Essay on Picnic in Hindi- पिकनिक पर निबंध

In this article, we are providing an Essay on Picnic in Hindi पिकनिक पर निबंध हिंदी में | Essay in 100, 150. 200, 300, 500 words For Students.

पिकनिक पर निबंध | Picnic Essay in Hindi ये हिंदी निबंध class 4,5,7,6,8,9,10,11 and 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है।

Essay on Picnic in Hindi

( Essay-1 ) Picnic Par Nibandh | Essay

वर्षा खत्म होने पर जब सुहावना मौसम आ गया तो एक दिन गुरुजी ने अपने आप पिकनिक मनाने की बात कही, तो सभी बच्चे प्रसन्नता से नाच उठे। हमारे अध्यापक ने शनिवार को सभी बच्चों को सूचित कर दिया कि कल रविवार प्रातः 8 बजे सभी छात्र विद्यालय के प्रांगण में आ जाएं। हम सब रविवार को कार्यक्रम के अनुसार विद्यालय में पहुंच गये। वहां से हमारे लिए एक बस बुक थी । हम निश्चित समय पर पिकनिक के लिए वहां से चल पड़े। हमने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कुछ दिल्ली के दर्शनीय स्थल भी देखने थे। हम सर्वप्रथम महरौली कुतुबमीनार देखने गये। उसके बाद चिड़ियाघर पहुंचे। वहां से पुराना किला भी देखा। उसके बाद हमें ठीक 12 बजे शांति वन पहुंचना था, वहीं पर हमारे पिकनिक के कार्यक्रम थे ।

हम समय पर शांति वन पहुंच गये। सर्वप्रथम भोजन का कार्यक्रम था। सभी छात्र अपने-अपने घर से अच्छे-अच्छे खाने बनवा कर लाए थे। सबका खाना इकट्ठा रखा गया, फिर सबने मिलकर हंसी मजाक से खाना खाया। सभी कार्यक्रम हमारे अध्यापक की देख-रेख में चल रहे थे। सभी छात्र गोल घेरे में बैठ गये। सबको एक-एक गीत सुनाना जरूरी था। कई बच्चों के गीतों में बड़ी हंसी आ रही थी। फिर सबने एक-एक चुटकुला सुनाया। चुटकलों में सबको हंसी आ रही थी। फिर वहीं पर हमारे अध्यापक जी ने हमें कुछ मनोरंजक खेल भी खिलाए। अंत में शाम को 6 बजे सभी छात्र अपने-अपने घर लौट आये।

( Essay-2 ) Picnic Essay in Hindi ( 300 words )

पिकनिक मनोरंजन का सबसे बेहतरीन साधन है। हम लोग रोज एक जैसी दिनचर्या से ऊब जाते हैं और अपनी जिंदगी में काम और चिंताओ से कुछ समय के लिए मुक्ति चाहते हैं और उसके लिए पिकनिक सबसे अच्छा उपाय है। हमें समय समय पर पिकनिक का प्लान बनाते रहना चाहिए। स्कूल में हमारे सहपाठियों के साथ भी हम पिकनिक पर जा सकते हैं और रविवार के दिन अपने परिवार ते साथ इसका आनंद ले सकते हैं।

पिछले रविवार की बात है जब मैं और मेरा पूरा परिवार पिकनिक मनाने के लिए नहर ते पास वाले बगीचे में गए थे। उय दिन मौसम बहुत ही सुहावना था और बादल छाए हुए थे। हम सब जमकर मौसम का आनंद ले रहे थे। हम घर से 9 बजे निकले थे और 10 बजे वहाँ पहुँच गए थे। हमनै खाने पीने, खेल कुद का समान है और चटाई आदि गाड़ी में पहले ही रख ली थी। उस दिन उस बगीचे में बहुत सो लोग आए हुए थे। हम सब ने वहाँ बैठकर बहुत सारी बातें की और फिर नहर के शीतल पानी में नहाने लगे और एक दुसरे के ऊपर पानी डाल रहे थे। तब तक म्मी ने हमारे लिए खाना लगा दिया था और हम लोगों ने स्वादिष्ट पकौड़े और सैंडविच का मजा लिया। हम थोड़ी थोड़ी देर के लिए खुले आसमान के नीचे लेट गए और शुद्ध हवा का आनंद लिया। फिर हमने बैडमिंटन खेला जिसमें मैं और म्मी एक टीम में थे और पापा और मेरी बहन दुसरी टीम में। हमारी टीम जीत गई थी।

शाम के करीब 5 बजे बारिश होनी शुरू हो गई थी और हम सारा सामान समेट कर वापिस घर की तरफ चल पड़े। रास्ते में हमने बारिश का मजा लिया और सब ने मिलकर गाने गाए। घर पहुँचे तो काफी अंधेरा हो गया था और फिर हमने पूरे दिन की बातें की और खुशी के पलों को याद किया। पिकनिक के कारण हम सब खुश थे और टैंशन मुक्त भी थे।

( Essay-3 ) Essay on Picnic in Hindi ( 500 words )

आज दुनिया में मनुष्य अपने काम में इतना लगा रहता है कि उसे बिलकुल फुरसत नहीं मिलती। सबेरे उठना, तैयार होना, दफ्तर जाना या व्यापार के लिए जाना, शाम को घर लौटना, खाना और फिर सोना । अगले दिन फिर वही काम । मनुष्य जीना चाहता है। जीने के लिए उसे खाना पड़ता है और खाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है । फिर उसे फुरसत कहाँ मिलेगी जो अपने बारे में या अपनों के बारे में सोच सके। नतीजा यह होता है कि चिड़चिड़ा बन जाता है और मन में अशांति हो जाती है । अपने इस रोजाने के चक्कर से छुटकारा पाने के लिए मनुष्य कई उपाय करता है जिससे वह इन रोज़ाना चिंताओं को थोड़ी देर के लिए भूल जाय । ऐसे ही उपायों में एक है वनभोज ।

बनभोज कब, कहां और कैसे

वनभोज के लिए अपने शहर के अंदर या शहर की सीमा पर कोई शांत जगह चुनी जाती है। सबेरे जाकर शाम तक लौट आते हैं। खाने-पीने की चीजें घर से ले जाते हैं। मनोरंजन के लिए स्पीकर आदि ले जाते हैं। बेकार का सामान नहीं ले जाते ।

सबसे पहले वनविहार की जगह चुनने के बाद धूप आदि से बचने के लिए तंबू बनाते हैं या पेड़ की छाया में बैठते हैं। बच्चे खेलने चले जाते हैं। घर के बड़े लोग बैठे-बैठे ही अपनी चिंताओं को भूलकर मन बहलाने की बातें करते हैं। या वन में चारों तरफ घूमकर प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं। दुपहर का भोजन भी वहीं करते हैं। थोड़ा आराम करके शाम को फिर खेलते हैं और घर लौटते हैं।

वनभोज से लाभ

वनभोज से हमें कई लाभ होते हैं। अपने घरों में तो हम अपनी ज़रूरतें और सुख-सुविधाओं की सब चीजें रखते हैं। लेकिन वनभोज के लिए ये सभी चीजें नहीं ले जा सकते। इस प्रकार सुख सुविधाओं के बिना जीवन की हालतों से हम समझौता करना सीख लेते हैं। और ऐसे जीवन का अनुभव भी पाते हैं। दूसरे रोजाना जीवन चक्कर से बचकर वहाँ जाने से हमारा मन प्रसन्न हो जाता है और मन का बोझ हलका हो जाता है। मोबाइल टीवी के दौर में हम पिकनिक को भूलते जा रहे है। हमे अपनी इस वयस्थ जिंदिगाडी से पिकनिक के लिए जरूर टाइम निकलना चाहिए इससे हमारे स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। बच्चों के लिए असुविधाओं के बीच में भी नये जीवन का अनुभव और सुख मिलता है। वहां जाकर हम अपनी समस्याओं को चिंताओं को भूल जाते हैं। मन हल्का हो जाता है। मन में ताजगी आती है। फिर लौटकर दुगने जोश से तकलीफों का सामना करते हैं।

किंतु दुख की बात यह है कि मनुष्य अपने रोजाना के चक्कर में इतना फँसा हुआ है कि न तो उसके पास वनभोज | पिकनिक का साधन मिलता है और न समय या छुट्टी । हमें साल में कम से कम एक बार तो वनविहार | पिकनिक के लिए समय निकालना ही चाहिए।

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3 thoughts on “Essay on Picnic in Hindi- पिकनिक पर निबंध”

essay on picnic with family in hindi

ITS A VERY NICE ESSAY,IT HELPED ME ALOT THANKS

essay on picnic with family in hindi

Very nice and good

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essay on picnic with family in hindi

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध

परिवार के साथ पिकनिक – essay on picnic with family in hindi.

प्रस्तावना : आम तौर पर लोग अपने रोजमर्रा के जीवन में व्यस्त रहते है।  उन्हें दिन भर के थकान और मानसिक सुकून के लिए एक जरिया चाहिए। कई मनोरंजन के माध्यम है , मगर पिकनिक से बढ़िया विकल्प और कोई हो ही नहीं सकता है। परिवार के साथ वक़्त लोगो को अपने व्यस्त जीवन के कारण अधिक नहीं मिल पाता है।  जब ही पिकनिक जैसी कोई योजना बनती है तो परिवार के सदस्यों के ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता है। सब कई दिनों पहले से ही पिकनिक जाने की तैयारी करने लगते है।

स्कूल पिकनिक पर अक्सर हम जाते है लेकिन परिवार के साथ पिकनिक जाने का अलग ही आनंद प्राप्त होता है। जब अक्सर हम परिवार के साथ पिकनिक जाते है तो घर से विभिन्न वस्तुओं को लेकर जाते है।  खाने पीने और खेल कूद का सामान अक्सर हम घर से लेकर जाते है। हम जहां पिकनिक करने के लिए पिछले रविवार गए थे वहाँ का मौसम बड़ा सुहावना था। वहाँ पहाड़ो के बीच एक सुन्दर सी जगह है जहां हम पिकनिक करने के लिए गए थे। हम आठ लोग पिकनिक पर गए थे।  मम्मी -पापा , दादा , दादी , चाचा चाची , मैं और मेरा छोटा भाई।  हम सबने बहुत मज़े किये।

लोगो को जैसी ही छुट्टियां मिले , परिवार के साथ पिकनिक की योजना अवश्य बनानी चाहिए।हम रविवार को पिकनिक के लिए गए थे। पिकनिक स्पॉट के पास एक खूबसूरत रिसोर्ट था जहां स्विमिंग पूल था। हलकी सूरज की रोशनी थी और  आकाश में बादल थोड़े छाए थे।  मैंने और मेरे भाई ने बैडमिंटन रैकेट्स निकाला और खेलने लगे।  माँ और चाची मिलकर सुबह के नाश्ते की तैयारी करने लगे।  पापा और चाचाजी शतरंज खेल रहे थे।  म्यूजिक रिकॉर्डर पर गाना बज रहा था।  हमारी तरह कुछ और परिवार , दोस्तों की टोली भी वहाँ पिकनिक करने आये थे।  मेरी ख़ुशी का तो कोई ठिकाना नहीं था।

फिर कुछ देर हरे भरे पेड़ो के नीचे चटाई बिछाकर हम सब आराम करने लगे। हम सब वहाँ बैठकर डेढ़ सारी बातें करने लगे।  दादी जी गाना गुनगुनाने लगी।  फिर हमने अंताक्षरी का माहौल बनाया। मैं , मेरा भाई , सब बड़ो ने मिलकर अंताक्षरी खेला। बहुत दिनों बाद , सभी के साथ बिताये हुए यह अनमोल पल याद रहेंगे।

हमने रिसोर्ट के पास उपवन का आनंद लिया।  वहाँ रंग बिरंगे और विविध प्रकार के फूल थे।  फूलों की महक से पूरा बगीचा सुगन्धित हो उठा था।  मैंने  सभी के साथ ढेरो फोटो खिंचाए और खूब सारी सेल्फी भी ली। दादा और दादी दोनों बेहद प्रसन्न थे।

मम्मी और चाची ने मिलकर लज़्ज़तदार भोजन बनाया था।  हम सबने आनंद के साथ खाया। फिर पापा मुझे अपने बचपन के दिनों के कुछ कहानियां सुनाने लगे। भोजन के पश्चात हमने थोड़ा आराम किया और फिर हमने क्रिकेट खेलने की योजना  बनायी ।  उसके पश्चात हम सब क्रिकेट खेलने लगे।  दादा दादी को अंपायर बनाया गया।  मम्मी , चाची और मैं एक टीम में , दूसरी टीम में पापा , चाचा और भाई।  बड़ा मज़ा आया लेकिन पापा की टीम जीत गयी। शाम होने को आयी।  पापा रिसोर्ट के रेस्टोरेंट से सैंडविच , पकोड़े , मिठाई और चाय लेकर आये।  सबने चाव से खाया। इतना खेलने के बाद भी मुझे और हम सभी को थकावट महसूस नहीं हुयी क्यों कि पिकनिक जाकर इतनी ख़ुशी जो मिल रही थी।रात होने को आयी।  हम सबने अपने सामान  उठाये और गाड़ी में रखे।  मन उदास था कि इतना खूबसूरत दिन समाप्त हो गया  ।

पिकनिक अपने परिवार के संग जाने का अर्थ है उनके साथ गुणवत्ता समय व्यतीत करना।  यह जीवन के सुखद पल है जो सदा के लिए हमारे  दिलों में बस जाते है। पिकनिक के समय बड़े भी बच्चे बन जाते है और पिकनिक का आनंद लेते है।

परिवार के साथ वक़्त बिताना ना केवल व्यक्ति को खुश करता है बल्कि इससे उसके मन को सुकून और शान्ति मिलती है।  जब हम मुश्किल में पड़ जाते है तो सिर्फ परिवार ही हमारा साथ निभाता है।  परिवार है तो मुश्किल घड़ी भी सरल लगने लगती है।  इसलिए जब भी हमे समय मिले बस पिकनिक के लिए निकल जाना चाहिए।

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परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध

essay on picnic with family in hindi

By विकास सिंह

essay on family picnic in hindi

छुट्टियों के दौरान आनंद लेने के लिए परिवार के साथ पिकनिक सबसे अच्छे उपायों में से एक है। पार्क में हों या जल निकाय के पास शिविर, खेत या पहाड़ की ढलान पर, परिवार के साथ पिकनिक हमेशा मज़ेदार होती है क्योंकि आपको उनके साथ क्वालिटी टाइम बिताने को मिलता है।

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध, essay on family picnic in hindi (200 शब्द)

प्रस्तावना :.

नियमित जीवन की हलचल से बचने के लिए, पीछे हटना जरूरी है। जिस परिवार के साथ हमें पर्याप्त समय नहीं मिलता है, उसके साथ पिकनिक के समय से अधिक सुखद क्या हो सकता है? पिकनिक न केवल मन को तरोताजा करती है, बल्कि हमें नए स्थानों का पता लगाने और हमारे परिवार के साथ भोजन का आनंद लेने में भी मदद करती है।

पिकनिक – मेरा अनुभव :

हमने अपने इलाके के सामुदायिक पार्क को चुना जो कि चूने वाले ब्रुक के ठीक बगल में स्थित है। पार्क में एक बच्चों का खेल क्षेत्र था जहाँ हमारे परिवार के बच्चे स्लाइड, झूले और अन्य खेल उपकरणों पर खेलते थे।

हमने अपना दोपहर का भोजन पार्क में किया और इसे अलग पिकनिक क्षेत्र में रखने का फैसला किया, जिसे हमने उस दिन के लिए आरक्षित कर दिया था। दोपहर के भोजन के बाद, हम ब्रुक के पास बैठे, बतख और गिलहरी को खाना खिलाया और पगडंडी पर टहलने लगे। सहम के समय ऊपर देखा गया तो सूर्यास्त जादुई था और हम अंधेरा होने से पहले लौट आए।

निष्कर्ष:

यह परिवार के सभी सदस्यों के साथ बिताया हुआ एक दिन था और इसके साथ हमें ताज़ी हवा में सांस लेने का एक शानदार अवसर मिला। कभी कभी दैनिक दिनचर्या से बचना और प्रकृति की गोद में होना निश्चित रूप से जीवन में महत्वपूर्ण है।

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध, 300 शब्द :

काम के बोझ और कई कामों के तनाव में, एक पारिवारिक पिकनिक मेरे लिए एक अलग जीवन की तरह था। मैं चाहता था कि में मेरे परिवार के साथ किसी शांत जगह पर पिकनिक के लिए जाऊं, जहां शहर का शहर नहीं होगा और हवा शुद्ध होगी। इस तरह की जगह को ढूंढना ज्यादा मुश्किल नहीं था क्योंकि ग्रामीण इलाकों में हमें जल्द ही ऐसी जगह मिल गयी।

लंबे समय से प्रतीक्षित पिकनिक:

यह क्रिसमस के सप्ताहांत के दौरान था और हमने एक प्रकृति पार्क में बाहरी इलाके में पूरी तरह से छुट्टी का उपयोग करने का फैसला किया। जैसा कि ज्यादातर लोग आम तौर पर क्रिसमस का पूरा मज़ा लेने के लिए शहरी क्षेत्रों में इकट्ठा होते थे, प्रकृति पार्क में कम भीड़ थी और इसने हमें रात भर रहने और पिकनिक मनाने के लिए एक कैंपसाइट को आरक्षित करने का मौका दिया।

चारों ओर पाइन ग्रोव से घिरा हुआ, पिकनिक क्षेत्र पक्षियों के चहकने के अलावा पूरा शांत था। आसपास के मनमोहक झरने को जंगल के आकर्षण से जोड़ा गया और हमने झरने के नीचे बने कुंड में डुबकी लगाना सुनिश्चित किया। चढ़ाई  परिवार के सभी सदस्यों के लिए आसान थी केव मेरा छोटा भतीजा उससे अभिभूत था।

