essay on discipline hindi

अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi

Essay on Discipline in Hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Discipline (अनुशासन ) for all classes from Class 1 to Class 12

अनुशासन पर निबंध –  इस लेख में हम अनुशासन का अर्थ, जीवन में अनुशासन का महत्त्व, दैनिक जीवन में अनुशासन, अनुशासन के लाभ के बारे में जानेंगे|  | अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों।अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में अनुशासन पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में अनुशासन  पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

  • अनुशासन पर 10 लाइन  10 lines

अनुशासन पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

  • अनुशासन पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन  पर 10 लाइन  10 lines on discipline in hindi.

  • अनुशासन एक क्रिया है जो हमारे शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करके नियमों का पालन करना सिखाता है।
  • समय का पाबंद, बड़ों का सम्मान, नियमित दिनचर्या व बुरी आदतों से दूर रहना अनुशासन कहलाता है।
  • अनुशासन के पालन से व्यक्ति का जीवन सफल और सार्थक बनता है। 
  • अनुशासन हमारे बेहतर चरित्र का निर्माण करता है।
  • अनुशासन का न होना हमें गैर जिम्मेदार और आलसी बना देता है।
  • अनुशासन का दृढ़तापूर्वक पालन हमें समय का पाबंद बनाता है
  • अनुशासन हमें अच्छाई और बुराई में फर्क दिखता है।
  • एक अनुशासित व्यक्ति अपने से बड़ों के आदेशों का पालन पूरी निष्ठा भाव और ईमानदारी से करता है।
  • अनुशासन हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण विकसित करने में सहायता करता है।
  • अनुशासन के नीति नियम को प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए निर्धारित करना चाहिए।

Short Essay on Discipline in Hindi अनुशासन पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

अनुशासन पर निबंध/अनुच्छेद  – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। अनुशासन में रहने से ही व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है। इसलिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिए और सभी काम सही समय पर करना चाहिए।

एक अनुशासित व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बनाने में सफल होता है और अपनी सफलता का छाप दूसरों पर छोड़ते है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा की जाती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन में अनुशासन का विकास करना चाहिए। जीवन में अनुशासन नहीं होने कारण लोग सफलता प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

अनुशासन पर अनुच्छेद 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

अनुशासन हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना हमारा जीवन सुचारु रुप से नहीं चल सकता है। इसलिए हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए उन सभी नियमों का पालन करना चाहिए जिससे हमारा जीवन बेहतर बन सके, जैसे हमें अपने शिक्षक और बड़ों के आज्ञा का पालन करना चाहिए, बुरी आदतों से दूरी बनाना चाहिए और अपने दैनिक कामों को सही समय पर और पूरी लगन से करना चाहिए।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। अनुशासन अगर देखना है तो सेना को देखना चाहिए। जहां प्रत्येक सैनिक अपने नेता की आज्ञा का पालन बड़ी तत्परता से करते हैं। तभी तो उन्हें विजय प्राप्त होती है। आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति खुद भी गिर रहा है और देश को भी पतन की ओर ले जा रहा है।

अनुशासन पर अनुच्छेद 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

अनुशासन सभी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। अनुशासन एक व्यक्ति को इतना आदर्श बना देता है कि वह व्यक्ति दूसरों की अपेक्षा कुछ विशेष दिखाई पड़ता है। उसका सब ओर सम्मान होता है तथा सफलता उसके चरण चूमती दिखाई देती है। वही अनुशासनहीन व्यक्ति अपने जीवन में लेशमात्र भी सफल नहीं होता, बल्कि वह अपने पतन के साथ ही साथ समाज का भी विनाश करता है। अनुशासित जीवन ही वास्तविक जीवन है। इसलिए अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीढ़ी मानी जाती है। हमें अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन करना चाहिए जैसे –

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • कार्यों को समय पर पूरा करने की हर संभव कोशिश करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए।

अनुशासन केवल बड़े लोगों के लिए नहीं है बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी उतना ही महत्व रखता है जितना बड़ों के लिए। विशेषतौर से विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का महत्व बहुत अधिक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसी आयु में उन्हें सब कुछ सीखने को मिलता है। विद्यार्थियों को अपने भावी जीवन के निर्माण की तैयारी करनी होती है। जो बड़ी कठोर साधना है। इसके लिए विद्यार्थी को अनुशासित जीवन व्यतीत करना होगा। अनुशासन विद्यार्थी-जीवन की आधारशिला है। अनुशासन में रहने वाला बालक ही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग देता है।

आज के युग में छात्र वर्ग और समाज के जीवन को लेकर चलने वाला सर्वाधिक चर्चित विषय है – अनुशासन । व्यक्ति समाज व राष्ट्र की उन्नति का मूलाधार अनुशासन ही है। अनुशासन ही देश को महान बनाता है।

अनुशासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – ‘अनु और शासन’। अनु का अर्थ है पालन और शासन का अर्थ है नियम । इसका सरल अर्थ है – किसी नियम समूह का पालन करना या गुरुजनों और पथ-प्रदर्शकों के नियंत्रण में जीवन बिताना । इसी प्रकार अपने मन की समस्त वृत्तियों को काबू में रखना भी अनुशासन ही है। अनुशासन के दो रूप है – ‘आंतरिक अनुशासन’ व ‘बाह्य अनुशासन’। अपनी श्रेणी में किसी सभा में शांत रहना, समूह में चलते हुए पंक्तिबद्ध होकर चलना, समूह में कार्य करते समय उचित-अनुचित का ध्यान रखना, राज्य के नियमों का पालन करना आदि अनुशासन के बाहरी रूप है। अपनी इन्द्रियों व मन को काबू में रखना आंतरिक अनुशासन होता है।

आज समाज व राष्ट्र को अनुशासन की सर्वाधिक आवश्यकता है। अनुशासित व्यक्ति ही अपने व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में व्यवस्थित रीति से चलता है। अनुशासित व्यक्ति के प्रत्येक कार्य नियमबद्ध होते है। वस्तुत: जो व्यक्ति समाज या घर में, बाजार में, कार्यालय में तथा सभा आदि में वहां के नियमों के नियंत्रण में चलता है, वही सुखी रहता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने शैक्षणिक वर्षों के दौरान अनुशासन विकसित करना चाहिए। अनुशासन बनाए रखने वाला व्यक्ति न केवल अपना जीवन बेहतर बनाता है, बल्कि अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए दूसरों पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है और वही देश का सभ्य नागरिक बनता है और देश को उन्नत बनाने में सहयोग करता है। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो, प्रकृति भी नियमपूर्वक चलती है। सूरज और चाँद का सही समय पर उगना और अस्त होना, सुबह और शाम का होना, पेड़-पौधों पर फल-फूल लगना, नदियों का हमेशा बहते रहना आदि। सृष्टि का समस्त कार्य एक निश्चित नियंत्रण या अनुशासन के अधीन चलता है।

आज की प्रमुख समस्या अनुशासनहीनता ही है। नियम या नियंत्रण में रहना कोई पसंद नहीं करता। आज ऐसी उथल-पुथल मची है कि व्यक्ति हर नियमों को तोड़ रहा है। लोगों द्वारा जरा सी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा करना या बेकाबू हो जाना, गुस्सा करना, किसी का कहना न मानना, आदर्शों की खिल्ली उड़ाना आदि । इससे व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की आर्थिक और नैतिक दोनों प्रकार की होती है।

यदि हम अपने देश की उन्नति चाहते हैं तो हमें अनुशासनहीनता को त्यागकर अनुशासन को अपनाना होगा, क्योंकि अनुशासन ही देश की उन्नति की पहली सीढ़ी है। राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति जब अनुशासन में रहेगा, तभी राष्ट्र विश्व उन्नत राष्ट्रों की  की श्रेणी में गिना जायेगा । छात्र भी जब अनुशासन का पालन करेंगे, तभी अपने भावी जीवन में सफलता की आशा कर सकेंगे। क्योंकि अनुशासन ही हमारी सफलता की सीढ़ी है।

Discipline essay in Hindi for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12th – अनुशासन पर निबंध हिंदी में

Discipline Essay in Hindi – सभी को ज्ञात है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। इस लेख में हम अनुशासन से सम्बंधित कुछ अहम् जानकारियाँ उपलब्ध करवा रहे हैं। आशा करते हैं कि हमारा यह लेख आपको परीक्षाओं में निबंध लिखने में तो सहायता करेगा ही, साथ-ही-साथ आपको अनुशासित रहने के लिए भी प्रेरणा प्रदान करेगा।

सामग्री (Content)

अनुशासन का अर्थ

जीवन में अनुशासन का महत्त्व

दैनिक जीवन में अनुशासन

अनुशासित रहने के तरीके, प्रकृति में अनुशासन के उदाहरण, अनुशासन कैसे सीखें.

  • अनुशासन की आवश्यकता क्यों

अनुशासन के लाभ

हर किसी के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अनुशासन के बिना कोई सुखी जीवन नहीं जी सकता। अनुशासन वह सब कुछ है जो हम सही समय में सही तरीके से करते हैं। यह हमें सही रास्ते पर ले जाता है। जीवन के सभी कार्यों में अनुशासन अत्यधिक मूल्यवान है। हमें हर समय इसका पालन करना है चाहे वो स्कूल, घर, कार्यालय, संस्थान, फैक्टरी, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या दूसरी जगह हों। ये खुशहाल और शांतिपूर्णं जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है। आज के आधुनिक समय में अनुशासन बहुत ही आवश्यक है क्योंकि इस व्यस्तता भरे समय में यदि हम अनुशासन भरे दिनचर्या का पालन ना करें तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु और शासन। अनु का अर्थ है पालन और शासन का मतलब नियम। हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है।अनुशासन हमारी सफलता की सीढ़ी है,

जिसके सहारे हम कोई भी मंजिल हासिल कर सकते है। अनुशासन दो प्रकार का होता है – एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है। हालाँकि कई बार, हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति से अपने स्व-अनुशासन की आदतों में सुधार करने के लिये प्रेरणा की जरुरत होती है।

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अनुशासन के बिना जीवन निष्क्रिय और बेकार हो जाता है क्योंकि योजना के अनुसार कुछ भी नहीं होता है। अगर हमें किसी भी कार्य को पूरा करने के बारे में सही तरीके से अपनी रणनीति को लागू करना है, तो हमें पहले अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। अनुशासन चीजों को आसान बनाता है और हमारे जीवन में सफलता लाता है।

अनुशासन हमें बहुत सारे शानदार अवसर देता है, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, इसके बजाय बहुत सारी समस्याएँ पैदा हो जाती है।

हमें नियमों का पालन करने, आदेशों का पालन करने और व्यवस्थित तरीके से व्यवहार करने की आवश्यकता है। हमें अपने दैनिक जीवन में अनुशासन को महत्व देना चाहिए। वे लोग जो अपने जीवन में अनुशासित नहीं हैं, उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में निराशा ही मिलती है।

अनुशासन का महत्त्व समझने के बाद हमें चाहिए कि हम हमेशा अनुशासन में रहें और अपने जीवन में सफल होने के लिए अपने माता-पिता और शिक्षकों के आदेश का पालन करें। हमें सुबह-सुबह बिस्तर से उठना चाहिए और एक गिलास पानी पीना चाहिए और खुद को तरोताजा रखना चाहिए।

दांतों को रोजाना ब्रश करना चाहिए, स्नान करना चाहिए और फिर स्वस्थ नाश्ता करना चाहिए। बिना भोजन ग्रहण किए हमें कभी भी न तो स्कूल जाना चाहिए और न ही किसी अन्य काम में। हमें अपने प्रत्येक कार्य को सही समय पर साफ और स्वच्छ तरीके से करना चाहिए।

हमें अपने माता-पिता को कभी भी अस्वीकार नहीं करना चाहिए, कभी भी उनका अपमान नहीं करना चाहिए या उन्हें ना-खुश नहीं करना चाहिए और हमेशा उनके आदेश का पालन करना चाहिए। हमें अपना सभी काम सही समय पर करना चाहिए। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और सही तरीके से सब कुछ सीखना चाहिए।

अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हमें हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं – 1 – एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना। 2 – कार्यों को समय पर पूरा करने का हरसंभव प्रयास करना। 3 – व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना। 4 – बुरी आदतों और कार्यों से दूरी बनाना। 5 – अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना।

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सूर्य हर दिन सही समय पर उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, चाँद सही समय पर उदय होता है, सुबह और शाम बिना देर किए उदय होता है और सही समय पर अस्त होता है, नदी हमेशा बहती है, माता-पिता हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा हमें सिखाते हैं और बहुत कुछ।

तो क्यों हमें अपने जीवन में अनुशासन को पीछे छोड़ना चाहिए, हमें समस्याओं से पीड़ित हुए बिना आगे बढ़ने के लिए अपने जीवन में आवश्यक सभी अनुशासन का पालन करना चाहिए।

प्रकृति कभी अनुशासन का उलंघन नहीं करती और हम भी तो प्रकृति के ही अभिन्न अंग हैं, तो हमें भी अनुशासन का सदैव पालन करना चाहिए।

हमें माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों की आज्ञा का पालन करना चाहिए। हमें उनके अनुभवों के बारे में जानने और उनकी जीत और असफलताओं से सीखने के लिए उन्हें सुनना चाहिए। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना शुरू करते हैं, तो यह हमें जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक देती है।

प्रकृति से हम अनुशासन का सही से पालन करना सीख सकते हैं। मौसम सही कर्म में आते हैं और चलते हैं, बारिश होती है और जाती है और सब कुछ सही समय पर होता है ताकि हमारे जीवन को संतुलित बनाया जा सके। इसलिए, हमें भी इस धरती पर जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए अनुशासन में रहने की आवश्यकता है।

हमारे जीवन, माता-पिता, शिक्षक, परिवार, पर्यावरण, वातावरण आदि के प्रति हमारी बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। उन जिम्मेदारियों को समझते हुए हमें अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। एक इंसान के रूप में, हमारे पास सोचने, सही या गलत के बारे में निर्णय लेने और इसे कार्य में बदलने के लिए अपनी योजनाओं को लागू करने के लिए बहुत दिमाग है।

इसलिए, हम अपने जीवन में इस अनुशासन की आवश्यकता और महत्व को जानने के लिए अत्यधिक जिम्मेदार हैं। अतः अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अनुशासन का पालन करना अति आवश्यक है।

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हमें अनुशासन की आवश्यकता क्यों

हमें अपने जीवन के हर एक क्षण अनुशासन की आवश्यकता होती है, इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। स्व-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग होता है जैसे कि छात्रों के लिए, इसका मतलब है कि स्वयं को अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित करना और सही समय पर काम पूरा करना। हालांकि, कामकाजी व्यक्ति के लिए, इसका मतलब है कि सुबह समय पर बिस्तर से उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और नौकरी के कार्यों को ठीक से करना।

पेशेवर जीवन में, एक अनुशासित व्यक्ति वह होता है, जिसे सबसे पहले अच्छे अवसर दिए जाते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि वह अनुशासनहीन व्यक्ति की तुलना में अधिक जिम्मेदार और अनुशासित तरीके से कार्यों को अंजाम दे सकता है। अनुशासन किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक अपवाद आयाम जोड़ने में मदद करता है और उसे एक अद्वितीय व्यक्ति के रूप में उजागर करता है। जहाँ भी वह लोगों के दिमाग में सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

जीवन में अनुशासन को अपनाने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। सेना और रक्षा तथा अनुसंधान संगठनों में तो जीवन तथा कार्यों में अनुशासन को सर्वोपरिमाना गया है,

क्योंकि इन क्षेत्रों में एक सेकेंड या मिनट भर की देरी या फिर एक छोटी सी चूक के कारण काफी बड़े नकरात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यही कारण है कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है और अधिकतम कार्यों में इसका पूर्ण रुप से पालन किया जाता है।

इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिये तो अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। ना सिर्फ विद्यार्थी जीवन में बल्कि कैरियर और घरेलू जीवन में भी अनुशासन का काफी महत्व है,

जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से बच जाते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

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संक्षेप में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता है।

अनुशासन व्यक्ति को अपने मन में उन सभी सकारात्मक नियमों और विनियमों का प्रशिक्षण देकर पूर्णता लाता है जो उसे समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में स्थापित करते हैं। यही कारण है कि आज के इस आधुनिक युग में भी अनुशासन को इतना महत्व दिया जाता है।

माता-पिता एक बच्चे में अनुशासन विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि उन्हें अपने बच्चे का पहला शिक्षक माना जाता है। छात्र जीवन में अनुशासन भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज की बुराइयों से मुक्त हुए बिना बच्चे को अपने लक्ष्य की ओर जाने में मदद करता है।

कहा जाता है कि छोटा बच्चा कच्ची मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा आकार दिया जाए वह वैसा ही बन जाता है। अतः आवश्यक है कि बचपन से ही बच्चों को अनुशासन का महत्त्व बताया जाए और उसका पालन करने के लिए प्रेरित किया जाए।

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अनुशासन पर निबंध 10 lines 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे (Discipline Essay in Hindi)

essay on discipline hindi

Discipline Essay in Hindi – जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सबक अनुशासित होना है। यदि अनुशासन का पाठ बचपन से ही शुरू हो जाए तो यह कठिन नहीं है, लेकिन अगर यह देर से शुरू होता है तो यह जीवन में सीखने का सबसे कठिन पाठ हो सकता है। Discipline Essay in Hindi पूर्ण आत्म-नियंत्रण प्राप्त करने के लिए कठिन अनुशासन और समर्पण की आवश्यकता होती है। अच्छा अनुशासन अपना सर्वश्रेष्ठ ला सकता है और हम समाज की सर्वोत्तम सेवा कर सकते हैं और अपने आसपास के लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे। 

जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए शुरू से ही अनुशासित रहने की जरूरत है। अनुशासन से ही हम जीवन में अपने लक्ष्य पर केंद्रित रह सकते हैं। अनुशासन में समय के मूल्य को समझना, मानवता के प्रति सम्मान दिखाना और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता दिखाना शामिल है। सफलता की ओर पहला कदम अनुशासन है।

Discipline Essay in Hindi अनुशासित होना जीवन में सीखने के लिए महत्वपूर्ण और कठिन पाठों में से एक है। आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करने और अपने आप को इस तरह से संचालित करने के लिए अत्यधिक समर्पण और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है जो समाज की सर्वोत्तम सेवा करता है और हमारे आसपास रहता है। अनुशासित होने पर ही व्यक्ति जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है। अनुशासन हमें एकाग्र रखने में अहम भूमिका निभाता है। 

