- connect with us
- 1800-572-9877
- [email protected]
- We’re on your favourite socials!
Frequently Search
Couldn’t find the answer? Post your query here
- अन्य आर्टिकल्स
- कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi): Covid-19 महामारी पर हिंदी में निबंध
Updated On: October 08, 2024 04:50 PM
- कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 100, …
- कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 100 …
- कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 200 …
- कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 500 …
- कोरोना वायरस पर हिंदी में 10 लाइन में संक्षिप्त लेख …
कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 100, 200 और 500 शब्दों में
अन्य लेख पढ़ें | |
---|---|
कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 100 शब्दों में
हिंदी में निबंध देखें | |
---|---|
कोरोना वायरस पर निबंध (Essay on Coronavirus in Hindi) 200 शब्दों में
कोरोना वायरस पर निबंध (essay on coronavirus in hindi) 500 शब्दों में, covid-19 पर निबंध - प्रस्तावना, कोरोना वायरस की उत्पत्ति, कोरोना वायरस से बचाव के उपाय.
- अपने हाथों को बार-बार धोएं। हाथ धोने से कोरोना वायरस के फैलने का जोखिम कम हो जाता है। हाथों को कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से धोना चाहिए। यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हैं, तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग किया जा सकता है।
- संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाले महीन बूंदों के माध्यम से फैलता है। यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में हैं जो संक्रमित है, तो अपने लक्षणों पर ध्यान दें और यदि आपके कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें। मास्क पहनने से कोरोना वायरस के फैलने से बचाव में मदद मिल सकती है।
- अपने चेहरे को छूने से बचें। अपने चेहरे को छूने से कोरोना वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है।
- स्वस्थ आहार खाएं, पर्याप्त नींद लें और नियमित रूप से व्यायाम करें।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
- सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने से बचें।
कोविड-19 पर लेख: निष्कर्ष
कोरोना वायरस पर हिंदी में 10 लाइन में संक्षिप्त लेख (essay on coronavirus in 10 lines in hindi).
- कोरोना वायरस उन वायरस के समूह से है जो बहुत तेजी से संक्रमित करते हैं।
- कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई जहां इसे इंसानों ने बनाया।
- भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था।
- कोरोना वायरस खांसने और छींकने से फैलता है और खांसते और छींकते समय हमें अपना मुंह और नाक ढक लेना चाहिए।
- हमें अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहनना चाहिए और अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करना चाहिए।
- हमारी सुरक्षा के लिए, सरकार ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश को बंद कर दिया था।
- कोरोना वायरस के कारण स्कूल को ऑनलाइन कर दिया गया था और छात्र घर से पढ़ाई करते थे।
- कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में सभी लोग घर पर थे।
- इस दौरान बहुत से लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ खूब समय बिताया।
- खुद को सुरक्षित रखने के लिए नियमित रूप से हाथ धोना और चेहरे पर मास्क पहनना बहुत जरूरी है।
Are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard?
Say goodbye to confusion and hello to a bright future!
क्या यह लेख सहायक था ?
Related questions, sir bsc 1st year ka kul total fees kya hai aur all total three year ka kitna fees hoga.
BSc fee range differs based on your location, college, and course choice. Generally, private colleges have high fees ranging between Rs 3000 to 3 lakhs whereas govt colleges charge comparitively lower fees that can be around Rs 5000 to 40,000. Agar aap college ya BSc specialisation ka detail de to hum apko accurate fees bata payenge. For any details, please free to contact us at [email protected].
Scholarship aati hai ya nahi bsc karne par
Dear student,
Yes, As BSc is a popular course you can avail of a wide range of national, private, or state scholarships. Some of the top BSc scholarship pogrammes are as follows:
INSPIRE HDFC Educational Crisis Scholarship Support Narotam Sekhsaria Scholarship Promotion for Science Education Scholarship Women Scientist Scheme
Bsc anesthesia technology course details
The Faculty of Allied Health Sciences of Chaitanya Deemed to be University, Hyderabad , offers a 4-year UG course in B.Sc. Anaesthesia & Operation Theatre Technology. As per the official university brochure, the tuition fee for Indian nationals is Rs. 90,000 per annum. Some other details of the course are:
- Application Deadline: July 2025 (tentative)
- Eligibility: Score 50% or above aggregate marks in qualifying examinations.
- Mode of Application: Direct online application on the university website
- University Entrance Exam: None
To know more about BSc courses at Chaitanya Deemed to be University, Hyderabad, click here!
क्या आपके कोई सवाल हैं? हमसे पूछें.
24-48 घंटों के बीच सामान्य प्रतिक्रिया
व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त करें
बिना किसी मूल्य के
समुदाय तक पहुंचे
समरूप आर्टिकल्स
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध (Essay on Dr. APJ Abdul Kalam in Hindi) - सभी क्लास के लिए हिंदी में 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध लिखें
- यूजीसी नेट कॉमर्स कटऑफ 2024 (UGC NET Commerce Cutoff 2024): श्रेणी-वार कटऑफ मार्क्स जानें
- यूजीसी नेट 2024 में अच्छा स्कोर क्या है? (What is a Good Score in UGC NET 2024?)
- सरस्वती पूजा पर निबंध (Saraswati Puja Essay in Hindi) - बसंत पंचमी पर 100, 250 और 500 शब्दों में हिंदी निबंध देखें
- दशहरा पर निबंध (Essay on Dussehra in Hindi): दुर्गा पूजा पर 10 लाइन हिंदी में और 100, 200 एवं 500 शब्दों में निबंध
- मेरा प्रिय खेल पर निबंध (Essay on my favourite Game in Hindi) - कक्षा 6 से 12 के लिए निबंध लिखना सीखें
नवीनतम आर्टिकल्स
- यूजीसी नेट पिछले 5 वर्षों की कटऑफ (UGC NET Last 5 Years Cutoff PDF in Hindi): यहां से डाउनलोड करें पीडीएफ
- यूजीसी नेट इतिहास कटऑफ 2024 (UGC NET History Cutoff 2024 in Hindi): यहां से डाउनलोड करें पीडीएफ
- यूजीसी नेट दर्शनशास्त्र कटऑफ 2024 (UGC NET Philosophy Cutoff 2024): अपेक्षित और पिछले वर्ष की कटऑफ यहां देखें
- हिंदी दिवस पर कविता (Poem on Hindi Diwas in Hindi)
- विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Essay on Miracle of Science in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें
- दहेज़ प्रथा पर हिंदी में निबंध (Essay on Dowry System in Hindi): 100 से 500 शब्दों में कक्षा 7 से 10 के लिए
- 26 जनवरी : गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day) - 100 से 500 शब्दों तक निबंध लिखना सीखें
- क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें
- सरदार वल्लभभाई पटेल पर हिंदी में निबंध (Essay on Sardar Vallabhbhai Patel in Hindi)
- हिंदी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi): हिंदी दिवस पर 100, 250 और 500 शब्दों में निबंध
- गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in Hindi) - गाय पर निबंध 100, 200, 500 शब्दों में यहाँ देखें
- मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Essay on My Best Friend in Hindi)
- मदर्स डे पर निबंध (Mothers Day Essay in Hindi): मातृ दिवस पर हिंदी में निबंध
- पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi) - विश्व पर्यावरण दिवस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें
- हिंदी में निबंध (Essay in Hindi/ Hindi me Nibandh) - परिभाषा, प्रकार, टॉपिक्स और निबंध लिखने का तरीका जानें
- होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें
- हिंदी में पत्र लेखन (Hindi Letter Writing): हिंदी में कैसे लिखें फॉर्मल और इनफॉर्मल लेटर
- सैनिक स्कूल एडमिशन 2025 (Sainik School Admission 2025 in Hindi): परीक्षा तारीख, पात्रता और स्कूल
- सैनिक स्कूल सिलेबस 2025 (Sainik School Syllabus 2025): सब्जेक्टवाइज सिलेबस यहां देखें
- जेएनवीएसटी रिजल्ट 2025 (JNVST Result 2025): नवोदय विद्यालय कक्षा 6वीं और 9वीं का रिजल्ट
- KVS एडमिशन लिस्ट 2025 (प्रथम, द्वितीय, तृतीय) की जांच कैसे चेक करें (How to Check KVS Admission List 2025): डायरेक्ट लिंक, लेटेस्ट अपडेट, स्टेप्स
- गार्गी पुरस्कार छात्रवृत्ति 2024 योजना (Gargi Puraskar Scholarship 2024 Scheme)
- बीपीएससी 69वीं प्रीलिम्स रिजल्ट 2024 (BPSC 69th Prelims Result 2024 in Hindi): रिजल्ट तारीख और डॉयरेक्ट लिंक
ट्रेंडिंग न्यूज़
Subscribe to CollegeDekho News
- Select Stream Engineering Management Medical Commerce and Banking Information Technology Arts and Humanities Design Hotel Management Physical Education Science Media and Mass Communication Vocational Law Education Paramedical Agriculture Nursing Pharmacy Dental Performing Arts Others
कॉलेजदेखो के विशेषज्ञ आपकी सभी शंकाओं में आपकी मदद कर सकते हैं
- Enter a Valid Name
- Enter a Valid Mobile
- Enter a Valid Email
- By proceeding ahead you expressly agree to the CollegeDekho terms of use and privacy policy
शामिल हों और विशेष शिक्षा अपडेट प्राप्त करें !
