Hindi Yatra

Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

दोस्तो आज हमने Mera Vidyalaya Essay in Hindi लिखा है मेरा विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है. शिक्षा प्राप्त करके हम किसी भी असंभव कार्य को कर सकते हैं इसलिए हमें विद्यालय जरूर जाना चाहिए.

(1) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Class 2,3

मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं. मेरा विद्यालय नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक है . मेरा विद्यालय दो मंजिला इमारत में बना हुआ है जिसमें तीस हवादार कक्ष है. मेरे विद्यालय के चारों ओर सफेद रंग किया गया है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर और मन को शांति पहुंचाता है.

Mera Vidyalaya Essay in Hindi

Get Some Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Student – 150, 250, 500 or 1100 words.

विद्यालय में बीस अध्यापक-अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि हमें अलग-अलग विषय पढ़ाते है. विद्यालय के पीछे एक ग्राउंड है जिसमें पेड़ पौधे लगे हुए हैं और हम वहीं पर सुबह प्रार्थना करते हैं और आधी छुट्टी होने पर वही पर हम खेलते है. हमारे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत रहता है.

मेरे विद्यालय में कोई सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगिताएं होती है. मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं वह हमें रोज शिक्षाप्रद कहानी सुनाते हैं मुझे मेरा विद्यालय बहुत पसंद है.

(2) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for class 4,5,6,7,8

मेरे विद्यालय का नाम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय है यह हमारे शहर के सबसे अच्छे विद्यालय में से एक है. हमारे विद्यालय में लगभग 800 विद्यार्थी पढ़ते है, मेरा विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक है. विद्यालय में 40 अध्यापक अध्यापिकाओं का स्टाफ है और 4 चपरासी हैं और एक दरबान है.

विद्यालय शहर के शोर शराबे से दूर एक शांति स्थल पर स्थित है जिसके कारण हमें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती है. विद्यालय के चारों ओर बहुत हरियाली है जिससे वहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है. विद्यालय में 50 कमरे है. मेरे विद्यालय में एक कंप्यूटर लैब है

जिसमें हम कंप्यूटर की जानकारी लेते हैं और एक लाइब्रेरी भी है जहां पर हम अखबार पढ़ते हैं और अच्छे कवियों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ते हैं यहां पर करीब 1000 किताबों का संग्रह है.

यह भी पढ़ें –   Essay on Cleanliness in School in Hindi – स्वच्छ विद्यालय पर निबंध

विद्यालय में प्रधानाचार्य जी के बैठने के लिए एक अलग कार्यालय बनाया गया है जो कि बहुत ही सुंदर है वहां पर अच्छी सजावट की गई है. विद्यालय में जगह-जगह पर कूड़ादान लगाए गए हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

विद्यालय मैं एक बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम रोज खेलते हैं विद्यालय में हमें हर सप्ताह कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन , हॉकी, क्रिकेट आदि खेलना सिखाया जाता है.

विद्यालय में NCC और स्काउट भी है. विद्यालय में कुछ दिनों पहले ही वार्षिक उत्सव मनाया गया था जिसमें हमने खूब बढ़ चढ़कर भाग लिया था इसमें हमें पुरस्कार भी मिला था.

मेरे विद्यालय के सभी लोग बहुत अच्छे हैं यहां पर पढ़ाई भी बहुत अच्छी होती है इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है.

(3) Mera Vidyalaya Essay in Hindi 500 words

विद्यालय का नाम प्रेरणा पब्लिक स्कूल है इस विद्यालय से हर बार 10वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थी मैरिट में आते है इसलिए आज से यह विद्यालय पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत ही अच्छा है साथ ही यहां के छात्र-छात्राएं खेलकूद में भी अव्वल रहते है.

यहां पर आने वाले हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा दी जाती है. विद्यालय में प्रवेश करते हैं मां सरस्वती का मंदिर है जो कि संगीत और विद्या की देवी है हम सबसे पहले उनके दर्शन करते हैं फिर उनसे प्रार्थना करते है. मेरे विद्यालय का गर्मियों में टाइम 7:00 बजे से 1:00 बजे तक का होता है और सर्दियों में 10:00 बजे से 4:00 बजे तक का होता है.

विद्यालय में कक्षा प्रारंभ होने से पहले मैदान में प्रार्थना करवाई जाती है और प्रत्येक दिन हमारे प्रधानाचार्य हमें कुछ नई बातें बताते हैं जो कि हमारे बहुत काम आती है यहीं पर हमें विद्यालय में होने वाले कार्यक्रमों की सूचना भी दी जाती है.

Mera Vidyalaya में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ते है. विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए दो कमरे बनवाए गए हैं ताकि बच्चों की संख्या अधिक होने पर दूसरा सेक्शन बनाया जा सके. विद्यालय का भवन बहुत ही सुंदर, खुला और हवादार है. विद्यालय के आगे दो बगीचे हैं जिनमें तरह-तरह के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जो कि देखने में भी सुंदर लगते हैं और साथ ही विद्यालय के वातावरण को भी सुगंधित बना देते है. विद्यालय में एक कैंटीन भी है जहां पर हम दोपहर में खाना खा सकते है.

यह भी पढ़ें –  Mera Priya Mitra Essay in Hindi – मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

विद्यालय में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को और गरीब छात्र-छात्राओं को हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है. मेरे विद्यालय की ड्रेस सफेद शर्ट, नीली पेंट, कमर में पहनने के लिए बेल्ट है और एक नीले रंग की टाई है जो कि मुझे बहुत पसंद है.

विद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी लगे हुए हैं जिस पर हम आराम से बैठकर पढ़ाई कर सकते है. मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय और एक कंप्यूटर लैब भी है. विद्यालय के मैदान में घात लगाई हुई है जिसके कारण रेत नहीं उड़ती है और विद्यालय साफ सुथरा रहता है.

विद्यालय के चारों ओर ऊंची चारदीवारी है जिससे कोई अन्य व्यक्ति विद्यालय में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरे विद्यालय में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी होती हैं जिनमें हम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. हमें योगा भी सिखाया जाता है जिससे हमारा स्वास्थ्य एकदम सही रहता है और हम हर रोज विद्यालय जा पाते है.

मेरे विद्यालय में अनेक प्रकार की खेल खेलने भी शिकायत जाते हैं जिनमें खो-खो , कबड्डी, क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल आदि सिखाए जाते है और हर साल हमारे विद्यालय के विद्यार्थी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं पिछले साल क्रिकेट में हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला था.

Mera Vidyalaya के प्रधानाचार्य बहुत अच्छे हैं उन्होंने जब से अपना कार्यभार संभाला है तब से विद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है. मेरे विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी कराया जाता है इससे हमारा सर्वागीण विकास होता है इसलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अधिक पसंद है.

(4) My School Essay in Hindi 1100 Words

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर दूर पड़ता है इसलिए हमारे विद्यालय से रोज एक पीले रंग की स्कूल बस समय लेने आती है मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती है.

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है जहां पर किसी प्रकार का शोर शराबा नहीं होता और यह अच्छा भी है क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है. मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है इसके चारों ओर ऊंची दीवारें है.

मेरे विद्यालय में चार मंजिला इमारत है जिसमें 80 हवादार कमरे है. इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिसे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है. मेरा विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक का है मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूं मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है. विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं दिल से हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकिया है.

मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालय की व्यवस्था है. विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएं एवं कहानियों की किताबें पढ़ते है. आजकल कंप्यूटर का युग है इसलिए हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों की एक बड़ी लाइव है जिसमें हर दिन हमारा एक पीरियड कंप्यूटर से संबंधित आता है जिसमें हमें कंप्यूटर सिखाया जाता है.

मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम में जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है. यहां पर एक अन्य बड़ा कमरा भी है जहां पर विद्यालय का ऑफिशियल वर्क देखा जाता है वहां से किसी भी प्रकार की विद्यालय के बारे में जानकारी ली जा सकती है.

मेरे विद्यालय में प्रवेश करते ही मां सरस्वती का मंदिर है जिसमें हम रोज जाकर प्रार्थना करते है और मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते है.

मेरे विद्यालय में बैठने के लिए प्रत्येक कक्षा में टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्यक्षा में चार पंखे लगे हुए है. हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है जिसमें हम क्लास का कूड़ा डालते हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहां पर हमारे अध्यापक अध्यापिकाएं आकर हमें किसी भी विषय के बारे में चांक से लिखकर समझाते है विषय में प्रत्येक विषय समझने में बहुत आसानी होती है. ह मारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक – अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं वह अपने विषय में विद्वान है. जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है.

Mera Vidyalaya में प्रत्येक सप्ताह योगा की क्लास भी लगती है जिसमें में योगा करना सिखाया जाता है और हमारे स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है यह बताया जाता है. योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है उन्होंने जब से विद्यालय में कार्यभार संभाला है शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है.

मेरे विद्यालय में आठ चपरासी हैं और एक दरबान है. चपरासी विद्यालय के छोटे-मोटे काम देखते है जैसे अध्यापक-अध्यापिकाओं को चाय पानी देना, स्कूल की साफ सफाई करना आदि है. दरबान स्कूल में आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए दरवाजा खोलते हैं और ध्यान रखते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति स्कूल में प्रवेश ना करें.

वे हमें रोज स्कूल बस से उतारते हैं हमने उनका नाम रामू काका रख रखा है वह हमें कभी-कभी टोफियाँ भी बांटते है वे हमसे बहुत प्यार करते है.

मेरे विद्यालय के आगे छोटे-छोटे चार बगीचे हैं जिनमें छोटी छोटी घास लगी हुई है और अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जिनसे मनमोहक खुशबू आती है और यह देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं यह बगीचे विद्यालय की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं.

मेरे विद्यालय के पीछे की और एक बहुत बड़ा ग्राउंड है जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेलते हैं यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है. विद्यालय के ग्राउंड के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और विद्यालय के ग्राउंड पर छोटी-छोटी घास लगी हुई है इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है.

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह है कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है जैसे चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएं आदि की प्रतियोगिता होती रहती है जिसमें हम बढ़-चढ़कर भाग लेते है. हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएं रखी जाती है जिसमें से एक प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया था.

वह प्रतियोगिता सुंदर डिजाइन तैयार करने पर थी मैंने उस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था उस दिन मुझे स्टेज पर बुलाकर सभी विद्यार्थियों के सामने गोल्ड मेडल दिया गया था यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी और मेरे विद्यालय के लिए भी.

मेरे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिता हमारे विद्यालय में ही होती है इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी विचार लेते हैं जो कि हर बार पुरस्कार भी प्राप्त करते है मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएं होती है.

Mera Vidyalaya में हर साल 15 अगस्त , 26 जनवरी, वार्षिक उत्सव और अन्य जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिनमें हम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं इसके बाद हमारे विद्यालय की प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते है इसके बाद हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गानों पर तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.

विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं इसके साथ ही स्कूल में प्रथम आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है. मैं हर बार वार्षिक उत्सव में गीत गायन में हिस्सा लेता हूं जिसमें हम सबसे पहले मां सरस्वती की वंदना करते हैं इसके पश्चात अन्य कार्यक्रम होते है.

मेरे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है. यहां के शिक्षक गण भी बहुत ही विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व के है.

मेरा विद्यालय सभी विद्यालयों में श्रेष्ठ हैं और मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक अच्छे विद्यालय में पढ़ता हूं. यहां पर हमें अच्छी शिक्षा मिलती है और अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए एक अच्छा स्कूल बहुत जरूरी है.

यह भी पढ़ें –

Essay on Badminton in Hindi – बैडमिंटन पर निबंध

Mera Priya Khel Kho Kho in Hindi – खो-खो खेल पर निबंध

“15 अगस्त” स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Swatantrata Diwas Par Nibandh

आदर्श विद्यार्थी पर निबंध – Adarsh Vidyarthi Essay in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Mera Vidyalaya Essay in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

38 thoughts on “Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध”

Hamare vidalaya bohut helpfull hai

Hey!! I want to ask that which school you’re describing in the last essay because my school is almost same as you described in the last essay.

Good job 👍 wonderful paragraph 😊

Thank you Himanshi for appreciation

very nice essay

Thank you Ishaan banerjee

Thanks it helped me… 😊😊

Welcome Roopesh Patel, thank you for appreciation.

Thanks for the essay aaj tumhare liye bach gya bhai teacher ne school se essay likne ko kaha thaa THANK U SOO MUCH🙂

Aap sab ki sahayta ke liye hi to hamne ye essay likha, hamari website ko itna payar dene ke liye Dhiman talukder aap ka bahut bahut dhanyawad

thanxxx fir give me essay

Welcome Ayush Raj and keep visiting hindiyatra.

Nice essay wonderful😀well done

Thank you MD.Aehtisham for appreciation.

I want 4th and 5th class level paragraph

Arshnoor Kaur, we have already provided paragraph for 4th and 5th class, please check again Thank you.

Brilliant paragraph.☺👍👌

Thank you Stuti

Brilliant paragraph and very helpful to everyone. ☺👍👌

Thank you Stuti for appreciation, keep visiting hindiyatra.

Very nice essay and website to get everything in hindi

Thank you rishabh yadav for appreciation and keep visiting hindiyatra.

It is a very good website to learn paragraph writing in hindi……

Thank you Prashant Singh for Appreciation.

Very helpful it help me to do my homework

Thank you very much Shashank Gupta

It is best. It is very helpful for me and friends.☺️☺️☺️☺️☺️

thank you Arya Sonpipare, keep visiting our website.

very nycc paragraph thnx gor help me

Welcome Khushi, Keep visiting our website.

Very helpful. It help me in my exam very much. 😍😍. I like it. It is in all language and can be easily understood.

Thank you Krishna mallick, keep visiting our website.

Very helpful. It help me in my exam very much. 😍😍

It’s good it helps me to write Hindi paragraph easily

Thank you parismitaboro

It’s good. It’s helpful. It helps me very much

Brilliant essay good job

Thank you Arman for appreciation.

Leave a Comment Cancel reply

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi पर दिया गया हैं.

मेरी स्कूल पर सरल निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में छोटा बड़ा माय स्कूल एस्से इन हिंदी के रूप में याद करवा सकते हैं.

मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

Paragraph On My School In Hindi & English For Students: Here We Share With You Short Paragraph On My School For Students In English & Hindi Language.

Write A Short Paragraph Of About 100 Words On My School Use Following Words- Govt, Big, Building, Room, Airy, Doors, Hall, Library, Reading Room, Headmaster, Students, Teachers.

My School Paragraph In English In 100 Words

I Read In Government Upper Primary School. The Building Of The School Is Very Grand. It Is In The Center Of the City.

There Are Thirty Rooms In My School. All The Rooms Are Very Big And Airy. Our School Has a Big Hall. There Is A Good Library In Our School.

There Are Two thousand Books In It. There Is A Reading Room. We Read Newspapers And Magazines In It. Our School Has a Big Playground.

We Play Games There In The Evening. There Are Five Hundred Students In Our School. All Are Teachers Are Very Kind And Learned. Our Headmaster Is A Learned Men.

My School Paragraph In Hindi In 100 Words

मैं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ. स्कूल की इमारत बहुत भव्य हैं. यह शहर के मध्य में हैं. मेरे स्कूल में तीस कमरे हैं. सारे कमरे बहुत बड़े और हवादार हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा हॉल हैं. हमारे स्कूल में एक अच्छा पुस्तकालय हैं. इसमें दो हजार पुस्तकें हैं. इसमें दो हजार पुस्तके हैं. एक वाचनालय हैं. हम इसमें समाचार पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं.

हमारे स्कूल में एक बड़ा खेल का मैदान हैं. हम शाम को वहां खेल खेलते हैं. हमारे स्कूल में पांच सौ विद्यार्थी हैं. सब अध्यापक बहुत दयालु और विद्वान हैं.

(मेरा विद्यालय) Essay On My School In English And Hindi

why I like my school- I read in ramjas senior secondary school no 5. it always shows good results. it is situated in Karol Bagh.

its pass percentages are cent percent. the teacher is good and able. they are hard-working. the principal is a good guide. the students are hard-working and sincere. the school discipline is good.

in has the grand building is good playgrounds. the rooms are big and the games are compulsory.

our school library is housed in a hall. there are 50,000 books in it.

moral teaching is imparted to the students in our school. our principal and teachers take personal care of the students. so I like my school very much.

मेरा विद्यालय पर निबंध ( Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi)

मैंने रामजस उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 5 में पढ़ता हूँ। यह मेरा विद्यालय हर साल अच्छे परिणाम देता है। यह करोल बाग में स्थित है।

हमारे यहाँ का पास शत प्रतिशत रहता है. सभी अध्यापक लग्न व मेहनत से शिक्षण कार्य करवाते है. हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य एक अच्छे गाइड के रूप में विद्यार्थियों को निर्देशित करते है. उनकी इमानदारी व् लग्न से विद्यालय में अच्छा अनुशासन का माहौल है.

मेरे विद्यालय में बड़ा स्कूल भवन है तथा एक अच्छा खेल मैदान है, जहाँ पर नियमित रूप से खेलों का आयोजन किया जाता है. स्कूल में कई बड़े कमरे है, जिनमें एक पुस्तकालय कक्ष भी है, जिनमें पढ़ने के लिए पचास हजार से अधिक विभिन्न विषयों की पुस्तकें है.

विद्यालय में एकेडमिक शिक्षा के अलावा नैतिक शिक्षा का भी अच्छा प्रबंध है. प्रधानाचार्य व सभी अध्यापक छात्र छात्राओं की देखभाल करते है. तथा विद्यालय में घर जैसा माहौल मिलता है. इस कारण मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है.

हमारा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

हमारा विद्यालय उदयपुर शहर के मध्य में स्थित है. इसका नाम महाराणा भूपालसिंह राजकीय प्राथमिक विद्यालय है. हमारे विद्यालय में लगभग 400 विद्यार्थी पढ़ते है. यहाँ पर शिक्षा का उत्तम प्रबंध है.

इसमें 15 बड़े कमरे, एक विशाल पुस्तकालय और एक वाचनालय है. वाचनालय में अनेक समाचार पत्र और पत्रिकाएँ आती है. हमारे विद्यालय में खेलकूद के लिए एक विशाल मैदान है. और खेलकूद की अच्छी व्यवस्था है.

हमारा विद्यालय अनुशासन में श्रेष्ट है. इसमें आठ अध्यापक तथा सात अध्यापिकाएं है. एक शारीरिक शिक्षक तथा एक पुस्तकालय अध्यक्ष भी है.

हमारे सभी गुरुजनों के साथ छात्रों का अच्छा व्यवहार है, हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक जी विद्यालय की प्रगति का पूरा ख्याल रखते है. हमारे स्कूल में पढाई के अतिरिक्त कई विषयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है.

अन्य सह शैक्षणिक क्रियाकलाप भी चलते रहते है. इन सब विशेषताओं से हमें अपने विद्यालय पर गर्व है.

500 Words विद्यालय पर निबंध Essay on School in Hindi

विद्यालय देश का वह पवित्र स्थान हैं जहाँ देश के भविष्य का निर्माण होता हैं, विद्यालय विद्या विद्या की देवी का पवित्र मंदिर हैं. जिस स्थान पर विद्यार्थी विद्याअध्ययन के लिए आते हैं.

वह स्थान ही स्कूल या विद्यालय कहलाता हैं. विद्यालय दो शब्दों से मिलकर बनता हैं- विद्या+आली अर्थात विद्या का घर. विद्यालय में गुरू एवं शिष्य के सम्बन्ध अत्यंत मधुर होते हैं. मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. हमारे विद्यालय का नाम आदर्श विद्या मंदिर हैं.

मेरा विद्यालय भवन

हमारे विद्यालय का भवन अत्यंत सुंदर व विशाल है इसमें बीस कमरे हैं. प्रत्येक कमरा हवादार एवं प्रकाशयुक्त हैं. पुस्तकालय कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, खेलकूद कक्ष, स्काउट कक्ष एवं एक बड़ा मीटिग हॉल भी हमारे विद्यालय में हैं.

शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम हैं. प्रधानाचार्य का कक्ष मुख्य द्वार के पास ही हैं, प्रत्येक छात्र के बैठने के लिए अलग अलग कुर्सी मेज की व्यवस्था हैं.

मेरे विद्यालय का वातावरण

हमारे विद्यालय में चालीस शिक्षक हैं. सभी शिक्षक अपने अपने विषय के विद्वान् हैं. छात्रों के साथ शिक्षक बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं. कक्षा में शिक्षक इतनी अच्छी तरह से समझाते हैं कि छात्रों को सब कुछ समझ में आ जाता हैं.

शिक्षक अपने साथ शिक्षण से सम्बन्धित सहायक सामग्री लाते हैं. जिससे हम सब छात्र अत्यंत रूचि के साथ पढ़ते हैं.

हमारे विद्यालय का शैक्षिक वातावरण अत्यंत सुंदर हैं. जिस समय कक्षाएं चलती हैं. उस समय पूरे विद्यालय प्रांगण में शांति रहती हैं.

जिन छात्रों का समय खेलकूद का होता हैं वे चुपचाप पंक्तिबद्ध होकर मैदान में चले जाते हैं, जहाँ खेलकूद के शिक्षक तरह तरह के खेल सिखाते हैं. तथा साथ खेलते भी हैं.

मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य

हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य अत्यंत कुशल प्रशासक हैं. वे अनुशासनप्रिय हैं वे स्वयं अच्छे खिलाड़ी हैं. तथा अंग्रेजी विषय में पीएचडी हैं उनका व्यवहार हमेशा विद्यार्थियों तथा बच्चों के साथ अच्छा रहता हैं.

वे विद्यालय की सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं. विद्यालय की सफाई के लिए चार अनुचर भी हैं.

विद्यालय व्यवहारिक विषयों की जानकारी देते हैं. यहाँ हमें मिलकर रहना सिखाया जाता हैं. माता-पिता गुरूजनों का आदर करना हम यही से सीखते हैं. देश के प्रति प्रेम रखना तथा राष्ट्रीय एकता की बाते विद्यालय में ही सिखाई जाती हैं.

अपना विद्यालय मुझे कितना पसंद हैं, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन हैं. विद्यालय मेरा पूजाघर हैं. मैं इसकी वन्दना करता हूँ और नित्य प्रति इसे शीश झुकाकर नमन करता हूँ.

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

मैं एक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पढ़ता हूँ, मेरेव विद्यालय का नाम सरस्वती विद्या मंदिर हैं. इनकी गिनती शहर के प्रसिद्ध विद्यालयों में होती हैं. पढ़ाई खेल तथा अन्य गतिविधियाँ हमारे स्कूल का प्रमुख हिस्सा हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग 750 विद्यार्थी हैं. 30 से ज्यादा अध्यापक और अध्यापिकाएं हैं. इनके अतिरिक्त 4 लिपिक और 2 चपरासी भी यहाँ कार्यरत हैं. अध्यापकगण अनुभवी विद्वान एवं परिश्रमी हैं.

हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही गुणी और अनुशासनप्रिय हैं. विद्यार्थियों के साथ उनका व्यवहार बहुत ही मधुर हैं. समय समय पर वे विद्यार्थियों को मार्गदर्शन भी देते हैं.

मेरे विद्यालय की इमारत पक्की हैं. इसमें 25 हवादार कमरे हैं. विद्यालय के एक कमरे में प्रधानाचार्य कार्यालय भी हैं. जो कि साफ़ सुथरा और भली भांति सजा हुआ हैं. कक्षाओं में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह आदि स्वतंत्रता सैनानियों के फोटो लगे हुए हैं.

विद्यालय में एक पुस्तकालय भी हैं जहाँ से सभी छात्रों कप पढने के लिए पुस्तकें उपलब्ध होती हैं. विद्यालय में प्रायोगिक कक्षाओं के लिए लैब भी बनी हुई हैं. मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम लगभग शत प्रतिशत रहता हैं और कई विद्यार्थी मेरिट में भी स्थान पाते हैं.

निर्धन छात्रों को प्रतिवर्ष छात्रवृति भी उपलब्ध करवाई जाती हैं. मेधावी छात्रों का प्रतिवर्ष सम्मान भी किया जाता हैं. बोर्ड की कक्षाओं में गणित और विज्ञान संकाय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल देने की परम्परा हैं. मुझे अपने इस विद्यालय पर बहुत गर्व हैं.

मेरा विद्यालय निबंध Mera Vidyalaya Essay in Hindi

मैं नवम कक्षा का विद्यार्थी हूँ. मैं राजेन्द्र नगर स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ता हूँ. यह विद्यालय नगर के मध्य में एक लम्बे चौड़े स्थान में स्थित हैं. मेरे विद्यालय का दोमंजिला भवन बहुत विस्तृत हैं.

यह नगर के श्रेष्ट विद्यालयों में से एक हैं. इसका परीक्षाफल प्रतिवर्ष बहुत अच्छा रहता हैं. इस विद्यालय के भवन में लगभग ४० कमरें हैं. जो बहुत ही सुंदर हैं ये कमरे विद्यार्थियों को बहुत पसंद हैं. इन कमरों में विद्युत् वायु प्रकाश की उचित व्यवस्था हैं. विद्यालय के प्रांगण में एक सुंदर सी फुलवाड़ी हैं.

