बारिश पर निबंध

Essay on Rain in Hindi: बारिश हमारी पृथ्वी के लिए बहुत ही जरूरी है। अगर हमारे वातावरण में बारिश की सर कमी आ जाए तो संपूर्ण जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बारिश पर निबंध से जुड़ी संपूर्ण जानकारी प्रदान करवाएंगे, इसलिए आज के इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

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बारिश पर निबंध | Essay on Rain in Hindi

बारिश पर निबंध (250 शब्द).

सबके मन में बारिश का नाम सुनते ही खुशी की लहर सी दौड़ जाती है। बारिश हमारे लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। बारिश के बिना अनाज उत्पन्न नहीं हो सकता है, और अनाज हमारे जीवन के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है। बारिश के दिन अलग ही नजारा लेकर आते हैं, इसीलिए लोग बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं, क्योंकि वर्षा ऋतु का इंतजार सबके जीवन में अलग-अलग महत्व रखता है।

एक आम आदमी के नजरिए से बारिश का आना मतलब गर्मी से राहत मिलना, एक किसान के नजरिए से देखा जाए तो, बारिश का आना मतलब फसल अच्छी होना, इसी तरह से सभी का नजरिया अलग अलग होता है, बारिश को देखने का।

सूखे तालाबों मैं और नदियों में बारिश आते ही, पानी भर जाता है, और पानी की कमी पूरे होने लग जाती है। बारिश के समय पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है। ठंडा मौसम सभी लोगों को गर्मी से आनंद देता है, इसीलिए हर उम्र का व्यक्ति बारिश आने का बेसब्री से इंतजार करता है।

बारिश आने के बाद ही चारों तरफ हरियाली छा जाती है। धरती बहुत ही सुंदर दिखने लगती है, ऐसे लगता है, कि कोई नया जीवनदान मिल गया हो। खेतों में फसल हरी-भरी हो जाती है। सबसे ज्यादा किसान को बारिश का इंतजार रहता है, क्योंकि किसान की आय का साधन ही फसल होता है, और अगर बारिश ही नहीं होगी तो फसल अच्छी नहीं होगी।

बारिश पर निबंध (800 शब्द)

बारिश का मौसम सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है बारिश आते ही चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़ पौधे खिल उठते हैं ऐसे लगता है कि फिर से एक बार वापस जी उठे हैं ।

बारिश की वजह से ही लोगों को गर्मी में राहत मिलती है। जो गर्मी की वजह से तालाब और नदियां सूख जाती हैं वह बारिश की वजह से ही फिर से दोबारा भर्ती है। बारिश की ही वजह से गर्मी खत्म हो जाती है पूरा वातावरण बहुत ही ठंडा हो जाता है जो सभी लोगों के लिए आनंदमय होता है।

वर्षा का आनंद

बरसात का मौसम गर्मियों के बाद आता है बरसात की शुरुआत जून के महीने से होती है और सितंबर तक चलती रहती है। इस मास में लगभग हिंदू कैलेंडर के हिसाब से आषाढ़ सावन भाद मांस रहता है।

भारत के सभी क्षेत्र में लगभग लगभग गर्मी पढ़ती है इसके पश्चात ही बारिश का मौसम आता है। गर्मी की वजह से लोग बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं इसीलिए बारिश का लगभग लगभग सभी को इंतजार रहता है और बारिश के आते ही लोगों को बहुत ही ठंडी राहत पहुंचती है।

वर्षा की जरूरत

सभी जीव, जंतु, पशु, पक्षी, इंसान, पेड़, पौधे सभी को बरसात की आवश्यकता रहती है। सभी के लिए बरसात बहुत ही आवश्यक है। बारिश की वजह से ही सब को पानी मिलता है। पेड़ पौधों में नहीं जाना जाती है क्योंकि तेज धूप के चलते पेड़ पौधे मुरझा जाते हैं परंतु बारिश के आते ही खिल जाते हैं।

बरसात के मौसम में पक्षी पहचाने लगते हैं, क्योंकि नदियां और तालाब भर जाते हैं। जिससे सभी की पानी की पूर्ति होती है। इस मौसम में सभी झूम उठते हैं, और धरती एक नई दुल्हन सी प्रतीत होती है। चारों तरफ हरियाली छा जाती है।

बरसात का मौसम

इस मौसम का आनंद सबसे ज्यादा बच्चों को आता है, क्योंकि गर्मी में बच्चों को स्कूल जाना होता है। जिसकी वजह से उन्हें परेशानी होती है बरसात के आने से बच्चों को ठंडी राहत मिलती है। वह बहुत ही उत्साहित और खुश हो जाते हैं। इसी वजह से बरसात के मौसम में बच्चे सबसे ज्यादा खेलकूद करते हैं।

बच्चों को बारिश में खेलना घर से बाहर निकल कर पानी में खेलना कागज की नाव बनाकर बहते पानी में चलाना बारिश में नहाना इत्यादि कामों में बच्चों को आनंद मिलता है और वह हर्षोल्लास से भर जाते हैं।प

धरती सुंदर दिखाई देने लगती है

बारिश आने के बाद चारों तरफ हरियाली छा जाती है मानो धरती एक नई नवेली दुल्हन की तरह हो धरती बहुत ही आकर्षक लगती है इस हरियाली को देखकर पशु-पक्षी भी झूम उठते हैं पहचाने लगते हैं और मानो ऐसा प्रतीत होता है जैसे खुशियां मना रहे हो

बच्चों के स्कूल की छुट्टी

ज्यादा बारिश की वजह से कई जगहों पर पानी भर जाता है आने जाने के साधन बंद हो जाते हैं, जिससे बच्चों को और शिक्षकों को स्कूल आने जाने में बहुत ही ज्यादा दिक्कत होती है, इसीलिए उस दिन की छुट्टी जारी कर दी जाती है। इसका भी सभी बच्चों के चेहरे पर अलग ही प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसा लगता है मानो बच्चे तनाव मुक्त हो गए हैं। इस दिन को वह ऐसे लगता है, किसी त्यौहार की तरह मना रहे है। अपने दोस्तों से मिलेंगे अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे और मस्ती किया करते हैं।

पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है। वह एक बार फिर से खिल जाते हैं। बारिश के समय तो बुरी से बुरी फसल भी अच्छी हो जाती है। हरी-भरी दिखाई देने लगती है इसी प्रकार धरती पर कहीं भी बारिश होती है, तो बहुत ही सुंदर नजारा दिखाई देता है।

किसानों को मिलती है बड़ी मदद

बारिश का सबसे ज्यादा असर किसानों पर देखने को मिलता है, क्योंकि किसान ही सबसे ज्यादा बारिश से उम्मीद लगाकर रखता है। अक्सर बारिश का इंतजार किसान को इसीलिए रहता है, क्योंकि किसान अपनी अच्छी फसल के लिए बारिश का इंतजार करता है। किसान चाहता है अगर बारिश हो जाए तो उन्हें अच्छी फसल मिल जाएगी अच्छी फसल से उनको अच्छी आमदनी भी प्राप्त होगी। जिसकी वजह से उन्हें बहुत ही अधिक मदद मिलती हैं इसीलिए किसान बेसब्री से बारिश का इंतजार करते हैं।

अच्छी फसल के लिए बारिश का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। अधिक बारिश होने पर ही फसल फलने फूलने लगती है, क्योंकि जब तक जोड़ों में पानी नहीं जाएगा फसल अच्छी तरह से नहीं खिलकर निकलेगी फसलों के लिए बारिश बहुत ही लाभदायक साबित होती हैं।

प्रकृति का सुंदर नजारा देखने के लिए बारिश का होना बहुत ही आवश्यक है। बारिश होने के बाद धरती का नजारा ही अलग होता है। ऐसे लगता है मानो वह कई रूपों में फट गई है। उसकी सुंदरता का कोई ठिकाना ही नहीं रहता है देखा जाए तो पूरी सृष्टि के लिए जिनमें सभी आते हैं। चाहे वह पक्षी हो जीव-जंतुओं जानवर हो इंसान हो कोई भी हो सभी के लिए बरसात का होना बहुत ही आवश्यक है। बरसात के बिना अर्थात पानी के बिना किसी का जीवन असंभव है।

हम आशा करते हैं, कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल बारिश पर निबंध (Essay on Rain in Hindi) बहुत ही पसंद आया होगा। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए, तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपकी पूरी तरह से सहायता करने की चेष्टा करेंगे।

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बारिश पर निबंध, बारिश का पहला दिन

heavy rain essay in hindi

By विकास सिंह

essay on rain in hindi

मानसून का मौसम सभी मौसमों में सबसे अच्छा माना जाता है। बारिश के दिन का इंतजार सभी को होता है और ऐसे दिन में मौसम सुहावना होता है। बारिश का दिन प्रकृति में चलने और उसके साथ एक परिपूर्ण दिन है।

विषय-सूचि

बारिश पर निबंध, short essay on rain in hindi (200 शब्द)

गर्मी, सर्दी और मानसून जैसे विभिन्न मौसम होते हैं। लेकिन मेरे सभी पसंदीदा मौसम में से मानसून का मौसम या बारिश का मौसम है। मैं एक संयुक्त परिवार में रहता हूं। मैं और मेरे चचेरे भाई बारिश के लिए पूरे साल इंतजार करते हैं और जब बारिश होती है तो हमारी आंखें खुशी से चमक उठती हैं।

सीज़न की पहली बारिश पर हम अपने घर के बाहर बारिश में भीगते हैं और खुश होकर मुस्कुराते हैं। धूप के दिनों में बारिश में ठंडा प्राकृतिक स्नान करने के बाद यह बहुत ताज़ा लगता है।

हम बगीचे में खेलना पसंद करते हैं क्योंकि बारिश की बारिश हम पर बरसती है। हम गीत गाते हैं और एक दूसरे पर पानी के छींटे मारने के लिए मैला ढोते हैं। हम जमीन पर बिल्लियों और कुत्तों की तरह लड़ते हैं जो पानी और एक दूसरे पर चिपचिपा कीचड़ फैलाते हैं।

हमारी माताएं हमेशा हम पर चिल्लाती हैं लेकिन हम सिर्फ अनदेखा करना और आनंद लेना पसंद करते हैं। बारिश से रुकने पर मुझे इससे नफरत है और हमें वापस जाने की जरूरत है। मेरी मां इन दिनों पुदीने की चटनी के साथ मूंग की दाल और प्याज के पकोड़े बनाती हैं। मुझे यह संयोजन बहुत पसंद है। शावर लेने के बाद हम साथ में पकोड़े खाने का आनंद लेते हैं।

चचेरे भाइयों के साथ बारिश का आनंद लेना सबसे अच्छा हिस्सा है। हम एक साथ इतना मज़ा करते हैं। मुझे बस बरसात के दिन बहुत पसंद हैं।

बारिश का महत्व पर निबंध, importance of rain essay in hindi (300 शब्द)

rain

प्रस्तावना:

बारिश का दिन वातावरण में तुरंत खुशी और शांति फैलाता है। यह हर किसी के चेहरे पर एक मुस्कान लाता है और जश्न मनाने का एक कारण भी देता है। दोस्तों को आमंत्रित करना और उनके साथ बारिश के दिन मनाना अधिक सुखद है।

किसानों को बारिश का इंतजार:

बारिश का दिन सभी के लिए एक विशेष दिन होता है, लेकिन बारिश विशेष रूप से किसानों के लिए एक विशेष महत्व रखती है। उनकी फसलों की वृद्धि काफी हद तक बारिश पर निर्भर करती है। बारिश की सही मात्रा वे प्रत्येक वर्ष के लिए रहता है। इन दिनों मानसून के मौसम में अक्सर देरी हो जाती है और बारिश काफी अनियमित हो जाती है।

ऐसी स्थिति में किसान कामना करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि बारिश सही समय पर हो। मौसम की पहली बारिश का दिन विशेष रूप से किसानों के लिए खुशी का दिन होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह मानसून के मौसम की शुरुआत को चिह्नित करता है जो फसलों के विकास को बढ़ावा देता है। चारों तरफ हरियाली है। खेतों को बारिश के दिन जीवन से भरे प्रतीत होते हैं।

स्कूली बच्चों की जिंदगी में बारिश का दिन खास होता है:

बरसात के दिन में स्कूली बच्चों को बहुत मज़ा आता है। उनके लिए बरसात के दिन का मतलब है, मस्ती से भरा दिन। छोटे बच्चे रंग-बिरंगे छाते पकड़े हुए हैं और बारिश के दिनों में खूबसूरत रेनकोट पहनते हैं। चारों तरफ रंग है। यदि बारिश भारी होती है, तो कई बच्चों को अपने माता-पिता के साथ स्कूल जाने का विशेषाधिकार मिलता है, न कि ऑटो रिक्शा या बस से।

बच्चे आमतौर पर इस बदलाव के लिए तत्पर रहते हैं। यदि बारिश भारी होती है, तो कई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने से बचते हैं। कई बार स्कूल ऐसे दिन में छुट्टी भी घोषित करते हैं। एक स्कूल जाने वाले बच्चे के लिए और क्या पूछ सकते हैं? उन्हें घर में रहने और अपने भाई-बहनों और दोस्तों के साथ बारिश में खेलने का मौका मिलता है।

निष्कर्ष:

बारिश का दिन निश्चित रूप से एक सामान्य दिन नहीं है। यह हमारे जीवन को किसी न किसी तरह से प्रभावित करता है। यह ज्यादातर एक सकारात्मकता लाता है।

बारिश का पहला दिन पर निबंध, first day of rain essay in hindi (400 शब्द)

rain

भारत में मानसून का स्वागत खुशी के साथ किया जाता है क्योंकि धूप के बाद बारिश ताजा और उबाऊ वातावरण प्रदान करती है। पृथ्वी फूल खिलने और मानसून मनाने के साथ समृद्ध हरी भूमि में बदल जाती है। बारिश की भीनी-भीनी महक और बारिश की ठंडी फुहारें हमें तरोताजा महसूस कराती हैं।

बरसात के दिन की मेरी सबसे प्रिय स्मृति:

पिछले साल जब मैं 5 वीं कक्षा में था, एक सुबह मैं स्कूल के लिए उठा और अपनी कक्षाओं में भाग लेने के लिए तैयार हो रहा था। यह मानसून के मौसम के दौरान था, जुलाई का महीना। बाहर का मौसम अंधेरा और उमस भरा था। मेरे मन में मैं भगवान से लगातार प्रार्थना कर रहा था कि अगर बारिश होती है और मुझे स्कूल नहीं जाना पड़ेगा।

मेरे दूध पीने के बाद और मेरी माँ ने अपना लंचबॉक्स पैक किया, मैं स्कूल जाने के लिए तैयार थी। लेकिन बारिश नहीं हुई और मुझे जाना पड़ा। मेरे पिताजी ने मुझे स्कूल छोड़ दिया। कक्षा में, मैं खिड़की के पास एक सीट पर बैठ गयी फिर भी मुझे बारिश की उम्मीद थी। मैं कक्षा में आलसी और दुखी महसूस कर रहा था और मेरा सारा ध्यान खिड़की के बाहर बारिश की कामना कर रही थी।

मेरी कक्षा के शिक्षक ने मुझे लगातार खिड़की से बाहर घूरने के लिए डांटा। दूसरी अवधि के रूप में, जो मैथ्स क्लास है, खत्म हो गया, मेरी इच्छा पूरी हो गई। बारिश होने लगी और बोनस यह था कि कक्षा में कोई शिक्षक नहीं था। मेरी आँखें खुशी से छलक पड़ीं और मैं बारिश की बूंदों का आनंद लेने के लिए खिड़की से बाहर झाँकने के लिए अपनी सीट से कूद पड़ा। मैं बारिश की बूंदों को टटोलने की कोशिश कर रहा था और इससे मुझे बहुत खुशी मिली।

कक्षा में सभी लोग खुश और हंसमुख थे। हर कोई खुशी से झूम रहा था, चुटकी ले रहा था और मुस्कुरा रहा था। मुझे और मेरे कुछ सहपाठियों ने हमारी किताबों से कुछ पन्ने फाड़े और कागज़ की नावें बनाईं। खिड़की के बाहर छोटे पोखर थे और हमने तैरने के लिए अपनी नावों को पोखरों में गिरा दिया।

इसने हमें छलांग लगाई और हमारी नावें पानी में तैरने लगीं। हम खिड़की से बारिश की बूंदों को टटोल रहे थे और एक दूसरे पर छप रहे थे। थोड़ी देर बाद हमारा विज्ञान शिक्षक कक्षा में आया और हर एक अपनी सीट पर वापस आ गया। उसने अवकाश घोषित किया क्योंकि बारिश के कुछ समय में भारी होने की उम्मीद थी।

हम सभी उत्साह से अपनी सीटों से हट गए। हमने अपने बैग पैक किए, अपने रेनकोट में सवार हो गए और बारिश का आनंद लेने के लिए कक्षा के बाहर भाग गए। हम बारिश में नाचते-कूदते घर वापस चले गए।

यह मेरे जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक था। बारिश के दिन वास्तव में हर किसी के जीवन में खुशी और खुशी लाते हैं।

पहली बारिश पर निबंध, essay on rain in hindi (500 शब्द)

rain

बरसात का दिन एक ऐसा दिन होता है जिसका सभी को इंतजार होता है। हर आयु वर्ग के लोग इस दिन को प्यार और संजोते हैं। मेरे परिवार में मेरे दादा से लेकर मेरी छोटी बहन तक हर कोई ऐसे ही दिन बाहर जाता है। बारिश से मौसम गर्म और शुष्क से ताजगी में बदल जाता है।

पौधे, पक्षी और इंसान, हर कोई बारिश का जश्न मनाने में भाग लेता है। पेड़ हरियाली को बदल देते हैं, मोर नाचने लगते हैं, किसान खुश हो जाते हैं और हम सभी पृथ्वी पर बारिश पार्टी की खुशी मनाते हैं।

कैसे मौसम हमारे मूड को प्रभावित करता है?