थोड़ी देर तैरने के बाद भूख लगी और मेरी माँ ने इसके लिए पहले ही अपनी पेटी में सैंडविच रख राखी थी जिसका हमने लुत्फ़ उठाया। इस बीच मेरा भाई अपनी पत्नी के साथ चिकन को बनाने में व्यस्त था और इसके साथ, हमारा दोपहर का भोजन बहुत अच्छा था।

शाम को, हमें पिकनिक स्थल पर अलाव दिखाई दिया और तारों के आकाश के नीचे, पिकनिक का समापन हुआ और हमने अपने सम्बंधित शिविरों में प्रवेश किया।

निष्कर्ष :

शहर की भीड़ से दूर, परिवार के साथ एक पिकनिक ने हम सभी को जीवन के दूसरे पक्ष का पता बताया। पिकनिक की बेहतर सुविधा से हम रोमांचित थे और वह दिन बहुत ही सुखद बिता जिसकी यादें हमेशा रहेंगी।

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध, essay on family picnic in hindi (400 शब्द)

अक्सर कहा जाता है की धुप के दिन सैर करने के लिए सबसे सुविधाजनक होते हैं, मानसून की बारिश का अपना आकर्षण होता है और परिवार की सैर पर बारिश का आनंद लेना लंबे समय से मेरे ख़्वाबों में है। एक शौकीन और फोटोग्राफर होने के नाते, मुझे नयी जगहों पर जाना बहुत पसंद है। मेरी बहन जो दूसरे शहर में रहती है, अपनी छुट्टियों के लिए हमारी जगह पर आई थी और एक आउटिंग की योजना बनाने के लिए यह एक आदर्श सेटअप था जो हमारे मन को फिर से जीवंत कर देगा और हमें पूरी तरह से बारिश के जादू का आनंद लेने देगा।

नीले पर्वत की यात्रा :

बारह वर्षों के चक्र के बाद खिलने वाला नीलाकुरिनजी फूल परिवार के आउटिंग के लिए ब्लू पर्वत या पश्चिमी घाट को चुनने के पीछे मुख्य आकर्षण था। कोडाइकनाल के घुमावदार रास्तों के साथ एक लंबी ड्राइव अपने आप में एक जादू था और परिवार के सभी सदस्यों को बारिश के दौरान सड़क के किनारे हरे भरे वृक्षारोपण को देखने का आनंद मिला।

पहाड़ी ढलानों के साथ बैंगनी नीलकुरिनजी का कालीन हमारी आँखों के सामने चमकता था, जैसे हम पिकनिक स्थल पर पहुँचे। पिकनिक क्षेत्र के टॉयलेट में फ्रेश होने के बाद, हम बाहर से गुजरने वाले जंगलों का पता लगाने के लिए निकल पड़े, जहाँ से हम नीलकुरिनजी के फूलों की ढलानों तक पहुँचे। तब तक बारिश ने वश में कर लिया था और पहाड़ों के ऊपर से एक जादुई धुंध छाई हुई थी।

मिट्टी गीली थी लेकिन पानी का जमाव नहीं था, जिससे घास का मैदान हमारे लिए आसान हो गया था। फूलों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई और आखिरकार हम एक बैंगनी फूलों से लदे घास के मैदान में खड़े थे, जहां मिट्टी नीचे नहीं देखी जा सकती थी।

पिकनिक क्षेत्र में वापस आने से पहले हमने इस दुर्लभ फूल की तस्वीरें लेने में समय बिताया। पिकनिक स्पॉट के केयरटेकर ने कुरकुरे वेजिटेबल टॉप्स के साथ पास के कॉफी प्लांटेशन से उबली हुई कॉफी से हमारा स्वागत किया। दोपहर के भोजन में फ्राइड राइस, चिली चिकन और तली हुई सब्जियां शामिल थी, जोकी पास के खेत में उगाई हो थी।

कार्यवाहक की पत्नी द्वारा तैयार किए गए फलों के कस्टर्ड होने के दौरान हमने पहाड़ों में बारिश को देखते हुए कुछ और घंटे बिताए। दंपति ने अपने खेतों और पिकनिक स्पॉट के बारे में भी हमारे साथ बात की जो सार्वजनिक छुट्टियों के दौरान पर्यटकों से भर जाता है।

जीवन की निरंतरता से एक विराम ने न केवल हमारे मन में शांति की भावना का संचार किया, बल्कि हम में से प्रत्येक ने एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिताने में मदद की, कुछ को हम रूटीन शेड्यूल में स्कोप नहीं मिला। पश्चिमी घाट की सैर नीलकुरिंजियों के साथ जीवन भर का अनुभव था।

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध, 500 शब्द :

परीक्षाओं की श्रृंखला ने मेरे मस्तिष्क को अध्ययन के लंबे घंटों से थका दिया और मुझे अपने परिवार के साथ कुछ समय की बुरी तरह से जरूरत थी। मेरे अनुरूप, वे भी पिछले कुछ वर्षों से किसी भी आउटिंग के लिए नहीं गए थे और इसलिए, अंतिम परीक्षा के बाद, मैंने अपने वृद्ध चाचा को बुलाने का फैसला किया, जो दूसरे शहर में रहते हैं और उन्हें अपने परिवार के साथ आने के लिए कहा। यह एक परिवार के लिए पिकनिक का समय था जहां माता-पिता और बच्चे पुनर्मिलन के लिए मिल सकते थे और खुशी से एक दो दिन बिता सकते थे।

जगह तय करना :

जबकि मेरे छोटे भतीजे और भतीजी ने वाटरपार्क के लिए छलांग लगाई, मेरे चचेरे भाई ने शहर के मेमोरियल पार्क के लिए कॉल किया और बुजुर्ग नदी के किनारे पिकनिक स्पॉट पर जाना चाहते थे। अंत में मैंने और मेरी भाभी ने देहात के खेत का सुझाव दिया जहां मेरे चचेरे भाई फोटोग्राफी का आनंद ले सकते हैं, बच्चे खेत जानवरों के साथ बातचीत कर सकते हैं और माता-पिता खेत का पता लगा सकते हैं। हर कोई एक साथ कूद गया और मैंने अपने दिन के बाद पिकनिक की पुष्टि करने के लिए खेत के मालिक को बुलाया।

यात्रा:

उस दिन हम जल्दी जागे और पिकनिक आउटिंग के लिए तैयार हुए, और जल्द ही अपनी कार में बैठ गए। मालिक ने उस दिन हमारी यात्रा का सत्यापन किया था और अपने खेत तक पहुँचने के लिए ले जाने के लिए मार्ग भी निर्धारित किया था। मेरी माँ और चाची ने हमारे लिए नाश्ता पैक किया था जोकि कुछ ही समय में समाप्त हो गया।

अच्छी तरह से पक्के शहर के राजमार्ग के बजाय, हमने फुटपाथ का रास्ता अपनाया जो हमें बाहरी इलाके में ले गया जहाँ खेत स्थित है। सड़क के दोनों ओर के चरागाह के खेत और गाँवके कॉटेज हमें खेत में पहुंचने तक मंत्रमुग्ध करते रहे।

फार्म और पिकनिक:

हंसमुख बूढ़े मालिक हमें बधाई देने के लिए गेट के सामने खड़े थे और उनकी मित्रता ने तुरंत हम सभी को सहज कर दिया। वह हमें देहाती झोपड़ी तक ले गया जहाँ ईंट की चिमनी ने हमें आरामदायक महसूस कराया। हमें पालतू जानवरों के खेत में ले जाने से पहले हमें घर का बना केक और ब्रेड परोसा गया।

मेरा भतीजा और भतीजी बड़े मुर्गे और मुर्गियों, खरगोशों, गायों, भैंसों, टट्टुओं और घोड़ों को आज़ाद घूमते देख खुशी में चिल्ला रहे थे। मालिक ने हमें जानवरों और पक्षियों को खिलाने के लिए चारा और अनाज दे दिया। हालांकि सबसे सुखद  टट्टू की सवारी थी, जिसका बच्चों ने खूब आनंद लिया।

मेरे चाचा और पिता बच्चों और जानवरों के साथ रहे, जबकि मेरी माँ और चाची दोपहर का भोजन तैयार करने वाले खलिहान की रसोई में व्यस्त थीं। इस बीच, मेरे चचेरे भाई और भाभी मालिक के साथ गए, उनके विशाल खेत पर नज़र डाली, जहाँ उन्होंने सूरजमुखी, अंगूर, कद्दू, टमाटर, आलू और मूली उगाए हुए थे।

चूंकि यह फसल का समय था, उसने हमें सब्जियों और अंगूरों को घर वापस लाने के लिए चुना और साथ ही साथ खेत से प्राप्त अंडे और मांस के व्यंजनों के साथ दोपहर के भोजन के लिए उपयोग किया। बड़ी मेज पर एक साथ दोपहर का भोजन करने के बाद, हम सभी ने मालिक के साथ बातचीत करने का फैसला किया, खेत के चारों ओर टहलें और जानवरों को निहारें, आराम और तनाव मुक्त दिमाग के साथ घर से बाहर निकलने से पहले।

हालांकि रिश्तेदारों से नियमित रूप से मिलना संभव नहीं है, लेकिन पिकनिक की योजना की बदौलत हमारे पूरे परिवार ने साथ यात्रा की और अमूल्य समय साथ बिताया। हालांकि शाम को वापस आने के समय हमारा दिल भारी हो रहा था लेकिन उस दिन की यादें सदैव मेरे मन में रहेंगी।

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध, essay on family picnic in hindi (600 शब्द)

यह साल के चिलचिलाती गर्मी के महीनों के दौरान था और गर्मियों की छुट्टियां चल रही थीं। दैनिक कार्यालय, स्कूल और कॉलेज के कारण, न तो मेरे पिता और न ही मैं और मेरी बहन परिवार के पिकनिक की योजना बना सकते थे।

दिन पर दिन तापमान बढ़ता जा रहा था और मेरी माँ ने सुझाव दिया कि हम सभी को शहर के वाटरपार्क में एक परिवार के पिकनिक के लिए जाना चाहिए। पूरे दिन के लिए पानी के छींटे और पेड़ों की छाँव के नीचे झूला पर आराम करने से ज्यादा हम अवश्य तरोताज़ा हो जायेंगे।

पिकनिक स्पॉट:

सप्ताहांत की भीड़ से बचने के लिए, मेरे पिता ने एक सप्ताह के दिन पिकनिक की योजना बनाई। वाटरपार्क में नदी, स्विमिंग पूल, वॉटर स्लाइड और स्प्लैश पैड थे। इसमें एक मनोरंजन केंद्र भी था जहां रोमांचकारी सवारी ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य आकर्षण बाग में बसा एक अलग पिकनिक क्षेत्र था जहां आम, बरगद, ताड़ और नीलगिरी के पेड़ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे। हमने एक पूलसाइड कैबाना और पिकनिक गज़ेबो को आम के पेड़ की छाँव के नीचे आलसी नदी के दृश्य में आरक्षित किया।

पूरे दिन का वृत्तान्त :

मेरी माँ, मेरी बहन और मैंने कुछ भोजन के साथ-साथ अतिरिक्त कपड़े और तौलिया की व्यवस्था की, पिता ने मार्ग और समय पर ड्राईवर को लाने की व्यवस्था की। हम सुबह 8 बजे निकले और 9.30 बजे वाटरपार्क पहुंचे। मेरे पिता ने टिकट लिया जबकि मैंने प्रवेश करने से पहले जलपान खरीदा था।

प्रवेश करने के बाद, हमने अपने सामान को लॉकर में रख दिया और टॉयलेट में फ्रेश हो गए, जबकि मेरी माँ ने सुनिश्चित किया कि हमारे पास ब्रेड और बटर, नूडल्स और एग बेनिडेट्स के साथ नाश्ते से भरा पेट है। बाद में हमने प्ले एरिया की जाँच करने का निर्णय लिया जहाँ बच्चे स्लाइड पर सवार थे और झूलों पर झूल रहे थे।

हंस घूम रहे थे जिनको हमने रोटी के टुकड़े खिलाए थे। हमने तब उद्यान क्षेत्र का पता लगाया, जहां अलग-अलग क्षेत्रों में कई वार्षिक, बारहमासी और सजावटी पौधे लगाए गए थे। माँ, एक उत्साही बागवानी उत्साही होने के नाते, ग्रीनहाउस में गुलाब बेड और कैक्टस को देखकर बहुत खुश हुई।

तापमान बढ़ रहा था और इसलिए हमने बड़े पूल क्षेत्र में डुबकी लगाने का फैसला किया। एक सप्ताह के दिन होने के नाते, ज्यादा भीड़ नहीं थी और हम एक दूसरे पर पानी छिड़कने और छप पैड क्षेत्र में कूदने में बहुत मज़ा करते थे। मेरे माता-पिता पूल में प्रवेश करने में थोड़ा संकोच कर रहे थे, लेकिन हमने उन्हें वैसे भी खींच लिया। जैसा कि पिता ने मुझे और मेरी बहन के लिए ट्यूब किराए पर दी थी, हमने पिकनिक गज़ेबो से दोपहर के भोजन के लिए बड़ी पेपरोनी पिज़ा और तला हुआ चिकन लेने से पहले आलसी नदी पर ट्यूबों पर इत्मीनान से तैरने का फैसला किया।

हालांकि मुख्य आकर्षण पानी की स्लाइड और सुरंगें थीं जो मुख्य पूल में गिरी थीं। जैसा कि वे महंगे थे, हमने केवल एक के लिए चुना और यह इसके लायक था। पूल में कुछ और भीगने के बाद, हमने कैबाना में प्रवेश किया और नए कपड़ों में परिवर्तित हुए। यहाँ पर परोसे जाने वाले ठंडे पेय पदार्थ बहुत ताज़ा थे।

आगे हमने रोलर कोस्टर और स्काई व्हील की सवारी करने के लिए मनोरंजन पार्क का दौरा किया, जिसने हमारे दिलों को खुशी में तेजी से हरा दिया। मैंने और माँ ने आइस क्रीम लगाई, जबकि मेरी बहन ने कैंडी फ्लॉस लिया और पिता ने रियायती हिंडोले से भुनी हुई मूंगफली ली।

तब तक दोपहर हो चुकी थी और सूरज इतना झुलसा नहीं था। चूंकि हम इतनी कार्रवाई के बाद थक गए थे, हमने कैबाना में वापस बैठने और पूल में दूसरों को देखने का आनंद लेने का फैसला किया। शाम 5 बजे घर के लिए शुरू होने से पहले हमें कोल्ड कॉफी परोसी गई।

हरियाली, पानी की स्लाइड, पूल और मनोरंजन की सवारी के एक आदर्श संयोजन के साथ, शहर के वाटरपार्क में हमारा पिकनिक बहुत मज़ेदार रहा था। पूल क्षेत्र का ठंडा पानी प्रचंड गर्मी में सुखदायक था और हमें आम के पेड़ के नीचे सबसे अच्छा पिकनिक का अनुभव हुआ।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Essay on Picnic in Hindi – पिकनिक पर निबन्ध

September 23, 2017 by essaykiduniya

Here you will get Paragraph and Short Essay on Picnic in Hindi Language for Students of all classes in 100, 300, 400, 500 and 800 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में पिकनिक पर निबंध मिलेगा।

Paragraph & Short Essay on Picnic in Hindi Language – पिकनिक पर निबन्ध ( 100 words )

पिकनिक का अर्थ है एक दिन के लिए अपने रोज के कामों को अलग रखकर परिवार या दोस्तों के साथ कहीं बाहर घुमने जाना जिससे हमारे मस्तिष्क को शांति मिलती है। मैं कभी अपने दोस्तों के साथ तो कभी परिवार वालों के साथ पर महीने में एक बार पिकनिक पर अवश्य जाता हूँ। मैं पिछले हफ्ते दोस्तों के साथ नहर पर पिकनिक के लिया गया था। हम सब साईकिल पर सवार गाने गाते जा रहे थे। रास्ते में ठंडी हवा, झुलते पेड़ और खेतों में लहलाती फसलें बहुत ही सुखद अनुभव दे रही थी। नहर पर हम सब नहाए, खाना खाया, बहुत से खेल खेले और बहुत मजा किया। शाम को हम सब फिर हँसते गाते वापिस आ गए।

Picnic Par Nibandh – Essay on Picnic in Hindi – पिकनिक पर निबन्ध (300 Words)

यह ठीक ही कहा जाता है, “सभी काम और नाटक, जैक एक नीरस लड़का बना देता है”। यदि हम एक ही दिनचर्या में जीते हैं, तो जीवन नीरस और असहनीय हो जाता है क्षण होते हैं जब हम बुखार और जीवन के पैर से दूर रहने के लिए उत्सुक होते हैं। हम अपने आप को और हमारी परवाह को भूलना चाहते हैं। पिकनिक और आउटिंग जीवन का मसाला हैं, वे हमारे जीवन में एक स्वागत योग्य परिवर्तन प्रदान करते हैं। पिछले रविवार, मेरी कक्षा के छात्रों ने एक पिकनिक पर जाने का फैसला किया। हमारे शिक्षक भी हमारे साथ जाने के लिए सहमत हुए हम एक दिन पहले सभी आवश्यक चीजें खरीदा छात्रों में उत्साह था शुरुआती सुबह सुबह में एसएमएस शुरू हो गए थे। कर्तव्यों को आवंटित किया गया था।