अनुशासन का अभ्यास करने के अलग-अलग तरीके हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लगातार और समय को महत्व दें। किसी कार्य का निरंतर अभ्यास करके, मानवता और प्रकृति का सम्मान करके और समय को महत्व देकर जीवन में सही दिशा में चलना सीख सकते हैं। यही मूल कारण है कि दुनिया भर में सफल लोग अनुशासन की आवश्यकता का प्रचार करते हैं।

अनुशासन निबंध 10 पंक्तियाँ (Discipline Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) अनुशासन का अर्थ है उचित नियमों और विनियमों के साथ जीवन जीना।
  • 2) इसमें नियम, विनियम, शिष्टाचार और शिष्टाचार शामिल हैं जो हमारे जीवन को आकार देते हैं।
  • 3) जीवन में अनुशासन हमें अपनी आदतों और व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करता है।
  • 4) अनुशासन हमें सही सिद्धांतों को अपनाने और अपने जीवन में सफल होने के लिए निर्देशित करता है।
  • 5) यह भी माना जाता है कि देश का एक अच्छा नागरिक होने के लिए एक अनुशासित जीवन आवश्यक है।
  • 6) यह हमारे जीवन में आत्म-विश्वास और आत्म-नियंत्रण उत्पन्न करने में मदद करता है।
  • 7) जल्दी उठना, व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना और बुरी आदतों से दूर रहना भी अनुशासित जीवन का हिस्सा है।
  • 8) हमारे खाने की आदतों में अनुशासन हमें फिट और स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।
  • 9) दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है।
  • 10) भाषा में अनुशासन हमें लोगों के साथ सभ्य और सम्मानजनक तरीके से बात करने में मदद करता है।

अनुशासन निबंध 20 लाइनें (Discipline Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) छात्र के जीवन में अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उसे अपने करियर के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
  • 2) अनुशासन में रहने का अर्थ है कुछ नियमों, विनियमों के एक सेट का पालन करना और उचित व्यवहार का प्रदर्शन करना।
  • 3) एक अनुशासित जीवन शैली हमेशा सफलता की ओर ले जाती है, चाहे वह शैक्षणिक, स्वास्थ्य, व्यवसाय या पेशा हो।
  • 4) एक छात्र के रूप में, अनुशासन एक ड्राइविंग सिद्धांत के रूप में कार्य करता है जो हमें गलत रास्ते पर जाने से बचाता है।
  • 5) अनुशासन एक नहर के रूप में कार्य करता है जो व्यक्ति के चरित्र को सही दिशा में ले जाता है।
  • 6) अनुशासन हमारे जीवन को एक उचित दिनचर्या में बनाता है और एक पूर्वनिर्धारित आचार संहिता का पालन करने में मदद करता है।
  • 7) हमारे खान-पान में अनुशासन हमें विभिन्न बीमारियों से बचाता है, जिससे हमें लंबा और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।
  • 8) यदि भारत के लोग अनुशासन की सख्त व्यवस्था का पालन करते हैं तो हमें विश्व की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता।
  • 9) माता-पिता और परिवार बच्चे में अनुशासन की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो उसके समग्र व्यक्तित्व को आकार देने में मदद करता है।
  • 10) अनुशासन आपको हमेशा सफलता की ओर ले जाएगा जबकि अनुशासन हमेशा आपके जीवन में नई समस्याओं और मुद्दों का एक समूह खड़ा करेगा।
  • 11) अनुशासन हमेशा सभी के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • 12) अनुशासन राष्ट्र निर्माण में भी मदद करता है और ऐसे कई देश हैं जो अपने देश में सख्त कानूनों के कारण विकसित हुए हैं।
  • 13) कॉर्पोरेट जगत में, दिए गए कार्य को समय पर पूरा करना, काम के प्रति समर्पण और अच्छा समय प्रबंधन काम पर सख्त पेशेवर अनुशासन को दर्शाता है।
  • 14) अधिक मात्रा में संगीत नहीं बजाना, सार्वजनिक स्थानों पर कतार बनाए रखना, केवल कूड़ेदान में कचरा फेंकना सामाजिक अनुशासन के कुछ उदाहरण हैं।
  • 15) सख्त आहार व्यवस्था का पालन करना, समय पर व्यायाम करना और नशीली दवाओं के सेवन से दूर रहना एक खिलाड़ी के अनुशासित जीवन को दर्शाता है।
  • 16) आत्म-अनुशासन के लिए हमेशा दृढ़ इच्छा शक्ति और मन पर मजबूत नियंत्रण की आवश्यकता होती है और यदि इसे प्राप्त कर लिया जाए तो यह निश्चित रूप से आपको सफलता की ओर ले जाएगा।
  • 17) सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए, आपको हमेशा एक लक्ष्य और उसके प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है और अंततः यह आपको सख्त अनुशासन का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा।
  • 18) यदि आपका कोई लक्ष्य है, तो आप स्वतः ही भौतिकवादी इच्छाओं से दूर रहेंगे और अपने व्यवहार में एक सख्त दिनचर्या और आचार संहिता का पालन करेंगे।
  • 19) अनुशासन आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने और आत्म सुधार के द्वारा अपनी कमजोरियों पर काबू पाने में मदद करता है।
  • 20) अनुशासन हमें अधिक केंद्रित और समर्पित बनाकर हमारी दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।

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अनुशासन पर लघु निबंध (Short Essay on Discipline in Hindi)

Discipline Essay in Hindi – अनुशासन हमारे जीवन को खुश और सुनियोजित बनाने के लिए एक बहुत ही आवश्यक हिस्सा है। अनुशासन के बिना जीवन समस्याओं और अराजकता से भरा होता है। अनुशासन व्यक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है। अनुशासन व्यक्ति को अधिक ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। इस व्यस्त दुनिया में लोग भ्रमित और विचलित हो जाते हैं। अनुशासन व्यक्ति के जीवन में ईमानदारी लाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में अनुशासन को लागू करना कठिन होता है।

 एक अनुशासित व्यक्ति की हमेशा प्रशंसा की जाती है और उसे महत्व दिया जाता है। छात्रों के लिए अनुशासन भी बहुत जरूरी है। बच्चों को बचपन से ही अनुशासन की शिक्षा देनी चाहिए। एक अनुशासित व्यक्ति के पास हर चीज के लिए एक निश्चित समय होता है। इसलिए यह उनके सभी कार्यों को समय पर प्रबंधित किया जाता है। एक अनुशासित छात्र समय पर उठेगा और अपनी सभी गतिविधियों को समय पर पूरा करेगा। समय प्रबंधन अनुशासन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। एक व्यक्ति जो अपने समय को अच्छी तरह से प्रबंधित कर सकता है वह अच्छी तरह से अनुशासित हो सकता है। अनुशासन निश्चित रूप से किसी व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाने की सीढ़ी है।

अनुशासन निबंध 100 शब्द (Discipline Essay 100 words in Hindi)

अनुशासन सफलता की सीढ़ी है। स्वतंत्रता और स्वतंत्रता का जीवन किसे पसंद नहीं है? लेकिन इस स्वतंत्रता की कुछ सीमाओं का प्रयोग सनक और कल्पनाओं को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जीवन में व्यवस्था लाने के लिए अनुशासन की आवश्यकता होती है। अनुशासन के सख्त रखरखाव के बिना, लोग सफलता प्राप्त करने में ध्यान खो देते हैं।

एक अनुशासित छात्र एक उचित करियर बनाने में सफल होता है, एक अनुशासित टीम दूसरों पर अपनी छाप छोड़ती है। देश की सुरक्षा भी एक अनुशासित सेना द्वारा सुनिश्चित की जाती है। नियम सख्त प्रतीत होते हैं लेकिन जब लोग इन सख्ती का पालन करते हैं, तो वे लंबे समय में सफल हो जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने छात्र जीवन से अनुशासन का विकास करना चाहिए।

अनुशासन निबंध 150 शब्द (Discipline Essay 150 words in Hindi)

अनुशासन हमारे दैनिक जीवन का एक मूलभूत हिस्सा है। निबंध लिखने से लेकर उत्तम स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से लेकर शतरंज या बैडमिंटन जीतने तक- हमारे स्कूली जीवन से जुड़ी हर चीज अनुशासन पर आधारित है। वयस्क भी अपनी सफलता का अधिकांश श्रेय अनुशासन को देते हैं। काम पर अच्छा प्रदर्शन बनाए रखना या उम्र के साथ अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना – सभी को एक निश्चित मात्रा में अनुशासन की आवश्यकता होती है।

आदेश और नियमों के एक समूह के अनुसार कार्य करने से समय की पाबंदी और योजना में सुधार होता है। अनुशासन नियमों, प्रबंधन और व्यवस्था का एक संयोजन है जो जीवन के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा अनुशासन संतुलन भी जोड़ता है। यह हमें अपने कार्यों को अलग करने और प्रबंधित करने में मदद करता है। यह न केवल स्कूल जाने वाले छात्रों के जीवन में बल्कि सेना में या एक खिलाड़ी के जीवन में भी आवश्यक है जो एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन बनाना चाहता है और दूसरों को यह प्रेरणादायक लगता है।

अनुशासन निबंध 200 शब्द (Discipline Essay 200 words in Hindi)

अनुशासन एक विशेषता है जिसमें नियमों, मापदंडों और व्यवहार पैटर्न का एक निश्चित सेट शामिल होता है। जब संयुक्त और एक साथ लागू किया जाता है, तो ये जीवन में घटनाओं के सामाजिक और व्यक्तिगत क्रम को बनाए रखने में मदद करते हैं।

अनुशासन बहुत कम उम्र से ही घर पर ही विकसित होना शुरू हो सकता है। यह बदले में फैलता है और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित करने के लिए विकसित होता है। एक उचित नींद कार्यक्रम बनाए रखना, एक स्वस्थ आहार, व्यायाम, जुनून या शौक का पीछा करना, नियमित रूप से एक खेल का अभ्यास करना सभी व्यक्तिगत अनुशासन के अंतर्गत आते हैं। सामाजिक अनुशासन में सभाओं, बैठकों या आयोजनों में एक विशेष तरीके से व्यवहार करना शामिल है। जबकि पेशेवर अनुशासन में ज्यादातर समय प्रबंधन, समय सीमा को पूरा करना, वरिष्ठों का उचित अभिवादन करना, स्वस्थ संबंध बनाए रखना आदि शामिल हैं।

अनुशासन समाज का एक अंतर्निहित हिस्सा है और इसकी भूमिका की शुरुआत हमारे शिक्षण संस्थानों में होती है। लेकिन आजकल लोग अक्सर समय से चूक जाते हैं और अनुशासित जीवन शैली को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास करने पड़ते हैं। स्कूल, कार्यस्थलों या घरों में भी अनुशासन बनाए रखने के कुछ तरीकों में शामिल हैं:

  • किसी संस्थान के दिशा-निर्देशों और नियमों से अवगत होना
  • सहकर्मियों के साथ विचारशील और समझदार होना
  • सख्ती बनाए रखना लेकिन निष्पक्ष रहना
  • स्पष्ट परिणाम और दंड निर्धारित करना
  • परिवार या व्यक्तिगत नियम बनाना
  • एक नियोजित कार्यक्रम के साथ रहना

उपरोक्त उपाय हंगामे और पछतावे से रहित अनुशासित जीवन जीने के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकते हैं। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि अनुशासन की सही गुणवत्ता के साथ हमारे सभी उपक्रमों का सफल होना निश्चित है!

अनुशासन निबंध 250 शब्द (Discipline Essay 250 words in Hindi)

मनुष्य एक सामाजिक ढांचे के बड़े हिस्से हैं और किसी भी ढांचे के कार्य करने के लिए, नियम और कानून एक परम आवश्यकता हैं। जब ये नियम मानव व्यवहार का मार्गदर्शन करते हैं और संगठन की भावना विकसित करते हैं, तो एक प्रणाली या व्यक्ति को अनुशासित कहा जाता है। अनुशासन मानव के हर पहलू के साथ-साथ जीवन के अन्य रूपों में अपना महत्व पाता है। यह जिम्मेदारी, विश्वसनीयता की भावना पैदा करता है और एक व्यक्ति को अपने कार्यों के लिए अधिक जवाबदेह होने का पोषण करता है।

एक खिलाड़ी की दिनचर्या से लेकर व्यवसायी के नियमित कार्यक्रम से लेकर पहले कदम या बच्चों की उपलब्धियों तक, अनुशासन सभी जगहों पर मौजूद है। लेकिन यह समझना भी उतना ही जरूरी है कि नियमों की एक ही किताब हर व्यक्ति के काम नहीं आती। स्कूल में एक बच्चे के लिए सजा शानदार ढंग से काम कर सकती है लेकिन दूसरे बच्चे को अपने बारे में दुखी महसूस कराती है। इसलिए अनुशासन कहीं भी संगत और विचारशील होना चाहिए। “नियम और शर्तों” के विपरीत, जो उनकी अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप हैं, अनुशासन को हमेशा पहले व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जाना चाहिए।

हमारे तेज-तर्रार जीवन में, हमें भीड़ का हिस्सा बनने के लिए अक्सर इतनी तेजी से दौड़ना पड़ता है कि हम अपने नियोजित कार्यक्रम को भूल जाते हैं। इससे रातों की नींद हराम, चिंता, विकार और चरम मामलों में अराजकता और हंगामा होता है। हमें वास्तव में प्रतिस्पर्धा के साथ घुलने-मिलने के लिए खुद को आगे बढ़ाते रहने की जरूरत है, लेकिन खुद को पहले रखना अनिवार्य है।

जबकि अनुशासन की कई व्याख्याएँ और धारणाएँ होती हैं, इसका अंतिम उद्देश्य हमें जीवन का एक स्पष्ट विचार देना है। महान व्यक्तियों का इतिहास उपलब्धियों को चलाने में अनुशासन की शक्ति का साक्षी है। अनुशासन हमेशा हमारे जीवन के हर मिनट को निर्धारित करने वाला कुछ नहीं होता है, यह छोटे कदमों के रूप में हो सकता है, जो एक अच्छा दिन घर में खुद का एक बड़ा, बेहतर संस्करण लाता है।

अनुशासन निबंध 300 शब्द (Discipline Essay 300 words in Hindi)

इसलिए यदि आप एक ऐसा जीवन जीना चाहते हैं जो विनियमित और व्यवस्थित हो तो आपको अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। नियमों के एक निश्चित सेट का पालन करने की क्षमता को अनुशासन के रूप में जाना जाता है। यह हर किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह व्यक्ति को अपने जीवन में मर्यादा बनाए रखता है। इसलिए यदि आप किसी भी प्रकार की अराजकता से बचना चाहते हैं तो आपको उस समाज के कानूनों का पालन करना चाहिए जिसमें आप रहते हैं।

प्रकृति स्वयं अपने तंत्र में अनुशासन का प्रदर्शन करती है। आप हर दिन देख सकते हैं कि सूर्य पूर्व में उगता है और पश्चिम में अस्त होता है और यह प्रकृति की एक ही प्रक्रिया है। कई अन्य प्रक्रियाएं हैं जो प्रतिदिन अनुशासन प्रदर्शित करती हैं।

जिस दिन से हम पैदा हुए हैं और आज तक हम अनुशासन के महत्व को सीखते हुए बड़े हुए हैं। बचपन में ही हमें सुबह जल्दी उठकर, अपने दाँत ब्रश करके और नहाने के लिए और फिर स्कूल के लिए तैयार होकर अनुशासन में रहना सिखाया जाता था। यह दिन की शुरुआत में अनुशासन का पहला कदम है। पूरा दिन अनुशासन की मांग करता है ताकि हमारा जीवन पटरी पर रहे और व्यवस्था न बिगड़े।

स्कूल में, हमारे शिक्षक हमेशा हमारे दिमाग में अनुशासन और समय की पाबंदी लगाने की कोशिश करते हैं। इस तरह वे हमें सिखाते हैं कि स्कूल में शिष्टाचार कैसे बनाए रखें, चाहे वह सुबह की सभा हो, या समय पर गृहकार्य करना हो। इसलिए उन्हें बेहतर बनाने के लिए हमारे दैनिक जीवन में अनुशासन के महत्व को जानना महत्वपूर्ण है।

न केवल स्कूल बल्कि अनुशासन कार्यस्थलों पर भी उतना ही महत्वपूर्ण है जहां सैकड़ों कर्मचारी एक साथ काम करते हैं। कार्यालय में काम करने वाले लोगों को अपने कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। इससे ऑफिस का माहौल स्वस्थ और शांतिपूर्ण रहता है। इसलिए किसी व्यक्ति के लिए अनुशासन के महत्व को सीखना बहुत महत्वपूर्ण है, इससे निश्चित रूप से उन्हें एक सफल और सुखी जीवन जीने में मदद मिलेगी।

अनुशासित रहने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको अपने जीवन के लक्ष्यों पर केंद्रित रहने में मदद करता है। अनुशासन में रहने वाले लोग आमतौर पर बुरी आदतों से दूर रहते हैं और बाहरी दुनिया से ज्यादा अपने काम पर फोकस कर पाते हैं। हर कोई अनुशासित व्यक्ति का सम्मान करता है और उन्हें अपना आदर्श मानता है।

संक्षेप में, किसी व्यक्ति के जीवन में सबसे आवश्यक चीज अनुशासन है। अनुशासन में रहकर ही कोई सार्थक जीवन व्यतीत कर सकता है। यह हमें सही काम नहीं करने देता है और चारों ओर सकारात्मकता से भरा एक खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।

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अनुशासन निबंध 500 शब्द (Discipline Essay 500 words in Hindi)

अनुशासन पर निबंध- अनुशासन एक ऐसी चीज है जो प्रत्येक व्यक्ति को नियंत्रण में रखती है। यह व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। इसके अलावा, हर किसी के पास अनुशासन की अपनी संभावना होती है। कुछ लोग इसे अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं और कुछ नहीं। यह वह मार्गदर्शक है जो उपलब्धता व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जाती है।

महत्व और अनुशासन के प्रकार

अनुशासन के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस और निष्क्रिय हो जाएगा। साथ ही, एक अनुशासित व्यक्ति उन लोगों की तुलना में परिष्कृत तरीके से जीने की स्थिति को नियंत्रित और संभाल सकता है जो नहीं करते हैं।