हम दिल्ली में रहते हैं, एक ऐसा राज्य जो अपने चरम मौसम की स्थिति के लिए प्रसिद्ध है। वर्ष के अधिकांश भाग के लिए देश के इस हिस्से में ऊष्मा की तरंगें होती हैं। गर्म मौसम से बारिश बहुत जरूरी राहत देती है। इस प्रकार मानसून दिल्ली में वर्ष के सबसे प्रतीक्षित समय में से एक है।

मौसम का हमारे मूड पर असर करने का एक अजीब तरीका है। तेज धूप के दिनों में, लोग अक्सर बहुत जल्दी गुस्सा और आक्रामक हो जाते हैं। ऐसे दिन के दौरान पसीना और चिलचिलाती गर्मी हिंसा और रोष को जन्म देती है। लोगों को अक्सर बुरे मूड में देखा जाता है और वे आसानी से बहस और झगड़े में पड़ जाते हैं।

दूसरी ओर, एक सुखद बरसात का दिन मनोदशा को स्वचालित रूप से बढ़ा देता है। यह इंद्रियों का इलाज है। चारों ओर सब कुछ हर्षित प्रतीत होता है। लोग इस दिन अपने प्रियजनों के साथ सैर की योजना बनाते हैं, क्योंकि यह केवल अशुभता प्रदान करता है।

एक आदर्श बारिश का दिन:

बारिश का दिन हर किसी को पसंद होता है। शायद ही कोई होगा जो इसका तिरस्कार करता हो। बारिश को खुश करने का हर किसी का अपना तरीका होता है। जहां कुछ लोग बारिश में घूमना पसंद करते हैं, वहीं दूसरों को भीगना और नृत्य करना पसंद होता है, जबकि अन्य को अपनी खिड़की पर बैठे हुए दृश्य पसंद आते हैं।

मेरा आदर्श बरसात का दिन खिड़की से बैठकर बारिश देखना, बारिश की कुछ बूंदों को पकड़ना और उनके गालों पर सर्द हवा को महसूस करना होगा। मुझे खिड़की से बैठकर अपनी डायरी लिखने में मजा आता है। यह मेरे दिल को शांत करता है और मेरे दिमाग में नए और रचनात्मक विचार लाता है। मेरी मां ने मुझे गर्म कप कॉफी पिलाई और हम साथ में कॉफी का आनंद लेते हैं। मैं अक्सर सॉफ्ट म्यूजिक ऑन करता हूं और आराम से अपनी कॉफी पीता हूं।

अपनी दोपहर बिताने और अपनी माँ के साथ आराम करने के बाद, मुझे शाम को अपने पिता के साथ शहर की यात्रा करने और प्रकृति की सुंदरता को फिर से देखने का मौका मिला। हम बारिश के दौरान अपने पसंदीदा रेस्तरां में जाते हैं और पुदीने की चटनी के साथ प्याज़ और मिर्ची के पकोड़े खाते हैं।

जब तक हम घर वापस आते हैं, तब तक यह आमतौर पर अंधेरा होता है। घर लौटते ही मुझे इतनी थकान और नींद महसूस होती है। मैं अपनी वापसी पर बस बदलाव करता हूं और अपने बिस्तर पर जाता हूं। मुझे वास्तव में एक बारिश के दिन नींद आती है क्योंकि मौसम बेहद सर्द है।

इसलिए बरसात के दिन का मेरा विचार अपने परिवार के साथ अपना दिन बिताने और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने का है। बारिश के दौरान परिवार के साथ समय बिताना कितना मजेदार होता है। मुझे अपने परिवार से प्यार है और मुझे बारिश से भी प्यार है।

बरसात पर निबंध हिंदी में, essay on rain in hindi language (600 शब्द)

rain

बारिश के दिन प्रकृति कितनी लयबद्ध और आनंददायक होती है। आसमान में घने काले बादल और बारिश की बूंदों की बौछार, पेड़ों की छंटाई और मनमोहक आनंद के साथ नाचते-गाते, काले और उदास दिन हमारे दिलों को रोमांचित करते हुए, यहाँ-वहाँ घूमते हुए मेंढक, पानी के कीचड़ भरे कुंडों में खुशी से झूमते बच्चे, खूबसूरत पंख फैलाते हुए और अपने साथी को आकर्षित करने वाली एक कला की रचना करने के लिए नाचते हुए, किसान खुशी के साथ बोते हैं और नई उम्मीदें उनकी आँखों से झलकती हैं – हर कोई बारिश की खुशी मनाते है।

सीहोर में बरसात का दिन:

बरसात के दिन अपनी सुंदरता का आनंद लेने के लिए प्रकृति में बाहर निकलना कितना शांत है। मैं अपनी सफेद पोशाक में इस तरह एक दिन का आनंद लेने के लिए समुद्र के किनारे तक जाता हूं। सफेद पोशाक, जैसा कि मुझे इसके विपरीत पसंद है, गहरे मौसम और एक सफेद पोशाक एक सुंदर संयोजन है और मुझे यह पसंद है।

जैसे ही मैं वहां पहुंचता हूं, मैं अपनीं चप्पल निकाल देता हूं और अपनी गुलाबी छतरी को रेत पर फेंक देता हूं और समुद्र की ओर भाग जाता हूं। मैं अपने गाल पर ठंडी हवा महसूस करने के लिए अपनी ठोड़ी के साथ समुद्र के किनारे नंगे पैर चलता हूं। मैं बारिश की छोटी-छोटी बूंदों को समझ लेता हूं।

समुद्र की लहरों में सम्मिश्रित बूंदों की झलक मेरी आँखों को भिगो देती है। बारिश की ताज़ा सुगंध मेरे दिल को शांत करती है। बूंदों की धुन मुझे मात के साथ-साथ बोलबाला बनाती है। मैं कल्पना करता हूं कि मैं समुद्र के किनारे पर मत्स्यांगना हूं। मैं और मेरी कल्पनाएँ …! मैं अभी भी पानी के कंपकंपी में सराबोर खड़ा हूं और प्रकृति के लालच में मुस्कुराते हुए खुद को घूर रहा हूं।

घर में बारिश का दिन:

सप्ताहांत में जब बारिश हो रही है तो मुझे अपने घर के अंदर अपना दिन बिताना अच्छा लगता है। बरसात के दिनों के बारे में कुछ मुझे बहुत आलसी और आरामदायक लगता है। मैं सिर्फ एक प्रेम कहानी पढ़ने के लिए अपने कंबल में झपकी लेना पसंद करता हूं। मेरी माँ को बारिश के दिनों में मेरे लिए स्वादिष्ट चॉकलेट कुकीज़ बनाना पसंद है।

सर्द मौसम में गर्म कुकीज़ की सुगंध, मुझ पर किसी तरह का जादू बिखेरती है। मुझे वास्तव में इन दिनों में बहुत भूख लगती है और मैं पूरे दिन कुतरता रहता हूं। मैं अपनी गर्म चॉकलेट कुकीज़ को दूध में डुबोकर रखना पसंद करता हूं, मुझे यह बहुत पसंद है। मैं बाद में अपना पूरा दिन अपने पजामे में सोफे पर लेटकर अपनी पसंदीदा फिल्में देखने में बिताता हूं।

बारिश का दिन लेखकों और कवियों के लिए एक प्रेरणा का काम करता है:

हम सभी कविताएँ, कहानियाँ और किताबें पढ़ते हैं। प्रकृति की प्राकृतिक सुंदरता के बारे में बहुत कुछ और इतनी खूबसूरती से लिखा गया है। बारिश के बारे में लेखन स्पष्ट रूप से धूप के दिनों या सर्दियों के बारे में लेखन की तुलना में अधिक आकर्षक है। बारिश का दिन मुख्य रूप से कवियों के लिए एक प्रेरणा है क्योंकि यह दुनिया को एक नया और नया दृष्टिकोण देता है।

रोजमर्रा की दुनिया जो इतनी पारंपरिक और बेरंग लगती है, अचानक इतनी विविध, ताज़ा, रंगीन और जादुई हो जाती है। कविता बारिश के दिन की तरह आकर्षक है। या शायद बारिश सिर्फ काव्यात्मक मनोदशा का निर्माण करती है, सुंदर दृश्य, इंद्रधनुष, बारिश की पृष्ठभूमि का संगीत, गर्म कप कॉफी सब कुछ लेखकों को प्रेरित करता है। कवियों के अलावा, बारिश का मौसम सभी लेखकों के लिए एक प्रेरणा है क्योंकि हम कहानियों और पुस्तकों में बारिश के सौंदर्य और प्रभावों के बारे में पढ़ते रहे हैं।

इस प्रकार, हर किसी के पास बारिश के दिन का आनंद लेने का अपना आदर्श तरीका है, लेकिन कुछ को बस बरसात के दिनों से नफरत हो सकती है। कुछ के लिए, यह सिर्फ घर पर और दूसरों के लिए नया रोमांच लेने का एक बहाना है। कुछ बहुत आलसी हो सकते हैं जबकि अन्य सिर्फ रचनात्मक हो सकते हैं।

कुछ अपना समय सुगंधित भोजन पकाने में बिताते हैं जबकि मेरे जैसे अन्य लोग खाना खाने और वजन बढ़ाने में बिताते हैं। आखिरकार, बारिश सुंदर होती है और जीवन में खुशहाली लाती है लेकिन बहुत अधिक बारिश हमारे लिए हानिकारक भी हो सकती है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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वर्षा पर निबंध – Essay About Rain in Hindi

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About Rain in Hindi  : दोस्तों आज हमने वर्षा पर निबंध लिखा है| बारिश एक ऐसा मौसम है जिसके ना चाहने वाले आपको ना के बारबार मिलेंगे, भला क्यों ही मिले, ये मौसम होता ही इतना सुहाना है, हर तरफ हरियाली, मिटटी की शानदार सुगंध, कड़क चाय और पकोड़े, क्यों आ आया न मुँह में पानी| यदि आपको कवितायें पड़ना भी पसंद है तो हमारे द्वारा लिखी गई poems on rain in hindi भी जरूर पड़े| चलिए अब बारिश पर निबंध पड़ते हैं|

  • 1.1 प्रस्तावना
  • 1.2 वर्षा का मौसम
  • 1.3 वर्षा की महत्वता
  • 1.4 वर्षा की सुंदरता
  • 1.5 निष्कर्ष

वर्षा पर निबंध – About Rain in Hindi

दुनिया में हर वर्ष कई सारे मौसम आते जाते रहते हैं, इनमे से ही एक है वर्षा ऋतू, जो की सभी लोगो का सबसे मनपसंदीदा मौसम होता है, सभी लोग इस मौसम का दिल लुप्त उठाते हैं| बारिश में केवल पेड़ पौधे ही नहीं, काफी लोगो के दिल भी खिल उठते हैं| वातावरण में चारो और ठंडी हवा फेल जाती है और इसी मौसम में हमे, फलो के राजा आम का सेवन करने का भी अवसर प्राप्त होता है|

वर्षा का मौसम

बारिश का मौसम जून-जुलाई के महीने में शुरू होकर अगस्त-सितम्बर के महीने तक चलता है| कैसे सारे लोग जो बारिश के दीवाने होते हैं, सभी इन महीनो का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, के कब यह मौसम आये और कब वो नाचो में छम छम छम पर नाचे| चलिए जोके सपाट साइड में| बारिश की वजह से ही मुरझाये हुए फूलो में एक नयी सी जान आ जाती है और वो खिल उठते हैं|

यह भी जरूर पढ़े:  पर्यावरण पर 5 लाजवाब कवितायें – Poem on environment in Hindi

वर्षा की महत्वता

बारिश की निम्न महत्वता होती है:

1. बारिश के कारण ही मुरझाये हुए फूल जो मरने वाले होते हैं उनमे जान आ जाती है|

2. गर्मियों से ताप्ती धरती को बारिश की ठंडी बुँदे पड़ने के बाद ही राहत मिलती है|

3. पेड़ पौधे हर भरे हो जाते हैं|

4. सारे पशु पक्षी खुश होकर चेह्चाने लगते हैं जो हर इंसान के दिल को बहुत भाता है|

5. बारिश के कारण ही किसान खेती कर फसल ऊगा आते हैं और हमे अन मिल पाता है|

(हम उम्मीद करते हैं दोस्तों आपको हमारा Essay About Rain in Hindi पर आर्टिकल पढ़कर मज़ा आ रहा होगा)

वर्षा की सुंदरता

बारिश के बाद का दृश्य देखने लायक होता है, चारो तरफ हरियाली ही हरियाली होती है, मिटटी की सुगंध हमारे मन को बाहर प्रसन्न करती है, और सारे पशु पक्षी खुश हो कर चहचहाते हैं और नाचते हैं, गर्मी में चल रही लू से राहत मिलती है क्योकि बारिश पूरा वातावरण ठंडा कर देती है| बारिश के मौसम की सुंदरता का कोई मुकाबला नहीं है, जब बारिश ख़तम हो जाती है तो हमे कई बारे अंत में इंद्रधनुष देखने का भी सौभाग्य प्राप्त होता है|

अतः बारिश का मौसम बहुत सुहाना होता है, और इस मौसम में अगर चाय और पकोड़े मिल तो आहा! मज़ा आ जाये, इसी मौसम के कारण हमारी धरती माँ को ताप्ती धुप से थोड़ी राहत मिलती है और बुरे वातारवण में एक ताजगी छा जाती है|

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Rahul हिंदी ब्लॉग इंडस्ट्री के प्रमुख लेखकों में से एक हैं, इनकी पढ़ाई-लिखाई, टेक्नोलॉजी, आदि विषय में असीम रूचि होने के कारण, इन्होने ब्लोग्स के जरिये लोगो की मदद करके अपना करियर बनाने का एक अनोखा एवं बेहतरीन फैसला लिया है|

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पर्यायवरण पर निबंध – Essay on Environment in Hindi

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वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi

Essay on Rainy Season in Hindi : दोस्तों आज हमने वर्षा ऋतु पर निबंध  कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 & 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है.

वर्षा ऋतु जन जीवन का आधार है, इस समय मौसम सुहावना हो जाता है सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों का मन प्रफुल्लित हो उठता है. बच्चों को बारिश बहुत अच्छी लगती है इसलिए अक्सर परीक्षाओं में वर्षा ऋतु पर निबंध लिखने को दिया जाता है.

Essay on Rainy Season in Hindi

Get Some Essay on Rainy Season in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11 & 12 Students.

Best Essay on Rainy Season in Hindi 100 Words

हमारा देश कृषि आधारित देश है इसलिए आप वर्षा का होना बहुत जरूरी है. बारिश के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि बारिश से ही हमें पीने योग्य अमृत समान जल प्राप्त होता है.

भीषण गर्मी और लू चलने के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर खुशहाली और हरियाली छा जाती है. हर तरफ ठंडी-ठंडी हवाएं चलती है, खेतों में फसल लहरा उठती है, किसानों के चेहरे खिल उठते है, बच्चे भी बारिश और ठंडी हवा का आनंद लेते है.

बारिश का मौसम सबसे सुहाना मौसम होता है यह मौसम मुझे सबसे प्रिय और अच्छा लगता है.

Varsha Ritu Essay in Hindi 250 Words

वर्षा ऋतु हमारे देश में जुलाई माह से प्रारंभ होती है और सितंबर माह तक वर्षा होती है. गर्मियों की झुलसा देने वाली गर्मी के बाद सभी लोग बेसब्री से बारिश का इंतजार करते है. हमारे देश के किसान तो हर समय आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखते रहते है.

वर्षा ऋतु किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है इस समय किसानों खरीफ की फसल बोते है और बारिश आते है फसल लहरा होते है चारों ओर खेतों में हरी भरी फसल लहराते देखकर मन प्रशंसा पूर्वक हर्षा उठता है

गर्मी के कारण सूखे हुए पेड़ पौधे भी नव अंकुरित हो उठते है, सूखी हुई नदियां, तालाब, बावड़िया, बांध पानी से लबालब भर जाते है धरती की प्यास बुझती है और भूजल स्तर ऊंचा उठ जाता है. सभी जीवो को बारिश से राहत की सांस मिलती है.

बारिश के आगमन पर मोर छम-छम करके नाचता है , कोयल मीठी राग सुनाती है, मेंढक टर्र-टर्र करके अपनी खुशी जाहिर करता है. वर्षा ऋतु बहुत ही मनोरम ऋतु होती है इस ऋतु में सभी का मन ऐसा होता है क्योंकि चारों तरफ हरियाली, ठंडी हवा और सुख शांति फैल जाती है.

मानसून के दिनों में आसमान में काले सफेद बादल पानी लेने के लिए दौड़ते नजर आते है, काली घटाओं में बिजली का चमकना बहुत अच्छा लगता है.

गर्मियों के कारण जो बच्चे घर से बाहर निकलना बंद कर देते हैं बारिश के मौसम में वे बाहर निकल कर खूब खेलते नाचते गाते है और बारिश का भरपूर आनंद उठाते है.

बारिश का मौसम पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव को नया जीवन प्रदान करता है इसलिए मुझे वर्षा ऋतु बहुत पसंद है.