हमने एक मिनी बस को किराए पर लिया बस छात्रों की पूर्ण गड़बड़ी हंसी के साथ बढ़ती हुई थी। यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक हम में से एक को एक गीत गाएं या कुछ मजाक सुनाई चाहिए। चुटकुले और गीतों का एक शावर था। हमारे शिक्षक ने भी कुछ मजाक सुनाई। आधे और घंटे के बाद हम अपने गंतव्य तक पहुंचे। हमने नहर द्वारा पेड़ों के नीचे एक अच्छी जगह चुना। रोहित और कोनाल खाना पकाने और सेवारत थे थोड़ी देर के लिए आराम के बाद, हम अपने कपड़े हटा लिए और नहर में कूद गए। खुशी से हमने एक दूसरे पर पानी छिड़क दिया हममें से कुछ अच्छे तैराक थे स्विमिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी।

अब हमें भूख लगी थी। यह दोपहर के भोजन के लिए समय था। हमें इस तरह के एक स्वादिष्ट भोजन परोसा गया था जिसे हमने पहले कभी नहीं चख लिया था। ऐसा लग रहा था कि हम अति खा रहे थे। करीब 5 के बारे में जब शाम छाया हमें याद दिलाया कि वह दिन करीब आ रहा था, हम शुरू करना शुरू कर दिया था। हम फिर बस में बस गए और हमारे घरों की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी। यह वास्तव में, एक यादगार पिकनिक था।

Essay on Picnic in Hindi Language – पिकनिक पर निबन्ध (400 Words) 

हमारे बहुत व्यस्त जीवन में परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक के लिए जाने से बेहतर तरीका क्या है| यही हमने पिछले रविवार को किया था| उस दिन मेरे परिवार और हमारे कुछ दोस्तों ने हमारे घर से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर एक झील का दौरा करने का फैसला किया। उस दिन हम सब जल्दी उठ गए हमने जल्दी से कई गेम पैक किए मेरी माँ ने पिकनिक के लिए कुछ एफडब्ल्यूडी तैयार किया था हमने भोजन को टिफ़िन कैरियर में डाल दिया ठीक आठ बजे हम झील के लिए रवाना हुए। रास्ते में। हमने अपने दोस्तों को हमारे साथ जुड़ने के लिए रोक दिया एक बार जब हम वहां एक थे, तो हमने झील की ओर बयाना में उतर दिया झील पर हमने एक घास और छायादार जगह चुना।

वहां हमने कपड़े को जमीन पर फैल दिया। हमने उचित तरीके से खाने-पीने और खेल की व्यवस्था की। इसके बाद हमने बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। हमने खुद को दो टीमों में विभाजित किया था बैडमिंटन का गेम काफी चुनौतीपूर्ण था। और हमारी टीम ने मेरे पिता की टीम को हराया। हमने लगभग एक घंटे के लिए खेले उसके बाद हम सब थके हुए और प्यास महसूस हुए। हमने ठंडे पेय के साथ हमारी प्यास बुझी। हमने वसा थोड़ी देर तक विश्राम किया मेरे दोस्त, जिनके पास बहुत अच्छी आवाज़ है, कुछ गाने गाया। हम सब गायन में उनके साथ शामिल हो गए। यह पहले ही दोपहर था और दोपहर के भोजन के लिए महिलाओं ने हमें बुलाया। इस बीच वे अच्छी तरह से चटाई पर भोजन रखी। हमारे भोजन के बाद, हमने कुछ तस्वीरें लीं फिर हमने नौका विहार के लिए जाने का फैसला किया।

मेरे पिता और उनके कुछ दोस्तों ने पीछे रहना और हमारी चीजों का ध्यान रखा। हमने दो नौकाओं को रखा है नावनों ने हमें झील में बहुत दूर ले लिया। रास्ते में उन्होंने हमें झील के बारे में कई कहानियां और मिथकों को बताया। उन्होंने हमें बताया कि यह झील स्थानीय लोगों द्वारा बहुत सम्मान में आयोजित की गई थी। उनका मानना है कि झील की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा के आंसू से थी, निर्माता हम लगभग एक घंटे के लिए झील में थे। जब हम वापस आ गए तो पहले से ही अंधेरा हो गया था। हमने अपनी चीजों को पैक किया और उन्हें कारों में डाल दिया। उसके बाद हमने झील को अलविदा कहा और उसके बाद हम घर वापस आ गए।

Long Essay on Picnic in Hindi Language- पिकनिक पर निबन्ध (500 Words)  

आज के संघर्षमय जीवन में मनोरंजन की अत्यन्त आवश्यकता है। कभी हम पढते पहले कल जाते हैं। जीवन नीरस अनुभव होने लगता है। अतः ऐसे समय में प्रकृति की गोद में जाने की उत्कट इच्छा होती है। माँ प्रकृति हमारी सारी थकावट दूर करके हमें स्फूर्ति एवं ताजगी प्रदान करती है। मुझे याद है। जीवन का एक मनोरंजक दिवस जब मैं अपनी कक्षा के बच्चों के साथ पिकनिक मनाने चिड़िया घर गया।

कार्यक्रम :

गत वर्ष की बात है। अगस्त का महीना था। गर्मियों की छुट्टियाँ समाप्त होने पर स्कूल खुले थे। पढ़ाई जोरों से चल रही थी। गर्मी भी बहुत थी। सोमवार का दिन था। प्रातः का समय था। अकस्मात मेघों ने आकाश की आच्छादित कर दिया। कक्षा के कमरे में अन्धेरा छा गया। मेरी कक्षा के मनीटर ने पिकनिक का नाम लिया और कक्षा के सब छात्र और छात्राओं ने उसे सहर्ष स्वीकार किया। कक्षा के अध्यापक ने मुख्याध्यापक से आज्ञा प्राप्त की और हम स्कूल बस में बैठ कर चिड़िया घर की ओर चल पड़े।

मार्ग में बादल गरज रहे थे। बिजली चमक रही थी। हम अपने वाद्य बजाते और गीत गाते चिड़िया घर के द्वार पर पहुँचे। दिन के नौ बजे थे। रिमझिम वर्षा हो रही थी। अध्यापक महोदय ने टिकट खरीदे और हम सबने अपने सामान के साथ अन्दर प्रवेश किया। पक्षी और पशु  सबसे पहले हमने एक पेड़ के नीचे एक दरी बिछाकर वाद्य-यंत्र और टिफ़न रखे। फिर हम प्रकृति की सुन्दरता का अवलोकन करने निकल पड़े। वहाँ नाना प्रकार के वृक्ष थे। कहीं लताएँ थीं तो कहीं झाड़ियाँ थीं। कहीं सरोवर था तो कहीं पक्षी और पशुओं के पिंजरे थे। नाना प्रकार के रंग बिरंगे पक्षी देखकर हमें ईश्वर की कारीगरी पर आश्चर्य हुआ। काले मेघों को देखकर नाचते मोर को देख मेरा मन-मयूर नाच उठा।

कहीं तोते थे तो कहीं उल्लू थे। विदेशी पक्षी बड़े विचित्र लग रहे थे। अब बारी थी पशुओं को देखने की। हमने सबसे पहले बन्दरों को देखा। मैंने पहली बार जीवन में कई नसलों के बन्दर देखे। वहाँ शेर, हाथी, लोमड़ी, भालू आदि कई पशु थे। एक सरोवर में मछलियाँ, मगरमच्छ और कछुआ भी देखा। आकाश में उड़ते बगुले भी देखे। अब हम थक चुके थे। अतः हम सब निश्चित स्थान पर पहुँच गए।

दोपहर का भोजन हम सबने बाँट कर खाया। हमारे गुरु जी हमारे लिए एक पेटी सेब लाए थे। हम सबने कश्मीरी सेबों का आनन्द लिया। वर्षा रुक जाने के कारण आकाश निरभ्र होने लगा था। पश्चिम की ओर इन्द्र धनुष बड़ा मनमोहक लग रहा था। हम सब ने मिल कर हिन्दी और अंग्रेजी कविताओं का गान किया। बाद्य बजने लगे। वातावरण संगीतमय हो गया। शीतल, मंद सुगन्ध वायु हमें आनन्द प्रदान कर रही थी।

थोड़ी देर के बाद हमने ‘खोह’ खेलने का कार्यक्रम बनाया। गुरु जी का आज्ञा से हमने ‘ खोह’ खेल खेला। फिर हमने स्कूल की ओर प्रस्थान किया। उस दिन बड़ा ही आनन्द आया। आज भी मैं उसकी स्मृति अपने हृदय में संजोये हुए हैं।

Essay on Picnic in Hindi – पिकनिक पर निबन्ध (800 Words) 

एक पिकनिक एक सुंदर जगह के बाहर और प्रकृति की गोद में खुशी के लिए एक छोटी यात्रा है। पिकनिक हमारे जीवन में मसाला जोड़ते हैं वे हमारे नीरस, दिनचर्या जीवन से बहुत अधिक मांग के बाद राहत प्रदान करते हैं। हर स्कूल और कॉलेज अपने छात्रों के लिए पिकनिक की व्यवस्था करता है। दिल्ली भारत की राजधानी है यह एक सुन्दर शहर है। दिल्ली में लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट टॉलकटोरा गार्डन, रोशनारा बाग, क्यूडिया गार्डन, बुद्ध जयंती पार्क, इंडिया गेट, नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, द गार्डन ऑफ़ पाँच सेंस आदि हैं।

इनमें से प्रत्येक जगह पेड़ों से भरा एक हरे रंग की परिदृश्य का दावा करती है और विभिन्न किस्मों के पौधे, जहां कोई खेल सकता है या बस झूठ और आराम कर सकता है पिछले रविवार, हमारे स्कूल के हेडमास्टर ने कक्षा 9 में 36 छात्रों के लिए पिकनिक का आयोजन किया, ‘द गार्डन ऑफ़ पांच सेंसेस’, मेहरौली छात्रों को आउटिंग के लिए 150 प्रत्येक का योगदान देने के लिए कहा गया। हमारे वर्ग के शिक्षक, श्री बनर्जी और साथ ही हमारे हेडमास्टर हमारे साथ थे दिल्ली परिवहन निगम से एक बस को छात्रवृत्ति स्कूल के कालकाजी में पिकनिक स्थल पर ले जाने और उन्हें स्कूल वापस लाने के लिए लिया गया था।

कक्षा 9 के सभी छात्र रविवार को 8.00 बजे से पहले स्कूल में पहुंचे। बस समय पर भी पहुंचा। कक्षा के शिक्षक ने छात्रों को बस के बोर्ड में बैठकर अपनी सीटों के लिए कहा। प्रवेश द्वार के सामने की सीटों पर हेडमास्टर, हमारे क्लास शिक्षक, श्री बनर्जी और हमारे क्लास मॉनिटर ने कब्जा कर लिया था, शायद बस में छात्रों की गतिविधियों की देखरेख करने के लिए। बस सुबह 8.15 बजे चली गई। हम सुबह 9.00 बजे मेहरौली में ‘द गार्डन ऑफ़ पाँच सेंसेस’ पहुंचे। यात्रा बहुत सहज थी।

छात्र बहुत खुश थे क्योंकि उनके पास खुद का आनंद लेने के लिए एक मुफ्त दिन था। वे सभी आकस्मिक वस्त्र पहनते थे और स्मार्ट और हंसमुख दिख रहे थे। हमारे कक्षा के शिक्षक और राजू आगे गए और प्रवेश द्वार पर टिकट काउंटर से हम सभी के लिए प्रवेश टिकट मिला। मेहरौली के पास सैद-उल-अजैब गांव में पांच चिंताओं का बाग़ है। यह पृष्ठभूमि में कुतुब मीनार और छतररपुर मंदिर का एक शानदार दृश्य प्रदान करता है। बांस के रंगों में इंद्रियां प्रसन्न होती हैं इथास बागीफ में करीब 2000 किस्म के पौधे हैं मशहूर कलाकारों, मूर्तियां, सुगंधित पेड़ों और झाड़ियों आदि के द्वारा उल्लेखनीय टेराकोटा बर्तन, जगह सजाना। ‘सौर ऊर्जा पार्क’ में सौर मंडल की एक श्रृंखला है जिसमें बस, साइकिल और कार शामिल हैं।

जब हम गए तो नीले लिली फूलों के फूलों में थीं। रंगीन फूलों की झाड़ियों और पवन झंकार पेड़ क्षेत्र में संगीत बनाने के लिए एक लुभावनी अनुभव था। सभी छात्रों ने हरे रंग की लॉन पर खुद को सहज बना दिया और धूप में बास्केट बनाया। सैंडविच और सेब का रस युक्त ‘हल्का नाश्ते’ प्रदान किए गए थे। हेडमास्टर के सुझाव पर, कुछ मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया गया। कविता का पाठ, मोनो-अभिनय, उपनाम भाषण ‘, चुटकुले, गीत, नृत्य इत्यादि, छात्रों द्वारा किया गया। सभी छात्रों ने सक्रिय रूप से गतिविधियों में भाग लिया। कार्यक्रम बहुत अच्छी तरह से चला गया।

1.30 बजे, तीन अन्य छात्रों के साथ हमारे मॉनिटर ने दोपहर के भोजन के पैकेट पर सभी को सेवा दी। लंच बहुत स्वादिष्ट था। दोपहर के भोजन के बाद, हम कुछ समय के लिए आराम करते थे हेडमास्टर ने घोषणा की कि हम पिकनिक स्थल को 5.00 बजे प्रस्थान करना चाहते थे। उन्होंने आदेश दिया कि सभी को बस 4.45 बजे बस चाहिए। तब तक, छात्रों को जो कुछ उन्होंने पसंद किया था, उन्हें करने के लिए स्वतंत्र थे। छात्र मुक्त पक्षियों की तरह महसूस किया।

वे समूहों में बिखरे हुए हैं कुछ लोग `खस बाग ‘, कुछ’ फ्रेग्रेन्स ट्रायल ‘आदि के लिए गए। कुछ छात्र एक पेड़ की छाती के नीचे बैठ गए और कुछ अन्य खेल खेल रहे थे जबकि कुछ अन्य शतरंज या लुडो के खेल में बस गए। छात्रों के कुछ समूह अपने आइपॉड पर संगीत बजाते थे, जबकि अन्य अपने स्मार्ट फोन में व्यस्त थे। लोकप्रिय बीट्स के लिए एक पैर को हिलाकर कई लोग इसमें शामिल हो गए 4.30 बजे, राजू, हमारे क्लास मॉनिटर ने सभी को बस की तरफ जाने के लिए अनुरोध किया। छात्र सुंदर स्थान पर कुछ और समय बिताना चाहते थे, लेकिन उन्हें अपने हेडमास्टर के आदेश और उनके मॉनिटर के अनुरोध का पालन करना पड़ा। एक बार जब सभी छात्रों ने बस में चढ़ाई की, राजू ने यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यालय किया कि कोई भी पीछे नहीं छोड़ा गया है।

बस 5.00 बजे शुरू हुई बस में लाइट रिफ्रेशमेंट प्रदान किया गया था गर्म समोसे और कॉफी हमें इतनी एनिमेटेड मिली कि हमने गाया और खुद को अधिकतम तक का आनंद लिया। अंत में, हम 5:45 बजे हमारे स्कूल पहुंचे। हमारे माता-पिता हमारे लिए इंतज़ार कर रहे हैं पिकनिक का अंत आ गया था, लेकिन इसकी अच्छी यादें उस पर रुकना था।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध (  Essay on Picnic in Hindi – पिकनिक पर निबन्ध )को पसंद करेंगे।

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पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic in Hindi & English

नमस्कार यहाँ हम पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic in Hindi & English लेकर आए हैं. स्कूल स्टूडेंट्स के लिए सरल भाषा में यहाँ पिकनिक के अनुभव के बारे में छोटे बड़े निबंध दिए गये हैं.

अगर आप इस विषय पर अच्छा निबंध सर्च कर रहे है तो यहाँ आपको कुछ बेहतरीन निबंध के उदाहरण मिलेगे.

पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic in Hindi & English

Picnic Essay For class 1, 2, 3, 4, 5 students. 200, 250, 500 words Picnic Essay paragraph have Enjoyed also used for Short and Long  Picnic Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes. 

a picnic is an enjoyfull event for all school holidays and rainy season its most liked by students and teachers. a scene at the picnic spot or the picnic I enjoyed the most, giving a blow.

short Essay on Picnic in English

Picnic mean fun and frolic in the lap of nature. it removes the dullness, all hurries, and worries of life. picnic and outing are a part and parcel of students.

they add charm to our dull and boring life. our tried nerves and mind are refreshed with the help of picnics and oul-ings.

in Ganganagar, superhead is a beautiful picnic spot. many people go there for a picnic on holidays. one day all members of our family went there for a picnic.

we reached the picnic spot at 10 a.m. a cool breeze was blowing. we camped under the grove of trees and spread a carpet and relaxed for some time.

there were many students who had come on a picnic. some of the students enjoyed swimming while others were walking for water of canal looked very charming. some fishermen were busy with their fishing rods. some couples were enjoying boating.

birds were chirping and waterfowls were playing in the water. I also enjoyed swimming. my mother prepared tea. all of us enjoyed their company. then we enjoyed our lunch.

after that, we started a programme of music my oilier entertained us by singing songs. my sister told till bits. some friends gave us good songs and ghazals.

many other looters on also gathered around us and enjoyed music. both Indian And western music was played on guitar by my mother.

thus we enjoyed every minute of time. we spent at spearhead, a beautiful picnic spot. the time was passed quickly.

the sun was going down and we packed our things And started on the return journey. the memory of that day is still fresh in my mind.

पिकनिक पर निबंध ( Essay on Picnic in Hindi)

पिकनिक का अर्थ प्रकृति की खुबसूरत गोदी में मौज मस्ती करना. पिकनिक का हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, यह व्यक्ति की मानसिक चिंता व थकान को कम करता है. घूमना और पिकनिक छात्र जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

थकाऊ जीवनचर्या को एक नए जोश एवं आकर्षण के साथ जोड़ने का कार्य पिकनिक ही कर सकता है. पिकनिक स्थलों की यात्रा व घूमने से मस्तिष्क व शरीर को नई ताजगी मिलती है, जो किसी अन्य से संभव नही है.

