थिक लाभ को जनसांख्यिकीय लाभांश के रूप में देखा जाता है। भारत में मौजूदा समय में विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या युवाओं की है यदि इस आबादी का उपयोग भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने में किया जाए तो यह भारत को जनसांख्यिकीय लाभांश प्रदान करेगा। किंतु यदि शिक्षा गुणवत्ता परक न हो, रोज़गार के अवसर सीमित हों, स्वास्थ्य एवं आर्थिक सुरक्षा के साधन उपलब्ध न हों तो बड़ी कार्यशील आबादी एक अभिशाप का रूप धारण कर सकती है। अतः विभिन्न देश अपने संसाधनों के अनुपात में ही जनसंख्या वृद्धि पर बल देते हैं। भारत में वर्तमान स्थिति में युवा एवं कार्यशील जनसंख्या अत्यधिक है किंतु उसके लिये रोज़गार के सीमित अवसर ही उपलब्ध हैं। ऐसे में यदि जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित न किया गया तो स्थिति भयावह हो सकती है। इसी संदर्भ में हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने जनसंख्या नियंत्रण की बात कही है।

2025 तक चीन से आगे निकल जाएगा भारत

पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामले विभाग के जनसंख्या प्रकोष्ठ (Department of Economic and Social Affairs’ Population Division) ने The World Population Prospects: The 2017 Revision रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अनुमान लगाया गया है कि भारत की आबादी लगभग सात वर्षों में चीन से अधिक हो जाएगी।

  • भारत को इस समस्या के सबसे भीषण रूप का सामना करना है। चीन अभी आबादी में हमसे आगे है तो क्षेत्रफल में भी काफी बड़ा है। फिलहाल भारत की जनसंख्या 1.3 अरब और चीन की 1.4 अरब है।
  • दोनों देशों के क्षेत्रफल में तो कोई बदलाव नहीं हो सकता पर जनसंख्या के मामले में भारत सात वर्षों बाद चीन को पीछे छोड़ देगा।
  • इसके बाद भारत की आबादी वर्ष 2030 में करीब 1.5 अरब हो जाएगी और कई दशकों तक बढ़ती रहेगी। वर्ष 2050 में इसके 1.66 अरब तक पहुँचने का अनुमान है, जबकि चीन की आबादी 2030 तक स्थिर रहने के बाद धीमी गति से कम होनी शुरू हो जाएगी।
  • वर्ष 2050 के बाद भारत की आबादी की रफ्तार स्थिर होने की संभावना है और वर्ष 2100 तक यह 1.5 अरब हो सकती है।
  • पिछले चार दशकों में 1975-80 के 4.7 प्रतिशत से लगभग आधी कम होकर भारतीयों की प्रजनन दर 2015-20 में 2.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2025-30 तक इसके 2.1 प्रतिशत और 2045-50 तक 1.78 प्रतिशत तथा 2095-2100 के बीच 1.78 प्रतिशत रहने की संभावना है।

बढ़ती आबादी की प्रमुख चुनौतियाँ

  • स्थिर जनसंख्या: स्थिर जनसंख्या वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये यह आवश्यक है कि सर्वप्रथम प्रजनन दर में कमी की जाए। यह बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में काफी अधिक है, जो एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
  • जीवन की गुणवत्ता: नागरिकों को न्यूनतम जीवन गुणवत्ता प्रदान करने के लिये शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली के विकास पर निवेश करना होगा, अनाजों एवं खाद्यान्नों का अधिक-से-अधिक उत्पादन करना होगा, लोगों को रहने के लिये घर देना होगा, स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति बढ़ानी होगी एवं सड़क, परिवहन और विद्युत उत्पादन तथा वितरण जैसे बुनियादी ढाँचे को मज़बूत बनाने पर काम करना होगा।
  • नागरिकों की मूलभूत ज़रूरतों को पूरा करने और बढ़ती आबादी को सामाजिक बुनियादी ढाँचा प्रदान करके समायोजित करने के लिये भारत को अधिक खर्च करने की आवश्यकता है तथा इसके लिये भारत को सभी संभावित माध्यमों से अपने संसाधन बढ़ाने होंगे।
  • जनसांख्यिकीय विभाजन: बढ़ती जनसंख्या का लाभ उठाने के लिये भारत को मानव पूंजी का मज़बूत आधार बनाना होगा ताकि वे लोग देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकें, लेकिन भारत की कम साक्षरता दर (लगभग 74 प्रतिशत) इस मार्ग में सबसे बड़ी बाधा है।
  • सतत् शहरी विकास: वर्ष 2050 तक देश की शहरी आबादी दोगुनी हो जाएगी, जिसके चलते शहरी सुविधाओं में सुधार और सभी को आवास उपलब्ध कराने की चुनौती होगी, साथ ही पर्यावरण को भी मद्देनज़र रखना ज़रूरी होगा।
  • असमान आय वितरण : आय का असमान वितरण और लोगों के बीच बढ़ती असमानता अत्यधिक जनसंख्या के नकारात्मक परिणामों के रूप में सामने आएगी।

