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Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

नमस्कार दोस्तों, कहा जाता है ना कि जिंदगी में हर किसी का कोई ना कोई सपना जरूर होता है। वह डॉक्टर, शिक्षक, पायलट, आर्मी ऑफिसर, कुछ ना कुछ जरूर बनना चाहता है। तो आइए हम आपकी सहायता करते हैं कि आपको अपने जीवन के लक्ष्य के बारे किस तरह से सोचना चाहिए कि आप को अपने जीवन में क्या करना है।

Essay on Mere Jeevan ka Lakshya in Hindi

हम यहाँ पर मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध शेयर कर रहे हैं। यह निबन्ध अलग-अलग शब्द सीमा में शेयर किया है, जिससे विद्यार्थियों को आसानी रहे। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के लिए मददगार है।

यह भी पढ़े:   हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध (100, 150, 200, 250, 300 और 1000 शब्दों में)

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 100 शब्द.

हर मनुष्य अपने जीवन में लक्ष्य बनाता है। मनुष्य का अपने जीवन के लिए लक्ष्य बनाना एक स्वाभाविक गुण माना जाता है। हर व्यक्ति कोई न कोई लक्ष्य या कोई न कोई प्राप्ति हासिल करना चाहता है। हर व्यक्ति के मन में सपने होते हैं और उसी सपनों को पूरा करने के लिए व्यक्ति काम करता है।

बिना लक्ष्य के व्यक्ति अपने जीवन में लड़खड़ा ना शुरू कर देता है। व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। मनुष्य को अनुशासन पर चलाने में भी लक्ष्य का निर्धारण बहुत ही ज्यादा जरूरी है, जो व्यक्ति के सामने कोई न कोई टारगेट होता है, तो व्यक्ति अनुशासन के तहत मेहनत करता है। मैंने अपने जीवन में डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने की बात छोटी उम्र में दिमाग में बिठा ली थी।

mere jeevan ka lakshya essay in hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 150 शब्द

विद्यार्थी भी अपने जीवन में शुरुआत से ही कोई लक्ष्य को चयनित कर लेते हैं। लक्ष्य हासिल करने के लिए विद्यार्थी हमेशा तत्पर रहता है। हर इंसान के द्वारा लक्ष्य का निर्धारण किया जाता है और उसी निर्धारण के आधार पर लक्ष्य प्राप्ति के पीछे मुकाम हासिल करने की चाहत रखते हैं।

मनुष्य के द्वारा निर्धारित किए गए लक्ष्य मनुष्य को विपरीत दिशाओं से मुकाबला करते हुए अपने मंजिल तक पहुंचने की चाहत पैदा करते हैं। लक्ष्य के आधार पर ही व्यक्ति सही राह पर चल सकता है। अन्यथा उस व्यक्ति के सामने हजार रास्ते मौजूद हो जाते हैं। जहां व्यक्ति कौन से रास्ते का चयन करें इसके बारे में सही से सोच नहीं पाता है। हर मनुष्य को अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए।

लक्ष्य का निर्धारण करना मनुष्य के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। मैंने अपने लक्ष्य के लिए अपने माता-पिता ओं को प्रथम गुरु मानते हुए उनका मुख्य सहयोग लिया है। इसके अलावा मैंने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सहपाठियों और गुरुजनों का सहयोग प्राप्त किया।

लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मैंने सही तरीके से कार्य की और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक सही रास्ते का चयन किया। उसके पश्चात मैंने पूरे विश्वास के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। तब जाकर मुझे अपना लक्ष्य हासिल हुआ।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 200 शब्द

लक्ष्य का निर्धारण करना और उसे हासिल करना मनुष्य के लिए एक नए जीवन की शुरुआत के समान होता है। जब मनुष्य वृद्धावस्था में भी अपने लक्ष्य को हासिल करता है तो उस समय मनुष्य के मन में खुशी के कोई ठिकाने नहीं होते हैं। बूढ़े को भी लक्ष्य की प्राप्ति जवान बना देती है।

लक्ष्य की प्राप्ति करने में जो कठिनाइयां सामने आती है। उन कठिनाइयों से भलीभांति परिचित होकर ही आपको विश्वास और लगन के साथ परिश्रम करना चाहिए। व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए माता-पिता और गुरुजनों का सहयोग ले सकता है।

गीता में एक बात कही गई है कि “कर्मियेवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचनः” इसका तात्पर्य देखा जाए तो इसका मतलब मुझे पूर्ण विश्वास है, कि मैं अपने लक्ष्य तक अवश्य पहुंच जाऊंगा। यदि व्यक्ति के मन में यह आत्मविश्वास रहता है तो व्यक्ति अक्सर अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेता है।

विद्यार्थी भी अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण करते हैं। विद्यार्थियों के मन में भी बड़े होकर ऊंचे पद पर नौकरी हासिल करना, बड़े होकर डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना होता है, जो विद्यार्थियों के लिए एक लक्ष्य और चुनौती की तरह होता है। यह लक्ष्य और चुनौती को हासिल करने के लिए विद्यार्थी पुरजोर से मेहनत करता हैं।

mere jeevan ka lakshya essay in hindi

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 250 शब्द

हर व्यक्ति को अपने जीवन में कोई ना कोई उद्देश्य जरूर रखना चाहिए। एक लक्ष्य ही होता है, जो हमें हमारे सपनों तक पहुंचा सकता है और हमें एक अलग पहचान दे सकता है। जिस व्यक्ति का कोई सपना नहीं होता, कोई लक्ष्य नहीं होता, वह जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता।

ऐसे लोगों को ही अक्सर कहते सुना है कि हमारी किस्मत ही हमारे साथ नहीं है। अगर हम मेहनत ही नहीं करेंगे तो हमें फल कहां से मिलेगा। इसीलिए भगवान ने भी गीता में कहा है कि कर्म करते रहो फल की इच्छा मत करो।

देखा जाए तो आपको हर व्यक्ति से सुनने को मिलेगा कि हमारा लक्ष्य यह है, हम यह बनना चाहते हैं। कुछ लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो कुछ लोग इंजीनियर बनना चाहते हैं, कुछ लोगों को बच्चों को पढ़ाने में दिलचस्पी होती है, इसलिए वे शिक्षक बनना चाहते हैं, कुछ लोग अभिनेता बनना चाहते हैं, जबकि वहीं कुछ लोग नेता बनना चाहते हैं। हमारा तात्पर्य यह है कि इंसान वही बनना चाहता है, जिसमें उसकी रूचि होती है, जिसमें वह आत्मसमर्पण से मेहनत कर सकता है।

कुछ लोग अपने लक्ष्य को अपनी हैसियत के हिसाब से चुनते हैं, तो कुछ लोग अपने लक्ष्य अपनी सोच के हिसाब से, जिसकी जैसी सोच होती है, वैसा ही वह लक्ष्य चुनता है। कुछ लक्ष्य तो सुनने में और करने में अच्छे होते हैं, परंतु कुछ लक्ष्य ऐसे होते हैं जो हमें अपने लक्ष्य से भ्रमित कर सकते हैं।

देखा जाए तो जीवन में हर व्यक्ति को चुनौतियां और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। परंतु जीवन में किसी भी व्यक्ति को हार नहीं माननी चाहिए। हमें तब तक प्रयास करना चाहिए, जब तक हमारा शरीर हमारे साथ है।

कई लोग कहते हैं कि आपने ऐसा लक्ष्य चुना है, यह तो आपसे नहीं हो पाएगा। ऐसा हम मान सकते हैं कि हमारा लक्ष्य कठिन हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। हमें निरंतर प्रयास करते ही रहना चाहिए। कभी ना कभी सफलता हमारे कदम चूमेगी।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 300 शब्द

मैंने अपने जीवन में एक लक्ष्य का निर्धारण किया है। जब मैं पांचवी कक्षा पास कर चुका था तब मैंने डॉक्टर बनने का एक लक्ष्य निर्धारित किया था और डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए मैंने अपने लक्ष्य का पीछा करना शुरू किया।

लक्ष्य का पीछा करते-करते ही मैंने अपनी पढ़ाई पर बहुत जोर दिया। दिन रात मुझे अपने लक्ष्य को हासिल करने की चाहत रहती हैं। मैं अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम शुरू कर चुका हूं। डॉक्टर बनने के लिए मैंने परिश्रम में अपनी तरफ से कोई भी कसर नहीं छोड़ी।

डॉक्टर बनने के लिए जो पढ़ाई करनी होती है, उस पढ़ाई के लिए मैंने अपनी पूरी मेहनत जौक दी। पढ़ाई करने मैं मेहनत करने के साथ-साथ डॉक्टर बनने के लिए और क्या जरूरी होता है। उसके बारे में भी मैंने दसवीं कक्षा से ही शुरुआत कर ली।

दसवीं कक्षा के बाद मैंने विज्ञान वर्ग का चयन करके डॉक्टर बनने के लिए पहली सीढी पर कदम रखा था। 11वीं और 12वीं कक्षा में ने बायोलॉजी विषय से पूरी की और उसके पश्चात एंट्रेंस एग्जाम में भाग लिया।

जब मैंने एंट्रेंस एग्जाम को पास कर लिया तो मुझे डॉक्टर के लिए जरूरी डिग्री एमबीबीएस के लिए कॉलेज मिल गया था। अब मैंने कॉलेज में कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करना शुरू किया। धीरे-धीरे मेरी कॉलेज की डिग्री पूरी होती गई और मेरा डॉक्टर बनने का सपना भी पूरा होने वाला था।

उसके पश्चात मैंने मास्टर डिग्री हासिल की और ट्रेनिंग की अवधि पूरी कर के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। मुझे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का बहुत ज्यादा गर्व महसूस होता है। जब मैंने लक्ष्य हासिल किया था, तब मेरे मन में खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा था।

मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध 1000 शब्द

यह बिल्कुल सच वाक्य है कि बिना उद्देश्य वाला व्यक्ति जीवन में कभी कुछ नहीं कर सकता, उसका जीवन जानवर के समान होता है। ऐसा कहा जाता है कि इंसान और जानवर में यही फर्क होता है।

जानवर अपने लिए सब कुछ नहीं कर सकता, परंतु इंसान चाहे तो अपने लिए सब कुछ कर सकता है। इसीलिए जीवन में हर व्यक्ति का कोई ना कोई लक्ष्य जरूर होना चाहिए। अगर हमारा जिंदगी में कोई भी लक्ष्य नहीं होगा तो समाज भी हमें नहीं स्वीकारता।

लक्ष्य/उद्देश्य क्या होता है?

उद्देश्य यह बहुत ही छोटा सा शब्द है, लेकिन इसका हमारे जीवन में बहुत ही बड़ा महत्व है। जीवन में जो सपना हम सच करना चाहते हैं, उसे ही उद्देश्य कहा जाता है। लक्ष्य का मतलब होता है, पक्का इरादा करना, निरंतर प्रयास करना, किसी चीज से आकांक्षा रखना, अपनी इच्छा को पूरा करना। बचपन में हर कोई अपने जीवन को लेकर कोई ना कोई सपना जरूर देखता है।

कोई व्यक्ति चाहता है कि मैं कलाकार बनूंगा तो कोई व्यक्ति चाहता है मैं डॉक्टर बनूंगा, यही उद्देश्य का मतलब होता है। अगर हमें अपना उद्देश्य पूरा करना है तो इसके लिए हमें हर चुनौती और समस्या का सामना डट कर करना होगा। उसको पार करके ही हम अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।

लक्ष्य/उद्देश्य का क्या महत्व होता है?

साधारण शब्दों में कहा जाए तो जिस व्यक्ति का कोई उद्देश्य नहीं होता, उस व्यक्ति को समाज नकार देता है। उसे अपने समाज में जगह नहीं देता है। अगर हमें अपना सपना पूरा करना है तो हमें सफलता के लिए हर पड़ाव को पूरा करना होगा। चाहे कितनी भी बार हमारे कदम क्यों ना लड़खड़ाए हमें वहां डटकर खड़े रहना होगा।

हमारे जीवन में लक्ष्य का बहुत अधिक महत्व है, क्योंकि लक्ष्य के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं होता है। अगर आपका आपके जीवन में कोई ना कोई लक्ष्य होता है तो आपका जीवन बहुत ही आनंदमय के साथ बीतता है और यह हमारे जीवन जीने का सबसे सर्वोत्तम तरीका है।

हमारे जीवन में प्राथमिक उद्देश्य क्या होना चाहिए?