Latest Essay on Rainy Season in Hindi 500 Words

भूमिका –

भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है. ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है.

गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाती है.

सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है. लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है.

ऐसा लगता है मानो बारिश की बूंदों के रूप में धरती पर अमृत की बौछार कर दी गई हो, बारिश के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है.

वर्षा ऋतु का महत्व –

वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब भी वर्षा आती है तब धरती का कण कण उमंग से प्रफुल्लित हो उठता है. जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है.

हमारा देश गर्म प्रांतीय क्षेत्र में आता है इसलिए यहां पर सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, नदियों में पानी का अभाव है इसलिए पानी की उपलब्धता कम है. इसीलिए हमारे देश में वर्षा ऋतु का महत्व और भी बढ़ जाता है वर्षा ऋतु जब भी आती है तो सभी के मन को भा जाती है.

हमारा भारत देश के प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है इस आवश्यकता की पूर्ति सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है. किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है.

जब बारिश अच्छी होती है तो देश के हर प्रांत में खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो.

बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को मीठा जल पीने को मिलता है.

और धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है जो कि प्रत्येक प्राणी की मन को खुशहाली से ओतप्रोत कर देती है.

वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है साथ ही किसानों को इससे अच्छी पूंजी भी मिल जाती है.

जिससे उनका जीवन यापन थोड़ा सरल हो जाता है. बारिश अच्छी होती है तो देश की प्रगति भी तेजी से होती है. वर्तमान में जल की कमी का ज्यादातर भाग मानसून की बारिश से ही पूरा होता है इसलिए बारिश का महत्व हमारे जीवन में अतुल्य है.

निष्कर्ष –

हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है.

वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए.

Full Essay on Rainy Season in Hindi

प्रस्तावना –

हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है. हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है.

ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है.

वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है. वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है.

वर्षा ऋतु का आगमन –

जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ खुशहाली और हरियाली छा जाती है, भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों से जनजीवन को राहत मिलती है. बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी में खुशी की लहर दौड़ जाती है. बारिश के समय बच्चे खूब नहाते और खेलते है अपनी कागज की नाव पानी में तैराते है.

किसान भी समय बहुत खुश होता है क्योंकि उसकी फसल लहरा उठती है. वर्षा के समय सूख चुके जंगल के पेड़ पौधे फिर से नव अंकुरित हो उठते है. सूखी काली पहाड़ियों पर हरियाली की चादर बिछ जाती है हर तरफ रंग बिरंगे फूल दिखाई देते है.

नदियां, ताल तलैया, नाले, बांध इत्यादि सभी पानी से भर जाते है, पूरा वातावरण ठंडा हो जाता है. पशु पक्षियों को खाने के लिए हरी घास और पेड़ पौधे मिल जाते है. वर्षा ऋतु का आगमन पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के लिए खुशियों की चाबी है.

वर्षा का आगमन सभी को भाता है यह प्रकृति की काया पलट कर रख देता है प्रकृति के सारे रंग हमें बारिश के मौसम में देखने को मिल जाते है यह दृश्य किसी स्वर्ग लोक से कम नहीं होता है.

वर्षा ऋतु के लाभ –

वर्षा ऋतु का लाभ संपूर्ण पर्यावरण को मिलता है बारिश के कारण ही पर्यावरण का पूरा चक्कर चल पाता है इसके मुख्य लाभ हमने नीचे पॉइंट के माध्यम से समझाएं है.

(1) किसानों को –

किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है. यह सब इतना आसान नहीं होता क्योंकि उस समय भयंकर गर्मी और लू चलती है.

किसान प्रचंड गर्मी में दिन भर मेहनत करता है और फिर आसमान की तरफ टकटकी लगाए देखता रहता है कि कब बादल आए और बारिश होगी. हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है.

इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है. उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है.

(2) पर्यावरण –

हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का अहम महत्व है अगर यह रितु नहीं होगी तो संपूर्ण पर्यावरण तंत्र बिगड़ जाएगा. चारों तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मच जाएगी फिर पृथ्वी पर जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा.

इसलिए जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है. पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है. इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए अहम महत्व है.

(3) जीव – जंतुओं –

भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है. इसके कारण धीरे-धीरे जीव जंतु और पशु पक्षी पानी और खाने की कमी के कारण मृत्यु के आगोश में चले जाते है.

लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है.

(4) भू-जल स्तर बढ़ना –

गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है.

जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है.

(5) व्यापार में तेजी –

हमारा भारत देश कृषि आधारित देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए जिस साल अच्छी वर्षा नहीं होती उस साल सभी वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है और व्यापार धीमी गति से चलता है.

अगर अच्छी बारिश होती है तो किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त होती है और वे बाजार में आकर नई नई वस्तुएं खरीदते हैं जिससे व्यापार तेजी से बढ़ता है.

(6) देश की प्रगति –

हमारे देश आज भी 70% से अधिक आमदनी कृषि से ही होती है इसलिए हमारे देश के ज्यादातर लोग आज भी किसान है. इसलिए जिस वर्ष भी अधिक वर्षा होती है और फसल अच्छी हो जाती है तो हर प्रकार के व्यापार में तेजी देखने को मिलती है.

इस कारण सभी को खर्च करने के लिए पैसे मिल जाते है और सभी लोग नई नई वस्तुएं खरीदते है जिससे देश की प्रगति होने लग जाती है.

वर्षा से हानि –

वर्षा ऋतु से कुछ हानियां भी होती है लेकिन ज्यादातर मानव जनित कार्यों के कारण उनके घातक परिणाम देखने को मिलते है. वर्षा ऋतु से होने वाली कुछ प्रमुख हानियां निम्नलिखित है –

(1) बाढ़ – अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण फसल जन-धन की हानि होती है. लेकिन बाढ़ भी मानव जनित कार्य से ही आती है क्योंकि मानव द्वारा जंगलों की कटाई कर दी गई है जिससे पानी का बहाव तेजी से होता है.

और जनधन की हानि भी मानव के कारण ही होती है क्योंकि मानव ने अपने रहने का स्थान नदियों के पास बना लिया है और उनके बहने के क्षेत्र को रोक दिया है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर मानव अपनी सीमा में रहे तो बाढ़ की स्थिति इतना भयानक रूप नहीं ले सकती है.

(2) मौसमी बीमारियां –

वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारियां बहुत अधिक होती है जैसे हैजा, मलेरिया, त्वचा संबंधी रोग, खांसी जुकाम इत्यादि हो जाती है. लेकिन इनमें से ज्यादातर बीमारियां मानव द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती है. अगर मानव पर्यावरण का ख्याल रखें तो वर्षा ऋतु से बीमारियां नहीं होंगी.

(3) भू-कटाव –

अत्यधिक तेज वर्षा के कारण भूमि का कटाव होने लग जाता है जिसे उपजाऊ मिट्टी बह कर चली जाती है. जो कि पर्यावरण और फसलों के लिए अच्छा नहीं होता है.

भू-कटाव की स्थिति वर्तमान में बहुत अधिक देखने को मिलती है क्योंकि मानव द्वारा अत्यधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है जिससे भूमि का कटाव हो रहा है इसलिए मैं अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और भू-कटाव को रोकना होगा.

वर्षा ऋतु के त्योहार –

वर्षा ऋतु आने के बाद भारत देश में जैसे त्योहारों की झड़ी लग जाती है, भारत में वर्षा से वैसे ही सभी को खुशी मिलती हैं और पूरा वातावरण ठंडा और मनमोहक हो जाता है इन खुशियों में चार चांद लगाने के लिए भारत देश के लोग त्योहारों का आयोजन करते है.

अगर ऐसा कहा जाए कि भारत में त्योहारों की शुरुआत वर्षा ऋतु से ही प्रारंभ होती है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि ज्यादातर त्यौहार वर्षा ऋतु के बाद ही आते है.

वर्षा ऋतु के बाद प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहार निम्न है – तीज, रक्षाबंधन, गणगौर, दिवाली इत्यादि है.

उपसंहार –

वर्षा ऋतु के कारण संपूर्ण जन जीवन में हर्षोल्लास की लहर दौड़ जाती है, सच में वर्षा ऋतु पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो के प्राण के लिए अमृत का कार्य करती है.

खेतों में लहराती हुई फसल का मनमोहक दृश्य बहुत सुहाना लगता है. चारों तरफ हरियाली ही हरियाली देखकर सबके मन को शांति मिलती है.

चहु और पशु पक्षी अपना नया राग सुनाते है यह वाक्य में ही बहुत मनोरम दृश्य होता है और वर्षा ऋतु के कारण भयंकर गर्मी से जो राहत मिलती है उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है.

इसीलिए वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे ऊंचा स्थान रखती है. हमें भी वर्षा ऋतु में जल का संग्रह करके वर्षा ऋतु का आदर करना चाहिए.

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7 thoughts on “वर्षा ऋतु पर निबंध – Essay on Rainy Season in Hindi”

वर्षा ऋतु पर निबंध

very good letters

Thank you Arnav for appreciation, keep visiting Hindi yatra.

आप का निबंध हमें बहुत अच्छा लगा।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अंशिका जी ऐसे ही और रोचक जानकारी लेने के लिए हिंदी यात्रा पर आते रहे धन्यवाद

आपका निबंध बहुत अच्छा लगा । धन्यवाद

करन राणा आप का बहुत बहुत आभार

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वर्षा ऋतु पर निबंध- Rainy Season Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Rainy Season Essay in Hindi ( Varsha Ritu Par Nibandh  ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 600 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Rainy Season in Hindi | 4 well written essay on Rainy Season in Hindi Language. वर्षा ऋतु पर पूरी जानकारी जैसे की सामान्य परिचय, प्राकृतिक शोभा, जन-जीवन, लाभ-हानि अदि के बारे बताया गया है। 

वर्षा ऋतु पर निबंध | Rainy Season Essay in Hindi

10 Lines Essay on Rainy Season ( 100 words )

1. वर्षा ऋतु का समय मुख्य रूप से श्रावण-भाद्रपद मास में होता है।

2. वर्षा ऋतु के आते ही आकाश में काले-काले मेघ छा जाते हैं।

3. वर्षा के बरसने से वनों और बागों में हरियाली छा जाती है।

4. वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान है।

5. वर्षा ऋतु से पहले ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पड़ती है

6. इसी ऋतु में खरीफ की फसल बोई जाती है।

7. वर्षा हमें नव जीवन देती है।

8. अधिक वर्षा से नदियों में बाढ़ आ जाती है।

9. वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं।

10. वर्षा प्राणि-मात्र के लिए वरदान है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध | Short Essay on Rainy Season in Hindi ( 200 words )

गर्मी के बाद वर्षा ऋतु आती है। तेज गर्मी के बाद आसमान बादलों से ढंक जाता है। बिजली चमकने लगती है और बारिश होने लगती है। सभी जीव-जन्तु प्रसन्न हो जाते हैं।

वर्षा ऋतु चार महीने जून से सेप्टेंबर तक रहती है। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली छा जाती है। नदी, नाले पानी से भर जाते हैं। मेंढ़क टर्र-टर्र करने लगते हैं। मोर खुशी से नाचने लगता है।

इस मौसम में लोग छाते, रेनकोट में इधर-उधर जाते नज़र आते हैं। बच्चों को पानी में भीगना और खेलना बहुत अच्छा लगता है। वे कागज की नाव बनाकर पानी में तैराते हैं।

वर्षा ऋतु में सबसे ज्यादा किसान खुश रहता है। वर्षा होते ही वह खेतों में बीज बो देता है। अच्छी वर्षा होती है, तो फसल भी अच्छी होती है।

लेकिन इस ऋतु में कुछ नुकसान भी होता है। तेज वर्षा से बाढ़ आ जाती है। गाँव-नगर पानी में डूब जाते हैं। सामान बह जाता है। अनेक लोग और पशु मर जाते हैं।

लेकिन फिर भी यह मौसम खुशहाली लाता है । इस ऋतु को जीवन देने वाली ऋतु कहते हैं।

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Varsha Ritu Par Nibandh Hindi me ( 300 words )

मनमोहिनी प्रकृति के अनेक रूप हैं। उसके अनेक रूपों में वर्षा ऋतु का रूप विशेष रूप से आनन्ददायक और मन-भावन है। वर्षा ऋतु का आगमन ग्रीष्म ऋतु के अनन्तर होता है।

भारत में वर्षा ऋतु का समय मुख्य रूप से श्रावण-भाद्रपद मास में होता है। यद्यपि वर्षा का आरम्भ आषाढ़ मास में हो जाता है और आश्विन मास तक रहता है। इसी कारण इसे चौमासा भी कहते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने के कारण जो भीषण गर्मी पड़ती है, उसी के कारण जल भाप बनकर आकाश में उड़ जाता है। उसी से बादल बनते हैं; वे बादल ही पानी बरसाते है।

वर्षा ऋतु के आते ही आकाश में काले-काले मेघ छा जाते हैं, शीतल वायु बहने लगती है, बिजली चमकने लगती है और मेघों का गर्जन प्रारम्भ हो जाता है। तदनन्तर झम-झम करके बादल बरसने लगते हैं। वर्षा के बरसने से वनों और बागों में हरियाली छा जाती है। धरती की प्यास बुझ जाती है। नदी-नाले, ताल-तलैया पानी से भर जाते हैं। प्राणि-मात्र आनन्द से भर जाता है। वनों में पपीहा पीहू-पीहू स्वर करने लगता है तो मेघों की काली घटा को देखकर मोर भी नाचने लगते हैं तो मेंढक टर्राने लगते हैं। बागों में वृक्षों पर झूला डालकर उन पर स्त्रियाँ झूलने लगती हैं। बरसात की अंधेरी रात में चमकते जुगनू तारों सी शोभा देते हैं।

वर्षा ऋतु किसानों के लिए वरदान है। वर्षा से खेतों में हरियाली छा जाती है। धान, ज्वार, बाजरा, मक्का और तरह-तरह के दानों के पौधे अन्न से भर जाते हैं। यही अन्न मानवों को नव जीवन देता है।

अत्यधिक वर्षा होने पर जब बाढ़ आती है तो वर्षा ऋतु हानिकारिणी भी बन जाती है; पर जल रूपी जीवन का दान करने के कारण तथा ग्रीष्म की तपन से रक्षा करने के कारण यह वन्दनीय ही है।

Varsha Ritu Nibandh

Hindi Rainy Season Essay

वर्षा ऋतु पर निबंध | Long Rainy Season Essay in Hindi ( 500 to 600 words )

भूमिका

प्रकृति अपना स्वरूप लगातार बदलती रहती है। कभी बहुत गर्मी पडती है कभी अधिक वर्षा होती है तो कभी अधिक जाड़ा पड़ता है। हमारे देश में चार मौसम और छ: ऋतुएँ होती हैं- बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर। हर ऋतु का समय दो महीने का होता है। हर ऋतु में प्राकृतिक शोभा अलग-अलग होती है। वर्षा ऋतु सावन और भादों में मानी जाती है।

प्राकृतिक अवस्था

वर्षा से पहले ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पड़ती है, किन्त इस ऋतु के आने के बाद बदलाव आता है। आकाश में बादल उमड़ने-घुमड़ने लगते हैं। पहले हल्की वर्षा होती है जिसे “दौंगरा” कहते हैं। धीरे-धीरे वर्षा अधिक होने लगती है। प्रायः कई दिनों तक वर्षा होती रहती है। आकाश में बादल छाए रहते हैं जिसके कारण सूर्य का दर्शन नहीं होता है। रह-रह कर बादल दिखाई पड़ता है। खेत, मैदान, बाग-बगीचे हरे-भरे हो जाते हैं। जिसे देखकर सब का मन प्रसन्न हो जाता है। प्रकृति की शोभा बढ़ जाती है। जलाशय पानी से लबालब भर जाते हैं। चारों ओर छातों और बरसातियों की घूम मच जाती है।

जन-जीवन

वर्षा का प्रभाव जन-जीवन पर बहुत पड़ता है। इस समय लोग अधिक प्रसन्न रहते हैं। किसानों के लिए यह ऋतु वरदान है। वे अपने हल-बैल के साथ निकल पड़ते हैं और खेतों की जुताई-बुआई करते हैं। इसी ऋतु में खरीफ की फसल बोई जाती है। अन्य प्राणी भी इस समय आनंदित होते हैं। झींगुरों की झंकार, कोयल की कूक, मेढ़कों की टर्र-टर, मयूर की क्याऊँ-क्याऊँ से वातावरण मुखरित हो जाता है। जन-जीवन में नयापन आ जाता है। लोग तरह-तरह के गीत गाने लगते हैं- जैसे ‘आल्हा, कजली, मल्हार आदि। इस सुखद समय में पेड़ों की डालियों पर लोग झूले डालकर झूलते हैं।

वर्षा में शहरों की अवस्था भिन्न होती है। अधिक वर्षा से सड़कें डूब जाती हैं, आवागमन ठप हो जाता है। जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। शहरों के बच्चे वर्षा का आनंद लेने के लिए सड़कों पर निकल आते हैं।

वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा हमें नव जीवन देती है। ग्रीष्म काल की गर्मी से व्याकुल लोगों को इससे राहत मिलती है। हवा में ठंडापन आ जाता है। इस समय थोड़ी बहुत उमस रहती है। हमारा देश कृषि प्रधान है। कृषि पूरी तरह बरसात पर निर्भर है। यदि वर्षा न हो तो खेती का काम होना असम्भव हो जाए। खेत की फसलें सूख जाएँ और लोग भूखों मर जाएँ। वर्षा के कारण खेती होती है, पशुओं को चारा मिलता है। वर्षा के अभाव में बाग-बगीचे उजड़ जाते हैं। सूखा पड़ने से अकाल पड़ जाता है। जिसके कारण जन-धन की बहुत हानि होती है। जल को जीवन कहते हैं। जल की कमी से जीवन सुरक्षित नहीं रह सकता है।

वर्षा ऋतु की हानियाँ

वर्षा से जहाँ इतने लाभ हैं, वहीं इससे कुछ हानियाँ भी हैं। अधिक वर्षा से नदियों में बाढ़ आ जाती है। बाढ़ की चपेट में अनेक गाँव डूब जाते हैं। इसके कारण पशु बह जाते हैं। कहीं-कहीं जन-धन की भी हानि होती है। बाढ़ से हरी-भरी फसलें तबाह हो जाती हैं। अधिक वर्षा से शहर के लोगों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके कारण गाँवों की दशा अधिक खराब हो जाती है। चारों और कीचड़ और पानी के कारण कहीं आना-जाना कठिन हो जाता है। तालाबों, गड्ढों, पोखरों में भरा जल सड़ने लगता है, जिसमें तरह-तरह के मच्छर पैदा हो जाते हैं। इन मच्छरों के काटने से रोग फैलने लगता है। मलेरिया का प्रकोप इसी मौसम में होता है। साँप, बिच्छु जैसे विषैले जीव वर्षा में अधिक पैदा होते हैं। गाँवों के कच्चे मकान वर्षा में गिर जाते हैं।

उपसंहार

थोड़ी बहुत हानि के बाद भी वर्षा से लाभ अधिक है। हमारी सरकार बाढ़ पर काबू पाने के लिए बाँधों का निर्माण कर रही है, जिससे बाढ़ पर नियंत्रण लग रहा है। इससे बिजली पैदा की जा रही है। नदियों से नहरें निकाल कर सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। हमें वर्षा का स्वागत करना चाहिए। वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। लोग आनंद से आल्हा और कजली गाते हैं। वर्षा प्राणि-मात्र के लिए वरदान है।

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केंद्र एव राज्य की सरकारी योजनाओं की जानकारी in Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध | Essay On Rainy Season in Hindi | 10 Lines (कक्षा 1 से 10 के लिए निबंध)

Essay On Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतु पर निबंध : Essay On Rainy Season in Hindi: भारत में वर्षा ऋतु जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। असहनीय गर्मी के बाद यह हर किसी के जीवन में एक नई आशा और बड़ी राहत लाता है। पौधे, पेड़, पक्षी, जानवर समेत इंसान भी इस मौसम का बहुत बेसब्री से इंतजार करते हैं और बारिश के मौसम का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाते हैं। हर किसी को राहत और आराम की सांस मिलती है। आकाश बहुत चमकीला, साफ और हल्का नीला रंग का दिखता है और कभी-कभी सात रंगों का इंद्र धनुष यानी वर्षा धनुष जैसा दिखता है। संपूर्ण वातावरण अत्यंत आकर्षक एवं सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। मैं आमतौर पर सभी यादों को अपने कैमरे में कैद करने के लिए हरियाली वाले वातावरण और अन्य चीजों की तस्वीरें लेता हूं। आसमान में सफेद, भूरे और गहरे काले रंग के बादल घुमड़ते नजर आते हैं।

बारिश के मौसम में ज्यादतर छात्रों को इस ऋतु  पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है,इसलिए इस लेख के जरिए हम आपको वर्षा ऋतु  पर निबंध उपलब्ध करा रहे है जो आप अपने उपयोग में ले सकते हैं। इस लेख में हमने छोटे और बड़े दोनों तरह के निबंध को संकलित किया है जो आप अपनी सुविधा के मद्देनजर इस्तमाल में ले सकते हैं।इस लेख में कई बिंदूओं को जोड़ा है जैसे कि वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में,वर्षा ऋतु पर पर छोटे तथा बड़े निबंध (Varsha ritu par nibandh in Hindi)वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द in hindi | Rainy Season Essay in Hindi, Rainy Season Essay in Hindi | वर्षा ऋतु पर निबंध (600 शब्द),वर्षा ऋतु पर निबंध | essay on varsha ritu in hindi Download PDF,वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में 10 लाइन | rainy Season essay in hindi 10 lines। इस लेख को अंत तक पढ़े और अपनी सुविधा अनुसार हमारे द्वारा लिखे गए लेख को ज्यादा से ज्यादा इस्तमाल करें।

वर्षा ऋतु पर पर छोटे तथा बड़े निबंध (Varsha ritu par nibandh in Hindi)

“वर्षा ऋतु” को कुछ स्थानों पर “आर्द्र ऋतु” के रूप में भी जाना जाता है, यह वर्ष की वह अवधि है जब क्षेत्र की सबसे अधिक वार्षिक वर्षा होती है। भूमध्य रेखा के दोनों किनारों पर फैले उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उनकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर वर्षा ऋतु का अनुभव होता है। आमतौर पर वर्षा ऋतु एक महीने तक जारी रहती है, जबकि कुछ स्थानों पर यह तीन से चार महीने तक भी बनी रह सकती है। भारत में वर्षा ऋतु को दक्षिण पश्चिम ग्रीष्म मानसून कहा जाता है और यह लगभग पूरे देश में होने वाली हल्की से लेकर उच्च वर्षा की चार महीने की अवधि है। भारतीय मानसून की उत्पत्ति दक्षिणी हिंद महासागर में होती है जहाँ भूमध्यरेखीय व्यापारिक हवाओं द्वारा एक उच्च दबाव द्रव्यमान बनता है।

दक्षिण एशिया, जो गर्म जलवायु परिस्थितियों का सामना कर रहा था, परिणामस्वरूप कम दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है, ये हवाएँ दक्षिण पश्चिम के माध्यम से मुख्य भूमि भारत में नमी ले जाती हैं। भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून दो भागों में आता है – बंगाल की खाड़ी का मानसून और अरब सागर का मानसून।अरब सागर का मानसून पश्चिम भारत में थार रेगिस्तान तक फैला हुआ है, और बाद में बंगाल की खाड़ी के मानसून से भी अधिक मजबूत है। बंगाल की खाड़ी का मानसून भारत के पूर्वी तट से होकर ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और भारत के Ans पूर्व राज्यों से होकर गुजरता है। इसके बाद यह Ans भारत के सिन्धु-गंगा के मैदानों की ओर बढ़ता है।जैसे-जैसे देश में मानसून ठंडा होता जाता है, मानसून समय के साथ कमजोर होता जाता है और यह अगस्त के मध्य में Ans भारत से बाहर निकल जाता है। मॉनसून आम तौर पर 5 अक्टूबर तक मुंबई छोड़ देता है और नवंबर के अंत तक यह भारत से पूरी तरह निकल जाता है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (300 शब्द) | Rainy Season Essay in Hindi

हर वर्ष हमारे वर्षा ऋतु के तीन-चार महीने आनंददायक होते हैं। बारिश और ठंडी हवा से माहौल खुशनुमा हो गया है। मेरा गृहनगर एक मनोरंजक और सुंदर जगह प्रतीत होता है। गर्म, नीरस गर्मी के बाद बरसात का मौसम आता है और मेरे शहर की धूल भरी सूरत को साफ कर देता है। मैं आमतौर पर बारिश की फुहारों का आनंद लेने के लिए छत पर जाता हूं और वहां अपने दोस्तों के साथ बारिश में खेलता हूं। चारों ओर हरियाली है जो देखने में अच्छी लगती है। बारिश की फुहारों के बाद का वातावरण बहुत ताज़ा दिखता है और हर किसी में शांति का संचार करता है। वर्षा ऋतु का आगमन शांति और नवीनीकरण की भावना लाता है। गर्मी के दिनों में हम सभी बारिश का बेसब्री से इंतजार करते हैं। बाहर खेल रहे बच्चे के लिए बरसात का दिन हमेशा रोमांचकारी रहेगा। आकाश में इंद्रधनुष देखना एक और आश्चर्य है।

बरसात का मौसम आने से पहले ही हमारे गांवों में किसान खेतों में अपना काम शुरू कर देते हैं। प्राकृतिक जल स्रोत का उपयोग किसान अपने खेतों को पानी देने और इस मौसम के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने के लिए करते हैं। हमारी नदियाँ, नाले और तालाब वर्षा जल से भरे हुए हैं। इसके अतिरिक्त, जैसे-जैसे यह नीचे बसता है, भूजल भंडार बढ़ता जाता है। वर्ष के शेष समय में, इस मीठे पानी के भंडार का उपयोग पीने के पानी के स्रोत के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी किया जाता है।

मानसून भारत में दो मार्गों से प्रवेश करता है: Ans पूर्वी राज्यों में बंगाल की खाड़ी के माध्यम से और दक्षिणी राज्य केरल में। मानसून का मौसम देखने वाला पहला भारतीय राज्य केरल है, जो इसके दक्षिणी प्रवेश बिंदु के रूप में कार्य करता है। अरब सागर के ऊपर घने और काले बादलों के माध्यम से, केरल में वर्षा ऋतु के आगमन की आसानी से भविष्यवाणी की जा सकती है। केरल में मानसून का मौसम जून के पहले सप्ताह में शुरू होता है। दक्षिण-पश्चिम मानसून, जिसे आमतौर पर केरल से गुजरने वाले मानसून के रूप में जाना जाता है, को कृषि क्षेत्र का आर्थिक पूर्वज माना जाता है।सबसे महत्वपूर्ण होने के अलावा, बरसात का मौसम वह मौसम है जिसका लोग हर साल सबसे अधिक इंतजार करते हैं और इसका आनंद लेते हैं। किसान बारिश के मौसम को बहुत महत्व देते हैं, और ऐसा प्रतीत होता है कि हर कोई – बच्चे, किशोर और वरिष्ठ लोग इसे प्राकृतिक दुनिया में आने वाली सुंदरता के लिए समान रूप से पसंद करते हैं।

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Rainy Season Essay in Hindi | वर्षा ऋतु पर निबंध (600 शब्द)

भारत अपने वर्षा ऋतु के लिए जाना जाता है। हमारे देश का अधिकांश भाग उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पड़ता है। इसका मतलब है कि हम उष्णकटिबंधीय मौसम का आनंद लेते हैं जहां दक्षिण-पश्चिमी हवाएं जून से सितंबर तक बादलों को उड़ा ले जाती हैं। मेरे शहर में इस मौसम में मूसलाधार बारिश होती है. भारत में अलग-अलग स्थानों पर इस मौसम का व्यवहार अलग-अलग होता है। राजस्थान में सबसे कम बारिश होती है जबकि मेघालय में हर साल सबसे ज्यादा बारिश होती है। यह सब हमारे देश की स्थलाकृति पर निर्भर करता है। हिमालय पर्वतमालाएँ नमी युक्त हवाओं को रोककर उन्हें बादलों में बदल देती हैं। फिर ये बादल अपना आशीर्वाद बरसाने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की ओर चले जाते हैं। महासागरों से मानसूनी हवाएँ विभिन्न राज्यों में पहुँचती हैं और अन्य राज्यों पर वर्षा के रूप में भारी मात्रा में पानी बहाती हैं।

वर्षा ऋतु का क्या कारण है?

दुनिया भर में बारिश का मौसम समुद्र और ज़मीन पर वार्षिक तापमान के रुझान में बदलाव के कारण होता है। पृथ्वी के सापेक्ष सूर्य की स्थिति कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच बदलती रहती है।समुद्र के ऊपर सौर तापन से निम्न दबाव वाले क्षेत्रों का निर्माण होता है। इस निम्न दबाव क्षेत्र को अंतर-उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (आईटीसीजेड) भी कहा जाता है, जो Ans-पूर्व और दक्षिण-पूर्व व्यापारिक हवाओं के अभिसरण का गवाह है। इस अभिसरण के कारण वातावरण में नमी ऊपर उठती है और बादल बनते हैं। जब बादल नमी से भर जाते हैं तो वर्षा होती है। इस ITCZ क्षेत्र के भूमि क्षेत्रों की ओर स्थानांतरित होने से वहां वर्षा होती है। भारतीय मानसून की घटना के पीछे भी यही घटना है। चरम गर्मी के महीनों यानी मई-जून के दौरान, थार रेगिस्तान और Ans के अन्य हिस्सों के साथ-साथ मध्य भारत भी गर्म हो जाता है। इस ताप से उपमहाद्वीप पर निम्न दबाव क्षेत्र का निर्माण होता है। इसके कारण ITCZ हिंद महासागर से भूमि की ओर स्थानांतरित हो जाता है, जिससे नमी भरी हवाएं तेजी से आगे बढ़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप बारिश होती है।

वर्षा ऋतु के हानिकारक प्रभाव

हालांकि मध्यम बारिश का मौसम आदर्श है, बहुत कम या बहुत अधिक बारिश का प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। मौसमी वर्षा ऋतु पृथ्वी पर सभी जीवन के लिए आवश्यक है, फिर भी इसके अकाल, सूखा और बाढ़ जैसे नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं। बहुत अधिक बारिश का एक और परिणाम जलभराव भी है। पंपों का उपयोग करके, नगर निगम रुके हुए पानी को साफ़ करता है।

इस तथ्य के बावजूद कि मानसून चिलचिलाती धूप और गर्म, शुष्क मौसम से राहत देता है, यह कई तरह की बीमारियाँ भी लाता है। लगातार भारी बारिश, उमस भरे मौसम और तेज़ हवाओं के परिणामस्वरूप व्यक्तियों में कई संक्रामक बीमारियाँ फैलती हैं। वायरल बुखार, सर्दी, स्वाइन फ्लू और पेट के वायरस कुछ ऐसी सामान्य चिकित्सीय समस्याएं हैं जो बरसात के मौसम में उत्पन्न होती हैं।

वर्षा ऋतु का महत्व

हमारी फसलें वर्षा ऋतु पर बहुत अधिक निर्भर रहती हैं। इसके अतिरिक्त, यह स्थानीय वनस्पति के स्वास्थ्य को बनाए रखता है, जो बदले में आसपास के जानवरों की देखभाल करता है।मानव जीवन को बनाए रखने के लिए ताज़ा पानी आवश्यक है, इसलिए वर्षा ऋतु महत्वपूर्ण है।वर्षा संचयन एक ऐसी विधि है जो लोगों को इस वर्षा जल को संग्रहीत करने की अनुमति देती है। पानी छत से टैंक या कुएं में प्रवेश करता है, पाइप के माध्यम से यात्रा करता है, और वहां एकत्र होता है।जलविद्युत एक स्रोत के रूप में वर्षा जल का उपयोग करके बिजली बनाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।

लगभग हर कोई बरसात के मौसम का आनंद लेता है क्योंकि यह तेज़ गर्मी के बाद आता है। किसी क्षेत्र की वनस्पतियों, वन्य जीवन, कृषि और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने के लिए वर्षा का प्राकृतिक संसाधन आवश्यक है।

किसानों के लिए आशीर्वाद

बरसात का मौसम किसानों के लिए भी वरदान है क्योंकि कई फसलें मानसून के दौरान वर्षा की मात्रा पर निर्भर करती हैं। मानसून के आगमन पर बोई जाने वाली फ़सलों को ख़रीफ़ फ़सलें कहा जाता है और इसमें चावल, मक्का, दालें, बाजरा आदि शामिल हैं। इन फ़सलों को एक निश्चित मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है, जो केवल बारिश के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। भारत, बांग्लादेश और अन्य जैसे विकासशील देश फसल उत्पादन के लिए काफी हद तक बारिश पर निर्भर हैं।

वर्षा ऋतु एक अत्यंत महत्वपूर्ण ऋतु है, जो जीवन चक्र को जारी रखने के लिए आवश्यक है। यह भूजल भंडार को फिर से भरने और कृषि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। भारत जैसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश फसलों और सब्जियों के उत्पादन के लिए मानसून के दौरान होने वाली बारिश पर काफी निर्भर रहते हैं। यह दुनिया का सबसे पसंदीदा मौसम भी है। बच्चे, युवा और वयस्क, सभी इसे प्रकृति की शुद्ध सुंदरता के लिए पसंद करते हैं जो इसे प्रकट करती है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध | Essay On Varsha Ritu in Hindi Download PDF

इस पॉइन्ट में हम आपको वर्षा ऋतु  पर निबंध Download PDF उपलब्ध करा रहे है जो आप डाउनलोड कर सकते है और कभी भी खुद भी पढ़ सकते है और अपने बच्चों या परिजनों को पढ़ा सकते हैं।

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वर्षा ऋतु पर निबंध हिंदी में 10 लाइन | Rainy Season Essay in Hindi 10 Lines

heavy rain essay in hindi

1) बरसात के मौसम में ठंडी हवा और बारिश की फुहारों के साथ मौसम सुहावना होता है।

2) किसानों के लिए बीज बोने का यह सबसे अच्छा समय है।

3) स्कूल की छुट्टियों के कारण यह बच्चों का पसंदीदा मौसम है।

4) यह मौसम कई जल-जनित बीमारियाँ भी लेकर आता है।

5) इस मौसम में जल निकायों को प्रचुर मात्रा में वर्षा जल प्राप्त होता है।

6) बारिश और बिजली गिरने के कारण लोग घर के अंदर रहना पसंद करते हैं।

7) यह मौसम परिवार के साथ समय बिताने का अवसर प्रदान करता है।

8) लोग मौसम का आनंद लेने के लिए पकोड़े, हलवा और इडली जैसे बहुत सारे व्यंजन पकाते हैं।

9) बरसात का मौसम हमें विभिन्न प्रकार के फल, फूल और सब्जियाँ देता है।

10) गणेश पूजा, रक्षाबंधन, 15 अगस्त आदि त्यौहार इसी मौसम में आते हैं।

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FAQ’s: Essay On Rainy Season in Hindi

Q.बारिश के डर को क्या कहते हैं.