गरीबी तथा जनसंख्या वृद्धि में महत्त्वपूर्ण संबंध

परिवार का स्वास्थ्य, बाल उत्तरजीविता और बच्चों की संख्या आदि माता-पिता (विशेषकर माता) के स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर से गहराई से संबद्ध हैं। इस प्रकार कोई दंपति जितना निर्धन होगा, उसमें उतने अधिक बच्चों को जन्म देने की प्रवृत्ति होगी। इस प्रवृत्ति का संबंध लोगों को उपलब्ध अवसरों, विकल्पों और सेवाओं से है। गरीब लोगों में अधिक बच्चों को जन्म देने की प्रवृत्ति इसलिये होती है क्योंकि इस वर्ग में बाल उत्तरजीविता निम्न है, पुत्र प्राप्ति की इच्छा हमेशा से उच्च बनी रही है, बच्चे आर्थिक गतिविधियों में सहयोग देते हैं और इस प्रकार परिवार की आर्थिक और भावनात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण - 4 (2015-16) के अनुसार, न्यूनतम वेल्थ क्विंटिल (Wealth Quintile) की महिलाओं के उच्चतम वेल्थ क्विंटिल की महिलाओं की उपेक्षा औसतन 1.6 गुना अधिक बच्चे पाए जाते हैं। इस प्रकार समृद्धतम से निर्धनतम की ओर बढने पर 1.5 के स्थान पर 3.2 की प्रजनन दर पाई जाती है। इसी प्रकार प्रति महिला बच्चों की संख्या महिलाओं की विद्यालयी शिक्षा के स्तर में वृद्धि के साथ घटती जाती है। 12 या उससे अधिक वर्षों तक विद्यालयी शिक्षा प्राप्त महिलाओं के औसतन 1.7 बच्चों की तुलना में विद्यालय नहीं गई महिलाओं में बच्चों की औसत दर 3.1 रही। इससे उजागर होता है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और असमानता का प्रजनन दर से गहरा संबंध है तथा स्वास्थ्य व शिक्षा तक कम पहुँच रखने वाले लोग निर्धनता के कुचक्र में फँसे रहते हैं और अधिकाधिक बच्चों को जन्म देते हैं। नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण ने खुलासा किया है कि उच्च जनसंख्या वृद्धि वाले राज्यों में ही प्रति व्यक्ति अस्पताल बिस्तरों की न्यूनतम उपलब्धता की भी स्थिति है।

जनसंख्या नियंत्रण- उपाय

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुमान के बावजूद भारत की बढ़ती जनसंख्या एक सच्चाई है, जो वर्ष 2030 तक चीन से भी अधिक हो जाएगी। जनसंख्या में तीव्र वृद्धि विभिन्न नकारात्मक परिणाम उत्पन्न करते हैं। इन परिणामों को रोकने के लिये आवश्यक है कि जनसंख्या को नियंत्रित करके वृद्धि दर को स्थिर किया जाए। निम्नलिखित उपायों से जनसंख्या की तीव्र वृद्धि दर को रोका जा सकता है-

  • आयु की एक निश्चित अवधि में मनुष्य की प्रजनन दर अधिक होती है। यदि विवाह की आयु में वृद्धि की जाए तो बच्चों की जन्म दर को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा उन्हें निर्णय प्रक्रिया में शामिल करना।
  • शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा लोगों के अधिक बच्चों को जन्म देने के दृष्टिकोण को परिवर्तित करना।
  • भारत में अनाथ बच्चों की संख्या अधिक है तथा ऐसे परिवार भी हैं जो बच्चों को जन्म देने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे परिवारों को बच्चे गोद लेने के लिये प्रोत्साहित करना, साथ ही अन्य परिवारों को भी बच्चों को गोद लेने के लिये प्रेरित करना। इस प्रकार से न सिर्फ अनाथ बच्चों की स्थिति में सुधार होगा बल्कि जनसंख्या को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
  • भारत में विभिन्न कारकों के चलते पुत्र प्राप्ति को आवश्यक माना जाता है तथा पुत्री के जन्म को हतोत्साहित किया जाता है। यदि लैंगिक भेदभाव को समाप्त किया जाता है तो पुत्र की चाहत में अधिक-से-अधिक बच्चों को जन्म देने की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है।
  • भारतीय समाज में किसी भी दंपत्ति के लिये संतान प्राप्ति आवश्यक समझा जाता है तथा इसके बिना दंपत्ति को हेय दृष्टि से देखा जाता है, यदि इस सोच में बदलाव किया जाता है तो यह जनसंख्या में कमी करने में सहायक होगा।
  • सामाजिक सुरक्षा तथा वृद्धावस्था में सहारे के रूप में बच्चों का होना आवश्यक माना जाता है। किंतु मौजूदा समय में विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं के कारण इस विचार में बदलाव आया है। यह कारक भी जनसंख्या नियंत्रण में उपयोगी हो सकता है।
  • परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाकर तथा उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाकर जनसंख्या वृद्धि को कम किया जा सकता है। प्रायः ऐसा देखा गया है कि उच्च जीवन स्तर वाले लोग छोटे परिवार को प्राथमिकता देते हैं।
  • भारत में शहरीकरण जनसंख्या वृद्धि के साथ व्यूत्क्रमानुपातिक रूप से संबंधित माना जाता है। यदि शहरीकरण को बढ़ावा दिया जाता है तो निश्चित रूप से यह जनसंख्या नियंत्रण में उपयोगी साबित होगा।
  • भारत में जनसंख्या वृद्धि दर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है, इसका प्रमुख कारण परिवार नियोजन के बारे में लोगों में जागरूकता का अभाव है। यदि नियोजन द्वारा बच्चों को जन्म दिया जाए तो यह जनसंख्या नियंत्रण का सबसे कारगर साधन हो सकता है।
  • भारत में अभी भी एक बड़ी जनसंख्या शिक्षा से दूर है इसलिये परिवार नियोजन के लाभों से अवगत नहीं है। विभिन्न संचार माध्यमों जैसे- टेलीविज़न, रेडियो, समाचार पत्र आदि के माध्यम से लोगों में विशेषकर ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिये।
  • सरकार को ऐसे लोगों को विभिन्न माध्यमों से प्रोत्साहन देने का प्रयास करना चाहिये जो परिवार नियोजन पर ध्यान देते हैं तथा छोटे परिवार को प्राथमिकता देते हैं।