सभी व्यक्तियों के जीवन में अलग-अलग प्राथमिक उद्देश्य होते हैं। किसी के लिए सबसे पहले उनका परिवार आता है, तो किसी के लिए सबसे पहले उनका सपना होता है। अगर आपको अपने सपने को पूरा करना है तो इसके लिए आपको खुद को फिट रखना होगा, जीवन को पूरी स्वतंत्रता के साथ जीना होगा और सफलता के लिए हर प्रयास करना होगा। यही हमारे प्राथमिक उद्देश्य होने चाहिए।

उद्देश्य कितने प्रकार के होते हैं?

हर व्यक्ति के जीवन में उनके लिए उद्देश्य कई प्रकार के होते हैं। जिस तरह से सभी व्यक्ति अलग होते हैं, उसी तरह से उनके उद्देश्य भी अलग होते हैं। क्योंकि कुछ व्यक्ति शिक्षक बनना चाहते हैं तो कुछ पायलट बनना चाहते हैं, इसी तरह से कुछ लोग इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, जबकि कुछ लोग चित्रकला में दिलचस्पी रखते हैं। इसी तरह से उदेश्य कई प्रकार के हो सकते हैं।

हमें जीवन का सही उद्देश्य कैसे चुनना चाहिए?

ऐसा कहा जाता है कि जीवन में सबसे पहली गुरु हमारी मां होती है। अगर आपको अपने उद्देश्य को चुनने में मुश्किल हो रही है, तो सबसे पहले आप अपनी मां के पास जाइए, क्योंकि आपकी मां से बेहतर आपको कोई नहीं जान सकता। इसीलिए आपको आपके प्रश्नों के उत्तर आपकी मां के पास बेहतर तरह से मिल सकेंगे।

आजकल की युवा पीढ़ी को इन समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके सामने इतने अत्यधिक विकल्प हैं कि वह असमंजस में पड़ जाते हैं कि उनके लिए कौन सा बेहतर विकल्प है। इसके लिए वह अपने प्रिय जनों से या अपने गुरु से वार्तालाप करके इस समस्या का हल पा सकते हैं।

हमें अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करना चाहिए?

अगर हमें अपने लक्ष्य को वाकई में प्राप्त करना है तो इसके लिए हमें बहुत ही मेहनत करनी होगी। इसके लिए आपको कुछ बातें याद भी रखनी होगी जो निम्नलिखित हैं:

  • हमें हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति सक्रिय रहना चाहिए और लगातार काम करते रहना चाहिए।
  • जितना हो सके हमें नकारात्मक बातों को दिमाग में नहीं लाना चाहिए।
  • सभी काम हमें धैर्य पूर्वक करने चाहिए और काम में संतुलन बनाए रखना चाहिए।
  • सभी काम हमें ध्यान पूर्वक करना चाहिए।
  • असफलता और मुसीबतों से नहीं घबराना चाहिए बल्कि, गलतियों को सुधार कर और बेहतर बनाना चाहिए।
  • हमें किसी सफल व्यक्ति से सहायता लेनी चाहिए और अपना मार्गदर्शन करना चाहिए।
  • अंतिम परिणाम की कल्पना करनी चाहिए यह सोचना चाहिए कि वाकई में हम यह काम कर सकते हैं।
  • सबसे जरूरी बात हमें अपने लक्ष्य पर अडिग रहना चाहिए।

इसी तरह से हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ध्यान केंद्रित रखना होगा। अगर आप मेहनत से अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहेंगे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। आपको सफलता जरूर मिलेगी।

इसी प्रकार हमें अपनी इच्छा अनुसार अपने लक्ष्य को हर हाल में पूरा करना ही चाहिए। अगर हमें इसके लिए किसी की सहायता लेनी पड़ती है तो हमें सहायता बेझिझक मांगनी चाहिए। सहायता मांगने में शर्म नहीं करनी चाहिए। हमें अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हमेशा दृढ़ रहना चाहिए। तभी हम अपने सपने को पूरा कर पाएंगे और जीवन में सफल हो सकेंगे।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आया होगा, इस निबन्ध को आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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Comments (4).

Very-very good anucched . It was so helpful for my Hindi homework

Ati labhdayak kal mera language paper h

Osamm labhdayak hai ☺️☺️☺️

Aapka lakshya ka niband bahut hi achha hai

Sir apne lakshya ko drid banay rakhne ke liye kya karna chahiye

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ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Global Warming Essay in hindi) - कारण और समाधान 100, 200, 500 शब्द

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आमतौर पर पृथ्वी के औसत तापमान में हो रही बढ़ोतरी को ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) कहा जाता है। पृथ्वी के औसत तापमान के बढ़ने का कारण दुनिया में तेजी से हो रहे आधुनिकीकरण को माना जा रहा है जिससे हमारी धरती बदलाव के दौर से गुजर रही है। एक तरफ बढ़ती जनसंख्या और दूसरी ओर विकास के नाम पर दुनिया भर में बड़ी संख्या में उद्योगों की स्थापना की जा रही है। लेकिन जैसे-जैसे विकास की रफ्तार बढ़ी है, पृथ्वी की पारिस्थितिकी की स्थिति काफी हद तक खराब हो गई है।

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (100 Words Essay on Global Warming in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग पर 200 शब्दों का निबंध (200 words essay on global warming in hindi), ग्लोबल वार्मिंग पर 500 शब्दों का निबंध (500 words essay on global warming in hindi).

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Global Warming Essay in hindi) - कारण और समाधान 100, 200, 500 शब्द

पर्यावरण के खतरों पर चर्चा करते समय, "ग्लोबल वार्मिंग" वाक्यांश का अक्सर उपयोग किया जाता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण और परिणाम अभी भी कई लोगों के लिए पूरी तरह जानकारी में नहीं हैं। इन दिनों कई प्रतियोगी परीक्षा से लेकर स्कूल,कॉलेज की परीक्षाओं में भी ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Essay on Global warming in hindi) संबंधी प्रश्न आ रहे हैं। यहां ग्लोबल वार्मिंग पर कुछ नमूना निबंध दिए गए हैं जिससे परीक्षार्थियों को ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध लिखने के लिए दृष्टिकोण मिलेंगे।

पृथ्वी के औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। ग्लोबल वार्मिंग अधिकतर जीवाश्म ईंधन जलाने और वायुमंडल में खतरनाक प्रदूषकों के उत्सर्जन के कारण होती है। ग्लोबल वार्मिंग के परिणामस्वरूप जीवित चीजों को बहुत नुकसान हो सकता है। कुछ स्थानों पर तापमान अचानक बढ़ जाता है, जबकि कुछ स्थानों पर अचानक गिर जाता है।

ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है। यह देखा गया है कि पिछले दस वर्षों में पृथ्वी का औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। यह चिंता का कारण है क्योंकि यह पारिस्थितिक तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है और पर्यावरणीय गड़बड़ी पैदा कर सकता है। यदि हम अपने जंगलों में नष्ट हो चुकी वनस्पतियों को फिर से लगाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करते हैं, तो हम ग्लोबल वार्मिंग को रोक सकते हैं। ग्लोबल वार्मिंग की दर को धीमा करने के लिए हम सौर, पवन और ज्वारीय ऊर्जा जैसे टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों का भी उपयोग कर सकते हैं।

समय के साथ पृथ्वी के औसत वैश्विक तापमान में सतत वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। ऐसा कहा गया है कि विभिन्न कारणों से मनुष्यों द्वारा बड़े पैमाने पर वनों की कटाई इसके लिए जिम्मेदार है। हर साल, हम बहुत अधिक ईंधन का उपयोग करते हैं। मानव जनसंख्या बढ़ने के कारण लोगों की ईंधन जरूरतों को पूरा करना असंभव होता जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सावधानी से करना चाहिए क्योंकि वे सीमित हैं। यदि मनुष्य वनों और अन्य खनिज संपदा का अत्यधिक उपयोग करेगा तो पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाएगा। केवल तापमान वृद्धि ही ग्लोबल वार्मिंग का एकमात्र संकेत नहीं है। इसके अन्य परिणाम भी हैं।

तूफान, बाढ़ और हिमस्खलन सहित प्राकृतिक आपदाएँ पूरे पृथ्वी पर हो रही हैं। इन सबका सीधा संबंध ग्लोबल वार्मिंग से है। अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें ग्लोबल वार्मिंग के नकारात्मक प्रभावों से बचाव के लिए अपनी पारिस्थितिकी का पुनर्निर्माण करना होगा। इस विश्व को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अच्छी जगह बनाने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए। पेड़-पौधे लगाना एक ऐसा कार्य है जिसे करके हम समग्र रूप से अपनी दुनिया की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य पुनर्वनीकरण होना चाहिए। वनों का क्षेत्रफल बढ़ने से प्राकृतिक संतुलन बेहतर होगा। यदि हम अपने जीवनकाल में अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रतिबद्ध हों, तो पृथ्वी एक बेहतर स्थान बन जाएगी।

अन्य महत्वपूर्ण लेख :

  • होली पर निबंध
  • हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

विभिन्न कारकों के कारण सतही जलवायु में होने वाली क्रमिक वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। यह पर्यावरण और मानवता दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों में ग्लोबल वार्मिंग भी शामिल है। ग्लोबल वार्मिंग में मुख्य योगदानकर्ता ग्रीनहाउस गैसों का अपरिहार्य उत्सर्जन है। मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड दो मुख्य ग्रीनहाउस गैसें हैं। इस वार्मिंग के कई अन्य कारण और प्रभाव हैं, जो पृथ्वी के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।

ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार कारण (Reasons Responsible For Global Warming in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग के कई कारण हैं। ये समस्याएँ प्रकृति और मानवजनित दोनों के कारण उत्पन्न होती हैं। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति के कारण पृथ्वी की सतह से परावर्तित होने वाली ऊष्मा किरणें वहीं फंस जाती हैं। इस घटना का परिणाम "ग्रीनहाउस प्रभाव" है। अत्यधिक कार्बन डाइऑक्साइड के कारण ग्लोबल वार्मिंग होता है। ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनने वाली प्राथमिक गैसों को ग्रीनहाउस गैसें कहा जाता है।

मुख्य ग्रीनहाउस गैसें मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, ओजोन और कार्बन डाइऑक्साइड हैं। जब इनकी सांद्रता असंतुलित हो जाती है तो ये गैसें ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनती हैं। ज्वालामुखी विस्फोट, सौर विकिरण और अन्य प्राकृतिक घटनाएँ कुछ उदाहरण हैं जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाते हैं। लोगों द्वारा कारों और जीवाश्म ईंधन के अत्यधिक उपयोग से भी कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ता है। ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनने वाला सबसे चर्चित मुद्दा वनों की कटाई है। पेड़ों की कटाई के कारण हवा में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देने वाले अतिरिक्त कारणों में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगीकरण, प्रदूषण आदि शामिल हैं।

जलवायु परिवर्तन हम पर कैसे प्रभाव डालता है (How Climate Change Impacts Us in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में कई बदलाव आते हैं, जिनमें लंबी गर्मी और कम सर्दी, अधिक तापमान, व्यापारिक हवाओं में बदलाव, साल भर होने वाली बारिश, ध्रुवीय बर्फ की चोटियों का पिघलना, कमजोर ओजोन अवरोध आदि शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो सकती है, जिनमें गंभीर तूफान, चक्रवात, बाढ़ और कई अन्य आपदाएं शामिल हैं।

ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले नुकसान से पौधे, जानवर और अन्य पर्यावरणीय तत्व सीधे प्रभावित होते हैं। समुद्र का बढ़ता स्तर, तेजी से ग्लेशियर का पिघलना और ग्लोबल वार्मिंग के अन्य महत्वपूर्ण प्रभाव हैं। जैसे-जैसे ग्लोबल वार्मिंग की स्थिति बिगड़ती जा रही है, समुद्री जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे समुद्री जीवन काफी हद तक नष्ट हो रहा है और अतिरिक्त समस्याएं पैदा हो रही हैं।

ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम (Preventing Global Warming in hindi)

ग्लोबल वार्मिंग रोकने के लिए उचित समाधान ढूंढना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर मुद्दा बन गया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों और सम्मेलनों में विश्व स्तर पर इस पर चर्चा की जा रही है। अब समय आ गया है कि औद्योगीकरण के युग को नियंत्रित किया जाए और इसे टिकाऊ विकास के तरीके से जारी रखा जाए।

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को हल करने के लिए समुदायों से लेकर सरकारों तक सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। प्रदूषण पर नियंत्रण, जनसंख्या वृद्धि और प्राकृतिक संसाधनों का सीमित दोहन विचार करने योग्य कुछ प्रमुख कारक हैं। सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना या दूसरों के साथ कारपूलिंग करना बहुत मददगार होगा। लोगों को रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना होगा। प्लास्टिक का उपयोग कम करना होगा। औद्योगिक कचरे और हवा में हानिकारण गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण करने से भी मदद मिलेगी।

इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि से धरती पर जीवन नष्ट हो जाएगा। ग्लोबल वार्मिंग मानवता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है और इसे नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। साथ ही इसे संभालना भी मुश्किल है। इसलिए हमें ग्लोबल वार्मिंग रोकने वाले अभियान जैसे पेड़-पौधे लगाना, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा का उपयोग, औद्योगिकीकरण को कम करने, ग्लाेबल वार्मिंग बढ़ाने वाली चीजों जैसे एसी वगैरह का उपयोग कम करके, प्रदूषण की रोकथाम आदि की मदद से हम इसके प्रभावों को कम कर सकते हैं।

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Essay in Hindi Language – निबंध

December 12, 2017 by essaykiduniya

Essay in Hindi –   These Hindi essays are for Nursery Class, Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. We provide various types of essay in Hindi such as education, speech, science and technology, India, festival, national day, environmental issues, social issues, social awareness, ethical values, nature and health etc in 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000, 1100, 1200, 1300, 1400, 1500 and 1600 words.

ये हिंदी निबंध नर्सरी कक्षा से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के लिए हैं। हम शिक्षा, भाषण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एनीमा, भारत, त्योहार, राष्ट्रीय दिवस, पर्यावरण मुद्दों, सामाजिक मुद्दे, सामाजिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों, प्रकृति और स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न प्रकार के निबंधों को हिंदी में प्रदान करते हैं।

हर कोई इन निबंध को आसानी से समझ सकता है क्योंकि हमने  इनमें बहुत सरल और आसान शब्दों का इस्तेमाल किया है। । ये किसी छात्र द्वारा आसानी से समझे जा सकते है| ऐसे निबंध छात्रों को भारतीय संस्कृति, विरासत, स्मारकों, प्रसिद्ध स्थानों, शिक्षकों, माताओं, पशुओं, पारंपरिक त्योहारों, घटनाओं, अवसरों, प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, किंवदंतियों, सामाजिक मुद्दों और इतने सारे अन्य विषयों के बारे में जानने में मदद और प्रेरित कर सकते हैं। हमने बहुत विशिष्ट और सामान्य विषय निबंध प्रदान किए हैं। 

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चन्द्रशेखर आजाद पर निबंध (Chandrashekhar Azad Essay in Hindi)

भारतीय क्रांतिकारियों मे चन्द्रशेखर आजाद एक बहुत प्रसिद्ध नाम है, जिन्होंने अपनी मातृ भूमी की आजादी के लिए अपना सबकुछ बलिदान कर दिया। यहां निचे दिए गए निबन्ध मे हम चन्द्रशेखर आजाद के जीवन के संघर्ष और कई अन्य रोचक तथ्यों के बारे मे चर्चा करेंगे।

चन्द्रशेखर आजाद पर छोटे और बड़े निबन्ध (Short and Long Essays on Chandrashekhar Azad, Chandrashekhar Azad par Nibandh Hindi mein)

चन्द्रशेखर आजाद पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

चन्द्रशेखर आजाद भारत मे जन्में एक बहादूर और क्रान्तिकारी व्यक्ति थे, जिन्हें उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए हमेशा याद किया जाता है। अपने साहसिक गतिविधियों के कारण वो भारतीय युवाओं मे एक हीरो के रुप मे जाने जाते है। अपने नाम के अनुरुप ही वो अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ की गई कई क्रांतिकारी गतिविधियों के बाद भी ब्रिटिश कभी उन्हें पकड़ नही सके।

उनके क्रांतिकारी गतिविधियों पर एक नजर

चन्द्रशेखर आजाद हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.आर.ए) के साथ जूड़े थे, जिसको 1928 मे बदलकर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.एस.आर.ए.) के नाम से जाना जाने लगा। दोनों ही संगठनों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों मे हिस्सा लिया और उन गतिविधियों मे चन्द्रशेखर आजाद हमेशा ही आगे रहें। चन्द्रशेखर आजाद से जुड़ी कुछ महत्वपुर्ण गतिविधियों को नीचे प्रदर्शित किया गया है –

काकोरी ट्रेन डकैती

ट्रेन डकैती की यह घटना 9 अगस्त 1925 मे लखनऊ के नजदीक काकोरी मे चन्द्रशेखर आजाद और हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.आर.ए.) के अन्य साथियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया था। इस घटना का मुख्य उद्देश्य संघ की क्रांतिकारी गतिविधियों को वित्तपोषित करना था।

  • वायसराय की ट्रेन को उड़ाया

चन्द्रशेखर आजाद ने 23 दिसंबर 1926 मे वायसराय लार्ड इरविन को ले जाने वाली ट्रेन को बम धमाके मे उड़ाने मे भी शामिल थे। हांलाकि इस घटना मे ट्रेन पटरी से उतर गयी थी और वायसराय अचेत हो गया था।

  • सॉन्डर्स की हत्या

चन्द्रशेखर आजाद ने 17 दिसंबर 1928 को भगत सिहं और राजगूरु के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेने के लिए, परिविक्षाधीन पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या में भी शामिल थे।

जब पुलिस को चन्द्रशेखर आजाद की इलाहाबाद के आजाद पार्क मे छुपे होने की सूचना मिली तो वो उनसे अकेले ही भिड़ गए थे। उन्होने जबाबी कार्यवाही मे पुलिस पर गोलियां चलाई लेकिन अंतिम गोली से उन्होंने खुद को मार लिया, क्योंकि किसी भी हाल मे पुलिस के हाथ पकड़ा जाना उन्हे मंजूर नही था।

वो अपने नाम के अनुसार ‘आजाद’ ही मर गये। उन्होने ब्रिटिश सरकार द्वारा अमानवीय तरीके से कब्जा और लोगों से अनुचित व्यवहार के लिए वो शख्त खिलाफ थे।

इसे यूट्यूब पर देखें : चन्द्रशेखर आजाद

Chandrashekhar Azad par Nibandh – 2 (400 शब्द)

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई मे चन्द्रशेखर आजाद के नाम को किसी परिचय की आवश्यकता नही है। भारतीय क्रांतिकारियों की सुची मे यह एक जाना माना और सम्मानित नाम है। उनकी कम उम्र मे साहस और निडरता ने उन्हें भारत के युवाओं मे काफी लोकप्रिय बना दिया था।

आजाद – एक युवा क्रांतिकारी

बहुत कम उम्र मे ही आजाद ब्रिटिश विरोधी आन्दोलनों मे भाग लेने के लिए प्रेरित हुए। जब वह काशी विद्यापीठ वाराणसी मे पढ़ रहे थे तो वह केवल 15 साल के थे, तब उन्होने महात्मा गांधी द्वारा चलाए गये असहयोग आंदोलन मे सक्रिय रुप से भाग लिया था। वह असहयोग आंदोलन मे भाग लेने के लिए जेल मे जाने वाले सबसे कम उम्र के आंदोलनकारी थे।

केवल 15 वर्ष की उम्र मे, आजादी के आंदोलन मे हिस्सा लेने के लिए एक युवा के लिए बहुत कम उम्र है, लेकिन आजाद ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए यह लड़ाई लड़ी। चौरी-चौरा की घटना के बाद जब महात्मा गांधी ने 1922 मे असहयोग आंदोलन को खत्म करने का फैसला किया तो इस फैसले से आजाद खुश नही थे।

एच.आर.ए. और एच.एस.आर.ए. को समर्थन

1922 मे गांधी द्वारा असहयोग आंदोलन को खत्म करने के बाद, आजाद राम प्रसाद विस्मिल के संपर्क मे आएं, जिन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों मे शामिल हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएसन (एच.आर.ए.) नामक संस्थान की स्थापना की थी।

चन्द्रशेखर आजाद को मोतीलाल नेहरु जैसे बहुत सारे दिग्गज नेताओं का समर्थन प्राप्त था जिन्होने नियमित रुप से एच.आर.ए. के समर्थन के लिए पैसे दिए थे। उन दिनों उन्हें कई कांग्रेस नेताओं का भी समर्थन मिला था, खासतौर से जब वह संयुक्त प्रांत मे, जो इन दिनों उत्तर प्रदेश मे झांसी के निकट है, एक बदली हुई पहचान पंडित हरिशंकर ब्रम्हचारी नाम के साथ जी रहे थे।

चन्द्रशेखर आजाद ने 6 साल के भीतर भगत सिहं, असफाकउल्ला खान, सुखदेव थापर और जगदीश चन्द्र चटर्जी के साथ मिल कर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.एस.आर.ए.) संस्थान का गठन किया था। 

9 अगस्त 1925 को काकोरी ट्रेन डकैती की घटना के षणयंत्र को काकोरी और लखनऊ के बीच अंजाम दिया गया था। रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाकउल्ला खान के साथ मिलकर एच.आर.ए. की गतिविधियों मे निधी देने और संगठन के लिए हथियार खरीदनें के इरादे से यह लुट की गयी थी।

सरकारी खजाने के लिए पैसा ले जाने वाली इस ट्रेन को बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान, राजेन्द्र लहीरी और एच.आर.ए. के अन्य सदस्यों ने मिलकर ट्रेन को लूट लिया था। गार्ड के कोच मे मौजूद एक लाख रुपये को उन्होने लूट लिया था।

विश्वासघात और मौत

27 फरवरी 1931 को आजाद जब इलाहाबाद के आजाद पार्क मे छिपे थे। विरभद्र तिवारी नाम का एक पुराना साथी पुलिस का मुखबिर बन गया और आजाद के वहां होने की सुचना पुलिस को दे दिया। पुलिस के साथ भिड़ते हुए आजाद ने अपने कोल्ट पिस्टल से गोलीयां चलायी, लेकिन जब उसमे केवल एक गोली बची थी, तो उन्होने खुद को गोली मार ली।

आजाद अपने साथियों से कहा करते थे कि वो कभी पकड़े नही जाएंगे और हमेशा आजाद ही रहेगें। वास्तव मे वह गिरफ्तार होने की स्थिति मे एक अतिरिक्त गोली अपने साथ रखते थे, ताकि वह खुद को मार सकें।

निबन्ध 3 (600 शब्द) – चन्द्रशेखर आजादः परिवार और क्रांतिकारी गतिविधि

चन्द्रशेखर आजाद या केवल ‘आजाद’ के नाम से जाना जाने वाले ये एक भारतीय क्रांतिकारी थे जो कि अन्य क्रांतिकारियों जैसे सरदार भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और अन्य सभी के समकालीन थे। भारत से ब्रिटिश शासन को बाहर निकालने के लिए उन्होनें बहुत सी क्रांतिकारी गतिविधियों मे भाग लिया।

आजाद – द फ्री

एक छोटी लेकिन बहुत रोचक घटना है, जबकि उनके जन्म का नाम चन्द्रशेखर तिवारी था और उन्होने अपने नाम के आगे ‘आजाद’ नाम को जोड़ लिया और वो चन्द्रशेखर आजाद बन गये। 