गंगानगर में, सुपरहेड एक सुंदर पिकनिक स्थान है। छुट्टियों पर एक पिकनिक के लिए कई लोग वहां जाते हैं। एक दिन हमारे परिवार के सभी सदस्य एक पिकनिक के लिए वहां गए।

हम पिकनिक स्पॉट 10 बजे पर पहुंचे, ठंडी हवा बह रही थी। हम पेड़ शाखाओं के तले अपना तम्बू खड़ा किया तथा कालीन बिछाकर कुछ समय के लिए आराम करने के लिए बैठ गये.

वहां कई छात्र थे जो पिकनिक पर आए थे। कुछ ने तैराकी का आनंद लिया जबकि अन्य नहर के पानी को निहार रहे थे यह नजारा बहुत आकर्षक लग रहा था। कुछ मछुआरे मछली पकड़ने की छड़ से व्यस्त थे। कुछ दम्पति नौकायन का आनंद ले रहे थे।

पक्षी चह-चहा रहे थे और कुछ जल में तैर रहे थे। मुझे तैराकी का भी मज़ा आया। मेरी मां ने चाय तैयार की हम सभी ने अपने साथियों के साथ चाय पी और दोपहर का खाना साथ ही खाया.

इसके बाद, हमने संगीत के एक कार्यक्रम की शुरूआत की, मेरे मित्र ने गाने गाकर हमारा मनोरंजन किया। मेरी बहन ने भी कुछ पक्तियां गाई।

कुछ दोस्तों ने हमें अच्छे गाने और गज़ल सुनाएं। पिकनिक का आनन्द लेने आए कई लोग हमे घेरकर संगीत का लुफ्त उठा रहे थे। मेरी माँ अच्छी गिटार वादक हैं, उन्होंने इंडियन तथा कई वेस्टर्न सोंग भी हमे सुनाएं.

इस प्रकार हमनें पिकनिक के हर उस पल का जमकर लुफ्त उठाया। हमने काफी समय उस शानदार पिकनिक स्थल पर बिताया, इस दौरान धीरे धीरे दिन ढलने लगा.

और हमने अपनी चीजें पैक की और वापसी की यात्रा शुरू कर दी। उस दिन की याददाश्त अभी भी मेरे दिमाग में ताजा है।

पिकनिक पर निबंध (600 शब्द)

मुझे नई नई जगहों पर यात्रा घूमने फिरने का शौक है और जीवन के वे पल याद करता हूँ जब पहली बार पिकनिक टूर पर हमारी स्कूल बस में गये थे तो आज भी उस समय की यादे ताज़ी हो जाती हैं.

प्रकृति की अनुपम छटा लिए ऐसे मनोरम स्थलों की यात्रा जीवन में ताजगी और बहुत सारा प्रत्यक्ष ज्ञान भी देते हैं.

जब मैं नौवीं क्लास में था तब हमारी स्कूल में 20 छात्रों के एक समूह को पिकनिक स्पॉट के लिए भेजा गया, यह मेरी खुशनसीबी थी कि मैं भी उस टोली का हिस्सा था. राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू वह स्थान था, जहाँ मैं पहली बार पिकनिक मनाने गया था.

चारों तरफ हरी भरी घाटियों और पहाड़ों में बसा यह छोटा सा नगर बेहद रम्य हैं. राजस्थान के सबसे ऊंचे स्थानों में शुमार माउंट आबू की यात्रा के दौरान सर्दियों के दिन थे और ये आबू जाने का अनुकूल समय माना जाता हैं, इन दिनों यहाँ कड़ाके की ठंड का लुफ्त लिया जा सकता हैं.

अगर थोडा आपको माउंट आबू के बारे में बताता चलू तो यह राजस्थान का सबसे ऊंचा स्थान हैं, यहाँ स्थित गुरुशिखर राजस्थान की सबसे ऊंची पर्वत चोटी भी हैं. माउंट आबू की नक्की झील, रसिया बालम के मन्दिर और अन्य जैन मन्दिर यहाँ के मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं.

हमारी बस आबू रोड़ से जैसे जैसे माउंट आबू की ओर बढ़ रही थी, हम सभी का कौतुहल बढ़ता ही जा रहा था. प्रकृति का इतना सुंदर हरा भरा नजारा मैंने पूर्व में कभी नहीं देखा था.

संकरी गोलाई लेती हुई सड़क एक विशाल पर्वत श्रंखला जो कि अरावली का हिस्सा हैं उनके चारों ओर घुमते हुए शिखर की ओर जा रही थी.

करीब एक डेढ़ घंटे की यात्रा के बाद हमारा दल माउंट आबू पंहुचा, हमने एक टूरिस्ट कम्पनी से बात की तथा उनके एक गाइड को लेकर हमने विभिन्न स्थानों की सैर की.

इस दौरान नक्की झील में नौकायन, सूक्ष्मदर्शी से स्थलीय नजारे, कई मन्दिरों के भ्रमण और आखिर में संतों के शिखर की यात्रा पर गये.

हम अपने इस पिकनिक भ्रमण में दो दिनों तक माउंट आबू में ही रुके, इन दिनों का अनुभव मेरा अब तक का सबसे आनन्दित अनुभव था. मानों किसी दूसरी दुनिया में जी रहे थे. ऐसे मनोहारी दृश्य हर किसी के मन मो मोह लेने वाले हैं.

अपने दोस्तों के साथ हमने कई तस्वीरे भी बनाई और खूब मौज मस्ती की, आखिर हम अपने साथियों के साथ दो दिन बाद स्कूल लौट आए.

मगर आबू की ये यादें और नजारे मुझे जीवन भर के लिए सम्मोहित करने वाले थे, जब भी उस पिकनिक यात्रा का जिक्र होता है पुरानी यादे चलचित्र की तरह आँखों के सामने चलने लगती हैं.

ज्ञानवर्धन की दृष्टि से पिकनिक से बढ़कर कोई साक्षात अनुभव नहीं हैं. जीवन की सारी थकावट और परेशानियों को भुलाकर परमानन्द की अनुभूति दिलाने वाले ऐसे रम्य स्थलों पर हम सभी को अवसर मिलने पर अवश्य जाना चाहिए.

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आशा करता हु, मित्रों  Essay on Picnic in Hindi & English | पिकनिक पर निबंध यह निबंध आपकों अच्छा लगा होगा.

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पिकनिक पर निबंध (Picnic Essay In Hindi)

पिकनिक पर निबंध (My Picnic Essay In Hindi)

आज   हम पिकनिक पर निबंध (Essay On Picnic In Hindi) लिखेंगे। पिकनिक पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

पिकनिक पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Picnic In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

पिकनिक पर निबंध (My Picnic Essay In Hindi)

हर किसी को अपने व्यस्त जीवन से थोड़ा समय चाहिए। वह लगातार अपने व्यस्त जीवन से परेशान हो जाते है और थोड़ा वक़्त अपने परिवार के साथ बिताना चाहते है। पिकनिक हर किसी को पसंद है।

थोड़ा ब्रेक सभी को चाहिए और इसके लिए पिकनिक से अधिक बेहतर विकल्प हो ही नहीं सकता। पिकनिक पर जाने के लिए हम सभी अच्छी जगह का चयन करते है, जगह जैसे पार्क, पहाड़ इत्यादि।

जब भी हम पिकनिक के बारे में सोचते है, तो कई जगहों के नाम हमे याद आ जाते है। पहाड़, झरने और पेड़ पौधों के खूबसूरती के बीच में पिकनिक मनाने का कुछ और ही मज़ा है। मनुष्य हर दिन अपने काम के वजह से तनाव में रहते है।

बच्चो से लेकर बड़े सभी को पिकनिक पर जाने की ज़रूरत

बच्चो को भी थोड़े ब्रेक की ज़रूरत होती है। बच्चे हर रोज़ अपने स्कूल की पढ़ाई, गृहकार्य, परियोजना कार्य और परीक्षाओ में व्यस्त रहते है। पिकनिक पर जाने से उनका मूड ताज़ा हो जाता है।

पिकनिक की तैयारी में सभी का उत्साह

पिकनिक पर जाने के लिए सभी अपने तैयारी में जुट जाते है। मम्मी स्वादिष्ट खाना बनाकर टिफ़िन में पैक करती है। फल, चिप्स, चॉकलेट्स और कई तरह की चीज़े जो हम बच्चो को पसंद है, वह पिकनिक बास्केट में रखती है।

पिकनिक पर सभी का उत्साह देखने को मिलता है। पिकनिक में बड़े भी बच्चे बन जाते है। पिकनिक पर सारा परिवार अपने पसंदीदा खेल के सामग्री को लेकर जाता है। अक्सर रविवार के दिन लोग पिकनिक पर जाते है। क्यूंकि इस दिन ज्यादातर सभी की छुट्टी होती है।

स्कूल की पिकनिक (School Picnic)

स्कूल की पिकनिक भी बहुत मज़ेदार होती है। मुझे पहला स्कूल का पिकनिक अच्छे से याद है। मेरे स्कूल के पिकनिक की बस सुबह को निकली। यात्रा बहुत अच्छी थी और हम सभी सहपाठियों ने यात्रा का आनंद उठाया।

उसके बाद हम पिकनिक स्थल पर पहुँच गए। विद्यालय के तरफ से हम कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल के पास एक खूबसूरत पार्क में गए थे। वहां मैंने और मेरे सहपाठियों ने पिकनिक पर बहुत मज़े किये थे।

हमने कई तरह के खेल जैसे क्रिकेट और बैडमिंटन इत्यादि खेला था। उस दिन मौसम बहुत सुहावना था। वह स्थान काफी सुन्दर था। सिर्फ हम छात्रों को ही नहीं बल्कि शिक्षकों को भी इस पिकनिक पर जाने से बड़ी ख़ुशी मिली थी।

सभी शिक्षक हमारे साथ काफी घुल मिल गए थे। स्कूल के पिकनिक में हमने शिक्षकों से बहुत कुछ सीखा था। उन्होंने बातों बातों में हमे नई चीज़ें सिखाई थी। शाम होने के बाद हमने बस यात्रा शुरू की और हँसते गाते अपने घर पहुँच गए।

पिकनिक पर भोजन बनाना

पिकनिक पर भोजन बनाने का अपना अलग आनंद होता है। जब हम पहाड़ो में पिकनिक के लिए जाते है तो टेंट बनाकर, लकड़ियों का चूल्हा बनाकर भोजन बनाते है।

पिकनिक पर भोजन बनाने के लिए बर्तन, मसाले इत्यादि भोजन सामग्री की ज़रूरत होती है। पिकनिक पर भोजन बनाने का अपना अलग ही मज़ा होता है। वहाँ आस पास के स्थानों पर घूमने के लिए कई स्थान होते है, जैसे पर्वत, झरने इत्यादि।

जब हम पिकनिक पर गए थे तो उस वक़्त हमने दोपहर में कई पकवान बनाये थे और सबने लज़्ज़तदार भोजन का आनंद उठाया था। जैसे ही शाम हुयी हमने लकड़ियां इकट्ठा की और शाम की चाय का प्रबंध किया। उस दिन पिकनिक पर सबने मज़ेदार किस्से सुनाते हुए चाय और पकोड़े का आनंद उठाया।

अंताक्षरी खेल का आनंद

पिकनिक पर हम सभी अपने मनोरंजन के लिए अंताक्षरी खेलते है। स्कूल पिकनिक हो या फॅमिली पिकनिक, लोग अंताक्षरी खेलना पसंद करते है। हम सब मिलकर गाने गाते है और नाचते भी है। यह सब पिकनिक के यादगार पल होते है जो हम हमेशा याद रखते है।

पिकनिक के लिए समय निकालना हो गया है मुश्किल

आज के इस व्यस्त जीवन में पिकनिक के लिए समय निकलना मुश्किल हो गया है। आज लोग अपने दफ्तर और व्यापार इत्यादि की वजह से इतना अधिक व्यस्त हो जाते है कि परिवार को पिकनिक पर नहीं ले जा पाते है।

लोगो को तनावमुक्त जीवन जीने के लिए कभी कभार परिवार के साथ पिकनिक पर जाना चाहिए। मनुष्य को खुश रहने के लिए समय समय पर पिकनिक की योजना बनानी चाहिए।

पिकनिक की अहमियत / पिकनिक का महत्व

हर इंसान किसी ना किसी परेशानी से गुजरता है। इस वजह से उसपर मानसिक दबाव पड़ता है। पिकनिक पर सभी लोगो के साथ जाने से उनका मन बहल जाता है। वह खुश होते है।

विद्यार्थियों के लिए भी पिकनिक अत्यंत ज़रूरी है। इससे उनका मानसिक विकास होता है और एकाग्रता बढ़ती है। पिकनिक पर ज़्यादातर लोग प्रकृति, हरियाली, झरने और पहाड़ के बीचो बीच जाना पसंद करते है। यह उन्हें प्रकृति के साथ जोड़ता है।

ज़रूरी सावधानियां

पिकनिक के वजह से प्रकृति के नए जगहों को हम जान पाते है। पिकनिक पर जाने से पूर्व कुछ ज़रूरी सावधानियां बरतनी चाहिए। पिकनिक पर जाने के लिए अच्छी जगह का चुनाव करना चाहिए।

ऐसे जगह का चयन करना चाहिए, जहाँ प्राकृतिक सौंदर्य हो और जहां शान्ति हो। पिकनिक पर जाने के लिए सुरक्षित स्थान का चयन करना चाहिए। पिकनिक के समाप्त होने के बाद हमे उस जगह को अच्छे से साफ़ कर देना चाहिए। कूड़ा कचरा यहां वहां नहीं फेंकना चाहिए, क्योकि अपने प्रकृति को स्वच्छ रखना हमारा दायित्व है।

चिंताओं से मुक्ति

पिकनिक चिंताओं से मुक्त होने का लाजवाब उपाय है। हम सभी रोज एक ही जीवन जीकर बोर हो जाते है। लोग अपने काम के परेशानी के वजह से चिंता और तनाव भरी जिन्दगी जीते है।

पिकनिक की योजना बनाने से अवसाद और तनाव से मुक्ति मिल सकती है। स्कूल की पिकनिक हो या दफ्तर या परिवार के साथ की पिकनिक, यह मन को आनंद से भर देती है। पिकनिक रिश्तों में घनिष्ठता लेकर आती है। पिकनिक पर जाने से दोस्तों, परिजनों और अपनों के साथ समय बिताकर मन प्रफुल्लित हो जाता है।

पिकनिक का प्रमुख उद्देश्य है इस व्यस्त दुनिया से दूर जाकर शांति से अपनों के साथ कुछ समय बिताना। रोजमर्रा की जिन्दगी से दूर, अच्छे पल बिताने का जरिया पिकनिक है। पिकनिक के लिए वक़्त निकालना बेहद आवश्यक है।

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तो यह था पिकनिक   पर निबंध (Picnic Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि पिकनिक  पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Picnic) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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पिकनिक पर निबंध – Picnic essay in Hindi

Picnic essay in Hindi: पिकनिक का नाम सुनते ही चेहरे पर एक अलग ही खुशी आ जाती है. ज्यादातर हम परिवार के साथ या दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने जाते हैं. लेकिन जो मजा दोस्तों के साथ स्कूल पिकनिक मनाने में आता है वह मजा और कहीं नहीं मिलता. और कभी कभी स्कूल में हमें गए हुए पिकनिक के ऊपर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है. इसलिए मैं आज आपके लिए picnic essay in Hindi लेकर आया हूँ.  

प्रत्येक मानव समय-समय पर मनोरंजन करना चाहता है. मनोरंजन से उसको आनंद प्राप्ति होती है. उसके लिए वह खेलों में भाग लेता है. संगीत से मनोरंजन करता है. किसी दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करता है. एक विद्यार्थी विद्यालय में पढ़ने के साथ-साथ मनोरंजन भी चाहता है. यद्यपि विद्यालय में मनोरंजन के अन्य साधन भी विद्यमान होते हैं परन्तु किसी विशेष स्थल की यात्रा करने का आनंद ही और है. यद्यपि एक व्यक्ति अकेले या अपने परिवारजनों के साथ भी उन स्थलों की यात्रा कर सकता है परन्तु अपने सहपाठी साथियों के साथ समूह में पिकनिक मनाना बहुत महत्वपूर्ण है. इससे हमारा मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानवर्धन भी होता है.

पिकनिक की योजना

हमारी कक्षा के छात्र कई दिनों से पिकनिक जाने के लिए हमारे अध्यापकों से बार-बार आग्रह करते थे. हमारा अध्यापक समय व मौसम को ध्यान में रखते हुए उस प्रस्ताव को टाल देते थे. अक्टूबर माह में वर्षा समाप्त हो गयी, मौसम स्वच्छ हो गया, न अधिक गर्मी और न ही अधिक ठंड थी, सामान्य मौसम था. हमारे अध्यापक महोदय ने हमारे कई दिन पूर्व के प्रस्ताव को एक दिन मंजूर कर लिया. सभी छात्र हर्ष से नाच उठे क्योंकि सभी उस अवसर की प्रतीक्षा कर रहे थे. एक निश्चित दिन पिकनिक के लिए तय किया गया. 

picnic essay in Hindi

पिकनिक की यात्रा

पिकनिक के लिए रविवार का दिन नियत किया गया. हमारे अध्यापक ने हमें रविवार के दिन प्रातः 8 बजे विद्यालय के प्रांगण में पहुँचने का निर्देश दिया था. यात्रा पर जाने के लिए बस का प्रबंध किया गया था. हम रविवार प्रातः अपने विद्यालय के प्रांगण में एकत्रित हो गये. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सभी छात्र तैयार होकर आये थे. हमारी यात्रा विद्यालय से शुरू हो गई. सर्वप्रथम हमने एक-दो दर्शनीय स्थल देखने थे, फिर शान्तिवन में बैठकर पिकनिक मनानी थी. कार्यक्रम के अनुसार हमने पहले कुतुबमीनार देखा, फिर पुराण किला देखा. उसके बाद हम लगभग 11 बजे शान्तिवन पहुँच गये. वहां पर ही हमने पिकनिक का आनंद लेना था. 