जनसंख्या नियंत्रण के बजाय जनसंख्या समर्थन

भारत ने जनसंख्या को किसी समस्या और उस पर नियंत्रण के संदर्भ में नहीं देखा है बल्कि एक संपन्न संसाधन के रूप में देखा है जो एक विकास करती अर्थव्यवस्था की जीवन शक्ति है। इसे समस्या और नियंत्रण की शब्दावली में देखना और इस दृष्टिकोण से कार्रवाई करना राष्ट्र के लिये अनुकूल कदम नहीं होगा। यह दृष्टिकोण अब तक कि प्रगति को बाधित कर देगा और एक कमज़ोर व बदतर स्वास्थ्य वितरण प्रणाली के लिये ज़मीन तैयार करेगा। यह परिदृश्य उस उद्देश्य के विपरीत होगा जिसे आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त करने की इच्छा है। वर्तमान में 23 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों (दक्षिण भारत के सभी राज्य सहित) में प्रजनन दर पहले ही प्रति महिला 2.1 बच्चों के प्रतिस्थापन स्तर के नीचे पहुँच चुकी है। इस प्रकार नियंत्रण के बजाय समर्थन की नीति अधिक कारगर होगी।

अतीत से सबक

स्वतंत्र भारत में दुनिया का सबसे पहला जनसंख्या नियंत्रण हेतु राजकीय अभियान वर्ष 1951 में आरंभ किया गया। किंतु इससे सफलता नहीं मिल सकी। वर्ष 1975 के आपातकाल के दौरान बड़े स्तर पर जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास किये गए। इन प्रयासों में कई अमानवीय तरीकों का उपयोग किया गया। इससे न सिर्फ यह कार्यक्रम असफल हुआ बल्कि लोगों में नियोजन और उसकी पद्धति को लेकर भय का माहौल उत्पन्न हो गया जिससे कई वर्षों तक जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई।

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की आबादी 121 करोड़ थी तथा अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्तमान में यह 130 करोड़ को भी पार कर चुकी है, साथ ही वर्ष 2030 तक भारत की आबादी चीन से भी ज़्यादा होने का अनुमान है। ऐसे में भारत के समक्ष तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी चुनौती है क्योंकि जनसंख्या के अनुपात में संसाधनों की वृद्धि सीमित है। इस स्थिति में जनसांख्यिकीय लाभांश जनसांख्यिकीय अभिशाप में बदलता जा रहा है। इसी स्थिति को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस समस्या को दोहराया है। हालाँकि जनसंख्या वृद्धि ने कई चुनौतियों को जन्म दिया है किंतु इसके नियंत्रण के लिये क़ानूनी तरीका एक उपयुक्त कदम नहीं माना जा सकता। भारत की स्थिति चीन से पृथक है तथा चीन के विपरीत भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहाँ हर किसी को अपने व्यक्तिगत जीवन के विषय में निर्णय लेने का अधिकार है। भारत में कानून का सहारा लेने के बजाय जागरूकता अभियान, शिक्षा के स्तर को बढ़ाकर तथा गरीबी को समाप्त करने जैसे उपाय करके जनसंख्या नियंत्रण के लिये प्रयास करने चाहिये। परिवार नियोजन से जुड़े परिवारों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये तथा ऐसे परिवार जिन्होंने परिवार नियोजन को नहीं अपनाया है उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से परिवार नियोजन हेतु प्रेरित करना चाहिये।

प्रश्न: क्या आप इस कथन से सहमत हैं कि भारत में तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या जनसांख्यिकीय लाभांश के स्थान पर जनसांख्यिकीय अभिशाप बनती जा रही है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिये।

essay on population explosion in hindi

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (समस्या, समाधान) सहित Essay on Population problem in Hindi

जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (समस्या, समाधान) सहित Essay on Population problem in Hindi

इस अनुच्छेद में हमने जनसंख्या वृद्धि पर निबंध समस्या और समाधान (Essay on Population problem in Hindi) लिखा है। साथ ही हमने जनसंख्या की परिभाषा और भारत की बढती जनसंख्या के विषय में भी हमने इसमें जानकारी दी है। इसमें हमने जनसंख्या विस्फोट का कारण, प्रभाव और उपाय की पूरी जानकारी दी है।

Table of Content

जनसंख्या की परिभाषा? Definition of Population in Hindi

किसी देश, शहर या किसी जिले या क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या को जनसंख्या कहते हैं। जनसंख्या के ज़रूरत से ज्यादा बढ़ने से देश और दुनिया के ऊपर कई प्रकार से प्रभाव पड़ता है। नीचे हमने जनसंख्या वृद्धि और विस्फोट के बारे मे विस्तार से जानकारी दी है।

जनसंख्या वृद्धि क्या है? ‎What is Population Problem in Hindi?

इसके परिणामस्वरूप आबादी की दर में गिरावट आई है, लेकिन इष्टतम जनसंख्या वृद्धि और स्वस्थ राष्ट्र के बीच संतुलन हासिल करना काफी दूर है अज्ञानता, निरक्षरता, अस्वच्छ जीवन और उचित मनोरंजन की कमी भारत में आबादी की समस्या के कारण बनी हुई है।

दोनों पुरुषों और महिलाओं को अधिक जनसंख्या के खतरों का एहसास होना चाहिए। अगर हम एक यादृच्छिक सर्वेक्षण करते हैं, तो हमें पता चलता कि अभी भी पुरुष और महिलाएं यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उनके कम बच्चे होना चाहिए।

हमारे भारतीय समाज के एक बड़े अनुभाग में एक लोहार, एक बढ़ई, एक मेसन या एक दर्जी तुरंत अपने बच्चों को अपने पिता के व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित करता है। सामान्यतः वे एक मनोवैज्ञानिक सोच रखते है कि ज़यादा बेटों के साथ वह बड़ा रोज़गार कर सकते है। जिस प्रकार एक मज़दूर अधिक पैदावार करता है तो इससे अधिक आय होती है