जिसकी हरी भरी घास रंग बिरंगे फूल और लहलहाती लताएं विद्यालय में आने वालों का मन मोह लेती हैं. विद्यालय के मध्य एक बहुत बड़ा मैदान हैं. जहाँ हमारी प्रार्थना होती हैं और खेल के समय अध्यापक बच्चों को खेल खिलाते हैं.

मेरे विद्यालय में लगभग दो हजार छात्र एवं छात्राएं विद्या का अध्ययन करते हैं. यह विद्यालय प्रथम कक्षा से 12 वीं कक्षा तक हैं. मेरे विद्यालय में लगभग साठ अध्यापक तथा अध्यापिकाएं कार्यरत हैं. ये सभी प्रशिक्षित तथा अपने विषय के पूर्ण ज्ञाता हैं.

मेरे विद्यालय में एक प्रधानाचार्य तथा एक उप प्रधानाचार्य हैं जो बहुत अनुशासनप्रिय हैं. प्रधानाचार्य तथा उप प्रधानाचार्य जी के कमरों के साथ विद्यालय का कार्यालय भी हैं.

एक बड़े कमरे में पुस्तकालय तथा तीन बड़े बड़े कमरों में विज्ञान की प्रयोगशालाएं स्थित हैं. मेरे विद्यालय के सभी अध्यापक व अध्यापिकाएं बहुत ही दयालु तथा विद्यार्थियों की हितैषी हैं वे विद्यार्थियों की कठिनाइयों को सुलझाने का प्रयास करते हैं. विद्यार्थी भी अपने गुरूजनों का बहुत सम्मान करते हैं.

विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम विद्यालय में चलाए जाते हैं. जैसे स्काउटिंग, रेडक्रोस, एनसीसी वाद विवाद प्रतियोगिता, नाटक, लोक नृत्य आदि. इसके अतिरिक्त कुछ खेल भी खिलवाएं जाते हैं. जैसे वालीवाल, क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी आदि.

प्रत्येक वर्ष मेरा विद्यालय मेरा विद्यालय खेल कूद व भाषण प्रतियोगिता में कोई न कोई पुरस्कार प्राप्त कर लेता हैं. स्वच्छता और अनुशासन तो मेरे विद्यालय की मुख्य विशेषताएं है. यहाँ विद्यार्थी अनुशासन, आज्ञाकारिता और सद्व्यवहार की शिक्षा ग्रहण करते हैं.

इन सब विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व हैं. यह सारे नगर में सम्मान की दृष्टि से देखा जाता हैं.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

HindiKiDuniyacom

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर, मतलब वो स्थान जहां विद्या उपार्जन होता हो। हमारे संस्कारों में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ की उपमा दी गयी है। मेरा विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध आदि लिखने को दिया जाता रहता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से हमारी ढ़ेरो यादे जुड़ी रहती है। इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

मेरा विद्यालय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on My School in Hindi, Mera Vidyalaya par Nibandh Hindi mein)

मेरा विद्यालय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

मेरा विद्यालय एक आदर्श विद्यालय है। मेरे विद्यालय में पठन पाठन उच्च स्तर का है। मेरे विद्यालय में शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए, विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है। मेरा विद्यालय सारी सुविधाओं से लैस है।

मेरे विद्यालय का स्थान

मेरे विद्यालय का नाम बाल निकेतन है। यह शहर की भीड़-भाड़ से दूर, बेहद शांत माहौल में विद्यमान है। इसके चारों ओर हरियाली ही हरियाली है। जिस कारण वातावरण शुध्द रहता है और हमें शुध्द वायु भी मिलती है। मेरा विद्यालय मेरे घर से थोड़ी ही दूरी पर है। मेरे विद्यालय का व्यास बहुत बड़ा है। इसके चारों तरफ सुंदर-सुंदर फूलों की क्यारियां लगी है।

पठन पाठन का तरीका

हमारे विद्यालय का परिणाम (रिजल्ट) प्रति वर्ष शत-प्रतिशत आता है। मेरे विद्यालय की गणना शहर के अच्छे स्कूलों में की जाती है। मेरे विद्यालय में हर वर्ष वार्षिकोत्सव होता है, जिसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिसमें हर प्रतियोगिता में उत्तीर्ण बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है। मेरे विद्यालय में प्रायोगिक शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है। हमारे शिक्षक हमारे भीतर कौशल के विकास पर भी ध्यान देते है।

हमारा और सरकार का यह दायित्व है की हमारा विद्यालय आदर्श विद्यालय बने। हमारे विद्यालय से आदर्श विद्यार्थी निकलने चाहिए, जो राष्ट्र को नई दिशा दे सके। 

निबंध 2 (400 शब्द) – विद्यालय की भूमिका

मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है। हमारा विद्यालय हमारे भविष्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी उपयोगिता कोई नज़रअंदाज नहीं कर सकता। विद्यालय ही है, जो हमें सामान्य से विशेष बनाता है। हमारी छिपी प्रतिभा को खोज निकालता है। हमारा स्वयं से साक्षात्कार कराता है।

विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय अर्थात विद्या का आलय या घर। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है।

विद्यालय की परिकल्पना

विद्यालय की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी।

विद्यालय की भूमिका

जिन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बाल्यकाल। यही वो समय होता है जब हम केवल खुद के लिए जीते है। दोस्त बनाते हैं। दोस्तों के साथ हंसते है, रोते है। जीवन का असली आनंद अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में हमारा विद्यालय हमारे साथ होता है।

कभी-कभी तो मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक हो जाते है। हमें हर कदम पर थामने और सम्भालने के लिए तैयार रहते है। मां-बाप के डर के कारण बहुत से बच्चे अपने शिक्षकों से ही अपनी परेशानियां बताते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय सरकारी और निजी दोनों प्रकार होते है। आजकल ऐसी लोगों की धारणा हो गयी है कि केवल निजी विद्यालयों में ही पढ़ाई होती है। यह धारण गलत है। इसी बात का लाभ ढ़ेरो  विद्यालय वाले उठाते है। हर माता-पिता अपने बच्चों को श्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते है। किंतु सबकी हैसियत इतनी नहीं होती कि वो इन विद्यालयों की मोटी शुल्क राशि को भर सकें।

आजकल शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है। सभी केवल अपनी जेब भरने में लगे है। बच्चों के भविष्य की किसी को चिंता नहीं है। दिन पर दिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। विद्यालय ही तो वो जरिया होता है, जहां से देश के भविष्य का सृजन होता है। सरकार ने इस संबंध में कई नियम बनाये हैं। किन्तु पालन तो आम जनता को ही करना है।

निबंध 3 (500 शब्द) – विद्यालय की विशेषताएं व प्रकार

मेरे विद्यालय का नाम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है। मेरे विद्यालय का परिसर काफी बड़ा है। मेरे विद्यालय में दो-दो मंजिल की चार इमारतें है। इसके चारों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हुए है। इसमें बड़े-बड़े पचास से भी ज्यादा कमरे है। हर कमरे में बड़ी-बड़ी खिड़कियां और दो-दो दरवाजे है। बड़े-बड़े तीन खेल के मैदान है। साथ में लगा हुआ बास्केट-बॉल कोर्ट भी है।

हमारे विद्यालय में पचास से ज्यादा शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। सभी बहुत ही सहृदयी और मिलनसार है। बच्चों की हर संभव सहायता करते है।

विद्यालय की विशेषताएं

नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) और शिक्षा का अधिकार 2009 (RTE 2009) ने कुछ मानक तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालय की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (NCF 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में प्रोन्नति हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं। जो बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। RTE 2009 ने विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका बतायी है। विद्यालय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखे।

मानक के अनुसार कुछ विशेषताएं अधोलिखित हैं-

  • शांत वातावरण होना चाहिए।
  • ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालय का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • नियमित गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय होना चाहिए।
  • अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर बल देना चाहिए ।
  • विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए
  • अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए।
  • सी० बी० एस० ई० के निर्देशानुसार सत्र 2009 – 2010 से ही कक्षा 9 व् 10 में भी अंको के स्थान पर ग्रेडिंग व्यवस्था लागू कर दिया गया है, जिसका पालन होना चाहिए।
  • शीतल पेय-जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए ।
  • शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ।
  • छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए।
  • विद्यालय की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए ।

विद्यालय के प्रकार

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे

  • आंगनवाड़ी – आंगनवाड़ी में सामान्यतः छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय – प्राथमिक पाठशाला में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • माध्यमिक विद्यालय – इस व्यवस्था में प्रथम से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है। कभी-कभी यह कक्षा छः से आठ तक भी होती है।
  • उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय – बारहवीं तक की शिक्षा यहां संपादित होती है।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में रहने योग्य बनाता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को ही याद करते हैं।

Related Information:

मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

My School Essay in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions on My School (मेरा स्कूल पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- सन 1715 में, संत जॉर्ज एंग्लो-इंडियन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई में है।

उत्तर- तक्षशिला

उत्तर- सन 1848 में सावित्री बाई फुले ने देश का पहला बालिका विद्यालय खोला था।

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

हॉकी

हॉकी पर निबंध (Hockey Essay in Hindi)

essay in hindi mera vidyalaya

Essay on My School in Hindi, मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में

essay on my school in Hindi

मेरा विद्यालय पर निबंध –  Essay of my school in Hindi is Important for all classes 5th to 12th.

Essay on My School in Hindi – इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है। विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है, यह हमने निबंध की सहायता से बताया है। School पर निबंध लिखने से पूर्व आपको अपने विद्यालय की छवि को अपने सम्मुख रखना चाहिए। इससे आपको निबंध लिखने में महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त होती है।

सामग्री (Content)

मेरे विद्यालय पर निबंध 200 शब्दों में

विद्यालय स्थल, विद्यालय इमारत, विद्यालय परिसर, विद्यालय की सुख-सुविधाएँ, विद्यालय में अनुशासन, विद्यालय के विविध अध्यापक-अध्यापिकाएँ व् विविध विषय, विद्यालय के प्रधानाध्यापक, विद्यालय में प्रतियोगिताएँ, विद्यालय के समारोह, विद्यालय का परीक्षा-परिणाम.

स्कूल एक ऐसी जगह है जहां बच्चे बड़े हो सकते हैं और खेल सकते हैं। मेरा स्कूल वह है जहाँ मैं अपना अधिकांश दिन बिताता हूँ, और इसने मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मेरे स्कूल में अच्छी तरह से रखे गए बगीचों और खेल के मैदानों के साथ एक सुंदर परिसर है। इसमें एक अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएँ और कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ हैं, जो सभी हमारी पढ़ाई में सहायता करती हैं। कक्षाएँ विशाल और अच्छी तरह हवादार हैं, जिससे सीखने का अनुकूल माहौल बनता है। शिक्षाविदों के अलावा, मेरा विद्यालय खेल, संगीत, नृत्य और नाटक जैसी पाठ्येतर गतिविधियों पर जोर देता है। पूरे वर्ष के दौरान, स्कूल छात्रों को अपनी प्रतिभा और कौशल दिखाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। मेरे शिक्षक जानकार, अनुभवी और सहायक हैं। वे न केवल हमें विषय पढ़ाते हैं, बल्कि हमें व्यक्तिगत और सामाजिक रूप से विकसित करने में भी मदद करते हैं। वे हमेशा हमारी सहायता करने और हमें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहते हैं। संक्षेप में, मेरा विद्यालय सीखने की जगह से कहीं अधिक है; यह एक ऐसी जगह भी है जहाँ मैंने आजीवन दोस्त बनाए हैं, बहुमूल्य अनुभव प्राप्त किए हैं, और ऐसी यादें बनाई हैं जिन्हें मैं अपने शेष जीवन के लिए संजो कर रखूँगा। मेरा स्कूल (My School) पर 10 लाइन

विद्यालय को प्राचीन काल से ही मंदिर का स्थान दिया गया है।  प्राचीन काल में बालक 6, 8 अथवा 11 वर्ष की अवस्थाओं में गुरुकुलों (विद्यालयों) में ले जाए जाते थे और गुरु के पास बैठकर ब्रह्मचारी के रूप में शिक्षा प्राप्त करते थे। गुरु उनके शारीरिक और बौद्धिक संस्कारों को पूर्ण करता हुआ, उन्हें सभी शास्त्रों एवं उपयोगी विद्याओं की शिक्षा देता तथा अंत में दीक्षा देकर उन्हें विवाह कर गृहस्थाश्रम के विविध कर्तव्यों का पालन करने के लिए वापस भेजता। वर्तमान के विद्यालय, प्राचीन काल के गुरुकुलों से बहुत अलग अवश्य हैं किन्तु आज भी विद्यालयों को मंदिरों का और अध्यापकों को भगवान् का दर्जा दिया जाता है।

मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है। मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, इसलिए हमारे विद्यालय से एक पीले रंग की स्कूल बस रोज़ सुबह 8 बजे समय पर मेरे घर के सामने मुझे लेने आती है और मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती हैं। मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है। प्राचीन काल से ही विद्यालयों के लिए ऐसे स्थान को उपयुक्त समझा जाता था, जहाँ पर किसी प्रकार का शोर न हो, क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है, इसके चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें हैं।

Top Related – Essays in Hindi

मेरे विद्यालय की इमारत चार मंजिला है। जो अंग्रेज़ी के L आकार में निर्मित की गई है। विद्यालय में 80 कमरे हैं। प्रत्येक कमरे में हवादार खिड़कियाँ हैं। इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिससे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है। मेरे विद्यालय में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की पढ़ाई होती है। मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूँ। मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है।

मेरे विद्यालय के पीछे की ओर एक बहुत बड़ा मैदान है। जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेल-कूद का आनंद लेते हैं। यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है और अपने दिन की शुरुआत करते हैं। विद्यालय के मैदान के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और छोटी-छोटी घास लगी हुई है। विद्यालय परिसर में कई छोटी-छोटी वाटिकाएँ भी हैं, जिनमें रंग-बिरंगे फूल खिले होते है। इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है।

Top Related – Vayu pradushan par nibandh in Hindi

(i) विद्यालय में प्रवेश करते ही माँ सरस्वती का मंदिर है जहाँ हम रोज जाकर प्रार्थना करते हैं और माँ सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते हैं। (ii) मेरे विद्यालय में कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के विषयों को हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों माध्यमों में पढ़ाया जाता है। (iii) विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं जिससे हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकियाँ हैं। (iv) मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालयों की व्यवस्था है। (v) विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है, जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएँ एवं कहानियों की किताबें पढ़ते हैं। (vi) हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों का एक बड़ा कक्ष है, जिसमें हर दिन हमारी एक कक्षा कंप्यूटर से संबंधित होती है। (vii) मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम की व्यवस्था भी है, जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है। (viii) मेरे विद्यालय में प्रत्येक कक्षा में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्येक कक्षा में चार पंखे लगे हुए है। (ix) हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है, जिसमें विद्यार्थी अपनी कक्षा का कूड़ा डालते हैं। इससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती। (x) प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहाँ पर हमारे अध्यापक-अध्यापिकाएँ आकर हमें किसी भी विषय के बारे में लिखकर समझाते है। (xi) विद्यालय में एक तरणताल भी है, जहाँ छात्र तैराकी करते और सीखते हैं। (xii) विद्यालय में एक विशाल सभागार भी है, जहाँ पर उत्सवों और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। (xiii) हमारा विद्यालय गरीब छात्रों के लिए वर्दी और पुस्तकों का भी उचित प्रबंध करता है। योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति भी दी जाती है।

Top Related – Essay on Women Empowerment in Hindi

अनुशासन किसी भी व्यक्ति की सफलता में अहम् भूमिका निभाता है। जब बच्चा छोटा होता है तो वह पहले परिवार से तथा बाद में विद्यालय में जाकर अनुशासन के महत्त्व को समझता है। अनुशासन की दृष्टि से हमारा विद्यालय बहुत कठोर है। विद्यालय में यदि कोई विद्यार्थी अनुशासन का उल्लंघन करता है तो उसे कड़ा दंड दिया जाता है। प्रतिदिन वर्दी, नाखून और दाँतों का निरिक्षण किया जाता हैं। प्रत्येक विद्यार्थी के घर पर उसके अनुशासन की मासिक रिर्पोट भेजी जाती है।

हमारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक-अध्यापिकाएँ है, जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं। सभी अध्यापक-अध्यापिकाएँ अपने-अपने विषयों में विद्वान है जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है। हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह योगा की कक्षा भी होती है जिसमें योगा करना सिखाया जाता है तथा योगा के महत्त्व को समझाया जाता है। हमें अपने स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है, यह भी बताया जाता है। योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है, जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है।

Top Related – Pollution Essay in Hindi

हमारे विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं। वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है। उन्होंने जब से विद्यालय का कार्यभार संभाला है, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है।

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है, जैसे – चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएँ आदि की प्रतियोगिताएँ होती रहती है। जिसमें सभी विद्यार्थी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएँ रखी जाती है, जिसमें विद्यार्थियों को इनाम के तौर पर कभी-कभी कुछ शुल्क भी दिया जाता है। हमारे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिताएँ हमारे विद्यालय में ही होती है। इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी भी भाग लेते हैं। मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएँ होती है।

Top Related – Soil Pollution Essay in Hindi

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास भी हो। इसके लिए हमारे विद्यालय में हर साल 15 अगस्त, 26 जनवरी और वार्षिक उत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। जिनमें सभी विद्यार्थी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं, इसके बाद हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते हैं, फिर हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गीतों  पर तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है। विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इसके साथ ही स्कूल में अलग-अलग गतिविधियों में प्रथम, द्वितीय और तृतीय  आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है।

हमारे विद्यालय का परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत ही रहता है, जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है। विद्यालय के परीक्षा-परिणाम  के शत-प्रतिशत रहने का कारण यहाँ के शिक्षकों का विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व का होना भी है, जो विद्यार्थियों के सभी प्रश्नों को धैर्य के साथ सुनते हैं तथा उनका समाधान करते हैं। अध्यापकों के साथ-साथ बच्चों और उनके अभिभावकों की मेहनत के कारण भी विद्यालय का परीक्षा परिणाम हर वर्ष शत-प्रतिशत रहता है।

Related – Bhumi Pradushan par nibandh in Hindi

किसी भी राष्ट्र की सर्वोत्तम निधि उस राष्ट्र के बच्चों को कहा जाता है। राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है कि बच्चों का सर्वांगीण विकास अच्छे से हो और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय एक उपयुक्त जगह है। जहाँ पर बच्चा पढ़-लिख कर सुसंस्कृत और सभ्य नागरिक बनता है और देश की प्रगति में अपना सहयोग देता है। विद्यालय और शिक्षा का एक व्यक्ति के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान होता है। अतः हम सभी को चाहिए कि हम प्रत्येक बच्चे को विद्यालय और शिक्षा के समीप लाएँ ताकि वह देश की प्रगति में अपना अथाह सहयोग प्रदान करे।

Recommended Read –

  • दुर्गा पूजा पर निबंध
  • बसंत ऋतु पर निबंध
  • भारत में साइबर सुरक्षा पर निबंध
  • भारत में चुनावी प्रक्रिया पर निबंध
  • योग पर निबंध
  • स्टार्टअप इंडिया पर निबंध
  • फिट इंडिया पर निबंध
  • द्रौपदी मुर्मू पर निबंध
  • क्रिकेट पर निबंध
  • क्रिप्टो करेंसी पर निबंध
  • सौर ऊर्जा पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध for UPSC Students
  • शहरों में बढ़ते अपराध पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध
  • भारतीय संविधान पर निबंध
  • भारत के प्रमुख त्योहार पर निबंध
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध
  • टेलीविजन पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध 
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध 
  • विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध
  • टीचर्स डे पर निबंध
  • वैश्वीकरण पर निबंध
  • जलवायु परिवर्तन पर निबंध
  • मंकी पॉक्स वायरस पर निबंध
  • मेक इन इंडिया पर निबंध
  • भारत में सांप्रदायिकता पर निबंध
  • वेस्ट नील वायरस पर निबंध
  • पीएसयू का निजीकरण पर निबंध
  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति 2020 पर निबंध
  • आधुनिक संचार क्रांति पर निबंध
  • सोशल मीडिया की लत पर निबंध
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध
  • प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध
  • गाय पर हिंदी में निबंध
  • वन/वन संरक्षण पर निबंध
  • हिंदी में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
  • चंद्रयान पर निबंध
  • हिंदी में इंटरनेट पर निबंध
  • बाल श्रम या बाल मज़दूरी पर निबंध
  • ताजमहल पर निबंध
  • हिंदी में अनुशासन पर निबंध
  • भ्रष्टाचार पर निबंध
  • मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में
  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध
  • हिंदी में दिवाली पर निबंध
  • होली पर निबंध
  • नोट-बंदी या विमुद्रीकरण पर निबंध
  • निबंध लेखन, हिंदी में निबंध

Hindi Essays

  • असंतुलित लिंगानुपात पर निबंध
  • परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर निबंध
  • चंद्रयान 3 पर निबंध
  • मुद्रास्फीति पर निबंध
  • युवाओं  पर निबंध
  • अक्षय ऊर्जा: संभावनाएं और नीतियां पर निबंध
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का महत्व पर निबंध
  • सच्चे धर्म पर निबंध
  • बैंकिंग संस्थाएं और उनका महत्व पर निबंध
  • नई शिक्षा नीति के प्रमुख लाभ पर निबंध
  • भारतीय संस्कृति के प्रमुख आधार पर निबंध
  • समय के महत्व पर निबंध
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध
  • सामाजिक न्याय के महत्व पर निबंध
  • छात्र जीवन पर निबंध
  • स्वयंसेवी कार्यों पर निबंध
  • जल संरक्षण पर निबंध
  • आधुनिक विज्ञान और मानव जीवन पर निबंध
  • भारत में “नए युग की नारी” की परिपूर्णता एक मिथक है
  • दूरस्थ शिक्षा पर निबंध
  • प्रधानमंत्री पर निबंध
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता
  • हमारे राष्ट्रीय चिन्ह पर निबंध
  • नक्सलवाद पर निबंध
  • आतंकवाद पर निबंध
  • भारत के पड़ोसी देश पर निबंध
  • पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी पर निबंध
  • किसान आंदोलन पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध
  • डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम पर निबंध
  • मदर टेरेसा पर निबंध
  • भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध
  • परिश्रम का महत्व पर निबंध
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध

Hindi Writing Skills

  • Formal Letter Hindi
  • Informal Letter Hindi
  • ई-मेल लेखन | Email Lekhan in Hindi Format
  • Vigyapan Lekhan in Hindi
  • Suchna lekhan
  • Anuched Lekhan
  • Anuchchhed lekhan
  • Samvad Lekhan
  • Chitra Varnan
  • Laghu Katha Lekhan
  • Sandesh Lekhan

HINDI GRAMMAR

  • 312 हिंदी मुहावरे अर्थ और उदाहरण वाक्य
  • Verbs Hindi
  • One Word Substitution Hindi
  • Paryayvaachi Shabd Class 10 Hindi
  • Anekarthi Shabd Hindi
  • Homophones Class 10 Hindi
  • Anusvaar (अनुस्वार) Definition, Use, Rules, 
  • Anunasik, अनुनासिक Examples
  • Arth vichaar in Hindi (अर्थ विचार), 
  • Adverb in Hindi – क्रिया विशेषण हिंदी में, 
  • Adjectives in Hindi विशेषण, Visheshan Examples, Types, Definition
  • Bhasha, Lipiaur Vyakaran – भाषा, लिपिऔरव्याकरण
  • Compound words in Hindi, Samaas Examples, Types and Definition
  • Clauses in Hindi, Upvakya Examples, Types 
  • Case in Hindi, Kaarak Examples, Types and Definition
  • Deshaj, Videshaj and Sankar Shabd Examples, Types and Definition
  • Gender in Hindi, Ling Examples, Types and Definition
  • Homophones in Hindi युग्म–शब्द Definition, Meaning, Examples
  • Indeclinable words in Hindi, Avyay Examples, Types and Definition
  • Idioms in Hindi, Muhavare Examples, Types and Definition
  • Joining / combining sentences in Hindi, Vaakya Sansleshan Examples, Types and Definition
  • संधि परिभाषा, संधि के भेद और उदाहरण, Sandhi Kise Kehte Hain?
  • Noun in Hindi (संज्ञा की परिभाषा), Definition, Meaning, Types, Examples
  • Vilom shabd in Hindi, Opposite Words Examples, Types and Definition
  • Punctuation marks in Hindi, Viraam Chinh Examples, Types and Definition
  • Proverbs in Hindi, Definition, Format, मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  • Pronoun in Hindi सर्वनाम, Sarvnaam Examples, Types, Definition
  • Prefixes in Hindi, Upsarg Examples, types and Definition
  • Pad Parichay Examples, Definition
  • Rachna ke aadhar par Vakya Roopantar (रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण) – Types , Example
  • Suffixes in Hindi, Pratyay Examples, Types and Definition
  • Singular and Plural in Hindi (वचन) – List, Definition, Types, Example
  • Shabdo ki Ashudhiya (शब्दों की अशुद्धियाँ) Definition, Types and Examples
  • Shabdaur Pad, शब्द और पद Examples, Definition, difference in Shabd and Pad
  • Shabd Vichar, शब्द विचार की परिभाषा, भेद और उदाहरण | Hindi Vyakaran Shabad Vichar for Class 9 and 10
  • Tenses in Hindi (काल), Hindi Grammar Tense, Definition, Types, Examples
  • Types of sentences in Hindi, VakyaVishleshan Examples, Types and Definition
  • Voice in Hindi, Vachya Examples, Types and Definition
  • Verbs in Hindi, Kirya Examples, types and Definition
  • Varn Vichhed, वर्ण विच्छेद Examples, Definition
  • Varn Vichar, वर्ण विचार परिभाषा, भेद और उदाहरण
  • Vaakya Ashudhhi Shodhan, वाक्य अशुद्धिशोधन Examples, Definition, Types
  • List of Idioms in Hindi, Meaning, Definition, Types, Example