Details Saved
कोरोना वायरस पर निबंध – Essay on Coronavirus in Hindi
Essay on Coronavirus in Hindi : आज हमने कोरोना वायरस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है। कोरोना वायरस धीरे-धीरे दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करता जा रहा है।
इसके कारण लाखों लोगों की मृत्यु हो गई है और करोड़ों लोग संक्रमित हो चुके हैं इससे जान और माल दोनों की हानि हो रही है। कोरोना वायरस ने एक ही झटके में विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं को बंद करा दिया।
यह बहुत ही खतरनाक वायरस है इसे जल्द ही काबू नहीं किया गया तो यह मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है। कोरोनावायरस इतना व्यापक रूप धारण कर चुका है।
विद्यार्थियों से इसके बारे में निबंध लिखकर जागरूकता पैदा करने का काम किया जा रहा है इसीलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए कोरोनावायरस पर निबंध लिखा है।
Essay on Coronavirus in Hindi 10 Lines
- कोरोना वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Coivd-19 का नाम देकर विश्व महामारी घोषित किया है।
- नवंबर 2019 में सबसे पहले चीन के वुहान शहर से इस वायरस की शुरुआत हुई थी।
- यह नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बना अतिसूक्ष्म अकोशिकीय जीव है।
- यह वायरस एक दुसरे के सम्पर्क में आने से फैलता है इसलिए यह बहुत घातक है।
- इससे संक्रमित व्यक्ति के बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है।
- यह वायरस शरीर के बाहर 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकता है।
- इससे बचने के लिए 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए, मास्क लगाना चाहिए और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- सबसे 5 से 6 फुट की दूरी बना कर रखना चाहिए।
- कोरोना वायरस से बच्चे बुड्ढे, जवान किसी भी व्यक्ति हो सकता है।
- कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार के दिशानिर्देशो का पालन करना चाहिए और वैक्सीन लगवानी चाहिए।
कोरोना एक वैश्विक महामारी हिंदी निबंध 2000 शब्द
प्रस्तावना –
कोरोना वायरस सूक्ष्म जीवाणु से बना एक वायरस है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 का नाम देकर विश्व महामारी घोषित कर दिया है। यह वायरस इतना छोटा होता है कि इसे खुली आंखों से देखना मुमकिन नहीं होता है यह एक इंसान के दूसरे इंसान से संपर्क में आने पर फैलता है।
नवंबर 2019 में सबसे पहले चीन के वुहान शहर में इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति देखे गए थे। यह वायरस बहुत तेज गति से इंसान के शरीर में फैलता है और इंसान के फेफड़ों को पूरी तरह से निष्क्रिय कर देता है।
जिससे समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मृत्यु हो सकती है। जनवरी 2020 में इस वायरस ने भारत में दस्तक दी थी उसके बाद से यह भारत में भयंकर तबाही मचा रहा है।
कोरोना वायरस क्या है –
कोरोना वायरस अतिसूक्ष्म अकोशिकीय जीव है जो की जीवित कोशिकाओं में वंश वृद्धि करके फैलता है यह नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बना होता है।
यह शरीर से बाहर तो निष्क्रिय अवस्था में होता है लेकिन जैसे ही किसी भी इंसान के अंदर प्रवेश करता है यह जीवित हो उठता है। शरीर के बाहर यह कुछ दिन के लिए ही जिंदा रह सकता है. कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अभी तक इसकी जानवरों में फैलने की पुष्टि नहीं हुई है।
इसे आंखों से नहीं देखा जा सकता इसलिए इसे देखने के लिए सूक्ष्म दर्शी की आवश्यकता होती है। यह वर्ष 2002 में SARS बीमारी का ही एक अन्य रूप है। यह एक इंसान से दूसरे इंसान में प्रवेश करने के बाद अपना रूप बदलता रहता है। इसलिए इसे हिंदी भाषा में बहरूपिया भी कहा जाता है।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति –
कोरोना वायरस एक जीवाणु है जिसे हम वर्ष 2002 में SARS बीमारी के रूप में देख चुके है। अभी इसका रूप बदल गया है और इसे कोविड-19 का नाम दिया गया है इसका सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर में 8 नवंबर 2019 को देखा गया था।
उसके बाद यह विश्व भर में एक इंसान के दूसरे इंसान से संपर्क में आने से फैल गया भारत में सबसे पहला मामला 30 जनवरी 2020 को देखने को मिला था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना का नाम COVID-19 रखा है जिसमे “CO” का अर्थ Corona है, “VI” का अर्थ virus है, “D” का अर्थ Disease है और 19 का अर्थ साल 2019 से है इससे पता लगता है की इस बीमारी की उत्पति वर्ष 2019 में हुई थी।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है –
कोरोनावायरस आमतौर पर इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति खास था या सीखता है तो उससे हवा में ठोक के साथ इसके छोटे-छोटे करण हवा में फैल जाते हैं जिससे वहां पर खड़े दूसरे व्यक्ति के सांस के साथ शरीर के अंदर चले जाते है।
- संक्रमित व्यक्ति के साथ भोजन करने या फिर उसके पिए हुए पानी को पीने से भी यह फैलता है।
- यह वायरस आंख, मुंह और नाक के द्वारा शरीर के अंदर प्रवेश करता है।
- यह वायरस शरीर के बाहर 3 से 4 दिन तक जिंदा रह सकता है इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी चीज को छूने से बचें।
कोरोना वायरस के लक्षण –
कोरोना वायरस के लक्ष्ण आमतौर पर 5 दिन के बाद दिखाई देने लग जाते है लेकिन कुछ लोगों में यह लक्षण 14 दिन के अंतराल पर दिखाई पड़ते है लेकिन भारत में अब कोरोना वायरस का एक दूसरा म्युटेंट वायरस आ चुका है।
जिसमें 2 से 3 दिन में ही लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं और यह पहले वाले वायरस के मुकाबले बहुत घातक है और तीव्र गति से फेफड़ों और किडनी पर बुरा प्रभाव डालता है।
यह वायरस किस लिए भी घातक है क्योंकि इसके लक्षण सामान्य खांसी जुकाम जैसे होते हैं जिससे लोग डॉक्टर को दिखाते नहीं है और घर पर ही इलाज करने की कोशिश करते हैं जिससे यह गंभीर रूप धारण कर लेता है।
इसके लक्षण की बात करें तो इसमें सूखी खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बदन का दर्द करना, सिर दर्द, तेज बुखार, गले में दर्द, गंध और स्वाद का पता नहीं लगना यह इसके मुख्य लक्षण है।
- यदि किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ बलगम और तेज बुखार होता है तो इस वायरस के होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं ( शरीर का तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट से कम है तो यह सामान्य है)
- इसके संक्रमण के कारण तेज बुखार जुखाम सांस लेने में तकलीफ नाक का बहना गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
- इससे मांसपेशियों में जकड़न होती है और शरीर में थकावट महसूस होती है।
- यदि किसी व्यक्ति को खांसी बुखार और सांस लेने में तकलीफ हो रही है तो यह इसका सीधा-सीधा लक्षण है।
- कुछ व्यक्तियों में देखा गया है कि इस वायरस से संक्रमित होने पर उन्हें गंध और स्वाद का पता नहीं लगता है जो कि बेहद खतरनाक है।
- यह वायरस अपना रूप बदलता रहता है इसलिए यह दिन प्रतिदिन घातक होता जा रहा है इसलिए इनमें से कोई भी लक्षण अगर आपको दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
कोरोना वायरस से बचाव के उपाय –
इस वायरस से बचने के लिए अभी तक कोई भी सुरक्षित दवाई नहीं बनी है अभी इसकी वैक्सिंग आई है जोकि कुछ हद तक ही हमारी सुरक्षा करती है। लेकिन इसे लगवाने के बाद भी कोरोनावायरस से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है इसलिए हम नीचे दिए गए कुछ बातों को ध्यान में रखकर इस वायरस से अपना बचाव कर सकते है।
- घर से बाहर मास्क लगा कर रखें और हो सके तो N95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
- अपने मुंह पर बार-बार हाथ नहीं लगाना चाहिए।
- बेवजह बाजार और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए।
- अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए खूब पानी पीना चाहिए और पौष्टिक भोजन के साथ-साथ फल सब्जियां खानी चाहिए।
- लोगों से हाथ मिलाने से बचना चाहिए।
- सार्वजनिक वाहन रेलगाड़ी बस टैक्सी इत्यादि में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए उसके बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए।