पिकनिक के कार्यक्रम

सर्वप्रथम खाने का कार्यक्रम हुआ. सभी छात्र अपने-अपने घर से विभिन्न प्रकार के भोजन बनवाकर लाये थे. सबका खाना एक स्थान पर एकत्रित किया गया फिर उसको हमने मिलकर खाया. हंसी मजाक के साथ सभी के खाने पर कुछ न कुछ मजाक जोड़ दी जाती थी. हमारे इस मनोविनोद में हमारे अध्यापक भी शामिल थे. उसके बाद हम फिर एक गोल घेरे में बैठे गये. सबसे पहले गीतों का कार्यक्रम शुरू हुआ. प्रत्येक को गण अवश्य था. उनमें कुछ छात्रों ने अच्छे गीत सुनाए. कुछ ने मजाक के लिए एक लाइन का गीत गाकर ही समाप्त कर दिया. फिर प्रत्येक ने अपनी-अपनी ओर से चुटकुले सुनाये. यह सबसे अधिक मनोरंजक कार्यक्रम था. इसमें हम सब हँसते हँसते फुले न समा रहे थे. इसके बाद सभी छात्रों ने आप-बीती मनोरंजक घटना सुनाई. यह भी रोचक कार्यक्रम था. अंत में सभी बस द्वारा खुशी-खुशी अपने घर को लौट आये.

पिकनिक में जाने से जहां हमारा पूर्ण मनोरंजन हुआ, वहीँ हमारा ज्ञान वर्धन भी हुआ. इसलिए वर्ष में एक-दो बार ऐसे कार्यक्रम करने चाहिए. मुझे पिकनिक का कार्यक्रम सबसे अच्छा लगता है. पिकनिक का आनंद की कुछ और है.

आपके लिए :-

  • खेल पर निबंध
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  • चिड़ियाघर की सैर पर निबंध

ये था पिकनिक पर निबंध (Picnic essay in Hindi). उम्मीद है पिकनिक पर लिखा गया ये निबंध आपको पसंद आया होगा. अगर आपका पिकनिक अनुभूति इस निबंध से कुछ अलग है तो आप हमें बता सकते हैं. इस निबंध को लेकर आपके मन में कुछ सवाल या सुझाव है तो हमें बताना न भूलें.

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मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध (My School Picnic Essay in Hindi)

स्कूल के दिनों में पिकनिक मनाने का आनंद ही कुछ और होता है। दोस्तों के साथ हंसना-खेलना आजीवन याद रहता है। यही वो मीठे पल होते हैं जो लौटकर कभी नहीं आते। लेकिन हमारी स्मृतियों में हमेशा जीवित रहते हैं।

मेरे स्कूल पिकनिक पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School Picnic in Hindi, Mere School Picnic par Nibandh Hindi mein)

मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध- 1 (250 – 300 शब्द).

स्कूल पिकनिक सदैव ही रोमांचित करता है। ये वो समय होता है जो हमारी स्मृतियों में हमेशा ताज़ा रहता है। स्कूल के दोस्त ही सच्चे दोस्त होते है, उनके साथ बिताये एक-एक पल बहुत याद आते हैं। और चेहरे पर खुशी बिखेर देते हैं। स्कूल पिकनिक हमें जितना मजा और आनंद देता है, उसे शब्दों में कह पाना मुश्किल है। हम किसी भी अन्य सैर पर उतना मज़ा नहीं ले सकते।

मेरा पहला स्कूल पिकनिक

हमारे वार्षिक परीक्षा के बाद स्कूल में यह पहला दिन था जब इस वर्ष के लिए स्कूल पिकनिक की घोषणा कक्षा में की गई थी। तब से हर कोई उत्साहित था। इस साल की पिकनिक के लिए सारनाथ को चुना गया था। सौभाग्य से, मुझे मेरे माता-पिता को साथ ले जाने की अनुमति मिल गयी थी, इसलिए हम घोषणा के दिन से ही जाने के लिए तैयार थे।

सहपाठियों के साथ मजेदार अनुभव

कड़ाके की ठंड वाली सुबह थी, स्कूल बस सुबह आठ बजे तेज गति से रवाना हुई। घंटे भर का रास्ता कब बीत गया, पता ही नहीं चला। बस में सभी हंसते-गाते जा रहे थे, साथ ही हमने साथी सहपाठियों के साथ मजेदार खेल खेले। हमने लगभग 9 बजे गन्तव्य पर पहुंचे। थोड़ा देर आराम करने के बाद, हम वहां के चिड़ियाघर की सैर पर निकल पड़े जहाँ हमने विभिन्न प्रकार के पेड़ और पशु-पक्षी देखे। प्रकृति की सैर करना पिकनिक के सबसे रोमांचक हिस्से का समय था।

स्कूल पिकनिक खास कर बच्चों के लिए ही आयोजित किया जाता है। यह बेहद सुखद, मनोरंजक और ज्ञान से परिपूर्ण होता है। पिकनिक से बहुत कुछ सीखने को मिलता है, जो आजीवन काम आता है। बड़े होने पर हम जब भी अच्छे दिनों को याद करते हैं, तब उसमें हमारा पिकनिक पर बिताया क्षण जरुर शामिल होता है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

“पिकनिक” का पूरे स्कूल में हर छात्र द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जाता है। इस साल स्कूल पिकनिक फन सिटी वॉटर पार्क में आयोजित की जानी थी, जो हमारे स्कूल से तीन घंटे की दूरी पर थी।

वाटर पार्क का स्कूल पिकनिक

इस बार हमने वॉटर पार्क जाने का मन बनाया था, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित करता है। यह हमारे शहर का फन सिटी वाटर पार्क मनोरंजन का एक रोमांचकारी और अद्भुत स्रोत है। यह हमारे शहर का सबसे बड़ा वाटर पार्क है। यह मॉडर्न टेक्नोलॉजी का एक अनूठा संयोजन है। फन सिटी में, पानी की सवारी और स्लाइड केवल आनंद के लिए नहीं हैं, बल्कि प्रत्येक सवारी को रोमांच और चुनौती से भर देता है।

हर दूसरे दिन के विपरीत पिकनिक के दिन हमने अपने नियमित समय से पहले स्कूल को सूचना दी, उत्साह का कारण, जाहिर है! हमारी कक्षा को प्रत्येक दस छात्रों के चार समूहों में विभाजित किया गया था।

मौज-मस्ती और रोमांच

हम सुबह 10 बजे गंतव्य पर पहुँचे और आधे घंटे का समय दिया गया ताकि हमारे तैरने वाले सूटों को बदल कर आ सकें और असली मौज-मस्ती के लिए तैयार हो सकें। वाटर पार्क अद्भुत पानी की सवारी से भरा हुआ था, जैसे कि दानव का छेद, आलसी नदी, फ्री फॉल, लूप होल आदि। दानव का छेद और अमूजमेंट पार्क मेरे पसंदीदा थे। दानव का छेद एक गहरे बेलनाकार पानी की स्लाइड थी जिसमें कई लहर और मोड़ थे। दोपहर के भोजन में, हमें मिष्ठान में गुलाब जामुन के साथ मजेदार पंजाबी भोजन परोसा गया।

एक लीडर की तरह मेरी जिम्मेदारी

प्रत्येक समूह में संबंधित टीम के सदस्यों को देखने के लिए एक नेता होता था। हमारे ग्रुप की लीडर मैं थी। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी जो मेरे अध्यापकों ने मुझे सौंपी थी। इस कारण मैं थोड़ी चिंतित भी थी, कि कहीं कोई चूक न हो जाय। ऐसे स्थान आनंददायक तो बहुत होतें हैं किन्तु सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी, जैसी स्थिति भी बनी रहती है। शायद इसी कारण मैं पूरे मन से वॉटर पार्क का आनंद नहीं ले पा रही थी। लेकिन एक बार जब कारवां शुरु हुआ, फिर सब कुछ सामान्य हो गया। मैंने भी बहुत मजे किए। हमने शाम को 5 बजे पार्क से प्रस्थान किया और लगभग सात-साढ़े सात तक सभी सकुशल अपने स्कूल लौट आए थे।

पिकनिक अपने दोस्तों के साथ बिताये सबसे मनोरंजक और यादगार लम्हों में से एक होता है। यह हमारे थके हुए नसों को ताज़ा करते हैं। पिकनिक छात्रों को उनकी पढ़ाई से अस्थायी राहत देता है। पिकनिक का आनंद लेने के बाद, हम नए ऊर्जा से भर जाते हैं और नए सिरे से पढ़ाई करते हैं। प्रत्येक स्कूल और कॉलेज अपने छात्रों के लिए पिकनिक की व्यवस्था करता है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

मैं छठवीं कक्षा में थी जब मेरे विद्यालय प्रशासन ने चिड़ियाघर में पिकनिक मनाने की व्यवस्था की थी। मैं पिकनिक के लिए बेहद उत्साहित थी। पिकनिक से एक दिन पहले मैं अपने पिता के साथ पिकनिक के लिए कुछ स्नैक्स खरीदने पास की दुकान पर गयी थी। मैंने चिप्स, कुकीज़, सोया स्टिक्स और चबाने वाली गम के कुछ पैकेट खरीदे।

मेरा स्कूल पिकनिक का अनुभव

पूरे वर्ष में शायद यह एकमात्र दिन था जब मैं अपनी चीजों को पिछली रात को पैक कर रही थी, जाहिर है क्योंकि मैं पिकनिक के दिन देर से नहीं जाना चाहती थी। अपनी चीजों को तैयार करने के बाद मैंने अपने दोस्तों के साथ एक कॉन्फ्रेंस कॉल की। हमने चर्चा की कि हम सभी अपने पिकनिक के लिए कितने उत्साहित थे।

पिकनिक का पहला दिन

हमने अगले दिन उस समय को तय किया, जहां से सभी इकट्ठे होकर जाने वाले थे। मैं देर रात तक सो नहीं पाने के बावजूद अलार्म से पहले उठ चुकी थी। मैं समय से आधे घंटे पहले सुबह लगभग 7 बजे स्कूल पहुंच गयी थी। हमें इस दिन जोड़ी में होना था, जो रोल नंबरों के आधार पर तय किया गया था, सौभाग्य से मेरे लिए मैंने अपनी सहेली के साथ भागीदारी की, जिसका नंबर मेरे ठीक बगल में था। हंसते-कूदते, नाचते-गाते, खेलते हुए हम गंतव्य तक पहुंचे। वहां पहुंचते ही हमें आइसक्रीम खिलाई गई।

चिड़ियाघर का सौन्दर्य

हम सभी चिड़ियाघर में कदम रखने के लिए उत्साहित थे। सबसे पहले हमें पक्षी खंड में प्रवेश करना था जहां हमने कई विविध और सुंदर पक्षियों को देखा। हमने देखा टॉकेन, एक काले और पीले रंग की एक बड़ी चोंच वाला पक्षी, सबसे ज्वलंत रंगों के साथ एक छोटी चिड़िया किंगफिशर, हॉर्नबिल एक सुंदर पक्षी जिसके सिर पर सींग जैसी चीज होती है और अल्बाट्रॉस एक बढ़िया सफेद और काले रंग का जलीय निवास स्थान के साथ कुछ पक्षियों का होता है। हमने हिरण, दरियाई घोड़ा, लोमड़ी, भेड़िया, मगरमच्छ, जंगली गधा, पीले अजगर सांप, भालू और कई और भी देखे। लेकिन हमारे पसंदीदा अभी भी बचे हुए थे, जहां हमें दोपहर के भोजन के बाद जाना था।

अंत में, दोपहर के भोजन के बाद वह समय था जिसके लिए हम सभी बहुत उत्साहित थे – सबसे तेज़ जानवर चीता, राष्ट्रीय पशु बाघ और निश्चित रूप से जंगल के राजा, शेर को देखने के लिए। हमने जगुआर और तेंदुए को भी देखा।

एक अनोखा अनुभव

हम वहां एक मिनी टॉय ट्रेन में बैठे, जो हमें झील के चारों ओर एक सवारी पर ले गई। सभी ने सवारी पूरी करने के बाद इकट्ठे हो गए थे। यह लगभग 5 बज चुका था जो घर जाने का समय था। शिक्षकों ने छात्रों की संख्या गिनना शुरू कर दिया, जो उन्हें इस नतीजे पर पहुंचाया कि हमारी कक्षा का एक बच्चा गायब था। शिक्षकों को घबराहट हो गई थी, लेकिन आखिरकार वे उसे खोजने में सफल रहे, 10 मिनट के खोज अभियान के बाद।

आज, यह एक चिड़ियाघर के लिए एक मात्र पिकनिक हो सकता है, लेकिन जब मुझे वापस याद आता है तो मुझे एहसास हुआ कि ये छोटी चीजें मुझे कैसे खुश करती थीं।

स्कूल पिकनिक हमें ताउम्र याद रहता है। यही वो समय होता है जब हम केवल हम रहते है। किसी बात की कोई चिन्ता नहीं रहती है। वरना हर वक़्त तो हमें पढ़ाई और करियर की ढ़ेरों परेशानियां घेरे रहती हैं।

Essay on My School Picnic in Hindi

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10 Lines on Picnic in Hindi । पिकनिक पर 10 लाइन निबंध

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पिकनिक का नाम सुनते ही दिमाग में अपने आप ही ताजगी छा जाती। पिकनिक का मतलब एक ऐसी यात्रा से है जो लंबी ना होकर एक छोटी यात्रा होती है जिसका हम अपने परिवार या अपने दोस्तों के साथ मिलकर आनंद लेते हैं। आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी में हर कोई चाहता है कि कैसे वह अपने घर से दूर किसी शांत जगह जाकर फुर्सत के कुछ ऐसे पल निकाले जहां सिर्फ वह या उसके प्रियजन हो। जब रोजमर्रा की जिंदगी में हमें नीरसता नजर आने लगती है तब हमारा मन हमसे कोई ऐसी शांत जगह पर चलने की जिद करने लगता है जहां पर जाकर हम दुनियाभर के सारे तनाव को भूल जाए। वहां पहुंचते ही एक स्वछंद बच्चे की तरह बन जाना और अपनी ही दुनिया में डूब जाना स्वाभाविक है। पिकनिक पर अपने आप ही एक अलग सा माहौल बन जाता है। हमारे परिवार या दोस्तों के साथ होने पर मन प्रफुल्लित हो उठता है। पिकनिक पर ना ही सिर्फ स्वादिष्ट पकवान खाने को मिलता है बल्कि खेल-कूद और नाच-गाने का भी पूरा आनंद मिलता है। पहले के जमाने में सभी लोग साथ मिलकर रहते थे। उस जमाने में इतनी भागदौड़ नहीं होती थी जितनी आजकल होती है। पहले कोई भी तरह की परेशानी होती या कोई इंसान को बोरियत महसूस होती तो घर के सारे सदस्य मिलकर उसे चुटकी भर में खत्म कर देते थे। पर आज के जमाने में काम के चलते बहुत से लोग या तो परिवार को समय दे नहीं पाते या फिर बहुत लोगों को काम के चलते अपने घर-परिवार को छोड़कर शहर से बाहर भी रहना पड़ता है। ऐसे में धीरे धीरे आत्मीयता और जुड़ाव की भावना थोड़ी कम होने लग जाती है। आत्मीयता को जगाए रखने के लिए ही पिकनिक का आयोजन रखा जाता है।

पिकनिक को लेकर मेरा खुद का अपना शानदार अनुभव रहा है। मैंने भी अपने परिवार के साथ और अपने स्कूल की तरफ से आयोजित पिकनिक पर खुब आनंद ले रखा है। सबसे ज्यादा यादगार अनुभव तब रहा है जब मैं स्कूल की तरफ से पिकनिक पर गयी थी। मुझे पता नहीं था कि स्कूल की तरफ से कौन सी जगह को पिकनिक स्थल के लिए चुना गया है। उस दिन मैं सुबह के पांच बजे उठ गई थी। जब रसोई में पहुँचकर देखा तो पाया कि मेरी दादी और मम्मी मेरे लिए स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में लगी हुई थी। पकवान की खुशबू से ही मन प्रफुल्लित हो उठा। साढ़े छह बजे तक सारी तैयारी हो चुकी थी। सात बजते ही स्कूल बस मुझे लेने आ गई। स्कूल पहुंचकर मुझे पता चला कि हम अपने शहर के एक वाटर पार्क (स्काई बर्ड) में पिकनिक मनाने जा रहे हैं। वहां पर पहुंचते ही इतने समय की सारी थकान उतर गई। वहां पर तरह तरह के झूले थे, खाने की स्टाल थी, कैमल राइड थी और चारों ओर हरियाली थी। हमने अपने पिकनिक की शुरुआत खेल-कूद से की। उसके बाद अपने कैमल राइड और बोटिंग का आनंद लिया। फिर रोलर कोस्टर का आनंद लेने के बाद हमने पाव भाजी और डोसे का लुत्फ उठाया। अब शाम हो चली थी। घर जाने का वक्त आ गया था। सभी का मन अभी भी मस्ती में डूबा हुआ था। इस शानदार पिकनिक को अलविदा कहने का किसी का मन नहीं हो रहा था। पर हम रूक भी नहीं सकते थे। शाम की पहर ने अपनी दस्तक दे दी थी। ढलती शाम के साथ हमारा मनोरंजन भी खत्म हो गया। इस पिकनिक के शानदार अनुभव को दिमाग में लिए हम अपने घर की ओर बढ़ चले। आज इस लेख में आप “ 10 Lines on Picnic in Hindi”  पढ़ेंगे।

