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एकता में बल है पर निबंध। Ekta Mein Bal Hai Nibandh

एकता में बल है पर निबंध। Ekta Mein Bal Hai Nibandh : संसार में रहते हुए कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना ही बलवान धनवान या बुद्धिमान हो अकेले ही अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकता है। वह दूसरों के सहयोग से ही अपनी आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है। इस प्रकार मिलजुल कर कार्य करने की शक्ति को एकता या संगठन कहते हैं। एकता ही सब शक्तियों का मूल है। किसी भी परिवार, समाज और राष्ट्र की उन्नति, एकता पर निर्भर करती है। संपूर्ण सृष्टि का निर्माण निर्माण भी पांच तत्वों से हुआ है। एकता में बड़ी शक्ति होती है, इसी से संसार में सुख-समृद्धि तथा सफलता की प्राप्ति होती है।

एकता में बल है पर निबंध। E kta Mein Bal Hai Nibandh

Ekta Mein Bal Hai Nibandh

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एकता में बल की कहानी | Ekta Mein Bal Ki Kahani

February 13, 2020 द्वारा लिखित nripendra

nripendra एमए इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन

Experience: 5 years

नृपेंद्र बाल्मीकि एक युवा लेखक और पत्रकार हैं, जिन्होंने उत्तराखंड से पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर (एमए) की डिग्री प्राप्त की है। नृपेंद्र विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद करते हैं, खासकर स्वास्... more

किसी गांव में एक किसान रहता था। उसके चार पुत्र थे। किसान बहुत ही मेहनती था। यही कारण था कि उसके सभी पुत्र भी अपने हर काम को पूरी मेहनत और ईमानदारी से किया करते थे, लेकिन परेशानी यह थी कि किसान के सभी पुत्रों की आपस में बिल्कुल भी नहीं बनती थी। वो सभी छोटी-छोटी बात पर आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे। अपने पुत्रों के इस झगड़े को लेकर किसान बहुत परेशान रहता था। किसान ने कई बार अपने पुत्रों को इस बात के लिए समझाने का प्रयास किया, लेकिन उसकी बातों का चारों भाइयों पर कोई असर नहीं होता था।

धीरे-धीरे किसान बूढ़ा हो चला, लेकिन उसके पुत्रों के आपसी झगड़ों का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। ऐसे में एक दिन किसान ने एक तरकीब निकाली और पुत्रों के झगड़े की इस आदत को दूर करने का मन बनाया। उसने अपने सभी पुत्रों को आवाज लगाई और अपने पास बुलाया।

किसान की आवाज सुनते ही सभी पुत्र अपने पिता के पास पहुंच गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उनके पिता ने उन सभी को एक साथ क्यों बुलाया है। सभी ने पिता से उन्हें बुलाने का कारण पूछा। किसान बोला- आज मैं तुम सभी को एक काम देने जा रहा हूं। मैं देखना चाहता हूं कि तुम में से कौन ऐसा है, जो इस काम को बखूबी कर सकता है।

सभी पुत्रों ने एक सुर में कहा- पिता जी आप जो काम देना चाहते हैं, दीजिए। हम उसे पूरी मेहनत और ईमानदारी से करेंगे। बच्चों के मुंह से यह बात सुनकर किसान ने अपने बड़े बेटे से कहा, ‘जाओ और बाहर से कुछ लकड़ियां उठाकर लाओ’। किसान ने अपने दूसरे बेटे से एक रस्सी लाने को कहा।

पिता के बोलते ही बड़ा बेटा लकड़ियां लाने चला गया और दूसरा बेटा रस्सी लाने के लिए बाहर की ओर दौड़ा। थोड़ी देर बाद दोनों बेटे वापस आए और पिता को लकड़ियां और रस्सी दे दी। अब किसान ने अपने बेटों को बोला कि इन सभी लकड़ियों को रस्सी से बांधकर उनका गट्ठर बना दें। पिता के इस आदेश का पालन करते हुए बड़े बेटे ने सभी लकड़ियों को आपस में बांधकर गट्ठर बना दिया।

गट्ठर तैयार होने के बाद बड़े बेटे ने किसान से पूछा- पिता जी अब हमें क्या करना है? पिता ने मुस्कुराते हुए कहा- ‘बच्चों अब आपको इस लकड़ी के गट्ठर को दो भागों में अपने बल से तोड़ना है।’ पिता की यह बात सुनकर बड़ा बेटा बोला ‘यह तो मेरे बाएं हाथ का काम है, मैं इसे मिनटों में कर दूंगा।’ दूसरे नंबर का बेटा बोला ‘इसमें क्या है, यह काम तो आसानी से हो जाएगा।’ तीसरे नंबर का बेटा बोला ‘यह तो मेरे सिवा कोई नहीं कर पाएगा।’ चौथा बेटा बोला ‘यह तुम में से किसी के भी बस का काम नहीं है, मैं तुम सब में सबसे बलवान हूं, मेरे सिवा यह काम और कोई नहीं कर सकता।’

फिर क्या था अपनी बातों को साबित करने में सभी जुट गए और एक बार फिर चारों भाइयों में झगड़ा शुरू हो गया। किसान बोला- ‘बच्चों मैंने तुम सबको यहां झगड़ा करने नहीं बुलाया है, बल्कि मैं देखना चाहता हूं कि तुम से कौन ऐसा है, जो इस काम को बखूबी कर सकता है। इसलिए, झगड़ा बंद करो और लकड़ी के इस गट्ठर को तोड़कर दिखाओ। सभी को इस काम के लिए बारी-बारी मौका दिया जाएगा।’

यह कहते हुए किसान ने सबसे पहले लकड़ी के गट्ठर को अपने सबसे बड़े बेटे के हाथ में थमा दिया। बड़े बेटे ने गट्ठर को तोड़ने का बहुत प्रयास किया, लेकिन उसे तोड़ पाने में असफल रहा।

असफल होने के बाद बड़े बेटे ने दूसरे नंबर के बेटे को वह लकड़ी का गट्ठर थमाते हुए कहा कि भाई मैंने प्रयास कर लिया यह काम मुझसे नहीं हो पाएगा, तुम ही कोशिश करके देख लो।

इस बार लकड़ी का गट्ठर दूसरे बेटे के हाथ में था। उसने भी उस गट्ठर को तोड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन लकड़ी का गट्ठर नहीं टूटा। असफल होने के बाद उसने लकड़ी के गट्ठर को तीसरे नंबर के बेटे को दे दिया और कहा, यह काम बहुत कठिन है, तुम भी कोशिश कर लो।

इस बार तीसरे नंबर के बेटे ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी, लेकिन लकड़ी का गट्ठर बहुत मोटा था। इस कारण अधिक बल लगाने पर भी वह उसे तोड़ नहीं पा रहा था। काफी मेहनत करने के बाद जब उससे भी यह नहीं हुआ, तो अंत में उसने लकड़ी के गट्ठर को सबसे छोटे बेटे के हाथ में दे दिया।

अब छोटे बेटे की बारी थी अपनी ताकत आजमाने की। उसने भी काफी प्रयास किया, लेकिन वह भी सभी भाइयों की तरह उस लकड़ी के गट्ठर को तोड़ पाने में सफल नहीं हुआ। अंत में हारकर उसने लकड़ी के गट्ठर को जमीन पर पटक दिया और बोला- ‘पिता जी यह काम संभव नहीं है।’

किसान मुस्कुराया और बोला ‘बच्चों अब आप इस गट्ठर को खोलकर इसकी लकड़ियों को अलग कर लो और फिर उसे तोड़ने का प्रयास करो।’ चारों भाइयों ने ऐसा ही किया। इस बार सभी ने एक-एक लकड़ी अपने हाथों में ली और आसानी से उसे तोड़ दिया।

किसान बोला- ‘बच्चों आप चारों भी इन्हीं लकड़ियों के समान हो। जब तक इन लकड़ियों की तरह साथ रहोगे, तब तक कोई भी तुम्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा, लेकिन अगर तुम लोग लड़ते-झगड़ते रहोगे, तो इन अकेली लकड़ियों की तरह आसानी से टूट जाओगे।’

किसान की यह बात सुनकर अब सभी बच्चों को समझ आ गया था कि पिता उन्हें क्या समझाना चाहते हैं। सभी पुत्रों ने अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी और वादा किया कि जीवन में फिर दोबारा कभी वे आपस में नहीं झगड़ेंगे।

एकता में बल कहानी से सीख

एकता में बल कहानी हमें बताती है कि एकता ही सबसे बड़ी ताकत है। अगर हम आपस में एकजुट होकर रहेंगे, तो कोई भी मुश्किल क्यों न आ जाए, उसका सामना साथ मिलकर आसानी से किया जा सकता है। वहीं, अगर हम एक दूसरे से लड़ेंगे और अलग-अलग रहेंगे, तो छोटी से छोटी तकलीफ भी जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।

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एकता में बल है पर निबंध | Ekta mein bal hai par nibandh

एकता में बल है पर निबंध.

Ekta mein bal hai par nibandh

संकेत बिंदु – (1) उद्देश्य और विचार में एकता (2) एकता और बल के उदाहरण (3) विभिन्‍न संगठन एकता के प्रतीक (4) एकता के अभाव के कारण देश गुलाम (5) उपसंहार।

उद्देश्य और विचार में एकता

एक होने की अवस्था या भाव एकता है। उद्देश्य, विचार आदि में सब लोगों का मिलकर एक होना एकता है। एक के लिए सब और एक सबके लिए एक, एकता की पहचान है।

एकता और बल के उदाहरण

अथर्ववेद एकता की पहचान कराते हुए लिखता– ‘समानो मंत्र: समिति: समानी। समान ब्रतं सहचित्तमेषाम्‌।' तुम्हारे विचार, तुम्हारी समिति, तुम्हारे कर्म और तुम्हारे मन समान हों। 'सं वः पृच्यन्तां तन्‍व: मनांसि समुव्रता।' तुम्हारे शरीर मिले रहें, तुम्हारे मन मिले रहें और तुम्हारे कर्म भी परस्पर मिल जुल कर होते रहें। (6/74/1)

जलती हुई लकड़ियाँ अलग-अलग होने पर धुआँ फेंकती हैं और एक साथ होने पर प्रज्वलित हो उठती हैं। पानी की एक बूँद यदि आग में पड़ जाए तो अपना अस्तित्व खो बैठती है, पर यदि हजारों बूँदें मिलकर आग पर पड़ें तो उसे बुझा देती है। तुच्छ फूस के तिनकों से बनी रस्सी से प्रबल हाथी बंध जाते हैं और शेर भीगी बिल्ली बन जाता है। बालू रैत और सीमेंट के कण की क्या सत्ता ? परन्तु एकता के प्रभाव से बनी दीवार चट्टान के तरह अटूट हो जाती है। कहना असंगत न होगा, यदि चिडियाँ एका कर लें तो शेर की खाल खींच सकती हैं। एक चींटी एक फूँक में हनुमान्‌ कूद का स्वाद लेती है, पर वे सब मिलकर आक्रमण करें तो विषधर भी दम तोड़ देता है।

हाथ की पाँच उंगलियाँ 'एकता में बल है' का प्रमाण हैं। कोई छोटी है, कोई बड़ी सभी असमान। लेकिन हाथ से किसी चीज को उठाना है तो पाँचों इकट्ठा होकर उठाती हैं। इस प्रकार पाँचों उंगलियों के सहयोग से हाथ काम करता है। उसमें से एक भी छूट जाए अथवा असहयोग कर बैठे तो कार्य में बाधा पड़ती है।

विचार और उद्देश्य की एकता के कारण आज इस्लाम धर्म विश्व पर शासन करता है। कुरान पर अगाध श्रद्धा उसका बल है धर्म, धर्म ग्रंथों तथा पैगम्बरों के प्रति आलोचकों के मुँह पर ताले लगाकर, उन्हें आतंकित कर, वश में रखने में उनकी एकता प्रकट होती है। 'द सेटेनिक वर्सेज' के विरुद्ध सलमान रुश्दी को मौत का फरमान सुनाना, ' मुहम्मद ' नामक कहानी के बाल नायक को लेकर कर्णाटक में उथल पुथल मचाना, मुस्लिम महिलाओं के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को राजीव सरकार से बदलवाना मुस्लिम समुदाय की एकता के मुँह बोलते उदाहरण हैं।

विभिन्‍न संगठन एकता के प्रतीक

विभिन्‍न संगठन ' एकता में बल ' के प्रतीक हैं। मजदूर एकता संगठन, बैंक कर्मचारी एकता संगठन, राजकीय कर्मचारी एकता संगठन, रेल पॉर्टर, चालक, स्टॉफ संगठन, वाहन कर्मचारी एकता संगठन आदि इतने शक्तिशाली संगठन हैं कि जो जब चाहें संसार की गति को रोक सकते हैं। पहिया जाम करके यातायात को अवरुद्ध कर सकते हैं। बैंक में हड़ताल करके एक दिन के करोड़ों रुपए के लेन देन पर विराम चिह्न लगा सकते हैं।

'एक ओर संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व शक्तियों की एकता का परिचायक है तो दूसरी ओर विश्व के सौ तटस्थ, राष्ट्रों की अपनी शक्ति है। अफ्रीकी राष्ट्र एकता के बल पर विश्व को आकर्षित कर रहे हैं, तो ब्रिटिश किंगडम के राष्ट्र अपने ऐक्य से लाभान्वित हो रहे हैं।