- कोरोनावायरस से बचाव के लिए वर्तमान में Covishield, Covaxin और Sputnik V नाम की तीन वैक्सीन भारत में उपलब्ध है जब भी आपका नंबर आए तो इसका टीका जरूर लगवाएं।
कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव –
वर्तमान में कोरोनावायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा कर रख दी है इसके कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है आइए जानते हैं कोरोनावायरस से होने वाले दुष्प्रभाव क्या है।
- कोरोनावायरस से गरीब देशों में भुखमरी और गरीबी बढ़ गई है।
- इसके कारण विश्व के लगभग सभी देशों की जीडीपी माइनस में चली गई है जिसके कारण लोगों के आय और व्यय प्रभावित हुए है।
- कोरोनावायरस के कारण मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गई है।
- इसके कारण सभी देशों में लॉकडाउन की स्थिति है जिससे ज्यादातर लोग बेरोजगार हो गए हैं और लोगों के व्यवसाय भी बंद हो गए है।
- ज्यादातर घर में ही रहने के कारण लोगों में चिड़चिड़ाहट और मानसिक समस्याएं बढ़ गई है।
- इसके कारण लोगों में डर और भय का माहौल उत्पन्न हो गया है जिससे चोरी और कालाबाजारी की समस्या बढ़ गई है।
- इस वायरस से बचाने वाली दवाओं के दाम बढ़ गए हैं और लोग कालाबाजारी करने पर उतर आए हैं वह समस्या में भी अवसर ढूंढ रहे है।
- इस वायरस के कारण लोगों का सामाजिक मेलजोल लगभग समाप्त हुई ही हो गया है।
- इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ रहा है क्योंकि वह पूरे दिन घर पर ही रहते हैं और बाहर खेल नहीं पाते हैं जिसके कारण उनका मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है।
- कोरोना वायरस के कारण सरकारों का ध्यान अन्य व्यवहारिक समस्याओं से हट गया है जिसके कारण लोगों को और अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
- आवारा जानवरों को मिलने वाला भोजन भी कम हो गया जिससे कुछ जानवरों की मृत्यु हो गई और कुछ जानवर कमजोर हो गए है।
कोरोना वायरस के लाभ –
वैसे तो कोरोनावायरस मानव जाति के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हो रहा है लेकिन इस वायरस के कारण हमारे पर्यावरण को कुछ लाभ भी हुए हैं जो कि हम इस वायरस के आने से पहले नहीं देख पा रहे थे।
इस वायरस के आने के बाद लगभग सभी देशों में लॉकडाउन लग गया था जिसके कारण कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों का उत्सर्जन कम हो गया और प्रदूषण की मात्रा भी पूरी तरह से गिर गई जिसके कारण आसमान साफ हो गया और नदियों का पानी भी एकदम से साफ हो गया।
भारत में तो जो नदियां लाखों करोड़ों रुपए सरकार के खर्च करने के बावजूद भी साफ नहीं हो पा रही थी वह लोग डाउन लगाने के बाद स्वत: ही साफ हो गई. भारत में तो जो पहाड़ दूर से दिखाई नहीं देते थे वेल लॉकडाउन के बाद कई किलोमीटर दूर से भी दिखाई देने लगे।
जहरीली गैसों का उत्सर्जन नहीं होने के कारण लोगों को स्वस्थ प्राणवायु मिलने लगी, इसके कारण खनिज पदार्थों असंतुलित का जो विदोहन हो रहा था वह रुक गया।
भारत में कोरोना की स्थिति –
भारत में कोरोनावायरस की पहली लहर का असर व्यापक तौर पर नहीं हुआ था क्योंकि इस वायरस के आते ही पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था जिसके कारण यह वायरस फैल नहीं पाया था लेकिन जैसे ही इसकी दूसरी लहराई तो सरकार और लोग दोनों इसके प्रति गंभीर नहीं थे जिसके कारण इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।
आज भारत में कोरोना वायरस के कारण यह स्थिति है कि प्रत्येक शहर और प्रत्येक गांव में इस वायरस से संक्रमित लोग मिले हैं और इसके कारण बहुत अधिक मृत्यु हुई हुई है जो कि हमें सरकारी आंकड़ों के द्वारा दिखाई पड़ती है लेकिन यह आंकड़े सही नहीं है कुछ न्यूज़ चेनलो के अनुसार सरकारों द्वारा अपनी छवि को बचाने के लिए आंकड़ों को छुपाया जा रहा है।
कोरोना वायरस के कारण भारत में बेरोजगारी और गरीबी ने 45 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं जो की बहुत ही भयावह स्थिति है। अभी तक भारत में लगभग 2.77 करोड से भी अधिक कोरोना के केस आ चुके है
और इनमें से 2.51 करोड़ लोग ठीक हो चुके है. इस महामारी के कारण भारत में 3.22 लाख से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अभी भारत में इस महामारी की दूसरी लहर चल रही है।
लेकिन वैज्ञानिकों की मानें तो कुछ ही समय में इसकी तीसरी लहर भी आने वाली है जो कि बच्चों के लिए बहुत अधिक खतरनाक बताई जा रही है। कुछ राज्यों से तो बच्चों के संक्रमित होने की खबरें भी आने लगी हैं अगर इसके ऊपर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तो यह भयंकर रूप धारण कर सकता है।
उपसंहार –
कोरोनावायरस की इस महामारी ने लगभग सभी देशों को घुटनों पर लाकर खड़ा कर दिया है क्योंकि इसके आगे किसी भी सरकार की नहीं चल रही है।
इसलिए इस महामारी में सरकार के निर्देशों का पालन करना और डब्ल्यूएचओ द्वारा सुझाए गए उपायों को अमल में लाकर ही हम इस महामारी से बच सकते हैं।
सतर्क रहें स्वस्थ रहें और जब तक जरूरी कार्य ना हो घर से बाहर ना निकले और मास्क का इस्तेमाल जरूर करें तभी इस महामारी पर काबू पाया जा सकता है नहीं तो जैसे भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया है।
वैसे ही आगे आने वाली लहर भी बेकाबू हो सकती है इसलिए समय रहते हमारी सरकारों को रणनीति बनानी होगी और हमें भी उनका सहयोग करके इस महामारी पर जीत हासिल करनी होगी।
यह भी पढ़ें –
Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Doctor in Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य डॉक्टर बनना
क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi
शीत ऋतु पर निबंध – Essay on Winter Season in Hindi
Essay on Mere Jeevan ka Lakshya Teacher in Hindi – मेरे जीवन का लक्ष्य शिक्षक बनना
Anopcharik Patra in Hindi – अनौपचारिक पत्र लेखन
हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Coronavirus in Hindi पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले।
इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
Leave a Comment Cancel reply
कोरोना वायरस बीमारी (COVID-19): लक्षण, कारण, संचरण, उपचार, सावधानियां | Coronavirus In Hindi
कोरोनावायरस क्या है?
कोरोनावायरस को नोवेल कोरोनावायरस भी कहा जाता है, जो कि कोरोनावायरस (CoV) नामक वायरस के परिवार से आता है, जिसकी पहचान वर्ष 1960 में हुई थी। वायरस को उसके आकार से नाम मिला जो मुकुट(क्राउन) की तरह होता है।
यह जानवरों और मनुष्यों दोनों में फैल सकता है जो मनुष्यों में सांस की बीमारियां, गाय और सूअर में डायरिया और मुर्गियों में ऊपरी श्वसन रोग जैसी विनाशकारी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
कोरोनावायरस प्रकृति में जूनोटिक होता हैं यानी वे जानवरों से मनुष्यों में पारित होते हैं। संक्रमित व्यक्ति या उनके द्वारा छुई गई चीजों को छूने से लोग संक्रमित हो सकते हैं।
कोरोनावायरस लाइव अपडेट:
हमेशा याद रखें ... वायरस की तुलना में अफवाहें तेजी से फैलती हैं। कोरोनावायरस के प्रकोप लाइव अपडेट के लिए WHO आधिकारिक साइट का पालन करें।
लेटेस्ट इंडिया अपडेट:
- COVID-19: दिल्ली के भीड़-भाड़ में तीसरी लहर के रूप में कोरोनावायरस - और पढ़े!
- TIFR का कहना है कि मुंबई में दूसरा COVID-19 पीक मामले में कम गंभीर - और पढ़े!
- केंद्र ने राज्यों को COVID-19 टीकाकरण अभियान की देखरेख के लिए समितियां बनाने का निर्देश दिया - और पढ़े!
- कोरोनावायरस अपडेट: सक्रिय मामले भारत में 5.5 लाख से नीचे गिरे क्योंकि भारत में 40,000 फ्रेश संक्रमणों से कम रिपोर्ट दर्ज - और पढ़े!
- पश्चिम बंगाल में 30 नवंबर तक लॉकडाउन के उपायों को आसानी के साथ बढ़ाया गया - और पढ़े!
दुनिया की लेटेस्ट अपडेट:
- श्रीलंका के ग्रामीणों ने फंसे हुए व्हेल को बचाने के लिए कोरोनोवायरस कर्फ्यू को चुनौती दिया - और पढ़े!
- CureVac का टीका प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है, यूके ने एस्ट्राजेनेका की दवा के लिए समीक्षा शुरू की - और पढ़े!
- COVID-19 मामले, चुनाव के दिनों में तेजी से बढ़ रही मौतें - और पढ़े!