Table of Contents

10 Lines on Picnic in Hindi 

  • पिकनिक ऐसा आयोजन है जिसमें हम हर दिन की भागमभाग से कहीं दूर जाकर अपने लिए कीमती समय निकालते हैं। 
  • पिकनिक का स्थल या तो पार्क होता है या फिर कहीं खुली जगह में में भी पिकनिक मनाया जा सकता है।
  • अपनों के साथ समय बिताने के लिए पिकनिक एक खास मौका होता है।
  • हम पिकनिक के लिए खास जगह और अच्छे मौसम का चयन करते हैं।
  • पिकनिक के लिए यह जरूरी नहीं कि उसके लिए स्थल कोई महंगा स्थल हो। 
  • पिकनिक पर बहुत सी गतिविधियां की जा सकती है जैसे क्रिकेट खेलना, झूले झेलना, खाने का आनंद लेना और खरीदारी करना।
  • पिकनिक पर स्कूल के बच्चों को सबसे ज्यादा मजा आता है।
  • यह खास दिन सभी के जीवन में कुछ यादगार पल भी जोड देता है।
  • पिकनिक आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को और भी अच्छा बनाता है।
  • भागदौड़ भरे जीवन में खुद के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है और इसके लिए पिकनिक सबसे उत्तम रहता है।

            5 Lines on Picnic in Hindi 

  • पिकनिक का आनंद अपने आप में अलग ही होता है।
  • पिकनिक हमें एक अलग ही दुनिया में ले जाता है जहां पर कोई प्रकार की भागमभाग नहीं होती।
  • मेरे जीवन में पिकनिक बहुत अहमियत रखता है।
  • मेरे जीवन का सबसे यादगार पिकनिक हमारी स्कूल की तरफ से रखा गया था।
  • मैं और मेरा परिवार भी इस यादगार आयोजन का हिस्सा बन चुके हैं।

हमें आशा है आप सभी लोगों को  Picnic in Hindi  पर लिखा यह छोटा सा लेख पसंद आया होगा । आप इस लेख को  10 Lines about Picnic in Hindi  के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।

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FAQ on 10 Lines on Picnic in Hindi

Question . हम पिकनिक का आनंद कैसे ले सकते हैं? Ans. हम पिकनिक पर अपना मनपसंद खाना और खेल सामग्री लेकर जा सकते हैं। जिस दिन पिकनिक का आयोजन रखा जाता है उस दिन मौसम भी साफ और शानदार होना चाहिए। वहां पर हम अन्ताक्षरी और अन्य मनोरंजक खेल खेलकर भी भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

Question . पिकनिक का अनुभव अनोखा क्यों होता है? Ans. पिकनिक को हम अनोखा अनुभव इसलिए मान सकते हैं क्योंकि यह एक ऐसा दिन होता है जो बहुत खास होता है। भागदौड़ भरे इस जीवन में हम इतना उलझ जाते हैं कि हम खुद के लिए समय निकालना ही भूल जाते हैं। ऐसे में जरूरी होता है कि कुछ पल हम खुद के लिए भी निकाले। यह पिकनिक पर जाने से ही मुमकिन हो सकता है।

Question . पिकनिक का इतिहास क्या रहा है? Ans. हमारे देश में भ्रमण कभी से होते आए हैं। पिकनिक शब्द का अविष्कार अठारहवीं शताब्दी में हुआ था। दरअसल फ्रांस में बसने वाले लोगों ने लंदन पिक-निक सोसाइटी की शुरुआत सन 1801 में कई थी। रेस्टोरेंट में सभी खाने के लिए इक्कठा होते थे और अपने साथ में वाइन की एक बोतल भी लाते थे।

Question . पिकनिक की उत्साह में क्या चीज ना भूले? Ans. अचानक होने वाली शारीरिक पीड़ा पर हमारा कोई जोर नही। कही हमारा मजा ऐन मौके पर केवल इसलिए किरकिरा ना हो जाए कि कोई व्यक्ति को अचानक ही पेट दर्द या सिर में दर्द होने लगे? या फिर कोई चोटिल हो जाए? ऐसे में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने साथ सदैव फर्स्ट एड किट पास रखें।

Question . पिकनिक पर मेरा अनुभव? Ans.  मैं पिकनिक पर बहुत बार गई हूं। मैंने अपने परिवार और स्कूल दोनों की तरफ से पिकनिक के यादगार अनुभव अपने ह्रदय में सहेज कर रखे हुए हैं। परन्तु मेरा स्कूल पिकनिक सबसे यादगार रहा है। मैं आज भी वह सुनहरा दिन भूली नहीं हूं। उस अवसर पर मैंने खुब नाच-गाना किया था, खाने का आनंद लिया था, कैमल राइड की थी और झूलों का आनंद लिया था।

Hindi Essay on “Picnic ka Ek Din”, “पिकनिक का एक दिन”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

पिकनिक का एक दिन

Picnic ka Ek Din

निबंध नंबर:- 01

हर रोज की एक जैसी दिनचर्या से ऊबकर हमारे परिवार ने शहर से दूर किसी सुंदर प्राकृतिक स्थलपर पिकनिक मनाने का निश्चय किया।

इसी प्राकृतिक सुंदरता की खोज में पिछले रविवार हम पिकनिक मनाने शहर से दूर चल दिए। मम्मी ने खाने-पीने का सामान टोकरी में भर लिया। दीदी के साथ मैं खेल का सामान और चटाई इकट्ठा करने लगा। पापा ने गाड़ी में सामान रखकर हमारे लिए जगह बनाई और हम निकल पड़े।

दूर नदी तट पर हमने डेरा डाला। हरी-हरी घास पर नंगे पैर खेलतेफुदकते हमने जी भरकर तितलियों का पीछा किया। नदी का शीतल जल और उस पर से आती ठंडी, ताजा हवा, शरीर को चुस्ती से भर रही थी। पक्षियों की ऐसी प्रजातियाँ देखने को मिलीं जो बहुत दुर्लभ थीं।

भोजन कर हम नाव में बैठे और नदी के प्रवाह के साथ बहने लगे। आँखें बंद कर पानी में चप्पू के चलने की ध्वनि अति सुखदायी थी। फिर हमने पास ही पार्क में लगे झूलों का, खुले आकाश के नीचे आनंद उठाया।

ढलती शाम और अगले दिन की दिनचर्या ने हमें लौटने पर विवश कर दिया। प्रकृति के इस सौंदर्य का पान करने हम अवश्य फिर से वहाँ जाएँगे।

निबंध नंबर:- 02

पिछले रविवार हम सब पिकनिक के लिये बाहर गये। उस दिन मौसम साफ़ था और हमने समुद्र के किनारे जाने का निश्चय किया। मेरी माँ ने नाश्ता बनाया और हम अपने साथ सेब, संतरे एवं केले आदि फल भी लेकर गये।

बहुत-सी सड़कों एवं रास्तों से निकलने के पश्चात् हमारी बस समुद्र के किनारे पहुँची। बस खचाखच भरी हुयी थी, ऐसा लग रहा था मानो हर व्यक्ति समुद्र के किनारे जाना चाहता हो। हम जब बस से उतरे तो शीतल हवा के झोंके हमें छूने लगे। समुद्र बहुत शान्त दिख रहा था और लग रहा था जैसे वह अपने पास बुला रहा हो।

हम बहुत देर तक ठण्डी रेत पर टहलते रहे और फिर घुड़सवारी के लिये चले गये। मैं पानी में आगे जाना चाहता था मगर मेरे पिता ने मुझे अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि इसमें बहुत जोखिम है। मेरा भाई अपने साथ कैमरा लाया था। उसने हमारी बहुत-सी तस्वीरें खींची।

कुछ देर बाद हम थक गये। भूख भी लग रही थी। मेरे पिता और मैं पास की दुकान से चाय ले आये। माँ ने हमें सैंडविच खाने को दिये। दोपहर को कुछ देर आराम करने के पश्चात् मेरी बहन ने हमें कुछ गीत गा कर सुनाये। उसकी आवाज़ बहुत मधुर है। तभी अचानक आकाश में बादल घिर आये। बरसात होने की सम्भावना देखकर हमने अपना सामान समेटा और टैक्सी पकड़ने चल पड़े।

बरसात से पहले हम घर पहुँच गये। हम थक गये थे मगर प्रसन्न थे। यह एक बढ़िया बिताया गया दिन था।

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पिकनिक पर निबन्ध | Essay on Picnic in Hindi

पिकनिक पर निबन्ध : एक सुहावने रविवार को मम्मी, पापा ने मुझे दोस्तों के साथ पिकनिक पर जाने की आज्ञा दी। वह मार्च का महिना था। ठंडी बयार चल रही थी। हवा में एक मीठी सी सुगंध तैर रही थी। बहुत ही सुहावना मौसम था। हमने पिकनिक मनाने के लिए बुद्ध जयंती पार्क नामक स्थान चुना।

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पिकनिक पर निबंध Picnic essay in hindi

Picnic essay in hindi.

दोस्तों आज हम पिकनिक के बारे में जानने वाले हैं कि हमें पिकनिक क्यों मनाना चाहिए । यह हमारे लिए क्यों आवश्यक है । पिकनिक मनाने से हमारे जीवन में खुशियां कैसे आती हैं । हम उन पलों को कैसे अपने जीवन में सजाकर रखते हैं । अब मैं आपको यह बताने जा रहा हूं कि मैं जब स्कूल के माध्यम से पिकनिक मनाने के लिए गया था तब मुझे कितनी ख़ुशी मिली थी ।

 picnic essay in hindi

दोस्तों जब मैं एक्जाम देकर पूरी तरह से फ्री हो चुका था तब मुझे बड़ी थकावट सी लग रही थी लेकिन जैसे ही मेरी एग्जाम खत्म हुए तब मुझे पता चला कि हमारे टीचर स्कूल के माध्यम से पूरे ग्रुप को घुमाने के लिए ले जा रहे हैं। वहां पर सभी एन्जॉय करने के लिए उत्साहित हो रहे हैं । मुझे बड़ी खुशी हुई और मैंने उस पिकनिक पर जाने का फैसला कर लिया था । जब हम सभी के ग्रुप एकत्रित होकर एक बस के माध्यम से पिकनिक मनाने के लिए शिमला के लिए रवाना हुए तब हम सभी ने बस में पड़ा एन्जॉय किया था । जब हम शिमला पहुंच गए थे तब हम सभी एक अच्छे होटल में रुके और वहां पर आराम किया इसके बाद हम शिमला में बर्फ की वादियों में घूमने के लिए चले गए । वहां पर हमने खूब एन्जॉय किया था । वहां पर जब हम बर्फ पर चल रहे थे तब हमें बड़ा ही आनंद आ रहा था ।

हम सभी लोग एकत्रित होकर गाने गा रहे थे, डांस कर रहे थे तब मुझे बड़ा आनंद आ रहा था । मेरे शरीर की पूरी थकावट दूर हो गई थी । मैं यह महसूस करने लगा था कि हमें हर महीने पिकनिक मनाने के लिए जाना चाहिए । हम शिमला के फेमस हर जगह पर घूमने के लिए गए थे । बर्फ की वादी में हमें बड़ा आनंद आ रहा था । सभी मेरे साथी यह कह रहे थे कि यहां के दिन हम कभी भूल नहीं पाएंगे । यह हमारी जिंदगी के सबसे अच्छे पल हैं । हम लोगों ने कैमरे के माध्यम से फोटो खिंचवाए थे । इसलिए मैं सभी से यही कहूंगा कि हम कितने भी व्यस्त हो हमें साल में एक बार तो पिकनिक घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए ।

Essay on picnic with my family in hindi

दोस्तों फैमिली के साथ पिकनिक मनाने के लिए जब हम अपने घर से दूसरे जगह पर जाते हैं तो हमें बड़ा ही आनंद आता है । अब मैं आप को यह बताने जा रहा हूं कि जब मैं अपने फैमिली के साथ पिकनिक मनाने के लिए शिमला गया था तब मुझे कितनी खुशी मिली थी । मेरे साथ साथ पूरे परिवार ने उस खुशी को महसूस किया था । दोस्तों हम सभी फैमिली के लोगों ने पिकनिक पर जाने से पहले योजना बनाई थी कि हम सभी को अब कहीं पर घूमने के लिए जरूर जाना चाहिए । हमने एक बस को बुक किया और उस बस के माध्यम से हम सभी फैमिली वाले शिमला जाने के लिए रेडी हो गए और हम सभी उस बस में बैठकर शिमला जाने के लिए तैयार हो गए । वह बस हमारे घर से चल दी थी । हमारे घर से शिमला के बीच में हम ने बड़ा ही एन्जॉय किया था ।

बस में डांस , गाना और तरह-तरह की कविता , कहानी के साथ एन्जॉय करते गए थे । जब हम शिमला पहुंचे तो हम सभी फैमिली वाले वहां पर एन्जॉय करने लगे हम बर्फ की वादियों में घूमते रहते थे और शिमला की सभी फेमस जगह पर घूमने के लिए गए थे । हम वहां पर कई तरह के खेल खेलते रहे और हमें बड़ा मजा आ रहा था। मैं यह सोच रहा था कि इस तरह की पिकनिक हम सभी को प्रतिवर्ष मनाना चाहिए जिससे हमारा शरीर आराम महसूस कर सकें । जब हम पूरी फैमिली के साथ शिमला पहुंचे तो हम सभी फैमिली को यह महसूस हो रहा था कि हम बड़े खुशनसीब हैं कि हम सभी इकट्ठे होकर पिकनिक मनाने के लिए यहां पर आए हुए हैं। जब बर्फ पर हम चल रहे थे तो हमें ऐसा लग रहा था कि हम जन्नत में आ गए हो ।

हम सभी फैमिली वाले इस पिकनिक को भुला नहीं पाएंगे और यह हमारी जिंदगी के सबसे हसीन पल हैं । इन हसीन पलों को हमने बड़ी खुशी से जिया है और मैं यही कहूंगा कि हम सभी लोगों को अपनी फैमिली के साथ प्रति वर्ष में कहीं ना कहीं पर पिकनिक मनाने के लिए अवश्य जाना चाहिए । जिससे हमें जीवन की सभी खुशी मिलेगी और हमारा शरीर थकान से मुक्त हो सके । जब हम कई बार पिकनिक मनाने के लिए घूमने के लिए जाते हैं तो वहां पर हमारा माइंड फ्रेश हो जाता है। हमें ऐसा लगता है कि हम सारी परेशानी घर पर छोड़ कर के यहां पर शांत माहौल में आ चुके हैं और हमें यहां पर किसी भी तरह की कोई भी परेशानी का एहसास नहीं होता है ।

Essay on picnic with friends in hindi

दोस्तों अब मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि जब मैं अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए वैष्णो देवी घूमने के लिए गया था तब मुझे कितनी खुशी मिली थी । हम सभी दोस्तों ने 1 महीने पहले से ही वैष्णो देवी जाने का प्रोग्राम बनाया था और हम सभी ने 1 महीने पहले से ही ट्रेन की टिकट बुक कर दी थी। 1 महीने बाद जब हम ट्रेन से जम्मू की ओर रवाना हुए तब हम सभी दोस्तों ने ट्रेन में बड़ी मस्ती के साथ समय व्यतीत किया । हम सभी बड़े खुश थे कि हम एक साथ घूमने के लिए एवं पिकनिक मनाने के लिए जा रहे हैं । हम सभी दोस्तों ने अपने घर से तरह तरह के व्यंजन बनवाकर साथ में लेकर आए थे और सभी एक दूसरे के व्यंजनों को खा कर एन्जॉय कर रहे थे। जब हम जम्मू स्टेशन पर पहुंचे तब हम सभी दोस्त जम्मू से कटरा की ओर एक बस के माध्यम से रवाना हुए और कटरा में पहुंचे तो हम सभी दोस्त एक होटल में रुके थे, होटल पर आराम किया था ।

आराम करने के बाद सुबह के समय हम सभी मित्रों ने योजना बनाई थी अब हमें वैष्णो देवी की यात्रा प्रारंभ करना चाहिये।हम सभी ने वैष्णो देवी की यात्रा प्रारंभ की और ऊपर पहुंच कर माता वैष्णो देवी के दर्शन किए , गर्भ जून गुफा मैं जा कर दर्शन किए । वहां से जब हम नीचे उतरकर आ रहे थे तब हम ने बड़ा ही एन्जॉय किया था । हम सभी ने फिर होटल में खाना खाया एवं खाने के बाद जब हम वापस जम्मू स्टेशन पर पहुंचे और वहां से ट्रेन के द्वारा मथुरा में घूमने के लिए गए तब हमें बड़ा आनंद महसूस हो रहा था । मथुरा घूमने के बाद हम सभी मथुरा से दिल्ली की ओर रवाना हुए दिल्ली में मेट्रो ट्रेन से घूमे और तरह-तरह के तीर्थ स्थल घूम कर हम सभी मित्रों ने एन्जॉय किया था। दिल्ली घूमने के बाद हम सभी अपने अपने घर पर वापस चले गए । यह पल मुझे हमेशा याद रहेगा और हम हर साल कहीं ना कहीं पर पिकनिक मनाने के लिए अवश्य जाएंगे । वैष्णो देवी के साथ साथ हम आगरा , जयपुर , शिमला मैं भी पिकनिक मनाने के लिए जा चुके हैं ।