जिस परिवार, समाज, दल या राष्ट्र में लोग अपना अपना राग आलापेंगे, अपनी डेढ़ ईंट की मस्जिद अलग अलग बनायेंगे, अपने स्वार्थ वश भेद बुद्धि पैदा करेंगे, तो निश्चय ही वहाँ अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकेगा। एकता के अभाव और पारस्परिक फूट के कारण सदा ही हानि उठानी पड़ती है। भारतेन्दु बाबू ने सच कहा है–

जग में घर की फूट बुरी घर की फूट से बिनसाई सुबरन लंक पुरी। फूटहि सो जयचन्द बुलायो, यवनन भारत धाम, ताको फल अब लौं भोगत, सब आरज होई गुलाम।

एकता के अभाव के कारण देश गुलाम

हिन्दू राजा-महाराजाओं की फूट के परिणामस्वरूप देश यवनों का गुलाम बना। मुगल बादशाहों की फूट के कारण, देश पर मुट्ठी पर अंग्रेजों का राज्य हो गया। विपक्ष की फूट के कारण कांग्रेस चार शताब्दी तक भारत पर निरंकुश राज्य करती रही। सृष्टि का आदिम, सभ्य, सुसंस्कृत तथा सम्पन्न हिन्दू धर्म फूट के कारण निरन्तर पराजय और प्रतिगति के कारण ह्रासमान है। हिन्दू धर्म की सांस्कृतिक एकता भी बलहीन होकर इतिहास के पृष्ठों में समा गई है।

महाभारत में वेदव्यास जी कहते हैं,

न वै भिन्ना जातु चरन्ति धर्म। न वै सुखं प्राप्नुवंतीह भिन्ना। न वे भिन्ना गौरवं प्राप्नुवन्ति। न वै भिन्ना प्रश्मं रोचयन्ति ॥ ( उद्योग पर्व : 36/56 )

“जो परस्पर भेद भाव रखते हैं, वे कभी धर्म का आचरण नहीं करते। वे सुख भी नहीं पाते उन्हें गौरव प्राप्त नहीं होता तथा उन्हें शांति की वार्ता भी नहीं सुहाती।”

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी की मान्यता है कि “भेद और विरोध ऊपरी हैं। भीतर मनुष्य एक है। इस एक की दृढ़ता के साथ पहचानने का प्रयत्न कीजिए। जो लोग भेदभाव को पकड़कर ही अपना रास्ता निकालना चाहते हैं, वे गलती करते हैं।” (अशोक के फूल)

हरिकृष्ण 'प्रेमी' तो एकता के बल में विश्वास प्रकट करते हुए कहते हैं– “वे सब, जिन्हें समाज घृणा को दृष्टि से देखता है, अपनी शक्तियों को एकत्र करें तो इन महाप्रभुओं और उच्च वंशाभिमानियों का अभिमान चूर कर सकते हैं।” (प्रतिशोध)

सरदार पटेल कहते हैं, “अब जातपाँत, ऊँच नीच तथा सम्प्रदाय के भेदभाव भूलकर सब एक हो जाओ। मेल रखिए और निडर बनिए।”

उपसंहार

यदि मानव मन में एक के लिए सब और सबके लिए एक को भावना उदित हो जाए तो वह व्यक्ति हो या परिवार, समाज हो या राष्ट्र, गर्व और गौरव से उन्‍नत भाल होकर जीवन को सुन्दरता से जी सकेगा। जीवन के सुखों को भोग सकेगा।

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एकता पर निबंध

essay on ekta me bal in hindi

By विकास सिंह

essay on unity in hindi

एकता का अर्थ है एक साथ रहना। इसका अर्थ है विपरीत परिस्थितियों में एक-दूसरे की मदद करना और उनका समर्थन करना। एकजुट रहना मजबूत रिश्तों और मजबूत समाज के निर्माण की कुंजी है। एकता के महत्व पर जोर देने के लिए कई कहावतें लिखी गई हैं। मानव जाति शांति और सद्भाव में तभी रह सकती है जब उसकी एकता बनी रहे।

एकता पर निबंध, essay on unity in hindi (200 शब्द)

एकता में बल है , एक आम वाक्यांश है और यह हर शब्द के लिए सही है। एकता का अर्थ है एक साथ होना। इसका मतलब है हर परिस्थिति में एक साथ खड़े होना। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और उसके लिए शांतिपूर्ण और पूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए अपने साथी प्राणियों के साथ एकजुट रहना महत्वपूर्ण है।

यह एक बहुत महत्वपूर्ण संदेश है कि लोगों को अपने बच्चों को पास करना चाहिए। उन्हें घर पर एक स्वस्थ वातावरण बनाकर एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए जहां हर कोई एक दूसरे के साथ समन्वय में रहता है। हालांकि, परिवार इन दिनों अलग हो रहे हैं और लोग एकजुट रहने के मूल्य को भूल रहे हैं।

आज, हम देशों को एक दूसरे के साथ कई मुद्दों पर लड़ते हुए देखते हैं। मामूली कारणों से लोग एक-दूसरे को मार रहे हैं। चारों तरफ नफरत है। हर कोई अपनी दुनिया में व्यस्त है और केवल अपने बारे में सोचता है।

पहले के समय में लोग संयुक्त परिवारों में रहते थे और अपने रिश्तेदारों और अपने पड़ोस के बाकी सभी लोगों के साथ अच्छी तरह से जुड़े हुए थे। जब भी जरूरत होती वे उनके लिए वहां होते। आज के समय में लोग शायद ही जानते हों कि उनका अगला पड़ोसी कौन है। यह दुखद है कि भले ही हमारे पास लोगों से जुड़ने के कई साधन हैं, लेकिन हम अपने प्रियजनों से संपर्क करने की जहमत नहीं उठाते हैं। यह समय है कि लोगों को सही मायने में एकजुट रहने और दूसरों के साथ सौहार्दपूर्वक रहने के महत्व को समझना चाहिए।

एकता पर निबंध, essay on unity in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना :.

एकता हमारे जीवन में हर स्तर पर और हर कदम पर महत्वपूर्ण है। जो लोग एकजुट रहने के महत्व को सीखते हैं और इसका पालन करते हैं वे खुश और संतुष्ट जीवन जीते हैं। जो लोग इसके महत्व को नहीं समझते हैं, वे अक्सर जीवन में विभिन्न चरणों में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करते हैं।

एकता के महत्व पर जोर देती लोकोक्तियाँ :

विभिन्न कहावतों के माध्यम से एकता के महत्व पर बल दिया गया है। इनमें से कुछ में शामिल हैं: “यूनाइटेड हम खड़े हैं, विभाजित हम गिरते हैं”, “एकता ताकत है” और “एकता ताकत है, विभाजन कमजोरी है। इनमें से प्रत्येक नीतिवचन हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एकजुट रहने के महत्व पर जोर देता है और हमारे व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन दोनों में सफल होता है।

दुनिया भर के लोग सदियों से इन कहावतों में विश्वास करते आए हैं और एकता की राह पर चलते हैं।

स्वतंत्रता के लिए भारत का संघर्ष – एकता का सबसे अच्छा उदाहरण है

एकता की ताकत का सबसे अच्छा उदाहरण स्वतंत्रता के लिए भारतीय संघर्ष है। अंग्रेज शक्तिशाली थे। उन्होंने वर्षों तक भारतीयों को नियंत्रित और प्रताड़ित किया। हालांकि, यहां तक ​​कि शक्तिशाली ब्रिटिश अधिकारियों को भी हार माननी पड़ी जब भारतीय एक साथ बाहर आए और उनके खिलाफ एकजुट हुए।

उस समय के दौरान कई देशभक्त नेता उभरे। प्रत्येक की अपनी विचारधाराएं थीं और तदनुसार अंग्रेजों से लड़ने का प्रयास किया। इन नेताओं ने बड़ी संख्या में भारतीयों को प्रेरित किया जो बड़ी संख्या में अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए बाहर आए।

उस दौरान कई विरोध और जुलूस निकाले गए। इन घटनाओं से ब्रिटिश सरकार हिल गई थी। लोगों को एक साथ खड़े होने के महत्व का एहसास हुआ और जल्द ही उनके प्रयासों का भुगतान किया गया। स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों की व्यापक भागीदारी के कारण अंग्रेजों को देश छोड़ना पड़ा। अगर कुछ ही लोग लड़ने के लिए आगे आते, तो अंग्रेज आसानी से उन्हें चुप करा देते और अपना शासन जारी रखते।

निष्कर्ष:

इस प्रकार, हम देखते हैं, एकजुट रहकर हम सबसे बड़ी समस्या भी लड़ सकते हैं। हमारी ताकत एकजुट रहने में है।

एकता पर निबंध, essay on unity in hindi (400 शब्द)

भारत विविध संस्कृतियों और परंपराओं वाला देश है। हमारे देश में विभिन्न धर्मों, जातियों और पंथों से संबंधित लोग रहते हैं। हमारे देश की सुंदरता यह है कि विविधता में एकता है। विभिन्न मूल के लोग हमारे देश में शांति और सद्भाव में रहते हैं।

संयुक्त रहना: भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा:

हमारा देश समृद्ध परंपरा और संस्कृति वाला देश है। साथ रहना और एक दूसरे की मदद करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। हमारी संयुक्त परिवार प्रणाली, हमारे द्वारा एकजुट रहने के लिए दिए जाने वाले महत्व का सबसे बड़ा उदाहरण है। संयुक्त परिवार प्रणाली हमारे देश में सदियों से चली आ रही थी।

आधुनिक समय के विपरीत, अतीत में परिवार न केवल एक साथ रहते थे बल्कि अच्छी तरह से बंधे भी थे। लोग एक साथ बैठते थे, बातें करते थे और एक दूसरे के साथ अपना भोजन करते हैं। एकजुट रहने से उन्हें कई तरह से मदद मिली।इनमें से एक वित्त का प्रबंधन कर रहा था। परिवार के पुरुष सदस्य काम करने के लिए बाहर गए और परिवार के वित्त का प्रबंधन किया। सभी खर्चों को वहन करने का पूरा भार अकेले एक व्यक्ति पर नहीं आया।

इस तरह से बुजुर्ग लोगों को यह महसूस नहीं हुआ कि वे आज अकेले हैं। बच्चों को भी अच्छी कंपनी मिली जिससे उनकी वृद्धि और विकास में मदद मिली। बच्चों को अपने दादा-दादी से अच्छे संस्कार मिले क्योंकि वे पूरे दिन उनके साथ रहते थे।

हमारे देश में लोग न केवल अपने तत्काल परिवार के सदस्यों के साथ एकजुट रहते थे बल्कि अपने पड़ोसियों और विस्तारित परिवार के साथ भी अच्छी तरह से बंधे थे। लोग एक दूसरे के साथ खड़े रहे और एक दूसरे के लिए एक महान समर्थन प्रणाली के रूप में काम किया।

युवा भारतीयों की विचारधारा:

जबकि बड़े लोग अभी भी एकजुट रहने के विचार को बढ़ावा देते हैं, युवा पीढ़ी धीरे-धीरे अलग हो रही है। प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के कारण, वे सभी अपनी दुनिया में तल्लीन हैं। हालाँकि, भले ही वे इस बात से अवगत न हों कि उनके पड़ोसी कौन हैं या उनके रिश्तेदारों से मिलने नहीं जा सकते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे एकता के महत्व को नहीं समझते हैं।

जब भी जरूरत होती है वे साथ आते हैं। हमारे देश के युवा सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एकजुट हैं क्योंकि वे एकता की ताकत को जानते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां विभिन्न अपराधों के विरोध में लोग बड़ी संख्या में सामने आए हैं।

भारत ने अतीत में एकजुट रहने के फायदों के बारे में एक उदाहरण पेश किया है। नई पीढ़ी भी एकता की शक्ति में विश्वास करती है, हालांकि उनकी अभिव्यक्ति के तरीके अलग हो सकते हैं। विभिन्न संस्कृतियों और जातियों के लोग कैसे एक साथ सद्भाव में रह सकते हैं?