किसी भी जनादेश या वैधानिक विधि के अनुसार जनसंख्या ब्रद्धि में रोक लगाना गलत नहीं है। भारत धर्म निरपेक्ष राज्य है, वह धार्मिक आधार पर किसी भी जांच या संयम का प्रयोग नहीं करता है।

प्रारंभिक विवाह- शीघ्र विवाह न केवल उच्च जनसंख्या की ओर जाता है बल्कि हमारी युवा जनसंख्या की प्रगति को विफल भी बनाता है, वे युवाओं के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा करते हैं। ज्यादातर युवा लड़कियां, इस उम्र में प्रसव के बोझ को सहन करने के लिए सक्षम नहीं होती हैं।

मूलरूप से प्राकृतिक संपदा का अधिक न्यायसंगत वितरण ना हो पाना, धार्मिक कट्टरपंथियों पर प्रतिबंध लगाया जाये जो अनावश्यक जन्म से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे है शिक्षा की विधि द्वारा – ये अकेले आबादी समस्या पर एक प्रभावी नियंत्रण ला सकते हैं।

जनसंख्या विस्फोट क्या है? What is Population Explosion in Hindi?

जनसंख्या वृद्धि का कारण causes of population explosion in hindi, 1. बढ़ती जन्म दरें (rising birth rates).

जन्म नियंत्रण पद्धति का उपयोग ना करने और इसके सकारात्मक प्रभाव के बारे में जागरूकता की कमी के कारण जन्म दर में लगातार वृद्धि हुई है। यह बढती हुई जनसंख्या का एक मुख्य कारण है।

2. शिशु मृत्यु दर में कमी (Infant mortality rate)

चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सुधार, निवारक दवाओं (टीके) के व्यापक उपयोग ने शिशु मृत्यु दर में बहुत जी तेज़ी से कमी आई है। हलाकि यह एक सकारात्मक कदम है परन्तु पिछले कुछ दशकों के दौरान चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी सुधार होने के कारन जनसंख्या में वृद्धि हुई है।

3. जीवन प्रत्याशा में वृद्धि (Increase in life expectancy)

बेहतर रहने की स्थिति, बेहतर स्वच्छता और स्वच्छता की आदतों, बेहतर पोषण, स्वास्थ्य शिक्षा आदि के कारण मानव आबादी की औसत जीवन प्रत्याशा में काफी सुधार हुआ है। अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन की स्थिर आपूर्ति यह सुनिश्चित करती है कि जनसंख्या अच्छी तरह से पोषित होती है जनसंख्या बढ़ती है जब वे पर्याप्त रूप से पोषित होते हैं।

4. वृद्धि हुई आप्रवासन (Increased immigration)

आप्रवासन में वृद्धि अक्सर जनसंख्या विस्फोट में योगदान देती है। विशेष रूप से विकसित देशों में ऐसा तब होता है जब बड़ी संख्या में पहले से ही आबादी वाले स्थान पर स्थायी रूप से निवास करने के इरादे से दुसरे देशों से लोग आ जाते हैं और रहने लगते हैं। परन्तु अब इसके लिए भारत में CAA जैसे नए नियम आ चुके हैं।

5. आवश्यक से कम जगह (Less space than necessary)

कई देशों में जनसंख्या बहुत बढ़ जाती है परन्तु उन देशों में उतने लोगों के रहने की जगह नहीं होती है। ऐसे में उस देश और क्षेत्र के लोगों को कई प्रकार की परेशानियों को सामना करना पड़ सकते है। उदाहरण के लिए – खाना, पीने का पानी, बिजली आदि की कमी।

जनसंख्या बढ़ने के कारण Effect of Population Growth in Hindi

असामान्य जनसंख्या वृद्धि सामान्यतः भारत की गरीबी के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। इस कारण लोग बहुत दयनीय स्थिति में रहते है। लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भारत में प्रयास किए जा रहे हैं, अगर आबादी को नियंत्रित करने की अनुमति दी जाती है तो इससे कोई फलदायी परिणाम उठा सकता है।

इस प्रयोजन के लिए अपनाई गई योजनाओं को तब तक अमल नहीं किया जा सकता जब तक कि आबादी की समस्या को संतोषजनक ढंग से सामना नहीं किया जाएगा। हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि हम जनसंख्या पर कोई प्रभावी जांच नहीं कर सकते, जब तक कि सामान्य लोगों के लिए जीवन स्तर के स्तर में कोई बढ़ोतरी न हो।

अधिक जनसंख्या, अर्थव्यवस्था को कई मामलों में कमजोर बनाती है। प्राकृतिक संसाधनों पर आबादी का बढ़ता दबाव आर्थिक प्रगति को रोक देगा और शिक्षा, धन, आवास, आदि के रूप में सामाजिक सेवाओं के लिए दायरे को कम से कम करना, इसलिए एक प्रगतिशील राज्य के लिए अनिवार्य रूप से आवश्यक है कि  हमारी अर्थव्यवस्था की योजना बद्ध वृद्धि को आबादी पर कुछ प्रभावी जांच की आवश्यकता है।

जनसंख्या वृद्धि के समाधान Solutions for Population Control in Hindi

पारिवारिक नियोजन के तरीकों में आम जनता को शिक्षित करने के लिए हमें एक चहुँमुखी शिक्षा देना होगी। यह एक अच्छा संकेत है कि हमारे लोगों का एक वर्ग, जो विशेष रूप से मध्यम वर्ग से संबंधित हैं, धीरे-धीरे जनसंख्या जागरूक हो रहे हैं और आबादी नियंत्रण के लिए तैयार किए गए तरीकों में सक्रिय रुचि ले रहे हैं।

निष्कर्ष Conclusion

आशा करते हों आपको जनसंख्या वृद्धि पर निबंध (समस्या, समाधान) सहित Essay on Population problem in Hindi लेख अच्छा लगा होगा और पूर्ण जानकारी मिली होगी।

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जनसंख्या: समस्या एवं समाधान पर निबंध | Essay on Population : Problems and Solution in Hindi

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ADVERTISEMENTS:

जनसंख्या: समस्या एवं समाधान पर निबंध | Essay on Population : Problems and Solution in Hindi!