- अपनी पहली-लहर के गलतियों से सीखने में असफल, इटली लॉकडाउन की ओर वापस लौटा - और पढ़े!
- रूसी वैक्सीन ट्रायल डोज की कमी, भारत दुनिया को वैक्सीन लेने में करेगा मदद - और पढ़े!
कोरोनावायरस की उत्पत्ति और प्रकोप:
कोरोनावायरस रोग (COVID-19) एक नया तनाव (स्ट्रेन) है, जिसकी उत्पत्ती चीन के शहर वुहान से हुई और यह पहली बार दिसंबर 2019 में खोजा गया था। यह पहले मनुष्यों में नहीं पहचाना गया था।
जब से संक्रमण सामने आया, यह अनुमान लगाया गया कि यह एक लैब में बायोवेपॉन के रूप में था। हालांकि, वैज्ञानिक ऐसा कोई सबूत नहीं खोज पाए हैं, जो यह बताता हो कि वायरस किसी लैब में बना था या फिर इंजीनियर्ड था। जर्नल नेचर में प्रकाशित निष्कर्षों के अनुसार, संक्रमण प्राकृतिक विकास का एक उत्पाद है।
चीन में शुरू में इसका प्रकोप गंभीर था, जहाँ इसने सबसे अधिक लोगों को संक्रमित किया और मारे गए। लेकिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, यूरोप संक्रमण का नया उपरिकेंद्र(epicentre) है। जिन देशों की उच्च संक्रमण और घातक संख्या की सूचना रिपोर्ट की गई है उनमें इटली, ईरान, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जर्मनी शामिल हैं।
कोरोनावायरस बीमारी (कोविद -19) कैसे फैलता है?
सबसे पहला सवाल यह होता है कि कोरोनावायरस कैसे फैलता है, तो बता दें कि कोरोनावायरस रोग मुख्य रूप से संचारित होता है:
- संक्रमित व्यक्ति (1 मीटर के भीतर) के साथ निकट संपर्क के माध्यम से संचारित होता है।
- जब संक्रमित रोगी खांसता या छींकता है तो श्वसन की बूंदें(respiratory droplets) उत्पन्न होती हैं जिससे यह संचारित होता है।
- किसी वस्तु को छूने से जिसकी सतह पर वायरस है, और फिर अपने मुंह, नाक, या संभवतः आंखों को छूता है तो यह संचारित होता है।
- पशु मीट खाने से जो कोरोनावायरस से संक्रमित होता है।
वायरस कितनी देर तक सरफेस पर जीवित रहता है?
यह सही ज्ञात नहीं है कि वायरस सतह पर कितने समय तक जीवित रहता है। कई अध्ययनों के अनुसार, यह वायरस कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक सतहों पर बना रह सकता है। यह अलग-अलग परिस्थितियों में सतह के प्रकार, तापमान या वातावरण की नमी के आधार पर भिन्न होता है।
क्या कोविद -19 सार्स के समान है?
नहीं, दोनों बीमारियां अलग हैं। कोविद-19 (COVID-19) और 2003 में सार्स ( SARS ) के प्रकोप का कारण बनने वाले वायरस आनुवांशिक रूप से संबंधित हैं, लेकिन उनके कारण होने वाली बीमारियां अलग हैं। COVID -19 की तुलना में सार्स घातक लेकिन कम संक्रामक था। इसके अलावा, 2003 के बाद, आज तक दुनिया में SARS का कोई प्रकोप नहीं देखा गया।
कोरोनावायरस रोग(COVID-19) के लक्षण और संकेत क्या हैं?
कोरोनावायरस (COVID-19) के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- साँस की तकलीफ
जिन रोगियों में यह विकसित चरण में पहुंचा है, वे निम्न लक्षणों में से कुछ का अनुभव कर सकते हैं:
- छाती में लगातार दर्द या दबाव
- मन में असमंजस की स्थिति
- नीले होंठ या चेहरा
कोरोनावायरस रोग (कोविद -19) के लिए ऊष्मायन अवधि क्या है?
वायरस के संकुचन और लक्षणों की शुरुआत के बीच का समय 1 से 14 दिनों के बीच अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर, पांच दिनों के भीतर, संक्रमित व्यक्ति लक्षण दिखाना शुरू कर देता है।
कोरोनोवायरस रोग (कोविद -19) का निदान कैसे किया जा सकता है?
सबसे पहले, लैब टेक्नीशियन आपके ब्लड का सैंपल एक सुई के माध्यम से लेगा या कपास का उपयोग करके वह आपके लार या श्वसन स्राव (नाक से या आपके गले के पीछे से) का सैंपल लेगा। बाद में, सैंपल को वायरल सामग्री या एंटीबॉडी की उपस्थिति की कन्फर्म करने के लिए टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है जो वायरस को बताता है।
कोरोना वायरस परीक्षण प्रयोगशालाएँ
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सरकारी प्रयोगशालाओं की स्थापना की और निजी प्रयोगशालाओं को कोविद -19 जांच परीक्षणों का संचालन करने की अनुमति दी। कृपया नीचे उनके स्थान के साथ केंद्रों की सूची देखें:
- स्थान के साथ कोरोनावायरस पैन इंडिया प्रयोगशालाएँ
क्या कोरोनावायरस बीमारी (कोविद -19) के लिए कोई टीका है?
कोविद -19(COVID-19) से बचाव के लिए पूरी दुनिया में कोई टीका उपलब्ध नहीं है। वैक्सीन को जल्द से जल्द विकसित करने के लिए वैज्ञानिक उसी पर काम कर रहे हैं। हालाँकि, यह भविष्यवाणी की गई है कि आने वाले 18 महीनों में इस महामारी को ठीक करने के लिए कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं होगी।
हम कोरोनावायरस का इलाज कैसे कर सकते हैं?
कोविद -19(COVID-19) का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। लक्षणों को देखते हुए, मरीजों को लक्षणों से राहत पाने के लिए मेडिकल केयर लेने की सलाह दी जाती है। यदि आपके लक्षण गंभीर हैं, तो सहायक उपचार दिए जा सकते हैं। कोविद-19 के लिए वर्तमान उपचार विधियां आमतौर पर वायरल संक्रमण के लक्षणों के प्रबंधन पर जोर देती हैं।
- एंटीवायरल या रेट्रोवायरल दवाएं
- ब्रेथिंग सपोर्ट, जैसे मकेनिकल वेंटिलेशन
- फेफड़ों की सूजन को कम करने के लिए स्टेरॉयड
- ब्लड प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन
और पढ़े: आयुर्वेद में इम्युनिटी के लिए बेस्ट निवारक कोरोना वायरस टिप्स
कोरोनोवायरस रोग (कोविद -19) के लिए निवारक उपाय क्या हैं?