Latest Posts

  • Exercises on Determiner Rules (True or False), Determiner Exercises
  • A Synopsis- The Swiss Family Robinson Summary, Explanation, Theme | Maharashtra State Board Class 9 English Lesson
  • Books and Authors MCQ Quiz
  • Character Sketch of the Writer (Om Thanvi)| Ateet Mein Dabe Paon
  • Character Sketch of the Writer, his Father and Mother, Duttaji Rao Desai and N.V .Soundalgekar | Joojh
  • Character Sketch of Yashodhar Babu, Kishanada and Yashodhar Babu’s Elder Son Bhushan | Silver Wedding
  • Teacher’s Day Wishes in Hindi | शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ
  • Ganesh Chaturthi Wishes in Hindi | गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ
  • Teacher’s Day Wishes in Hindi
  • Ganesh Chaturthi Wishes in Hindi
  • Janmashtami Messages in Hindi
  • Raksha Bandhan Wishes in Hindi
  • Birthday Wishes in Hindi
  • Anniversary Wishes in Hindi
  • Father’s Day Quotes and Messages
  • Father’s Day quotes in Hindi
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस Slogans, Quotes and Sayings
  • Good Morning Messages in Hindi
  • Good Night Messages in Hindi | शुभ रात्रि संदेश
  • Wedding Wishes in Hindi

Important Days

  • National Space Day Quiz| National Space Day MCQs
  • World Soil Day – Date, History, Significance
  • International Yoga Day Slogans, Quotes and Sayings by Famous people 2024
  • Calendar MCQ Quiz for Various Competitive Exams
  • CUET 2024 MCQ Quiz on Important Dates

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

इस पोस्ट में हमने मेरा विद्यालय पर निबंध (Essay on My School in Hindi) हिन्दी में लिखा है। स्कूल के विद्यार्थी जो मेरी पाठशाला पर निबंध की खोज में हैं वे इस स्कूल पर सुंदर निबंध की मदद ले सकते हैं।

Table of Content

मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words)

स्कूल में हमारे अध्यापक गण अपना ज्ञान हमें प्रदान कर सफलता पाने का सही रास्ता दिखाते हैं। आज इस लेख में मैंने मेरे विद्यालय पर बच्चों और विद्यार्थियों के लिए निबंध प्रस्तुत किया है।

मेरे विद्यालय का नाम और रूप Name and Structure of My School

मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है।  यह तीन मंजिला है और इसकी  इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित है।

मेरे विद्यालय की सुविधाएँ Facilities in My School

सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। स्कूल में दोनों सिरों पर सीढ़ियां हैं, जो हमें हर एक मंजिल तक ले जाती हैं।

इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है।

जिसमें से एक रात्री के समय विद्यालय की देखभाल के लिये वहां रहता भी है। उसके लिए विद्यालय के किनारे पर एक छोटा सा घर बनाया गया है।  

ड्राइंग रूम, म्यूजिक रूम, साइंस लेबोरेटरीज और ऑडियो वीडियो रूम भी हैं। हमारे विद्यालय में पांच हजार छात्र हैं। जिनमें 2000 लड़कियां और 3000 लड़के है। हमारे स्कूल के ज्यादातर छात्र ज्यादातर स्कूल इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और उच्च स्थान लाते हैं और सभी गतिविधियों का समर्थन करते है।

मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक Principal and Teachers of My School

मेरे विद्यालय में शिक्षा व उत्सव education and celebrations in my school.

मेरे स्कूल के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक हैं जो हमें किसी भी कठिन विषय को आसानी से समझने में मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सब कुछ सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से ज्ञान भी देते हैं।

मेरे विद्यालय में साल के सभी महत्वपूर्ण दिन जैसे खेल दिवस , शिक्षक दिवस , मातृ-पितृ दिवस , बाल दिवस , सालगिरह दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस , स्वतंत्रता दिवस , क्रिसमस दिवस , मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, नव वर्ष , गांधी जयंती, आदि एक भव्य तरीके से मनाये जाते है।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो बच्चे स्कूल से बहुत दूर रहते हैं। सभी छात्र सुबह खेल के मैदान में इकट्ठे होते हैं और सुबह की प्रार्थना करते हैं और फिर सभी अपनी कक्षाओं में जाते हैं।

मेरा स्कूल हर साल लगभग 2000 छात्रों को नर्सरी कक्षा में प्रवेश प्रदान करता है। मेरे विद्यालय में विभिन्न विषयों जैसे गणित, अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, जीके, इतिहास, भूगोल, विज्ञान, चित्रकला, खेल और शिल्प इत्यादि के लिए अलग-अलग अध्यापक हैं।

मेरे विद्यालय में पाठ्यक्रम गतिविधियाँ Curriculum activities in My School

हमारे विद्यालय में तैराकी, स्काउटिंग, एनसीसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि कई सह-पाठ्यचर्या गतिविधियाँ हैं। विद्यालय के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा अनुचित व्यवहार और अनुशासित गतिविधियों वाले छात्रों को दंडित भी किया जाता है।

हमारे प्रधानाचार्या हमारे चरित्र निर्माण, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए 10 मिनट के लिए मीटिंग हॉल में प्रतिदिन प्रत्येक छात्र की कक्षाएं लेते हैं। इस तरह मेरी प्रधानाचार्या एक अच्छी शिक्षक भी है।

विद्यालय जाने का समय My School Time

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन 10 lines on my school in hindi, निष्कर्ष conclusion.

हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।  आशा करते हैं आपको मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi हिन्दी में अच्छा लगा होगा।

essay in hindi mera vidyalaya

Similar Posts

विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध essay on students and politics in hindi, मेक इन इंडिया अभियान पर निबंध essay on make in india in hindi, काला धन पर निबंध black money essay in hindi, 40+ profit and loss question and answer in hindi लाभ और हानि के प्रश्नोत्तर, पारसी धर्म पर निबंध essay on zoroastrianism in hindi – parsi dharm, भारत में बाल अधिकार पर निबंध essay on child rights in india (hindi), leave a reply cancel reply, 42 comments.

Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh- मेरी पाठशाला पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Meri Pathshala Nibandh | Essay on My school in Hindi मेरी पाठशाला निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh in Hindi Essay लिखा है मेरी पाठशाला | मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

Meri Pathshala Nibandh – मेरी पाठशाला पर निबंध

Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi – मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में ( 200 words )

मेरी पाठशाला का नाम ‘विवेक हाईस्कूल’ है। यह लिंक रोड, शांति कुंज में है।

मेरी पाठशाला बहुत बड़ी है। इसमें कई कमरे हैं। इन कमरों में कक्षाएँ लगती हैं। कुछ कमरों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कम्प्यूटर रूम आदि हैं । एक कमरा कार्यालय है। यहाँ हमारे प्रधानाध्यापक बैठते हैं । मेरी पाठशाला के कमरे स्वच्छ और हवादार है।

पाठशाला में अनेक शिक्षक, शिक्षिकाएँ हैं। हमारे शिक्षक बड़े योग्य हैं। वे हमें प्यार से पढ़ाते हैं। हम अपने शिक्षकों का आदर करते हैं। मेरी पाठशाला में हमें अनेक विषय पढ़ाए जाते हैं जैसे, गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अंग्रेजी, हिन्दी, मराठी और सामान्य ज्ञान। हमें कम्प्यूटर, चित्रकारी और संगीत की भी शिक्षा दी जाती है।

पाठशाला के सामने खेल का एक बड़ा मैदान है। खेल के घंटे में हम यहाँ खेलते हैं। यही हमारे पी.टी. सर हमें पी.टी. कराते हैं। मेरी पाठशाला सुबह 8:30 पर शुरू होती है और 2 बजे दोपहर को बन्द हो जाती है। मैं हर दिन स्कूल जाता हूँ।

हमारे प्रधानाध्यापक श्रीमान रजत शर्मा हैं। वे हम बच्चों से बहुत मधुर व्यवहार करते हैं । गलती पर वे सज़ा भी देते हैं। सारे विद्यार्थी एवं शिक्षक उनका आदर करते हैं।

मेरी पाठशाला सबसे अच्छी है। मैं वहाँ हर दिन नई बातें सीखता हूँ।

जरूर पढ़े-

मेरी कक्षा पर निबंध- My Classroom Essay in Hindi

10 Lines on My School in Hindi

Essay on My School in Hindi – मेरी पाठशाला निबंध हिंदी में  ( 250 words )

मैं दिल्ली पब्लिक स्कूल का छात्र हूँ। यह विद्यालय नगर के प्रसिद्ध विद्यालयों में से एक है। इसका परीक्षा परिणाम पर प्रशंसनीय रहता है। खेल-कूद और दूसरी गतिविधियों में भी यह अग्रणी रहता है। मेरे विद्यालय की दो मंजिली इमारत तो देखते ही बनती है। इसकी एक निराली शान है। खेल के मैदान, तरणताल व छात्रावास की भी व्यवस्था है।

मेरे विद्यालय में लगभग तीन हजार छात्र-छात्राएँ शिक्षा पाते हैं। हमारे अध्यापक-अध्यापिकाओं की संख्या लगभग सौ से ऊपर है। दूसरे स्टाफ की संख्या भी बहुत है। दूर-दूर से छात्र बसों द्वारा यहाँ पढ़ने आते हैं। सारे अध्यापक बहुत अनुभवी, उच्च शिक्षा प्राप्त, प्रशिक्षित और परिश्रमशील हैं। हमारे प्रधानाचार्य तो गुणों की खान ही हैं। वे हमारे साथ बहुत ही मद् तथा पिता तुल्य व्यवहार करते हैं। अनुशासन के मामले में वे बड़े कठोर हैं। थोड़ी-सी भी लापरवाही या अव्यवस्था उन्हें सहन नहीं। लेकिन वे शारीरिक दण्ड में कम विश्वास करते हैं।

हमारे स्कूल का पुस्तकालय तो अपने आप में एक उदाहरण है। उसमें सभी विषयों की हजारों पुस्तकें हैं, विश्वकोष हैं, पत्र-पत्रिकाएँ हैं और एटलस, मानचित्र आदि हैं। वहाँ से हम पुस्तकें घर भी ले जा सकते हैं। विद्यार्थी अपना बहुत सा समय वहाँ पढ़ने-लिखने में व्यतीत करते हैं। पुस्तकालय में एक अध्यक्ष हैं और कई अन्य कर्मचारी। वे सभी हमारे साथ बड़ा सहयोग करते हैं।

जरूर पढ़े- Samay Ka Sadupyog Essay in Hindi

Mere Vidyalaya Par 10 Line

Meri Pathshala Nibandh

My School Essay in Hindi 10 Lines

जरूर पढ़े- स्वच्छ विद्यालय पर निबंध- Essay on Cleanliness in School in Hindi

Mera Vidyalaya Nibandh – मेरा विद्यालय निबंध ( 300 words )

विद्यालय का दूसरा नाम पाठशाला या स्कूल है। बच्चों को शिक्षा देने का उत्तम स्थान है। यहाँ दूर-दूर से बच्चे पढ़ने आते हैं। शिक्षा ग्रहण करने पर बच्चे विद्वान बनते हैं और अपने भावी जीवन में सफल होते हैं।’

मेरा विदयालय रूप नगर में है। इसका नाम स डी पब्लिक स्कूल है। यह दिल्ली के माने हुए स्कूलों में से एक है। यहाँ तीन हजार बच्चे पढ़ते हैं। यहाँ एक सौ अध्यापक तथा अध्यापिकाएँ पढ़ाती हैं।

मेरे विद्यालय के दो बड़े भवन हैं। इसमें 120 कमरे हैं। हर कमरे में हवा तथा रोशनी का प्रबन्ध है। हर कमरे में श्यामपट और बिजली का पंखा लगा हुआ है। अध्यापक तथा बच्चों के लिए मेजें और कुर्सियाँ बिछी हुई हैं। वहाँ बच्चों के खेलने के लिए तीन बड़े मैदान हैं जहाँ सवेरे तथा शाम बालक और बालिकाएँ खेलते हैं।

मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों और अनुशासन का भी ध्यान रखा जाता है। हर वर्ष हमारे स्कूल में बच्चों की परीक्षा का परिणाम बड़ा अच्छा निकलता है। यहाँ दो पी. टी. मास्टर हैं जो बच्चों को सवेरे तथा शाम कई खेलों का अभ्यास कराते हैं। यहाँ एक बड़ा हॉल है जहाँ गोष्ठियाँ, वाद विवाद, प्रतियोगिताएँ आदि होती हैं। यहाँ कभी-कभी शिक्षाप्रद चलचित्र भी दिखाए जाते हैं।

मेरा विद्यालय बारहवीं कक्षा तक है। यह सवेरे सात बजे लगता है और दोपहर एक बजे बन्द हो जाता है। स्कूल की अपनी बसें हैं जो बच्चों को उनके घर से ले आती हैं और छोड़ आती हैं। स्कूल में पुस्तकों की दुकान है जहाँ से हम पुस्तकें और अभ्यास पुस्तिकाएँ खरीदते हैं। यहाँ किट शाप भी है जहाँ हम स्कूल की तैयार पोशाक खरीद सकते हैं।

मेरे विद्यालय में वाचनालय का भी प्रबन्ध है जहाँ हम समाचार-पत्र और पत्रिकाएँ पढ़ते हैं। मि. नैयर हमारे स्कूल के प्रिंसिपल हैं। मुझे मेरा स्कूल बहुत अच्छा लगता है।

जरूर पढ़े- Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh

Meri Pathshala Nibandh Essay in Hindi – मेरी पाठशाला निबंध ( 500 words )

हमारा श्रीकृष्ण उच्च विद्यालय, रूपनगर विष्णुपदी गंगा के पावन तट पर अवस्थित है। इसका नामकरण बिहार-केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के उदात्त व्यक्तित्व को उजागर करता है। पटना के अशोक राजपथ से लगभग तीस किलोमीटर पर निर्मित यह विद्यामंदिर राज्य का एक प्रमुख शिक्षा-केंद्र है।

हमारे विद्यालय में लगभग सात सौ छात्र हैं तथा तीस शिक्षक। अधिकांश शिक्षक एम. ए. तथा एम. एस-सी. योग्यतावाले हैं। हमारे प्रधानाध्यापक श्री रामयश सिंह को राज्य के प्रायः सभी शिक्षाप्रेमी जानते हैं। उनका जीवन साधना एवं त्याग का जीवन है। यही कारण है कि हमारे शिक्षकगण भी उनके नेतृत्व में काम करना अपना गौरव समझते हैं। यहाँ केवल सातवें से दसवें वर्ग के छात्र पढ़ते हैं। सातवीं और आठवीं श्रेणियों में चार-चार तथा नौवीं और दसवीं श्रेणियों में तीन-तीन उपवर्ग (sections) हैं।

हमारे विद्यालय में पढ़ाई का बहुत उत्तम प्रबंध है। छात्रों को गृहकार्य भी दिया जाता है और हमारे शिक्षक छात्रों की उत्तरपुस्तिका को मनोयोगपूर्वक देखते हैं। वर्ष में दो बार आवधिक परीक्षाएँ तथा एक बार वार्षिक परीक्षा होती है। परीक्षा में किसी प्रकार का पक्षपात न हो, इसलिए प्रधानाध्यापक प्रतीक-पद्धति द्वारा विद्यार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रथम पन्ना बदल देते हैं और नामों के बदले प्रतीक से काम लेते हैं। उनके इस कार्य में उपप्रधानाध्यापक सहायता पहुँचाते हैं। यद्यपि अधिकांश छात्र गाँवों से आते हैं, लेकिन दसवीं श्रेणी के सभी छात्रों का छात्रावास में रहना अनिवार्य कर दिया जाता है। छात्रावास में अंतिम कक्षा के छात्रों की विशेष पढ़ाई की व्यवस्था की जाती है। यही कारण है कि हमारे यहाँ के अधिकांश छात्र मैट्रिकुलेशन परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते हैं। शायद ही कोई वर्ष ऐसा रहा हो, जब हमारे विद्यालय का कोई छात्र योग्यता-छात्रवृत्ति (merit scholarship) न ले। यही कारण है कि कई बार बिहार के शिक्षामंत्री हमारे विद्यालय में शिक्षा-व्यवस्था देखने आये और हमारे सहपाठियों के उत्तर से प्रसन्न होकर उन्होंने कई सहस्र का अनुदान दिया।

हमारे विद्यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है, जिसमें सभी विषयों की पुस्तकें विद्यमान हैं। पुस्तकालय-भवन में ही वाचनालय है, जिसमें लगभग एक दर्जन दैनिक, मासिक तथा साप्ताहिक पत्र-पत्रिकाएँ आती हैं। विद्यालय तथा छात्रावास में रेडियो है। जब कभी आकाशवाणी से विद्यालयीय कार्यक्रम प्रसारित किया जाता है, तो हम राज्य के विख्यात विद्वानों की वार्ताओं से लाभान्वित होते हैं।

हमारे विद्यालय के पीछे एक बड़ा-सा आयताकार क्रीडाक्षेत्र है, जिसमें छात्र फुटबॉल, पालीबॉल, क्रिकेट, बैडमिण्टन इत्यादि खेलते हैं। शायद ही कोई वर्ष ऐसा रहा हो, जब हमारा विद्यालय कोई-न-कोई शील्ड न जीतता हो।

शिक्षण की एकरसता दूर करने तथा विशेष ज्ञानवर्द्धन के लिए हमारे प्रधानाध्यापक गोष्ठियों, पनववादों एवं भाषणों का आयोजन करवाते हैं। हमारे विद्यालय में गोस्वामी तुलसीदास की पता बड़ी धूमधाम से मनायी जाती है। तुलसी-सप्ताह के अंतर्गत सात दिनों तक रामायण-पाठ चलता है। छात्रों के बीच निबंध तथा भाषण की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। अंतिम दिन तुलसी-साहित्य के किन्हीं वरिष्ठ विद्वान का हम प्रवचन सुनते हैं तथा उनका भाषण टेप कर लेते हैं और उसे हम अपने इच्छानुसार सुनते रहते हैं।

चाहे पढ़ाई का क्षेत्र हो या क्रीड़ा का, हमारे विद्यालय का नाम प्रथम रहता है। हम छात्र अपनी सारी शक्ति लगाकर अध्ययन करते हैं, ताकि हमारे विद्यालय की प्रतिष्ठा में चार चाँद लगता रहे। हमारे आचरण पर भी हमारे गुरुजनों के सदाचरण की अमिट छाप रहती है। हमारे आचरण को देखकर “एटन’ और ‘हैरो’ के छात्रों का आचरण स्मरण हो आना स्वाभाविक-सा लगता है।

भारतवर्ष एक दिन जगद्गुरु के सर्वोच्च आसन पर विराजमान था। आज हमारे देश में शिक्षा में भले ह्रास हो गया हो, परंतु यदि हमारे विद्यालय-जैसे सभी विद्यालय हो जायँ, तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा देश अपनी नष्टप्राय मर्यादा प्राप्त कर संसार में पुनः समादृत हो।

———————————–

इस लेख के माध्यम से हमने Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh | My school Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi Humara Vidyalaya Essay Mera Vidyalaya Nibandh Meri Pathshala Essay in Hindi My School Nibandh मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में My School Hindi Nibandh

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Mera Vidyalaya

Mera Vidyalaya Best 900+ Words Nibandh in Hindi | मेरा विद्यालय निबंध

Mera Vidyalaya

Mera Vidyalaya

विद्यालय ,(Mera Vidyalaya) सिर्फ चार दीवारों से घिरा एक स्थान नहीं, बल्कि सपनों का उद्गम, ज्ञान का मंदिर और यादों का खज़ाना होता है। मेरा विद्यालय भी इन सबका संगम है, जिसने मुझे आकार दिया और मेरे जीवन को दिशा प्रदान की। मेरा विद्यालय, (Mera Vidyalaya)”सर्वोदय विद्यालय,” शहर के बाहरी इलाके में स्थित है। दो मंजिला इमारत, हरे भरे मैदान से घिरी, शांत और प्रकृति से जुड़ी हुई है।

सुबह, जब स्कूल की घंटी बजती है, तो यह सचमुच रोमांचक होता है! छात्र खुश हैं और गा रहे हैं, और कक्षाएँ बहुत शोर में व्यस्त हैं। शिक्षक हमारी मदद के लिए मौजूद हैं और ऐसा महसूस होता है जैसे हम सभी मिलकर एक विशेष प्रकार का संगीत बना रहे हैं। मेरी कक्षा दूसरी मंजिल पर है और इसमें बहुत अधिक धूप आती ​​है, जिससे इसमें सीखना और भी अच्छा हो जाता है। हमारी दीवारों पर अच्छी तस्वीरें और कहावतें हैं जो हमें हर समय नई चीजें सीखते रहने के लिए प्रेरित करती हैं।

मेरे विद्यालय के अध्यापक सिर्फ शिक्षक(Mera Vidyalaya) ही नहीं, बल्कि हमारे मित्र, मार्गदर्शक और प्रेरणा के स्त्रोत भी हैं। उनका समर्पण और मातृवत स्नेह हमें कठिन से कठिन विषयों को आसानी से समझने में मदद करता है। उनकी स्पष्ट व्याख्याएं और दिलचस्प उदाहरण हमारे उत्साह को बनाए रखते हैं। हर विषय, उनके अनोखे तरीके से पढ़ाने से न केवल रोचक बन जाता है, बल्कि जीवन से जुड़ा हुआ भी लगता है।

Related Posts :

  • Best 200+ Ram Sita Quotes In Hindi
  • Best 200+ Hanuman Quotes In Marathi
  • Best 99+ Hanuman Quotes In Hindi

विद्यालय का पुस्तकालय मेरा पसंदीदा स्थान है। यह ज्ञान का सागर है, जहाँ विभिन्न विषयों की पुस्तकें मेरी जिज्ञासा को शांत करती हैं और नई दुनियाओं में ले जाती हैं। कहानियों के पात्रों के साथ हँसना-रोना, तथ्यों का भंडार खोजना, और इतिहास की गलियों में भटकना – पुस्तकालय(Mera Vidyalaya) इन सभी अनुभवों से भरपूर है। साथ ही, हमारे विद्यालय का कंप्यूटर लैब हमें तकनीकी दुनिया से जोड़ता है, डिजिटल कौशल सीखने का अवसर देता है।

लेकिन शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है। मेरा विद्यालय खेल गतिविधियों को भी उतना ही महत्व देता है। विशाल खेल का मैदान क्रिकेट, फुटबॉल, और बैडमिंटन जैसे खेलों से गूंजता रहता है। खेलना-कूदना न सिर्फ हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि टीम भावना और अनुशासन का भी पाठ पढ़ाता है। वार्षिक खेल दिवस, जिसे हम पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं, हमें अपनी प्रतिभा दिखाने और जीत का जश्न मनाने का मौका देता है।

साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हमारी प्रतिभा खिलती(Mera Vidyalaya) है। रंगारंग वेशभूषा, देशभक्ति के गीत, मनमोहक नृत्य, और नाटकों के माध्यम से हम अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन करते हैं। ये कार्यक्रम न केवल मनोरंजन करते हैं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजते हैं।

मेरा विद्यालय सिर्फ पढ़ाई-लिखाई(Mera Vidyalaya) और खेलकूद का ही केंद्र नहीं है, बल्कि जीवन कौशल सीखने का मंच भी है। सामाजिक सेवा शिविरों में भाग लेना, वृक्षारोपण करना, स्वच्छता अभियान चलाना – ये सब हमें जिम्मेदार नागरिक बनने की सीख देते हैं। विद्यालय हमें जीवन के मूल्यों को आत्मसात करना सिखाता है, जैसे ईमानदारी, सहयोग, परिश्रम, और देशभक्ति।

मेरा विद्यालय (Mera Vidyalaya) मेरे जीवन का अहम हिस्सा है। यहाँ पर मैं न केवल शिक्षा प्राप्त करता हूँ बल्कि यहाँ पर मैं अपने जीवन के अनेक अनुभवों को भी प्राप्त करता हूँ। मेरा विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहाँ मैं नई दोस्ती करता हूँ, नए विचार प्राप्त करता हूँ और नए ज्ञान का आधान करता हूँ।