हमारे देश में अनेकों जटिल समस्याएँ हैं जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं । जनसंख्या वृदधि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है । संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात् भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है ।

परंतु जिस गति से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब यह चीन से भी अधिक हो जाएगी । हमारी जनसंख्या वृदधि की दर का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मात्र पाँच दशकों में यह 33 करोड़ से 100 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई ह ।

देश में जनसंख्या वृद्‌धि के अनेकों कारण हैं । सर्वप्रथम यहाँ की जलवायु प्रजनन के लिए अधिक अनुकूल है । इसके अतिरिक्त निर्धनता, अशिक्षा, रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार आदि भी जनसंख्या वृदधि के अन्य कारण हैं । देश में बाल-विवाह की परंपरा प्राचीन काल से थी जो आज भी गाँवों में विद्‌यमान है जिसके फलस्वरूप भी अधिक बच्चे पैदा हो जाते हैं ।

शिक्षा का अभाव भी जनसंख्या वृद्‌धि का एक प्रमुख कारण है । परिवार नियोजन के महत्व को अज्ञानतावश लोग समझ नहीं पाते हैं । इसके अतिरिक्त पुरुष समाज की प्रधानता होने के कारण लोग लड़के की चाह में कई संतानें उत्पन्न कर लेते हैं । परन्तु इसके पश्चात् उनका उचित भरण-पोषण करने की सामर्थ्य न होने पर निर्धनता व कष्टमय जीवन व्यतीत करते हैं ।

देश ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपार सफलताएँ अर्जित की हैं जिसके फलस्वरूप जन्मदर की वृदधि के साथ ही साथ मृत्युदर में कमी आई है । कुष्ठ, तपेदिक व कैंसर जैसे असाध्य रोगों का इलाज संभव हुआ है जिसके कारण भी जनसंख्या अनियंत्रित गति से बढ़ रही है । इसके अतिरिक्त जनसंख्या में बढ़ोतरी का मूल कारण है अशिक्षा और निर्धनता ।

आँकड़े बताते हैं कि जिन राज्यों में शिक्षा-स्तर बढ़ा है और निर्धनता घटी है वहाँ जनसंख्या की वृद्‌धि दर में भी ह्रास हुआ है । बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि प्रांतों में जनसंख्या वृद्‌धि दर सबसे अधिक है क्योंकि इन प्रांतों में समाज की धीमी तरक्की हुई है ।

देश में जनसंख्या वृद्‌धि की समस्या आज अत्यंत भयावह स्थिति में है जिसके फलस्वरूप देश को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । देश में उपलब्ध संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक होने का दुष्परिणाम यह है कि स्वतंत्रता के पाँच दशकों बाद भी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है ।

इन लोगों को अपनी आम भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है । हमने निस्संदेह नाभिकीय शक्तियाँ हासिल कर ली हैं परंतु दुर्भाग्य की बात है कि आज भी करोड़ों लोग निरक्षर हैं । देश में बहुत से बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक स्वस्थ भारत की हमारी परिकल्पना को साकार रूप देना कितना दुष्कर कार्य है ।

बढ़ती हुई जनसंख्या पर अंकुश लगाना देश के चहुमुखी त्रिकास के लिए अत्यंत आवश्यक है । यदि इस दिशा में सार्थक कदम नहीं उठाए गए तो वह दिन दूर नहीं जब स्थिति हमारे नियत्रंण से दूर हो जाएगी । सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि हम परिवार-नियोजन के कार्यक्रमों को और विस्तृत रूप दें ।

जनसंख्या वृदधि की रोकथाम के लिए केवल प्रशासनिक स्तर पर ही नहीं अपितु सामाजिक, धार्मिक एवं व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास आवश्यक हैं । सभी स्तरों पर इसकी रोकथाम के लिए जनमानस के प्रति जागृति अभियान छेड़ा जाना चाहिए ।

भारत सरकार ने विगत वर्षों में इस दिशा में अनेक कदम उठाए हैं परंतु इन्हें सार्थक बनाने के लिए और भी अधिक कठोर कदम उठाना आवश्यक है । देश के स्वर्णिम भविष्य के लिए हमें कुछ ऐसे निर्णय भी लेने चाहिए जो वर्तमान में भले ही अरुचिकर लगें परंतु दूरगामी परिणाम अवश्य ही सुखद हों – जैसे हमारे पड़ोसी देश चीन की भाँति एक परिवार में एक से अधिक बच्चे पर पाबंदी लगाई जा सकती है ।

अधिक बच्चे पैदा करने वालों का प्रशासनिक एवं सामाजिक स्तर पर बहिष्कार भी एक प्रभावी हल हो सकता है । यदि समय रहते इस दिशा में देशव्यापी जागरूकता उत्पन्न होती है तो निस्संदेह हम विश्व के अग्रणी देशों में अपना स्थान बना सकते हैं ।

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Population Explosion Essay

500+ words population explosion essay.

Population explosion means a sudden increase in the number of individuals in a particular species. The term is used to refer to the world’s human population. In India, the Population explosion has become a severe matter of concern because the increase in population leads to poverty and illiteracy. In this situation, it is difficult to cope with the economy of the country with the rapid growth of the population. The Government of India is now looking into the matter seriously, and many states have framed laws to tackle the problem of population explosion.