केवल 15 वर्ष की आयु मे आजाद को असहयोग आंदोलन मे हिस्सा लेने के लिए उन्हें जेल मे ड़ाल दिया गया था। जब एक युवा लड़के को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और उनके बारें मे पुछा गया तो, उन्होने कहा कि मेरा नाम ‘आजाद’ है, उनके पिता का नाम ‘स्वतंत्रत’ (स्वतंत्रता) है और उनका निवास स्थान ‘जेल’ है।

इस घटना के बाद “आजाद” उनके नाम का शीर्षक बन गया और उनका नाम चन्द्रशेखर तिवारी से ‘चन्द्रशेखर आजाद’ नाम से लोकप्रिय हो गये।

परिवार और प्रभाव

आजाद के पूर्वज मूल रुप से बदरका गांव के रहने वाले थे जो कि कानपुर मे स्थित है, और इन दिनों उन्नाव जिले मे रायबरेली रोड़ पर स्थित है। उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के बहरा गांव मे हुआ था। उनकी माता का नाम जगरानी देवी तिवारी था, जो कि सीताराम तिवारी की तीसरी पत्नी थी।

इनका परिवार पहले कानपुर के बदरका गांव मे रहता था लेकिन अपने पहले बच्चे सुखदेव (आजाद के बड़े भाई) के जन्म के बाद इनका परिवार अलीराजपुर चला गया।

चन्द्रशेखर आजाद की मां चाहती थी कि वो संस्कृत के विद्वान बने। इसी कारण उन्होने उन्हे बनारस जो कि वर्तमान समय मे वाराणसी के काशी विद्यापीठ मे भेजा दिया था। सन 1921 मे जब वे वाराणसी मे पढ़ रहे थे, उसी समय गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया और युवाओं से बड़ी संख्या मे इसमें भाग लेने की अपील की।

आजाद इस आंदोलन से काफी प्रभावित थे और उन्होने पूरे जोश और उत्साह के साथ इसमे भाग लिया। सक्रिय रुप से इस आंदोलन मे भाग लेने के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। जब गांधी जी ने 1922 में चौरी-चौरा घटना के मद्देनजर असहयोग आंदोलन की समाप्ति की घोषणा की तो चन्द्रशेखर आजाद खुश नही थे और वहां से उन्होने क्रांतिकारी दृष्टिकोण को अपनाने का फैसला किया।

क्रांतिकारी गतिविधियां

असहयोग आंदोलन की समाप्ति के बाद चन्द्रशेखर आजाद राम प्रसाद विस्मिल के संपर्क मे आएं, जो कि हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.आर.ए.) के संस्थापक थे, जो कि क्रांतिकारी गतिविधियों मे शामिल थे। आगे चलकर एच.आर.ए. हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एच.एस.आर.ए.) के नाम मे परिवर्तित हो गया।

चन्द्रशेखर आजाद ब्रिटिश शासन के कई नियमों के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों मे शामिल थे। काकोरी ट्रेन डकैती जिसमें की ब्रिटिश सरकार के खजाने को ले जाया जा रहा था वो इस के मुख्य आरोपी थे। जो कि अंग्रेजो के द्वारा ले जा रहे धन को एच.आर.ए. की क्रांतिकारी गतिविधियों के फंडिंग के लिए लुट लिया गया था।

वह भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन को ले जा रही ट्रेन को बम्ब धमाके मे उड़ाने की कोशिश मे भी शामिल थे, लेकिन ट्रेन पटरी से उतर गयी और वायसराय घायल होकर अचेत हो गया था।

चन्द्रशेखर आजाद ने भगत सिहं और राजगुरु के साथ मिलकर लाहौर जो इन दिनों पाकिस्तान मे है एक परीविक्षाधिन पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या मे भी शामिल थे। पुलिस द्वारा की गई लाला लाजपत राय की हत्या की मौत का बदला लेने के लिए यह साजिश रची गयी थी।

मृत्यु और विरासत

27 फरवरी 1931 को उत्तर प्रदेश के इलहाबाद मे अल्फ्रेड पार्क मे आजाद का निधन हुआ। स्वतंत्रता के बाद इसका नाम बदल कर ‘आजाद पार्क’ कर दिया गया। एक दिन पार्क मे आजाद और उसके एक साथी सुखदेव राज पार्क मे छुपे थे। एक पुराने निपुण साथी ने गद्दारी की और उसने इसकी सूचना पुलिस को दे दी।

आजाद एक पेड़ के पिछे छिपकर पुलिस को अपनी कोल्ट पिस्तौल से जबाबी कार्यवाही करने लगे। उन्होने सुखदेव राज को वहां से भगा दिया। जब उनके पास केवल एक गोली बची, तो आजाद ने खुद को गोली मार ली और शहीद हो गये।

अपने राष्ट्र को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए उन्होने एक राष्ट्र सेवक की तरह जीवन को व्यतीत किया। बहुत कम ऐसे लोग थे जो चन्द्रशेखर आजाद की तरह साहसी और निडर हुए।

Essay on Chandra Shekhar Azad

FAQs: चन्द्रशेखर आज़ाद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर. एक लंबी गोलीबारी के बाद, आज़ाद ने अपनी बंदूक की आखिरी गोली का इस्तेमाल खुद के सिर में गोली मारने के लिए किया। ऐसा उन्होंने हमेशा आज़ाद रहने और कभी भी जीवित न पकड़े जाने के अपने वादे को निभाने के लिए किया।

उत्तर. चन्द्रशेखर आजाद ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शनों और सविनय अवज्ञा कार्यों में भाग लिया। आज़ाद ने अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) का गठन किया। उन्होंने काकोरी ट्रेन डकैती और जेपी सॉन्डर्स हत्याकांड में भी भाग लिया था।

उत्तर. चन्द्रशेखर आजाद की शहादत अल्फ्रेड पार्क, प्रयागराज में हुई थी। बाद में इस पार्क को चन्द्रशेखर आज़ाद पार्क कहा जाने लगा।

उत्तर. गांधीजी के आंदोलन में शामिल होने के कारण चन्द्रशेखर आज़ाद को जेल में डाल दिया गया और सज़ा के तौर पर कोड़ों से पीटा गया। जब उन्हें अदालत में ले जाया गया तो उन्होंने स्वयं को आज़ाद घोषित कर दिया।

उत्तर. चन्द्रशेखर आज़ाद का नारा था: “मैं आजाद हूँ, आजाद रहूँगा और आजाद ही मरूंगा” इसके साथ उनका एक मशहूर नारा यह भी था “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, हम आजाद हैं और आजाद ही रहेंगे।”।

उत्तर. चन्द्र शेखर आज़ाद का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में चन्द्र शेखर तिवारी के रूप में हुआ था। आजाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के घडखौली गांव के रहने वाले थें।

उत्तर. सदाशिवराव मलकापुरकर, भगवान दास माहौर और विश्वनाथ वैशम्पायन चन्द्रशेखर आज़ाद के घनिष्ठ मित्र थे। उनकी मित्रता तब और बढ़ गई जब वे उनके क्रांतिकारी दल में शामिल हो गए।

उत्तर. चन्द्रशेखर आज़ाद ने खुद को गोली मार ली क्योंकि वह अंग्रेजों के बंदी के रूप में मरना नहीं चाहते थे।

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योग पर निबंध 100, 150 200, 250, 300, 500 शब्दों मे (Essay On Yoga in Hindi)

essay on 100 words in hindi

Essay On Yoga in Hindi – योग इन दिनों एक प्रसिद्ध शब्द है, इसे एक आध्यात्मिक अनुशासन कहा जाता है जो एक सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है जिसका उद्देश्य शरीर और मन के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। इसे स्वस्थ जीवन प्राप्त करने के लिए विज्ञान और कला भी कहा जाता है। योग शब्द की व्युत्पत्ति संस्कृत शब्द युज से मानी जाती है। युज का अर्थ है जुड़ना या जुए का अर्थ है जोड़ना।

योग सुरक्षित है और बच्चों और वृद्धों द्वारा भी इसका अभ्यास किया जाता है। कठोर उपकरण का कोई उपयोग नहीं है, लेकिन विस्तार के लिए केवल शरीर की हरकतें हैं। योग न केवल मन को आराम देता है बल्कि शरीर को भी लचीलापन देता है।

छात्रों को उनके पाठ्यक्रम में योग के लाभों के बारे में भी बताया जाता है। क्या आपको कभी योग पर निबंध लिखने का काम मिला है? आप इसे कैसे लिखने जा रहे हैं? खैर, पहली बात जो आपके दिमाग में आएगी वह है योग निबंध में शामिल करने के लिए योग के फायदे। यह अन्य विषयों पर एक निबंध लिखने जैसा है – आपको एक सटीक शीर्षक, एक व्यापक परिचय, निबंध का मुख्य भाग और एक आकर्षक निष्कर्ष लिखना होगा।

क्या आप योग निबंध लिखने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहते हैं? यहां आपके मार्गदर्शन के लिए साझा की गई जानकारी है।

बच्चों के लिए योग पर 10 लाइन निबंध (10 Lines Essay On Yoga For kids in Hindi)

  • योग की उत्पत्ति भारत में हिंदू शास्त्रों से हुई है और दुनिया भर में इसका अभ्यास किया जाता है।
  • लोग समझ गए हैं कि कैसे योग व्यायाम करने और मन को शांत करने में मदद करता है।
  • योग को केवल व्यायाम के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इसे स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण जीवन का मंत्र मानना ​​चाहिए।
  • योग के अभ्यास से व्यक्ति शांति और अच्छा स्वास्थ्य पा सकता है।
  • योग केवल शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मन और आत्मा के लिए भी एक व्यायाम है।
  • योग का अभ्यास करके व्यक्ति तनाव और शारीरिक बीमारियों सहित कई चुनौतियों से निपट सकता है।
  • योग मांसपेशियों को लचीला बनाने में मदद करता है, वजन कम करता है और त्वचा के स्वास्थ्य में भी सुधार करता है।
  • योग धैर्य और एकाग्रता विकसित करने में मदद करता है, याददाश्त तेज करता है और हमारे जीवन में शांति लाता है।
  • 21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • यदि कोई प्रतिदिन योग का अभ्यास करता है, तो वह एक संतुलित जीवन जीने की राह पर है।

योग पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग एक ऐसी प्रथा है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है और इसकी जड़ें भारत में हैं। अतीत में, लोगों को लंबे, स्वस्थ जीवन जीने के लिए नियमित रूप से योग और ध्यान करने की आदत थी। हालाँकि, इतनी भीड़ और व्यस्त सेटिंग में, योग कम लोकप्रिय होता जा रहा था। योग अभ्यास करने के लिए बेहद सुरक्षित है और सभी उम्र, यहां तक ​​कि बच्चे भी इसका आनंद ले सकते हैं। जब हम शांत मन के साथ गहन चिंतन में संलग्न होते हैं तो हम अपने भीतर से जुड़ा हुआ और जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। योग के अभ्यास से शरीर, मन और आत्मा का संतुलन प्राप्त होता है।

योग पर 150 शब्दों का निबंध (150 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग आध्यात्मिक व्यायाम का एक प्राचीन रूप है जो हमारे शरीर और दिमाग को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। इसकी उत्पत्ति 500 ​​ईसा पूर्व की है जब इसे ऋग्वेद में लिखा गया था। यह हिंदुओं का एक पवित्र ग्रंथ है। ऐसा माना जाता है कि योग का अभ्यास प्राचीन भारतीय पुजारियों द्वारा अत्यधिक अनुशासन के रूप में किया जाता था। वे कई दिनों तक बिना भोजन या पानी के गहरे ध्यान में बैठे रहे। आधुनिक समय के योग में कुछ आसन या पोज़ होते हैं जिनका अभ्यास आसानी से किया जा सकता है। कुछ जटिल आसन भी होते हैं, जिनके लिए काफी अभ्यास और लचीलेपन की जरूरत होती है। योग एक ऐसी चीज है जिसे हर उम्र के लोग कर सकते हैं, चाहे वह युवा हो या बूढ़ा। कुछ लोग योग को एक कला के रूप में भी वर्णित करते हैं। यह विशेषज्ञ योग चिकित्सकों के पास विशेष कौशल के कारण कहा जाता है। यह सलाह दी जाती है कि आप चटाई पर बैठकर योग का अभ्यास करें।