इसके अलावा, यदि आपके पास कोई योजना है और आप उसे अपने जीवन में लागू करना चाहते हैं तो आपको अनुशासन की आवश्यकता है। यह आपके लिए चीजों को संभालना आसान बनाता है और अंततः आपके जीवन में सफलता लाता है।

यदि अनुशासन के प्रकारों की बात करें तो वे सामान्यत: दो प्रकार के होते हैं। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन।

प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन के लिए दूसरों से बहुत प्रेरणा और समर्थन की आवश्यकता होती है।

इन सबसे ऊपर, बिना किसी गलती के अपने दैनिक कार्यक्रम का पालन करना भी अनुशासित होने का हिस्सा है।

अनुशासन की आवश्यकता

हमें जीवन में लगभग हर जगह अनुशासन की आवश्यकता होती है। इसलिए, हमारे जीवन के शुरुआती चरणों से अनुशासन का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। आत्म-अनुशासन का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग चीजें हैं। छात्रों के लिए इसका अर्थ एक कर्मचारी के लिए अलग है इसका अर्थ अलग है, और बच्चों के लिए इसका अर्थ अलग है।

इसके अलावा, अनुशासन का अर्थ जीवन के चरणों और प्राथमिकता के साथ बदलता है। हर किसी को अनुशासित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसके लिए बहुत मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके लिए सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर की जरूरत होती है। अनुशासन के प्रति सख्त होना होगा ताकि वह सफलता की राह को सफलतापूर्वक पूरा कर सके।

अनुशासन के लाभ

शिष्य एक सीढ़ी है जिसके द्वारा व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है। यह एक व्यक्ति को जीवन में अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। साथ ही, यह उसे लक्ष्य से विचलित नहीं होने देता।

इसके अलावा, यह व्यक्ति के मन और शरीर को नियमों और विनियमों का जवाब देने के लिए प्रशिक्षण और शिक्षित करके व्यक्ति के जीवन में पूर्णता लाता है, जो उसे समाज का एक आदर्श नागरिक बनने में मदद करेगा।

अगर हम पेशेवर जीवन की बात करें तो अनुशासित व्यक्ति की तुलना में अनुशासित व्यक्ति को अधिक अवसर मिलते हैं। साथ ही, यह व्यक्ति के व्यक्तित्व में एक असाधारण आयाम जोड़ता है। इसके अलावा, व्यक्ति जहां भी जाता है, लोगों के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है।

अंत में, हम कह सकते हैं कि अनुशासन किसी के भी जीवन के प्रमुख तत्वों में से एक है। एक व्यक्ति तभी सफल हो सकता है जब वह एक स्वस्थ और अनुशासित जीवन व्यतीत करे। इसके अलावा, अनुशासन हमें कई तरह से मदद करता है और हमारे आस-पास के व्यक्ति को अनुशासित होने के लिए प्रेरित करता है। इन सबसे ऊपर, अनुशासन एक व्यक्ति को वह सफलता प्राप्त करने में मदद करता है जो वह जीवन में चाहता/चाहती है

अनुशासन निबंध पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

जीवन में अनुशासन क्यों जरूरी है.

अनुशासन सभी नियमों का पालन करने के बारे में है। बिना किसी नियम या कानून का पालन किए आप जीवन में सफल नहीं हो सकते।

हम अनुशासन कैसे बनाए रख सकते हैं?

किसी विशेष दिनचर्या का पालन करके और उस पर टिके रहकर अनुशासन बनाए रखा जा सकता है।

क्या सफल होने के लिए अनुशासन जरूरी है?

हां, हमें अनुशासन विकसित करना चाहिए और सफल होने के लिए उसी के अनुसार काम करना चाहिए।

सैन्य प्रशिक्षण को इतने गहन अनुशासन की आवश्यकता क्यों है?

सेना में लोगों को युद्ध और संकट की बहुत ही विकट परिस्थितियों में पनपना पड़ता है। आदेश और आदेश के संदर्भ में इसके लिए वर्षों के अभ्यास की आवश्यकता होगी।

अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi (1000W)

अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi (1000W)

आज हमने इस लेख में अनुशासन पर निबंध (Essay on Discipline in Hindi) लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, अनुशासन का अर्थ, जीवन और विभिन्न क्षेत्रों में इसका महत्व, लाभ, हानियां तथा अनुशासन पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (अनुशासन पर निबंध Essay on Discipline in Hindi)

अनुशासन दो प्रकार का होता है, एक जो वह हमें बाहरी समाज से मिलता है, तथा दूसरा हो जो हमारे अंदर खुद उत्पन्न होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का बहुत ज्यादा महत्व है। अनुशासन हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। 

जिसके बिना हमारे जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। हमारे जीवन के हर क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण है, चाहे वह दैनिक दिनचर्या हो, स्कूल हो, खेल का मैदान हो, कार्यक्षेत्र हो, या कोई भी अन्य कार्य हो।

जीवन में अनुशासन सही तरीके से जीने की एक कला है यदि हम अनुशासन का पालन न करे तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।

अनुशासन का अर्थ Discipline Meaning in Hindi

आईए जानते हैं अनुशासन का अर्थ क्या है? अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है, अनु+शासन। ‘अनु’ का अर्थ है पालन तथा ‘शासन’ का अर्थ है नियम। नियमों का पालन करना ही अनुशासन कहलाता है। अनुशासन ही मनुष्य को मनुष्य बनाता है। अनुशासनहीन व्यक्ति का जीवन व्यर्थ है।

जीवन में अनुशासन का महत्व Importance of Discipline in Life

अनुशासन जीवन जीने की एक महत्वपूर्ण शैली है। जो व्यक्ति अनुशासन के महत्व को समझ जाता है वह जीवन में बहुत आगे जाता है, और सदैव अपने जीवन में प्रगति करता है।

अनुशासन का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्व-

दैनिक जीवन (दिनचर्या) में अनुशासन Daily Life and Discipline

मनुष्य का दैनिक जीवन में उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है दैनिक दिनचर्या में यदि हम अनुशासन का नियमित रूप से पालन करते हैं तो हम शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगे ही, और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहेंगे। जब हम स्वस्थ रहेंगे तब हम अपने परिवार को भी स्वस्थ रख पाएंगे।

विद्यालय में अनुशासन Discipline in School

विद्यालय तो अनुशासन का दूसरा नाम ही है। विद्यालय में विद्यार्थी सही तरीके से अनुशासन का पालन करता है तो वह विद्यार्थी ही अपने जीवन में आगे बढ़ता है और जो व्यक्ति विद्यालय में अनुशासन का पालन नहीं करता है। वह दंड का पात्र बनता है, तथा वह अपने जीवन में सफल नहीं हो। इसी कारण हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत ही महत्व है।

खेल के मैदान में अनुशासन Discipline in Playground

खेल का मैदान एक ऐसा स्थान है जहां पर नियमों का सख्ती से पालन किया जाता है। यदि वह अनुशासन का पालन नहीं किया जाता है तो वहाँ किसी न किसी को चोट लग सकती है।

शारीरिक रूप से भी हानि होती है इसलिए खेल के मैदान में नियमों का कडा से कडा पालन किया जाता है। तथा किसी भी खेल में अनुशासन का बहुत ही महत्व है।

कार्यक्षेत्र में अनुशासन Discipline in Work

हर व्यक्ति का एक कार्यक्षेत्र होता है तथा इस कार्य क्षेत्र में अनुशासन का बहुत महत्व है। किसी भी कार्य क्षेत्र में अनुशासन का पालन नहीं किया जाए तो चरित्र का विकास नहीं हो सकता है। किसी भी कार्य में उन्नति प्राप्त करने के लिए अनुशासन के नियमों का पालन करना अति आवश्यक है।

समाज में अनुशासन Discipline in Society

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है उसे समाज में रहने के लिए समाज के नियमों का पालन करना अति आवश्यक है। उसे समाज में अनुशासन का पालन करना ही पड़ता है तभी उसे समाज में प्रतिष्ठा मिलती है, तथा वाह सम्मानित महसूस करता है।

अनुशासन से लाभ Benefits of Discipline in Hindi

जीवन में अनुशासन का पालन करने से अनेक  लाभ मिलते हैं। अनुशासित व्यक्ति हर क्षेत्र में सदैव प्रगति करता है तथा अनुशासन हीन व्यक्ति हर क्षेत्र में पीछे रह जाता है। 

शैक्षिक संस्थाओं, सेना में अनुशासन का दृढ़ता पूर्वक पालन किया जाता है। वहां अनुशासन का पालन न करने पर कठोर दंड दिया जाता है। 

अनुशासित रहकर अच्छा जीवन व्यतीत किया जा सकता है। अनुशासित व्यक्ति को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।

अनुशासनहीनता से हानियां Disadvantages of Indiscipline

अनुशासनहीनता एक बीमारी की तरह है यह हमारे समाज को नष्ट कर देता है। दुर्भाग्यवश अनुशासनहीनता बढ़ती चली जा रही है। विद्यालय, छात्रावास, बाजार, घर, समाज, सरकार, आदि सभी में अनुशासन का अभाव दिखाई पड़ता है।

अनुशासन पर 10 लाइन Few Lines about Discipline in Hindi

  • अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है।
  • अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है अनु+शासन, ‘अनु’ का अर्थ है पालन तथा ‘शासन’ का अर्थ है नियम।
  • मनुष्य जीवन में अनुशासन एक अभिन्न अंग है।
  • अनुशासन का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है।
  • जीवन के हर कार्य में अनुशासन की जरूरत होती है।
  • अनुशासित रहना सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है।
  • हमें अपनों से बड़ों के साथ हमेशा अनुशासन में रहना जरूरी है।
  • अनुशासन जीवन जीने की एक महत्वपूर्ण शैली है।
  • जो व्यक्ति अनुशासन के महत्व को समझ जाता है वह जीवन में बहुत आगे जाता है, और सदैव अपने जीवन में प्रगति करता है।
  • जीवन में अनुशासन का पालन करने से अनेक लाभ मिलते हैं।

अनुशासन ही सफलता की सीढ़ी है, ऐसा कहना गलत नहीं होगा। अनुशासन व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलता है। अनुशासित व्यक्ति बिना किसी परेशानी के आगे बढ़ते चले जाता है। 

किसी ने कहा है-

अनुशासन का कोई विकल्प नहीं होता है। अनुशासन खुद सर्वश्रेष्ठ विकल्प होता है।

यदि आपको हमारा अनुशासन पर यह निबंध (Essay on Discipline in Hindi) अच्छा लगा हो तो हमें कमेंट के माध्यम से बताइए। धन्यवाद।

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Nibandh

अनुशासन पर निबंध

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रुपरेखा : प्रस्तावना - अनुशासन का अर्थ - अनुशासित व्यक्ति के गुण - अनुशासन का महत्त्व - अनुशासन के नियम - अनुशासन के लाभ - उपसंहार।

अनुशासन किसी के व्यक्तित्व का आधार होता है। हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है। अगर आधार सही नहीं है, तो व्यक्तित्व मजबूत नहीं हो सकता। अनुशासन हमे सही समय में सही तरीके से समय का उपयोग करना तथा काम करना सिखाता हैं। अनुशासित होने का अर्थ है अपने शरीर और मस्तिष्क पर नियंत्रण रखना। यह हमें अपने समाज के नियमों का पालन करने योग्य बनाता है।

अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है - 'अनु' और 'शासन'। अनु का अर्थ है 'पालन' और शासन का अर्थ है 'नियम'। अनुशासन का अर्थ है 'नियमों का पालन करना'। हमारे जीवन में अनुशासन का अधिक महत्व है यह हमें नियमों का पालन करना सिखाता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज में रहता है और उसमें रहने के अनुशासित रहना आवश्यक है। अनुशासन हमारी सफलता की वह सीढ़ी है, जिसके सहारे हम अपनी मंजिल हासिल कर सकते है तथा अपने सपने पुरे कर सकते है।

हमलोगों को बचपन से ही अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाता है। बैठना, खड़ा होना, बात करना, खाना खाना, व्यवहार करना आदि के तरीके अनुशासन के प्रारंभिक पाठ हैं। हमारे बुजुर्ग हमें ये पाठ पढ़ाते हैं। हम कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं, परंतु हमें यह समझना चाहिए कि यह हमारी भलाई के लिए ही है। एक अनुशासित व्यक्ति अपने समाज के सभी नियमों का पालन करता है। वह दूसरों को सम्मान देता है और दूसरों से सम्मानित होता है। उसे अपने व्यवहार पर पूर्ण नियंत्रण रहता है। वह कभी कानून का उल्लंघन नहीं करता। वह कभी किसी को दुःख नहीं देता। वह एक सच्चा देशभक्त होता है। वह स्वयं को भ्रष्टाचार एवं धोखेबाजी से दूर रखता है।

छात्र-जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्त्व होता है। छात्र को हर सुबह जल्दी जग जाना चाहिए। उसे अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए। उसे अपना अधिकांश समय अपने अध्ययन में देना चाहिए। उसे झूठ नहीं बोलना चाहिए। उसे कभी भी धोखा नहीं देना चाहिए। उसे कभी किसी के प्रति अशिष्ट नहीं होना चाहिए। उसे अच्छी संगति रखनी चाहिए। छात्र देश के भविष्य होते हैं। इसलिए उन्हें उचित रूप से अनुशासित होना चाहिए। संसार के प्रत्येक महान् व्यक्ति का जीवन अनुशासित रहा है। अनुशासन के बिना कोई व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। अनुशासन हमें हमेशा शानदार अवसर देता है जैसे, आगे बढ़ने का सही तरीका, जीवन में नई चीजें सीखने, कम समय के भीतर अधिक अनुभव करने, आदि। जबकि, अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा होते हैं। अनुशासनहीनता के कारण जीवन में कोई शांति और प्रगति नहीं होती है, जिस कारण मनुष्य अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता और अपने जीवन से निराश होकर गलत कदम उठाने पर विवश हो जाता हैं।

हमें अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करना चाहिए। क्योंकि बाल काल से अनुशासन ही सफल जीवन की पहली सीड़ी मानी जाती है। हम अपने जीवन में अनुशासन को अपनाने के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए :

  • एक संतुलित और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए।
  • अपने से छोटे और बड़े लोगों का सम्मान करना चाहिए।
  • अपने कार्यों को समय पर पूरा करने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।
  • व्यर्थ के कार्यों से दूर रहना चाहिए अर्थात समय का सही उपयोग करना चाहिए।
  • बुरी आदतों और कार्यों से हमेशा दूर रहना चाहिए।
  • हर व्यक्ति के प्रति सकारात्मक सोच रखना चाहिए।
  • अपने कार्यों के प्रति पूरी लगन रखना चाहिए और हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए।
  • अपने जीवन में कोशिश करें की हमेशा सयम से काम करें।

जीवन में अनुशासन से रहने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। अनुशासित रहने वाले व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता प्राप्त करते हैं। विद्यार्थियों के लिये अनुशासन सफलता का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यदि कोई छात्र अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हुए अपना अध्ययन करता है, तो उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। यही कारण है कि छात्र जीवन में अनुशासन को सफलता का आधार माना गया है। जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते हैं, वह कई तरह की परेशानियों से दूर रहते हैं। इसके साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन के साथ जीवन जीते हैं, उन्हें अनुशासनहीन व्यक्तियों कि अपेक्षा जीवन में कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। एक ओर जहाँ छात्रों के लिये यह उनके भविष्य को सुनहरा बनाने का कार्य करता है, वही दूसरी ओर नौकरी-पेशा लोगों के लिये यह तरक्की के मार्ग भी खोलता है।

स्वतंत्रता के पहले बहुत-सी समस्याएँ नहीं थीं। लेकिन अब, हमारा देश भ्रष्टाचार, घूसखोरी, घोटाला, धोखेबाजी, आतंकवाद आदि-जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। कुछ युवा भ्रमित हो चुके हैं। सिर्फ शिक्षित और अनुशासित युवा ही हमारे देश को उज्ज्वल भविष्य दे सकते हैं। अंत: यह कहना गलत नहीं होगा कि अनुशासन वह सीढ़ी है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई की ओर चढ़ सकता है। यह उसे अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्य से भटकने नहीं देता हैं। अनुशासन ही इन समस्याओं का एकमात्र समाधान है।

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अनुशासन पर निबंध – Anushasan Essay in Hindi

Anushasan Essay in Hindi आज हम अनुशासन पर निबंध हिंदी में लिखने वाले हैं. Discipline पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए है. इस निबंध को हमने अलग-अलग शब्द सीमा में लिखा है जिससे अनुच्छेद और निबंध लिखने वाले विद्यार्थियों को कोई भी परेशानी नहीं हो और वह Essay on Discipline in hindi  के बारे में अपनी परीक्षा में लिख सकेंगे.

Anushasan Essay in Hindi 150 words

जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है इसके बिना सफल जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. जो भी अपने जीवन में अनुशासन नहीं रखता है वह कभी भी सफल नहीं हो सकता चाहे वह मनुष्य हो या फिर कोई वन्य प्राणी.

अगर हमें जीवन में सफल होना है तो समय पर उठना होगा समय पर सोना होगा और बिना समय को खराब करें अनुशासन की पालना करनी होगी. Anushasan किसी के सिखाने से नहीं आता यह स्वंय को सीखना होता है.

Anushasan Essay in Hindi

जैसे गुरु आपको शिक्षा दे सकते हैं सही मार्ग पर चलना सिखा सकते है लेकिन उस शिक्षा का आप किस प्रकार अनुसरण करते है यह आप पर निर्भर करता है. अगर आप एक सफल व्यक्ति बनना चाहते है और अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहते हैं तो अपने जीवन में अनुशासन की आज और अभी से पालना करनी शुरू कर दे और हमेशा अपने से बड़ों को सम्मान दें.

Anushasan Essay in Hindi 250 words

हमारे जीवन का हर एक क्षण मूल्यवान है अगर हम जीवन को बिना अनुशासन के जीते हैं तो हमेशा ही दुख और असफलता का मुंह देखना पड़ता है. Discipline का मतलब होता है कि अपने जीवन में कुछ नियम बनाकर चलें और साथ ही समय का सदुपयोग करते हुए अपना जीवन जिए.

अनुशासन की गई कारण आप सोचते हैं कि हम नियमों में अगर बंध जाएंगे तो अपना जीवन खुशहाली पूर्वक कैसे जी पाएंगे ?