मेरे स्कूल में, हम न केवल गणित और विज्ञान जैसी चीज़ें सीखते हैं, बल्कि हमें खेल खेलने, कला करने और दोस्त बनाने का भी मौका मिलता है। हमारे शिक्षक वास्तव में महान हैं और वे हमें न केवल स्कूली चीजें सिखाते हैं, बल्कि यह भी सिखाते हैं कि अच्छे इंसान कैसे बनें।

मेरे विद्यालय के परिसर में एक सुंदर पुस्तकालय,(Mera Vidyalaya) खेल के मैदान, लैब, कंप्यूटर कक्ष और अन्य सुविधाएं हैं जो हमें अच्छी शिक्षा और विकास के लिए आवश्यक साधन प्रदान करती हैं।

मेरे विद्यालय की सबसे खास बात यह है कि यहाँ पर विद्यार्थियों को सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि समाज में सही मानवीय मूल्यों और नैतिकता की भी शिक्षा दी जाती है।

इस प्रकार, मेरा विद्यालय मेरे लिए एक संगठन नहीं है, बल्कि यह मेरी जीवनीय शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो मुझे न केवल शिक्षा देता है बल्कि मुझे अच्छे इंसान बनाने का मार्ग भी दिखाता

Mera Vidyalaya

मेरे विद्यालय के प्रिय शिक्षक और साथी विद्यार्थियों के साथ मैं हर दिन एक नई चुनौती और सीख का सामना करता हूँ। हम सभी मिलकर अपने लक्ष्य की दिशा में प्रयास करते हैं और एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं।

विद्यालय के वातावरण में उत्साह और प्रेरणा का माहौल होता है। हमें यहाँ पर अपने आप को स्वतंत्रता से विकसित करने का मौका मिलता है और हमें हर क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

मेरे विद्यालय में अध्ययन का महत्व तो होता है ही, साथ ही हमें खेल, कला, साहित्य और विज्ञान में भी गहरा ज्ञान प्राप्त होता है। यहाँ पर हमें अच्छे(Mera Vidyalaya) आदर्शों के साथ संवाद करने और अपनी प्रतिभा को प्रकट करने का अवसर मिलता है।

समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण, और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भी हमारे विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इस प्रकार, मेरा विद्यालय(Mera Vidyalaya) मेरे लिए एक संगठन से ज्यादा एक विचारशील, उत्साही और नैतिक मंच है जो मुझे अपनी शिक्षा और संस्कृति का अध्ययन करने का अवसर प्रदान करता है। यहाँ पर मैंने न केवल अध्ययन किया है बल्कि नैतिक मूल्यों और समाज सेवा के महत्व को भी समझ

साथ ही, मेरे विद्यालय में एक संघर्षरत वातावरण होता है जो हमें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। हमें यहाँ पर अपने सपनों को पूरा करने के लिए जरूरी उत्साह और साहस मिलता है।

मेरे विद्यालय के शिक्षक हमें हमेशा सहायक बनाते हैं और हमारे साथ हर प्रकार की समस्याओं का समाधान करते हैं। वे हमें न केवल अच्छे छात्र बनाने में मदद करते हैं बल्कि हमें एक अच्छे इंसान बनने की दिशा में भी प्रेरित करते हैं।

मेरे विद्यालय में हमें न्याय, सच्चाई और सम्मान की महत्वपूर्ण शिक्षा भी मिलती है। हमें यहाँ पर विभिन्न सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता और सहानुभूति की शिक्षा दी जाती है ताकि हम समाज के लिए उपयोगी नागरिक बन सकें।

इस प्रकार, मेरा विद्यालय(Mera Vidyalaya) मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है जो मुझे न केवल शिक्षा देता है बल्कि मेरे व्यक्तित्व को समृद्ध करने में भी मदद करता है। यहाँ पर मैंने अनेक योग्यताओं को विकसित किया है और एक सफल और सहायक नागरिक के रूप में समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया गया हूँ।

साथ ही, मेरे विद्यालय में हमें विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों में भाग लेने का भी मौका मिलता है। इससे हमारी विद्यालय जीवन में सामाजिक और व्यक्तिगत विकास होता है।

अंत में, मेरा विद्यालय(Mera Vidyalaya) मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है जो मुझे अनेक अनुभवों से युक्त करता है और मुझे एक सशक्त और समर्थ व्यक्ति बनाता है। इसके माध्यम से मैंने जीवन के अनेक महत्वपूर्ण सीखें प्राप्त की हैं जो मुझे हमेशा साथ चलने के लिए प्रेरित करती हैं।

इस तरह, मेरा विद्यालय मेरे लिए एक स्थान नहीं है, बल्कि यह मेरी शैक्षिक और आध्यात्मिक ग्रोथ का केंद्र है जो मुझे सफलता की राह पर अग्रसर करता है। इसके लिए मैं हमेशा अपने विद्यालय की स्मृति सहित आभारी रहूँगा।

विद्यालय के वातावरण में आत्मविश्वास और सहयोग की भावना होती है। हर विद्यार्थी(Mera Vidyalaya) को अपने अध्ययन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँ पर शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता और मूल्यों का भी महत्व रखा जाता है, जो विद्यार्थियों को एक बेहतर व्यक्ति बनाने में मदद करता है।

विद्यालय के शिक्षकों की मेहनत और समर्पण से हमें न केवल अच्छी शिक्षा मिलती है, बल्कि वे हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने की कला सिखाते हैं।

अतः, मेरा विद्यालय मेरे लिए एक स्थान नहीं है, बल्कि एक गुरुकुल है जो मुझे अनेक दिशाओं में विकसित करता है और मेरे भविष्य को सफल बनाने में मेरी मदद करता है। इसके लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा

बल्कि यहाँ मैंने दोस्ती का मूल्य समझा, अनुशासन का पाठ (Mera Vidyalaya)सीखा, और जीवन के उतार-चढ़ाव का सामना करना भी। मेरे प्यारे शिक्षकों और मित्रों की यादें, जीती हुई प्रतियोगिताओं की खुशी, और हर चैलेंज को पार करने का हौसला – ये सब मेरी विद्यालयी जीवन की अमूल्य धरोहर हैं।

जैसे-जैसे समय बीत रहा है, स्कूल (Mera Vidyalaya)के आखिरी दिन नजदीक आ रहे हैं। अब यह विदाई का मधुर गीत बजने ही वाला है। आँखों में नमी और दिल में उम्मीद के साथ, मैं इस अनोखे सफर को अलविदा कहने को तैयार हूँ। पर यह विदाई नहीं, एक नई शुरुआत है। मेरा विद्यालय जीवन का वो अध्याय है जिसने मेरे व्यक्तित्व को गढ़ा और मुझे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया।

मैं अपने विद्यालय (Mera Vidyalaya) को, इस ज्ञान के मंदिर को, हमेशा अपने दिल में संजोकर रखूंगा। आने वाले दिनों में भले ही मैं यहाँ से दूर जाऊँ, लेकिन यहाँ सीखे हुए सबक, मिले हुए साथ, और बनाए गए यादें मेरे साथ रहेंगी। मेरा विद्यालय, सदा मेरे हृदय में विराजमान रहेगा।

यदि आप इसे और कुछ व्यक्तिगत अनुभवों या यादों को जोड़कर और भी प्रभावी बनाना चाहते हैं तो आगे कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  • पसंदीदा शिक्षक का वर्णन:  आप किसी एक शिक्षक को चुन सकते हैं जिसने आपको बहुत प्रभावित किया हो और उनके मार्गदर्शन के कुछ विशिष्ट उदाहरणों का वर्णन कर सकते हैं।
  • विशेष स्कूल कार्यक्रम/प्रतियोगिता:  किसी खास स्कूल कार्यक्रम या प्रतियोगिता का वर्णन करें जिसने आपको बहुत यादगार बनाया हो।
  • स्कूल के किसी खास कोने के बारे में वर्णन:  विद्यालय का कोई स्थान, जैसे विशाल पुस्तकालय का शांत कोना या पेड़ों की छांव वाला मैदान, आपके लिए खास रहा हो सकता है। उस के बारे में लिखें और उसकी खासियत बताएं।

आपको याद रखना चाहिए कि यह आपका निबंध है और इसे आपके अपने अनुभवों से प्रभावित होना चाहिए। ये सिर्फ आपको विचार देने के लिए उदाहरण हैं।

अंत में, आप निबंध को एक व्यक्तिगत टिप्पणी के साथ समाप्त कर सकते हैं जो आपके भविष्य की आशाओं और सपनों से जुड़ा हो।

मुझे आशा है कि यह मददगार रहा!

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Join WhatsApp

Join telegram, मेरे स्कूल पर निबंध (my school essay in hindi).

Photo of author

बचपन के दिन इतने जल्दी क्यों बीत जाते हैं। हम अक्सर यही सोचते हैं कि काश हम बचपन के दिनों में ही रहते तो ज्यादा अच्छा होता। एक अलग ही एहसास होता है बचपन के दिनों में। हमें ज्यादा टेंशन नहीं लेनी पड़ती किसी भी बात की। हां, बस उस समय स्कूल हमारे जीवन के लिए एक अहम पड़ाव होती है। स्कूल के दिन भी अपने आप में बहुत खास होते हैं। स्कूल में हमें हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में हमें अपना कौशल विकसित करने का अच्छा मौका मिलता है।

स्कूल यानि कि विद्यालय। स्कूल एक प्रकार की संस्थान है जहां पर बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। स्कूल बच्चों का भविष्य तैयार करने में मदद करता है। विद्यालय को विद्यार्थियों का मंदिर कहना गलत नहीं होगा। यह इस प्रकार का मंदिर है जहां पर बच्चों को पूर्ण रूप से तराशा जाता है। बिना विद्या के हमारे जीवन का ना तो कोई लक्ष्य हो सकता है और ना ही कोई महत्व। स्कूल हमें हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार करती है। हम शिक्षा को हासिल स्कूल जाकर ही कर सकते हैं। स्कूल की दुनिया एकदम अलग होती है। तो आज का हमारा विषय स्कूल पर आधारित है। इस पोस्ट में मेरे स्कूल पर निबंध पढ़ेंगे।

विद्यालय हमेशा से एक बच्चे को विद्यार्थी के रूप में ढालने में अग्रसर रहा है। हमारी स्कूल हमारे लिए ज्ञान के सागर की तरह होती है। यह हमें ज्ञान को हासिल करने में मदद करती है। स्कूल तो हमेशा से ही प्रचलन में थे। चाहे हम नालंदा विश्वविद्यालय की बात करें या तक्षशिला विश्वविद्यालय की। हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल तो स्कूल के दिनों से ही होती है। वहां पर हमें अलग अलग चीजें सीखने को मिलती है। हमारा कौशल निखरता है। हम हरफनमौला बनते हैं।

स्कूल का अर्थ

जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें ज्ञान की बहुत जरूरत होती है। बिना ज्ञान के हमें कुछ हासिल नहीं हो सकता है। यह ज्ञान हमें या तो हमारे माँ बाप देते हैं या फिर स्कूल देती है। स्कूल का अर्थ एक ऐसे शिक्षण संस्थान से है जहां पर एक बालक शिक्षा हासिल करने के लिए जाता है। स्कूल सभी तरह के कौशल को निखारने में बहुत बड़ा योगदान देता है। फिर चाहे वह कोई भी कौशल हो जैसे शारीरिक, मानसिक या फिर बौद्धिक कौशल। स्कूल शब्द ग्रीक भाषा के Skohla या Skhole से पूरी दुनिया में प्रचलन में आया। स्कूल को संस्कृत में विद्यालयः कहते हैं।

स्कूल का महत्व

स्कूल का महत्व हमारे जीवन में हमेशा से ही रहा है। बिना स्कूल के हम अपने जीवन के कोई तरह के लक्ष्य हासिल नहीं कर सकते हैं। आज स्कूल की वजह से ही हमारा सुनहरा भविष्य तैयार होता है। आप एक बात खुद सोच कर देखो कि क्या हम घर पर बैठकर ही अपना भविष्य तैयार कर सकते हैं? नहीं, हम ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। जब हम बच्चे के रूप से निकलकर एक किशोर की अवस्था में पहुंचते हैं तो हम केवल घर पर सारे संसार का ज्ञान हासिल नहीं कर सकते हैं।

हमें इसके लिए शैक्षणिक संस्थान का दामन थामना ही पड़ता है। जो कोई भी विद्यार्थी अपने जीवन में सामाजिक उन्नति, आर्थिक उन्नति, या व्यक्तिगत उन्नति करता है तो वह सब स्कूल के योगदान की वजह से ही संभव हो पाता है। स्कूल आपको बहुत अच्छी शिक्षा देती है। वह आपको एक सच्चे हीरे की तरह तराशती है। एक बेहतरीन और उम्दा स्कूल बच्चों को बड़े से बड़े पदों पर पहुंचा देती है। स्कूली शिक्षा पाना ज्ञान की गंगा को पाने के समान है। हम सभी इसको पाने की लालसा रखते हैं।

स्कूली शिक्षा क्यों महत्वपूर्ण है?

स्कूल की शिक्षा हमारे जीवन में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह बचपन में ही तय हो जाता है कि हम बड़े होकर क्या बनेंगे? और इस चीज में अहम भूमिका निभाती है स्कूल में मिलने वाली शिक्षा। आज दुनिया में जितने भी उन्नत देश हैं वह सभी उन्नत इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने शिक्षा का इस्तेमाल सही ढंग से किया था। आज का समय शिक्षा और ज्ञान को महत्व देता है। उचित प्रकार का ज्ञान हमें हर मुश्किल रास्तों को भी पार करना सिखाता है।

हम जब छोटे बालक होते हैं तो हमें हमारे अभिभावक स्कूल भेजने की तैयारी करते हैं। वह हमें स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि हम पढ़ लिखकर समाज में कुछ ऐसा मुकाम हासिल करे ताकि आने वाली पीढ़ी के लिए हम आदर्श बन जाए। स्कूल में दाखिला मिलने के बाद बच्चे को हर तरह गुण सीखने को मिलता है। वह केवल किताबी ज्ञान को ही हासिल नहीं करता बल्कि व्यावहारिक ज्ञान को भी अच्छे से सीख जाता है।

आज के समय में गरीब छात्रों के माँ बाप भी उन्हें अच्छा पढ़ाना लिखाना चाहते हैं। क्योंकि वह इस बात को अच्छे से समझते हैं कि उनको स्कूल की शिक्षा प्राप्त नहीं होने पर वह अनपढ़ रह गए। अनपढ़ लोगों की समाज में कोई कद्र नहीं होती। प्रगति वही इंसान करता है जिसको बुनियादी शिक्षा प्राप्त हो गई हो। पढ़े लिखे लोग समाज का उत्थान करते हैं। उनको अच्छे और बुरे की अच्छे से समझ होती है।

स्कूल में अच्छे टीचर कितना मायने रखते हैं?

यह एक साधारण सी बात है कि एक बच्चे को उसके जीवन में अगर कुछ बड़ा हासिल करना होता है तो वह अपने माता-पिता से ज्ञान हासिल करता है। उसके माता-पिता उसके जीवन के पहले गुरु होते हैं। लेकिन एक बच्चे के माँ बाप यही चाहते हैं कि उनका बच्चा सर्वश्रेष्ठ हो। इसलिए वह अपने बच्चे को स्कूल भेजने का मन बनाते हैं।

स्कूल में बच्चे को अभिभावक के रूप में शिक्षक मिल जाते हैं। स्कूल में पहुंचकर विद्यार्थी बहुत अच्छा महसूस करते हैं। उनको स्कूल पहुंचकर एक नई दिशा मिलती है। शिक्षक अपने छात्र के भविष्य को लेकर बहुत सजग रहते हैं। वह अपने विद्यार्थियों के सपनों में पंख लगाते हैं। वह उन्हें उड़ना सीखाते हैं। शिक्षक जो अपने विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं उसी शिक्षा को वह अपने मन और दिमाग में पूरी तरह से अवशोषित कर लेते हैं।

स्कूल और शिक्षकों का यह बड़ा कर्त्तव्य बनता है कि वह बच्चों को उचित शिक्षा दे ताकि बच्चों को आगे चलकर कोई तरह की परेशानी नहीं उठानी पड़े। शिक्षकों की पढ़ाने की शैली ऐसी ना हो जिसके चलते बच्चे एक रोबोट के समान काम करने लग जाए। शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कुछ इस प्रकार तैयार करे कि बच्चा आने वाले भविष्य में पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक तौर पर अच्छा बने।

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अच्छे दिन क्यों होते हैं?

स्कूल के दिन जीवन के सबसे अलग दिनों में से एक होते हैं। हमें सबसे पहले स्कूल में ही डाला जाता है। स्कूल बहुत खास होता है हमारे लिए। हम जब छोटे होते हैं तो हमें लगता है कि हम कब जल्दी से बड़े हो रहे हैं। हम समय बीतने का इंतजार करते रहते हैं। स्कूल की उस सुबह वाली प्रार्थना लाइन में लगना, सुबह सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाना, होमवर्क करना, और क्लास पीरियड बोरिंग लगना बचपन के दिनों में आम बात है।

लेकिन हम जैसे जैसे बड़े होते जाते हैं हमें बचपन के दिनों की बहुत याद आने लगती है। स्कूल के बीते दिन बुरे भी होते हैं तो कोई अच्छे भी होते हैं। स्कूल के दिनों में जो सीख हमें मिलती है वह हमारे साथ ताउम्र रहती है। हमें स्कूल में नए शिक्षकों से शिक्षा मिलती है। हम स्कूल में नए दोस्त भी बनाते हैं। हम स्कूल में अनेक प्रकार की गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेते हैं। हमारी शारीरिक और बौद्धिक क्षमता स्कूल में बहुत ज्यादा निखरती है।

स्कूल के दिनों में आपको केवल अपनी पढ़ाई पर ही ध्यान देना होता है। आपके ऊपर जॉब करने का किसी भी तरह से प्रेशर नहीं होता। आप खुलकर अपने जीवन का आनंद उठाते हैं। आप जब बड़े हो जाते हैं तब आपको आपके बचपन के दिन बहुत ज्यादा याद आते हैं। बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जो सोचते हैं कि वह स्कूल के बीते हुए दिन काश वापिस से उनके पास लौट आए।

भारत में पहला स्कूल कब खुला था?

विद्या देने में हमारा देश हमेशा से अव्वल रहा है। लेकिन क्या आपको यह बात पता है कि हमारे देश का पहला मॉडर्न स्कूल कब खुला था? शायद आपको इस बात का अंदाजा नहीं होगा। दरअसल भारत का पहला स्कूल खोलने का श्रेय सावित्री बाई फुले और फातमा शेख को जाता है। यह बात उस समय की है जब भारत को उसकी आजादी भी नहीं मिली थी।

सावित्री बाई फुले और फातमा शेख ने यह तय किया कि वह पुणे के भिडेवाड़ा में केवल ल़डकियों के लिए एक स्कूल खोलेंगे। सावित्रीबाई फुले ज्योतिराव फुले की पत्नी थी। ज्योतिराव फुले ने उन्हें पूरा समर्थन दिया था। सावित्रीबाई फुले और फातमा शेख एक अच्छी सामाजिक कार्यकर्ता थी। 5 सितंबर, 1848 को अखिरकार देश की पहली अपनी स्कूल खुल गई थी। हालांकि शुरुआत में उन्हें बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा था। पर अंत में उनकी ही जीत हुई।

मेरा स्कूल में पहला दिन

सभी को अपने स्कूल का पहला दिन अक्सर याद रहता है। हालांकि कोई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपना पहला दिन याद ही नहीं रहता। मुझे आज भी याद है कि मेरे स्कूल का पहला दिन। मेरे स्कूल का पहला दिन ना ज्यादा अच्छा था और ना ही बुरा। मुझे आज भी याद है कि कैसे मेरे पापा मुझे ननिहाल से स्कूल लेकर गए थे।

उस दिन मैं ननिहाल आ रखी थी। मेरे पापा ने मेरी नानी को कहा कि वह मुझे जल्दी से तैयार कर दे। मैं तैयार हो गई। और पापा मुझे वहां से ले गए। आखिरकार मैं स्कूल पहुंची। स्कूल बहुत बड़ी थी। स्कूल में बहुत ज्यादा हरियाली थी। स्कूल का खेल का मैदान भी बहुत बड़ा था। वहां पर खूब सारे बच्चे खेल रहे थे।

मेरी स्कूल का नाम सोफिया स्कूल था। वहां पर पहुंचते ही मेरी मुठभेड़ मेरी क्लास टीचर से हो गई। पापा ने बताया कि वह मेरी क्लास टीचर है। मेरी क्लास टीचर का नाम ममता मेम था। अब मेरे पापा जब स्कूल से जाने लगे तो ना जाने क्यों मैं जोरों से रोने लगी। मेरी टीचर ने मुझे चॉकलेट देकर मुझे मुझे चुप करवाया। और फिर मुझे क्लास में ले गई। सच में, मेरा स्कूल का पहला दिन बहुत मुश्किल से बीता था। मैं बहुत ज्यादा भावुक हो गई थी।

मेरे स्कूल पर निबंध 150 शब्दों में

स्कूल दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज होती है। स्कूल ही एक ऐसी जगह होती है जहां पर एक बच्चा पहली बार कदम रखता है। स्कूल जाना सबसे यादगार पल होता है एक बच्चे के लिए। वहां पर उसको हर चीज का अनुभव होता है। स्कूल में पहुंचकर वह अपने कौशल को और भी अधिक निखारता है।

स्कूल के दिनों को हम बहुत बेफिक्री के साथ जीते हैं। वहां पर हमारे अनेकों दोस्त बनते हैं। हम वहां पर पहुंचकर खूब मस्ती करते हैं। हमें स्कूल के दिनों में पैसा कमाने की कोई चिंता नहीं होती। हमें केवल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करके अपना भविष्य उज्जवल करना होता है। स्कूल हमें यह अच्छे से सिखाता है कि हमारे लिए कौन सा मार्ग सही है और कौन सा मार्ग गलत। जब बच्चे स्कूल में दाखिला लेते हैं तो उन बच्चों के माता-पिता चैन की साँस लेते हैं। स्कूल में जाकर बच्चों के तौर-तरीकों में भी एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है। स्कूल में झूले होते हैं, खेल के मैदान होते हैं, लाइब्रेरी होती है।

मेरा स्कूल पर 10 लाइनें

  • स्कूल एक बच्चे के लिए बहुत जरूरी संस्थान होता है।
  • स्कूल में दाखिला लेने के बाद एक बच्चे को स्कूल में कई गतिविधियों को सीखने का मौका मिलता है।
  • हमारे जीवन की असली शुरुआत स्कूल से ही होती है।
  • स्कूल के शिक्षकों का काम बच्चों को पढ़ाना लिखाना होता है।
  • स्कूल जाने पर बच्चा बहुत ज्यादा होशियार हो जाता है। वहां पर उसके ज्ञान का दायरा बढ़ता है।
  • शिक्षकों का यह फर्ज होता है कि वह बच्चों को ऐसी शिक्षा दे कि जिससे बच्चों का भविष्य सुनहरा हो सके।
  • स्कूल में पहुंचकर एक बच्चा पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी सीखता है।
  • स्कूल की यादों को हमें हमेशा के लिए संजोकर रखना चाहिए।
  • स्कूल का पहला दिन सभी के लिए बहुत यादगार होता है।
  • स्कूल एक बच्चे को अनुशासन में रहना सिखाती है।

मेरे स्कूल से सम्बंधित FAQs

विश्व का सबसे पुराना स्कूल किसे माना जाता है?

विश्व का सबसे पुराना स्कूल तक्षशिला को माना जाता है। इसकी स्थापना 700 वर्ष ईसा पूर्व हुई थी।

बच्चों को स्कूल जाना क्यों जरूरी होता है?

बच्चों को स्कूल जाना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि स्कूल जाने पर उसको ढेरों सारी चीजें देखने को मिलती है। स्कूल जाने पर उसके शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास होता है।

Leave a Reply Cancel reply

Recent post, uttarakhand d.el.ed application form 2024 {आवेदन प्रक्रिया शुरू} उत्तराखंड डीएलएड के लिए ऑनलाइन फॉर्म ऐसे भरें, डेली करेंट अफेयर्स 2024 (daily current affairs in hindi), nios date sheet 2024 – कक्षा 10 और 12 की प्रैक्टिकल परीक्षा तिथि जारी, पूरी डेटशीट देखें, du sol ug admission 2024 – application form, eligibility, fees., jharkhand tet result 2024 – तीसरे राउंड का अलॉटमेंट लेटर जारी, कृषि सामान्य ज्ञान प्रश्न (agriculture gk questions in hindi).