एकता पर अनुच्छेद, paragraph on unity in hindi (500 शब्द)

प्रस्तावना:

एकता का अत्यधिक महत्व है। कई कहानियों के साथ-साथ वास्तविक जीवन की घटनाओं ने साबित किया है कि कैसे एकजुट रहना लोगों को ताकत प्रदान कर सकता है और उन्हें एक सामंजस्यपूर्ण और परिपूर्ण जीवन जीने में मदद कर सकता है। हालांकि, कई लोग अभी भी एकजुट रहने के महत्व को नहीं समझते हैं। वे तुच्छ चीजों पर लड़ते रहते हैं और अंततः अकेलेपन को खत्म करते हैं।

एकता के लाभ:

यहां एकता के कुछ फायदे हैं:

सहायता और समर्थन: 

जो लोग एकजुट रहते हैं, वे विपत्ति में कभी अकेले नहीं रहते। वे एक दूसरे की मदद करते हैं और जरूरत पड़ने पर नैतिक और आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं। दूसरी ओर आप के आसपास के लोगों के लिए अलगाव और अनजान में रहने वाले, आपको असुरक्षित और एक अंतर्मुखी महसूस कर सकते हैं।

अच्छा मार्गदर्शन: 

जब हम समाज के एक हिस्से के रूप में एकजुट रहते हैं और आसपास के सभी लोगों के साथ अच्छे संबंध में होते हैं, तो हम उनसे व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों मामलों के लिए मार्गदर्शन ले सकते हैं। बुजुर्ग लोग या वे जो अधिक सीखे हुए और अनुभवी हैं, विभिन्न मामलों पर अच्छा मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और हम उन्हें अच्छी तरह से संभाल सकते हैं।

उचित विकास: 

एकजुट रहना हमारे विकास और विकास के लिए अच्छा है। एक-दूसरे के साथ एकता में रहने से विचारों और विचारों को साझा करने में मदद मिलती है जो हमारे दिमागों को अच्छी तरह से विकसित करने के लिए काफी आवश्यक है। परिवारों और समाजों में जहां लोग एकजुट रहते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं, बच्चों को बढ़ने के लिए एक स्वस्थ वातावरण मिलता है। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अच्छा है।

प्रेरणा का स्रोत: 

जब हम एक साथ काम करते हैं, तो हम प्रेरित होते हैं और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। हम लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक दूसरे को धक्का देते हैं और यह एक महान प्रेरक कारक के रूप में काम करता है। हम हर उपलब्धि पर एक-दूसरे को प्रोत्साहित और सराहना करते हैं। यह फिर से एक प्रेरक शक्ति के रूप में काम करता है। इस तरह लोगों को और भी बेहतर काम करने और अधिक से अधिक लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

एक व्यक्ति जो अकेले काम करता है उसे अपने दम पर खुद को प्रेरित करना पड़ता है और यह कई बार कठिन हो जाता है।

अधिक से अधिक शक्ति: 

जब हम एक टीम के रूप में एक साथ काम करते हैं, तो हम अधिक से अधिक लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम होते हैं। हम एक दूसरे की मदद करते हैं और एक साथ विभिन्न बाधाओं को दूर कर सकते हैं। यदि टीम में दरार है और प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ की तलाश करता है तो सामान्य लक्ष्य हासिल करना कठिन है।

ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें लोगों ने खेल और परियोजनाएं केवल इसलिए खो दीं क्योंकि उन्होंने मुख्य लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक टीम के रूप में काम करने के बजाय अपने स्वयं के छोटे स्वार्थों को पूरा करना शुरू कर दिया।

एक मिशन आसान हो जाता है: 

जब अधिक से अधिक संख्या में लोग शामिल होते हैं तो एक मिशन लड़ना बहुत आसान हो जाता है। कई सामाजिक बुराइयों और अन्यायपूर्ण प्रथाओं को अतीत में केवल इसलिए लड़ा और मिटाया गया क्योंकि लोग बड़ी संख्या में उसी के खिलाफ लड़ने के लिए निकले थे। एक अकेला व्यक्ति एक कारण शुरू कर सकता है, लेकिन अकेले नहीं लड़ सकता। यह तभी है जब उसे अच्छा समर्थन मिले; एक लड़ाई जीतने की संभावना है।

इस प्रकार, हम देखते हैं कि एकजुट रहने के कई फायदे हैं। हम बड़े कामों को पूरा कर सकते हैं, जरूरत के समय लोगों पर भरोसा कर सकते हैं और अगर हम एकजुट रहें तो युवा दिमाग को बेहतर तरीके से पोषण दे सकते हैं।

एकता पर निबंध, unity essay in hindi (600 शब्द)

परिचय :.

जैसा कि मैटी जे.टी. स्टेपानेक ने कहा, “एकता ताकत है, जब टीम वर्क और सहयोग होता है, तो अद्भुत चीजें हासिल की जा सकती हैं”। एकजुट रहने से व्यक्तियों, समाज के साथ-साथ पूरे देश को मदद मिलती है। एक ऐसा राष्ट्र जहाँ लोग एकता में रहते हैं, जहाँ उनकी नफरत और अपराध चारों ओर है, उनकी तुलना में विकास की बेहतर संभावनाएँ हैं। एकता राष्ट्र के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है।

एक परिणाम की दिशा में काम करें:

जब लोग एक दूसरे के साथ एकता में रहते हैं तो वे अपने स्वयं के स्वार्थों को पूरा करने के बजाय एक सामान्य लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए तत्पर रहते हैं। वे अपने राष्ट्र के साथ-साथ अपने साथी नागरिकों से भी प्यार करते हैं। वे इस तथ्य को समझते हैं कि राष्ट्रीय विकास होने पर ही वे विकसित हो सकेंगे और बेहतर जीवन शैली बना पाएंगे।

वे यह भी समझते हैं कि राष्ट्रीय विकास तभी संभव है, जब वे एक-दूसरे को नीचे खींचने के बजाय अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करें। यह राष्ट्र के विकास में एक लंबा रास्ता तय करता है। हालांकि, दुर्भाग्य से भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी लोगों को एकता की शक्ति का एहसास नहीं है। वे केवल अपने बारे में सोचते हैं और राष्ट्र की भलाई के लिए काम करने के बजाय अपने लाभ के लिए काम करते हैं।

नागरिकों के बीच नफरत का अंत; कम अपराध दर:

एक ऐसा देश जिसमें लोग एकता में रहते हैं, चारों ओर शांति और सद्भाव है। वे धर्म, जाति, संस्कृति या किसी अन्य चीज के नाम पर एक-दूसरे से नहीं लड़ते। वे एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और एक-दूसरे की जरूरत की घड़ी में एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।

वे समझते हैं कि उनकी असली शक्ति एक दूसरे के खिलाफ योजना बनाने के बजाय साथ रहने और काम करने में निहित है। ऐसे देश के नागरिकों में कोई नफरत नहीं है और इस तरह अपराध दर कम है। ऐसा देश जहां अपराध की दर कम है, निश्चित रूप से तेज गति से विकास होगा।

एकता बनाने में सरकार की भूमिका :

यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत हितों के लिए तैयार है और समग्र रूप से राष्ट्र की भलाई के लिए काम करने के लिए तैयार है, तो एकता प्राप्त की जा सकती है। जबकि भावना जन्मजात होनी चाहिए, सरकार लोगों के बीच एकता के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकती है। यहाँ कुछ तरीके हैं जिनसे यह हासिल किया जा सकता है:

भ्रष्टाचार का अंत:

एक देश कभी समृद्ध नहीं हो सकता अगर उसकी राजनीतिक व्यवस्था भ्रष्ट हो। राजनीतिक नेताओं को अत्यंत सावधानी के साथ चुना जाना चाहिए। उन्हें एकजुट रहने के लिए अपनी जिम्मेदारी के रूप में लेना चाहिए और व्यक्तिगत लाभ के लिए एक दूसरे को नीचे खींचने और पैसे की बाजीगरी करने के बजाय राष्ट्र के विकास के सामान्य लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए।

निम्न आर्थिक विषमता: 

हमारे देश में आर्थिक विषमता बहुत है। हमारे देश में अमीर लोग हर गुजरते दिन अमीर होते जा रहे हैं और गरीब गरीब होते जा रहे हैं। इससे गरीब वर्गों के बीच घबराहट पैदा होती है और वे अक्सर आपराधिक कार्य करते हैं जिससे राष्ट्रीय विकास में बाधा आती है।

सरकार को इस अंतर को पाटना चाहिए और सभी को उचित वेतन देना चाहिए ताकि प्रत्येक नागरिक उत्पादक कार्यों में लिप्त हो सके।

इस प्रकार, हम देखते हैं कि एकता एक राष्ट्र के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। बच्चों को शुरू से ही एकजुट रहने का महत्व सिखाया जाना चाहिए। उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि यह कैसे उनके साथ-साथ उनके देश का भी भला कर सकता है। सरकार को भी लोगों को एकजुट रखने के लिए अपना काम करना चाहिए ताकि वे राष्ट्र के विकास के लिए संयुक्त रूप से काम कर सकें।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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एकता में अटूट शक्ति है पर निबंध (United we Stand Divided we fall Essay in Hindi)

यह वाक्यांश “एकता में अटूट शक्ति है” आमतौर पर अलग-अलग स्थानों पर प्रयोग किया जाता है ताकि यह महसूस किया जा सके की एकजुट रहना कितना महत्वपूर्ण है। यहाँ पर टीम के काम के महत्व पर जोर दिया गया है। “एकता में अटूट शक्ति है” एक वाक्यांश है जो एकता और टीम के काम को प्रेरित करता है। इस वाक्यांश के अनुसार यदि किसी समूह के सदस्य एक टीम के रूप में काम करने की बजाए अपने व्यक्तिगत हितों की सेवा करने के लिए स्वयं के लिए काम करते हैं तो वे बर्बाद और पराजित हो सकते हैं।

एकता में अटूट शक्ति है पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on United we Stand Divided we fall in Hindi, Ekta me Atut Shakti hai par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (250 शब्द).

“एकता में अटूट शक्ति है” इसका अर्थ है कि एक दूसरे के खिलाफ़ काम करने के बजाय एक साथ रहना और दूसरों के सहयोग से काम करना बुद्धिमानी है। एक टीम के रूप में कार्य करने से सफलता निश्चित है।

वाक्यांश की उत्पत्ति – एकता में अटूट शक्ति है

ग्रीक कथाकार एशॉप द्वारा प्राचीन युग के दौरान इस वाक्यांश को खोजा गया था। कथाकार ने इसका अपनी कथा “द चार ऑक्सन एंड द लायन” में प्रत्यक्ष रूप से और “द बंडल ऑफ स्टिक्स” में अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख किया था।

ईसाईयों के धार्मिक नियमों की पुस्तक में भी ऐसे ही शब्द शामिल हैं जिनमें प्रमुख हैं “अगर एक घर को विभाजित कर दिया जाता है तो वह घर दोबारा खड़ा नहीं हो सकता” इसी पुस्तक के दूसरे वाक्यांश हैं ” यीशु अपने विचारों को जानते थे और कहते थे ” हर राज्य जिसमें फूट पड़ी है वह उजड़ गया है और हर एक नगर या घर जो विभाजित है वह खुद पर निर्भर नहीं रहता।

एक दूसरे के साथ समन्वय में काम करने के महत्व को बल देने के लिए यह वाक्यांश आमतौर पर उपयोग किया जाता है। यह वाकई सच है कि एक व्यक्ति एक मुश्किल काम पूरा नहीं कर सकता है या उसे ऐसा करने में बहुत अधिक समय और ऊर्जा लग सकती है लेकिन अगर यह काम अधिक लोगों द्वारा सामूहिक रूप से किया जाता है तो यह आसानी से पूरा किया जा सकता है।

निबंध – 2 (300 शब्द)

प्राचीन ग्रीक कथाकार एशॉप द्वारा खोज गया यह वाक्यांश एक टीम के रूप में एक साथ काम करने के महत्व को बताता है। “एकता में अटूट शक्ति है” का अर्थ है कि यदि हम एक टीम के रूप में कुछ कार्य करते हैं और एक दूसरे के साथ एकजुट रहते हैं तो हम जीवन में सफल होंगे और यदि हम एक दूसरे के खिलाफ होकर अकेले काम करने की कोशिश करते हैं तो हम उसमें असफल हो जायेंगे।

उदाहरण द्वारा स्पष्टीकरण

“एकता में अटूट शक्ति है” वाक्यांश आमतौर पर कई स्थानों पर उपयोग किया जाता है। इसे एक किसान और उसके बेटों की कहानी के माध्यम से अच्छी तरह समझाया गया है। किसान के बेटे, जब उन्हें व्यक्तिगत रूप से लकड़ियों के एक बंडल को तोड़ने के लिए कहा गया तो वे उसे नहीं तोड़ सके लेकिन जब उन्हें यही कार्य संयुक्त रूप से करने के लिए कहा गया तो वे इसे आसानी से कर पाए। यह स्पष्ट रूप से बताता है कि जब लोग एक साथ खड़े होते हैं तो वे आसानी से एक मुश्किल काम भी कर सकते हैं।

विभिन्न स्थानों पर वाक्यांश का उपयोग

  • यू.एस. के इतिहास में यह वाक्यांश पहले क्रांतिकारी युद्ध के अपने पूर्व गीत “द लिबर्टी सॉन्ग” में जॉन डिकिन्सन द्वारा इस्तेमाल किया गया था। यह जुलाई 1768 में बोस्टन गैजेट में प्रकाशित हुआ था।
  • दिसंबर 1792 में पहली केंटकी जनरल असेंबली ने राष्ट्रमंडल की आधिकारिक मुहर को राज्य के आदर्श वाक्य के साथ अपनाया “एकता में अटूट शक्ति है”।
  • 1942 से वाक्यांश केंटकी की आधिकारिक गैर-लैटिन राज्य का आदर्श वाक्य बन गया है।
  • यह वाक्यांश मिसौरी ध्वज पर सर्कल केंद्र के चारों ओर लिखा गया है।
  • यह ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान भारत में लोकप्रिय हुआ। इसका उपयोग लोगों को एक साथ आने और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए किया गया था।
  • अल्टर वफादारों ने भी इस वाक्यांश का इस्तेमाल किया है। इसे कुछ वफादार उत्तरी आयरिश भित्ति चित्रों में देखा जा सकता है।
  • वाक्यांश “एकता में अटूट शक्ति है” का उपयोग विभिन्न कलाकारों द्वारा कई गानों में भी किया गया है।

“एकता में अटूट शक्ति है” यह कथन सौ प्रतिशत सच है। ऐसा कई बार होता है जब जीवन में हम घर, स्कूल, कार्यालय और अन्य जगहों पर ऐसी परिस्थितियां देखने को मिलती हैं जहाँ यह वाक्यांश सही पाया जाता है। हमें सबके साथ मिलकर काम करना चाहिए और दूसरों के साथ सद्भावना में रहना चाहिए।

Essay on United We Stand Divided We Fall in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द)