अनुशासन का मतलब यह नहीं होता है कि आप अपनी इच्छा अनुसार अपना जीवन नहीं जी पाएंगे इसका मतलब यह होता है कि आपको हर कार्य समय पर और व्यवस्थित ढंग से करना होता है

जैसे सुबह उठने से लेकर स्कूल जाने तक, ऑफिस जाने तक, किसी जरूरी कार्य पर जाने तक अगर आप इन कार्यों को समय पर नहीं करते है तो आप जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते है. और साथ ही कई लोग आपका साथ भी छोड़ देते है जिससे आप जीवन में अकेले पड़ जाते है.

अगर आप जीवन को अनुशासन से जिएंगे तो आप जीवन में सफल नहीं होंगे बल्कि लोग आपका आदर और सम्मान भी करेंगे. अनुशासन का मतलब यह भी होता है कि वह बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें और सभी लोगों से आदर और प्रेम पूर्वक बात करें. कभी भी ऐसा काम ना करें जिससे किसी भी व्यक्ति को चोट या ठेस पहुंचे.

अपने जीवन में एक बात गांठ बांधकर चलें कि हमें हमेशा समय का सदुपयोग करना है और जीवन को Anushasan से जीना है तभी हमारे जीवन जीना सफल हो पाएगा.

Essay on Discipline in Hindi 350 Words

अनुशासन किसी व्यक्ति या संस्था के सफल भविष्य निर्माण कर सकता है अगर अनुशासन नहीं होगा तो भविष्य का निर्माण कभी भी नहीं हो सकता है. अनुशासन सफलता की कुंजी है जिससे कठिन से कठिन परीक्षा में भी सफल हो या जा सकता है.

Discipline हमें हमेशा अपनी सीमा में रहना सिखाता है लेकिन अनुशासन ही हमें सीमाओं को तोड़ना भी सिखाता है. जिस प्रकार जीवन जीने के लिए जल की जरूरत होती है उसी प्रकार जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासन का भी उतना ही महत्व होता है.

हम अपने आसपास के माहौल से बहुत सी चीजें सीखते है जिनमें कुछ चीजें अच्छी होती है तो कुछ बुरी भी होती हैं अनुशासन हमें सही और गलत में फर्क करना सिखाता है. अनुशासन हमें समय के साथ चलना और परिवर्तन करना भी भली-भांति सिखाता है.

हम अनुशासन की प्रेरणा प्रकृति से रह सकते है जैसे सूरज हर रोज सुबह अपने समय पर निकलता है और शाम को ढल जाता है उसी के साथ पृथ्वी की अपनी धुरी पर घूमती है और हमें दिन से रात और रात से दिन देखने को मिलता है.

यह भी पढ़ें –   विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi

इस बात से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमेशा समय के साथ चलें और संसार में होने वाले परिवर्तनों को भी अपनाते रहे, तभी हम सफलता की सीढ़ी चढ़ सकेंगे. जीवन में प्रतिदिन समस्याएं आती रहेंगी लेकिन अगर हम अनुशासन में रहते है तो उनका हल हम निकाल ही लेते है.

अनुशासन में सिर्फ समय की पालना करना और समय के साथ चलना है ही नहीं आता है Discipline किसे कहते हैं जिसमें व्यक्ति सभी लोगों से प्रेम भाव से बात करता हो, अपने से बड़े लोगों को आदर और सम्मान देता हो, कभी किसी को नीचा दिखाने की कोशिश ना करता हो यह सब अनुशासन ही हमें सिखाता है.

कुछ अनुशासन का भाग हमें शिक्षको और अपने माता-पिता द्वारा सीखने को मिलता है. वे हमेशा हमें अच्छी बातें सीखने को कहते है और अगर हम कभी कुछ गलत करते हैं तो हमें हमारी गलती का भी एहसास कराते है वे हमें सही मायनों में अनुशासन में रहना सिखाते है.

इसलिए अगर आपको अपना जीवन खुशहाली और सफलता पूर्वक बिताना है तो हमेशा अनुशासन की पालना करें.

Anushasan Essay in Hindi 1000 words

अनुशासन शब्द से ही हमें सीखने को मिलता है कि अपने आप अपनी गलतियों का अनुसरण करना और सही मार्ग अपनाना ही अनुशासन कहलाता है. अनुशासन का एक और मतलब है कि आप अपने ऊपर स्वयं कंट्रोल रख सकें.

क्योंकि इस दुनिया में ज्यादातर लोग आपको गलत राह पर ले जाने की कोशिश करते है और अगर आपका अपने आप पर ही कंट्रोल नहीं होगा तो आप गलत राह पर जा सकते है इसलिए जीवन में अनुशासन का अहम स्थान है इसके बिना सफल जीवन की कामना करना वैसा ही है जैसे बिना बीज बोए फसल की कामना करना.

Anushasan हम में पहले से ही होता है लेकिन उस को अमल में लाने की जरूरत होती है जिसके लिए हमें बचपन से ही विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा जाता है जिससे वहां के शिक्षक हमें पढ़ाई के साथ-साथ अनुशासन भी सिखाते है.

जब हम छोटे बच्चे होते हैं तब हम एक खाली किताब की तरह होते है जिसमें उस समय जो भी लिख दिया जाता है वह जिंदगी भर हमारे साथ रहता है. इसलिए हमें बचपन से ही बड़ों का आदर करना और समय को बर्बाद नहीं करना सिखाया जाता है.

Discipline हम किसी को सिखा नहीं सकते हैं यह तो हम सिर्फ उनको बता सकते है लेकिन इस को अमल में लाना उन पर निर्भर करता है. हमारे माता पिता हमें सही और गलत में फर्क करना सिखा सकते हैं लेकिन अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम गलत का साथ देते हैं या फिर सही का यहां पर हमारा अनुशासन ही काम आता है जो कि हमें सही राह पर चलना सिखाता है.

अनुशासन सफलता की पहली सीढी है जिसके बिना सफलता की कामना नहीं की जा सकती है. अनुशासन सभी जगह पर काम आता है चाहे वह किसी कार्यालय में जाना हो या स्कूल में जाना हो खेलने जाना है पढ़ने जाना हो या फिर किसी से मिलने जाना हो.

अगर हम Anushasan में रहेंगे तो यह कार्य हम बहुत ही सरल ढंग से कर लेंगे लेकिन अगर हमारा जीवन में अनुशासन नहीं होगा तो हम कभी भी समय पर कार्यालय नहीं पहुंच सकते और समय पर किसी से मिलने नहीं जा सकते.

जिसके कारण लोग हम पर विश्वास करना कम कर देंगे और जीवन में अगर एक बार किसी से विश्वास उठ जाता है तो दोबारा विश्वास कायम करने में बहुत समय लग जाता है इसलिए हमेशा हमें अनुशासन में रहना चाहिए.

हमारे देश में बहुत से महापुरुष हुए हैं जो कि हमेशा अनुशासन का पालन करते थे जिसके कारण उन्हें महापुरुष का जाता है उनमें से एक हमारे पूज्य महात्मा गांधी जी है. जिनके अनुशासन के कारण आज हमारा देश आजाद हो पाए है.

वह जब देश को आजाद कराने चले थे तब अकेले ही चले थे लेकिन उनके अनुशासन के कारण लोगों का उन पर विश्वास बढ़ता गया और लोग उनके साथ जुड़ते गए और परिणाम स्वरुप हमारा देश आजाद हो गया. इस से आप समझ सकते हैं कि अनुशासन का जीवन में कितना बड़ा महत्व होता है.

अनुशासन में रहना हम एक छोटी सी चींटी से भी सीख सकते हैं अगर आपने कभी चीटियों को देखा होगा तो वह हमेशा एक कतार में चलती है और लगातार अपने कार्य में लगी रहती हैं हम अगर उनके रास्ते में कोई बाधा भी उत्पन्न करते हैं तब भी वह कोई ना कोई रास्ता निकाल कर अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाती है.

और हम मनुष्य हैं कि जब भी हमें कतार में लगने को कहा जाए तो हमें ऐसा लगता है कि हमें नियमों में बांधा जा रहा है लेकिन हम यह नहीं समझते कि हमारे कतारबद्ध रहने से सभी का काम जल्दी होगा.

यह छोटी-छोटी अनुशासन में रहने की बातें हम हमारे पर्यावरण से सीख सकते हैं लेकिन हम हमेशा इन बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जिसके कारण हमें जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

हम अनुशासन में रहना एक बहती हुई नदी से सीख सकते हैं जो कि हमेशा अपने पथ पर बहती है और अगर उसके पथ के बीच में कोई चट्टान भी आ जाए तो वह उसे काट कर आगे चली जाती है. वह उस पहाड़ को इसलिए ही काट पाती है क्योंकि वह चट्टान को देखकर अपना रास्ता नहीं बदलती है.

अगर हम भी जीवन में Discipline में रहें और अपने लक्ष्य ऊपर ही ध्यान रखे तो जीवन में कितनी भी बड़ी कठिनाई क्यों ना आए हम उसे आसानी से पार कर सकते है. आपने देखा होगा कि अनुशासन के पालन करने से ही आज हमारे देश में कई सफल व्यक्ति है.

जैसे धीरूभाई अंबानी,रतन टाटा, अजीज प्रेम जी और हमारे देश के प्रधानमंत्री ऐसे कई सफल व्यक्ति हैं जिन्होंने अनुशासन की सहायता से अपने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं जिनके आज देश में ही नहीं विदेशों में भी उनकी सफलता के लिए जाना जाता है.

आप इन सभी व्यक्तियों को या तो देखा होगा तो यह सभी हमेशा अनुशासन का पालन करते हैं हमेशा अपना कार्य समय पर करते है इन सभी व्यक्तियों की निर्णय लेने की क्षमता अच्छी होती है इसका कारण यही होता है कि यह हमेशा अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखते है.

अनुशासन हमारे जीवन का अनिवार्य और अभिन्न अंग है जिसके बिना सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती है. अनुशासन की प्रेरणा हम किसान से ले सकते हैं क्योंकि किसान जब खेत में बीज बोता है तो उसे वो कर भूल नहीं जाता है वह प्रतिदिन उसे खाद और पानी देता है तभी जाकर फसल की पैदावार होती है.

किसान के लिए यही अनुशासन है अगर वह नियमित रूप से फसल को पानी और खाद नहीं देगा तो फसल की पैदावार नहीं होगी इसी प्रकार अगर हम नियमित रूप से सफलता के लिए मेहनत नहीं करेंगे तो हमारा असफल होना तय है.

Anushasan के मायने सभी व्यक्तियों के लिए अलग अलग हो सकते हैं जैसे कार्यालय में जाने वाले व्यक्ति हमेशा समय से कार्यालय पर पहुंचे और अपना कार्य सही ढंग से करें.

विद्यार्थियों के लिए अनुशासन का रूप है कि वह सदा अपने गुरुजनों का आदर करें और प्रतिदिन विद्यालय में जाए और एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई करें.

खिलाड़ी के लिए आवश्यक है कि वह प्रतिदिन अपने खेल के प्रति समर्पित रहे उसको और अच्छा करने के लिए प्रतिदिन प्रयास करता रहे.

सेना में सैनिक के लिए अनुशासन का रूप है कि वह हमेशा देश की सेवा करता रहे और देश की सेवा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करें.

यह भी पढ़ें –

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – Vidyarthi aur Anushasan Essay in Hindi

विद्यार्थी का परिचय – Self Introduction in Hindi for Student

मेरा बचपन पर निबंध – Mera Bachpan Essay in Hindi

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Anushasan Essay in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

28 thoughts on “अनुशासन पर निबंध – Anushasan Essay in Hindi”

Thanku this essay helpful for me

This is great essay😀😀 THANKS!!!! Please write essay on APJ Abdul kalam

Thank you Addhyan mishra for appreciation and we are written essay on APJ Abdul kalam very soon.

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thank you Bhavjot Singh for appreciation.

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Welcome Shudhanshu keep visiting hindi yatra.

Thanks sir for upload essay this is very helpful to complete my hindi homework

Welcome Rohan and keep visiting hindiyatra.

Thank you very much for these essays…….

Thank you Vivek for appreciation, we glad you like our content.

Thanks sir… Bt isme kuchh points missing h… Jese. Bhumika, etc.. Jo ki class. Class 11 ke level ka nhi h…. Bt at all.. Is sassy s grade achhe gain kiye..

Ananya, Yah nibandh choti class ke liye likha gya, hum jald hi isse vistrit trike se likhe ge.

Thanks but isme bhumika nahi hai and essay ki starting is too light not for a level of class 9

Akshita ji apna sujhav dene ke liye Dhanyawad, hum jald hi bhumika wala nibandh bhi update kare ge.

Thankyou sir ye nibandh bohut accha hein mere exam mein ye topic aya to mein yahi likhungi

Welcome Tina and thank you for appreciation.

The way it is writen is fantastic

Thank you Ishika for appreciation and keep visiting hindi yatra.

Thank you so much for this nibandh….it was really very helpful for my project …..Once again thank you so so much 😄😄

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Congratulations on getting you A grade and we were very pleased to know that you liked our website. Stay tuned to our website and encourage us. Thank you

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Thank you Sakshi Bhardwaj

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  • Discipline Essay in Hindi | अनुशासन पर निबंध

आज के इस लेख में हम और आप अनुशासन के महत्व पर निबंध हिंदी में {Anushasan Ke Mahatva Par Nibandh in Hindi} पढ़ेंगे। आपने हमारे Blog पर पिछले Hindi Essay के लेख में भारतीय किसान पर हिंदी में निबंध पढ़े थे।

आप आज का यह आर्टिकल – Discipline Essay in Hindi, पढ़ने के बाद comment box के माध्यम से हमें जरूर से जरूर बताये की आपको यह लेख कैसा लगा। अब आप नीचे scroll करके इसे पढ़ना सुरु कीजिए।

Table Of Contents

  • 1.1 Essay on Discipline in Hindi
  • 1.2 अंतिम विचार –

Anushasan Ke Mahatva Par Nibandh in Hindi

Discipline Essay in Hindi | अनुशासन पर निबंध

Essay on Discipline in Hindi

Discipline ‘अनुशासन’ का अर्थ है – शासन में रहना, नियम, कानून कायदे को मानना। यह शासन अपने विवेक का हो या अपनी सरकार अथवा समाज का, इस शासन का नियंत्रण नहीं रहने से स्वतंत्रता, स्वछंदता बन जाती है।

जो व्यक्ति और समाज दोनों को ले रूकती है। पृथ्वी, सूर्य, चंद्र आदि प्रकृति के सारे उपादान (Discipline) – अनुशासन-बद्ध है। संपूर्ण सृष्टि अनुशासन से संचालित है।

अतः जीवन में अनुशासन का अत्यधिक महत्व है। अनुशासन (Discipline) ही सेना की शक्ति है। एक सेना-नायक के नियंत्रण में अनुशासनबद्ध होकर ही हुए एक सशक्त सेना का निर्माण करते हैं।

इसीलिए सेना की शक्ति उसकी संख्या नहीं होती है अपितु उसका अनुशासन होती है। जिस परिवार में (Discipline), अनुशासन की कड़ी जितनी ही मजबूत होती है, वह परिवार उतना ही सशक्त सुखी एवं संपन्न होता है।

शासन ही किसी कार्यालय की श्रेष्ठा का आधार है। यदि कर्मचारी कार्यालय के नियमों का अनुसरण ना करें, वे अपने अधिकारों के आदर्शों का पालन ना करें तो वहां कोई काम सुचारू रूप से संपादित न हो सकेगा।

अनुशासन–(Discipline) ही जीवन की गति है। यह निर्विवाद सच है कि सुखी सामाजिक जीवन अनुशासनबद्धता पर ही निर्भर है। इस अनुशासनबद्धता की शिक्षा मिलती है अपने बड़े-बूढ़ों के आचरण से।

अतः यदि हम चाहते हैं कि बच्चे अनुशासित होकर प्रतिष्ठित नागरिक बने, तो हमें अपने आप को अनुशासित बनाना होगा। उनके सामने कोई ऐसी बात कोई ऐसा काम ना करना होगा जिससे उनमें उच्छखलता का भाव आए।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व –

अनुशासन – (Discipline) की आवश्यकता छात्र जीवन के लिए सबसे अधिक है। वह विवेक संगत श्रृंखला में बने रहने की आदत डालें। उनकी सामर्थ्य बिखर कर बर्बाद ना होने पाए।

उनकी साधना के बादल चट्टान और बंजर पर न बरसे। उनकी लालसा कलंक से काले पड़े भौरे की लालसा मात्र न बन जाए। इसके लिए छात्रों को व्यवहारिक जीवन में अनुशासन के नियमों का पालन करना परम आवश्यक है।

जीवन के हर क्षेत्र में अनुशासन की आवश्यकता पड़ती है। केवल विद्यालय ही नहीं वरन परिवार एवं समाज में भी अनुशासन, (Discipline) के नियमों का पालन करना चाहिए।

(Discipline), अनुशासन की पहली सीढ़ी है नम्रतापूर्वक व्यवहार करना, बोलने-चालने, उठने-बैठने, खाने-पीने आदि में अनुशासित व्यवहार छात्रों में उच्च गुणों का समावेश करते हैं।

छात्रों को समझना चाहिए कि अनुशासन में बंधा हुआ जीवन, पिंजरे में कैद किसी पक्षी का रुद्ध-क्षुब्ध जीवन नहीं होता है वरण अनुशासन – (Discipline) तो सदभावो का प्रेरक, विनय और शील का सृस्टा, साधना का शाखा और निरंकुश स्वेच्छाचार का दुश्मन होता है। अतः छात्र जीवन में इसका अत्यंत महत्व है क्योंकि “अनुशासन ही सफलता का मूल मंत्र होता है।”

अंतिम विचार –

आज के इस लेख में हमने अनुशासन पर निबंध हिंदी {Anushasan Essay in Hindi} में पढ़ा। आपको यह लेख कैसा लगा नीचे दिए गए comment box में हमे जरूर बताये।

अगर आपको आज का यह लेख Anushasan Par Nibandh अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों एवं छात्रों के साथ social media पर भी share जरूर करे।

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10 Lines on Discipline in Hindi – अनुशासन पर 10 लाइन

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10 Lines on Discipline in Hindi: इस पोस्ट में हम आपको अनुशासन के बारे में 10 लाइन दे रहे हैं। यह आपके लिए सबसे अच्छी जगह है। ये टिप्स और ट्रिक्स छात्रों को अनुशासन पर पूर्ण निबंध लिखने में मदद करेंगे। यह निबंध बहुत ही सरल और याद रखने में आसान है। यह आपके लिए मददगार है।

हमने 10 Lines on Discipline in Hindi के नीचे उल्लेख किया है। यह लेख उन छात्रों की मदद कर सकता है जो अनुशासन के बारे में जानकारी की तलाश में हैं। इस निबंध का स्तर मध्यम है, इसलिए कोई भी छात्र इस विषय पर लिख सकता है। मुझे आशा है कि यह आपके जैसा है।

essay on discipline hindi

Table of Contents

10 Lines on Discipline in Hindi

Pattern 1  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, and 5 Students.