Ans. ओम्ब्रोफोबिया या प्लुविओफोबिया शब्द का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है जो बारिश से डरते हैं।

Q. वर्षा ऋतु का दूसरा नाम क्या है?

Ans. मानसून या गीला मौसम बरसात के मौसम का दूसरा नाम है।

Q.भारत में किस स्थान पर भारी वर्षा होती है?

Ans. मेघालय के खासी हिल्स जिले के एक छोटे से शहर मावसिनराम में भारत में सबसे अधिक वर्षा होती है।

Q.वर्षा ऋतु में हमें कौन से फल मिलते हैं?

Ans. बरसात के मौसम में हमें लीची, जामुन, आलूबुखारा और चेरी मिलती है।

Q.बरसात के मौसम में हम क्या उपयोग करते हैं?

Ans. बारिश के मौसम में हम छाते और रेनकोट का इस्तेमाल करते हैं।

Q.बरसात के मौसम में हम अधिकतर कौन से जीव देखते हैं?

Ans. बरसात के मौसम में मेंढक, घोंघे, स्लग, केंचुए अधिकतर दिखाई देते हैं।

Q.भारत में सर्वाधिक वर्षा किस मानसून के कारण होती है?

Ans. भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून के कारण सर्वाधिक वर्षा होती है।

Q.भारत में सबसे पहले मानसून कहाँ आता है?

Ans. मानसून सबसे पहले केरल में आता है।

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निबंध : मेरा प्रिय मौसम वर्षा

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Rainy Season Essay In Hindi | निबंध : मेरा प्रिय मौसम वर्षा

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वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में | Essay on Rainy Season in Hindi

वर्षा ऋतू की जानकारी और निबंध – varsha ritu essay in hindi.

हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।

1 जून के करीब केरल तट और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में मानसून सक्रिय हो जाता है। हमारे देश में वर्षा ऋतु के अमूमन तीन या चार महीने माने गए हैं। दक्षिण में ज्यादा दिनों तक पानी बरसता है यानी वहां वर्षा ऋतु ज्यादा लंबी होती है जबकि जैसे-जैसे हम दक्षिण से उत्तर की ओर जाते हैं तो वर्षा के दिन कम होते जाते हैं।

वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढ़ेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।

मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।

वर्षा ऋतु हिंदी निबंध – Rainy Season Essay in Hindi

(बरसात पर निबंध हिंदी में Barsaat ke mausam par nibandh)

बारिश का मौसम हम सभी के लिए प्यारा मौसम होता है। यह जुलाई के महीने में शुरू होती है और सितंबर के अंत तक जारी रहती है। वर्षा ऋतु में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं।

वर्षा ऋतु में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढेर सारी मस्ती करते है। ये असहनीय गर्मी के बाद सभी के जीवन में उम्मीद और राहत की फुहार लेकर आता है। आकाश बहुत चमकदार, साफ और हल्के नीले रंग का दिखाई पड़ता है और कई बार तो सात रंगों वाला इन्द्रधनुष भी दिखाई देता है। पूरा वातावरण सुंदर और आकर्षक दिखाई देता है।

भारतीय किसानों के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है क्योंकि उन्हें अपनी फसलों की खेती के लिए वास्तव में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान आमतौर पर खेतों में आगे उपयोग के लिए बरसात के पानी को इकट्ठा करने के लिए कई गड्ढे और तालाब बनाते हैं। खेत फूले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। यह किसानों के लिये फसलों के लिहाज से बहुत फायदेमंद रहता है लेकिन यह कई सारी संक्रमित बीमारियों को भी फैलाता है। इससे शरीर की त्वचा को काफी असुविधा होती है। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है। इसलिए हमें, आसपास साफ-सफाई में ध्यान देना चाहिए और बरसात में भींगने से बचना चाहिए ।

Q : वर्षा ऋतु का महत्व क्या है?

Ans : वर्षा सभी जिव-जन्तुओ के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

Q : वर्षा ऋतु में कौन सी फसल बोई जाती है?

Ans : वर्षा के मौसम में बोई जाने वाली मुख्य फसलों में चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर,अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन शामिल हैं।

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वर्षा ऋतु पर अनुच्छेद | Paragraph on Rainy Season in Hindi

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प्रस्तावना:

भारत की ऋतुओं में वर्षा ऋतु सबसे सुन्दर और लुभावनी होती है । ग्रीष्म ऋतु की भीषण गरमी के दौरान लोग बड़ी उत्कंठा से इसकी प्रतीक्षा करते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

यदि कभी वर्षा ऋतु के आने में कुछ विलम्ब हो जाये, तो लोग मन्दिरों, मरिजदों और गिरजाघ या गुरुद्वारों में जाकर ईश्वर से वर्षा की प्रार्थना करते हैं । कभी-कभी इस हेतु बड़े-बड़े यज्ञों की व्यवस्था की जाती है ताकि, इन्द्र देवता प्रसन्न होकर पृथ्वी पर पानी बरसा दे ।

भीषण गरमी से राहत:

भारत एक गरम देश है । यहाँ ग्रीष्म में भयंकर गरमी पड़ती है इसलिए स्वाभाविक है कि भीषण गरमी के दौरान लोग बेसब्री से बरसात की प्रतीक्षा करें । गरमियों मे पृथ्वी बुरी तरह तप जाती है । नदियाँ और तालाब सूख जाते हैं । कुओं में जलस्तर बहुत नीचे चला जाता है । हर जगह पानी की कमी हो जाती है ।

तेज लू और गर्म धूल भरी ऑधियाँ जीवन को और दुखदाई बना देती हैं । लोग परेशान होकर हाहाकार करने लगते हैं । गरमी के बाद वर्षा आती है । बरसात के आते ही गरमी से राहत मिल जाती है । आसमान मे काली-काली घटायें देखकर हमारा मन मयूर नाच उठता है ।

तपता हुआ सूरज बादलों के पीछे छिपकर बड़ी राहत पहूँचाता है । वर्षा की फुहार से सारा वातावरण खुशी से झूम उठता है । लोग हंसते-गाते और खुशियाँ मनाते दिखाई देते है । युवा, महिलाये और बच्चे नीम या पीपल के वृक्ष की मजबूत टहनी में झूला डालकर लम्बी-लम्बी पेंगे लेते हैं और लोकगीत गाकर वर्षा का स्वागत करते हैं और आनन्द मनाते हैं ।

उनके प्यार भरे गीत सुनने वालों का मन मोह लेते हैं । बच्चे वर्षा की फुहार मे नहाते हैं और किल्लोल करते हैं । तालाबो में पानी भरने लगता है और वहाँ भी पुरुष और बच्चे तैर कर आनन्द मनाते हैं ।

प्राकृतिक छटा:

वर्षा के दौरान प्राकृतिक छटा भी दर्शनीय होती है । वर्षा से नहा कर पृथ्वी एक बार पुन: युवा हो जाती है । चारो ओर हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है । बहते पानी की कल-कल हमें बड़ी प्रिय लगती है । जगल में मोर नाचने लगते हैं और पपीहा मधुर रचर में संगीत सुनाता है ।

खेती के लिए महत्त्व:

वर्षा भारतीय खेती की जान है । हमारे देश के बहुत बड़े भू-भाग पर खेती होती है अर्थात् इस क्षेत्र में सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं होते और प्राकृतिक वर्षा पर ही खेती निर्भर करती है । जब कभी मानसून फेल हो जाता है, तो हमें बड़े संकट का सामना करना पड़ता है ।

यदि समय से पर्याप्त मात्रा में वर्षा न हो, तो फसलें सुख जाती है । देश को भंयकर सूखे, अकाल और महामारियों का सामना करना पड़ता है । अत: हमारे लिए वर्षा का विशेष महत्त्व है । वर्षा के अभाव में कुओं और तालाबों मे भी पानी सूखने लगता है, क्योंकि इनमे अन्तत: वर्षा का पानी ही जमा होता है । जब पानी बरसेगा ही नहीं, तो कब तक यहाँ पानी जमा रह पायेगा ।

अत: वर्षा के अभाव में उस खेती पर भी बड़ा बुरा प्रभाव पड़ता है, जहाँ कुओं और तालाबो से सिचाई की व्यवस्था है । वर्षा की कमी से बड़े-बड़े जलाशयो में भी पानी की कमी होने लगती है और उसके कारण जल-विद्युत उत्पादन में कमी हो जाती है । इससे खेतों तथा उद्योंगों के लिए कम बिजली मिलने से संकट और भयावह हो जाता है ।

वर्षा की कठिनाइयाँ:

हर ऋतु की कुछ-न-कुछ कमियां होती हैं अर्थात् प्रत्येक ऋतु में कुछ कठिनाइयां भी होती हैं । वर्षा ऋतु इसका अपवाद नहीं है । इस में अनेक प्रकार के चर्म रोग हो जाते हैं । कभी-कभी शहरों और गाँवों में हैजा फैल जाता है । इस में मक्खी और मच्छर भी बहुतायत से हो जाते हैं ।

मच्छरों से मलेरिया को बढ़ावा मिलता है और हर वर्ष सैकडों लोग जान से हाथ खो बैठते हैं । इस ऋतु में जब वर्षा नहीं होती, तो मौसम बड़ा चिपचिपा हो जाता है । बदन से पसीना नहीं सूखता । हवा में नमी रहती है । ऐसे में सूरज की गर्मी बिल्कुल बरदाश्त नहीं होती, चाहे तापक्रम कम ही क्यो न हो । कभी-कभी तेज वर्षा त्हे कारण जगह-जगह भयंकर बाढ़ आ जाती है, जिससे जन-धन भारी की हानि होती है ।

इस तरह वर्षा ऋतु के अपने लाभ और हानियां है । लेकिन इसके लाभ हानियां की तुलना में कहीं अधिक हैं । अत: हमे वर्षा की थोडी-सी कठिनाइयों को आसानी से झेल कर इसका स्वागत करना चाहिए ।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (बारिश का महीना) Rainy Season Essay in Hindi

इस लेख मे बारिश का महीना: वर्षा ऋतु पर निबंध Rainy Season Essay in Hindi हिन्दी मे लिखा गया है। इसमे आप बारिश के महीने का महत्व, उत्साह, सौन्दर्य और मनुष्य के जीवन मे वर्षा ऋतु के महत्व, लाभ-हानी के विषय मे बताया गया है।

Table of Content

प्रस्तावना Introduction (वर्षा ऋतु पर निबंध हिन्दी में)

वर्ष ऋतु क्या होता है.

तारीख के अनुसार 15 जून से 15 सितंबर तक का समय वर्षा ऋतु कहलाता है। भारत में मानसून अरब सागर से उठता है और सबसे पहले केरला राज्य में प्रवेश करता है। फिर यह धीरे-धीरे उत्तरी भारत में पहुंचता है और वर्षा के लिए उत्तरदायी होता है।

भारत के लिए वर्षा ऋतु का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि भारत एक गर्म जलवायु वाला देश है। यहाँ मार्च, अप्रैल, मई, जून के महीने में काफी गर्मी होती है। मनुष्य से लेकर पशु पक्षी और दूसरे जीव जंतु गर्मी से बेहाल रहते हैं।

वर्षा ऋतू पर निबंध | Essay on Rainy Season in Hindi | Varsha Ritu Nibandh

वर्षा ऋतु: प्रकृति परिवर्तन का प्रतीक

परिवर्तन प्रकृति का विशेष नियम है। वर्षा ऋतु भी परिवर्तन को दर्शाती है। जिस तरह वसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु आती है, उसी तरह ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। फिर शीत ऋतु आती है। प्रकृति (कुदरत) कभी किसी एक जगह स्थिर नहीं रहती है। यह हमेशा बदलती रहती है। वर्षा ऋतु समय को भी प्रदर्शित करती है। जिस तरह समय हमेशा बदलता रहता है उस तरह मौसम और ऋतुये भी हमेशा बदलती रहती हैं।

वर्षा ऋतु सुख-दुख के चक्र को दर्शाती है

जिस तरह जीवन में सुख और दुख का चक्र निरंतर चलता रहता है, उसी तरह प्रकृति भी मनुष्य को भिन्न-भिन्न रूपों में सुख और दुख का एहसास कराती रहती है। ग्रीष्म ऋतु आने पर सभी जगह पानी की कमी हो जाती है। गर्मी बढ़ने से लोगों को कहीं भी चैन नहीं मिलता है। वह हमेशा परेशान दिखते हैं। सब लोग बार बार यही कहते हैं कि “गर्मी बहुत है” मनुष्य के साथ पशु पक्षी, गाय, भैंस, बकरियां और दूसरे जीव भी बेहाल हो जाते हैं।

हरी घास मैदानों में उग जाती है। इसे खाकर पशु अपनी भूख मिटाते हैं। इस तरह यदि प्रकृति एक तरफ समस्या उत्पन्न करती है तो दूसरी तरफ उसका समाधान भी खुद ही प्रस्तुत करती है।

वर्षा ऋतु का अनुपम सौंदर्य

नदियाँ, तालाब, झील पानी से भर जाते है। किसान खेती में लग जाते है। खेतों में धान मक्का गन्ना जैसी फसलें लहलहा उठती हैं। गर्मी से राहत मिलती है। जब मौसम अनुकूल होता है तो काम करना भी आसान हो जाता है।

वर्षा ऋतु का महत्व

जिस साल अच्छी वर्षा हो होती है, फसल भी अच्छी होती है। परंतु कई बार सूखा पड़ जाता है जिससे किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। वर्षा ऋतु से पृथ्वी का भूजल स्तर भी बढ़ जाता है। जिन स्थानों पर सूखे की समस्या होती है, वहां पर भी पानी उपलब्ध हो जाता है। कुएं भी पानी से भर जाते हैं।

वर्षा ऋतु के लाभ

वर्षा ऋतु के बहुत से लाभ है। पेड़-पौधों और वनों के लिए वर्षा ऋतु बहुत लाभदायक होती है। पेड़ों पर नई पत्तियां और फूल आ जाते हैं। उनकी पत्तियां धुल जाती हैं। जो पेड़ पौधे ग्रीष्म ऋतु में पानी की कमी से सूखने वाले थे अब उनमें फिर से नई जान आ जाती है।

वर्षा ऋतु का समय खेती करने के लिए उपयुक्त होता है क्योंकि खेतों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है। वर्षा ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है। मौसम अनुकूल हो जाता है, जिससे सभी लोगों की कार्यक्षमता भी बढ़ जाती है। वर्षा ऋतु में झीलें तालाब और नदियां पानी से भर जाती हैं जिससे बिजली अधिक मात्रा में बनने लगती है।

वर्षा ऋतु का साहित्य में उल्लेख

वर्षा ऋतु एक सुहावनी ऋतु है। इसका उल्लेख साहित्य में अनेक कवियों और लेखकों ने किया है। कालिदास द्वारा रचित गीतिकाव्य “मेघदूत” में यक्ष उमड़ते हुए बादलों को अपना दूत बनाकर अपना संदेश अपनी प्रेमिका को भेजना चाहता है। रामचरितमानस में तुलसीदास ने वर्षा का वर्णन करते हुए लिखा है –

वर्षा काल मेघ नभ छाये । गर्जत लागत परम सुहाये ।। दामिनी दमक रही घन माहीं । खल की प्रीति यथा थिर नाहीं ।।

कवियों ने वर्षा ऋतु पर अनेक कविताएं लिखी हैं। फिल्मों और टीवी सीरियल्स में बारिश के मौसम में नायक और नायिका के रोमांस को विशेष रूप से दिखाया जाता है। भारतीय फिल्मों में बारिश पर हजारों लाखों गाने (गीत) बने हैं जिन्हें हमेशा ही पसंद किया गया है।

वर्षा ऋतु से हानियां

वर्षा ऋतु में नदी, नाले उपर तक बहने लगते हैं, जिसके चारों ओर गंदगी फैलती है । इतना ही नहीं लगातार पानी बरसने से सड़के बार बार गीली हो जाती हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। गंदगी बढ़ती है। लोगों को आने जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

वर्षा ऋतु का विनाशकारी रूप

वर्षा ऋतु में होने वाले त्यौहार और व्रत.

भारत में वर्षा ऋतु का आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। वर्षा ऋतु में अनेक त्यौहार और व्रत मनाए जाते हैं- शिवरात्रि , आषाढ़ अमावस्या, जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा , देवशयनी एकादशी, चतुर्मास व्रत नियम, गुरु पूर्णिमा , सावन सोमवार व्रत, नाग पंचमी , रक्षाबंधन, कजरीतीज। श्री कृष्ण जन्माष्टमी , गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार मनाये जाते है।

क्या होगा यदि वर्षा ऋतु ना आये?