दोस्तों यह लेख picnic essay in hindi आपको पसंद आए तो सब्सक्राइब जरूर करें धन्यवाद।

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पिकनिक पर निबंध Essay on Picnic in Hindi

पिकनिक पर निबंध Essay on Picnic in Hindi

इस लेख में आप पिकनिक पर निबंध Essay on Picnic in Hindi पढ़ेंगे। पिकनिक पर जाना किसे पसंद नहीं है, हर कोई अपने छुट्टी के दिनों में पिकनिक जाना पसंद करता है।

पिकनिक पर निबंध लिखना बेहद सरल है बस अपने अनुभव को पन्नों पर लिखना होता है इस लेख में पिकनिक पर हिंदी में निबंध में दिया गया है। यह निबंध कक्षा 3 से 9 तक परीक्षाओं में पूछा जाता है। यहाँ पर दिया गया निबंध सरल भाषा में लिखा गया है।

Table of Content

पिकनिक यह किसी भी विद्यार्थी के लिए बेहद रोमांच से भर देने वाले शब्द है। पिकनिक का हिंदी अर्थ प्रवास होता है और प्रवास कई तरह के हो सकते हैं। विद्यालय के तरफ से जाने वाले प्रवास को स्कूल पिकनिक कहते हैं तथा परिवार के साथ किसी जगह पर जाने वाले प्रवास को फैमिली पिकनिक कहा जाता है।

इंसान को समय समय पर किसी नए जगह प्रवास पर जाना ही चाहिए। हमारे ऋषि मुनि तीर्थाटन को विशेष महत्व देते थे, तीर्थाटन अर्थात तीर्थों (अच्छी और पवित्र जगहों) का प्रवास होता है। प्रवास से मस्तिष्क में नए विचार जन्म लेते हैं तथा अवसाद दूर होता है।

आज के व्यस्त जीवन में पिकनिक के लिए समय निकाल पाना किसी के लिए भी आसान नहीं रहा चाहे विद्यार्थी हो या व्यवसायी सभी काम के तले दबे हुए हैं और इसी कारण वे अवसाद के शिकार भी हो रहे हैं। स्वस्थ रहने के लिए समय पर भोजन, व्यायाम तथा विश्राम के साथ समय समय पर प्रवास भी जरुरी है।

हम और हमारा परिवार हर महीने के आखिरी हफ़्तों के अंतिम दो दिनों के लिए पिकनिक पर जाते हैं जहाँ हम पर्यावरण और ज्ञान के नजदीक अपना कुछ समय बिताते हैं।

मेरी पिकनिक

हम और हमारा परिवार तथा अन्य साथी महीने के आखिरी सप्ताह में शहर से दूर एक गाँव में पिकनिक के लिए गए थे। गाँव का नाम शिवपुर था जहाँ पेड़-पौधे तथा पहाड़ मौजूद थे। हमने अपने पिकनिक को रोमांचक बनाने के लिए प्रकृति के सहायता से अपने दो दिन गुज़ारने निश्चय किया।

हम अपने साथ जरुरी चीज़ें जैसे टेंट व मच्छरदानी तथा भोजन बनाने के लिए थोड़े बर्तन और जरुरी अन्न ले गए। हमारा परिवार तथा मेरे दोस्त का परिवार एक गाड़ी में बैठ कर सुबह शिवपुर पहुच गए। वहाँ पहुचकर हमने अपने ठहरने के लिए एक सुरक्षित जगह का चुनाव किया।

हमने एक ऐसे जगह का चुनाव किया जहाँ से पहाड़ का नज़ारा और खुली हवा सीधे प्राप्त हो रही था। शुरुवाती एक घंटे साफ़ सफाई के बाद हमने पेड़ की छाँव में अपना टेंट लगाया और थोड़े आराम के बाद भोजन बनाने के लिए लकड़ियाँ लेने जंगल चले गए।

जंगल से जरुरी मात्रा में लकड़ियाँ लाकर हमने मिट्टी का चूल्हा बनाया और आग जलाई कुछ घंटे के इंतज़ार के बाद खाना तैयार तैयार हो गया हमने भोजन किया और कुछ देर विश्राम के बाद पहाड़ और जंगलों के पास घूमें।

पहाड़ों के बीच ढलते सूरज का दृश्य बेहद नयन रम्य लग रहा था। घूमते फिरते, नाचते गाते कब शाम हो गयी पता ही नहीं चला। शाम को हम सबने मिलकर चाय पीया और रात्री की व्यवस्था में लग गए कुछ देर में हमने टेंट बना लिया और शाम के भोजन के लिए लकड़ियाँ लेने चले गए।

शाम के भोजन के बाद प्राकृतिक हवे में हम सबने विश्राम किया और सुबह उठकर दुसरे जगह जाने के लिए अपने सामान को समेटा और वहाँ के लिए प्रस्थान कर गए।

पिकनिक के फ़ायदे

सामान्य जीवन के दबाव को कम करने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर कहीं ना कहीं घूमने फिरने अवश्य जाना चाहिए जरूरी नहीं वह जगह बेहद महंगी हो या ज्यादा दिनों के लिए हो।

अपने समय व सुविधा के अनुसार घर से दूर किसी ऐसी प्राकृतिक जगह का चुनाव करना चाहिए जहां पर आप का दिमाग सिर्फ वहीँ की चीज़ों पर केंद्रित हो।

पिकनिक के निम्न फायदे हैं-

  • पिकनिक से मानसिक दबाव कम होता है उसके जगह पर खुशी जागृत होती है।
  • प्रवास  से रचनात्मक शक्ति का विकास होता है।
  • विद्यार्थियों के लिए प्रवास अत्यंत जरूरी है इससे उनका बौद्धिक विकास होता है तथा जागरूकता-एकाग्रता में वृद्धि होती है।
  • प्रवास अगर प्रकृति के बीच हो तो पर्यावरण के प्रति हमारा दायित्व समझ में आता है तथा प्रकृति से घनिष्ठता बढ़ती है।
  • प्रवास से नई जगहों के रहन सहन तथा प्रकृति के प्रति जिज्ञासा बढ़ती है।

पिकनिक के समय बरती जाने वाली सावधानियां

पिकनिक का मुख्य उद्देश्य अपने काम के दबाव से हटकर दूसरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करना होता है लेकिन पिकनिक पर जाने से पहले कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।

पिकनिक पर जाने से पहले सही जगह का चुनाव करना चाहिए, किसी ऐसे जगह को नहीं चुनना चाहिए जहां शोर-शराबा या किसी भी प्रकार का खतरा हो।

पिकनिक के लिए जितना हो सके उतना कम सामान ले जाना चाहिए और प्रवास के बीच में किसी भी प्रकार का कचरा नहीं फेंकना चाहिए। अपने साथ एक थैला जरूर रखना चाहिए जिसमें कचरे को रखा जा सके।

पिकनिक के दरम्यान जलाई गई आग को जंगलों से दूर रखना चाहिए और ध्यान रख कर उसे बुझाना चाहिए। पिकनिक के समय किन्हीं भी पेड़ों या प्राकृतिक चीजों का अति दोहन नहीं करना चाहिए या किसी भी जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।

पिकनिक का मुख्य उद्देश्य प्रकृति का आनंद लेना होना चाहिए ना कि इंटरनेट की दुनिया में खो जाना होना चाहिए जितना हो सके प्रकृती को महसूस करना चाहिए और ऊपर वाले का हर चीज के लिए धन्यवाद करना चाहिए।

 किसी भी इंसान के लिए प्रवास फायदेमंद है इसकी पुष्टि विज्ञान भी करता है। आज हर कोई अवसाद में है और उसे दूर करने के लिए तरह-तरह के तरीकों को आजमा रहा है लेकिन सबसे बेहतरीन और कारगर तरीका समय-समय पर खुद को अपने रोजमर्रा की जिंदगी से दूर ले जाना है जिसमें प्रवास मुख्य है।

आज प्रवास का वास्तविक अर्थ सिर्फ किसी जगह पर जाकर फोटो या वीडियो खींच कर संतुष्ट हो जाना ही रह गया है। प्रवास का असली फायदा तब मिलेगा जब प्रकृति को महसूस किया जाए और मिली सकारात्मकता को अपने दैनिक जीवन में लागू किया जाए।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने पिकनिक पर निबंध Essay on Picnic in Hindi में पढ़ा  जिसमें पिकनिक के महत्व तथा सावधानियों को विस्तार से बताया गया है, वास्तव में पिकनिक क्या होता है इस पर प्रकाश डाला गया है, आशा है यह निबंध आपको सरल लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

1 thought on “पिकनिक पर निबंध Essay on Picnic in Hindi”

bahut khoob likha hai.. mere bhatiji ke school me kaafi helpful raha ye post.. dhnyavad.

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परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic with Family in Hindi

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic with Family in Hindi

Table of Contents

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध |  Essay on Picnic with Family in Hindi

Essay on Picnic with Family in Hindi:- पिकनिक परिवार के साथ समय बिताने का एक आदर्श मौका है। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें परिवार के सभी सदस्य एकत्र होते हैं, आपस में बातें करते हैं और आपसी मामलों को सुलझाते हैं। यह न केवल आपको फिजिकली स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से भी अच्छा महसूस कराता है। इसलिए, परिवार के साथ पिकनिक का आनंद उठाना बहुत महत्वपूर्ण है।

पिकनिक का आयोजन करने के लिए, आपको किसी आकर्षक स्थल की तलाश करनी चाहिए जहां परिवार के सदस्यों को सुकून और मनोरंजन मिल सके। एक बगीचा, नदी किनारा, पार्क, या जंगली क्षेत्र इसके लिए उपयुक्त स्थान हो सकते हैं। आपको विभिन्न खेल, गतिविधियाँ और मनोरंजन सामग्री के साथ जाने चाहिए, जैसे कि फ्रिस्बी, फुटबॉल, खिलौने, ताश, और किताबें इत्यादि।

पिकनिक दिन शुरू करने के लिए, आपको सभी सदस्यों के लिए एक स्वास्थ्यपूर्ण संदेश रखना चाहिए। आप अपने प्रिय भोजन, स्नैक्स और पानी बोतलें ले जा सकते हैं ताकि आप विभिन्न गतिविधियों के बीच मज़े कर सकें। आप खेल सकते हैं, गाना गा सकते हैं, या बस शांति और सुकून का आनंद ले सकते हैं।

परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताने का यह अवसर आपको अविस्मरणीय और गहरे बंधनों का अनुभव कराता है। आप बातचीत करके अपने परिवार के सदस्यों के बारे में और उनकी अनुभूतियों के बारे में अधिक जान सकते हैं। यह समय आपको स्वतंत्रता का भी अनुभव कराता है, जहां आप रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए आपस में एकजुट हो सकते हैं।

पिकनिक का आयोजन करने से आपके परिवार के सदस्य आपके साथ बंधन का आनंद लेंगे और अपने असाधारण संगठनशक्ति को महसूस करेंगे। यह एक अवसर है जहां आप आपस में बातचीत कर सकते हैं, मज़ा कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ आत्मीयता भरे लम्हों का आनंद ले सकते हैं। पिकनिक आपके परिवार को सुख और समृद्धि का एक अनुभव प्रदान करता है और आपके बीच गहरा संबंध बनाता है।

समाप्ति के रूप में, परिवार के साथ पिकनिक परिवारिक बंधन को मजबूत और स्थायी बनाने का एक बेहतरीन तरीका है। इसे नियमित रूप से करना आपके परिवार के बीच प्यार, समर्पण और संगठनशक्ति को बढ़ावा देगा। इसलिए, परिवार के साथ पिकनिक को अपने दैनिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने का प्रयास करें और इसे आनंद और पुरस्कार का अनुभव करें।

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फैमिली को वक्त देना चाहिए |  Essay on Picnic with Family in Hindi

Essay on Picnic with Family in Hindi:- फैमिली को समय देना बहुत महत्वपूर्ण है। आपका इच्छित सोचना बहुत सामर्थ्यवर्धक है, क्योंकि परिवार के साथ बिताए गए समय के द्वारा आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ गहरा बंधन बना सकते हैं और उनके साथ समय बिताने का आनंद ले सकते हैं।

फैमिली के साथ समय बिताने के लिए आप निम्नलिखित कुछ गतिविधियों का आयोजन कर सकते हैं:

  • पिकनिक: एक आकर्षक स्थान पर पिकनिक का आयोजन करें जहां आपके परिवार के सदस्यों को शांति और सुकून का आनंद मिल सके। आप साथ में खाना खा सकते हैं, खेल सकते हैं और आपस में बातचीत कर सकते हैं।
  • घर में मिलकर खाना: समय का आयोजन करें जब आप सभी सदस्य एकत्र हो सकें और एक साथ खाने का आनंद ले सकें। आप एक साथ बना खाना खा सकते हैं और इस दौरान आपस में बातचीत कर सकते हैं।
  • साझा गतिविधियाँ: आपके परिवार के सदस्यों की पसंद के अनुसार, आप विभिन्न गतिविधियों में समय बिता सकते हैं। यह शामिल हो सकते हैं: खेल, यात्रा, मूवी देखना, बोर्ड गेम्स खेलना, या किसी साझा रुचि के अनुसार कोई नई कला शिखना।
  • चियर टाइम: रोजाना कुछ समय निर्धारित करें जब आप सभी एकत्र हों और अपने दिनचर्या, अनुभव और भावनाओं के बारे में बातें करें। इससे आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ गहरा जुड़ाव बना सकते हैं और उन्हें समर्थन और प्यार का अनुभव करा सकते हैं।

समय के साथ, आपका परिवार के साथ वक्त बिताने का प्रयास आपके बीच संबंध को मजबूत बनाएगा और परिवारिक एकता को बढ़ावा देगा। इसलिए, नियमित रूप से अपने परिवार के साथ समय बिताने का प्रयास करें और यह अनुभव स्थायी स्मृति के रूप में आपके जीवन में महत्वपूर्ण होगा।

परिवार के साथ पिकनिक निबंध के आधार पर निष्कर्ष का मतलब है कि परिवार के साथ समय बिताना एक महत्वपूर्ण और सुखद अनुभव है। पिकनिक परिवारिक बंधन को मजबूत करने, संगठनशक्ति को बढ़ाने और प्यार और समर्पण के भाव को विकसित करने का एक अच्छा माध्यम है। पिकनिक के दौरान हम एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं, मनोरंजन करते हैं और एक साथ समय बिताते हैं जो हमारे रिश्तों को गहराता है। इसलिए, पिकनिक का आयोजन करना और उसे नियमित रूप से करना एक स्वस्थ परिवारिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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पिकनिक पर निबन्ध | Essay on Picnic in Hindi

essay on picnic with family in hindi

पिकनिक पर निबन्ध | Essay on Picnic in Hindi!

हमारी अर्द्धवार्षिक परीक्षाएँ हो चुकी र्थी । हमने मन लगाकर पढ़ाइ की थी । हम थक से गए थे । ऐसे समय में जब हमारे अध्यापक ने हमारे समक्ष पिकनिक जाने का कार्यक्रम रखा, तो हम खुशी से नाच उठे । कक्षा में ही पिकनिक के सम्बन्ध में की जाने वाली तैयारियों की विस्तृत चर्चा हो गई तथा ड्यूटियां लग गईं ।

लड़कों की चार-पाँच टोलियाँ बना दी गईं । खाने-पीने की सभी वस्तुएँ वही तैयार करने का कार्यक्रम बना । दो रसोइयों की व्यवस्था भी कर ली गई । पिकनिक से एक दिन पूर्व लड़कों की एक टोली ने बर्तनों की व्यवस्था कर लीं, दूसरी टोली फल, सब्जियाँ तथा भोजन के लिए अन्य सामग्री खरीद ले आई ।

पिकनिक के दिन हम सुबह आठ बजे स्कूल पहुँच गए । बस खड़ी थी । सामान लादा गया । हम सभी बस में सवार हो गए । भगवान का नाम लेकर ड्राइवर ने बस चला दी । प्रस्थान का क्षण हमारे लिए सबसे अधिक खुशी का क्षण था । सभी लड़के मिलकर गीत गाने लगे । यह विचित्र अवसर था । इससे पूर्व लड़के जब भी इकट्ठे होते तो आपस में लड़ते- झगड़ते थे । मिलकर प्रेम से पहली बार बैठे हुए थे ।

परिणामस्वरूप सबके कंठ से एक ही गीत अकस्मात निकला । सबमें एकता तथा परस्पर सहयोग की भावना प्रकट हो रही थी । गर्मी का मौसम था । ठंडी हवा चल रही थी । बस तेजी से गन्तव्य की ओर भाग रही थी । दोनों ओर वृक्षों की पंक्तियाँ तथा उनके पीछे हरे भरे खेत मन को लुभा रहे थे । बस में ठंडे शर्बत की व्यवस्था की गई थी ।

चलती बस, चलती हवा, हाथों में ठंडे और मीठे शर्बत के गिलास तथा होठों पर मधुर गीत । हमें इतना मजा आ रहा था और हमें ऐसा लग रहा था जैसे हम स्वर्ग-लोक की ओर बढ़ रहे हैं । बीच-बीच में कुछ लड़के खुशी में उठकर नाचने लगते थे । हमारे नगर से दूर नदी के किनारे सुन्दर तथा भव्य बाग विकसित किया गया था ।

ADVERTISEMENTS:

तरह-तरह के फूल तथा वृक्षों की घनी छांव के अतिरिक्त फुव्वारे तथा बच्चों के लिए झूले थे । इसी बाग को पिकनिक स्थली के रूप में हमने चुना था । दस बजे हम इस स्थल पर पहुँच गए । हमसे पहले कई स्कूल तथा कॉलेज के लड़के तथा लड़कियों की टोलियाँ पहुँची हुई थीं । वहाँ दो चार रेस्तरां तथा होटल भी थे । कई लोग अपने परिवार सहित वहाँ पहले ही उपस्थित थे ।