Major Causes of Population Explosion

1. increase in birth rate.

One of the major causes for the growth of the population is the high birth rate. During the 1891-1990 period, the birth rate declined from 45.8 per thousand in India, but it is still considered high. So, unfortunately, in India, the birth rate has not seen a decrease in spite of the framing laws in terms of family planning, population education, campaigns, etc.

2. Decrease in Death Rate

In recent years, the decrease in the death rate has been another factor contributing to the rapid growth of the population. In 2001, the death rate in India was about 8.5 per thousand. The death rate has seen a decrease due to advancements in the medical field. For example, chronic diseases like typhoid, chickenpox, etc., are no longer dreaded. Even the infant mortality rate has decreased because of proper sanitation facilities, cleanliness, and better prenatal and postnatal care.

3. Early Marriage

Early marriage is also an essential factor in the rapid increase in population. In India, the marriage age of a girl is 18, which is very low compared to other countries, which is about 23 to 25 years. It leads to a longer span of reproductive activity.

4. Religious and Social Reasons

In India, marriage is considered a compulsory social institution, and every person should marry. Every individual in a joint family takes equal responsibility and has access to an equivalent level of consumption. So, people don’t hesitate to increase their family size to a joint family. In India, most people think that one male child is necessary, and in the expectation of getting a male child, they increase their family size.

Another major cause of the population explosion is poverty. In most families, children become the source of income. From a very young age, children start working for their families instead of going to school, and they become a precious asset to the family. So, every individual becomes an earning member and additional income for the family.

6. Standard of Living

It is seen that people with a low standard of living wish to have additional children as it will be an asset for them rather than a liability. As we know, most of India’s population is uneducated, so they don’t understand the importance of family planning. They are unaware that they can enjoy a better quality of life with a small family.

7. Illiteracy

In India, 60% of the population is either illiterate or has minimum education, which leads to minimal employment opportunities. So, due to the high illiteracy rate and belief in social customs, child marriage and preference for a male child still prevail. As a result, there is a rapid population growth rate in India.

Effects of Population Explosion

1. the problem of unemployment.

An increase in population leads to a vast army of the labour force. But, it is difficult to employ such extensive labour working force due to a shortage of capital resources. Disguised unemployment in rural areas and open unemployment in urban areas are fundamental features of an underdeveloped country like India.

2. More Pressure on Land

Overpopulation creates more pressure on land. It adversely affects the economic development of the country. On the one hand, per capita availability of land goes on diminishing and on the other, the problem of subdivision and fragmentation of holdings increases.

3. Environmental Degradation

Extensive use of natural resources and energy production of oil, natural gas, and coal negatively impacts the planet. An increase in population also leads to deforestation, which directly affects the environment, and it also degrades the soil’s nutritional value and causes landslides and global warming.

So, at last, we can wrap up the essay by stating that overpopulation is considered one of the biggest challenges humanity faces.

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Frequently Asked Questions on Population Explosion Essay

How can population explosion be controlled.

Awareness campaigns on childbirth control and the gap between consecutive children should reach the common public. It is necessary to take such initiatives to keep the population of a country in control.

Which country has the highest population?

China is a country with a maximum population of about 1.448 billion citizens.

How is the younger generation affected due to this population explosion?

The resources which are meant exclusively for the younger generation get split and are divided due to the population explosion of a country.

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Essay on Population for Students and Children

500+ words essay on population.

Population refers to the total number of beings living in a particular area. Population helps us get an estimate of the number of beings and how to act accordingly. For instance, if we know the particular population of a city, we can estimate the number of resources it needs. Similarly, we can do the same for animals. If we look at the human population, we see how it is becoming a cause of concern. In particular, the third world countries suffer the most from population explosion. As it is the resources there are limited and the ever-increasing population just makes it worse. On the other hand, there is a problem of low population in many regions.

India population crisis

India faces a major population crisis due to the growing population. If we were to estimate, we can say that almost 17% of the population of the world lives in India alone. India ranks second in the list of most populated countries.

Essay on Population

Furthermore, India is also one of the countries with low literacy rates. This factor contributes largely to the population explosion in India. It is usually seen that the illiterate and poor classes have a greater number of children. This happens mainly because they do not have sufficient knowledge about birth control methods . In addition, more people in a family are equals to more helping hands. This means they have better chances of earning.

Moreover, we also see how these classes practice early marriage. This makes it one of the major reasons for a greater population. People marry off their young daughters to men way older than them for money or to get free from their responsibility. The young girl bears children from an early age and continues to do so for a long time.

As India is facing a shortage of resources, the population crisis just adds on to the problem. It makes it quite hard for every citizen to get an equal share of resources. This makes the poor poorer and the rich richer.

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Impact of Population Explosion

essay on population explosion in hindi

Subsequently, pollution levels are on the rise because of the population explosion. As more and more humans are purchasing automobiles, our air is getting polluted. Moreover, the increased need calls for faster rates of industrialization. These industries pollute our water and lands, harming and degrading our quality of life.

In addition, our climate is also facing drastic changes because of human activities. Climate change is real and it is happening. It is impacting our lives very harmfully and must be monitored now. Global warming which occurs mostly due to activities by humans is one of the factors for climate change.

Humans are still able to withstand the climate and adapt accordingly, but animals cannot. This is why wildlife is getting extinct as well.

In other words, man always thinks about his well-being and becomes selfish. He overlooks the impact he is creating on the surroundings. If the population rates continue to rise at this rate, then we won’t be able to survive for long. As with this population growth comes harmful consequences. Therefore, we must take measures to control the population.

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Essay on Population Explosion

After the Republic of China, India is the most populous country in the world. Presently, India is the second-largest populated country in the world that occupies 2.4% of the world’s land area and represents 17.5% of the world’s population. This means that one out of six people on this planet is an Indian.