दोस्तों, क्या आपने सोचा है कि क्या होगा यदि वर्षा ही ना आये। तब पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य सभी प्यास से व्याकुल हो जाएंगे। एक एक बूंद को सभी जीव तरस जायेंगे। बहुत जीव तो काल के गाल में समा जाएंगे। खेती-किसानी चौपट हो जाएगी।

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बारिश के दिन पर निबंध (Rainy Day Essay In Hindi)

बारिश के दिन पर निबंध (Essay On Rainy Day In Hindi)

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बाढ़ पर निबंध (Flood Essay in Hindi)

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विनाश का कारण पानी की भारी मात्रा में अतिप्रवाह है। हर साल दुनिया भर में कई क्षेत्रों को बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। बाढ़ अत्यधिक बारिश और उचित जल निकासी व्यवस्था की कमी के कारण होती है। बाढ़ की गंभीरता हर क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है और उसी के कारण होने वाला विनाश भी अलग-अलग होता है।

बाढ़ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Flood in Hindi, Badh par Nibandh Hindi mein)

बाढ़ पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

भारी बारिश के कारण होने वाली बाढ़ के पानी की वजह से बीमारियों से होने के घातक परिणाम सामने आए हैं। इससे जीवन का नुकसान, बीमारियों में वृद्धि, मूल्य वृद्धि, आर्थिक नुकसान और अन्य मुद्दों के अलावा पर्यावरण का विनाश होता है। बाढ़ उनके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करती है।

बाढ़ के कारण और नुकसान

बाढ़ प्राकृतिक और अप्राकृतिक दोनों कारणों से होता है। बाढ़ के प्राकृतिक कारणों में अतिवृष्टि, ग्लेशियर, का पिघलना, आदि आते है। अप्राकृतिक कारणों में ग्लोबल वार्मिंग, अत्यधिक प्रदुषण आदि आते है। 

बाढ़ का रोकथाम

कई बार बाढ़ पर कुछ दिनों में काबू पाया जा सकता है जबकि कई बार इस पर हफ़्तों में काबू पाया जाता है जिससे उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के जीवन पर एक बुरा प्रभाव पड़ता है। हालांकि ज्यादातर लोगों को इन के बारे में चेतावनी भी दी जाती हैऔर इससे पहले कि स्थिति बदतर हो जाए इनसे बचने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसी जगहों पर छुट्टी की योजना बनाने वाले पर्यटकों को अपनी योजना रद्द करनी चाहिए और अगर समय हो तो इस स्थिति से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ दिन-प्रतिदिन के कार्य को बाधित करती है। बाढ़ इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए विभिन्न समस्याएं पैदा करती है। भारी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में जन-जीवन को फिर से पुनर्निर्माण करने में महीनों लगते हैं और कई बार तो सालों-साल भी।

इसे यूट्यूब पर देखें : Badh par Nibandh

निबंध – 2 (400 शब्द)

बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है जो किसी क्षेत्र में अत्यधिक पानी के जमा होने के कारण होती है। यह अक्सर भारी बारिश का नतीजा है। कई क्षेत्रों को नदी या समुद्र के पानी के स्तर के बढ़ने के कारण, बांधों के टूटने के कारण और बर्फ की पिघलने के कारण बाढ़ का सामना करना पड़ता है। तटीय क्षेत्रों में तूफान और सूनामी इस स्थिति का कारण बनते हैं।

दुनिया भर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र

विश्व भर में कई क्षेत्रों में लगातार बाढ़ होने की संभावना है। गंभीर और लगातार बाढ़ का सामना करने वाले दुनिया भर के शहरों में भारत में मुंबई और कोलकाता, चीन में गुआंगजो, शेनज़न और टियांजिन, एक्वाडोर, न्यू यॉर्क, न्यू जर्सी, हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम, मियामी और न्यू ऑरलियन्स शामिल हैं।  पहले भी इन क्षेत्रों में बाढ़ के कारण विनाश होते रहें हैं।

बाढ़ के कारण उत्पन्न समस्या को कैसे नियंत्रित करें ?

मानव जीवन को बाधित करने से लेकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने तक – बाढ़ के कई नकारात्मक नतीजे हैं जिनसे निपटना मुश्किल है। इस प्रकार बाढ़ को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस समस्या को नियंत्रित करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:

  • बाढ़ चेतावनी सिस्टम

बेहतर बाढ़ चेतावनी प्रणालियों को स्थापित करना यह समय की आवश्यकता है ताकि लोगों को आगामी समस्या के बारे में सही समय पर चेतावनी दी जा सके और उनके पास अपने और अपने सामान की रक्षा करने के लिए पर्याप्त समय हो।

  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भवनों का निर्माण

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में इमारतों का बाढ़ के पानी के स्तर से ऊपर निर्माण किया जाना चाहिए ताकि संपत्ति के नुकसान के साथ-साथ वहां रहने वाले लोगों को भी नुकसान से बचाया जा सके।

  • जल भंडारण प्रणाली की शुरुआत

बारिश के पानी को पुन: उपयोग करने के लिए सरकार को जल भंडारण प्रणालियों के निर्माण में निवेश करना चाहिए। इस तरह से मैदानी इलाकों में पानी के अतिप्रवाह होने और बाढ़ का कारण बनने की बजाए पानी का अत्यधिक इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत बनाएं

बाढ़ के मुख्य कारणों में से एक ख़राब जल निकासी व्यवस्था है। जल निकासी से बचने के लिए अच्छी जल निकासी प्रणाली होना जरूरी है जिससे बाढ़ की स्थिति ना उत्पन्न हो।

  • बाढ़ बैरियर स्थापित करें

उन क्षेत्रों में बाढ़ बैरियर स्थापित किए जाने चाहिए जो बाढ़ से प्रभावित हैं। पानी निकल जाने के बाद इन्हें हटाया जा सकता है।

हालांकि बारिश की घटनाएं, बर्फ-पहाड़ों का पिघलना, जल निकासियों और तूफानों को रोकना मुश्किल हो सकता है लेकिन इनमें से अधिकांश मामलों में पहले एतियात बरती जा सकती है और सरकार जल निकासी सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर सकती है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं। यहाँ ऊपर साझा किए गए कुछ तरीकों को नियोजित करके बाढ़ की स्थिति से बचा जा सकता है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

बाढ़ की स्थिति भारी बारिश, नदियों और महासागरों जैसे जल निकायों से पानी के अतिप्रवाह, ग्लेशियर पिघलने, तूफान और तटीय किनारों के साथ तेज हवाओं के कारण बनती हैं। जब अत्यधिक मात्रा में जल निकलने के लिए अच्छी जल निकासी प्रणाली की कमी होती है तब यह पानी बाढ़ का कारण बनता है ।

बाढ़ के परिणाम

बाढ़ का पानी प्रभावित क्षेत्र के सामान्य कामकाज को बाधित करता है । गंभीर बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर विनाश हो सकता है। यहां बताया गया है कि धरती पर बाढ़ कैसे प्रभावित करती है:

  • जीवन को ख़तरा

बहुत से लोग और जानवर गंभीर बाढ़ के कारण अपने जीवन से हाथ धो बैठते हैं। इससे कई लोग घायल और विभिन्न रोगों से संक्रमित होते हैं। कई जगहों पर मच्छरों और अन्य कीड़ों के प्रजनन के लिए जमा होने वाला पानी मलेरिया और डेंगू जैसी विभिन्न बीमारियों का कारण है। हाल ही में पेचिश, न्यूमोनिक प्लेग और सैन्य बुखार के मामलों में वृद्धि हुई है।

  • बिजली कटौती

आज कल बिजली और पानी की आपूर्ति में बाधा आई है जिससे आम जनता की समस्याओं में वृद्धि हो रही है। उन स्थानों पर करंट पकड़ने का जोखिम भी है जहां बिजली की आपूर्ति बरकरार है।

  • आर्थिक नुकसान

बहुत से लोग अपने घरों और अन्य संपत्तियों जैसे कार, मोटरसाइकिल बाढ़ में खो देते हैं जिन्हें ख़रीदने में सालों लगते हैं। यह सरकार के लिए चिंताजनक विषय है क्योंकि संपत्ति बचाव अभियान के लिए कई पुलिसकर्मियों, फायरमैनों और अन्य अधिकारियों को तैनात करना पड़ता है। गंभीर बाढ़ के मामलों में प्रभावित क्षेत्रों को फिर से तैयार करने में कई साल लगते हैं।

  • कीमत का बढ़ना

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में माल की आपूर्ति कम हो जाती है क्योंकि सड़क परिवहन वहां तक ​​नहीं पहुंच सकता है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में संग्रहीत सामान भी बाढ़ के कारण खराब हो जाते हैं। आपूर्ति की कमी है और मांग अधिक है और इस प्रकार वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होती है।

जब मूसलधार बारिश होती है तो मिट्टी पूरे पानी को अवशोषित नहीं कर पाती और इससे अक्सर मिट्टी का क्षरण होता है जिसके भयानक परिणाम होते हैं। मिट्टी के क्षरण के अलावा मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।

बाढ़ सिर्फ मनुष्यों और जानवरों के लिए ही खतरा नहीं है बल्कि वनस्पति के लिए भी ख़तरा है। भारी बारिश अक्सर गड़गड़ाहट, बिजली और तेज हवाओं के साथ होती है। तूफान पेड़ों को उखाड़ फेंकने का एक कारण है। इसके अलावा बाढ़ के दौरान फसल क्षतिग्रस्त हो जाती है और कई अन्य पौधें भी नष्ट हो जाते हैं।

भारत में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र

साल-दर-साल भारत में कई क्षेत्रों को बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। देश में इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों में उत्तर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, मुंबई, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और उड़ीसा, ब्रह्मपुत्र घाटी और दक्षिण गुजरात सहित अधिकांश गंगा मैदान हैं। बाढ़ के कारण इन जगहों को अतीत में गंभीर नुकसान पहुंचा है और अभी भी ख़तरे का सामना कर रहे हैं।

बाढ़ प्राकृतिक आपदाओं में से एक है जो विभिन्न क्षेत्रों में बड़े विनाश का कारण है। यह समय है कि भारत सरकार को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए मजबूत उपायों का पालन करना चाहिए।

Essay on Flood in Hindi

निबंध – 4 (600 शब्द)

बाढ़ तब होती है जब एक विशेष सूखे क्षेत्र में अत्यधिक वर्षा के कारण ज़मीन पर बहने वाले पानी की मात्रा बढ़ जाती है। नदी, महासागर और झील जैसे जल निकायों से पानी के अतिप्रवाह के कारण यह भी हो सकता है। बाढ़ जन विनाश के कारण जानी जाती है। कुछ क्षेत्रों में विनाश का कारण इतना गंभीर है कि नुकसान की मरम्मत के लिए कई साल लगते हैं।

बाढ़ के कारण

बाढ़ के विभिन्न कारणों पर एक नजर इस प्रकार है:

बाढ़ की स्थिति ख़राब जल निकासी प्रणाली के कारण हो सकती है। कई बार थोड़ी अवधि की भारी बारिश भी बाढ़ का कारण बन सकती है जबकि दूसरी तरफ कई दिनों तक चलने वाली हल्की बारिश भी बाढ़ जैसी स्थिति बना सकती है।

  • बर्फ का पिघलना

सर्दियों के मौसम के दौरान जो पहाड़ बर्फ से ढंके होते है उनका पिघलना शुरू हो जाता है क्योंकि तापमान बढ़ जाता है। बर्फ का अचानक पिघलना तापमान बढ़ने के कारण होता है और इसके परिणामस्वरूप मैदानी इलाकों में पानी की मात्रा बढ़ जाती है। जिन क्षेत्रों में अत्यधिक पानी की मात्रा है वहां उचित जल निकासी प्रणाली नहीं होने के कारण बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इसे प्रायः बर्फ से पिघलने वाली बाढ़ के रूप में जाना जाता है।

  • बाँध का टूटना

ऊंचाई से पानी बहने के लिए बांधों को बनाया जाता है। पानी से बिजली बनाने के लिए प्रोपेल्लर्स का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार बाँध टूट जाते हैं क्योंकि वे बड़ी मात्रा में पानी नहीं पकड़ पाते जिसके फलस्वरूप आसपास के इलाकों में बाढ़ आ जाती है। कभी-कभी अत्यधिक जल बांध से जानबूझकर जारी किया जाता है ताकि इसे टूटने से रोका जा सके। इसका परिणाम बाढ़ भी हो सकता है।

  • जल निकायों का अतिप्रवाह

जल निकायों जैसे नदियाँ आदि से पानी बार-बार बह निकलने से आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। नदियों के नजदीक निचले इलाके इस समय के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं क्योंकि जल नदी से नीचे की ओर बहता है।

  • तटीय क्षेत्र में हवाएं

मजबूत हवाओं और तूफानों में समुद्र के पानी को सूखे तटीय इलाकों में ले जाने की क्षमता होती है जो की बाढ़ का कारण बनता है। इससे तटीय क्षेत्रों में गंभीर क्षति हो सकती है। तूफान और सुनामियों को तटीय भूमि में बड़ी तबाही का कारण जाना जाता है।

ग्लोबल वार्मिंग: बाढ़ का मुख्य कारण

हाल के दिनों में बाढ़ की आवृत्ति बढ़ी है। ऐसा कहा जाता है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते औसत समुद्री तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है और इससे कैरिबियन में उष्णकटिबंधीय तूफान की बढ़ती दर और कठोरता में वृद्धि हुई है। ये तूफान उनके रास्ते में देशों में भारी बारिश का कारण है। ग्लोबल वार्मिंग, जो वायुमंडल के तापमान में वृद्धि पैदा कर रहा है, ग्लेशियरों और बर्फ के पिघलने का भी एक कारण है जो फिर से कई क्षेत्रों में बाढ़ का कारण है। कहा जाता है कि आने वाले समय में ध्रुवीय बर्फ पर फिर से बुरा प्रभाव पड़ेगा जिससे स्थिति खराब होने की संभावना है।

पृथ्वी पर समग्र जलवायु परिस्थितियों में एक बड़ा परिवर्तन आया है और ग्लोबल वार्मिंग को इस परिवर्तन का कारण माना जाता है। जहाँ कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बाढ़ का अनुभव होता है वहीँ अन्य लोग सूखे का अनुभव करते हैं।

यद्यपि हम बारिश या ग्लेशियरों को पिघलने से नहीं रोक सकते पर हम निश्चित रूप से बाढ़ के पानी से निपटने के लिए अच्छी जल निकासी व्यवस्था का निर्माण कर सकते हैं। सालभर कई देशों में जैसे सिंगापुर के अधिकांश हिस्सों में भारी वर्षा होती है पर वहां अच्छी जल निकासी प्रणाली है। भारी बारिश के दिनों में भी वहां समस्या नहीं होती। बाढ़ की समस्या और प्रभावित क्षेत्रों में होने वाली क्षति से बचने के लिए भारत सरकार को भी अच्छी जल निकासी व्यवस्था का निर्माण करना चाहिए।

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Flood Essay for Students and Children

500+ words essay on flood.

Flood is one of the most dangerous natural disasters. It happens when excessive water is collected in any area. It usually happens due to heavy rainfall. India is highly prone to flood. There are many regions in the country that face this natural disaster because of the overflowing of rivers. Moreover, it also happens because of the melting of snow. Another reason for floods is when the dam breaks down. If we look at the coastal areas, the hurricanes and tsunamis are held responsible for causing floods. In this essay on flood, we will see the prevention and after-affect of flood.

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In other words, whatever the cause may be, it is equally dangerous. It has a lot of harmful consequences. Flood damages the living conditions and it takes a lot of time to recover from this disaster. Therefore, the consequences of floods must be known and steps must be taken to prevent it.

After-effects of Flood

Floods interrupt with the day to day functioning of the affected area. The severe floods sometimes cause mass destruction. A lot of people and animals lose their lives due to floods. Several others are injured. Floods also bring a rise in diseases. The stagnant water attracts mosquitoes causing malaria , dengue, and more illnesses.

Furthermore, people face power cuts due to the danger of electrocution. They also have to face expensive pricing. As the supply of food and goods gets limited, the prices naturally grow higher. This creates a big problem for the common man.

Most importantly, the whole country faces economic loss. The resources needed to rescue people and tackle this disaster demands a hefty amount. Plus, the citizens lose their houses and cars which they worked all their lives for.

Subsequently, floods also hamper the environment. It causes soil erosion and this degrades the quality of the soil. We lose out on fertile soil. Similarly, floods also damage flora and fauna. They damage crops and displace trees. Thus, the measure should be taken to avoid these grave consequences.

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Ways to Prevent flood

The government and citizens must work together to formulate ways to prevent floods. Proper awareness must be spread about the steps to take when floods occur. Warning systems must be set up so people get sufficient time to save themselves. In addition, areas that are more likely to have floods must have tall buildings above the flood level.

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Other than that, dams must be constructed strongly. The use of cheap materials causes dams to break. The government must ensure there is a quality building of dams to prevent floods.

In short, we cannot prevent natural causes like rain and the melting of glaciers. However, we can stop the manmade causes like breaking of dams, poor drainage system, installing warning systems and more. We should take inspiration from countries like Singapore that never experience floods despite having heavy rainfall for most time of the year.

FAQ on Flood Essay

Q.1 what are the consequences of a flood.

A.1 Floods cause immense destruction. They are responsible for the loss of human and animal lives. People lose their homes and cars in floods. They also cause soil erosion and uproot of trees.

Q.2 How can we prevent floods?

A.2 Governments must take up certain measures to prevent floods. We can install flood warning systems. Make people aware of what to do in times of flood. Moreover, we can also build a proper drainage system that will ensure no waterlogging.