“एकता में अटूट शक्ति है” यह एक प्रसिद्ध कहावत है जिसे लगभग हर कोई जानता है। इसका मतलब है कि जो लोग एकजुट हैं वे खुश हैं और जीवन में कोई भी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं लेकिन अगर हम लड़ते रहते हैं और एक दूसरे से दूर रहते हैं तो हम विफल हो जाते हैं। हमारे जीवन के हर चरण में एकता को बहुत महत्व दिया जाता है चाहे वह व्यक्तिगत हो या व्यावसायिक हो। खेल में, कार्यालय में, परिवार में हर जगह खुशी और सफलता एकता का ही नतीजा है।

एकता का मतलब संघ या एकजुटता से है। ताकत मूल रूप से एकता का प्रत्यक्ष परिणाम है। एकजुट रहने वाले लोगों का समूह हमेशा एक व्यक्ति की तुलना में अधिक सफलता प्राप्त करता है। यही कारण है कि समूह लगभग हर क्षेत्र जैसे कार्यालय, सैन्य बलों, खेल आदि में बनाए जाते हैं। हमारे व्यक्तिगत जीवन में भी हम परिवार में एक साथ रहते हैं जो हमें अपने दुखों को सहन करने और हमारी खुशी का जश्न मनाने की शक्ति प्रदान करते हैं। कार्यालय में टीम किसी वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए बनाई जाती हैं। इसी तरह खेल और सैन्य बलों में भी समूह बनाए जाते हैं और कुछ हासिल करने के लिए रणनीतियों का निर्माण होता है।

पुराने दिनों में मनुष्य अकेला रहता था। वह खुद लम्बा सफ़र तय करके शिकार करता था या कभी-कभी भयंकर जानवरों को हमले के लिए अवसर प्रदान करके उसे मार देता था फिर मनुष्य ने यह महसूस किया कि अगर वह अन्य शिकारियों के साथ हाथ मिला लेता है तो वह कई आम खतरों और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा। इस तरीके से गांवों का निर्माण हुआ जो बाद में कस्बों, शहरों और देशों में विकसित हुए। एकता हर जगह आवश्यक है क्योंकि यह एक अस्वीकार्य प्रणाली को बदलने के लिए इच्छा और शक्ति को मजबूत करती है।

संगीत या नृत्य मंडली में भी यदि समूह एकजुट है, सद्भाव में काम करते हैं और सुर-ताल बनाए रखते हैं तो परिणाम आशावादी होंगे वहीं अगर हर व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत प्रतिभा दिखाने शुरू करता है तो परिणाम अराजक और विनाशकारी हो सकते हैं। एकता हमें अनुशासित होना सिखाती है। यह हमारे लिए विनम्र, विचारशील, सद्भाव और शांति में एक साथ रहने के लिए सबक है। एकता हमें चीजों की मांग और परिणाम प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास और शक्ति देती है। यहां तक ​​कि कारखानों आदि में भी मजदूरों को यदि उनके मालिकों द्वारा प्रताड़ित या दबाया जाता हैं तो वे समूह के रूप में यूनियन बनाकर काम करते हैं। जो लोग अकेले काम करते हैं उन्हें आसानी से हराया जा सकता है और वे अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए आत्मविश्वास से काम नहीं कर सकते लेकिन अगर वे समूहों में काम करते हैं तो नतीज़े चमत्कारी हो सकते हैं।

सबसे बड़ा उदाहरण हमारे राष्ट्र की स्वतंत्रता है। महात्मा गांधी ने विभिन्न जाति और धर्म से संबंधित सभी नागरिकों को एकजुट किया और अहिंसा आंदोलन शुरू किया। दुनिया जानती है यह उनकी इच्छा और महान स्वतंत्रता सेनानियों तथा नागरिकों की एकता के कारण ही हो सका जो अंततः भारत की स्वतंत्रता के रूप में सबके सामने आया।

एकता मानवता का सबसे बड़ी गुण है। जो एक टीम या लोगों के समूह द्वारा हासिल किया जा सकता है वह कोई भी व्यक्ति अकेला नहीं प्राप्त कर सकता है। असली ताकत एकजुट होने में निहित है। जिस देश का नागरिक एकजुट है तो वह देश मजबूत है। जिस परिवार के सदस्य एक साथ रहते हैं तो वह परिवार भी मजबूत है। कई उदाहरण हैं जो यह साबित करते हैं कि एकता में अटूट शक्ति है। इस प्रकार हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में एकता बहुत महत्वपूर्ण है।

निबंध – 4 (600 शब्द)

“एकता में अटूट शक्ति है” यह एक प्रसिद्ध कहावत है जो दर्शाती है कि यदि हम एकजुट और एक साथ रहें तो हमें कभी हार पराजय का मुँह नहीं देखना पड़ेगा लेकिन अगर हम लगातार संघर्ष करते हैं और आपसी गलतफहमी को बढ़ावा देते रहे तो बाहरी लोग हमारा फायदा उठा सकते हैं जो अंततः हमारी विफलता का कारण बनेगा। यह कथन स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि एकता ताकत का स्रोत है और जो लोग एकजुट हैं वे किसी भी तरह की स्थिति से निपटने की क्षमता रखते हैं क्योंकि वे एक दूसरे के बोझ और कठिनाइयों को साझा करते हैं।

एकता एक साथ रहने का मतलब है। लोगों के जीवन के प्रत्येक पहलू में एकता का महत्व बहुत कीमती है। खेल मैदान में चाहे वह क्रिकेट हो या फुटबॉल, बेसबॉल, बास्केट बॉल या किसी भी प्रकार का खेल हो एक संयुक्त टीम और उपयुक्त रणनीति ही टीम की सफलता में सही परिणाम दे सकती है लेकिन यदि टीम के सदस्यों के बीच संघर्ष या अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा होती है या उनके बीच अनावश्यक गलतफहमी होती है तो वे विरोधी उस कमी का फायदा उठा कर खेल को जीत सकते हैं। इसी तरह यदि परिवार के सदस्य एक साथ रहते हैं और जीवन के प्रत्येक चरण में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं तो कोई भी बाहरी व्यक्ति परिवार को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।

प्रसिद्ध कहानी

एक प्रसिद्ध कहानी है जो “एकता में अटूट शक्ति है” कहावत का आधार है। एक बूढ़ा आदमी था जो अपने तीन बेटों के साथ एक गांव में रहता था। उसके बेटे हमेशा एक-दूसरे के साथ लड़ते रहते थे और अपने पिता की बात पर कोई ध्यान नहीं देते थे। एक बार वह आदमी बीमार हो गया और उसे लगा कि वह जल्द ही मर जाएगा। वह इस तथ्य के बारे में बहुत चिंतित था कि अगर वह मर गया तो लोग उसके बेटों के विवादों का फायदा उठाना शुरू कर देंगे। उसने अपने सभी पुत्रों को बुलाया और उन्हें एक एक करके लकड़ियों के बंडल को तोड़ने के लिए कहा। उनमें से कोई भी ऐसा नहीं कर सका। फिर उसने लड़कियों के बंडल को खोल दिया और उनमें से हर एक को तोड़ने के लिए कहा जिसे उन सभी ने आसानी से कर दिखाया। उसने अपने बेटों से कहा कि उन्हें इस लकड़ी के बंडल की तरह रहना चाहिए ताकि कोई भी उन्हें तोड़ न सके लेकिन अगर वे लड़ते रहे और अलग-थलग रहे तो वे बाहरी लोग उनका आसानी से फ़ायदा उठा लेंगे।

हमारे जीवन के प्रत्येक चरण में एकता महत्वपूर्ण है। एक व्यक्ति निश्चित रूप से अकेले जीवित रह सकता है लेकिन खुश रहने या खुशी का जश्न या जीवन के कष्टों को सहन करने के लिए हर किसी को एक साथी और परिवार की जरूरत होती है। यहां तक ​​कि एक कंपनी भी तब तक सफल नहीं हो सकती है जब तक कंपनी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बनाई गई टीम में एकता नहीं होगी। अगर देशवासी सरकार का समर्थन करते है तो देश भी आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है।

इस बात के कोई मायने नहीं कि हम कितने सफल हैं हमें हमेशा उन लोगों की आवश्यकता होती है जो हमारे साथ खड़े रहे और हमें समर्थन दे। वाक्यांश ‘एकता में अटूट शक्ति है’ आने वाले वर्षों में लोगों को सबक देता रहेगा। एकता सफलता का आधार है और यह लोगों को समझने में भी मदद करता है। लड़ना और एक-दूसरे से अलग रहना बहुत आसान है परन्तु एकजुट रहना सबसे ज़रूरी है।

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Hindi Panchtantra Short Story, Moral Story “Ekta me bal”, ”एकता में बल” Hindi Motivational Story for Primary Class, Class 9, Class 10 and Class 12

एकता में बल

Ekta me bal

 एक समय की बात हैं कि कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उडता हुआ जा रहा था। गलती से वह दल भटककर ऐसे प्रदेश के ऊपर से गुजरा, जहां भयंकर अकाल पडा था। कबूतरों का सरदार चिंतित था। कबूतरों के शरीर की शक्ति समाप्त होती जा रही थी। शीघ्र ही कुछ दाना मिलना जरुरी था। दल का युवा कबूतर सबसे नीचे उड रहा था। भोजन नजर आने पर उसे ही बाकी दल को सुचित करना था। बहुत समय उडने के बाद कहीं वह सूखाग्रस्त क्षेत्र से बाहर आया। नीचे हरियाली नजर आने लगी तो भोजन मिलने की उम्मीद बनी। युवा कबूतर और नीचे उडान भरने लगा। तभी उसे नीचे खेत में बहुत सारा अन्न बिखरा नजर आया “चाचा, नीचे एक खेत में बहुत सारा दाना बिखरा पडा हैं। हम सबका पेट भर जाएगा।’

सरदार ने सूचना पाते ही कबूतरों को नीचे उतरकर खेत में बिखरा दाना चुनने का आदेश दिया। सारा दल नीचे उतरा और दाना चुनने लगा। वास्तव में वह दाना पक्षी पकडने वाले एक बहलिए ने बिखेर रखा था। ऊपर पेड पर तना था उसका जाल। जैसे ही कबूतर दल दाना चुगने लगा, जाल उन पर आ गिरा। सारे कबूतर फंस गए।

कबूतरों के सरदार ने माथा पीटा “ओह! यह तो हमें फंसाने के लिए फैलाया गया जाल था। भूख ने मेरी अक्ल पर पर्दा डाल दिया था। मुझे सोचना चाहिए था कि इतना अन्न बिखरा होने का कोई मतलब हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिडिया चुग गई खेत?”

एक कबूतर रोने लगा “हम सब मारे जाएंगे।”

बाकी कबूतर तो हिम्मत हार बैठे थे, पर सरदार गहरी सोच में डूबा था। एकाएक उसने कहा “सुनो, जाल मजबूत हैं यह ठीक हैं, पर इसमें इतनी भी शक्ति नहीं कि एकता की शक्ति को हरा सके। हम अपनी सारी शक्ति को जोडे तो मौत के मुंह में जाने से बच सकते हैं।”

युवा कबूतर फडफडाया “चाचा! साफ-साफ बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। जाल ने हमें तोड रखा हैं, शक्ति कैसे जोडे?”

सरदार बोला “तुम सब चोंच से जाल को पकडो, फिर जब मैं फुर्र कहूं तो एक साथ जोर लगाकर उडना।”

सबने ऐसा ही किया। तभी जाल बिछाने वाला बहेलियां आता नजर आया। जाल में कबूतर को फंसा देख उसकी आंखें चमकी। हाथ में पकडा डंडा उसने मजबूती से पकडा व जाल की ओर दौडा।

बहेलिया जाल से कुछ ही दूर था कि कबूतरों का सरदार बोला “फुर्रर्रर्र!”

सारे कबूतर एक साथ जोर लगाकर उडे तो पूरा जाल हवा में ऊपर उठा और सारे कबूतर जाल को लेकर ही उडने लगे। कबूतरों को जाल सहित उडते देखकर बहेलिया अवाक रह गया। कुछ संभला तो जाल के पीछे दौडने लगा। कबूतर सरदार ने बहेलिए को नीचे जाल के पीछे दौडते पाया तो उसका इरादा समझ गया। सरदार भी जानता था कि अधिक देर तक कबूतर दल के लिए जाल सहित उडते रहना संभव न होगा। पर सरदार के पास इसका उपाय था। निकट ही एक पहाडी पर बिल बनाकर उसका एक चूहा मित्र रहता था। सरदार ने कबूतरों को तेजी से उस पहाडी की ओर उडने का आदेश दिया। पहाडी पर पहुंचते ही सरदार का संकेत पाकर जाल समेत कबूतर चूहे के बिल के निकट उतरे।

सरदार ने मित्र चूहे को आवाज दी। सरदार ने संक्षेप में चूहे को सारी घटना बताई और जाल काटकर उन्हें आजाद करने के लिए कहा। कुछ ही देर में चूहे ने वह जाल काट दिया। सरदार ने अपने मित्र चूहे को धन्यवाद दिया और सारा कबूतर दल आकाश की ओर आजादी की उडान भरने लगा।

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Hindi Story, Essay on “Ekta me bal hai ”, “एकता में बल है” Hindi Moral Story, Nibandh, Anuched for Class 7, 8, 9, 10 and 12 students