It is estimated by the United Nations that India with 1.3 billion inhabitants would surpass China’s population of 1.4 billion by 2024 to become the world’s most populous country. Population Explosion is considered as a threat and burden on the Earth.

What is Population Explosion?

Population Explosion refers to the rapid increase in the number of people in an area. It is a situation where the economy of the country cannot cope up with the rapid growth of the population. Furthermore, in simpler words, it is a situation where the economy cannot provide proper facilities to its people.

Evidently, the largest contributing countries to population explosion are the poorer nations and are termed as developing countries. In India, the state of Uttar Pradesh is the most populated state and Lakshadweep is the least populated. Hence we can say that population explosion is inversely related to the development of that area.

Population Explosion has become the mother of evils in our country because too much population is trapping people in a web of poverty and illiteracy that further escalates the problem. Any time of the day, whether it is a metro station, airport, railway platforms, road, highway bus stop, shopping mall, market, or even a social or religious gathering, there is always a swelling crowd of people in India.

Causes of Population Explosion

The major cause of this population explosion is the difference between the birth rate. The birth rate is the number of individuals born in a population in a given amount of time. The human birth rate is the number of individuals born per year per 1000 in the population. For example, if 35 births occur per year per 1000 individuals, the birth rate is 35 ) .

The death rate is the ratio between deaths and individuals in a particular population during a particular period. In simple words, the incidence of deaths in a given population during a defined time (such as one year) is expressed per 1000 individuals ).

Apart from these, some other factors are partially responsible for population explosion, such as:

A decrease in infant mortality rate (Mortality rate refers to the number of deaths of infants below the age of 6 months.), 

The increase in life expectancy (An estimate of the average number of additional years that a person of a given age can expect to live). 

Earlier the life expectancy of people was around 55-60 years. Now the average age of a person has increased to 70-75 years.) but due to better and improved medical facilities, we can now increase the life expectancy of people. 

Earlier, there was a balance between the birth and death rate due to limited medical facilities, people dying in wars, and other calamities. According to the 2011 census, the birth rate has actually come down but then the death rate has also declined due to the medical advancements. 

Illiteracy is another cause of an increase in population. Low literacy rate leads to traditional, superstitious, and ignorant people. For example, Kerala has a very high literacy rate and it constitutes only 2.76% of India’s population as compared to Uttar Pradesh having maximum illiteracy rate and forms 16.49% of the population. Educated people are well aware of birth control methods. 

Family planning, welfare programs, and policies have not fetched the desired result. The increase in population is putting tremendous pressure on the limited infrastructure and negating India’s progress.

The superstitious people mainly from rural places think that having a male child would give them prosperity and so there is a considerable pressure on the parents to produce children till a male child is born. This leads to a population explosion. 

Poverty is another main reason for this. Poor people believe that the more people in the family, the more will be the number of persons to earn bread. Hence it contributes to the increase in population. 

Continuous illegal migration of people from neighbouring countries like Nepal, Bangladesh is leading to a rise in the population density in India.

Religion sentiment is another cause of the population explosion. Some orthodox communities believe that any mandate or statutory method of prohibition is sacrilegious. It is difficult for India to exercise a check on the religious grounds for its secularism.

Impact Due to Population Explosion

The growth of the population has a major impact on the living standards of people. That is why, despite our incredible progress in the agricultural and industrial spheres, our capita income has not risen appreciably.

Hence given below are some of the major problems which are just because of the population explosion:

Natural Resources of that particular region: Natural resources are materials from the Earth used to support life and meet people’s needs. Hence if there are many people, then there is a high requirement for Natural Resources.

Unemployment: When a country becomes overpopulated, it gives rise to unemployment as fewer jobs support many people. The rise in unemployment gives rise to crime, such as theft, as people want to feed their families and provide them with basic amenities of life.

High Cost of Living: As the difference between demand and supply continues to expand due to population explosion, it raises the prices of various essential commodities, including food, shelter, and healthcare. It means that people have to pay more to survive and feed their families.

Poverty: Another major issue of population explosion is the increase in poverty as people are unemployed due to a lack of job opportunities and an abundant workforce. 

Illiteracy: Because of unemployment, they cannot provide better education to the coming generation, giving us back population explosion.

Starvation: When resources are scarce, starvation, ill health, and diseases caused by diet deficiency such as rickets become eminent.

Some Major Effects of the High Population are as Follows

The rapidly growing population in India has led to the problem of food scarcity and heavy pressure on land. Even though 60% of its population is engaged in agriculture, yet people do not get even the barely necessary amount of food. 

Generating employment opportunities for such a huge population in India is very difficult. Therefore, illiteracy is growing rapidly every year. 

Development of infrastructural facilities is not able to cope up with the pace of growing population. So facilities like transportation, communication, housing, education, and healthcare are becoming inadequate to provide provision to the people.

The increasing population leads to unequal distribution of income and inequalities among the people widened.

Unmanageable population size may lead to the failure of the government to provide the basic facilities to the people. 

Economic development is slow in a country where the population is growing at a very fast rate. This also leads to low capital formation. 

Ignorance, illiteracy, unhygienic living conditions, and lack of recreation have always been the cause of population problems in India. 

Rapid growth in population is also an indication of the wastage of natural resources.

Preventive Measures

To tackle this problem, the government needs to take corrective measures. The entire development of the country depends on how effectively the population explosion is stemmed. 

The government and various NGOs should raise awareness about family planning and welfare. Hoardings with slogans like “Hum do, humare do” and “Chota Parivar, Sukhi Parivar” should be put up in hospitals and other public places. These slogans mean that a small family is a happy family and two children for two parents. The awareness about the use of contraceptive pills and family planning methods should be generated. 