Join Telegram Channel

Join Whatsapp Channel

Subscribe YouTube

Join Facebook Page

Follow Instagram

essay in hindi mera vidyalaya

School Board

एनसीईआरटी पुस्तकें

सीबीएसई बोर्ड

राजस्थान बोर्ड

छत्तीसगढ़ बोर्ड

उत्तराखंड बोर्ड

आईटीआई एडमिशन

पॉलिटेक्निक एडमिशन

बीएड एडमिशन

डीएलएड एडमिशन

CUET Amission

IGNOU Admission

डेली करेंट अफेयर्स

सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर

हिंदी साहित्य

[email protected]

© Company. All rights reserved

About Us | Contact Us | Terms of Use | Privacy Policy | Disclaimer

Easy Hindi

केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

Mera Vidyalaya Nibandh In Hindi। मेरा विद्यालय पर निबंध

essay in hindi mera vidyalaya

हमारे जीवन के विकास में हमारा विद्यालय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही वह जगह है जहां से हम चीजों को सिखते हैं। यहां हमें विषय की ज्ञान के साथ-साथ नैतिक जानकारियां भी मिलती हैं। जो हमारे जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक होती हैं। बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए अच्छे विद्यालय होना अति आवश्यक है इस लेख में हम आपको Mera Vidyalaya पर निबंध बताएंगे साथ ही विद्यालय क्या है विद्यालय कितने प्रकार के होते हैं उनका हमारे जीवन में क्या महत्व है इन सभी बिंदुओं पर विस्तार से बात करेंगे। जानने के लिए अंत तक जरूर पढ़ें।

Definition of School | विद्यालय की परिभाषा

विद्यालय शब्द दो शब्द विद्या और आलय से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होता है वह स्थान जहां पर हम पढ़ाई करते हैं। विद्यालय ही एक ऐसी जगह है जहां बच्चों के शारीरिक,मानसिक, नैतिक और बौद्धिक गुणों का विकास होता है। विद्यालय को हम अंग्रेजी भाषा में “स्कूल” कहते हैं। विद्यालय एक ऐसा जगह होता है जहां हमारे मन से अमीर, गरीब, धर्म, ऊंची जात, नीची जात यह सभी चीज दूर हो जाते हैं, यहां पर हम सभी बच्चों के लिए एक ही ड्रेस होता है। जिससे हमारे अंदर के सभी भेदभाव दूर हो जाते है। अच्छे विद्यालय

( Mera Vidyalaya )  में प्रवेश लेने पर बच्चों का भविष्य उज्जवल हो जाता है।

Types of School । विद्यालय के प्रकार

हमारे भारत में कुल तीन प्रकार के विद्यालय पाए जाते हैं। 

  • सरकारी विद्यालय : इस विद्यालय पर पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण होता है। सरकार सभी बच्चों के लिए समान रूप से शिक्षा के विकास का अवसर प्रदान करती है।
  • प्राइवेट विद्यालय : इस विद्यालय पर किसी व्यक्ति विशेष का नियंत्रण होता है। 
  • अनुदान प्राप्त विद्यालय : इस विद्यालय के लिए एक समिति बनाई जाती है जो इसको चलाती है। 

Level of Schools । विद्यालय के स्तर

उम्र एवं शिक्षा के स्तर के आधार पर विद्यालय के भी निम्न स्तर होते हैं, जो इस प्रकार से हैं:

  • आंगनवाड़ी विद्यालय
  • प्राथमिक विद्यालय
  • माध्यमिक विद्यालय
  • उच्च विद्यालय
  • निम्न महाविद्यालय
  • महाविद्यालय
  • विश्वविद्यालय 

Essay on My School । मेरा विद्यालय पर निबंध 

हम सभी जानते हैं कि शिक्षा हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। शिक्षा के बिना हम कुछ भी नहीं है यह हमें दूसरों से अलग बनाती है। प्रारंभिक शिक्षा हमें हमारे माता-पिता के द्वारा घर में दी जाती है। उसके बाद हमें किसी विद्यालय में दाखिला लेना होता है जहां पर हमें शिक्षा के साथ-साथ नैतिक गुणों की जानकारी मिलती है जिससे हम अपने समाज में अपनी अलग पहचान बना पाते हैं। बच्चे अपनी शुरुआती जीवन का जहां सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं वह उनका विद्यालय होता है। 

Mera Vidyalaya का नाम गुरु नानक इंटर कॉलेज है, जो उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित है। मेरा विद्यालय मेरे जीवन की एक ऐसी जगह है जहां मैं पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक जानकारी को सिखाता हूं। प्रतिदिन मैं अपने दोस्तों और शिक्षकों के साथ मिलकर कुछ नया सीखने की कोशिश करता हूं। मेरे विद्यालय में चार इमारतें हैं जो की बहुत ऊंची हैं और उनकी दिवाले नैतिक जानकारी से रंगी है जिसको पढ़ने से हमें जानकारी मिलती है। मेरे विद्यालय में 25 कमरे है। सभी कक्षाओं में महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस , चंद्रशेखर आजाद और अन्य स्वतंत्रता सेनानीयो की फोटो लगाई गई है। मेन गेट के पास में प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य का कक्ष है। और हमारे विद्यालय में कंप्यूटर लैब, विज्ञान लैब और लाइब्रेरी है। सप्ताह में एक दिन हमे कंप्यूटर लैब ले जाया जाता है। जहा हम कंप्यूटर के बारे में सीखते है और उसपे गेम भी खेलते है। मेरे विद्यालय के पीछे एक छोटा सा बगीचा है, जहा ढेर सारे पेड़ है, और उसने रंग बिरंगे फूलों के छोटे पेड़ लगाए गए है। मेरे विद्यालय में एक बड़ा सा ग्राउंड है जहां सुबह हम सभी बच्चे उपस्थित होते हैं और सुबह की प्रार्थना और राष्ट्रगान करते हैं। प्रार्थना में प्रतिदिन शिक्षक कुछ नई बातें बताते हैं। उसके बाद हम सभी बच्चों का नाखून, ड्रेस, दांत का निरीक्षण किया जाता है। मेरी विद्यालय के सभी टीचर अनुभवी और दयालु है बच्चों की बहुत अच्छे से देखभाल करते हैं। इन सब विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है।

Essay on Schoo l विद्यालय पर निबंध

विद्यालय एक ऐसा स्थान है जहां देश के भविष्य का निर्माण होता है। यहां पर विद्यार्थी विद्या अध्ययन के लिए आते हैं और विषय के ज्ञान के साथ-साथ नैतिक गुणों को सिखाते हैं। मेरे विद्यालय का नाम ज्वालादेवी इंटर कॉलेज है, जो उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में है। मैं कक्षा 8 का विद्यार्थी हूं। 

About my School’s Building | मेरे विद्यालय की इमारत

Mera Vidyalaya 3 बड़ी इमारतों से मिलकर बना है। उनके बीच में ग्राउंड बना है, जहा हम रोज सुबह इकट्ठा होते है, और सुबह की प्रार्थना करते है।  इसमें 40 कमरे है। प्रत्येक कक्षा में डिजिटल बोर्ड लगा हुआ है। 

कंप्यूटर लैब, विज्ञान लैब, लाइब्रेरी, मीटिंग हाल भी हमारे विद्यालय में बने है। लाइब्रेरी में ढेर सारी पुस्तके है और बच्चों को बैठने के लिए ढेर सारी कुर्सी मेज रखी हुई है।

मुख्य द्वार से सीधे प्रधानाचार्य कक्ष है, उसके बाहर नोटिस बोर्ड लगा हुआ है। अध्यापक और अध्यापिका के लिए अलग अलग स्टाफ रूम है। 

मेरे विद्यालय में कुल 10 लडको के लिए और 8 लड़कियों के लिए शौचालय बनाए गए है। साथ ही 5 वाटर कूलर लगाए गए है, जो हमे गर्मी में ठंडा पानी देते है।

About My School’s Environment | मेरे विद्यालय का वातावरण

मेरे विद्यालय में बहुत ही शांतिपूर्ण वातावरण पाया जाता है। जिस समय हमारी कक्षाएं चलती हैं पूरा विद्यालय शांत समझ आता है। क्योंकि शांतिपूर्ण वातावरण में ही हम कुछ नया सीख सकते हैं।

See Also Hindi Bhasha Per Nibandh | हिंदी भाषा पर निबंध

About My School’s Teacher।मेरे विद्यालय के शिक्षक

मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य के कुशल प्रशासक हैं। उनका नाम श्री जय प्रकाश द्विवेदी है। वह अंग्रेजी विषय से पीएचडी किए हुए है। साथ ही वह क्रिकेट के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी है। मेरे विद्यालय में 15 अध्यापक और 10 अध्यापिका है। सभी योग्य शिक्षक हैं और बच्चों से बहुत ज्यादा प्रेम भाव रखते हैं। बच्चो को ऐसा नया तरीका लाकर समझाते है, जिससे उन्हें अच्छे से सारी बाते समझ आ जाए।

About My School’s Discipline। विद्यालय का अनुशासन

मेरे विद्यालय के प्रबंधक विद्यालय में अनुशासन और साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते है। वह हमे सीखते है, कि अनुशासन के बिना हम अपने जीवन में कुछ भी नहीं पा सकते है। अच्छे भविष्य के लिए अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं।

प्रतिदिन प्रार्थना के बाद हमारी ड्रेस, नाखून, बाल और दांत चेक किया जाता है। हमे हमेशा अनुशासन में रहने की सीख दी जाती है

मेरे विद्यालय में हम सभी बच्चों को मिलजुल कर रहना सिखाया जाता है। मैं अपने विद्यालय को बहुत पसंद करता हूं। मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है।

10 lines essay on my school।मेरा विद्यालय पर निबंध 10 लाइन में

  • Mera Vidyalaya  का नाम नेशनल कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल है।
  • Mera Vidyalaya उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित है।
  • मेरा विद्यालय मेरे घर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • मेरे विद्यालय में सभी अध्यापक दयालु और अनुभवी है।
  • मेरे विद्यालय में एक बहुत बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम सभी बच्चे खेलते हैं।
  • Mera Vidyalaya पढ़ाई के साथ-साथ खेल संगीत नृत्य जैसे कार्यक्रमों पर भी जोर देता है।
  • मेरे विद्यालय में एक बहुत बड़ी लाइब्रेरी है जहां पर मैं जाकर रोज समाचार पत्र, नोवेल और कहानी की किताबें पढ़ता हूं।
  • मेरे विद्यालय में गरीब बच्चों को ड्रेस,बुक फीस में छूट जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।
  • मेरे विद्यालय में योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है।
  • मेरा विद्यालय ज्ञान का मंदिर है जिस पर मुझे गर्व है।

इस लेख में हमने Mera Vidyalaya पर निबंध लिखा है, और विद्यालय क्या है, कितने प्रकार के हैं, उनके क्या स्तर है। Mera Vidyalaya पर निबंध,मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध लिखा है उम्मीद करते हैं कि आपको अपने विद्यालय की यादें ताजा हो गई होगी, ऐसे ही अपने दोस्तों की भी यादें ताजा करने के लिए उनको शेयर करे।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Related News

essay in hindi mera vidyalaya

Essay On Cancer In Hindi | कैंसर पर निबंध

essay in hindi mera vidyalaya

ईद पर निबंध । Essay on Eid in Hindi

essay in hindi mera vidyalaya

विज्ञान  वरदान या अभिशाप पर निबंध । Essay Science  Gift Or Curse In Hindi

essay in hindi mera vidyalaya

विद्यार्थी जीवन पर निबंध।Essay on Student life

Hindi Essay on “Mera Vidyalaya”, “मेरा विद्यालय”, Hindi Essay for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students, Board Examinations.

मेरा विद्यालय

Mera Vidyalaya

निबंध नंबर : 01

मैं ज्ञान मंदिर विद्यालय में पाँचवी कक्षा में पढ़ता हूँ। साठ वर्ष पुराने इस विद्यालय की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। शहर के बीचों-बीच इस विद्यालय का फैलाव बहुत बड़े क्षेत्र में है। यहाँ शहर के हर कोने से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं।

मेरे विद्यालय में प्रवेश करते ही रंग-बिरंगे फूलों की मोहक कतारें नजर आती हैं। विशाल चित्रों से सुसज्जित कक्षा अतिथियों का स्वागत करती है। हमारे विद्यालय में लगभग सौ कमरे हैं। हवादार कक्षाओं में उचित संख्या में पंखे और ट्यूब लाइटें लगाई गई हैं।

विद्यालय के बीचों-बीच खेल का एक बड़ा मैदान है। उससे सटे हुए एक बड़े कमरे में सभी खेलों के लिए उपयुक्त सामान रखा है। बेडमिंटन व टेनिस जैसे खेलों के लिए अलग कोर्ट बनाए गए हैं।

विद्यालय के बीच से गुजरते सभी मार्गों के इधर-उधर लंबे छायादार वृक्ष हैं। यहाँ विज्ञान, भूगोल, इतिहास, गणित व अन्य सभी विषयों के लिए प्रयोगशालाएँ व कक्ष दिए गए हैं। इनमें विषयों से जुड़े हर प्रकार का सामान उपलब्ध है।

यहाँ के पुस्तकालय में अनेक पुस्तकें, पत्रिकाएँ व कुछ समाचारपत्र भी रखे गए हैं। चिकित्सालय, अध्यापक कक्ष, छात्रावास सभी का उत्तम निर्माण किया गया है। हमारे प्रधानाचार्य अनुशासनप्रिय हैं तथा विद्यार्थियों को बहुत प्यार करते हैं। वे छात्रों की पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद को भी उतना ही महत्त्व देते हैं, इसीलिए हमारा विद्यालय पढ़ाई व खेलकूद दोनों में उत्तम है।

मुझे अपने विद्यालय और यहाँ के योग्य अध्यापकों पर गर्व है।

निबंध नंबर : 02 

मैं मोनोफोर स्कूल लखनऊ में पढ़ता हूँ इसकी ईमारत बहुत बड़ी है। तथा इसकी ईमारत का रंग लाल है। इसमें पचास कमरे हैं। इसमें दो प्रयोगशालाएँ भी हैं। इसमें एक बड़ी लाइब्रेरी भी है। जिसमें हर विषय की पुस्तकें रखी हैं। तथा इसमें किताबों के साथ-साथ, अखबार तथा मैगजीन भी रखी गई हैं। जिस विद्यार्थी को भी अखबार पढ़ने का शौक है वह वहाँ जाकर अखबार पढ़ सकता है। हमारे विद्यालय के सभी कमरे काफी खुले तथा हवादार हैं तथा एक कक्षा में कम से कम चालीस बैंच रखे गए हैं। हमारे विद्यालय में एक बड़ी डिस्पेंसरी भी है अगर किसी विद्यार्थी को विद्यालय में चोट लग जाती है तो उसका इलाज डिस्पेंसरी में हो जाता है।

हमारे स्कूल का खेलने का मैदान भी काफी बड़ा है। यहाँ विद्यार्थी हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल इत्यादि के मैच भी खेलते हैं।

हमें भी यहाँ खेलने में बड़ा आनन्द आता है। हमारा विद्यालय लखनऊ के विशेष विद्यालयों में से एक है। हमारा विद्यालय पढाई तथा खेल दोनों में प्रथम स्थान पर है। हमारे विद्यालय का परिणाम बहुत अच्छा आता है। हमारे विद्यालय के सभी शिक्षक बड़े योग्य तथा अनुभवी हैं। मुझे अपना स्कूल तहत अच्छा लगता है। हमारे स्कूल में एक कैंटीन भी है। जहाँ हर प्रकार का खाने का सामान मिलता है। मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है।

निबंध नंबर : 03

मेरा विद्यालय Mera Vidyalaya

हमारा विद्यालय बहुत बड़ा और विशाल है। इसका घंटाघर इतना ऊँचा है कि कोई भी इसे दूर से देख सकता है। वास्तव में, यह घंटाघर हमारे क्षेत्र का सीमा चिह्न बन गया है।

मेरे विद्यालय में तीस कमरे एवं एक बड़ा खेल का मैदान है। हमारे विद्यालय का बगीचा बहुत सुन्दर है जिसमें हर प्रकार के पेड़-पौधे लगे हैं। बगीचे की देखभाल के लिये दो माली हैं।

हमारे विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकायें अत्यन्त योग्य एवं सक्षम हैं। वे बहुत स्नेही एवं दयालु हैं। हमारे प्रधानाध्यापक एक प्रौढ़ व्यक्ति हैं। वह बहुत मधुर स्वभाव के हैं। वह सुप्रसिद्ध हैं। पिछले वर्ष ही उन्हें दिल्ली राज्य द्वारा सम्मानित किया गया था। वह विद्यार्थियों को कभी दण्ड नहीं देते। विद्यालय से जडा प्रत्येक कर्मी एवं विद्यार्थी एक बहे परिवार की तरह है।

हमारे विद्यालय का पुस्तकालय बहुत बड़ा है। उसमें विभिन्न विषयों की हजारों पुस्तकें हैं। हमें पढ़ने के लिये बहुत-सी पत्रिकायें सदैव उपलब्ध रहती हैं। प्रत्येक विद्यार्थी का एक पुस्तकालय कार्ड बनाया जाता है। एक समय पर विद्यार्थी दो पुस्तकें प्राप्त कर सकता है। मैं प्रतिदिन पुस्तकालय जाने का प्रयत्न करता हूँ।

विद्यालय के समारोह एवं वाद-विवाद प्रतियोगितायें विशाल केन्द्रीय कक्ष में आयोजित किये जाते हैं। खेल में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को हमारा विद्यालय आधुनिक सुविधायें एवं उपकरण उपलब्ध कराता है। मेरे विद्यालय से जुड़ी हर बात अच्छी है और मुझे वहाँ जाना अच्छा लगता है। मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है।

निबंध नंबर : 04

विद्यालय में मेरा प्रथम दिवस

Vidyalaya me mera Pratham Diwas

विद्यालय में अपना प्रथम दिवस मुझे अब भी याद है। उस समय मैं छ. वर्ष का था। उस दिन माँ ने मुझे सुबह जल्दी उठाया। नहा धो कर नाश्ते के पश्चात् उस दिन मैंने अपने विद्यालय की नयी वर्दी पहनी। मैं बहुत रोमांचित था।

मेरी बहन उसी विद्यालय में चौथी कक्षा में पढ़ती है। हम दोनों को पिताजी कार में विद्यालय ले गये। विद्यालय का परिसर लड़कों एवं लड़कियों से भरा हुआ था। हम सीधे प्रधानाध्यापक के कक्ष में गये। उन्होंने मुझे प्रथम कक्षा में दाखिला दे दिया। उसके पश्चात् मेरे पिताजी अपने कार्यालय चले गये।

विद्यालय के चपरासी ने मुझे मेरी कक्षा तक पहुँचाया। मेरी कक्षा की अध्यापिका बहुत मधुर स्वभाव की थीं। उन्होंने मुझे दुलार से बिठाया एवं शेष कक्षा से परिचय करवाया। मेरी कक्षा के विद्यार्थियों से उसी समय मेरी मित्रता हो गयी। उन्होंने मुझे समय-तालिका एवं विभिन्न विषयों के अध्यापकअध्यापिकाओं के बारे में बताया।

मध्यावकाश के दौरान मैं अपनी बहन से कैन्टीन में मिला। घर से लाया नाश्ता हमने एक साथ खाया। मैंने उसे तब तक के अपने अनुभव के विषय में बताया और अपने दोस्तों की बातें कीं। 12:30 बजे छुट्टी की घंटी बजी। माँ विद्यालय के गेट पर मिलीं। हम दिनभर की बातें एक-दूसरे को बताते घर पहुंचे।

संक्षेप में, यह एक सुखद अनुभव था। में विद्यालय में अपने प्रथम दिवस को कभी नहीं भुलूँगा।

Related Posts

Hindi-Essays

Absolute-Study

Hindi Essay, English Essay, Punjabi Essay, Biography, General Knowledge, Ielts Essay, Social Issues Essay, Letter Writing in Hindi, English and Punjabi, Moral Stories in Hindi, English and Punjabi.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

हिंदीपथ - हिंदी भाषा का संसार

“मेरा विद्यालय” निबंध हिंदी में

“मेरा विद्यालय” निबंध हिंदी पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अपने विद्यालय को गहराई से समझना हर विद्यार्थी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि विद्यालय दूसरे घर के समान है। इस निबंध में यही कोशिश की गयी है कि तार्किक ढंग से छात्र-छात्राएँ अपने-अपने विद्यालय को समझें। पढ़ें “मेरा विद्यालय” निबंध हिंदी में–

मेरा विद्यालय मुझे बहुत प्रिय है। मेरे विद्यालय का नाम है राष्ट्रीय विद्या मन्दिर। इसमें छठी से बारहवीं श्रेणी तक पढ़ाई होती है। यह सेण्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजूकेशन, दिल्ली से सम्बद्ध है । इसमें लगभग 550 विद्यार्थी हैं, 20 अध्यापक हैं, दो क्लर्क हैं, 3 चपरासी, 2 माली, 2 सफाई कर्मचारी तथा वाटर-मैन हैं।

मेरे विद्यालय का भवन विशाल और सुन्दर है। श्रेणी कक्षों के अतिरिक्त प्राचार्य तथा क्लर्क रूम हैं। इनके अतिरिक्त एक बड़ा ‘टीचर्स रूम’ है तथा एक विशाल पुस्तकालय कक्ष भी है। स्वागत कक्ष, संगीत, आलेखन, इंडोरगेम, रैडक्रास, एन.सी.सी. के भी अलग-अलग कक्ष हैं। विद्यालय-भवन के साथ ही एक विस्तृत खेल का मैदान है।

यह भी पढ़ें – वर्षा ऋतु पर निबंध

विद्यालय की विशेषताएँ

मेरा विद्यालय सबसे बड़ी विशेषता यह रखता है कि इसमें अनुशासन है। वैसे भी जीवन में अनुशासन का महत्व अत्यधिक है। विद्यालय का वातावरण अति शान्त है। कोई विद्यार्थी व्यर्थ में घूमता नहीं मिलेगा। कोई बाहरी आदमी अध्ययन के समय कक्षाओं के सामने से नहीं गुजर पाएगा। कोई कक्षा बिना अध्यापक के नहीं होगी। कोई अध्यापक ऐसा नहीं होगा जिसका ‘पीरियड’ हो और वह श्रेणी में न हो। वातावरण की यह विशिष्टता ही छात्रों को दत्तचित्त होकर अध्ययन की प्रेरणा देती है।

विद्यालय की दूसरी विशेषता है स्वच्छता। स्कूल आरम्भ होने से पूर्व प्रत्येक कमरा साफ होगा। शीशे दरवाजे साफ होंगे। कागज या रोटी का टुकड़ा, फलों या सब्जी के छिलके गैलरी में नहीं मिलेंगे। कूड़ा-करकट डालने के लिए स्थान-स्थान पर लगे ‘डस्ट-बिन’ रखें हैं। पेशाब-घर तथा शौचालय दुर्गन्ध रहित हैं।

विद्यालय की तीसरी विशेषता है शिक्षण। शिक्षण एक कला है। कलात्मक शिक्षण विद्याध्ययन का सरल उपाय है। औसत विद्यार्थी को भी योग्य बनाने की विशिष्ट शैली है। शिक्षक प्रतिदिन छात्रों का गृह-कार्य देखते हैं। सीखने में धीमे छात्र-छात्राओं को विद्यालय अवकाश के बाद आधा घण्टा अतिरिक्त समय दिया जाता है। बोर्ड की परीक्षाओं से एक मास पूर्व डेढ़-डेढ़ घण्टे के दो अतिरिक्त पीरियड लगते हैं, जिनमें विद्यार्थी अपनी कमी को दूर करते हैं। यही कारण है कि हमारे विद्यालय का परीक्षा-परिणाम न केवल शत-प्रतिशत रहता है, अपितु 10-12 डिस्टिंकशन भी आती हैं।

यह भी पढ़ें – दहेज प्रथा पर निबंध

विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारना

विद्यालय की चौथी विशेषता शिक्षणेतर कार्य-कलाप हैं। इनमें वाद्यवृन्द तथा खेल-कूद का विशिष्ट स्थान है। हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बॉलीबॉल, कबड्डी का खेल, खो-खो, जिमनास्टिक शिक्षा की विशिष्ट व्यवस्था है। अत्याधुनिक खेल सामान तथा अंशकालीन शिक्षक खेल-दक्षता और प्रवीणता के सम्बल हैं। यही कारण है, मेरा विद्यालय नगर के विद्यालयों की प्रतियोगिता और प्रान्तीय प्रतियोगिताओं की अनेक वैजयन्ती (शील्ड) जीतकर लाता है।

हमारे विद्यालय के वाद्यवृन्द का तो जवाब नहीं। 51 छात्र-छात्राओं की ‘बैण्डटीम’ का बहुरंगी गणवेश, वाद्यों की स्वर लहरी तथा धुनों की कलात्मकता श्रोताओं और दर्शकों को मन्त्र-मुग्ध कर देती है। गणतन्त्र दिवस की परेड में सम्मिलित होने पर हमारे वाद्यवृन्द को सदा प्रथम पुरस्कार प्राप्ति का गौरव मिलता है।