योग पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग शरीर और मन को जोड़ता है या जोड़ता है, हमें शरीर और मन के अनुशासन के बारे में सिखाता है। सुबह-सुबह ध्यान शरीर और मन को सामंजस्य में रखने और प्रकृति के संपर्क में रहने के लिए एक आध्यात्मिक अभ्यास है। यह व्यायाम का एक अद्भुत रूप है जो शरीर और मन को नियंत्रित करके जीवन को बेहतर बनाता है। योग एक ऐसा विज्ञान है जो लोगों को लंबा, स्वस्थ जीवन जीने में मदद करता है।

यह एक ऐसी दवा के समान है जो शारीरिक अंगों की सामान्य कार्यप्रणाली को बहाल करके अन्य बीमारियों को धीरे-धीरे ठीक करती है। असंख्य शारीरिक और भावनात्मक बीमारियों से बचकर, सुबह नियमित योग अभ्यास बाहरी और आंतरिक दोनों तरह की राहत प्रदान करता है। आसन, या आसन, शारीरिक और मानसिक शक्ति के साथ-साथ कल्याण की भावना के निर्माण में मदद करते हैं। क्योंकि यह भावनाओं और भावनाओं को नियंत्रित करता है, यह लोगों को अधिक स्पष्ट रूप से सोचने, उनकी बुद्धि बढ़ाने और ध्यान के उच्च स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। कुछ कठिन मुद्राओं में बहुत लचीलेपन और अभ्यास की आवश्यकता होती है। योग व्यायाम का एक रूप है जिसे युवा या वृद्ध कोई भी कर सकता है। योग को एक कला रूप के रूप में भी संदर्भित किया गया है। ऐसा अनुभवी योग साधकों की अद्वितीय क्षमताओं के प्रकाश में कहा गया है। यह सुझाव दिया जाता है कि योग को जमीन पर चटाई पर बैठकर किया जाना चाहिए।

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योग पर 250 शब्दों का निबंध (250 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग किसी के भौतिक अस्तित्व और आध्यात्मिक विवेक के बीच सामंजस्य का अंतिम कार्य है। मन और शरीर के बीच सही तालमेल को योग के रूप में जाना जाता है। व्यायाम के एक भौतिक रूप से अधिक, इसे एक आध्यात्मिक क्रिया के रूप में माना जाता है जो आपको स्वयं के बारे में जागरूक करता है। जब हमारा दिमाग शांत होता है तो हम जो गहरा आत्मनिरीक्षण करते हैं, वह हमें अपने भीतर से जुड़ा हुआ महसूस कराता है। प्रारंभिक सिंधु घाटी सभ्यताओं के दौरान प्राचीन भारत में योग ने आकार लिया। मूल रूप से योग का अभ्यास करने वाले हिंदू पुजारियों द्वारा इसे विस्तार से प्रलेखित किए जाने के बाद यह लोकप्रिय हो गया। भारत में योग को व्यायाम के रूप के बजाय जीवन के एक तरीके के रूप में अपनाया गया है।

लोग आध्यात्मिक, स्वास्थ्य और ध्यान संबंधी लाभों के लिए योग का अभ्यास करते हैं। विभिन्न मुद्राओं या आसनों का संयोजन योग का सार है। पारंपरिक योग में 84 आसन हैं, लेकिन अनुमान 400 से 1000 तक कहीं भी जा सकता है अगर हमारे पास योग को दस्तावेज करने वाले सभी शास्त्रों तक पहुंच हो। चरम ध्यान के कार्य के रूप में जो शुरू हुआ वह अब विश्राम के साधन के रूप में लोकप्रिय हो गया है।

पश्चिमी देशों ने अनगिनत स्वास्थ्य लाभों के लिए योग को आसानी से अपना लिया है। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में हजारों योग विद्यालय हैं जो योग की कला सिखाते हैं। जबकि योग का अभ्यास घर पर कोई भी कर सकता है, जटिल आसनों के लिए कुछ अभ्यास की आवश्यकता होती है। योग में गहरी जड़ें जमा चुकी अध्यात्मवाद इसलिए है क्योंकि जब हमारे मन और शरीर पूर्ण सामंजस्य में होते हैं, तो हमें दिव्य शांति की अनुभूति होती है जिसे संस्कृत में ‘मोक्ष’ कहा जा सकता है। योग का उद्देश्य हमारे शरीर में किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर हमें खुद से जोड़ना है। यह सलाह दी जाती है कि हमें योग करते समय जमीन पर बैठना चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा जमीन पर स्थानांतरित हो जाती है।

योग पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay On Yoga in Hindi)

जीवन भर प्रकृति से जुड़ने के लिए योग प्राचीन काल से प्रकृति द्वारा दिया गया सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल उपहार है। यह दोनों के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करने के लिए मन और शरीर को एकजुट करने का अभ्यास है। यह शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से शरीर पर नियंत्रण पाकर व्यक्ति को उच्च स्तर की चेतना प्राप्त करने में भी मदद करता है। छात्रों की बेहतरी के लिए और अध्ययन के प्रति उनकी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में प्रतिदिन अभ्यास करने के लिए योग को बढ़ावा दिया गया। शरीर में सभी विभिन्न प्राकृतिक तत्वों पर नियंत्रण प्राप्त करके पूर्णता प्राप्त करने के लिए लोगों द्वारा किया गया एक व्यवस्थित प्रयास।

योग के सभी आसनों को प्राप्त करने के लिए बहुत ही सुरक्षित और नियमित अभ्यास की आवश्यकता होती है। आंतरिक ऊर्जा को नियंत्रित करके आत्म-विकास के लिए शरीर और मन में आध्यात्मिक प्रगति लाने के लिए योगाभ्यास किया जाता है। योग के दौरान ऑक्सीजन को अंदर लेना और छोड़ना मुख्य है। दैनिक जीवन में योग का अभ्यास नियमित रूप से विभिन्न रोगों से बचाव के साथ-साथ कैंसर, मधुमेह, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी विकार, यकृत विकार, स्त्री रोग संबंधी समस्याओं और विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं सहित घातक बीमारियों का इलाज करता है।

आजकल लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए फिर से योगाभ्यास करना जरूरी है। दैनिक योगाभ्यास से शरीर को आंतरिक और बाहरी शक्ति प्राप्त होती है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, इस प्रकार विभिन्न बीमारियों से बचाता है और उनका इलाज करता है। यदि लगातार अभ्यास किया जाए तो योग चिकित्सा की एक वैकल्पिक प्रणाली के रूप में कार्य करता है। यह रोजाना ली जाने वाली कई भारी दवाओं के दुष्प्रभाव को भी कम करता है। योग जैसे प्राणायाम और कपाल भारती के अभ्यास के लिए सुबह का समय अच्छा होता है, क्योंकि यह शरीर और मन को नियंत्रित करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करता है।

योग पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay On Yoga in Hindi)

योग आपके शेष जीवन के लिए आकार में रहने के लिए एक जोखिम-मुक्त, सरल और स्वस्थ तरीका है। सभी आवश्यक है कि उचित श्वास और गति के पैटर्न के साथ लगातार अभ्यास किया जाए। योग हमारे शरीर के तीन भागों: शरीर, मन और आत्मा के बीच एक सुसंगत कड़ी स्थापित करता है। नकारात्मक परिवेश और अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण शरीर और मन को अशांत होने से रोकते हुए, शरीर के सभी अंगों के कार्यों को विनियमित किया जाता है। यह कल्याण, ज्ञान और आंतरिक शांति को बढ़ावा देता है। हमारी शारीरिक ज़रूरतें अच्छे स्वास्थ्य से पूरी होती हैं, हमारी मनोवैज्ञानिक ज़रूरतें ज्ञान से पूरी होती हैं, और हमारी आध्यात्मिक ज़रूरतें आंतरिक शांति से पूरी होती हैं, जो सभी के बीच सद्भाव बनाए रखने में योगदान देती हैं। जब हम अच्छा महसूस करते हैं तो हम एक सहायक स्वभाव विकसित करते हैं, जो हमारे सामाजिक कल्याण में सुधार करता है।

योग की उत्पत्ति

अनिवार्य रूप से, भारतीय उपमहाद्वीप वह स्थान है जहाँ योग पहली बार प्रकट हुआ था। योगियों द्वारा आदिकाल से ही इसका अभ्यास किया जाता रहा है। शब्द “योग” एक संस्कृत शब्द से लिया गया है जिसका अनिवार्य अर्थ “एकता और अनुशासन” है। यह एक बार जैनियों, बौद्धों और हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा अभ्यास किया गया था। इसने धीरे-धीरे पश्चिमी देशों में अपना रास्ता बना लिया। तब से, दुनिया भर के लोगों ने अपने मन को शांत करने और शारीरिक फिटनेस बनाए रखने के लिए योग का अभ्यास किया है। इसके अलावा, योग की बढ़ती लोकप्रियता के परिणामस्वरूप भारत ने एक योग महाशक्ति के रूप में प्रतिष्ठा विकसित की। योग के फायदों के बारे में अधिक लोग जागरूक हो रहे हैं।

योग के चार प्रमुख अभ्यास

हठ योग योग का एक उपसमुच्चय है जो जीवन शक्ति या ऊर्जा को चैनल और संरक्षित करने के लिए भौतिक तरीकों का उपयोग करने पर केंद्रित है। योग की शैली जो सबसे अधिक बार की जाती है वह हठ है। यह एक धीमी गति वाला योग है जिसमें सांस लेने के व्यायाम और स्ट्रेचिंग शामिल हैं।

कुंडलिनी योग

कुंडलिनी योग आध्यात्मिक जागरण को प्रोत्साहित करता है। कुंडलिनी योग के विभिन्न फायदे हैं जो अनुसंधान द्वारा सत्यापित किए गए हैं। शोध बताते हैं कि यह संज्ञानात्मक कार्य, आत्म-धारणा और आत्म-प्रशंसा को बढ़ाते हुए चिंता और तनाव को कम कर सकता है। योग की इस शैली में सांस लेने के व्यायाम पर जोर दिया जाता है जो जल्दी और बार-बार किए जाते हैं। एक खास तरीके से लगातार सांस लेते हुए एक खास मुद्रा बनाए रखनी चाहिए।

अष्टांग योग

अष्टांग योग शारीरिक सहनशक्ति के निर्माण और मांसपेशियों को मजबूत बनाने पर केंद्रित है। आपका शरीर अष्टांग अभ्यास से नवीनीकृत हो जाता है और अधिक विनियमित, टोंड, लचीला और मजबूत हो जाता है। पहली शृंखला के कई मुद्राएं विकृतियों से मिलती-जुलती हैं और इसके लिए एक मजबूत भुजा और कोर की मांसपेशियों की आवश्यकता होती है। प्रत्येक शिष्य इसके छह संभावित अनुक्रमों में से एक का प्रदर्शन कर सकता है।

बिक्रम चौधरी द्वारा विकसित और बीसी घोष की शिक्षाओं के आधार पर, बिक्रम योग गर्म योग की एक शैली है जिसका उपयोग व्यायाम के रूप में किया जाता है। इसने पहली बार 1970 के दशक की शुरुआत में लोकप्रियता हासिल की। बिक्रम योग, जिसे अक्सर हॉट योगा के रूप में जाना जाता है, का अभ्यास ऐसे स्थान पर किया जाता है जिसका तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। आसनों के परिणामस्वरूप आपका शरीर अधिक लचीला हो जाता है, जिससे आपको पसीना भी आता है, जिससे आपको फैट बर्न करने में मदद मिलती है।

यदि हम इसे गंभीर रूप से देखें तो योग के विभिन्न लाभ हैं। यदि आप इसे बार-बार उपयोग करते हैं तो आपको राहत मिलेगी क्योंकि यह बीमारियों को आपके शरीर और मन दोनों को प्रभावित करने से रोकता है। इसके अतिरिक्त, योग हमें अधिक स्पष्ट रूप से सोचने और हमारी बुद्धि विकसित करने में सक्षम बनाता है। योग हमें सिखाता है कि हम अपनी भावनाओं को कैसे नियंत्रित करें और साथ ही अपने ध्यान के स्तर को कैसे बढ़ाएं। यह हमारे सामाजिक कल्याण में सुधार करता है और हमें पहले से कहीं अधिक प्रकृति के करीब लाता है। यदि आप इसे लगातार करते हैं तो योग आपको आत्म-नियंत्रण और आत्म-जागरूकता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। एक बार जब आप इसे नियमित रूप से करना शुरू कर देंगे तो आप अधिक नियंत्रण में महसूस करेंगे और एक स्वस्थ, समस्या-मुक्त जीवन जीने में सक्षम होंगे।

योग पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

योग कहाँ से आया.