The health care centres should help the poor people with the free distribution of contraceptives and encourage the control of the number of children. 

The government should come forward to empower women and improve the status of women and girls. People in rural places should be educated and modern amenities should be provided for recreation.

So we can summarise the topic by stating that population explosion is a term used to state the rapid growth of people in a particular area. It is because of lack of education, illiteracy, lack of proper knowledge of sex education, rituals, and superstition in the country’s most populated area. 

Overpopulation results in a lack of development and exploitation of resources, whereas India’s strength in the global world in various fields cannot be ignored. By raising public awareness and enlisting strict population control norms, India will be able to tackle this issue.

It doesn’t mean that will happen very quickly and without any effort. It will take time because India constitutes one of the huge countries of about 138 Crore (2020) people. Proper, effective, and steady steps will lead India to a greater good.

 It helps the country control the population explosion and also helps to provide good results in several other things like the good environment, abundant natural resources, proper employment, proper literacy rate with high growth in development, etc.

All this could be possible if we take some measures and be good citizens of this country. So that is how we can overcome this issue of population explosion.

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FAQs on Population Explosion Essay

1) What is Population Explosion?

Population Explosion refers to a rapid increase in people in a particular area. Occurring due to reasons like increased birth in the area, decreased mortality rate, and inflow of residents, population explosion may lead to shortage of resources, negatively affecting the development of the area.

2) How is the birth rate related to population explosion?

Birth rate is directly proportional to population explosion because of people’s lack of knowledge and literacy. Most common in poor families, where more children means more means of income, increased birth rate gradually results in a population explosion.

3) What are the measures to avoid population explosion?

Better education (specially for girl child), creating awareness of family planning, providing proper knowledge of Sex Education, etc. can be some solutions to tackle the issue.

4) What is the difference between death rate and infant mortality rate?

The ratio between deaths and individuals in a particular population during a particular period is the death rate, whereas the infant mortality rate refers to the number of infants below 6 months who died within the same period.

5) What are the major reasons for the population explosion?

The major factors responsible for population explosion are illiteracy, reduced mortality, increased birth rate, and life expectancy.

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    विश्व में अत्यधिक जनसंख्या पर छोटे-बड़े निबंध (Essay on Overpopulation in World in Hindi) जनसंख्या विस्फोट : कारण और निवारण - अन्य सम्बन्धित शीर्षक- जनसंख्या नियन्त्रण।। (Population ...

  12. Population Explosion: Meaning, Reasons and Consequences

    Population Explosion is a demographic situation in which the population increases very rapidly due to decline in death rate and increase in the birth rate & life expectancy. India has gone through ...

  13. जनसंख्या वृद्धि पर निबंध रूपरेखा सहित

    जनसंख्या वृद्धि पर निबंध रूपरेखा सहित - Essay on Population Explosion in Hindi. 0 0 Friday 22 April 2022 2022-04-22T10:05:00-07:00 Edit this post.

  14. जनसंख्या विस्फोट पर निबंध । Essay on Population Explosion । Jansankhya

    जनसंख्या विस्फोट पर निबंध । Essay on Population Explosion in Hindi, Jansankhya Visfot par nibandh Hindi mein, Essay on Population Explosion in Hindi ...

  15. जनसंख्या वृद्धि: समस्या और समाधान

    इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line तथा Business Today आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस आलेख में जनसंख्या वृद्धि तथा इससे संबंधित विभिन्न मुद्दों की ...

  16. जनसंख्या वृद्धि पर निबंध Essay on Population problem in Hindi

    जनसंख्या वृद्धि का कारण Causes of Population Explosion in Hindi. जनसंख्या विस्फोट के मुख्य कारण कुछ इस प्रकार हैं-1. बढ़ती जन्म दरें (Rising birth rates)

  17. भारत में जनसंख्या की समस्या

    Article shared by: भारत में जनसंख्या वृद्धि और समस्या पर निबंध | Read These Two Essays on Population Growth and Problem of Population in India in Hindi. #Essay 1: भारत में जनसंख्या की समस्या | Essay on The Population Problem in ...

  18. जनसंख्या: समस्या एवं समाधान पर निबंध

    ADVERTISEMENTS: जनसंख्या: समस्या एवं समाधान पर निबंध | Essay on Population : Problems and Solution in Hindi! हमारे देश में अनेकों जटिल समस्याएँ हैं जो देश के विकास में अवरोध ...

  19. Population Explosion Essay for Students and Children

    500+ Words Essay Population Explosion Essay. Population explosion refers to the number of people that live in an area. It is a major issue for developing countries. Also, the government is not taking proper measures to control this problem. Besides, it generates many issues in the country that cause many problems for people.

  20. Essay on Population Explosion for Students

    500+ Words Population Explosion Essay. Population explosion means a sudden increase in the number of individuals in a particular species. The term is used to refer to the world's human population. In India, the Population explosion has become a severe matter of concern because the increase in population leads to poverty and illiteracy.

  21. Essay on Population for Students and Children

    500+ Words Essay on Population. Population refers to the total number of beings living in a particular area. Population helps us get an estimate of the number of beings and how to act accordingly. For instance, if we know the particular population of a city, we can estimate the number of resources it needs.

  22. Population Explosion Essay for Students in Different Lengths

    Population Explosion Essay for Students in Different Lengths. Population growth is viewed as a threat to the planet and a burden. India is the world's second-most populous country, after the Republic of China. According to the UN, India has surpassed China's population, making it the world's most populous country in 2024.

  23. Population Explosion Essay for Students in English

    Essay on Population Explosion. After the Republic of China, India is the most populous country in the world. Presently, India is the second-largest populated country in the world that occupies 2.4% of the world's land area and represents 17.5% of the world's population. This means that one out of six people on this planet is an Indian.