विद्यालय की शनिवार-सभा विद्यार्थी-प्रतिभा के कपाट खोलती है। जीवन और जगत्‌ की विविधता की जानकारी देती है। विद्यार्थियों में छिपी वाक्‌-शक्ति को उद्घटित करती है। एक ओर प्रति शनिवार वीडियो फिल्म द्वारा एक विषय-विशेष की जानकारी दी जाती है, तो दूसरी ओर विद्यार्थी को कविता, कहानी, चुटकुला सुनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। मास के अन्तिम शनिवार को अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता, वादविवाद प्रतियोगिता अथवा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएँ होती हैं। प्रथम, ट्वितीय और तृतीय, इन तीन विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार से प्रोत्साहित किया जाता है।

यह भी पढ़ें – वंडर ऑफ साइंस का निबंध

भारत यात्रा और वार्षिकोत्सव

मेरा विद्यालय देशाटन के महत्व को भी समझता है। वर्ष में एक बार प्रायः दिसम्बर-अवकाश में 100 विद्यार्थियों को भारत-यात्रा पर ले जाया जाता है। इसमें विद्यार्थी भारतमाता की विविधता के दर्शन भी करते हैं और अपने सहपाठी की चित्तवृत्ति को और अधिक समझने का अवसर प्राप्त करते हैं।

विद्यार्थियों के प्रोत्साहन का दिन होता है विद्यालय का वार्षिकोत्सव | इसमें विविध खेलों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों, संगीत के वाद्य-यन्त्रों में दक्ष विद्यार्थियों तथा वार्षिक परीक्षा में आए प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय परीक्षार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। इस अवसर पर छात्र रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत करते हैं, जिसमें गीत-संगीत, काव्य-पाठ, एकांकी- अभिनय प्रमुख होते हैं, जिसे देखकर दर्शक भाव-विभोर हो जाते हैं।

विद्यालय में वर्ष में एक बार शिक्षक-अभिभावक दिवस भी मनाया जाता है। इसमें विद्यार्थियों के माता-पिता या संरक्षक एकत्र होते हैं। अभिभावकों के साथ छात्र भी विद्यालय की कमियों और सुधारों पर खुले मन से विचार करते हैं। उनके विचारों को ध्यान से सुना जाता है और यथासम्भव कार्यान्वित करने की चेष्टा की जाती है।

यह भी पढ़ें – दीपावली पर निबंध

मेरा विद्यालय व उसकी कमियाँ

प्रभु की सृष्टि गुण-दोषमयी है। मेरे विद्यालय में भी लोगों को कुछ कमियाँ दीखती हैं। यहाँ प्रवेश पाना आकाश के तारे तोड़ लाने से कम नहीं। अपवाद छोड़ दें तो सिफारिश न किसी अधिकारी की चलती है, न धन की। योग्यता की दौड़ में जो जीत जाए, वह प्रवेश ले ले। दूसरे, विद्यालय के अनुशासन की कठोरता ने विद्यार्थियों का सैनिकीकरण-सा कर दिया है। परिणामतः विद्यार्थियों की सच्ची शिकायत की भी उपेक्षा होती रहती है। तीसरी ओर, विद्यालय के व्यय इतने अधिक हैं कि मध्यम वर्ग का विद्यार्थी इस पावन मन्दिर में प्रवेश की बात सोच ही नहीं सकता।

यह भी पढ़ें – अनुशासन पर निबंध

“मेरा विद्यालय” पर 10 लाइन

  • मेरा विद्यालय मुझे बहुत प्रिय है। इसका नाम है राष्ट्रीय विद्या मन्दिर। इसमें छठी से बारहवीं श्रेणी तक पढ़ाई होती है।
  • मेरा विद्यालय सबसे बड़ी विशेषता यह रखता है कि इसमें अनुशासन है। वैसे भी जीवन में अनुशासन का महत्व अत्यधिक है। विद्यालय का वातावरण अति शान्त है।
  • हमारे विद्यालय की विशेषता है स्वच्छता। स्कूल आरम्भ होने से पूर्व प्रत्येक कमरा साफ होगा। शीशे दरवाजे साफ होंगे। कागज या रोटी का टुकड़ा, फलों या सब्जी के छिलके गैलरी में नहीं मिलेंगे।
  • स्कूल में शिक्षक प्रतिदिन छात्रों का गृह-कार्य देखते हैं। सीखने में धीमे छात्र-छात्राओं को अवकाश के बाद आधा घण्टा अतिरिक्त समय दिया जाता है।
  • यहाँ वाद्यवृन्द तथा खेल-कूद का विशिष्ट स्थान है। हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बॉलीबॉल, कबड्डी का खेल, खो-खो, जिमनास्टिक शिक्षा की विशिष्ट व्यवस्था है।
  • हमारा स्कूल देशाटन के महत्व को भी समझता है। वर्ष में एक बार प्रायः दिसम्बर-अवकाश में 100 विद्यार्थियों को भारत-यात्रा पर ले जाया जाता है।
  • विद्यालय में वर्ष में एक बार शिक्षक-अभिभावक दिवस भी मनाया जाता है। इसमें विद्यार्थियों के माता-पिता या संरक्षक एकत्र होते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।
  • हमारे विद्यालय के वाद्यवृन्द का तो जवाब नहीं। 51 छात्र-छात्राओं की ‘बैण्डटीम’ का बहुरंगी गणवेश, वाद्यों की स्वर लहरी तथा धुनों की कलात्मकता श्रोताओं और दर्शकों को मन्त्र-मुग्ध कर देती है।
  • विद्यार्थियों के प्रोत्साहन का दिन होता है विद्यालय का वार्षिकोत्सव | इसमें विविध खेलों के श्रेष्ठ खिलाड़ियों, संगीत के वाद्य-यन्त्रों में दक्ष विद्यार्थियों तथा वार्षिक परीक्षा में आए प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय परीक्षार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
  • मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है। यहाँ विविध विषयों को सीखने के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति करने की शिक्षा भी प्राप्त होती है।
  • मेरा प्रिय मित्र – हिंदी में निबंध
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

मेरा विद्यालय निबंध – Mera School Hindi Essay

by Editor December 10, 2018, 12:45 PM 2 Comments

मेरा विद्यालय हिन्दी निबंध | स्कूल पर हिन्दी निबंध | Mera School, Mera Vidyalay Hindi Essay

किसी भी विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक शिक्षा का मंदिर होता है और एक विद्यार्थी हमेशा अपने शिक्षा के मंदिर का ऋणी रहता है क्यूंकी उसके भविष्य का निर्माण वहीं से होता है। यहाँ हम “ मेरा विद्यालय ” पर निबंध लेकर आए हैं, परीक्षा में अकसर आपसे इसके बारे में पूछा जाता है। 

मेरा विद्यालय (150 शब्द) 

मेरे विद्यालय का नाम शारदा विद्यालय है। मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है। मेरा स्कूल मेरे घर से कुछ ही दूरी पर है इसलिए मैं पैदल चलकर ही अपने स्कूल जाता हूँ। मेरा विद्यालय क्षेत्रफल की दृष्टि से बहुत विशाल है और इसके अंदर एक बहुत बड़ा खेल का मैदान है। खेल के मैदान के बगल में सुंदर बगीचा भी है जहां सुंदर-सुंदर फूल और पेड़ लगे हुये हैं।

इसके साथ ही मेरे विद्यालय में एक बड़ी प्रयोगशाला और पुस्तकालय भी है जो हर वर्ग के विद्यार्थियों के लिए बनाया गया है।

हमारे स्कूल के सभी शिक्षक बहुत ही अच्छे हैं और हमें बहुत ही अच्छी तरह से पढ़ाते हैं। हमारे प्रधानाचार्य बहुत ही विनम्र स्वभाव के हैं और हर रोज विद्यार्थियों से वार्तालाप करने क्लास में जरूर आते हैं।

हर वर्ष हमारे स्कूल मे तरह तरह के कार्यक्रम, नाटक, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। सच मुच मेरा विद्यालय सबसे अच्छा है और पढ़ाई के लिए अनुकूल।

मेरा विद्यालय हिन्दी निबंध (300 शब्द) 

मेरे स्कूल का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है। मेरे घर से स्कूल की दूरी सिर्फ आधे किलोमीटर जितनी है इसलिए मैं पैदल चलकर ही अपने स्कूल जाता हूँ। मेरे स्कूल की इमारत पक्की है और किसी भी मौसम में हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती। बैठने की उचित व्यवस्था, पीने का साफ पानी, शौचालय आदि की अच्छी सुविधा है।

मेरे विद्यालय में खेल कूद के लिए विशाल मैदान है जहां हम लोग खेलते हैं। इसके साथ साथ एक सुंदर बगीचा भी है जहां सुंदर पुष्प और वृक्ष लगे हुये हैं।

मेरे स्कूल के सभी शिक्षक अति विनम्र हैं और बड़ी अच्छी तरह से हमें पढ़ाते हैं। हमारे प्रधानाचार्य हमें सदा अच्छी बातें बताते हैं और हर रोज स्कूल की क्रियाओं का अवलोकन करते हैं।

हमारे विद्यालय में एक बड़ा पुस्तकालय है जहां सभी विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए अच्छी-अच्छी पुस्तकें हैं। साथ ही साथ एक बड़ी प्रयोगशाला भी है जहां विज्ञान से संबन्धित प्रयोग किए जाते हैं।

हमारा विद्यालय एक बड़े ही शांत वातावरण में स्थित है जहां किसी भी प्रकार का ध्वनि या वायु प्रदूषण नहीं है, इसलिए सभी विद्यार्थी एक अच्छे और शांत वातावरण में पढ़ाई करते हैं। हमारे विद्यालय में हर साल तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं ताकि विद्यार्थीगण अपने अंदर छुपी कला का प्रदर्शन कर सकें। हर वर्ष हम शिक्षक दिवस, बाल दिवस, गणतन्त्र दिवस, योग दिवस आदि को मनाते हैं।

हमारे स्कूल में सभी विद्यार्थी नियमित आते हैं और यहाँ अनुशासन का खास पालन किया जाता है। हर माह विद्यार्थियों के लिए परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है।

मैं प्रतिदिन अपने स्कूल जाता हूँ और पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग आयोजनों में भी भाग लेता हूँ। ये मेरा सौभाग्य है की मैं सरस्वती विद्या मंदिर का विद्यार्थी हूँ। शिक्षा प्राप्त करने के लिए मेरा विद्यालय एक आदर्श है।

मेरा विद्यालय (600 शब्द) 

विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है और मेरा स्कूल भी मेरे लिए एक मंदिर के समान है। मेरे विद्यालय का नाम उन्नति विद्या विहार है और मेरे शहर के सबसे उच्च कोटी के विद्यालयों में से एक है। मेरे घर से मेरे स्कूल की दूरी बहुत कम है इसलिए मैं पैदल चलकर ही स्कूल जाता हूँ। प्रतिदिन स्कूल के कार्य की शुरुआत प्रार्थना और राष्ट्रगान से होती है। 

हमारे विद्यालय में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की पढ़ने की व्यवस्था है और हिन्दी, इंग्लिश दोनों माध्यमों की पढ़ाई यहाँ होती है।

मेरा स्कूल बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है और पक्की इमारत का बना हुआ है। किसी भी मौसम में हमें किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता। सभी कक्षाओं में बैठने के लिए अच्छी सुविधा है और साथ ही पीने का साफ पानी, शौचालय आदि की सुंदर व्यवस्था है।

मेरे स्कूल के मध्य में एक बड़ा सा खेल का मैदान है जहां सभी विद्यार्थी खेलने का आनंद लेते हैं। बच्चों से लेकर बड़ों के लिए यहाँ खेल कूद के कई साधन भी हैं। हर साल इसी मैदान में कई आयोजन किए जाते हैं।

मेरे विद्यालय में एक विशाल पुस्तकालय भी है जहां कई तरह की ज्ञानवर्धक पुस्तकों की व्यवस्था है। एक बड़ी प्रयोगशाला पुस्तकालय के बगल में स्थित है जहां विज्ञान से संबन्धित प्रयोगों को किया जाता है। एक विशाल खंड भी है जहां सभी शिक्षकगण बैठक करते हैं।

कम्प्युटर के दौर को ध्यान मे रखते हुए  हमारे स्कूल मे एक बड़ा कम्प्युटर रूम भी है जहां विद्यार्थियों को कम्प्युटर की शिक्षा दी जाती है।

मेरे स्कूल के सभी शिक्षक अति विद्वान, विनम्र और व्यवहारिक हैं। हमारे साथ बहुत ही अच्छा वर्तन किया जाता है और हम सभी विद्यार्थी भी अपने शिक्षकों का बहुत मान-सम्मान करते हैं। मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य एक अच्छे व्यक्तित्व के धनी हैं और हमेशा स्कूल के विधार्थियों का उत्साह बढ़ाते रहते हैं। यही नहीं स्कूल में काम करने वाले अन्य कामदार भी बहुत ही अच्छे हैं।

हमारे स्कूल में हर वर्ष कई तरह तरह के खेल कूद, नाटक, प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन किया जाता है और मैं भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेता हूँ।

किसी भी विद्यालय में पढ़ने-लिखने का अच्छा वातावरण का होना बहुत ही आवश्यक होता है इसी चीज को ध्यान में रखते हुये हमारा स्कूल ऐसी जगह पर स्थित है जहां किसी भी प्रकार का ध्वनि या वायु प्रदूषण नहीं है। एक बहुत ही सुंदर और शांत वातावरण हमें पढ़ाई करने के लिए प्रदान किया जाता है।

मेरे विद्यालय में दूर-दूर से विद्यार्थी भी पढ़ने के लिए आते हैं इसलिए उनके लिए खास बस का इंतजाम भी किया गया है। स्कूल के सभी विद्यार्थियों के लिए एक ही तरह की ड्रेस है जो की हमें हर रोज पहनकर जाना पड़ता है।

किसी भी विद्यालय में अनुशासन ना हो तो वहाँ शिक्षा का स्तर भी गिरता है इसलिए हमारे स्कूल में सभी विद्यार्थियों से अनुशासन का चुस्त पालन कराया जाता है और अनुशासन तोड़ने वाले को दंडित भी किया जाता है।

हर वर्ष हमारे विद्यालय में बाल दिवस, योग दिवस, गणतन्त्र दिवस, शिक्षक दिवस आदि का आयोजन किया जाता है और सभी इसमें बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं।

Leave a Reply Cancel reply

' src=

Your email address will not be published. Required fields are marked *

EMI debit card kya hai

EMI on Debit Card क्या है?

AI Kya hai

Artificial Intelligence (AI) क्या है?

© Copyright 2018. · All Logos & Trademark Belongs To Their Respective Owners

Home

  • Website Inauguration Function.
  • Vocational Placement Cell Inauguration
  • Media Coverage.
  • Certificate & Recommendations
  • Privacy Policy
  • Science Project Metric
  • Social Studies 8 Class
  • Computer Fundamentals
  • Introduction to C++
  • Programming Methodology
  • Programming in C++
  • Data structures
  • Boolean Algebra
  • Object Oriented Concepts
  • Database Management Systems
  • Open Source Software
  • Operating System
  • PHP Tutorials
  • Earth Science
  • Physical Science
  • Sets & Functions
  • Coordinate Geometry
  • Mathematical Reasoning
  • Statics and Probability
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political Science
  • English (Sr. Secondary)

Hindi (Sr. Secondary)

  • Punjab (Sr. Secondary)
  • Accountancy and Auditing
  • Air Conditioning and Refrigeration Technology
  • Automobile Technology
  • Electrical Technology
  • Electronics Technology
  • Hotel Management and Catering Technology
  • IT Application
  • Marketing and Salesmanship
  • Office Secretaryship
  • Stenography
  • Hindi Essays
  • English Essays

Letter Writing

  • Shorthand Dictation

Hindi Essay on “Mera Vidyalaya ” , ”मेरा विद्यालय” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मेरा विद्यालय, mera vidyalaya , essay no. 01.

प्रस्तावना – विद्यालय विद्वता का पवित्र स्थान होता है। इसे ‘मां भगवती सरस्वती का मन्दिर’ कहा जाता है। मैं चन्दौसी (मुरादाबाद) के बी०एम० कॉलेज में पढ़ता हूं।

मेरा आदर्श विद्यालय एक कॉलोनी के माकेंट के पास स्थित है। यह शोरगुल से । दूर है एवं एक ऊंची चारदीवारी से घिरा हुआ है। इस स्कूल में पचास कमरे और एक बड़ा खेल का मैदान है। जहां विभिन्न खेल खेले जाते हैं। विद्यालय की दीवारें बाहर से चॉकलेटी तथा अन्दर से सफेद रंग से पुती हुई हैं। स्कूल के सभी कमरे बहुत खुले हुए तथा फर्नीचरयुक्त हैं। हमारे विद्यालय में फूलों की विविध किस्म से युक्त चार बगीचे हैं।

विद्यालय की विशेषतायें – स्कूल में विज्ञान की तीन प्रयोगशालाएं और एक पुस्तकालय है जिसमें विभिन्न विषयों की हजारों कितावें हैं। यहां लगभग 1,500 विद्यार्थी पढ़ते हैं। यहां 60 अध्यापक हैं जो उच्च शिक्षित हैं तथा अपने विषयों को अच्छी तरह पढ़ाते हैं। मेरे प्रधानाचार्य मिस्टर सुन्दर शर्मा विद्यालय को प्रगति के रास्ते पर ले जाने के लिए हर समय प्रयत्नशील रहते हैं। वे विद्यार्थियों को पुत्रवत् तथा शिक्षकों को सहयोगी की भांति मानते हैं।

बच्चों का स्वर्ग सामान  विकास – मेरे विद्यालय में पढ़ाई के अलावा बच्चों के सर्वागीण विकास की ओर ध्यान दिया जाता है। उन्हें खेल-कूद में हिस्सा लेने वाद-विवाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। यही वजह है कि मण्डलीय क्रीड़ा प्रतियोगिता में हमारा विद्यालय अनेक पुरस्कार और ट्राफियां हर वर्ष जीतता है। उन ट्राफियों और शील्ड को कॉमन हॉल में, जहां शिक्षकगणों के साथ प्रधानाचार्य प्रत्येक सप्ताह मीटिंगें करते हैं, वहां सजाकर रखा गया है। उस कॉमन हॉल में चित्रकला प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त की गयी, विद्यार्थियों की बनाई ड्राइंग एण्ड पेण्टिंग्स दीवारों परशोभायमान हैं।उनकी संख्यातीस के आस-पास है। विद्यार्थियों द्वारा बनायीं वे पेण्टिंग्स विद्यालय की धरोहर और उन विद्यार्थियों की शान का प्रतीक हैं जिनके नाम पेण्टिंग्स के नीचे अंकित हैं साथ ही उस वर्ष का तथा प्रतियोगिता के नाम का भी अंकन है जिस प्रतियोगिता में शामिल होकर जिस वर्ष वे पुरस्कृत हुए हैं। जीती हुई ट्राफियों के नीचे भी वर्ष, प्रतियोगिता और विद्यार्थियों के नाम लिखे गये हैं।

उपसंहार – मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है। मुझे अपने विद्यालय के अनुशासन । पर भी गर्व है। यद्यपि मैं क्रीड़ा प्रतियोगिता व चित्रकला में हिस्सा नहीं लेता क्योंकि मेरा स्वास्थ्य क्रीड़ा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने योग्य नहीं मेरी चित्रकला भी अच्छी नहीं ह। पर में विद्यालय का मेधावी छात्र हूं, अध्यापक और प्रधानाचार्य आशा करते हैं कि इस वर्ष यू०पी० बोर्ड की प्रदेश में मेरिट लिस्ट में मेरा नाम आयेगा। मैं पढ़ाई के क्षेत्र में अपने विद्यालय का नाम रोशन करना चाहता हूं।

Mera Vidyalaya

Essay no. 02.

मेरे विद्यालय का नाम बाल विकास विद्यालय है। यह विद्यालय बिहार की राजधानी पटना के एक मुहल्ले में है। इस विद्यालय का भवन तीन खंडों में है। एक ओर शिक्षकों का आवास है। मध्य के दो खंडों में कार्यालय और कक्षाओं की व्यवस्था है। अंत में प्रधानाचार्य का आवास है। विद्यालय का भवन सरकार द्वारा निर्मित है। समय-समय पर सरकार द्वारा उसकी मरम्मत भी कराई जाती है।

विद्यालय में अष्टम वर्ग तक की पढ़ाई होती है। हमारे विद्यालय में कुल सोलह शिक्षक हैं। सभी शिक्षक योग्य और विद्वान हैं।

हमारा विद्यालय सुबह 8 बजे से आरंभ होता है। यहाँ में कक्षा प्रारंभ होने से पहले प्रार्थना होती है। कालांश (पीरियड) निर्धारित विषय के शिक्षक कक्षा में आकर पढ़ाते हैं। सभी छात्र-छात्राएँ खेल शिक्षक के निर्देशन से खेलों में भाग लेते हैं। हमारे विद्यालय में खेलने के लिए एक बड़ा मैदान है। विद्यालय में एक ओर अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हैं। छुट्टी की घंटी बजने पर सभी विद्यार्थी कतारबद्ध होकर अपने-अपने घर के लिए प्रस्थान करते हैं।

हमारे विद्यालय में हमेशा सफाई रहती है क्योंकि सभी विद्यालय को साफ-सुथरा रखने में मदद करते हैं। हमारे विद्यालय की पढ़ाई अति उत्तम है। सभी शिक्षक बच्चों को प्यार करते हैं। हमारा विद्यालय अच्छी पढ़ाई और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के विद्यार्थी प्रतिवर्ष छात्रवृत्तियाँ प्राप्त करते हैं।

About evirtualguru_ajaygour

essay in hindi mera vidyalaya

commentscomments

' src=

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Links

essay in hindi mera vidyalaya

Popular Tags

Visitors question & answer.

  • Simple on English Essay on “The Blessings of Science” complete Paragraph and Speech for School, College Students, essay for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation Classes.
  • Jayprakash on Hindi Essay on “Aitihasik Sthal ki Yatra” , ”ऐतिहासिक स्थल की यात्रा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Diksha on Official Letter Example “Write a letter to Superintendent of Police for theft of your bicycle. ” Complete Official Letter for all classes.
  • Anchal Sharma on Write a letter to the Postmaster complaining against the Postman of your locality.
  • rrrr on Hindi Essay on “Pratahkal ki Sair” , ”प्रातःकाल की सैर ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Download Our Educational Android Apps

Get it on Google Play

Latest Desk

  • Write a letter of reply to the following advertisement in a newspaper. Indicate to which post, you are applying. Include your bio-data.
  • Write a letter to the editor of a newspaper complaining of frequent failure of power supply in your locality.
  • Write a letter to the Commissioner of Police complaining about the increasing thefts in your locality and seeking adequate relief.
  • Write a letter in not more than 200 words to a national daily about the neglect of priceless historical monuments in and around your city
  • Wither Indian Democracy?-English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11 and 12 Students.
  • Do Not Put Off till Tomorrow What You Can Do Today, Complete English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11, 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Shabd Shakti Ki Paribhasha aur Udahran | शब्द शक्ति की परिभाषा और उदाहरण
  • Shabd Gun Ki Paribhasha aur Udahran | शब्द गुण की परिभाषा और उदाहरण
  • Write a letter to be sent to an important regular guest of your hotel trying to regain his confidence.

Vocational Edu.

  • English Shorthand Dictation “East and Dwellings” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines.
  • English Shorthand Dictation “Haryana General Sales Tax Act” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Deal with Export of Goods” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Interpreting a State Law” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.

78% OFF: HOSTINGER HOSTING & Get A FREE Domain. CLAIM YOUR DEAL NOW!

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध

नमस्ते, 10Lines.co में आज हम बच्चों के लिए मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध अर्थात “in English, 10 Lines on my School in Hindi ” लेकर आए है तो लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पूरा पढ़ें और My School 10 Lines in Hindi, My School Essay in Hindi, मेरा विद्यालय पर निबंध और मेरा विद्यालय का महत्व क्या है इसकी जानकारी प्राप्त करें जिससे आपके ज्ञान का दीपक जल सके।

मेरा विद्यालय पर 10 लाइन निबंध

जब बच्चे निबंध लिखना शुरू करते हैं तब उन्हें छोटे-छोटे विषयों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। अकसर कक्षा 1 हो या कक्षा 5 किसी भी कक्षा के छात्रों को मेरा विद्यालय पर निबंध लिखने के लिए कहा जा सकता है लेकिन जिस तरह कक्षा अ का बच्चा निबंध लिखेगा उस तरह कक्षा 5 का नहीं लिख सकता है। क्योंकि जैसे-जैसे कक्षा बढ़ती जाती है वैसे-वैसे बच्चों को अच्छा निबंध लिखने की कला भी आनी चाहिए लेकिन छोटे बच्चों के लिए इस तरह के विषयों पर निबंध लिखना बहुत मुश्किल होता है।

यही कारण है कि इस लेख में हमने विद्यालय पर 10 पंक्तियां लिखने की कोशिश की है ताकि अगर आप से मेरा विद्यालय पर 10 वाक्य निबंध लिखने को कहा जाए तो आप आसानी से उस निबंध को लिख सके। हमने निबंध लिखने के लिए अलग-अलग लाइन का प्रयोग इसलिए किया है ताकि आप सभी लाइन को एक साथ जोड़ कर एक अच्छा सा निबंध लिख सके।

विद्यालय का अर्थ क्या है?