एकता में बल है

Ekta me bal hai 

किसी गांव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे जो सदा आपस में झगड़ते रहते थे। किसान ने उन्हें। बहुत समझाया, पर वह उनके कान पर तक न रेंगती थी। बूढ़ा किसान यह देखकर बहुत दुःखी रहता था। एक बार वह बीमार पड़ गया। उसने अपने बेटों को एक साथ बुलाया और लकड़ियों का एक बंधा गट्ठर लाने को कहा। किसान ने बारी-बारी से सभी से उस गट्ठर को तोड़ने को कहा। पर उनमें से कोई बी उस बंधे हुए गट्ठर को न तोड़ सका। अब किसान ने गट्ठर को खुलवाया और एक-एक लकड़ी अपने बेटों को दी और तोड़ने को कहा। सभी ने आसानी से उन्हें तोड़ दिया। किसान ने अब उन्हें समझाया यदि उस गट्ठर की भान्ति आपस में मेल-जोल से रहोगे, तो कोई भी तुम्हारी ओर आँख उठा कर नहीं देख सकता। परन्तु यदि तुम सभी अलग-अलग रहोगे तथा आपस में झगड़ोगे तो तुम्हें कोई भी आसानी से हानि पहुंचा सकता है। बात किसान के बेटों की समझ में आ गई तथा उन्होंने मिल-जुलकर रहने की कसम खाई।

शिक्षा- एकता में बल है।

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Ekta mein bal hai एकता में बल है (hindi story)

एक किसान था| उसके चार बेटे थे| वे आपस में हमेशा झगड़ते रहते थे| जिससे किसान बहुत ही परेशान रहता था| उसे ये लगता था की ये चारो अगर इसी तरह लड़ते रहेंगे तो एक दिन ये कही किसी परेशानी में न पड़ जाये|( Ekta mein bal hai )

Ekta mein bal hai एकता में बल है (hindi story)

Ekta mein bal hai एकता में बल है

एक बार किसान बहुत ही बीमार पड़ गया उसका आयु भी बहुत हो चुका था| जिससे किसान को लगा की अब मेरा मृत्यु का समय नकदीक आ गया है| इसलिए किसान ने उन चारो बेटों को समझाने के लिए एक तरकीब निकाली|

उसने चारो बेटो को बुलाया और कहा मेरा मृत्यु का समय नज़दीक आ गया है| तुमलोग को एक अंतिम सीख देना चाहता हूँ|

एक लकड़ी का गठ्ठर मंगवाया| उसने चारो को एक-एक लकड़ी दिया और तोड़ने को कहा| बेटे ने सोचा की इसमें कौन-सी बड़ी बात है| उनसब ने तुरंत ही तोड़ दिया|

फिर किसान ने सबको दो-दो लकड़ी दी और कहा इसे तोड़ो| उनसब ने उसे भी तुरंत तोड़ दिया|

फिर तीन-तीन दिया और कहा तोड़ो| उनसबको तोड़ने में थोड़ी मुश्किल हुआ, लेकिन तोड़ दिया|

फिर चार-चार दिया और कहा इसे तोड़ो लेकिन उनसब से नहीं टूटी|

फिर किसान ने कहा, एक या दो लकड़ी को तोड़ना आसान है लेकिन तीन को तोड़ना मुश्किल और चार को नहीं तोड़ पाए|

एकता में बल है story in hindi

इससे तुमलोगो को कुछ समझ आया|

किसान ने फिर समझाते हुए कहा, बेटे इतने दिनो से यही समझाना चाह रहा था की तुमसब साथ रहो| साथ रहोगे तो कोई भी मुश्किल जीवन में आएगी तो उसका सामना सब मिल के कर सकोगे|

लेकिन उसी मुश्किल की घड़ी में अकेले रहोगे तो परेशान हो जाओगे और सायद उस परेशानी का हल भी नहीं कर पाओ|

चारो साथ में रहकर एकसाथ मिलकर उस समस्या को असानी से हल कर पाओगे|

किसान की बात सुनकर चारो बहुत ही प्रभाबित हुए| उनसब ने अपने पिता को वचन दिया की अब से वे साथ रहेंगे|

उसके कुछ दिन बाद किसान का मृत्यु हो गई| उसके बाद चारो साथ में रहने लगे|

सीख - किसी कार्य को अकेले और साथ में करने का बहुत ही फर्क है| क्योकि जितने लोग उतने अलग-अलग तरह का सोच और दृस्टि| अगर सबके डिस्कशन से कार्य किया जाय तो काम को बिगड़ने का चांस बहुत ही कम होता है|

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एकता में बल है | Ekta me Bal Hai in Hindi

by Short Stories · Published August 22, 2022 · Updated August 22, 2022

एक बार की बात है एक गांव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे। लेकिन वे हर छोटी बात पर खूब लडाई झगड़ा करते थे। उनमें बिलकुल भी एकता नहीं थी। और इसलिए गांव के लोग इस बात का फायदा उठाकर अपना लाभ कमाया करते थे।

Hindi Story for Kids

इस बात से किसान बहुत दुखी रहता था। पर एक दिन किसान ने इसका हल निकाला। उसने अपने चारों बेटों को बुलाया और एक लकड़ी का गुच्छा देकर कहा कि” इसे तोड़ कर दिखाओ”। तो बड़े बेटे ने कहा, ” इतनी सी बात पिताजी लाईए। ऐसा कहकर उसने लकड़ी के बंडल को को तोड़ने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा।

essay on ekta me bal in hindi

फिर एक के बाद एक भाई ने अपना दम आजमाया लकड़ी के बंडल पर आजमाया पर सभी को असफलता हाथ लगी। फिर बाद में किसान ने चारों बेटों को एक एक लकड़ी दी और तोडने को कहा। अबकी बार सभी ने आसानी से लकड़ियों के दो टुकड़े कर दिए।

Moral Story for Kids in Hindi

फिर किसान ने अपने चारों बेटों को समझाते हुए कहा कि ” देखा तुमलोगों ने कितनी आसानी से एक एक लकड़ियों को टुकड़े टुकड़े कर दिया। लेकिन तुम मे से कोई भी लकड़ी के बंडल को तोड़ना तो दूर हिला तक नहीं सका।

इसी तरह तुम लोग भी अलग अलग रहकर अपनी ताकत घटा रहे हो और कोई भी तुम्हें आसानी से नुकसान पहुंचा सकता है। तुम सभी लकड़ी के बंडल की तरह साथ मिलकर रहो ताकि तुम्हें कोई हिला भी ना सके। उस दिन से सभी मिलकर रहने लगे।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि “एकता में बल है”।

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Hindi moral story “ekta mein bal hai”, “एकता मे बल है” for kids, full length educational story for students of class 5, 6, 7, 8, 9, 10., एकता मे बल है, ekta mein bal hai.

एक समय की बात हैं कि कबूतरों का एक दल आसमान में भोजन की तलाश में उडता हुआ जा रहा था। गलती से वह दल भटककर ऐसे प्रदेश के ऊपर से गुजरा, जहां भयंकर अकाल पडा था। कबूतरों का सरदार चिंतित था। कबूतरों के शरीर की शक्ति समाप्त होती जा रही थी। शीघ्र ही कुछ दाना मिलना जरुरी था। दल का युवा कबूतर सबसे नीचे उड रहा था। भोजन नजर आने पर उसे ही बाकी दल को सुचित करना था। बहुत समय उडने के बाद कहीं वह सूखाग्रस्त क्षेत्र से बाहर आया। नीचे हरियाली नजर आने लगी तो भोजन मिलने की उम्मीद बनी। युवा कबूतर और नीचे उडान भरने लगा। तभी उसे नीचे खेत में बहुत सारा अन्न बिखरा नजर आया “चाचा, नीचे एक खेत में बहुत सारा दाना बिखरा पडा हैं। हम सबका पेट भर जाएगा।’ सरदार ने सूचना पाते ही कबूतरों को नीचे उतरकर खेत में बिखरा दाना चुनने का आदेश दिया।

सारा दल नीचे उतरा और दाना चुनने लगा। वास्तव में वह दाना पक्षी पकडने वाले एक बहलिए ने बिखेर रखा था। ऊपर पेड पर तना था उसका जाल। जैसे ही कबूतर दल दाना चुगने लगा, जाल उन पर आ गिरा। सारे कबूतर फंस गए। कबूतरों के सरदार ने माथा पीटा “ओह! यह तो हमें फंसाने के लिए फैलाया गया जाल था। भूख ने मेरी अक्ल पर पर्दा डाल दिया था। मुझे सोचना चाहिए था कि इतना अन्न बिखरा होने का कोई मतलब हैं। अब पछताए होत क्या, जब चिडिया चुग गई खेत?” एक कबूतर रोने लगा “हम सब मारे जाएंगे।” बाकी कबूतर तो हिम्मत हार बैठे थे, पर सरदार गहरी सोच में डूबा था। एकाएक उसने कहा “सुनो, जाल मजबूत हैं यह ठीक हैं, पर इसमें इतनी भी शक्ति नहीं कि एकता की शक्ति को हरा सके। हम अपनी सारी शक्ति को जोडे तो मौत के मुंह में जाने से बच सकते हैं।” युवा कबूतर फडफडाया “चाचा! साफ-साफ बताओ तुम क्या कहना चाहते हो। जाल ने हमें तोड रखा हैं, शक्ति कैसे जोडे?” सरदार बोला “तुम सब चोंच से जाल को पकडो, फिर जब मैं फुर्र कहूं तो एक साथ जोर लगाकर उडना।” सबने ऐसा ही किया।

तभी जाल बिछाने वाला बहेलियां आता नजर आया। जाल में कबूतर को फंसा देख उसकी आंखें चमकी। हाथ में पकडा डंडा उसने मजबूती से पकडा व जाल की ओर दौडा। बहेलिया जाल से कुछ ही दूर था कि कबूतरों का सरदार बोला “फुर्रर्रर्र!” सारे कबूतर एक साथ जोर लगाकर उडे तो पूरा जाल हवा में ऊपर उठा और सारे कबूतर जाल को लेकर ही उडने लगे। कबूतरों को जाल सहित उडते देखकर बहेलिया अवाक रह गया। कुछ संभला तो जाल के पीछे दौडने लगा। कबूतर सरदार ने बहेलिए को नीचे जाल के पीछे दौडते पाया तो उसका इरादा समझ गया। सरदार भी जानता था कि अधिक देर तक कबूतर दल के लिए जाल सहित उडते रहना संभव न होगा। पर सरदार के पास इसका उपाय था। निकट ही एक पहाडी पर बिल बनाकर उसका एक चूहा मित्र रहता था। सरदार ने कबूतरों को तेजी से उस पहाडी की ओर उडने का आदेश दिया। पहाडी पर पहुंचते ही सरदार का संकेत पाकर जाल समेत कबूतर चूहे के बिल के निकट उतरे। सरदार ने मित्र चूहे को आवाज दी। सरदार ने संक्षेप में चूहे को सारी घटना बताई और जाल काटकर उन्हें आजाद करने के लिए कहा। कुछ ही देर में चूहे ने वह जाल काट दिया। सरदार ने अपने मित्र चूहे को धन्यवाद दिया और सारा कबूतर दल आकाश की ओर आजादी की उडान भरने लगा।

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अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध एवं संपन्न संस्कृति है जिसकी मूल पहचान अनेकता में एकता ( Anekta Me Ekta ) है।

हमारे देश में अलग-अलग जाति और धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, जिनके खान-पान, पहनावा और बोली, परंपरा-रीति-रिवाजों आदि में काफी अंतर है, लेकिन फिर भी यहां सभी लोग मिलजुल कर प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हैं, और यही भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग बनाता है।

भारत की आजादी से पहले अंग्रेजों ने भारत में फूट डालो, राज करो नीति भी अपनाई, ताकि भारतीय एकता कमजोर पड़ जाए, लेकिन विदेशी ताकतों का भारतीय एकता और अखंडता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

बाबजूद इसके सभी भारतीयों ने एकजुट होकर देश को आजाद करवाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, और अपने देश को आजाद करवाने में सफल हुए, जो कि अपने आप अद्धितीय है।

और इस तरह अनेता में एकता की शक्ति का भारत देश सबसे बड़ी मिसाल है। वहीं एकता के महत्व को समझाने के लिए कई बार स्कूल-कॉलेजों में छात्रों को “अनेकता में एकता” के विषय पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में इस विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

Anekta Me Ekta

प्रस्तावना-

हमारा देश भारत विश्व में सर्वश्रेष्ठ है, अनेकता में एकता ही इसकी अखंड पहचान है जो इसे विश्व के अन्य देशों से अलग बनाती है क्योंकि अन्य देशों में भारत की तरह अलग-अलग मजहब और धर्म को मानने वाले लोग एकजुट होकर इस तरह प्रेम, भाईचारे और सद्भाव से नहीं रहते हैं।

इसलिए भारतीय संस्कृति की मिसाल विश्व भर में दी जाती है। यहां अलग-अलग धर्मों के रहने वाले लोगों के त्योहार, रीति-रिवाज, पहनावा, बोली आदि में काफी विविधिता होने के बाबजूद भी सभी मजहब के लोग अपने-अपने तरीके से रहते हैं और अपनी परंपरा और रीति-रिवाजों के साथ अपने त्योहार मनाते हैं।

भारत एक ऐसा देश है, जहां दीपावली और ईद में जितनी रौनक रहती है, उतनी ही रौनक क्रिसमस औऱ गुरु पर्व में भी देखने को मिलती है। भले ही सभी धर्मों के अपने-अपने सिद्धांत हो, लेकिन यहां रहने वाले सभी धर्म के लोगों का सिर्फ एक ही लक्ष्य भगवान की प्राप्ति है।

अनेकता में एकता ही भारत की पहचान:

भारत में “अनेकता में एकता” इसकी मूल पहचान है और यह भारतीय संस्कृति और परंपरा को सबसे अलग एवं समृद्ध बनाने में मद्द करती है। हमारा देश भारत अनेकता में एकता की मिसाल है क्योंकि भारत ही एक ऐसा देश है जो इस अवधारणा को बेहतरीन तरीके से साबित करता है।