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Essay on Effects of Heavy Rainfall

Students are often asked to write an essay on Effects of Heavy Rainfall in their schools and colleges. And if you’re also looking for the same, we have created 100-word, 250-word, and 500-word essays on the topic.

Let’s take a look…

100 Words Essay on Effects of Heavy Rainfall

Introduction.

Heavy rainfall is a natural phenomenon that can have a significant impact on our environment and daily lives.

Effects on Environment

Heavy rains can cause soil erosion, leading to loss of fertile land. This can affect plant growth and disrupt ecosystems.

Impact on Human Life

Heavy rains can lead to floods, causing damage to homes and infrastructure. It can disrupt transportation, making it difficult for people to go to school or work.

While heavy rainfall is necessary for replenishing water supplies, its extreme effects can be detrimental. Therefore, it’s essential to have proper planning and infrastructure to mitigate these effects.

250 Words Essay on Effects of Heavy Rainfall

Environmental impacts.

Excessive rainfall can lead to soil erosion, particularly in hilly areas where the natural gradient accelerates water flow. This process not only depletes the fertile topsoil but also leads to sedimentation of rivers, affecting aquatic ecosystems. Moreover, it can cause landslides, disrupting the habitat of various species and sometimes leading to loss of biodiversity.

Societal Consequences

Heavy rainfall also has profound societal impacts. It often results in flooding, which can lead to loss of life and property. Infrastructure like roads, bridges, and buildings can be severely damaged, disrupting normal life and causing economic losses. Moreover, floods can lead to outbreaks of waterborne diseases, posing a significant public health risk.

Climate Change Connection

With the intensifying climate change, the frequency and intensity of heavy rainfall events are predicted to increase. This calls for adaptive strategies, like improved infrastructure design, effective early warning systems, and sustainable land-use practices to mitigate the adverse effects of heavy rainfall.

While rainfall is vital for life, its excessive occurrence can lead to environmental degradation and societal disruption. Therefore, understanding the effects of heavy rainfall and developing strategies to deal with them is crucial in the era of climate change.

500 Words Essay on Effects of Heavy Rainfall

Rainfall is a vital natural phenomenon that replenishes water resources, nourishes ecosystems, and sustains life. However, when it becomes unusually heavy, it can lead to a myriad of adverse effects, ranging from environmental to socio-economic and health-related issues.

Environmental Impact

Furthermore, heavy rainfall can lead to landslides in hilly areas, causing massive destruction. It can also alter the landscape by washing away fertile topsoil and degrading the quality of land, which can have long-term effects on agricultural productivity.

Socio-economic Consequences

The socio-economic impacts of heavy rainfall are profound. Flooding and landslides can destroy homes, infrastructure, and public utilities, leading to displacement of people and loss of livelihoods. In agricultural societies, heavy rains can ruin crops, leading to food shortages and economic losses.

Health Risks

Heavy rainfall also poses serious health risks. It can lead to the contamination of water sources, increasing the risk of waterborne diseases like cholera, typhoid, and dysentery. The stagnant water left after floods can become breeding grounds for mosquitoes, leading to an increase in vector-borne diseases like malaria and dengue.

Furthermore, heavy rainfall and resultant floods can cause injuries and loss of life. The mental health impact is also significant, with affected individuals often experiencing stress, anxiety, and post-traumatic stress disorder (PTSD).

While heavy rainfall is a natural occurrence, its effects can be devastating on multiple fronts. It underscores the need for robust disaster management strategies, sustainable environmental practices, and climate change mitigation efforts. By doing so, we can hope to minimize the adverse impacts of heavy rainfall and safeguard our environment and communities for future generations.

That’s it! I hope the essay helped you.

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वर्षा ऋतु पर निबंध – Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi

Rainy Season Essay In Hindi : भारत में प्रमुख छ: ऋतुएं हैं, जिसमें से एक ऋतु वर्षा ऋतु भी है। वर्षा ऋतु को मॉनसून का मौसम भी कहा जाता है, और इस मौसम में भारत के कई हिस्सो में खूब बारिश होती है। इस ऋतु में बारिश के आनंद के साथ-साथ कई तरह के त्यौहार भी आते हैं, जैसे – रक्षाबंधन, गणेश चतुर्थी।

Varsha Ritu की शुरूआत जून महीने से होती है और लगभग सितंबर महीने तक चलती है। यह मौसम सिर्फ इंसानों को नही बल्कि पशु-पक्षियों को भी राहत देता है। वर्षा ऋतु में कई जगहों पर मनोहर दृश्य देखने को मिलते है। इस मौसम में प्रकृति अपने पूरे रंगों में सज जाती है।

वर्षा ऋतु शुरू होते है ही स्कूलों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है। क्योंकि निबंध से बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु से उत्पन्न सौंदर्य, और वर्षा ऋतु के लाभ एवं हानि के बारे में जान पाते है। चलिए मैं आपको Varsha Ritu Essay in Hindi लिखने का तरीका बताता हूँ।

वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस आर्टिकल में, मैं आपको अलग-अलग सीमा पर बरसात के मौसम पर निबंध (Rainy Season Essay In Hindi) लिखकर दूंगा। इस लेख से आप किसी भी कक्षा के लिए Varsha Ritu Par Nibandh लिख सकते है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

वर्षा ऋतु प्रकृति का एक बहुत बड़ा और अद्भुत उपहार है, क्योंकि इसके बिना धरती पर जीवन संभव नही है। इस ऋतु में आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है, और बिजली चमकने लगती है। इसके बाद धरती पर पानी के फुहारें पड़ने लगते है, जिससे पेड़-पौधे, जीव-जंतु और खेत-खलिहान सभी पानी से तृप्त हो जाते है।

Varsha Ritu का आगमन श्रावण मास से होता है और भाद्रपद मास तक रहती है। इस ऋतु में खेतों में फसलों की बुवाई और रोपाई की जाती है। सभी किसान वर्षा के पानी का भरपूर उपयोग करते हैं, ताकि सुंदर और अच्छी फसल उग सके। इसके अलावा वर्षा के पानी से नदियां और तालाब भी भर जाते हैं।

इस ऋतु के अनेक फायदे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नुकसान भी है, जैसे- डेंगू, मलेरिया, और चिकनगुनिया प्रकार के गंभीर रोग। इसलिए बरसाती मौसम में सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। इसके अलावा वर्षा ऋतु में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा होता है।

वर्षा ऋतु एक सुंदर और मनमोहक ऋतु है, जिससे पूरी प्रकृति को काफी फायदे मिलेते हैं। Rainy Season Essay In Hindi से हमें इस ऋतु के बारे में काफी कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

प्रस्तावना.

वर्षा ऋतु भारत की अन्य ऋतुओं में से सबसे अधिक प्रिय ऋतु है। जब बारिश का मौसम आता है तो प्रकृति में अनेक मनोहर बदलाव देखने को मिलते है। यह मौसम हमें जून-जुलाई के समय की तेजी गर्मी से राहत देता है। इस मौसम में बच्चे-बुढ़े सभी आनंदित हो जाते हैं। सच में Rainy Season (बरसात का मौसम) काफी मनमोहक है।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। लेकिन अगर भारत की बाते करें तो भारत में गर्मी के मौसम के बाद यानी जून महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है। यह ऋतु लगभग सितंबर महीने तक रहती है।

भारत में वर्षा ऋतु अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ती है, और फिर उत्तरी भारत की तरफ आती है। वर्षा ऋतु आते ही प्रकृति अपना संकेत देना शुरू कर देती है, और किसान खेती की तैयारीयां शुरू कर देते है।

प्रकृति के लिए वर्षा ऋतु का महत्व

Varsha Ritu प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण ऋतु है, क्योंकि इस ऋतु के बिना प्रकृति नष्ट हो जाएगी। बारीश के मौसम की वजह से ही यह प्रकृति जीवित है। यह ऋतु मानव जीवन के साथ-साथ सभी जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि वर्षा ऋतु की वजह से ही पेड़-पौधे जीवत है।

इस वर्षा ऋतु से ही सूखी नदिया और तालाब दोबार भरते है। और सभी जीव-जंतुओं को पानी मिलता है। इसी ऋतु की वजह से फसले उगती है, जिसे खाकर हर जीव-जंतु जीवित रहता है। इसलिए वर्षा ऋतु इस प्रकृति के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

हम सब जानते है कि जल ही जीवन है, और बिना वर्षा ऋतु के जल का अस्तित्व खतरें में आ जाएगा। और अगर धरती से जल खत्म हो जाए तो पूरी पृथ्वी सुनसान हो जाएगी। मतलब कोई भी जीव-जंतु या पेड-पोधा नही बचेगा। इसलिए हमें प्रकृति को बचाना है और वर्षा ऋतु को संतुलित रखना है।

Varsha Ritu Essay in Hindi से हमें बहुत कुछ जानने को मिलता है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द (Rainy Season Essay In Hindi)

बारिश प्रकृति की एक महत्वपूर्ण देन है। जब धरती पर पहली बार बारिश गिरती है तो मिट्टी की अलग ही खुशबू होती है, जिससे सूंघने से मन खुश हो जाता है। गांवों में वर्षा ऋतु के बाद अनेक मनमोहक दृश्य देखने को मिलते हैं। वर्षा के आने से चारों तरफ हरियाली छा जाती है।

वर्षा ऋतु क्या है

वर्षा ऋतु को भारत में बरसात का मौसम भी कहा जाता है, क्योंकि इस ऋतु में भारत की कई जगहों पर अच्छी बारिश होती है। यह ऋतु अक्सर जून से सितंबर माह तक रहती है। इस ऋतु में आसमान में काले बादल छा जाते है और बिजली कड़कने लगती है। तेज हवाएं चलती है और फिर बूँद-बूँद बारिश होने होती है।

और जब बारिश धरती पर पहुंचती है तो प्रकृति में एक नई ऊर्जा संचरित होती है, जिससे पेड़-पौधे हरे भरे हो जाते है और फूल खिल जाते है। पक्षी मुधर स्वर निकालते है और बच्चे-बूढ़े सभी वर्षा का आनंद लेते है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु प्रकृति और पृथ्वी के हर जीव-जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह ऋतु प्रकृति को नयी ऊर्जा देती है जिससे सभी को नया जीवन मिलता है। वर्षा के पानी से ही खेत हरे-भरे होते है। और साथ ही नदियाँ और तालाब भर जाते है, जिससे पशु-पक्षि सभी पानी पीते है।

यह ऋतु तेजी गर्मी के मौसम के बाती है जिससे सभी जीव-जंतुओं को गर्मी से राहत मिलती है, और मौसम ठंडा हो जाता है। इस ऋतु के बाद प्रकृति एक नए मनमोहक रूप में आ जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे और नुकसान

वर्षा ऋतु का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह प्रकृति को नया जीवन देती है। इस ऋतु से फसलों की वुबाई और रोपाई हो पाती है। बारिश से फसले अच्छी होती है और अकाल की संभावना भी कमा होती है। इस ऋतु से पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है। इसके अलावा इस ऋतु से भीषण ग्रमी के बाद मौसम ठंडा भी होता है।

इस ऋतु के लाभ के साथ कुछ हानियां हैं, जैसे- मौसमी रोग (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि), बाढ़ व भूस्खलन जैसी आपदाएं, बिजली गिरना। आप बारिश के इन नुकसानों से बच भी सकते है, लेकिन इसके लिए आपको सावधानी रखनी होगी।

वर्षा ऋतु सभी जीव-जंतु के लिए आनंद और उत्साह का सूचक है। इस ऋतु के आगमन से प्रकृति में भी अनेक मनमोहक बदलाव देखने को मिलते है। यह ऋतु केवल मानव जाति नही बल्कि सभी जीव-जंतु पेड़-पौधे में नई ऊर्जा का संचार कर देती है।

Varsha Ritu बहुत ही महत्वपूर्ण ऋतु है क्योंकि इस ऋतु के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। बारिश के मौसम में प्रकृति का एक नया रूप देखने को मिलता है। Rainy Season Essay In Hindi में समझना काफी महत्वपूर्ण है।

वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द (Varsha Ritu Par Nibandh)

वर्षा ऋतु भारत की 6 ऋतुओं में से एक लोकप्रिय ऋतु है, जिसका आगमन मई महीने में होने लग जाता है, और यह ऋतु सितंबर महीने तक चलती है। पृथ्वी के अलग-अलग जगहों पर वर्षा ऋतु का आगमन अलग-अलग समय पर होता है।

यह ऋतु गर्मी के मौसम के बाद आती है और सभी जगह ठंडक कर देती है, इसलिए मौसम का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह ऋतु हमें गर्मी से राहत देती है और साथ ही हमें एक अलग तरह का उत्साह भी देती है। बरसात के मौसम का आनंद बच्चे से बूढ़े तक सभी लोग लेते है।

इस Rainy Season Essay In Hindi में वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु के महत्व, वर्षा ऋतु में आने वाले त्योहार, और इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में बताया है।

वर्षा ऋतु के आगमन का समय

भारत देश में, वर्षा ऋतु जून महीने से शुरू होती है और सितंबर महीने तक चलती है। यह ऋतु हमारे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगमन से शुरू होती है। मानसून, मौसमी हवाएं है जो हिंद महासागर से आर्द्र हवा लाती है। यह आर्द्र हवा भारत के तटीय क्षैत्रो में आती है और फिर उत्तर की ओर चली जाती है।

वर्षा ऋतु के आगमन पर पूरा मौसम ठंडा और आर्द्र हो जाता है। बारिश के मौसम में भारत के अनेक जगहों पर भारी और लगातार बारिश होती है। भारत में यह बारिश कुछ जगहों पर कम होती है तो कुछ जगहों पर बहुत ज्यादा होती है। और कुछ जगहों पर मौसम कुछ महीने तक गीला ही रहता है।

वर्षा कैसे होती है

वर्षा संघनन प्रकार की एक प्रक्रिया द्वारा बनती है। जब वायु में मौजूद जलवाष्प ठंडी होकर पानी की बूंदो या बर्फ के क्रिस्टल में बदल जाती है, तो इसे संघनन कहा जाता है। और फिर यह पानी की बूंदे बादलों का रूप लेती है।

वर्षा का निर्माण कुछ इस प्रकार होता है:

1. सबसे पहले धरती का जल सूर्य की गर्मी से गर्म होकर जलवाष्प में बदलता है और फिर यह जलवाष्प ऊपर की तरफ जाती है।

2. जब जलवाष्प ऊपर जाती है तो वायु का तापमान धीरे-धीरे कम होता है। और फिर कम तापमान से जलवाष्प संघनित हो जाती है। इसके बाद पानी की बूदें बादलों में एकत्रित हो जाती है।

3. इसके बाद जब बादल भारी हो जाते है तो यह टूटते है, जिससे पानी की बूंधे धरती पर गिरती है। कभी-कभी बादल एक-दूसरे से टकराकर भी बारिश के रूप बरसते है।

4. वर्षा का पानी दोबार सूर्य की गर्मी से वाष्प में बदलता है। और फिर यह वापिस एक चक्र के रूप में चलता रहता है।

वर्षा ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य

वर्षा ऋतु के समय प्रकृति का सौंदर्य कई गुना अधिक बढ़ जाता है। इस ऋतु के आगमने के बाद प्रकृति में एक नयी ऊर्जा भर जाती है। इस ऋतु में पेड़-पौधे हर-भरे हो जाते है। इनके पत्ते नए और चमकीले हो जाते है। सभी फूल खिल जाते है और वातारण में सुगंद फैल जाती है।

इस ऋतु में पूरा आसमान काले बादलों से ढ़क जाता है और मौसम ठंडा होने लग जाता है। और जब बारिश होती है तो धरती सुगंधित हो जाती है। हवाओं में एक अलग ही खुशबु फैल जाती है, जो मन को काफी खुश करती है।

बारिश से सभी सड़के, उद्यान और खेल के मैदान आदि जलमग्न हो जाते है। इससे सभी तालाब और नदिया भर जाती है, जिसका फायदा सभी जीवों को मिलता है।

वर्षा ऋतु का महत्व प्रकृति के लिए काफी ज्यादा होता है। क्योंकि जब वर्षा ऋतु आती है तो प्रकृति में नयी ऊर्जा से नवजीवन का संचार होता है। इस ऊर्जा पर सभी जीव-जंतु और पैड़-पौधे आश्रित होते हैं।

किसानों के लिए इस ऋतु का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि किसान इसी ऋतु में फसलों की बुवाई और रोपाई करते है। इससे फसले काफी अच्छी उगती है और अकाल की संभावना भी कम हो जाती है।

यह ऋतु पशु-पशी और जीव-जंतु के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस ऋतु में नदियां और तालाब भर जाते है। जिससे सभी जीव पानी पीते है और अपनी प्यास बुझाते है। इसके अलावा बरसात के मौसम की वजह से मौसम ठंडा हो जाता है और लोगों गर्मी से राहत मिलती है।

वर्षा ऋतु के फायदे या लाभ

वर्षा ऋतु से हमें कई लाभ मिलते हैं, जैसे-

  • प्रकृति को एक नया जीवन मिलता है, जिससे वातावरण स्वच्छ और ताजा हो जाता है।
  • बरसात से अच्छी फसले उगती है और अकाल की समस्या खत्म हो जाती है।
  • वर्षा ऋतु से भूमि में नमी रहती है, और इससे भूमि उपजाऊ बनती है।
  • बारिश के पानी से नदिया और तालाब भर जाते हैं, जिससे पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी मिलता है।
  • तेज गर्मी के मौसम के बाद जब वर्षा ऋतु आती है तो मौसम पूरा ठंडा हो जाता है और लोगों को गर्मी से राहत मिलती है।