  • अनुशासन का अर्थ है आचरण के नियमों का पालन करना।
  • अनुशासित व्यक्ति को हमेशा सफलता मिलती है। हर जगह उनका सम्मान किया जाता है।
  • जीवन में सभी क्षेत्रों को अनुशासन आवश्यक है। घर में इसकी बहुत जरूरत होती है।
  • पिता आमतौर पर परिवार का मुखिया होता है। इसलिए परिवार के हर सदस्य को उसकी बात माननी चाहिए।
  • स्कूलों और कॉलेजों में अनुशासन जरूरी है।
  • यहां छात्रों को संस्था के मुखिया की बात माननी चाहिए। अगर वे नहीं करते हैं, तो सब कुछ गलत हो जाता है।
  • खेल के मैदान के लिए भी अनुशासन जरूरी है।
  • खिलाड़ियों को रेफरी की बात माननी चाहिए और खेल के नियमों के अनुसार खेलना चाहिए।
  • सैनिकों के बीच और युद्ध के मैदान में भी अनुशासन बहुत जरूरी है।
  • यह व्यापार और वाणिज्य और जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में भी आवश्यक होता है।

10 Lines on Discipline in Hindi

10 Lines on Discipline

Pattern 2 –   10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 6, 7, 8, and 9 Students.

  • Discipline Means obedience to the rules of conduct.
  • A Disciplined Person always wins success. He is respected everywhere.
  • Discipline is Necessary for all fields of life. It is very much necessary at home.
  • Father is Usually the head of the family. So every member of the family should obey him.
  • Discipline is Necessary at schools and colleges.
  • Here the Students should obey the head of the institution. If they do not, everything goes wrong.
  • Discipline is also necessary for the playground.
  • The Players should obey the referee and play according to the rules of the game.
  • Discipline is very much necessary among soldiers and on the battlefield.
  • It is also Necessary for Trade and Commerce and in all other fields of life.

10 Lines on Discipline in English

Short Essay on Discipline in Hindi

Pattern 3  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

अनुशासन का अर्थ है आचरण के नियमों का पालन करना। अनुशासित व्यक्ति को हमेशा सफलता मिलती है। हर जगह उनका सम्मान किया जाता है। जीवन में सभी क्षेत्रों को अनुशासन आवश्यक है। घर में इसकी बहुत जरूरत होती है।

जीवन में सभी क्षेत्रों को अनुशासन आवश्यक है। घर में इसकी बहुत जरूरत होती है। पिता आमतौर पर परिवार का मुखिया होता है। इसलिए परिवार के हर सदस्य को उसकी बात माननी चाहिए। स्कूलों और कॉलेजों में अनुशासन जरूरी है।

यहां छात्रों को संस्था के मुखिया की बात माननी चाहिए। अगर वे नहीं करते हैं, तो सब कुछ गलत हो जाता है। खेल के मैदान के लिए भी अनुशासन जरूरी है। खिलाड़ियों को रेफरी की बात माननी चाहिए और खेल के नियमों के अनुसार खेलना चाहिए। सैनिकों के बीच और युद्ध के मैदान में भी अनुशासन बहुत जरूरी है। यह व्यापार और वाणिज्य और जीवन के अन्य सभी क्षेत्रों में भी आवश्यक होता है।

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10 Lines on Discipline in Odia for Students

Pattern 4  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • ଅନୁଶାସନର ଅର୍ଥ ହେଉଛି ଆଚରଣ ବିଧି ଅନୁସରଣ କରିବା |
  • ଜଣେ ଶୃଙ୍ଖଳିତ ବ୍ୟକ୍ତି ସର୍ବଦା ସଫଳତା ପାଇଥାଏ | ତାଙ୍କୁ ସବୁ ସ୍ଥାନରେ ସମ୍ମାନ ଦିଆଯାଏ |
  • ଜୀବନର ସମସ୍ତ କ୍ଷେତ୍ରରେ ଅନୁଶାସନ ଆବଶ୍ୟକ | ଏହା ଘରେ ବହୁତ ଆବଶ୍ୟକ |
  • ବାପା ସାଧାରଣତଃ ପରିବାରର ମୁଖ୍ୟ ଅଟନ୍ତି | ସେଥିପାଇଁ ପରିବାରର ପ୍ରତ୍ୟେକ ସଦସ୍ୟ ତାଙ୍କୁ ମାନିବା ଉଚିତ୍ |
  • ବିଦ୍ୟାଳୟ ଓ ମହାବିଦ୍ୟାଳୟରେ ଅନୁଶାସନ ଆବଶ୍ୟକ |
  • ଏଠାରେ ଛାତ୍ରମାନେ ଅନୁଷ୍ଠାନର ମୁଖ୍ୟଙ୍କୁ ମାନିବା ଉଚିତ୍ | ଯଦି ସେମାନେ ତାହା କରନ୍ତି ନାହିଁ, ସବୁକିଛି ଭୁଲ୍ ହୋଇଯାଏ |
  • ଖେଳ ପଡିଆ ପାଇଁ ଅନୁଶାସନ ମଧ୍ୟ ଆବଶ୍ୟକ |
  • ଖେଳାଳିମାନେ ରେଫରିଙ୍କୁ ମାନିବା ଏବଂ ଖେଳର ନିୟମ ଅନୁଯାୟୀ ଖେଳିବା ଜରୁରୀ |
  • ସୈନିକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଏବଂ ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରରେ ମଧ୍ୟ ଅନୁଶାସନ ଅତ୍ୟନ୍ତ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ |
  • ବାଣିଜ୍ୟ ଏବଂ ବାଣିଜ୍ୟ ଏବଂ ଅନ୍ୟାନ୍ୟ କ୍ଷେତ୍ରରେ ମଧ୍ୟ ଏହା ଆବଶ୍ୟକ |

10 Lines on Discipline in Telugu for Students

Pattern 5  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • క్రమశిక్షణ అంటే ప్రవర్తనా నియమాలను పాటించడం.
  • క్రమశిక్షణ కలిగిన వ్యక్తి ఎప్పుడూ విజయం సాధిస్తాడు. అతను ప్రతిచోటా గౌరవించబడ్డాడు.
  • జీవితంలోని అన్ని రంగాలలో క్రమశిక్షణ అవసరం. ఇది ఇంట్లో చాలా అవసరం.
  • తండ్రి సాధారణంగా కుటుంబానికి అధిపతి. అందుకే కుటుంబంలోని ప్రతి ఒక్కరు ఆయనకు కట్టుబడి ఉండాలి.
  • పాఠశాలలు, కళాశాలల్లో క్రమశిక్షణ అవసరం.
  • ఇక్కడ విద్యార్థులు సంస్థ అధిపతికి కట్టుబడి ఉండాలి. వారు చేయకపోతే, ప్రతిదీ తప్పు అవుతుంది.
  • ఆటస్థలానికి క్రమశిక్షణ కూడా అవసరం.
  • ఆటగాళ్ళు రిఫరీకి కట్టుబడి ఉండాలి మరియు గేమ్ చట్టాల ప్రకారం ఆడాలి.
  • సైనికులలో మరియు యుద్ధరంగంలో కూడా క్రమశిక్షణ చాలా ముఖ్యమైనది.
  • ఇది వాణిజ్యం మరియు వాణిజ్యం మరియు జీవితంలోని అన్ని ఇతర రంగాలలో కూడా అవసరం.

10 Lines on Discipline in Marathi for Students

Pattern 6  –  10 Lines Essay  or  Shorts Essay  is very helpful for classes 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, to Higher Class Students.

  • शिस्त म्हणजे आचार नियमांचे पालन करणे.
  • शिस्तप्रिय व्यक्तीला नेहमीच यश मिळते. त्याचा सर्वत्र आदर केला जातो.
  • जीवनाच्या सर्व क्षेत्रात शिस्त आवश्यक आहे. घरात त्याची खूप गरज असते.
  • वडील सहसा कुटुंबाचे प्रमुख असतात. म्हणूनच कुटुंबातील प्रत्येक सदस्याने त्याचे पालन केले पाहिजे.
  • शाळा, महाविद्यालयांमध्ये शिस्त आवश्यक आहे.
  • येथे विद्यार्थ्यांनी संस्थाप्रमुखाची आज्ञा पाळली पाहिजे. ते नसल्यास, सर्वकाही चुकीचे होते.
  • खेळाच्या मैदानासाठीही शिस्त आवश्यक आहे.
  • खेळाडूंनी रेफरीचे पालन केले पाहिजे आणि खेळाच्या नियमांनुसार खेळले पाहिजे.
  • सैनिकांमध्ये आणि रणांगणातही शिस्त खूप महत्त्वाची असते.
  • व्यापार आणि वाणिज्य आणि जीवनाच्या इतर सर्व क्षेत्रांमध्ये देखील ते आवश्यक आहे.

10 Lines on Discipline in Video

Last Word on 10 Lines on Discipline in Hindi

इस पोस्ट को पढ़ने क लिए आप सभी को धन्यवाद। हम छात्रों के पढ़ाई के लिए ही Article बनाते है। जो एक छात्रों के पढ़ाई में सके। कैसे एक Student आसानी से अपने  Homework, Essay, Short Essay के साथ साथ अपने  General Knowledge  को कैसे बढ़ा सकता है, सिर्फ उसीके बारे मै ही हमरे सारे Article बनाते हे। एक Student के लिए जीतने भी जरूरती Eassy है जो मदत कर सकता है उनके पढ़ाई मै वो सारे  Essay  को हमने पोस्ट किए है। आसा करते हे की ये 10 Lines on Discipline in Hindi आपको अच्छा लगा होगा।

अन्य पोस्ट देखें –  Short Essay  /  10 Lines Essay .

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References Links:

  • https://www.wikiwand.com/en/Discipline
  • https://en.wikiquote.org/wiki/Discipline
  • https://en.wikipedia.org/wiki/Discipline

There’s definately a lot to learn about this issue. I love all the points you’ve made.

Thank you for sharing your info. I really appreciate your efforts and I am waiting for your next write upsthank you once again.

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अनुशासन पर निबन्ध – Essay On Discipline in Hindi

Discipline essay – यहाँ पर आप अनुशासन पर निबन्ध (essay on discipline in hindi) के सरल उदाहरण प्रकाशित किए गए है..

अनुशासन हिंदी निबंध class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10 विधार्थियों के लिए.

अनुशासन पर निबंध

अनुशासन का महत्व – अनुशासन का अर्थ है, शाशन या नियम से चलना। वस्तुतः प्रक्रति मेन सब कुछ नियम से होता है। सूरज और चंद नियम से उगते और अस्त होते हैं। पेड़ – पौधों में पत्ते भी समय पर झाड़ते और आते हैं, हवा समय से चलती है और ऋतुएँ समय से आती जाती हैं। जब ऐसा नहीं होत है तो, प्रक्रति का संतुलन बिगड़ने से तबाही मच जाती है। जिस प्रकार प्रक्रति में अनुशासन है उसी प्रकार मानव जीवन में भी अनुशासन का महत्वपूर्ण स्थान है। मानव जीवन अनुशासन के बिना व्यर्थ है। जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुसाशित नहीं होते उन्हें सारा जीवन समस्याओं में गुज़ारना पड़ता है। अनुशासन के बिना हम कोई भी कार्य सफलता पूर्वक नहीं कर सकते। यदि हमें कोई कार्य सफलता पूर्वक करना है तो हमें अनुशासन में रहने की आवश्यकता है। यदि हम कोई कार्य करना चाहते हैं या करने के बारे में सोच रहे हैं तो हमें सबसे पहले अनुसाशित होना जरूरी है, तभी हम उस कार्य को करने के बारे सोच सकते हैं। यदि हम अनुसाशित नहीं हैं, तो समाज में कोई भी हमारा सम्मान नहीं करता है। समाज में उन्हीं का सम्मान होता है, जो अनुसाशित होकर रहते है। आज समाज में केवल अनुसाशित लोगों की ही आवश्यकता है। बिना अनुशासन के व्यक्ति पशुओं के समान है।

दैनिक जीवन में अनुशासन – हमें दैनिक जीवन में भी अनुशासन रखने की आवश्यकता है। अनुशासन के बिना हमारा दैनिक जीवन भी सही ढंग से नहीं चल सकता। यदि हम जीवन मे शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो हमें अनुशासन का पालन अवश्य ही करना होगा। प्रातः जल्दी उठना, स्नान करना, पूजा पाठ करना, माता – पिता की आज्ञा का पालन करना, अपने से बड़ों का आदर – सम्मान करना, बड़ों की आज्ञा का पालन करना आदि अनुशासन हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन – विद्यार्थी जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। वे ही समाज के भावी निर्माता हैं। ये ही अगर अनुशासन ने नहीं होंगे तो अन्य लोग कैसे अनुशासन में रहेंगे। विद्यार्थी जीवन में हमें अनुसाशित होकर रहना चाहिए। यही अनुशासन एक विद्यार्थी को अपने जीवन में सफल होने में सहायता करता है।

आज भारत के प्रत्येक क्षेत्र में अनुशासन हीनता द्रष्टिगोचर हो रही है। अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं करते जनसेवा पर कम और मेवा पर अधिक ध्यान देते हैं। विद्यार्थी की रुचि पढ़ाई की ओर नहीं है कभी इस विश्वविद्यालय में तो कभी उस विस्वविद्यालय में, कभी इस परीक्षा केंद्र में कभी उस परीक्षा केंद्र में, कभी एक विद्यालय या महाविद्यालय में अभी दूसरे विद्यालय या महाविद्यालय में हड़ताल मार पीट, परीक्षाओं में नकल, नए विद्यार्थियों का उत्पीड़न आदि समाचार प्रतिदिन का विषय बने हुये हैं। केवल विद्यार्थी ही नहीं, समाज के अन्य अंग भी अनुशासन हीनता के केंद्र बन गए हैं। अतः विद्यार्थियों में अनुशासन हीनता दूर करने के लिए जरूरत है, माँ – बाप उनके समक्ष आदर्श प्रस्तुत करें राजनेता उन्हें अपना हथियार न बनाएं और सिक्षक पूरी निष्ठा से उन्हें शिक्षा दें। विद्यार्थी जीवन में मनुष्य हीरा होता है। इसे यदि अनुशासन के साँचे में धधला या तराशा जाएगा तो यह और भी चमक उठेगा अनुशासन से संयम आता है। संयम से आत्मनिष्ठा पनपती है, जो उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है। अनुस्सषित विद्यार्थी ही देश को भ्रष्टाचार और गरीबी की दलदल से निकाल सकते हैं।

अनुशासन : परिचय

अनुशासन हर व्यक्ति के जीवन का आधार होता है. बगैर अनुशासन व्यक्ति का जीवन जानवर के सामान होता है. अनुशासन व्यक्ति के जीवन का विकास करता है और उसे आगे बढाता है. एक अनुशासित व्यक्ति समय की कीमत को समझता है और समय को बरबाद करने के बजाय समय का सही उपयोग करता है. अनुशासन की कमी के कारण विधार्थी का भविष्य अन्धकार में जा सकता है. एक अच्छा विधार्थी अपना अनुशान खुद तैयार करता है और उसके अनुसार अपने जीवन का विकास करता है.

अनुशासन पर निबंध 150 शब्दों में

हर व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का होना आवश्यक है. एक अनुशासित व्यक्ति सभी के साथ अच्छा व्यवहार करता है और बढ़ो की आज्ञा का पालन करता है. विधार्थी के जीवन में अनुशासन उसके जीवन को सफल बनाने में मदद करता है. अनुशासित बच्चे अपने शिक्षक और माता-पिता की मानते है.

हमको शिक्षको द्वारा अनुशासन की शिक्षा दी जाती है जैसे खड़ा होना, बैठना, बात करना, खाना-पीना, किसी के साथ व्यवहार करना आदि. इन सभी अनुशासन का पालन करना एक अच्छे विधार्थी का कर्तव्य होता है. साथ ही एक अनुशासित बच्चा अपने से छोटे-बड़े लोगो का आदर करता है और उनकी आज्ञा का पालन करता है.

हम सभी को अनुशासन का पालन करना चाहिए ताकि हम जीवन में आगे बढ़ सके. अनुशासन के अनुसार समय का सदुपयोग किया जा सकता है. एक अच्छा विधार्थी अपना वक्त बरबाद नहीं करता और पढाई में समय बिताता है, इसी कारण वह कक्षा में उत्तीर्ण आता है और सभी शिक्षकों, अध्यापकों एवं माता-पिता का प्यारा होता है.