सही मायने में अनेकता में एकता ही भारत की अखंड शक्ति और मजबूती है, जो भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाती है और इसकी एक अलग पहचान बनाती हैं।

भारत में कई अलग-अलग प्रांत हैं, जिसमें रहने वाले सभी लोगों की भाषा, जाति, धर्म, परंपरा, पहनावा आदि में काफी अंतर है जो कि (बंगाली, राजस्थानी, मारवाड़ी, पंजाबी, तमिलीयन, महाराष्ट्रीयन) आदि के रुपो में जाने जाते हैं, जो अपने आप को भारतीय कहते हैं और यही भारत में अनेकता में एकता को दर्शाता है।

भारत के लोगों की सोच, उनका आचरण, व्यवहार, चरित्र, उनके मानवीय गुण, आपसी प्रेम, संस्कार, कर्म आदि भारत की विविधता को एकता को बनाए रखने में मद्द करते हैं।

भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्म के लोग आपस में प्रेम, भाईचारे और सद्भाव के साथ रहते हैं और एक-दूसरे के मजहब, धर्म, परंपरा और भाषा का आदर करते हैं, एक – दूसरे को प्यार से अपनाते हैं, यही भारत की सबसे बड़ी विशेषता है, जो कि अपने आप में अद्धितीय और अनूठी है।

अनेकता में एकता का महत्व – Anekta Mein Ekta Ka Mahatva

देश की आजादी से पहले जब भारत, अंग्रेजों का गुलाम था और अंग्रजों के अत्याचारों और असहनीय पीड़ा को सह रहा था, उस दौरान सभी भारतीयों के अंदर स्वतंत्रता पाने की इच्छा जागृत हुई और फिर आजादी पाने के लिए काफी सालों तक संघर्ष की लड़ाई लड़ी।

इस लड़ाई में सभी भारतीयों ने एकता को अपना सबसे बड़ा हथियार मानकर जिस तरह अंग्रेजों को भारत से खदेड़ कर बाहर फेंका और स्वाधीनता हासिल की, इसे अनेकता में एकता के महत्व का पता लगाया जा सकता है।

  • अनेकता में एकता बुरी से बुरी परिस्थिति से उभरने में मद्द करता है।
  • इससे लोगों के अंदर एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम की भावना विकसित होती है और लोग एक-दूसरे के करीब आते हैं।
  • आपसी रिश्तों और भावनाओं को और अधिक मजबूती मिलती है, इससे जीवन शैली, कार्यकुशलता, और उत्पादकता में सुधार आता है और देश के विकास को बल मिलता है।
  • “विविधता में एकता” से लोगों को टीम वर्क करने में मद्द मिलती है और उनके अंदर आत्मविश्वास एवं मनोबल बढ़ता है।
  • विविधता में एकता से ही लोगों को एक – दूसरे के साथ प्रेम भाव से रहने में मद्द मिलती है और मुश्किलों से लड़ने की हिम्मत मिलती है।
  • विविधिता में एकता से आपसी रिश्तों में सुधार आता है।
  • विविधता में एकता ही भारतीय संस्कृति की अखंडता एवं प्रभुता को बनाए हुए है।

जिस तरह बाग में अलग-अलग तरह के सुंदर और आर्कषक फूल होते हैं, लेकिन सभी का काम वातावरण को सुगन्धित करना होता है, उसी तरह भारत में रहने वाले सभी लोग अलग-अलग हैं, लेकिन सभी की भावना और आत्मा एक है।

इसलिए हम सब एक है और यही हमारे देश की असली पहचान है। वहीं हम सभी को इस पहचान को बरकरार रखने में इसकी अखंडता के महत्व को समझना चाहिए और अपना सहयोग करना चाहिए।

अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay

अलग-अलग असामानताओं के बाद भी अखंडता का अस्तित्व ही विविधिता में एकता का अर्थ है। और भारत देश इसका सर्वोत्तम उदाहरण है, सिर्फ भारत देश में ही अलग-अलग धर्म, जाति, समुदाय आदि के लोगों के अलग-अलग आर्कषक रंग देखने को मिलते हैं, जो अपने आप में अद्धितीय और अनुपम है।

जाति-धर्म की असामानता के बाद भी हम सब एक हैं:

हमारा भाऱत देश, एक ऐसा देश है, जहां हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, पारसी समेत कई अलग-अलग मजहब और धर्म को मानने वाले लोग आपस में प्रेम और भाईचारे के साथ रहते हैं।

जिनकी रीति-रिवाज, परपंरा, संस्कृति, दर्शन-शास्त्र एक दूसरे से भिन्न है, लेकिन सभी के मजहब का एक ही उद्देश्य ईश्वर की प्राप्ति और किसी को कष्ट नहीं पहुंचाना है।

खान-पान अलग होने के बाद भी हम सब एक हैं:

भारत जैसी विविधता विश्व में कहीं और देखने को नहीं मिलती है, यहां जितने तरह के लोग उतने ही तरह का खान-पान है। यहां अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग धर्म के लोग अपने त्योहारों में पारंपरिक पकवान बनाते हैं और एक-दूसरे को खिलाकर खुशियां मनाते हैं।

वेशभूषा अलग होने के बाद भी हम सब भारतीय एक हैं:

यहां अलग-अलग प्रांतों में अलग-अलग तरीके का पहनावा है, जो लोगों को अपनी तरफ आर्कषित करता है। वहीं भारतीय परिधान को लेकर सभी के मन में एक अदब और सम्मान है।

विविध तरीके की बोली होने के बाबजूद भी हम सब भारतीय एक हैं:

हमारे देश भारत में हिन्दी, इंग्लिश, उर्दू, पंजाबी, उडि़या, तमिल,तेलुगू, गुजराती, कन्नड़, असमिया, मराठी, मलयालयम आदि भाषाएं बोली जाती हैं। इन सभी भाषाओं के माध्यम से लोग अपनी भावों को एक-दूसरे के साथ सांझा करते है, लेकिन भावना सबकी एक ही है, इसलिए हम सभी भारतीय एक है, क्योंकि हम सभी की भावना और आत्मा एक है।

अलग-अलग प्रांतों की अलग-अलग रीति-रिवाज होने के बाद भी हम सब एक हैं:

हमारे भारत देश में पंजाब, उड़ीसा, हरियाणा, पंजबा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, आंध्रप्रदेश समेत अलग-अलग 29 राज्य है। ये सब एक दूसरे से हर तरीके से अलग होते हुए भी एक है, जो कि भारत में विविधता में एकता को दर्शाते हैं।

जहां अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति को विश्व में सबसे अलग और समृद्ध बनाती हैं, वहीं आजकल कुछ भ्रष्टाचारी राजनेता, वोट बैंक के लालच में जाति, धर्म और संप्रदाय आदि की राजनीति कर भारतीय एकता की शक्ति को कमजोर बना रहे हैं, जो कि निंदनीय हैं।

भारतीय समाज में संपत्ति के लालच में भाई-भाई की हत्या कर रहा है और महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में इजाफा हो रहा है, जो कि भारतीय संस्कृति की छवि को पूरे विश्व में धूमिल कर रहा है, इस तरह के विकार को हमें दूर करने की जरूरत है, और यह तभी संभव है जब हम सब एकजुट होकर इसके खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

3 thoughts on “अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay in Hindi”

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You are so gineous

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अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay in Hindi

Anekta Mein Ekta Essay in Hindi दोस्तों  आज हम अनेकता में एकता पर निबंध हिंदी में लिखने वाले है. हमारे देश भारत देश की विशेषता यह है कि यहां पर अनेकता में एकता दिखाई देती है. यह हमारे देश का सौभाग्य है कि आप पर हर मूल, जाति और संस्कृति के लोग यहां रहते है. हमारे देश के लोग बहुत ही ईमानदार और साहसी होते है सभी लोग एक साथ मिल जुल कर रहते है.

Anekta Mein Ekta Essay in Hindi 150 Words

अनेकता में एकता यह कहावत हमारे भारत देश पर सही बैठती है क्योंकि हमारे देश भारत देश में विभिन्न प्रकार की विभिन्नताएं हैं फिर भी यहां पर लोगों में एकता देखने को मिलती है. हमारे देश में विभिन्न धर्मों हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई आदि धर्मों के लोग रहते है.

एक प्रांत में इतने धर्मों के लोग होने के बावजूद भी हमारे देश में लोग एक दूसरे से झगड़ते नहीं है और अनेकता में एकता का परिचय देते है. हमारे देश की मिट्टी ही कुछ ऐसी है जहां पर एक बार जो आ जाता है फिर उसका मन इस भूमि को छोड़ने का नहीं करता है.

Anekta mein ekta essay in hindi

हमारे देश में विभिन्न प्रकार की भाषाएं हिंदी, मराठी, बंगाली, हरियाणवी, पंजाबी, उर्दू आदि भाषाएं बोली जाती है. इसके बावजूद भी लोग एक दूसरे को समझते हैं और प्रेम भाव से रहते है.

हमारे देश के हर प्रांत में अलग-अलग त्योहार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और सभी धर्मों भाषाओं के लोग इन कार्यक्रमों में बड़े चाव से हिस्सा लेते है. यही हमारा देश का अनेकता में एकता का दृढ़ता का परिचय है.

Anekta Mein Ekta Essay in Hindi 300 Words

हमारी मातृभूमि वीर शहीदों के खून से पवित्र है यहां पर बड़े-बड़े ऋषियों और महापुरुषों ने जन्म लिया है जिससे इसकी पवित्रता और बढ़ जाती है इसीलिए जब भी अन्य देशों के लोग यहां पर आते हैं तो यहीं पर बस जाते हैं हमारे देश में लगभग सभी देशों के लोग निवास करते है.

और सभी प्रेम और सदभाव से रहते है. एक दूसरे की धर्म और भाषाओं का आदर करते है. यही बात हमें अन्य देशों से अलग बनाती है और हमारे देश में अनेकता में एकता देखने को मिलती है. हमारे देश कई वर्षों तक गुलामी की जिंदगी जीता रहा है फिर भी यह की मूल संस्कृति और भाषा में कोई बदलाव नहीं आया है.

यह बात यह दर्शाती है कि हमारे देश के लोगों पर कितनी भी मुसीबत क्यों ना आ जाए फिर भी हम एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते है. हमारे देश की एकता में अनेकता का परिचय तब देखने को मिला जब हमारे देश को ब्रिटिश लोगों से आजाद कराने के लिए हर जाति और धर्म के लोगों ने मिलकर स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी.

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और आखिर में जीत हासिल करके बता दिया कि हम चाहे कितने भी जाति और धर्म में बंटे हुए है लेकिन जब हम एकजुट हो जाते है  तो किसी भी शक्ति को उखाड़ फेंकने में सक्षम है.

हमारे देश के लोग प्रत्येक धर्म को उतनी ही इज्जत देते है जितनी अपने धर्म को देते है इसीलिए हमारे देश में विविधता में भी एकता है. पश्चिमी सभ्यता के लोग परिवार से अलग रहते है लेकिन हमारे भारत देश में आज भी लोग परिवार के साथ ही रहते है यह बात दर्शाती है कि हम एक दूसरे के प्रति कितने प्रेम भाव रखते है.

हमारे देश में प्रतिदिन कोई ना कोई त्यौहार या जयंती मनाई जाती है जो कि अलग-अलग धर्म और जाति के लोगों की आस्था होती है फिर भी सभी लोग मिलजुल कर यह त्यौहार मनाते है. इसीलिए हमारे भारत देश में अनेकता में भी एकता की झलक दिखाई देती है.

Anekta Mein Ekta Essay in Hindi 1000 Words

अनेकता में एकता की झलक विश्व में सिर्फ हमारे देश में ही देखने को मिलती है यह हमारे लिए गर्व की बात है. हमारे देश कई वर्षों तक विदेशी ताकतों का गुलाम रहा है फिर भी यहां के लोग आज भी जिंदा दिल है. यह बात दर्शाती है कि चाहे हमारे ऊपर कितने भी जुल्म हो, कितनी भी कठिनाई आए हम पीछे हटने वालों में से नहीं है.

हमारे देश में अनेकता में एकता उसी तरह जैसे धरती पर विभिन्न प्रकार के फूल है सभी फूलों की खुशबू अलग तरह की है लेकिन सभी फूलों का काम वातावरण को सुगंधित करना है इसी प्रकार हमारे देश में अनेकों प्रकार की भिन्नता है लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही है कि हम एकजुटता से रहें और पूरी दुनिया को इतनी विभिन्नता होते हुए भी अपनी एकता का परिचय दें.

हमारे देश के लोगों का एक-दूसरे के ऊपर आज भी विश्वास कायम है जो कि पश्चिमी सभ्यता में कम ही देखने को मिलता है. हमारे देश में विभिन्न प्रकार के धर्मों हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई बड़े ही प्रेम भाव से रहते है. हर धर्म का व्यक्ति दूसरे धर्म को उतनी ही इज्जत और आशा से देखता है जितने कि अपने धर्म को देखता है इसीलिए शायद हमारे देश में आज भी मानवता जिंदा है.

हमारे भारत देश में विभिन्न प्रकार की भाषाएं हिंदी, इंग्लिश, उर्दू, मराठी, पंजाबी, बंगाली और भी कई क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं यहां पर हर दूसरे राज्य में एक नई भाषा बोली जाती है कहीं-कहीं पर तो एक ही राज्य में कई प्रकार की भाषाएं बोली जाती है यही बात हमारी एकता को दर्शाता है.