चूंकि कोविद -19 एक उच्च संचारी (highly communicable) रोग है, ऐसे कुछ निवारक उपाय हैं, जिनका पालन करके आप कॉरोनोवायरस रोग (COVID-19) के जोखिम को कम कर सकते हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित विभिन्न सावधानियों का पालन करके अपनी रक्षा करें। इसमें शामिल है:
कोरोना वायरस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:-
अधिकांश लोग जो संक्रमित हो जाते हैं वे हल्के बीमारी का अनुभव करते हैं और ठीक हो जाते हैं, लेकिन यह दूसरों के लिए अधिक गंभीर हो सकता है। अपना ध्यान रखें और निम्नलिखित कार्य करके दूसरों की रक्षा करें:
अपने हाथों को अल्कोहल-आधारित हाथ से नियमित रूप से और अच्छी तरह से साफ करें या उन्हें साबुन और पानी से धोएं।
क्यों? अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना या अल्कोहल-आधारित हैंड रब का उपयोग, हाथों के वायरस को खत्म कर सकता है।
कम से कम 1 मीटर (3 फीट) की दूरी पर अपने आप को और किसी को भी, जो खांस रहें है या छींक रहें हैं, के बीच दूरी बनाए रखें। क्यों? जब किसी को खांसी या छींक आती है तो वे अपनी नाक या मुंह से छोटी तरल बूंदें छिड़कते हैं जिसमें वायरस हो सकता है। यदि आप बहुत करीब हैं, तो आप उस खांसी में सांस ले सकते हैं, जिसमें कोविड -19 वायरस भी शामिल हो सकते हैं यदि खांसी करने वाले व्यक्ति को यह बीमारी है।
क्यों? हाथ कई सतहों को छूते हैं और वायरस उठा सकते हैं। एक बार दूषित होने पर, हाथ वायरस को आपकी आंखों, नाक या मुंह में स्थानांतरित कर सकते हैं। वहां से, वायरस आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है और आपको बीमार कर सकता है।
सुनिश्चित करें कि आप, और आपके आस-पास के लोग, अच्छी रेस्पिरेटरी हाइजीन का पालन करते हैं। इसका मतलब है खांसी या छींक आने पर अपनी मुड़ी हुई कोहनी या टिशू से अपने मुंह और नाक को ढंकना। या फिर इस्तेमाल किए गए टिश्यू का तुरंत फेक देना।
क्यों? ड्रॉपलेट से वायरस फैलते हैं। अच्छी रेस्पिरेटरी हाइजीन का पालन करके आप अपने आसपास के लोगों को सर्दी, फ्लू और सीओवीआईडी -19 जैसे वायरस से बचाते हैं।
यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो घर पर रहें। यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई है, तो चिकित्सा पर ध्यान दें और पहले से फोन करें। अपने स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के निर्देशों का पालन करें।
क्यों? आपके क्षेत्र की स्थिति की जानकारी के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय अधिकारियों के पास सबसे अधिक जानकारी होगी। पहले से कॉल करने से आपका डॉक्टर आपको जल्दी से सही स्वास्थ्य सुविधा के लिए निर्देशित कर सकता है। यह आपकी रक्षा भी करेगा और वायरस और अन्य संक्रमणों के प्रसार को रोकने में मदद करेगा।
कोविड -19 के बारे में नई घटनाओं से अवगत रहें। अपने डॉक्टर, अपने राष्ट्रीय और स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राधिकरण या अपने नियोक्ता द्वारा कोविड -19 से खुद को और दूसरों को बचाने के तरीके के बारे में दी गई सलाह का पालन करें।
क्यों? आपके क्षेत्र में COVID-19 फैल रहा है या नहीं, इस पर राष्ट्रीय और स्थानीय अधिकारियों को सबसे अधिक जानकारी होती है। उन्हें इस बात की सलाह देने के लिए सर्वोत्तम स्थान दिया जाता है कि आपके क्षेत्र के लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए।
उन लोगों के लिए सुरक्षा उपाय जो हाल ही में (पिछले 14 दिनों में) उन क्षेत्रों में गए हैं, जहां COVID-19 फैल रहा है।
ऊपर उल्लिखित मार्गदर्शन का पालन करें
जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक घर पर हीं रहें, जब तक कि हल्के लक्षण दिखने शुरू न हो जाएं जैसे सिरदर्द और हल्की नाक बहना। क्यों? दूसरों के साथ संपर्क से बचने और मेडिकल फैसिलिटी से ये सुविधाएं अधिक प्रभावी ढंग से संचालित हो सकेंगी और आपको और दूसरों को संभव COVID-19 और अन्य वायरस से बचाने में मदद मिलेगी।
यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई का विकास होता हैं, तो तुरंत चिकित्सीय सलाह लें क्योंकि यह श्वसन संक्रमण या अन्य गंभीर स्थिति का कारण हो सकता है। पहले से कॉल करें और किसी भी हाल की यात्रा के बारे में अपने डॉक्टर को बताएं। क्यों? पहले से कॉल करने से आपका डॉक्टर आपको जल्दी से सही स्वास्थ्य सुविधा के लिए निर्देशित कर सकता है। यह COVID-19 और अन्य वायरस के संभावित प्रसार को रोकने में भी मदद करता है.
सॉर्स: जनता के लिए WHO की सलाह।
मास्क का उपयोग कब करें?
- यदि आप स्वस्थ हैं, तो आपको केवल तब मास्क पहनना होता है, जब आप किसी ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जिसके पास कोविद-19 का संक्रमण है।
- खांसने या छींकने पर मास्क पहनें।
- मास्क केवल तभी प्रभावी होते हैं जब अल्कोहल-आधारित हैंड रब या साबुन और पानी के साथ लगातार हाथ-सफाई के संयोजन में उपयोग किया जाता है।
- यदि आप मास्क पहनते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि इसका उपयोग कैसे करना है और इसे ठीक से कैसे उतारना या फेकना है।
मास्क कैसे लगाएं, इस्तेमाल कैसे करें, उतारें कैसे और डिस्पोज कैसे करें?<
- मास्क लगाने से पहले, अल्कोहल बेस्ड हैंड रब या साबुन और पानी से हाथ साफ करें।
- मुंह और नाक को मास्क से ढकें और सुनिश्चित करें कि आपके चेहरे और मास्क के बीच कोई गैप न हो।
- उपयोग करते समय मास्क को छूने से बचें; यदि आप ऐसा करते हैं, तो अपने हाथों को अल्कोहल-आधारित हैंड रब या साबुन और पानी से साफ करें।
- नम होते ही मास्क को रिप्लेस करें और सिंगल-यूज़ मास्क का दोबारा उपयोग न करें।
- मास्क कैसे हटाएं: इसे पीछे से हटाएं (मास्क को सामने से न छुएं); बंद बिन में तुरंत फेकें; अल्कोहल बेस्ड हैंड रब या साबुन और पानी से हाथ साफ करें।
भारत में कोरोनावायरस रोग (कोविद -19) के निशान:
केरल में 30 जनवरी को कोरोनोवायरस के पहले मामले का पता चला था। छात्र वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ रहा था और उसका इलाज केरल के अस्पताल में किया गया। अब तक, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोविद -19 के कुल कन्फर्म मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
क्या हमें कोविद -19 के बारे में चिंता करनी चाहिए?
कोविद -19 यानी कोरोनावायरस के बारे में दुनिया भर में महामारी की स्थिति घोषित किया गया है। इस वायरस के कारण होने वाली बीमारी आम तौर पर बच्चों और युवा वयस्कों में हल्के होती है, हालांकि, बड़ी उम्र के लोग या डायबिटीज या दिल की बीमारियों से पीड़ित लोगों को कोरोनावायरस से संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है।
यदि शुरुआती चरणों में सावधानी नहीं बरती जाती है, तो संक्रमण गंभीर हो जाता है और उचित चिकित्सा की आवश्यकता होती है। नीचे दिए गए निवारक उपायों को अपनाकर हम सभी इस बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं।
- वायरस को मारने के लिए कीटाणुनाशक से सतहों को साफ करें।
- अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
- अपने मुंह, आंख और नाक को छूने से बचें।
- जब आप छींकते हैं तो अपने मुंह को कोहनी से ढकें।
- यदि खांसी, छींक या सर्दी लंबे समय तक बनी रहती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें।
कोरोनोवायरस बीमारी के बारे में मिथक
- ठंड का मौसम और बर्फ कोरोनावायरस को नहीं मार सकते।
- कोरोनावायरस को मारने में हैंड ड्रायर्स प्रभावी नहीं हैं।
- कोई सबूत नहीं है कि नियमित रूप से सेलाइन के साथ नाक धोना लोगों को कोरोनावायरस से संक्रमण से सुरक्षित रखता है।
- कोरोनावायरस गर्म और नम जलवायु वाले क्षेत्रों में संचारित किया जा सकता है।
- पराबैंगनी किरणों का उपयोग विसंक्रमण के लिए नहीं किया जाना चाहिए और यह त्वचा में जलन पैदा कर सकता है।
- लहसुन हेल्दी होता है लेकिन मौजूदा प्रकोप से कोई सबूत नहीं है कि लहसुन खाने से लोगों को कोरोनावायरस से बचाया जा सकता है।
- कोरोनाविरस मच्छर के काटने से नहीं फैलता है।
- थर्मल स्कैनर यह पता लगा सकता हैं कि लोगों को बुखार है या नहीं, लेकिन यह पता नहीं लग सकता है कि क्या किसी को कोरोनावायरस है या नहीं।
- एंटीबायोटिक्स वायरस के खिलाफ काम नहीं करते हैं, एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया के खिलाफ काम करते हैं।
- कोई सबूत नहीं है कि जानवर / पालतू जानवर जैसे कुत्ते या बिल्ली कोरोनावायरस को संचारित कर सकते हैं।
- अपने शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन का छिड़काव करना उन वायरस को खत्म नहीं करता है जो पहले ही आपके शरीर में प्रवेश कर चुके हैं।
- आज तक, कोरोनावायरस को रोकने या इलाज के लिए कोई विशिष्ट दवा नहीं है।
- गर्म स्नान कोरोनावायरस को नहीं रोकता है।
- निमोनिया के खिलाफ टीके, जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) वैक्सीन, कोरोनावायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।
अपने कार्यस्थल(वर्क प्लेस) को कोरोनावायरस से निपटने के लिए कैसे तैयार करें?
अपने कार्यस्थल में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए सरल तरीके से रोक सकते हैं
नीचे दिए गए कम लागत वाले उपाय आपके कार्यस्थल में संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करेंगे, जैसे सर्दी, फ्लू और स्टमक बग, और आपके ग्राहकों, ठेकेदारों और कर्मचारियों की रक्षा करेंगे।
काम करने वाले लोगों(कर्मचारीयों) को अब इन चीजों को करना शुरू करना चाहिए, भले ही COVID-19 उन समुदायों में नहीं आया हो जहां वे काम करते हैं। बीमारी के कारण काम करने वाले दिनों को पहले ही कम करके और यदि आपके किसी वर्क प्लेस पर यह संक्रमण हो गया है तो आप ऐसा करके COVID-19 के प्रसार को रोक या धीमा कर सकते हैं।
क्यों? क्योंकि कर्मचारियों और ग्राहकों द्वारा छुई गई सतहों पर संदूषण मुख्य तरीकों में से एक है जो COVID-19 फैलता है।
क्यों? क्योंकि हाथ धोना आपके हाथों पर वायरस को मारता है और COVID19 के प्रसार को रोकता है
क्यों? क्योंकि अच्छी श्वसन स्वच्छता COVID-19 के प्रसार को रोकती है
अपने कर्मचारियों, ठेकेदारों और ग्राहकों को बताएं कि कोरोना वायरस आपके समुदाय में फैल सकता है। यदि किसी को भी हल्की खांसी या कम बुखार (37.3 C या अधिक) है तो ऐसे में घर पर रहना चाहिए। यदि आपने सरल दवाएं ली हैं, जैसे कि पेरासिटामोल / एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन या एस्पिरिन तो आपको घर पर रहना चाहिए (या घर से काम करना चाहिए), जो संक्रमण के लक्षणों हो सकता है।
क्या COVID-19 के लिए कोई इलाज / टीकाकरण है?