अनुशासन पर निबंध 300 शब्दों में

प्रत्येक काम को उचित समय पर उतनी ही सटीकता से करना अनुशासन कहलाता है। प्रत्येक सफल व्यक्ति के जीवन में अनुशासन एक अहम भूमका निभाता है। किसी भी काम को आप कितनी सटीकता और लगन के साथ करते हैं, वह दर्शाता है कि आप अपने जीवन में कितने अनुशासित है। 

अनुशासन का सबसे अच्छा उदहारण हमारी प्रकृति ही है। प्रकृति में सभी कार्य समय से और पुरे अनुशासन से होते हैं जैसे सूर्य अपने समय पर उदय और अस्त होता है, प्रथ्वी हमेशा एक ही गति से घूमती है, नदियाँ अपने निश्चित मार्ग पर ही चलतीं हैं। इसी प्रकार हमें भी यदि जीवन में कुछ हासिल करना है तो अनुशासित रह कर कार्य करना होगा। बिना अनुशासन के आपका जीवन एक पशु के सामान हो जाता है। 

विद्यार्थी  जीवन  में  अनुशासन  का  महत्व

किसी भी विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का सबसे अधिक महत्व होता है। क्योंकि यदि कोई व्यक्ति अपने विद्यार्थी जीवन में अनुशासित रहता है तो आगे के जीवन में भी अनुशासित रहता है। प्रत्येक विद्यार्थी को सुबह से लेकर शाम तक के कार्यों की एक दिनचर्या बनानी चाहिए। जिसमें पढाई के साथ – साथ शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थय के लिए खेल और ज्ञानवर्धन के लिए टीवी, व पत्र-पत्रिकाएं पढने के लिए भी समय सुनिश्चित हो। ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। अपने बड़ों और शिक्षको की आज्ञा का पालन करना तथा सदाचार का व्यवहार करना भी अनुशासन का ही हिस्सा है।

किसी भी व्यक्ति की सफलता यह दर्शाती है की वह जीवन में कितना अनुशासित है। यदि आप सफलता कि ऊचाइयों को छूना चाहते हैं तो अपने जीवन से आलश्य को दूर करना होगा। आलश्य और अनुशासन एक साथ कभी नहीं हो सकते। कोई भी आलसी व्यक्ति कभी भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर सकता। अनुशासन का सबसे बड़ा लाभ यही है कि यदि आप अनुशासित हैं तो आप अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटक सकते और आगे चल कर सफलता आपके कदम चूमेगी।

Discipline Essay in Hindi (500 words)

मनुष्य के जीवन में अनुशासन का होना आवश्यक है. एक अनुशासित व्यक्ति सरल, सहज और सज्जन के रूप में जाना जाता है. बिना अनुशासन के कोई काम सही नहीं हो सकता है. यदि जीवन में हम प्रतिदिन एक अनुशासन के अनुसार जिए तो अपने भविष्य को उज्जवल बनाया जा सकता है. जीवन में अनुशासन का होना अत्यधिक मूल्यवान है. अनुशासित व्यक्ति बड़ों की आज्ञा का पालन करता है और सभी का आदर करता है. अनुशासन का हमने हर जगह पालन करना चाहिए चाहें वे, घर हो या फिर स्कूल, कार्यालय, फैक्टरी, संस्थान, खेल का मैदान, युद्ध का मैदान या अन्य कोई जगह हो. अनुशासन शांतिपूर्ण और खुशहाल जीवन जीने की सबसे बड़ी जरुरत है.

अनुशासन दो शब्दों – ‘अनु’ और ‘शासन’ से मिलकर बना है। अनु का अर्थ है ‘पालन’ और शासन का मतलब है ‘नियम’। अनुशासन शब्द का अर्थ है ‘नियमों का पालन करना’. मनुष्य के जीवन में अनुशासन नियमों का पालन करना सिखाता है. मनुष्य को समाज में रहने के लिए अनुशासिक रहना बहुत जरुरी है. अनुशासन व्यक्ति के सफल भविष्य की कुंजी है जिसके माध्यम से हम सफलता प्राप्त कर सकते है और अपनी मंजिल को पा सकते है.

विधार्थी के जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है. छात्र का स्कुल के लिए सुबह जल्दी उठाना. अपने से बड़ों का आदर सम्मान करना. अपने से छोटो से प्यार करना. समय का सदुपयोग करना और अधिकांश समय अपने अध्ययन में बिताना. झूंठ न बोलना किसीको धोखा न देना चोरी न करना. अच्छी संगीति में रहना आदि एक अनुशासित छात्र/छात्रा की पहचान होती है. जो उन्हें सफल बनाने में मददगार साबित होती है. अनुशासन का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति हर किसी की नजरों में बुरे ही माने जाते है उन्हें समाज में कोई पसंद नहीं करता. अनुशासन के बिना किसी कार्य को शांतिपूर्ण नहीं किया जा सकता है. अनुशासन व्यक्ति के पास हर कोई उठाना बैठना पसंद करता है क्युकी वह सिर्फ ज्ञान की बातें करता है.

हमें अपने जीवन को अनुशासित बनाए रखने के लिए हर कार्य को उसके नियमानुसार करना चाहिए. क्युकी वह हमें एक सफल व्यक्ति बनता है. एक अनुशासित विधार्थी या व्यक्ति बनने के लिए हमें संतुलित और नियमित दिनचर्या का समय अनुसार पालन करना चाहिए. छोटे और बड़ों का सम्मान, अपने कार्यों को खुद समय पर पूरा करें. व्यर्थ कार्यों में समय बरबाद न करना और अच्छी संगीति में रहना चाहिए.

अनुशासन का पालन करने वाले छात्र/छात्रा एवं व्यक्ति का समाज में हर जगह सम्मान किया जाता है. अनुशासित व्यक्ति को कार्य में हमेशा सफलता मिलती ही. जीवन में अनुशासन में रहने वाले व्यक्ति को कई लाभ मिलते है. किसी व्यक्ति/विधार्थी के जीवन में अनुशासन को उसकी सफलता का आधार माना गया है. जो लोग अपने जीवन में अनुशासन को अपना लेते है वे जीवन की कई परेशानियों से दूर रहते है और शातिपूर्ण जीवन को जीते है. अनुशासित व्यक्ति समय के बहुत पाबंद होते है वे हर के समय पर करते है इसी कारण उन्हें विधालय, दफ्तर एवं अन्य सामाजित जगहों पर सम्मान प्राप्त होता है.

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Short Essay on 'Discipline' in Hindi | 'Anushasan' par Nibandh (413 Words)

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Nice. It helped me to write it for my summer vacation homework. Thanks

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अनुशासन पर निबंध | Essay on Discipline

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अनुशासन पर निबंध | Essay on Discipline!

अनुशासन सफलता की कुंजी है- यह किसी ने सही कहा है । अनुशासन मनुष्य के विकास के लिए बहुत आवश्यक है । यदि मनुष्य अनुशासन में जीवन-यापन करता है, तो वह स्वयं के लिए सुखद और उज्जवल भविष्य की राह निर्धारित करता है । मनुष्य द्वारा नियमों में रहकर नियमित रूप से अपने कार्य को करना अनुशासन कहा जाता है । यदि किसी के अंदर अनशासनहीनता होती है तो वह स्वयं के लिए कठिनाईयों की खाई खोद डालता है । विद्यार्थी हमारे देश का मुख्य आधार स्तंभ है । यदि इनमें अनुशासन की कमी होगी, तो हम सोच सकते हैं कि देश का भविष्य कैसा होगा ।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व होता है । अनुशासन के द्वारा ही वह स्वयं के लिए उज्जवल भविष्य की संभावना कर सकता है । यदि उसके जीवन में अनुशासन नहीं होगा, तो वह जीवन की दौड़ में सबसे पिछड़ जाएगा । उसकी अनुशासन हीनता उसे असफल बना देगी । विद्यार्थी के लिए अनुशासन में रहना और अपने सभी कार्यो को व्यवस्थित रूप से करना बहुत आवश्यक है । यह वह मार्ग है जो उसे जीवन में सफलता प्राप्त करवाता है ।

ADVERTISEMENTS:

विद्यार्थियों को बचपन से ही अनुशासन में रखना चाहिए । अनुशासन में रहने की सीख उसे अपने घर से ही प्राप्त होती है । विद्यार्थी को चाहिए कि विद्यालय में रहकर विद्यालय के बनाए सभी नियमों का पालन करे । अध्यापकों द्वारा पढाए जा रहे सभी पाठों का अध्ययन पूरे मन से करना चाहिए । अध्यापकों द्वारा घर के लिए दिए गए गृहकार्य को नियमित रूप से करना चाहिए । समय पर अपने सभी कार्य करने चाहिए।

विद्यार्थी को चाहिए कि प्रतिदिन प्रात:काल उठकर व्यायाम करे, अध्यापन करे, स्नान आदि करे और विद्यालय के लिए शीघ्र ही तैयार हो जाए । समय पर विद्यालय जाए । घर आकर समय पर भोजन करे, समय पर अध्यापन कार्य और खेलने भी जाए । रात्रि के भोजन के पश्चात समय पर सोना भी विद्यार्थी के लिए उत्तम रहता है । इस तरह का व्यवस्थित जीवन-शैली उसे तरोताजा रखती है और जीवन में स्वयं को सदृढ़ भी रखती है ।

यदि आँखें उठा कर देखा जाए तो अनुशासन हर रूप में विद्यमान है । सूर्य समय पर उगता और समय पर अस्त हो जाता है । जीव-जन्तु भी इसी अनुशासन का पालन करते हुए दिखाई देते हैं । पेड-पौधों में भी यही अनुशासन व्याप्त रहता है । घड़ी की सुई भी अनुशासन का पालन करते हुए चलती है । ये सब हमें अनुशासन की ही शिक्षा देते हैं ।

यदि दृष्टि डाली जाए तो समाज में चारों तरफ अनुशासनहीनता दिखाई देती है । यही कारण है कि देश की प्रगति और विकास सही प्रकार से हो नहीं पा रहा है । यदि विद्यार्थियों में अनुशासन नहीं होगा तो समाज की दशा बिगड़ेगी और यदि समाज की दशा बिगड़ेगी तो देश कैसे उससे अछुता रहेगा ।

हमें चाहिए कि विद्यालयों में अनुशासन पर जोर देना चाहिए । विद्यार्थियों का मन चंचल और शरारती होता है । अनुशासन उनके चंचल मन को स्थिर करता है । यह स्थिरता उन्हें जीवन के सघर्ष में दृढतापूर्वक आगे बढ़ने में सहायक होती है । यह सब अनुशासन के कारण ही संभव हो पाता है ।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्व पर भाषण

अनुशासन छात्र जीवन का इतना अभिन्न हिस्सा है कि हम इसके बिना हमारे अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जब हम रोज़ अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हैं तो हम अक्सर इसके बारे में बात करते हैं तथा इससे मुक्ति पाना चाहते हैं। जब हम गुज़रे समय पर नज़र डालते हैं और हमारे स्कूल के दिनों के बारे में सोचना शुरू करते हैं जब हमारे शिक्षक हमें जीवन में अनुशासन के महत्व के बारे में बताते थे। तो यह एक ऐसा विषय है जब शिक्षक अपनी कक्षाओं में उनके छात्रों के व्यवहार को निखारने के लिए संबोधित करते हैं।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के महत्व पर भाषण (Speech on Value of Discipline in Student Life in Hindi)

सम्मानित प्रिंसिपल, अध्यक्ष समिति के सदस्य, शिक्षकगण और प्रिय साथी छात्र – आप सभी को मेरी ओर से नमस्कार!

आइए सबसे पहले सुबह में खिली हुई धूप और हमारे स्कूल की सुंदरता का आनंद ले और हमें यह बहुमूल्य उपहार देने के लिए सर्वशक्तिमान के प्रति आभार व्यक्त करें।

आज मैं – कक्षा-X का छात्र शिखवंत शर्मा अनुशासन पर भाषण देने के लिए आपके सामने मंच पर खड़ा हूँ। मुझे आप सभी के साथ यह तथ्य साझा करते हुए जरा भी प्रसन्नता नहीं हो रही है कि हमारे शिक्षक और प्रबंध समिति हमारे स्कूल में बढ़ती अनुशासनहीनता से बहुत ज्यादा परेशान हैं। एक समय था जब हमारे स्कूल को पूरे क्षेत्र में सभी वर्गों में अनुशासन बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कूल से सम्मानित किया गया था और अब दुर्भाग्यवश यह समय आ गया है कि हमारा स्कूल धीरे-धीरे अपने विशिष्ट गुणों की वजह से बुरी पहचान बना रहा है।

कुछ छात्रों को अक्सर स्कूल में देर से आते हुए देखा जा सकता है जिसके कारण अन्य छात्रों की भी इसके कारण बुरी छवि बन रही है। इतना ही नहीं छात्रों ने कक्षाएं बंकींग करनी भी शुरू कर दी हैं जिसके कारण छात्र परीक्षाओं की ओर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और अपने परीक्षणों में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि मैंने अनुशासन पर भाषण देने के लिए पहल की और मेरे कनिष्ठ और साथ-साथ छात्रों को हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व का एहसास करने पर जोर दिया क्योंकि प्रबंधन समिति छात्रों के लिए सख्त नियम लागू नहीं करना चाहती है। वे उन छात्रों के लिए पर्यावरण अनुकूल और मददगार बनाने में विश्वास करते हैं जहां वे स्वाभाविक रूप से छात्रों को सीखने और विकास की संभावनाओं के प्रति प्रेरित कर सकें।

तो मैं आपको मित्रों यह बताना चाहूंगा कि ये हमारे सभी शिक्षाविदों की अच्छी नींव रखने के लिए सबसे बहुमूल्य समय है। दूसरा यह मजबूत नींव केवल अनुशासित जीवन शैली को अपनाने से ही निर्धारित की जा सकती है और यह अनुशासन हमारे विद्यालय से ही शुरू होता है। शैक्षिक अनुशासन में क्रमशः मानव शरीर और मस्तिष्क की शारीरिक और मानसिक कंडीशनिंग की प्रक्रिया शामिल है।

हम सभी को यह जानना चाहिए कि अनुशासन हमारे उद्देश्यों और उपलब्धियों के बीच पुल के रूप में कार्य करता है। अनुशासन का उद्देश्य एक निजी राष्ट्र के निर्माण के लिए व्यक्तिगत लक्ष्यों को हासिल करने के लिए या समाज द्वारा बनाए गए नियमों और कायदा कानूनों का पालन करने के लिए तैयार करने का प्रावधान है। ज्यादातर समय अनुशासन को दूसरों के द्वारा पालन करने की सलाह देने की बजाए स्वयं पालन करना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में यह दूसरे व्यक्ति का जीवित रहना मुश्किल कर सकती है। हालांकि हमें यह समझना चाहिए अनुशासन हमारी अपनी भलाई और प्रगति के लिए है। यह महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति अनुशासन का पालन करें, चाहे वह गृहिणी हो, पेशेवर, व्यापारिक व्यक्ति, कलाकार या किसी विषय पर काम कर रहा कोई छात्र हो।

छात्रों के रूप में अनुशासित जीवन जीना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है यानी समय पर विद्यालय आना, सभी कक्षाओं में भाग लेना, सभी कक्षाओं की शिक्षाओं का पालन करना और हमारी शिक्षाविदों और इच्छाओं के बीच संतुलन बनाना।

हिसाब लगाना जरा मुश्किल है लेकिन अनुशासन हमारे व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है इसके बाद बड़े पैमाने पर हमारी संस्था और हमारे देश की प्रगति का नंबर है। इसकी अनुपस्थिति हमें विफलताओं और पराजय का सामना करने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए छात्रों के रूप में हमारा सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण समय पर ध्यान होना चाहिए और हमारी पढ़ाई के लिए ईमानदारी से समर्पित होना चाहिए।

अंत में मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि हमें अपने स्कूलों के उज्ज्वल छात्र बनने और हमारे संस्थान को प्रोत्साहन देने के लिए स्व-नियमन के साथ-साथ अपने जीवन पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए।

आदरणीय शिक्षकगण और प्रिय छात्रों – मैं आपका हमारे संस्थान के मासिक भाषण समारोह में स्वागत करता हूं!

मुझे इस तथ्य पर बहुत प्रसन्नता हो रही है कि हमारी संस्था ने सफलतापूर्वक 5 वर्ष पूरे कर लिए है और उसके बाद से इस जगह के साथ मेरा बंधन मजबूत हो रहा है। मैं ऐसे और कई वर्षों की लगातार सफलता और विकास की इच्छा रखता हूं और आशा करता हूं कि हम अपने देश के युवाओं को ज्ञान और सही मूल्यों के साथ सही रास्ता दिखाएंगे। आज इस संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्यों में से एक के रूप में मैं यहां इस समारोह की मेजबानी कर रहा हूं और अपने सभी विद्यार्थियों के लिए अनुशासन पर एक संक्षिप्त भाषण देना चाहता हूं क्योंकि यह समय की आवश्यकता बन गया है। वर्तमान समय में हमारे युवा बहुत हद तक एक अनियमित जीवन शैली जी रहे हैं और नियमों और कायदे-कानूनों को तोड़ रहे हैं।

हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि समय पैसा है और अगर हम समय को नष्ट करेंगे तो समय हमें नष्ट कर देगा! इसलिए जीवन के हर दौर में अनुशासन आवश्यक है चाहे हम छात्र हों या न हों। अनुशासन हमारे जीवन का सार है और यदि हम इससे दूर रहते हैं तो हमारे भविष्य की संभावनाओं पर निश्चित रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यद्यपि समय बीतने के साथ आपको अस्थायी खुशी जरुर मिलेगी लेकिन अंत में आपको केवल एक दर्दनाक अनुभव का परिणाम मिलेगा। इसलिए शुरुआत से ही हमारी ज़िंदगी को अनुशासित करना महत्वपूर्ण है जिससे हमारे जीवन को संचालन करने का एक आधार बन सके।

वास्तव में जीवन के सभी चरणों में न केवल अनुशासन की आवश्यकता होती है बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में भी। उदाहरण के लिए एक सेना इसके बिना अपने अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकती है और इसलिए सेना अपने विभाग में जीरो टोलरेंस नीति के साथ सख्त अनुशासन लागू करती है। एक शैक्षिक संस्थान भी इसके बिना कार्य नहीं कर सकता है। यह यही कारण है कि शिक्षक और छात्रों दोनों के लिए तयशुदा समय आवंटित किए जाते हैं और हर एक को इसका पालन करने को कहा जाता है ताकि संस्था का नियम और कायदा-कानून बरकरार रखा जा सके।

इसी तरह कॉर्पोरेट, अदालतों, सभागारों आदि में जगह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए छोटे निजी फर्म अनुशासन सहित बनाए रखे जाने चाहिए। अस्पतालों में आगंतुकों को केवल निश्चित घंटों में ही मिलने की अनुमति दी जाती है। इसके अलावा किसी भी आगंतुक को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिलता। यहां तक ​​कि आपके बिजली बिल या टेलीफोन बिल का भुगतान या फिल्म टिकट खरीदने के लिए भी आपको एक कतार में खड़े होना होगा और अपना काम पूरा करना होगा।

जब हमारे निजी जीवन की बात आती है तो हम पूरी तरह से शाही जीवन का आनंद नहीं उठा सकते और थोड़ा अनुशासन स्थिर और सार्थक जीवन के लिए बनाया रखा जाना ज़रूरी है। उदाहरण के लिए यदि आप अत्यधिक मात्रा में खाना खाते हैं तो आपको पेट में दिक्कत हो जाएगी। इसी तरह यदि आप देर रात तक टीवी देखते हैं तो आप अगली सुबह बीमार महसूस करेंगे। यदि आप अपने अध्ययन के प्रति अनुशासित नहीं रहेंगे तो आप विचलित महसूस करेंगे और अपनी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे।