हमारे यहां पर प्रत्येक राज्य में हर दिन कोई ना कोई त्योहार जरूर होता है जिसको सभी धर्म और जातियों के लोग खूब धूमधाम से मनाते है. हमारे देश के प्रत्येक प्रांत में लोग अलग-अलग वेशभूषा पहनते है जैसे पंजाब में पगड़ी, राजस्थान में रुमाल बांधते हैं कहीं पर धोती पहनी जाती है तो कहीं पर सूट पहना जाता है फिर भी लोगों में एक दूसरे के प्रति ईष्या का भाव उत्पन्न नहीं होता है.

हमारा देश कई जातियों ब्राह्मण, क्षत्रिय, जाट और भी कई अन्य जातियों में बटा हुआ है फिर भी लोगों में कोई विरोधाभास नहीं है. सभी लोग एक दूसरे को सम्मान की नजरों से देखते है. हमारे देश का कानून भी सभी लोगों को बराबर अधिकार प्रदान करता है चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो.

हमारे देश में प्रत्येक साल कई मेले भरते है कभी उर्स मेला लगता है तो कभी कुंभ का मेला यह दोनों मेले अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों के है लेकिन हमारा पूरा देश इन मेलों में शामिल होता है यह बात दर्शाती है कि हम सभी के मेलों और धर्म का आदर करते है.

हमारे भारत देश में सभी प्रांतों में लोग अलग प्रकार के खान-पान करते है और उनका रहन-सहन भी अलग होता है. हमारे खान-पान और रहन-सहन में इतना फर्क होने के बावजूद भी हम मिल जुल कर रहते है. और एक दूसरे के खान पान और रहन सहन की तारीफ करके उनको सम्मान भी देते है.

हमारा देश अनेक राज्यों में बटा हुआ जैसे राजस्थान, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु उड़ीसा, कश्मीर, बिहार आदि है इन सभी राज्यों की संस्कृति और माहौल एक दूसरे से बिल्कुल अलग है फिर भी हम एक दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं क्योंकि हमारे देश के लोग प्रेम-भाव की डोर से बंधे हुए है.

अंग्रेजो ने हमारे देश को रंग के आधार पर भी बांटने की कोशिश की लेकिन हम कभी भी रंग के आधार पर नहीं बंटे क्योंकि हमारे देश के लोगों को अच्छे से पता है कि इंद्रधनुष के सात रंग एक साथ देखने पर ही अच्छे लगते है उसी प्रकार हमारे देश में सभी लोगों को महत्व है उसके रंग का काले या गोरे होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. यह बात दर्शाती है कि हमारी सोच कितनी अच्छी है.

हमारे देश में प्रत्येक इंसान पर प्राकृतिक विविधता भी पाई जाती है कहीं पर अत्यधिक मात्रा में बर्फ गिरती है तो कहीं पर तेज धूप पड़ती है लेकिन फिर भी हमारी प्रकृति में संतुलन बना रहता है प्रकृति हमें हमेशा मिलजुल कर रहने का संदेश देती है.

लेकिन वर्तमान में कुछ लोगों द्वारा जाति भेदभाव की राजनीति की जा रही है और लोगों को एक दूसरे के प्रति भड़काया जा रहा है जिसके कारण हमारे देश में कहीं ना कहीं लोग जाति, रंग और प्राकृतिक साधनों के लिए लड़ते रहते है.

यह हमारे देश के लिए बहुत ही बुरा है कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए पूरे देश का माहौल खराब कर रहे है. हमें इन लोगों को पहचान कर हमारे समाज से बाहर करना होगा नहीं तो ये एक दूषित पर फल की तरह हम सभी फलों को खराब कर देंगे.

हमें यह जानना होगा कि हमारे लिए क्या सही है और क्या गलत है हमें दूसरों के भड़काने पर नहीं भडकना चाहिए हमारे बुजुर्ग लोग बड़े ही शांति से और सोच विचार कर काम करते थे लेकिन आजकल बिना सोचे समझे ही लोग भड़क जाते है और देश में हड़ताल और दंगे करने लग जाते है.

हमें फिर से एकजुट होना होगा और हमारे देश की राजनीति में घुसे हुए स्वार्थी भेड़ियो को बाहर निकालकर फेंकना होगा. अगर हमने जल्द ही ऐसा नहीं किया तो यह हमें जाति और धर्म के नाम पर बांट कर अपना स्वार्थ पूरा करेंगे.

और हम जाति और धर्म में उलझ कर रह जाएंगे इसलिए हमें हमारी एकता का परिचय देते हुए सोच समझकर कार्य करना होगा और हमारे देश को प्रगति की राह पर लाना होगा फिर से लोगों को बताना होगा कि हमारे देश में चाहे कितनी भी विभिन्नता क्यों ना हो हम सदा एकजुट और प्रेम पूर्वक रहेंगे.

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29 thoughts on “अनेकता में एकता पर निबंध – Anekta Mein Ekta Essay in Hindi”

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अनेकता में एकता

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(I like this your essay ) hamare school me essay pratiyogita hui hti hamne yahi essay likha tha or hamare school me mera 1st no. Aaya hai (thanks)

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Rashmi Mudgulkar, Thank you very much for the appreciation

i like your essay but yeah 944 words ka hi tha but i got first price thanks

Thank you riddhi ji and congratulation for first prize.

Hme -1500words me chahiye

Sany Ray, hum jald hi 1500 words ka essay bhi likhe ge.

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essay on ekta me bal in hindi

एकता में शक्ति की तीन शानदार कहानियाँ – Ekta me Shakti Story in Hindi

Ekta me Shakti Short Story in Hindi – कहते हैं कि एक अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता…कहने का मतलब यह है कि एकता में ही शक्ति है…यहां प्रस्तुत कहानी जो है तो बड़ी पुरानी। लेकिन विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से कक्षा 2, 3 और 4 के बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है। तो चलिए जानतें हैं एकता में शक्ति है कहानी, जो निश्चित रूप से छोटे बच्चों और छात्रों को प्रेरित करेगी।

बंद मुट्ठी लाख की और खुल जाए तो खाक की…

एक बार हाथ की पांचों उंगलियों में आपस में झगड़ा हो गया। वे पांचो खुद को एक दूसरे से बड़ा सिद्ध करने की कोशिश में लगे थे। अंगूठा बोला कि मैं सबसे बड़ा हूं उसके पास वाली उंगली बोली मैं सबसे बड़ी हूं। इसी तरह सारे खुद को बड़ा सिद्ध करने में लगे थे।

जब निर्णय नहीं हो पाया, तो वे सब अदालत में गए। न्यायधीश ने सारा माजरा सुना और उन पांचों से बोला कि आप लोग सिद्ध करो कि कैसे तुम सबसे बड़े हो?

अंगूठा बोला – मैं सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा हूं। क्योंकि लोग मुझे हस्ताक्षर के स्थान पर प्रयोग करते हैं। पास वाली उंगली बोली की लोग मुझे किसी इंसान की पहचान के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। उसके पास वाली उंगली ने कहा कि आप लोगों ने मुझे नापा नहीं; अन्यथा मैं ही सबसे बड़ी हूं। उसके पास वाली उंगली बोली मैं सबसे ज्यादा अमीर हूं। क्योंकि लोग हीरे, जवाहरात और अंगूठी मुझेमें पहनते हैं।

इसी तरह सभी ने अपनी अलग-अलग प्रशंसा की। न्यायधीश ने एक रसगुल्ला मंगाया और अंगूठे से कहा कि इसे उठाओ। अंगूठे ने भरपूर जोर लगाया लेकिन रसगुल्ले को नहीं उठा सका। इसके बाद सारी उंगलियों ने एक-एक करके कोशिश की लेकिन सभी विफल रहे।

अंत में न्यायधीश ने सबको मिलकर रसगुल्ला उठाने का आदेश दिया। तो झट से सब ने मिलकर रसगुल्ला उठा दिया। फैसला हो चुका था। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि तुम सभी एक दूसरे के बिना अधूरे हो और अकेले रहकर तुम्हारी शक्ति का कोई अस्तित्व नहीं है। जबकि संगठित रहकर तुम कठिन से कठिन काम आसानी से कर सकते हो।

तो मित्रों एकता में बहुत शक्ति होती है। ये बात बरगद के पेड़ पर में रहने वाली गिलहरी को जब समझ में आई तो उसने सोचा मिल जुल कर रहना चाहिए। सभी को मिलकर काम करना चाहिए। क्योंकि –

एकता का फल मीठा होता है… 

एक दिन गिलहरी अपने साथ पेड़ पर रहने वाली मैना से बोली – ‘दीदी हम तीनों अलग-अलग खाना बनाते हैं। इसमें समय ज्यादा लगता है। क्यों न एक साथ ही सबका खाना बना लिया करें? तो मैना बोली और कपड़े भी सब अलग-अलग धोते हैं। उसमें भी समय अधिक लगता है।

उसी पेड़ के नीचे एक मुर्गी रहती थी। उनकी बाते सुन कर मुर्गी ने कहा सभी को अपने बगीचों की अलग-अलग रखवाली भी करनी पड़ती है। कभी-कभी तो हम तीनों ही रात भर जागती हैं इससे क्या लाभ है? क्यों न हम तीनों मिलकर काम करें? मुर्गी बहन बागवानी देखें तथा सब्जियाँ उगाएँ। बहन मैना कपड़े धोए। और गिलहरी बहन खाना बनाएँ।

फिर गिलहरी ने रोज की रसोई का सारा काम संभाल लिया। वह बड़ी फुर्ती से जाती; ताज़ी हरी सब्जियाँ तोड़ कर लाती और पकाती। जो की मुर्गी रानी बगीचे में पानी डालकर निराई गुड़ाई कर उगाई रहती थी। मुर्गी बगीचे में तरह तरह के फल-फूल बोती थी। जिससे कुछ ही दिनों में पूरा बगीचा तरह-तरह की सब्जियों, फलों और फूलों से खूब खिल उठा था।

मैना सभी के कपड़े की गठरी बांध लेती। उसे पंजों में दबाकर नदी के किनारे ले जाती। साबुन लगाकर कपड़े रगड़ती और चोंच में दबाकर नदी में धो लाती। अब गिलहरी मैना और मुर्गी के पास समय भी बचता था। कम मेहनत में उनका अच्छे से सारा काम हो जाता था। इससे उनकी समय की भी बचत होती थी। अपने बचे समय में तीनों ही सहेलियां पेड़ के तले बैठकर गपशप करती थी।

एक दिन तीनों बैठी-बैठी मूंगफली खा रही थी। खाते-पीते गिलहरी बोली दीदी हम बहुत समय तक खाली बैठी रहती हैं। इस तरह खाली बैठने से क्या लाभ? हर समय कुछ ना कुछ करते रहना चाहिए।

मैना बोली हां दीदी अपना काम तो सभी करते हैं। महान वही है जो दूसरों की भलाई का काम करते हैं। तीनों ने सोचा कि पेड़ के नीचे एक स्कूल खोला जाए। कलियां, कोयल कुहुक-कुहुक कर सबको यह बात बता आई।

दूसरे ही दिन से चींटी, कोयल, चिडयाँ आदि के बहुत से बच्चे पढ़ने आने लगे। मैना गिलहरी और मुर्गी जल्दी-जल्दी अपना काम कर लेती । दोपहर में भी बच्चों को पढ़ाया करती। धीरे-धीरे कोयल, चींटी और चिड़िया सभी के बच्चे बड़े होशियार हो गए। उनके इस काम से आज भी जंगल के पक्षी गिलहरी, मैना और मुर्गी की प्रशंसा करते रहते हैं। सच है जो अपना काम मिल जुलकर करते हैं वह सुखी रहते हैं और दूसरों से प्रशंसा भी पाते हैं। 

इसी प्रकार भारत अनेक विविधताओं का देश है। यहाँ के लोग अनेक धर्मों, प्रजातीय, भाषाई, सांस्कृतिक आदि समूहों में बंटे हुए। इसलिए देश को जोड़ने  के लिए हमारा और आपका यानि सबका आपस में जुड़ना बेहद जरुरी है। आखिर जुड़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया… यह बात विनोवा भावे जी बहुत अच्छी तरह समझते थे। यह कहानी विनोवा भावे के जीवन का ही एक वाकया है।

जुड़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया…

एक दिन विनोवा भावे जी के पास collage के कुछ students आये। विनोवा जी ने उन्हें कागज के टुकड़े देते हुए कहा – आप लोगों को इन कागज के टुकडो से भारत का नक्शा बनाना है। विद्यार्थी बहुत देर तक सिर खपाने के बाद भी उन टुकड़ो को जोड़कर नक्शा नहीं बना पाये। पास ही एक नौजवान युवक बैठा यह सब देख रहा था।

कुछ साहस करके उसने विनोवा जी से कहा – “आप यदि आज्ञा दें तो मैं इन टुकड़ो को जोड़ दूं।”

विनोवा जी की आज्ञा पाकर कुछ ही देर में उस युवक ने टुकडो को जोड़कर नक्शा बना दिया।

विनोवा जी ने उस युवक से पूछा –   “तुमने इतनी जल्दी इन टुकड़ों को कैसे जोड़ दिया?” 