इस समय, आपको नोवेल कोरोनवायरस से बचाने के लिए कोई टीका नहीं है, जिसे SARS-CoV-2 भी कहा जाता है। कोविद-19 के लक्षणों के उपचार के लिए कोई विशेष दवाइयां भी अनुमोदित नहीं हैं। जिन लोगों में हल्का मामला मिलता है, उन्हें अपने लक्षणों को कम करने के लिए देखभाल की आवश्यकता होती है, जैसे आराम, तरल पदार्थ और बुखार पर कंट्रोल करना. गंभीर लक्षणों वाले लोगों को अस्पताल में दिखाने की आवश्यकता होती है।
कोविद-19 के टीके और उपचार के विकल्प वर्तमान में दुनिया भर में चेक किया जा रहा हैं। कुछ सबूत हैं कि कुछ दवाओं में बीमारी को रोकने या कोविद-19 के लक्षणों का इलाज करने के संबंध में प्रभावी होने की क्षमता हो सकती है।
हालांकि, शोधकर्ताओं को संभावित टीके और अन्य उपचार उपलब्ध होने से पहले मनुष्यों में यादृच्छिक नियंत्रित ट्रायल्स(randomized controlled trials) करने की आवश्यकता है। इसमें कई महीने या उससे अधिक समय लग सकता है।
यहां कुछ उपचार विकल्प दिए गए हैं जो वर्तमान में SARS-CoV-2 के खिलाफ सुरक्षा और COVID-19 लक्षणों के उपचार के लिए जांच की जा रही है।
रेमडेस्वीर एक प्रायोगिक ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीवायरल दवा है जिसे मूल रूप से इबोला को लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि रेमडेस्वीर अलग-अलग कोशिकाओं में नोवेल कोरोनवायरस से लड़ने के लिए बेहद प्रभावी होता है। यह उपचार अभी तक मनुष्यों में अनुमोदित नहीं है, लेकिन चीन में इस दवा के लिए दो नैदानिक परीक्षण लागू किए गए हैं। एक नैदानिक परीक्षण हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में एफडीए द्वारा अनुमोदित किया गया था।
क्लोरोक्वीन एक ऐसी दवा है जिसका इस्तेमाल मलेरिया और ऑटोइम्यून बीमारियों से लड़ने के लिए किया जाता है। यह 70 से अधिक वर्षों से उपयोग किए जाने वाले स्रोत के लिए उपयोग में है और इसे सुरक्षित माना जाता है। शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि यह दवा टेस्ट ट्यूब में किए गए अध्ययनों में SARS-CoV-2 वायरस से लड़ने में कारगर है। कम से कम 10 नैदानिक परीक्षण वर्तमान में क्लोरोक्वीन के संभावित उपयोग को नोवेल कोरोनावायरस से निपटने के विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
लोपिनवीर और रितोनवीर को कालेट्रा नाम से बेचा जाता है और एचआईवी के इलाज के लिए डिज़ाइन किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अन्य दवाओं के साथ संयोजन में कालेट्रा का उपयोग करने के लाभ हो सकता है।
नोवेल कोरोनावायरस से लड़ने के लिए APN01 नामक दवा की क्षमता की जांच करने के लिए चीन में जल्द ही एक नैदानिक परीक्षण शुरू किया गया है। पहली बार 2000 के दशक में APN01 को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों ने पाया कि ACE2 नामक निश्चित प्रोटीन SARS संक्रमण में शामिल है। इस प्रोटीन ने श्वसन संकट के कारण फेफड़ों को चोट से बचाने में मदद की है।
हाल के शोध से यह पता चला है कि SARS की तरह 2019 कोरोनवायरस भी मनुष्यों में कोशिकाओं को संक्रमित करने के लिए ACE2 प्रोटीन का उपयोग करता है।
यादृच्छिक(randomized), डूएल-आर्म-ट्रायल 1 सप्ताह के लिए 24 रोगियों पर दवा के प्रभाव को दखा गया। इस ट्रायल में भाग लेने वाले आधे प्रतिभागियों को APN01 दवा प्राप्त होगी, और अन्य आधे को एक प्लेसबो दिया जाएगा। यदि परिणाम अच्छा हुआ, तो बड़े नैदानिक ट्रायल किए जाएंगे।
चीन ने COVID-19 के लक्षणों के इलाज के लिए एंटीवायरल ड्रग फेविलविर के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। शुरुआत में नाक और गले में सूजन के इलाज के लिए दवा विकसित की गई थी। हालांकि अध्ययन के परिणाम अभी तक जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन दवा को माना जाता है कि 70 लोगों के नैदानिक परीक्षण में कोविद-19 लक्षणों के इलाज में प्रभावी पाया है।
सॉर्स: Webmd
प्रोफेशनल सहायता के लिए:
प्रोफेशनल सहायता प्राप्त करने के लिए, आप यहाँ देख सकते हैं:
- Helpline Number Toll-free: 1075, +91-11-23978046
- Helpline Email ID : ncov2019[at]gov[dot]in OR Ncov2019[at]gmail[dot]com
- Website: https://www.mohfw.gov.in/
आगे जानिए इसके बारे में: कोरोनावायरस पैन इंडिया हेल्पलाइन नंबर
- Coronavirus. World Health Organization [Internet]. who.int 2020 [cited 17 March 2020]. Available from: https://www.who.int/health-topics/coronavirus
- Coronavirus (COVID-19). CDC, Centers for Disease Control and Prevention [Internet]. cdc.gov 2020 [cited 17 March 2020].Available from: https://www.cdc.gov/coronavirus/2019-ncov/index.html
- Novel Corona Virus. Ministry Of Health And Family Welfare, Department of Health & Family Welfare [Internet]. mohfw.gov.in 2020 [cited 17 March 2020]. Available from: https://www.mohfw.gov.in/
Hello I was infected with covid in april 2021. I was admitted and received a treatment with remdesivir and steroids. In last week, I was asked to do some test which included hba1c (observed value 5.7 pre diabetic) and glucose fasting (81) and glucose post prandial (98). I am actively involved in drinking and use nicotine gum in case I get cravings for nicotine. I am overweight also with less physical activity. Please advise what lifestyle changes I should adopt to reverse from the prediabetes condition?
I was on ecosprin (150 mg) dose for last few months after recovering from. covid. are there any blood tests to confirm, there will not be any serious blood clots after getting off the medication, i have recovered from covid 6 weeks back. during covid, i was on oral steroids for one month and on oxygen. no diabetes. now i am suffering from postnasal drip. ent doctor prescribed furamist nasal spray. since it is steroid, i am worried of any fungal infections like black fungus. please suggest if i can continue with nasal steroid., hi doctor, i am getting mad day by day. i am recovered from covid 5 month back. my last ct score showed improving lungs infections but now i am developed phobia of spp02 measuring. i measure 100 times a day. i have 7 oxiometer meter in house. i remains normal when it shows 98 but i get panic and cru when it shows 96-97 constant for more than minutes. i am taking psychiatrist treatment and on medicine of paroxetine 25 mg and clonotril from last two weeks. it control fear for few hours and then i return back to measuring sp02. i am dieing slowly due to this. please help do i still need to measure sp02, i got my recent cbc wherein wbc are 3.6, no fever or infection, hb is 9.3 raised from 8.0, rbc 3.23, hct 28.6, rdw cv and rdw sd are 19.4 and 60.6. i have recovered from covid on 7 april. i was taking foracort 200 inhaler since then till 26 june. i have acute sinusitis, thyroid under control though i take eltroxin 25 mcg. what can be the reason for low wbc. lymphocytes are 1.3, mid# 0.3, gran # 2.0,, positive impact of covid-19, how germany was able to successfully control the pandemic, look after your mental & emotional health during this lock down, covid19 & obesity, best preventive coronavirus tips for immunity in ayurveda in hindi, book appointment with:.