विद्यालय का अगर सामान्य अर्थ निकाला जाए तो इसका मतलब एक ऐसा स्थान होता है, जहां पर विद्या ग्रहण की जाती है। विद्यालय को अंग्रेजी भाषा में स्कूल या फिर इंस्टीट्यूट कहा जाता है। विद्यालय में पढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के टीचर होते है और जो व्यक्ति विद्यालय के सारे कार्यभार को देखता है, उसे विद्यालय का प्रिंसिपल या फिर मुख्य कार्यवाहक अधिकारी कहा जाता है।

बता दें कि स्कूल शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द से हुई है। ग्रीक में एक शब्द SKHOLE है और इसी शब्द से स्कूल शब्द की उत्पत्ति हुई।

वर्तमान के समय में विद्यालय एक सामाजिक संस्था के तौर पर काम कर रहा है, जहां पर बालक अपने कौशल, अपनी कैपेसिटी, अपने इंटरेस्ट, अपने रुझान और अपनी योग्यता के हिसाब से अपना डेवलपमेंट करता है। विद्यालय में पढ़ने के लिए विद्यार्थियों को अपना एडमिशन कराना पड़ता है और इसके बाद ही उनकी शिक्षा चालू होती है और उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों को फीस के तौर पर जो विद्यार्थी पैसे देते हैं, उन्हीं में से सैलरी दी जाती है।

(SET 1) » My School Essay in Hindi 10 Lines for Class 1

  • 👉 मेरा स्कूल शहर के सबसे लोकप्रिय और बड़े स्कूलों में से एक है।
  • 👉 मेरे विद्यालय का भवन बहुत विशाल और सुन्दर है, बच्चे वहां दौड़ते रहते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में एक विशाल खेल का मैदान है जहाँ मैं विभिन्न प्रकार के बाहरी खेल खेल सकता हूँ।
  • 👉 हम अपने स्कूल में स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्रता दिवस जैसे सभी राष्ट्रीय समारोह बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल में एक बहुत बड़ा पुस्तकालय है जहाँ हम किताबें पढ़ सकते हैं।
  • 👉 मेरा विद्यालय सप्ताह में एक बार शारीरिक शिक्षा की कक्षाएं आयोजित की जाती है।
  • 👉 मेरे स्कूल में एक विज्ञान प्रयोगशाला है जो अच्छी तरह से सुसज्जित है।
  • 👉 मेरे स्कूल में मेरे कई दोस्त हैं जहाँ हम साथ पढ़ते और खेलते हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल के शिक्षक बहुत दयालु हैं और सभी का ख्याल रखते हैं।
  • 👉 मुझे स्कूल जाना अच्छा लगता है क्योंकि मैं हर दिन नई चीजें सीखता हूं।

अगर आपको कोई प्रश्न पूछना है तो आप कमेंट के मध्यम से अपना प्रश्न पूछ सकते है और अगर आपको जानकारी पसंद आए तो इस जानकारी को अन्य छात्रों के साथ साझा जरूर करें।

(SET 2) » Essay on Mera Vidyalaya in Hindi 10 Lines

» मेरा विद्यालय पर 10 लाइन  (सेट 2)

  • 👉 मेरे विद्यालय का नाम सेंट मैरी डे स्कूल (आप अपने विद्यालय का नाम लिखे) है, मेरा स्कूल एक अंग्रेजी मीडियम स्कूल है।
  • 👉 मेरा विद्यालय उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित है।
  • 👉 मेरे विद्यालय का कैंपस बहुत बड़ा है और इसके चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे लगाए हुए हैं जो देखने में बहुत ही सुंदर लगता है।
  • 👉 मेरे विद्यालय में बहुत से शिक्षक और शिक्षिका आए हैं जो हमें बहुत ही अच्छे से पढ़ाते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में अनुशासन और समय की पाबंदी को सबसे ऊपर रखा जाता है। यही कारण है कि मेरे विद्यालय के सभी बच्चे बहुत ही अनुशासित हैं।
  • 👉 हमारे विद्यालय में एक स्टाफ रूम, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब और रसायन लैब भी है।
  • 👉 मेरा विद्यालय co-edu को बढ़ावा देता है जिसके कारण मेरे विद्यालय में लड़की और लड़कियां दोनों साथ में पढ़ते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में करीब 800 बच्चे पढ़ते हैं।
  • 👉 मेरे विद्यालय में 1 से लेकर 10 वी कक्षा के बच्चों को पढ़ाया जाता है।
  • 👉 मेरा विद्यालय मुझे बहुत पसंद है और मैं कभी भी स्कूल जाने से मना नहीं करता हूं।

आशा करता हूँ कि स्कूल के बारे में 10 लाइन हिंदी में पढ़ कर आपको सारी जानकारी मिल गई होगी। मेरे विद्यालय पर निबंध 10 लाइन अभी खत्म नहीं हुआ है, नीचे और भी स्कूल पर 10 वाक्य पढ़ने को मिलेंगे।

(SET 3) » M era Vidyalaya Nibandh 10 Line

  • 👉 मेरा स्कूल शहर के कुछ बेहतरीन स्कूलों में से एक है।
  • 👉 पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित हमारा विद्यापीठ स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा पहले आता है।
  • 👉 मेरा स्कूल तीन मंजिला ऊंचा है लेकिन इसमें साफ सफाई का बेहद ख्याल रखा जाता है।
  • 👉 मेरे स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित होती रहती हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल के सामने कई सारे पेड़ पौधे उगाए गए हैं जिससे वहां का वातावरण बहुत ही स्वच्छ रहता है।
  • 👉 मेरे स्कूल का यूनिफार्म में स्काई ब्लू शर्ट और डीप ब्लू पैंट है।
  • 👉 शिक्षा के साथ-साथ हमारे स्कूल में बच्चों को नैतिकता भी सिखाया जाता है।
  • 👉 हमारे स्कूल में शिक्षक बच्चों के साथ घुलमिल कर पढ़ाते हैं।
  • 👉 पढ़ाई के साथ-साथ बीच-बीच में बच्चों को खेल भी कराया जाता है।
  • 👉 सभी बच्चों को स्कूल जाना बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है।

(SET 4) » मेरा विद्यालय पर 10 लाइन हिंदी में

  • 👉 मेरा स्कूल मेरे घर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है।
  • 👉 मेरा विद्यालय मेरे दूसरे घर के समान है, जहाँ मेरे शिक्षक मेरे अभिभावक हैं।
  • 👉 मुझे अपने स्कूल में रहना इतना अच्छा लगता है कि मैं छुट्टियों में भी जाना पसंद करूँगा।
  • 👉 मेरे स्कूल में खेलने और पाठ्येतर गतिविधियों के लिए पर्याप्त जगह है।
  • 👉 मेरे विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी बहुत सहयोगी हैं और छात्रों की देखभाल करते हैं।
  • 👉 मेरे स्कूल में जूनियर, मिडिल और सीनियर सेक्शन के लिए अलग-अलग फ्लोर हैं।
  • 👉 मेरा विद्यालय गर्मी की छुट्टियों से पहले वार्षिक समारोह और खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करता है।
  • 👉 मेरे विद्यालय का लक्ष्य प्रत्येक छात्र में से सर्वश्रेष्ठ निकालना है।
  • 👉 मेरे स्कूल ने व्यक्तिपरक ज्ञान के अलावा मेरे कौशल का भी विकास किया है।
  • 👉 मेरे स्कूल में मैंने बहुत सारे दोस्त बनाए हैं।

विद्यालय पर लिखी गई इन 10 पंक्तियों (Mera Vidyalaya Essay in Hindi) का अध्ययन करने के बाद अब हम विद्यालय पर निबंध पढ़ते हैं। स्कूल पर निबंध में आपको मेरे स्कूल के बारे में बहुत सी बातें जानने को मिलेगी।

Essay on School in Hindi

स्कूल एक ऐसी जगह होती है जहां हम पढ़ना लिखना शुरू करते है, इसी जगह पर हमारी नींव रखी जाती है। हम बड़े होकर कैसे व्यक्ति बनेंगे किस तरह से समाज का कल्याण करेंगे उन सभी चीजों की शुरुआत स्कूल के दिनों में ही हो जाती हैं। बचपन से हमें स्कूल में कैसे आचरण करना चाहिए यही सिखाया जाता है।

व्यक्ति के जीवन में विद्यालय की भूमिका

मेरा स्कूल मेरे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मैं अपने स्कूल के विषय में जो भी कहूं वह मेरे लिए कम ही पड़ जाता है क्योंकि यह एक छात्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान है और यह हमें नई चीजें सीखने में मदद करता है।

स्कूल में हमारे जो शिक्षक होते है वह हमें नई नई चीजें सिखाते है और जब हम गलती करते है तो हमारे शिक्षक हमें सही बातें सिखाते हैं। यही कारण है कि स्कूल को सबसे ऊपर रखा जाता है और सभी बच्चों को यही सिखाया जाता है कि उन्हें स्कूल हमेशा जाना चाहिए।

बच्चों को यह भी सिखाया जाता है कि रोजाना स्कूल जाना चाहिए क्योंकि अगर कोई रोजाना स्कूल नहीं जाता तो वह कक्षा में बताई जा रही बातों पर ध्यान नहीं दे पाएगा और इस समस्या से बचने के लिए रोजाना स्कूल जाने में ही समझदारी है जो बच्चे रोज स्कूल जाते है वही हमेशा अच्छे नंबर लाते हैं।

स्कूल में केवल किताबी बातें ही नहीं सिखाई जाती बल्कि यह भी सिखाया जाता है कि अच्छी संगति कैसे बनाई जाती है और समय का पाबंद कैसे बना जाता है! स्कूल में बच्चों को सिखाया जाता है कि अच्छे से आचरण करने से क्या होता है और खराब आचरण करने वालों के साथ क्या होता है। स्कूल ही पहली जगह होती है जहां हम बहुत से बच्चों से मिलते है और बातचीत करना शुरू करते है तो समाज में किस तरह से रहना चाहिए। सबसे बड़ा सबक हमें स्कूल ही सिखाता है।

स्कूल हमें एक बेहतर इंसान बनाता है और हमें इस योग्य बनाता है कि हम अपने से बड़ों के सामने खुद को बेहतर ढंग से पेश कर सके।

गुरु का महत्व

हम जो खुद ही सीखते है वह हमारे शिक्षकों की दी गई शिक्षा के कारण ही मुमकिन हो पाता है क्योंकि अगर वह शिक्षा नहीं देंगे तो हम कभी भी ज्ञान अर्जित नहीं कर सकते हैं। बच्चे की ज्ञान को अर्जित करने की कला भी शिक्षक ने उन्हें सिखाते हैं। यही कारण है कि शिक्षा प्राप्ति में जितना बच्चे की भूमिका होती है उतनी ही भूमिका एक शिक्षक की भी होती है।

एक अच्छा शिक्षक एक छात्र का जीवन सफल बनाने और उसे एक अच्छा इंसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही कारण है कि मां बाप हमेशा बच्चों के बुनियादी स्कूल को ध्यान से सुनते है ताकि उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके। ‌ क्योंकि अगर बुनियादी अच्छी नहीं होगी तो आगे चलकर बिल्डिंग की नींव डगमगाने लगेगी।

मैंने बचपन से ही अपने स्कूल में पढ़ाई की है और अब मेरे स्कूल में मेरे बहुत सारे दोस्त बन गए हैं साथ ही साथ मेरे शिक्षकों के साथ भी काफी अच्छी बातचीत होती है और मैं रोजाना स्कूल जाता हूं जिससे मेरी पढ़ाई हमेशा अपडेट रहती है। मैं हमेशा होमवर्क करके जाता हूं जिससे मेरे शिक्षक हमेशा मुझसे खुश रहते हैं। मुझे मेरा स्कूल बहुत पसंद है इसीलिए मैं अपने स्कूल को अपना दूसरा घर मानता हूं।

विद्यालय के प्रकार क्या हैं?

विद्यालय यानी की स्कूल विभिन्न प्रकार के होते है और यह विभिन्नता उनके ढांचे, मैनेजमेंट, स्वरूप, उद्देश्य के आधार पर होती है।

1: केन्द्रीय विद्यालय

केंद्रीय विद्यालय का संचालन ऑल इंडिया लेवल पर किया जाता है और केंद्रीय विद्यालय में समान सिलेबस, समान लेवल पर संचालित होते है जिसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को अंग्रेजी भाषा में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) कहा जाता है।

2: सरकारी विद्यालय

सरकारी विद्यालय को अंग्रेजी में गवर्नमेंट स्कूल (Government School) कहां जाता है, जहां पर विद्यार्थियों को आसान एजुकेशन उपलब्ध करवाने के उद्देश्य के लिए हर 40 विद्यार्थी पर एक स्कूल को चलाने की योजना होती है और वर्तमान के समय में इंडिया के अधिकतर गांव में इस प्रकार के स्कूल चलाए जाते हैं।

इस प्रकार के स्कूल को गवर्नमेंट के द्वारा आर्थिक सहायता भी दी जाती है, साथ ही इस प्रकार के स्कूल में मिड डे मील योजना का संचालन भी होता है और इस प्रकार के स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गवर्नमेंट की तरफ से स्कॉलरशिप भी दी जाती है जिसे की वजीफा कहा जाता है। गवर्नमेंट स्कूल स्टेट गवर्नमेंट के एजुकेशन डिपार्टमेंट के द्वारा संचालित होते है और इन्हें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।

3: नवोदय विद्यालय

नवोदय विद्यालय सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा सर्टिफाइड होते है और इस विद्यालय में होनहार विद्यार्थियों को पढ़ने का मौका दिया जाता है और उन्हें रहने के लिए बिल्कुल निशुल्क आवास, भोजन और एजुकेशन की व्यवस्था दी जाती है। इसे भी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।

4: निजी विद्यालय

निजी विद्यालय को प्राइवेट विद्यालय कहा जाता है जिसे किसी प्राइवेट व्यक्ति के द्वारा संचालित किया जाता है। इस विद्यालय में जो टीचर होते है उन्हें कितनी सैलरी मिलेगी, इस बात का निर्णय विद्यालय का प्रशासन ही करता है। कुछ निजी विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा सर्टिफाइड होते है तो कुछ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के द्वारा सर्टिफाइड होते हैं। वर्तमान के समय में निजी विद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है। गवर्नमेंट विद्यालय की तुलना में निजी विद्यालय में महीने की फीस ज्यादा होती है।

5: संस्कृत विद्यालय

संस्कृत विद्यालय में अधिकतर हिंदू समुदाय के विद्यार्थी अध्ययन करते है। इनमें उन्हें आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है साथ ही पूजा, प्रार्थना, मंत्र और वेदों की शिक्षा भी दी जाती है और मुख्य तौर पर इस प्रकार के विद्यालय में पढ़ाई का माध्यम संस्कृत भाषा ही होती है।

6: मिशनरीज स्कूल

इस प्रकार के विद्यालय के कर्ताधर्ता क्रिश्चियन समुदाय के लोग होते है जिसे सीबीएसई बोर्ड के द्वारा मान्यता प्राप्त हुई होती है। इस प्रकार के विद्यालय में ईसाई धर्म का ज्यादा इफेक्ट देखा जाता है।

7: आर्मी वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित विद्यालय

इंडिया का डिफेंस डिपार्टमेंट इस प्रकार के स्कूल का मैनेजमेंट करता है और इस प्रकार के विद्यालय की देखरेख आर्मी के ऑफिसर करते हैं।

8: मिलट्री स्कूल

इंडिया के डिफेंस मिनिस्ट्री के द्वारा ही इस प्रकार के स्कूल को संचालित किया जाता है।

मुसलमान समुदाय के लोगों को यहां पर धार्मिक एजुकेशन मिलती है जिसमें उन्हें मौलाना पढ़ाते हैं।

10: आदर्श विद्या मंदिर

मुख्य तौर पर इस प्रकार के विद्यालय में हिंदी भाषा पर जोर दिया जाता है और विद्या भारती के द्वारा इसे संचालित किया जाता है। इसके अलावा आर्य समाज विद्यालय, बौद्ध मठ, चल विद्यालय है।

तो साथियों  मेरा विद्यालय पर 10 लाइन का निबंध (My School Essay in Hindi 10 Lines) आपको कैसा लगा? हमें कमेंट के माध्यम से जरूर अवगत कराएं। साथ ही जानकारी को दूसरों के साथ भी अवश्य शेयर करें।

Similar Posts

मेरे पिता पर निबंध हिंदी में

मेरे पिता पर निबंध हिंदी में

मेरे पिता पर निबंध | My Father Essay in Hindi 10 Lines एक पिता की भूमिका हमारे जीवन में उस नीम के पेड़ की तरह है, जिसकी पत्तियां चबाने में भले ही कड़वी हो परंतु वह छाया हमेशा ठंडी देता है। हमारे जीवन में जिस तरह मां से हमें जीवन की पहली पाठशाला में शिक्षा…

पंजाबियों का पवित्र त्यौहार लोहड़ी पर निबंध

पंजाबियों का पवित्र त्यौहार लोहड़ी पर निबंध

नमस्ते, 10Lines.co में आज हम लोहड़ी पर निबंध अर्थात “in English Lohri Essay in Hindi” के विषय पर चर्चा करने जा रहे है तो लेख को अंत तक पूरा पढ़ें और लोहड़ी का त्यौहार कहां मनाया जाता है, लोहड़ी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?, लोहड़ी का क्या अर्थ है? और लोहड़ी का पर्व कब व…

हैप्पी न्यू ईयर 2022 पर निबंध व भाषण हिंदी में

हैप्पी न्यू ईयर 2022 पर निबंध व भाषण हिंदी में

नमस्ते, 10Lines.co में आज हम नव वर्ष पर निबंध अर्थात, “in English, Happy New Year Essay in Hindi” के विषय के ऊपर चर्चा करेंगे जिससे आपको भारतीय नव वर्ष कब आता है, उड़ीसा में नव वर्ष किस नाम से जाना जाता है?, हिंदुओं का नया साल कब होता है?, हिंदू नव वर्ष क्यों मनाया जाता…

गणतंत्र दिवस पर निबंध | Republic Day Essay 2022 in Hindi

गणतंत्र दिवस पर निबंध | Republic Day Essay 2022 in Hindi

नमस्ते, 10Lines.co में यहां आपको गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रस्तावना उपसंहार सहित अर्थात “in English, Republic Day Essay in Hindi” पढ़ने को मिलेगा। तो लेख को अंत तक पढ़ें और Republic Day 2022 Essay in Hindi, Republic Day Speech 2022 in Hindi, गणतंत्र दिवस पर भाषण, Republic Day Speech in Hindi 2022 इत्यादि की जानकारी प्राप्त करें। Republic…

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2021 पर निबंध

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2021 पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध को शुरू करने से पहले सर्वप्रथम आप सभी को 15 अगस्त 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं। आज के इस शुभ अवसर पर आप सभी के लिए हमेशा की तरह कुछ नया लेकर आया हूँ। 15 अगस्त 1947 की तारीख को कोई भी भूले नहीं भुला सकता है। 15 अगस्त के दिन हमारा भारत…

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध प्रस्तावना सहित लिखने के लिए इसे पढ़ें

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध प्रस्तावना सहित लिखने के लिए इसे पढ़ें

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi For Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए लिखा गया हैं. आज हम स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध के विषय में चर्चा करेंगे जोकि आज की तारीख में सबसे महत्वपूर्ण विषय बन गया है क्योंकि हमारे देश…

One Comment

Mara school par nibhand

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

दा इंडियन वायर

मेरा विद्यालय पर निबंध

essay in hindi mera vidyalaya

By विकास सिंह

my school essay in hindi

एक स्कूल एक संस्था है, जो या तो सरकारी या निजी निकाय द्वारा संचालित है, सभी आयु वर्ग के छात्रों को व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से शिक्षा प्रदान करने के लिए यह संस्था कार्य करती है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (100 शब्द)

मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है। यह एक मंदिर की तरह है जहां हम रोजाना पढ़ाई करने जाते हैं। सुबह-सुबह सबसे पहले हम अपने बेहतर अध्ययन के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और अपने क्लास टीचर को गुड मॉर्निंग कहते हैं। फिर हम अपने पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन शुरू करते हैं।

मुझे रोजाना स्कूल जाना पसंद है। मेरे विद्यालय में बहुत कठोर अनुशासन है जिसका हमें नियमित रूप से पालन करने की आवश्यकता है। मुझे अपनी स्कूल ड्रेस बहुत पसंद है। यह मेरे मीठे घर से लगभग 2 किमी दूर स्थित है। मैं पीले स्कूल की बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल शहर के प्रदूषण, शोर, धूल, शोर और धुएं से रहित बहुत ही शांत जगह पर है।

मेरा विद्यालय पर निबंध, my school essay in hindi (150 शब्द)

school

मेरा विद्यालय लाल रंग की तीन मंजिला इमारत में बहुत उत्कृष्ट है। मुझे उचित वर्दी में दैनिक आधार पर स्कूल जाना पसंद है। मेरा क्लास टीचर बहुत दयालु है और हमें स्कूल अनुशासन का पालन करना सिखाता है। मेरा स्कूल बहुत अच्छी जगह शहर की सभी भीड़ और शोर से दूर है।

मेरे स्कूल के मुख्य द्वार के पास दो छोटे हरे बाग हैं जहाँ बहुत सारे रंग-बिरंगे फूलों के बिस्तर, घास के लॉन, फलों के पेड़ और दो खूबसूरत बौछारें हैं।मेरे स्कूल में बहुत सारी सुविधाएं हैं जैसे एक कंप्यूटर लैब, दो साइंस लैब, एक बड़ी लाइब्रेरी, एक सामान्य पढ़ने का कमरा, एक बड़ा खेल का मैदान, एक अच्छा स्टेज और एक स्थिर दुकान।

मेरे स्कूल में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं। मेरे स्कूल में पुरुषों और महिलाओं सहित लगभग सात उच्च योग्य शिक्षक, 20 हेल्पर्स, एक प्रिंसिपल और 10 गेट कीपर हैं। मेरे शिक्षक हमें बहुत विनम्रता से पढ़ाते हैं और हमें बहुत ही रचनात्मक और आकर्षक तरीके से विषयों को सीखाते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (250 शब्द)

school

स्कूल सीखने का मंदिर है और पेशेवर और सामाजिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। मेरा स्कूल दान की गई धन की मदद से 1990 में दान की गई भूमि पर स्थापित किया गया था। मेरे स्कूल का माहौल बहुत सुखद है और स्कूल का माहौल बहुत साफ और आकर्षक है।

मेरा स्कूल भवन खेल के मैदान के केंद्र में स्थित है। स्कूल के एक तरफ एक बड़ा बगीचा है जिसमें छोटे तालाब हैं। इस तालाब में कई रंगीन मछलियाँ और अन्य पानी के जानवर हैं। मेरा स्कूल चार मंजिला इमारत है जिसमें 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं।

मेरे स्कूल में एक बड़ी लाइब्रेरी, प्रिंसिपल ऑफिस, हेड ऑफिस, क्लर्क ऑफिस, एक साइंस लेबोरेटरी, एक कंप्यूटर लैब, एक कॉमन स्टडी रूम, एक बड़ी लॉबी, टीचर कॉमन रूम, एक बड़ा स्पोर्ट्स ग्राउंड, लड़कियों और लड़कों के लिए एक अलग हॉस्टल है। स्कूल परिसर।

मेरे स्कूल में उच्च योग्य और अनुभवी शिक्षक हैं जो हमें बहुत प्रभावी और रचनात्मक तरीके से पढ़ाते हैं। मेरे स्कूल में लगभग एक हजार छात्र हैं जो हमेशा स्कूल के बाहर या स्कूल के अंदर आयोजित प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक प्राप्त करते हैं। हम सभी उचित वर्दी में स्कूल जाते हैं। हमारे पास दो प्रकार की वर्दी है, एक समान वर्दी और दूसरी घर की वर्दी।

मेरे स्कूल की समयावधि सुबह 7.50 बजे और गर्मियों के मौसम में दोपहर में 1.30 बजे और सुबह 8.50 बजे और सर्दियों के मौसम में शाम को 3.30 बजे शुरू होती है। हम रोज़ाना कुछ समय के लिए लाइब्रेरी जाते हैं जहाँ हम अपने कौशल और सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए रचनात्मक किताबें और अखबार पढ़ने का अभ्यास करते हैं।

मेरा स्कूल पर निबंध, essay on my school in hindi (300 शब्द)

मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 1 किमी दूर स्थित है। यह बहुत साफ और शांतिपूर्ण दिखता है। मेरा स्कूल एक मंदिर की तरह है जहाँ हम रोज़ जाते हैं, भगवान से प्रार्थना करते हैं और एक दिन में 6 घंटे पढ़ाई करते हैं। मेरे स्कूल के अध्यापक बहुत ही सराहनीय हैं क्योंकि वे सभी को बहुत ही संयम के साथ सिखाते हैं।