वातावरण सुनसान नहीं था । स्थल पर चहल-पहल थी । वहाँ पहुंचते ही घने वृक्षों की छांव में हमने डेरा जमाया । हमने अपनी चादरें बिछा दीं और अपना सामान टिका दिया । थोड़ी दूरी पर हमने पतीले, फल, सब्जियां तथा भोजन बनाने की सामग्री रख दी । दोनों रसोइए भोजन तैयार करने के कार्य में जुट गए ।

कुछ लड़के नहाने लगे । वे नदी में छलागें लगाते और तैरते । वहाँ बोटिंग की भी व्यवस्था थी । कुछ लड़के किराये पर नाव लेकर बोटिंग का आनन्द लेने लगे । नहाने तथा बोटिंग का समय मिश्रित था । उसके बाद लड़के पाँच-छ: टोलियों में बंट गए और परस्पर लूडो, कैरम बोर्ड, ताश तथा कोई अन्य खेल खेलने लगे । जो मैत्री, प्रेम और सहयोग की भावना लड़के इस पिकनिक स्थली पर प्रदर्शित कर रहे थे ।

वैसी इससे पूर्व कभी देखने को नहीं मिली थी । हमें तब पता चला कि पिकनिक आदि के कार्यक्रम लडकों के लिए क्यों आवश्यक है ? हमारे अध्यापक महोदय हमें देख-देख कर खुश हो रहे थे । इसी बीच भोजन भी तैयार हो गया और बाँटा जाने लगा । भोजन में मटर, पुलाव, शाही पनीर, आलू का रायता, उड़द की दाल, चपाती तथा सलाद था । हंसी-खुशी के वातावरण में हमने भोजन किया ।

भूख खूब लग आई थी । हमें भोजन बहुत स्वादिष्ट लगा । भोजन के बाद आइसक्रीम वितरित की गई । उसके बाद सबने थोड़ा – थोड़ा विश्राम किया । शाम हो गई थी । लडकों ने नदी में फिर स्नान किया और साम की चाय लेकर हँसी-खुशी लौट आए । ऐसे गुजरा हमारा पिकनिक का दिन ।

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मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध

Essay On My School Picnic In Hindi : आज के आर्टिकल में हम मेरी स्कूल पिकनिक पर निबंध के बारे में बात करने वाले हैं। इस आर्टिकल में आपको मेरी स्कूल पिकनिक पर निबंध के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलने वाली है।

Essay On My School Picnic In Hindi

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मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध | Essay On My School Picnic In Hindi

मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध (200 शब्द).

जो व्यक्ति स्कूल छोड देता है फिर भी व्यक्ति को स्कूल के दिन याद आते हैं और इस स्कूल के पिकनिक के दिन तो व्यक्ति को अवश्य याद रहते हैं। मेरे स्कूल की पिकनिक की बात की जाए तो हमारी स्कूल में प्रतिवर्ष एक पिकनिक यात्रा का आयोजन होता था।

स्कूल के सभी मित्र एक साथ पिकनिक पर जाया करते थे। मेरे स्कूल के एक पिकनिक के बारे में बात करूं तो वहां पिकनिक मुझे आज भी याद है कि वह यात्रा जिसमें हम सभी मित्रों ने मिलकर खूब इंजॉय किया था। उस यात्रा में हमने हंसी-मजाक खेल कूद और कई रोचक कार्य किए जो हमें आज भी अच्छे से याद है।

जब हमारा स्कूल पिकनिक यात्रा का माहौल बना था तब सर्दी का मौसम था और सर्दी के मौसम में हमने सुबह जल्दी उठकर पिकनिक बैग तैयार करके स्कूल भागे थे। 1 दिन पहले हमें बताया था कि कल की यात्रा का आयोजन है तो हम सुबह जल्दी उठ गए थे। पिकनिक बैग तैयार करके स्कूल गए थे।

हमारी स्कूल से पिकनिक स्थान का रास्ता 2 घंटे का था। 2 घंटे का यह रास्ता मित्रों के साथ बातें करते-करते बीत गया। जिस पार्क में हमारा पिकनिक प्लान किया गया था, वहां पर जाते ही हमें पीने के लिए पेय पदार्थ दिया गया और उसके पश्चात हमने वहां पर प्रकृति की शेर की। प्रकृति का अद्भुत नजारा हमने उस पार्क में देखा। पूरे दिन उस पार्क में हमने इंजॉय किया और शाम को सभी दोस्तों के साथ पिकनिक यात्रा खत्म करके वापस लौट गए।

मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध (600 शब्द)

अगर सबसे अच्छे पिकनिक की बात करें तो वह स्कूल की पिकनिक होती है। स्कूल पिकनिक पर बहुत ही ज्यादा मजा आता है। क्योंकि इसमें हमारे सभी स्कूल के दोस्त शामिल होते हैं, जिससे पिकनिक का मजा दोगुना हो जाता है। जितना मजा इस पिकनिक में आता है, उतना अन्य किसी भी शहर जब पिकनिक पर नहीं आता होगा।

यह बात तब की है जब मैंने पहली बार परीक्षा पास की थी। प्रत्येक वर्ष से हमारे स्कूल से नए-नए पिकनिक जगहों पर जाता है, उस दिन भी हमारी कक्षा में पिकनिक पर जाने की तैयारी चल रही थी और पिकनिक पर जाने की घोषणा भी हो चुकी थी। सभी विद्यार्थियों के मन में उत्साह भरा हुआ था। अबकी बार यह पिकनिक जंबूरा के जंगलों में आयोजित की जाने वाली थी। सौभाग्य से मेरे माता पिता ने कभी भी पिकनिक पर जाने से मना नहीं किया, उन्होंने मुझे पिकनिक पर जाने की परमिशन दे दी थी।

पिकनिक का सफर

कड़ाके की सर्दी में अगली सुबह मैं सोकर उठा और जल्दी जल्दी से अपना पिकनिक बैग तैयार किया। इसके बाद में तुरंत भाग कर अपने स्कूल पहुंचा, वहां पर सारे दोस्त आ चुके थे बस में बैठने की तैयारी चल रही थी। मेरे स्कूल से रिसोर्ट तक जाने में लगभग 2 घंटे का रास्ता तय करना होता था। लेकिन दोस्तों से बातचीत करने में उस वक्त का पता ही नहीं चला।

सारा रास्ता अपने दोस्तों के साथ हंसी मजाक करते हुए व्यतीत हो गया। कई दोस्त वहीं पर गेम खेलने लगे थे तथा कुछ बाहर के नजारे का आनंद ले रहे थे। बस में यह दृश्य बहुत ही अलौकिक था, हर कोई पिकनिक का पूरा आनंद ले रहा था।

2 घंटे चलने के बाद हमने रिसोर्ट में प्रवेश किया। हमारा भव्य स्वागत किया गया, इसके बाद तुरंत पीने के लिए एक पेय पदार्थ दिया गया। इसके बाद हमने प्रकृति का नजारा तथा पेड़, पौधे, पक्षी आदि को देखने लगे।

पिकनिक पर खाने का आनंद

हम लोगों ने प्रकृति की सैर कर ली थी। अब बारी थी पिकनिक के सबसे रोमांचक भाग की। यह समय का पूल पर जाने का। शुरुआत हम लोग यहीं से करने वाले थे लेकिन उस दिन दुर्भाग्य था कि वह बोल चालू ही नहीं हो सका था। दोपहर में हम लोगों ने एक साथ बैठकर भोजन किया थोड़ा आराम किया। दोपहर में सभी लोग अपने अपने घरों से बनाया हुआ भोजन ले कर गए थे। इसके अलावा सभी लोगों को स्कूल की तरफ से 2-2 गुलाब जामुन दिए गए थे, जिनको खाकर मज़ा आया था।

आराम करने के बाद हमने रैपलिंग तथा ज़िप-लाइन किया जो कि बहुत मजेदार थी, हम लोग पूल पर भी गए थे। थोड़ी देर बाद सभी को तैरने वाले सूट दिए गए। सभी ने अपने अपने सूट को पहनकर पूल में पहुंच गए। पूल का पानी ज्यादा ठंडा नहीं था, उस दिन धुप भी निकली थी। इसलिए पूल मे जाने पर मज़ा आ रहा था।

पिकनिक पर तैराकी का मज़ा

जिनको तैरना आता था वो तैर रहे थे, जिनको नहीं आता था, वो एक किनारे ही पूल का मज़ा ले रहे थे। मुझे तैरना आता था। मैं तो फूल से एक कोने से दूसरे कोने में आराम से टायर कर जा रहा था और मेरे कई दोस्तों से तो जिनको करना था तो हमने उस दिन बहुत ही ज्यादा तैराकी की।

तैराकी करने में कब समय निकल गया पता ही नहीं चला। अब शाम होने वाली थी तो हमारे शिक्षकों ने वापस से बस की तरफ जाने के लिए कह दिया था। हम लोगों ने जल्दी-जल्दी में अपने सारे तैराकी सूट को एकत्रित किया और स्टाफ रूम में जमा कर दिया। फिर भाग कर बस में चढ़ गए। सारे बच्चे बस में बैठ चुके थे। अब हमारी बस घरों की तरफ रवाना हो चुकी थी।

स्कूल की तरफ से की जाने वाली पिकनिक जिंदगी की सबसे अच्छी पिकनिक मे से एक है। क्योंकि इसमें आपके सारे दोस्त शिक्षक आदि मौजूद होते हैं। यदि आपने अभी तक किसी भी पिकनिक को एंजॉय नहीं किया है। तो जरूर करें।

सभी को अपने पिकनिक के दिन याद रहते है। मुझे भी अपने स्कूल के दिन याद है। इस आर्टिकल में हमने “मेरे स्कूल पिकनिक पर निबंध (Essay On My School Picnic In Hindi)” के बारे जिक्र किया है। उम्मीद करता हूँ हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।

  • पिकनिक पर निबंध
  • गर्मी की छुट्टी पर निबंध
  • परिवार के साथ पिकनिक पर निंबध

Rahul Singh Tanwar

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Essay on picnic in hindi पिकनिक पर निबंध.

Today we are sharing Essay on Picnic in Hindi पिकनिक पर निबंध because many students want this essay for their assignments. Read Essay on Picnic in Hindi पिकनिक पर निबंध.

Essay on Picnic in Hindi

पिकनिक पर निबंध Essay on Picnic in Hindi

Essay on Picnic in Hindi 150 Words

हमारे नगर से दूर एक नहर है। उसके किनारे एक सुंदर बगीचा है। एक दिन मैने और मेरे मित्रों ने वहाँ पिकनिक पर जाने का निश्चय किया। हमने पिकनिक पर जाने से एक दिन पहले सारी तैयारी कर ली। हमने कुछ फल तथा मिठाइया खरीदी व खाने का अन्य सामान भी साथ में रख लिया। हम 10 बजे के आसपास वहाँ पर पहुँचे तथा एक पेड़ के नीचे अपनी बैठक जमाई। वहाँ पर चाय, कॉफी व कोल्ड-ड्रिंक्स की दुकाने थी।

अत: हम सभी ने पहले चाय का आनंद लिया फिर कुछ समय तक वह पर एक कार्यक्रम देखा। इसमें हम सब को बहुत मज़ा आया। इसके बाद हमने फल व मिठाइयाँ खाई। हम सभी ने बारी बारी से गाना गाया। वहाँ पर और भी बहत से लोग थे। उस दिन मौसम भी बहुल अच्छा था। गपशप करते हुए व खाते-पीते पूरा दिन निकल गया। शाम होने पर हम सभी अपने-अपने घरों की तरफ चल पडे। यह एक यादगार पिकनिक थी।

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essay on picnic with family in hindi

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Read Family Picnic Essay on Vedantu

A picnic is a kind of excursion that is arranged with friends and families in the scenic outdoors. Everyone gets together in a place, ideally a park or resort with a lot of open space, and cook meals and eat lunch together, play games, and spend a whole day making merry and memories. In tropical countries like India, families generally plan exciting picnics during winter holidays because, during that time, the weather remains largely pleasant. These picnics though apparently mere get-togethers have immense significance in our life. They allow us to take a break from our busy routine and spend time with our family which is very important for our mental and emotional well-being. In this essay, I shall talk about a family picnic that was probably one of the best days of my life.

Picnic Day With My Family

Last spring our whole family decided to go to a nearby park for a fun outing and a picnic at the same time. The day before the picnic we could no longer hold our excitement. We spent the entire day planning what we will do and what we will eat. Thinking about all the fun we were going to have made my heart flutter. 

The next day after packing our things we left our home at 8 am. The picnic spot was about 2 hours away from our home. We had packed delicious food prepared by my mother. On our way to the picnic spot, we played “antakshari” in the car. I could not wait to reach the spot.

Fun At The Picnic Spot

Finally at 10.30 am we reached the picnic spot. It was a beautiful land on the banks of a river. There was a large area of a green field with a lot of bushes and trees scattered here and there. The river and sky met at the horizon. There was a continuous flow of cool breeze blowing from the river to the banks. It was a mesmerizing sight to behold.

Me and my siblings, we started playing games with the adults including my mother, father, uncle and aunt. We played gully cricket and hide and seek. Soon the adults became tired so me and my siblings, we started racing across the fields.

Finally, we were too tired to play anymore. This was the time for the most amazing part of the picnic, the food. We had brought tasty home-cooked meals from our homes. We unpacked our food and divided it among ourselves. After so many activities my hunger had increased. The food tasted tastier than usual, maybe it was because of the company of the whole family, or maybe it was because I was very hungry. After completing our lunch all of us went for a boat ride. It was my first time riding a boat. At first, I was scared but then slowly I overcame my fear and started enjoying the ride. Then around 5.00 pm, we left for home.

The memories I gathered at the family picnic are some moments I will cherish all through my life. The picnic not only provided a break from the everyday mundane life but also made me happy and allowed me to spend some quality time with my family. I hope we can plan more picnics in the future. 

Picnics are a great way to spend time with our loved ones. We have the opportunity to spend meaningful time with them. What can children say about picnics with their families that they enjoy? We have provided an essay about Picnic with Family for Class 1 students to aid them.

A close-knit family is the source of strength for each family member. A family's members are unselfish in their care for one another. They make a person's accomplishments and difficulties smaller by being together through good and bad times. Picnics are a great way to stay connected and close to your friends and family.

With Family Picnic

Our family had a fantastic lunch at a neighbouring water park last summer. The adrenaline rush began flowing within us the day we spoke for the first time about going on a picnic. While preparing for the picnic, the family's pleasure was at an all-time high. This outdoor trip piqued everyone's interest. The day has finally arrived. We all got out of the house and were on our way to the picnic in no time. The car was buzzing with conversation. Everyone in the family was looking forward to the family picnic. We were all in a completely different state.

Simple 9 line essays on picnics with family for Class 1 students are provided below. These lines will demonstrate how children might create an engaging essay on the given topic.

Picnics with our families are one of the best methods to spend quality time with them.

We get to converse and play with each other a lot during picnics.

We start our trip to the picnic place early in the morning when we go on a family picnic.

We usually visit the zoo, gardens, or farms, all of which are a short distance from our home.

My mother and grandmother make delectable meals and refreshments for the picnic.

My brother gathers all of the necessary equipment for sports such as football and cricket.

My father buys chocolates, sweets, and other snacks for the entire family from the shop.

My brother and I participate in sports such as badminton, cricket, and football.

We all play antakshari, hide-and-seek, dodgeball, and other games before sharing lunch. With a lot of laughter, chatter, and enjoyment, the day flies by.

Even if the family picnic is over, the memories of it live on. All of the wonderful memories we made together, as well as many lovely photographs, will live on in our hearts forever. We'll be planning our next family picnic soon to celebrate our love, togetherness, and happiness.

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FAQs on Family Picnic Essay

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Yes, the students can benefit from the Family Picnic Essay available as a free PDF from Vedantu. Children cannot benefit from the super fast pace of some teachers at school and know English properly. If you are one of them, download the PDF from Vedantu and know the proper writing for Family Picnic Essay. Regular practice and learning can make your child learn English properly. Writing can help you with the same. Download the free pdf from Vedantu.

2. Is essay writing difficult?

Essay writing requires A lot of practice in English. People who have bad English communication skills and are not able to speak the language perfectly, can encounter issues with essay writing. Teachers make the students learn by first reading and listening then later opt for speaking and writing. If your  last two skills have not been developed, Vedantu can help you with the same. The Family Picnic Essay is one such example of how easy it is to write about Family outings. 

3. How to develop my writing skills?

Students who are not good at writing English should listen and read novels and storybooks. The habitual reading and listening can help you speak the language fluently and encourage you to write essays in proper English. Before opting to write a comprehensive passage, one should study the compositions present at Vedantu. The Family Picnic Essay is available in a free pdf that can help you know the proper structure and write the essay professionally. 

4. How can Vedantu help me?

Vedantu provides the free PDF downloads from their website. The Family Picnic Essay is one such example of how easy and smooth it is to know and frame proper English. The frame, intention, tone, grammar, clarity, preciseness and other attributes are given by experts at Vedantu to train students for proper English. You can register yourself for the online English sessions and start improving your English. The website also offers different essay writing for various topics and subjects. Regular practice can help you know the language.

5. Why is it important to learn English?

English is considered one of the leading languages around the world. It is globally acknowledged and many multinational companies use English as their way of communication. Students are required to learn English to secure a good future ahead. One should start with listening and reading and then lead to writing and speaking. To get good marks in English, regular practice is very important along with storybook reading. Students should also practice the essay writing or composition passages to get a better grip.

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