इसलिए संक्षेप में कहूँ तो जीवन का आनंद तब उठाया जा सकता है जब अनुशासन की पालना समय पर हो। जीवन तब नीरस हो जाता है जब मनुष्य के जीवन में किसी प्रकार की उत्सुकता ना रहे और हमारा अस्तित्व पशु जैसा बन जाए। अंत में मैं अपने विद्यार्थियों से अनुरोध करता हूं कि किसी भी अन्य व्यक्ति को अपने जीवन में नियम लागू न करने दे बल्कि आत्म-अनुशासन का पालन करें, अपने आप को व्यवस्थित करें और इससे लाभ हासिल करने की कोशिश करें।

आदरणीय प्रधानाचार्य, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्रिय छात्रों! मेरी ओर से आप सभी को सुप्रभात।

आज छात्रों के बीच अनुशासन के बारे में चर्चा के उद्देश्य से यह विशेष सभा आयोजित की गई है। इस विद्यालय में एक शिक्षक के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि छात्रों को अपने जीवन में अनुशासन के महत्व का एहसास कराना चाहिए। तो अपना भाषण शुरू करने से पहले मैं आपको यह बताना चाहूंगा कि अनुशासन क्या है? अनुशासन वास्तव में एक ऐसे व्यक्ति का एक नियंत्रित व्यवहार है जो हर क़ायदे और नियम का पालन करता है और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि नियमों का पालन कहाँ किया जा रहा है। इन दिनों छात्रों के बीच अनुशासन के प्रति उत्साह कम हो रहा है और यह एक बहुत ही समस्याग्रस्त स्थिति है जिसे तुरंत हल करने की जरूरत है।

अनुशासन एक छात्र की जिंदगी में वह पहली चीज है जो उसे सफलता की राह पर ले जाती है। स्कूल में नियमों और कायदों को स्थापित करने का कारण यह है कि छात्रों को अनुशासन और उनके बीच विनयशील बने रहने के बारे में सिखाना है। किसी भी छात्र की शुरुआती जिंदगी में जब वह पढाई शुरू करता है तो यह वह समय है जहां अनुशासन का शिक्षण शुरू होता है और माता-पिता अपने बच्चे में अनुशासन बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि एक बच्चा केवल स्कूल में ही लगभग आठ घंटे बिता देता है और शेष अपने माता-पिता के साथ। हमारे जीवन में अनुशासन के महत्व को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। अनुशासन केवल बच्चों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि हर व्यक्ति के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।

अगर हम परिपक्वता के बारे में बात करे तो सीखने के लिए आत्म अनुशासन बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमें अनुशासन में रहने और विनम्र रहने में मदद करता है। यह सबसे कठिन कार्य है। एक अच्छे स्कूल का अस्तित्व केवल तभी संभव है अगर वहां अनुशासन है यह माता-पिता के लिए स्कूल में बच्चों को भेजने का पहला उद्देश्य यही है। जरा सोचिए यदि छात्र अपने स्कूल में अपनी मन-मर्ज़ी से ही सब कुछ करेंगे तो शिक्षकों के लिए पढ़ाना असंभव हो जाएगा। मुझे विद्यार्थियों से कई शिकायतें मिली हैं कि वे अपनी कक्षा में साथी छात्रों के द्वारा किए शोर के कारण अध्ययन करने में सक्षम नहीं हैं। यह छात्रों के बीच अनुशासन की कमी के कारण है। यह जिम्मेदारी न सिर्फ स्कूल की बल्कि माता-पिता, स्कूल और सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा इससे संबंधित कुछ उपाय किए जाने चाहिए। अनुचित थोड़ी उपस्थिति धारकों के लिए जुर्माना होना चाहिए। सही व्यवहार के लिए स्कूल में सख्त नियम होना चाहिए।

लेकिन कभी-कभी एक छात्र के खराब व्यवहार के पीछे का कारण उसके परिवार की स्थिति और व्यक्तिगत समस्याएं भी होती हैं। कई बार विद्यार्थी अपनी समस्याओं को समझने में सक्षम नहीं होते और वे हताश-निराश हो जाते हैं तथा बुरा व्यवहार करना शुरू कर देते हैं। शिक्षकों की जिम्मेदारी विद्यार्थियों के खराब व्यवहार के कारण समझने की है और उन्हें अपनी जिम्मेदारी की उपेक्षा नहीं करना चाहिए। इस प्रकार मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि हम सभी को छात्रों के बीच अनुशासन बनाए रखने की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। केवल तभी इस समस्या का हल हो पाएगा।

इसी के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूं और मुझे आशा है कि अब से आप सभी अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखने का प्रयास करेंगे।

धन्यवाद। आप सभी का दिन शुभ हो।

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, शिक्षकगण तथा मेरे सभी साथी छात्रों आपका आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

आज हमारे विद्यालय की स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। जिसके अंतर्गत इस भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है। इस दिन के महत्व को देखते हुए, मैने अपने भाषण के लिए ऐसे विषय को चुना है, जिसने हमारे विद्यालय को आज इस शहर के शीर्ष विद्यालयों की श्रेणी में पहुचाया है।

आज हमारा विद्यालय जिस स्तर पर है, उसका सिर्फ एक ही कारण है और वह है, अनुशासन यह हमारे विद्यालय की वह विशेषता है जो सभी छात्रों को उनके कार्यों के प्रति नियमित बनाने के साथ अपने कार्यों और कर्तव्यों के प्रति उनका सौ प्रतिशत सर्मपण देने के लिए भी प्रेरित करती है। हम सभी छात्रों ने जो सफलता प्राप्त की है। वह सिर्फ हमारे विद्यालय के अनुशासन द्वारा ही संभव हो पाया है क्योंकि हमें हमारे शिक्षकों द्वारा शुरु से ही अनुशासन और आदर्श जीवन की शिक्षा दी गयी और इसके साथ ही हमें समझाया गया कि जीवन में मिलने वाली सफलताओं में इसका कितना बड़ा महत्व है।

अपने भविष्य में चाहे हम जो भी कार्य करें लेकिन हमारे स्कूली जीवन में हमें सिखाया गया यह अनुशासन का पाठ सदैव हमारे काम आयेगा। यही कारण है कि हमारे विद्यालय के कई वरिष्ठ छात्र आज कई बड़ी कंपनियों तथा संगठनों में बड़े पदों पर कार्यरत है। हम जो भी कार्य करते है उसमें अनुशासन बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह हमारी कमियों और हमसे होने वाली गलतियों की संभावना को कम करता है और हमें एक सफल व्यक्ति बनाने में हमारी सहायता करता है।

अनुशासन हमारे जीवन का वह पाठ है, जिसके बिना हमारा जीवन अधूरा है। यदि हमें हमारे जीवन के शुरुआती दौर में अनुशासन की शिक्षा न मिले तो, हमें हमारे जीवन में कई प्रकार की असफलताओं का सामना करना पड़ता है और आज के इस आधुनिक दौर में जहां हर ओर सिर्फ गलाकाट प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है, तो ऐसे स्थिति में अनुशासन के बिना सफलता की आशा भी नही की जा सकती है।

एक छात्र का जीवन अनुशासन पर टिका होता है। आज हम संसार में जितने प्रसिद्ध व्यक्तियों को देखते है। उनके सफलता के पीछे का मुख्य कारण उनका अनुशासन और अपने कार्य के प्रति किया गया समर्पण और लगन है। यही कारण है कि अनुशासन को सफलता की कुंजी भी कहा गया है। हमें सदैव इस बात को लेकर प्रयासरत रहना चाहिये कि हम अपने जीवन में कुछ नया सीखे अपने जीवन में कुछ नया करे क्योंकि अनुशासन के लिए हमें अभ्यास और लगन की भी आवश्यकता होती है।

कई बार सख्त अनुशासन हमे काफी कष्टदायक महसूस होता है लेकिन वास्तव में यह हमारे ही भलाई के लिए होता है क्योंकि परिवर्तन ही संसार की नियम है और जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन का पालन करते हुए परिवर्तन को स्वीकार करता है वह अपने जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त करता है। इसी तरह जब कई बार हमारे शिक्षक हम पर सख्ती लागू करते है, तो हमें इस बात को समझना चाहिए कि वह ऐसा हमारे भलाई के लिए ही कर रहे है।

जब हमारे शिक्षक हमारी पढ़ाई को लेकर सख्त रुख अपनाते है, तो वह ऐसा सिर्फ इसलिए करते है ताकि हम अपने परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त कर सके। यही कारण है कि कई बार वह हमें डांटते भी है लेकिन ऐसा सिर्फ वह हमारे भलाई के लिए करते है, क्योंकि वह चाहते है कि हम अपने जीवन में अनुशासित बनकर एक सफल व्यक्ति बन सके।

मेरे इस भाषण को इतना ध्यान से सुनने के लिए आप सबका धन्यवाद, मैं उम्मीद करता हूँ कि अनुशासन के विषय पर मेरा यह भाषण आप सबको पसंद आया हो अब मैं दूसरे प्रतिभागियों से अनुरोध करता हूँ कि वह मंच पर आये और अपने विचार व्यक्त करके इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कष्ट करें।

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10 Lines Discipline in Hindi | अनुशासन पर 10 लाइन निबंध

( Set- 1 ) 10 Lines Discipline in Hindi for kids

1. हमारे जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

2. अनुशाशन हमे नियमो का महतव बताता है |

3. इसके किसी किसी भी कार्य को आसानी से नहीं किया जा सकता है |

4. अनुशासन हीन व्यक्ति कभी भी सफलता नहीं पा सकता है |

5. अनुशाशन ही सफलता की पहली सीढ़ी है |

6. यह हमे सही रास्ते पर ले जाता है |

7. इसकी सहायता से मुश्किल कार्य को आसानी से पूरा किया जा सकता है |

8. अनुशाशन हमरे अच्छे चरित्र का निर्माण करता है|

9. विद्यार्थी जीवन मे अनुशाशन का बहुत महत्व है |

10. इसलिए सदैव अनुशाशन के नियमो का पालन करना चाहिए |

जरूर पढ़े-

Vidyarthi Aur Anushasan Par Nibandh

Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

( Set- 2 ) 10 Lines Discipline in Hindi | Anushasan par 10 line

1. अनुशासन का मतलब होता है, हमेशा अपने नियमों का पालन करते रहना।

2. किसी भी काम में सफल होने के लिए अनुशासन का होना बहुत जरूरी है।

3. एक अनुशासित व्यक्ति हमेशा अपने सारे काम पुरी ईमानदारी से करता है।

4. एक अनुशासित व्यक्ति का जिवन बहुत सफल और समृद्ध होता है।

5. अनुशासन हमारी बुद्धि और चरित्र को विकसित करता है।

6. हमारे खाने की आदतों में अनुशासन, हमें स्वस्थ रहने में भी मदद करता है।

7. हर महान इंसान में एक बात सामान्य होती हैं कि सभी के सभी बहुत ही अनुशासित इंसान होते हैं।

8. अनुशासन से ही हमारे जीवन में आत्मविश्वास और आत्म-नियंत्रण आता है।

9. अनुशासन की मदत से हम अपनें सारे काम समय से पहले ही कर लेते हैं।

10. एक अनुशासनहीन व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफल नहीं हो सकता है।

Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Essay

Speech on Discipline in Hindi

इस लेख के माध्यम से हमने Ten lines on Discipline in Hindi Essay का वर्णन किया है और आप यह article को नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Anushasan ke bare mein 10 line lines on Anushasan in hindi Discipline par lines | Vakya

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Essay on indiscipline in hindi अनुशासनहीनता पर निबंध.

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Essay on Indiscipline in Hindi

आज जरा अपने चारों ओर की गतिविधियों पर दृष्टिपात करें तो पता चलेगा कि जीवन का प्रत्येक क्षेत्र अनुशासनहीनता के प्रभाव में आ चुका है। घर, विद्यालय में देखें, सन्तान अपने माता-पिता के कहने में नहीं है। बहुत कम घर होंगे जहां माता-पिता अपने बच्चों को पारिवारिक अनुशासन में रख पाते होंगे। अन्यथा आज को सन्तान अपने तरीके से जीना चाहती है। वह माता-पिता, दादा-दादी के अनुभवों से लाभ उठाना नहीं चाहती। वह सोचती है कि उसके विचार ठीक हैं। माता-पिता तो पुराने जमाने के लोग हैं। विद्यालयों और महाविद्यालयों में परिस्थितियां घर से भी बुरी हैं। विद्यालय एवं महाविद्यालय के नियमो को ताक पर रख कर छात्र प्रायः अपनी मनमानी करते हैं। छोटी सी बात पर हड़ताल और तोड़-फोड़ शुरू कर देते हैं और इस में गौरव का अनुभव करते हैं। यातायात के नियमों का भी यही हाल है। आजकल का युवा वर्ग इन नियमों की धज्जियां उड़ाता है और मनमाने तरीके से अपने वाहन चलाता है।

वाहन-चालक के लिए आवश्यक लाइसैंस आजकल आवश्यक नहीं समझा जाता। यह तो एक मजाक-सा बन गया है। बाजारों में और सड़कों पर जितने ट्रैक्टर-ट्राली चलते हैं, उनके चालकों में 90 प्रतिशत के पास लाइसैंस नहीं होता, मोटर साइकिल, स्कूटर, मोपेड, यहां तक कि कार चलाने वाले नौजवान, नवयुवतियां और 18 वर्ष की आयु से कम के बच्चे भी लाइसैंस के नियम का मुंह चिढ़ाते हुए तेजी से भागते फिरते हैं।

अब बाजारों और दुकानों, भवनों की बात ले लीजिए। बाजार चौड़े हैं, परन्तु दुकानों के आगे सरकारी सड़क के कुछ भाग पर दुकानदार तख्तपोश अथवा पक्का निर्माण करके रास्ते को तंग कर देते हैं। फलस्वरूप भीड़ बढ़ जाती है और यातायात जाम हो जाता है। इसके साथ ही बाज़ार के चौराहों पर भी यही हाल प्रतिदिन देखने को मिलता है। चारोहों पर बत्तियां लगी हुई है, परन्तु इनकी चिन्ता कौन करता है। अवैध तरीके से भवनों का निर्माण हो जाता है, कोई पूछने वाला नहीं।

बिजली की चोरी तो एक आम बात हो गई है। किसान और कारखानेदार धड़ल्ले से बिजली चोरी करते हैं। कभी-कभी थोड़ी कार्यवाही होती है, फिर सभी सो जाते हैं। यहां तक कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी बिजली की चोरी करते हैं और जनसाधारण को भी सिखाते हैं कि किस प्रकार बिजली बोर्ड की आंखों में धूल झोंक कर बिजली के बिलों में कमी की जा सकती है।

आज युवा और प्रौढ़ वर्ग का अनुभव नौकरी पाने के सम्बन्ध में भी बहुत कड़वा है। दिखाने के लिए तो आजकल लगभग सभी विभागों में आवेदन-पत्र खानेदार बन गए हैं और कम्प्यूटर की सहायता से वरिष्ठता-क्रम निश्चित किया जाता है, परन्तु जब बात इन्सान के हाथ आती है, तो नियमों को तिलांजली दे दी जाती है। उस समय नाम या दाम का जादू सिर चढ़कर बोलता है। साक्षात्कार में यह नहीं पूछा जाता कि तुम क्या जानते हो, केवल यह पूछा जाता है कि तुम किसको जानते हो अथवा कितनी सेवा कर सकते हो।

आजकल शिक्षा भी एक प्रकार का व्यवसाय बन गई है। अध्यापक अपनी योग्यता और आदर्श-दोनों का महत्त्व भूल चुके हैं। वे विद्यार्थियों से सम्बन्धों में उचित दूरी नहीं रखते, या फिर वे विद्यार्थियों को मूर्ख, गैर-जिम्मेवार समझते हैं। और उनके साथ अनुचित व्यवहार करते हैं।

पुलिस में भ्रष्टाचार यातायात में अनुशासनहीनता का मूल कारण है। जनता की सदा से यह प्रवृत्ति रही है कि वह उचित, अनुचित विधि से अपना काम करवाना चाहती है, परन्तु कर्तव्य तो उन संस्थानों का है जिन पर कानून लागू करने का उत्तरदायित्व है। पुलिस और न्यायपालिका ही दो संस्थाएं हैं जो कानून लागू करती हैं। पुलिस के कर्मचारी चौराहों पर, विशेष स्थानों पर खड़े रहते हैं। लोग लाल बत्ती होने पर भी वाहन दौड़ा कर ले जाते हैं, पुलिस वाले खड़े देखते रहते हैं। किसी छोटे बच्चे को लाइसैंस के बिना पकड़ लेते हैं और पैसे लेकर छोड़ देते हैं।

अनुशासनहीनता के कारणों पर विचार करने पर हमें पता चलता है कि घर और शिक्षा संस्थानों में अनुशासनहीनता का कारण एक तो अध्यापक वर्ग का अपने आदर्श से, अपनी इष्ट योग्यता से गिरना है। दूसरा कारण है टी. वी. के धारावाहिक और सिनेमा की फिल्में। इस इलैक्ट्रानिक मीडिया ने युवावर्ग के विचारों में अभूतपूर्व क्रान्ति पैदा कर दी है। आज का युवावर्ग यह समझने की कोशिश नहीं करता कि इन कथाओं का वास्तविक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं।

यदि देखा जाए तो ज्ञात होगा कि अनुशासनहीनता का मूल कारण आज का राजनेता है। अपराध जगत में जितने भी लोग लिप्त हैं, उनमें से 70 प्रतिशत की पहुंच किसी न किसी एम. एल. ए. या एम. पी. तक होती है। पुलिस अपराधी को पकड़ती है, तो राजनेता के एक फ़ोन करने पर उसे छोड़ना पड़ता है। राजनैतिक दलों में कोई भी ऐसा नहीं है जो देशहित की बात सोचता हो। सभी अपने भाषणों में दुहाई कर्तव्य और देश भक्ति आदि की देते हैं, परन्तु लक्ष्य सभी को एक ही है – सत्ता हथियाना।

वस्तुतः यह निष्कर्ष निकलता है कि गंगोत्री में पवित्रता होनी चाहिए अर्थात् प्रशासन तंत्र में आचरण की शुद्धि होनी अनिवार्य है। कानून लागू करने में किसी भी राजनेता का दखल न हो। जब तक सत्ता का दुरुपयोग और दण्ड में देरी अथवा हेरा-फेरी नहीं रुकती तब तक सही अर्थों में अनुशासन और शान्ति असंभव है। जब तक किसी राष्ट्र में अनुशासन नहीं पनपता, तब तक वह तरक्की नहीं कर सकता।

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  • अगस्त 28, 2024

Essay on Unity in Hindi

हमारे जीवन में हर स्तर पर और हर कदम पर एकता महत्वपूर्ण है। जो लोग एकजुट रहने के महत्व को समझते हैं और उसका पालन करते हैं, वे एक खुशहाल और संतुष्ट जीवन जीते हैं। जो लोग इसके महत्व को नहीं समझते हैं, उन्हें अक्सर जीवन के विभिन्न चरणों में विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एकता और सहयोग को बढ़ावा देकर, हम अपने लिए और आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। इसके बारे में छात्रों को बताने के लिए उन्हें विद्यालय में Essay on Unity in Hindi लिखने को दिया जाता है, इसलिए इस ब्लॉग में आपकी मदद के लिए कुछ सैंपल दिए गए हैं।

This Blog Includes:

एकता पर निबंध 100 शब्दों में – 100 words essay on unity in hindi, एकता पर निबंध 500 शब्दों में – 500 words essay on unity in hindi, एकता निर्माण में सरकार की भूमिका, एकता के लाभ, एकता में शक्ति का अर्थ.