- Choose your language
- मुख्य ख़बरें
- अंतरराष्ट्रीय
- उत्तर प्रदेश
- मोबाइल मेनिया
- श्री कृष्णा
- व्रत-त्योहार
- श्रीरामचरितमानस
- बॉलीवुड न्यूज़
- मूवी रिव्यू
- खुल जा सिम सिम
- आने वाली फिल्म
- बॉलीवुड फोकस
लाइफ स्टाइल
- वीमेन कॉर्नर
- नन्ही दुनिया
- दैनिक राशिफल
- आज का जन्मदिन
- आज का मुहूर्त
- वास्तु-फेंगशुई
- टैरो भविष्यवाणी
- पत्रिका मिलान
- रत्न विज्ञान
- धर्म संग्रह
- CoronaVirus Essay
- 104 शेयर�स
सम्बंधित जानकारी
- लॉक डाउन में हमने क्या किया : बच्चों के लिए निबंध
- कोरोना वायरस पर हिन्दी में निबंध
- लॉकडाउन पर निबंध जानिए इसके फायदे-नुकसान
CoronaVirus Essay : कोरोनावायरस पर बच्चों के लिए निबंध
Hariyali Teej 2020 : हरियाली तीज पर कैसे सजे-संवरें, जानिए 5 Unique Ideas
- वेबदुनिया पर पढ़ें :
- महाभारत के किस्से
- रामायण की कहानियां
- रोचक और रोमांचक
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए खाएं ये सब्जियां, स्वास्थ्य रहेगा दुरुस्त
सफलता की सीढ़ियां चढ़ने वालों के लिए मार्गदर्शन हैं पद्म विभूषण रतन टाटा के 10 प्रेरणादायक कोट्स
फिटकरी के स्किन से लेकर सेहत तक के लिए हैं ये गजब के फायदे, जानकर आप भी करेंगे इस्तेमाल
कहीं आपके घर तो नहीं आ रहा मिलावटी गुड़, इन 5 ट्रिक्स से घर पर ही करें गुड़ की शुद्धता की पहचान
नॉर्मल डिलीवरी के लिए करें शरीर को तैयार, मां और शिशु दोनों के लिए है फायदेमंद
और भी वीडियो देखें
जानिए क्यों करवा चौथ पर मिट्टी के करवे से दिया जाता है अर्घ्य
जानिए किन महिलाओं को नहीं करना चाहिए करवा चौथ का व्रत
करवा चौथ व्रत के नियम, इस दिन क्या करें और क्या नहीं
शिर्डी के साईं बाबा की पुण्यतिथि आज, जानें उनके बारे में
डॉ. अब्दुल कलाम की जयंती, जानें क्यों मनाया जाता है आज विद्यार्थी दिवस
- हमारे बारे में
- विज्ञापन दें
- हमसे संपर्क करें
- प्राइवेसी पालिसी
Copyright 2024, Webdunia.com
- मध्य प्रदेश
- हिमाचल प्रदेश
- जम्मू-कश्मीर
- पश्चिम बंगाल
- धर्म-अध्यात्म
- पॉजीटिव न्यूज
COVID-19: जीवन के सबक सिखाता कोरोना काल
कोरोना से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन 3 का समय चल रहा है, भयानक वैश्विक आपदा के तौर पर पूरी दुनिया के सामने एकाएक आए कोरोना वायरस संक्रमण ने आज हम लोगों को जिंदगी के बेहद कटु व अच्छे अनमोल सबक सीखने पर मजबूर कर दिया है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए दुनिया की अधिकांश आबादी पिछ़ले लम्बे समय से अपने घरों में कैद होकर रह गयी है, वहीं इस आपदा के दौरान दुनिया भर में प्राकृतिक और भौगोलिक स्तर पर बहुत सारे सबक व सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। आज धरती के अधिकांश भू-भाग में हर तरफ बेहद शांति है, अधिकांश ऑफिस व कल-कारखाने पूर्ण या आंशिक रूप से बंद है। ऐसे समय में धरती पर जो पहले नहीं हुआ था उसके तरह-तरह प्राकृतिक नजारें देखने को मिल रहे हैं। दुनिया में इस वक्त प्रकृति या इंसान के द्वारा उत्पन्न वायरस के चलते हर तरफ जीवन-मरण के संघर्ष की अजीब स्थिति कायम हो गयी हैं, संकट के इस काल में हमारे जीवन में कई ऐसी नई संभावनाएं भी पैदा हो गई हैं, जिनसे आने वाले समय में विश्व में कई महत्वपूर्ण बदलावों की उम्मीद की जा सकती है।
हमारा देश भी इस समय कोरोना आपदा के गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है, कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 50 हजार पार हो गयी है, हमारे यहां कोरोना संकट के बीच सबसे ज्यादा दबाव लोगों की जान बचाने वाले डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कोरोना वारियर्स पर है। देश में कई जगह तो अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए डॉक्टर, नर्स व कोरोना वारियर्स खुद संक्रमण का शिकार हो रहे हैं, देश में कुछ जगह हम लोगों की जान बचाने वाले कोरोना वारियर्स पर हमला तक हो रहा है जो कुछ ओछे लोगों की ओछी सोच को दर्शाता है। आज के दौर में सबसे पहला महत्वपूर्ण सबक तो यहीं है कि हमको देश के चिकित्सा सिस्टम को आपदा के लिए तैयार करके बेहतरीन बनाना होगा। कोरोना संक्रमण पर विश्व भर की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विश्व के अधिकांश वैज्ञानिक समुदाय का मानना है कि जब तक कोरोना वायरस की कोई दवा या वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक इस वायरस के संक्रमण को पूरी तरह रोक कर रखना बहुत बड़ी चुनौती है। लोगों के रोजमर्रा के व्यवहार में बदलाव लाये बिना आने वाले समय में वायरस के प्रकोप को सीमित करके नियंत्रण करना असंभव है। हम लोगों को इस वायरस के साथ सुरक्षा के उपाय करके जीना सीखना होगा।
देश में कुछ छूट के साथ लॉकडाउन 3 का दौर जारी है। इसमें भी देश में हर तरफ सड़कें एकदम सूनी पड़ी हैं। अधिकांश कामकाज एकदम ठप पड़ा है। समझदार लोग घरों में रहकर लॉकडाउन खुलने का व वायरस का प्रकोप कम होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। लेकिन कोरोना काल में एक बात यह भी तय हो गयी है कि एक वायरस दुनिया को जिंदगी के अलग-अलग तरह के अनमोल सबक भी सिखा रहा है, जिस तरह से वायरस से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया है उसने आज देश में बिल्कुल ही एक अलग तरह की स्थिति उत्पन्न कर दी हैं, जिस तरह से देश के लोगों को लॉकडाउन वन व टू काल बहुत कुछ सिखा गया और अब लॉकडाउन थ्री का काल चल रहा है वो भी हम लोगों को जिंदगी के बहुत बड़े सबक सिखा कर जायेगा। देश में आने वाले समय में बहुत बड़े बदलाव नजर आयेंगे।
हम लोगों के जीवन में लॉकडाउन का सबसे बड़ा सबक यह है कि जिस प्रदूषण को कम करने के बारे में अरबों रुपये खर्च करने के बाद भी हमारे व सरकार के प्रयास नाकाफी पड़ रहे थे, आज उस प्रदूषण को लॉकडाउन ने आश्चर्यजनक रूप से एकाएक नियंत्रित कर दिया है। लॉकडाउन के बीच सबसे अच्छी ख़बर यह आई है कि लॉकडाउन की वजह से भारत की राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम दूसरे शहरों में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में अप्रत्याशित रूप से भारी कमी आयी है, जिस तरह से गंगा, यमुना, हिंड़न, नर्मदा आदि नदियों को हम हजारों करोड़ों रुपये सालाना खर्च करके भी स्वच्छ नहीं कर पा रहे थे, उसको लॉकडाउन के चंद दिनों ने स्वच्छ व निर्मल बनाकर साफ कर दिया। जिस दिल्ली में प्रदूषण के चलते आसमान में धूल व धूएं के गुब्बार के अलावा और कुछ नज़र नहीं आता था आज उस दिल्ली के नीले आसमान में टिमटिमाते तारों का समूह नजर आते है, सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदूषण न होने के चलते उस दिल्ली में लगभग 20 वर्ष बाद 17 अप्रैल की सांय को आधा-अधूरा इंद्रधनुष बनता हुआ नज़र आया था। दिल्ली के प्रदूषण पर अगर प्रदूषण विभाग के आँकड़ों की बात करें तो दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन पर वर्ष 2018 और वर्ष 2019 के दौरान 5 अप्रैल को पीएम 2.5 का स्तर तीन सौ से ऊपर था जो इस वर्ष लॉकडाउन की वजह से गिरकर बेहद कम औसतन 101 के स्तर पर आ गया था।