मेरे स्कूल में अध्ययन, स्वच्छता और वर्दी के सख्त मानदंड हैं। मुझे रोज़ाना स्कूल जाना पसंद है क्योंकि मेरी माँ कहती है कि रोज़ाना स्कूल जाना और सभी अनुशासन का पालन करना बहुत आवश्यक है। स्कूल शिक्षा का एक मंदिर है जहाँ हम बहुत रचनात्मक रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। हम अपने अध्ययन के साथ अन्य चीजों को भी सीखते हैं जैसे अनुशासन, शिष्टाचार, अच्छा व्यवहार, समय की पाबंदी और कई अन्य शिष्टाचार।

मेरे विद्यालय का वातावरण अद्भुत है जहाँ बहुत सारे प्राकृतिक दृश्य और हरियाली उपलब्ध हैं। एक बड़ा बगीचा और तालाब है जिसमें मछली, मेंढक, रंग-बिरंगे फूल, पेड़, सजावटी पेड़, हरी घास आदि हैं। अन्य चीजें जैसे बड़े प्ले ग्राउंड, स्कूल के चारों ओर बड़े खुले स्थान मेरे स्कूल को एक प्राकृतिक सुंदरता देते हैं।

यहां क्रिकेट नेट, बास्केट बॉल कोर्ट और स्केटिंग ग्राउंड की भी सुविधा है। मेरा स्कूल सीबीएसई बोर्ड के मानदंडों का पालन करता है। मेरा विद्यालय नर्सरी से 12 वीं कक्षा तक के छात्रों को कक्षाओं की सुविधा प्रदान करता है। मेरे स्कूल के प्रिंसिपल स्कूल के अनुशासन, स्वच्छता और स्वच्छता के बारे में बहुत सख्त हैं।

मेरा विद्यालय उन छात्रों को बस सुविधा प्रदान करता है जो विद्यालय से दूर स्थित हैं। सभी छात्र सुबह खेल मैदान में इकट्ठा होते हैं और मॉर्निंग प्रेयर करते हैं और फिर अपने-अपने क्लास रूम में पहुंच जाते हैं। मेरा स्कूल हर साल नर्सरी कक्षा (लगभग 2000) छात्रों को प्रवेश प्रदान करता है।

मेरे पास अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक हैं जैसे पीटी, मैथ्स, अंग्रेजी, हिंदी, जी.के., संगीत, नृत्य, पेंटिंग और ड्राइंग। मेरे स्कूल में एक बड़ा पुस्तकालय, स्टेशनरी की दुकान और स्कूल परिसर के अंदर कैंटीन है। मेरा स्कूल हर साल सभी कक्षाओं के लिए एक वार्षिक समारोह आयोजित करता है जिसमें हमें भाग लेना चाहिए।

मेरी पाठशाला पर निबंध, my school essay in hindi (400 शब्द)

मेरा स्कूल बहुत भव्य है, जिसमें तीन मंजिला प्रभावशाली ढंग से संरचित इमारत और शहर के केंद्र में स्थित है। यह मेरे घर से लगभग 3 किमी दूर स्थित है और मैं बस से स्कूल जाता हूँ। मेरा स्कूल राज्य के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में से एक है जहाँ मैं रहता हूँ। यह बिना किसी प्रदूषण, शोर और धूल के बहुत शांतिपूर्ण जगह पर स्थित है।

स्कूल की इमारत के दोनों सिरों पर दो सीढ़ियाँ हैं जो हमें हर मंजिल तक ले जाती हैं। इसमें पहली मंजिल पर अच्छी तरह से सुसज्जित और बड़ी लाइब्रेरी, अच्छी तरह से इंस्ट्रूमेंटेड साइंस लैब और एक कंप्यूटर लैब है। भूतल पर एक स्कूल सभागार है जहाँ सभी वार्षिक कार्य, बैठकें, पीटीएम, नृत्य प्रतियोगिताएं होती हैं।

प्रधान कार्यालय, क्लर्क कक्ष, स्टाफ रूम और सामान्य अध्ययन कक्ष भूतल पर स्थित हैं। स्कूल की कैंटीन, स्टेशनरी की दुकान, शतरंज का कमरा और स्केटिंग हॉल भी भूतल पर स्थित हैं। मेरे स्कूल में स्कूल प्रिंसिपल ऑफिस के सामने दो बड़े सीमेंटेड बास्केटबॉल कोर्ट हैं, जबकि फुटबॉल का मैदान इसके साइड में है।

मेरे स्कूल में एक छोटा सा हरा-भरा बगीचा है, जो हेड ऑफिस के सामने, रंग-बिरंगे फूलों और सजावटी पौधों से भरा है, जो पूरे स्कूल परिसर की शोभा बढ़ाते हैं। मेरे विद्यालय में लगभग 1500 छात्रों ने प्रवेश लिया है। वे हमेशा किसी भी अंतर-स्कूल प्रतियोगिताओं में उच्च रैंक करते हैं।

मेरे विद्यालय के अध्ययन मानदंड बहुत ही रचनात्मक और नवीन हैं जो किसी भी कठिन मामले को बहुत आसानी से समझने में हमारी मदद करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बहुत ईमानदारी से सिखाते हैं और हमें व्यावहारिक रूप से सब कुछ बताते हैं।

मेरा स्कूल किसी भी कार्यक्रम में इंटर-स्कूल सांस्कृतिक गतिविधियों और खेल गतिविधियों जैसे पहले स्थान पर है। मेरा स्कूल वर्ष के सभी महत्वपूर्ण दिन मनाता है जैसे कि खेल दिवस, शिक्षक दिवस, अभिभावक दिवस, बाल दिवस, स्कूल वर्षगांठ दिवस, संस्थापक दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, क्रिसमस दिवस, मातृ दिवस, वार्षिक समारोह, हैप्पी न्यू ईयर , महात्मा गांधी जन्मदिवस, आदि भव्य तरीके से।

हम सह-पाठयक्रम गतिविधियों जैसे तैराकी, स्काउटिंग, एनसी, स्कूल बैंड, स्केटिंग, गायन, नृत्य इत्यादि में भाग लेते हैं। अनुचित व्यवहार और अनुशासनहीन गतिविधियों वाले छात्रों को स्कूल के मानदंडों के अनुसार कक्षा शिक्षक द्वारा दंडित किया जाता है।

हमारे प्रिंसिपल हमारे चरित्र गठन, शिष्टाचार, नैतिक शिक्षा, अच्छे मूल्यों को प्राप्त करने और दूसरों का सम्मान करने के लिए मीटिंग हॉल में रोजाना 10 मिनट तक हर छात्र की कक्षाएं लेते हैं। हमारे स्कूल का समय बहुत ही रोचक और सुखद है क्योंकि हम रोजाना बहुत सारे रचनात्मक और व्यावहारिक काम करते हैं।

कहानीकार, गायन, कविता पाठ, हिंदी और अंग्रेजी में वार्तालाप का हमारा मौखिक मूल्यांकन दैनिक आधार पर कक्षा शिक्षक द्वारा लिया जाता है। तो, मेरा स्कूल दुनिया का सबसे अच्छा स्कूल है।

[ratemypost]

इस लेख से सम्बंधित अपने सवाल और सुझाव आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

Related Post

Paper leak: लाचार व्यवस्था, हताश युवा… पर्चा लीक का ‘अमृत काल’, केंद्र ने पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टोरल फ़ेलोशिप के लिए वन-स्टॉप पोर्टल किया लॉन्च, एडसिल विद्यांजलि छात्रवृत्ति कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ, 70 छात्रों को मिलेगी 5 करोड़ की छात्रवृत्ति, one thought on “मेरा विद्यालय पर निबंध”, leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

जर्मनी अफ्रीका में महामारी को रोकने के लिए 100,000 एमपॉक्स वैक्सीन खुराक दान करेगा

Landslide in kerala: वायनाड भूस्खलन- प्राकृतिक हादसा या मानव जनित, paris olympic 2024: “जलवायु आपातकाल” के बीच ऐतिहासिक आयोजन, 25 जुलाई को मनाया जायेगा संविधान हत्या दिवस – अमित शाह.

Nibandh

विद्यालय पर निबंध

ADVERTISEMENT

रुपरेखा : प्रस्तावना - विद्यालय की परिभाषा - विद्यालय की भूमिका - विद्यालय की परिकल्पना - विद्यालय के प्रकार - विद्यालय की विशेषता - उपसंहार।

विद्यालय अर्थात विद्यालय जहाँ विद्या का आलय हो, मतलब वो स्थान जहां विद्या प्राप्त होता है। हमारे देश में विद्या को देवी का स्थान दिया गया है और विद्यालय को ‘मंदिर’ का दर्जा दिया गया है। विद्यालय एक ऐसा विषय है, जिस पर अक्सर निबंध लिखने को कहा जाता है। हमारी जिन्दगी का सबसे अहम और ज्यादा समय हम अपने विद्यालय में ही बिताते है। विद्यालय से ही हम हमारे भविष्य में पढ़ने वाले क्षेत्र को तय करते है, इसलिए विद्यालय सबकी जिन्दगी में बहुत मायने रखता है।

विद्यालय अर्थात विद्यालय जहाँ विद्या का भंडार है। ऐसा स्थान जहां अध्ययन-अध्यापन के द्वारा बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है। विद्यालय से ही अध्ययन शुरू कर के बच्चें अपने भविष्य को तय करते है।

जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, हमारा बचपन। यही वो समय होता है जब हम विद्यालय जाते है, नए दोस्त बनाते हैं, अपने भविष्य में उनत्ति पाने के लिए पढाई करते है। विद्यालय जीवन ही ऐसा है जहाँ हम दोस्तों के साथ हंसते है, जीवन का असली आनंद उनके साथ अनुभव करते हैं। इन सब खुशी के पलों में विद्यालय एक अहम भूमिका निभाती है। कभी-कभी ऐसा पल आता है सभी के जीवन में जब हमे मां-बाप से ज्यादा नजदीकी हमारे शिक्षक लगते है जो हमें हर कदम पर हमे सही-गलत समझाते है। विद्यार्थी के जीवन को सही राह एक शिक्षक ही दिखाता है।

विद्यालय जीवन की परंपरा कोई नयी नहीं है। सदियों से हमारा देश ज्ञान का स्रोत रहा है। हमारे यहां आदिकाल से ही गुरुकुल परंपरा रही है। बड़े-बड़े राजा-महाराजा भी अपना राजसी वैभव छोड़कर ज्ञान-प्राप्ति के लिए गुरुकुल जाते थे। यहा तक की ईश्वर के अवतार श्रीकृष्ण और श्रीराम भी पढ़ने के लिए गुरुकुल आश्रम गये थे। गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊपर होता है, संसार को ऐसी सीख दी। विद्यालय एक ऐसा पड़ाव है जिससे हर व्यक्ति को गुजरना पड़ता है और गुजरना भी चाहिए क्योंकि यह पड़ाव हमें हमारे भविष्य को सवारने में मदत करता है।

बचपन से बड़े होने तक हम अलग-अलग विद्यालयों में पढ़ते है। विद्यालयों के भी कई प्रकार होते हैं, जैसे -

  • यह एक विद्यालय की तरह होता है जहाँ छोटे बच्चों को बैठना और बाकी आधारभूत चीजें सिखाते हैं।
  • प्राथमिक विद्यालय में एक से पाँच तक की पढ़ाई होती है।
  • इस व्यवस्था में पहली से आठवीं तक की शिक्षा दी जाती है।
  • कई विद्यालयों में छठी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक की पढाई होती है।
  • इस व्यवस्था में पहली से दसवीं तक की शिक्षा दी जाती है।
  • कई विद्यालयों में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढाई होती है।

सरकार ने कुछ नियम तय कर रखे हैं, जिसके अनुसार ही विद्यालयों की बनावट और वातावरण होना चाहिए। नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2005 (National Curriculum Framework 2005) ने भारत में शिक्षा के स्तर में बढ़ावा देने हेतु महत्वपूर्ण कदम उठायें हैं जो कि बहुत कारगर भी सिध्द हुएं हैं। विद्यार्थियों के समग्र विकास में विद्यालय की विशेष और महत्वपूर्ण भूमिका है। विद्यालयों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह बच्चों की हर छोटी-बड़ी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए।

  • विद्यालयों में शांत वातावरण होना चाहिए।
  • विद्यालयों में ट्रेंड टीचर्स होने चाहिए।
  • विद्यालयों का बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन होना चाहिए।
  • विद्यालयों में नियमित प्रतिदिन गृह कार्य दिया जाना चाहिए।
  • विद्यालयों में छात्र/छात्राओं के मूल्यांकन हेतु सतत मूल्यांकन पद्धति अपनायी जानी चाहिए।
  • विद्यालयों में स्वाध्याय हेतु एक पुस्तकालय एवं वाचनालय विभाग होना चाहिए।
  • विद्यालयों में अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधि पर ध्यान देना चाहिए ।
  • विद्यालयों में विभिन्न विषयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की व्यवस्था होनी चाहिए।
  • विद्यालयों में अध्यापन हेतु कक्ष विशाल और हवादार होने चाहिए। जिससे विद्यार्थी का पढाई में मन लग सके।
  • विद्यालयों में शीतल पेय जल की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए । उसके आस-पास का जगह साफ़ सुधरा रहना चाहिए जिससे बीमारी न फ़ैल सके।
  • विद्यालयों में समुचित शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए । शौचालय प्रतिदिन साफ़ करना चाहिए।
  • विद्यालयों में शारीरिक, योग, नृत्य एवं संगीत शिक्षा की उचित व्यवस्था होनी चाहिए । जिससे विद्यार्थी अन्य कार्य में भी तेज़ हो सके।
  • विद्यालयों में छात्रो की अंतः क्रियाओं एवं मानसिक विकास हेतु वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कराना चाहिए। जिससे उनका मानसिक विकास बढ़ते रहे।
  • विद्यालयों की वार्षिक पत्रिका छपनी चाहिए, जिसमें हर क्षेत्र के मेधावी बच्चों का उल्लेख होना चाहिए।
  • विद्यालयों में सभी कक्षाओं में स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था होना चाहिए । जिससे उन्हें पढाई में आसानी होगी और डिजिटल शिक्षा का ज्ञान प्राप्त होगा।

विद्यालय में जब हमारा दाखिला होता है तो उस वक़्त हम नन्हें पौधे की की रहते हैं। हमारा विद्यालय ही हमे सींच कर बड़ा वृक्ष बनाता है। और इस दुनिया में तरक्की का मुकाम हासिल कराता है। अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ियां हम अपने विद्यालय जीवन में ही बिताते है। यह कहना गलत नहीं होगा की बड़े होने पर हम सबसे अधिक विद्यालय में बिताये लम्हों को याद करते हैं। इसीलिए हर बालक को उचित शिक्षा मिलनी चाहिए जिससे वह भविष्य में देश को उनत्ति की ओर ले जाने में अपना योगदान दे सके जिसकी शुरुवात विद्यालय से ही होती है।

Nibandh Category

  • शिक्षक दिवस पर भाषण
  • टीचर्स डे क्विज
  • टीचर डे कोट्स
  • Career Expert Advice
  • Teachers Day Essay In 10 Lines And 250 Words Shikshak Diwas Nibandh In Hindi

Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध 10 लाइन में, 250 शब्द लिखकर बन जाएं टीचर्स के फेवरिट

Teachers day ka nibandh:  5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। वे हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अच्छा इंसान बनने में मदद करते हैं। शिक्षक दिवस हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हम अपने शिक्षकों को धन्यवाद कह सकें और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतार सकें।.

teachers day essay in 10 lines and 250 words shikshak diwas nibandh in hindi

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

शिक्षक दिवस हमारे देश में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के योगदान को स्वीकार करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। वे एक सच्चे शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा और ज्ञान के लिए समर्पित किया था।

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

हमारे जीवन में क्या होता है शिक्षकों का महत्व

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।

शिक्षकों का महत्व हमारे जीवन में बहुत अधिक है। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक हमें सही और गलत के बीच का अंतर सिखाते हैं, जो हमें जीवन में सही रास्ते पर चलने में मदद करता है। वे हमें भविष्य के लिए तैयार करते हैं, जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। वे हमें अपने जीवन को सुधारने में मदद करते हैं, और हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं।

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक देते हैं हमारे जीवन को आधार

शिक्षक हमारे मार्गदर्शक हैं, जो हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करते हैं। वे हमें शिक्षा देते हैं, जो हमारे जीवन का आधार है। इसके साथ ही हमें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। वे हमें जीवन के हर पहलू में सहायता करते हैं, जैसे कि कैसे अच्छे इंसान बनना है, कैसे समाज में योगदान करना है, और कैसे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

आओ मिलकर करें शिक्षकों को धन्यवाद

हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा। वे हमारे रोल मॉडल हैं, जिन्होंने हमें सही रास्ते पर चलने में मदद की है। यह दिन हमें मौका देता है उनके प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने का। वे हमारे जीवन को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए उनको जितना भी धन्यवाद दो कम ही है। आओ मिलकर शिक्षकों को धन्यवाद दें, जिन्होंने हमें पढ़ाया और हमारे जीवन को सुधारा।

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

शिक्षकों को समर्पित एक दिन

वैसे तो शिक्षक दिवस का महत्व केवल एक दिन के समारोह तक सीमित नहीं होना चाहिए। लेकिन तब भी, शिक्षक दिवस हमें अपने शिक्षकों को धन्यवाद देने और उनके योगदान को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है। हमें अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दिन हमें उनके योगदान की सराहना करते हुए, उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए, क्योंकि उनके बिना हमारा जीवन अधूरा है।

रेकमेंडेड खबरें

तेरे नाम का सलमान बनने लगा है बेटा, करें ये काम

IMAGES

  1. Mere Vidyalaya Par Hindi Nibandh/मेरा विद्यालय पर निबंध/10 Lines Essay on Mera Vidyalaya in Hindi

    essay in hindi mera vidyalaya

  2. Mera vidyalaya Essay in Hindi.10 line Hindi Essay Mera vidyalaya.

    essay in hindi mera vidyalaya

  3. मेरा विद्यालय पर निबंध

    essay in hindi mera vidyalaya

  4. Essay on my school in Hindi

    essay in hindi mera vidyalaya

  5. mera vidyalaya swachh vidyalaya essay in Hindi

    essay in hindi mera vidyalaya

  6. Essay on Mera Vidyalaya in Hindi II मेरा विद्यालय पर निबंध #meravidyalaya

    essay in hindi mera vidyalaya

VIDEO

  1. मेरा विद्यालय पर निबंध/10 lines on my school in hindi/essay on my school/mera school par nibandh

  2. मेरा विद्यालय पर हिंदी निबंध || 20 lines Essay on my school in hindi

  3. Mera vidyalay nibandh || मेरा विद्यालय पर निबंध || My school essay in Hindi || Mera vidyalay

  4. mera vidyalay par nibandh

  5. मेरा विद्यालय पर 10 लाइन / 10 lines Essay on My School in Hindi Writing /मेरा विद्यालय निबंध

  6. मेरे विद्यालय पर निबंध !! essay on my school !! 10 lines on my school

COMMENTS

  1. Mera Vidyalaya Essay in Hindi

    (1) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Class 2,3. मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं.

  2. मेरा विद्यालय पर निबंध My School Essay in Hindi

    मेरा विद्यालय पर निबंध (Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi) मैंने रामजस उच्च माध्यमिक विद्यालय संख्या 5 में पढ़ता हूँ। यह मेरा विद्यालय हर साल अच्छे परिणाम ...

  3. मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

    मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

  4. मेरा विद्यालय पर निबंध

    मेरा विद्यालय पर निबंध - Mera Vidyalaya Essay in Hindi - Mera Vidyalaya par Nibandh - Essay on Mera Vidyalaya in Hindi. ADVERTISEMENT. रूपरेखा : मेरे विद्यालय का परिचय - विद्यालय की विशेषताएँ ...

  5. Essay on My School in Hindi, मेरा विद्यालय पर निबंध

    मेरा विद्यालय पर निबंध - Essay of my school in Hindi is Important for all classes 5th to 12th. Essay on My School in Hindi - इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है। विद्यालय और शिक्षा ...

  6. मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi

    मेरा विद्यालय पर निबंध Essay on My School in Hindi (1000 Words) विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं और पढ़ते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय ...

  7. मेरा विद्यालय पर निबंध

    My School Essay in Hindi for Class 1, 2, 3, and 4 Children and Kids - My School(Mera Vidyalaya) Essay in Hindi in 50, 100, 150, 200, 250, 300 Words.

  8. मेरा विद्यालय पर निबंध

    मेरे विद्यालय पर निबंध mere vidyaalay par nibandh Essay On My School In Hindi मेरे विद्यालय पर निबंध 200 ... तो आप सही जगह पर हैं। क्योंकि यहां आपको Mera Vidaalay Par Nibandh ...

  9. Mera Vidyalaya

    Essay on Mera Vidyalaya | Meri Pathshala Nibandh in Hindi मेरी पाठशाला निबंध | My school Essay in Hindi For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12. ... Mera Vidyalaya Nibandh in Hindi - मेरा विद्यालय निबंध हिंदी में ( 200 words )

  10. Mera Vidyalaya Best 900+ Words Nibandh in Hindi

    Mera Vidyalaya. विद्यालय, (Mera Vidyalaya) सिर्फ चार दीवारों से घिरा एक स्थान नहीं, बल्कि सपनों का उद्गम, ज्ञान का मंदिर और यादों का खज़ाना होता है। मेरा ...

  11. मेरे स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

    मेरे स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi) बचपन के दिन इतने जल्दी क्यों बीत जाते हैं। हम अक्सर यही सोचते हैं कि काश हम बचपन के दिनों में ही रहते तो ...

  12. Mera Vidyalaya Nibandh In Hindi। मेरा विद्यालय पर निबंध

    निष्कर्ष. इस लेख में हमने Mera Vidyalaya पर निबंध लिखा है, और विद्यालय क्या है, कितने प्रकार के हैं, उनके क्या स्तर है। Mera Vidyalaya पर निबंध,मेरा ...

  13. Hindi Essay on "Mera Vidyalaya", "मेरा विद्यालय", Hindi Essay for Class

    मेरा विद्यालय . Mera Vidyalaya. निबंध नंबर : 01. मैं ज्ञान मंदिर विद्यालय में पाँचवी कक्षा में पढ़ता हूँ। साठ वर्ष पुराने इस विद्यालय की ख्याति दूर-दूर तक फैली है ...

  14. मेरा विद्यालय

    मेरा विद्यालय मुझे बहुत प्रिय है। इसका नाम है राष्ट्रीय विद्या मन्दिर। इसमें छठी से बारहवीं श्रेणी तक पढ़ाई होती है।. मेरा ...

  15. मेरा विद्यालय निबंध

    मेरा विद्यालय हिन्दी निबंध | स्कूल पर हिन्दी निबंध | Mera School, Mera Vidyalay Hindi Essay किसी भी विद्यार्थी के लिए उसका विद्यालय एक शिक्षा का मंदिर होता है और एक विद्यार्थी ...

  16. Hindi Essay on "Mera Vidyalaya " , "मेरा विद्यालय" Complete Hindi Essay

    मेरा विद्यालय Mera Vidyalaya Essay No. 02. मेरे विद्यालय का नाम बाल विकास विद्यालय है। यह विद्यालय बिहार की राजधानी पटना के एक मुहल्ले में है। इस विद्यालय का भवन तीन ...

  17. मेरा विद्यालय पर अनुच्छेद लेखन

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  18. मेरा विद्यालय पर 10 लाइन

    विद्यालय पर लिखी गई इन 10 पंक्तियों (Mera Vidyalaya Essay in Hindi) का अध्ययन करने के बाद अब हम विद्यालय पर निबंध पढ़ते हैं। स्कूल पर निबंध में आपको मेरे ...

  19. My school essay in hindi: मेरा विद्यालय/पाठशाला पर निबंध, हिंदी में

    मेरी पाठशाला पर निबंध, my school essay in hindi (400 शब्द) मेरा स्कूल बहुत भव्य है, जिसमें तीन मंजिला प्रभावशाली ढंग से संरचित इमारत और शहर के केंद्र ...

  20. Mera vidyalay nibandh || मेरा विद्यालय पर निबंध || My school essay in

    Mera vidyalay nibandh or My school essay in Hindi this video is all about. You will get a beautiful paragraph on Mera vidyalay in Hindi in this video. I hope...

  21. मेरा विद्यालय पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  22. Essay on my school in hindi || मेरा विद्यालय पर निबंध

    Essay on my school in hindiIf you like my video don't forget to like, share and subscribe Thankyou😊

  23. विद्यालय पर निबंध

    विद्यालय पर निबंध हिंदी में - विद्यालय का निबंध - विद्यालय का महत्व पर निबंध - स्कूल पर निबंध - पाठशाला पर निबंध - शिक्षालय पर निबंध - Vidyalaya in hindi - Vidyalay per nibandh - School ...

  24. Teachers Day Essay: शिक्षक दिवस ...

    Teachers Day Essay in Hindi: शिक्षक दिवस भारत में 5 सितंबर को बड़े जोश के साथ मनाया जाता है। यह दिन न केवल हमारे शिक्षकों के योगदान को मान्यता देने के लिए होता है, बल्कि यह ...