एकता में शक्ति है, इसका मतलब है कि हर परिस्थिति में एकजुट रहना। जीवन के हर क्षेत्र में इसका बहुत महत्व है। जब हम एकजुट होते हैं तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं और किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हमारे समाज और देश का विकास इसी भावना पर निर्भर करता है। वास्तव में सभ्यता लोगों के बीच एकता के कारण ही अस्तित्व में आई। शांतिपूर्ण और पूर्ण जीवन जीने के लिए लोगों का एकजुट रहना बहुत जरूरी है। दुर्भाग्य से, यह एकता शब्द केवल प्रेरक और प्रेरणादायक बातों तक ही सीमित रह गया है। 1947 तक भारत एक स्वतंत्र देश नहीं था। अंग्रेज व्यापारी बनकर भारत आए थे, लेकिन 200 साल तक राज करते रहे। ऐसा सिर्फ़ इसलिए हुआ क्योंकि देश के लोगों में आपसी एकता की कमी थी। जब भारतीयों को लगा कि अंग्रेजों से आज़ादी ज़रूरी है, तो वे एकजुट हो गए और अंग्रेजों के खिलाफ़ लड़े।

एकता पर निबंध 200 शब्दों में – 200 Words Essay on Unity in Hindi

एकता की ताकत का सबसे अच्छा उदाहरण स्वतंत्रता के लिए भारतीय संघर्ष है। अंग्रेज बहुत शक्तिशाली थे। उन्होंने कई सालों तक भारतीयों को नियंत्रित किया और उन पर अत्याचार किए। हालाँकि, जब भारतीय एकजुट होकर उनके खिलाफ खड़े हुए तो शक्तिशाली ब्रिटिश अधिकारियों को भी हार माननी पड़ी। उस समय कई देशभक्त नेता उभरे। प्रत्येक की अपनी विचारधारा थी और उन्होंने उसी के अनुसार अंग्रेजों से लड़ने की कोशिश की। इन नेताओं ने बड़ी संख्या में भारतीयों को प्रेरित किया जो बड़ी संख्या में अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए आगे आए।

उस दौरान कई विरोध प्रदर्शन और जुलूस निकाले गए। इन घटनाओं से ब्रिटिश सरकार हिल गई। लोगों को एक साथ खड़े होने का महत्व समझ में आया और जल्द ही उनके प्रयास रंग लाए। स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों की व्यापक भागीदारी के कारण अंग्रेजों को देश छोड़ना पड़ा। अगर कुछ लोग ही लड़ने के लिए आगे आते तो अंग्रेज आसानी से उन्हें चुप करा सकते थे और अपना शासन जारी रख सकते थे। इस प्रकार, हम देखते हैं कि एकता किसी राष्ट्र के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है।

500 शब्दों में Essay on Unity in Hindi इस प्रकार है –

एकता का बहुत महत्व है। कई कहानियों के साथ-साथ वास्तविक जीवन की घटनाओं ने साबित किया है कि एकजुट रहने से लोगों को ताकत मिलती है और उन्हें एक सामंजस्यपूर्ण और पूर्ण जीवन जीने में मदद मिलती है। हालाँकि, बहुत से लोग अभी भी एकजुट रहने के महत्व को नहीं समझते हैं। वे तुच्छ चीजों पर लड़ते रहते हैं और अंततः अकेले पड़ जाते हैं।

एकता तभी हासिल की जा सकती है जब हर व्यक्ति अपने व्यक्तिगत हितों को त्यागकर पूरे देश की बेहतरी के लिए काम करने के लिए तैयार हो। यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं जिनसे इसे हासिल किया जा सकता है –

  • भ्रष्टाचार समाप्त करें – अगर किसी देश की राजनीतिक व्यवस्था भ्रष्ट है तो वह कभी समृद्ध नहीं हो सकता। राजनीतिक नेताओं को अत्यंत सावधानी से चुना जाना चाहिए। उन्हें एकजुट रहना चाहिए और राष्ट्र के विकास के साझा लक्ष्य की दिशा में काम करना चाहिए, न कि एक-दूसरे को नीचा दिखाना चाहिए 
  • कम आर्थिक असमानता – हमारे देश में बहुत ज़्यादा आर्थिक असमानता है। हमारे देश में अमीर लोग हर गुज़रते दिन के साथ और ज़्यादा अमीर होते जा रहे हैं और ग़रीब और भी ज़्यादा ग़रीब होते जा रहे हैं। इससे ग़रीब तबके में द्वेष पैदा होता है और वे अक्सर आपराधिक तरीक़े अपनाते हैं जिससे राष्ट्रीय विकास में बाधा आती है। सरकार को इस अंतर को पाटना चाहिए और सभी को उचित मज़दूरी देनी चाहिए ताकि हर नागरिक उत्पादक कार्यों में शामिल होने के लिए प्रेरित हो।
  • लोगों को जानकारी दें  – लोगों को एकजुट रहने के महत्व के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए। इसे स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए और विभिन्न अन्य तरीकों से भी इस पर जोर दिया जाना चाहिए। जब ​​लोग एकजुट रहने के महत्व को समझेंगे तभी वे इसे हासिल करने की दिशा में काम करेंगे।

एकता के कुछ लाभ इस प्रकार हैं –

  • सहायता और समर्थन – जो लोग एक साथ मिलकर रहते हैं, वे कभी भी विपत्ति में अकेले नहीं रहते। वे एक-दूसरे की मदद करते हैं और ज़रूरत पड़ने पर नैतिक और वित्तीय सहायता भी देते हैं। दूसरी ओर, अकेले रहना और अपने आस-पास के लोगों से बेखबर रहना आपको असुरक्षित और अंतर्मुखी महसूस करा सकता है।
  • अच्छा मार्गदर्शन – जब हम समाज के एक हिस्से के रूप में एकजुट रहते हैं और आस-पास के सभी लोगों के साथ अच्छे संबंध रखते हैं, तो हम व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों मामलों में उनसे मार्गदर्शन ले सकते हैं। बुजुर्ग लोग या जो अधिक शिक्षित और अनुभवी होते हैं, वे विभिन्न मामलों में अच्छा मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और हम उन्हें अच्छी तरह से संभाल सकते हैं।
  • उचित विकास – एकजुट रहना हमारे विकास और वृद्धि के लिए अच्छा है। एक दूसरे के साथ एकता में रहने से विचारों और राय को साझा करने में मदद मिलती है जो हमारे दिमाग के अच्छे विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। जिन परिवारों और समाजों में लोग एकजुट रहते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं, वहाँ बच्चों को बढ़ने के लिए एक स्वस्थ वातावरण मिलता है। यह बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अच्छा है।
  • प्रेरणा का स्रोत – जब हम साथ मिलकर काम करते हैं, तो हम प्रेरित होते हैं और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। हम लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे को प्रेरित करते हैं और यह एक महान प्रेरक कारक के रूप में काम करता है। हम हर उपलब्धि पर एक-दूसरे को प्रोत्साहित और सराहते भी हैं। यह फिर से एक प्रेरक शक्ति के रूप में काम करता है। इस तरह लोग और भी बेहतर काम करने और बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित होते हैं।

एकता में ताकत है, यह एक पुरानी कहावत है जो लोगों को एक टीम या समूह के रूप में एक साथ मजबूत होने के बारे में बताती है। एक एकजुट समूह एक-दूसरे का समर्थन करने और अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए अत्यधिक प्रेरित होता है। जब लोग एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए हाथ मिलाते हैं, तो उनकी ताकत कई गुना बढ़ जाती है।

हम देखते हैं कि एकता किसी राष्ट्र के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। बच्चों को शुरू से ही एकजुट रहने का महत्व सिखाया जाना चाहिए। उन्हें बताया जाना चाहिए कि यह उनके और उनके देश के लिए कैसे अच्छा हो सकता है। सरकार को भी लोगों को एकजुट रखने के लिए अपना काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे राष्ट्र के विकास के लिए मिलकर काम करें

मैटी स्टेपानेक ने कहा, “एकता में शक्ति है।”

एकता में शक्ति है अर्थात जब हम एक साथ होते हैं तो हम मजबूत बनते हैं।

एकता महत्वपूर्ण है क्योंकि एकता स्वतंत्रता, शांति, सफलता, साहस, शक्ति और आशा लाती है।

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As a Teenager in Europe, I Went to Nudist Beaches All the Time. 30 Years Later, Would the Experience Be the Same?

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In July 2017, I wrote an article about toplessness for Vogue Italia. The director, actor, and political activist Lina Esco had emerged from the world of show business to question public nudity laws in the United States with 2014’s Free the Nipple . Her film took on a life of its own and, thanks to the endorsement from the likes of Miley Cyrus, Cara Delevingne, and Willow Smith, eventually developed into a whole political movement, particularly on social media where the hashtag #FreeTheNipple spread at lightning speed. The same year as that piece, actor Alyssa Milano tweeted “me too” and encouraged others who had been sexually assaulted to do the same, building on the movement activist Tarana Burke had created more than a decade earlier. The rest is history.

In that Vogue article, I chatted with designer Alessandro Michele about a shared memory of our favorite topless beaches of our youth. Anywhere in Italy where water appeared—be it the hard-partying Riviera Romagnola, the traditionally chic Amalfi coast and Sorrento peninsula, the vertiginous cliffs and inlets of Italy’s continuation of the French Côte d’Azur or the towering volcanic rocks of Sicily’s mythological Riviera dei Ciclopi—one was bound to find bodies of all shapes and forms, naturally topless.

In the ’90s, growing up in Italy, naked breasts were everywhere and nobody thought anything about it. “When we look at our childhood photos we recognize those imperfect breasts and those bodies, each with their own story. I think of the ‘un-beauty’ of that time and feel it is actually the ultimate beauty,” Michele told me.

Indeed, I felt the same way. My relationship with toplessness was part of a very democratic cultural status quo. If every woman on the beaches of the Mediterranean—from the sexy girls tanning on the shoreline to the grandmothers eating spaghetti al pomodoro out of Tupperware containers under sun umbrellas—bore equally naked body parts, then somehow we were all on the same team. No hierarchies were established. In general, there was very little naked breast censorship. Free nipples appeared on magazine covers at newsstands, whether tabloids or art and fashion magazines. Breasts were so naturally part of the national conversation and aesthetic that Ilona Staller (also known as Cicciolina) and Moana Pozzi, two porn stars, cofounded a political party called the Love Party. I have a clear memory of my neighbor hanging their party’s banner out his window, featuring a topless Cicciolina winking.

A lot has changed since those days, but also since that initial 2017 piece. There’s been a feminist revolution, a transformation of women’s fashion and gender politics, the absurd overturning of Harvey Weinstein’s 2020 rape conviction in New York, the intensely disturbing overturning of Roe v Wade and the current political battle over reproductive rights radiating from America and far beyond. One way or another, the female body is very much the site of political battles as much as it is of style and fashion tastes. And maybe for this reason naked breasts seem to populate runways and street style a lot more than they do beaches—it’s likely that being naked at a dinner party leaves more of a permanent mark than being naked on a glamorous shore. Naked “dressing” seems to be much more popular than naked “being.” It’s no coincidence that this year Saint Laurent, Chloé, Ferragamo, Tom Ford, Gucci, Ludovic de Saint Sernin, and Valentino all paid homage to sheer dressing in their collections, with lacy dresses, see-through tops, sheer silk hosiery fabric, and close-fitting silk dresses. The majority of Anthony Vaccarello’s fall 2024 collection was mostly transparent. And even off the runway, guests at the Saint Laurent show matched the mood. Olivia Wilde appeared in a stunning see-through dark bodysuit, Georgia May Jagger wore a sheer black halter top, Ebony Riley wore a breathtaking V-neck, and Elsa Hosk went for translucent polka dots.

In some strange way, it feels as if the trends of the ’90s have swapped seats with those of today. When, in 1993, a 19-year-old Kate Moss wore her (now iconic) transparent, bronze-hued Liza Bruce lamé slip dress to Elite Model Agency’s Look of the Year Awards in London, I remember seeing her picture everywhere and feeling in awe of her daring and grace. I loved her simple sexy style, with her otherworldly smile, the hair tied back in a bun. That very slip has remained in the collective unconscious for decades, populating thousands of internet pages, but in remembering that night Moss admitted that the nude look was totally unintentional: “I had no idea why everyone was so excited—in the darkness of Corinne [Day’s] Soho flat, the dress was not see-through!” That’s to say that nude dressing was usually mostly casual and not intellectualized in the context of a larger movement.

10 Years In, Amal Clooney Still Channels Bridal Fashion for Date Night

But today nudity feels loaded in different ways. In April, actor and author Julia Fox appeared in Los Angeles in a flesh-colored bra that featured hairy hyper-realist prints of breasts and nipples, and matching panties with a print of a sewn-up vagina and the words “closed” on it, as a form of feminist performance art. Breasts , an exhibition curated by Carolina Pasti, recently opened as part of the 60th Venice Biennale at Palazzo Franchetti and showcases works that span from painting and sculpture to photography and film, reflecting on themes of motherhood, empowerment, sexuality, body image, and illness. The show features work by Cindy Sherman, Robert Mapplethorpe, Louise Bourgeois, and an incredible painting by Bernardino Del Signoraccio of Madonna dell’Umiltà, circa 1460-1540. “It was fundamental for me to include a Madonna Lactans from a historical perspective. In this intimate representation, the Virgin reveals one breast while nurturing the child, the organic gesture emphasizing the profound bond between mother and child,” Pasti said when we spoke.

Through her portrayal of breasts, she delves into the delicate balance of strength and vulnerability within the female form. I spoke to Pasti about my recent musings on naked breasts, which she shared in a deep way. I asked her whether she too noticed a disparity between nudity on beaches as opposed to the one on streets and runways, and she agreed. Her main concern today is around censorship. To Pasti, social media is still far too rigid around breast exposure and she plans to discuss this issue through a podcast that she will be launching in September, together with other topics such as motherhood, breastfeeding, sexuality, and breast cancer awareness.

With summer at the door, it was my turn to see just how much of the new reread on transparency would apply to beach life. In the last few years, I noticed those beaches Michele and I reminisced about have grown more conservative and, despite being the daughter of unrepentant nudists and having a long track record of militant topless bathing, I myself have felt a bit more shy lately. Perhaps a woman in her 40s with two children is simply less prone to taking her top off, but my memories of youth are populated by visions of bare-chested mothers surveilling the coasts and shouting after their kids in the water. So when did we stop? And why? When did Michele’s era of “un-beauty” end?

In order to get back in touch with my own naked breasts I decided to revisit the nudist beaches of my youth to see what had changed. On a warm day in May, I researched some local topless beaches around Rome and asked a friend to come with me. Two moms, plus our four children, two girls and two boys of the same ages. “Let’s make an experiment of this and see what happens,” I proposed.

The kids all yawned, but my friend was up for it. These days to go topless, especially on urban beaches, you must visit properties that have an unspoken nudist tradition. One of these in Rome is the natural reserve beach at Capocotta, south of Ostia, but I felt a bit unsure revisiting those sands. In my memory, the Roman nudist beaches often equated to encounters with promiscuous strangers behind the dunes. I didn’t want to expose the kids, so, being that I am now a wise adult, I went ahead and picked a compromise. I found a nude-friendly beach on the banks of the Farfa River, in the rolling Sabina hills.

We piled into my friend’s car and drove out. The kids were all whining about the experiment. “We don’t want to see naked mums!” they complained. “Can’t you just lie and say you went to a nudist beach?”

We parked the car and walked across the medieval fairy-tale woods until we reached the path that ran along the river. All around us were huge trees and gigantic leaves. It had rained a lot recently and the vegetation had grown incredibly. We walked past the remains of a Roman road. The colors all around were bright green, the sky almost fluorescent blue. The kids got sidetracked by the presence of frogs. According to the indications, the beach was about a mile up the river. Halfway down the path, we bumped into a couple of young guys in fanny packs. I scanned them for signs of quintessential nudist attitude, but realized I actually had no idea what that was. I asked if we were headed in the right direction to go to “the beach”. They nodded and gave us a sly smile, which I immediately interpreted as a judgment about us as mothers, and more generally about our age, but I was ready to vindicate bare breasts against ageism.

We reached a small pebbled beach, secluded and bordered by a huge trunk that separated it from the path. A group of girls was there, sharing headphones and listening to music. To my dismay they were all wearing the tops and bottoms of their bikinis. One of them was in a full-piece bathing suit and shorts. “See, they are all wearing bathing suits. Please don’t be the weird mums who don’t.”

At this point, it was a matter of principle. My friend and I decided to take our bathing suits off completely, if only for a moment, and jumped into the river. The boys stayed on the beach with full clothes and shoes on, horrified. The girls went in behind us with their bathing suits. “Are you happy now? my son asked. “Did you prove your point?”

I didn’t really know what my point actually was. I think a part of me wanted to feel entitled to those long-gone decades of naturalism. Whether this was an instinct, or as Pasti said, “an act that was simply tied to the individual freedom of each woman”, it was hard to tell. At this point in history, the two things didn’t seem to cancel each other out—in fact, the opposite. Taking off a bathing suit, at least for my generation who never had to fight for it, had unexpectedly turned into a radical move and maybe I wanted to be part of the new discourse. Also, the chances of me going out in a fully sheer top were slim these days, but on the beach it was different. I would always fight for an authentic topless experience.

After our picnic on the river, we left determined to make our way—and without children—to the beaches of Capocotta. In truth, no part of me actually felt very subversive doing something I had been doing my whole life, but it still felt good. Once a free breast, always a free breast.

This article was originally published on British Vogue .

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