युवक ने कहा – “इन टुकड़ो में एक तरफ भारत का नक्शा है तथा दूसरी तरफ आदमी का। मैंने आदमी को जोड़ा भारत अपने आप बन गया।

उस युवक की बातों और बिचारों से खुश होते हुए विनोवा जी बोंले – बिलकुल सही, एकता में अपार शक्ति होती है। इसलिए यदि हमें देश को जोड़ना है तो पहले आदमी को जोड़ना पड़ेगा, आदमी जुड़ेगा तो देश अपने आप जुड़ जायेगा।

Moral : भारत अनेक विविधताओं का देश है। यहाँ के लोग अनेक धर्मों, प्रजातीय, भाषाई, सांस्कृतिक आदि समूहों में बंटे हुए। इसलिए देश को जोड़ने  के लिए हमारा और आपका यानि सबका आपस में जुड़ना बेहद जरुरी है। आखिर जुड़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया…

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दोस्तों ! उम्मीद है उपर्युक्त ‘ Ekta me Shakti Short Story in Hindi छोटे और बड़े सभी लोगों के लिए उपयोगी साबित होगा। गर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसमें निरंतरता बनाये रखने में आप का सहयोग एवं उत्साहवर्धन अत्यंत आवश्यक है। आशा है कि आप हमारे इस प्रयास में सहयोगी होंगे साथ ही अपनी प्रतिक्रियाओं और सुझाओं से हमें अवगत अवश्य करायेंगे ताकि आपके बहुमूल्य सुझाओं के आधार पर इस कहानी को और अधिक सारगर्भित और उपयोगी बनाया जा सके।

और गर आपको इस कहानी या लेख में कोई त्रुटी नजर आयी हो या इससे संबंधित कोई सुझाव हो तो वो भी आमंत्रित हैं। आप अपने सुझाव को इस लिंक Facebook Page  के जरिये भी हमसे साझा कर सकते है। और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं। धन्यवाद!

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17 thoughts on “ एकता में शक्ति की तीन शानदार कहानियाँ – Ekta me Shakti Story in Hindi ”

Bahut achhi kahani hai.

What a inspiring story.

ऐसे प्रेरक प्रसंग हमारे मन में जीने का उत्साह पैदा करते है, बहुत ही सुन्दर प्रेरक प्रसंग आपने हम सब के बीच रखा है | बहुत बहुत धन्यवाद बबिता जी

good post Babita ji

धन्यवाद Sandeep जी |

“इन टुकड़ो में एक तरफ भारत का नक्शा है तथा दूसरी तरफ आदमी का | मैंने आदमी को जोड़ा भारत अपने आप बन गया | ye line dil ko chu gayi and thanks 🙂

Thanks Jandial ji and keep reading.

wah! bahut acchi moral batati hai yeh kahani……impressive…..thanks for share……

Thanks Amul ji.

Kya khoob baat kahi hai. Insaan khud ko pehle jode, baaki saari cheeze khud hi hal ho jayengi. Bahut Badhiya.

Thanks and please keep reading.

Hi Babita, Thanks for sharing interesting story on website .your thought is very great and useful for readers. For India Breaking News

Thanks and please keep reading. Breaking news on indianewz.org are also interesting.

Achha ARticle hai mam

Thanks Sachin ji. Keep reading.

NICE THOUGHT BABITA JI

धन्यवाद Shiv ji.

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Ekta Mein Bal Story In Hindi With Moral

Ekta Mein Bal | Story In Hindi With Moral | एकता में बल 2023

Ekta mein bal | एकता में बल हैं.

बच्चों को बचपन में कहानियाँ सुनना बहुत पसंद आता है, बच्चों का कहानिओं से एक अलग ही नाता होता है। कहानियां जिंदगी की छोटी बड़ी सीख बड़े ही सहज और सरल तरीके से सीखा देती हैं, बच्चे भले ही कहानी भूल जाये लेकिन कहानिओ से मिला सीख जीवन भर याद रखते है। आज ऐसी ही आप सबके लिए एक सीख देने वाली कहानी एकता में बल Ekta Mein Bal होता है लेके आया हूँ।

Table of Contents

किसी गाँव में शंकर नाम का एक किसान रहता था, उसके तीन बच्चे थे, शंकर बहुत ही मेहनती था, उसके खेत में अच्छी फसल होती, शंकर की जिंदगी बहुत खुशी-खुशी गुजर रही थी।

शंकर के तीनो बच्चे मिलजुल कर रहते खेलते, खाते, पढ़ने जाते, सब कुछ अच्छा चल रहा था।

बच्चे धीरे-धीरे बड़े होने लगे, बड़े होने के साथ-साथ उनके बिच छोटी-छोटी बातो को लेके हमेसा लड़ाई होने लगा था।

शंकर के लाख समझाने के बाद भी बच्चे हमेसा किसी ना किसी बात पे लड़ते झगड़ते रहते, इन हरकतों से शंकर बहुत परेशान रहने लगा।

शंकर बूढ़ा होने लगा, धीरे-धीरे बच्चे और बड़े हुए और साथ में इनकी लड़ाई झगड़ा भी बड़ा हो गया, शंकर बच्चो के भविस्य को लेके बहुत चिंता में रहने लगा।

एक दिन शंकर ने अपने बच्चो को समझाने के लिए एक तरकीब सोची और बच्चो का घर आने का इंतजार करने लगा।

बच्चे जैसे ही घर आये शंकर तीनो बच्चो को अपने पास बुलाया।

Ekta Mein Bal Story In Hindi With Moral

तीनो बचे थोड़ा हैरान थे, आज अचानक ऐसा क्या हुआ जो पिताजी ने तीनो भाई को साथ बुलाया है।

तीनो बच्चे भागते हुए जल्दी से आये और तीनो ने एक साथ पूछा क्या हुआ पिताजी सब ठीक तो है, क्या बात है? ऐसे अचानक से तीनो भइओ को एक साथ बुलाये।

शंकर ने कहा हा सब ठीक है, घबराने की कोई बात नहीं है, बस मैं तुम तीनो को एक काम देना चाहता हूँ, और देखते है उस काम को कौन सबसे अच्छा से करता है।

तीनो बच्चे बोले हाँ ठीक है पिताजी काम बताइये बड़े बेटे ने कहा मेरे से अच्छा कोई नहीं करेगा काम तो मैं ही करूँगा दूसरे वाले ने भी यही कहा तीसरे पुत्र ने कहा मैं इन सब से बलसाली हूँ काम को सबसे अच्छे ढंग से सिर्फ मैं ही कर सकता हूँ

ऐसी Story In Hindi With Moral   के लिए आप हमें WhatsApp पे फ़ॉलो कर सकते हैं   :  WhatsApp Link

इस बात के लिए भी तीनो भइओ में लड़ाई सुरु हो गई, शंकर ने कहा मैं तुम लोगो को यहाँ लड़ाई करने के लिए नहीं बुलाया हूँ, सबको काम करने का बराबर मौका मिलेगा।

रस्ते का खुटा

शंकर ने घर के रस्ते पर एक खुटा गाड़ रखा था, तीनो बच्चो से कहा हम जो भी काम बोल रहे है ओ आप तीनो को बारी बारी से करना है देखते है कौन इस काम को सब से बेहतरीन ढंग से करता है।

शंकर ने बड़े पुत्र को कहा घर के रस्ते पर एक खुटा जमीन में धसा हुआ है उसे उखाड़ के लेके आओ, बड़े पुत्र ने कहा ये तो मेरे बाये हाथ का काम है, दूसरे बेटे ने कहा यह काम तो बहुत आसान है कोई भी कर लेगा, तीसरे बेटे ने कहा मैं इन दोनों में ज्यादा बलसाली हूँ इस काम को मेरे से बेहतर कोई नहीं कर सकता।

शंकर ने कहा सबर रखो सबको बराबर मौका मिलेगा, और बड़े बेटे को जाने को कहा शंकर का बड़ा पुत्र उस खुटे को उखाड़ने चला गया, उसके बहुत कोसिस के बाद भी खुटा नहीं उखड पाया और थक हार के वापस आगया।

बड़े पुत्र ने आके दूसरे भाई से कहा मेरे से वह खूटा नहीं उखड पाया, तुम जाओ कोसिस कर के देखो शंकर के दूसरे पुत्र ने जा कर खुटे को उखाड़ने का नाकाम कोसिस किया, फिर तीसरे पुत्र को भेजा वह भी बहुत कोसिस किया और हार मान कर आगया।

तीनो बच्चो ने कहा पिता जी यह बिलकुल असंभव काम है, यह काम तो कोई नहीं कर सकता, शंकर ने मुस्कुरा कर कहा ठीक है अब तुम तीनो जाओ और एक साथ मिलके उस खुटे को उखाड़ने का कोसिस करो।

तीनो बच्चे खुटे के पास पहुँचे और एक साथ मिलके जोर लगाया थोड़े देर के प्रयास में खुटा जमीन से बहार आगया तीनो खुशी-खुशी अपने पिता के पास खुटा लेके आगये।

Ekta Mein Bal Story In Hindi With Moral

शंकर ने तीनो बच्चो को समझाया यह खुटा रास्ते पर एक ठोकर था, यानिकि एक समस्या था और इस समस्या से तुम तीनो अलग अलग लड़ने का कोसिस किये और हार गए, और जब तुम तीनो एक साथ मिलके इस समस्या से लड़े तो तुम्हारी जित हुई।

तुम तीनो अगर इस तरह से लड़ते झगड़ते रहोगे और अलग हो जाओगे तो जीवन के ऐसे ही कोई बड़ी समस्या आएगी तो तुम सब कैसे उस समस्या का सामना करोगे तुम सब हार जाओगे, अगर एक साथ होक हिमत से लड़ोगे तो जित तुम्हारी ही होगी।

इसलिए तुम तीनो भाई आपस मे मिल जुल के प्रेम से रहो एकता मे बल होता है ना की अकेले अलग रहने में, शंकर के तीनो पुत्र बात को समझ गए और आपस में मिलजुल के प्रेम भाव से रहने लगे।

एकता में बल कहानी से सीख : Ekta Mein Bal Ki Kahani Ka Moral

इस कहानी से हमे यही शिक्षा मिलती है की हमे आपस में नहीं लड़ना चाहिए और एक दूसरे का मान सम्मान करना चाहिए क्योंकि एकता में ही बल है।

आप को Ekta Mein Bal Story In Hindi With Moral “एकता में बल” कहानी कैसी लगी हमे कमेंट करके जरूर बताये धन्यवाद

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एकता में शक्ति

संगठन में शक्ति

मिलजुल कर कार्य करने की शक्ति को ही संगठन या एकता कहते है | संगठन सब प्रकार की शक्तियों का मूल है | कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी समृद्ध हो , शक्तिशाली हो अथवा बुद्धिमान हो , अकेले अपनी आवश्यकताओ की पूर्ति नही कर सकता है | वह केवल दुसरो के सहयोग से ही अपनी आवश्यकताओ को पूरा कर सकता है | कोई भी परिवार, समाज तथा राष्ट्र अपनी उन्नति संगठित हुए बिना नही कर सकता है | बिना संगठन के कोई भी कार्य संभव नही है | यह हम भली – भांति जानते है कि सम्पूर्ण सृष्टि का निर्माण भी पाँच तत्वों के मेल से हुआ है |

संगठन में असीमित शक्ति होती है | संगठित होकर ही कोई भी समाज सुख – समृद्धि तथा सफलता को प्राप्त कर सकता है | ऐसे अनेक उदाहरण हमारे सम्मुख है जो इस बात के प्रमाण है | अकेले धागे को कोई भी आसानी से तोड़ सकता है परन्तु अनेक धागों के मेल से बनी रस्सी द्वारा बड़े-से-बड़े हाथी को आसानी से बाधा जा सकता है | अकेली पानी की बूंद का कोई महत्त्व नही होता यदि जब ये बूंदे मिलकर नदी का रूप धारण कर लेती है तो वह नदी अपनी प्रवाह के रास्ते में आने वाले बड़े-से-बड़े पेड़ो और शिलाओं (चट्टानों) को भी बहा ले जाती है | इतिहास साक्षी है कि जो देश , जातियाँ तथा कुटुम्ब जिनते अधिक संगठित रहे है उनका संसार में उतना ही अधिक बोलबाला रहा है |

हम भली- भांति जानते है कि भारतवर्ष की परतन्त्रता का मूल कारण हमारे अन्दर संगठन की कमी थी | अंग्रेजो ने इस बात का लाभ उठाया | उन्होंने हम भारतवासियों में फूट डालकर हमे गुलाम बना लिया था | परन्तु जब हमने संगठित होकर उनसे संघर्ष किया तो हमारा देश स्वतंत्र हो गया | यह थी संगठन (एकता) की शक्ति | आज हमे इसकी अत्यन्त आवश्यकता है | संगठित होकर ही मजदूर अपने हितो की रक्षा करने में समर्थ हो पाते है | आज के संघर्षशील युग में, संगठित होकर ही हम अधिक सुखी और समृद्धिशाली बन सकेगे | आज कोई भी देश, जाति, संस्था अथवा समाज चाहे वह बड़ा हो या छोटा हो बिना संगठन के जीवित नही रह सकते है |

हमारे देश भारत को आजकल अनेक शत्रु राष्ट्रों की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है | इनके अतिरिक्त कुछ आंतरिक शत्रु भी है जो हमारे देश को नष्ट करने पर तुले हुए है | यदि हम इन बाह्म तथा आन्तरिक शत्रुओ का सामन करना चाहते है तो हमे संगठित होकर रहना होगा | अंत : हमे अपने पारिवारिक हित के लिए , अपने समाज तथा देश के हित के लिए सभी भेदभावो को भुला कर संगठित होकर रहना चाहिए |

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essay on ekta me bal in hindi

commentscomments

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bhut asha asay likha he jisne bhi likha

BEST OF LUCK

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Really good 💯 very very very 👍

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Bahut aacha he thankyou

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Outstanding, beautiful words

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Thank u very much for this lovely speech on EKTA Mein Shakti

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Bahut acha Khub bhalo

You are a very good writer.

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