वहीं वैज्ञानिकों के अनुसार सब कुछ बंद होने के चलते पृथ्वी के कंपन में भी आश्चर्यजनक रूप से कमी आयी है लॉकडाउन के पहले जहां धरती बहुत अधिक काँपती थी, लेकिन अब उसमें एकाएक बहुत कमी आई है। वैज्ञानिकों की मानें तो इससे काफी फायदा हुआ है, अब छोटे स्तर के भूकंपों का भी पता लगाना आसान हो गया है, जबकि इसके पहले ऐसा करने में मुश्किल आती थी। वहीं देश में सब कुछ बंद होने के चलते ध्वनि प्रदूषण में भी बहुत अधिक कमी आयी है, देशवासी को शोरगुल से फिलहाल निजात मिली हुई है। वो बिना शोरशराबे के चैन से रहना सीख रहे हैं। लॉकडाउन के चलते हम लोगों की दिनचर्या पूर्ण रूप से परिवर्तित हो गयी है। सामान्य दिनों की दिनचर्या से जब हम हटकर कोई काम करते हैं तो उसका प्रभाव हमारे जीवन में अवश्य दिखाई पड़ता है। देश में कुछ ऐसा ही प्रभाव दिखाई दिया है, इस कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन के काल के दौरान। कुछ लोग तो अपने घरों में रहकर ही ऑनलाइन अपने रोजमर्रा के कार्य को बखूबी कर रहे है, जिससे देश में आने वाले समय में वर्क टू होम की कल्चर को बढ़ावा मिलेगा। कुछ लोगों को अपनी शराब पीने व गुटखा खाने जैसी गंदी आदतों से पूर्ण रूप से छुटकारा मिल रहा है, बेवजह के खर्चों पर लगाम लग रही है। कुछ लोग हर समय अपनी दुनिया में व्यस्त रहते थे वो लोग अब परिवार के लिए आजकल अपनी आदतों में बदलाव करके मां, बाप, भाई, बहन, पत्नी, बच्चों के साथ खुश है और उनको भरपूर समय देने के लिए इस अवसर का पूरा सदुपयोग कर रहे है। वहीं अपनी दुनिया में मस्त रहने वाली देश की युवा पीढी को रिश्ते-नातें निभाने का ज्ञान करवा गया यह लॉकडाउन का काल।
हर आपदा जीवन बचाने के लिए लोगों को एकजुट करके संगठित करने का काम करती है कोरोना काल ने भी वहीं कमाल किया है कभी पड़ोसियों से बात तक ना करने वाले लोग आज आसपास में घर की बालकनी में खड़े होकर रिश्तों की मिठास बढ़ा रहे है। देश में अपराध नाम मात्र के लिए रह गया है, हर तरह के प्रदूषण के ग्राफ में भी एकाएक बहुत गिरावट आयी है, देश में रोजाना कचरें के निकलने वाले ढे़रों का ग्राफ बहुत कम हुआ है। लोगों में अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता का बढ़ावा हुआ है। लोगों ने अपनी जिम्मेदारी समझना शुरू किया है, लापरवाही पूर्ण नज़रिए में कमी आयी है। फिलहाल एकतरफ इंसान जहां अपने घरों में रहने को मजबूर है, वहीं दूसरी तरफ देश में ऐसे में वन्यजीवों को काफी सुकून मिला है। देश के कई हिस्सों में ऐसे दुर्लभ नज़ारे देखने को मिले हैं जहां वन्य जीव हिरन, हाथी, बारहसिंगा, तेदुआं आदि सड़कों पर व आबादी के बीच निकलकर बेखौफ होकर घूम रहे हैं। प्रकृति तरह-तरह के खूबसूरत नजारे दिखा रही है।
आपदाकाल में शैक्षणिक व्यवस्था में अमूलचूल परिवर्तन होता नजर आ रहा है। देश में स्कूल और यूनिवर्सिटी इस बात की कोशिश में हैं कि आने वाले समय में पढ़ाई के तौर-तरीकों को बदला जाए। ऑनलाइन वर्चुअल क्लासेज का इस्तेमाल एकाएक बहुत तेज़ी के साथ बढ़ रहा है। आने वाले समय में कोरोना संक्रमण फैलने के भय के चलते भविष्य में भी लोगों को भीड़-भाड़ वाले मार्केट्स, रेस्टोरेंट और मॉल्स में जाने से रोकेगी, लोग ऑनलाइन शॉपिंग करने में और तेजी लायेंगे। कोरोना वायरस ने देश के घर-घर में साफ-सफाई और हाइजीन की अहमियत को सिखा दिया है, क्योंकि भारत में अभी तक हाइजीन के स्टैंडर्ड विकसित देशों की तरह नहीं थे, लेकिन आज व आने वालें समय में इसमें बहुत ही तेजी से सकारात्मक बदलाव आता दिख रहा है, देशवासी अब साफ-सफाई के महत्व को समझ रहे हैं और भविष्य में इन चीजों को लेकर वो बहुत ज्यादा सतर्क रहेंगे। आने वाले समय में लोग सड़कों पर थूकने वाले लोगों को ठोकना शुरू कर देंगे।
कोरोना काल ने सच पूछो तो अंधाधुंध भागती दुनिया को एकाएक रोकर आराम से यह सोचने का मौका दिया है कि भविष्य में इंसान व इंसानियत के लिए क्या जरूरी है और क्या जरूरी नहीं है। आज एक वायरस ने दुनिया को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि पैसा कमाने की कभी खत्म नहीं होने वाली दौड़ और विनाश की तर्ज पर अंधाधुंध विकास की अंधी दौड़ होना दुनिया के हित में ठीक नहीं है। आपदा के वक्त में लोगों में इंसानियत बढ़ी है। कोरोना व लॉकडाउन का यह काल जिंदगी का सबसे बड़ा यह सबक हम लोगों को देकर गया है कि अगर व्यक्ति में संतोष का भाव है तो वो बेहद सीमित संसाधनों में परिवार के साथ रह कर आपसी भाईचारे व प्यार मोहब्बत से खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकता है। कोरोना ने हम लोगों को सिखा दिया है कि "जान है तब ही जहान है" बाकी सब मिथ्या है।
(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है।)
coronavirus health virus lockdown
Maharashtra election: MVA में सीटों का नहीं हुआ बंटवारा! उधर कांग्रेस ने तय कर लिए 62 उम्मीदवारों के नाम
"BJP को अगर गलती से जिता दिया तो," पदयात्रा के दौरान बीजेपी पर बरसे केजरीवाल
ट्रैफिक और प्रदूषण का कारण बन रहे इंडस्ट्रियल एरिया, शहर से बाहर शिफ्ट करना जरूरी: सुनील दत्त गोयल
Latest updates.
- Block for 8 hours
- Block for 12 hours
- Block for 24 hours
- Don't block
- Click on the Menu icon of the browser, it opens up a list of options.
- Click on the “Options ”, it opens up the settings page,
- Here click on the “Privacy & Security” options listed on the left hand side of the page.
- Scroll down the page to the “Permission” section .
- Here click on the “Settings” tab of the Notification option.
- A pop up will open with all listed sites, select the option “ALLOW“, for the respective site under the status head to allow the notification.
- Once the changes is done, click on the “Save Changes” option to save the changes.
- Notifications
COMMENTS
कोरोना वायरस जिसे आमतौर पर COVID-19 के नाम से जाना जाता है, एक संक्रामक रोग है जो मनुष्यों में श्वसन प्रणाली में बीमारी का कारण बनता है। कोविड 19 शब्द एक संक्षिप्त शब्द है, जो "नोवेल कोरोना वायरस रोग 2019" से लिया गया है। कोरोना वायरस ने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डाला है। इस महामारी ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है, जो इस बीमारी के फैलने...
कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका...
Essay on Coronavirus in Hindi : आज हमने कोरोना वायरस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है। कोरोना वायरस धीरे-धीरे दिन प्रतिदिन विकराल ...
कोविड-19 से बचाव के लिए 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन. कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद से पूरी दुनिया में वैज्ञानिकों द्वारा वैक् ...
साइंस जर्नल 'द लैंसेंट' में प्रकाशित आख़िरी चरण के ट्रायल के नतीजों के अनुसार स्पुतनिक V कोविड-19 के ख़िलाफ़ क़रीब 92 फ़ीसद मामलों में सुरक्षा देता है. इन वैक्सीन की मंज़ूरी के साथ अब कोविड-19...
पहली चेतावनी. किसी वायरस का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर होगा और यह कितनी तेजी से फैलेगा, इसे समझने के लिए वायरस की शुरुआत के बारे में जानना ज़रूरी होता है. लेकिन कोरोना वायरस शुरुआत से ही लोगों को...
कोरोनावायरस बीमारी क्या है और इसके संचरण, लक्षण और परीक्षण के बारे में अधिक जानें। COVID-19 से बचाव के लिए विभिन्न कोरोनावायरस टिप्स का ...
लॉकडाउन पर निबंध जानिए इसके फायदे-नुकसान. CoronaVirus Essay : कोरोनावायरस पर बच्चों के लिए निबंध. प्रस्तावना : कोरोनावायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी घोषित कर दिया है। कोविड-19 का संक्रमण बहुत जल्दी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इस वायरस से बचाव के लिए सरकार द्वारा सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।. कोरोनावायरस क्या है?
COVID-19: जीवन के सबक सिखाता कोरोना काल. By दीपक कुमार त्यागी. Published: Saturday, May 9, 2020, 11:31 [IST] कोरोना से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन 3 का समय चल रहा है, भयानक ...
कोरोना वायरस (COVID-19) क्या ह ै? हा ह ै । औ र बहुत ही घातक वाय . है।क्या हैं इ स बीमारी क ल क्षण? इसके लक्षण फ्ल ूसे जमलते जुलते है। कोजवड-19 / को रो ...