इस तरह वर्षा ऋतु के अनेक फायदे हैं।

वर्षा ऋतु के नुकसान और इसके उपाय

वर्षा ऋतु के फायदों के साथ-साथ कुछ नुकसान भी है। ये नुकसान निम्नलिखित प्रकार से हैं-

  • बारिश की वजह से मौसमी रोग फैलते हैं, जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि।
  • तेजी बारिश से कई बार बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएँ भी आती हैं।
  • अधिक बारिश होने से कई बार फसले खराब हो जाती है।
  • बारिश की वजह से जगह-जगह पर कीचड़ भी होता है।
  • बारिश के मौसम में बिजली गिरने का भी खतरा रहता है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है।

वर्षा ऋतु के ये कुछ नुकसान है, लेकिन इस ऋतु में सावधानी रखकर इन नुकसान से बचा जा सकता है। बारिश के मौसम में हम छाता या रेनकोट का इस्तेमाल करके और घर के आसपास पानी को जमा न होने देकर बीमारियों से बच सकते है।

बाढ़ व भूस्खलन से बचने के लिए संभावित क्षैत्रों से दूर रहना चाहिए, और चेतावनी मिलने पर तुरंत सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। इसके अलावा बिज़ली से बचने के लिए हमें तेजी बारिश के दोरान घर से बाहर नही निकलना चाहिए। और घर से बाहर निकलना आवश्यक हो तो गीले स्थानों से बचकर चलना चाहिए।

वर्षा ऋतु के समय आने वाले त्यौहार

वर्षा ऋतु के दौरान भारत में कई तरह के त्यौहार मनाते जाते हैं, जो मई से सितंबर के बीच जाते हैं। ये त्योहार निम्नलिखित हैं- होली, बसंत पंचमी, राम नवमी, हरियाली तीज, और रक्षाबंधन। हालांकि इसके अलावा और भी अन्य त्यौहार मनाते जाते हैं, जो अलग-अलग धर्मों और समुदायों में मनाए जाते है।

वर्षा ऋतु इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिना वर्षा के पृथ्वी पर पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। इस ऋतु का प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि के लिए बारिश बहुत जरूरी है। इसलिए हम सभी को बारिश के पानी का सदुपयोग करना चाहिए और पर्यावरण को प्रदुषण से बचाए रखना होगा।

उम्मीद है कि Varsha Ritu Essay in Hindi , आपके लिए काफी फायदेमंद रहा होगा।

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बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi

बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi

इस लेख में आप बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi पढ़ेंगे। यह कक्षा 5 से 10 तक विभिन्न रूपों से परीक्षाओं में पूछा जाता है। इस लेख में बाढ़ क्या है तथा बाढ़ आने के कारण, प्रभाव, व बाढ़ से बचाव के उपाय बेहद सरल भाषा में दिया गया है। 

Table of Contents

प्रस्तावना (बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi)

आज मनुष्य बेझिझक पर्यावरण का दोहन कर रहा है। फल स्वरुप बाढ़, भूकंप, सुनामी जैसी त्रासदीयां जन जीवन के लिए मुश्किल परिस्थितियां खड़ी कर रही हैं।

जब पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता है तब प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़ भूकंप इत्यादि आती हैं। बाढ़ त्रासदी का संबंध जल से है लेकिन कारण स्वरूप में मनुष्य का प्रकृति के प्रति विमुखता ही है।

अन्य त्रासदियों से बचाव के उपाय हैं लेकिन एक बार बाढ़ आ जाने पर विस्थापन के अलावा और कोई उपाय नहीं बचता है। एक तरफ जनजीवन अस्त व्यस्त होता है तो दूसरी तरफ प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक विरासतों का नुकसान भी होता है।

हाल के दिनों में बाढ़ की आवृत्ति बढ़ी है। ग्लोबल वार्मिंग के चलते औसत समुद्री तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है और इससे कैरिबियन में उष्णकटिबंधीय तूफान की बढ़ती दर और कठोरता में वृद्धि हुई है। ये तूफान उनके रास्ते में देशों में भारी बारिश का कारण है।

बाढ़ के कई प्रकार होते हैं तथा उनके अनुसार ही उनका प्रकोप भी बदलता है। सामान्य बाढ़ में जनजीवन को ज्यादा नुकसान नहीं होता लेकिन बड़े बाढ़ में प्राणियों तथा जीव जंतुओं का समूल नाश भी हो जाता है।

बाढ़ क्या है? What is Flood in Hindi?

जब प्रकृति के चक्रों में व्यवधान उत्पन्न होता है जब प्रकृति स्वयं को उन व्यवधानों से मुक्त करने के लिए प्राकृतिक आपदाओं का प्रयोग करती हैं। उन प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़ भी शामिल है।

बाढ़ की परिभाषा के अनुसार जब नदियों, समुद्रों में जल का स्तर बढ़ जाता है। तब जल अपनी दिशा से विपरीत बहने लगता है जिसे बाढ़ कहा जाता है।

बाढ़ के कई प्रकार होते हैं लेकिन मुख्य रूप से बाढ़ को तीन भागों में बांटा जाता है। उच्च, मध्यम तथा निम्न बाढ़। उच्च बाढ़ में जल का नियंत्रण नहीं रहता और वह पहाड़ों तथा मैदानों को चीरते हुए गाँवों-शहरों में घुस जाता है तथा भारी विनाश करता है।

2013 में उत्तराखंड में आई त्रासदी को उच्च प्रकार के बाढ़ में शामिल किया जा सकता है। जिसमें लाखों लोगों की दुखद रूप से मृत्यु हो गई थी तथा हजारों करोड़ रुपयों का नुकसान भी हुआ था।

मध्यम प्रकार के बाढ़ में बारिश के कारण होने वाली त्रासदियों को शामिल किया जाता है। बारिश में अक्सर नदियां अपने स्तर से ऊंची उठ जाती है तथा उनका पानी गांव तथा शहरों में घुस जाता है। मध्यम प्रकार का बाढ़ कम समय के लिए आता है तथा इससे जान माल की हानि उच्च बाढ़ के मुकाबले कम होती है।

निम्न प्रकार के बाढ़ में सामान्य नदियों तथा नालों में जल की अधिकता होती है। यह ज्यादा समय के लिए ठहरती लेकिन जनजीवन ठप्प जरूर होता है।

बाढ़ आने के कारण Reason of Flood in Hindi

कुछ दशक पहले का अधिकतम औसत तापमान 30 से 35 डिग्री सेल्सियस होता था तथा वातावरण इतना प्रदूषित भी नहीं था। लेकिन आज के समय में अधिकतम औसत तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस हो चुका है।

जब प्राकृतिक चक्र में व्यतिरेक उत्पन्न होता है तब बाढ़ जैसी त्रासदीया अवश्य आती हैं। आज प्रदूषण अपनी चरम पर है तथा पेड़ों का कांटा जाना, ग्लोबल वार्मिंग, एसिड वर्षा इत्यादि बढ़ चुका है जिसके कारण हर वर्ष कहीं ना कहीं बाढ़ का प्रकोप देखने को जरूर मिलता है।

बाढ़ के कारणों में आज सबसे अधिक अनियमित वर्षा देखने को गिना जाता है। प्रकृति का पर्यावरण चक्र पर से नियंत्रण कम हो जाने के कारण अनियंत्रित वर्षा होती है और जिसके कारण बाढ़ जैसी परिस्थिति का निर्माण होता है।

बाढ़ के कारणों में से दूसरा सबसे बड़ा कारण ग्लेशियरों का पिघलना है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर तेज रफ्तार से पिघल रहे हैं, जिनका जल समुद्र के स्तर को दिन प्रतिदिन ऊंचा उठा रहा है। 

किन्हीं भी छोटे-मोटे भूकंप या चक्रवात के बाद समुद्र की लहरें भयानक रूप ले लेती हैं और पास के नगरों में कोहराम मचा देती हैं।

जल के अधिक प्रवाह से बांध के टूट जाने की खबर हम अक्सर सुनते हैं। जल प्रवाह को नियंत्रित करने वाले  बांध समय के साथ कमजोर हो जाते हैं तथा अधिक प्रवाह झेल नहीं पाते हैं इसलिए अतिरिक्त जल गांव तथा शहरों में घुसकर भयंकर तबाही मचा देता है।

बाढ़ आने के कारणों में मुख्य कारण मनुष्य की प्रकृति के प्रति उदासीनता ही है। अगर मनुष्य प्रकृति के प्रति जागरूक हो जाए तो अवश्य ही इन त्रासदियों की मात्रा में गिरावट आएगी। 

बाढ़ के प्रभाव Impacts of Flood in Hindi

मनुष्यों के साथ वन्य पशु पक्षियों के जीवन पर बाढ़ का बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बाढ़ आने पर जन समूह को विस्थापित होना पड़ता है जिससे उनके जीवन की मुश्किलें बढ़ जाती हैं।

भारत के कई राज्यों के निवासी हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करते हैं। देश में इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित प्रमुख क्षेत्रों में उत्तर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल, मुंबई, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और उड़ीसा, ब्रह्मपुत्र घाटी और दक्षिण गुजरात सहित अधिकांश गंगा मैदान हैं।

बाढ़ के नुकसान के रूप में इन राज्यों की विकास दर में गिरावट होती है और सामान्य यातायात में भी बड़ी गिरावट आती है। राज्यों की विकास दर गिरने से देश के विकास दर में भी कमी आती है।

बाढ़ के कारण बिजली विभाग को बहुत अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है क्योंकि आज लगभग हर कोने में बिजली पहुँच चुकी है और बाढ़ के कारण अगर किसी स्थान पर बिजली के खम्भे उखड़ जाते हैं तो उसकी पहचान और रिपेयरिंग मुश्किल हो जाता है।

बाढ़ के कारण किसानों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि किसान अपने कृषि पर ही निर्भर होता है और बाढ़ में उसकी फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है।

बाढ़ के बाद प्रदुषण के कारण तरह-तरह के रोग फैलते हैं जिनसे मनुष्य तथा पशु-पक्षीयों को स्वास्थ्य के लिए जूझना पड़ता है।   

बाढ़ से बचाव के उपाय (प्रबंधन) Flood Management in Hindi

आज प्रकृति आपदा प्रबंधन की आवश्यता बहुत बढ़ गयी है क्योंकि एक कहावत है की “मनुष्य अगर प्रकृति को पोषता है तो प्रकृति उसे पोषती है”।

बाढ़ से बचाव के रूप में सबसे जरुरी उपाय वृक्षारोपण करना है। क्योंकि बाढ़ का मुख्य कारण अतिवर्षा है और वृक्ष वर्षा को संतुलित व नियंत्रित करते है। 

बाढ़ से बचाव के लिए आधुनिक तकनीकों की सहायता लेना बेहद जरुरी हो गया है क्योंकि आधुनिक विज्ञान ने ऐसी तकनीकें खोज निकाली हैं। जिनसे बारिश के समय व मात्रा का सटीक आकलन करना संभव हो पाया है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के लिए ऊंचाई पर आवास बनाकर बाढ़ से बचाव का प्रबंधन किया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना अधिक होती हो उन क्षेत्रों में गहरे जलाशय बनाकर उन जलों को संरक्षित कर उपयोग में लिया जा सकता है।

बाढ़ से बचाव के लिए सबसे कारगर तकनीक एक अच्छे ड्रेनेज सिस्टम को तैयार करना हो सकता है। क्योंकि मुंबई जैसे महानगरों में आज भी बरसात में कमर से ऊपर तक पानी भर जाता है। जिसका मूल कारण अच्छे जल निकाय सिस्टम का न होना है।

उपरोक्त पद्धतियों से बाढ़ से बचाव के प्रयास किये जा सकते हैं लेकिन बाढ़ से स्थाई बचाव प्रकृति की शुद्धि से ही हो सकता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने बाढ़ पर निबंध Essay on Flood in Hindi को पढ़ा। आशा है यह निबंध आपको सरल लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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heavy rain essay in hindi

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10 Lines on Hindi Diwas: हिंदी दिवस पर निबंध कैसे लिखें? ये 300 शब्द लिखकर जीत लें इनाम

Hindi diwas par nibandh hindi me: 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों में कई कार्यक्रम होते हैं, जिनमें से निबंध प्रतियोगिता भी एक है। अगर आपको भी हिंदी दिवस पर निबंध लिखना है, तो ये लेख आपके लिए ही है। इसके अलावा, इसमें बताई गई बातें आपको हिंदी दिवस पर भाषण देने में भी मदद करेंगी।.

hindi diwas essay in 300 words 14 september nibandh pdf in hindi

हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?

हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन 1949 में, भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी भाषा को प्रोत्साहित करना और उसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। यह दिन हमें हिंदी के महत्व और इसके प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। हिंदी हमारी अखंडता को बनाए रखने का एक माध्यम भी है। (फोटो- Freepik)

हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी भाषा का महत्व

हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। यह हमें हमारे समृद्ध इतिहास, साहित्य और परंपराओं से जोड़ती है। हिंदी दुनिया भर में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाती है, जो इसे दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक बनाता है। हिंदी हमारी राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाती है और हमें विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है।

हिंदी को 14 सितंबर 1949 को भारत की राजभाषा का दर्जा मिला था। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को देवनागरी लिपि में राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदी ने देश को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई थी। (फोटो- Freepik)

हमारे साहित्य में हिंदी का योगदान

हमारे साहित्य में हिंदी का योगदान

हिंदी ने भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हिंदी के कवियों में प्रेमचंद, महादेवी वर्मा, भारतेंदु हरिश्चंद्र, तुलसीदास, सूरदास और मीराबाई जैसे प्रसिद्ध लेखक और कवि शामिल हैं। उनके कार्यों ने भारतीय समाज और संस्कृति की हमारी समझ को आकार दिया है। हिंदी साहित्य हमें जीवन के मूल्यों और आदर्शों की शिक्षा देता है। हिंदी देश के विभिन्न राज्यों, संस्कृतियों और धर्मों को जोड़ने वाली भाषा है। हिंदी साहित्य, कला, संगीत और सिनेमा का महत्वपूर्ण स्तंभ है। (फोटो- Freepik)

आधुनिक युग में हिंदी का प्रयोग

आधुनिक युग में हिंदी का प्रयोग

आज के डिजिटल युग में भी हिंदी फल-फूल रही है। हिंदी भाषा को विभिन्न देशों द्वारा भी अपनाया गया है, जिनमें नेपाल, भूटान और मॉरीशस शामिल हैं। हिंदी हमें विश्व में एक अलग पहचान दिलाती है और हमारी संस्कृति को पूरे विश्व में फैलाती है। हिंदी का इंटरनेट, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपयोग बढ़ता जा रहा है। हिंदी फिल्मों और गीतों के माध्यम से इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता मिल रही है। (फोटो- Freepik)

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दिल्ली में पिछले 3 दिनों हो रही है बारिश, आज कैसा रहेगा मौसम?

उत्तर भारत में मानसून के लौटने का दौर जल्द ही शुरू होने की संभावना है. मगर, दिल्ली-एनसीआर पिछले 72 घंटों से लगातार हल्क ...अधिक पढ़ें

  • Last Updated : September 13, 2024, 06:04 IST
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नई दिल्ली. देश की राजधानी लगातार 72 घंटे से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, जिससे मौसम न केवल सुहावना हुआ है बल्कि हल्की सिहरन की भी एहसास होने लगी है. गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में दिनभर हल्की बारिश का दौर जारी रही. वहीं, मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार दिल्ली में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. IMD ने अगले 24 घंटे काफी बारिश को लेकर काफी महत्पूर्ण बताया है. वहीं, उत्तराखंड में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है.

उत्तर भारत में मानसून के लौटने का दौर जल्द ही शुरू होने की संभावना है. मगर, दिल्ली-एनसीआर पिछले 72 घंटों से लगातार हल्की बारिश से इसके वापसी में देरी की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. वहीं, शुक्रवार को ‘ऑरेंज अलर्ट’ के वजह से ट्रेन, सड़क तथा फ्लाइट सर्विस प्रभावित रहने की संभावना जताई गई है. दिल्ली और एनसीआर में लगभग दिनभर बारिश का दौर रहा, सड़कों पर पानी लगने की वजह से कई इलाकों में जाम लगा रहा. गुरुवार को मुकरबा चौक, आजादपुर चौक, जीटीके रोड, खानपुर टी प्वाइंट से महरौली के अलावा जाम रहा साथ ही आईटीओ के पास भी जलभराव की वजह से जाम लगा रहा.

पंजाब से बंगाल तक बारिश मौसम विभाग ने बताया कि मानसून ट्रफ पश्चिमी कोस्ट गुजरात से लेकर दक्षिणी कर्नाटक से होकर के गुजर रहा है. वहीं, कच्छ के पास अरब सागर में, अमृतसर पंजाब के पास और बांग्लादेश के पास बंगाल की खाड़ी में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है. इसके वजह से पंजाब से लेकर के बंगाल की खाड़ी तक के राज्य, जिसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्से आते हैं, यहां पर शुक्रवार को भारी अत्यंत भारी बारिश की संभावना है.

उत्तराखंड में रेड अलर्ट मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए देश के अन्य हिस्सों के लिए पूर्वानुमान जारी किया. उत्तर और मध्य हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है. मैसम विभाग ने शुक्रवार को उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, ओडिशा, दक्षिणी पश्चिम बंगाल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब-हरियाणा और असम के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.

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