योग की उत्पत्ति प्राचीन भारत में सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हुई थी।

योग कितना पुराना है?

योग को 5000 वर्ष पुराना बताया जाता है।

योग शब्द की उत्पत्ति क्या है?

योग संस्कृत शब्द ‘युज’ से आया है, जिसका अर्थ है ‘जुए के लिए।’ जुए का अर्थ है एकजुट होना ताकि योग को मन और शरीर के मिलन के रूप में माना जा सके।

कितने योग आसन हैं?

84. प्राचीन भारतीय शास्त्रों में कुल 84 आसन हैं जो हमें विभिन्न मुद्राओं के बारे में बताते हैं।

Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi

Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi: एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध

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Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi

यहां हम आपको “Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay 100 Words

एक भारत श्रेष्ठ भारत एक भारतीय योजना है, जिससे भारत सरकार द्वारा नए और प्रभावी रूप से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष में इस पहल को शुरू करने की घोषणा की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद संस्कृतिक संबंधों के माध्यम से भारत के लोगो के बीच एकता को बढ़ावा देना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से उन लोगों के रिश्तो में सुधार लाना है, जो देश के विभिन्न स्थानों पर एक साथ रह रहे हैं। इस पहल में सांस्कृतिक संबंधों के माध्यम से लोगों के आपसी संबंधों को सुधारा जाएगा जिससे वे भारत की एकता को बढ़ाएंगे।

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Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay 200 Words

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक बार अपने भाषण में कहा था कि वह भारत की एकता को बढ़ाने के लिए और लोगों को एक साथ जोड़ने के लिए भविष्य में एक नई पहल शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा इस नई योजना की घोषणा सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष में 31 अक्टूबर 2015 को की गई थी। इस पहल को उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत का नाम दिया। नरेंद्र मोदी जी इन्हें इस पहल को शुरू करने का योग देश यह बताया था कि इस एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के माध्यम से अलग-अलग संस्कृतियों के लोगों को एक साथ जोड़ा जाएगा, जिससे कि वह लोग एक दूजे की संस्कृति रीति-रिवाज से परिचित होकर आपसी एकता को बढ़ावा देंगे।

भारत को संस्कृतियों का देश कहा जाता है। यहां पर अलग-अलग संस्कृति के कई सारे लोग रहते हैं, जिसके चलते लोग संस्कृतिक, रीति-रिवाज के कारण आपसी एकता से दूर होते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से दो राज्यों को आपस में जोड़ा जाएगा और दोनों राज एक दूजे की संस्कृति रीति-रिवाज को समझकर उन्हें बढ़ावा देंगे। इस योजना के माध्यम से लोगों को अन्य राज्यों की परंपरा संस्कृति एवं अन्य प्रथाओं से जुड़ा ज्ञान प्राप्त होगा। देश के नागरिकों द्वारा भी इस योजना को शुरू करने के लिए अलग-अलग विचार दिए जाएंगे।

Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay  300 Words

भारत देश में रहने वाले सभी लोगों को एक दूजे की संस्कृति से परिचित कराने के लिए इस पहल को एक अच्छा माध्यम माना जा सकता है। एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी। जिन्होंने भारत को जोड़ने के लिए काफी कुर्बानियां दी थी। हमारे भारत के कई स्वतंत्र सेनानी जैसे कि सरदार वल्लभभाई पटेल ,महात्मा गांधी अखंड भारत का निर्माण चाहते थे। वे चाहते थे, कि भारत एक हो और सर्वश्रेष्ठ हो। उन्हीं को प्रेरणा मानकर श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा वल्लभ भाई पटेल की 140 वी जयंती पर एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की घोषणा की गई।

एक भारत श्रेष्ठ भारत थीम

भारत के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में रहने वाले विशेष समुदाय के लोग एक दूजे के साथ बात करके एकता का जश्न मनाएंगे। लोगों द्वारा अपने-अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया जाएगा जैसे कि नित्य, व्यंजन ,साहित्य इत्यादि। जब दो लोग आपस में अपनी-अपनी संस्कृति का आदान प्रदान करते हैं, तो इससे भाईचारा बढ़ता है। एक भारत श्रेष्ठ भारत थीम मे अलग-अलग राज्यों के लोगों को अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़ा ज्ञान प्राप्त करने का मौका मिलेगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों में एकता विकसित होगी और उन्हें इस बात का ज्ञान होगा कि एक देश तभी तरक्की कर सकता है, जब उस देश के नागरिक एकजुट हो।

भारत में श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए भारतीय नागरिकों में एकता का होना जरूरी है। जब तक आम नागरिक अपने आसपास अलग-अलग संस्कृति के रहने वाले लोगों की संस्कृति को नहीं समझेंगे तब तक आपस में एकता विकसित नहीं हो पाएगी। सभी लोगों को एक दूजे के धर्म को समझ कर उनके सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना होगा ताकि भाईचारे का संबंध बेहतर हो। इस योजना के माध्यम से भारत के लोगों में अपने अपने धर्म के अलावा दूसरे धर्म के लोगों के प्रति भी प्रेम सम्मान विकसित होगा। भारत में रहने वाले सभी नागरिक जब एक दूसरे के धर्म को सम्मान देना और धार्मिक मान्यताओं का आदर करना सीख जाएंगे तो यह अखंड भारत बन जाएगा।

Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay 500 Words  

एक भारत श्रेष्ठ भारत की योजना आजादी के समय से ही चली आ रही है । 1947 में जब भारत अंग्रेजों के साथ आजाद हुआ था, तब भारत टूट कर कई हिस्सों बिखर चुका था। उसके बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत को जोड़ने की जिम्मेदारी उठाई और तभी से उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की शुरुआत की थी। भारत के निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल का अहम योगदान है ,इसीलिए उनके इस सपने को पूरा करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उनकी 140वी जयंती पर एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की घोषणा की।

एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना शुरुआत करने का लक्ष्य

आप सभी लोग सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में तो जानते ही होंगे ,जिन्हें लौह पुरुष के नाम से भी पुकारा जाता है। आजादी के बाद से सरदार बल्लभ भाई पटेल ने लगभग 560 राजघरानों को भारत से अलग ना होकर भारत में सम्मिलित होने के लिए राजी किया था। वे हमेशा से ही एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण करना चाहते थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा यह लक्ष्य निर्धारित किया गया था, कि वह भारत के राज्यों को एक साथ जोड़ उन्हें सांस्कृतिक और पारंपरिक रूप से भी एक साथ जुड़ेंगे। वे चाहते थे, कि देश के सभी लोग आपसी भाईचारे के साथ रहे। उन्होंने कई बार एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के माध्यम से अलग-अलग राज्यों के लोगों को दूसरे राज्यों की संस्कृति, परंपरा, भाषा आदि को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।

एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना का लाभ

एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना से कई सारे लाभ हो रहे हैं। सबसे पहले हमारा देश विविधता में एकता की धारणा से परिचित हो रहा है। इसके अलावा यह योजना देश की अखंडता और प्रभुता को बनाए रखने में मददगार साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से एक राज्य के लोग दूसरे राज्य के रीति-रिवाजों परंपराओं से परिचित होंगे जिससे उनकी उस धर्म और उनकी मान्यताओं के प्रति भावनाएं विकसित होंगी। अभी पड़ोसी राज्यों एवं लोगों में आपसी भाईचारा विकसित होगा। जिससे वे एक दूसरे को अपनी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम मनाने में समर्थन करेंगे। यह योजना लोगों को एकता का महत्व समझाएगी जिससे लोगों को यह ज्ञान होगा कि बिना आपसी एकता और भाईचारे के विकास कर पाना संभव नहीं है।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत योजना का उद्देश्य

भारत सरकार द्वारा इस योजना को 2015 में शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में विविधता में एकता की विचारधारा को विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से 2 पड़ोसी राज्यों के लोगों के बीच एक दूजे की संस्कृति को समझने की रुचि को बढ़ावा देना है। जब दो पड़ोसी राज्यों के लोग एक दूजे की संस्कृति से परिचित होंगे। वह एक दूजे के धर्म से जुड़ी मान्यताओं की जानकारी प्राप्त करेंगे ,तो उनके बीच समान पहचान की भावना विकसित होगी। राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों में अंतर सांस्कृतिक संबंध बेहतर होना जरुरी है।

भारत को सही मायने में एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए यहां के नागरिकों को सांस्कृतिक रूप से एक साथ जोड़ना जरूरी है। वर्तमान में भारत के ऐसे कई राज्य है ,जहां पर अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं।  जिसके कारण उन लोगों में आपसी एकता और भाईचारे का अभाव होता है। आपसी एकता को बढ़ावा देने के लिए और एक दूजे की संस्कृति को जानने के लिए यह योजना काफी काम आएगी। इस योजना के माध्यम से 2 राज्यों के देशों को एक-दूजे की संस्कृति से परिचित करा कर आपसी मतभेद को खत्म करने की कोशिश की जाएगी। ऐसा करने से आपसी संबंध अच्छे होंगे, और दो समुदाय के लोग करीब आने लगेंगे।

Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi 1000 Words

सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140वी जयंती पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की घोषणा की गई थी। यह योजना सरदार वल्लभ भाई पटेल के आदर्शों पर आधारित है। सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के बाद से भारत को जोड़ने का काम किया था। इसीलिए इस योजना को उन्हें समर्पित किया गया है। सरदार वल्लभभाई पटेल हमारे देश के एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। जिन्होंने भारत देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अपना योगदान दिया। उसके बाद भारत के अलग-अलग हिस्सों को एक साथ जोड़ कर एक भारत का निर्माण किया। हमारे कई स्वतंत्रता सेनानी शुरुआत से ही अखंड भारत की मांग करते आए हैं। वे अखंड भारत की मांग करते हुए शहीद हो गए ,अब उनके सपने को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा या योजना शुरू की गई है।

योजना शुरू करने की प्रेरणा

इस योजना को शुरू करने की प्रेरणा लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल से ली गई है। सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के अलग-अलग राज्यों को जोड़कर एक भारत का निर्माण किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल चाहते थे ,कि यह भारत हमेशा इसी तरह जुड़ा रहे। यहां पर रहने वाले सभी लोग एक दूजे के धर्म के प्रति जागरूक हो, ताकि धार्मिक विवाद के कारण आपसी भाईचारा खत्म ना हो। उनके इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस योजना के माध्यम से एक राज्य को दूसरे राज्य की संस्कृति जैसे कि नृत्य, भाषा, रीति-रिवाज परंपरा को जानने का मौका मिलेगा। ऐसा करने से दोनों राज्यों के लोगों में एक दूजे के धर्म के प्रति जागरूकता और सम्मान सम्मान बढ़ेगा ,जो आपसी भाईचारे को बढ़ावा देगा। भारत में रहने वाले सभी लोगों एक दूजे मे धर्म जात पात रीति-रिवाजों के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे।

एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना की विशेषता

एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के अंतर्गत राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार दोनों महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाएंगे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकार को एवं देश के नागरिकों को मिलकर अपना सहयोग देना होगा। इस योजना के माध्यम से लोगों को देश के विकास और एकता एवं अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। राज्य सरकारों द्वारा अपने आपसी पड़ोसी राज्यों से समझौता कर अपनी अपनी संस्कृति साझा की जाएगी। सभी पड़ोसी राज्य एक दूजे को अपनी संस्कृति एवं धर्म से जुड़ी मान्यताओं को साझा करेंगे। सभी नागरिकों को भारत में मौजूद सभी जाति, धर्म के बारे में भीतरी ज्ञान प्रदान किया जाएगा। देश की अखंडता और एकता को जोड़ने के लिए इस पहल के माध्यम से रीति-रिवाजों का लेन-देन भी होगा।

एक भारत श्रेष्ठ भारत, एक पहल

एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 31 अक्टूबर 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 140 वी जयंती पर की गई है। यहां महत्वपूर्ण योजना देश में एकजुटता लाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से देश के नागरिकों को आपस में एक समूह के रूप में बांधा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी जी ने यह कहा था ,कि इस योजना से देश के अलग-अलग राज्यों को भारत की संस्कृति के माध्यम से बांधा जाएगा। सभी राज्यों को अपनी अपनी व्यक्तिगत संस्कृति के साथ भारत देश की संस्कृति को भी अपनाना होगा। इसके साथ इस योजना के माध्यम से दो राज्यों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

लोगों में राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना

हमारा भारत देश एक महान देश है। यहां पर अनेकों जाति ,धर्म के लोग एक साथ रहकर विविधता में एकता का परिचय देते हैं। भारत देश को प्राचीन काल से ही विश्वगुरु कहा जाता है। हमारे भारत में सभी जाति धर्म समुदाय के लोगों द्वारा आपसी भाईचारे को हमेशा बढ़ावा दिया गया है। देश को कभी भी संस्कृति या धर्म के आधार पर बांटा नहीं गया। एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना भारत के लोगों के बीच एक दूजे के धर्म के प्रति सम्मान और संस्कृति के प्रति और जागरूकता बढ़ाएगी। देश के नागरिकों के बीच आपसी एकता बनाए रखने के लिए उनका एक दूजे के रीति-रिवाजों को और संस्कृति को जानना बेहद जरूरी है। आपसी एकता के कारण लोगों में एक दूजे के प्रति समर्पण का भाव बढ़ता है। जिससे वे देश के प्रति भी समर्पित हो जाते हैं।

एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना

भारत की संस्कृति विविधता असाधारण रूप से अनूठी है। भारत के प्रत्येक राज्य में अपनी एक अलग संस्कृति प्रथाएं, मान्यताएं, रीति-रिवाज है। भारत में मौजूद सभी समुदाय के लोग अपने अलग भोजन, धर्म, नृत्य, रूप सामाजिक और धार्मिक मान्यताओं, प्रथाओं और नैतिक पहनावे से दूसरों लोगों से अलग है। भारत की सबसे बड़ी खूबसूरती यहां की एकता है। यहां पर तमाम समुदाय के लोग मतभेदों के बावजूद भी एकजुट रहते हैं। भारत के नागरिकों के बीच सांस्कृतिक एकता को बढ़ाने के लिए और आपसी रिश्ते को मजबूत करने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना की गई है। इस योजना के माध्यम से 2017 में आंध्र प्रदेश को पंजाब राज्य के साथ जोड़ा गया था। जिसके फलस्वरूप पंजाबी लोगों ने तेलुगु भाषा सीखी और आंध्र प्रदेश की संस्कृति से रूबरू हुए। तेलुगु लोगों ने भी पंजाबी व्यंजनों का लाभ लिया। इसके साथ एक दूसरे की प्रथाओं के पर्यटन स्थलों के बारे जाना।

भारत के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई यह योजना काफी कारागार साबित हो रही है। इस योजना के माध्यम से कई राज्यों के लोग अपने पड़ोसी राज्यों के लोगों की संस्कृति की वेशभूषा रीति-रिवाजों को देखकर उनके प्रति प्रभावित हो रहे हैं। भारत के सभी नागरिक एक दूजे के धर्म के प्रति जागरूक होकर अखंड भारत के निर्माण की नींव रख रहे हैं। इस योजना के माध्यम लोगों की एक दूजे के धर्म के प्रति सदियों पुरानी बनी धारणा बदल रही है, जो लोग पहले किसी के धर्म को या किसी की सांस्कृतिक मान्यता को गलत समझते थे आज भी उसका सहयोग कर रहे हैं, और यही विविधता में एकता का परिचय बन रहा है। भारत जैसे देश के अंदर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। समाज में जात-पात, धर्म, रंग-रूप के नाम पर होने वाले भेदभाव को पूरी तरह खत्म कर एकता को बढ़ावा देना है।

एक भारत श्रेष्ठ भारत पर निबंध pdf

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Essay on Dussehra in Hindi: स्टूडेंट्स के लिए दशहरा पर निबंध 100, 150, 250 और 500 शब्दों में 

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  • Updated on  
  • सितम्बर 7, 2023

Essay on Dussehra in Hindi

Essay on Dussehra in Hindi : दशहरा एक बहुत बड़ा हिंदू पर्व है, जिसे लोग ‘बुराई पर अच्छाई की जीत’ के रूप में मनाते हैं। एग्जाम के समय स्कूल में बच्चों को दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) लिखने को कहा जाता है, जिससे उनको दशहरा के इस पर्व के बारे में पता चले और इसके प्रति उनमें उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे में पूरा ज्ञान प्राप्त हो। इसके अतिरिक्त कभी-कभी स्टूडेंट्स को शब्द सीमा के आधार पर निबंध लिखने को आता है। इसे देखते हुए आज हम Essay on Dussehra in Hindi के ज़रिए सरल तरीके से इस पर्व की विशेषता बताएंगे, ताकि स्टूडेंट्स को दशहरा पर निबंध आसानी से समझ आए।

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दशहरा पर्व का परिचय, दशहरा पर निबंध (essay on dussehra in hindi) 100 शब्दों में , दशहरा पर निबंध (essay on dussehra in hindi) 150 शब्दों में, दशहरा कब मनाया जाता है, इसलिए मनाया जाता है दशहरा, राम और रावण का युद्ध लगभग कितने दिनों तक चला , दुर्गा पूजा और दशहरा.

दशहरा एक बहुत बड़ा त्योहार है जिसे पूरे भारत देश में लोग बड़े उत्साह के साथ दशहरा मनाते हैं। इस पर्व का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि इस पर्व में रावण के पुतले का दहन किया जाता है और यह बुराई की शक्ति पर अच्छाई की शक्ति की जीत का प्रतीक माना जाता है। यही नहीं हमारे भारत देश के कुछ क्षेत्रों में दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। तो चलिए जानते हैं दशहरा पर निबंध के कुछ सैंपल निबंध। 

100 शब्दों में दशहरा पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

दशहरा भारत देश में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहार में से एक है। यह पर्व उस उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जब भगवान राम ने लंका के राजा रावण को हराया था। उस दिन सभी को एक संदेश मिला था कि हमेशा अच्छाई और पवित्रता बुराई पर विजय प्राप्त करती है। कई शहरों और गांवों में इस पर्व के दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य तैयार होकर दशहरे में रावण दहन, आतिशबाजी और स्थानीय रंगमंच समूह रामलीला का नाटक देखने जाते हैं। जो रामायण की प्रसिद्ध पौराणिक कथाओं पर आधारित होती है। 

Essay on Dussehra in Hindi

150 शब्दों में दशहरा पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

दशहरा हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है, जिसे भारत देश में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दशहरा भारत देश में सभी जगह समान्य रूप से मनाया जाता है, पौराणिक कथाओं की मान्यता के अनुसार इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। लेकिन देखा जाए तो इस पर्व को मनाए जाने के पीछे दो मुख्य कारण भी हैं, पहला यह कि इस दिन भगवान राम ने रावण के साथ युद्ध करके उसका वध किया था और वहीं दूसरी वजह यह कि माता दुर्गा द्वारा राक्षसों के साथ नौ दिनों तक भयंकर युद्ध के बाद उनका का संहार किया था। 

इसलिए कहा जाता है की इस दिन बुराई का अंत हुआ था और बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी। भारत देश सालों से इस दिन को विजयादशमी भी कहते हैं। क्योंकि देवी दुर्गा की नौ दिनों तक पूजन के पश्चात् लोग दशमी के दिन रावण का पुतला जलते हैं और इस दशहरे के पर्व को बड़ी धूमधाम के साथ मानते हैं। 

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 250 शब्दों में

दशहरा या विजयदशमी त्योहार जोकि बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है। इस सैंपल 250 शब्दों में दशहरा पर निबंध में आप दशहरा के समय, पौराणिक कथा और महत्व के बारे में जानेंगे।

दशहरा का त्यौहार हिंदू लूनिसोलर कैलेंडर के अनुसार अश्विन या कार्तिक माह में 10वें दिन मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक सितंबर-अक्टूबर माह से मिलता-जुलता है। यह त्योहार नवरात्रि में दुर्गा पूजा के दसवें दिन और दीपावली से 20 दिन पहले मनाया जाता है।

दशहरा का ये तयौहार मुख्य रूप से भगवान राम और रावण पर उनकी विजय से जुड़ा है। भगवान राम को कौन नहीं जनता है, यह पर्व अयोध्या (Ayodhya) के राजकुमार राम की है, जिनका विवाह मिथिला की राजकुमारी सीता से हुआ था। राम और सीता के विवाह के पश्चात राम को उनके पिता राजा दशरथ के वचनवद्ध होने के कारण उनको 14 वर्ष के वनवास भोगना पढ़ा। पिता की आज्ञा मानकर राम वनवास जाने के लिए अपने राजमहल से निकले उनके साथ सीता माता भी जाने को तैयार हो गई, भाई प्रेम के कारण लक्ष्मण ये सब देख न सके और भ्राता राम और माता सीता के साथ वन के लिए प्रस्थान कर लिया। राम दंडक वन (दक्षिण भारत) में अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास काट रहे थे। उस समय कई राक्षसों द्वारा तीनों को परेशान किया गया, लेकिन राम के आगे किसकी चलती। राम ने सबको पराजित किया। 

दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi) 500 शब्दों में

500 शब्दों में दशहरा पर निबंध कुछ इस प्रकार है – 

लक्ष्मण द्वारा रावण की बहन की नाक काट देने की वजह से लंका के राजा लंकेश को बहुत गुस्सा आया और उसने इसका प्रतिशोध लेने के लिए माता सीता का हरण किया। रावण जानता था कि वह माता सीता का कोई साधारण स्त्री नहीं है, उनका हरण कर पाना सरल नहीं है। क्योंकि सीता अकेले जरूर है, परन्तु मायावी शक्तियां सदैव उनके साथ होंगी। जिसके कारण कभी उन तक नहीं पहुंच सकता है। तभी रावण ने उस समय एक साधु के वेश में आकर सीता का छल के द्वारा माता सीता का हरण कर लिया और वह उन्हें अपने राज्य ‘लंका’ ले गया, जोकि वर्तमान समय में श्रीलंका के नाम से पुकारा जाता है। 

राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उनमें निस्सल राजकुमार, एक श्रेष्ठ धनुषधारी योद्धा और नैतिक मूल्य के गुण थे। इस युद्ध में उनकी मुलाकात अपने प्रिय भक्त हनुमान से हुई, जिन्होंने पूरी लंका को अपनी पूंछ के बल पर जला दिया था।  इस युद्ध में हनुमान के साथ, सुग्रीव, जामवंत अंगद जैसे कई वीर योद्धा शामिल थे। समय बीतता गया और राम की सेना लंका में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन श्रीराम नहीं चाहते थे कि युद्ध हो और सब विनाश की चपेट में आए। युद्ध से होने वाले विनाश से बचने के लिए राम ने अंगद को लंका में शांतिदूत बनाकर भेजा था। वहां रावण द्वारा अंगद का बहुत उपहास और अपमान किया गया, जिससे क्रोधित होकर अंगद ने पूरी सभा में ही प्रस्ताव रख दिया कि जो कोई उनका पैर जमीन से हिला देगा, तो वे हार मान लेंगे और श्रीराम व पूरी सेना के साथ वापस अयोध्या को लौट जाएंगे। कोई उनके पैर को टस से मस नहीं कर सका।   

पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है की राम और रावण का ये युद्ध लगभग 13 दिनों तक चला और अंत में भगवान राम लंका के राजा रावण को मारने में सफल रहे। और युद्ध के 20 दिन बाद अपना वनवास पूरा करके माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपनी नगरी अयोध्या वापस लौटे आए। राम के लौटने की खुशी में पूरे नगर के देशवासियों ने नगर को दीपों ने रोशन कर दिया था। इस उत्साह और ख़ुशी के दिन से ही पूरे भारत वर्ष में इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाता है।

दुर्गा पूजा और दशहरा देखा जाएं तो दोनों बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक चले भयंकर युद्ध में दुष्ट राक्षस महिषासुर का वध किया था और नवरात्रि के दसवें दिन उसका वध किया था इस रूप में हम कह सकते हैं कि, बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी। कहा जाता है कि युद्ध में जाने से पहले भगवान राम ने शक्ति और वीरता के लिए देवी दुर्गा की पूजा की थी। हम हर वर्ष सितंबर-अक्टूबर के माह में दशहरा अत्यधिक हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और हर गाँव या शहर में मेलों का आनंद लेते हैं।

दशहरा न केवल हिंदू धर्म के विश्वास का एक प्रमुख अंग है, अपितु यह दिन “असत्य पर सत्य की जीत” का प्रतीक है। ये दिन भारतीय लोगों पर भी जोर देता है।

1955 से रावण दहन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। यह प्रचलन 1954 में दशहरा कमेटी के गठन के बाद से शुरू हुआ। 

 आशा है आपको ये Essay on Dussehra in Hindi का ब्लॉग पसंद आया होगा और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण आपको मिली होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें

Updated On: March 07, 2024 12:55 pm IST

  • होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in …
  • होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in …

होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगो के बीच भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। होली का त्यौहार विश्व भर में प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार (Holi Festival) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार (Festival of Holi) हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ये भी पढ़ें - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से 200 से 500 शब्दों तक हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) लिखना सीख सकते हैं।

होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in 200 words)

होली पर निबंध (holi par nibandh) - होली का महत्व, होली पर निबंध (essay on holi in hindi) - होली कब और क्यों मनाई जाती है.

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अधिकतर फरवरी और मार्च के महीने में पड़ता है। इस त्योहार को बसंतोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रचलित होता है। ‘होली’ मनाए जाने के पीछे भी कहानी है। वैसे तो होली पर कई कहानियां सुनाई व बताई जाती है लेकिन कुछ कहानियां हैं जो गहराई से हमारी संस्कृति एंव भाव से जुड़ी है। तो आईये जानते है होली मनाने के पीछे का कारण और संस्कृति एंव भाव।

इसी तरह भगवान कृष्ण पर आधारित कहानी होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोप व गोपियों के साथ रास रचाई तब से होली का प्रचलन हुआ। वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोप गोपियों के साथ रंगभरी होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे अच्छी और विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। इस मान्यता के अनुसार जब श्री कृष्ण दुष्टों का संहार करके वृंदावन लौटे थे तब से होली का प्रचलन हुआ और तब से हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाती है।

होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in 500 words)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। होली एक सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें लोग अपनी पूर्वाग्रहों और विभिन्न सामाजिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर आपसी भाईचारा और प्रेम का आनंद लेते हैं। यह पर्व विभिन्न आदतों, परंपराओं और धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर है।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

विश्व के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है कहीं फूल भरी होली खेली जाती है तो कहीं लठमार होली तो कहीं होली का नाम ही अलग होता है। होली खेलने का तरीका भले ही सबका अलग अलग हो लेकिन होली हर जगह रंगों के साथ ज़रूर खेली जाती है। होलिका दहन के लिए बड़कुल्ले बनाना, होली की पूजा करना, पकवान बनाना, होलिका का दहन करना इत्यादि किया जाता है।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली की तैयारी कैसे करें?

पकवान बनाने के बाद घर के सभी लोग उसे एक थाली में सजाकर होलिका दहन वाली जगह जाते हैं। इसके अलावा वे अपने साथ बड़कुल्ले और पूजा का अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसमें कच्चा कुकड़ा (सूती धागा), लौटे में जल, चंदन इत्यादि सम्मिलित हैं। फिर उस जगह पहुंचकर होली की पूजा की जाती हैं, पकवान का भोग लगाया जाता हैं और बड़कुल्लों को उस ढेर में रख दिया जाता हैं। उसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। पूजा करने के पश्चात सभी अपने घर आ जाते हैं।

रात में सूर्यास्त होने के बाद पंडित जी वहां की पूजा करते हैं। सभी लोग उस स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं। उसके बाद उन लकड़ियों में अग्नि लगा दी जाती हैं। अग्नि लगाते ही, उस ढेर के बीच में रखे मोटे बांस (प्रह्लाद) को बाहर निकाल लिया जाता हैं। होलिका दहन को देखने के लिए लोग अपने घर से पानी का लौटा, कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ व कनक के बाल लेकर जाते हैं। पानी से होली को अर्घ्य दिया जाता है। दूर से उस अग्नि को कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ और कनक के बाल दिखाए जाते हैं। कुछ लोग होलिका दहन के पश्चात उसकी राख को घर पर ले जाते हैं।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh in Hindi) - होली कैसे खेलते है?

इन सब के बाद शुरू होता हैं असली रंगों का त्यौहार। सभी लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों के साथ होली का त्यौहार खेलते हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं।

इसी के साथ लोग फूलों, पानी, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं। कई जगह लट्ठमार होली खेली जाती हैं तो कहीं पुष्प वर्षा की जाती हैं। कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है। यह राज्य व लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं। बस रंग हर जगह उड़ाए जाते हैं।

यह उत्सव लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने घर आ जाते हैं। इसके बाद होली का रंग उतार लिया जाता हैं, घर की सफाई कर ली जाती हैं और नए कपड़े पहनकर तैयार हुआ जाता हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें-

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) -  होली के हानिकारक प्रभाव

होली का इन्तजार लोगो को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है जिसका ध्यान रखना चाहिए। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें इसलिए होली के दिन सावधानीपूर्वक रंगो को खेलिये जिससे किसी के लिए हानिकारक न हो।

सुरक्षित तरीके से होली खेलने के सुझाव

होली का त्योहार (Holi Festival) ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग इसके रंग में डूबे नजर आते हैं, लेकिन इसकी मौज-मस्ती आपको इन बातों का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए ताकि इस प्यार भरे उत्सव का मजा किरकिरा न हो।

  • होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर और बालों पर अच्छी तरह तेल और मॉइश्चराइजर लगा लें। ताकि रंग आसानी से छूट जाएं।
  • होली खेलने के लिए नैचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, कैमिकल भरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि कैमिकल वाले रंगों की वजह से कई बार स्किन एलर्जी तक हो जाती है।
  • होली में ज्यादा पानी को बर्बाद न करें।
  • होली पर फुल कपड़े पहनने की कोशिश करें, ताकि कलर ज्यादा स्किन पर न आए।
  • होली में किसी पर जबरदस्ती कलर नहीं डालें और ध्यान रखें कि मौज-मस्ती में किसी को चोट न आए।
  • होली की मौज-मस्ती में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, कई बार ज्यादा समय तक पानी में गीले रहने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं

होली रंग का त्योहार है, जिसे मस्ती और आनंद के साथ मनाया जाता है। होली में पानी और रंग में भीगने के लिए तैयार रहें, लेकिन खुद को और दूसरों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी सावधान रहें। अपने दिमाग को खोलें, अपने अवरोधों को बहाएं, नए दोस्त बनाएं, दुखी लोगों को शांत करें और टूटे हुए रिश्तों को जोड़ें। चंचल बनें लेकिन दूसरों के प्रति भी संवेदनशील रहें। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न करें और हमेशा अपने आचरण की देखरेख करें। इस होली में केवल प्राकृतिक रंगों से खेलने का संकल्प लें।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ असामाजिक तत्व अपने गलत आचरण से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा। इसलिए होली में कुरीतियों से बचें और खुशुयों से होली मनाये यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है। होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) कुछ लाइनों में लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से होली पर निबंध 10 लाइनों (Holi Par Nibandh 10 Lines) में लिखना सीखें।

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    ये सारे ‎हिन्दी निबंध (Hindi Essay) बहुत आसान शब्दों का प्रयोग करके बहुत ही सरल और आसान भाषा में लिखे गए हैं। इन निबंधों को कोई भी व्यक्ति ...

  10. भारत (इंडिया) पर निबंध

    भारत पर निबंध (India Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / July 19, 2023. पूरे विश्व भर में भारत एक प्रसिद्ध देश है। भौगोलिक रुप से, हमारा देश एशिया महाद्वीप के ...

  11. प्रदूषण पर निबंध 100, 150, 250 & 300 शब्दों में (10 lines Essay on

    मेरा स्कूल पर निबंध - 10 lines (My School Essay in Hindi) Long and Short my school Essay 100, 150, 200, 250, 500, शब्दों मे दिवाली पर निबंध - 10 lines long and short Essay on Diwali 2024 in Hindi (150, 200, 250 , 400, 500 शब्दों में)

  12. Chandra Shekhar Azad Essay in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500

    Chandra Shekhar Azad Essay in Hindi 100 शब्दों में . चंद्रशेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे। उन्होंने 'हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ...

  13. परोपकार पर निबंध-Essay On Paropkar In Hindi (100, 200, 300, 400, 500

    समय के महत्व पर निबंध-Value Of Time Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध-Environmental Pollution Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

  14. Essay on Friends in Hindi : इस बार दोस्त पर लिखें निबंध 100, 200 और 500

    Essay on Friends in Hindi 100 शब्दों में . मित्र हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। वे हमारे साथ खुशियों और दुखों को साझा करते हैं। मित्रता एक ऐसा रिश्ता है जो ...

  15. चन्द्रशेखर आजाद पर निबंध (Chandrashekhar Azad Essay in Hindi)

    चन्द्रशेखर आजाद पर छोटे और बड़े निबन्ध (Short and Long Essays on Chandrashekhar Azad, Chandrashekhar Azad par Nibandh Hindi mein) चन्द्रशेखर आजाद पर निबंध - 1 (250 - 300 शब्द)

  16. Essay On Swachh Bharat Abhiyan In Hindi (100, 200, 300 ...

    समय के महत्व पर निबंध-Value Of Time Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध-Environmental Pollution Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

  17. परिश्रम का महत्व पर निबंध-Importance Of Hard Work Essay In Hindi (100

    समय के महत्व पर निबंध-Value Of Time Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध-Environmental Pollution Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

  18. योग पर निबंध 100, 150 200, 250, 300, 500 शब्दों मे (Essay On Yoga in Hindi)

    योग पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay On Yoga in Hindi) योग एक ऐसी प्रथा है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है और इसकी जड़ें भारत में हैं। अतीत में, लोगों ...

  19. Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay in Hindi: एक भारत श्रेष्ठ भारत पर

    Ek Bharat Shreshtha Bharat Essay 100 Words. एक भारत श्रेष्ठ भारत एक भारतीय योजना है, जिससे भारत सरकार द्वारा नए और प्रभावी रूप से शुरू करने का निर्णय लिया गया ...

  20. Essay on Dussehra in Hindi: स्टूडेंट्स के लिए दशहरा पर निबंध 100, 150

    Essay on Dussehra in Hindi : दशहरा एक बहुत बड़ा हिंदू पर्व है, जिसे लोग 'बुराई पर अच्छाई की जीत' के रूप में मनाते हैं। एग्जाम के समय स्कूल में बच्चों को दशहरा पर निबंध (Essay on ...

  21. होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500

    गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in Hindi) - गाय पर निबंध 100, 200, 500 शब्दों में यहाँ देखें; मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Mera Priya Mitra Par Hindi Me Nibandh)

  22. Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

    समय के महत्व पर निबंध-Value Of Time Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words) पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध-Environmental Pollution Essay In Hindi (100, 200, 300, 400, 500, 700, 1000 Words)

  23. Essay On Holi In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

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